स्किन रूटीन में शामिल करें हाइड्रेटर्स

महिलाओं की जब उम्र बढ़ती है  तो उनमें होने वाली आम स्किन समस्याओं में ड्राई स्किन की समस्या होती है. इसका कारण यह है कि स्किन तब  नमी बनाए रखने में कम सक्षम हो जाती है और खुजली, परतदारपन और कुछ केसेस में यहां तक कि एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समास्याएं भी हो जाती हैं. दुर्भाग्य से इन स्किन समस्याओं के पीछे डिहाइड्रेशन एक प्रमुख कारण होता है और अधिकांश महिलाओं को इस स्थिति के बारे में पता नहीं होता है. हालांकि बहुत से लोगों को लगता है कि हाइड्रेशन केवल उन्हीं लोगों के लिए आवश्यक है जिनकी स्किन ड्राई  या डिहाइड्रेट है. लेकिन, जैसे आपके शरीर को काम करने के लिए हाइड्रेशन की जरूरत होती है, वैसे ही आपकी स्किन को भी हाइड्रेशन की ज़रूरत होती है.

स्किन के लिए हाइड्रेशन का क्या मतलब है? क्या यह मॉइस्चराइजिंग की तरह होती है और, बाजार में उपलब्ध तेल, जैल और क्रीम की विस्तृत रेंज से अपनी स्किन के लिए सही हाइड्रेटिंग प्रोडक्ट को कैसे चुने? जानिए.

 हाइड्रेटर और मॉइस्चराइजर में क्या अंतर होता है?

आईएसएएसी लयूक्स के मेडिकल डायरेक्टर और फाउंडर, सेलिब्रिटी एस्थेटिक फिजिशियन डॉ गीतिका मित्तल गुप्ता के अनुसार मॉइस्चराइज़र में आम तौर पर तेल-आधारित तत्व होते हैं जैसे पेट्रोलाटम या मिनिरल तेल, और एस्टर तथा पौधे के तेल जैसे एमोलांइट आदि. जब स्किन पर मॉइस्चराइजर लगाया जाता है, तो यह स्किन की सतह पर एक सील बनाता है. यह सील पानी को बंद कर देती है और पानी को बाहर निकलने से रोकती है. ऐसा करने से यह स्किन को कम रूखा और चिकना बनाता है. जबकि, एक हाइड्रेटर में ग्लिसरीन या हाइलूरोनिक एसिड जैसे ह्यूमेक्टेंट्स नामक तत्व होते हैं. यह वातावरण या आपकी त्वचा से पानी को अवशोषित करता है और इसे आपकी स्किन पर बनाए रखता है. चूंकि दोनों प्रोडक्ट आपकी स्किन के लिए अलग-अलग तरह से काम करते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि अपनी स्किन के अनुसार इन प्रोडक्ट का चयन करना चाहिए क्योंकि ये प्रोडक्ट आपकी स्किन के लिए लाभदायक तथा नुकसानदायक भी हो सकते हैं. इन दोनों प्रोडक्ट का काम स्किन को बेहतर हाइड्रेटेशन प्रदान करना होता है.  लेकिन आपके लिए कौन सा प्रोडक्ट उपयुक्त होगा यह आपकी स्किन टाइप पर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ें- पहली डेट के लिए हैं ये खास 7 ब्‍यूटी टिप्‍स

प्रोफिलो ने एक नया और लोकप्रिय सॉल्यूशन प्रदान किया है जिसने हाल के दिनों में लोकप्रियता हासिल की है. यह स्किन की परतों में हयालूरोनिक एसिड को इंजेक्ट करके काम करता है, जिसके परिणामस्वरूप स्पष्ट रूप से स्किन हाइड्रेटेड, स्वस्थ और स्किन का पुनर्निर्माण होता है. यह विशेष रूप से प्रभावी स्किन बायो-रीमॉडेलिंग के माध्यम से इन समस्याओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

अपनी स्किन टाइप के अनुसार आपको किस तरह का हाइड्रेटर चुनना चाहिए?

अगर आपकी स्किन ऑयली है तो पानी आधारित हाइड्रेटर का इस्तेमाल करें

ऑयली स्किन वाले ज्यादातर लोगों को लगता है कि उनकी स्किन डीहाइड्रेटेड नहीं है. यह वास्तव में एक गलत धारणा है. ऑयली स्किन होने का मतलब  यह नहीं होता है कि आपकी स्किन डीहाइड्रेटेड नहीं है. बल्कि, अगर आपकी त्वचा डीहाइड्रेटेड है, तो यह वास्तव में आपके तेल की समस्याएं हो सकती है. जिन लोगों की ऑयली स्किन होती है, उनमें समस्या हो सकती है क्योंकि ऑयली स्किन के लिए त्वचा में नमी बनाए रखना बेहद कठिन हो जाता है. जैसे ही नमी स्किन से निकलती है, यह डीहाइड्रेटेड हो जाती है, जिससे स्किन ज्यादा तेल का उत्पादन करती है. यह एक दुष्चक्र है, और इसे तोड़ने का एकमात्र तरीका यह है कि आपकी स्किन को उचित हाइड्रेटेशन और नमी मिलती रहे. पानी आधारित, नॉन-कॉमेडोजेनिक हाइड्रेटर्स और मॉइस्चराइज़र का विकल्प चुनना चाहिए. यह देखा गया है कि पानी आधारित प्रोडक्ट आपकी स्किन के लिए आश्चर्यजनक रिजल्ट देते हैं क्योंकि ये स्किन पर हल्का महसूस होते हैं और आपके रोमछिद्रों को भी बंद नहीं करते हैं.

अगर आपकी स्किन डीहाइड्रेटेड है तो हाइड्रेटिंग सीरम का इस्तेमाल करें

अगर आपकी स्किन ड्राई  या डीहाइड्रेट है, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सक्रिय रूप से स्किन में वापस पानी की उपस्थिति को लाना होगा. आपको हयालूरोनिक एसिड के साथ एक हाइड्रेटिंग सीरम को चुनना चाहिए, जो पानी में अपने वजन का 1,000 गुना प्रभावशाली बनाए रखता है – और स्किन में हाइड्रेशन को बनाए रखता है.

