Winter special: बच्चों के लिए बनाएं टेस्टी मसाला मिल्क

सर्दियों में अगर कुछ टेस्टी और हेल्दी बनाना चाहते हैं तो आपके लिए ये रेसिपी काम की है. मसाला मिल्क आसानी से बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप ब्रेक फास्ट या डिनर में कभी भी बनाकर अपने बच्चों को दे सकते हैं. आइए आपको बताते हैं मसाला मिल्क की टेस्ट रेसिपी…

हमें चाहिए

–  1 कप बादाम

–  1 कप पिस्ता

–  1 कप काजू

–  1 छोटा चम्मच जायफल पाउडर

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–  1 साबूत जावित्री

–  थोड़े से केसर के धागे

–  थोड़ी सी कालीमिर्च

–  थोड़ी सी हलदी

–  8-10 हरी इलायची

– 1 1/2 छोटे चम्मच अदरक पाउडर

– 1 1/2 बड़े चम्मच गुलाब की सूखी पत्तियां.

बनाने का तरीका

पैन में नट्स को रोस्ट कर के एक तरफ रखें. फिर एक जार में नट्स, मसाले, गुलाब की पत्तियों व केसर को मिला कर मिश्रण तैयार करें.

अब एक गिलास दूध में 2 छोटे चम्मच तैयार मसालों के साथ 1 छोटा चम्मच चीनी डाल कर उबालें. गरमगरम मसाला मिल्क तैयार है.

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हर्निया: जब दर्द बन जाए नासूर  

बदलती दिनचर्या, वातावरण, खानपान वगैरह के कारण हर्निया की बीमारी तेजी से फैल रही है. जब शरीर के किसी भाग में उभार आए, असहनीय दर्द हो और यह दर्द रुकरुक कर अचानक हो तो ये हर्निया के आम लक्षण हैं. सही समय पर इलाज न करवाने पर इस की गंभीरता बढ़ जाती है. इसलिए अगर आप को भी खुद में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं ताकि स्थिति गंभीर न हो.आइए, इस संबंध में विस्तार से जानते हैं ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के डाइरैक्टर सर्जन डा. वेद प्रकाश से:

क्या है हर्निया

हर्निया आमतौर पर तब होता है जब पेरिटोनियम जो मांसपेशियों से बनी दीवार होती है, उस में कमजोरी आ जाती है, जिस से पेट के अंदरूनी भाग अपने नियत स्थान पर न रह कर उभार के रूप में दिखने लगते हैं. यही स्थिति हर्निया कहलाती है.

कैसेकैसे हर्नियाफीमोरल हर्निया: यह हर्निया आमतौर पर महिलाओं को होता है खासकर प्रैगनैंट व मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को. यह तब होता है जब आंत धमनी को ऊपर जांघ में ले जाने वाली नली में प्रवेश करती है.

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इसैंशियल हर्निया: इस प्रकार के हर्निया में पेट की सर्जरी होने वाले भाग की दीवार पर अधिक भार पड़ने से मांसपेशियों में बहुत अधिक खिंचाव आता है, जिस से वह भाग उभर जाता है.

नाभि हर्निया:

इस हर्निया में पेट की सब से कमजोर मांसपेशियां नाभि के माध्यम से उभार के रूप में प्रकट होती हैं. यह आमतौर पर मोटापे से ग्रस्त महिलाओं और उन महिलाओं को होता है, जिन के बहुत बच्चे होते हैं, क्योंकि बारबार सर्जरी वगैरह के कारण उन की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं.इंगुइनल हर्निया: इंगुइनल हर्निया में आंत या ब्लैडर पेट की दीवार के जरीए बाहर की तरफ उभरता है या फिर पेट और जांघ के बीच का भाग इंगुइनल नली में होता है. यह अकसर उस भाग में कमजोरी के कारण होता है.

महिलाएं सब से ज्यादा प्रभावित क्यों:

महिलाओं में ऐब्डौमिनल हर्निया बहुत आम है, क्योंकि प्रैगनैंसी के दौरान महिलाओं की ऐंटीरीअर ऐब्डौमिनल वौल मसल्स पर खिंचाव जो बढ़ता है. सर्जरी वाली जगह पर सब से ज्यादा हर्निया के विकसित होने के चांसेज होते हैं, क्योंकि उस जगह पर खिंचाव सब से अधिक पड़ता है. मोटापा महिलाओं में हर्निया का सब से बड़ा कारण है.स्टेजस औफ हर्निया

रिड्यूसिबल हर्निया:

इस में लेटने पर गांठ कई बार गायब हो जाती है, लेकिन खांसने, छींकने की स्थिति में दिखाई देती है. अगर गांठ का साइज बहुत बड़ा नहीं होता है तो इसे कंट्रोल या कम किया जा सकता है.

इररिड्यूसिबल हर्निया: इस में किसी भी स्थिति में गांठ दिखनी बंद नहीं होती है.

ओब्स्ट्रक्शन हर्निया: जब आंतों पर प्रैशर पड़ने के कारण वह फट जाए, जिस से मोशन में भी दिक्कत होती है तो उसे ओब्स्ट्रक्शन हर्निया कहते हैं. इस स्थिति में मरीज की तुरंत सर्जरी की जाती है.

