Monsoon Special: बेबी स्किन केयर करें कुछ ऐसे

बारिश का मौसम चिलचिलाती गर्मी से राहत तो दिलाती है, लेकिन अपने साथ तापमान और आर्द्रता के स्तिरों में भी परिवर्तन लाती है. मौनसून के शुरू होते ही पैरेंट्स के लिए बच्चों की देखभाल सही तरीके से करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश में मच्छर, मक्खियाँ और कई प्रकार के कीडे-मकोडे अंदर आ जाते है, जिससे कई प्रकार की बिमारियों के अलावा उनके कांटने से बेबी की स्किन पर लाल रैशेज, इन्फेक्शन, सूजन आदि से जुड़ी समस्या दिखाई पड़ने लगती है. इस बारें में पुणे की प्रोफेसर एवं हेड, डिपार्टमेंट ऑफ नियोनेटोलॉजी, बीवीयू मेडिकल कॉलेज, मेम्बर, इंडियन एकेडमी ऑफ

पीडियाट्रिक्सव डॉ. प्रदीप सूर्यवंशी कहते है कि न्यूबौर्न बेबी की स्किन वयस्कन की तुलना में 40से60 गुना पतली होती है. इसलिए उनकी कोमलतापूर्ण देखभाल और पोषण की आवश्य्कता होती है. मौनसून के दौरान बेबी की स्किन की अच्छी देखभाल के लिए कुछ सुझाव निम्न है,

बेबी की मालिश

• बच्चों को तेल मालिश पुरानी प्रथा है. भारत के लगभग हर परिवार में बेबीओं पर तेल मालिश किया जाता है. इसके लाभ कई है, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्सब (आईएपी) के अनुसार, सही तेल से बच्चों की उचित तरीके से मालिश किये जाने से उनका व्यीवहार सौम्या होता है, कॉर्टिसॉल का स्तर या मात्रा घटता है और बेबी का मानसिक रूप से बेहतर प्रदर्शन देखा गया.

• मालिश करने का सबसे उपयुक्ता समय तब होता है, जब बच्चा पूरी तरह से आराम कर चुका हो और भूखा न हो. इसके अलावा कमरा गर्म हो और हाथों में थोड़ा-सा तेल लेकर मालिश की शुरुआत करें और उसे धीरे-धीरे स्किन पर मालिश करते जाएं. मालिश के लिए हल्केआ और चिपचिपाहटरहित मिनरल ऑयल का इस्ते माल करना चाहिए, जिसमें विटामिन E भरपूर मात्रा में मौजूद हो.

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• ज्या,दा जोर लगाकर मालिश न करें, ऊपर की ओर प्या र भरी थपकी देने के साथ बेबी के सामने और पीठ की ओर गोलाई में हल्केन-हल्केी मालिश करें. जेंटल स्पर्श के साथ की जाने वाली मालिश से माता-पिता और बच्चे के बीच रिश्ता मजबूत होता है और बच्चे की स्किन में गर्माहट आती है, जो मौनसून के बदलते तापमान की वजह से फायदेमंद है.

खुशनुमा स्ना न

• मालिश की तरह ही नहाने का समय भी बच्चेच से जुड़ाव बढ़ाने का अच्छाक मौका होता है. मौनसून के दौरान, रोज नहलाना जरूरी नहीं होता. हफ्ते में दो से तीन बार नहलाना उपयुक्ति होता है. बेबी को नहलाने का कमरा गर्म होना चाहिए और गुनगुने पानी से नहलाया जाना चाहिए. पैरेंट्स, बेबी को नहलाने के लिए बेबी क्लेनन्जर या बेबी सोप का इस्तेामाल कर सकते है. आपको यह भी देखना होगा कि बच्चेा को नहलाने के लिए प्रयोग किये गए उत्पाद में पैराबिन या डाई न हों, चिकित्स्कीय रूप से प्रामाणिक हो और बच्चेि की स्किन के लिए उपयुक्तन हो. मिल्कर प्रोटीन और विटामिन E से भरपूर बेबी सोप सबसे अच्छा होता है.

• बेबी सोप किटाणुओं को धीरे-धीरे हटा देने के साथ-साथ स्किन को कोमल और चिकना बना देती है. साबुन की तरह ही, नैचुरल मिल्कस एक्सलट्रैक्ट्स , राइस ब्रैन प्रोटीन जैसे तत्वोंत और 24 घंटे मॉइश्चनराइजिंग प्रदान करने वाले बेबी वॉश भी बेबी के लिए सही होता है.

• नहलाने के बाद, नर्म एवं गर्म तौलिये से बेबी के शरीर को पोंछकर सूखा दें. क्रीज वाले स्थान जैसे गर्दन, अंडरआर्म आदि को अच्छीस तरह से सूखा लें, जिससे रैशेज न हों.

मॉइश्चजराइजिंग है ज़रूरी

• शोध के अनुसार, भारत में 3 में से 2 बेबीओं की स्किन रूखी होती है. एक अच्छी मॉइश्चधराइजिंग क्रीम या लोशन का उपयोग करने से बच्चे की स्किन में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है. सही उत्पाद न केवल पोषण देता है, बल्कि बच्चे की स्किन की रक्षा भी करता है. बेबी को नहलाने के बाद ग्लिसरीन या मिल्क एक्सोट्रैक्ट्स और राइस ब्रैन प्रोटीन के साथ 24 घंटे के लॉकिंग सिस्टम वाले लोशन का उपयोग किया जा सकता है.

• मॉइश्च राइजर लगाते समय दोनों हाथों पर थोड़ा सा लोशन लें और बच्चे के आगे-पीछे दिल के आकार में लगाएं. विटामिन E और मिल्कन एक्स ट्रैक्स्ीछ वाले बेबी क्रीम बेबी के चेहरे पर और शरीर के बाकी हिस्सों पर लोशन का प्रयोग अच्छा रहता है.