ये भी पढ़ें- जानें क्या हैं मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स के फायदे

अंदर बाहर से हाइड्रेट रखें

आपको दिन भर में ढेर सारा पानी पीने का लक्ष्य रखना चाहिए. आपका लक्ष्य अपने शरीर के वजन का आधा पानी होना चाहिए. अगर आप हर बार पानी नहीं पी सकते हैं, तो फिर पानी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे तरबूज, स्ट्रॉबेरी और ककड़ी को अपने डाइट में शामिल करें. ये आपकी स्किन और शरीर को वह हाइड्रेशन प्रदान कर सकता हैं जो आपको सबसे अच्छी दिखने और महसूस करने की आवश्यकता होती है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि एक नए स्किन बायोरेमॉडलिंग इलाज में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हयालूरोनिक एसिड के हाई लेवल  होते हैं जो यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी स्किन ज्यादा हाइड्रेटेड, तरोताजा और समग्र रूप से बेहतर स्किन टोन के साथ युवा दिखने में मदद करेगा.

तालिबानी ऐसा क्यों कर रहे हैं?

जैसा की डर था, अफगानिस्तान में तालिबानियों के लौटते ही औरतों की आजादी छिनने लगी है. अफगान औरतों का दफ्तरों में प्रवेश बंद किया जा रहा है और जिन औरतों ने 20 सालों की ‘आजादी’ में पढ़लिख कर सरकारी व निजी सेक्टर में जगह बनाई थीं, उन्हें अब घरों में बैठने को कहा जा रहा है. महिलाओं का मंत्रालय अब इबादल और सही रास्ता दिखाने वाला दफ्तर बन गया है जहां सिर्फ मर्द है.

तालिबानी ऐसा क्यों कर रहे हैं? इसलिए कि उन का धर्म यह कहता है. पर दुनिया का कौन सा धर्म है जो औरतों को आजादी देता है? ईसाई धर्म मानने वाले आज अफगान औरतों के लिए आंसू बहा रहे हैं पर अभी 200 साल पहले तक वे बाइबल से औरतों को पाठ पढ़ाकर कमरों और घरों में बंद ही कर रहे थे.

हिंदू धर्म की हालत कौन सी अच्छी रही है. राजाराम मोहन राय जैसों के आंदोलन आखिर क्यों हुए थीं. शिव पुराण के पूर्वाद्र्ध में प्रथम खंड का पहला ही अध्याय लें. उस में कुछ मुनियों की सूतजी से भेंट का जिक्र है. ये मुनि शिकायत करते हैं. पुराने धर्म का नाश होने वाला है, उन के भविष्य के वर्णन के अनुसार क्षत्रिय सत्यधर्म से विमुख हो कर स्त्रियों के आधीन हो जाएंगे. स्त्रियां पति से सेवा विमुख हो जाएंगी, अन्य पुरुषों से हंसने बोलने लगेंगी. यह भाव क्या आज छिपे तौर पर मौजूद नहीं है.’

ये भी पढ़ें- सैनिक जोड़े और विवाद

इस्लामी सिरफरे अगर कट्टर शरिया कानून को थोप पा रहे हैं तो इसलिए कि इन कट्टरों को अपने घरों में अपनी मांओं, पत्नियों या बेटियों से विरोध नहीं सहना पड़ता. धर्म का डर सभी औरतों में गहरे बैठा है. काबुल व कुछ शहरों की औरतों को छोड़ दें तो आम अफगान औरतें दुनिया के अन्य हिस्सों की औरतों की तरह धर्म भीरू हैं. अमेरिका में डोनेल्ड ट्रंप की पार्टी अगर औरतों को गर्भपात का अधिकार नहीं देना चाहती तो इसीलिए कि बाइबल में इस का निषेध है. वहां के रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाले कैलिफोॢनया राज्य ने कानून बनाया है कि गर्भपात पहले 6 सप्ताह में ही कराया जा सकता है और इस कानून पर देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी मोहर लगा दी है. यह कौन से तालिबानी फैसले से कम है?

दुनियाभर में धर्मों के नाम पर औरतों पर अत्याचार आज भी हो रहे हैं और जिस पर अत्याचार होता है उस से हमदर्दी तो दूसरी औरतें जताती हैं पर उस के साथ बचाव में साथ खड़ी नहीं होतीं, वे धर्म के ईशारे पर मूक समर्थन करती हैं.

जब तक धर्म को छूट मिलती रहेगी, औरतों को धर्म 100 नहीं 1000 साल पहले के माहौल में ले जाने की कोशिश करता रहेगा. यह डर सब देशों में है. सभी देशों में तालिबानी सोच वालों की कमी नहीं है. अफगानिस्तान में शासक धर्म की नाव पर चढक़र आए है पर कहां धर्म का बोलबाला नहीं है, कहां चर्च, मंदिर, मसजिद, मठ चमचमा नहीं रहे. जहां धर्म की चमक होगी वहां औरतों की आजादी की राख पड़ी होगी.

ये भी पढ़ें- खेद है लोकतंत्र नहीं रहा

घर की शान बढ़ाएं पर्दे

अक्टूबर माह के आते ही फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो जाती है और हम अपने घरों  बदलाव लाने का मन बनाने लगते हैं इस बदलाव में शामिल होते हैं घर के पर्दे, फर्नीचर और किचिन एसेसरीज. तो फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है और यदि आप अपने घर के पर्दे बदलने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपको पर्दों से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है.

कैसा फैब्रिक चुनें

-यदि आप पार्टी, फंक्शन या फॉर्मल स्पेस आदि के लिए विशेष रूप से पर्दे बदलना या खरीदना चाह रहीं हैं तो हैवी सिल्क या साटन के पर्दों का चुनाव कर सकतीं है परन्तु इन्हें घर पर धोने की अपेक्षा ड्राइक्लीन करवाना पड़ता है यह बात ध्यान में रखनी होगी.

-आजकल ब्लाइंड्स और कॉटन साटन भी चलन में है इन्हें आराम से घर पर ही धोकर प्रेस कराकर नया सा लुक प्राप्त किया जा सकता है.

-हॉल जैसे कैजुअल स्पेस के लिए लिनन और किंकली क्रश्ड पर्दे लिए जा सकते हैं. यहां के लिए ऐसे पर्दे लें जिन्हें आसानी से धोया जा सके क्योंकि यहां के पर्दे बहुत जल्दी गंदे होते हैं.

