“विद्युत जामवाल हैं बॉलीवुड के अगले एक्शन हीरो”

बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला (मिस इंडिया यूनिवर्स-2012) ने अपने सह कलाकार विद्युत जामवाल की तारीफ करते हुए उन्हें अगली पीढ़ी का एक्शन हीरो बताया. म्यूजिक वीडियो ‘गल बन गई’ के लॉन्च के मौके पर उन्होंने कहा, ‘विद्युत मेरे अब तक के सबसे अच्छे सह कलाकार हैं.’

उर्वशी ने कहा, ‘वह बहुत ही सहयोगी तथा शानदार अभिनेता हैं. विद्युत मुझे अगली पीढ़ी के एक्शन हीरो लगते हैं, जो बहुत ही पेशेवर और मेहनती हैं. मुझे लगता है कि एक्शन फिल्मों का बादशाह बनने से उनकी मांग बढ़ी है. जिस तरह का एक्शन वह करते हैं, मुझे बेहद पसंद है.’

‘गल बन गई’ लोकप्रिय गायक सुखबीर के पुराने गीत पर बना नया संस्करण है. विद्युत जामवाल और उर्वशी रौतेला अभिनीत इस म्यूजिक वीडियो में गीत नेहा कक्कड़ और पंजाबी रैपर हनी सिंह ने गाए हैं और संगीत मीत ब्रदर्स ने दिया है.

अपने चरित्र को उर्वशी ने हॉलीवुड अभिनेत्रियों एंजेलिना जॉली और लारा क्रॉफ्ट से प्रेरित बताया. उर्वशी पिछली बार इन्द्र कुमार की फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ में दिखी थीं.

अम्मा का भविष्य बताएंगे ये बाबा

जीटीवी के नये शो ‘एक मां जो लाखों के लिए बनीं अम्मा’ में इन दिनों कई बदलाव आये हैं. कई नये कलाकारों की एंट्री हुई है. शो में सबसे अधिक चर्चा शबाना आजमी के किरदार को लेकर हो रही है. खबर है कि इस शो में एक और वरिष्ठ कलाकार की एंट्री होने वाली है और वह कलाकार हैं, राजू खेर.

राजू खेर इस शो में एक अहम किरदार निभाते नजर आयेंगे. वे शो में फकीर की भूमिका में होंगे, जो किसी भी धर्म से संबंध नहीं रखते हैं. राजू की शो में मुख्य भूमिका इसलिए है, क्योंकि वे शो में अम्मा के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करते हैं.

वह कोई अंतर्यामी नहीं हैं और न ही किसी तरह से भी किसी धर्म से जुड़े हैं. लेकिन अम्मा को देखते ही उनके दिल के अंदर से आवाज आती है और वे अम्मा के बारे में काफी बातें बताते हैं. राजू के किरदार की भविष्यवाणी से कहानी में कई ट्विस्ट आने वाले हैं, इसलिए उनकी एंट्री को शो में खास तरीके से दिखाया जायेगा.

खुद राजू खेर ने इस खबर की पुष्टि की है. उन्होंने बताया है “हां, मैं इस शो में फकीर बाबा का किरदार निभाने जा रहा हूं, जो कि सूत्रधार होगा. मुझे यह किरदार सबसे ज्यादा चैलेंजिंग इसलिए लगा क्योंकि यह फकीर देख नहीं पाता, लेकिन फिर भी सारी बातें बता देता है.”

राजू बताते हैं कि शबाना के साथ उन्होंने पहले कभी काम नहीं किया है. लेकिन ऑफ स्क्रीन दोनों के संबंध काफी अच्छे रहे हैं और उन्हें खुशी है कि वे शो में साथ नजर आयेंगे. राजू का शो में खास किरदार है. राजू ने हाल ही में अपने कुछ फिल्मी प्रोजेक्ट्स पूरे किये हैं.

राजू ने जीटीवी के साथ इससे पहले भी कई शो में काम किया है, जिनमें ये कहां आ गये हम, कहां से कहां तक, सैलाब व उम्मीद जैसे शो प्रमुख हैं. राजू ने सब टीवी के शो जाने भी दो यारो, तेरे घर के सामने और अभी तो मैं जवान हूं में भी खास भूमिकाएं निभायी हैं.

