साबुन बढ़ा सकता है पिंपल्स की प्रौब्लम

आज की भागदौड़ भरी और व्यस्त जीवनशैली का विपरीत असर चेहरे की स्किन पर पड़ता है, जिससे स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इन समस्याओं में पिंपल्स का होना सबसे आम है और इससे निपटने के लिए हम कई उपाय भी करते हैं.

अक्सर हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि किस तरह हमारा फेशियल क्लेन्जर पिंपल्स से छुटकारा दिलाने के बजाय और भी नुक्सान पहुंचा रहा है. साधारण टॉयलेट सोप पिंपल्स के लिए नुक्सानदायक होने के साथ-साथ उन्हें बढ़ा भी सकता है.

सोप पिंपल्स से निपटने के लिए सही उपाय क्यों नहीं हैं?

यदि चेहरे पर पिंपल्स हैं, तो ऐसे में साबुन का इस्तेमाल करना पिंपल्स के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. चेहरे की स्किन शरीर की बाकी स्किन की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है. साबुन चेहरे के पीएच स्तर को प्रभावित करता है, जिससे स्किन रूखी नजर आने लगती है. चेहरा जब ज्यादा ड्राई हो जाता है, तब यह तेल ग्रंथियों को सक्रिय कर देता है. ऐसे में पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्किन पर पनपने लगते हैं और पिंपल्स की समस्या भी बढ़ने लगती है.

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ऐसे में हमें चाहिए एक ऐसा सोप-फ्री फेशियल क्लेन्जर जिसमें ऐसे तत्त्व हों जो पिंपल्स से छुटकारा दिला सकें. हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश पूरी तरह सोप-फ्री है इसलिए पिंपल्स पर हार्श नहीं होता.

पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में किस तरह सहायक है?

हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश सोप फ्री फेसवाश है. यह स्किन की गंदगी को साफ करने के साथ-साथ आपके चेहरे को पिंपल्स से भी मुक्त करता है. इसमें नीम और हल्दी जैसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो चेहरे की स्किन पर पिंपल्स के कारण पनपने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं और इस तरह पिंपल्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में यह फेसवाश सहायक है. तो साफ-सुथरी और पिंपल फ्री स्किन पाने के लिए सोप फ्री फेसवाश अपनाने का यही है सही समय.

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5 Tips: कैसे चुनें सही फेस क्रीम

जब स्किन की जरूरत के अनुसार फेस क्रीम का प्रयोग नहीं होता है तो फेस पर क्रीम का प्रयोग करने के बाद भी फेस पर मनचाहा ग्लो नहीं आता है. अत: स्किन की बेहतर देखभाल के लिए स्किन की जरूरत के अनुसार ही फेस क्रीम का प्रयोग करना चाहिए.

नेचर्स ब्यूटी की मेकअप ऐक्सपर्ट मानसी गुप्ता कहती हैं कि वैसे तो हर फेस क्रीम का दावा होता है कि 1 या 2 हफ्तों में चेहरे में निखार देखने को मिलेगा, पर सही फेस क्रीम का प्रयोग न करने से फेस पर निखार की जगह नुकसान ज्यादा देखने को मिलता है. स्किन के कई प्रकार होते हैं. जैसे सैंसिटिव स्किन, ड्राई स्किन, औयली स्किन, कौंबिनेशन स्किन. चेहरे पर ग्लो पाने के लिए स्किन के हिसाब से ही फेस क्रीम का प्रयोग करें.

1. जैसी स्किन वैसी क्रीम

मानसी गुप्ता कहती हैं कि फेस क्रीम भी स्किन की ही तरह कई तरह से बनी होती है. इस में मौइस्चराजर वाली फेस क्रीम, ग्लिसरीन वाली फेस क्रीम, विटामिन सी वाली फेस क्रीम, ऐंटीऔक्सीडैंट के साथसाथ फेस क्रीम अब ओटमील और अमीनो पेप्टाइड्स वाली क्रीम भी मिलने लगी है. संवेदनशील त्वचा के लिए मौइस्चराइजर फेस क्रीम का प्रयोग करें. यह स्किन को लचीला बना कर उसे हैल्दी और फ्रैश दिखाने में मदद करती है. चेहरे पर आ रही  झुर्रियों को भी कम करने में मदद करती है.

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ड्राई स्किन के लिए ग्लिसरीन युक्त फेस क्रीम लाभकारी होती है. यह त्वचा को अंदर से बाहर तक हाइड्रेट और मजबूत बनाती है. इस का उपयोग करने से त्वचा का रूखापन दूर होता है. ग्लिसरीन फेस क्रीम त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करती है. यह संवेदनशील त्वचा के लिए भी बेहतर होती है. विटामिंस और ऐंटीआक्सीडैंट क्रीम भी स्किन को हैल्दी बनाने का काम करती है.

2. मौइस्चराइजर और फाउंडेशन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि अगर फेस की स्किन ड्राई होने के साथसाथ दानेदार भी हो तो मौइस्चराइजर और फाउंडेशन युक्त क्रीम का प्रयोग करें. यह चेहरे के दागधब्बे छिपाने का काम काफी अच्छी तरह करती है. यह क्रीम स्किन को कई तरह से फायदा पहुंचाती है. यह क्रीम स्किन को केवल सौफ्ट ही नहीं बनाती, बल्कि स्किन के मौइस्चर और शाइनिंग को बरकरार रखते हुए धूप से भी सुरक्षित रखती है. इस में मौइस्चराइजर और फाउंडेशन दोनों के फायदे होते हैं. जब इसे लगा कर मेकअप करती हैं, तो फेस पर शाइनिंग तो आती ही है, यह मेकअप को चेहरे पर लंबे समय तक भी टिकाने का काम करती है.

