Dementia मानसिक बीमारी या बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक असहजता?

डिमेंशिया कोई विशेष बीमारी नहीं है बल्कि बढ़ती उम्र के साथ भूलने की समस्या है. इस बीमारी के कुछ लक्षण इस प्रकार है जैसे :- नई बातों को याद रखने में दिक्कत होना, किसी प्रकार के तर्क को ना समझ पाना ,लोगों से मेलजोल करने में परेशानी होना ,सामान्य कार्य को करने मे दिक्कत होना ,अपनी भावनाओं को काबू न कर पाना और धीरे-धीरे रोगी के व्यक्तित्व में बदलाव होना.

डिमेंशिया के प्रकार :-

डिमेंशिया अनेक कारणों से हो सकता है जैसे कि अल्ज़ाइमर, लुई बोडीज़, वासकूलर पार्किंसन इत्यादि. इसके अलावा कुछ भी लक्षण है जैसे हाल ही में हुई किसी घटना को भूल जाना, बातचीत करने के वक्त सही शब्दों का इस्तेमाल न कर पाना, भीड़ भाड़ में जाते समय घबरा जाना, मोबाइल चलाने की समझ भूल जाना, जरूरी निर्णय न ले पाना और साधारण सी चीजों के बारे में भी जानकारी नहीं समझ पाना. कई बार देखा जाता है कि रोगी लोगों पर बहुत अधिक शक भी करने लगता है. अपने आसपास के लोगों को मारने लगता है. झूठ मूठ के इल्जाम लगाने लगता है, छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित होने लगता है ,दिन भर चुपचाप बैठे रहने लगता है. डिमेंशिया के कुछ मरीजों में तो कई मरीज ऐसे भी मिलते हैं जो मारपीट करने में भी नहीं झिझकते हैं.

डिमेंशिया के कौन से लक्षण किस व्यक्ति में नजर आएंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके मस्तिष्क के किस हिस्से को नुकसान हुआ है.भारत में ज्यादातर यह समझा जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ यह लक्षण स्वभाविक हो जाते हैं. डिमेंशिया का एक मुख्य कारण अवसाद भी हो सकता है.

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डिमेंशिया होने के कारण:-

शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल के न्यूरो साइंस विभाग के प्रिंसिपल कंसलटेंट डॉ शैलेश जैन के मुताबिक मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. लेकिन खराब लाइफस्टाइल और कई बीमारियां मस्तिष्क के लिए बड़ा खतरा बन जाती हैं.

इस बीमारी का एक मुख्य कारण निष्क्रिय या अति सक्रिय थायराइड हो सकता है क्योंकि अगर एक मरीज में यदि उसका थायराइड निष्क्रिय होगा तो उसे शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस हो सकता है, या वह व्यक्ति एकाग्रता से परेशान हो सकता है. इसके अलावा यदि थायराइड बहुत अधिक सक्रिय होगा तो इसकी वजह से रोगी के अंदर बेचैनी, निष्क्रिय पिट्यूटरी ग्रंथि ,यकृत और गुर्दे की बीमारियां पैदा हो सकती हैं. इस बीमारी की वजह से रोगी को ब्रेन ट्यूमर तक होने की संभावना हो सकती है और अब धीरे-धीरे विश्व भर में यह मामले तेजी से बढ़ रहे हैं हालांकि ट्यूमर को सर्जरी के बाद हटाया जा सकता है.

डिमेंशिया में सिर में चोट लगना भी एक बहुत बड़ी समस्या है. विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर में बार-बार चोट लगने से भी याददाश्त संबंधी समस्याएं, मानसिक असंतुलन की समस्या , आसान गणित को हल करने की समस्या और खराब एकाग्रता के कारण अकेलेपन की शिकायत बढ़ने लगती है. भारत जैसे देश में हम यह मान लेते हैं कि यह बढ़ती उम्र के साथ यह चोट लगने के वजह से ऐसा होता है लेकिन यदि हम इन समस्याओं को अनदेखा करते हैं तो रोगी के स्वास्थ्य पर भी इसका बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है.

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वृद्ध व्यक्तियों में विटामिन बी 12 की कमी होना भी चिंता की बात है, क्योंकि विटामिन B12 हमारी तांत्रिका कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में और मेगालोब्लास्टिक एनीमिया को रोकने में मदद करता है. इसके अलावा विटामिन बी 12 तंत्रिका कोशिकाओं में मौजूद अनुवांशिक पदार्थ डीएनए बनाने के लिए भी सहायक होता है. यदि व्यक्ति के शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होती है तो इस वजह से रोगी को अवसाद चिड़चिड़ापन दृष्टि दोष भूलने की बीमारी और एकाग्रता की समस्या आने लगती है. इस समस्या से निपटने के लिए रोगी के आहार में अंडा ,मांस, मछली शामिल करना चाहिए.

दुनियाभर मे अगले वर्ष तक लगभग डिमेंशिया से 144 लाख लोगों की प्रभावित होने की संभावना है . इस बीमारी से निपटने के लिए विशेषज्ञों की उचित सलाह लेनी चाहिए और रोगियों की उचित देखभाल करनी चाहिए.

घर पर आसानी से ऐसे बनाएं पालक के टेस्टी कोफ्ते

आजकल लोग अपने लाइफस्टाइल में हेल्दी रहने लिए कई तरह की चीजें एड करते हैं. पर वह उनके लिए हेल्दी साबित नही होती, क्योंकि वह उन चीजों को घर पर बनाने की बजाय बाजार से खरीदते हैं. जो हेल्थ के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. हेल्दी रहने के लिए साग खाना बेहद जरूरी है. इसीलिए आज हम आपको अपने हेल्थ को अच्छा रखने के लिए एक टेस्टी रेसिपी बनाएंगे, वो भी बिना टेस्ट से कौम्प्रमाइज किए. आजकल मार्केट में पालक, मेथी आदि खूब मिलते हैं. ऐसे में आप घर पर पालक कोफ्ता करी जरूर ट्राय करें. ये खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है. आइए जानते हैं पालक कोफ्ता बनाने का आसान तरीका…

पालक कोफ्ता बनाने के लिए सामान

पालक – 200 ग्राम

बेसन – 1 कप

हरी मिर्च – 1 बारीक कटी

अदरक – ½ इंच टुकडा़

नमक – 1/4 छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर – 1/4 छोटी चम्मच

