गलती: क्या हुआ था कविता के साथ

लेखक- विनय कुमार पाठक

साढ़े 5 लाख रुपए कोई छोटी रकम नहीं होती. साढ़े 5 लाख तो क्या, उस के पास अभी साढ़े 5 हजार रुपए भी नहीं हैं और उसे धमकी मिली है साढ़े 5 लाख रुपए देने की. नहीं देने पर उस की तसवीर को उजागर करने की धमकी दी गई है.

उस ने अपने मोबाइल फोन में ह्वाट्सऐप पर उस तसवीर को देखा. उस के नंगे बदन पर उस का मकान मालिक सवार हो कर बेशर्मों की तरह सामने देख रहा था. साथ में धमकी भी दी गई थी कि इस तरह की अनेक तसवीरें और वीडियो हैं उस के पास. इज्जत प्यारी है तो रकम दे दो.

यह ह्वाट्सऐप मैसेज आया था उस की मकान मालकिन सारंगा के फोन से. एक औरत हो कर दूसरी औरत को वह कैसे इस तरह परेशान कर सकती है? अभी तक तो कविता यही जानती थी कि उस की मकान मालकिन सारंगा को इस बारे में कुछ भी नहीं पता. बस, मकान मालिक घनश्याम और उस के बीच ही यह बात है. या फिर यह भी हो सकता है कि सारंगा के फोन से घनश्याम ने ही ह्वाट्सऐप पर मैसेज भेजा हो.

कविता अपने 3 साल के बच्चे को गोद में उठा कर मकान मालकिन से मिलने चल दी. वह अपने मकान मालिक के ही घर के अहाते में एक कोने में बने 2 छोटे कमरों के मकान में रहती थी.

मकान मालकिन बरामदे में ही मिल गईं.

‘‘दीदी, यह क्या है?’’ कविता ने पूछा.

‘‘तुम्हें नहीं पता? 2 साल से मजे मार रही हो और अब अनजान बन रही हो,’’ मकान मालकिन बोलीं.

‘‘लेकिन, मैं ने क्या किया है? घनश्यामजी ने ही तो मेरे साथ जोरजबरदस्ती की है.’’

‘‘मुझे कहानी नहीं सुननी. साढ़े 5 लाख रुपए दे दो, मैं सारी तसवीरें हटा दूंगी.’’

‘‘दीदी, आप एक औरत हो कर…’’

‘‘फालतू बातें करने का वक्त नहीं है मेरे पास. मैं 2 दिन की मुहलत दे रही हूं.’’

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‘‘लेकिन, मेरे पास इतने पैसे कहां से…’’

‘‘बस, अब तू जा. 2 दिन बाद ही अपना मुंह दिखाना… अगर मुंह दिखाने के काबिल रहेगी तब.’’

कविता परेशान सी अपने कमरे में वापस आ गई. उस के दिमाग में पिछले 2 साल की घटनाएं किसी फिल्म की तरह कौंधने लगीं…

कविता 2 साल पहले गांव से ठाणे आई थी. उस का पति रामप्रसाद ठेले पर छोटामोटा सामान बेचता था. घनश्याम के घर में उसे किराए पर 2 छोटेछोटे कमरों का मकान मिल गया था. वहीं वह अपने 6 महीने के बच्चे और पति के साथ रहने लगी थी.

सबकुछ सही चल रहा था. एक दिन जब रामप्रसाद ठेला ले कर सामान बेचने चला गया था तो घनश्याम उस के घर में आया था. थोड़ी देर इधरउधर की बातें करने के बाद उस ने कविता को अपने आगोश में भरने की कोशिश की थी.

जब कविता ने विरोध किया तो घनश्याम ने अपनी जेब से पिस्तौल निकाल कर उस के 6 महीने के बच्चे के सिर पर तान दी थी और कहा था, ‘बोल क्या चाहती है? बच्चे की मौत? और इस के बाद तेरे पति की बारी आएगी.’

कोई चारा न देख रोतीसुबकती कविता घनश्याम की बात मानती रही थी. यह सिलसिला 2 साल तक चलता रहा था. मौका देख कर घनश्याम उस के पास चला आता था. 1-2 बार कविता ने घर बंद कर चुपचाप अंदर ही पड़े रहने की कोशिश की थी, पर कब तक वह घर में बंद रहती. ऊपर से घनश्याम ने उस की बेहूदा तसवीर भी खींच ली थी जिन्हें वह सभी को दिखाने की धमकी देता रहता था.

इन हालात से बचने के लिए कविता ने कई बार अपने पति को घर बदलने के लिए कहा भी था पर रामप्रसाद उसे यह कह कर चुप कर देता था कि ठाणे जैसे शहर में इतना सस्ता और महफूज मकान कहां मिलेगा? वह सबकुछ कहना चाहती थी पर कह नहीं पाती थी.

पर आज की धमकी के बाद चुप रहना मुमकिन नहीं था. कविता की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. इतने पैसे जुटाना उस के बस में नहीं था. यह ठीक है कि रामप्रसाद ने मेहनत कर काफी पैसे कमा लिए हैं, पर इस लालची की मांग वे कब तक पूरी करते रहेंगे. फिर पैसे तो रामप्रसाद के खाते में हैं. वह एक दुकान लेने के जुगाड़ में है. जब रामप्रसाद को यह बात मालूम होगी तो वह उसे ही कुसूरवार ठहराएगा.

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रामप्रसाद रोजाना दोपहर 2 बजे ठेला ले कर वापस आ जाता था और खाना खा कर एक घंटा सोता था. मुन्ने के साथ खेलता, फिर दोबारा 4 बजे ठेला ले कर निकलता और रात 9 बजे के बाद लौटता था.