यह क्रीम प्राइमर, मौइस्चराइजर, फाउंडेशन, ट्रीटमैंट, कंसीलर और सनस्क्रीन का काम एकसाथ करती है.

बीबी क्रीम से स्किन सौफ्ट होती है और उस पर स्पौट भी नहीं दिखते हैं. अगर स्किन पर काफी कीलमुंहासे हैं या वह औयली है तो बीबी क्रीम का इस्तेमाल न करें.

बीबी क्रीम में मल्टीपल न्यूट्रिशंस होते हैं, जिस से स्किन को कई तरह से फायदा मिलता है. फेस के रंग को ठीक करने के लिए सीसी क्रीम का प्रयोग किया जाता है. सीसी यानी कलर करैक्शन क्रीम. यह क्रीम फेस के कलर को निखारने का काम करती है. यह फेस की हर समस्या को दूर करते हुए चेहरे की रंगत को एकसमान बनाने का काम भी करती है. अगर फेस पर काफी कीलमुंहासे हैं, तो सीसी क्रीम का प्रयोग बेहतर रहता है. अगर स्किन काफी ड्राई है तो यह क्रीम लगाने से पहले मौइस्चराइजर जरूर लगा लें.

3. फेस के लिए जरूरी सनस्क्रीन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि सीसी क्रीम फेस की स्किन को सेमी मैट और शाइनिंग देती है, तो बीबी क्रीम फेस स्किन को मैट, मौइस्चराइज और शाइनिंग देती है. सीसी क्रीम का टैक्स्चर बीबी क्रीम की तुलना में हलका होता है. बीबी क्रीम अच्छे बेस का काम करती है और यह रोजाना के लुक को निखार देती है. सीसी क्रीम उन के लिए है, जिन की त्वचा में लालिमा की समस्या होती है. बीबी और सीसी दोनों ही क्रीमें त्वचा के साथ अच्छी तरह ब्लैंड हो जाती हैं और फेस को एकसमान कोमल और चमकदार रंगत देती हैं.

4. सनस्क्रीन 2 तरह का होता है

20 एसपीएफ युक्त क्रीम में कैमिकल बेहद कम होता है, जबकि कैमिकल सनस्क्रीन में 20 से ज्यादा एसपीएफ होता है. इस में काफी ज्यादा मात्रा में कैमिकल होता है. जितना ज्यादा एसपीएफ होगा उतना ही ज्यादा कैमिकल होगा. भारत में यूवी किरणें ज्यादा खतरनाक स्तर की नहीं होती हैं, इसलिए यहां कम कैमिकल वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल काफी होता है. ज्यादातर महिलाओं के लिए 25 से 30 एसपीएफ काफी होता है. फेस की स्किन के रखरखाव के लिए नाइट क्रीम का प्रयोग करना भी जरूरी होता है.

5. फेस स्किन को हैल्दी बनाने के टिप्स

– हैल्दी स्किन के लिए फेस के मेकअप को हटाना जरूरी होता है. मेकअप हटाने के लिए अच्छे मिल्क क्लींजर का प्रयेग करें. मिल्क क्लींजर से दिनभर की गंदगी को कौटन से साफ करें. इस के बाद चेहरे को अच्छे फेस वाश से धोएं.

– फेस की स्किन को सही रखने के लिए सप्ताह में 2 बार स्किन को अच्छी तरह ऐक्सफौलिएट करें. इस से स्किन पोर्स में से गंदगी निकल जाती है. इस से ऐक्ने और पिंपल्स कम होंगे. अगर फेस पर पहले से पिंपल्स हों तो उन्हें बचा कर चेहरे को स्क्रब करें.

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– पूरे दिन की थकान और स्ट्रैस अंडरआई एरिया में दिखती है. इसीलिए बहुत जरूरी हो जाता है कि आंखों की खास देखभाल की जाए. इस के लिए बैस्ट क्वालिटी की आई क्रीम या जैल से आंखों की मसाज करें. इस के अलावा बादाम तेल या औलिव औयल से हलके हाथों से आंखों की मसाज करें.

– फेस को सुंदर बनाने के लिए लिप केयर जरूरी होती है. इसलिए रोजाना रात को होंठों पर बादाम तेल या घी लगा कर सोएं. इस से वे काले नहीं होंगे पिंक बने रहेंगे.

– फेस के लिए नाइट क्रीम बेहद जरूरी होती है. स्किन टाइप के हिसाब से नाइट क्रीम मिलती है. इसे लगाने से स्किन हाइड्रेट रहती है. स्किन का टैक्स्चर बेहतर होगा और रंगत एकजैसी हो जाएगी.

