मैंने अपनी किशोरावस्था में जो गलतियां की हैं, वह कोई लड़की कभी ना करें- आरती नागपाल

अपने समय के मशहूर रंगकर्मी हरजीवन दास पंचोटियश की चैथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाली चालिस वर्षीय फिल्म अभिनेत्री,  लेखक,  निर्देशक,  नृत्यंागना, समाज सेवक और योगा शिक्षक आरती नागपाल को देव आनंद ने अपनी फिल्म ‘गैंगस्टर’’में सबसे पहले अभिनय करने का अवसर प्रदान किया था. तब से वह लगातार फिल्मों व टीवी सीरियलों में अभिनय करती आ रही हैं. निजी जीवन में आरती नागपाल सिंगल मदर हैं, जिन्होने प्रेम विवाह में काफी कष्ट सहन करने के बाद अपने पति से अलग होने के बाद अपने बेटे वेदांत व बेटी प्रियांशी की न सिर्फ अच्छी परवरिश की, बल्कि खुद भी अभिनेत्री, लेखक व निर्देशक के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रही. अपने निजी जीवन के अनुभवो के आधार पर आरती नागपाल ने पहली लघु फिल्म‘‘डेली रेप’’का निर्माण,  लेखन व निर्देशन किया था, जिसे कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहो में काफी सराहा गया था.

प्रस्तुत है आरती नागपाल से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश. .

काफी लंबा कैरियर हो गया है. इस यात्रा में किस तरह के संघर्ष रहे ?

-संघर्ष तो जीवन है. मेरी राय में कैरियर हो या जीवन हो या कुछ भी हो, वह हमसे संघर्ष जरुर कराती है. अगर मैं एक लय के साथ बह रही हूं, यानी कि नदी की धारा के बहाव के साथ बह रही हूं, तो जीवन में संघर्ष कम होगा. लेकिन मैंने सदैव पानी के बहाव से उल्टी दिया पकड़ी, तो संघर्ष अधिक रहा. मैंने उसी चीज को बार-बार अपने जीवन में दोहराया है. मैं फिल्मी पृष्ठभूमि वाले परिवार की चैथी पीढ़ी हूं और अब तो मेरा बेटा व गायक वेदांत नागपाल पॉंचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहा है. मैं बोलीवुड में अपने फिल्मी परिवार की चैथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हूं, इस बात की जानकारी मुझे लॉक डाउन के दौरान हुई, जब मैंने अपने नाना जी के परदादा हरजीवनदास पचोटिया के संबंध में लेख पढ़े. तब मुझे अहसास हुआ कि मैंने अपने कैरियर की शुरूआत में इस बात की इज्जत ही नही की.

मुझे देव आनंद जी ने फिल्म ‘गैंगस्टर’ में लॉन्च किया था. उस वक्त मुझे बौलीवुड में काम करना मजाक सा लग रहा था. मैं तो हवा में उड़ रही थी. कैरियर की शुरूआत में ही शाहरुख खान के साथ फिल्म मिल गयी थी. फिर मैंने सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार के साथ फिल्में की. मेरे आगे पीछे पत्रकार घूमते थे. तो शुरूआत में मुझे जिंदगी में सब कुछ आसानी से ही मिल रहा था. मैं मुंबई के अलावा दक्षिण भारत की फिल्में भी कर रही थी. तो मेरा एक पांव मुंबई में तो दूसरा हैदराबाद या चेन्नई में रहता था. यह सब मैने महज सत्रह व अठारह वर्ष की उम्र में ही पा लिया था.

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जबकि मैं बचपन से ही बड़ी जिद्दी रही हूं. मेरी मां ने मेरी परवरिश बड़े लाड़ प्यार से की. मेरे नानाजी भी एक मजबूत दिमाग के जिद्दी इंसान थे. उन्होंने भी बचपन में ही काम करना शुरू किया था, 1904 में जब उनके पिता जी गुजर गए, तो उन्होंने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा ली थी. जब मैं स्कूल से घर आती थी, तो मेरे नाना जी मुझसे कहते थे कि , ‘ बेटा फिल्म‘संग्राम’की पटकथा लिखनी है. वह बोलते जाते थे और मैं लिखती रहती. वह अक्सर सोचने लगते, उसबीच मैं खेलकर आ जाती और उन्हे अहसास ही नहीं होता था कि जब वह आंखें बंदकर सोच रहे थे, उस वक्त मैं वहां पर नही थी.  वास्तव में उनके दिमाग में पटकथा चलती रहती थी. वह संवाद भी लिखते थे. कई बार वह आंखे बंद किए ही पटकथा की लाइन बोलते थे और मैं लिखती थी. बचपन में मैं बहुत बदमाश थी. मेरे दिमाग में जो आता था, वही करती थी. मैं इतनी जिद्दी थी.

आपने जिद में प्रेम विवाह भी किया था?

-जी हॉ!आपने एकदम सही कहा. अपने जिद्दी स्वभाव के ही चलते मैंने महज उन्नीस वर्ष की उम्र में प्रेम विवाह भी कर लिया. यह मेरी नादानी थी, जिसकी मैने बहुत बड़ी सजा भुगती. इसीलिए मैं कभी उसका नाम तक नही लेती. 22 साल की उम्र में बेटे वेदांत और बेटी प्रियांशी की मॉं भी बन गयी. मैने अपने पंसदीदा लड़के से शादी करने के लिए जिद करके अपने मम्मी पापा से रजामंदी ली थी. उस वक्त मेरे सिर पर उसके प्यार का पागलपन सवार था. माता पिता के मना करने पर मैने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने का भी प्रयास किया था. मतलब मैने शादी करने के लिए सभी सही व गलत हथकंडे अपनाए थे. मैने अपने माता पिता को  इमोशनली मैन्यूप्युलेट किया था. आज मुझे यह स्वीकार करने में शर्म भी नहीं आती है. क्योंकि मैं चाहती हूं कि मैंने अपने बचपन में जो गलतियां की हैं, वह कोई भी लड़की कभी भी ना करें. मैंने सोशल मीडिया पर भी अपने पॉंच मिलियन फालोअवर्स से यही कहती हूं कि वह माता पिता की बात को महत्व दें.

लेकिन आपका वैवाहिक जीवन ज्यादा समय तक टिका नही?

-जी. . . हकीकत में मुझे बहुत देर में यह बात समझ में आयी कि मैं गलत लड़के के साथ रिश्ता जोड़ बैठी थी. गलत लड़के से शादी कर ली थी. उस लड़के के इंटेंशन गलत थे. उसका बर्ताव गलत था. उसकी अपनी कुछ समस्याएं थी.

कहा जाता है कि विवाह के वक्त सामने वाले का खानदान देखना चाहिए. यह देखना चाहिए कि आप अपनी बेटी किस खानदान में दे रहे हैं. यह सोच या कहा जाना पागलपन नहीं है. पहले हमारे हिंदू धर्म में, बड़े बूढ़े जो करते थे, वह सही करते थे.   छोटी-छोटी लड़कियां नहीं समझ सकती कि लड़का सही है या नहीं. उन्हें कुछ समझ तो है नहीं. खैर, अब प्रेम विवाह तो ऐसा हो गया है  जैसे कोई तमाशा हो रहा है. सच कहूं तो अब लव मैरिज लड़कियों के लिए एकदम बेकार हो गया है.

जब आप प्यार में थी, तब सही गलत क्यों नहीं समझ पायीं. आपको कब अहसास हुआ कि आपका निर्णय गलत था?