ग्रेवी बनाने के लिए चाहिए…

टमाटर – 4

हरी मिर्च – 2

अदरक का पेस्ट

क्रीम – ½ कप

तेल – 2-3 टेबल स्पून

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हरा धनिया थोड़ी बारीक कटी

जीरा पाउडर – ½ छोटी चम्मच

हींग – 1 पिंच

हल्दी पाउडर – ½ छोटी चम्मच

धनिया पाउडर – 1 छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर – 1/4 छोटी चम्मच

गरम मसाला -1/4 छोटी चम्मच

नमक – स्वादानुसार

पालक कोफ्ता बनाने का तरीका…

पालक के कोफ्ते बनाने के लिए सबसे पहले पालक को बारीक काट कर रखिए. एक बड़े प्याले में बेसन निकाल लीजिए और थोड़ा पानी डालते हुए गाढ़ा घोल तैयार करिए. बेसन के घोल में बारीक कटा हुआ अदरक, बारीक कटी हरी मिर्च, चौथाई छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर और आधा छोटी चम्मच नमक डालकर सभी मसालों को अच्छे से मिला लीजिए. अब इसमें काट कर रखी हुई पालक डालकर अच्छी तरह मिलाइये. अब कढ़ाई में तेल डालकर गरम करिए और मिश्रण से थोड़ा मिश्रण निकाल कर कोफ्ते का आकार देते हुये तेल में डाल दीजिए. इन्हें पलट-पलट कर, ब्राउन होने तक तल लीजिए. तले हुये कोफ्ते प्लेट में निकाल कर रख लीजिए.

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पालक कोफ्ते की ग्रेवी बनाने के लिए…

कढ़ाई में 2 टेबल स्पून तेल डालकर गरम कीजिए. गरम तेल में जीरा, हींग, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर डालकर हल्का सा भून लीजिए. टमाटर, अदरक, हरी मिर्च का पेस्ट डालिए और मिलाइए. लाल मिर्च पाउडर डालकर मसालों को धीमी आंच पर तब तक भूनिए, जब तक मसाले के ऊपर तेल तैरता न दिखाई देने लगे. अब क्रीम डालकर लगातार चलाते हुए तब तक भूनें जब तक की मसाले में उबाल न आ जाए.

ग्रेवी में उबाल आने पर 2 कप पानी डाल दीजिए और लगातर चलाते हुए फिर से उबाल आने तक पकाएं. अब गरम मसाला, नमक और थोड़ा सा हरा धनिया डाल कर मिला दीजिए. ग्रेवी में कोफ्ते डालकर और ढक कर 2 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें.

अपनी तलाकशुदा पत्नी से विवाह

शायद ही कभी किसी ने देखासुना हो कि तलाक के 4 साल और अलगाव व खटपट के 12 वर्षों बाद पतिपत्नी ने दोबारा शादी कर ली. मामला कुछकुछ विचित्र किंतु सत्य है जिस के बारे में जान कर महसूस होने लगा है कि तलाक के बाद पतिपत्नियों की हालत या मानसिकता पर कोई एजेंसी अगर सर्वे व काउंसलिंग करे तो पतिपत्नी का दोबारा मिल कर उजड़ी गृहस्थी को संवार लेना एक संभव काम है.

तलाक व्यक्तिगत, कानूनी, सामाजिक, पारिवारिक हर लिहाज से एक तकलीफदेह प्रक्रिया है जिस की मानसिक यंत्रणा के बारे में शायद भुक्तभोगी भी ठीक से न बता पाएं. इस के बाद भी तलाक के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं. इस से यही उजागर होता है कि अकसर पतिपत्नी या तो गलतफहमी का शिकार रहते हैं या फिर मारे गुस्से के अपना भलाबुरा नहीं सोच पाते. तलाक में नजदीकी लोगों की भूमिका कहीं ज्यादा अहम हो जाती है जो बजाय बात संभालने के, बिगाड़ते ज्यादा हैं.

यह ठीक है कि कुछ मामलों में तलाक अनिवार्य सा हो जाता है पर अधिकांश मामलों में यह जिद व अहं का नतीजा होता है जो खासतौर से पत्नी के हक में अच्छा नहीं होता. समाज के लिहाज से यह दौर बदलाव का है जिस में महिलाएं पहले सी दोयम दरजे की नहीं रह गई हैं. वे हर स्तर पर समर्थ, सक्षम और जागरूक हुई हैं लेकिन तलाक के बाद ये सभी बातें हवा हो जाती हैं जब उन्हें अपने अकेलेपन का एहसास होता है और वे एक स्थायी असुरक्षा में जीने को मजबूर हो जाती हैं.

मुमकिन है कभीकभी उन्हें लगता हो कि तलाक बेहद जरूरी भी नहीं था. इस से बच कर तलाक के बाद की दुश्वारियों से भी बचा जा सकता था लेकिन बात ‘अब पछताए होत का जब चिडि़या चुग गई खेत’ सरीखी हो जाती है. तलाक का कागज उन्हें नए माहौल और हालत में जीना सिखा देता है, इसलिए चाह कर भी वापस नहीं मुड़ा जा सकता क्योंकि तलाक के बाद पति दूसरी शादी कर नई पत्नी के साथ शान से गुजर कर रहा होता है. वहीं, अधिकांश पत्नियां, जो भारतीय संस्कारों से ग्रस्त ही कही जाएंगी, किसी दूसरे को सहज तरीके से पति मानने या स्वीकारने के लिए खुद को तैयार या सहमत नहीं कर पातीं और जब तक खुद को तैयार कर पाती हैं तब तक उम्र का सुनहरा हिस्सा उन के हाथों से फिसल चुका होता है.

शशिकांत संग वंदना

मध्य प्रदेश के भिंड जिले के इस दिलचस्प मामले को बतौर मिसाल लिया जाए तो तलाकशुदाओं के लिहाज से यह एक अच्छी पहल सिद्ध हो सकती है. वंदना और शशिकांत की शादी साल 2001 में हुई थी. ये दोनों साधारण खातेपीते कायस्थ परिवार के हैं और दोनों के ही पिता पुलिस विभाग में नौकरी करते हैं. शादी के बाद वंदना ससुराल आई तो उसे नया कुछ खास नहीं लगा क्योंकि उस का मायका भी भिंड में ही है. संयुक्त परिवार से संयुक्त परिवार में आने से उसे तालमेल बैठाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आई.

शशिकांत प्राइवेट नौकरी करता था. उस की कोई खास आमदनी नहीं थी. संयुक्त परिवारों में खर्चे का पता नहीं चलता, न ही कोई कमी महसूस होती. देखते ही देखते एक साल गुजर गया और वंदना ने एक बच्ची को जन्म दिया जिस का नाम घर वालों ने प्रिया रखा.