‘‘आज खाना नहीं बनाया क्या?’’ रामप्रसाद की आवाज सुन कर कविता चौंक पड़ी. वह कुछ देर रामप्रसाद को उदास आंखों से देखती रही, फिर फफक कर रो पड़ी.

‘‘क्या हुआ? कोई बुरी खबर मिली है क्या? घर पर तो सब ठीक हैं न?’’ रामप्रसाद ने पूछा.

जवाब में कविता ने ह्वाट्सऐप पर आई तसवीर को दिखा दिया और सारी बात बता दी.

‘‘तुम ने मुझे बताया क्यों नहीं?’’ रामप्रसाद ने पूछा.

कविता हैरान थी कि रामप्रसाद गुस्सा न कर हमदर्दी की बातें कर रहा है. इस बात से उसे काफी राहत भी मिली. उस ने सारी बातें रामप्रसाद को बताईं कि किस तरह घनश्याम ने मुन्ने के सिर पर रिवौल्वर सटा दिया था और उसे भी मारने की बात कर रहा था.

रामप्रसाद कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला, ‘‘इस में तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी ही है कि तुम ने पहले ही दिन मुझे यह बात नहीं बताई. खैर, बेटे और पति की जान बचाने के लिए तुम ने ऐसा किया, पर इन की मांग के आगे झुकने का मतलब है जिंदगीभर इन की गुलामी करना. मैं अभी थाने में रिपोर्ट लिखवाता हूं.’’

रामप्रसाद उसी वक्त थाने जा कर रिपोर्ट लिखा आया. जैसे ही घनश्याम और उस की पत्नी को इस की भनक लगी वे घर बंद कर फरार हो गए.

कविता ने रात में रामप्रसाद से कहा, ‘‘मुझे माफ कर दो. मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई.’’

‘‘माफी की कोई बात ही नहीं है. तुम ने जो कुछ किया अपने बच्चे और पति की जान बचाने के लिए किया. गलती बस यही कर दी तुम ने कि सही समय पर मुझे नहीं बताया. अगर पहले ही दिन मुझे बता दिया होता तो 2 साल तक तुम्हें यह दर्द न सहना पड़ता.’’

कविता को बड़ा फख्र हुआ अपने पति पर जो इन हालात में भी इतने सुलझे तरीके से बरताव कर रहा था. साथ ही उसे अपनी गलती का अफसोस भी हुआ कि पहले ही दिन उस ने यह बात अपने पति को क्यों नहीं बता दी. उस ने बेफिक्र हो कर अपने पति के सीने पर सिर रख दिया.

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Winter Special: सर्दियों में पानी पीना न करें कम

हमारा शरीर जिन तत्वों से बना है, उसमें जल मुख्य घटक है. अगर शरीर में जल की मात्रा कम हो जाए, तो जीवन खतरे में पड़ जाता है.  इससे यह बात बिल्‍कुल साफ है कि पानी पीना हमारे लिए कितना जरूरी है.

गर्मियों में प्यास अधिक लगती है तो लोग पानी भी खूब पीते हैं मगर सर्दियों में यह मात्रा कम हो जाती है. इसकी एक वजह यह है कि हमें इन दिनों प्यास नहीं लगती, जिसके कारण लोग पर्याप्‍त पानी नही पीते हैं. इस वजह से कई गंभीर समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.

शरीर में पानी की कमी डिहाइड्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और इंफेक्शन जैसी बीमारियों को जन्म देती है. पानी की कमी से पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है जिस कारण सिरदर्द और थकान की शिकायत होती है. कई लोग बुखार में मरीज को पानी नहीं देते. जबकि बुखार और डायरिया में शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है.  डायरिया में शरीर में पानी की कमी के कारण मरीज की हालत खराब हो सकती है. इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में उसे पानी देते रहना चाहिए. बुखार में शरीर का तापमान सही रखने के लिए पानी की जरूरत ज्यादा होती है.

महिलाओं के लिए है जरूरी

महिलाओं को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए.  स्त्रियों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या होती है.  इसी वजह उनके शरीर को पानी की अधिक जरूरत होती है. जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं या स्तनपान कराती हैं उनके शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. कोई भी इंसान खाने के बिना कई दिनों तक रह सकता हैं, पर शरीर को पानी रोज चाहिए. शरीर के मेटाबोलिज्म, डाइजेशन और एबजॉरव्शन के लिए पानी की बेहत जरूरत होती हैं. शरीर के यूरिया, सोडियम और पोटेशियम जैसे विषैले पदार्थ को बाहर करने और तापमान सही रखने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है.

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खूबसूरती के लिए 

त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पिएं.  पानी की कमी त्वचा को रूखा बनाती है.  रूखी त्वचा पर झुर्रियां भी जल्द पड़ती हैं.  इसलिए त्वचा में नमी के लिए पानी पीएं ताकि त्वचा चमकदार और जवां बनी रहे.  शरीर में पानी की कमी मोटापा भी बढ़ाता है.  पर्याप्त पानी पीने से वजन भी नियंत्रित रहता है.  आप चाहें तो डाइट से भी शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं.  खाने में खीरा, तरबूज, खरबूज और दूसरे फल शामिल कर पानी की पूर्ति कर सकते हैं.  सर्दियों के मौसम में कई तरह की हरी सब्जियां मिलती हैं जिससे शरीर को पानी मिलता है.

इस वजह से भी पीएं पानी

पानी पीना इस इस बात पर भी निर्भर करता हैं कि आपकी दिनचर्या कैसी है.  अगर आप ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं तो आपके शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत है.  जो लोग एक्‍सरसाइज करते हैं उन्‍हें भी भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए.  पसीना, यूरिन अैर मेटाबोलिज्म फंक्शन के कारण शरीर में पानी की कमी होती है. इसलिए पानी ज्यादा से ज्यादा पीना जरूरी है.

