Anupama को अनुज का प्यार समझाएगा समर, कराएगा #MaAn का एहसास

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों एक के बाद एक नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. जहां एक तरफ अनुपमा से उसके अपने दूर हो रहे हैं तो वहीं अनुज का इजहार सुनकर वह हैरान परेशान है. इसी बीच सीरियल में कुछ और नए ट्विस्ट आने वाले हैं, जिसे देखकर दर्शकों को मजा आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

बेसुध घर जाती है अनुपमा

 

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अब तक आपने देखा कि तोषू की हरकत देखकर अनुज शाह हाउस पहुंचता है, जहां वह वनराज के उकसाने पर अपने प्यार का इजहार कर देता है. वहीं अनुपमा इस बात को सुन लेती है और वहां से चली जाती है. लेकिन समर उसे देख लेता है और उससे बात करने की कोशिश करता है पर वह नहीं सुनती.

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#MaAn का एहसास कराएगा समर

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि एक तरफ जहां अनुज को अपने प्यार का इजहार करने का पछतावा होगा तो वहीं वह गुंडो के पास जाकर खुद को सजा देने की कोशिश करेगा. दूसरी तरफ मां को टूटता देख समर से अनुपमा से अनुज के प्यार को समझने के लिए कहेगा. वह अनुपमा से कहेगा कि अनुज उससे 1000 गुना ज्यादा प्यार करता है, जितना वह वनराज से करती है. समर का कहेगा कि रिश्ते का मतलब #MaAn है और उसके ऊपर है कि अनुज की सच्चाई और दोस्ती का सम्मान, जिसे वह स्वीकार करने की बात कहेगा. जहां अनुज सोचेगा कि उसने अनु को पाने से पहले उसे खो दिया तो वहीं प्यार का सच छिपाने के लिए बा अनु और अनुज को सजा देने का फैसला करेगी.

 आ सकते हैं नए ट्विस्ट

इसके अलावा खबरे हैं कि समर के बाद बापूजी भी अनुपमा को दूसरी शादी के लिए मनाएंगे और उसका कन्यादान करने की बात कहेंगे. वहीं काव्या, वनराज के शाह हाउस में ना होने का फायदा उठाकर घर को अनुज के दोस्त को बेचने का प्लान करेगी. हालांकि वह इस बात से बेखबर होगी कि ये अनुज की चाल है. इसी के साथ जब इस बात का वनराज को पता लगेगा तो वह काव्या को अपनी जिंदगी से अलग करने का फैसला करता नजर आएगा. अब देखना है कि अनुपमा की जिंदगी कैसा नया मोड़ लेती है.

 

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नाश्ते में बनाएं ब्रेड पनीर चीज पकौड़ा

ब्रेड पकौड़े तो आप सभी ने खाए होंगे, लेकिन आज हम आपको ब्रेड पनीर चीज पकौड़ा बनाने की विधि बताएंगे, जो काफी आसानी से घर पर बनाई जा सकती है. मगर हां, इसको बनाने के लिये आपको थोड़े ज्‍यादा समय की जरुरत होगी क्‍योंकि यह एक लंबा प्रॉसेस है.

ब्रेड में पनीर और चीज की फिलिंग काफी लाजवाब होती है. अगर आप इसे एक बार खाएंगे तो बार बार खाने की इच्‍छा होगी. पनीर चीज पकौड़े बच्‍चों को काफी पसंद आएंगे इसलिये आप इसे बिना किसी झिझक के बना सकती हैं. शाम के समय चाय के साथ इन पकौड़ों का तो कोई जवाब ही नहीं होता.

आइये जानते हैं ब्रेड पनीर चीज पकौड़े बनाने की आसान विधि

सर्विंग्स : 4

तैयारी का समय : 10 मिनट

खाना पकाने के समय : 30 मिनट

सामग्री

4 – ब्रेड स्‍लाइस (16 गोल टुकड़ों में काटें)

300 ग्राम – पनीर (ब्रेड की तरह पतले गोल टुकड़ों में काटें)

4 – चीज स्लाइस

1 कप – हरी चटनी

स्वादानुसार – लाल मिर्च पावडर

स्वादानुसार – चाट मसाला

स्वादानुसार – नमक

2 बड़े चम्मच – मैदा

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3 बड़े चम्मच – कॉर्नस्टार्च

1/2 छोटा चम्मच- कुटी हुई कालीमिर्च

1 1/2 छोटा चम्‍मच – रेड चिली फ्लेक्‍स

तेल – फ्राई करने के लिये

1 कप – ब्रेडक्रम्‍ब्‍स

विधि

– सबसे पहले ब्रेड के टुकड़े लें और उस पर हरी चटनी पूरी तरह से लगाएं.

– फिर ऊपर से पनीर का एक छोटा टुकड़ा रखें. थोड़ा लाल मिर्च पावडर, चाट मसाला और नमक छिड़कें.