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शायद आपसी समझ का अभाव था या फिर संयुक्त परिवार की बंदिशें थीं कि दोनों एकदूसरे से असंतुष्ट रहने लगे और जल्द ही आरोपोंप्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो गया जिन में कोई खास दम नहीं था. यह बात वक्त रहते दोनों समझ नहीं पाए, लिहाजा रोजरोज की खटपट शुरू हो गई. पतिपत्नी के बीच का तनाव और विवाद उजागर हुए तो दोनों के घर वालों ने दखल देते समझाया पर बजाय समझने के दोनों भड़कने लगे और आखिरकार अपना फैसला भी सुना दिया कि अब हम साथ नहीं रह सकते. लिहाजा, हमारा तलाक करा दिया जाए.

दोनों ही परिवारों की भिंड में इज्जत है, इसलिए घर वाले कतराए, लेकिन तमाम समझाइशें बेकार साबित हो चुकी थीं. दोनों कुछ समझने को तैयार नहीं थे. एक दिन वंदना प्रिया को ले कर अपने मायके चली गई तो शशिकांत ने भी आपा खो दिया और तलाक का मुकदमा दायर कर दिया.

8 साल मुकदमा चला. तारीखें पड़ीं, पेशियां हुईं और आखिरकार 2012 में तलाक यानी कानूनन विवाहविच्छेद इस शर्त पर हुआ कि पत्नी व बेटी को गुजारे के एवज शशिकांत 2 हजार रुपए महीने देगा जो कि कुछ साल उस ने दिए भी.

2014 में शशिकांत ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते भरणपोषण राशि देने में असमर्थता जताई तो अदालत ने भरणपोषण का आदेश रद्द कर दिया. अब तक घर और समाज वालों की दिलचस्पी इन दोनों से खत्म हो गई थी. वंदना मायके में थी लेकिन सहज तरीके से नहीं रह पा रही थी. उधर, शशिकांत को भी लग रहा था कि जो कुछ भी हुआ वह ठीक नहीं हुआ.

शशिकांत और वंदना दोनों कशमकश की जिंदगी जी रहे थे. बेटी प्रिया का भी कोई भविष्य नहीं था और सब से ज्यादा तकलीफदेह बात दोनों का एकदूसरे को न भूल पाना थी. झूठा अहं, गुस्सा और ठसक दम तोड़ रहे थे. दोनों को ही बराबर से समझ आ रहा था कि वे जानेअनजाने  जिंदगी की सब से बड़ी गलती या बेवकूफी कर चुके हैं, पर अब कुछ हो नहीं सकता था, इसलिए कसमसा कर रह जाते थे.

जब सब्र टूटा

बीती 9 अक्तूबर को वंदना बेटी प्रिया को ले कर भिंड के एएसपी अमृत मीणा के दफ्तर पहुंची और बगैर किसी हिचक के उन से कहा कि अब उस के सामने खुदकुशी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. अमृत मीणा ने सब्र से उस की पूरी बात सुनी और तुरंत शशिकांत को तलब किया. थाने में ही उन्होंने दोनों को साथ बैठा कर चर्चा की. 14 साल की होने जा रही प्रिया का हवाला दिया और जमानेभर की ऊंचनीच समझाई तो वंदना और शशिकांत हद से ज्यादा जज्बाती हो उठे और फिर से साथ रहने को तैयार हो गए.

अमृत मीणा भी अपनी पहल और समझाइश का वाजिब असर देखते उत्साहित थे. लिहाजा, उन्होंने इन दोनों की हिचक दूर करते तुरंत दफ्तर में ही उन की दोबारा शादी का इंतजाम कर डाला. दोनों 14 साल का गुबार और भड़ास निकाल चुके थे, इसलिए दोनों शादी के लिए तैयार हो गए ताकि तलाक और अलगाव का एहसास खत्म हो जाए.

एएसपी के रीडर रविशंकर मिश्रा ने पंडित की भूमिका निभाई और मंत्र पढ़ते हुए दोनों की शादी करा दी. 14 साल बाद इन पतिपत्नी ने दोबारा एकदूसरे को जयमाला पहनाई और शशिकांत वंदना को घर ले कर आ गया. बाकायदा विदाई भी हुई, अमृत मीणा अपनी गाड़ी से दोनों को घर छोड़ कर आए. बहुत कम मौकों और मामलों पर पुलिस वालों का मानवीय पहलू देखने में आता है, जो इस मामले में दिखा.

दोबारा विवाह का यह अनूठा मामला था. इस प्रतिनिधि ने बीती 25 नवंबर को वंदना और शशिकांत से बात की. दोनों खुश थे. वे बीती बातें नहीं करना चाहते थे जिन में उन्होंने बेहद तनाव झेला था. वंदना की चहक और शशिकांत की परिपक्वता बता रही थी कि वे इस नई जिंदगी से खुश हैं और चाहते हैं कि दूसरे तलाकशुदा पतिपत्नी भी गुस्सा और पूर्वाग्रह छोड़ कर शादी करें. अगर वे ऐसा करते हैं तो पहले जो खो चुके हैं उसे वे मय ब्याज के हासिल कर सकते हैं.

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जल्दबाजी, गुस्सा, अहं, जिद और अपनों के ही भड़काने पर पतिपत्नी तलाक तो ले लेते हैं पर इन में से अधिकांश बाद में पछताते हैं. वजह, दूसरी शादी आसान नहीं होती और अगर हो भी जाए तो तलाक का धब्बा सहज तरीके से जीने नहीं देता और इस पर भी, दूसरे जीवनसाथी के मनमाफिक होने की गारंटी नहीं रहती.

तो फिर तलाक के बाद क्यों न पहले जीवनसाथी की तरफ सुलह का हाथ बढ़ाया जाए, इस अहम सवाल पर वंदना और शशिकांत के मामले से सोचा जाए तो बात बन सकती है.

तलाक के बाद अधिकांश पतिपत्नी अवसाद में ही जीते नजर आते हैं खासतौर से उस सूरत में जब तलाक की कोई ठोस वजह न हो. ज्यादातर तलाकों की वजह बेहद हलकी होती है. ऐसा आएदिन के मामलों से उजागर भी होता रहता है. अगर शादी के बाद एक साल या उस से भी ज्यादा का वक्त पतिपत्नी ने एकसाथ गुजारा है तो एकदूसरे को भुला देना उन के लिए आसान नहीं होता.

तलाक के पहले परिवार परामर्श केंद्र, अदालत और काउंसलर सोचने के लिए वक्त देते हैं लेकिन उस वक्त पतिपत्नी दोनों के दिलोदिमाग में इतना गुस्सा व नफरत का गुबार भरा होता है कि वे सोचते कम, झल्लाते ज्यादा हैं.