स्ट्रैंग्युलेटेड हर्निया: जब आंत में रक्त की सप्लाई बंद हो जाती है तो ऐसी स्थिति को स्ट्रैंग्युलेटेड हर्निया कहते हैं. इस स्थिति में भी मरीज की तुरंत सर्जरी की जाती है.

कैसे होता है ट्रीटमैंट

अगर स्थिति कंट्रोल में है तब तो उसे दवा के जरीए कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन अगर हर्निया का साइज काफी बड़ा होने के साथसाथ काफी दर्द भी महसूस होता है तो सर्जरी की ही सलाह दी जाती है. सर्जरी 2 तरह से की जाती है-

लैप्रोस्कोपिक व ओपन सर्जरी.

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लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में हर्निया को ठीक करने के लिए छोटा सा कट दे कर छोटे से कैमरे व लघु निर्मित शल्य चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया जाता है.ओपन सर्जरी में कट बड़ा होता है, जिसे ठीक होने में काफी समय लगता है. मरीज 1-2 हफ्ते तक सामान्य रूप से घूमने में असमर्थ होता है.

किन बातों का रखें ध्यान

दवा समय पर खाएं ताकि रिकवरी जल्दी हो सके.- सर्जरी के बाद डाक्टर की सलाह पर ही बाथ लें.- सर्जनी के 5-6 दिनों बाद शौर्ट वौक करें ताकि पैरों में ब्लड क्लोर्ट्स न पड़े और ब्लड सर्कुलेशन सही हो.- भारी सामान न उठाएं- नियमित चैकअप करवाती रहें.- हैल्दी डाइट लेने के साथसाथ पानी भी खूब पीएं.

क्या हैं हर्निया के लक्षण

हम अकसर लापरवाही के कारण लक्षण दिखने पर भी उन्हें अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में हमारे समक्ष गंभीर स्थिति पैदा कर देते हैं. इसलिए जब भी आप को ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डाक्टर से मिलें ताकि समय पर सही इलाज हो सके:- खांसने, छींकने या फिर सामान उठाने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस करना.- पेट में भारीपन महसूस करना.- उलटी व कब्ज की समस्या.- सूजन वाली जगह पर दर्द होना.

प्यार की जीत: भाग 4- निशा ने कैसे जीता सोमनाथ का दिल

घर आ कर निशा ने अपनी सास की चोट पर मरहम लगाया. इस दुर्घटना की खबर मिलते ही बिलाल के अब्बूजान घर लौट आए. उन सब के सामने निशा ने झिझकते हुए कहा, ‘‘अब्बूजान, मेरे भाइयों ने ही हमारे बुटीक पर पत्थर फेंके थे. आप मेरे बारे में मत सोचिए. उन्होंने जो किया, गलत किया और आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दीजिए.’’ निशा की बातें सुन कर सब ने अब्बूजान की ओर देखा क्योंकि फैसला लेने वाले वे ही थे.

‘‘ठीक है जुबैदा, तुम अभी आराम करो. कल से बुटीक के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड रखेंगे. तुम दोनों औरतें अकेले में ऐसी हालत को नहीं संभाल पाओगी. इसलिए एक गार्ड की जरूरत है.’’ उन की बातों से यह स्पष्ट था कि वे इस मामले को पुलिस तक ले जाना नहीं चाहते हैं. मगर निशा ने उन के पास जा कर सहम कर कहा, ‘‘अब्बूजान, मैं आप से निवेदन करती हूं कि आप मेरे भाइयों को माफ मत कीजिए. उन्होंने जो भी किया वह बिलकुल गलत है. अगर आप इस बार उन्हें माफ करेंगे तो उन की जुर्रत और बढ़ जाएगी. इसलिए आप उन के खिलाफ पुलिस में शिकायत करा दीजिए.’’

‘‘मैं तुम्हारे जज्बे को समझ सकता हूं बहू, मगर हमें इस मामले में सावधानी बरतनी होगी. जिन्होंने यह हरकत की, वे तुम्हारे भाई हैं. आज नहीं तो कल, हम एक परिवार हो जाएंगे. अगर हम आज जल्दबाजी में पुलिस के पास गए तो हमारे रिश्ते में दरार आ जाएगी. हमें सब्र से काम लेना चाहिए. उन दोनों को एक न एक दिन अपनी गलती का एहसास होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे.’’ उन के बड़प्पन के सामने अपने पिता की हरकतों को याद कर निशा की आंखें नम हो गईं.

इस दरमियान रमजान का महीना आया. रमजान के महीने के 10वें दिन दोपहर की नमाज के बाद अचानक निशा बेहोश हो गई और उसे देख कर सब के होश उड़ गए. तुरंत डाक्टर को बुलावाया गया. निशा की जांच करने के बाद डाक्टर ने मुसकराहट के साथ कहा, ‘‘आप लोगों के लिए खुशखबरी है, आप के घर में एक नया मेहमान आने वाला है.’’ यह सुन कर सभी पुलकित हो उठे.