-गर्मियों में हल्के तो सर्दियों में भारी और मोटे फेब्रिक के पर्दे अच्छे रहते हैं पर्दे खरीदते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें.

ये भी पढ़ें- कौन संभाले बच्चा : पति या पत्नी

रंग है अहम

-पर्दों के रंग का चयन पूरी तरह आपकी पसन्द पर निर्भर करता है क्योंकि कुछ लोंगों को पूरे कमरे का एक जैसा लुक पसन्द होता है तो किसी को फर्नीचर के कन्ट्रास कलर तो किसी को पर्दों में हल्का सा बदलाव पसन्द होता है.

-यदि आपके घर मे छोटे बच्चे हैं तो ड्राइंग रूम जैसे कैज्युल स्पेस को छोड़कर बाकी जगहों के गहरे रंग के पर्दे ही लें क्योंकि बच्चे हाथ मुंह आदि पोंछकर बहुत जल्दी इन्हें गन्दा कर देते हैं.

-यदि आप छोटे कमरे को बड़ा सा लुक देना चाहतीं हैं तो हल्के रंग के पर्दे लगाएं .

-बेडरूम में गहरे रंग के पर्दे लगाना ही उचित रहता है ताकि आपको सोने में रोशनी से कोई परेशानी न हो.

-बच्चों के कमरे में नर्सरी प्रिंट के और चटकीले रंगों का प्रयोग करना ठीक रहता है.

कैसा रखें नाप

खिड़की के पर्दे जहां खिड़की की नाप से थोड़े लंबे तो दरवाजों के पर्दे एकदम नाप के

अच्छे लगते हैं. आजकल यूं भी बड़ी और चौड़ी खिड़कियों का चलन है जहां पर फ्लोर लेंथ पर्दे ही अच्छे लगते हैं ये कमरे को एकदम भव्य लुक प्रदान करते हैं. आजकल बाजार में रेडीमेड पैनल्स मिलते हैं जिन्हें लाकर आसानी से फिट किया जा सकता है. किचिन और बाथरूम को छोड़कर प्रत्येक कमरे में फ्लोर लेंथ पर्दे लगाए जा सकते हैं.

यदि आप अपने कमरे या खिड़की को स्टाइलिश या ट्रेंडी लुक देना चाहते हैं तो खिड़की से पर्दों की लंबाई और चौड़ाई कम से कम 3 इंच अधिक रखें इससे पर्दे में प्लीट्स ज्यादा आएंगी जो कमरे कोस्टायलिश बनाएंगी.

रॉड का चयन कैसे करें

आजकल बाजार में निम्न रॉड्स मौजूद हैं आप अपनी पसन्द और आवश्यकतानुसार इनमें से चयन कर सकते हैं-

-क्लासिक रॉड

ये रॉड एडजस्टेबल होते हैं और इन्हें किसी भी जगह पर इनमें लगी केप के साथ आसानी से ब्रेकेट पर एडजस्ट किया जा सकता है. यदि आप टिश्यू या शिमर के पर्दे ले रहे हैं तो आप डबल रॉड का प्रयोग भी कर सकते हैं.

-रिटर्न रॉड

यू शेप वाले ये रॉड भी एडजस्टेबल होते हैं इन्हें दीवार पर सीधा ही लगाया जा सकता है यू शेप में होने के कारण ये धूप की रोशनी को ब्लॉक करने में काफी मददगार होते हैं.

-ट्रेक रॉड

इसे दीवार या सीलिंग पर आसानी से फिट किया जा सकता है. पर्दे इस पर आसानी से मूव कर सकते हैं

ये भी पढ़ें- Washing Machine में कपड़े धोते समय ध्यान रखें ये 8 बातें

-टेंशन रॉड

ये सबसे सस्ता और आसान विकल्प है, रेंटल घरों में इनका प्रयोग ही उचित रहता है ताकि ट्रान्सफर होने या घर बदलने पर इन्हें रिमूव किया जा सके. इन्हें बिना किसी हार्डवेयर के आसानी से लगाया जा सकता है परन्तु इन पर बहुत भारी पर्दे लगाना सही नहीं रहता.

इसके अतिरिक्त यदि आप सिल्क, लिनन जैसे भारी फेब्रिक के पर्दे ले रहे हैं तो भारी और मजबूत रॉड का चयन करें.

ऐसे दें पुराने पर्दों को नया लुक

यदि आपका बजट नए पर्दे खरीदने का नहीं है तो भी आप निम्न टिप्स से अपने घर को एकदम नया सा लुक दे सकतीं हैं-

-मिक्स एंड मैच

आपके घर में जो भी पर्दे हैं उन्हें आप मिक्स करके लगाएं मसलन चैक और लाईनिंग को प्लेन के साथ या फ़िर कन्ट्रास कलर से मैच करके लगाएं.

-पुरानी साड़ी और चुन्नियां

यदि आपकी कुछ साड़ियां और चुन्नियां ऐसी हैं जिन्हें आप पहनती नहीं हैं तो उनका प्रयोग करके अपने घर के लुक को बदल डालें. साड़ियों का प्रयोग करते समय उनका पल्लू निकाल कर लम्बाई में पर्दे बनाएं इससे बॉर्डर साइड में आ जायेगा जो दिखने में बहुत सुंदर लगेगा.

-रिप्लेस करें

कई बार हमारा पर्दों का बजट बहुत अधिक नहीं होता ऐसे में आप केवल ड्रॉइंग रूम के नए पर्दे लेकर शेष को रिप्लेस कर दें मसलन ड्रॉइंग रूम के बैडरूम में और बैडरूम के हॉल में इससे कम बजट में ही आप नया लुक प्राप्त कर लेंगीं.

ये भी पढ़ें- रोमांटिक और रौयल दोनों तरह का है Rajasthan का बीकानेर

नाश्ते में बनाएं मूंगफली वड़ा

साउथ इंडियन रेसिपी हर जगह फेमस है. इसी लिए आ ज हम आपको व़ड़ा की नई रेसिपी के बारे में बताएंगे.