– उसके बाद इस पर गोल टुकड़े में कटी चीज स्‍लाइस रखें.  फिर ऊपर से दूसरी गोल ब्रेड स्‍लाइस से इसे ढंक दें.

– अब हमें ब्रेड को अच्‍छी तरह से मैदे और कार्नस्‍चार्ट के पेस्‍ट से इसको लपेट कर बंद करना है.

– मैदे और कार्नस्‍टार्च के पेस्‍ट के लिये उसमें कसूरी मेथी, कुटी काली मिर्च, रेड चिल्ली फ्लेक्स, नमक और जरुरत अनुसार पानी डालकर फेंट कर गाढा घोल बनाएँ.

– ब्रेड पकौड़े को कार्न स्‍टार्च वाले घोल में लपेट लें, फिर उसे गरम तेल वाले फ्राइंग पैन में रखें.  इसी तरह से और ब्रेड पकौड़े बनरा कर पैन में डालें. तेल जरुरत भर का ही होना चाहिये.

– ब्रेड पकौडे़ को एक ओर अच्‍छी तरह से सेंक कर दूसरी ओर पलटें और सुनहरा होने तक सेकें.

– आपके ब्रेड पनीर चीज पकोड़ै तैयार हैं, इन्‍हें चटनी के साथ सर्व करें.

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प्‍यूबिक हेयर सफेद होने का मतलब जानती हैं आप?

सिर पर एक सफेद बाल दिखते ही लोग उछल पड़ते हैं और उसे काला करने के उपाय करने लगते हैं. लेकिन प्यूबिक हेयर (जननांग के बाल) सफेद होने लगें तब आपका रिएक्शन कैसा होगा? ये सोचने वाली बात ही नहीं है बल्कि उसपर विचार करने वाली बात भी है.

तीस वर्षीय फूलकुमारी ने अचानक एक दिन नोटिस किया की उसके जननांग के बाल सफेद और पतले होने लगे हैं. फूलकुमारी बहुत चिंतित हो गई और सीधे अपनी डॉक्टर से मिली. तब उसकी चिकित्सक ने उसे शांत रहने की हिदायत दी और कहा कि ये सामान्य लक्षण हैं और इसपर चिंता करने की बात नहीं है. लेकिन फूलकुमारी को विश्‍वास नहीं हुआ. तब उसकी डॉक्टर ने उसको कहा कि जैसे अनियमित खान-पान और तनाव की वजह से सिर के बाल सफेद और पतले होने लगते हैं वैसे ही प्यूबिक हेयर भी सफेद और पतले होने लगते हैं. खान-पान को नियमित करके इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है.

बिल्कुल सामान्य है

इससे पहले की आप इसे उखाड़ने या निकलने जाएं, हम आपको पहले ही बता देते हैं ति ये बहुत ही सामान्य स्थिति है. जैसे उम्र के अनुसार सिर के बाल सफेद और पतले होने लगते हैं वैसे ही प्यूबिक हेयर भी उम्र के अनुसार पतले और सफेद होने लगते हैं.”

अनियमित खान-पान

प्यूबिक हेयर कई बार अनियमित खान-पान और जीन्स की गड़बडि़यों या अनुवांशिक तौर पर भी सफेद और पतले होने लगते हैं.

दो लोगों के बाल सफेद होने में अंतर

प्यूबिक हेयर का सफेद होना सामान्य है लेकिन जरूरी नहीं कि जब आपके हों तो आपके दोस्त के भी हों.

आपके और आपके दोस्त के प्यूबिक हेयर के सफेद होने में काफी अंतर होता है.

क्योंकि आपके प्यूबिक बाल अनुवांशिक कारण से भी सफेद हो रहे होंगे.

या फिर जरूरी नहीं कि आपके अनियमित खान-पान के तरह की समस्या आपके दोस्त को भी हो. ऐसे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

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सामान्य है ये स्थिति 

डर्मेटॉलॉजी की ब्रिटिश जर्नल में छपी एक शोध के अनुसार जनसंख्या के 23 प्रतिशत हिस्से में कम से कम 50 प्रतिशत लोग अपना 50वां जन्मदिन मनाते वक्त तक सफेद प्यूबिक बालों से सामना कर चुके होते हैं.

असमय सफेद होने के कारण 

प्यूबिक बालों के असमय सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं. कई बार विटामिनों की कमी से भी ऐसा होता है. इसके पीछे विटामिन B12 और थॉयराइड में ग्लैंड डिसऑर्डर कारण हो सकते हैं. या फिर कई बार विटलीगो जैसी बीमारी के कारण भी वहां के बाल सफेद हो जाते हैं. ऐसा वहां पर व्हाइट पैचेस पड़ने के कारण होता है. कई शोध में इन कारणों को असमय प्यूबिक बालों के सफेद होने के पीछे का कारण माना गया है.