बिलाल के परिवार ने निशा को पलकों पर बिठाया. अब्बूजान और भाईजान दोनों रोज निशा के लिए फल खरीद कर लाते थे. जुबैदा और जीनत दोनों खास पकवान बनातीं. सब का प्यार देख कर निशा की आंखें डबडबा गईं.

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अचानक एक दिन जुबैदा को थकान महसूस हुई और वे एक कुरसी पर बैठ गईं. उन के दाहिने हाथ में इतना दर्द होने लगा कि उसे उठा ही नहीं पाई और धीरेधीरे वह दर्द सीने तक पहुंच गया और जुबैदा बेहोश हो गईं. घर के लोग उन्हें ले कर अस्पताल पहुंचे. डाक्टर ने जांच कर के उन्हें तुरंत आईसीयू में दाखिल कर दिया.

डाक्टर ने कहा, ‘‘इन्हें हार्टअटैक आया है. इन की आर्टरी में ब्लौकेज है और तुरंत बाइपास सर्जरी करनी पड़ेगी. सारी फौर्मेलिटीज पूरी करने के बाद हम औपरेशन करेंगे. इस के लिए कुल मिला कर 5 लाख रुपए खर्च करना होगा आप को.’’ यह सुन कर परिवार के सभी लोग उदास हो गए. बिलाल के पिताजी हताश हो गए थे. शादी हुए इतने सालों में अपनी बीवी को ऐसी हालत में वे पहली बार देख रहे हैं और वे उसे बरदाश्त नहीं कर सके. बच्चों ने पहली बार अपने अब्बूजान की आंखों में आंसू छलकते हुए देखे.

बिलाल के अब्बूजान के पास इस वक्त इतने रुपए नहीं थे. उन्होंने अपने दोनों बेटों के लिए लखनऊ की मेन मार्केट में अलगअलग दुकान खोलने के लिए अपनी सारी बचत उस में लगा दी थी. उन की मजबूरी देख कर निशा ने कहा, ‘‘अब्बूजान, आप ने हमारी बुटीक की कमाई को कभी भी नहीं मांगा. अब हमारे पास 10 लाख रुपए हैं और आप बेफिक्र रहिए.’’

अम्मीजान का औपरेशन बिना किसी परेशानी के साथ हो गया. सभी अस्पताल में अम्मीजान के पास थे. उस समय निशा के मोबाइल की घंटी बजी. उस की मां का फोन था. शादी होने के बाद मां ने एक बार भी फोन नहीं किया था. अब क्यों फोन कर रही है? सोचते हुए निशा ने ‘हैलो’ कहा तो दूसरी तरफ उस की मां की हड़बड़ाई आवाज सुनाई दी, ‘‘निशा, तुम्हारी मदद चाहिए. तुम्हारे भाइयों को पुलिस पकड़ कर ले गई है और उन्हें जमानत पर छुड़वाने के लिए 5 लाख रुपए चाहिए.’’ यह सुनते ही निशा के क्रोध की सीमा नहीं रही.

औपचारिकता के लिए भी मां ने यह नहीं पूछा कि तुम कैसी हो, मगर अपना अधिकार जताते हुए अपने नालायक बेटों के लिए रुपए मांग रही है. वह गुस्से में बोली, ‘‘किस हक से आप मुझ से इतने रुपए मांग रही हैं? आप लोगों ने दर्द के सिवा क्या दिया है मुझे और मुझ से मदद मांगने में आप को लज्जा नहीं आई?’’ ऐसा कहते हुए निशा ने गुस्से में तमतमाते हुए फोन काट दिया. अब्बूजान यह सब सुन रहे थे.

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5 दिनों के बाद जुबैदा घर वापस आ गईं. दोनों बहुओं ने अपनी सास की खूब देखभाल की. दूसरे दिन सुबह ही अब्बूजान कहीं बाहर जाने की तैयारी करने लगे. सब ने सोचा कि शायद वे अपनी दुकान जा रहे हैं. उन्होंने निशा से पूछा, ‘‘बेटी, तुम्हारे पास जो 5 लाख रुपए हैं, क्या तुम मुझे दे सकती हो? निशा ने बिना कोई सवाल पूछे चैक में दस्तखत कर के अब्बूजान को दे दिया. उस चैक को अपने पौकेट में रख कर उन्होंने कहा,’’ मैं अपने संबंधी के घर तक जा रहा हूं.’’ यह सुन कर सब हैरान हो गए क्योंकि बड़ी बहू जीनत का घर लखनऊ में नहीं, फिर किस संबंधी का जिक्र कर रहे हैं अब्बूजान.

‘‘मैं निशा के मायके के बारे में बात कर रहा हूं. वे हमारे संबंधी ही हैं. उन के घर के बेटे जेल में सड़ रहे हैं. उन्हें रिहा कराने के लिए ये रुपए ले जा रहा हूं.’’ निशा ने कुछ कहने की कोशिश कि तो अब्बूजान ने बीच में बात काट कर कहा, ‘‘बहू, तुम्हारा गुस्सा जायज है मगर यह वक्त नहीं है गुस्सा निकालने का. जब वे हम से मदद मांग रहे हैं, तो इनकार करना ठीक नहीं और इंसानियत भी नहीं है.’’ उन की बातें सुन कर सब सन्न हो गए.