डायपर केयर

• बेबी के डायपर के जगह की देखभाल करना महत्वपूर्ण है. विशेष रूप से आर्द्र मौसम के दौरान, गीले और तंग डायपर से बच्चे को अधिक पसीना हो सकता है, जिससे डायपर के उपयोग वाली जगह पर डायपर डर्मेटाइटिस और इंफेक्शअन हो सकता है.

• बीच-बीच में डायपर बदलते रहें या जब भी संभव हो बच्चे को बिना डायपर का ही रखे. डायपर क्षेत्र को साफ करने के लिए मॉइश्चंराइजरयुक्त अल्कोहल-मुक्त वाइप्स का उपयोग करें. डायपर क्षेत्र को साफ और सूखा रखने से रैशेज से बचा जा सकेगा. अगर रैशेज की समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें.

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कम्फ़र्टेबल पोशाक

• मौनसून के दौरान, पूरी लंबाई वाले सूती कपड़े पहनाएं, जिससे स्किन को ताजी हवा लगने के साथ-साथ रैशेज और मच्छ रों से बचा जा सके. फेब्रिक सॉफ्ट हो, धोने में आसानी हो. पजामे में टाइट रबड़ या इलास्टिक न लगा हो. यदि भारी बारिश के चलते तापमान घटता है, तो बच्चेब को नर्म हल्के ऊनी कपड़े पहनाएं.

तोलमोल कर बोलने के फायदे

अपने अच्छे व्यवहार व प्यार से कोई भी किसी का दिल जीत सकता है, उसे अपने अनुरूप बना सकता है. जरूरत होती है सिर्फ खुद को टटोलने की कि कहीं खुद में कुछ खामियां तो नहीं? कहीं छोटीछोटी बातों पर झगड़े तो नहीं होते? अगर आप इस पर गौर करेंगे, तो यकीन मानिए कि झगड़े बंद हो जाएंगे. वैसे हम सब की यही कहानी है. कितना पढ़लिख लिया है पर गुस्सा कंट्रोल में नहीं रहता. जानेअनजाने जबान फिसल ही जाती है. भले ही मन में सामने वाले के लिए कुछ नहीं है पर दिल को छलनी करने वाली बात जबान पर क्यों आ जाती है? यही आदत रिश्तों के दरमियान दूरियां ले आती है, जिन्हें फिर संजोना मुश्किल ही नहीं असंभव होता है.

मैं ने अपने पड़ोस कि नईनवेली दुलहन ओजल को पिछले कुछ दिनों से गंभीर हावभाव लिए देखा. हरदम खिलखिलाती, चंचल व मस्तमौला रहने वाली ओजल का यों गंभीर देखा नहीं गया. बहुत पूछने पर उस ने बताया कि उस की हसबैंड से कोल्ड वार चल रही है. ताज्जुब हुआ कि प्यार में साथ जीनमरने की कसमें खाने के बाद मांबाप की रजामंदी व आशीर्वाद से वंचित इस कपल ने कोर्ट मैरिज की और आज महज 3 महीने शादी में टूटने की कगार पर आ खड़ी हुई. उन के अटूट प्यार का यह अंजाम, ओजल का पति से यों रूठना और 2 सप्ताह से बातचीत बंद रहना मुझ से देखा न गया. मैं ने उस की मुलाकात पड़ोस में रहने वाले फैमिली कांउसर व सुप्रीम कोर्ट के वकील सरफराज सिद्दीकी से करवाई, ताकि उस की नई जिंदगी के आगाज में यों गाठें नहीं आएं और प्यार की सौंधी महक से घरआंगन ताउम्र महकता रहे. सरफराज ने उन्हें समझाया तो बिगड़ते हालात संभल गए और अब खुशहाल है उन की जिंदगी.

सोचसमझ कर बोलो

सरफराज कहते हैं कि तीर कमान से और बात जबान से एक बार निकलने के बाद वापस नहीं आती, इसलिए जो भी बोलो सोचसमझ कर बोलो. पतिपत्नी के बीच तूतू मैंमैं असामान्य नहीं है. उन में लड़ाईझगड़ा होना तो आम बात है. माना कि पतिपत्नी के प्यारे रिश्ते का ठोस बनाने के लिए कभीकभार की मीठी नोकझोंक बहुत अहम है, लेकिन एक सीमा तक. वरना रिश्ते में जहर घुलते देर नहीं लगती. वैसे लड़ाई के बाद प्यार पतिपत्नी के रिश्ते को और मीठा कर देता है. पर इसे आदतन मैरिज लाइफ में शामिल करना अलगाव, तलाक जैसी गंभीर स्थितियां तक रिश्ते में ले आता है. सोचो कि झगड़ा होता क्यों है? इस की मुख्य वजह क्या है? कभीकभी तो पति या पत्नी पता भी नहीं चलता कि उस ने ऐसा क्या बोला कि नाराजगी हो गई? लेकिन सच तो यह है कि आप ने अनजाने में ही सही, कुछ ऐसा बोल दिया जो उन के  दिल को लग गया. ये गलतियां आप से अकसर होती हैं.

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आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें जिन पर चुप्पी लगाना आप के और उन के लिए जरूरी है. कारण, शरीर पर लगे घाव तो भर जाते हैं, लेकिन दिल पर लगे घाव जीवन भर दर्द का एहसास देते रहते हैं. रिश्ते में नाराजगी न हो, इस के लिए कुछ बातों से दूरी और कुछ बातों का खयाल रखना नितांत आवश्यक है.

मेरा बौयफ्रैंड मेरी गर्लफैंड

याद रहे कि जो बात बीत गई सो बीत गई. पुरानी बातों पर चर्चा करने से रिश्ते में खटास और नाराजगी ही हाथ आएगी. अगर आप पार्टनर के दिल में बस चुकी हैं या पार्टनर आप के दिल में बस चुका है या यों कहें कि आप दोनों एकदूजे के दिल की धड़कनों को पहचानते हैं, तो ऐसे में आप की या उन की ऐक्स बौयफ्रैड या गर्लफ्रैंड पर चर्चा नाराजगी लाने के सिवा कुछ और नहीं करेगी. इस के अलावा नई और पुरानी गर्लफ्रैंड या बौयफ्रैंड की तुलना भी रिश्ते में दरार ले आएगी. इसलिए पुराने याराने की भूलवश भी चर्चा नहीं करें.