कैसे रोका जाए

तो इसे कैसे रोका जाए? बालों का सफेद होना जेनेटिकली है जिसे रोकना मुश्किल होता है. लेकिन इसे रोकने के लिए सबसे पहले अपने स्मोकिंग की आदत पर रोक लगाएं. एक स्टडी के अनुसार स्मोकर्स अपनी स्मोकिंग की आदतों में रोक लगाकर 2.5 गुना बालों के सफेद होने पर रोक लगा सकते हैं. साथ ही खाने में विटामिन B12 युक्त भोजन अधिक से अधिक शामिल करें.

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धब्बा तो औरत पर ही लगता है

हर देश को अपनी सेना पर गर्व होता है और उस के लिए देश न केवल सम्मान में खड़ा होता है वरन उसे खासा पैसे की सुविधा भी दे दी जाती है. एक सुविधा दुनियाभर के सैनिक खुद ले लेते हैं, जबरन रेप करनी की. आमतौर पर हमेशा से राजाओं ने सेनाओं में भरती यही कह कर की होती है कि तुम मेरे साथ लड़ो, तुम्हें लूट में माल भी मिलेगा, औरतें भी. युगों से दुनियाभर में हो रहा है.

कोएंबटूर के एअरफोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कालेज में एक कोर्स में एक आईएएस फ्लाइट लैफ्टीनैंट और एक 26 वर्षीय युवती साथ में पढ़ रहे थे. एक शाम ड्रिंक्स लेते समय युवती को बेहोशी छाने लगी तो उसे उस के होस्टल के कमरे में ले जाया गया और युवती का कहना है कि वहां उस युवा अफसर ने उस के साथ रेप किया.

आमतौर पर इस तरह के रेप का फैसला सामान्य अदालतें करती हैं और इस मामले में सेना अड़ गई कि यह केस कोर्टमार्शल होगा यानी सैनिक अदालत में चलेगा. युवती को इस पर आपत्ति है कि उसे न्याय नहीं मिलेगा. कठिनाई यह है कि सेना पर निर्भर देश और कानून सैनिकों को नाराज करने का जोखिम नहीं लेता.

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कोर्टमार्शल में सेना के अफसर ही जज का काम करते हैं और वे सैनिकों की प्रवृत्ति को अच्छी तरह समझते ही नहीं, उस

पर मूक स्वीकृति की मुहर भी लगाते हैं. वे जानते हैं कि बेहद तनाव में रह रहे सैनिकों को कुछ राहत की जरूरत होती है और इस तरह के मामलों को अनदेखा करते हैं. सैनिकों को घरों से दूर रहना पड़ता है और वे सैक्स भूखे हो जाते हैं. इसलिए हर कैंटोनमैंट के आसपास सैक्स वर्करों के अड्डे बन जाते हैं.

ऐसे हालात में रेप विक्टिम को सैनिक अदालत से पूरा न्याय मिलेगा, यह कुछ पक्का नहीं है पर असल में तो सिविल कोर्टों में भी रेप के दोषी आमतौर पर छूट ही जाते हैं. हां, उन्हें जमानत नहीं मिलती और चाहे अदालतें बरी कर देती हों, वे लंबी कैद अंडर ट्रायल के रूप में काट आते हैं और रेप विक्टिम के लिए यही काफी होता है.

सिविल कोर्टों में अकसर पीडि़ता अपना बयान वापस ले लेती है, चाहे लंबे खिंचते मामले, वकीलों की जिरह के कारण या लेदे कर फैसले के कारण. यह पक्का है कि जो धब्बा औरत पर लगता है वह टैटू की तरह गहरा होता है और रेपिस्ट पर लगा निशान चुनाव आयोग की स्याही जैसा.

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सपनों को दें नई उड़ान

हाल ही में रुचि शाह से मिलना हुआ तो वे कहने लगीं, ‘‘क्या करें बेटी को समय ही नहीं मिलता.’’

‘‘कहां व्यस्त रहती है इतनी वह?’’ मैं ने पूछा.

‘‘क्या बताऊं आजकल औनलाइन पर्सनैलिटी डैवलपमैंट और सैल्फ ग्रूमिंग कोर्सेज जौइन किया है. उस के अलावा 1 घंटा सुबह जिम जाती है. पढ़ाई तो है ही सही,’’ इतना कुछ आखिर क्यों?

‘‘अब जिंदगी में कुछ करना है तो मेहनत तो अभी से ही करनी होगी न,’’ रुचि शाह का जवाब सुन मैं चुप रह गई, किंतु मन ही मन सोचने लगी कि ऐसा भी क्या करना है इन्हें. मेरी बेटी भी तो उसी के साथ पढ़ती है, उसे तो बहुत समय मिलता है. बहुत कुछ है इंटरनैट पर… घर आ कर मैं और मेरी बेटी जब रसोई में एकसाथ काम कर रहे थे तो बातों ही बातों में मैं ने कहा, ‘‘आज रुचि शाह मिली थीं. बता रही थीं कि उन की बिटिया मायरा पूरा दिन कुछ न कुछ सीखती रहती है. बहुत व्यस्त रहती है और तुम हो कि इंस्टा, यूट्यूब में समय गंवा रही हो.’’