टल सकती है शाहरुख-रितिक की टक्कर!

शाहरुख खान की ‘रईस’ और रितिक रोशन स्टारर ‘काबिल’ की महा टक्कर टलती नजर आ रही है. ये दोनों फिल्में गणतंत्र दिवस के मौके पर एक साथ रिलीज होने जा रही थीं. ‘रईस’ और ‘काबिल’ के मेकर्स इस डेट से पीछे हटने को तैयार ही नहीं थे. लेकिन सुनने में आ रहा है कि अब दोनों के बीच जल्द इस मुद्दे पर कोई हल निकल जाएगा.

अगर सूत्रों पर यकीन किया जाए तो शाहरुख खान की ‘रईस’ 2017 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज होने वाली अकेली फिल्म होगी. रितिक रोशन की ‘काबिल’ की रिलीज डेट अब आगे खिसकाने पर विचार चल रहा है.

बता दें कि रितिक की पिछली फिल्म ‘मोहेंजोदारो’ की बॉक्स ऑफिस पर अक्षय की ‘रुस्तम’ से टक्कर हुई थी. ‘मोहेंजोदारो’ इस टक्कर में पिछड़ गई थी. शायद यह भी कारण है कि ‘काबिल’ की रिलीज डेट आगे खिसकाने पर विचार हो रहा है.

गौरतलब है कि रोकश रोशन की कुछ समय पहले शाहरुख खान और ‘रईस’ के प्रोड्यूसर रितेश सिद्धवानी के साथ चार घंटे लंबी मीटिंग हुई थी. लेकिन इस मीटिंग में दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे थे. इस मीटिंग के बाद ‘काबिल’ के मेकर्स ने कहा था कि वह अपनी रिलीज डेट से पीछे नहीं हटेंगे.

लेकिन अब सुनने को मिल रहा है कि ‘काबिल’ की शूटिंग की रफ्तार काफी धीमी चल रही है. ऐसे में राकेश रोशन ने अपने निर्णय पर फिर विचार करने का मन बनाया है. शाहरुख इस समय प्राग में हैं. जैसे ही शाहरुख भारत लौटते हैं, उनकी राकेश रोशन के साथ एक और मीटिंग होगी. इस मीटिंग में ‘काबिल’ की रिलीज डेट आगे खिसकाने पर निर्णय लिया जा सकता है.

पूर्वजों के चिन्ह देखो भिमबेटका में…

स्कूल में आदिमानव और उनके रहन-सहन के बारे में तो सबने पढ़ा होगा. इतिहास के सबसे मनपसंद टॉपिक में से एक आदिकाल का टॉपिक हर बार हमारी उत्सुकता को बढ़ा देता है, क्योंकि आखिरकार ये जुड़ा ही है हमारे पुराने जीवन से. आदिमानव के जीवन से जुड़े आश्रय स्थल आज भी भारत की कई जगहों पर स्थित हैं जहां से हमें पुराने अवशेषों के चिन्ह मिलते हैं.

आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है. ये गुफाएं भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में मौजूद है. गुफाएं चारों तरफ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, और इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियां आरम्भ हो जाती हैं. इनका सीधा संबंध ‘नव पाषाण काल’ से है.

भीमबेटका को सन 2003 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित कर दिया था. अन्य पुरावशेषों में प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष भी यहां मिले हैं. ये भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं.

भीमबेटका का इतिहास

इन गुफाओं की खोज सन् 1957-1958 में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी. ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के पांडव भाइयों में दूसरे भाई भीम से सम्बंधित है एवं इसी से इसका नाम भीमबेटका पड़ा. इसे भीम का निवास स्थान भी कहते हैं. पूर्व पाषाण काल से मध्य ऐतिहासिक काल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा है.

भीमबेटका की शैलकला और वास्तुकला

भीमबेटका में 750 शैलाश्रय हैं जिनमें 500 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सज्जित हैं. भीमबेटका क्षेत्र में प्रवेश करते हुए शिलाओं पर लिखी कई जानकारियां मिलती हैं. यहां के शैल चित्रों के विषय मुख्यत: सामूहिक नृत्य, रेखांकित मानवाकृति, शिकार, पशु-पक्षी, युद्ध और प्राचीन मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों से जुड़े हैं. चित्रों में प्रयोग किये गए खनिज रंगों में मुख्य रूप से गेरुआ, लाल और सफेद हैं और कहीं-कहीं पीला और हरा रंग भी प्रयोग हुआ है.