-वास्तव में एक बड़े खानदान की लड़की होते हुए भी मेरी मम्मी ने मेरे डैड से विवाह किया था. मेेरे डैडी भी गैर फिल्मी परिवार से थे. पर डैडी फिल्मों में काम करना चाहते थे. राज कपूर वगैरह के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करते थे. पर उनका  खानदान बड़ा नहीं था. जबकि मेरी मम्मी बहुत बड़े खानदान से हैं. पर मम्मी ने ऐसे लड़के से शादी की,  जो कि उनके स्तर का नहीं है. इसी वजह से मुझे भी प्यार हो गया था. बाद में मेरी मम्मी को भी घर से बाहर जाकर काम करने के साथ बच्चों की देखभाल भी करनी पड़ी. बाद में मम्मी पॉलीटिशियन बन गई. मेरी मम्मी लगातार व्यस्त रहती थी.  मैं अपने नाना नानी के पास पल-बढ़ रही थी. एक दिन मैं भी अपनी नानी के पास अपने प्रेमी को ले कर पहुंच गयी. नानी ने भी आशीर्वाद दे दिया. मैने मान लिया यह लड़का मेरे योग्य है. हमारी शादी हो गयी. पर जल्द समझ में आ गया कि यह रिश्ता  गलत ही हुआ था. मेरे साथ मेरे पति का व्यवहार गलत था. मेरे चाचा गणेश नागपाल जी, अक्षय कुमार को फिल्म इंडस्ट्री में लेकर आए और उन्हें फिल्म ‘सौगंध’दिलायी. सच कहूं तो मेरे चाचा गणेश नागपाल ने मना किया था कि लड़का सही नहीं है,  इससे शादी मत कर. इसकी पहले से 3 गर्लफ्रेंड है. पर मुझ पर उसके प्यार का भूत सवार था. मैने अपने चाचा की बातों को भी गलत मान लिया. और जिद करके शादी कर ली थी.

पर सब कुछ गलत हो गया था. शादी के बाद कठिनाइयां होने लगी. मेरे दो बच्चे भी हो गए थे. हमारे खानदान ने यह सिखाया था कि शादी के बाद कभी भी पति को नहीं छोड़ते. क्योंकि हम खानदानी लोग हैं.  लड़कियां सहन करती हैं. लड़कियों को सहन करना जरूरी है. पति के सामने झुक कर रहना चाहिए. परिवार के यह आदर्श ऊपर नीचे ऊपर नीचे होते रहे. जबकि मेरे अंदर अभिनय प्रतिभा भी कूटकूट कर भरी हुई थी. दोनों बच्चों के बाद अचानक मुझे लीड किरदार में फिल्म मिली, जिसके लिए मुझे दक्षिण भारत जाना पड़ा. उस वक्त मेरा बेटा तीन वर्ष का और बेटी एक वर्ष की थी. मेरे पति ने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. एक दिन फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर ही तलाक का पत्र भिजवा दिया. अपने खुद के मतलब के लिए किसी को बदनाम करना और चीजों को हेरफेर करने की कोशिश करना, तो गलत है.

वह सरकारी नौकरी करतेथे, वह दो नंबर का पैसा कमाकर बड़ा बना. मैं साथ रहते हुए भी नही समझ सकी कि वह भ्रष्टाचार कहां से कर रहा है? धीरे धीरे मुझे काफी कुछ गलत लगने लगा. क्योकि अभी भी उसूलों के साथ जिंदगी जीना और इज्जत से रहना मेरे खून में था. मैं गलत नहीं कर सकती. गलत बात नही बोल सकती. यह सारी बातें हमारे दिमाग में हैं.  इसलिए जब मेरा बेटा आठ वर्ष का था, तब एक दिन मैने उनसे कह दिया कि मैं यह सब कुछ सहन नहीं करूंगी. उस वक्त मेरे बेटे ने मेरा सपोर्ट किया. उसने भी अपने पिता से कहा कि मम्मी से लड़ना झगड़ना, गलत काम करना, गाली गलौज करना यह सब ठीक नही है. उस वक्त घर का माहौल सहित सब कुछ बहुत गंदा हो गया था.

खैर, मैं किसी तरह उस गंदे माहौल से बाहर निकली. 2012 से मैं अकेली हूं. मैंने सिंगल मदर की जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए अपने दोनों बच्चों की परवरिश की. मुझे फिल्म इंडस्ट्री से अच्छा सपोर्ट मिला. मुझे फिल्मों में अच्छा काम मिलता रहा और मैं हर मुसीबत का सामना कर सकी. मुझे फिल्म ‘हॉलीडे’ मिली. तो मैं अभिनेत्री, निर्माता, लेखक व निर्देशक के तौर पर व्यस्त हूं

आपने अपना प्रोडक्शन हाउस भी शुरू किया है?

-मैंने शादी के बाद ‘‘टार्जनः द वंडर कार’’सहित 24 छोटी मोटी फिल्में की थी. शादी से उबरने के बाद 2012 से मैंने फिर से काम करना शुरू किया. मैंने 2014 में एक लघु फिल्म ‘‘डेली रेप’’ बनायी. अनूप जलोटा जी ने उस फिल्म के निर्माण में अपना योगदान दिया. उन्हीं के सहयोग से मैं अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू कर सकी. अपनी इस लघु फिल्म का लेखन भी मैने किया था. इसकी कहानी मेरे अनुभवों पर ही आधारित थी. इस फिल्म को कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाया व सराहा गया. इसी फिल्म के लिए ‘‘राजस्थान फिल्म फेस्टिवल’’सर्वश्रेष्ठ वुमन इम्पावरमेंट’’ का अवार्ड मिला. फिर सैन फ्रांसिस्को में अवार्ड मिला. 2016 में मैने दूसरी  लघु फिल्म‘‘आई फॉट आई सरवाइव्ड’’का लेखन, निर्माण व निर्देशन किया था. इस फिल्म को कई अवार्ड मिले थे. इसके बाद मैने 2017 में तीसरी फिल्म ‘‘अब्यूज’’बनायी,  जिसमें मेरे निर्देशन में अनूप जलोटा जी ने अभिनय किया. इस फिल्म में मैंने नारी उत्थान और नारी के स्वाभिमान से जुड़े ‘गाली’ का मुद्दा उठाया. इसमें मैंने कहा कि किसी भी औरत को ‘रंडी’ मत कहो. औरत गलती करे, तो उसे समझाओ, दूसरे तरीके उपयोग करो,  मगर उसे गाली मत दो. उसे ‘रंडी’मत कहो. गाली हर इंसान को दुःख पहुंचाती है. क्योंकि हर इंसान को कभी न कभी, किसी न किसी मोड़ पर किसी से गाली सुनने को मिली होती है. और गाली सुनकर उसे दुःख@दर्द हुआ होगा और उसने लड़ाई भी की होगी. मैं नही मानती कि कोई कहेगा कि उसे जिंदगी में कभी गाली नहीं पड़ी. मेरा मूल मुद्दा यही है कि गाली मत दो.  तीनों की फिल्मों को नौशीन फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार मिला. सच कहूं तो हर परिस्थिति से पकड़कर बाहर निकालने में मेरा मार्गदर्शन अनूप जलोटा करते रहे हैं. अनूप जलोटा जैसे भले इंसान का मिलना बहुत मुश्किल है. मुझ पर उनका आशीर्वाद बना रहता है.

सिंगल मदर के रूप में आपका क्या संघर्ष रहा और दूसरी अकेली मांओं को क्या सलाह देना चाहेंगी?

– मैं सिर्फ एक ही बात कहना चाहूती हूं विवाह करते समय अपना गणित तेज रखिए. अपना एकाउंट, अपने काम व अपनी जिंदगी को अपने काबू में रखें. आप कब किस कागज पर कहां हस्ताक्षर कर रही हैं, इस पर खास ध्यान दें. अपनी पहचान को खत्म न होने दें. अपने आप को बनाकर रखिए. शारीरिक फिटनेस के साथ ही मानसिक फिटनेस और सोशल फिटनेस पर भी जोर दें. शादी हो गयी, मां बन गयी, तो अपना अस्तित्व खत्म न समझें. मॉं बनना भी एक एक जिम्मेदारी का काम है. धरती मां, दुर्गा मां, काली मां है. हमारी सभी मां शक्तिशाली हैं. एक एक शक्ति का रूप है. मैं चाहती हूं कि वही बात हर एक औरत के अंदर आनी चाहिए.