सामग्री

– 1 कप मूंगफली

– 3-4 ब्रैडस्लाइस

– 1/4 कप दही

– 1 छोटा चम्मच प्याज बारीक कटा

– 1 छोटा चम्मच रैड चिली सौस

ये भी पढ़ें- ब्रैकफास्ट में बनाएं उरद दाल वटाटा वड़ा

– 1 छोटा चम्मच धनिया व पुदीनापत्ती बारीक कटी

– 1/2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/4 छोटा चम्मच गरममसाला पाउडर

– 2 बड़े चम्मच चावल का आटा

– 8-10 लहसुन की कलियां

– 1/2 छोटा चम्मच हरीमिर्च बारीक कटी

– 1 छोटा चम्मच अदरक घिसा

– तेल तलने के लिए

– नमक स्वादानुसार.

विधि

मूंगफली दाने को ड्राई रोस्ट कर लें. छिलके अलग कर थोड़ा दरदरा पीस लें. एक बाउल में लहसुन की कलियों को मोटा कूट कर डालें साथ ही मूंगफली पाउडर व अन्य मसाले भी. 1 ब्रैड को पानी में गीला कर के किनारे निकालें और सब को एकसाथ मिला लें. अब बड़ा आकार देते हुए फ्राई करती जाएं. नीबू, धनिया व पुदीनापत्ती और प्याज से साथ गार्निश कर सर्व करें.

ये भी पढ़ें- फैमिली के लिए बनाएं मखाना मूंगफली कचौरी

सीरियल ‘रंजू की बेटियां‘ में आएगा नया मोड़

वयस्क बेटों की मां अपने प्यार व अपने पति को पुनः पाने के लिए किस हद तक जा सकती है?? इसी के इर्द गिर्द घूमने वाली कहानी को ‘दंगल’ टीवी पर हर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे प्रसारित हो रहे के नम्बर वन शो ‘‘रंजू की बेटियां‘‘ में पेश किया जा रहा है.इसकी कहानी में कई उतर चढ़ाव बड़ी तेजी से आ रहे हैं.

ललिता को यह बात रास नही आ रही है कि उनके पति उन्हे व बेटे को  छोड़कर उनके पति गुड्डू (अय्यूब खान) दूसरी महिला रंजू केे पास चले गए हैं.अब ललिता ने अपने पति को वापस पाने के लिए रंजू की बेटी मुस्कान का अपहरण करवा कर उसे मुजरा करने के लिए रेशमा के कोठे पर जबरन बिकवा दिया है.जल्द ही इसी के इर्द गिर्द कहानी बयां करने वाले एपीसोड दर्शक इस सीरियल में देख सकेंगें.

सीरियल ‘‘रंजू की बेटियां’’ की कहानी में आने वाले इस मोड़ के संदर्भ में इस सीरियल में ललिता का किरदार निभा रही अदाकारा दीपशिखा नागपाल कहती हैं-‘‘ललिता  अपने पति गुड्डू जी से इतनी मोहब्बत करती है कि उन्हें वापस लाने के लिए कुछ भी कर सकती है और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है. गुड्डू जी रंजू के पास जाकर मुझे और मेरे बेटों की परवाह नही कर रहे हैं.ऐसे में ललिता हार मान ले ,यह कैसे हो सकता है.मैं गुड्डू जी को वापस लाकर रहॅूंगी.इसीलिए मैंने रंजू की बेटी मुस्कान का अपहरण करवा  कर उसे कोठे पे बेच दिया है.लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं इतनी बुरी क्यों हूँ तो मैं कहती हूँ कि अगर मेरा किरदार बुरा नहीं होगा तो कहानी में ट्विस्ट कैसे आएगा, हमारा सीरियल रोचकता के साथ आगे कैसे बढ़ेगा? ‘दंगल’ का यह नम्बर वन शो है, इसे हम लगभग 9 माह से कर रहे हैं, शो के 200 एपिसोड पूरे होने वाले हैं.यह पूरी टीम और दंगल चैनल की टीम की मेहनत का नतीजा है कि इसे लोगों का खूब प्यार मिल रहा है.’’

ये भी पढ़ें- फिल्मी स्टाइल में अनुज की मदद करेगी Anupama, देखें वीडियो

सीरियल ‘‘ रंजू की बेटियां’’  में कोठे की मालकिन बनी रेशमा बेगम का किरदार निभा रही अभिनेत्री रिद्धिमा तिवारी कहती हैं-‘‘ जहां रिद्धिमा होती है वहां धमाका होता है या तड़का लग रहा होता है.मेरे लिए इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि कौन मुस्कान को किस मकसद से मेरे पास बेच रहा है.मेरा काम है कि मेरे कोठे पर पर आयी हर लड़की को डरा धमका कर अपने पेशे से जुडे़ काम करवाना. आज हमारे कोठे पर मुस्कान अपने नाच गाने से लोगों का दिल पिघलाएगी,उसकी बोली लगेगी और मुझे मिलेंगे 50 लाख रुपए. वह इसके लिए तैयार नहीं हो रही है लेकिन मैं उसे डरा धमका कर, उसको गला घोंटकर मारने की धमकी देकर उसे जबर्दस्ती तैयार करवा रही हूं.देखिए,कुछ लोग कोठों का विरोध करते है.मगर मुझे लगता है कि कोठों को होना चाहिए.’’

मुस्कान का किरदार निभा रही अभिनेत्री आरुषि शर्मा ने बताया-‘‘ आज के दृश्य में मैं यानी कि मुस्कान किडनैप हो जाती है और उसे एक कोठे पे बेच दिया जाता है.बुलबुल दीदी उसे बचाने आती है लेकिन बेचारी बुलबुल दीदी भी इनके जाल में फंस जाती है. बुलबुल दीदी को बचाने के लिए मुस्कान को डांस करना पड़ेगा. इन सब के पीछे राहुल का हाथ है, जबकि इस कांड की मास्टरमाइंड ललिता हैं. रंजू से बदला लेने के लिए ललिता इस हद तक गिर जाती हैं कि उन्होंने मुझे कोठे पर पहुंचा दिया है.ललिता को मुस्कान एकदम पसन्द नहीं करती क्योंकि ललिता की वजह से  रंजू जी की जिंदगी में बहुत परेशानियां आई हैं.अब तो गुड्डू जी ललिता की वजह से रंजू जी को छोड़कर गए हैं.’’