मानव विकास का आरंभिक स्थान होने की वजह से यह स्थान पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र है. यहां बनायीं गयी और उकेरी गयीं चित्रशैलियों से मानव के आरंभिक जीवन का काल आपके सामने उभरता है. यहां की दीवारें धार्मिक संकेतों से सजी हुई है, जो पूर्व ऐतिहासिक कलाकारों के बीच लोकप्रिय थे.

भीमबेटका पहुंचें कैसे?

सड़क द्वारा: भीमबेटका मध्यप्रदेश के अन्य मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. कई बस और टैक्सी सुविधाएं यहां तक के लिए आपको आसानी से मिल जाएंगी.

रेल द्वारा: भीमबेटका का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल है. भोपाल रेलवे स्टेशन देश के अन्य रेलवे लाइन्स से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है.

हवाईजहाज द्वारा: भीमबेटका पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा है.

भीमबेटका के समीप अन्य पुरातात्विक पर्यटक स्थल

रायगढ़ जिले के सिंघनपुर के निकट कबरा पहाड़ की गुफाएं, होशंगाबाद के निकट आदमगढ़ में, छतरपुर जिले के बिजावर के निकटस्थ पहाड़ियों पर तथा रायसेन जिले में बरेली तहसील के पाटनी गांव में मृगेंद्रनाथ की गुफाएं भीमबेटका के समीप ही अपने शैलचित्रों के लिए विख्यात अन्य पुरातात्विक पर्यटक स्थलों में से एक हैं.

पूल में नहाती द्रौपदी को घूरने लगे धर्मराज

अक्षत वर्मा ने ‘डेल्ही बैली’ जैसी फिल्म बनाई थी, जिसे लेकर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. अब ‘महाभारत’ का अपना संस्करण ‘मामाज ब्यॉज’ लेकर आए हैं जो बेहतरीन है.

यह एक लघु फिल्म है, जिस पर कई लोगों को भौंहे चौड़ी हो सकती है, क्योंकि उन्होंने महाभारत के बहुपति प्रथा पर निशाना साधा है. नीना गुप्ता, अदिति राव हैदरी, अरुणोदय सिंह, अमोल पाराशर, अक्षय ओबेरॉय, जिम सर्भ, टीना सिंह, रज्जाक खान और ईशा चोपड़ा ने अहम रोल प्ले किए हैं.

ऐसे समय में जब भगवा रंग हमारे हर कदम को नियंत्रित कर रहा है. वर्मा ने महाभारत की कहानी पर लघु फिल्म बनाई है जिस पर विवाद होने की पूरी संभावना है.

क्या है फिल्म की कहानी

यह फिल्म अर्जुन (अमोल पारेसकर) द्वारा द्रौपदी को शादी कर घर लाने से शुरू होती है. अर्जुन मछली की आंख भेदकर द्रौपदी (अदिति राव हैदरी) को जीतकर घर लौटे हैं. कुंती (नीना गुप्ता) रसोई में टिंडे पका रही है. लेकिन उनकी मां कुंती (नीना गुप्ता) बिना देखे ही आदेश दे देती हैं कि जो है, वो पांचों भाई आपस में बांट लो. अर्जुन बहुत समझाने की कोशिश करते हैं कि द्रौपदी उनकी बीवी है, उसे दूसरे भाइयों से कैसे बांट सकते हैं. लेकिन कुंती अपने आदेश पर कायम रहती है.

द्रौपदी की भूमिका अदिति राव हैदरी ने निभाई है जो बेहद खूबसूरत दिखती है. जब सभी पांडव शादी को तैयार हो जाते हैं तो भीम (अरुणोदय सिंह) द्रौपदी को जिम में देखकर कुछ ज्यादा ही सेक्स के लिए व्याकुल हो जाता है. यहां ऐसा प्रतीत होता है कि द्रौपदी भी केवल अर्जुन को पाकर खुश नहीं है.

