नीतू कपूर ने मनाया 63वां बर्थडे, रणबीर-आलिया संग पहुंचा पूरा परिवार

बौलीवुड एक्ट्रेस नीतू कपूर ने बीती रात अपनी फैमिली संग 63वां बर्थडे सेलिब्रेट किया. इस दौरान उनका पूरा साथ नजर आया. वहीं फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं  एक्ट्रेस नीतू कपूर के बर्थडे पार्टी की इनसाइड फोटोज की झलक…

परिवार संग सेलिब्रेट किया बर्थडे

 

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एक्ट्रेस नीतू कपूर ने अपने 63वें बर्थडे को अपनी फैमिली संग सेलिब्रट किया. इस दौरान करीना कपूर से लेकर रणधीर कपूर तक पूरा परिवार शामिल होता नजर आया. वहीं इन सभी ने साथ में मिलकर बर्थडे सेलिब्रेशन को खूब एन्जॉय भी किया.

हसीनाओं का चला पार्टी में जादू

 

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नीतू कपूर के बर्थडे सेलिब्रेशन में कपूर खानदान की हसीनाओं का जादू देखने को मिला. जन्मदिन के मौके पर करीना कपूर, करिश्मा कपूर, रिद्धिमा कपूर ने सेलिब्रेशन में खूब रंग जमाया, जिसका अंदाजा वायरल फोटोज से लगाया जा सकता है. वहीं नीतू कपूर भी गर्ल गैंग के साथ पार्टी एन्जौय करती दिखीं.

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रणबीर कपूर ने मां को दिया सरप्राइज

एक्टर रणबीर कपूर ने मां नीतू कपूर की बर्थडे के मौके पर खास सरप्राइज दिया. वहीं इस पार्टी में जमकर मस्ती करते नजर आए, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. वहीं एक्ट्रेस करिश्मा और रिद्धिमा कपूर की बेटी भी इस पार्टी में जमकर मस्ती करते नजर आए.

आलिया की मां और बहन भी आईं नजर

 

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नीतू कपूर के बर्थडे सेलिब्रेशन के मौके पर कपूर खानदान के अलावा आलिया भट्ट भी अपनी मां सोनी राजदान और बहन शाहीन भट्ट के साथ नजर आईं. वहीं रणबीर कपूर भी पूरी पार्टी का गर्लफ्रेंड संग लुत्फ उठाते नजर आए.

बता दें, एक्ट्रेस नीतू सिंह आज यानी 8 जुलाई को अपना 63वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं. महज 6 साल की उम्र में चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली नीतू सिंह कई हिट फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं. वहीं बीते साल उन्होंने अपने पति और एक्टर ऋषि कपूर को भी खोया था, जिसके बाद वह अपनी फैमिली के साथ टाइम बिताती हुई नजर आती हैं.

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स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) में आए दिन नए- नए ट्विस्ट फैंस को एंटरटेन कर रहे हैं. वहीं मेकर्स अपकमिंग एपिसोड में औडियंस के लिए कई धमाकेदार ट्विस्ट लाने वाले हैं, जिनसे अनुपमा की जिंदगी में हलचल मच जाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज और अनुपमा पर भड़की काव्या

 

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खबरों की मानें तो अपकमिंग एपिसोड्स में अनुपमा की जिंदगी में नए मोड़ आएंगे, जिसके चलते पूरा शाह परिवार ही बिखरता हुआ नजर आएगा. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में काव्या की नौकरी चले जाने से वह अपनी पूरी भड़ास वनराज पर निकालती हुई नजर आएगी. वहीं इसके चलते वह शाह हाउस में ड्रामा करती नजर आएगी. वहीं इस दौरान वह अनुपमा को भी अपना निशाना बनाती नजर आएगी और उसे भला बुरा कहती दिखेगी.


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काव्या और बा आएंगे करीब

 

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दूसरी तरफ काव्या से नफरत करने वाली बा के भी अपकमिंग एपिसोड में तेवर बदले हुए नजर आएंगे. दरअसल, हाल ही में वायरल हुई फोटोज में काव्या, बा की गोद में सर रखते हुए नजर आ रही हैं, जिसे देखकर फैंस कयास लगा रहे हैं कि जल्द बा भी काव्या के साथ मिल जाएगी और वह अनुपमा के खिलाफ बा को भड़काती नजर आएगी.

 

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किंजल करेगी ये फैसला

 

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बीते दिनों अनुपमा के खिलाफ किंजल के दिल में जो कड़वाहट आई थी उसका असर अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलने वाला है. दरअसल, किंजल की मां राखी आइडिया देगी कि वो ससुराल वालों से दूर रहकर किसी दूसरे घर में रहे. वहीं जब इस बात का पता अनुपमा को पता चलेगा तो उसका दिल टूट जाएगा. हालांकि किंजल अपने फैसले पर अड़ी नजर आएगी.

 

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बता दें, जल्द ही अनुपमा में नई एंट्री होने वाली है, जिसके चलते मेकर्स ऐसे एक्टर की तलाश कर रहे है. जो अनुपमा के दोस्त का रोल निभाए. हालांकि इसके लिए कई बड़े एक्टर्स को भी अप्रोच किया जा चुका है, जिनमें राम कपूर (Ram Kapoor) से लेकर अशसद वारसी जैसे कलाकार शामिल हैं.

Family Story In Hindi: सितारों से आगे- भाग 3- कैसे विद्या की राहों में रोड़ा बना अमित

लेखिका- डा. सरस्वती अय्यर

 मगर विद्या सोई नहीं थी. अमित के तिरस्कारपूर्ण व्यवहार और अपमान से उस का दिल रो रहा था. पर वह समझ चुकी थी कि अब कुछ नहीं होने वाला है, उसे जल्दी कोई निर्णय लेना ही होगा. जो आदमी अपनी पत्नी के प्यार और समर्पण को नहीं समझ पाया, उस के मन में अपने अनदेखेअनजन्मे बच्चे के लिए मोह कहां से जागेगा, ऐसे निर्मोही के साथ जीवन बिताने का क्या मतलब? विद्या ने एक पल की भी देर न की. उस ने अपने पिता को फोन किया. उन्हें सारी स्थिति समझई और तुरंत वहां आ कर उसे ले जाने को कहा. मां और पिताजी के आने तक वह अपना सामान पैक चुकी थी.

अचानक समधीसमधन को आया देख कर विद्या के सासससुर घबरा गए. तभी सामने से बड़े ही बेफिक्र अंदाज में अमित ने कमरे में प्रवेश किया. सब को देख कर वह सकपका कर वहीं खड़ा हो गया. विद्या खुद को काबू में न रख सकी. अमित के सामने जा कर उसे एक थप्पड़ जड़ दिया.

इस से पहले कि वह कुछ समझता विद्या के पिता ने कड़े शब्दों में अपने समधी से कहा, ‘‘गलती सिर्फ आप के बेटे की ही नहीं है, अपने बेटे की सारी करतूतें जानते हुए भी आप ने मेरी लड़की से उस की शादी करवाई. अब भी मैं आप को एक मौका देता हूं. अगर आप का बेटा अपनी भूल मान कर एक हफ्ते में मेरी बेटी को लेने आता है तो ठीक है वरना 10 दिनों में तलाक का नोटिस आप को मिल जाएंगा और मुआवजे की मांग की लिस्ट,’’ और वे विद्या का सूटकेस ले कर बाहर निकल गए.

विद्या ने मां का हाथ पकड़ कर घर से निकलते समय पलट कर देखा, सासससुर सिर झकाए खड़े थे. पर अमित के चेहरे पर पछतावे का कोई चिंह्न नहीं था, जबकि राहत के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे.

विद्या बुरी तरह टूट चुकी थी, पर मन में कहीं भीतर एक आशा छिपी हुईर् थी, शायद कभी अमित को अपनी गलती का एहसास हो और अपनी पत्नी के पास वह लौट आए. पर यह आस की डोर भी उस दिन टूट गई, जब अमित की और से ही तलाक के कागजात डाक से आए. विद्या की रहीसही आशा भी खत्म हो गई. उस के सारे सपने चूरचूर हो चुके थे.

विद्या रातदिन सोचती पर समझ नहीं पाती थी. ऐसा कैसे हो गया और इस सब में उस की क्या गलती थी? उस के पिता ने उस के औफिस में लंबी छुट्टी की अर्जी भेज दी थी. मांपिताजी और दोनों बहनें उस को बहलाने का हरसंभव प्रयास करतीं, पर विद्या एकदम गुमसुम सी हो चुकी थी. 9वें महीने एक सुंदर सी बिटिया के जन्म होने के बाद भी विद्या खुश न हो सकी. फिर उस के दिल में एक आस जागी. शायद अमित बच्ची को देखने आएं और उस का सलोना मुखड़ा देख कर उन का मन बदल जाए. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

विद्या ने औफिस जौइन कर लिया. घर में उस की बहनें उस की बच्ची वृंदा का खयाल रखतीं और वह अपनेआप को औफिस के कामों में उलझए रखती. रात को वृंदा को हंसताखेलता देख कर अपने गम को भूलने का प्रयास करती, जो प्राय: निष्फल ही रहता था. तलाक के बाद कंप्रोमाइज में कुछ पैसा भी मिल गया. औफिस में सहकर्मियों के जोर देने पर एक बार फिर उस ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया. बस अब सुबह औफिस, दोपहर को टूरनामैंट और रात को वृंदा के साथ खेलना, उस का होमवर्क कराना आदि. वह अब पूरी तरह व्यस्त हो चली थी.

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मुंबईर् की तेज रफ्तार और भीड़भाड़ की जिंदगी में उसे पलभर का अवकाश नहीं मिलता था. वृंदा अब 12 साल की हो गई थी. विद्या की बहनें विवाह कर के ससुराल जा चुकी थीं. अब विद्या ही अपने वृद्ध मातापिता का सहारा थी और वे दोनों ही विद्या का. बहरहाल, वृंदा जरूर सब की लाड़ली थी और विद्या की तो जिंदगी ही जैसे वृंदा पर शुरू होती थी और उसी पर ही खत्म होती थी. ऐसे ही 3-4 साल गुजर गए.

उस दिन विद्या रोज की भांति शाम को 7 बजे दफ्तर से घर लौट रही थी. अगस्त का महीना था. मुंबई की बारिश अपने पूरे शबाब पर थी. ऐसे में तो स्टेशन से घर तक का सफर भी आसान नहीं था. दूरदूर तक कोई औटो नहीं दिख रहा था. बसें खचाखच भरी हुई थी. विद्या छाता खोल कर ठाणे स्टेशन से पैदल ही घर के लिए निकल पड़ी. अचानक बिजली कड़की और विद्या के मुंह से चीख सी निकल गई.

तभी उस के पास एक कार आ कर रुकी. कार के शीशे को नीचे कर के एक सभ्य से दिखने वाले व्यक्ति ने उसे पुकारा, ‘‘आइए मैं आप को आप के घर छोड़ देता हूं. घबराइए नहीं, मैं आप की बिल्डिंग में ही ग्राउंड फ्लोर पर रहता हूं और आप के पिताजी मुझे अच्छी तरह से पहचानते हैं.’’

विद्या ने गौर से उस अनजान युवक को देखा. हालांकि मन में ?िझक तो थी पर और कोईर् चारा भी नहीं था. मन मसोस कर अपना छाता बंद कर के विद्या कार के पिछले दरवाजे को खोल कर बैठ गई. रास्ते में दोनों की कोई बात नहीं हुई. बिल्डिंग आने पर युवक को धन्यवाद दे कर वृंदा कार से उतर गई. युवक ने मुसकरा करा कहा कि इस में धन्यवाद की कोई बात नहीं, आप का पड़ोसी होने के नाते यह तो मेरा फर्ज था. वैसे मेरा नाम विजय है, अच्छा नमस्ते.

घर पहुंच कर विद्या ने चैन की सांस ली. वृंदा अपने होमवर्क में और नानानानी अपना प्रिय सीरियल देखने में व्यस्त थे. चाय बना कर पिताजी को देते हुए विद्या ने उन्हें विजय के बारे में बताया.

पिताजी खुश हो गए, ‘‘अच्छा विजय. भई वह तो बहुत अच्छा लड़का है. अभी कल ही तो उस की मां गांव से आई हैं. मैं ने उसे इस रविवार को मां को खाने पर ले कर आने को कहा है.’’

विद्या कुछ कहती उस के पहले ही वृंदा की आवाज आई, ‘‘मां मेरी प्रोजैक्ट बनाने में मदद करो न,’’ और बात आईगई हो गई.

अगले दिन शनिवार की छुट्टी थी. विद्या पिताजी की दवाइयां लेने मैडिकल शौप गई. देखा वहां विजय अपनी माताजी के साथ दवाइयां ले रहे थे. विद्या ने उन्हें नमस्कार किया और दोनों में बातचीत शुरू हो गई. बातों ही बातों में विजय ने उस को बताया कि वे बहुत परेशान हैं क्योंकि माताजी को वायरल फीवर है और विजय को औफिस के जरूरी काम से दिल्ली जाना है.

विद्या ने विजय को दिलासा दिया कि आप चिंता मत करिए कल से मेरी 3 दिनों की छुट्टी है. मैं माताजी का खयाल रखूंगी. आप निश्चिंत हो कर जाइए. सुन कर विजय प्रसन्न हो गए. कहा कि थैंक्यू विद्याजी. मांजी के चेहरे पर भी राहत के भाव आ गए. विद्या उन्हें नमस्ते कर के घर आ गई.

विजय के दौरे पर जाने के बाद विद्या उन की माताजी को अपने घर ले आई. समय पर दवाइयां, भोजन और आराम पा कर उन का बुखार उतर गया. वे एक भद्र और मिलनसार महिला थीं. बहुत जल्दी वे घर के लोगों से हिलमिल गईं विशेषकर वृंदा तो अपनी चुलबुली बातों से उन की आंखों का तारा बन गई.

3 दिन बहुत जल्दी बीत गए और जब विजय दौरे से आए तो अपनी मां को स्वस्थ और हंसतेमुसकराते देख कर कृतज्ञता से उन्होंने हाथ जोड़ दिए और मांजी ने वृंदा को सीने से लगा कर उसे ढेरों आशीर्वाद दे कर विदा ली. इन तीन दिनों में विजय की मां लक्ष्मी देवी, विद्या की मां से उस की पूरी कहानी सुन चुकी थीं.

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इधर विजय की जिंदगी भी खुशियों से भरी नहीं थी. आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग कर के उन्होंने लंदन की बड़ी फर्म जौइन की थी. कुछ दिनों तक वहां काम करते हुए औफिस की ही एक अंगरेज सहकर्मी जूलिया उन्हें बेहद भा गई और उन्होंने उस के समक्ष विवाह का प्रस्ताव भी रख दिया. जूलिया भी उन्हें पसंद करने लगी थी. उस ने तुरंत हां कह दी. मां ने बेमन से ही सही सहमति दे दी थी.

दोनों ने खुशीखुशी शादी की. थोड़े दिन तो सबकुछ ठीक रहा पर फिर दोनों के बीच के मतभेद उभर कर सामने आने लगे. जूलिया एक आजाद खयाल लड़की थी. परिवार, बच्चे जैसी बातों में उस की कोई रुचि नहीं थी. वह खाओपिओ और मौज करो सिद्धांत की हिमायती थी. विजय ने जूलिया को बहुत समझया पर जूलिया घर के बंधन में रहना स्वीकार नहीं कर पाई. अंत में विजय से तलाक  ले कर अपने ही देश के राबर्ट के साथ रहने चली गई.

विजय इस पूरे वाकेआ के दौरान बेहद टूट गए थे. इधर मुंबई में पिताजी के जाने के बाद मां भी अकेली हो गई थीं. आखिरकार मां के समझने पर लंदन छोड़ कर एक प्राइवेट फर्म में प्रोडक्शन मैनेजर बन कर विजय मुंबई आ गए. बीते दिनों की कड़वी यादों को भुलाने के लिए उन्होंने अपनेआप को काम में पूरी तरह डुबो दिया और इस कोशिश में कुछ हद तक वे संभल भी गए थे.

विद्या की जिंदगी और उस की हिम्मत व आत्मविश्वास को देख कर विजय की मां बेहद प्रभावित हुईं और फिर उस की सादगी और अपनत्व का परिचय तो उन्हें 3 दिनों में मिल ही चुका था. वृंदा से भी वे पूरी तरह से घुलमिल गई थीं. एक बार फिर उन की आंखों में अपने बेटे की शादी का सपना सजने लगा.

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Monsoon Special: नाश्ते में बनाएं इंस्टेंट जाली डोसा

नाश्ता हर महिला की रोज की ही समस्या है, घर में जितने सदस्य उतनी ही विविध पसन्द. पुरानी पीढ़ी को उपमा, वेरमिसेली और उत्तपम जैसी चीजों के स्थान पर परांठा, पूरी जैसे खाद्य पदार्थ पसन्द आते हैं तो नई पीढ़ी को परांठे और पूरी ऑयली लगते हैं. ब्रेड और उससे बने नाश्ते भी रोज नहीं खाये जा सकते. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको एक ऐसे नाश्ते के बारे में बता रहे हैं जिसे घर पर उपलब्ध सामग्री से ही बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है, साथ ही यह बच्चे बड़े सभी को बहुत पसंद भी आएगा. तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोगों के लिए        4

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

सूजी                         1 कप

चावल का आटा          1/4 कप

मैदा                          1टेबलस्पून

नमक                         स्वादानुसार

दही                            1 टेबलस्पून

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चाट मसाला               1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर         1/4 टीस्पून

बारीक कटा हरा धनिया   1 टेबलस्पून

बारीक कटी हरी मिर्च       1 टीस्पून

बारीक कटा प्याज            1

हींग                              1 चुटकी

तेल                               1 टेबलस्पून

विधि

तेल को छोड़कर समस्त सामग्री को एक बाउल में अच्छी तरह मिला लें. एक ग्लास पानी मिलाकर 20 मिनट के लिए ढककर रख दें. 20 मिनट बाद चलाकर इसमें इतना पानी मिलाएं कि मिश्रण रनिंग कंसिस्टेंसी वाला हो जाये अर्थात एकदम पतला घोल तैयार करें. एक नॉनस्टिक पैन पर चिकनाई लगाकर 1 चम्मच घोल को ऊंचाई से गिराएं इससे डोसे में जगह जगह जाली सी बनती जाएगी. डोसे को आमतौर पर तवे पर अंदर से बाहर की ओर फैलाया जाता है परन्तु इसे आप तवे के किनारों से फैलाना प्रारम्भ करके सेंटर तक लेकर आएं. मद्धिम आंच पर पकाएं, एक साइड से सिक जाने पर पलटकर दूसरी ओर से सेंकें. दोनों तरफ से सुनहरा हो जाने पर चटनी या अचार के साथ सर्व करें.

आप चाहें तो इसमें पालक प्यूरी या चुकंदर का ज्यूस मिलाकर हरा और गुलाबी जाली डोसा भी तैयार कर सकतीं हैं.

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Fashion Tips: जींस खरीदने से पहले जान लें ये 7 बातें

जींस आरामदायक, फैशनेबल होने के साथसाथ टिकाऊ भी होती है. अगर एक ही जींस को पूरे सप्ताह पहना जाए तो भी किसी को यह नहीं लगेगा कि आप एक ही आउटफिट रोज पहन रही हैं. अगर आप नई डैनिम खरीदने की सोच रही हैं तो पहले यह जरूर पढ़ लें. इस से आप को जींस के परफैक्ट पेयर को खरीदने में मदद मिलेगी.

– फैब्रिक के बारे में जानेंआप को यह मालूम होना चाहिए कि आप क्या खरीद रही हैं? जींस में इस्तेमाल किए गए फैब्रिक और उसे किस देश ने बनाया है. डैनिम में ऐसी जानकारियां आप को आसानी से मिल जाएंगी. वैसे यूएसए या जापान में निर्मित जींस आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती हैं.

– अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलिए और स्टोर में उपलब्ध अलगअलग कट्स और ब्रांड की जींस ट्राई करें. ज्यादातर लोग एक ही स्टाइल की जींस पहनना पसंद करते हैं, पर जरूरी है कि आप लगातार कुछ नया ट्राई करें.

– नई जींस खरीद रही हैं तो स्ट्रेची जींस पर ही इनवैस्ट करें.

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– अपने साइज के हिसाब से फिटिंग का ध्यान रखें. नई जींस खरीदने में यह काफी महत्त्वपूर्ण है. सामान्य नियम तो यह है कि अपने साइज से एक साइज छोटी जींस ही खरीदनी चाहिए.

– डीटेल्स पर ध्यान दें, डैनिम के वजन को समझें. लाइटवेट डैनिम का वजन 340 ग्राम या उस से कम होता है, मिडवेट डैनिम 340 ग्राम से 411 ग्राम का होता है और हैवीवेट डैनिम का वजन 411 ग्राम से ज्यादा होता है.

– अच्छे दर्जी की मदद लें. जींस खरीदने के बाद उसे दर्जी के पास ले कर जाएं. जींस की फिटिंग को परफैक्ट बनाने में पूरा समय दें.

– अपनी नई और पुरानी जींस का ध्यान रखें समय के साथसाथ जींस को भी मरम्मत की जरूरत होती है. अगर उस में कोई छोटीमोटी खामियां हों तो दर्जी के पास जाएं, न कि उसे पहनना ही छोड़ दें

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उफ… यह मम्मीपापा की लड़ाई

आजकल आमतौर पर घरों में कभी नौकरी को ले कर तो कभी पारिवारिक समस्याओं को ले कर कलहकलेश होता ही है. महानगरों में अकसर महिलाएं एवं पुरुष दोनों ही कामकाजी होते हैं. ऐसे में गृहस्थी की गाड़ी चलाना आसान नहीं बड़ा ही मुश्किल होता जा रहा है. आर्थिक स्थिति सुधरती है तो पारिवारिक समस्याएं आने लगती हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो भी गृहस्थी के खर्चों को ले कर समस्याएं हैं.

कभीकभार पतिपत्नी एकदूसरे से तंग आ कर तलाक लेने की स्थिति तक पहुंच जाते हैं. सिर्फ तलाक ही नहीं यदि पतिपत्नी एकदूसरे से ईमानदारी न रखें और ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में पड़ जाएं तो घर में युवा बच्चों के मन पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है. लेकिन समस्या है कि ऐसे में आखिर बच्चे जाएं कहां? क्या करें या क्या न करें?

रिश्तेदारों के कारण तलाक देने के धमकी

बैंगलुरु में रहने वाले निखिल एक सौफ्टवेयर प्रोफैशनल हैं. उन की अपनी पत्नी से घर में अकसर तूतू, मैंमैं होती रहती है. पहले तो वे पूरा दिन औफिस रहते तो यह तकरार ज्यादा नजर नहीं आती थी. किंतु जब से कोरोना फैला और वर्क फ्रौम होम हुआ यह खिचखिच बढ़ गई. समस्या यह है कि जवान बेटा जो कालेज में पढ़ता है और होस्टल में रहता है वह अब घर से औनलाइन क्लासेज कर रहा है. बेटी भी कक्षा  8 में पड़ती है, जो सारा दिन घर में रहती है.

अब यह झगड़ा अकसर बच्चों के सामने होता है. इस में खास बात यह है कि झगड़े के मुद्दे कोई बड़े खास नहीं होते हैं. छोटेछोटे काम को ले कर बहस, स्वयं को अपने पार्टनर से सुपीरियर दिखाने की होड़ और पहले दूसरा चुप हो इसलिए उसे नीचा दिखाया जाता है.

जबजब झगड़ा होता निखिल पुरानी बातें निकाल लाता और अपनी पत्नी से कहता कि तुम ने मेरी मां से झगड़ा किया, मेरी बहन को घर में आने से रोका आदि. जब वे संयुक्त परिवार में थे बच्चे बहुत छोटे थे. सासननद आदि से उस की पत्नी का सामंजस्य नहीं बैठा था. इसलिए वे अकेले रहने लगे, सो ननद एवं सास ने उन के बच्चों व उस की पत्नी से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखा.

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बदला व्यवहार

करीब 5 वर्ष पहले ननद चाहती थी कि उस का बच्चा बैंगलुरु में पढ़ने आ रहा है तो वह निखिल के घर में ही रहे. उस की पत्नी ने इस से इनकार किया तो निखिल ने उसे तलाक देने के धमकी दी. तब से अब तक दोनों में अकसर तनातनी रहती है. उस ने मन ही मन सोच लिया कि यदि निखिल उसे इस तरह धमकाता है तो यह समझ लो कि तलाक हो ही गया. उस ने भी अपना व्यवहार बदल लिया है और दोनों के आपसी प्रेम में कमी आ गई है.

इसलिए अब झगड़े होने तो लाजिम हैं. अब तक यह बात बच्चों से छिपी थी, किंतु अब बच्चे घर हैं तो उन्हें समझ आया कि मातापिता बस जिंदगी ढो रहे हैं.

एक दिन युवा बेटे ने अपने पिता को नाराजगी दिखाई कि आप मां को तलाक देने की बात करते हैं यह भी नहीं सोचते कि छोटी बहन पर क्या असर पडे़गा? मैं तो बड़ा हो चुका हूं पर वह लोगों को क्या जवाब देगी? निश्चित रूप से उन का बेटा समझदार है जो इतनी गहरी बात कह गया.

कई बार वह स्वयं भी परेशान हो जाता है कि दोनों कैसे झगड़ा करते हैं.

एक दिन गुस्से में बोला कि आप दोनों ही बुरे हो. जब देखो झगड़ते हो और वह खाना खाते हुए बीच में ही उठ कर चला गया. इस घटना से यह तो समझ आता है कि उसे यह रोजरोज का झगड़ा पसंद नहीं.

आर्थिक तंगी में युवा बच्चों का कदम

जब से नौकरी गई, चेन्नई में रहने वाले श्रीनिवासन के घर में अकसर रुपयोंपैसों को ले कर झगड़ा होता रहता है. पहले अच्छी सोसायटी में रहते थे, बच्चे भी अच्छे स्कूल में थे. लेकिन नौकरी क्या गई, अपना घर किराए पर दे कर स्वयं कहीं दूर किराए पर रहने चले गए ताकि स्वयं के घर से अच्छा भाड़ा मिले और स्वयं कम भाड़ा दे कर कुछ रुपये बचा सकें. बच्चों का स्कूल भी बदल दिया ताकि कम फीस लगे. लेकिन मन मसोस कर जब परिवार को रहना पड़े तो घर में खटपट तो होनी ही थी.

घर में बैठे श्रीनिवासन अपनी पत्नी पर ही नजर रखते. यह क्यों कर रही हो? ऐसा क्यों नहीं किया? पत्नी भी कितना सहन करे? एक तो पैसे की तंगी, ऊपर से पति की टोकाटोकी. परेशान हो कर वह भी तूतड़ाक पर उतर आई. कभीकभार दोनों का झगड़ा इतना बढ़ जाता कि वह गुस्से में अपने बच्चों को पीट डालती.

युवा होते बच्चे बेचारे एक तरफ तो पैसों की मार सहन कर रहे थे. जहां इस उम्र में शौक पूरे किए जाते हैं, लड़कियां सजधज करती हैं वहीं श्रीनिवासन बातबात पर बच्चों को उन के खर्च के लिए ताने सुनाते. लेकिन उन के बच्चे बड़े समझदार निकले. दोनों भाईबहन ने मिल कर तय किया कि वे अपना खर्च स्वयं उठाएंगे और अपने मातापिता के झगड़ों को नजरअंदाज कर अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीएंगे बेटी तो आसपास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपने खर्च का इंतजाम करने लगी. बेटे ने एक स्टोर में पार्टटाइम नौकरी कर ली. इस से दोहरा फायदा हुआ. एक तो घर की खिचखिच से दूर रहे, दूसरा आत्मनिर्भर भी बने.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर

पति विवेक अकसर अपने काम के सिलसिले में विदेश यात्रा पर रहता और युवा होते 2 बच्चे लड़की 10वीं कक्षा एवं बेटा 12वीं कक्षा में था. विवेक की पत्नी के लिए समस्या थी टाइम पास की सो अपनी सहेलियों के साथ किट्टी एवं डिस्को पब्स में जाया करती. युवा होते बच्चों को तो विवेक निर्देश देता कि अपना मन पढ़ाई में लगाओ और मेरी अनुपस्थिति में अपनी मां की बात सुनो.

लेकिन एक दिन जब बेटा रात को देर तक पढ़ रहा था, तो सोसायटी में नीचे वाक के लिए उतर गया. देखा उस की मां किसी गैर पुरुष के साथ गाड़ी में आई और वह पुरुष उसे सोसायटी के बाहर ड्रौप कर अपने घर चला गया. लेकिन जब बेटे ने देखा कि मां ने उस पुरुष को बाय के साथ एक किस भी किया तो उसे अपनी नजरों पर भरोसा न हुआ. लेकिन चोरी कभी छिपती नहीं.

कुछ ही दिनों में सोसायटी में उस की मां के अफेयर की खबरें फैलने लगीं. एक घर से दूसरे बात फैलते हुए वापस उन के घर तक पहुंची. विवेक को जब पता चला तो घर में तहलका मच गया. अब यदि उस की पत्नी किसी भी पुरुष से बोलती तो वह उसे शक की नजर से देखता. अकसर घर में कलहक्लेश रहता. कई बार सोसायटी के लोगों की खुसरफुसर बच्चों के भी कानों में भी पड़ती, उन्हें ताने सुनने पड़ते. सुन कर उन्हें बुरा तो बहुत लगता, अपने मातापिता पर गुस्सा भी आता, लेकिन बेटे को अपने कैरियर की फिक्र थी, वह जानता था कि यदि पढ़ाई में मन न लगाया तो उस का रिजल्ट खराब होगा.

उस के मातापिता बारबार अपने दोनों बच्चों से एकदूसरे की बुराई भी करते तो एक दिन बेटे ने कह दिया कि हमें अपनी जिंदगी जीने दो, आप दोनों आपस में निबटो. बेटा पढ़ाई करता और अपने दोस्तों के साथ कभी फिल्म देखने जाता तो कभी पार्टी कर अपना पूरा ऐंटरटेनमैंट करता. बड़े भाई की देखादेखी छोटी बहन ने भी यही रास्ता अपना लिया.

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स्वयं की जिम्मेदारी

शो बिजनैस में कार्यरत निहाल अपने क्लाइंट्स के साथ तो खूब अच्छा और ईमानदार व्यवहार रखते हैं, किंतु अपनी पत्नी के साथ वफादार नहीं. अकसर अपने बच्चों की उम्र की लड़कियों से घिरे रहने वाले निहाल अपनी पत्नी को पैर की जूती के समान समझते हैं. दोनों का लड़ाईझगड़ा इतना बढ़ गया कि अब तलाक की प्रक्रिया चालू है. जब उन के युवा बच्चों से पूछा गया कि वे किस के साथ रहना चाहेंगे तो दोनों का सहमति से एक ही जवाब था कि इन दोनों के साथ नहीं, हम कहीं भी अकेले रह लेंगे पर इन के झगड़े हमें बरदाश्त नहीं.

दरअसल, बच्चे उन्हें झगड़ते हुए देखते हुए ही बड़े हुए. न तो उन्हें अपने मातापिता से प्यार है और न ही शायद उन को. कितनी बार तो उन के झगड़ों के फलस्वरूप घर में खाना भी नहीं बनता था. कितने ही त्योहार कलहक्लेश में मने. जब गैस्ट घर पर आते तो दिखावा होता कि बहुत समृद्ध, सुशील परिवार है, लेकिन उन के जाते ही वही ढाक के तीन पात वरना बच्चों की खातिर भी कई बार परिवार में शांति रखी जाती है. लेकिन उन के मातापिता तो अपने अहम और जिद में अड़े रहे. बच्चों ने समय रहते इस कटु सत्य को समझ लिया और अपना फैसला सुना दिया.

इन सभी उदाहरणों में मातापिता के झगड़ों से बच्चे परेशान तो हुए, किंतु उन्होंने यह तय कर लिया कि वे उन के झगड़ों का असर अपने निजी जीवन पर नहीं पड़ने देंगे. उन दोनों का जैसा भी रिश्ता है वे आपस में निबटें और निभाएं. हम बच्चों को झगड़े के बीच न खींचें और हम स्वयं भी उन के झगड़ों से अपना मूड और जीवन खराब न करें.

ये बच्चे बड़े ही समझदार हैं. आखिर हमें जो जीवन मिला है वह हमारे लिए है. यदि मातापिता परिस्थितियों को देखते हुए आपस में सामंजस्य न बैठा पाएं तो यह उन की स्वयं की जिम्म्मेदारी है.

स्किन केयर रूटीन है जरूरी

लौकडाउन के कारण घर में रह रही हैं, तो आप ऐसा तो नहीं सोच रही हैं कि बौयफ्रैंड से मिलने तो जाना नहीं, घर वह आ नहीं सकता तो अपने रखरखाव पर क्या ज्यादा ध्यान देना. जब घर से बाहर निकलेंगे, तब देख लेंगे.

ऐसी गलती हरगिज मत कीजिए. जैसे शरीर को रोज खाना चाहिए वैसे ही हमारी स्किन को रैगुलर देखभाल की जरूरत है.

अब देखिए आप की स्किन तैलीय है, आप ने चेहरे को सोने से पहले धोया नहीं, उस की क्लीनिंग नहीं की तो सुबह कोई न कोई पिंपल आप को अपने चेहरे पर नजर आएगा. पिंपल्स चेहरे पर कितने खराब लगते हैं, देखा है न आप ने.

फिर लापरवाही या आलस किसलिए. छोटीछोटी सी बाते हैं, बस, उन्हें फौलो करें और अपने को सुंदर, अट्रैक्टिव बना कर रखें कि कभी भी बौयफ्रैंड से मिलने जाना पड़े या वीडियोकौल ही करनी पड़ जाए तो आप का चेहरा देख कर वह आप पर एक बार फिर से फिदा हो जाए.

– रोज रात को सोने से पहले अपना चेहरा धोएं. माइल्ड फेसवाश से जरूर धोएं.

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– चेहरे को धोने के बाद स्किन को मौइस्चराइज करना जरूरी है इसलिए आजकल गरमी के मौसम में कूलिंग मौइस्चराइजर लगाएं.

– रोज नहाएं, नहाने के बाद बौडी लोशन अप्लाई करें ताकि शरीर की स्किन कोमल बनी रहे.

– हफ्ते में एक बार चेहरे पर स्क्रब जरूर लगाएं, जिस से स्किन के डैड सैल्स निकल जाएं. इस से स्किन काफी ब्राइट दिखेगी और आप सुंदर लगेंगी.

– भरपूर नींद स्किन को नैचुरल और ब्यूटीफुल बनाती है. इसलिए पर्याप्त नींद लें. इस से आप को अपनी स्किन में बदलाव नजर आएगा.

– नाखूनों की शेप बिगड़ने न दें. उन्हें टाइम टू टाइम कट करें और शेप में रखें.

– मैनीक्योर और पैडीक्योर करवाना पौसिबल नहीं है, तो नहाते वक्त ब्रश से हाथपैरों को रगड़ें ताकि वे साफ रहें.

– घर पर लिपिस्टिक लगाने का मूड नहीं, तो लाइट लिप ग्लौस या लिप बाम लगा कर रखें ताकि होंठ सौफ्ट बने रहें.

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– हफ्ते में 2 बार बालों की औयलिंग करें. फिर शैंपू जरूरी है. इस तरह आप के बालों का सौंदर्य बरकरार रहेगा.

– चेहरे की ब्यूटी बढ़ाने के लिए चाहे जो मरजी कर लें, लेकिन अगर औइली, फ्राइड फूड, फास्ट फूड और

कैफीन का सेवन जारी रखेंगे तो स्किन से जुड़ी समस्याएं खत्म न होंगी. बेहतर होगा

कि इन का सेवन न करें या फिर बहुत कम करें.

लिप्स से जुड़ी प्रौब्लम्स का इलाज बताएं?

सवाल-

कुछ दिनों से मुझे लगातार धूप में निकलना पड़ रहा है. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि इस दौरान मेरा निचला होंठ ऊपर वाले होंठ की तुलना में ज्यादा सैंसिटिव हो गया है और उस पर फफोले आ गए हैं. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो गया है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है?

जवाब-

स्किन की सूर्य की यूवी किरणों से सुरक्षा की बात करें तो इस से लिप्स सब से ज्यादा डैमेज होते हैं. आप के केस में यह सनबर्न होने का एक संकेत है. इस के

लिए सब से पहले अपने लिप्स को 4-5 दिनों के लिए डाइरैक्ट सूर्य की रोशनी में आने से बचाएं.

जब लिप्स सनबर्न्ड हो जाते हैं और ऐक्टिव रहते हैं, तो उस समय बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि डैमेज और न बढ़ जाए. इस के लिए  गरम चीजें अवौइड करें. आप जो भी औयल या पेट्रोलियम बेस्ड बाम लगती हैं वह न लगाएं. बारबार जीभ को होंठों पर फेरें.

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तकलीफ से राहत पाने के लिए ऐलोवेरा जैल को फ्रिज में रखें और ठंडा होने पर लिप्स पर लगाएं, यह फफोलों में आराम देता है. इस के अलावा ताजा ठंडा दही लगाने से भी राहत मिलती है. एक बार जब फफोले सूखने लगें तब अपने लिप्स को मौइस्चराइज करती रहें ताकि उस के बाद जो नई स्किन बन रही है, उसे मजबूती मिले. ड्राई हो रही पपड़ीदार स्किन को निकालने की कोशिश न करें. वह खुदबखुद निकल जाएगी.

अपने होंठों की सुरक्षा के लिए आप एसपीएफ युक्त लिप बाम रोजाना लगाएं और सूर्य की किरणों से बचाव करें. इस बात का ध्यान रखें कि एसपीएफ युक्त लिप बाम आप को 365 दिन लगाना है यानी सालभर. तेज धूप के दिनों में फेस स्कार्फ और हैट से फेस को कवर करें.

-समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

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बड़े काम के हैं व्हाट्सऐप के ये ट्रिक्स

लेखक- शाहनवाज

स्मार्टफोन यूज करने और इंटरनैट चलाने वाले व्हाट्सऐप के बारे में जानते ही होंगे. व्हाट्सऐप पूरी दुनिया में स्मार्टफोन यूज करने वाले लोगों के फोन में सब से कौमन एप्लीकेशन है जिस की जरूरत आजकल तकरीबन सभी को होती है. व्हाट्सऐप का इस्तेमाल पहले के समय में सिर्फ लिखे हुए मैसेज को भेजने के लिए किया जाता था लेकिन आज के एडवांस जमाने के साथ व्हाट्सऐप काफी एडवांस हो चुका है. अब लिखे हुए मैसेज भेजने के साथसाथ व्यक्ति व्हाट्सऐप पर वौइसकौल और वीडियोकौल दोनों कर सकते हैं. इस के अलावा, व्हाट्सऐप मल्टीमीडिया सैंड करने का तो जरिया है ही.

एक आंकड़े के अनुसार, पूरे भारत में व्हाट्सऐप यूज करने वाले लोगों की संख्या करीब 39 करोड़ है. लेकिन हर कोई व्हाट्सऐप के सभी टिप्स और ट्रिक्स से वाकिफ हो, यह जरूरी नहीं. ये कुछ टिप्स और ट्रिक्स उन यूजर्स के लिए सब से ज्यादा यूजफुल होंगे जो किसी से संपर्क करने के लिए ज्यादातर व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं और सब से ज्यादा व्हाट्सऐप पर ऐक्टिव रहते हैं.

बिना नंबर सेव किए मैसेज भेजना:

व्हाट्सऐप में कई बार ऐसा होता है कि आप को किसी अनसेव्ड नंबर पर मैसेज भेजना होता है जिस के लिए आप को सब से पहले उस का नंबर अपने फोनबुक में सेव करना होता है. इसी के बाद ही आप उसे व्हाट्सऐप कर सकते हैं. लेकिन इस ट्रिक से आप व्यक्ति का नंबर सेव किए बिना उसे मैसेज भेज सकते हैं, बशर्ते वह व्हाट्सऐप पर मौजूद हो.

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उदाहरण के लिए, यदि आप को 98123××××× नंबर को बिना सेव किए उस को व्हाट्सऐप संदेश भेजना है तो आप को सब से पहले अपने फोन का ब्राउजर ओपन करना है, फिर यूआरएल में द्धह्लह्लश्चह्यर्//2ड्ड.द्वद्ग/+98123××××× टाइप करना है और सर्च कर लेना है. जिस के रिजल्ट में एक विंडो ओपन होगी जो आप से पूछेगी कि क्या आप को इस नंबर पर चैट करना है, जिस पर क्लिक करते ही आप के फोन में व्हाट्सऐप खुल जाएगा और आप उस नंबर पर बिना उसे सेव किए मैसेज भेज सकते हैं. याद रखें कि यूआरएल में नंबर डालने से पहले कंट्री कोड डालना जरूरी है और जिसे आप मैसेज भेज रहे हैं उस का व्हाट्सऐप पर अकाउंट होना चाहिए.

औटो रिप्लाई करना :

यह ट्रिक उन व्हाट्सऐप यूजर्स के लिए बेहद यूजफुल है जो बिजनैस के उद्देश्य से व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं और उन के लिए जिन्हें व्हाट्सऐप पर बड़ी संख्या में मैसेज आते हैं जिन पर एकएक कर रिप्लाई करना कई बार बेहद मुश्किल हो जाता है. इस के अलावा यदि आप बिजी हैं और चाहते हैं कि आप को व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजने वालों को एक औटोमेटेड रिस्पौंस चला जाए तो आप इस ट्रिक का बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं.

इस के लिए आप को प्ले स्टोर से एक थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा जो बेशक थोड़ा रिस्की जरूर है लेकिन यदि फिर भी आप ट्राई करना चाहें तो कर सकते हैं. प्ले स्टोर के सर्च बौक्स में आप को टाइप करना है- व्हाट्स औटो रिप्लाई ऐप. जिसे डाउनलोड करने के बाद आप को इसे अपने फोन की सैटिंग्स में जा कर इनेबल करना है, नोटिफिकेशन की परमिशन देनी है और अपने कस्टम मैसेज फीड कर सेव कर देना है. यह औटोमैटिकली किसी के मैसेज करने पर औटो रिप्लाई कर देगा.

किसी मैसेज को बुकमार्क करना :

जिस तरह से हम अपने कंप्यूटर या लैपटौप में किसी खास वैबसाइट को आसानी से एक्सैस करने के लिए बुकमार्क कर लेते हैं ताकि हमें आसानी से वह वैबसाइट मिल जाए, ठीक उसी तरह से आप व्हाट्सऐप में कोई मैसेज सेव कर सकते हैं जिसे आप आसानी से एक्सैस कर सकते हैं.

व्हाट्सऐप में जो कोई भी मैसेज आप बुकमार्क करना चाहते हैं उसे लौंग प्रैस करने के बाद सब से ऊपर एक स्टार का निशान बना होता है जिसे क्लिक कर आप व्हाट्सऐप के स्टार मैसेज के फोल्डर में जा कर उसे पढ़ सकते हैं. बुकमार्क किया हुआ मैसेज उस फोल्डर में तब तक सेव रहेगा जब तक आप उसे डिलीट न कर दें.

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मैसेज की फौर्मेटिंग करना :

आप ने कई बार देखा होगा कि आप के फैमिली या फ्रैंड व्हाट्सऐप ग्रुप्स में फौरवर्ड किए हुए मैसेज आते हैं जो दिखने में काफी स्टाइलिश लगते हैं. कहीं बोल्ड अक्षरों का इस्तेमाल किया जाता है तो कहीं इटैलिक्स का. जिसे करना बेहद आसान होता है जो कई व्हाट्सऐप यूजर्स को पता ही नहीं होता.

इस के लिए आप को मैसेज टाइप करते समय ही कुछ अक्षरों का ध्यान रखना होता है. यदि आप बोल्ड अक्षरों का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो जितने हिस्से को बोल्ड करना है उस की शुरुआत और अंत में **(स्टार) टाइप कर देना है. इटैलिक्स के ट्ठ (अंडरस्कोर) और स्ट्राइकथ्रू के लिए – (हाइफन) का इस्तेमाल मैसेज की शुरुआत व अंत में कर आप अपने मैसेज को अधिक अट्रैक्टिव बना सकते हैं. यकीन न हो तो इस्तेमाल कर के देखिए.

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