फाइन लाइंस हटाने और हमेशा यंग रहने के लिए क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 25 साल है पर मेरी स्किन पर फाइन लाइंस दिखने लग गई हैं. मैं इन्हें हटाने और हमेशा यंग रहने के लिए क्या करूं?

जवाब-

अगर स्किन की रैग्युलर केयर न करें तो फाइन लाइंस आ ही जाती हैं. आप क्लीनिंग, मौइस्चराइजिंग, टोनिंग व नरीशिंग करना करना न भूलें. इस के साथसाथ 1 चम्मच चावल का पाउडर, 1 चम्मच लाल मसूर की दाल को कच्चे दूध में भिगो दें.

10 मिनट बाद इसे पीस लें और इसे पैक की तरह इस्तेमाल करें. 1/2 घंटे बाद धो लें. ऐसा लगातार हफ्ते में 2 बार करें. 1 महीने में आप को फर्क नजर आने लग जाएगा. रात को सोने से पहले अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड वाली क्रीम लगाएं तो उस से भी फायदा होगा. खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें. इस के लिए स्प्राउटेड दाल काफी फायदेमंद रहती है. दूध, दही, अंडा, चिकन भी फायदा देता है. घर से निकलने से पहले कोई सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

फैशन के मामले में किसी से कम नहीं हैं Banni Chow Home Delivery की बन्नी

स्टार प्लस का कुछ महीनों पहले रिलीज हुआ टीवी सीरियल ‘बन्नी चाऊ होम डिलीवरी’ (Banni Chow Home Delivery) कम वक्त में ही फैंस के दिलों पर राज करता हुआ दिख रहा है. सीरियल के किरदार घर-घर में पौपुलर हो चुके हैं. वहीं बन्नी के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस उल्का गुप्ता (Ulka Gupta Fashion) फैंस के दिलों पर राज करती हैं. लेकिन हाल ही में एक्ट्रेस की पौपुलैरिटी काफी बढ़ गई हैं. वहीं उनका फैशन भी फैंस के बीच छा रहा है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

बन्नी के लुक में जीत रही हैं फैंस का दिल

 

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सीरियल Banni Chow Home Delivery में शांत और हंसमुख अंदाज में नजर आने वाली एक्ट्रेस उल्का गुप्ता (Ulka Gupta Aka Banni) का अंदाज फैंस को काफी पसंद आता है. हाल ही में एक्ट्रेस जहां बंगाली बाला बनीं दिखीं थीं तो वहीं राजस्थानी दुल्हन बनकर अपने पति का दिल जीतती नजर आईं थीं. फैंस को एक्ट्रेस उल्का गुप्ता का ये अंदाज काफी पसंद आया था.

 

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रियल लाइफ में कुछ ऐसी है बन्नी

 

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सीरियल में बन्नी के सिंपल लुक में नजर आने वाली एक्ट्रेस उल्का गुप्ता (Ulka Gupta) काफी फैशनेबल हैं, जिसका अंदाजा उनके सोशलमीडिया अकाउंट को देखकर लगाया जा सकता है. इंडियन से लेकर वेस्टर्न आउटफिट में एक्ट्रेस उल्का गुप्ता के अलग-अलग अंदाज फैंस का दिल जीतते हैं. वहीं फैंस उन्हें फॉलो करते दिखते हैं.

 

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कम उम्र में जीता फैंस का दिल

 

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25 साल की एक्ट्रेस उल्का गुप्ता (Ulka Gupta) कम उम्र में ही पौपुलैरिटी हासिल कर चुकी हैं. वहीं फैंस उन्हें झांसी की रानी (Jhasi Ki Rani) में छोटी मनु के किरदार में जानते हैं. हालांकि वह कई सीरियल्स का हिस्सा रह चुकी हैं और अब फैंस उन्हें बन्नी के रुप में पसंद कर रहे हैं. एक्टर प्रविष्ट मिश्रा के साथ एक्ट्रेस की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आ रही है, जिसके चलते सीरियल टॉप 5 का हिस्सा बना हुआ है.