मैं निजी जीवन में सेल्फ डिफेंस में ब्लैक बेल्ट धारी हूं. मैं हर लड़की से यही कहती रहती हॅूं कि उसे भी सेल्फ डिफेंस में महारत हासिल करना चाहिए. अपने फिटनेस पर ध्यान दें. जिससे बलात्कार की घटनाओं में वह न फंसे. यदि लड़की या औरत अपना फिटनेस, अपना सेल्फ डिफेंस करने में सक्षम होगी, तो बलात्कार जैसी घटनाएं नही हो पाएंगी. पत्नी के रूप में उसे अपनी इज्जत को संभाल कर रखना चाहिए. इससे पति की भी इज्जत रहेगी. जब औरत सभ्यता व संस्कृति के साथ जीवन जिएगी, तो खानदान की इज्जत भी बढ़ती है. जहां तक सिंगल मदर के रूप में मेरे संघर्ष की बात है, तो मेरे बेटे व बेटी ने मुझे सपोर्ट किया. मां से सपोर्ट मिला. अनूप जलोटा जैसे मार्गदर्शक मिले.

पति से अलगाव का आपके ऊपर क्या असर पड़ा?उससे आप कैसे उबरी?

-बहुत दिनों तक तो बचपना था. अलगाव के बाद भी बहुत ज्यादाबचपना था. मैं सच कह रही हूं. पति से अलगाव के वक्त मैं बड़ी नहीं हुई थी. मेरे बच्चों ने मुझे बड़ा किया था. मेरा बेटा वेदांत इतना सुलझा व समझदार है कि मैं क्या कहॅूं. बेटा वेदांत संगीत के क्ष्ज्ञेत्र में काफी कुछ कर रहा है. सच कह रही हूं, मैने नही बल्कि मेरे दोनों बच्चों ने मुझे संभाला व समझा है. मेरा गुस्सा भी झेला है. अब तो मैं मेडीटेशन करने लगी हूं. बहुत बदल गई हूं. मैं जिस तरह से 2012 में थी, वैसी अब नौ वर्ष बाद 2021 में नहीं रही. मेरे अंदर एक बहुत बड़ा वाला बदलाव आ गया है.

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मुझे आज भी याद है. उन दिनों मैं अनूप जलोटा के एक कार्यक्रम की एंकरिंग कर रही थी. कुछ परिस्थितियां ऐसी हुई थी कि मैं रोते हुए उनके पास गई कि मुझे तो यह चाहिए. तब अनूप जी ने कहा, ‘‘खुद को उस स्तर तक ले जाओ, जहां आपको बोलना या मांगना न पड़े, बल्कि आपको सामने से खुद ब खुद मिले. ’’उनकी इस बात को उसी दिन मैंने अपने दिमाग में बांध लिया और मेरी सारी समस्याएं खत्म होती चली गयीं .

तलाक का अभिनय कैरियर पर क्या असर हुआ?

-इसका कैरियर पर कोई असर नही पड़ा. फिल्म इंडस्ट्री कभी भी इस बात से कलाकार को जज नहीं करती है कि आपकी जिंदगी में क्या हो रहा है?फिल्म इंडस्ट्री को आप चाहे कितना भी बदनाम करें, मगर फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है, जो आपको कभी जज नहीं करती कि आप क्या कर रहे हैं?अपनी जिंदगी में क्या हो रहा है?आप सिंगल मदर हो या नहीं हो? आप शादीशुदा हैं या तलाक शुदा हैं. आपके बच्चे हैं या नहीं हैं. हां!थोड़ा बहुत काम में ऊपर नीचे होता है. लेकिन यदि आपके अंदर प्रतिभा है, तो आपकी जगह आपको मिलनी तय है. लेकिन इंडस्ट्री जज नहीं करती. फिल्म इंडस्ट्री बहुत अच्छी है. मेरा कैरियर तो धीरे-धीरे  डांवाडोल होता रहा, पर फिर मैंने उसे संभाल लिया. काम मुझे सदैव मिलता ही रहा. मैं अपना घर चला ही लेती थी.  मुझे अपनी फिल्म इंडस्ट्री से कोई शिकायत नहीं है.

आपने कब सोचा कि खुद लेखन व निर्देशन से जुड़ा जाए?

-मैने मशहूर टीवी सीरियल निर्माता व निर्देशक गौतम अधिकारी जी के साथ काफी सीरियलों में अभिनय किया है. मैने उनकी अपराध वाली सीरियल‘सुराग’मे भी अभिनय किया था. गौतम जी को मुझ पर बहुत ज्यादा विश्वास था. मै उन्हे तकनीकी स्तर पर भी मदद करती थी. उसे देखकर एक दिन उन्होने ही मुझसे कहा कि मैं खुद कुछ लिखती क्यों नही हूं. उस वक्त तक मैं शायरी और कविताएं बहुत लिखती थी. उन्होन ही मेर अंदर लेखन व निर्देशन का बीज बोया था. जिसे अनूप जलोटा ने एक पौधे का रूप देने में अहम भूमिका निभायी.

अब आप शेरो शायरी व कविताओं के साथ गीत भी लिख रही होंगी?

-जी हॉ!मैंने एक रैप सॉंग लिखा ह. यह रेप संाग इंसान के घमंड को लेकर है. इसे मैं रिया के साथ करूंगी.  मैंने रिया के साथ कोलैबोरेशन रैप किया है. काफी कुछ योजनाएं बनायी हैं.

आपने अपनी कविताओं को किताब के रूप में लाने की नहीं सोची?

-जी हां! सोचा है. बिल्कुल लेकर आऊंगी. मैं इस पर काम कर रही हूं.  मैंने एक धार्मिक किताब भी लिखी है. मैं अपनी यह किताब लेकर जल्द आने वाली हूं.

कोई दूसरी लघु फिल्म?

-मैं समाज सेवा भी कर रही हॅूं. कुछ दिन पहले ही मुझे ‘श्री राजपूत करणी सेना, मुंबई’का अध्यक्ष बनाया गया है.   फिल्मों में अभिनय कर ही रही हूं. मैं लिखती भी हूं और अभी किताब पर भी काम चल रहा है. मैने एक वेब सीरीज भी लिखी है. मेरा मन है अभी मैंने एक वेब सीरीज की शूटिंग पूरी की है, जो कि ‘जी 5’पर आएगी.

आपकी बेटी प्रियांशी क्या कर रही है?

-वह ‘पर्ल अकादमी’से फैशन डिजाइनिंग की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है.

पहले आपका नाम आकृति था?

-जी हॉ! मैने आकृति नागपाल के नाम से ही अभिनय करना शुरू किया था. लेकिन अब मैने अपने माता पिता की याद में अपना नाम जन्म के समय के नाम आरती नागापल को आत्मसात कर लिया है.

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Abhinav Shukla कभी नहीं देखना चाहते Jasmin Bhasin की शक्ल, कही ये बात

बिग बॉस का 14वां सीजन खत्म हो चुका है. इस पूरी सीजन में कई रिश्ते बने और बिगड़े थे. लेकिन घर से निकलने के बाद शो के कंटेस्टेंट्स के बीच कोई नाराजगी देखने को नही मिली. हालांकि कुछ कंटेस्टेंट ऐसे हैं, जिनके बीच पूरे शो में कोई लड़ाई नही हुई. लेकिन शो के बाहर वह एक दूसरे का चेहरा भी नही देखना चाहते हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

जैस्मीन से नही मिलना चाहते अभिनव

हाल ही में कंटेस्टेंट अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) ने बिग बॉस 14 के घर में  अपनी जर्नी को लेकर कई बातें फैंस के सामने रखीं. हालांकि इसी बीच इंटरव्यू में उन्होंने अपने और जैस्मीन भसीन के बारे में भी बात करते हुए कहा कि वह जिंदगी में कभी जैस्मिन भसीन से मुलाकात या दोस्ती नहीं रख पाएंगे.

 

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कही ये बात

एक इंटरव्यू में अभिनव शुक्ला ने साफ तौर पर कहा है कि वो जैस्मिन भसीन के साथ कभी संपर्क में नहीं रहना चाहेंगे. घर में अभिनव शुक्ला और जैस्मिन भसीन के रिश्ते काफी अच्छे थे. हालांकि इस दौरान अभिनव शुक्ला की पत्नी रुबीना दिलैक और जैस्मिन भसीन के साथ अनबन के चलते दोनों के रिश्ते में भी दरार देखने को मिली थी.

राहुल वैद्य को लेकर कही ये बात

 

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अभिनव शुक्ला ने रनरअप रह चुके राहुल वैद्य को घर का सबसे इरिटेटिंग कंटेस्टेंट बताया तो वहीं जान कुमार सानू को कंफ्यूज कंटेस्टेंट का टैग भी दिया. इसी बीच राखी सावंत के साथ लड़ाई होने की बात पर कहा कि उन्हें अपना आपा खोने को लेकर पछतावा है.