दंगल टीवी के लोकप्रिय सीरियल ‘रंजू की बेटियां‘ में अय्यूब खान, दीपशिखा नागपाल, रूपल त्यागी, करण खंडेलवाल, जीवांश चड्ढा और रीना कपूर,रिद्धिमा तिवारी,मोनिका चैहान, नवीन पंडित और अनुष्का श्रीवास्तव जैसे कई कलाकार हैं.

ये भी पढ़ें- आदित्य के बच्चे की मां बनने का मालिनी करेगी ऐलान, क्या करेगी Imlie

फिल्मी स्टाइल में अनुज की मदद करेगी Anupama, देखें वीडियो

स्टार प्लस का सीरियल अनुपमा (Anupama) फैंस का दिल जीत रहा है. जहां अनुपमा की अनुज से दोस्ती वनराज को खल रही है तो वहीं काव्या का दिल भी वनराज का बिहेवियर देखकर टूट रहा है. इसी बीच अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा और अनुज कपाड़िया की कैमेस्ट्री फैंस का दिल जीतने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मुंबई चली अनुपमा

 

View this post on Instagram

 

A post shared by @gum.h.kisi.ke.pyar.mai

अब तक आपने देखा कि वनराज अपनी मां को भड़काकर अनुपमा को मुंबई जाने से रोकता है. लेकिन अनुपमा का साथ बापूजी देते हैं, जिसके चलते वह मुंबई जाने की तैयारी करने लगती है. वहीं उसकी खुशी का ठिकाना नही रहता कि वह पहली बार प्लेन में चढ़ेगी.  हालांकि समर नंदिनी उसका साथ देते हैं और बधाई देते हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupamastar (@anupamaastar)

ये भी पढ़ें- आदित्य के बच्चे की मां बनने का मालिनी करेगी ऐलान, क्या करेगी Imlie

अनुज की मदद करेगी अनुपमा

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा ऑटो में एयरपोर्ट के लिए अकेले ही रवाना होगी. दूसरी तरफ एयरपोर्ट के रास्ते में अनुज की कार खराब हो जाएगी, जिसके चलते वह एयरपोर्ट के लिए दौड़ता नजर आएगा. लेकिन इस दौरान अनुपमा, अनुज को सड़क पर दौड़ते हुए देख लेगी और उसे ऑटो में साथ चलने के लिए कहेगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by CM✨ (@creating.a.creation)

अनुपमा का ख्याल रखेगा अनुज

इसी के साथ मुश्किलों के बाद अनुपमा प्लेन में सफर करने को तैयार होगी. वहीं अनुज अपनी खुशी जाहिर करने से रुकेगा ताकि अनुपमा को अजीब ना लगे. हालांकि वह अनुपमा की मदद करेगा. दरअसल, अनुपमा सीट बेल्ट नहीं लगा पाएगी, जिसके चलते एक आदमी ताना मारेगा कि लोगों को सीट बेल्ट लगाना भी नहीं आता, जिसे सुनकर अनुज को गुस्सा आ जाएगा. लेकिन वह अनुपमा के सामने चुप रहेगा. अब देखना होगा कि मुंबई के ट्रिप में फैंस को अनुज और अनुपमा की कैसी कैमेस्ट्री देखने को मिलेगी.

ये भी पढ़ें- Imlie के खिलाफ मालिनी ने चली नई चाल, सपनों पर फिरेगा पानी

आदित्य के बच्चे की मां बनने का मालिनी करेगी ऐलान, क्या करेगी Imlie

सीरियल इमली (Imlie) में एक के बाद एक मालिनी (Mayuri Deshmukh) की साजिशें कामयाब हो रही हैं, जिसके चलते सीरियल की कहानी भी दिलचस्प मोड़ ले रही है. इसी बीच इमली  (Sumbul Touqeer Khan) की शादीशुदा जिंदगी पर मालिनी एक और वार करने वाली है, जिसके कारण आदित्य (Gashmeer Mahajani) और इमली का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालिनी करेगी ऐलान

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालिनी की नई चाल से आदित्य और इमली हैरान रह जाएंगे, जिसके चलते कोर्ट में उनकी बेइज्जती होगी. वहीं त्रिपाठी हाउस पहुंचकर इमली , मालिनी का सच सामने लाने की कोशिश करेगी. लेकिन आदित्य उसकी बात को अनसुना कर देगा . इस दौरान मालिनी पूरे परिवार को बताएगी कि वह आदित्य के बच्चे की मां बनने वाली है, जिसे सुनकर इमली के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by sweet_dreams.94 (@adilie_admirer.94)

ये भी पढ़ें- Imlie के खिलाफ मालिनी ने चली नई चाल, सपनों पर फिरेगा पानी

इमली छोड़ेगी घर

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Navya (@adilie_is_emotion)

खबरों की मानें तो मालिनी की चाल से इमली का दिल टूट जाएगा और वह आदित्य से रिश्ता तोड़ने की बात कहती नजर आएगी. वहीं फैसला करेगी कि अब वह त्रिपाठी हाउस में नहीं रहेगी. अब देखना होगा कि आदित्य और इमली की जिंदगी में जहर घोलने वाली मालिनी की कौनसी नई चाल सामने आएगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by sweet_dreams.94 (@adilie_admirer.94)

सबूत हुए गायब

 

View this post on Instagram

 

A post shared by sweet_dreams.94 (@adilie_admirer.94)

अब तक आपने देखा कि इमली के हाथ जन्माष्टमी की रात का एक वीडियो लगता है, जिसमें मालिनी, आदित्य को नशे की दवा देती हुई नजर आ रही है. वहीं इस सबूत को देखने के बाद खबर अनु को देती है. लेकिन अनु इस बात को त्रिपाठी परिवार को घर में ही मामला सुलझाने की कोशिश करती है. लेकिन इमली कोर्ट में सबूत के तौर पर वीडियो पेश करने के लिए अड़ी रहती है. हालांकि कोर्ट जाकर उसे पता चलता है कि मालिनी ने वीडियो डिलीट कर दिया है.