तलाक के बाद की दुश्वारियां, अकेलापन, अपनों की अनदेखी वगैरा उन्हें समझ आने लगती हैं. पर चूंकि तलाकशुदा पतिपत्नी की दोबारा शादी की पहल किसी भी स्तर पर नहीं होती, इसलिए सुलह की गुंजाइशें होते हुए भी बात नहीं बन पाती. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि भिंड के इस प्रयोग को दोहराया जाए क्योंकि संभव है पति और पत्नी अपनी गलतियां महसूस करते हुए दोबारा साथ रहना चाहते हों.

इन 10 ब्यूटी मिस्टेक्स के ये हैं स्मार्ट सौल्यूशंस

सुंदर दिखना कौन नहीं चाहता, सुंदर दिखना हर किसी की ख्वाहिश होती है. आज हर किसी में सुंदर दिखने की होड़ लगी है. आप की खूबसूरती की सभी तारीफ करें, आप इस के प्रयास करती रहती हैं. आप की ब्यूटी को निखारने में मेकअप की अहम भूमिका होती है, लेकिन कई बार जानेअनजाने छोटीछोटी मिस्टेक्स हो जाती हैं. ये मेकअप मिस्टेक्स किसी से भी हो सकती हैं, फिर चाहे वह आप हों या आप की सहेली या फिर कोई पसंदीदा अभिनेत्री. यहां छोटीछोटी गलतियों के स्मार्ट सौल्यूशंस बता रहे हैं, मेकअप ऐक्सपर्ट्स कपिल पाठक और ऐना.

मिस्टेक 1

बेमेल रंग

बेमेल रंग जैसी मिस्टेक होना आम बात है, अकसर युवतियां चेहरे पर ध्यान देने की वजह से यह भूल जाती हैं कि गरदन व बांहों का रंग अलग है. यह देखने में बड़ा बेमेल लगता है. यह ब्रौंजर के अधिक इस्तेमाल करने से होता है.

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चेहरे के रंग से अगर आप अपनी गरदन व बांहों का मेल कराना चाहती हैं, तो ब्रौंजर को अपने फोरहैड, नोज, चीकबोंस व जौ लाइन से गरदन तक लगाएं. ध्यान रखें कि ब्रौंजर स्किन टोन से 2 शेड गहरा हो.

मिस्टेक 2

मोटा व गाढ़ा आइलाइनर लगाना

गाढ़ा व मोटा आइलाइनर हर किसी पर केकी लुक देता है. यह सिर्फ कैमरा फेस करने के लिए उपयुक्त रहता है.

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क्लासिक नैचुरल लुक पाने के लिए आप वाटर बेस्ड नैचुरल कलर वाला लाइनर चुनें. अगर आप की पलकें बड़ी हैं, तो आप थोड़ी मोटी लाइन बना सकती हैं. जिन की पलकें छोटी हों, उन्हें पतली और कोने के बाहर निकलती हुई लाइन बनानी चाहिए.

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मिस्टेक 3

आईब्रो सैटिंग्स

सही आकार होने के बावजूद भौं के बाल ठीक से कोंब न होने से खराब लगते हैं.

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लैश ब्रश या क्लीन मसकारे से भौं को ऊपर व बाहर की ओर फैलाएं ताकि वे सही शेप में नजर आएं. जो बाल अनईवन दिखें, उन पर हलका सा पानी लगा कर शेप दें. आप चाहें तो ब्रो जैल भी लगा सकती हैं.

मिस्टेक 4

चमकदार चेहरा

युवतियां दूसरों की देखादेखी अपने चेहरे पर भी ऐसा मेकअप कर लेती हैं, जो अत्यधिक चमकदार लगता है.

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मेकअप से पहले फेस प्राइमर लगाएं. उस के बाद तेलरहित बेस चुनें. बेस लगाने के बाद ट्रांसलूसैंट पाउडर से मेकअप का टचअप करें व सैट करें. फिर बाद में पाउडर न लगाएं. इस के बाद चेहरे पर ब्लौटिंग पेपर रख कर दबाएं ताकि ऐक्स्ट्रा पाउडर व औयल निकल जाए.

मिस्टेक 5

लिपस्टिक का दांतों पर लगना

लिपस्टिक लगाने के बाद हमेशा आप मिरर में देख कर स्माइल करें, ताकि आप को पता चल जाए.

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लिपस्टिक लगाने का सब से अच्छा तरीका यह है कि आप उसे हमेशा ब्रश की सहायता से लगाएं. चैक करने के लिए अपनी उंगली होंठों के अंदर ले जा कर होंठ अच्छी तरह से दबाएं ताकि ऐक्स्ट्रा लिपस्टिक आप की उंगली पर आ जाए.

मिस्टेक 6

फाउंडेशन का यूज

कभीकभार जल्दबाजी में ज्यादा फाउंडेशन लग जाता है. सूखने पर पता चलता है कि अधिक फाउंडेशन की वजह से चेहरा केकी लग रहा है.

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फेस ड्राई है तो पाउडर फाउंडेशन का यूज न करें. इस की जगह लिक्विड या क्रीमी फार्मूला यूज करें. मिक्स स्किन के लिए क्रीम टू पाउडर फाउंडेशन का यूज करें. अगर फाउंडेशन ज्यादा लग गया हो, तो गीला स्पौंज ले कर ऊपर से नीचे की ओर चेहरा साफ करें. हाथ बराबर चलाएं. टिश्यू पेपर को चेहरे पर रख कर हलका सा दबाएं. ऐसा करने से ऐक्स्ट्रा फाउंडेशन क्लीन हो जाएगा.

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मिस्टेक 7

गाढ़ा आई मेकअप

क्या आप को पता है कि डार्क आई मेकअप आप की आंखों को और छोटा कर देता है. रात की पार्टी के लिए स्मोकी आई लुक सब से ज्यादा पसंद किया जाता है. यह आंखों के आसपास के भाग को काला कर देता है, जिस से आंखों का सफेद हिस्सा दिखाई नहीं देता और यह आंखों को भी छोटा दिखाता है.

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आम धारणा है कि स्मोकी आई लुक ब्लैक शैडो से ही मिल पाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. इस की जगह ग्रे व ब्लू शेड भी बेहतरीन लुक देते हैं. सब से पहले अपनी निचली और ऊपरी पलकों पर ब्लैक आइलाइनर लगाएं. अब पलकों पर ग्रे शैडो अप्लाई करें और एक पतले आइलाइनर ब्रश से उसे पलकों पर फैलाएं. अच्छी तरह से ब्लेंड करें ताकि लाइन नजर न आए. अब भीतरी कोनों पर व्हाइट सिमरी शैडो लगाएं.