अमोल परासर ने अर्जुन की भूमिका निभाई है. युधिष्ठिर की भूमिका अक्षय ओबेरॉय ने निभाई है.

कभी भीम जिम में द्रौपदी को घूरते नजर आते हैं तो कभी युधिष्ठिर पूल में उन्हें नहाते हुए देखते हैं.

सहदेव (जिम सार्भ) द्रौपदी में उस तरीके से रुचि (यौन) नहीं लेता है और नकुल (विवान शाह) की रुचि भी दूसरी चीजों में है.

यहां पर शॉपिंग मॉल में एक मनोरंजक दृश्य है जिसमें हमेशा सेक्स में डूबी दिखने वाली द्रौपदी अपनी करीबी सहेली को बताती है कि उसके पांच की बजाए तीन पति ही उसमें यौन रुचि रखते हैं.

जब कुंती नकुल और सहदेव को बताती है कि वे दोनों की शादी जुड़वा बहनों से कर रही है तो क्या वे करना चाहेंगे. तो सौरभ का जबाव होता है, “मामा मैं खुशी से पागल हो जाउंगा.”

खासतौर से इसमें मरबूम रजाक खान की भूमिका बेहद अच्छी है जिन्होंने शकुनी मामा की भूमिका निभाई है.

सलमान की फिल्म के लिए उतारने पड़ेंगे कपड़े

सलमान खान खुद तो साफ-सुथरी फिल्में करना पसंद करते हैं लेकिन वो एक फिल्म बनाने जा रहे हैं जिसमें हीरो को कपड़े उतारने पड़ेंगे. जी हां, सही पढा आपने हीरोइन को नहीं हीरो को कपड़े उतारने होंगे.

खास बात ये कि इस फिल्म में सिर्फ शर्ट उतारने से काम नहीं चलेगा. हीरो को अपने पूरे कपड़े उतारने होंगे.

दरअसल सलमान की ये फिल्म एक मेल स्ट्रिपर की कहानी पर आधारित है. जानकारों के मुताबिक, स्ट्रिपर सोमन बनर्जी की जिंदगी पर बनने वाली इस फिल्म को सलमान प्रोड्यूस करेंगे. सोमन चिपेंडेल्स नाम के एक स्ट्रिपर ग्रुप के को-फाउंडर थे. ये मेल स्ट्रिपर्स का डांस ग्रुप है. ये ग्रुप जगह-जगह घूमकर परफॉर्म करता है.

मेल स्ट्रिपर बन सोमन ने खुद इसकी शुरुआत की थी. उन्हें स्टीव के नाम से भी जाना जाता है. सोमन इंडियन अमेरिकन हैं. पहले इनका एक गैस स्टेशन हुआ करता था. अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए स्टीव ने चिपेंडेल्स की शुरुआत की.

सूत्रों की मानें तो सोमन की इस बायोपिक की शूटिंग की शुरुआत कोलकाता से होगी. इसके बाद फिल्म की कहानी को अमेरिका और अन्य देशों में शूट किया जाएगा. स्टीव का ये कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है.

खबर है कि अभी फिल्म के लिए कलाकारों की तलाश की जा रही है. फिल्म की थीम काफी इंट्रेस्टिंग है और सलमान इसे प्रोड्यूस कर रहे हैं. इससे लगता है कि फिल्म के लिए‌ किसी बड़े और दमदार हीरो-हीरोइन को साइन किया जाएगा.

प्रियंका ही बनें ‘सुरों की मल्लिका’

सुरों की मल्लिका आशा भोसले ने कहा है कि अगर उनकी जिंदगी पर कभी बायोपिक बने तो उनका किरदार प्रियंका चोपड़ा ही निभाए. वह इसलिए कि प्रियंका कमाल की अभिनेत्री तो हैं हीं, उनकी आवाज भी बड़ी सुरीली है. लिहाजा प्रियंका चोपड़ा ही उनके किरदार को जस्टिफाई करेंगी.