Food Special: लंच में बनाएं पनीर मिक्स वेज

पनीर खाना किसे पसंद नही होता है. नाम सुनते ही दिमाग में ढ़ेरों तरीके के व्यंजन सामने आने लगते है. बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी यह काफी पंसद आती है. बच्चो के लंच में पनीर से बनी कोई भी डिश दे दें. वो पूरा चट कर ही आएगें. आज हम आपको पनीर के साथ कुछ हरी सब्जियों को मिक्स कर बेहद टेस्टी और हेल्दी डिश बनाना बता रहे है. जिसे बनाकर खिलानें पर सभी आपकी तारीक करना नहीं भूलेगें. जानिेए बनाने की विधि के बारें में.

सामग्री

  • 1. दो कप यानी की 100 ग्राम चौकोर आकार में कटा हुआ पनीर
  • 2. एक कप कटी हुई फूलगोभी
  • 3. एक कप कटी हुई बारीक कटी हुई गाजर
  • 4. एक कप कटी हुई शिमला मिर्च
  • 5. एक कप कटा हुआ टमाटर
  • 6. आधा कप हरी मटर
  • 7. एक प्याज बारीक कटी हुई
  • 8. एक चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट
  • 9. दो हरी मिर्च कटी हुई
  • 10. आधा चम्मच धनिया पाउडर
  • 11. आधा चम्मच हल्दी पाउडर
  • 12. एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 13. एक चम्मच जीरा
  • 14. आधा चम्मच गरम मसाला
  • 15. एक चुटकी हींग
  • 16. आवश्यकतानुसार तेल
  • 17. स्वादानुसार नमक
  • 18. गार्निश के लिए बारीक कटी हुई धनिया

पनीर मिक्स वेज बनाने के विधि

  • सबसे पहले एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें प्याज, हरी मिर्च, लहसुन-अदरक का पेस्ट डालकर अच्छी तरह से फ्राई करें. जब ये ब्राउन कलर का हो जाए तब इसमें टमाटर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह से मिलाकर धीमी आंच में 5 मिनट तक पकाएं.
  • इसके बाद देखें कि मासालों से तेल निकलने लगा है तो इसमें सभी सब्जियां डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें और धीमी आंच में कम से कम 10 मिनट तक किसी ढक्कन से ढक कर पकाएं. साथ ही इसे बीच-बीच में चलातें रहें जिससे कि यह जले न . इसके बाद देखें कि अगर सब्जी थोडी पक गयी हो तो ढक्कन हटा दें और इसमें गरम मसाला डालें और इसके पानी को धीमी आंच में सुखने दें.
  • इसके बाद इसमें पनीर डालें और धीमें से मिलाए और 5 मिनट तक पकने दे. इसके बाद गैस बंद कर दें. आपकी पनीर वेज सब्जी बनकर तैयार है. इसे सर्विंग बाउल में निकाल कर बारीक कटी हरी धनिया से गार्निश करके सर्व करें.

दूसरी बार मां बनेंगी Debina Bonnerjee, शेयर किया फोटो

टीवी एक्ट्रेस देबिना बनर्जी (Debina Bonnerjee) अपनी बेटी और पति गुरमीत चौधरी (Gurmeet Choudhary) के साथ नए-नए पोस्ट शेयर करती रहती हैं, जिसके चलते कई बार उन्हें ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि इस बार उन्होंने अपने फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, एक्ट्रेस ने बेटी के जन्म के कुछ ही महीनों बाद दूसरी प्रैग्नेंसी  (Debina Bonnerjee Second Pregnancy) का ऐलान कर दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दूसरी बार मां बनेंगी देबीना

 