जादुई वाक्य

आई लव यू’ वाक्य में तो जैसे शहद घुला है. आइए एक पुराना दिन याद करते हैं. मिलने का समय शाम 5 बजे तय हुआ था और आप किसी कारणवश सही समय पर नहीं पहुंचे. ऐसे में उन का गुस्से से लालपीला होना लाजिम था. लाख समझाने के बावजूद गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा था. लेकिन आप के जादुई वाक्य ने सब भुला दिया. आप ने उन का हाथ अपने हाथों में लिया और बोल दिया, ‘आई लव यू’. बस फिर क्या था, गुस्सा काफूर और प्यार में इजाफा होता गया. न कोई सवाल न कोई जवाब. यह एक जादुई वाक्य है. परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, यह एक वाक्य ही काफी होता है, उसे ठीक करने के लिए. पर एक बात का खयाल रखने की जरूरत है. जब आप यह बोलते हैं कि ‘आई लव यू’, तो महिला के भीतर भावनाओं का सागर उमड़ पड़ता है. वह आप से पलट कर सवाल करती है कि क्या वाकई आप शिद्दत से ऐसा महसूस करते हैं? इस के साथ ही कई और सवाल भी वह आप से करेगी. अगर ऐसे सवालों का सामना करने के लिए आप तैयार नहीं हैं, तो बेहतर

यही होगा कि आप ऐसा कुछ कहने की बजाय कुछ और कह कर उन का दिल जीतने की कोशिश करें.

खाने को ऐंजौय करें

अगर आप खाने के शौकीन हैं, तो वे भला क्यों नहीं हो सकतीं? माना छरहरी दिखने के लिए वे काफी मेहनत करती हैं, लेकिन आप को बता दें कि नए स्वाद चखना लड़कियों को बहुत लुभाता है. शादी से पहले या शादी के बाद आप दोनों डिनर के लिए होटल गए हैं. मैन्यू कार्ड देख कर पार्टनर ने भारीभरकम और्डर दे दिया, जिसे देखते ही आप हैरानपरेशान हो गए. यह सब देख आप शांत रहिए. भूल कर भी उस से यह सवाल न कीजिए कि क्या वाकई तुम इतना सब खा सकोगी? वरना आप का नतीजा भुगतना पड़ सकता है. अच्छा होगा कि आप खाने पर  कोई चर्चा ही न करें. गौरतलब है कि खानेपीने को ले कर लड़कियां काफी इमोशनल होती हैं. नएनए स्वाद चखना एक तरह से उन का जनून होता है. खानेपीने के बात पर टीकाटिप्पणी से नाराजगी की आलम इतना बढ़ सकता है कि रिश्ते में चुप्पी पसर जाए. अगर आप दोनों टेबल पर हों, तो उन पलों को ऐंजौए करें. साथ ही पार्टनर को नाराज नहीं करना चाहते, तो खानेपीने के लंबे और्डर पर कोई सवाल न करें.

आदत हो गई तुम्हारी

कोई भी काम गलत हो या आप के कहे अनुसार न हो, तो आप बिना कुछ सोचे यह बोल देते हैं कि तुम्हारी ऐसी आदत हो गई है. भले ही सुनने में यह बात छोटी लगे, लेकिन यह बात चिनगारी की तरह आग को बढ़ाती है. यही नहीं, उन की आदत का रोना रो कर आप उन्हें खुद को गलत साबित करने का मौका दे रहे हैं. और यहीं से छोटी सी बात तूतू मैंमैं फिर मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न कर देती है.

मां बहन जैसी हो

गर्लफ्रैंड या पार्टनर की कभी उस की मां या बहन से तुलना न करें. आप उन्हें उतना बेहतर नहीं जानते हैं, जितना कि वे जानती हैं. आप यह भी नहीं जानते कि दोनों के बीच वास्तव में कैसा रिश्ता है. इन सब बातों के अलावा सब से महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हर शख्स अपनी एक अलग पहचान चाहता है, तो फिर उस की तुलना किसी से क्यों की जाए?

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टटोलिए स्वयं को

सिर्फ कटु आलोचना व दूसरों के सामने उपहास कर के तो हम किसी को बदल नहीं सकते. उस के लिए आवश्यकता है कि हम सामने वाले की भी भावनाओं को समझें. अपने अच्छे व्यवहार व प्यार से जब हम औरों का दिल जीत सकते हैं, तो पार्टनर को बहुत कुछ अपने अनुरूप भी बना सकते हैं. जरूरत है सिर्फ अपनेआप को टटोलने की कि कहीं हम में ही तो कुछ खामियां नहीं? पतिपत्नी के संदर्भ में यह बात और भी जरूरी है. हमारा सही सोचने का ढंग ही हमें सही दिशा में ले चलने के लिए सहायक होगा. फिर हमें औरों से शिकायत नहीं होगी.

Family Story In Hindi: मन्नो बड़ी हो गई है- मां और सास में क्या होता है फर्क

लेखक- डा. मनोज श्रीवास्तव

Family Story In Hindi: मन्नो बड़ी हो गई है- भाग 1

लेखक- डा. मनोज श्रीवास्तव

‘‘भाभी, चाय पी लो,’’ नीचे से केतकी की चीखती आवाज से उस की आंख खुल गई. घड़ी देखी, सिर्फ 7 बजे थे और इतने गुस्सेभरी आवाज.

करण पास ही बेखबर सोया था. वह भी उठते हुए यही बोला, ‘‘अरे, 7 बज गए, उठोउठो. केतकी ने चाय बना ली है.’’

‘‘एक चाय ही तो बनाई है. बाकी घर के सारे काम मैं ही तो अकेले करती हूं.’’

‘‘सुबहसुबह तुम बहस क्यों करने लग जाती हो. तुम्हें उठा रहे हैं तो उठ जाओ,’’ करण उनींदी में बोला और फिर चादर तान कर सो गया.