मिस्टेक 8

गलत है वैक्सिंग का तरीका

कभीकभी वैक्सिंग से त्वचा काली पड़ जाती है और शरीर पर दाने उभर आते हैं, वैक्सिंग करने का यह तरीका काफी नुकसानदायक है.

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गरम वैक्स से बालों को निकालना दुखदायी तो होता है, पर तब जब वैक्स जरूरत से ज्यादा गरम हो जाए, यह स्किन को बर्न कर दागधब्बे छोड़ देता है इसलिए वैक्स को सही टैंपरेचर पर गरम करें.

मिस्टेक 9

ब्यूटी मास्क

होममेड ब्यूटी मास्क से कभीकभी स्किन पर रैशेज भी आ जाते हैं.

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होममेड ब्यूटी मास्क तो होम व नैचुरल चीजों को मिला कर ही तैयार किया जाता है. पर फिर भी स्किन में रैशेज की वजह बन जाता है. ऐसे में साफ कपड़े को दूध में भिगो कर उन जगहों पर लगाएं. इस से स्किन पर होने वाली इरिटेशन कम होगी.

मिस्टेक 10

ग्लौसी लिप्स

इस से बचने के लिए मेगा शाइन लिपग्लौस चुनें.

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ज्यादा लिपग्लौस न लगाएं. अगर यह आप के होंठों से बाहर आने लगे तो इसे दोबारा यूज न करें. टिश्यू पेपर को होंठों पर रख कर हलके से दबाने पर यह अपनेआप फैल जाएगा.

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Couples के लिए जन्नत से कम नहीं है ऊटी, ये है बेस्ट Honeymoon Spot

शिमला में बर्फ पड़ते ही ज्यादातर लोग शिमला में स्नोफौल देखने की प्लानिंग करते हुए नजर आते हैं. ऐसे में सीजन में घाटा उठा रहा शिमला टूरिज्म फिर से गुलजार हो गया है. लेकिन दूसरी तरफ शिमला जाने वाले लोगों की संख्या एकाएक बढ़ गई है.

अगर आप भी शिमला घूमने का प्लान बना रही हैं, तो वहां जाने से पहले अपनी विश लिस्ट थोड़ी बढ़ा लीजिए, क्योंकि वहां आपको काफी भीड़ मिल सकती है.

आइए, हम आपको शिमला की तरह ही खूबसूरत एक और जगह के बारे में बताते हैं. ऊटी एक ऐसी खूबसूरत जगह जिसे कपल्स की फेवरेट हनीमून डेस्टिनेशन माना जाता है. आइए, जानते हैं क्या है यहां खास.

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यह दक्षिण भारत का प्रमुख हिल स्टेशन है, जो हनीमून हौट स्पौट के रूप में भी प्रसिद्ध है. यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है. ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है. इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) भी कहा जाता है. कुछ लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस स्थान का नाम यहां की घाटियों में 12 वर्ष में एक बार फूलने वाले कुरुंजी फूलों के कारण पड़ा. ये फूल नीले रंग के होते हैं तथा जब ये फूल खिलते हैं तो घाटियों को नीले रंग में रंग देते हैं.

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क्या है खास

बोटेनिकल गार्डन, डोडाबेट्टा उद्यान, ऊटी झील, कलहट्टी प्रपात और फ्लौवर शो आदि कई कारण हैं जिनके लिए ऊटी पूरे विश्व में मशहूर है. एवलेंच, ग्लेंमोर्गन का शांत और प्यारा गांव मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान आदि ऊटी के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.

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कैसे पहुंचे

ऊटी का नजदीकी एयरपोर्ट कोयंबटूर 89 किलोमीटर दूर है. मुंबई, कालीकट, चेन्नई व मदुरै के लिए यहां से नियमित उड़ानें हैं. चेन्नई व कोयंबटूर से ट्रेनें भी हैं. बस-टैक्सी लेकर मदुरै,  तिरुअंनतपुरम, रामेश्वरम, कोच्चि, कोयंबटूर से यहां पहुंचा जा सकता है.

अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ किसी खास जगह पर घूमना चाहते हैं, तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकती है.

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झूठ से सुकून: शशिकांतजी ने कौनसा झूठ बोला था

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जानें कैसा हो आपका Party आउटफिट्स

पार्टी की बात आते ही युवतियों के चेहरे खिल उठते हैं, क्योंकि जहां पार्टी मस्ती का दूसरा नाम है वहीं उन्हें पार्टी में न्यू ड्रैसेज पहनने का मौका जो मिलता है. ऐसे में अगर आप पार्टी में गौर्जियस लुक के साथ ऐंट्री करना चाहती हैं तो जानें किस पार्टी में कैसी हो आप की ड्रैस ताकि आप सैंटर औफ अट्रैक्शन बन जाएं.

वैडिंग पार्टी

चाहे फैमिली वैडिंग फंक्शन हो या फिर फ्रैंड की वैडिंग, ऐक्साइटमैंट तो होती ही है. ऐसे में यदि अवसर के हिसाब से ड्रैस हो, तो कहना ही क्या. और आजकल वैडिंग पार्टी के लिए लौंग गाउन से बैस्ट कुछ है ही नहीं, जो आप को मौडर्न लुक देने का काम करेगा. यह आप पर डिपैंड करता है कि आप स्लीवलैस गाउन कैरी करना चाहती हैं या फिर स्लीव के साथ. यह इतना कंफर्टेबल है कि आप इसे पहन कर पार्टी एंजौय कर सकती हैं.

साथ ही, आप इस मौके पर साड़ी पहन कर भी हौटैस्ट दिख सकती हैं. बस, जरूरत है कि सही साड़ी चूज करने की, जैसे शिफौन की साडि़यां काफी अच्छा गैटअप देती हैं. वहीं, आजकल नैट वाली साडि़यां भी डिमांड में हैं. इस पर पट्टी व स्ट्रिप वाले ब्लाउज पहन कर आप और भी हौट दिख सकती हैं.

कैसे हो ऐक्सैसरीज

यदि आप का गाउन या साड़ी हैवी है तो आप को गले में सिर्फ पतली चैन ही कैरी करनी है. गाउन या साड़ी के साथ कौलर नैकलेस और कड़ा स्टाइल ब्रैसलेट डालें. इस के साथ पैंसिल हील आप की ग्रेस बढ़ाने का काम करेगी.