‘‘ऐसा क्यों सोचती हैं आप मौम? मैं क्या सारा समय इंस्टा और यूट्यूब पर फालतू समय बिताती? हां, इंटरनैट पर भी बहुत सारे इंफौर्मेटिव वीडियो आते हैं उन्हें देखती. हां, इंस्टा पर अपने पहचान के लोगों से मिलती. आखिर मुझे भी तो अपनी जिंदगी जीनी है या टाइम मशीन बन कर रह जाऊं? उफ, मौम आप कंपेयर क्यों कर रही हैं?

‘‘यह कोई नई बात नहीं कि मायरा हर समय व्यस्त रहती हैं, पर उस की जिंदगी कोई जिंदगी है? न तो वह किसी से मिलती है और न ही किसी से कभी बात करने की फुरसत है उस के पास और सब से जरूरी बात यह कि क्या वह स्वयं खुश है ऐसी जिंदगी से?

जिंदगी में क्या करना है

‘‘खुश होगी तभी तो इतना कुछ कर लेती

है वह.’’

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‘‘नहीं मौम आप को कुछ भी नहीं पता. वह तो चक्की के 2 पाटों में पिस रही है. उस के डैड तो उसे सीए, एमबीए करवा कर अफसर बनाना चाहते हैं और उस की मौम उसे मौडल बनाना चाहती हैं. वह अपना पूरा समय उन की आकांक्षाओं को पूरा करने में बिताती है. जैसे उस की तो कोई लाइफ ही नहीं.’’

‘‘उस के पेरैंट्स भी तो उसी के भले के लिए सोचते हैं.’’

हां, सोचते होंगे, पर पहले वे दोनों आपस में मिलबैठ कर बातचीत कर तय कर लें कि उन्हें अपनी बेटी को क्या बनाना है. बेचारी 2 नावों की  सवार न तो हंसबोल पाती है और न ही कुछ तय कर पाती है कि आखिर उसे अपनी जिंदगी में क्या करना है. जरा वजन बढे़ तो उस की मौम उस के खानपान पर प्रतिबंध लगा देती हैं.

‘‘आखिर कब तक वह अपने मातापिता के अरमानों के बोझ तले दब कर ऐसी जिंदगी जी सकेगी? अभी तो समय कम पड़ रहा है वरना उस की मौम उसे कत्थक डांस क्लास और जौइन करवाएंगी. माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय की छवि देखती हैं उस की मौम उस में.’’

‘‘तो तुम्हारे हिसाब से उसे ये सब नहीं करना चाहिए? अपने मातापिता से विद्रोह करना चहिए?’’

‘‘हां, बिलकुल करना चाहिए. माना उस के मातापिता पढ़ेलिखे हैं, अच्छा कमाते हैं, दोनों वर्किंग हैं, किसी चीज की कोई कमी नहीं, लेकिन वे अपने सपनों का बोझ अपनी बेटी पर नहीं लाद सकते. मैं तो यही कहूंगी कि वे पढ़ेलिखे हैं, पर समझदार नहीं.’’

‘‘यह क्या कह रही हो तुम?’’ मैं ने कहा.

अपनी भी तो मरजी है

‘‘मैं ठीक कह रही हूं मौम. यदि वे समझदार होते तो अपनी बेटी की खूबियों को पहचानते. मालूम है वह फ्री पीरियड में लाइब्रेरी जाती है और वहां अफ्रीका के जंगलों और जानवरों के बारे में पढ़ती है, हम लोगों से फोन ले कर इंटरनैट पर वाइल्ड लाइफ मिस करती है. वे सब करते समय उस के चेहरे पर अलग ही मुसकराहट होती है. हम सभी सहेलियां उस की इस मामले में बहुत मदद करती हैं.

हम अपने फोन उसे दे देती हैं ताकि वह इंटरनैट का इस्तेमाल कर सके. उस के पेरैंट्स ने उस के फोन पर तो रैकर लगा रखा है ताकि वह उन की मरजी के खिलाफ कुछ देखपढ़ न ले. उफ, यह तो बहुत गलत है. आखिर वह भी तो फ्री पीरियड में अपनी मरजी का कुछ तो करना चाहती होगी.’’

‘‘तो तुम क्या कहती हो उसे अपने मातापिता से झगड़ा करना चाहिए?’’