अंदर तक सुलग गई मैं. जब रात में अपनी इच्छापूर्ति करनी होती है तब नहीं सोचते कि इसे सोने दूं, क्योंकि सुबह इसे उठना है. तब तो कहते हैं, अभी तो हमारी शादी को कुल 2 महीने ही हुए हैं. रात की बात सुबह जगाते समय कभी याद नहीं रहती. रोजाना की तरह नफरत दिल में लिए नाइटी संभाल कर मैं सीधा बाथरूम में घुस गई. बंदिशें इतनी कि बिना नहाएधोए, साफ सूट पहने बिना सास के पास नहीं जा सकती.

जल्दीजल्दी नहाधो कर नीचे पहुंची. सास के पांव छुए. वे ?बजाय आशीर्वाद देने के, घड़ी देखने लगीं. गुस्सा तो इतना आया कि घड़ी उखाड़ कर फेंक दूं या सास की गरदन मरोड़ दूं. शुरूशुरू में मायके में मेरी भाभी जब 8 बजे उठ कर नीचे आती थीं तो कभीकभार मम्मी कह देती थीं, ‘बेटा, थोड़ा जल्दी उठने की आदत डालो.’ इस पर भाभी का खिसियाया चेहरा देख कर, एक दिन मैं बोल पड़ी थी, ‘मम्मी, भाभी को गुस्सा आ रहा है. इन्हें कुछ मत कहो.’ भाभी हड़बड़ा गई थीं. तब मुझे भाभी पर व्यंग्य करने में मजा आया था और अपनी मम्मी की नरमी पर गुस्सा.

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‘‘क्यों भाभी, मम्मी को इस तरह देख रही हो, मानो खा ही जाओगी,’’ मैं केतकी के व्यंग्य पर चौंकी. वह लगातार मेरा चेहरा ही देखे जा रही थी.

अचानक मेरी भाभी मुझ में आ गईं. मेरे शब्द गले में ही अटक गए. भाभी को भी ऐसी ही बेइज्जती महसूस होती रही होगी मेरे व्यंग्यों पर.

‘‘चाय पी लो, केतकी झाड़ू लगा चुकी है,’’ सास का स्वर शुष्क था. साथ ही, केतकी ने ठंडी चाय मेरे हाथ में पकड़ा दी. मैं चाय को तेजी से सुड़क कर उस के पीछे रसोई में लपकी. अगर मैं ऐसा नहीं करती तो सास बोलतीं, ‘देख, कैसे मजे लेले कर पी रही है, ताकि केतकी दोतीन काम और निबटा ले तथा इस महारानी को कोई काम न करना पड़े.’

केतकी परात में आटा छान रही थी. चाय का कप सिंक में रखते हुए मैं ने कहा, ‘‘दीदी, तुम तैयार हो जाओ. मैं नाश्ता बनाती हूं,’’ मेरे शब्द मुंह से निकलते ही केतकी परात छोड़ कर रसोई से निकल गई, मानो मुझ पर एहसान कर दिया हो. मैं ने चाय पी या नहीं, यह पूछना तो दूर की बात है.

‘शुरू से ही सारा काम थमा दो. आदत पड़ जाएगी,’ ऐसी नसीहतें अकसर रिश्तेदार व पड़ोसिनें दे जाया करतीं. मेरी मम्मी को भी मिली थीं. पर मेरी मम्मी ने कभी अमल नहीं किया था. अगर थोड़ाबहुत अमल किया था, तो मैं ने. पर यहां तो शब्ददरशब्द अमल किया जा रहा है.

जितनी तेजी से मेरा दिमाग अतीत में घूम रहा था उतनी ही तेजी से मेरे हाथ वर्तमान में चल रहे थे. आटा गूंधा, आलू उबाले, चाय बनाई तथा दूध गरम किया. इतने में केतकी नहाधो कर तैयार हो गई थी.

सास बिस्तर पर बैठेबैठे ही चिल्लाने लगी थीं, ‘‘नाश्ता न मिले तो यों ही चले जाओ. देर मत करना. इस के घर में तो सोते रहने का रिवाज होगा. बता दो इस को कि यहां मायके का रिवाज नहीं चलेगा.’’

जल्दीजल्दी दूध गिलासों में डाला. आलू में मसाला डाल कर उन के परांठे बनाने लगी. दूध व परांठे ले कर जैसे ही कमरे में पहुंची, केतकी मुझे देखते ही पर्स उठा कर जाने की तैयारी करने लगी.

‘‘दीदी, नाश्ता.’’

‘‘देर हो चुकी है.’’

एक तीखी निगाह मुझ पर डाल कर वह तेजी से निकल गई. मेरी निगाह अचानक घड़ी पर पड़ गई. आधा घंटा पहले ही?

‘‘घड़ी क्या देख रही है,’’ सास ने घूरती निगाहों से देखा. मेरा मन घबराने लगा कि अभी करण को पता चलते ही वह सब के सामने मुझ पर बरस पड़ेगा. मैं निकल गई. दूसरे कमरे में महेश खड़ा था. सास की बड़बड़ाहट जारी थी, ‘सुबह तक सोती रहती है. कितनी बार कहा है कि सवा 6 बजे तक नहाधो कर नीचे आ जाया कर. पड़ीपड़ी सोती रहती है महारानियों की तरह.’ सुबहसुबह सास के तीखे व्यंग्यबाणों को सुन कर दिमाग भन्ना गया.

‘‘भाभी, नाश्ता बना हो तो दे दो,’’ महेश के शांत स्वर से मुझे राहत मिली.

‘‘हांहां, लो न,’’ मैं ने केतकी वाली प्लेट उसे थमा दी.

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‘‘केतकी ने नाश्ता नहीं…’’ मेरी उतरी शक्ल देख उस ने बात पलट दी, ‘‘छोड़ो, एक मिरची वाला परांठा बना दोगी, जल्दी से. पर, मां को मत बताना कि ज्यादा मिरची डाली है,’’ महेश हाथ में प्लेट लिए मुसकराता हुआ सास के पास चला गया.

‘‘अभी लाती हूं,’’ मैं खुश हो गई.