अब ड्राय स्किन को कहें बायबाय

सर्दियों में ड्राई स्किन महिलाओं के लिए मुसीबत बन जाती है. रूखी और बेजान स्किन चेहरे की खूबसूरती छीन लेती है. उस में नमी बरकरार रखने के लिए मौइस्चराइजर का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. बेहतर मौइस्चराइजर स्किन को रूखेपन से तो बचाता ही है, साथ ही उस की चमक को भी बरकरार रखता है. स्किन ड्राई होने से बचाने के लिए आप हिमालया नरिशिंग स्किन क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं.

क्यों है फायदेमंद

हिमालया नरिशिंग स्किन क्रीम स्किन के रूखेपन को हटा कर चेहरे को पूरा दिन मौइस्चराइज रखती है. इस की खास बात यह है कि इसे हर तरह की स्किन पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यह क्रीम ऐलोवेरा, इंडियन कीनो ट्री, इंडियन पेनीवर्ट जैसे पौष्टिक तत्त्वों के मिश्रण से बनी है.

ऐलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इस में पौलीसैकराइड होता है, जो स्किन को हाइड्रेट, मुलायम, मौइस्चराइज रखने के साथसाथ उसे ग्लो भी प्रदान करता है.

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इंडियन कीनो ट्री में ऐस्ंट्रिजैंट प्रौपर्टीज होती हैं, जो चेहरे पर टौनिक का काम करती है. इस से स्किन की रंगत में निखार आता है.

इंडियन पेनीवर्ट और विंटर चेरी में मौजूद स्किन केयर और स्किन कंडीशनिंग प्रौपर्टीज स्किन में सुधार लाती हैं और उसे बेहतर बनाने में मदद करती हैं. इस से ओपन पोर्स, स्किन टैनिंग जैसे समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.

यह मौइस्चराइजर स्किन को सर्दियों की शुष्क हवा से बचाता है और उसे लंबे समय तक नमी प्रदान करता है.

कैसे करें इस्तेमाल

– जब भी मौइस्चराइजर लगाएं पहले चेहरा साफ कर लें. इस का इस्तेमाल दिन में 2 बार कर सकती हैं.

– यदि आप की स्किन अधिक ड्राई है तो इस का इस्तेमाल रात को भी कर सकती हैं.

– इस क्रीम को मेकअप से पहले भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस से चेहरा लंबे समय तक मौइस्चराइज्ड रहेगा.

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पिंपल्स से छुटकारा पाने के लिए ट्राय करें ये 5 फेस पैक

बेदाग स्किन की चाह हर महिला रखती है. मगर यदि चेहरे पर एक भी पिंपल आ जाए तो सुंदरता में कमी आ जाती है. पिंपल्स दूर करने के लिए महिलाएं न जाने कितने प्रयास करती हैं पर रिजल्ट कोई खास नहीं निकलता. मगर अब आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आप को कुछ ऐसे होममेड फेस पैक की जानकारी दे रहे हैं, जो चेहरे पर दिखाई देने वाले दागों व जिद्दी पिंपल्स को जड़ से खत्म कर आप को देंगे चमकती-दमकती स्किन.

क्यों होते हैं मुंहासे

वैसे तो मुंहासों की समस्या तैलीय त्वचा पर ज्यादा होती है, लेकिन आजकल हरकोई मुंहासों से परेशान रहता है. इस का कारण है खराब लाइफस्टाइल, हारमोनल बदलाव और गलत व जल्दीजल्दी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स चेंज करना.

मुंहासे तब होते हैं जब स्किन के रोमछिद्रों में तेल व डैड स्किन इकट्ठी हो जाती है. यह मुंहासों का कारण बनती है. असल में सीबम औयल स्किन के रोमछिद्र में उत्पन्न होता है. सीबम खराब सैल्स को रोमछिद्र से बाहर लाने में मदद करता है, जिस से नए सैल्स बनते हैं. मगर कई बार हारमोंस की गड़बड़ी के कारण सीबम औयल ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, जिस से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और मुंहासे हो जाते हैं. ऐक्नों से छुटकारा पाने वाले फेस पैक

1. ऐलोवेरा व नीबू का कौंबिनेशन

ऐलोवेरा में ऐंटीऔक्सीडैंट गुण होने के कारण यह डैमेज स्किन की रिपेयर करता है. विटामिन सी, ई और जिंक की मौजूदगी मुंहासों को खत्म करने के साथसाथ दागधब्बों को हटाने का भी काम करती है, जिस से स्किन क्लीयर व स्मूद नजर आती है.

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कैसे अप्लाई करें

थोड़े से ऐलोवेरा जैल में 1 छोटा चम्मच नीबू का रस मिला कर उसे चेहरे पर लगा कर 10 मिनट लगा रहने दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें. इस पैक को हफ्ते में 2-3 बार अप्लाई करने से आप को मुंहासों से छुटकारा मिल जाएगा.

2. आमंड मिल्क और एग व्हाइट पैक

अंडे के सफेद भाग में ऐस्ट्रिंजैंट प्रौपर्टीज होती हैं, जो औयल कंट्रोल करने में मदद करती हैं. इस की हीलिंग प्रौपर्टीज मुंहासों के दागों को हटाने में भी मददगार होती हैं. बादाम मिल्क स्किन को नरिश करने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें

सब से पहले 2 बड़े चम्मच बादाम मिल्क में अंडे का सफेद भाग और 1 छोटा चम्मच नीबू का रस मिला कर मिश्रण तैयार करें. फिर इसे चेहरे पर अप्लाई कर 15 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें. इस पैक को हफ्ते में 2 बार अप्लाई कर के आप बेहतर रिजल्ट पा सकती हैं.