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नाश्ते में बनाएं बनाना पैनकेक

नाश्ता हर गृहिणी के लिए अक्सर बहुत बड़ी समस्या होती है क्योंकि इसे हर सुबह या शाम को बनाना होता है इसलिए इसका पौष्टिक होना भी अत्यंत आवश्यक है. हमारे घरों में पैनकेक बनाने के लिए आमतौर पर मैदा का प्रयोग किया जाता है लेकिन दूसरे प्रिजर्वेटिव इत्यादि डाले जाने से इसका कम से कम प्रयोग किया जाना चाहिए. लेकिन आज हम आपको आटे और केले के कौम्बिनेशन से पैनकेक बनाने की रेसिपी बताएंगे.

सामग्री

–  1/2 कप गेहूं का आटा

– 1 मैश किया केला

– थोड़ा सा टुकड़ों में कटा गुड़

–  1/2 छोटा चम्मच वैनिला ऐसैंस

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– 1 कप सोया मिल्क

– 1 छोटा चम्मच घी.

विधि

एक बाउल में आटा ले कर उस में मैश किया केला डालें. फिर इस में गुड़, वैनिला ऐसैंस व सोया मिल्क डाल कर अच्छी तरह तब तक फेंटें, जब तक गुड़ उस में अच्छी तरह मिल न जाए व वह बैटर की फौर्म में न आ जाए. इस के बाद एक नौनस्टिक पैन को मीडियम आंच पर गरम कर के उस में थोड़ा सा घी डाल कर अच्छी तरह फैलाएं. अब 1 चम्मच बैटर ले कर उसे पैन पर गोलाकार पैन केक बनाते हुए घुमाएं. इसे तब तक पकाएं, जब तक यह किनारों से सुनहरा न हो जाए. फिर इसे पलट कर दूसरी तरफ से भी पकाएं. पैनकेक बनने के बाद इसे आंच से उतार कर गरमगरम सर्व करें.

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नई दुल्हन के लिए परफेक्ट है Kundali Bhagya की ‘प्रीता’ के ये लुक्स, जल्द करेंगी शादी

इन दिनों सेलेब्सकी शादियों की खबरें सोशलमीडिया पर छाई हुई हैं. जहां एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे ने फैंस को शादी की जानकारी दी तो वहीं खबरे हैं कि कुंडली भाग्य की प्रीता यानी लीड एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या जल्द ही दुल्‍हन बनने वाली हैं. खबरों की मानें तो एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या 16 नवंबर 2021 को दिल्ली में शादी करेंगी. हालांकि अभी तक उनकी शादी और पति को लेकर कोई बयान सामने आया है. लेकिन आज हम आपको श्रद्धा आर्या की शादी की नहीं बल्कि उनके इंडियन लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे नई दुल्हन ट्राय कर सकती हैं. शादियों के सीजन में नई बहू या होने वाली बहू के लुक्स खास होने चाहिए. इशीलिए आज हम टीवी की पौपुलर बहू के लुक्स की झलक आपको दिखाएंगे.

लाल लहंगे में जीते दिल

 

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नई दुल्हन के लिए लाल कलर काफी ट्रैंड में रहता है. वहीं रेड कलर नई दुल्हन के लुक पर चार चांद भी लगाता है. श्रद्धा आर्या का रेड कलर का लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन साबित हो रहा है.

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ब्लू लहंगा करें ट्राय 

 

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अगर आप वेडिंग सीजन में कुछ नया और ट्रैंडी ट्राय करना चाहती हैं तो श्रद्धा आर्या का ब्लू लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ आप अपने लुक पर चार चांद लगा सकती हैं.

सूट के औप्शन भी हैं खास

 

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लहंगे के अलावा श्रद्धा आर्या का सूट कलेक्शन भी खास है. सिंपल ग्रीन कलर के सूट के साथ फ्लावर प्रिंटेड दुपट्टा आप ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लुक को ट्रैंडी बनाने के साथ एलीगेंट दिखाने में भी मदद करेगा.

हल्दी फंक्शन में ट्राय करें ये लहंगा

 

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अगर आप नई बहू हैं और किसी शादी के फंक्शन का हिस्सा बनने वाली हैं तो श्रद्धा आर्या का ये सिंपल लहंगा बेहद खूबसूरत लगेगा. प्लेन सिल्क कौम्बिनेशन में ये लहंगा आपको रौयल लुक देगा.

 

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बच्चों का बचपन तो न छीनो

धारावाहियों की जानीमानी ऐक्ट्रैस श्वेता तिवारी के मामले में मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि यद्यपि श्वेता तिवारी एक बिजी ऐक्टै्रस है पर वह अपने 5 साल के  छोटे बेटे का ध्यान अकेले नहीं रख सकती है, गलत है. श्वेता तिवारी का अपने पति अभिनव कोहली से कस्टडी का विवाद चल रहा है और दोनों में तलाक का मुकदमा चल रहा है. बेटा अभी श्वेता तिवारी के पास रह रहा है और अभिनव उस से मिल तक नहीं पाता.

अभिनव का कहना था कि उस के पास बच्चे को संभालने का काफी टाइम है जबकि श्वेता अपनी शूटिंगों में बिजी रहती है. हाई कोर्ट के जजों एसएस शिंदे और एन.जे. जामदार ने अभिनव को बेटे से सप्ताह में 2 घंटे मिलने और 30 मिनट की वीडियो कौल का हक दिया, उस से ज्यादा नहीं.