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एक्ट्रेस देबिना बनर्जी और गुरमीत चौधरी ने फैंस और दोस्तों को सोशलमीडिया पोस्ट के जरिए दूसरी प्रैग्नेंसी की खबर सुनाई है. दरअसल, पोस्ट में देबिना बनर्जी अपने हाथ में सोनोग्राफी रिपोर्ट लिये पति गुरमीत चौधरी और बेटी लियाना को गले नगाते हुए दिख रही हैं. वहीं इस पोस्ट के साथ एक्ट्रेस ने लिखा, “कुछ फैसले पहले से ही तय होते हैं, जिसे कोई भी बदल नहीं सकता है. यह सच में एक आशीर्वाद है. हमें पूरा करने के लिए जल्द ही कोई आने वाला है.”

 

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फैंस और सेलेब्स ने लुटाया प्यार

 

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गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी के इस ऐलान के बाद सेलेब्स और फैंस दोनों को बधाई देते हुए दिख रहे हैं. माही विज से लेकर एक्ट्रेस रश्मि देसाई कपल पर प्यार बरसा रहे हैं. वहीं फैंस भी दोनों को बधाई दे रहे हैं. हालांकि हर बार की तरह कई लोग उन्हें ट्रोल भी करते दिख रहे हैं.

अप्रैल में बनीं थीं मां

 

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गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी अपनी शादी के कई साल बाद साल 2022 के अप्रैल में ही बेटी के माता-पिता बने हैं. वहीं देबिना बनर्जी बेटी लियाना के चलते कई बार सोशलमीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं. हालांकि एक्ट्रेस ने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया था. इसी के साथ हाल ही में कपल ने बेटी लियाना के अन्नप्राशन का वीडियो भी फैंस के साथ शेयर किया था.

GHKKPM: सई के घर छोड़ते ही फैंस का विराट पर फूटा गुस्सा, पढ़ें खबर

स्टार प्लस के सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) में जल्द ही 8 साल का लीप नजर आने वाला है, जिसके बाद विराट, सई और विराट की जिंदगी बदलती हुई नजर आएगी. वहीं इसका प्रोमो भी फैंस को काफी पसंद आ रहा है. हालांकि लेटेस्ट एपिसोड के चलते #Sairat फैंस का गुस्सा बढ़ गया है और वह पाखी और विराट पर गुस्सा निकालते दिख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

सई ने छोड़ा घर

अब तक आपने देखा कि विराट और भवानी, पाखी को जेल से निकाल कर घर ले आते हैं. जहां सई अपने वादे के चलते चौह्वाण निवास से अपने बेटे के साथ निकलने की बात कहती है, जिसके चलते बड़ा हंगामा होता है. दरअसल, सई ने पाखी को जेल से छुड़ाने से पहले कहा था कि अगर पाखी को किसी ने भी छुड़वाया और दोबारा घर में वापस लौटी तो वह चौह्वाण निवास छोड़कर अपने बच्चे विनायक के साथ चली जाएगी. हालांकि विराट उसकी एक नहीं सुनता.

 

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फैंस को आया गुस्सा

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Upcoming Episode) के अपकमिंग एपिसोड में जहां सई और विराट के बीच झगड़ा होते हुए नजर आने वाला है, जिसके चलते विराट, सई को सम्राट की मौत का जिम्मेदार कहेगा और उसे अनाथ कहकर बुलाएगा. वहीं फैंस का गुस्सा इस बात से और बढ़ गया है और वह विराट और पाखी के रिश्ते को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि विराट के लिए पत्नी से ज्यादा जरुरी भाभी हो गई है, जिसके चलते फैंस मेकर्स की क्लास लगा रहे हैं. वहीं सई को किसी और के साथ नई जिंदगी की शुरुआत करने की बात कह रहे हैं.

बता दें, सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में के मेकर्स कई बार ट्रोलिंग का शिकार हो चुकी हैं. वहीं फैंस शो को बॉयकॉट करने के लिए भी कह चुके हैं. हालांकि मेकर्स सीरियल की कहानी को नया ट्विस्ट देने के चलते अब शो में लीप लाने वाले हैं, जिसके चलते सई का एक्सीडेंट होते हुए नजर आएगा.