3. संतरे के छिलकों का पैक

यह सीबम सीक्रेशन को कंट्रोल करने के साथसाथ कोलोजन के उत्पादन को भी बढ़ाता है. यह डैमेज स्किन की भी रिपेयर करता है. इस में रैटीनौल की मौजूदगी नई कोशिकाएं बनाने के साथसाथ मुंहासों को दूर करने में भी मददगार होती है.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच सूखे संतरे के छिलकों के पाउडर में थोड़ा सा दूध मिलाएं. पेस्ट गाढ़ा हो. फिर उसे चेहरे पर लगा कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में हलके हाथों से मसाज कर पानी से चेहरे को साफ कर पाएं कुछ ही हफ्तों में बेदाग स्किन. इस पैक को हफ्ते में 2 बार जरूर अप्लाई करें.

4. ऐप्पल साइडर विनेगर और हनी पैक

ऐप्पल साइडर विनेगर में अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड होने के कारण यह डैड स्किन सैल्स को रिमूव करने के साथसाथ रोमछिद्रों को खोलने का भी काम करता है, जिस से मुंहासों की समस्या कंट्रोल होने के साथसाथ स्किन का पीएच लैवल भी मैंटेन रहता है.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच ऐप्पल साइडर विनेगर में 2 छोटे चम्मच ग्रीन टी, थोड़ी सी चीनी व 1 छोटा चम्मच शहद मिला कर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर चेहरे पर लगाएं. 5 मिनट बाद चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें. मिनटों में ग्लोइंग स्किन तो पाएंगी ही, साथ ही मुंहासों से भी छुटकारा मिलेगा. हफ्ते में इस पैक को चेहरे पर 1 बार जरूर अप्लाई करें.

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5. दही और मुलतानी मिट्टी का पैक

दही में लैक्टिक ऐसिड होने के कारण यह स्किन के टैक्स्चर को इंप्रूव कर उसे स्मूद बनाता है. मुलतानी मिट्टी में पिंपल्स को कंट्रोल करने के गुण होते हैं.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच मुलतानी मिट्टी में 2 बड़े चम्मच दही मिला कर पैक तैयार करें. फिर इस पैक को चेहरे पर अप्लाई कर थोड़ी देर बाद चेहरे को धो लें. आप का चेहरा क्लीयर दिखने के साथसाथ ग्लोइंग भी नजर आएगा. इस पैक को हफ्ते में 2-3 बार अप्लाई करें.

बालों को मजबूत व शाइनी बनाने के लिए लगाएं जैतून का तेल

आलिव आयल यानी की जैतून का तेल हमारे दिल, दिमाग और त्‍वचा के साथ ही हमारे बालों के लिए भी अति उत्‍तम है. यह बालों की जड़ से देखभाल करके उन्‍हें पूरा पोषण पहुंचाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन ई पाया जाता है, जो बालों को चमकदार बनाने में मदद करता है. यहां पर आलिव आयल की कुछ ब्‍यूटी रेसिपी दी जा रही हैं, जिनका इस्‍तमाल करके आप अपने बालों को और भी अच्‍छा बना सकती हैं.

1. फूलों का रस और आलिव आयल

अगर आप रातभर आलिव आयल और फूलों की कुछ पंखुडियों को एक साथ मिला कर जार में रख दें, और उससे रोज अपने सिर की मालिश करें तो भी अच्‍छा रहेगा. फूलों के रूप में आप गुलाब और जैस्‍मिन की टूटी पंखुडियों का प्रयोग करें. पर इस मिश्रण को पूरे 24 घंटों के लिए एक साथ मिला कर रखना होगा.

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2. शहद और आलिव आयल

एक कटोरे में सामान्‍य मात्रा में आलिव आयल और शहद मिलाएं. अब इसको अपने बालों के भीतर तक जड़ों में लगा लें. उसके बाद अपने बालों को एक साथ समेट कर पूरी तरह से ढ़क लें. बालों को ढंकने के लिए किसी कपड़े या पन्‍नी का प्रयोग कर सकतीं हैं. इस पेस्‍ट को सिर में लगाने के बाद 10 मिनट में बालों को शैंपू कर लें.

3. नींबू के बीज, काली मिर्च और आलिव आयल

अगर आपको अपने बाल बढ़ाने हैं, तो नींबू के बीज, काली मिर्च के दाने और आलिव आयल को मिला कर पेस्‍ट बनाएं. इस सारी सामग्रियों को एक साथ पीस लें और फिर सिर में 20 मिनट तक के लिए लगाएं और फिर शैंपू कर लें.

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4. आलिव आयल और अंडा

अगर आपके बाल बेजान दिखते हैं, तो अंडा लगा कर उसे थोड़ा घना बना सकते हैं. एक कप में दो अंडे तोडे और उसमें आलिव आयल मिलाएं और इस मिश्रण को अच्‍छे से दो मिनट तक मिलाएं. इस मिश्रण को सिर पर बालों की जड़ों तक लगाएं. 10 मिनट तक छोड़े और फिर शैंपू कर लें. इससे बालों में शाइन आएगी और वह घने लगेगें.