परांठा बना कर ले गई तो सास ने मेरी आहट सुनते ही बड़बड़ाना शुरू कर दिया, ‘देर नहीं हो रही है. जल्दी ठूंस और ठूंस के जा.’

‘‘नाश्ता तो आराम से करने दो, मम्मी. लाओ भाभी, धन्यवाद. बस, और मत बनाना.’’

मैं वापस जाने लगी तो सास के शब्द कानों में पड़े, ‘‘परांठे के लिए धन्यवाद बोल रहा है, पागल है क्या?’’ पर मुसकराते हुए महेश के नम्र शब्दों के आगे मेरे लिए सास के तीखे शब्दों के व्यंग्यबाण निरस्त हो गए थे. क्या घर के बाकी लोग भी ऐसे नहीं हो सकते थे?

मुझे याद है, जब एक दिन भाभी मम्मी को दवा दे कर हटीं तो मम्मी बोली थीं, ‘जाओ, जा कर सो जाओ. तुम थक गईर् होगी,’ मैं ने मम्मी से पूछा था, ‘दवा देने से वे थक कैसे जाती हैं? तुम इस तरह बोल कर भाभी को सिर चढ़ाती हो.’

मेरी नादानी पर मम्मी हंसी थीं. फिर बोलीं, ‘हम बूढ़े लोग तन से थकते हैं और तुम जवान लोग मन से थक जाते हो. प्यार के दो बोल मन नहीं थकने देते. जब तू बड़ी हो जाएगी, तेरी शादी हो जाएगी, तब अपनेआप समझ जाएगी.’ मम्मी की बातों पर मैं चिढ़ जाती थी कि वे मुझे बेवकूफ बना रही हैं.

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FILM REVIEW: बेहतरीन कहानी का सत्यानाश हैं ’14 फेरे’

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः जी स्टूडियो

निर्देशकः देवांशु सिंह

कलाकारःविक्रांत मैसे, कृति खरबंदा, गौहर खान, जमील खान, विनीत कुमार, अंकिता दुबे, यामिनी दास,  सोनाक्षी बत्रा, सुमित सूरी, प्रियांशु सिंह व अन्य

अवधिः एक घंटा 52 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः जी 5

शादियों का मौसम चल रहा है. इसी मौसम में नवोदित निर्देशक देवांशु सिंह भी शादी के साथ थिएटर कलाकारों के घाल मेल पर एक फिल्म ‘‘14 फेरे’’लेकर आए हैं, जिसमें अति पुराने घिसे पिटे फिल्मी फार्मूले व घटिया क्लायमेक्स के अलावा कुछ नही है. निर्देशक ने एक बेहतरीन कॉसेप्ट व पारिवारिक फिल्म का बंटाधार करने में कोई कसर बाकी नही रखी है.

कहानीः

दिल्ली के एक कॉलेज की रैगिंग में जहानाबाद बिहार निवासी राजपूत लड़के संजय सिंह( विक्रांत मैसी) और जयपुर की जाटनी अदिति ( कृति खरबंदा) एक दूसरे से टकराते हैं.  जल्द ही दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं. संजय सिंह और अदिति एक साथ कालेज के नाटकों में अभिनय करते हैं. दोनों अलग अलग जाति से हैं. लेकिन दिल मिल गए है. वहीं संजय सिंह और अदिति घर से भागकर या माता पिता की मर्जी के विपरीत शादी नही करना चाहते. वह चाहते हैं कि माता पिता की रजामंदी के साथ उनका विवाह हो. दोनों अपने प्यार के लिए परिवार को कुर्बान नही करना चाहते.

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ऐसी स्थिति में संजय व अदिति एक योजना बनाते हैं और रंगमंच कलाकारों (जमील खान और गौहर खान ) को अपने पिता व माता बनाकर एक दूसरे के परिवार वालों से मिलवाते हैं. तय होता है कि पहले अदिति अपना सरनेम राजपूत वाला रखकर संजय के घर जाकर उससे शादी करेगी.  फिर संजय उन्ही नकली मां बाप को लेकर अदिति के घर जाकर उससे शादी करेगा.  कुल मिलाकर अपनी शादी के लिए दोनों सात की बजाय 14 फेरे लेंगें. पर बाद में क्या होता है, यह फिल्म देखने पर पता चलता है.

लेखन व निर्देशनः

फिल्म का कॉसेप्ट बहुत अच्छा है, मगर कमजोर पटकथा व निर्देशन फिल्म को ले डूबा. फिल्म की गति काफी धीमी है. कुछ ह्यूमर के पल हैं. मगर क्लामेक्स तक पहुंचते ही दर्शक कह उठता है कि कहां फंसा दिया. कुछ दृश्य तो ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’से उठाकर रख दिए गए हैं. फिल्म में अंतर जातीय विवाह, ऑनर किलिंग, दहेज के मुद्दे भी सही तरह से नही पेश किए गए.

अभिनयः

अदिति के किरदार में कृति खंरबंदा का अभिनय ठीक ठाक है. पिछली फिल्मों के मुकाबले उनके अभिनय की धार कमजोर हुई है. विक्रांत मैसे ने बेहतरीन अभिनय यिका है, मगर उन्हे किरदार व फिमें चुनने में सावधानी बरतने कर जरुरत है. विक्रांत मैसे को मीडियोकर पटकथाओे से दूरी बनानी चाहिए. संजय सिंह की मां के किरदार में यामिनी दास अपना प्रभाव छोड़ जाती हैं. जमील खान ने कमाल का अभिनय किया है. गौहर खान जमती नही है.

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लेखकों को भारतीय साहित्य और संस्कृति से जोड़ेगी प्रधानमंत्री युवा योजना

  युवराज मलिक

 डायरेक्टर, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया

युवा लेखकों को भारतीय साहित्य और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने के लिए सक्षम बनाने की योजना नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा शुरू की गई है. प्रधानमंत्री युवा योजना नाम से इस योजना की शुरुआत हो चुकी है. नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर श्री युवराज मलिक की कुशल देखरेख में यह योजना चलाई जा रही है. युवराज मलिक इससे पहले भारत सरकार के लिए विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी नेतृत्वक्षमता साबित कर चुके हैं. पेश हैं, प्रधानमंत्री युवा योजना के सिलसिले में उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

खास तौर पर केवल युवाओं के लिए योजना लाने के पीछे क्या वजह है?