Senco Teej Special: तीज के मौके पर सास को दे खूबसूरत गहनों का तोहफा

सास-बहू का रिश्ता बेहद खास होता है, जिसे संवारने के लिए थोड़ी सी कोशिश जरुरी है. भारतीय तीज त्यौहार वो मौका होते हैं जो इन रिश्तों को और करीब लाते हैं. ऐसा ही एक मौका होता है हरितालिका तीज का जहां बहू अपनी सास को बतौर गिफ्ट सुहाग की निशानियां जैसे जेवर और साड़ियां देती हैं.

ज्वैलरी तो हर औरत की पहली पसंद होती है. इसीलिए सेन्को लाया है लेटेस्ट गोल्ड एंड डायमंड्स सेट के कलेक्शन, जिसे आप गिफ्ट करके अपनी सास का दिल जीत सकती हैं.

सेन्को के इस खास कलेक्शन में आपको मिलेंगे एक से बढ़कर एक गोल्ड एंड डायमंड के हैवी नेकलेस, ईयरिंग और झुमके, कंगन, रिंग्स और बहुत कुछ…

सेन्को तीज स्पेशल कॉन्टेस्ट…

आपकी तीज को डबल स्पेशल बनाने के लिए इस बार सेन्को लाया है एक खास मौका, जहां आपको मिल सकते हैं सेन्को की तरफ से खूबसूरत तोहफे, बस आपको लेना होगा सेन्को तीज स्पेशल कॉन्टेस्ट में हिस्सा और देनें होंगे कुछ सवालों के सही जवाब…

सही जवाब देनें वाले चुनिंदा यूजर्स को मिलेगा एक स्पेशल सरप्राइज तो फिर देर किस बात की, नीचे दिए बैनर पर क्लिक कीजिए और बनिए इस कॉन्टेस्ट का हिस्सा और शानदार ईनाम के साथ अपनी तीज को बनाएं यादगार…

कैसे बांझपन का कारण बन सकता है गर्भाशय फाइब्रॉयड

अगर गर्भाशय में किसी भी तरह का  सिस्ट या फाइब्रॉएड है तो ऐसी स्थिति में माँ बनना सम्भव नहीं हो पाता . इसके अलावा ओवरी सिंड्रोम, खून की कमी आदि कई ऐसी बीमारियां है जो हमे देखने मे तो छोटी लगती है पर बच्चा पैदा करने के लिए यही सब समस्याएं बहुत बड़ी बन जाती है.

गर्भाशय में विकसित होने वाले गैर-कैंसरकारी (बिनाइन) गर्भाशय फाइब्रॉयड, महिलाओं के बांझपन के सबसे प्रमुख कारणों में से एक हैं. इस बारे में बता रही हैं डॉ रत्‍ना सक्‍सेना, फर्टिलिटी एक्‍सपर्ट, नोवा साउथेंड आईवीएफ एंड फर्टिलिटी, बिजवासन.

गर्भाशय फाइब्रॉयड, फैलोपियन ट्यूब को बाधित करके या निषेचित अंडे को गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने से रोककर प्रजनन क्षमता को बिगाड़ सकता है. गर्भाशय में जगह कम होने के कारण, बड़े फाइब्रॉयड भ्रूण को पूरी तरह से विकसित होने से रोक सकते हैं. फाइब्रॉयड प्लेसेंटा के फटने के जोखिम को बढ़ा सकता है क्योंकि प्लेसेंटा फाइब्रॉयड द्वारा अवरुद्ध हो जाता है और गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है, जिसकी वजह से भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषक तत्व कम मात्रा में मिलते हैं. इससे, समय से पहले जन्म या गर्भपात की संभावना काफी बढ़ जाती है.