जिन विवादों में झगड़ा हो जाता है उन में पति की संपत्ति से ज्यादा जो दर्द देने वाला मामला होता है वह छोटे से या बड़े होते बच्चों की कस्टडी या उन से मिलने के अवसरों का होता है.

मांएं अकसर केवल पूर्व पति को तंग करने के लिए बच्चे पर संपूर्ण हक जमाने की कोशिश करती हैं, वे तरहतरह के आरोप लगा कर पति का पिता का हक भी छीन लेना चाहती हैं. यही विवाह की सब से बड़ी ट्रैजेडी है.

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एक बार बच्चा हो जाने के बाद एक स्वाभाविक व प्राकृतिक लगाव पिता के मन में बच्चे के प्रति पैदा हो जाता है. वह दुनिया के सारे दुख भूल कर, संपत्ति दे कर बच्चे का साथ चाहता है और मां को परपीड़न सुख मिलता है. जब वह मां होने के नाते, जिस ने 9 महीने बच्चे को गर्भ में रखा, जिस ने अपनी ब्रैस्ट से दूध पिलाया, जिस ने रातरात भर जाग कर नैपी बदलीं, बच्चे पर पूरा हक मांगती है और पिता को सताती है.

जहां पैसे का मामला हो वहां तो थोड़ाबहुत लिहाज रहता है पर जहां पत्नी काफी कमा रही हो, वह वह पति के पैसे के बदले बच्चे के साथ रहने का हक नहीं छोड़ना चाहती जबकि संतान वह दोनों की होती है.

बच्चे क्या चाहते हैं यह आमतौर पर स्पष्ट नहीं होता क्योंकि स्वाभाविक लगाव तो हर बच्चे का मां के साथ ही होता है. 30-40-50 साल का बेटा भी जो बातें मां से शेयर कर सकता है, वह पिता से नहीं. पिता और बच्चों में प्यार तो होता है पर संवाद के खुलेपन पर एक अदृश्य सा परदा पड़ा रहता है.

पिता दो टूक बात कहता है,  दो टूक सुनता है. मां पूरी कहानी सुनने को तैयार है, शुरू से आखिर तक. मां का प्रेम वात्सल्य वाला होता है, पिता का तार्किक, व्यावहारिक और थोड़ा रूखा. पिता के साथ रहते बच्चे भी भागभाग कर मां के पास पहुंचते हैं चाहे मां ने भले ही दूसरी शादी कर ली हो और दूसरे पति से उस के और बच्चे भी हो गए हों. बेटियों का लगाव तो पिताओं से बहुत देर में पनपता है जब उन्हें एक संरक्षक की जरूरत पड़ती है.

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मुंबई हाई कोर्ट की राय अपनेआप में ठीक है कि व्यस्त मां भी बच्चे का खयाल रख सकती है. मां के पास यदि पैसा है तो वह सुरक्षा व देखभाल करने वालों को जमा कर सकती है. यदि पतिपत्नी में बन रही हो और दोनों कामकाजी हों तो भी बच्चे तो कुकों और आयों के हाथों ही पलते हैं. आज की तो दादीनानी भी देखभाल करने को मना कर देती हैं.

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जल्दी खत्म हो जाती है सैलरी…

महंगाई ज्यादा है और सैलरी कम. ऐसे में बचत और निवेश करें, तो कैसे करें. यहां दो जून की रोटी जुगाड़ने में सारा पैसा जा रहा है. हममें से ज्यादातर लोगों की सैलरी महीना पूरा होने से पहले ही खत्म हो जाती है.

फिर शुरू होता है वो दौर जब अगली सैलरी का बेसब्री से इंतजार किया जाता है. सैलरी, बचत और निवेश के कई ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे.

रोजाना की जरूरत में खर्च होती सैलरी

आपको जानकर हैरानी होगी कि 10 में से 9 परिवार अपनी सारी कमाई रोजाना की जरूरत पूरा करने में खर्च कर देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में 94% परिवार ऐसे हैं जो 70-100% सैलरी खर्च कर देते हैं. अब इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि भारत के लोग बचत को लेकर कितने अलर्ट हैं.

भारतीयों को लोन का बोझ नापसंद

भले ही सबका सपना घर खरीदने का हो, लेकिन ज्यादातर लोग इसके लिए लोन लेने में सहज महसूस नहीं करते. शायद इसलिए क्योंकि हम भारतीयों की एक खासियत है कि हम किसी के बोझ तले दबे रहने में सुकून महसूस नहीं करते. यही कारण है कि 20 में से 17 परिवारों पर होम लोन का कोई बोझ नहीं है.

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खाली जेब

देश के आधे परिवार की तनख्वाह महीने के अंत तक खत्म हो जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 47 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जो अपनी इनकम का 1-29 फीसदी हिस्सा बचा लेते हैं. वहीं हैरानी वाली बात यह है कि सिर्फ 1.3 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो हर महीने 50-100 फीसदी की बचत करते हैं.

ठन-ठन गोपाल

चौंकाने वाली बात है कि 10 में से 8 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास निवेश के लिए कोई बचत नहीं होती. 84 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो 1-29 फीसदी के बीच निवेश करते हैं. वहीं, 50 फीसदी से ज्यादा निवेश करने वालों की लिस्ट में एक फीसदी परिवार भी शामिल नहीं हैं.

बैंक में भागीदारी

करीब आधे भारतीय आज भी बचत के लिए पुराने फिक्स डिपॉजिट पर कायम हैं. वहीं, 5 में से 1 आदमी का पैसा टैक्स बचत वाले देशों के बैंकों में रखा है.