 

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बतादें, अभिनव शुक्ला इन दिनों अपनी वाइफ रुबीना के बिग बौस 14 का खिताब जीतने का जश्न मना रहे हैं. वहीं खबर है कि दोनों वेकेशन के लिए भी निकल चुके हैं.

काव्या के साथ हुआ बड़ा हादसा, क्या करेंगे वनराज-अनुपमा

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ पाखी के लिए वनराज और अनुपमा अपने रिश्ते को एक और मौका देने के लिए तैयार हो रहे हैं. तो वहीं बेटे समर के कारण दोनों के बीच एक बार फिर दूरियां देखने को मिलने वाली है. इसी बीच शो में एक नया ट्विस्ट आ गया है, जिससे अनुपमा और शाह परिवार की खुशियों में ग्रहण लग जाएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज-अनुपमा होते हैं साथ

अब तक आपने देखा कि वनराज और अनुपमा पूरी कोशिश कर रहे हैं कि पाखी और अपने पूरे परिवार को खुश रख सकें, जिसके लिए वह फैमिली के साथ पिकनिक पर जाने का प्लान बनाते हैं. वहीं वनराज अपने पिकनिक के प्लान के बारे में काव्या को बताता है, जिससे वह परेशान हो जाती है. हालांकि वह वनराज को मना नही कर पाती.

 

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काव्या होगी हादसे का शिकार

 

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बीते दिनों आपने देखा कि काव्या का कोई अनजान आदमी पीछा करता नजर आ रहा है. हालांकि आने वाले एपिसोड में इसी कड़ी में काव्या के साथ हादसा होने वाला है. दरअसल, काव्या का पीछा करने वाला आदमी उसे अकेला देखकर उसके साथ गलत हरकत यानी रेप करने की कोशिश करेगा. लेकिन वनराज और अनुपमा उसे बचा लेंगे.

शाह हाउस आएगी काव्या

हादसे की शिकार काव्या को परिवार का सहारा देने के लिए वनराज और अनुपमा उसे शाह हाउस लाने का फैसला करेंगे. हालांकि बा और पाखी इस बात से काफी नाराज नजर आएंगे. लेकिन वह काव्या पर शक भी करेंगे की यह कोई उसकी नई चाल तो नहीं.

 

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बता दें, बीते दिनों काव्या ने खुलासा किया था कि वह शाह हाउस में कदम रखने का सोच रही है. साथ ही प्लान बना रही है कि पहले वह वनराज के मां बाप को घर से बाहर निकालेगी और फिर उसके बच्चों को उससे अलग करेगी. अब देखना ये है कि क्या यह सब काव्या की कोई सोची समझी साजिश है और क्या वह अपने प्लान में कामयाब होगी.

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टीनएजर्स ऐसे निखारें अपनी स्किन

उम्र बढ़ने के साथ ही स्किन में बदलाव आना स्वाभाविक है. इसी तरह किशोरावस्था एक ऐसी स्टेज होती है जब स्किन को और भी ज्यादा सुरक्षा की जरूरत होती है. क्योंकि यौवन आते ही शरीर में कुछ हार्मोनल उतार-च़ढ़ाव देखने को मिलते हैं. जिससे स्किन में मुहांसे, ब्लैकहेड्स, एलर्जी जैसी संबंधित समस्याएं होना स्वाभाविक हो जाती है. यही एज है जब त्वचा को देखभाल की जरूरत पड़ती है, क्योंकि अगर किशोरावस्था में स्किन की देखभाल नहीं की गई तो यह कोशिकाओं को नुकसान भी पहुंच सकता है.
इस तरह की स्किन को कैसे करें प्रोटेक्ट –

ड्राई स्किन के लिए –

अगर आपकी स्किन ड्राई यानि कि सूखी, सुस्त खुरदुरी और इचिंग करने वाली है, ऐसी स्किन के कुछ स्किन पोर्स अलग होते हैं और इनके सेल्स एक्सटर्नली निकलते हैं जो स्किन को ड्राई रखते हैं. सूखी त्वचा से राहत पने के लिए के लिए जरूरी है कि ग्लूकोलिक एसिड सहित लाइट क्लेंजर का यूज करें. साथ ही मिनिरल ऑयल का इस्तेमाल करें. स्किन को नियमित मॉइस्चराइज करते रहना चाहिए. त्वचा की रक्षा के लिए जरूरी है कि गरम पानी का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए, साबुन से मुंह को न के बराबर धोना चाहिए साथ ही साथ स्क्रबिंग करने से बचें.

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नॉर्मल स्किन –

ड्राई स्किन की अपेक्षा नॉर्मल स्किन सॉफ्ट होती है. सामान्य स्किन में दाग, धब्बे या किसी भी तरह के कोई भी निशान नहीं होते हैं. ऐसी स्किन से गंदगी को दूर करने के लिए फेस को हल्के क्लेंजर या साबुन से धोकर उसे मॉइस्चराइज करने से स्किन फिट रहती है.

ऑयली स्किन –

तेलीय त्वचा की पहचान पिंपल्स, ओपन पोर्स, ब्लैकहेड्स, दाने होने से होती है. आज मोस्ट ऑफ टीनेजर्स ऑयली स्किन से परेशान रहते हैं. डर्मेटोलॉजिस्ट सैलिसिलिक एसिड युक्त क्लेंजर से स्किन की क्लीनिंग, ऑयल फ्री मॉइस्चराइजर यूज करने के लिए सजेस्ट करते हैं.

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क्या करें परहेज –

• चिकनी चीजों को खाने से बचें, जो पोर्स को बंद न कर सकें.
• बालों को फेस से दूर रखें, बालों को रोजाना धोएं.
• त्वचा की देखभाल नियमित रूप से करें.
• त्वचा को धूल-मिट्टी से बचाकर रखें.

सेहतमंद त्वचा के लिए जरूरी सुझाव

1. मेकअप के लिए अच्छे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें.

2. मेकअप हटाने के लिए बेस्ट क्लेंजर का यूज करें.

3. गंदगी और कीटाणुओं से बचाने के लिए अपने हाथों को साफ धोएं.

4. दिन में दो बार स्किन हाइड्रेटिंग करना जरूरी है.

5. स्किन के मुताबिक मॉइस्चराइजर चुनें.

6. एक्सफोलिएटिंग और स्क्रबिंग करने से बचें.

7. धूप में निकलते समय सन्सस्क्रीम लगाना जरूरी है.

8. हमेशा ऑयल फ्री सनस्क्रीम का यूज करें

अच्छी स्किन के लिए जरूरी है कि जितना ज्यादा हो सके उतना पानी पीना चाहिए. इससे त्वचा हाईड्रेट होती रहती है साथ ही ज्यादा पानी पीने से टॉयलेट के माध्यम से कई कीटाणु शरीर से बाहर निकल जाते हैं और त्वचा को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है. इसके साथ ही अगर आप मेकअप का यूज करते हैं तो अपना मेकअप का सामान किसी के साथ न बांटे क्योंकि मेकअप के साथ ही आप कीटाणुओं को भी एक-दूसरे से एक्सचेंज करते हो. जिससे स्किन में मुहांसे, ब्लैकहेड्स, एलर्जी जैसी संबंधित समस्याएं होना स्वाभाविक हो जाती है. अच्छी स्किन को पाने के लिए जरूरी है कि अच्छा व्यायाम करना, तेल का यूज कम करना या न करना, कपड़े साफ-सुथरे यूज करना चाहिए.

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• फ्रेश स्किन धूल, अत्यधिक पसीना, डाई स्किन और अनियंत्रित छिद्रों को हटाता है. तरोताजा फील करने के लिए जरूरी है त्वचा को फ्रेश रखें.

• बढ़ती उम्र में लगाम लगाना आवश्यक है, इसके लिए आपको प्रदूषण, तनाव, जीवनशैली, संतुलित आहार की कमी को दूर करना होगा, जिससे त्वचा बाहर और अंदर से डैमेज न हो सके.