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फैमिली गेटटूगेदर

फैमिली गेटटूगेदर मतलब डबल मस्ती और फुल कंफर्ट. ऐसे मौके पर आप को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं. बस, रेडी रहें, सनड्रैस, स्कर्ट और पैंट विद मिनी टौप के साथ, जो आप को वियर करने में भी इजी रहेंगे और कूल एहसास भी दिलवाएंगे. आप देखने वालों की नजरों में भी छा जाएंगी.

ऐक्सैसरीज हो स्मार्ट

सनड्रैस के साथ एथनिक ज्वैलरी आप के लुक में जहां चारचांद लगाएगी, वहीं स्कर्ट और पैंट के साथ सिर्फ हैंड ऐक्सैसरीज पहन कर आप खुद को ओवर लुक दे सकती हैं. दोनों ही ड्रैसेज के साथ हाईहील जंचेगी.

बर्थडे पार्टी

बर्थडे पार्टी के बहाने जब फ्रैंड्स से मिलने की बात हो तो आप खुद को सब से खूबसूरत दिखने में पीछे नहीं रहेंगी. ऐसे में आप मिनी, स्लिप ड्रैस, ह्यूब ड्रैस, कैप्री, प्लाजो विद कुरती पहन कर खुद को दें प्रिटी लुक ताकि आप के फ्रैंड्स आप को देख कर यह कहने से न रहें कि तुम तो बहुत ही सैक्सी लग रही हो.

ऐक्सैसरीज से नो कौंप्रोमाइज

इन ड्रैसेज के साथ आप हैंगिंग इयररिंग्स, एथनिक रिंग्स और सैंडिल्स में रौप सैंडिल्स, टिपटौप सैंडिल्स, किटन हील्स पहन सकती हैं.

किट्टी पार्टी

किटी पार्टी मतलब ट्रैंडी लुक, जहां खाने की ढेरों वैराइटियों का लुत्फ उठाने का मौका तो मिलता ही है, साथ ही, इस मौके पर एकदूसरे के आउटफिट्स भी देखने लायक होते हैं. ऐसे में यदि आप भी अपने गु्रप में अलग दिखना चाहती हैं तो स्कर्ट, प्लाजो टौप, फ्रौक, फ्रौक स्टाइल कुरती पहन कर किटी पार्टी में खुद को यूनीक दिखाने में पीछे न रहें. इन के साथ पंपस हील्स का कौंबिनेशन मस्त लगेगा.

कालेज फैस्ट

युवतियां कालेज फैस्ट को ले कर काफी क्रेजी रहती हैं. इस के लिए वे कई दिनों पहले से ही खुद को संवारने की तैयारी शुरू कर देती हैं, क्योंकि भले ही सब उन के फ्रैंड्स हैं, लेकिन इस मौके पर कोई उन की तारीफ न कर के उन के फ्रैंड्स की तारीफ करे तो यह उन्हें बिलकुल गवारा नहीं. ऐसे में मार्केट में क्या लेटैस्ट व यूनीक आउटफिट मौजूद है, इस पर उन की नजर रहती है. यदि आप भी अपने कालेज फैस्ट में वाहवाही लूटना चाहती हैं तो इस बार स्लिप व नैट ड्रैस, मिनी विद शौर्ट टौप, ब्लैक लौंग गाउन के साथ पार्टी में ऐंट्री कीजिए फिर देखिए अच्छेअच्छे आप के दीवाने हो जाएंगे.

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ऐक्सैसरीज भी हो स्मार्ट

आप इन आउटफिट्स के साथ हैवी पैंडेंट वाली चेन ट्रैंडी ज्वैलरी पहन सकती हैं और हाई हील तो आप की ड्रैस में चारचादं लगाएगी ही, इसलिए हाई हील कैरी करना न भूलें.

आउटिंग

फैमिली या फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर जाना किसी पार्टी को एंजौय करने से कम नहीं होता. ऐसे में अगर आप आउटिंग पर गोवा वगैरा जाने का मूड बना रही हैं तो शौर्ट्स के साथ शौर्ट टौप, जिस में टमी भी दिखें, आप को काफी सैक्सी फील करवाएगी. इस आउटफिट में आप बीच पर भी काफी कंफर्टेबल हो कर एंजौय कर पाएंगी. इस के साथ आप फ्लैट चप्पल व ब्रैसलेट भी वियर करें. तो बहुत ही स्मार्टी लुक पा सकती हैं.

लेकिन, ध्यान रखें कि ड्रैस के हिसाब से ही आप का मेकअप व हेयरस्टाइल हो, तभी आप के आउटफिट्स निखर कर आ पाएंगे.

एक मौका और : भाग 3- हमेशा होती है अच्छाई की जीत

लेखिका- मरियम के. खान

तब एक दिन नूर ने असगर, सफदर, हुमा और अहमद चारों को बैठा कर बहुत समझाया. बिजनैस की ऊंचनीच बताईं. आमदनी के गिरते ग्राफ के बारे में उन से बात की. उन चारों ने सारा दोष नूर के सिर जड़ दिया. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया, ‘‘आप का काम करने का तरीका गलत है. अभी तक आप पुरानी टेक्नोलौजी से काम कर रही हैं. एक बार नए जमाने के तकाजे के मुताबिक सब कुछ बदल दीजिए, फिर देखिए आमदनी में कैसी बढ़त होती है.’’

2-3 दिन तक इस मामले को ले कर उन के बीच खूब बहस होती रही. पुराने मैनेजर भी शामिल हुए. वे नूर का साथ दे रहे थे. चौथे दिन बड़े बेटे ने फैसला सुना दिया, ‘‘अम्मी, अब आप बिजनैस संभालने के काबिल नहीं रहीं. अब आप की उम्र हो गई है. लगता है, आप का दिमाग भी काम नहीं कर रहा. ऐसे में आप आराम कीजिए, बिजनैस हम संभाल लेंगे.’’

इतना सुनते ही नूर गुस्से से फट पड़ी, ‘‘तुम में से कोई भी इस काबिल नहीं है कि इस बिजनैस के एक हिस्से को भी संभाल सके. मैं ने सब कुछ तुम्हारे बाप के साथ रह कर सीखा था. तब कहीं जा कर मैं परफेक्ट हुई. जब तुम लोग भी इस लायक हो जाओगे तो मैं सब कुछ तुम्हें खुद ही सौंप दूंगी.’’