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बचत के लिए अच्छी जगह

भारत में 56.2 फीसदी लोग बैक डिपॉजिट में निवेश करते हैं. वहीं, 9.5 फीसदी (रियल स्टेट), 6.3 फीसदी (बीमा,) 3.8 फीसदी (सोना) और 2.1 फीसदी दूसरी चीजों में. बता दें कि 20.7 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस बात का जवाब देने से ही इनकार कर दिया.

भविष्य की चिंता

हमारे देश में दो तिहाई लोग ऐसे हैं, जो नौकरी जाने के खौफ से बचत करते हैं. आपको जानकर हैरानी ऐसे लोगों की तादाद 70.6 फीसदी है.

फ्रिजिडिटी : इलाज है

कई स्त्रियां ऐसी होती हैं, जो सहवास के दौरान उत्तेजित नहीं हो पाती हैं, जिस से वे सहवास के दौरान पति को सहयोग भी नहीं दे पाती हैं. ऐसी स्त्रियां ‘फ्रिजिड’ अर्थात ‘ठंडी’ स्त्री के रूप में जानी जाती हैं. फ्रिजिड स्त्री की व्यथा को न कोई जान सकता है और न ही समझ सकता है. वह स्वयं भी इस बात को जान नहीं पाती कि वह यौन सुख से वंचित क्यों है? जिस प्रकार छप्पन पकवानों से सजी थाली का भोजन नलिका द्वारा पेट में पहुंचाए जाने पर व्यक्ति को स्वाद का पता नहीं चलता, ठीक उसी प्रकार फ्रिजिड स्त्री संतान तो उत्पन्न कर सकती है, लेकिन यौनसुख का अनुभव नहीं कर सकती. पति उस की फ्रिजिडिटी (ठंडेपन) से तंग आ कर पत्नी को मानसिक रूप से प्रताडि़त करता है और उसे शारीरिक पीड़ा भी पहुंचाता है. वह समझता है कि उस की पत्नी उसे जानबूझ कर सहयोग नहीं देती है या कोई अनैतिक संबंध रख कर उस से बेवफाई कर रही है. इस से पतिपत्नी के बीच दीवार खड़ी हो जाती है और पत्नी को स्वयं को कोसने के सिवा कोई चारा नहीं रह जाता है.

मेरे पास ऐसी कई स्त्रियां आई हैं, जिन में से कुछ की ‘केस हिस्ट्री’ आप को बताना चाहूंगा ताकि आप लोगों को फ्रिजिड स्त्रियों की व्यथा का पता चल सके. 23 वर्षीय मध्यवर्गीय वैशाली मासूमियत की प्रतीक थी. खुले दिल से हंसना, तत्परता से काम करना व कपटरहित व्यवहार उस का स्वभाव था. जब एक बड़े घराने में उस की शादी हुई तो वह खुशी से नाच उठी. उस ने सोचा कि अब उसे किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी, लेकिन कुछ दिनों में उस का यह भ्रम टूट गया. उस की हंसी, उछलकूद, सब से हिलनामिलना आदि पर पाबंदी लग गई, क्योंकि उस बड़े घराने में इसे अशिष्ट माना जाता था. हमेशा सास और ननद उस की हंसी उड़ाया करती थीं, जिस से वह धीरेधीरे स्वयं में खोने लगी. यहां तक की पति के साथ सहवास के समय पर अत्यंत आनंद के क्षणों में मुंह से निकले हुए उद्गार अथवा सिसकारी को दबाने लगी, क्योंकि उसे डर था कि पति उसे बदचलन या अशिष्ट स्त्री न समझ ले. धीरेधीरे वह भावशून्य होने लगी. बच्चे होने पर वह बच्चों में ही अधिक समय बिताने लगी और पति की मांग के कारण केवल एक फर्ज के रूप में यौन संबंध रखने लगी. वह यह भी भूल गई कि इस संबंध में सुख भी मिलता है.

हादसे की शिकार

उर्वशी की समस्या कुछ अलग ही है. विवेक जैसे शिक्षित, सुशील और होनहार युवक से उस का विवाह हुआ था, जो उस के कालेज जीवन का प्रेमी था. विवाह से पहले उर्वशी अपने प्रेमी विवेक से मिलने के लिए हमेशा आतुर रहती थी. वह अधिक से अधिक समय उस के साथ बिताना चाहती थी. जब दोनों का विवाह हुआ तो उस रात बड़ी देर तक विवेक दोस्तों से छुटकारा नहीं पा सका. उर्वशी उस की राह देखतेदेखते थक कर अपने कमरे में सो गई. जब विवेक बहुत देर बाद कमरे में पहुंचा तो उर्वशी की सुंदरता देख कर मुग्ध हो गया. उस ने धीरे से उस का सिर उठा कर एक चुंबन ले लिया, जिस से उर्वशी घबरा कर उठ गई और सिसकसिसक कर रोने लगी. उस का सारा शरीर कांप रहा था और वह पसीने से तरबतर हो गई. यह देख कर विवेक बहुत डर गया, क्योंकि उस ने ऐसा उर्वशी को डराने के लिए नहीं किया था. वह उर्वशी से बारबार माफी मांगने लगा. थोड़ी देर बाद उर्वशी सामान्य हुई तो घबराहट के कारण हुई गलतियों पर शर्मिंदा होने लगी. जब दोनों पतिपत्नी हनीमून के लिए गए, तब सहवास के दौरान उर्वशी को निश्चेष्ट और बर्फ समान ठंडा पा कर विवेक को बहुत परेशानी हुई, क्योंकि वह तृप्ति से वंचित रह जाती थी.