अचानक अपने घर की चौखट पर निशा के ससुरजी को देख कर निशा के मांबाप दोनों आश्चर्यचकित हो गए. मगर वे मुसकराते हुए घर के अंदर गए और लक्ष्मी को 5 लाख रुपए का चैक दे कर कहा, ‘‘बहनजी, निशा एक बच्ची है. इसलिए जब आप ने उसे फोन किया तो गुस्से में आ कर न जाने उस ने क्या कह दिया. उस की तरफ से मैं आप से माफी मांगता हूं. इन रुपयों से अपने बेटों को रिहा कराने का काम शुरू कीजिए.’’ यह सुन कर लक्ष्मी और सोमनाथ दोनों की नजरें झुक गईं.

‘‘भाईजान, आप से मैं कुछ बात करना चाहता हूं. बच्चे पतिपत्नी की देन होते हैं. उन्हें अच्छी परवरिश देना हमारा फर्ज है. बच्चों में बेटाबेटी का फर्क करना प्यार का अपमान करने के समान है. जो भी हमें मिले उसे सच्चे मन से अपनाना ही हमारे लिए उचित है और एक बात सुनिए, बच्चों को सहीगलत सिखाना भी हमारा ही कर्तव्य है. अगर बच्चे गलत रास्ते पर चल पड़ें तो इस का मतलब है हमारी परवरिश में ही खोट है. यह मत सोचना कि मैं आप के बेटों की गलतियों के लिए आप को दोषी ठहरा रहा हूं. आगे से उन दोनों को सही रास्ते पर चलने की सीख दीजिए. अपने मन से द्वेष की भावना को हटा दीजिए और अपने बच्चों के मन में भी इस जहर के बीच को मत बोइए. इस दुनिया में हमेशा प्यार की ही जीत होगी, नफरत की नहीं.’’ उन की बातें सुन कर जिंदगी में पहली बार सोमनाथ का अभिमान टूट गया और फूटफूट कर रोने लगे. आगे बढ़ कर जमाल साहब ने सोमनाथ को गले लगाया और वहां हुई प्यार की जीत.

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Serial Story: अब पता चलेगा- भाग 1

28दुबई से संदली उत्साह से भरे स्वर में अपने पापा विकास और मम्मी राधा को बता रही थी,”पापा, मैं आप को जल्दी ही आर्यन से मिलवाउंगी. बहुत अच्छा लड़का है. मेरे साथ उस का एमबीए भी पूरा हो रहा है. हम दोनों ही इंडिया आ कर आगे का प्रोग्राम बनाएंगे.”

विकास सुन कर खुश हुए, कहा,”अच्छा है,जल्दी आओ, हम भी मिलते हैं आर्यन से. वैसे कहां का है वह?”

”पापा, पानीपत का.”

”अरे वाह, इंडियन लड़का ही ढूंढ़ा तुम ने अपने लिए. तुम्हारी मम्मी को तो लगता था कि तुम कोई अंगरेज पसंद करोगी.‘’

संदली जोर से हंसी और कहा,”मम्मी को जो लगता है, वह कभी सच होता है क्या? फोन स्पीकर पर है पर मम्मी कुछ क्यों नहीं बोल रही हैं?”

”शायद उसे शौक लगा है आर्यन के बारे में जान कर.”

राधा का मूड बहुत खराब हो चुका था. वह सचमुच जानबूझ कर कुछ नहीं बोलीं.

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जब विकास ने फोन रख दिया तो फट पड़ीं,”मुझे तो पता ही था कि यह लड़की पढ़ने के बहाने से ऐयाशियां करेगी. अब पता चलेगा पढ़ने भेजा था या लड़का ढूंढ़ने.”

”क्या बात कर रही हो, जौब भी मिल ही जाएगा. अब अपनी पसंद से लड़का ढूंढ़ लिया तो क्या गलत किया? संदली समझदार है, जो फैसला करेगी, अच्छा ही होगा.”

“अब पता चलेगा कि इस लड़की की किसी से निभ नहीं सकती, न किसी काम की अकल है, न कोई तमीज.और जो यह लोन ले रखा है, शादी कर के बैठ जाएगी तो कौन उतारेगा लोन? मुझे पता ही था कि यह लड़की कभी किसी को चैन से नहीं रहने दे सकती,” राधा जीभर कर संदली को कोसती रहीं.

विकास को उन पर गुस्सा आ गया, बोले,”तुम्हें तो सब पता रहता है. बहुत अंतरयामी समझती हो खुद को.पता नहीं कैसे इतना ज्ञानी समझती हो खुद को.

“आसपड़ोस की अपनी जैसी हर समय कुड़कुड़ करने वाली लेडीज की बातों के अलावा कुछ भी पता है कि क्या हो रहा है दुनिया में?”

हर बार की तरह दोनों का गुस्स्सा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.

विकास ने जूते पहनते हुए कहा, “मैं ही जा रहा हूं थोड़ी देर बाहर, अकेली बोलती रहो.”

यह कोई पहली बार तो हुआ नहीं था. बातबेबात किचकिच करने वाली राधा का तकियाकलाम था,’अब पता चलेगा.’