बदलते वक्त के साथ हमारी संस्कृति कहीं खोती जा रही है तो आने वाली पीढ़ी का उसमें रूझान बढ़ाने के लिए यह योजना बनाई गई है. अगले वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत इंडिया 75 प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री द्वारा लाई गई यह योजना आज के युवा लेखकों को देश के इतिहास से जोड़ने का काम करेगी.

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प्रधानमंत्री युवा योजना में हिस्सा लेने के लिए प्रतियोगियों को किनकिन बातों का ध्यान रखना होगा?

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए युवा लेखकों के द्वारा आयोजित की गई अखिल भारतीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा जिसके तहत वे अपने लेखन की एक 5000 शब्दों की पांडुलिपी प्रस्तुत करेंगे. उस पांडुलिपी के आधार पर एनबीटी द्वारा गठित एक समिति 75 प्रतियोगियों का चयन करेगी जिन्हें फिर आगे प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाएगा. कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 30 वर्ष या उस से कम है या पीआईओ व भारतीय पासपोर्ट रखने वाले एनआरआई इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं. सिर्फ उन्हीं प्रविष्टियों को चयन के लिए स्वीकारा जाएगा जिनके प्रमुख विषय होंगे अज्ञात नायक (अनसंग हीरो), राष्ट्रीय आंदोलन के बारे में अल्प ज्ञात तथ्य, राष्ट्रीय आंदोलन में विभिन्न स्थानों की भूमिका, राष्ट्रीय आंदोलन आदि के राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक या विज्ञान संबंधी पहलुओं  से संबंधित नए दृष्टिकोण.

योजना कब लागू की जाएगी और क्या होगा इसका  एक्शन प्लान?

यह प्रतियोगिता 1 जून से 31 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की जा चुकी है. योजना 6 महीने की अवधि की होगी जिसमें प्रतियोगियों को मार्गदर्शित किया जाएगा और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. चयनित लेखकों के नामों की घोषणा 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की जाएगी. योजना को 3-3 महीनों के 2 चरणों में बांटा गया है. पहला चरण प्रशिक्षण पर आधारित होगा और दूसरा प्रोत्साहन पर. योजना के आयोजन में इस बात का खास तौर पर ध्यान रखा गया है की प्रतियोगियों को प्रकाशन के  इको-सिस्टम की हर छोटी से छोटी जानकारी प्रदान की जाए. योजना की सारी जानकारी एनबीटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

इस योजना में एनबीटी की क्या  भूमिका होगी?

इस योजना में एनबीटी कार्यान्वयन एजेंसी की भूमिका निभा रहा है. हम प्रतियोगियों के चयन से लेकर उनकी पुस्तकों के विमोचन तक, इस योजना के हर चरण से जुड़े रहेंगे. लेखकों को एनबीटी के निपुण लेखकों और रचनाकारों के पैनल से 2 प्रख्यात लेखकों/मार्गदर्शकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके अलावा, योजना के अंत में हम प्रतियोगियों की पुस्तकों का प्रकाशन, विमोचन और उनका अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी करेंगे.

योजना में भाग लेने वाले चयनित युवा लेखकों को क्या लाभ मिलेगा?

इस योजना के माध्यम से नवोदित लेखकों को अपनी लेखन कौशल को  सुधारने का एक सुनहरा अवसर प्रशिक्षण  के रूप में मिलेगा. मेंटरशिप प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा होने पर लेखकों को  उनकी पुस्तकों के सफल प्रकाशन के बाद  10% रॉयल्टी भी दी जाएगी. योजना में  चयनित लेखकों के लिए छात्रवृति का भी प्रावधान है जिसमें प्रत्येक लेखक को  50,000 रु. प्रति माह 6 माह तक प्रदान  किये जाएंगे.

इस सबके अलावा चयनित लेखकों को विभिन्न प्रकार के अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे कि साहित्य उत्सव, पुस्तक मेले, आभासी पुस्तक मेले, संस्कृत आदान प्रदान कार्यक्रम आदि के माध्यम से अपने ज्ञान का विस्तार करने का एवं कौशल विकास करने का अमूल्य अवसर प्राप्त होगा.

क्या इससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को बढ़ावा मिलेगा?

यह योजना लेखकों का एक वर्ग विकसित करने में मदद करेगी जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान-प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विविध वर्णी विषयों पर लिख सकते हैं.

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पाठकों के लिए कोई खास संदेश?

यह युवा लेखकों के लिए एक बेहतरीन योजना है. एनबीटी ऐसी योजनाओं को  सामने लाने के लिए निरंतर काम कर रहा  है जिससे भारतीय संस्कृति और कला को बढ़ावा मिलेगा. जब देश के युवा नागरिक रीडिंग कल्चर को बढ़ावा देंगे तो जाहिर है  देश भी आगे बढ़ेगा. जैसा कि माननीय प्रधानमंत्रीजी कहते हैं, ‘‘पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत’’.

‘सिमर’ के रियल लाइफ पति के साथ फ्लर्ट करती दिखीं ‘ Sasural Simar Ka 2 ‘ की ‘रीमा’, पढ़ें खबर

कलर्स के पौपुलर टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का के दूसरे सीजन की कास्ट इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई हुई है. सीरियल की बात करें तो जहां रीमा (Tanya Sharma) और विवान (Karan Sharma) की शादी हो चुकी है तो वहीं आरव (Avinash Mukherjee) और सिमर (Radhika Muthukumar) दोनों एक-दूसरे से पहले ही शादी कर चुके हैं, जिसके चलते रीमा और सिमर के बीच अक्सर अनबन देखने को मिलती रहती है. इसी बीच हाल ही में सिमर यानी राधिका मुथुकुमार ने अपने रियल लाइफ पति का बर्थडे सेलिब्रेट किया. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

सिमर ने पति को विश किया बर्थडे

दरअसल, ससुराल सिमर का में सिमर के रोल में नजर आने वाली राधिका मुथुकुमार रियल लाइफ में मैरिड हैं, जिनका नाम अभिषेक अय्यर है. वहीं बीते दिन राधिका मुथुकुमार ने अपने पति का बर्थडे सेलिब्रेट करते हुए पति के साथ एक फोटो शेयर करते हुए बर्थडे विश किया. वहीं उनके फैंस ने भी उनके इस पोस्ट को काफी पसंद किया है. इसी बीच ध्यान खीचने वाला पोस्ट था रीमा यानी तान्या शर्मा का.