नहीं मौम, उसे झगड़ा नहीं करना चाहिए, लेकिन उन के सपनों के बोझ तले अपने जीवन को भी नष्ट नहीं करना चाहिए बल्कि अपने पसंद के क्षेत्र की पूरी जानकारी ले कर अपने मातापिता से बातचीत करनी चाहिए. वह जंगलों और जानवरों से प्रेम करती है. माना यह फील्ड नई है जिस की जानकारी उस के मातापिता को नहीं. शायद हम जैसे लोग आमतौर पर इस फील्ड में नहीं जाते, पर हर फील्ड में कुछ न कुछ स्कोप तो होता ही है. फिर आजकल तो टूरिज्म इंडस्ट्री खूब फूलफल रही है.

नैशनल जियोग्राफिक चैनल, डिस्कवरी चैनल पर ये सब कितना आता है. वह किसी खास विषय या जानवर पर रिसर्च भी कर सकती है. किंतु आप लोगों को ये सब बताना फुजूल है. आप लोग तो लकीर के फकीर बने रहना चाहते हैं जैसे जो सब आप ने किया या सोचा उस के अलावा दुनिया में कुछ और अच्छा है ही नहीं. मुझे तो डर है कि मायरा कहीं स्ट्रैस और फ्रस्ट्रेशन में पढ़नालिखना ही न छोड़ दे.’’

‘‘नहीं वह अच्छी लड़की है. वह ऐसा नहीं करेगी कभी.’’

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निरंतर प्रयासरत

‘‘अच्छी लड़की माई फुट. मौम बस पेरैंट्स कहें वही करो तब ही अच्छी लड़की होती है? मैं क्या बुरी लड़की हूं. लेकिन मेरी अपनी ओपिनियन होती है, मैं रिस्पैक्ट करती हूं अपनी ओपिनियन और अपनी चौइस कीं. मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए जब आंखें मूंदती तो हूं मन ही मन कहती हूं कि यस आई विल डू इट और उस के लिए निरंतर प्रयासरत हूं, लेकिन आप लोगों ने अपने सपने मुझ पर लादे नहीं. मैं जो पढ़ना चाहती हूं उस की छूट दी.

हकीकत तो यह है कि सबकुछ मैं ने ही तय किया. जो मुझे कालेज में पढ़ाया जाता है मैं उसे एक दिन पहले ही घर में पढ़ लेती हूं क्योंकि मुझे वह सब अच्छा लगता है. मुझे अपने विषय में ज्यादा सिर नहीं खपाना पड़ता. इसीलिए आप को मेरी मेहनत नजर भी नहीं आती और मैं समय निकाल कर मौजमस्ती भी कर लेती हूं.’’

‘‘हां, बात तो तुम्हारी सही है. तुम अपनी सहेली को क्यों नहीं समझाती कि वह अपने मातापिता से बात करे और उन्हें बताए कि वह अपनी पसंद का कैरियर चुनना चाहती है?’’

‘‘उन्हें समझा कर कोई फायदा नहीं मौम क्योंकि उस के मातापिता दोनों ही एकदूसरे को नहीं समझा पाए. बस दोनों अपनी जिद पर अड़े हैं कि एक के अनुसार बेटी मौडलिंग करे और दूसरे के अनुसार हर वक्त किताबों में सिर घुसाए रखे. पहले उन्हें आपस में समझना जरूरी है और यह जानना जरूरी है कि उन की बेटी क्या करना चाहती है पर वे दोनों इतने नासमझ हैं कि इस विषय पर बेटी से बातचीत ही नहीं करते.

‘‘बस उस के लिए एक पगडंडी बना दी है और जैसे घोड़े की आंखों पर कनपटा बांध दिया जाता है कि वह साइड में न देखे बस आगे देखे वैसे ही उसे अपने मातापिता की आंखें ले कर उस पगडंडी पर चलना है.’’

‘‘हां, बात तो तुम सही कहती हो,’’ मैं ने कहा.

सपनों को जिओ

‘‘आप को लगता है कि मैं सही कह रही हूं तो आप ही समझाओ उस की मौम व डैड को वरना किसी दिन वह कुछ गलत न कर बैठे. उस ने विद्रोह कर दिया तो फिर वह उन दोनों से बहुत दूर चली जाएगी. हो सकता है वह मौडल या अफसर बन जाए, किंतु उस के मातापिता की आंखें कब तक उसे राह दिखाएंगी. वह तो वाइल्ड लाइफ सफारी को मिस करती है और सोचती है एक बार मांबाप का सपना पूरा कर दे, फिर अपना सपना पूरा करेगी.

एक बार मौडलिंग में चली भी जाएगी तो छोड़ देगी या फिर किसी बड़ी कंपनी में अफसर बन गई तो नौकरी छोड़ देगी और यदि यह भी न हुआ तो पूरी जिंदगी कसमसाती रहेगी अपने अधूरे ख्वाबों के साथ. अपने सपनों को जिओ. आखिर जिंदगी उस की है और उसे ही जीनी है. उसे अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए न कि अपने मातापिता के अरमानों को जीना चाहिए.’’