बच्चे इस बात पर राजी नहीं थे. माहौल में तनातनी फैल गई. फिर योजना बना कर बच्चों ने नूर को पागलखाने भेजने की योजना बनाई. इस संबंध में उन्होंने डा. काशान से बात की. वह मोटा पैसा ले कर किसी को भी पागल बना देता था. नूर के बच्चों ने नशीला जूस पिला कर उसे डा. काशान के क्लिनिक पहुंचा दिया.

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सारी कहानी सुन कर सोहेल ने कहा, ‘‘यह सब एक साजिश है. तुम्हारे बच्चों ने बिजनैस हड़पने के लिए तुम्हें पागलखाने में दाखिल करा दिया और डाक्टर ने तुम्हें ऐसी दवाएं दीं कि तुम पागलों जैसी हरकतें करने लगीं. मैं डा. काशान को अच्छी तरह समझ गया हूं. तुम घबराओ मत. मैं जरूर कुछ करूंगा. मेरी कहानी भी कुछ तुम्हारे जैसी ही है, बाद में कभी सुनाऊंगा.’’

उस क्लिनिक में शमा नाम की 24-25 साल की एक खूबसूरत लड़की भी कैद थी. सोहेल ने उस के बारे में बताया कि यह एक बहुत बड़े जमींदार की बेटी है. एक दुर्घटना में इस के मांबाप का इंतकाल हो गया. मांबाप ने शमा की शादी तय कर दी थी. इस से पहले कि वह उस की शादी करते, दोनों चल बसे. उन की मौत के बाद चाचा ने उन की प्रौपर्टी पर कब्जा करने के लिए शमा को यहां भरती करा दिया.

वह जवान और मजबूत इच्छाशक्ति वाली थी. दवाएं देने के बाद भी जब उस पर पागलपन नहीं दिखा तो डा. काशान ने राहिल से कहा कि शमा को दवाएं देने के साथ बिजली के शाक भी दें.

ये सारे काम राहिल करता था. 2-4 बार शाक देने के बाद राहिल के दिल में शमा की बेबसी और मासूमियत देख कर मोहब्बत जाग उठी. उस ने उसे शाक देने बंद कर दिए.

राहिल ने शमा को बताया कि उस का सगा चाचा ही उसे नशे की हालत में यहां छोड़ गया था और उसे पूरी तरह पागल बनाने के उस ने पूरे 20 लाख दिए थे.

सारी बातें सुन कर शमा रो पड़ी. तनहाई की मोहब्बत और हमदर्दी ने रंग दिखाया और वह राहिल से प्यार करने लगी. राहिल के लिए यह मोहब्बत किसी अनमोल खजाने की तरह थी. उसे जिंदगी में कभी किसी का प्यार नहीं मिला था. उस की आंखों में एक अच्छी जिंदगी के ख्वाब सजने लगे. पर उस के लिए इस जिंदगी को छोड़ना नामुमकिन था.

वह डा. काशान को छोड़ कर कहीं नहीं जा सकता था. अगर जाता भी तो उसे ढूंढ कर मार दिया जाता. क्योंकि काशान के गुनाह के खेल के सारे राज वह जानता था. उस की जबान खुलते ही काशान बरबाद हो जाता. उस ने सोचा कि उसे तो मरना ही है, क्यों न शमा की जिंदगी बचा ली जाए. उस ने कहा, ‘‘सुनो शमा, मैं तुम्हें यहां से निकाल दूंगा. तुम अपने चाचा के पास चली जाओ.’’

शमा लरज गई. उस ने तड़प कर राहिल का हाथ पकड़ लिया और कहा, ‘‘मैं कहीं नहीं जाऊंगी. मैं अब आप के साथ ही जिऊंगी और मरूंगी.’’

राहिल को तो जैसे नई जिंदगी मिल गई. उस ने कहा, ‘‘मैं तुम्हें एक राज की बात बता रहा हूं. डा. काशान ने इस क्लिनिक को तबाह करने का हुक्म दिया है, यहां कोई नहीं बचेगा.’’

‘‘राहिल, तुम इतने पत्थरदिल नहीं हो सकते. तुम इस जुर्म का हिस्सा नहीं बनोगे. यह 17 लोगों की जिंदगी का सवाल है. तुम्हें मेरी कसम है. तुम ऐसा हरगिज नहीं करना.’’ वह बोली.

‘‘मैं पूरी कोशिश करूंगा कि यह काम न करूं, पर उस से पहले मैं तुम्हें एक महफूज जगह पहुंचा देना चाहता हूं. वहां पहुंचा कर मैं तुम से मिलता रहूंगा. फोन पर बात भी करता रहूंगा.’’ राहिल ने कहा.

दूसरे दिन ही मौका देख कर उस ने बहुत खामोशी से शमा को लांड्री के कपड़े ले जाने वाली गाड़ी में कपड़ों के नीचे छिपा कर क्लिनिक से निकाल दिया. साथ ही एक फ्लैट का पता बता कर उसे उस की चाबी दे दी.

शमा सब की नजरों से बच कर उस फ्लैट तक पहुंच गई. यह फ्लैट राहिल का ही था पर इस के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था. वहां खानेपीने का सब सामान था.

राहिल की दी हुई दवाओं से अब शमा की तबीयत भी ठीक हो रही थी. राहिल ने उसे बताया कि वह डा. काशान का क्लिनिक तबाह कर के बाहर जाने की फिराक में है. डा. काशान ने मरीजों के रिश्तेदारों को सब बता कर उन से काफी पैसे ऐंठ लिए हैं. किसी को भी उन की मौत से कोई ऐतराज नहीं है.

क्लिनिक से शमा के गायब हो जाने के बाद उस की गुमशुदगी की 1-2 दिन चर्चा रही. डा. काशान वैसे ही परेशान चल रहा था. पता चला कि शमा अपने घर नहीं पहुंची है. पर उस के चाचा के पास से कोई खबर न आने पर काशान निश्चित हो कर बैठ गया.

शमा की मोहब्बत ने राहिल को पूरी तरह बदल दिया था. बचपन से वह डा. काशान के साथ था. इस बीच उस के सामने 30 मरीज दुनिया से रुखसत हो चुके थे. जिस किसी को मारना होता था, उसे एक इंजेक्शन दे दिया जाता था, वह पागलों जैसी हरकतें करने लगता था. उस के 12 घंटे बाद डा. काशान मरीज को एक और इंजेक्शन लगाता. उस इंजेक्शन के लगाने के कुछ मिनट बाद ही मरीज ऐंठ कर खत्म हो जाता.

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मौत इतनी भयानक होती थी कि राहिल खुद कांप जाता था. डा. काशान मरीज की लाश डेथ सर्टिफिकेट के साथ उस के रिश्तेदारों को सौंप देता था. जिस की एवज में वह उन से एक मोटी रकम वसूल करता था.