बड़ी बेटी प्रिया कनाडा में अपनी फैमिली के साथ रहती थी, संदली फिलहाल दुबई में थी. कोई भी कैसी भी बात करता, राधा हमेशा यही कहतीं कि उन्हें सब पता था. उन का कहना था कि उन्होंने इतनी दुनिया देखी है, उन्हें हर बात का इतना ज्ञान है कि कोई भी बात उन से छिपी नहीं रहती, फिर चाहे कुकिंग की बात हो या फैशन की.

यहां तक कि राजनीति की हलचल पर भी कोई बात होती तो उन का कहना होता कि उन्हें तो पता ही था कि फलां पार्टी यह करेगी. 1-2 दिन पहले वे किसी से कह रहीं थीं कि उन्हें तो पता ही था कि अब किसान आंदोलन होगा.

उन की बात सुनते हुए विकास ने बाद में टोका था,”ऐसी हरकतें क्यों करती हो, राधा? किसान आंदोलन होगा, यह भी तुम्हें पता था, कुछ तो सोच कर बोला करो.”

”अरे,मुझे पता था कि कुछ ऐसा होगा.”

विकास चुप हो गए, पता नहीं कौन सी ग्रंथि है राधा के मन में जो वह हर बात में घर में किसी न किसी बात में हावी होने की कोशिश करती थी. कई बार विकास अपने रिश्तेदारों के सामने राधा की बातों से शर्मिंदा भी हो जाते थे. बेटियां भी इस बात से हमेशा बचती रहीं कि राधा के सामने उन की फ्रैंड्स आएं.

विकास अंधेरी में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे. आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी पर राधा कंजूस भी थी और बहुत तेज भी, साथ ही उन्हें अपने उस ज्ञान पर भी बहुत घमंड था जो ज्ञान दूसरों की नजर में मूर्खता में बदल चुका था. अजीब सी आत्ममुग्ध इंसान थीं.

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घर में उन के व्यवहार से सब हमेशा दुखी रहते. राधा ने संदली को अगले दिन फोन किया और सीधे पूछा,”अभी शादी कर लोगी तो तुम्हारा लोन कौन चुकाएगा?”

”मैं इंडिया आ कर जौब करूंगी, लोन उतार दूंगी. अभी हम दोनों सीधे मुंबई ही आ रहे हैं, आर्यन को आप लोगों से मिलवा दूं?”

राधा ने कोई उत्साह नहीं दिखाया. संदली ने उदास हो कर फोन रख दिया. संदली और आर्यन को एअरपोर्ट से लेने विकास खुद जा रहे थे.

प्रोग्राम यह तय हुआ कि विकास औफिस से सीधे एअरपोर्ट चले जाएंगे. देर रात सब घर पहुंचे तो राधा ने सब के लिए डिनर तैयार कर रखा था. आर्यन उन्हें पहली नजर में ही बहुत अच्छा लगा पर बेटी से मन ही मन नाराज थीं कि पढ़ने भेजा था, लड़का पसंद कर के घर ले आई है.

उन्हें विकास पर भी बहुत गुस्सा आ रहा था कि अभी से कैसे आर्यन को दामाद समझ रहे हैं. संदली फोन पर पहले ही बता चुकी थी कि पानीपत में आर्यन के पिता का बहुत लंबाचौड़ा बिजनैस है. बहुत धनी, आधुनिक परिवार है. 2 ही भाई हैं, आर्यन बड़ा है, छोटा भाई अभय अभी पढ़ रहा है.

आर्यन से मिलने, उस से बातें करने के बाद कोई कारण ही नहीं था कि राधा कुछ कमी निकालती पर यह बात हजम ही नहीं हो रही थी कि बेटी ने अपने लिए लड़का खुद पसंद कर लिया है.

विकास को भी आर्यन बहुत पसंद आया था. वह ऐसे घुलमिल गया था कि जैसे कब से इस परिवार का ही सदस्य है.

डिनर करते हुए संदली ने कहा,”मम्मी, हम दोनों अब कल ही दिल्ली जा रहे हैं. वहां आर्यन के पेरैंट्स हमें एअरपोर्ट पर लेने आ जाएंगे. मुझे भी उन से मिलना है. मैं जल्दी ही वापस आ जाउंगी.”

राधा ने कहा,”मुझे तो पता ही था कि तुम हम से पूछोगी भी नहीं, खुद ही होने वाले ससुराल पहुंच जाओगी.अब पता चलेगा.’’

विकास ने आर्यन की उपस्थिति को देखते हुए मुसकरा कर बात संभाली,”यह तो अच्छा ही है न कि तुम अपनी बेटी को जानती हो, तुम्हें पता था, अच्छा है.”

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संदली ने मां की बात पर ध्यान ही नहीं दिया. युवा मन अपने सपनों में खोया था, प्यार से बीचबीच में एकदूसरे को देखते संदली और आर्यन विकास को बड़े अच्छे लगे.