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काशी में गंगा में  चलेंगी सीएनजी आधारित बोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने पिछली देव दीपावली पर काशी में जब क्रूज़ से गंगा की सैर की थी तभी उन्होंने डीजल से चलने वाली बोट के ज़हरीले धुएं और शोर से गंगा को मुक्ति दिलाने के लिए तयकर लिया था. उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका बखूबी जिम्मा लिया.

वाराणसी में गंगा में चलने वाली करीब 500 मोटर बोट को 19 नवंबर देव दीपावली तक सीएनजी से चलाने का लक्ष्य है. आने वाले समय में गंगा में शत प्रतिशत बोट सीएनजी से चलाने की योजना है. मोक्षदायिनी गंगा दुनिया की पहली नदी होगी, जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी आधारित बोट चलेंगी.

धर्म नगरी काशी में आने वाले पर्यटक गंगा में बोटिंग करके अर्धचंद्राकार घाटों के किनारे सदियों से खड़ी इमारतों, मंदिर-मठों को देखते हैं. अब यहाँ आने वाले पर्यटकों को गंगा में बोटिंग करते समय ज़हरीले धुएं और बोट की तेज आवाज से मुक्ति मिलने वाली है. सभी डीज़ल आधारित बोटों को देव दीपावली तक सीएनजी आधारित  करने का लक्ष्य है . वाराणसी दुनिया का पहला शहर होगा, जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी से नावों का संचालन होगा. गंगा में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन की भी योजना है. इससे गंगा के बीच में भी सीएनजी भरी जा सकेगी.

स्मार्ट सिटी के जीएम डी वसुदेवम ने बताया कि गंगा में क़रीब 1700 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं. इनमे से करीब 500 बोट डीज़ल इंजन से चलने वाली है. लगभग 177 बोट में सीएनजी इंजन लगा चुका है. बचे हुए मोटर बोट को देव दीपावली तक सीएनजी इंजन से चला देने का लक्ष्य है. ये काम गेल इण्डिया कोर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिल्टी के तहत करा रही है. करीब 29 करोड़ के बजट से 1700 छोटी और बड़ी नाव में सीएनजी इंजन लगया जा रहा है. इसमें छोटी नाव पर करीब 1.5 लाख का खर्च आ रहा है, जबकि बड़ी नाव और बज़रा पर लगभग 2.5 लाख का ख़र्च है . नाविकों के नाव में सीएनजी किट मुफ़्त लगाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन कुमार राय ने बताया कि जिस नाव पर सीएनजी आधारित इंजन लगेगा, उस नाविक से डीज़ल इंजन वापस ले लिया जाएगा. घाट पर ही डाटर स्टेशन हैं. जेटी पर डिस्पेंसर भी लग गया है. नाविकों का कहना है कि सीएनजी इंजन से आधे खर्चे में दुगनी दूरी तय  कर रहे हैं. धुआँ और तेज आवाज नहीं होने से पर्यटकों को भी अच्छा लग रहा है.

सीएनजी से प्रदूषण भी होगा कम

सीएनजी आधारित इंजन डीज़ल और पेट्रोल इंजन के मुक़ाबले 7 से 11 प्रतिशत  ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करता है, वहीं सल्फर डाइऑक्सइड जैसी गैसों के न निकलने से भी प्रदूषण कम होता है. डीजल इंजन से नाव चलाने पर जहरीला धुआं निकलता है जो आसपास रहने वाले लोगों के लिए बहुत हानिकारक है, जबकि सीएनजी के साथ ऐसा नहीं है. डीजल इंजन की तेज आवाज़ से कंपन होता है, जिससे इंसान के साथ ही जलीय जीव-जन्तुओं पर बुरा असर पड़ता है और इको सिस्टम भी खराब होता है. इसके साथ ही घाट के किनारे हज़ारों सालों से खड़े  ऐतिहासिक धरोहरों को भी नुकसान पहुंच रहा था. डीजल की अपेक्षा सीएनजी कम ज्वलनशील होती है अतः इससे चालित नौकाओं से आपदाओं की आशंका कम होगी.