• आत्मविश्वास को कभी कम न होने दें, क्योंकि आत्मविश्वास ही आपके चेहरे की रौनक को बताता है. इसके लिए आप हर सुबह जल्दी उठकर थोड़ा चला करें. रोज सुबह मॉर्निंग वॉक पर चलने से ताजी हवा शरीर में लगती है और बॉडी में ताजगी आती है. मन और तन दोनों ही इससे स्वस्थ्य होता है.

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• जैसाकि पहले ही बताया जा चुका है कि हाईड्रेट करना बहुत जरूरी है. साथ ही अच्छे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना भी उतना ही जरूरी है. क्लींजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग करने से त्वचा हर समय हाइड्रेटेड रहती है. टीनेजर्स को अपनी उम्र में बेहद समझदारी से काम लेना चाहिए क्योंकि यही ऐज होती है जब उन्हें किसी भी प्रोडक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है.

इन 5 चीजों को खाकर करें मूड फ्रेश

किसी बात को लेकर अगर आपका मूड खराब हो जाता है और जितना आप अपने मूड को सही करना चाहते हैं उतना ही और डिस्टर्ब हो जाता है. तो आप टेंशन बिल्कुल भी न लें क्योंकि आपकी इस समस्या का हमारे पास बेहतरीन समाधान है. मूड को अच्छा करने के लिए और बिना ज्यादा समय लगाए कुछ ऐसे फूड हैं जिनका यूज करके आप फिट एंड कूल रह सकते हैं. बशर्ते आपको इनके इस्तेमाल करने का सही से सलीका आना चाहिए. तो चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं जो मूड तो फ्रेश करती ही हैं साथ ही सेहत भी बनाती हैं.

1. डार्क चॉकलेट खाया क्या –

मूड कैसा भी हो अगर आप डार्क चॉकलेट को खाते हैं तो आपका अपसेट मूड कब अच्छा हो जाए, आप भी नहीं समझ पाएंगे. वैसे भी डार्क चॉकलेट को सुपर फूड माना जाता है. इसमें एक तरह की खास क्वालिटी होती है जो शरीर में तनाव जनरेट करने वाले हार्मोन को कम करता है, साथ ही अच्छे मूड वाले हार्मोन को बढ़ाता है. डार्क चॉकलेट का स्वाद भी खाने में बहुत अधिक स्वादिष्ट होता है. जब भी आपका मूड खराब हो तो आप डार्क चॉकलेट खाना न भूंले, यह सेहत के साथ ही स्वाद से भी भरपूर है. चॉकलेट को खाने से सुंदरता भी बढ़ती है.

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2. हेल्थफुल कार्ब –

खाने के शौकीन लोगों के लिए कई सारे व्यजंन है जिन्हें बनाकर वह अपना मूड सही कर सकते हैं. मूड खराब है तो कार्बोहाइड्रेट का सेवन संतुलित मात्रा में करने से आप अच्छा फील करेंगे. कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से काफी हदतक तनाव कम होता है और आपका मूड भी बेहतर रहता है. कार्बोहाइड्रेट वैसे में भी हर स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होता है. लेकिन इसका सेवन अवसाद से भी बचाता है. तो चलिए बिना देर किए बनाएं स्वादिष्ट पकवान और अपने मूड को करें अच्छा.

3. फल और सब्जियां –

एक स्वस्थ शरीर के लिए कुछ पोषक तत्व होते हैं जो बेहद आवश्यक होते हैं. इन पोषक तत्वों में अनाज, फल और साग सब्जियां आती हैं. इनसे मिले हुए फूड को खाने से मूड तो बेहतर बनता ही साथ ही में बॉडी में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स को भी कम करता है. जो भी व्यक्ति इन चीजों का नियमित सेवन करता है तो उसे तनाव घर कभी नहीं करता है. साथ ही ऐसे आहार के सेवन से मस्तिष्क भी फिट रहता है. भोजन में हर दिन पौष्टिक आहार के साथ ही फल और सलाद का सेवन भी काफी फायदेमंद रहता है.

4. कैफीन की है लाभकारी –

अगर आपको ऑफिस से संबंधित या किसी और कार्य से जुड़ी कोई समस्या या परेशानी सता रही है और उसे जितना इग्नोर कर रहे हैं वह उतनी आपको जकड़ने में लगी है तो इसका इलाज है चाय या कैफीन. दरअसल, चाय या कॉफी के साथ कैफीन को लेने से अवसाद कभी नहीं सताता है. यही नहीं कैफीन के लेने से शरीर में ऊर्जावान रहता है. लेकिन किसी भी चीज को लिमिट से ज्यादा लेने से उसके नुकसान भी बहुत होते हैं, इसलिए कैफीन को लिमिट तक लें, क्योंकि कैफीन की लत जल्दी लग जाती है जिसे छुड़ा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.

5. मीठा भी है मूडी –

किसी भी कार्य की शुरूआत मीठे से करने की परंपरा हमारे देश में प्राचीनकाल से है. लेकिन बिगड़े मूड को बेहतर करने के लिए भी मीठे का यूज किया जाता है. जैम, केक और दूसरे बेकरी प्रोडक्ट को अपने खाने के लिए कर सकते हैं, जिससे आपका मूड पहले से अच्छा हो सके.

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6. पौष्टिक आहार लें –

मूड को अच्छा बनाने के लिए और जल्द फूड तैयार करने के लिए खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए-मछली, हैम, पनीर और मीट लोफ इंज्वॉय कर अपना मूड अच्छा कर सकते हैं. चैरी और बैरी के बारे में आपने सुना ही होगा. इसके बारे में बोला जाता है कि यह मूड को रोमांटिक बनाने में महारथ हाशिल किए है. ऐसे खाद्य पदार्थ को एफ्रोडिसिएक नाम से जानते हैं औओर आप भी इनका सेवनकर अपने आपको खुश रखें.

तो यह थी कुछ ऐसी चीजें जो न सिर्फ आपके मूड को अच्छा बनाती हैं बल्कि आप इन्हें जल्द तैयार भी कर सकते हैं बिना ज्यादा समय लिए.

वैक्सिंग के बाद मेरी स्किन पर लाल धब्बे उभर आते हैं, मैं क्या करु?

सवाल-

वैक्सिंग के बाद मेरी स्किन पर लाल धब्बे उभर आते हैं. मैं अनचाहे बालों को हटाने के लिए क्या उपाय अपना सकती हूं?

जवाब-

आप वैक्सिंग से पहले ऐंटीएलर्जिक टैबलेट ले सकती हैं. वैसे इस समस्या से परमानैंट छुटकारा पाने के लिए पल्स लाइट ट्रीटमैंट की सिटिंग्स ले सकती हैं. यह एक इटैलियन टैक्नालोजी है, जो अनचाहे बालों को रिमूव करने का सब से तेज, सुरक्षित व दर्दरहित हल है. लेजर अंडरआर्म्स के बालों पर ज्यादा इफैक्टिव होती है. इसी कारण इस की कुछ ही सिटिंग्स में बाल न के बराबर हो जाते हैं. इस से 80% तक अनचाहे बाल दूर हो जाते हैं और शेष बाल इतने पतले और हलके रंग के हो जाते हैं कि वे नजर ही नहीं आते.

सवाल- 

मेरी गरदन पर मस्से हो गए हैं. बताएं, उन्हें कैसे दूर करूं?

जवाब-

आप किसी ऐक्सपर्ट डर्मालौजिस्ट की मदद से कोटराइज सर्जरी करवा कर इन मस्सों को हटवा सकती हैं.

सवाल- 

मेरी आंखों के चारों ओर काले घेरे पड़ गए हैं. उन्हें हटाने के घरेलू और क्लीनिकल उपाय सुझाएं?

जवाब

घरेलू उपाय के तौर पर  1/2 चम्मच बादाम का तेल और 5 ड्रौप्स औरेंज औयल को मिक्स कर लें और आंखों के चारों ओर हलकेहलके से गोलाई में मालिश करें. ऐसा करने से काले घेरे भी लाइट हो जाते हैं. इस के अलावा क्लीनिकल ट्रीटमैंट के तौर पर बायोप्ट्र्रान ट्रीटमैंट ले सकती हैं.