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विवेक को कुछ समझ में नहीं आया कि दिन भर प्यार करने वाली उर्वशी सहवास के दौरान ऐसा बरताव क्यों करती है? डाक्टरी जांच कराने पर पता चला कि 14 साल की उम्र में जब वह मामा के घर किसी की शादी में गई थी, एक दिन दोपहर के समय वह सो गई थी, तब एक लड़का छिप कर उस के कमरे में आ गया और उस से जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा. उर्वशी ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी लाज बचाई. जैसेजैसे दिन बीतते गए उर्वशी उस हादसे को भूल गई, लेकिन विवेक द्वारा लिए गए प्रथम चुंबन ने उस के अवचेतन मन में छिपे इस पुराने डर को ताजा कर दिया, जिस से उस की भावनाएं आहत हुईं और वह फ्रिजिड हो गई.

शर्म व तनाव के कारण

रीता शर्मीले स्वभाव की लड़की थी. उस की सगाई सुदेश के साथ हो गई थी. एक दिन जब घर में कोई नहीं था, तो रीता को अकेली पा कर सुदेश उत्तेजित हो उठा और उस ने रीता से सहवास की मांग की, जिस से वह सहम गई. वह सोचने लगी कि यदि वह सुदेश को मना करती है तो वह नाराज हो जाएगा. अगर वह उस की बात मान लेती है तो उस की बदनामी हो जाएगी और उस के मन में गर्भवती होने का डर भी उत्पन्न हो गया. इस बीच सुदेश ने रीता के मौन को सहमति समझ कर सहवास कर ही लिया. इस के बाद रीता हताश और बेचैनी की अवस्था में मासिकधर्म की राह देख कर दिन बिताने लगी. जिस दिन रीता को मासिकधर्म शुरू हुआ उस ने चैन की सांस ली और आराम की नींद सोने लगी. लेकिन उस के कुछ समय बाद ही सुदेश ने उसे फ्रिजिड लड़की कह कर सगाई तोड़ दी. दुनिया की कोई भी स्त्री जन्म से फ्रिजिड नहीं होती. वह फ्रिजिड अपने घर के वातावरण, समाज और किसी भी हादसे के कारण जैसे- बलात्कार आदि से बन सकती है.

फ्रिजिडिटी मानसिक और शारीरिक कारणों से आती है, जिन में शारीरिक कारण तो बहुत कम होते हैं, लेकिन मानसिक कारण अधिक होते हैं. इसलिए उपरोक्त उपायों को अपना कर फ्रिजिडिटी दूर की जा सकती है और दांपत्य जीवन को सहज और सुखद बनाया जा सकता है.        

शारीरिक कारण

शारीरिक विकलांग अवस्था में योनि का न होना. वैसे यह कारण बहुत कम स्त्रियों में होता है.

दुखद यौन संबंध, योनि शोथ, गर्भाशय शोथ, रजोनिवृत्ति हो जाना, अंडाशय और यकृत रोग भी इस का कारण हो सकते हैं.

गर्भवती और गुप्तरोग हो जाने की शंकाएं भी स्त्री को फ्रिजिड बना देती हैं.

रक्तचाप कम करने वाली दवाओं का सेवन, नींद की गोलियां, ट्रैंक्विलाइजर्स और 3-4 साल से लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन भी फ्रिजिडिटी उत्पन्न कर सकता है.

मानसिक कारण

जब बच्चे बचपन में अनजाने में अपने शरीर को समझने के लिए यौनांगों को छूते हैं, तब उन्हें इस के लिए डांटा जाता है और कभीकभी तो मातापिता उन्हें सजा भी दे देते हैं.

बचपन से ही कड़े अनुशासनपूर्ण माहौल में परवरिश होने के कारण, जिस में सैक्स को बुरा या गंदा मानने वाले विचारों का बच्चे के मन में घर कर जाना, बच्चों द्वारा किए गए सैक्स संबंधित सवालों का जवाब न देना या डांट देना भी फ्रिजिडिटी का कारण होता है.

भावनाओं को दबाना, लड़के और लड़की से किए जाने वाले व्यवहार में भिन्नता, जिस में लड़की की उपेक्षा करना लड़की की आयु बढ़ने पर उस में फ्रिजिडिटी उत्पन्न कर देता है. इसे मूल कारण समझा जा सकता है.

धार्मिक शिक्षा, जो सैक्स को पाप मानती है और सहवास को केवल पुत्र प्राप्ति का साधन मात्र मानती है.

कई बार पुरुष अपने शीघ्रपतन और नपुंसकता की समस्या को छिपाने के लिए भी पत्नी को फ्रिजिड कह देता है, जिस से उस का मन आहत हो उठता है और वह फ्रिजिड बन जाती है.

मानसिक रोग जैसे डिप्रैशन, तनाव, चिंता आदि भी फ्रिजिडिटी पैदा करते हैं.

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फ्रिजिडिटी दूर करने के उपाय

यदि पतिपत्नी एकदूसरे को समझने का प्रयास करें व पति अपनी पत्नी को उचित प्यार व सहयोग दे तो यह समस्या हल हो सकती है.

पत्नी के मन में भी इसे दूर करने की तीव्र इच्छा होनी चाहिए. पतिपत्नी के बीच उत्पन्न तनाव के कारणों को दूर करना चाहिए.

पतिपत्नी युगल चिकित्सा का सहारा ले कर भी इसे दूर कर सकते हैं.

प्रेम, स्पर्श, आलिंगन व रसभरी बातों से भी इसे दूर किया जा सकता है.

इस के अलावा ‘सैक्स पावर’ बढ़ाने वाली एक्सरसाइज द्वारा भी आप इसे दूर कर सकते हैं.

इस में सम्मोहन चिकित्सा बहुत ही लाभकारी होती है, जो मन में बैठे हुए अज्ञात भय को निकालती है.