Udaariyaan : अंगद मान से शादी करेगी तेजो, फतेह का तोड़ेगी दिल 

कलर्स टीवी के सीरियल उडारियां (Udaariyaan) की टीआरपी इन दिनों बढ़ती जा रही है, जिसके कारण मेकर्स सीरियल में नए ट्विस्ट लाने के लिए तैयार हैं. वहीं हाल ही में शो में हुई नई एंट्री से फैंस काफी खुश हैं. इसी बीच शो का नया प्रोमो रिलीज हुआ है, जो तेजी से वायरल हो रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या है प्रोमो में खास…

तेजो लेगी फैसला

हाल ही में तेजो और फतेह के तलाक के बाद सीरियल उडारियां में नया मोड़ आने वाला है. दरअसल, जहां फतेह और जैस्मिन शादी के लिए तैयार है. वहीं नए प्रोमो में तेजो का फैसला सभी को चौंकाने वाला है. दरअसल, लेटेस्ट प्रोमो में सुखबीर, फतेह और जैस्मिन के रिश्ते को रोकने के लिए ऐलान करते नजर आ रहे हैं. कि जब तक तेजो की शादी नहीं होगी तब तक फतेह और जैस्मिन भी शादी नहीं कर सकते हैं. वहीं सुखबीर का फैसला जानने के बाद तेजो इस बात का दावा करेगी कि वो अंगद मान के साथ शादी करने जा रही है, जिसे सुनते ही फतेह का दिल टूटता नजर आ रहा है.

 

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फतेह का टूट रहा है दिल

 

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अब तक आपने देखा कि तेजो के पिताजी उसकी दूसरी शादी करने की बात सुखबीर को बताते हैं वहीं लड़का का नाम अंगद मान बताते हैं, जिसे सुनकर सुखबीर चौंक जाते हैं. वहीं घर में फतेह शराब पीकर जैस्मिन के साथ पहुंचता है, जिसे देखकर सुखबीर का गुस्सा बढ़ जाता है और वह तेजो की शादी का भी ऐलान कर देते हैं. दूसरी तरफ अंगद मान भी शादी के लिए तैयार होगा.

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प्यार का इजहार सुन टूटेगा Anupama का दिल, खतरे में पड़ेगी अनुज की जान

सीरियल अनुपमा में इन दिनों अनुज और वनराज के बीच जंग छिड़ी हुई है, जिसका फायदा काव्या उठाती नजर आ रही है. वहीं अनुपमा इन प्रौब्लम्स में फंसती जा रही है. इसी बीच अनुपमा के सामने अनुज के प्यार का सच सामने आने वाला है, जिसके बाद सीरियल की कहानी बदल जाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

तोषू पर भड़की अनुपमा

 

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अब तक आपने देखा कि तोषू की बद्तमीजी का अनुपमा करारा जवाब देती है. वह तोषू का कौलर खींचते हुए कहती है कि कि एक मां कभी गलत नहीं हो सकती क्योंकि वह जानती थी कि जब बच्चा पैदा होता है तो एक मां का दर्द क्या होता है, लेकिन जब बच्चा अपनी मां पर आरोप लगाता है तो उसका दिल टूट जाता है. साथ ही अपना पक्ष रखते हुए अनुपमा कहती है कि उसे अपने कैरेक्टर के बारे में  किसी को समझाने की जरुरत नहीं है क्योंकि वह जानती है कि वह कौन है और उसकी जगह कोई और होता तो वह उसका खून कर देती.

 

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अनुज पहुंचेगा शाह हाउस

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा के साथ बेटे तोषू का व्यवहार देखकर अनुज खुद को दोषी महसूस करता है. हालांकि अनुपमा उसे रोकने के लिए कहता है. लेकिन वह शाह हाउस जाकर वनराज और उसके परिवार को मनाने के लिए जाएगा. वहीं तोषू, वनराज को बताएगा कि उसकी सास राखी दवे ने अनु और अनुज के कारण उसे नौकरी और पेन्टहाउस से निकाल दिया है, जिसे सुनकर बा अनुज को कभी खुश ना रहने की बद्दुआ देगी. दूसरी तरफ अनुज शाह हाउस में आकर अनु के कैरेक्टर पर कीचड़ ना उछालने की विनती करता है. लेकिन वनराज की एक नहीं सुनेगा और दोनों के बीच लंबी बहस होगी और वनराज इस सारे नाटक को खत्म करने के लिए चिल्लाता है और स्वीकार करता है कि वह अनु से प्यार करता है, जिसे अनुपमा सुन लेगी.

अनुज पर होगा हमला

 

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अनुज के प्यार का इजहार सुनते है अनुपमा शाह हाउस से निकल जाएगी और रोते हुए घर पहुंचेगी. वहीं अनुज, वनराज को चेतावनी देगी कि अगर उसमें ईगो और जिद है तो वह भी इस पागलपन और उसकी जिद को तोड़ देगा, जिसके बाद अनुज शाह हाउस से निकलकर अनु को दिल की बात ना बताने का पछतावा महसूस करेगा. लेकिन अब वह अपने प्यार को बताने में देर नहीं करेगा. लेकिन अनुपमा से मिलने जाते वक्त अनुज पर कुछ गुंडे हमला कर देंगे.

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सर्द हवा झेलने को तैयार है आपकी Skin!

अक्सर जानकारी नहीं होने की वजह से हम अपनी त्वचा की सही देखभाल नहीं कर पाते. जानकारी नहीं होती है तो यह समझ भी नहीं आता है कि कब क्या करना है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि हमें यह पता हो कि हमारी त्वचा को किस मौसम में किस चीज की जरूरत है.