Valentine’s Special: फेस पर लाएं चौकलेटी निखार

इस समय वैलेंटाइन्स वीक चल रहा है. वैलेंटाइन्स वीक का मतलब की यह पूरा हफ्ता प्यार के रंगो से सराबोर रहने वाला है. तो क्यों ना इस वीक का जश्न थोड़ा सज सवर कर मनाया जाए? 14 फरवरी आने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. पूरे साल लव बर्ड्स को इस वीक का बेसब्री से इंतजार रहता है और ऐसे मौके पर भला कौन लड़की सजने-संवरने का मौका छोड़ना चाहेगी.

वैसे भी आज प्यार में मिठास घोलने का दिन यानी चौकलेट डे है. आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिन्हें अपनाकर आप चौकलेट डे पर चौकलेटी लुक पाकर अपने पार्टनर के लिए कर सकती हैं कुछ खास…

1. चौकलेटी ग्लो

चौकलेटी ग्लो पाने के लिए आप चौकलेट फेशियल करवा सकती हैं. चौकलेट एक शक्तिशाली एंटीआकिसडेंट है जिसे ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में लंबे समय से प्रयोग किया जाता रहा है. चौकलेट के अंदर मौजूद फ्लेवोनाइड स्किन को सनबर्न और धूल-मिट्टी से बचाता है. ये फ्लेवोनाइड और एंटी औक्सीडेंट्स स्किन को टाइट रखने में मदद करता है साथ ही यह हमारे चेहरे को चौकलेटी द्लो भी प्रदान करता है.

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2. चौकलेट जैसी स्मूद स्किन

चौकलेट जैसी स्मूद स्किन पाने के लिए आप चौकलेट वैक्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह आपकी स्किन पर चौकलेट जैसी स्मूथनेस देगा. चौकलेट वैक्स के अंदर शामिल बादाम का तेल व अन्य पोषक तत्वों से स्किन को पोषण मिलता है. यह आपकी स्किन से डेड सिकन को हटाकर स्किन में नई जान ला देता है. इसके अलावा इसमें मौजूद कोको स्किन को नमी देता है जिससे स्किन मुलायम हो जाती है.

3. महक भी हो चौकलेटी

सिर्फ स्किन ही नहीं अपने शरीर को भी चौकलेटी महक दें. ऐसा करने के लिए आप चौकलेट बटर का इस्तेमाल कीजिए. चौकलेट के अंदर स्किन सूदिंग तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को आराम पहुंचाते हैं. इसके साथ ही इसका अरोमा बहुत ही आकर्षक होता है जो आपको विशेष आनंद की अनुभूति करवाता है. इसलिए आप चाहे तो चौकलेट बौडी स्पा भी करा सकती हैं. यह आपकी बौडी को चौकलेटी महक देने के साथ ही साथ सुन्दर व आकर्षक बनाता है.

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VIDEO : सर्दी के मौसम में ऐसे बनाएं जायकेदार पनीर तवा मसाला…नीचे देखिए ये वीडियो

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सर्दियों में पाएं टैनिंग से राहत 

सर्दियों के मौसम में अधिकतर लोगों को धूप में बैठना पसंद होता है. कई बार ज्यादा समय तक धूप में बैठने से टैनिंग की समस्या भी हो जाती है. सर्दी का मौसम दस्‍तक दे चुका है, ऐसे में हम आपको बता रहे हैं टैन से राहत पाने के कुछ कारगर तरीके.

सर्दियों की धूप आपको कितन सुकून देती है. गर्मियों की कड़ी धूप से अलग यह हमें राहत देती है. लेकिन, शायद ही लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि उनकी यह कयावद उन्‍हें टैनिंग की परेशानी दे सकती है. स्किन टैन या सनबर्न की समस्‍या सर्दियों में भी हो सकती हैं. इसलिए स्किन एक्सपर्ट सर्दियों में भी हमेशा बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह देते हैं. सूर्य की पराबैंगनी किरणें इस मौमस में भी आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं. कुछ साधारण घरेलू उपचार सर्दियों के मौसम में स्किन टैन से राहत देने मददगार साबित हो सकते हैं.

1. नहाना

जब टैन आपकी स्किन की बाहरी परत पर हो जाए, तो रोज नहाने से पुरानी स्किन कोशिकाओं को निकालने में मदद करती है. टैन दूर करने के लिए आप नहाते समय सोप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. गर्म पानी से स्नान करने से टैन जल्दी ठीक होता है. यह ध्यान रखें कि नहाने का पानी ज्यादा गर्म न हो. ज्‍यादा गर्म पानी आपकी स्किन को खुश्क बना सकता है.

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2. शहद-नींबू

स्किन से टैनिंग हटाने के लिए शहद बहुत फायदेमंद है. नींबू के रस में शहद मिलाकर इसे टैन हुई स्किन पर लगाएं, टैनिंग से राहत मिलेगी.

3. दूध-हल्दी

कच्चे दूध में हल्दी व नींबू का रस मिलाकर, उसे स्किन पर लगाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें. इसके बाद पानी इसे गुनगुने पानी से धो लें. इससे टैनिंग खत्म हो जाएगी.

4. बेसन पैक

बेसन में नींबू का रस और दही मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे टैन हुई स्किन पर लगाएं. सूखने के बाद इसे पानी से धो लें. कुछ दिन लगातार इस पैक को लगाने से टैनिंग जल्दी दूर होगी.