यह एक तरह की यलो लेजर हैं, जो दोनों आंखों पर 8-10 मिनट के लिए दी जाती है. इस लेजर के प्रभाव से त्वचा रिजनरेट होती है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है जिस की वजह से आंखों के आसपास की पफनैस कम होती है, साथ ही पिग्मैंटेशन के कम होने से डार्क सर्कल भी लाइट नजर आने लगते हैं.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

इन 17 टिप्स के साथ बनाएं लाइफ को खुशहाल

सफलता और खुशहाल जीवन बिताना सभी चाहते है, पर किसी के लिए भी संभव नहीं है कि वह पूरा जीवन बिना उतार-चढ़ाव के बिता दें, क्योंकि जीवन है, तो नकारात्मकता आएगी ही. ये जरुरी नहीं कि जीवन के हर पल में आपको सफलता मिले और आपको सारी खुशियाँ हमेशा मिले. जीवन की ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में सामंजस्य बनाए रखना बेहद जरुरी होता है, ये संतुलन दिमाग और शरीर के ज़रिये ही होती है, लेकिन कैसे? नया साल 2020 आ गया है. हम आपको बताते है खुशहाल जीवन बिताने के 20 सूत्र जिसे अपनाकर आप भी अपने जीवन को खुशहाल बना सकते है,

1. जिंदगी हमें जीने की कई मौके देती है, जिसे जीवन में सही तरीके से उतारकर व्यक्ति आगे बढ़ सकता है, अगर किसी कारणवश वह हाथ से निकल जाय, तो निराश होने की जरुरत नहीं, क्योंकि इससे आगे आने वाले मौके को आप खो सकते है, हमेशा अपना ध्यान वर्तमान की ओर रखें,

2. अपने लिए जिए किसी और के लिए नहीं, अपने से प्यार करें, आपको अपनी ख़ुशी खुद ही निर्धारित करनी पड़ती है, खुद से प्यार करने वाला ही दूसरे को प्यार कर सकता है.

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3. अपने आसपास के परिवार और मित्र को समझने की कोशिश करें, उनके साथ क्वालिटी समय बिताएं, किसी त्यौहार या अवसर पर साथ रहने की कोशिश करें.

4. किसी के साथ हुई गलत फहमी को मिलबैठकर सुलझाएं, क्योंकि आवेग या आवेश में कही गयी कोई बात कभी किसी को भी दुखी कर सकती है,

5. जिंदगी में हमेशा कुछ नया किसी से भी सीखने की कोशिश करें, सीखना बंद करने पर आप बहुतों से पीछे छूट सकते है,

6. अपने ज्ञान को लेकर अहंकार न करें, जिसे जब भी कुछ जानने की इच्छा हो उसे सहायता करें और उसे एवज में कुछ पाने की कभी कोशिश न करें,

7. अगर कोई व्यक्ति आपको नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है, तो उससे किनारा कर लेना ही उचित होता है,जितना संभव हो सकें उसकी गलतियों को माफ़ करें,

8. अगर कुछ समझाना ही है तो सही बातचीत के ज़रिये समझाने की कोशिश करें.

9. जिंदगी आसान नहीं होती, नकारात्मकता आपके आसपास हमेशा होने पर भी उसमें से सकारात्मकता को खोजकर निकालें,

10. जीवन में लोगों को महत्व देना सीखें, मजबूत रिश्ते ही आपकी मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाते है,जिसमें माता-पिता, सगे सम्बन्धी और दोस्तों का शामिल होना बहुत जरुरी है, लेकिन सही दोस्तों का चुनाव करना बहुत जरुरी है, अगर सही दोस्त है तो वे आपकी जिंदगी को खुशियों से भर देंगे, पर बेईमान और धोखेबाज़ दोस्त आपके जीवन को ख़राब कर सकते है,

11. अपने अतीत से निकलकर वर्तमान में जीने की कोशिश करें, आलोचनाओं का सामना करने की क्षमता रखें, गलतियों को स्वीकार करने की भी साहस रखें और उससे सीख लें, किसी को उसका जिम्मेदार न बनाएं.

12. ज्यादा सुनने की क्षमता बढायें, इससे आप किसी भी समस्या का समाधान जल्दी कर पाते है, धन आपको ख़ुशी देती है, पर उससे अपनी खुशियों का आकलन न करें, मेहनत और कमिटमेंट के साथ किया गया हर काम धन लाती है, जरुरत मंदों की सहायता करने का हमेशा प्रयास करें.

13. अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान नए साल में अवश्य रखें, अगर कोई बीमारी आपके आसपास है तो उसके लिए नियमित शारीरिक चर्चा और दवा का सेवन करें, क्योंकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिक अवस्था का निवास रहता है,

14. जिंदगी के रफ़्तार के साथ-साथ अपने शरीर को आराम देने की भी जरुरत होती है, इसलिए व्यस्त दिनचर्या से थोडा समय निकालकर अपने लिए रखें और उसमें जो भी अच्छा लगे उसे करने की कोशिश करें.

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15. बहुत सारे लोग काम में व्यस्त रहते हुए अपने शौक को भूलाकर जीवन जीते है, उन्हें अपने शौक पूरे करने के समय अवश्य निकालने चाहिए, ताकि आपको ख़ुशी मिले और जीवन में नीरसता न हो,

16. जिंदगी बहुत जटिल होने की वजह से नकारात्मकता आपके आस-पास हमेशा मौजूद रहती है, ऐसे में सही राह चुनना कई बार मुश्किल हो जाता है, लोग आपको सकारात्मकता सोचने की सलाह तो दे देते है पर उसमें से निकल पाना मुश्किल होता है, ऐसे में किसी एक्सपर्ट की राय लेना कभी भी ख़राब नहीं होता.

17. अधिक से अधिक मुस्कराने की कोशिश करें, इससे आपकी जिंदगी काफी हद तक आसान हो जाती है, कुछ लोग सुबह उठकर 5 मिनट तक मुस्कराते ही रहते है, ऐसा करने पर उनका सारा दिन अच्छा निकलता है.

नेट ब्लाउज डिजाइन: खुद को दें स्टाइलिश और ट्रैंडी लुक

अगर आप किसी खास समारोह में शामिल होने वाली हैं और उस समारोह में साड़ी पहनने का प्लान बना रही हैं, तो यह बेहद ही अच्छी बात है. साड़ी में हर लड़की बेहद खूबसूरत दिखती है. पर खूबसूरत साड़ी के साथ जरूरत है कि आपका ब्लाउज भी दूसरे से हटकर और खास हो. अगर आप बहुत ही आकर्षक और अलग दिखने वाले ब्लाउज की खोज में हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. हम आपके लिए आजकल फैशन में चल रहे नेट के ब्लाउज के कुछ कलेक्शन और डिजाइन लेकर आएं हैं, जो आपकी साड़ी ही नहीं बल्कि आपकी खूबसूरती में भी चारचांद लगा देगा.

आस्तीन और पीठ पर नेट वाले लेटेस्ट ब्लाउज डिजाइन

ब्लाउज में नेट का प्रयोग कर उसे बहुत ही आकर्षक और ट्रैंडी लुक (trendy look) दिया जा सकता है. यहां दिये गए नेट ब्लाउज के कलेक्शन (net blouse collection) के द्वारा आप किसी खास समारोह में शामिल होकर सबका ध्यान अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर सकती हैं. इन नेट ब्लाउज की खासियत यह है की यह बहुत पतले होते हैं तो गर्म मौसम में गर्मी का एहसास भी कम होता है. पीठ और आस्तीन पर नेट (net) से बनी डिजाइन वाले ब्लाउज की लिस्ट इस प्रकार है.

फुल स्लीव ब्लाउज

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आप ब्लू नेट या किसी डार्क कलर के नेट का इस्तेमाल का इस तरह का ब्लाउज बनाने के लिए कर सकती हैं. नेट से तैयार किया गया फुल स्लीव आपके ब्लाउज की सुंदरता में चार चांद लगाएगा. आप ब्लाउज में सामने की तरफ डार्क और गोल्डन कलर का प्रयोग कर सकती हैं, इसे आप किसी भी डार्क कलर से मैच करती हुई साड़ी के साथ भी पहन सकती हैं. अगर आपके ब्लाउज के पीठ की कटिंग ज्यादा गहरी हो तो उसे संभालने के लिए डोरी के साथ लटकन भी लगाई जा सकती है. किसी भी खास मौके पर आप यह फुल आस्तीन का ब्लाउज (full sleeve blouse design) पहन सकती हैं.