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कई बार आप उस रास्ते पर चल पड़ते है, जहाँ आपकी मंजिल नहीं होती. ये समझना मुश्किल है कि आपकी मंजिल है कहाँ, पर आपकीसमझ उसे महसूस करवाती है और आप सही दिशा निर्देश की ओर चल पड़ते है. कुछ ऐसा ही सोचते है, मॉडल और अभिनेता क्रुशाल आहूजा, स्पोर्ट्स पर्सन होने के बावजूद वे अभिनेता बनें और एक सफल कलाकार के रूप में जाने जाते है. कोलकाता में जन्मे और वहां रहने वाले क्रुशल ने बांग्ला धारावाहिकों और फिल्मों में काम किया है,उनकी बांग्ला धारावाहिक ‘रानू पेलो लटारी’ और ‘की कोरे बोलबो तोमाय’ को दर्शकों ने काफी पसंद किया, जिससे वे बांग्ला इंडस्ट्री में काफी लोकप्रिय हुए. उनके इस काम में उनके परिवार वालों ने काफी सहयोग दिया है. क्रुशाल को हिंदी धारावाहिकों में काम करने की इच्छा थी और अब उन्हें जी टीवी की हिंदी धारावाहिक ‘रिश्तों का मांझा’ में मुख्य भूमिका अर्जुन अग्रवाल की निभाने का अवसर मिला है, जिससे वे बहुत खुश है.इस धारावाहिक में क्रुशाल की भूमिका को दर्शक पसंद भी कर रहे है, जिम करते हुए उन्होंने कोलकाता से बात की, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल– इस धारावाहिक में काम करने की खास वजह क्या है?

जवाब – ये मेरी पहली हिंदी धारावाहिक है, जिसकी प्रतीक्षा मुझे बहुत दिनों से रही. इसके अलावा मुझे इसकी कहानी काफी पसंद आई. कहानी में बैडमिंटन, वुमन इमपॉवरमेंट, स्वीट लव स्टोरी आदि सबकुछ होने की वजह से मैं इसे मना नहीं कर पाया. इसके अलावा इसमें  अर्जुन एक लड़का, जो अपनी नकारात्मक सोच और समस्याओं से हार कर आत्महत्या करेगा या सब छोड़ देगा.उसके इस डार्क फेज में उसकी पत्नी ‘दिया’उसे उस दायरे से हमेशा निकालने में सफल होती है.

सवाल– ये कहानी एक बांग्ला धारावाहिक ‘दीप जेले जाय’ से कितना प्रेरित है?

जवाब – ये उस बांग्ला धारावाहिक की एडाप्टेशन है, लेकिन नेशनल ऑडियंस को ध्यान में रखते हुए कुछ बदलाव किये गए है.

सवाल– ये तो धारावाहिक है, जिसमें आप नकारात्मक सोच रख रहे है, क्या रियल लाइफ में आपको कभी डार्क फेज, डिप्रेशन या स्ट्रेस हुआ, जिससे आप पूरी तरह से टूट चुके हो, कैसे उससे निकले, किसने सहयोग दिया?

जवाब – ये तो हर दिन कुछ न कुछ होता रहता है. डिप्रेशन और तनाव हर किसी के जीवन में होता रहता है, लेकिन इसमें व्यक्ति की मानसिक अवस्था कितनी मजबूत है, उसे देखना पड़ता है, ताकि वह इंसान व्यक्ति या परिवार से अपनी बातें शेयर करते हो और डिप्रेशन में जाने की नौबत न आती हो. मैं क्रुशाल आहूजा कभी भी गिव अप नहीं करता, फाइट करताहूँ और समाधान भी निकालता हूँ. मेरे किसी समस्या में परिवार का सहयोग बहुत रहा है, इससे कभी गिवअप करने का सवाल नहीं उठा. इसके अलावा काम के साथ-साथ इंडस्ट्री की समस्या और पर्सनल समस्या सभी में भी उन्होंने साथ दिया है. इसलिए परिवार मेरे जीवन में एक बहुत बड़ा एडवांटेज है.

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सवाल– हिंदी में आप डेब्यू कर रहे है, जबकि आपने पहले बांग्ला धारावाहिकों में काम किया है, क्या इन दोनों माध्यम में किसी प्रकार का अंतर महसूस करते है?

जवाब–अंतर केवल भाषा का है. इमोशन सभी का एक ही होता है. नेशनल लेवल पर इस शो को जाने की वजह से इसकी मेकिंग पर खास ध्यान दिया जा रहा है. बाकी शूटिंग सब एक है.

सवाल– इसकी शूटिंग कहाँ की जा रही है?

जवाब– इसकी शूटिंग कोलकाता में की जा रही है.

सवाल– अभिनय में आने की प्रेरणा कैसे मिली? क्या आपके परिवार से कोई मनोरंजन के क्षेत्र में है?

जवाब– बचपन से मैं स्पोर्ट्स में था और कक्षा 12 तक स्पोर्ट्स को ही फोलो किया, पर एक दिन मैंने एक बांग्ला फिल्म की शूटिंग को स्कूल परिसर में होते हुए देखा, जिसमें स्कूल के 100 छात्र बैकग्राउंड में खड़े थे, उसमें मैं भी एक था. पूरे दिन शूटिंग को देखने में बहुत मजा आया और अभिनय के क्षेत्र में जाने की इच्छा हुई. मैं कोलकाता से मुंबई आकर एक संस्था से अभिनय की ट्रेनिंग ली और ऑडिशन देने लगा, लेकिन तब मुझे बांग्ला में अच्छा अवसर मिला और मैं उसमें अभिनय करने लगा.

सवाल–आप एक डांसर भी है, क्या उस दिशा में कुछ करने की इच्छा है?