प्रियंका चोपड़ा ने वैरायटी रोल किए हैं. उनकी झोली में मैरी कॉम सरीखी सफल बायोपिक भी दर्ज है. इसके अलावा उन्होंने उन्हें सरबजीत में सरबजीत की बहन का रोल ऑफर हुआ था, मगर वह फाइनली ऐश्वर्या राय के खाते में दर्ज हुई. बाजीराव मस्तानी में भी उन्होंने काशीबाई की भूमिका निभाई थी.

आशा भोसले की बातों पर निर्माता गौर फरमाए और प्रियंका को वह रोल ऑफर हुआ तो एक रोचक कहानी लोगों के सामने आ सकती है. प्रियंका को हाल ही में अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की बायोपिक भी ऑफ हुई थी, लेकिन प्रियंका की तरफ से हामी नहीं भरी गई है.

सिर्फ आशा ही नहीं कुछ और सितारे भी अपने बायोपिक में इन एक्टर को देखना चाहते हैं.

आलिया करे मेरी बायोपिक: सानिया मिर्जा

जो कद गायन में आशा भोसले को हासिल है, टेनिस में वह शख्सियत सानिया मिर्जा है. सानिया मिर्जा से जब पूछा गया कि उनकी इंस्पायरिंग जिंदगी को किस बॉलीवुड अभिनेत्री बेहतर प्ले कर सकती हैं तो उन्होंने आलिया भट्ट का नाम लिया था.

बकौल सानिया, आलिया कमाल की हैं. वे हर तरह का रोल प्ले कर सकती हैं. हमारी हाइट भी तकरीबन एक सी है. ऐसे में आलिया मेरी बायोपिक करे तो अच्छा होगा.

दीपिका निभाए मेरी भूमिका: सायना नेहवाल

बैडमिंटन परी सायना नेहवाला ने अपनी बायोपिक के लिए दीपका पादुकोण का नाम लिया था. हकीकत में उस पर काम भी चालू है. अमोल गुप्ते सायना नेहवाल की बायोपिक की कहानी और स्क्रीनप्ले तैयार कर रहे हैं. उस फिल्म में दीपिका होंगी कि नहीं, वह सस्पेंस बरकरार है. इसकी कहीं आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, पर दीपिका राज्य स्तर पर बैडमिंटन प्लेयर रह चुकी हैं. ऐसे में उस खेल की तकनीकियां उभर और निखर कर पर्दे पर आ सकती हैं.

नागिन-2 में डबल रोल में होंगी मौनी रॉय

कलर्स पर आने वाले शो नागिन के फैन्स के लिए अच्छी खबर है. खबर यह है कि इस शो के दूसरा पार्ट यानि नागिन-2 में भी उन्हें वहीं ग्लैमरस नागिन मौनी रॉय ही दिखेंगी. दूसरी गुड न्यूज ये कि इस शो के दूसरे पार्ट में मौनी डबल रोल में नजर आएंगी. अर्जुन बिजलानी, अदा खान और लीड एक्ट्रेस मौनी रॉय का यह सीरियल आखिरी एपिसोड तक टीआरपी की लिस्ट में टॉप पर था.

सूत्रों की मानें तो इस शो में मौनी शिवन्या और शिवन्या की बेटी शिवांगी का रोल करेंगी. मतलब कि मां और बेटी दोनों का किरदार मौनी रॉय ही करेंगी. इससे पहले इस शो के पहले पार्ट में लीड एक्टर अर्जुन बिजलानी ने बाप और बेटे दोनों का ही रोल किया था. नागिन-2 उसी प्वाइंट से शुरू होगा जहां पहली कहानी खत्म हुई थी.

इस शो में दर्शकों को अपना फैन बनाने वाली मौनी ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 2007 में सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी से की थी. इसके बाद 2008 में वह रियलिटी शो जरा नच के दिखा में नजर आई थीं. मौनी को देवों के देव महादेव सीरियल में सती के रोल के लिभी काफी तारीफें मिली थीं.