गर्भाशय फाइब्रॉयड, गर्भाशय की मांसपेशियों के ऊतकों के बिनाइन (गैर-कैंसरकारी) ट्यूमर हैं. उन्हें मायोमा या लेयोमायोमा के रूप में भी जाना जाता है. फाइब्रॉयड तब बनते हैं जब गर्भाशय की दीवार में एकल पेशी कोशिका कई गुना बढ़ जाती है और एक गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर में बदल जाती है.

फाइब्रॉयड छोटे दाने के आकार से लेकर बड़े आकार के हो सकते हैं, जो गर्भाशय को विकृत और बड़ा करते हैं. फाइब्रॉयड का स्थान, आकार और संख्या निर्धारित करती है कि क्या वे लक्षण पैदा करेंगे या इलाज कराने की जरूरत है.

गर्भाशय फाइब्रायॅड, उनके स्थान के आधार पर वर्गीकृत किये जाते हैं. फाइब्रॉयड को तीन बड़ी श्रेणियों में विभाजित गया है:

1-सबसेरोसल फाइब्रॉयड:

यह गर्भाशय की दीवार के बाहरी हिस्से में विकसित होता है. इस तरह के फाइब्रॉयड ट्यूमर बाहरी हिस्से में विकसित हो सकते हैं और आकार में बढ़ सकते हैं. सबसेरोसल फाइब्रॉयड, ट्यूमर आस-पास के अंगों पर दबाव बढ़ाने लगता है, जिसकी वजह से पेडू (पेल्विक) का दर्द शुरूआती लक्षण के रूप में सामने आता है.

2-इंट्राम्यूरल फाइब्रॉयड:

इंट्राम्यूरल फाइब्रॉयड गर्भाशय की दीवार के अंदर विकसित होता है और वहां बढ़ता है. जब इंट्राम्यूरल फाइब्रॉयड का आकार बढ़ता है तो उसकी वजह से गर्भाशय का आकार सामान्य से ज्यादा हो जाता है. जैसे-जैसे इन फाइब्रॉयड्स का आकार बढ़ता है, उसकी वजह से माहवारी में रक्तस्राव ज्यादा होता है, पेडू (पेल्विक) में दर्द और बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो जाती है.

3-सबम्यूकोसल फाइब्रॉयड:

ये फाइब्रॉयड गर्भाशय गुहा की परत के ठीक नीचे बनते हैं. बड़े आकार के सबम्यूकोसल फाइब्रॉयड, गर्भाशय गुहा के आकार को बढ़ा सकता है और फेलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध कर सकता है, जिसकी वजह से प्रजनन में समस्याएं होने लगती हैं. इससे जुड़े लक्षणों में शामिल है, माहवारी में अत्यधिक मात्रा में रक्तस्राव और लंबे समय तक माहवारी आना.

कैसे पहचान करें-

पेडू की जांच, लैब टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट के जरिये गर्भाशय फाइब्रॉयड का पता लगाया जाता है. इमेजिंग टेस्ट का इस्तेमाल, गर्भाशय की असामान्यताओं का पता लगाने के लिये किया जाता है. इसमें पेट का अल्ट्रासाउंड, योनि का अल्ट्रासाउंड और हिस्टेरोस्कोपी शामिल होती है. हिस्टेरोस्कोपी के दौरान हिस्टेरोस्कोप नाम की एक छोटी, हल्की दूरबीन को सर्विक्स के जरिये गर्भाशय में डाला जाता है. स्लाइन इंजेक्शन के बाद, गर्भाशय गुहा फैल जाएगी, जिससे स्त्रीरोग विशेषज्ञ गर्भाशय की दीवारों और फेलोपियन ट्यूब के मुख की जांच कर पाती हैं. कुछ मामलों में एमआरआई जैसे इमेजिंग टूल्स की जरूरत पड़ सकती है.