5. चंदन और गुलाब जल

टैंड स्किन को ठीक करने के लिए चंदन में गुलाब जल और नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें. इसे टैन स्किन पर लगाएं और 20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें. इससे टैनिंग खत्म हो जाएगी.

6. ऐलोवेरा जेल

ऐलोवेरा जेल, आधा चम्‍मच शहद, दही और खीरे का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्‍ट को अपने चेहरे तथा गर्दन पर 15 से 20 मिनट तक लगाएं. इसे धूप से आने के बाद लगा लें, इससे टैनिंग में आराम मिलता है.

7. नारियल पानी

स्किन के काले भाग पर नारियल का पानी लगाना टैनिंग को ठीक करने में मदद करता है. साथ ही यह स्किन को गोरा और मुलायम बनाता है.

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8. बादाम और ओट्स

बादाम और चंदन पाउडर को पीस कर पेस्‍ट बना लें. यह चंदन पाउडर काली स्किन की रंगत को निखारता है और टैनिंग को भी कम करता है. या फिर कच्‍चे दूध, हल्‍दी और थोडा़ सा नींबू का रस मिलाकर एक पेस्‍ट बना लें. इसके ओट्स भी मिलायें और एक गाढा पेस्‍ट बना लें. इस पेस्‍ट को सूखने तक टैनिंग वाली जगह पर लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे टैनिंग ठीक हो जाती है

उपरोक्‍त उपायों को अपनाकर आप सर्दियों में होने वाले टैन से बच सकते हैं. लेकिन यदि टैनिंग काफी समय तक ठीक न हो तो किसी स्किन विशेषज्ञ से जल्द ही संपर्क करें, और इसका इलाज कराएं.

होंठो को मुस्कुराने दें

आपके होंठ आपकी स्किन से 3 गुना नाजुक होते हैं, इसलिए सर्दियों में आपकी स्किन से ज्यादा आपके होंठ रूखे और बेजान हो जाते हैं. कई बार तो उनका रूखापन इतना बढ़ जाता है कि उनसे खून निकलने लगता है. होंठों के ज्यादा फटने के कारण उनमें दर्द भी होने लगता है. ऐसे में उनकी खूबसूरती के साथ-साथ मुसकान भी कहीं गायब सी हो जाती है.सर्दियों में होंठों की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए यूं तो बाजार में कई ब्रैंड के लिप बाम मौजूद हैं पर हिमालया लिप बाम के इस्तेमाल से होंठों को रूखेपन से बचा सकती हैं.

क्यों है फायदेमंद

– हिमालया लिप बाम 100% हर्बल एक्टिव्स से बना है. इसमें मौजूद व्हीट जर्म और कैरट सीड ऑयल होंठों को ड्राई होने से बचाता है.

– व्हीट जर्म ऑयल में विटामिन ई की मात्रा अधिक होती है, जो होंठों की चमक को बरकरार रखने के साथ-साथ स्किन को पोषण भी प्रदान करती है और नमी को भी बरकरार रखती है. इससे होंठों की कंडीशनिंग भी हो जाती है और होंठ नर्म दिखने लगते हैं.

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– कैरट सीड ऑयल में बीटाकैरोटिन के रूप में विटामिन ए की मात्रा ज्यादा होती है, जो होंठों में टिशू ग्रोथ को बढ़ाने का काम करती है. विटामिन ए स्किन को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है. इसके इस्तेमाल से होंठ हमेशा हैल्दी नजर आएंगे. कैरट ऐंटीऑक्सीडैंट का अच्छा स्रोत है. इससे स्किन जवान नजर आती है. कैरेट सीड ऑयल स्किन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. यह होंठों की रंगत को भी निखारता है. इस ऑयल में ऐंटी फंगल और ऐंटीबैक्टीरियल तत्त्व होते हैं, जिनसे स्किन इन्फैक्शन होने का खतरा भी नहीं होता.

– हिमालया लिप बाम में ऐंटीऑक्सीडैंट के साथ नैचुरल ऐक्टिव्स प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह होंठों पर वातावरण का प्रतिकूल असर नहीं पड़ने देता.

– यह सर्दियों में शुष्क हवा से होंठों को बचाता है और होंठों पर मॉइस्चर को बैलेंस रखने का काम करता है.

कैसे करें इस्तेमाल

– हिमालया लिप बाम की पतली लेयर को होंठों पर लगा कर अच्छी तरह मिला लें. यह काफी देर तक होंठों पर नमी बनाए रखता है.

– इसे आप पूरे दिन में कितनी भी बार इस्तेमाल कर सकती हैं.- हिमालया लिप बाम फटे और रूखे होंठों के लिए बहुत उपयोगी है.

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सर्दियों में पाएं बटरी सौफ्ट स्किन

मौसम में बदलाव का असर सबसे पहले स्किन पर दिखता है. सर्दियों में चलने वाली शुष्क हवाएं स्किन की नमी छीन लेती हैं, जिससे वह रूखी और बेजान सी नजर आने लगती है. चेहरे का निखार कहीं खोने लगता है, होंठ फटे-फटे नजर आते हैं. स्किन के निखार के साथ-साथ हमारा कॉन्फिडैंस भी खो जाता है. ऐसे में सर्दियों में स्किन की खास देखभाल बहुत जरूरी है.