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रीमा ने किया फ्लर्ट

simar

सीरियल ससुराल सिमर का 2 के सेलेब्स ने भी जहां राधिका मुथुकुमार के पति को बर्थडे विश किया तो वहीं रीमा यानी तान्या शर्मा ने लिखा, हैप्पी बर्थडे जीजू… , जिसके बाद तान्या शर्मा ने इस पोस्ट पर एक और कमेंट करते हुए  लिखा, नजर न लग जाए जानू…. दूसरी तरफ फैंस कमेंट देखते ही कमेंट कर रहे हैं .

सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो विवान और रीमा की शादी के बाद ओसवाल परिवार में ड्रामा देखने को मिल रहा है. वहीं रीमा, सिमर से आरव को छीनने की बात कहती नजर आ रही हैं. हालांकि अब धीरे-धीरे माताजी सिमर के साथ खड़ी होती नजर आ रही हैं, जिसके कारण अब देखना होगा कि सीरियल की कहानी कौन सा नया मोड़ लेती है.

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अनुपमा-वनराज के रिश्ते पर सवाल उठाएगी काव्या, मिलेगा करारा जवाब

स्टार प्लस का सीरियल अनुपमा इस हफ्ते भी टीआरपी की लिस्ट में पहले पायदान पर हैं. वहीं मेकर्स सीरियल की कहानी फैमिली ड्रामा को और भी नए ट्विस्ट देने के लिए तैयार हैं. सीरियल की बात करें तो अपकमिंग एपिसोड में पाखी के कारण शाह परिवार में जहां नया बवाल मचेगा तो वहीं अनुपमा औऱ वनराज के रिश्ते पर काव्या सवाल उठाती नजर आएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

पाखी को पड़ा थप्पड़

 

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अब तक आपने देखा कि काव्या और पाखी, वनराज के कैफे में जाकर खाना बर्बाद कर देती हैं, जिसके चलते अनुपमा दोनों की क्लास लगाती नजर आती है. वहीं इस दौरान पाखी पर हाथ भी उठा देती है, जिसके कारण पाखी आगबबूला हो जाती है. वहीं काव्या को भी अनुपमा सबक सिखाती नजर आती है.

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समर-परितोष में हुई लड़ाई

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि समर, पाखी को समझाने के लिए उसके कमरे में जाएगा. जहां वह उसे अनुपमा और वनराज से मांफी मांगने के लिए खींचता नजर आएगा. वहीं अचानक पाखी गिर जाएगी और तभी परितोष वहां आ जाएगा और उसे गलतफहमी होगी कि समर ने पाखी पर हाथ उठाया है, जिसके बाद दोनों भाइयों में बहस होती नजर आएगी.

राखी ने वनराज को भिखारी

 

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दूसरी तरफ किंजल की मां राखी दवे , वनराज को रास्ते में पैम्पलेट बांटता देख भड़केगी और उसे भिखारी कहेगी. वहीं जवाब देते हुए कहेगा कि वहीं पर उसके पिता भी पैम्पलेट बांट रहे थे. तो राखी कहेगी कि अब उसने अपने पिता को भी भिखारी बना दिया, जिसके कारण वनराज गुस्से में नजर आएगा.

काव्या पर भड़केगी अनुपमा

 

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वनराज औऱ अनुपमा की दोस्ती देखकर अपकमिंग एपिसोड में काव्या का गुस्सा फूटने वाला है. दरअसल, काव्या, अनुपमा और वनराज की दोस्ती देखकर दोनों पर बरसेगी, जिसका जवाब देते हुए अनुपमा कहेगी कि एक-लड़का और लड़की कभी दोस्त नही हो सकते. इसीलिए अगर तुम्हें या तुम्हारे पति वनराज को कोई प्रौब्लम है तो उसके कारोबार और घऱ से जा सकते हैं, जिसे सुनकर काव्या-वनराज हैरान रह जाएंगे.

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कोरोना होने के बाद बाल बहुत झड़ रहे हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं कोरोना से रिकवरी के बाद बाल झड़ने से परेशान हूं. प्लीज मुझे सलाह दें कि मैं अपने बालों की केयर कैसे करूं?

जवाब-

इस समस्या को ‘टेलोजन एफ्लुवियम’ के नाम से जाना जाता है. इस के कारण किसी बीमारी या सदमे की वजह से कुछ समय के लिए हेयर फौल होने लगता है. इस के कारण बौडी के सिस्टम को शौक मिलता है. इस से हेयर की नई ग्रोथ बंद हो जाती है और कुछ समय बाद बाल गिरने लगते हैं.

कोविड-19 से ठीक होने के बाद कुछ हफ्ते या महीनों तक उन के बाल झड़ते रहते हैं क्योंकि वे उस शौक से बाहर नहीं आ पाते हैं. जब मरीज धीरेधीरे शारीरिक रूप से ठीक होने लगते हैं तब उन के बालों की ग्रोथ वापस आ जाती है.

इसलिए तब तक आप खानेपीने में प्रोटीन लें जो बौडी और हेयर के लिए बेहद जरूरी हैं. आयरन, विटामिन डी और दूसरे न्यूट्रिएंट्स का सेवन भी जरूर करें जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए ताजा ऐलोवेरा को मिक्सी में पीस कर जितना जैल है उस में

1/4 औलिव औयल मिला कर स्कैल्प में रोज मसाज करें.