शमा की मोहब्बत ने राहिल के अंदर के इंसान को जगा दिया था. 17 लोगों को एक साथ मारना उस के वश की बात नहीं थी. उस ने सोचा कि अगर वह पुलिस को खबर करता है तो वह खुद भी पकड़ा जाएगा. यह दरिंदा तो पैसे दे कर छूट जाएगा.

डा. काशान ने क्लिनिक खत्म करने की सारी जिम्मेदारी राहिल को सौंप दी थी. राहिल और क्लिनिक में काम करने वालों को काशान ने अच्छीखासी रकम दे दी थी. उसी रात क्लिनिक उड़ाना था. डा. काशान ने अपनी पूरी तैयारी कर ली.

रकम वह पहले ही बाहर के बैंकों में भेज चुका था. 10 हजार डौलर वह अपने साथ ले जा रहा था. रात 2 बजे उस की फ्लाइट थी. वह बैठा हुआ बड़ी बेचैनी से तबाही की खबर मिलने का इंतजार कर रहा था. तभी 8 बजे उस के मोबाइल पर राहिल का फोन आया, ‘‘बौस, यहां एक बड़ा मसला हो गया है.’’

‘‘कैसा मसला? जो भी है तुम उसे खुद सौल्व करो.’’ डा. काशान ने उस से कहा.

‘‘मैं नहीं कर सकता. आप का यहां आना जरूरी है, नहीं तो आज रात के प्लान पर अमल नहीं किया जा सकेगा. मैं आप को फोन पर कुछ नहीं बता सकता.’’ राहिल ने बताया.

डा. काशान ने सोचा आज की रात क्लिनिक बरबाद होना जरूरी है, क्योंकि कुछ लोगों को इस की भनक मिल चुकी थी. कहीं कोई मसला न खड़ा हो जाए, सोचते हुए उस ने अपना एक सूटकेस कार में रखा और क्लिनिक की तरफ रवाना हो गया.

आगे पढ़ें- सूटकेस में 10 हजार डौलर और…

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सई से दूर ड्राइव डेट पर गए विराट-पाखी, वीडियो हुई वायरल

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी इन दिनों नया मोड़ ले रही हैं. जहां पाखी अपनी नई चाल चलने में लगी है तो वहीं सई और विराट के बीच बढ़ती गलतफहमियां उनके रिश्ते को कमजोर बना रही है. इसी बीच सीरियल के लीड रोल में नजर आ रहे विराट यानी नील भट्ट (Neil Bhatt) और उनकी मंगेतर पाखी यानी ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) दोनों ड्राइव डेट पर मस्ती करते नजर आएं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो…

ड्राइव पर गए विराट-पाखी

 

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‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) के रियल लाइफ कपल नील भट्ट (Neil Bhatt) और उनकी मंगेतर ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) दोनों एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताते नजर आए. वीडियो में टीवी एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) ‘बचपन का प्यार’ गाने पर अपने मंगेतर नील का वीडियो बनाती दिख रही हैं. वहीं इस दौरान कार में बैठे हुए दोनों डांस करते दिख रहे हैं. फैंस को ये वीडियो काफी पसंद आ रहा है और वह मजेदार रिएक्शन देते दिख रहे हैं.

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सीरियल में होगी पाखी-सई में जंग

 

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो जन्माष्टमी सेलिब्रेशन के बीच सई और विराट के बीच गलतफहमी देखने को मिल रही है. वहीं सम्राट का पाखी का विराट के लिए बढ़ता प्यार उसे तोड़ रहा है. इसी बीच अपकमिंग एपिसोड में जन्माष्टमी में पाखी विराट के लिए चीयर करेगी, जिसके चलते सई उसे कहेगी की उसकी बात और उसकी हरकतें बहुत अलग है. वहीं इस दौरान पता चलेगा कि सई ने ही विराट का ट्रांसफर रुकवाया है. वहीं सई के दौस्त उससे दिल की बात जानने की कोशिश करेगें. इसी बीच विराट उसकी बात सुन लेगा.

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Anupama की तरफ वनराज देख अनुज को आएगा गुस्सा, सिखाएगा सबक

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में वनराज और अनुज के बीच बिहेवियर फैंस को बेहद पसंद आ रहा है. वहीं काव्या भी आग में घी डालने का काम करती नजर आ रही है. इसी बीच अनुपमा के साथ वनराज के रिश्ते पर अनुज कपाड़िया का रिएक्शन सामने आने वाला हे, जिसे देखकर फैंस को बेहद मजा आएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

वनराज को हुई जलन

अब तक आपने देखा कि शाह फैमिली में जन्माष्टमी के सेलिब्रेशन पर गरबा करते नजर आते हैं. वहं इसमें अनुपमा (Anupama) और अनुज कपाड़िया साथ में डांस करते हैं. वहीं वनराज दोनों को साथ देखकर जल भुन जाता है और उससे देखा नहीं जाता, जिसके बाद वनराज, अनुज से बात करता है. इस बीच अनुपमा, अनुज के लिए केक बनाती है, जो उनको बहुत पसंद आता है और इसके बाद वह शाह निवास से जाता है.

 

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समर – नंदिनी में बढ़ेगी दूरी

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि एक्स बौयफ्रेंड के आने से समर और नंदिनी के बीच दोबारा झगड़ा होगा, जिसके कारण अनुपमा, समर को समझाएगी कि वो नंदिनी पर भरोसा करे. लेकिन समर कहेगा कि वह अब नंदिनी पर भरोसा नहीं करना चाहता. हालांकि वनराज, अनुपमा से नंदिनी को समझाने की बात कहता है.

अनुज के सामने आई लड़ाई

 

इसी के साथ अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज (Sudhanshu Pandey) और काव्या (Madalsa Sharma), अनुज कपाड़िया (Anuj Kapadia) के ऑफिस जाएंगे. जहां पर अनुज की सीट पर उसके काका बेठे होंगे, जिसे देखकर काव्या कहेगी कि और अपने घर के नौकर को भी सीट पर बैठने देते हैं, जिसे सुनकर वह गुस्सा हो जाएगा. इसी बीच वनराज और काव्या के साथ ना पहुंचकर अनुपमा रिक्शे में पहुंचेगी, जिसके कारण वनराज भड़क जाएगा और वह अनुपमा पर गुस्सा करेगा, जिसे सुनकर अनुज हैरान रह जाएगा. वहीं इन सबके चलते वह वनराज को तंग करता हुआ नजर आएगा.

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