जवाब– अभी डांस में मैं कुछ नहीं कर पाता,क्योंकि सारा दिन शूटिंग में गुजर जाता है. जब कभी चैनेल्स के प्रोग्राम या इवेंट्स होते है, तब डांस करने का मौका मिल जाता है. आगे डांस के क्षेत्र में कुछ करने की कोशिश करूँगा. इस समय काफी आउटडोर शूटिंग हो रहे थे,जिसमें समय का अभाव रहा है, लेकिन एक बार इन डोर में शिफ्ट हो जाने पर समय मिलेगा, फिर मैं डांस की नियमित प्रैक्टिस करूँगा.

सवाल– बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार मटेरियल वाले कलाकारों की कमी हो गयी है, जबकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार पहले से है और नए भी बन रहे है, आपकी सोच इस बारें में क्या है?

जवाब– मैं इस बात से निश्चित हूँ कि काफी लोग बांग्ला इंडस्ट्री में काम करने की कोशिश कर रहे होंगे, इसमें आर्टिस्ट्स, फिल्म डायरेक्टर, राइटर कोई भी हो सकता है, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल रहा है. मेरे हिसाब से ये सबकुछ समय का फेर है कि अच्छी प्रतिभा वाली कलाकारों की कमी दिख रही है, लेकिन आगे चलकर सभी को सुपरस्टार मैटर वाले हीरों भी मिल जायेंगे, क्योंकि प्रतिभा की कमी हमारे देश में नहीं है.

सवाल – क्या आगे हिंदी शो के अलावा बांग्ला में कुछ करने की इच्छा है?

जवाब –अच्छी स्क्रिप्ट जिसमें मुझे लीड के अलावा ग्रो करने का भी मौका मिलता है तो मैं बांग्ला ही नहीं किसी भी भाषा में हो,अवश्य करूँगा. फिलहाल मैं इस प्रोजेक्ट में व्यस्त हूँ.

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सवाल – क्या आपको मनपसंद पार्टनर मिल चुकी है?

जवाब – मुझे अभी तक कोई मनपसंद साथी नहीं मिला है और मैं उस बारें में अभी सोच भी नहीं रहा, क्योंकि मुझे एक्टिंग के क्षेत्र में खुद को स्थापित करना है. मैं जिस किसी से भी बात करता हूँ, लोग उसी को मेरा जीवन संगिनी बना देते है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. अगर कोई होगी, तो मुझे छुपाने वाली कोई बात नहीं होगी, बल्कि वह प्राउड मोमेंट होगा. मेरी सोच है कि मेरी जीवन संगिनी होने वाली साधारण, आकर्षक और लॉयल होने की जरुरत है, बाकी सारी चीजे मैनेज करना मुश्किल नहीं होता.

सवाल – आज के यूथ के लिए आपका मेसेज क्या है?

जवाब –नए जेनरेशन का स्ट्रेस लेवल बढ़ने की वजह हर किसी को ओवरनाईट कुछ न कुछ चाहिए, जो संभव नहीं. जल्दी सबकुछ पा लेने की चाह सही है या गलत समझ पाना मुश्किल है, क्योंकि ऐसी सफलता अधिक दिनों तक नहीं टिक पाती. इसलिए मेरा मेसेज यूथ से है कि अपनी फाउंडेशन को मजबूत कर, धैर्य और मेहनत से काम करें. आपमें प्रतिभा होने से आपको अपनी मंजिल एक साल या चार साल बाद अवश्य मिलेगी. इसका सबसे अच्छा उदाहरण अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी है, उन्होंने 14 साल तक इन्जार कर आज एक सुपरस्टार बन चुके है. ये सब उनकी धीरज, मेहनत और लगन का ही परिणाम है.

Bigg Boss 15: शो से अचानक बाहर हुए दो कंटेस्टेंट, जानें क्या है मामला

रियलिटी शो बिग बॉस 15 में आए दिन झगड़े देखने को मिलते हैं. लेकिन इस बार शो में प्यार भी देखने को मिल रहा है. जहां शमिता शेट्टी और राकेश बापट डेट पर जाते नजर आ रहे हैं. तो वहीं करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश के बीच धीरे-धीरे नजदीकियां देखने को मिल रही है. लेकिन इसी बीच शो में एक नहीं बल्कि दो शौकिंग इविक्शन हो गए हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दो कंटेस्टेंट हुए बाहर

 

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खबरों की मानें तो जहां हाल ही में वाइल्ड कार्ड एंट्री करने वाले राकेश बापट को किडनी में स्टोन की शिकायत के चलते बिग बॉस के घर से निकाल दिया गया है. दरअसल, रात में अचानक तबीयत खराब होने से मौजूद डॉक्टरों ने राकेश को शो से बाहर होकर अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी थी, जिसके चलते वह शो से बाहर आ गए हैं. दूसरी तरफ शो की दूसरी कंटेस्टेंट अफसाना खान हिंसा के चलते बिग बौस के घर से बाहर हो गई हैं. दरअसल, टास्क में हार से गुस्से में आईं अफसाना ने खुद को नुकसान करने की कोशिश के चलते शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

 

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दूसरी तरफ घर अपनी फिलिंग्स जाहिर कर चुके करण कुंद्रा ने तेजस्वी को एक नेकलेस गिफ्ट किया है, जिसे राकेश ने उन्हें लाकर दिया है. वहीं गिफ्ट मिलने के बाद तेजस्वी बेहद खुश नजर आ रही हैं. इसी के चलते फैंस को भी दोनों की कैमेस्ट्री पसंद आ रही है. हालांकि काम्या पंजाबी का कहना है कि करण कुंद्रा को अपने गेम पर ध्यान देना चाहिए और तेजस्वी के साथ अपनी कैमेस्ट्री पर अभी ब्रेक लगाना चाहिए.

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