ये भी पढ़ें- सम्राट के सामने विराट पर फिसली पाखी, क्या होगा सई का रिएक्शन

‘मैं एक फिल्म स्टार नहीं, टेनिस प्लेयर हूं’, जानें क्या कहना चाह रहे हैं महेश भूपति

डबल्स वर्ल्ड नंबर वन टेनिस खिलाडी महेश भूपति से कोई अपरिचित नहीं. उन्होंने टेनिस खिलाडी लिएंडर पेस के साथ मिलकर साल 1997 में पहली बार भारत के लिए अमेरिकी ओपन डबल्स का ख़िताब जीता. उन दोनों की जोड़ी साल 1991 में पहली बार, वर्ष 1952 के बाद जीतने वाली जोड़ी बनी. इसके बाद उन दोनों ने मिलकर तीन डबल्स ख़िताब जीते.उन दोनों की जोड़ी को विश्व रेंकिंग में पहली भारतीय टीम बनने का गौरव हासिल हुआ, लेकिन कुछ वजहों से दोनों के बीच मनमुटाव होने से साथ खेलना बंद कर दिया. पुन: साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के बाद से उन दोनों ने फिर से साथ खेलना शुरू कर दिया. साल 2001 में महेश को पद्मश्री से भी नवाज़ा गया है.

महेश भूपति का खेल जीवन जितना कामयाब था. उतना उनका निजी जीवन नहीं था.उन्हें फ़िल्मी सितारों के करीब रहने के लिए भी जाना जाता है. उनकी पहली पत्नी श्वेता जयशंकर एक मॉडल, उद्यमी, ऑथर और ब्यूटी पेजेंट टाइटल विनर थी, जिससे साल 2002 में महेश ने शादी की, पर ये विवाह अधिक दिनों तक न टिकने की वजह महेश का अभिनेत्री लारा दत्ता से नजदीकियों के बढ़ने से है, जिसे श्वेता ने स्पष्ट एक इंटरव्यू में कहा है. साल 2009 में महेश ने श्वेता से तलाक लिया और वर्ष 2011 को उन्होंने अभिनेत्री लारा दत्ता से शादी की और एक बेटी की पिता बने.

महेश भूपति और लिएंडर पेस की जोड़ी वेब सीरीज ‘ब्रेक पॉइंट’ की 7 एपिसोड कोलाने के लिए निर्माता निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी और नितेश तिवारी ने कई साल मेहनत किये. हालाँकि बहुत लोगों ने उन्हें इस डोक्यु- ड्रामा करने से मना किया, क्योंकि इंडिया में इसके लिए दर्शक नहीं है, पर लिएंडर पेस और मैं ट्रेंड सैटर बनना चाहता था, फोलोवर्स नहीं.  महेश भूपति अपनी इस उपलब्धि से बहुत खुश है और ज़ूम कॉल पर बात की. पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-लिएंडर पेस के खेल की किस खूबी को आप अच्छा मानते है?

मैंने उसकी खेल में हमेशा खेल को आगे ले जाने और देश के लिए एक अच्छा स्कोर करने का रहा है. ये खूबी किसी भी प्लेयर को आगे ले जाने से कोई रोक नहीं सकता.

सवाल-हर व्यक्ति सफलता और असफलता से जीवन में कुछ न कुछ सीखते है, आपने क्या सीखा ?

मैं अपने खेल जीवन से बहुत गर्व महसूस करता हूं, जब मैं टेनिस प्लेयर बना, तो पता नहीं था कि ग्रैंड स्लैम के साथ मेरा नाम जुड़ेगा, जो मेरा सपना था. जब मुझे सफलता सिंगल्स और डबल्स में मिला, तो मुझे अच्छा महसूस हुआ.

ये भी पढ़ें- सैनिक जोड़े और विवाद

सवाल-यंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने के लिए क्या सुझावदेना चाहते है?

हर खिलाडी के खेलने का एक अलग स्टाइल होता है, उसके हिसाब से उन्हें सुझाव देना पड़ता है. खिलाडी अक्सर मुझे खेल के बारें में पूछते रहते है. तब मैं उन्हें सलाह देता हूं.

सवाल-फील्ड में आपको लोगों की उम्मीदों की एक प्रेशर के साथ खेलना पड़ता है, जबकि फिल्म में किसी प्रकार का प्रेशर नहीं होता, अगर कही कुछ गलती होती है, तो रिटेक ले सकते है, आपने दोनों में अंतर क्या महसूस किया है?

मैं एक टेनिस प्लेयर हूं, फिल्म स्टार नहीं और मेरा पूरा कैरियर खेल में बीता है. ये डॉक्यूमेंट्री ड्रामा मैंने काफी दिनों की बातचीत के बाद किया है. दोनों में कोई तुलना नहीं कर सकते, क्योंकि दोनों एक दूसरे से बहुत अलग होता है.

सवाल-क्या ये वेब सीरीज आपके जीवन से जुडी ब्रेक अप को दिखाएगी?

हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ निगेटिव चीजे घटती है और उससे निकल कर आगे बढ़ना पड़ता है. मुझे बहुत अच्छा लगेगा, जब मुझे हजारों लोग फिल्म में देखेंगे और उसका एहसास मेरे लिए बहुत अच्छा होगा.

सवाल-क्या लारा दत्ता ने इस फिल्म को देखा है? उनका रिएक्शन क्या रहा?

लारा दत्ता ने इस फिल्म को देखा है और बहुत खुश है, क्योंकि वह इस प्रोजेक्ट की पहले दिन से जुडी है. रिलीज होने का इंतजार कर रही है.

सवाल-पहली बार ग्रैंड स्लैम के जीतने पर परिवार और आपके रिएक्शन क्या थे?

ये वेब सीरीज 7 एपिसोड में सबको दिखाई जाएगी, इसलिए बहुत सारे तथ्य इसमें दिखाए जायेंगे, जिसमें परिवार और मेरी रिएक्शन को भी दिखाया जाएगा. मेरी टेनिस की जर्नी से लेकर वर्ष 2006 की सारी घटनाओं को लिया गया है, जो दर्शकों को भी पसंद आयेगा.

सवाल-बचपन में कब आपको लगा कि आपको टेनिस प्लेयर बनना है ?

मैंने 3 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था, लेकिन मैं हाई लेवल गेम विमिल्डन में भी खेलूँगा, ये पता नहीं था. विमिल्डन में हम दोनों का खेलना और जीत हासिल करना, ये आज की यूथ के लिए एक प्रेरणा है. इसके अलावा हमारी स्टोरी एक एपिसोड में कहना मुश्किल था, इसलिए 7 एपिसोड का बनाना पड़ा, ताकि कहानी पूरी कही जाय.