स्किन को मॉइस्चर देने के साथ-साथ उसे ग्लोइंग बनाए रखने के लिए सर्दियों में बेहतर बौडी लोशन का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. ऐसे में हिमालया कोको बटर बॉडी लोशन आपकी स्किन को सिर्फ मॉइस्चराइज नहीं करता.

1. कोको बटर के फायदे

कोको बटर नैचुरल फैट होता है, जो कोको बींस से बनता है. यह स्किन को नमी देने के साथ-साथ स्किन में भीतर से कसाव लाने में भी मदद करता है. इसमें मौजूद ऐंटीऑक्सीडैंट स्किन को हैल्दी रखता है. कोको बटर में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से स्किन को बचाता है. कोको बटर युक्त लोशन के इस्तेमाल से स्किन मुलायम और खिली-खिली नजर आती है.

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2. रूखी स्किन के लिए है लाभकारी

हिमालया कोको बटर में व्हीट जर्म ऑयल और विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है. व्हीट जर्म ऑयल स्किन के लिए बहुत लाभकारी है. यह स्किन को पोषण और नमी प्रदान करता है. इसके इस्तेमाल से स्किन का रूखापन गायब हो जाता है और वह सॉफ्ट नजर आती है. इस में मौजूद विटामिन ई स्किन को हाइड्रेट रखता है, साथ ही डैमेज स्किन को जल्द से जल्द ठीक करने में भी मदद करता है. इसके इस्तेमाल से स्किन चिकनी और कोमल रहती है.

3. कैसे करें इस्तेमाल

– नहाने के तुरंत बाद बॉडी लोशन लगाएं.

– यदि आपकी स्किन ज्यादा ड्राई रहती है तो रात को भी बॉडी लोशन का इस्तेमाल कर सकती हैं.

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ब्रैस्ट शेपिंग के नए तरीके

किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के शरीर में बदलाव आने लगता है. इस का सब से अधिक प्रभाव लड़कियों की बौडी फीगर पर पड़ता है. इस में भी ब्रैस्ट की शेप को ले कर सब से अधिक परेशानियां होती हैं. किसी को अपने छोटी ब्रैस्ट साइज से दिक्कत होती है तो किसी को अपनी बड़ी ब्रैस्ट से. ऐसे में उन्हें लगता है कि अगर उन का ब्रैस्ट साइज परफैक्ट नहीं होगा तो उन का आकर्षण कम हो जाएगा.

जिन लड़कियों की ब्रैस्ट का आकार छोटा या ज्यादा बड़ा होता है वे परेशान रहती हैं. ऐसे में ब्रैस्ट शेपिंग को ले कर तमाम तरह के प्रयास चलते हैं. ब्रैस्ट शेपिंग की सब से बड़ी चिंता का कारण क्लीवेज होती है. फैशनेबल ड्रैस पहनने वाली लड़कियों को लगता है कि अगर उन की क्लीवेज नहीं दिखेगी तो उन्हें सैक्सी, बोल्ड और ब्यूटीफुल नहीं माना जाएगा.

1. ब्रैस्ट शेपिंग के अलग-अलग तरीके

ब्रैस्ट शेपिंग के 2 तरीके होते हैं- पहला तरीका ब्रैस्ट इंप्लांट होता है. यह सामान्य रूप से नहीं किया जाता. जब ब्रैस्ट बहुत छोटी होती है, तो इस सर्जरी को अपनाया जाता है. ब्रैस्ट का साइज कप साइज के ऊपर निर्भर करता है. महिलाओं के ब्रैस्ट का साइज ‘ए’ से शुरू हो कर ‘एच’ तक बढ़ता रहता है. ‘सी’ और ‘डी’ साइज को भारतीय ब्यूटी में सब से खूबसूरत माना जाता है. ब्रैस्ट के साइज में किशोरावस्था से ले कर मां बनने की उम्र तक में बहुत बदलाव होता है.

खूबसूरत ब्रैस्ट का पैमाना उम्र और लंबाई के हिसाब से जो खूबसूरत लगे उसी को माना जाता है. सब से छोटे साइज को हाइपोमेस्टिया और बहुत बड़े साइज को जिंगटोमेस्टिया कहते हैं. ये दोनों ही साइज औरतों में हीनभावना को बढ़ावा देने वाले होते हैं. बड़े साइज की ब्रैस्ट से फैट निकाल कर उस का साइज ठीक किया जाता है.

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ब्रैस्ट का छोटा होना कुदरती बात होती है. बहुत सारे मामलों में शादी और बच्चा पैदा होने के बाद ब्रैस्ट के साइज में बदलाव होता है. कभीकभी ऐसा नहीं भी होता है. इस तरह के मामलों में कौस्मैटिक सर्जरी के जरीए ब्रैस्ट का इंप्लांट कर के मनचाहा आकार हासिल किया जा सकता है. कभीकभी औरतों में एक ब्रैस्ट छोटी और दूसरी बड़ी भी होती है. आमतौर पर यह फर्क इतना मामूली होता है कि किसी को पता नहीं चलता है. अगर साइज का यह फर्क दूर से दिखाई देने वाला हो तो ब्रैस्ट इंप्लांट के जरीए दोनों का साइज बराबर किया जा सकता है.