सर्दियां शुरू होते ही होंठ और एड़ियों का फटना, बालों में डैंड्रफ और स्किन का ड्राई होना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं इसलिए इस समय त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है. सॉफ्ट और ग्लोइंग स्किन के लिए इस मौसम में रखें इन बातों का खास ख्याल…

1. क्रीम कम व ज्यादा लगाने से स्किन की ड्राईनेस पर कोई खास इफेक्ट नहीं पड़ता. दरअसल, ठंड के कारण स्किन के भीतर ब्लड सर्कुलेशन स्लो हो जाता है. इससे बॉडी का टेंपरेचर कम हो जाता है और बॉडी सीवम का प्रॉडक्शन कम करने लगती है. सीवम हमारी तेल ग्रंथियों से निकलने वाली एक ऑयली चीज है, जो हमारी स्किन को सॉफ्ट और शाइनी बनाने में हेल्प करती है. विंटर में बॉडी टेंपरेचर कम होने से सीवम डार्क हो जाता है और वह स्किन की आउटर लेयर पर नहीं आ पाता, जिससे स्किन ड्राई हो जाती है.

2. सीवम का प्रॉडक्शन बढ़ाने का कोई खास तरीका नहीं है. ऐसे में जरूरी है बाहर से एक्स्ट्रा मॉइश्चराइजर लगाने की. इसके लिए मॉइश्चराइजर वाली कोल्ड क्रीम यूज करें. इसके लिए फेस धोते ही हल्के गीले फेस पर मॉइचराइजर यूज करें. दरअसल, स्किन ड्राई हो जाने पर मॉइचराइजर सही तरह से काम नहीं कर पाता. कोल्ड क्रीम और ऑलिव ऑयल के यूज से स्किन की ड्राईनेस काफी हद तक दूर की जा सकती है.

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3. हां, यह सच है कि विंटर का सबसे ज्यादा इफेक्ट स्किन की पहली परत यानी एपिडर्मिस पर पड़ता है. ड्राईनेस से एपिडर्मिस में सिकुड़न आती है, तो स्किन सेल्स टूटने लगते हैं. स्किन पर यह चेंज कुछ महीनों बाद ही लकीरों के रूप में दिखाई देने लगता है, जिससे फाइन लाइंस बन जाती हैं.

4. जितनी बार आप अपनी स्किन को साबुन या फेसवॉश से क्लीन करती हैं, वह उतनी ही ड्राई हो जाती है. मगर क्लीनजिंग करने से स्किन का नेचरल मॉइश्चराइज कम होता जाता है. हां, इसकी जगह लेप का यूज करें. इसके लिए दो चम्मच दूध का पाउडर और दो चम्मच चोकर और थोड़ा पानी मिलाकर लेप बना लें. इसका यूज साबुन की जगह करें. स्किन ड्राई नहीं होगी. सरसों, बादाम या ऑलिव ऑयल से बॉडी की मसाज कर थोड़ी देर धूप सेंककर गुनगुने पानी से नहा लेने से न सिर्फ बॉडी की खुश्की दूर होती है, बल्कि थकान भी खत्म होती है.

5. गलती से भी मास्क का यूज न करें. ध्यान रखें कि किसी भी तरह की पीलिंग, मास्क और एल्कोहल बेस्ड टोनर्स या एस्ट्रिंजेंट का यूज फेस की नेचरल नमी को चुरा लेता है. इसकी जगह पर क्लीजिंग मिल्क या माइल्ड फोमिंग क्लींजर, अल्कोहल रहित टोनर और डीपली हाइड्रेटिंग मास्क का यूज कर सकती हैं.

6. ऐसी सिचुएशन में लिपस्टिक का यूज भूलकर भी न करें. इससे बचने के लिए पेट्रोलियम जेली या लिप क्रीम का यूज करें. एंटी सेप्टिक लिप बाम लगाना भी फायदेमंद रहेगा. रात को सोने से पहले नाभि में एक चुटकी घी लगाएं, इससे भी होंठ नहीं फटेंगे.

7. अगर आप डैंड्रफ पर कंट्रोल नहीं करतीं, तो मौसम चाहे जो भी हो, प्रॉब्लम बढ़ती जाती है. डैंड्रफ दूर करने वाले शैंपू का यूज करें. इसके अलावा, बेसन, मुलतानी मिट्टी और नींबू का रस मिलाकर इससे बालों को धोएं.

8. अगर आप सोच रही हैं कि सर्दियों की धूप कोई नुकसान नहीं पहुंचाती, तो आप गलत सोच रही हैं. सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट रेज स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ा सकती हैं, इसलिए धूप में बैठने से पहले सनब्लॉक क्रीम का यूज जरूरी है.

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