आगे पढ़ें- विकास को गुस्सा आ गया…

बेटी पाखी के लिए फिर साथ आएंगे अनुपमा-वनराज, क्या करेगी काव्या

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा में इन दिनों हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां काव्या, वनराज से शादी का प्लान बना रही है तो वहीं पाखी पूरी कोशिश कर रही है कि अपने मम्मी पापा को अलग होने से रोक सके. लेकिन इस बीच कुछ नए ट्विस्ट से शो में धमाकेदार ट्रैक आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

पाखी के कारण साथ आएंगे अनुपमा-वनराज

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पाखी की जान बचाने के लिए अनुपमा और वनराज जी जान लगाते नजर आएंगे, जिसके कारण पाखी बच जाएगी. वह अनुपमा और वनराज से वादा लेगी कि वह हमेशा साथ रहेंगे. वहीं दोनों वादा करेंगे कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि पाखी को कभी दुखी ना होने दें और उसका हर कदम पर साथ दें.  इसी बीच बा भी अनुपमा और वनराज को तलाक का नाटक खत्म करके साथ रखने की बात कहती हुई नजर आएगी.

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काव्या उठाएगी नया कदम

 

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वनराज और अनुपमा को साथ देखकर काव्या गुस्से में नया कदम उठाती नजर आएगी. दरअसल, पाखी के किडनेप होने को लेकर काव्या का मानना है कि वह इमोशनल होने का नाटक करके अनुपमा और वनराज को साथ लाना चाहती है, जिसके लिए वह अब नया कदम उठाने वाली है और वनराज को इमोशनली ब्लैकमेल करती नजर आएगी.

 

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अब तक आपने देखा कि वनराज और अनुपमा की बात से दुखी होकर पाखी घर छोड़कर चली जाती है, जिसके बाद वह किडनेप हो जाती है. वहीं बेटी को बचाने के लिए अनुपमा गुंडों से लड़ने को तैयार हो जाती है और जीत भी जाती है, जिसके बाद वह पाखी को घर पर लाती है. दूसरी तरफ किंजल की मां राखी, काव्या का पूरा साथ देती नजर आ रही है. अब देखना ये है कि काव्या, वनराज को अपने साथ रखने के लिए कौन सी चाल चलेगी.

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Bigg Boss 14 विनर बनने के बाद परेशान हैं Rubina Dilaik, Video Viral

बिग बौस 14 का खिताब अपने नाम कर चुकीं एक्ट्रेस रुबीना दिलैक इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं. जहां एक तरफ रुबीना अपने फैंस का शुक्रिया अदा करती रहती हैं तो वहीं अब उन्होंने बिग बौस 14 के घर से निकलने के बाद आए बदलाव पर अपनी परेशानी जाहिर की है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

इस कारण परेशान हैं रुबीना

हाल ही में अपने फैंस के लिए वीडियो शेयर करते हुए रुबीना ने बताया कि अब वो इन दिनों मास्क पहनने की आदत डाल रही हैं. जो कि वह पूरी तरह भूल ही चुकी थी. दरअसल, शो का हिस्सा होने के दौरान वह बिना मास्क के ही रहते थे, जिसके कारण वह मास्क लगाना इन 3 महीनों में पूरी तरह भूल गई थीं. हालांकि शो के मेकर्स ने इस कोरोना से सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए थे.

 

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पति संग बिजी हैं रुबीना

 

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फैंस के साथ अपनी डेली लाइफ को शेयर कर रही रुबीना ने एक नई वीडियो में पति अभिनव संग ट्रैडिशनल पहाड़ी डांस करती दिख रही हैं. वीडियो की बात करें तो जहां रुबीना ब्लैक ड्रेस में मस्ती के साथ डांस कर रही हैं तो वहीं उनके पति अभिनय ब्लू शॉट्स और ग्रे टी-शर्ट में उनका साथ देते नजर आ रहे हैं.

जीत के बाद की थी पार्टी

 

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बीते दिनों बिग बौस 14 की ट्रॉफी जीतने के बाद रुबीना दिलैक पति अभिनव शुक्ला और दोस्तों संग जमकर पार्टी करती नजर आईं थीं. जहां उनके घर पर फैमिली और फ्रैंड्स ने ग्रैंड वेलकम की पूरी तैयारी की थी. वहीं इस सेलिब्रेशन की फोटोज और वीडियोज सोशलमीडिया पर छाई हुई है.

 

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बता दें, एक्ट्रेस रुबीना दिलैक ने बिग बॉस 14 में पति अभिनव शुक्ला संग एंट्री की थीं. वहीं एक टास्क के दौरान एक्ट्रेस रुबीना ने अभिनव संग अपने तलाक की खबर को लेकर बात कही थी. हालांकि शो के अंत में अपने तलाक के फैसले को रोकते हुए दोबारा शादी करने का फैसला किया था.

औनर किलिंग: भाग 2- अनजानी आशंका से क्यों घिरी थी निधि

जिस शालू ने घर वालों के विरोध के बावजूद विनय से शादी करने में उस का पूरा साथ दिया, वही बहन आज उसे विनय के कारण जान से मारने की साजिश में शामिल हो गई. निधि को इस बात पर अब भी यकीन नहीं हो रहा था.

‘‘क्या आप ठीक महसूस कर रही हैं?’’ ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने आ कर पूछा तो निधि ने आंखें खोल दीं.