उपचार

गर्भाशय फाइब्रॉयड की दवाएं,उन हॉर्मोन्स को लक्षित करती हैं जोकि मासिक चक्र को नियंत्रित करता है, ताकि माहवारी के अत्यधिक रक्तस्राव जैसे लक्षण का उपचार किया जा सके. वैसे तो दवाएं, फाइब्रॉयड को हटा नहीं पातीं, लेकिन उन्हें छोटा कर देती हैं. फाइब्रॉयड्स को हटाने की सर्जरी में पारंपरिक सर्जरी की प्रक्रिया और कम से कम चीर-फाड़ वाली सर्जरी शामिल होती है. “लेप्रोस्कोपिक गाइनकोलॉजिक सर्जरी” जैसी सर्जरी न्यूनतम चीर-फाड़ वाली प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें बिना ओपन कट किए, गर्भाशय फाइब्रॉयड को सावधानीपूर्वक निकालने के लिये किया जाता है. कैमरे के साथ एक छोटी-सी ट्यूब वाले लेप्रोस्कोप जैसे सर्जरी के उपकरणों को डालने के लिये एक छोटा-सा चीरा लगाया जाता है. इससे स्त्रीरोग विशेषज्ञ को मॉनिटरिंग स्क्रीन पर गाइनेकोलॉजिक अंगों को हर तरफ से देखने में मदद मिलती है. छोटा-सा चीरा लगाकर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने से दर्द कम होता है और सुरक्षा बढ़ती है, साथ ही साथ ऑपरेशन के बाद की समस्याएं जैसे संक्रमण का दर कम होता है, खून कम बहता है और कम से कम फाइब्रोसिस का निर्माण होता है. सर्जरी के बाद, रोगियों को गर्भधारण के बारे में सोचने से पहले कम से कम एक महीने तक गर्भनिरोधक गोलियां लेने की सलाह दी जाती है.

गर्भाशय फाइब्रॉयड, उच्च एस्ट्रोजन स्तर, गर्भाशय संकुचन, और ओव्यूलेशन डिसफंक्शन जैसी असामान्यताओं का कारण बनता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि फाइब्रॉयड फैलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध करके और निषेचित अंडे को गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने से रोककर प्रजनन क्षमता को बिगाड़ सकता है. इसलिये, फाइब्रॉयड को खत्म करने के लिये उचित और समय पर उपचार महत्वपूर्ण है.

अब मैं समझ गई हूं: क्या रिमू के परिवार को समझा पाया अमन

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Food Special: बच्चों के लिए बनाएं मक्के के मफिन्स

बारिश के मौसम में क्या हर मौसम में मक्के से कई तरह की पकवान बनाए जातें है. जैसे मक्के की रोटी और साग की बात तो ही अलग है उसी तरह अगर मक्के से कुछ हल्का मीठा बन जाए तो फिर बात ही क्या है तो फिर देर किस बात की घर में ही बनाइए मक्के के मफिन्स. यह खाने में बहुत ही टेस्टी और साथ ही हेल्दी भी होते हैं. आप चाहे तो इन्हें बच्चों के टिफिन में भी रख सकती हैं. वो भी बड़े चाव से इन्हें खाएगें.

सामग्री

1. एक कप मक्के का आटा

2. एक कप मैदा

3. एक कप चीनी पाउडर

4. चौथाई छोटी चम्मच बेकिंग पाउडर

5. एक चौथाई छोटी चम्मच बेकिंग सोडा

6. एक कप दही

7. आधा मक्खन

8. एक छोटी चम्मच वनीला एसेंस

9. एक कप टूटी-फ्रूटी

यूं बनाएं

– सबसे पहले एक बडे़ बाउल में मक्के का आटा, मैदा, पाउडर चीनी, बेकिंग पाउडर और बेकिंग सोडा मिलाकर मिक्स कर लें फिर एक दूसरे बाउल में दही, मक्खन, वनीला एसेंस डालकर अच्छे से मिलातें हुये फैंट लें अब इसें पहले बाउल के मिश्रण डालकर अच्छी तरह से मिलाते हुए इसमें टूटी-फ्रूटी डालकर भी मिला ले.