सवाल-देश के लिए एक बड़ी ख़िताब लाना, एक खिलाडी के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है? आपके अनुभव क्या थे?

इस अनुभव को शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि जब कोई खिलाडी खेल के मैदान में जीत हासिल करता है और वहां मेडल सेरेमनी में जब देश का राष्ट्रगान बजता है, तो मन में एक अलग ख़ुशी रहती है और ये हर खिलाडी के साथ होता है. हर खिलाडी के रोंगटें खड़े हो जाते है. इसके अनुभव को किसी भी भाषा में बताया जाना संभव नहीं.

सवाल-पहले की खेल और आज की खेल में काफी परिवर्तन हो चुका है, आज खेल की तकनीक बदल चुकी है, क्या आपने कभी इसे महसूस किया ?

20 साल बाद खेल में परिवर्तन होना लाजमी है, क्योंकि अभी सभी खेलों की तकनीक काफी बदल चुकी है. न्यूट्रिशन से लेकर टेक्नोलॉजी, मिडिया, रिकवरी आदि सब होने से खेल में भी परिवर्तन आया है. आज लोग समय के साथ चल सकते है.

ये भी पढ़ें- खेद है लोकतंत्र नहीं रहा

सवाल-इस वेब में अभिनय करते वक्त आपके बेस्ट मोमेंट क्या थे?

बेस्ट मोमेंट पूरी वेब सीरीज को करते हुए ही था, क्योंकि मैने फिर उस पल को जिया है, जो मैंने आज से सालों पहले प्राप्त किया था.

सवाल-पिछले डेढ़ साल से पेंड़ेमिक चल रहा है, ऐसे में आपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्या-क्या देखा है?

हर दिन मैं ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नहीं गया, पर बीच-बीच में मैंने कुछ वेब सीरीज देखा है, जिसमें मुंबई डायरी, बेलबॉटम जैसी कई फिल्में है.

कौन संभाले बच्चा : पति या पत्नी

एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करने वाली सुधा का पति नीरज हमेशा अपनी बेटी की देखभाल में सुधा की मदद करता है. दरअसल, सुधा सुबह जल्दी उठती है व घर का काम निबटा कर औफिस चली जाती है. नीरज बेटी को स्कूल छोड़ता है और शाम को औफिस से आते हुए बेटी को ‘बेबी सिटर’ से साथ ले कर आता है. घर आ कर वही बच्चे के खानपान व अन्य बातों पर ध्यान देता है. सुधा घर आ कर रात का खाना बना लेती है. इस तरह पतिपत्नी दोनों ने अपने काम को आपस में बांट लिया है, जिस से उन की सामंजस्यता हमेशा बनी रहती है. यह सच है कि बच्चों का लगाव मां से अधिक होता है. पर इस का मतलब यह तो नहीं कि उन्हें पिता के स्नेह व प्रोटैक्शन की आवश्यकता नहीं होती. अब अधिकतर लोग यह मानते हैं कि बच्चों को पालने में मां और पिता की समान भागीदारी होनी चाहिए.

हालांकि पहले यह धारणा थी कि मां घर पर रह कर बच्चों की देखभाल करे और पिता वित्तीय व्यवस्था को संभाले. लेकिन आजकल बढ़ती महंगाई और आर्थिक व्यवस्था के बीच संतुलन के लिए महिलाएं भी कामकाजी हो चुकी हैं. महिलाएं अब केवल मां की भूमिका नहीं निभातीं. वे औफिस गोइंग भी हैं. ऐसे में बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी केवल मां की नहीं, बल्कि पिता की भी होती है. लेकिन यह बात मातापिता की सोच पर निर्भर करती है, जो हरेक की अलगअलग होती है.

मातापिता दोनों की हो भागीदारी

मैरिज काउंसलर राशिदा कपाडि़या कहती हैं कि बच्चों को पालने में मातापिता दोनों की भागीदारी होनी चाहिए. मां की केयरिंग और पिता का प्रोटैक्शन दोनों से बच्चा अपनेआप को सुरक्षित महसूस करता है. अधिकतर देखा गया है कि जो बच्चा केवल मां या पिता के संरक्षण में बड़ा होता है, वह हमेशा अपनेआप को अकेला महसूस करता है. वह आगे चल कर किसी के साथ रिश्ता निभा नहीं पाता. क्योंकि वह रिश्तों की बौंडिंग समझ नहीं पाता. इसलिए मांपिता दोनों को ही अपना खाली समय बच्चे के साथ किसी न किसी रूप में बिताना चािहए.

ये भी पढे़ं- कहीं महंगा न पड़ जाए असलियत छिपाना

लेखिका सूर्यबाला कहती हैं कि आज के युवा अभिभावक अपने बच्चों की परवरिश पर अधिक ध्यान देते हैं, जो अच्छी बात है. लेकिन दोनों के लिए यह भी आवश्यक है कि बच्चों का बचपना वे भरपूर ऐंजौय करें क्योंकि छोटी उम्र में बच्चे का हर पल रोमांचक होता है. और चूंकि आजकल पतिपत्नी दोनों कामकाजी होते हैं और बच्चे 1 या 2 ही होते हैं, ऐसे में मां के साथ पिता को भी बच्चे के लालनपालन, किचन व रोजमर्रा के काम में हाथ बंटाना चाहिए ताकि काम का तनाव पत्नी के मन से दूर हो जाए और बच्चे को एक खुशनुमा वातावरण मिले.