Movie Review: बार बार देखो

इस फिल्म के प्रमोशन के समय कटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा दोनों ने दावा किया था कि यह फिल्म आज की युवा पीढ़ी के लिए है. आज की युवा पीढ़ी इस फिल्म के साथ रिलेट करेगी. मगर फिल्म खत्म होने पर जब एक युवा जोड़ा सिनेमा घर से बारह निकल रहा था, तो इस जोड़े में नाराजगी व गुस्से का भाव था. युवा लड़की अपने साथ वाले युवक से कह रही थी-‘‘आप हर बार मुझे इतनी घटिया फिल्में दिखाने क्यों लाते हैं. पिछली बार ‘मोहनजो दाड़ो’ में फंसाया था. इस बार ‘बार बार देखो’ में फंसा दिया.’’

एक अच्छे विषय का किस तरह एक पटकथा लेखक व निर्देशक कबाड़ा कर सकता है, इसका सबसे सटीक उदाहरण है नित्य मेहरा निर्देशित फिल्म ‘‘बार बार देखो”. फिल्म ‘‘बार बार देखो’’ एक अच्छे विषय पर बनी तर्कहीन व अति घटिया फिल्म है. या यूं कहें कि बंदर (फिल्म की निर्देशक नित्या मेहरा) के हाथ में उस्तरा (अच्छा विषय).

फिल्म की कहानी के केंद्र में दिया कपूर (कटरीना कैफ) और जय (सिद्धार्थ मल्होत्रा) हैं. दोनों का जन्म लगभग एक ही दिन हुआ. दोनों बचपन से दोस्त हैं. दिया मशहूर उद्योगपति कपूर (राम कपूर) की बेटी हैं, तो वहीं जय, मिसेस शर्मा (सारिका) का बेटा है. जय विश्वविद्यालय में गणित विषय का प्रोफेसर है, उसकी तमन्ना लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाकर गणित पढ़ाने के अलावा गणित विषय में कुछ बड़ा काम करने की है. जय तो शादी के नाम से ही डरता है. जबकि  दिया एक अच्छी पेंटर है. उसे परिवार में यकीन है.

दिया एक प्रेमिका के साथ साथ अच्छी पत्नी, अच्छी गृहिणी व अच्छी मां भी बनना चाहती है. दिया के पिता कपूर एक दिन जय को समझाते हैं कि उसे क्या करना चाहिए. वह उसे समझाते हैं कि वह कैंब्रिज जाने का विचार छोड़ दे. जय को अपनी मां और दिया के पिता के दबाव में शादी के लिए हां कह देता है. शादी की तैयारी शुरू हो जाती है. मेहमान आ जाते हैं. शादी से दो दिन पहले जय, दिया से कैंब्रिज जाने के लिए झगड़ता है और फिर शराब पीकर सो जाता है.

जय सोते हुए एक यात्रा पर निकलता है. इस यात्रा में वह देखता है कि उसकी व दिया की शादी हो गयी है. वह हनीमून के लिए थाईलैंड के होटल में दस दिन से है. फिर वह देखता है कि उसकी शादी को दो साल हो गए और वह वह एक बच्चे अर्जुन का पिता बन गया. फिर देखता है कि वह 46 साल का हो गया और अपने करियर में इस तरह मशगूल रहा कि दिया व बच्चे की तरफ ध्यान नहीं दिया. अब दिया उसे तलाक देकर निखिल नंदा से शादी करने वाली है. जबकि उसे गणित पढ़ाने के लिए हावर्ड विश्वविद्यालय में मौका मिला है. फिर वह देखता है कि वह 70 साल का हो गया है. जब उसकी मां की मौत हुई है, मां की मौत पर दिया अपने पति निखिल नंदा के साथ आई है. उसका बेटा अर्जुन और बेटी भी है. वगैरह वगैरह..तब वह कहता है कि अब मैं सारा गुणाभाग सही कर लूंगा. फिर गणित के कुछ सूत्र हल करता है. और देखता है कि अब वह सामान्य जय बन चुका है. और वह देखता है कि एक अच्छा पति व पिता बनकर दिया व अर्जुन के साथ है.

फिर नींद खुलती है, तो वह खुद को पुराना वाला जय पाता है. यानी कि वर्तमान में लौट आया है. उसकी समझ में नहीं आता कि उसके साथ क्या हुआ. पर उसे अहसास हो चुका हौता है कि करियर के साथ प्यार, शादी, पत्नी, बच्चे व परिवार को भी महत्व देना चाहिए.