– अब मफिन्स मेकर ले और उनके अंदर से बटर लगाकर चिकना कर लीजिए और सांचों में  तैयार मिश्रण डालकर ओवन को 180 डिग्री से.ग्रे. पर प्रिहीट पर करते हुए मफिन्स ट्रे को ओवन में रख दीजिए और 180 डि. से. पर 10 मिनट के लिए सैट कर दे.

– 10 मिनिट बाद चैक करिए की मफिन्स अच्छे से गोल्डन ब्राउन हो गए हैं कि नही यदि हो गए हैं तो मफिन्स बनकर के तैयार हो गए है. अब इन्हें बाहर निकालकर थोड़ा ठंडा होने के बाद एक प्लेट में निकाल लीजिए.

फेस्टिव सीजन में साड़ी खरीदने के 7 टिप्स

अवनी लगभग प्रत्येक खास अवसर पर साड़ी खरीदती है परन्तु इसके बाद भी जब भी कहीं जाना होता है उसके पास पहनने को साड़ी ही नहीं होती.

इसी प्रकार रक्षा जब भी बाजार जाती है साड़ी जरूर लेकर आती है परन्तु फिर भी हमेशा यही कहती रहती है मेरे पास तो पहनने को कोई ढंग की साड़ी ही नहीं है सब आउट ऑफ फैशन हो गईं हैं.

इस प्रकार की समस्या से हर वो महिला रूबरू होती है जो बिना सोचे समझे बस साड़ी खरीदना है यह सोचकर साड़ी खरीदती हैं. साड़ी भारतीय स्त्रियों का प्रमुख परिधान है. भले ही आज साड़ी का चलन कम हो गया हो परन्तु खास अवसरों पर आज भी महिलाएं साड़ी पहनना ही पसन्द करतीं हैं. साड़ी में महिलाओं का व्यक्तित्व निखर जाता है साथ ही साड़ी प्रत्येक शेप की महिला पर फबती है. आज बाजार में भांति भांति के फेब्रिक और डिजाइन्स में साड़ियां उपलब्ध हैं. बनारसी, चंदेरी, बांधनी महेश्वरी, पोचमपल्ली, कांजीवरम, शिफॉन, जैसी साड़ियां अपने प्रान्त की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करतीं है. साड़ियां कॉटन, सिल्क, सेमी सिल्क और सिंथेटिक जैसे अनेकों फेब्रिक में उपलब्ध हैं. फेस्टिव सीजन प्रारम्भ हो चुका है इस दौरान हम फेस्टिव सीजन पर पहनने के लिए साड़ी खरीदते हैं. आज हम आपको साड़ी खरीदने के कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जो साड़ी खरीदने में आपके लिए बहुत मददगार साबित होंगे और एक बार खरीदी गई आपकी साड़ी सालों साल तक पुरानी नहीं होगी-

1. -फैशन को करें नजरंदाज

फैशन तो आता जाता रहता है इसलिए साड़ी खरीदते समय फैशन पर ध्यान न दें. उदाहरण के लिए आज सिमर डिजाइन्स की सिमरी साड़ियां फैशन में हैं परन्तु कुछ समय पहले तक चमकीले बॉर्डर वाली साड़ियां फैशन में थीं. इसलिए फैशन को नजरंदाज करके आप चंदेरी, चिकन, बनारसी और शिफॉन जैसी एवरग्रीन फैब्रिक की साड़ियां खरीदें जो कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होतीं.

2. कढाई है फॉरएवर एवरग्रीन

फेब्रिक कोई भी हो पर उस पर रंग बिरंगे धागों से उकेरी गयी फूल पत्तियां और विविध डिजाइन्स साड़ी की खूबसूरती में चार चांद लगा देतीं हैं. इन साड़ियों की विशेषता है कि इन्हें आप बर्थडे, एनिवर्सरी जैसे हल्के फुल्के  अवसरों के साथ साथ शादी ब्याह जैसे बड़े अवसरों पर भी आसानी से कैरी कर सकते हैं.