फुल नेक ब्लाउज

 

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यह नेट के साथ पैच वर्क वाला ब्लाउज है. नेट के साथ आप चमकीले कपड़े का इस्तेमाल कर सकती हैं आप चाहें तो ब्लू और गोल्डन कलर का एक साथ इस्तेमाल कर सकती हैं. इस तरह के ब्लाउज देखने में काफी सुंदर लगते हैं. इसमें भी नेट को फुल आस्तीन में इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे ब्लू, पिंक यह इससे मिलते जुलते शेड के साथ पहना जा सकता है.

यलो नेट ब्लाउज डिजाइन

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यलो कलर के नेट के साथ आप उसके कौन्ट्रास्ट का दूसरा कपड़ा भी प्रयोग कर सकती हैं. आस्तीन के नेट पर ब्रासो जैसी डिजाइन और पीठ के ऊपर का हिस्सा प्लेन नेट से बनवा कर आप अपने ब्लाउज को एक नया लुक दे सकती हैं. इसे आप रेड, मरून या ग्रीन के साथ भी पहन सकती हैं. यलो साड़ी के अलावा यह ब्राइट रेड साड़ी के साथ भी बहुत सुंदर लुक देगा.

व्हाइट नेट बैक ब्लाउज डिजाइन

 

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इस तरह के ब्लाउज आप अपने किसी खास मौके के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं. यह बहुत ही रौयल लुक देता है. इसे व्हाइट या औफ व्हाइट कलर के साथ आसानी से पहना जा सकता है. आप इन कलर के ब्लाउज में नेट की अलग अलग डिजाइन और ब्रासो का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

लेटेस्ट नेट ब्लाउज डिजाइन

यह वास्तविकता में एक खास और सेलेब्रिटी लुक देने वाला ब्लाउज है. इस डिजाइनर ब्लाउज के गले के किनारों पर आप गोल्डन बटनों का इस्तेमाल करवा सकती हैं. इसके साथ ही आप बार्डर पर जरी डिजाइन भी बनवा सकती हैं, यह देखने में काफी रौयल लगते हैं. इस तरह के ब्लाउज में बोट नेक ही बनवाएं.

ब्रासो नेट ब्लाउज डिजाइन

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नेट पर ब्रासो की सुंदर डिजाइन आपके ब्लाउज में जान डाल देगी. इसे आप ब्लैक नेट पर बनवाएं. ट्रांसपेरेंट ब्लैक नेट ब्लाउज देखने में क्लासी लगता है. आप ब्रासो का कम पूरी आस्तीन में करवा सकती हैं. यह आपको बेहद खूबसूरत और परफेक्ट लुक देगा.

चंदेरी ब्लाउज डिजाइन, बेस्ट नेट ब्लाउज डिजाइन

यह एक सिंपल पर आकर्षक ब्लाउज डिजाइन है जिसे चंदेरी के कपड़े पर डिजाइन करवाया जाता है. पीठ पर और आस्तीन में नेट का प्रयोग अच्छा रहेगा. पीठ की प्लेन डिजाइन को आकर्षक बनाने के लिए आप एक खूबसूरत डिजाइन वाले पैच का इस्तेमाल कर सकती हैं.

एम्ब्रोयडरी के साथ ब्लैक नेट ब्लाउज

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यह ब्लाउज का एक अनूठा डिजाइन है जो कम ही देखने को मिलता है. इसका अधिकांश हिस्सा ब्लैक नेट के कपड़े से बनवाएं तो बेहतर होगा. इस ब्लाउज में कौलर का प्रयोग एक अलग लुक देने के लिए किया जा सकता है. कौलर में एम्ब्रोयडरी (embrodiry) हो तो यह पार्टी वेयर की तरह पहनने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.

हाई कौलर के साथ पीठ पर खुली हुई नेट ब्लाउज डिजाइन

आजकल नेट के ब्लाउज में पूरी बांहों के साथ हाई कौलर के ब्लाउज भी बहुत प्रचलन में हैं. यह बहुत ही खास तरह की डिजाइन है जिसमें पेट पर नेट की कटिंग से आंख की लेंस के आकार को खड़े रूप में बनाया जाता है. यह एक बहुत ही नए तरह का प्रयोग है जो काफी प्रचलन में है.

 

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ब्लैक धागों के साथ ब्लैक नेट की ब्लाउज डिजाइन

किसी भी पार्टी में बहुत ही आकर्षक दिखने के लिए यह ब्लाउज काफी है. चमकदार कपड़े से बने इस ब्लाउज में काले धागों के साथ नेट का प्रयोग बेहतर रहेगा. रेड शिफौन साड़ी के साथ इसे किसी पार्टी में पहन कर आप आकर्षण का केंद्र बन जाएंगी. यह एक खूबसूरत कौम्बिनेशन है. ब्लैक के साथ नेट और धागों का इस्तेमाल कर इसे सुंदर बनाया जा सकता है.

औरतों को क्या मिलेगा

कई सरकारें अपने कर्मचारियों को महीने के एक दिन का वेतन  राममंदिर के लिए देने के लिए कह रही हैं. कह रही हैं, कहना गलत है, उन का वेतन काट लिया जाता है और ऐसे अकाउंट में डाल दिया जाता है, जिस का कुआं इतना गहरा है कि सिवाए पंडों के किसी को मालूम नहीं है. यह गाज असल में उन औरतों के सिर पर पड़ती है, जो सीताराम करती नहीं थकतीं. यह पैसा असल में घर खर्च से कटता है, जबकि सरकार द्वारा वेतन में दे दिया जाता है.

राममंदिर हो या आप की गली के 10-12 मंदिर, इन सब के बारे में सोचा यही जाता है कि इन में जा कर पैसा मिलेगा, घर भरेगा, बीमारी नहीं होगी, दुख नहीं होगा, समय से पहले मृत्यु नहीं होगी, झगड़ेफसाद नहीं होंगे पर असल बात यह है कि राममंदिर की तरह हर मंदिर औरतों पर भारी पड़ता है, मर्दों पर नहीं. मर्द तो दूर से नमस्कार चलतेफिरते कर के निबटा जाते हैं पर औरतों को नहाधो कर नंगे पैर मंदिर में जाना पड़ता है, धुएं भरे गर्भगृह में पूजा करनी होती है. घुटनों के बल लेटना होता है, गांठ का, कीमती पैसा चढ़ाना होता है, यह सोच कर कि कल्याण होगा.

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राममंदिर से ऐसी ही आशा थी पर अब तो सारे देश में भाजपा के सांसद, विधायक, पार्षद, जिला परिषद सदस्य टोले बना कर घरघर पैसे जमा करने के लिए निकल पड़े हैं और जो वेतन सरकार ने काट लिया उस के अलावा भी देना पड़ रहा है. मंदिर अयोध्या में बनेगा, उस के रखवाले फिलहाल आज के मोदीशाह होंगे, वहां मौजूद पंडे चढ़ावा लेंगे, बीसियों हुंडियों में पैसा जाएगा पर सताई औरतों को क्या मिलेगा, जिन्हें न तो मुसलमानों से लेनादेना है न भगवाई राजनीति से.

औरतों को फर्क नहीं पड़ता कि राज मोदी का है, योगी का, चौहान का या ममता का. उन्हें तो अपनी सुरक्षा और अपनी जेब में 4 पैसे चाहिए पर राममंदिर ऐसा कोई वादा करने वाला है, दिखता नहीं है. कम से कम राममंदिर एक टैक्स तो न बने जो मर्दों के माध्यम से औरतों की जेबों से जाए.

असल में तो सरकार को घरघर जा कर धार्मिक टैक्स ऐंठने की साजिश पर बैन लगाना चाहिए क्योंकि यह वह देश है जहां क्व16 की धोतियों के लिए भगदड़ में 21 औरतें 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की चुनाव तैयारियों में मुफ्त मिलती साडि़यों के लिए मर गई थीं. वहां एक दिन के वेतन की कीमत भगवा कपड़े पहनने वाले क्या जानें बाबू.