‘‘जी,’’ उस ने संक्षिप्त सा जवाब दिया और उठ कर बैड पर बैठ गई. उसे बैठा देख कर कौंस्टेबल ने इंस्पैक्टर सरोज को फोन कर दिया और 15 मिनट में वे भी वहां पहुंच गईं.

‘‘क्या आप अपने बारे में कुछ बताएंगी?’’ सरोज ने पूछा. निधि ने एक बार फिर चुप्पी साध ली. क्या बताती वह उन्हें कि वह अपनों की ही साजिश का शिकार हुई है. उसे जन्म देने वाले ही उसे मौत की नींद सुला देना चाहते हैं.

‘‘जी, मैं मुंबई की रहने वाली हूं. यहां किसी दोस्त से मिलने आई थी, मगर एक हादसे का शिकार हो गई. कुछ गुंडों ने मुझ पर हमला कर दिया था. मेरा बैग और मोबाइल छीन लिया. शायद किसी बुरी नीयत से वे मेरा पीछा कर रहे थे. मगर मैं किसी तरह उन के चंगुल से बच कर यहां तक आ गई,’’ निधि ने असली बात छिपा ली.

‘‘देखिए, आप हम से कुछ भी छिपाने की कोशिश न करें और न ही डरें. हम आप की मदद करना चाहते हैं. आप चाहें तो उन गुंडों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा सकती हैं,’’ सरोज ने उसे कुरेदा. मगर निधि ने एक बार फिर से चुप्पी साध ली और अपनी आंखें बंद कर के अपने दर्द को दिल के भीतर ही समेटने की कोशिश करने लगी.

रात हो चली थी. हौस्पिटल में भरती लगभग सभी मरीज नींद की आगोश में जा चुके थे. हां, कभीकभी कोई मरीज दर्द से कराह उठता था तो अवश्य ही वार्ड की शांति भंग हो जाती थी. ड्यूटी पर तैनात नर्स और कंपाउंडर भी उबासियां ले रहे थे मगर निधि की आंखों में दूरदूर तक नींद का नामोनिशान नहीं था.

वह उस वक्त को कोस रही थी जब उस ने शालू की बातों में आ कर घर लौटने का मन बनाया था. मौका भी तो कुछ ऐसा ही था. वह चाह कर भी इनकार नहीं कर सकी थी. उस की छुटकी की शादी जो तय हो गई थी. शालू ने जब चहकते हुए बताया था कि मम्मीपापा उसे विनय सहित अपनाने को राजी हो गए हैं तो उस के सिर से भी मांबाप की मरजी के खिलाफ जा कर शादी करने के अपराधबोध का भारी बोझा उतर गया था जिसे वह इतने सालों से ढो रही थी.

इधर, विनय को भी 2 महीने के लिए ट्रेनिंग पर आस्ट्रेलिया जाना था. निधि ने सोचा, एक पंथ दो काज हो जाएंगे. विनय के बिना यहां अकेले मुंबई में रहना किसी सजा से कम नहीं था. इसलिए उस ने कंपनी से एक महीने की लंबी छुट््टी ले ली और अपने पैतृक गांव सिरसा आ गई.

मां तो निधि को देखते ही उस से लिपट गई थी. पापा ने भी कलेजे से लगा लिया था अपनी लाड़ो को. राज शादी के किसी काम के सिलसिले में शहर गया हुआ था. शालू ने उसे बांहों में भींचा तो फिर छोड़ा ही नहीं…न जाने कितने गिलेशिकवे थे जिन्हें वह शब्दों में बयां नहीं कर सकी थी. बस, आंखों से आंसू बहे जा रहे थे. निधि के आने से शादी वाले घर में एक अलग ही रौनक आ गई थी.

रात में छुटकी ने उस से चिपटते हुए पूछा, ‘जीजी, एक बार फिर से बता न, तू ने जीजाजी जैसे विश्वामित्र को आखिर कैसे रिझाया?’

‘कितनी बार सुनेगी तू? आखिर तेरा मन भरता क्यों नहीं, एक ही किस्से को बारबार सुन कर तू बोर नहीं होती?’ निधि ने झूठे गुस्से से कहा.

‘अरे, अब तक तो फोन पर ही सुनती आई थी, आमनेसामने सुनने का मौका तो आज ही हाथ लगा है, सुना न. आज तो मैं तेरे चेहरे की लाली भी देखूंगी, जब तू बोलेगी,’ शालू ने जिद की तो निधि छुटकी की जिद नहीं टाल सकी और एक बार फिर से कूद पड़ी यादों की झील में डुबकी लगाने.

‘मुंबई की बरसात तो तू जानती ही है. बादलों का कोई भरोसा नहीं, जब जी चाहे बरस पड़ते हैं. हालांकि हम मुंबई वाले इस की ज्यादा परवा नहीं करते मगर उस दिन बात कुछ और ही थी. सुबह से ही बरसात हो रही थी. दोपहर होतेहोते तो सारे शहर में पानी ही पानी हो गया था.