ब्रैस्ट इंप्लांट के लिए पहले सिलिकौन इंप्लांट का ही प्रयोग किया जाता था. आधुनिक तकनीक से ब्रैस्ट इंप्लांट में बहुत बदलाव आ गए हैं. इस से ब्रैस्ट नैचुरल लुक देने लगती है. ब्रैस्ट इंप्लांट के लिए मैमरी ग्लैंड के नीचे, सर्कमरिओलर, आर्मपिट या ट्रांसबिलिकल में चीरा लगा कर सिलिकौन पैड डाला जाता है. नीचे चीरा लगने के कारण इस का निशान छिप जाता है और धीरेधीरे खत्म भी हो जाता है. ब्रैस्ट कैंसर वाले मसलों में यह काफी कारगर होने लगा है.

औपरेशन के बाद त्वचा में खिंचाव पैदा होने के कारण कुछ दिनों तक दर्द बना रह सकता है. इसे दूर करने के लिए दवा दी जाती है. अलगअलग साइज के इंप्लांट बाजार में मिलते हैं. ब्रैस्ट इंप्लांट सर्जरी के द्वारा किया जाता है. यह औपरेशन लगभग 1 घंटे का होता है. आमतौर पर औपरेशन के बाद परेशानी नहीं आती है. कुछ माह के बाद मरीज को इस बात का पता ही नहीं चलता कि उस का औपरेशन हुआ है. मां बनने के बाद बच्चे को ब्रैस्ट फीडिंग कराने में भी कोई परेशानी नहीं आती है. जब चाहें इसे निकाला भी जा सकता है.

2. मसाज से ब्रैस्ट शेपिंग

आमतौर पर 20 से 22 साल की उम्र में जब ब्रैस्ट का आकार 30 ब्रा साइज से कम होता है तो उसे छोटा और 34 से ज्यादा होता है तो उसे बड़ा माना जाता है. सर्जरी के अलावा मसाज द्वारा भी ब्रैस्ट को सही आकार दिया जा सकता है.

कई लड़कियों में छोटी ब्रैस्ट की आनुवंशिक समस्या होती है. वहां मसाज कम असरदार होती है. ऐसे में हारमोंस की दवा देने से ब्रैस्ट के आकार को बड़ा किया जाता है. शादी से पहले ब्रैस्ट के आकार को बड़ा या छोटा करने के लिए सर्जिकल प्रोसीजर का प्रयोग नहीं करना चाहिए जब तक कि कोई दूसरा उपाय न हो. अगर बड़ी ब्रैस्ट को छोटा करना है तो डाइट पर ध्यान दे कर शरीर के बढ़ते फैट को कम कर ब्रैस्ट के आकार को ठीक किया जा सकता है. कई लड़कियों में ब्रैस्ट के ढीलेपन की परेशानी भी होती है. इसे भी मसाज और ऐक्सरसाइज से ठीक किया जा सकता है.

भारतीय माहौल में 32 से 34 ब्रा साइज की ब्रैस्ट को सब से परफैक्ट माना जाता है. फैशन के जानकार भी मानते हैं कि इस साइज की ब्रैस्ट में ही सही उभार आता है. सब से सुंदर क्लीवेज भी इसी से बनती है. 32 ब्रा साइज की ब्रैस्ट को ब्रा की सपोर्ट दे कर क्लीवेज उभारने का काम किया जाता है. इस के लिए पैडेड ब्रा, अंडरवायर ब्रा, डबल पैडेड ब्रा का सहारा लिया जाता है. ब्रा से ब्रैस्ट के साइज को ज्यादा और क्लीवेज को सुंदर दिखाया जा सकता है. लड़कियों के लिए परेशानी की बात तब होती है जब ब्रैस्ट को ब्रा का सहारा नहीं देना होता है.

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ब्यूटी प्रोडक्ट्स में ब्रैस्ट की शेपिंग और साइज को बढ़ाने के नाम पर बहुत सारे प्रोडक्ट्स बाजार में मौजूद हैं. लड़कियां ब्रैस्ट के साइज को ले कर मानसिक कुंठा से बाहर निकलें तो उन्हें लगेगा कि ब्रैस्ट का साइज नहीं आत्मविश्वास ज्यादा मैटर करता है. जहां तक क्लीवेज की बात है तो उसे ब्रा के सहारे उभारा जा सकता है. इस तरह की ब्रा का प्रयोग उतने ही समय के लिए करें जितना जरूरी हो. ज्यादा समय तक ऐसी ब्रा पहनने से ब्रैस्ट की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

ब्रैस्ट का साइज कभी एकजैसा नहीं होता है. दोनों ब्रैस्ट के साइज में थोड़ाबहुत अंतर अवश्य होता है. यह अंतर ऐसा होता है जो आसानी से दिखता नहीं है. बहुत कम औरतों में यह अंतर ऐसा होता है जो आसानी से पता चला जाता है. यह अंतर इतना ज्यादा होता है कि इसे आसानी से छिपाया नहीं जा सकता है. अगर अंतर इतना ज्यादा है तो डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. ज्यादातर मामलों में यह अंतर सामान्य होता है. माहवारी के पहले यह अंतर दिखाई देता है. बाद में अपनेआप सही हो जाता है.

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