3. सस्ते के फेर में न पड़ें

जैसा कि हम अपने बड़ों से सुनते आए हैं कि “महंगा रोये एक बार, सस्ता रोये बार बार” भले ही आप चार के स्थान पर दो या एक ही साड़ी खरीदें परन्तु अच्छे फेब्रिक,  ब्रांड और अच्छी दुकान से ही खरीदें ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका न रहे.

4. नकल से बचें

अपनी सहेली या रिश्तेदार की देखादेखी साड़ी खरीदने की अपेक्षा अपनी आवश्यकता और पसन्द को ध्यान में रखकर ही साड़ी खरीदें क्योंकि अक्सर दूसरों की नकल करके खरीदी गई साड़ी बाद में हमे ही पसन्द नहीं आती इसलिए साड़ी खरीदने जाने से पहले आप खुद सुनिश्चित कर लें कि आपको कैसी, किस फेब्रिक की और कितने बजट की साड़ी खरीदनी है.

5. सिल्क है सदाबहार

सिल्क एक ऐसा फैब्रिक है जो कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होता. यद्यपि प्योर सिल्क काफी मंहगा और हर किसी के बजट में नहीं आ पाता परन्तु आजकल बाजार में सेमी सिल्क, पेपर सिल्क, आर्टिफिशियल सिल्क जैसे अनेकों विकल्प मौजूद हैं जो देखने में सिल्क जैसे ही लगते हैं परन्तु इनके दाम सिल्क की अपेक्षा कम होते हैं.

6. रंग का रखें ध्यान

हर रंग की साड़ी हर किसी पर अच्छी नहीं लगती. सामान्यतया यह माना जाता है कि गोरे और सांवले रंग पर डार्क रंग तथा गहरे रंग की स्किन पर हल्के रंग अच्छे लगते हैं.परन्तु कई बार कुछ रंग हर स्किन टोन पर अच्छे लगते हैं इसलिए साड़ी खरीदते समय अपनी पसन्द के साथ साथ अपने ऊपर फबने वाले रंगों का भी ध्यान रखें.

7. कॉटन और प्लेन भी है खास

यदि आप कैरी कर सकतीं हैं तो कॉटन फेब्रिक से बेहतर कुछ नहीं है क्योकि ये काफी बजट फ्रेंडली होतीं हैं. साथ ही इन्हें पहनकर आप किसी भी अवसर पर अपने व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकतीं हैं. किसी भी रंग की प्लेन साड़ी पर आप हैवी ब्लाउज पेयर करके अपनी कम बजट की साड़ी को भी खास बना सकतीं हैं.

रखें कुछ बातों का ध्यान

-साड़ी कोई भी हो उसकी उचित देखभाल अवश्य करें क्योंकि अक्सर देखभाल के अभाव में महंगी से महंगी साड़ियां भी पहनने लायक नहीं रहतीं.

-शिफॉन एक बहुत नाजुक फेब्रिक है, प्योर शिफॉन की साड़ियां बहुत महंगी भी होतीं हैं इन्हें प्रयोग करने के बाद ड्राइक्लीन कराकर पॉली बेग में डालकर या सूती कपड़े में लपेटकर ही रखें वरना इनमें कीड़ा लग जाता है और साड़ी को फाड़ देता है. ये शरीर के पसीने से भी काली पड़ जातीं हैं.

-साड़ी खरीदते समय दुकानदार से उसके रंग और फेब्रिक के बारे में अच्छी तरह पूछताछ कर लें साथ ही उसे ड्राइक्लीन कराना है अथवा हैंडवाश कर सकते हैं यह जानकारी भी लें लें.

-यदि आपका बच्चा छोटा है तो आप कॉटन जॉर्जटबऔर शिफॉन जैसे नाजुक फेब्रिक की साड़ी खरीदने से बचें क्योंकि छोटे बच्चों के साथ इनके फटने की संभावना बढ़ जाती है.

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