मसाज के बाद सिर पर एक शौवर कैप पहन लें और इसे करीब 1 घंटे बाद शैंपू से धो लें. इस के नियमित उपयोग से बालों का झड़ना कम होता है.

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लंबे-खूबसूरत और काले बाल किसे पसंद नहीं आते…लेकिन लाइफस्टाइल और सही देखभाल के अभाव में अक्सर हमें बालों से जुड़ी किसी न किसी परेशानी को फेस करना पड़ता ही है. महंगे हेयर ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल के बावजूद हमें इन परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता.

इसके अलावा बहुत अधिक केमिकल इस्तेमाल करने से भी बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप नेचुरल तरीके अपनाए. बहुत से ऐसे कुदरती उपाय हैं जिनकी मदद से आप बालों से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. आमतौर पर लोगों को बालों से जुड़ी तीन तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रूखे-बेजान बाल, रूसी और ग्रोथ की समस्या…

आमतौर पर इन परेशानियों के लिए अलग-अलग उपाय बताए जाते हैं लेकिन आलू एक ऐसी चीज है, जिसके इस्तेमाल से आप इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. आलू में शहद, दही और नींबू मिलाकर आप अलग-अलग समस्याओं से मुक्त‍ि पा सकते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बालों की प्रौब्लम्स के लिए ट्राय करें आलू के ये टिप्स

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

शादी के लिए हां करने से पहले ये 5 बातें जानना है जरुरी

हमेशा पति को ही हर गलत बात का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. पत्नियां भी काफी अनुचित बातें कह कर पति का दिल दुखाती हैं. कुछ बातें पति को कभी न कहें. उन्हें बुरा लग सकता है. जानें वे बातें क्या हो सकती हैं-

1. मैं कर लूंगी

पलंबर या इलैक्ट्रिशियन को बुलाने के समय यह न कहें कि मैं कर लूंगी, भले ही इस से आप का काम जल्दी हो जाए पर पति को शायद अच्छा न लगे. मनोवैज्ञानिक ऐनी क्रोली का कहना है, ‘‘हो सकता है वह आप की हैल्प कर के आप को खुश करना चाहता हो. इस बात से पति चिढ़ते हैं, क्योंकि ‘मैं कर लूंगी’ इस बात से पति के कार्य करने पर आप का संदेह प्रतीत होता है और या यह कि आप को उस की जरूरत नहीं है.’’

2. तुम्हें पता होना चाहिए था

क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक रियान होव्स का कहना है, ‘‘अगर आप यह आशा करती हैं कि आप का पति हर बात या इशारा जो आप करती हैं, अपनेआप समझ जाएं तो आप खुद ही निराश होंगी. जब पति पत्नी के मन की बात नहीं समझते तो पत्नियां बहुत अपसैट हो जाती हैं. लेकिन पुरुष सच में दिमाग नहीं पढ़ पाते. अगर पत्नियां इस बात को स्वीकार कर लें तो वे बहुत दुखों से बच सकती हैं. वे साफसाफ कहें कि वे क्या चाहती हैं.’’

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3. क्या तुम्हें लगता है कि वह सुंदर है

पुरुषों की काउंसलिंग के स्पैशलिस्ट एक थेरैपिस्ट कर्ट स्मिथ का कहना है, ‘‘क्या आप सचमुच किसी आकर्षक स्त्री के विषय में अपने पति के विचार जानना चाहती हैं? शायद नहीं. आप यह पूछ कर अपने पति को असहज स्थिति में डाल रही हैं. कमरे में अधिकांश पुरुष सुंदर स्त्री को पहले ही देख चुके होते हैं. यदि वह आप का सम्मान रखने के लिए वहां नहीं देख रहा है तो आप का पूछना उसे असहज कर देगा. वह तय नहीं कर पाएगा कि आप को अपसैट न करने के लिए या आप को दुख न पहुंचाने के लिए क्या करे.’’

4. पुरुष बनो

स्मिथ कहते हैं, ‘‘क्या आप सचमुच ये शब्द कहती हैं? पुरुष बन कर दिखाने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है. आदमी बनो यह कहना उस की पहचान पर एक घातक हमला होता है, यह नफरत और शर्म से भरी बात होती है, यह आप के रिश्ते को ऐसी हानि पहुंचा सकती है, जिस की पूर्ति मुश्किल होगी.’’

5. हमें बात करने की जरूरत है

ये शब्द विवाहित पुरुष के अंदर डर सा पैदा कर देते हैं. थेरैपिस्ट मार्सिया नेओमी बर्गर का कहना है, ‘‘अगली बार कोई इशू हो तो आसान शब्दों का प्रयोग करें. ये शब्द सिगनल देते हैं कि पत्नी को पति से शिकायत या कोई आलोचना का विषय है, फिर जो आप अकसर सोच रही होती हैं, उस के उलटा हो जाता है.’’

6. फिर दोस्तों के साथ जा रहे हो

होव्स कहते हैं, ‘‘पति का दोस्तों के साथ क्रिकेट देखने या गोल्फ खेलने से आप के विवाह को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, यह चीज आप के रिश्ते को अच्छा ही बनाएगी. हां, कभीकभी पति पीने के लिए कोई बहाना कर देते हैं पर अधिकतर कुछ सलाह, कुछ महत्त्वपूर्ण बातें, सहारे के लिए मिलतेजुलते हैं, जो पत्नी अपने पति को दोस्तों से मिलनेजुलने से मना करती है वह अपने पति को उस के सपोर्ट सिस्टम से दूर कर रही होती है जबकि वह अन्य पतियों और पिताओं के साथ समय बिता कर अच्छा इनसान ही बनेगा.’’

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किसी पुरुष ने आप का पति बनने के बाद अपनी मरजी से जीने का अधिकार नहीं खो दिया है. उस पर विश्वास करें, उस का सम्मान करें. अपनी शिकायतें, सुखदुख उस के साथ प्यार से बांटें. वैसे भी आज के जीवन में बहुत भागदौड़ है, तनाव है. उस के साथ अपना जीवन प्यार से, सुख से, आराम से बिताएं.

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