जिम्मेदारी को समझें

मां बनते ही स्त्री की जिंदगी बदल जाती है. बच्चा उस की प्राथमिकता हो जाता है. उस का ध्यान हमेशा बच्चे के इर्दगिर्द रहता है. कई बार ऐसा होता है कि बच्चे को सुलातेसुलाते मां खुद भी सो जाती है. बच्चा छोटा होने पर रात में कई बार उठता है. ऐसे में पति को भी पत्नी के साथ अपनी नींद कुरबान करनी होती है. इस समय मातापिता दोनों को धैर्य की आवश्यकता होती है. कई बार अगर बच्चा बीमार हो जाए, तो वह रात भर जागता है. तब बिना परेशान हुए पति को अतिरिक्त सूझबूझ दिखाने की जरूरत होती है. मातापिता के बीच बच्चा अपनी जगह पूरे अधिकार के साथ बनाता है, इसलिए मातापिता दोनों को बच्चे की जिम्मेदारियों को बांट लेना चाहिए. एक सर्वे के अनुसार, अमेरिका में एक तिहाई पुरुष अपने बच्चे के साथ उतना ही समय बिताते हैं, जितना उस की मां. भारत में महिलाएं ही घर संभालती हैं इसलिए पुरुषों पर बच्चे की जिम्मेदारी अपेक्षाकृत कम होती है. अमेरिका में तो वहां की सरकार भी पिता को बच्चे संभालने की हिदायत देती है. जहां स्त्रीपुरुष दोनों कमाते हैं, वहां बच्चे की परवरिश का दायित्व दोनों पर होना चाहिए. मनोचिकित्सक डा. मालिनी कृष्णन कहती हैं कि पिता की जिम्मेदारी बड़े शहरों में बहुत अधिक बढ़ गई है. बच्चे के साथसाथ मां के खानपान, व्यायाम और नींद की जरूरतों पर भी पुरुष ध्यान देने लगे हैं, क्योंकि बच्चा होने के बाद मां कई बार पोस्टपार्टम डिप्रैशन की शिकार हो जाती है. ऐसे में पिता की भूमिका इस दृष्टि से काफी बड़ी होती है कि वह परिस्थिति को सामान्य बनाए. बच्चे के जन्म के बाद लगभग 2 से 3 साल तक मातापिता बच्चे की सही परवरिश को ले कर परेशान रहते हैं, इसलिए मानसिक रूप से दोनों तैयार होने के बाद ही स्त्री को गर्भधारण करना चाहिए क्योंकि बच्चे के साथ पूरी दिनचर्या बदल जाती है. उस समय सेहत और खानपान पर ध्यान देना भी आवश्यक होता है. साथ ही जीवनशैली को भी बदलना पड़ता है. कामकाजी महिला है तो मैटरनिटी लीव के बाद उसे काम पर जाना पड़ता है. ऐसा होने पर उसे पति का सहयोग मिले तो वह बेफिक्र हो कर दोबारा काम पर जा सकती है.

ये भी पढ़ें- इन टिप्स से बदलें Festive Season में घर का लुक

शारीरिक व मानसिक मजबूती

दरअसल, मां बनने के बाद हर महिला चाहती है कि उसे परिवार या पति का सहयोग मिले ताकि वह अपनी जिम्मेदारी आसानी से निभा सके. हमारे सैलिब्रिटीज भी इस बात को मानते हैं. अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा देशमुख कहती हैं कि जब उन का बेटा हुआ तो उन के पति रितेश देशमुख बहुत खुश हुए. वे बच्चे से जुड़ी जिम्मेदारियां पहले भी निभाते थे और अब भी निभाते हैं. वे डायपर बदलना, दूध पिलाना, कपड़े बदलना, नहलाना आदि सब करते हैं. आखिर बच्चा दोनों का है तो जिम्मेदारी भी दोनों की होती है. अभिनेत्री तनाज ईरानी का कहना है कि उन के दोनों छोटे बच्चों को संभालने में उन के पति की खास भूमिका है. जब वे शूटिंग पर जाती हैं, तो वे उन के बेटों जियूस और जारा को संभालते हैं. उन के स्कूल का होमवर्क भी वे ही करवाते हैं. वैसे काम हम दोनों के बीच बंटा नहीं है. जिसे जब समय मिलता है वह काम कर लेता है. मुझे लगता है कि बिना दोनों की भागीदारी के बच्चों को संभालना और बाहर काम करना संभव नहीं. अभिनेत्री लारा दत्ता कहती हैं कि जब उन की बेटी सायरा हुई, तो महेश विदेश में खेल रहे थे. घर आए तो सब से पहले बेटी को गोद में ले कर खिलाया. आज भी जब मैं शूट या किसी काम से बाहर जाती हूं, तो महेश बेटी का पूरा ध्यान रखते हैं. बच्चे को संभालने में मातापिता दोनों की जिम्मेदारी होती है. जब ऐसा होता है तभी बच्चा खुशी महसूस करता है और उस का विकास अच्छा होता है. वह मानसिक रूप से भी मजबूत रहता है.

ब्रैकफास्ट में बनाएं उरद दाल वटाटा वड़ा

नाश्ते में मीठा हर कोई बनाता है, लेकिन अगर आप इस  कुछ चटपटा और टेस्टी बनाना चाहते हैं तो ये रेसिपी आपके काम आएगी. बटाटा वड़ा मुंबई में फेमस है, साथ ही इसे बनाना आसान भी है. आप चाहें तो मीठे के साथ-साथ कुछ नमकीन खाने के लिए ये रेसिपी ट्राय कर सकती हैं.

सामग्री

– 1 कप उरद दाल भिगोई

– 5-6 आलू

– 1/2 छोटा चम्मच अजवाइन

– 1 छोटा चम्मच अदरक घिसा

– 1 छोटा चम्मच लहसुन बारीक कटा

– 1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

ये भी पढ़ें- फैमिली के लिए बनाएं मखाना मूंगफली कचौरी

– 1 छोटा चम्मच चाटमसाला

– 8-10 पुदीनापत्ती कटी

– 1 छोटा चम्मच मटर के दाने

– तेल तलने के लिए

– नमक स्वादानुसार.

विधि

उरद दाल को धो कर पीस लें. एक गहरे बरतन में निकाल लें. अब इस में नमक, लालमिर्च पाउडर, चाटमसाला और पुदीनापत्ती व अजवाइन डाल कर मिक्स करें. अब आवश्यकतानुसार पानी डाल कर गाढ़ा घोल तैयार कर लें. कड़ाही में 2 चम्मच तेल गरम कर के अदरकलहसुन डालें. अब नमक, मटर, चाटमसाला व लालमिर्च डाल कर थोड़ा चलाएं. अब आलू मैश कर के मिला दें. अच्छी तरह भून कर ठंडा होने दें. आलू के मिश्रण की छोटीछोटी बौल्स बना कर उरद की दाल के मिश्रण में रैप कर के गरम तेल में डीप फ्राई  कर लें.

ये भी पढ़ें- फैमिली के लिए बनाएं राजमा कबाब

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें