सरकार बनाम किसान

साधारण आलू, सेम, गाजर, गोभी या टमाटर बेचने में कोई तकनीक नहीं है, कोई बड़ा पैसा नहीं लगता, एयरकंडीशंड दुकानों की जरूरत नहीं है और इन के दाम भी रोज ऊपरनीचे होते रहते हैं. इस पर भी इन में अगर रिलायंस, अडानी, गोदरेज, एमेजन, वाल मार्ट कूद रहे हैं तो इसलिए कि वे पूरे किराने बाजार पर कब्जा कर लेना चाहते हैं चाहे इस चक्कर में लाखों पटरी पर सब्जियां बेचने वाले बेकार हो जाएं.
जिन देशों में गरीबी नहीं है और रोज के 200 रुपए कमा कर पेट भरने वाले नहीं हैं वहां तो बात दूसरी पर भारत में पिछले 6 सालों में इन विशाल सब्जी वालों की बहुतायत होने लगी है और औन लाइन का हल्ला मचा कर घर के सामने पटरी की दुकानों को उजाडऩे की पूरी प्लानिंग कर ली गई हैं.

सस्ती सब्जी इन दुकानों से मिलेगी यह भूल जाइए. जिस दाम में एक बुढिय़ां सब्जी वाली दे सकती है उतने में सूटटाई पहने लोग आखिर कैसे दे सकते हैं? हां, अगर ये किसानों पर कब्जा कर लें, मंडियों पर कब्जा कर ले, वाहनों पर कब्जा कर लें तो आप के घर के पास बैठी अनपढ़ औरतों को बेचते के लिए सब्जियां मिलेंगी ही नहीं. आप को मजबूरन इन मंहगी दुकानों में जाना पड़ेगा जहां 2 की जगह 4 चीजें खरीदेंगे और अगर 2 के दाम सस्ते लगेंगे तो 2 के ज्यादा वसूल लिए जाएंगे. पैङ्क्षकग, और्गेनिक, छोटी होने के नाम पर और वसूल लिया जाएगा.

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अगर देश के किसान खड़े हैं तो वे समझ रहे हैं कि इस बार सरकार उन को नंगा करने का प्लान बना कर आई है. पहले लोगों को नोटबंदी से नंगा किया गया, फिर जीएसटी, फिर नागरिक कानूनों से वहकाया गया और अब सब्जी वालों तक को बख्शा नहीं जा रहा. अब फिर ग्राहक भी लूटा जाएगा, बेचने वाला भी. उत्पादन करने वाला भी. मौज केवल इन धंधों में पैसा लगाने वालों और सरकार की होगी.

सरकार बहुत मोटा पैसा उस स्पैक्ट्रम को बेच कर कमा रही है जो उस का नहीं है, धूप की तरह प्रकृति की देन है. इसी स्पैक्ट्रम के बल पर आप का कंप्यूटर चलता है कि आप औन लाइन खरीदारी कर सकते हैं. सरकार की कमीशन बीच में शामिल है जो ग्राहक भी दे रहे हैं, बेचने वाले भी. अगर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है तो अरबोंखरबों में खेलने वाले बैंकों का भी लाभ हो रहा है. नुकसान में वह फटी धोती पहने या मैली कमीज पहने सडक़ पर बैठे सब्जी विक्रेता का है और उस के ग्राहक का है. दोनों लूटे जाएंगे. शुरूआत हो चुकी है. कुछ दिन में सिर्फ औन लाइन खरीदारी की इजाजत होगी जैसे अब कोविड के बहाने सिर्फ औन लाइन पढ़ाई की इजाजत है. यह नहीं समझाने की जरूरत कि लाभ किसे होगा.

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जानें क्या है बैगन के फायदे

बैगन भारतीय उपमहाद्वीप में मूल रूप से पायी जाने वाली सब्ज़ी है, लेकिन अब यह दुनिया भर के सांस्कृतिक व्यंजनों में पायी जाती है. दुनिया भर में बैगन के कई प्रकार की क़िस्मों का उपयोग किया जाता है और यह कई अलग अलग तरीक़ों के व्यंजनों में शामिल होता है. इसे आम तौर पर सब्ज़ियों का राजा कहा जाता है, क्योंकि यह, सांस्कृतिक विरासत में सबसे अधिक बहुमुखी और कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में से एक है. यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है. बैगन हमें विटामिन, खनिज और पोषक तत्व प्रदान करता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन बी6,  थायमिन,  नियासिन,  मैग्नेशियम, फ़ोसफ़ोरस, कौपर, फ़ाइबर, पोटेशियम और मैगनीज पाया जाता है. इसमें कोलेस्ट्रोल या संतृप्त वसा नहीं होता-

बैगन वज़न कम करता है

वज़न कम करने या मोटापे की समस्याओं का सामना करने वाले लोगों के लिए, बैगन बहुत ही स्वस्थ भोजन है, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का वसा या कोलेस्ट्रोल नहीं होता. इसमें पाया जाने वाला फ़ाइबर घ्रालिन होर्मोंन को बनने से रोकता है, जिससे व्यक्ति हमेशा, भरा हुआ महसूस करता है, और उसे ज़्यादा खाने से रोकता है.

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कैंसर के लिए लाभदायक

बैगन में पाए जाने वाले एंटीओक्सिडेंट्स, विभिन्न बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं, इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का अहम् हिस्सा है. इसमें मैगनीज होता है जो एक प्राकृतिक एंटीओक्सीडेंट है. नियसिन, और क्लोरोजेनिक एसिड फ़्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. फ़्री रेडिकल्स हमारी तंत्रिका को बिगाड़्ने, अल्ज़ाइमर रोग और मनोभ्रंश की उपस्थिति को उत्पन्न करते हैं. इसके साथ इसमें एंटीवायरल और जीवाणुविरोधी गुण भी होते हैं.

हड्डियों के लिए लाभदायक

बैगन में फ़िनोलिक यौगिक पाए जाते हैं जो औस्टियोपोरोसिस के लक्षण को कम करते हैं और हड्डियों के घनत्व को बढ़ा कर उन्हें मज़बूती प्रदान करते हैं. इसमें कैलशियम और लोहा पाया जाता है जो हड्डियों को मज़बूत बनाता है. इसमें पाया जानेवाला पोटेशियम, कैलशियम के ग्रहण को बढ़ाता है.

एनिमिया दूर करने में सहायक

बैगन में पाया जाने वाला आयरन एनीमिया से लड़ने में सहायक होता है. इसमें ताम्बा भी पाया जाता है. यह दोनों खनिज लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा और ताक़त आती है.

बैगन के औषधीय गुण मस्तिष्क के लिए-

बैगन में फाईंटोन्यूट्रीएंट्स पाए जाते हैं जो संज्ञात्मक गतिविधि और सामान्य मानसिक स्वास्थ्य के लिए बूस्टर का काम करते हैं. ये न केवल फ़्री रेडिकल्स से बचाते हैं बल्कि शरीर और मस्तिष्क को विषाक्त पदार्थों और रोगों से भी सुरक्षित रखने और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह स्मृति और विश्लेषणात्मक विचारों की शक्तियों को बढ़ाते हैं.

मधुमेह के लिए उपयोगी

बैगन में उच्च मात्रा में पाया जाने वाला फ़ाइबर और कम मात्रा में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो , शरीर में ग्लूकोज़ और इंसुलिन गतिविधि को संतुलित करके मधुमेह जैसी समस्या में मदद करता है.

ह्रदय को स्वस्थ रखता है

यह शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रोल की उपस्थिति को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है. इसमें पायाजानेवाले बायोफ़्लेवोनाइड्ज़ रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं, जिस से ह्रदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है.

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बैगन के लाभ गर्भवती महिलाओं के लिए

इसमें पाया जाने वाला फ़ोलिक ऐसिड गर्भवती महिलाओं के लिए फ़ायदेमंद होता है. फ़ोलिक ऐसिड सीधे न्यूरल ट्यूब के दोष से शिशुओं की रक्षा करता है

बालों और त्वचा के लिए फ़ायदेमंद

इसमें पाया जाने वाला खनिज, विटामिन और पानी, बालों की जड़ों को मज़बूत करता है. बैगन के पोषक तत्व त्वचा को हायड्रेट करके इसे , नरम और चिकनी बनाने में भी अद्भुत कार्य करते हैं. . सर्दियों में त्वचा की प्राकृतिक नमी चली जाती है और त्वचा ख़ुश्क और उसमें खुजली होने लगती है. इसके लिए बैगन बहुत अच्छा होता है.

मुझे अकसर गर्दन में दर्द रहता है. मैं जानना चाहती हूं कि यह समस्या क्यों होती है?

सवाल-

मुझे अकसर गरदन में दर्द रहता है. मैं जानना चाहती हूं कि यह समस्या क्यों होती है? कृपया इस से बचने के उपाय और उपचार के बारे में बताएं?

जवाब-

गरदन में दर्द होने को चिकित्सीय भाषा में सर्वाइकल पेन कहते हैं. गरदन से हो कर गुजरने वाले सर्वाइकल स्पाइन के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पेन हो जाता है. समस्या मामूली है तो उसे जीवनशैली में बदलाव ला कर ठीक किया जा सकता है, गंभीर होने पर उपचार की जरूरत पड़ती है. अगर फिजिकल थेरैपी और दवाइयों से भी सर्वाइकल पेन ठीक नहीं होता तब सर्जरी की जाती है.

इस से बचने के लिए बैठते, चलते, कंप्यूटर पर काम करते समय अपना पोस्चर दुरुस्त रखें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. मोबाइल फोन को अपने कान और कंधे के बीच फंसा कर बात न करें.

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अगर आप भी लंबे समय तक अपना मोबाइल फोन अपनी गर्दन में दबा कर बात करने की आदी हैं तो आपको इस आदत को अलविदा कहने की जरूरत है. मोबाइल फोन उपभोक्ता अब इस तरह अपने गैजेट्स पर बहुत ज्यादा समय बिताने के कारण एक नई परेशानी टेक्स्ट नेक का शिकार हो रहे हैं.

विशेषज्ञों का दावा है कि अगर आप लंबे समय तक इस तरह फोन पर बात करती हैं तो लंबे समय में आपको गठिया की परेशानी हो सकती है. परेशानी और गंभीर होने पर मांसपेशियां स्थाई तौर पर मुड़ सकती हैं, जिससे गर्दन को सीधा होने में दिक्कत आ सकती है.

लीड्स के फ्रीडम बैक क्लिनिक्स की रैशेल लैनकास्टर ने बताया कि लंबे समय तक गर्दन को मोड़े रखने से टेक्स्ट नेक की परेशानी हो सकती है. इस परेशानी के शिकार लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है क्योंकि स्मार्ट फोन और टेबलेट कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ रहा है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- फोन गर्दन में दबाकर बात करती हैं तो हो जाइये सावधान

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

इन 5 Tips से बनाएं आईब्रोज को घना

हर महिला चाहती है कि उस की आईब्रोज घनी व मोटी हों, क्योंकि मोटी आईब्रोज आप के नैननक्श को और उभारने का काम जो करती हैं. लेकिन कुछ महिलाओं को नैचुरली पतली आईब्रोज मिलती हैं व कुछ की आईब्रोज समय के साथसाथ थ्रैडिंग व उस पर प्लकर इस्तेमाल करने के कारण वे पतली होने के साथसाथ अपनी शेप भी खोने लगती हैं, जो उन्हें गवारा नहीं होता.

ऐसे में भले ही आप ग्रोथ बढ़ा कर आईब्रो करती भी हैं तब भी कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ता है. अत: जरूरी है आईब्रोज को घना व मोटा बनाने के लिए इन टिप्स को फौलो करने की ताकि आप को इस समस्या से छुटकारा मिल सके.

वैसलीन

वैसलीन न सिर्फ आप की आईलैशेज को खिलाखिला व शाइनी बनाने का काम करती है, बल्कि यह आप की आईब्रो को भी मोटा बनाने में सहायक होती है, क्योंकि यह स्किन को मौइस्चर और हाइड्रेट रखने का काम करती है.

इस में मिनरल औयल होने के कारण यह स्किन को न्यूट्रिशन भी प्रदान करती है और जब इसे आईब्रोज पर अप्लाई करती हैं तो यह उन्हें मौइस्चर प्रदान करने के कारण बालों को घना बना कर उन्हें हैवी लुक देने का भी काम करती है, जिस से आईब्रोज धीरेधीरे परफैक्ट शेप में आने लगती हैं.

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अंडे का पीला भाग

बाल, फिर चाहे वे सिर के हों या आईब्रोज के, वे केराटिन से बने होते हैं. लेकिन जब इस प्रोटीन के उत्पादन में कमी होने लगती है तो बालों झड़ने व आईब्रोज के पतला होने की समस्या का सामना करती हैं, जबकि अंडे का पीला भाग बायोटिन का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो बालों की ग्रोथ व उन्हें मौइस्चर प्रदान करने का काम करता है.

इसलिए अपनी घनी आईब्रोज के लिए हफ्ते में इस का पेस्ट आईब्रोज पर आधा घंटा लगाए रखें. आप को 2-3 महीने में ही बदलाव नजर आने लगेगा.

औलिव औयल

यह नैचुरली आईब्रोज को घना बनाने का काम करता है. इस में मौइस्चराइजिंग प्रौपर्टीज बालों को झड़ने से रोकती है, जिस से हेयर ग्रोथ अच्छी तरह होने के कारण आईब्रोज मोटी नजर आने लगती हैं.

अनेक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि इस में मौजूद ओलुओपेन, जो बालों की ग्रोथ में मदद करता है. इसलिए आप इसे रोजाना कुछ मिनट अपनी आईब्रोज पर अप्लाई कर के पाएं कुछ ही महीनों में घनी आईब्रोज.

बादाम का तेल

बादाम में लोवर फैट कोलैस्ट्रौल होने के कारण यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इस में विटामिन ई, मैग्नीशियम और पोटैशियम होने के कारण यह न्यूट्रिएंट्स और औक्सीजन को रक्त के माध्यम से आसानी से शरीर में पहुंचाने का काम करता है.

यही नहीं, इस में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड होने के कारण यह बालों को नरिश कर उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करता है. आप अगर अपनी आईब्रोज को मोटा बनाना चाहती हैं तो रोजाना रात को सोते वक्त बादाम के तेल से मसाज करें. कुछ ही दिनों में आप को सुधार नजर आने लगेगा.

प्याज का रस

शायद ही कोई प्याज का रस अपनी स्किन या फिर बालों में लगाना पसंद करता होगा. लेकिन जब आप इस के फायदे जानेंगी तो आप भी खुशीखुशी इसे अपनी आईब्रोज पर लगाने के लिए तैयार हो जाएंगी. बता दें कि इस में सल्फर, विटामिन बी, ई और मिनरल्स होने के कारण यह आईब्रोज की हेयर ग्रोथ के लिए काफी असरदार माना जाता है, क्योंकि जब कोलेजन की मात्रा काफी कम हो जाती है तो बाल कमजोर हो कर टूटने लगते हैं.

लेकिन प्याज के रस में सल्फर की मौजूदगी कोलेजन के पुनर्निर्माण और फौलिकल्स को मजबूती प्रदान करने का काम करता है. आप इस के रस को कौटन की मदद से आईब्रोज पर अप्लाई कर के आधे घंटे के लिए लगा छोड़ दें. ऐसा हफ्ते में 2-3 दिन करने पर आप को दिखने लगेगा सुधार.

परमानैंट तरीका

आप परमानैंट तरीके से भी अपनी आईब्रोज को घना व खूबसूरत बना सकती हैं. इस के लिए आप परमानैंट आईब्रोज बनवा सकती हैं.

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इस से आप को फायदा यह होगा कि जिस तरह आप रोज खुद से घर पर जब पैंसिल से शेप बनाती हैं तो वह पसीने के कारण हटने या फिर हमेशा एकजैसी शेप में नहीं आ पाती हैं.

ऐसे में परमानैंट आईब्रोज बैस्ट सोल्यूशन होता है. इस में खास तरह के एफडीए से अप्रूव कलर्स होते हैं, जिन्हें मशीन के जरीए स्किन में इंसर्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया में सब से पहले पैंसिल से आईब्रोज को मनचाही शेप दी जाती है. उस के ऊपर स्किन को नम करने के लिए ऐक्सटर्नली ऐनेस्थीसिया लगाया जाता है और फिर आईब्रोज को परमानैंट बना दिया जाता है.

इस में 2 सिटिंग्स दी जाती हैं, ताकि दूसरी सिटिंग में परफैक्ट शेप दी जा सके. बस इस में हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इस बात का ध्यान रखें कि हर बार नया कलर व नीडल लें.

इन टिप्स की मदद से अपने जिद्दी बच्चे को करें कंट्रोल

अक्सर देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में भी कई बदलाव आने लगते हैं. टीनएजर्स अपने फैसले खुद लेने लगते हैं और उनका स्वभाव दूसरों के प्रति भी उखड़ा-उखड़ा रहने लगता हैं. जिसकी वजह से उन्हें कुछ भी समझाया जाता है तो वे नाराज होकर बैठ जाते हैं और बड़ों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं.

अगर आप भी अपने बच्चे के जिद्दीपण की इस आदत से परेशानी में है तो आप हमारे द्वारा बताए जा रहे इन टिप्स की मदद से अपने बच्चों को अनुशासन में रहना सिखा सकते हैं. तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में.

1. घर ही बच्चों का पहला स्कूल

दो-ढाई साल की उम्र में बच्चे घर के सदस्यों से सबकुछ सिखते हैं. इसलिए अपने बच्चे में अच्छी आदतें डालने के लिए पेरेंट्स को उनकी इसी उम्र में सचेत हो जाना चाहिए. अपने बच्चों के सामने अपना व्यवहार सहीं रखें जैसे बड़ों को सम्मान दें तो छोटों के साथ प्यार से बात करें. आपको ऐसा करते देख बच्चे भी यहीं सीखेंगे.

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2. प्ले ग्राउंड में भी रखें अनुशासन

अगर आप अपने बच्चों के साथ रोजाना किसी पार्क यानी सार्वजनिक स्थल पर जा रहे है तो वहां भी बच्चों के अनुशासन का पूरा ख्याल रखें. उन्हें दूसरे बच्चों के साथ मिलकर खेलने की शिक्षा दें और मारपीट या गलत हरकतें न करने जैसी बातें समझाएं. इससे बच्चों में इम्पैथी यानी दूसरों की तकलीफ समझने की भावना विकसित होगी और दूसरा खेल-खेल में बच्चे अनुशासन के नियम भी सीख जाएंगे.

3. सिखाएं एंगर मैनेजमेंट

बच्चे में छोटी-छोटी बातों पर रूठना या जिद्द करने की आदत होती है लेकिन पेरेंट्स को उनकी इस आदत पर ओवर रिएक्ट करने के बजाए धीरे-धीरे उन्हें समझाना चाहिए. उन्हें प्यार से समझाएं कि तुम्हारी हर बात मानना न मुमकिन है. अगर बच्चा गुस्से में तोडफ़ोड़ या हिंसक व्यवहार करने लगे तो उसकी जिद्द को पूरा न करें बल्कि ऐसी स्थिति में उससे शांत रहने को कहें.

4. बड़ों का सम्मान करने की दें शिक्षा

बच्चों की शरारतें और प्यारी-प्यारी बातें तो सभी को अच्छी लगती है लेकिन कभी-कभी वह कई अपशब्दों का इस्तेमाल कर देते हैं. बच्चे की ऐसी हरकत को नादानी समझकर इग्नोर न करें क्योंकि इससे बच्चों को अपनी गलती का एहसास नहीं होगा. बच्चों की ऐसी हरकत करने पर उसे रोके न की हंसकर बात को टाल दें.

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5. बच्चों को सिखाएं विनम्रता का पाठ

बच्चों को केवल परिवार के साथ ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों के साथ विनम्र व्यवहार अपनाना चाहिए. बच्चे को समझाएं कि उन सभी के साथ प्यार से पेश आना चाहिए जो हमारी मदद करते हैं. इसी के सात उनमें एक आदत ऐसी भी डालें कि वह ऐसे लोगों के लिए अंकल-आंटी या भैया-दीदी जैसे सम्मान सूचक शब्दों का इस्तेमाल करें. इससे उन्हें सामाजिक व्यवहार सीखने में मदद मिलेगी.

घर की चाबी हो सब के पास

आज प्रियांक को घर लौटने में काफी देर हो गई थी. रात 12 बजे के करीब घर की सीढि़यां चढ़ते हुए उस की टांगें कांप रही थीं. वैसे वजह बहुत सामान्य थी. औफिस में पार्टी होने की वजह से उसे देर हो गई थी. मगर वह जानता था कि इस बात पर घर में कुहराम मच सकता है. दरअसल, उस के यहां सालों से यह नियम चला आ रहा था कि घर का कोई भी सदस्य रात 9 बजे के बाद घर से बाहर नहीं रहेगा. सब को समय पर लौटने की सख्त हिदायत थी. ऐसे में वह जानता था कि उसे नियम उल्लंघन की सजा भोगनी पड़ेगी.

पहली घंटी पर ही उस की मां ने दरवाजा खोल दिया. गुस्से से उन की आंखें लाल हो रही थीं. झट उसे अंदर खींच दरवाजा बंद करते हुए वे फुसफुसाईं, ‘‘अपने कमरे में जल्दी जा, मैं खाना वहीं ले कर आ रही हूं. तेरे पिता जाग रहे हैं. बहुत गुस्से में हैं. जल्दी खा कर सो जा.’’

अब सवाल यह उठता है कि एक जवान लड़का जो जौब कर रहा है यदि अपने औफिस में काम की वजह से किसी दिन देर से घर लौटता है तो क्या उसे इस बात के लिए डांटनाफटकारना चाहिए? क्या इस उम्र में आ कर भी वह इतना समझदार नहीं हुआ कि अपना भलाबुरा समझ सके और अपनी जिम्मेदारी खुद उठा सके? इसी तरह घर की बहूबेटियों पर भी पाबंदियां कम नहीं रहतीं.

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बरेली की रहने वाली विनीता मलिक कहती हैं, ‘‘हमारे यहां घर की चाबी दादी के पास होती है. यदि कोई बच्चा देर से घर लौटता है तो उस की पिटाई होती है. यही वजह है कि मैं न तो कालेज के बाद डांस क्लास जा पाती हूं और न ही कभी किसी फ्रैंड की पार्टी अटैंड कर पाती हूं. थोड़ी भी देर हो जाए तो जान सांसत में आने लगती है. जिंदगी में एक घुटन सी है. कुछ करने या आगे बढ़ने की इच्छा दबा कर जीना पड़ता है.’’

2 बच्चों की मां कनुप्रिया अपना दुखड़ा सुनाती हुई कहती है, ‘‘शादी के 10 साल बीत गए पर आज तक पति के साथ कभी लेट नाइट मूवी या पार्टी नहीं जा पाई. यहां तक कि एक बार सहेली की शादी से आने में देर हो गई तो सासूमां दरवाजे पर ही बैठी मिलीं. पहले तो बीसियों बार फोन कर के पूछती रहीं कि और कितनी देर लगेगी और आने के बाद तो पूरा घर सिर पर उठा लिया कि इतनी रात तक बहू बाहर क्यों रही.’’

जाहिर है आज के समय में भी कुछ घरों में ऐसा आलम नजर आ जाता है जब टाइमबेटाइम घर का दरवाजा खुलवा कर घर में घुसना एक बड़ी परीक्षा की घड़ी बन जाती है.

पर क्या यह उचित है? क्या होना यह नहीं चाहिए कि घर के सभी सदस्यों के पास अलग चाबी हो ताकि जिसे जब आना है दूसरों को डिस्टर्ब किए बगैर अंदर आ जाए? कई दफा घर का बच्चा स्कूलकालेज से जल्दी लौट आए तो भी घर वाले सवाल खड़े कर देते हैं. आखिर यह उस का भी घर है. यदि वह अपने घर में भी बेखटके नहीं आ सकता तो फिर कहां जाएगा?

ज्यादा बंदिशों से घुटता है दम

अकसर ज्यादा बंदिशें लगाए जाने वाले घरों के बच्चे ही गलत कारनामे करते हैं, क्योंकि बंदिशें जब उन का दम घोटने लगती हैं तो वे हर बंधन तोड़ कर खुली हवा में सांस लेने को बेताब हो जाते हैं.

बेहतर हो कि घर में सब को अपनी जिंदगी जीने, अपने फैसले लेने और अपने हिसाब से आगे बढ़ने की आजादी मिले. जरूरत से ज्यादा रोकटोक उन्हें विद्रोही बना सकती है. बच्चों में अच्छे संस्कार डालना, भलेबुरे का ज्ञान कराना, घर के हालात समझाते हुए उन्हें उन की जिम्मेदारियों से अवगत कराना आदि अभिभावकों का काम है. मगर हर समय उन की चौकीदारी करना या हर वक्त उन पर निगाह रखना गलत है. बच्चों को थोड़ी आजादी दें. उन्हें अपनी जिंदगी अपने ढंग से जीने दें.

चिल्लाना उचित नहीं

बहुत से मातापिता की आदत होती है कि वे बच्चों पर छोटीछोटी बातों पर चिल्लाते रहते हैं. यहां तक कि घर देर से लौटने, किसी से बात कर लेने या फिर मनमुताबिक सफलता न मिलने पर भी डांटते हैं. दूसरों के सामने बेइज्जती करते हैं. अत: ऐसे मातापिता को अपनी इस आदत को छोड़ने की जरूरत है. उन का ऐसा व्यवहार न केवल उन दोनों के संबंध पर बुरा असर डालेगा, बल्कि बच्चों के विकास में भी बाधक होगा.

बच्चों को थोड़ा स्पेस दें. उन्हें खुद अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होने दें. बच्चों पर चिल्लाने के बजाय उन उम्मीदों पर ध्यान दें जो आप उन से लगाते हैं. बच्चों को उन की उम्र और क्षमता के हिसाब से जिम्मेदारियां दें. जरूरत पड़ने पर उन की मदद करें.

वार्निंग दे कर छोड़ दें

यदि बच्चा बिना उचित वजह के भी कहीं से देर से लौटे तो भी उस से बहुत तेज आवाज में बात न करें. बच्चे तेज आवाज से डर जाते हैं और अपनी बात सामने नहीं रख पाते. बेहतर होगा कि आप अपने गुस्से या नाराजगी पर नियंत्रण कर के हमेशा बच्चे से सामान्य हो कर बात करें. उस से आंखें मिलाएं और फिर मजबूती से अपनी बात रखें. ऐसे में बच्चा आप और आप की बातों को अनदेखा नहीं कर सकता. उसे वार्निंग दे कर छोड़ दें. वह आगे से ऐसी गलती करने से पहले सोचेगा. फिर आप को भी उस पर नजर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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विश्वास करें

हर बच्चे की अपनी अलग क्षमता होती है, अपने सपने होते हैं. उस पर विश्वास करें. उसे अपने पर खोलने दें. बंदिशों के बोझ से उस के परों को इतना बोझिल न बना दें कि वह उड़ ही न पाए. बच्चे पर भरोसा करें. हां अगर वह आप का भरोसा तोड़े तो दोबारा भरोसा बनने तक बेशक आप उस की स्वतंत्रता में कटौती कर सकते हैं.

रोल मौडल बनें

बच्चे आमतौर पर वही करते हैं, जो वे अपने मातापिता से सीखते हैं. अत: अपने बच्चों का रोल मौडल बनें. आप जैसा व्यवहार उन का देखना चाहते हैं वैसा ही खुद करें. उन पर हर पल नजर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

फायदेमंद भी है अकेले घर में रहना

अकसर हमें लगता है कि बच्चा घर में अकेला पहुंचेगा तो उसे बोरियत, अकेलेपन और डर का सामना करना पड़ेगा. लेकिन कुछ बच्चों पर सकारात्मक प्र्रभाव भी पड़ता है. चाबी अपने हाथ में होने और अपनी इच्छा से घर में अकेले रह कर उन में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, कठिन परिस्थितियों से निबटने का हौसला और घर के कामों में अपना योगदान देने की प्रवृत्ति जैसी खूबियां उभरती हैं. वे कम उम्र में ही अपने भरोसे जीना सीख जाते हैं.

बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड के साथ चाबी शेयर करना

आजकल लड़केलड़कियां पढ़ाई या जौब के सिलसिले में अकसर कमरा या पूरा फ्लैट ले कर अकेले रहते हैं. कई बार 2 या 3 लोग मिल कर भी कोई घर ले लेते हैं. परिवार और घर वालों से दूर रह रहे ये लड़केलड़कियां समय के साथ अपने बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड के काफी करीब आने लगते हैं. वे साथ जीवन गुजारने को ले कर उत्साहित हैं. ऐसे में एकदूसरे की इतनी आदत हो जाती है कि वे घर की चाबी भी शेयर करने लगते हैं. इस तरह अपनी चाबी किसी को देना गलत नहीं पर कुछ बातों का खयाल जरूर रखें:

– यदि आप को लगता है कि अब आप अपने बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड को अपने घर की चाबी दे सकते हैं तो इस का मतलब है कि आप उस के साथ अपना भविष्य देख रहे हैं. आप उस के साथ सुरक्षित और कंफर्टेबल महसूस कर रहे हैं और आप चाहते हैं कि आप का पार्टनर आप के बारे में सबकुछ जाने और समझे. आप उस से कुछ भी छिपा कर रखने की जरूरत महसूस नहीं करते. फिर भी कुछ बातें और कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन के प्रति सावधानी रखना जरूरी है.

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– अपने घर वालों को अपने बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड के बारे में थोड़ी जानकारी जरूर दें.

– यदि आप अकेली रहती हैं तब तो अपने बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड को चाबी देने का फैसला आप का अपना है. पर यदि आप के रूममेट्स भी हैं तो उन से पूछ कर ही चाबी किसी के साथ शेयर करें, क्योंकि इस फैसले में उन की सहमति भी जरूरी है.

Bigg Boss 14 खत्म होते ही बदला Nikki Tamboli का अंदाज, देखें फोटोज

बिग बॉस 14 के कंटेस्टेट इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं. जहां कोई अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है तो वहीं कुछ घरवाले अपने फैशन के चलते छाए हुए हैं. दरअसल, बिग बॉस के घर से निकलने के बाद निक्की तम्बोली (Nikki Tamboli) एक के बाद एक नए लुक्स में नजर आ रही हैं, जिसके चलते वह फैंस के बीच फैशन के चलते छा गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं निक्की तम्बोली के वायरल लुक्स…

पार्टी में ऐसा था निक्की तम्बोली का अंदाज

हाल ही में बिग बॉस 14 के कंटेस्टेंट्स ने एक पार्टी रखी थी, जिसमें सभी कंटेस्टेंट नजर आए थे. हालांकि सबसे ज्यादा निक्की तम्बोली ने सुर्खियां बटोरी था. दरअसल, निक्की ब्लू कलर के शिमरी गाउन वाले आउटफिट में नजर आई थीं, जिसमें उनका लुक काफी हौट लग रहा था.

 

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बेहद स्टाइलिश हैं निक्की तम्बोली

nikki tamboli

निक्की तम्बोली बीते दिन एक इवेंट का हिस्सा बनने पहुंची थीं, जहां वह कलरफुल ड्रेस पहने नजर आईं थीं. निक्की तम्बोली इस लुक में काफी खूबसूरत लग रही थीं. वहीं फैंस भी उनके इस लुक की तारीफें करते नही थक रहे थे.

कुछ ऐसा था एयरपोर्ट लुक

 

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स्टार्स का एयरपोर्ट लुक काफी स्टाइलिश और कंफरटेबल होता है. वहीं इन लुक्स को ध्यान में रखते हुए निक्की तम्बोली ने भी एयरपोर्ट के लिए कुछ ऐसा ही लुक ट्राय किया. निक्की ने ऑरेंज कलर के ट्राउजर और क्रौप जैकेट के साथ अपने लुक को स्टाइलिश बनाया, जिसमें वह काफी स्टाइलिश लग रही थीं.

 

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रुबीना के साथ पार्टी में कुछ यूं लुक

 

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बिग बौस 14 की ट्रॉफी जीतने के बाद हाल ही में रुबीना दिलैक ने एक पार्टी रखी थी, जिसमें निक्की तम्बोली भी नजर आईं थी. वहीं इस पार्टी में भी निक्की तम्बोली का लुक सिंपल लेकिन स्टाइलिश नजर आया था. औरेंज कलर की प्लेन सिल्क ड्रैस में निक्की बेहद खूबसूरत लग रहीं थीं.

#terasuit: जैस्मिन भसीन संग अली गोनी का नया Song हुआ रिलीज, देखें Video

‘बिग बॉस 14’ (Bigg Boss 14) में अपनी कैमेस्ट्री को लेकर फैंस के बीच जगह बनाने वाले एक्टर अली गोनी (Aly Goni) और जैस्मिन भसीन (Jasmin Bhasin) इन दिनों वेकेशन का लुत्फ उठा रहे हैं. हालांकि इस बीच दोनों अपने काम के लिए भी लगातार वक्त निकाल रहे हैं, जिसके कारण दोनों सुर्खियों में छाए हुए हैं. दरअसल, आज यानी 8 मार्च को टोनी कक्कड़ का नया गाना रिलीज हुआ है, जिसमें अली गोनी और जैस्मिन भसीन की जोड़ी नजर आ रही है. आइए आपको दिखाते हैं अली और जैस्मीन के गाने की वीडियो…

रोमांटिक है अली-जैस्मिन का अदाज

नेहा कक्कड़ के भाई और सिंगर टोनी कक्कड़ का नया गाना ‘तेरा सूट’ आज रिलीज हो चुका है, जिसमें अली गोनी और जैस्मिन भसीन की केमेस्ट्री तो देखते ही बन रही है. वहीं इस गाने में अली और जैस्मीन होली का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं.

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कश्मीर की वादियों में किया प्यार का इजहार

अली ने हाल ही में अपने प्यार का इजहार करते हुए एक बहुत ही रोमांटिक नोट के साथ जैस्मिन की एक फोटो शेयर की थी. फोटो शेयर करते हुए अली ने लिखा, ‘हम ही हमारी दुनिया हैं.’ दरअसल, हाल ही में सोशलमीडिया पर एक ट्रैंड देखने को मिला था, जिसमें सवाल पूछा जा रहा था कि जैस्मीन के घर कौन जाएगा, जिसका जवाब देते हुए अली गोनी ने ये  फोटो शेयर की थी.

बता दें, हाल ही में एक्ट्रेस जैस्मीन भसीन अपने एक पोस्ट के कारण ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं. दरअसल, हाल ही में जैस्मीन ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया है, जिससे कुछ यूजर्स भड़क गए हैं और उन्हें खरी-खोटी सुना रहे हैं. जैस्मिन ने अपने सोशलमीडिया अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कुछ लोग सच में अपनी बात मनवाने में माहिर होते हैं. वो झूठ बोल सकते हैं, धोखा दे सकते हैं, आपके साथ गलत तरीके से पेश आ सकते हैं और बावजूद इसके वो सबकुछ दिखाते हैं कि आपकी ही गलती है. #kahinpadhathaa’

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महिलाएं कहीं भी महसूस करें असुरक्षित, मिलाएं 112-यूपी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति’ के तहत 17 अक्टूबर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 1,21,509 महिलाओं को सहायता पहुंचाई गयी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम शुरु किया गया है. वर्ष भर में 112-यूपी ने घरेलू हिंसा में 3,27,833 पीड़ित महिलाओं तक मदद पहुँचाने का कार्य किया है.

महिलाओं को सुरक्षा का भाव

महिलाओं में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के लिए पूरे प्रदेश 300 महिला पीआरवी 112-यूपी की ओर से संचालित की जा रही हैं.

मिशन शक्ति के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश भर की महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना 112-यूपी का मुख्य उद्देश्य है. रात्रि में अकेली महिला को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए महिला स्कार्ट की सुविधा शुरू की गयी है. गाँव हो या शहर कोई भी महिला रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इस सुविधा का लाभ ले सकती है. एक वर्ष में 518 महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया है.

बुजुर्गों की मदद

बुज़ुगों में सामाजिक सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से ‘सवेरा’ योजना के तहत 1,70,296 महिलाओं का पंजीकरण किया गया है. महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 112-यूपी द्वारा जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. प्रदेश भर में 112-यूपी की 4500 पीआरवी रात-दिन प्रदेश में आम जनमानस की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं.

घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाने की पहल

मिशन शक्ति के तहत घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाने और महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध के लिए 112-यूपी द्वारा प्रदेश भर में 300 महिला पीआरवी चलाई जा रही हैं. इस पीआरवी पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि पीड़ित महिला बेझिझक अपनी बात महिला पुलिस कर्मियों को बता सके. घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को 112 की तरफ से ‘प्रबल प्रतिक्रिया’ दी जाती है.

1090 व 181 के साथ एकीकरण

मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाना भी है. प्रदेश के किसी भी कोने से अगर कोई महिला पुलिस की मदद लेने के लिए 1090 पर कॉल करती है तो उसकी कॉल 112-यूपी पर स्थानांतरित कर दी जाती है. इसी तरह स्वरोजगार के लिए किसी तरह की मदद चाहने वाली महिलाओं की कॉल को 112 से 181 स्थानांतरित की जाती है. विभिन्न सरकारी हेल्प लाइनों से एकीकरण के बाद 112-यूपी के कार्य का दायरा भी बढ़ गया है.

जैस्मिन भसीन के पोस्ट को देख भड़के रुबीना के फैंस, कही ये बात

Bigg Boss 14 का सीजन काफी धमाकेदार रहा है. जहां शो के कंटेस्टेंट इन दिनों वेकेशन का लुत्फ उठा रहे हैं तो वहीं कुछ कंटेस्टेंट अपने काम में दोबारा बिजी हो गए हैं. इसी बीच पौपुलर कंटेस्टेंट में से एक एक्ट्रेस जैस्मीन भसीन अपने एक पोस्ट के कारण ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला

पोस्ट के चलते छाई जैस्मीन

बिग बौस 14 में किसी वक्त पर एक-दूसरे की अच्छी दोस्त रहीं जैस्मिन और रुबीना के बीच इतनी कड़वाहट बढ़ चुकी है, जिसका अंदाजा फैंस जैस्मीन के पोस्ट के जरिए लगा रहे हैं. दरअसल, हाल ही में जैस्मीन ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया है, जिससे कुछ यूजर्स भड़क गए हैं और उन्हें खरी-खोटी सुना रहे हैं.

लिखी थी ये बात

जैस्मिन ने अपने सोशलमीडिया अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कुछ लोग सच में अपनी बात मनवाने में माहिर होते हैं. वो झूठ बोल सकते हैं, धोखा दे सकते हैं, आपके साथ गलत तरीके से पेश आ सकते हैं और बावजूद इसके वो सबकुछ दिखाते हैं कि आपकी ही गलती है. #kahinpadhathaa’.

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फैंस को आया गुस्सा

जैस्मिन भसीन के इस ट्विट के बाद लोगों ने उन्हें निशाना बनाना शुरु कर दिया है. दरअसल, लोगों का मानना है कि जैस्मीन का ये पोस्ट रुबीना दिलैक के लिए है. वहीं इस पोस्ट के बाद रुबीना के फैंस का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और इसी के चलते फैंस ने उन्हें ट्रोल करना शुरु कर दिया. एक यूजर ने लिखा, ‘लड़की तुम्हारे दिल में बहुत नफरत भरी है. बिग बॉस खत्म हो चुका है. अब आगे बढ़ो और रुबीना को इस तरह ताना मारना बंद करो.’ वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, ‘आपके पास कोई काम नहीं है क्या? मूव ऑन कर लो.’ वहीं कुछ अन्य यूजर्स ने जैस्मिन को ‘नेगेटिव’ और ‘जलन से भरी हुई’ बताना शुरू कर दिया.

जैस्मीन ने दी सफाई

ट्रोलिंग का शिकार होते ही जैस्मीन भसीन ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि ठीक है तो मुझे एक बात साफ कर दूं, बिग बॉस एक बेस्ट सफर था, जिसने मेरी पर्सनल और प्रौफेशनल लाइफ को खुशियों और सफलता से भर दिया है, लेकिन अब शो खत्म हो गया है और मैं हर उस चीज के लिए आभारी हूं जो शो ने मुझे दी है और मेरे पास कुछ भी नहीं है किसी के खिलाफ रखने के लिए.  इसी के साथ जैस्मीन ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि लाइफ में नई शुरुआत करने के लिए आगे बढ़ना पड़ता है. इसलिए मैं लोगों से अनुरोध करती हूं कि शो के किसी भी प्रतियोगी के साथ मेरे कार्यों, पोस्ट या ट्वीट्स को नही रिलेट करना चाहिए. संक्षेप में “उड़ते तीर” पकडने बैंड करदो यार. चिल करौ और खुश रहो.

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