फिल्म में मुद्दा अच्छा उठाया गया, मगर फिल्म का जो संदेश है, वह किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता. फिल्म का पूरा लबोलबाब तो इंसान की प्रतिभा को कुचलने की है. यह गलत है. लड़का हो या लड़की, सभी को अपने अंदर की प्रतिभा को आसमान देने की  छूट होनी ही चाहिए. इस स्तर पर यह फिल्म पहले ही दर्शकों के दिलो दिमाग में अपना स्थान खो देती है.

फिल्म में जिस तरह से जय का किरदार भविष्य की यात्रा पर निकलता है, वह कहीं से भी हजम नहीं होता. सब कुछ बहुत बचकाना लगता है. फिल्म में जय एक वैदिक गणितज्ञ है. वह हर बात को तर्क की कसौटी पर कसता है. ऐसे इंसान की सोच को एक पंडित की शादी के सात फेरों की बात कैसे बदल सकती है? हर शंका पर कई सवाल करने वाले जय के जीवन मूल्य एक झटके में कैसे बदल सकते हैं? यह फिल्म कोई पुनर्जन्म की कहानी नही है. यह अति लचर कथा, अति लचर पटकथा व अति लचर निर्देशन से सजी फिल्म है. इंटरवल के बाद तो फिल्म बहुत सूखी सी हो जाती है. फिल्म का अंत तो सबसे ज्यादा घटिया है. फिल्म के कुछ संवाद जरुर अच्छे हैं. फिल्म का संगीत भी प्रभावशाली नही है.

सिनेमा के परदे पर सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ की जोड़ी अच्छी जमी है. दोनों ने अपनी तरफ से अच्छी परफॅार्मेंस देने का प्रयास किया है. लेकिन कोई भी दर्षक सिद्धार्थ मल्होत्रा व कटरीना कैफ के अधेड़ उम्र वाले लुक को पसंद नही करेगा और न ही दखेना चाहेगा. फिल्म में राम कपूर या सारिका के लिए करने को कुछ था ही नहीं. इनकी प्रतिभा को जाया किया गया. सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या दर्शक महज ‘काला चश्मा’ गाना देखने के लिए ढाई घंटे का समय व अपनी गाढ़ी कमाई को फूंकना पसंद करेगा?

करण जोहर, फरहान अख्तर और रितेश सिद्धवानी निर्मित तथा नित्या मेहरा निर्देशित फिल्म ‘‘बार बार देखो’’ की पटकथा नित्या मेहरा ने  अनवब पाल व श्री राव के साथ मिलकर लिखी है. कैमरामैन रवि चंद्रन हैं. कलाकार हैं-कटरीना कैफ, सिद्धार्थ मल्होत्रा, राम कपूर, सारिका, रजित कपूर, राजन जोशी, ताहा शाह व सयानी गुप्ता.

क्रिस्पी रौक श्रिंप विद चिली मेयो

सामग्री

– 1/2 कप मेयोनीज

– 1×1/2 बडे़ चम्मच चिली सौस

– 1 छोटा चम्मच शहद

– 2 अंडे

– 3/4 कप आटा

– 1/4 कप कौर्नफ्लोर

– तलने के लिए जरूरतानुसार फिगारो औलिव औयल

– 500 ग्राम श्रिंप

– 4-5 लैट्यूस की पत्तियां

– नमक व कालीमिर्च पाउडर स्वादानुसार

विधि

एक बाउल में मेयोनीज, चिली सौस, शहद व नमक मिला कर चिली मेयो तैयार करें और फ्रिज में रखें. अब 2 बाउल लें. एक में अंडे फेंट कर रख लें और दूसरे में आटा, कौर्नफ्लोर, नमक व कालीमिर्च पाउडर मिला लें. फिर कड़ाही में तेल गरम करें और श्रिंप को पहले अंडे के घोल में फिर आटे वाले मिश्रण में डिप कर के सुनहरा होने तक तलें. सर्विंग प्लेट में लैट्यूस की पत्तियों के ऊपर फ्राइड श्रिंप रख कर ठंडी चिली मेयो के साथ सर्व करें.

-व्यंजन सहयोग:

शैफ आशीष सिंह

कौरपोरैट शैफ, कैफे देल्ही हाइट्स, दिल्ली

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