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Serial Story: अब पता चलेगा- भाग 2

रात को अकेले में राधा भुनभुनाती ही रहीं. विकास ने टोका,”कभी तो किसी बात पर खुश रहना सीखो, राधा. इतना अच्छा लड़का पसंद किया है संदली ने. बेटी बहुत समझदार है हमारी, सब देखसुन कर ही मिलवाने लाई होगी.”

”यह शादी कर के बहुत पछ्ताएगी.देखना, इस की किसी से नहीं निभ सकती, कुछ नहीं आता है, बस सैरसपाटा, आराम करना आता है.अब पता चलेगा, यह शादी के बाद बैठ कर रोएगी.”

विकास को गुस्सा आ गया,”कैसी मां हो, बेटी के लिए बुरा सोचती हो, शेम औन यू,राधा.”

संदली को मां का मन अच्छी तरह पता था. वह अंदर से दुखी भी थी पर आर्यन से बहुत प्यार करने लगी थी, अब विवाह करना चाहती थी पर मां इस विषय पर उस के लिए अच्छा नहीं सोचेंगी, पता था उसे.

अगले दिन आर्यन और संदली चले गए. फिर एक दिन प्रिया का फोन आया, वह संदली के लिए खुश थी.

कहने लगी,”आर्यन बहुत अच्छे परिवार से है, संदली ने नेट पर देख लिया है, उन के बिजनैस के बारे में वह सब जानती है, सब देख कर ही उस ने आर्यन से शादी का मन बनाया है. ऐसा लड़का तो हम भी उस के लिए नहीं ढूंढ़ सकते थे.”

राधा बिफरी,”मुझे पता था तुम उस की ही साइड लोगी.”

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”ओह मां, यह जो आप को हर बात पता होती है न, बड़े परेशान हैं हम इस से, कभी तो कोई बात आराम से सुन लिया करो.”

थोड़ी देर बाद फोन रख दिया गया. संदली ने वहां से आर्यन के पेरैंट्स अनिल और मधु से भी विकास और राधा की बात करवा दी. विकास को दोनों का स्वभाव बहुत अच्छा लगा, दोनों संदली से मिल कर खुश थे. अब जल्दी से जल्दी उसे अपनी बहू बनाना चाहते थे.

विकास ने भी इस विवाह के लिए सहमति दे दी तो उन्होंने कहा,”आप भी आ कर हमारा घर देख लीजिए, तसल्ली कर लीजिए कि संदली हमेशा खुश रहेगी. यह बात विकास को बहुत अच्छी लगी.

उन्होंने कहा,”हम भी जल्दी ही आते हैं.”

दोनों परिवार अब आगे का प्रोग्राम बनाने लगे. संदली 2 दिन में वापस आ गई.

बैग खोलते हुए ढेरों गिफ्ट्स दिखाते हुए बोली,”पापा, मम्मी, देखो उन लोगों ने तो गिफ्ट्स की बौछार कर दी. इतने प्यार से मिले कि क्या बताऊं. पापा, मैं बहुत खुश हुई वहां जा कर.”

राधा ने सब सामान देखा, कहा कुछ नहीं, उठ कर अपने काम में लग गईं. 10 दिन बाद संदली चली गई. कोर्स पूरा हो चुका था. संदली को वहीं नई नौकरी जौइन करनी थी.

आर्यन अब पानीपत में फैमिली का बिजनैस ही संभालने वाला था. अनिल और मधु मुंबई आए. होटल में ठहरे और विकास और राधा से मिलने घर आए. गजब के खुशमिजाज, सुंदर दंपत्ति को देख कर राधा हैरान थीं. वे दोनों विकास और राधा के लिए बहुत सारे गिफ्ट्स भी लाए.

राधा के हाथ का बना खाना खा कर उन की कुकिंग की खूब तारीफ की तो राधा ने कहा,”पर संदली को कुछ भी बनाना नहीं आता. पहले इसलिए बता रही हूं कि आप लोग हमें बाद में यह न कहें कि आप लोगों को बताया नहीं.”

मधु ने खुल कर हंसते हुए कहा,”बेटी बहुत प्यारी है आप की. उस ने मुझे खुद ही बता दिया कि उसे कोई काम नहीं आता और उसे हमारे यहां कुकिंग की जरूरत पड़ेगी भी नहीं. हमारे यहां 2 कुक हैं, किचन में तो मैं ही जल्दी नहीं घुसती, आजकल की लड़कियां कैरियर बनाने में मेहनत करती हैं, जब जरूरत होती है सब कर लेती हैं और वहां अकेली रह ही रही है न, बहुत कुछ अपनेआप करती भी होगी.”

राधा चुप रहीं. अनिल और मधु ने अच्छा समय साथ बिताया. जाते हुए उन्हें भी गिफ्ट्स दे कर विदा किया गया.

अब अगले हफ्ते विकास और राधा को दिल्ली जाना था. तय हुआ कि अब सगाई भी कर देते हैं और संदली को भी बुला लेते हैं.

यह सुनते ही राधा को गुस्सा आ गया, विकास से कहा,”अब फिर उस के आने का खर्चा उठाना है?अभी तो गई है.”

संदली ने यह बात सुन कर कहा,”मम्मी, आप टिकट की चिंता न करो, सरप्राइज में आर्यन ने मुझे टिकट भेज दिए हैं.”

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राधा ने कहा,”मुझे पता है कोई गड़बड़ जरूर है जो वे शादी के लिए इतनी जल्दी मचा रहे हैं. इतना अच्छा परिवार संदली को बहू बनाने के लिए क्यों मरा जा रहा है? कोई बात तो है.अब पता चलेगा.’’

विकास ने कहा,”गड़बड़ तुम्हारे दिमाग में है, बस.”

संदली सीधे दिल्ली पहुंची. विकास और राधा भी पहुंच गए.

प्रिया ने कहा था कि वह सीधे शादी में ही आएगी. पानीपत में आर्यन का विशाल घर, नौकरचाकर देख कर राधा दंग रह गईं. उस पर सब का स्वभाव इतना सहज, कोई घमंड नहीं. पर आदत से मजबूर, कमी ढूंढ़ती ही रहीं, जो मिली नहीं.

राधा यह देख कर हैरान हुईं कि मधु और संदली ने फोन पर ही एकदूसरे के टच में रह कर सगाई के कपड़ों की जबरदस्त तैयारी कर रखी है. अभय संदली से खूब हंसीमजाक कर रहा था, विकास और मधु के लिए बेहद आरामदायक गेस्टरूम था, अनिल और मधु के करीब 100 लोगों के परिचितों के मौजूदगी में सगाई का फंक्शन हुआ.

विकास ने खर्चे बांटने की बात कही तो अनिल ने हाथ जोड़ दिए,”हमें कुछ नहीं चाहिए. संदली इस घर में आ रही है तो हमें खुशी से यह सब करने दें. हमें कुछ भी नहीं चाहिए.”

राधा ने अकेले में विकास से कहा,”इतना अच्छा बन कर दिखा रहे हैं, मुझे पता है ऐसे लोग बाद में रंग दिखाते हैं. अब पता चलेगा.‘’

संदली भी उन के पास ही बैठी थी.गुस्सा आ गया उसे, कहा,”मम्मी, हद होती है, इतने अच्छे लोग हैं फिर भी आप ऐसे कह रही हैं, सब कुछ उन्होंने आज मेरी पसंद का किया है, मेरी ड्रैस, ज्वैलरी सब आर्यन की मम्मी ने ली, मुझे कुछ भी लेने से मना कर दिया था, अब शादी की भी पूरी शौपिंग मुझे करवाने के लिए तैयार हैं, पर आप की बातें…उफ…”

”मुझे पता है तुम्हारी जैसी लड़कियां बाद में खूब रोती हैं.”

संदली को रोना आ गया. उस के आंसू बह निकले तो विकास ने उसे गले से लगा लिया,”संदली बेटा, मत दुखी हो, तुम्हारी मम्मी को कुछ ज्यादा ही पता रहता है.‘’

विकास और संदली दोनों राधा से नाराज थे पर राधा पर न कभी पहले कोई असर हुआ था, न अब हो रहा था.

आगे पढ़ें- विकास ने हाथ जोड़ दिए,”आप जैसा चाहते हैं…

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