‘मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी कर के लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी. मगर जो घर से बाहर थे उन्हें तो घर लौटना ही था. मैं भी अपने औफिस में बैठी बारिश के रुकने का इंतजार कर रही थी. लगभग सभी लोग अपने घर जाने की व्यवस्था कर चुके थे. बस, मैं और विनय ही बचे थे.

‘बारिश के थोड़ा सा हलके होने के आसार दिखे तो विनय ने मुझ से कहा, ‘आप को एतराज न हो तो मैं आप को अपनी बाइक पर घर छोड़ सकता हूं.’

‘मगर बाइक पर तो हम भीग जाएंगे…’ मैं ने कहा.

‘घर ही तो जाना है, किसी पार्टी में तो नहीं? घर पहुंच कर कपड़े बदल लेना,’ विनय ने मुसकराते हुए कहा.

‘मुसकराते हुए कितना प्यारा लगता है ये, पता नहीं मुसकराता क्यों नहीं है,’ मैं ने यह मन ही मन सोचा और खुद भी मुसकरा दी. अंत में मैं ने विनय से लिफ्ट लेना तय कर लिया.

‘जैसा कि मैं ने कहा था, घर पहुंचतेपहुंचते मैं और विनय पूरी तरह से भीग चुके थे. मैं ने विनय को एक कप अदरक वाली चाय पीने का औफर देते हुए अंदर आने को कहा. पहले तो उस ने मना कर दिया मगर अचानक ही उसे तेज छींकें आने लगीं तो मैं ने ही हाथ पकड़ कर उसे भीतर खींच लिया था. उसे छूने का यह मेरा पहला अनुभव था. मैं ने महसूस किया कि विनय भी मेरे छूने से थोड़ा सा नर्वस हो गया था.

‘मैं ने कपड़े बदल कर चाय का पानी चढ़ा दिया. तभी मुझे खयाल आया कि विनय भी तो भीगा हुआ है. मगर मेरे पास उसे देने के लिए जैंट्स कपड़े तो थे ही नहीं. मैं ने गैस धीमी कर के उसे तौलिया दिया और साथ ही बदलने के लिए अपना नाइट सूट भी. यह देख कर विनय सकपका गया. मगर फिर जोर से हंस पड़ा और कपड़े बदलने चला गया.

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नए अंदाज में बनाएं मूंग दाल

दालें हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा होतीं हैं. दालों की सर्वप्रमुख विशेषता यह होती है कि आंच पर पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं. दालों में प्रोटीन, विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अरहर, मूंग, मसूर, चना, उड़द आदि भारतीय भोजन में शामिल की जाने वाली प्रमुख दालें हैं. वर्तमान समय में रेडी टू ईट और फ़ास्ट फ़ूड के बढ़ते चलन के कारण बच्चे दाल खाना बहुत कम पसन्द करते हैं. छिलका रहित अर्थात धुली दालों की अपेक्षा छिलका युक्त दालों का प्रयोग करना सेहत के लिए अधिक श्रेयस्कर होता है. मूंग दाल में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अंकुरित करने के बाद इसके पौष्टिक तत्वों की मात्रा दोगुनी हो जाती है. यह बहुत आसानी से पचने वाली दाल होती है इसलिए इसे किसी न किसी रूप में अपने भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए. आज हम आपको मूंग दाल को दाल मखनी स्टाइल में बनाने का तरीका बताएंगे जिससे बड़े तो बड़े बच्चे भी उंगलियां चाटकर खाएंगे. आमतौर पर दाल मखनी राजमा, साबूत मसूर और साबुत उड़द से बनायी जाती है आज हम इसे मूंग की छिलके वाली दाल से बनाएंगे. तो आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

-मूंग दाल मखनी

कितने लोंगो के लिए 4
बनने में लगने वाला समय 20 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री

छिलका मूंग दाल 1 छोटी कटोरी
अदरक आधा इंच टुकड़ा
नमक 1/2 टीस्पून
घी 1 टेबलस्पून
टमाटर 2
प्याज 1
लहसुन 4 कली
हरी मिर्च 4
साबुत लौंग 4
धनिया पाउडर 1 टीस्पून
लाल मिर्च पाउडर 1/2 टीस्पून
गरम मसाला पाउडर 1/2 टीस्पून
नीबू का रस 1 टीस्पून
ताजी क्रीम 2 टेबलस्पून

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विधि

मूंग दाल को अदरक और नमक डालकर ढाई कटोरी पानी के साथ प्रेशर कुकर में डालकर 4-5 सीटी लेकर उबाल लें. प्याज, लहसुन, हरी मिर्च और टमाटर को मिक्सी में पीस लें. अब एक नॉनस्टिक पैन में घी गरम करें और लौंग डालकर प्याज, टमाटर का पेस्ट डाल दें. इसे 5 मिनट भूनकर सभी मसाले डालें और धीमी आंच पर घी के ऊपर आने तक पकाएं. जब मसाला पैन के किनारे छोड़ दे तो पकी दाल डालकर भली भांति चलाएं. जब 2 उबाल आ जाएं तो मलाई डालकर चलाएं और 1 उबाल लेकर गैस बंद कर दें. नीबू का रस डालकर पूड़ी, परांठा या रोटी के साथ सर्व करें.

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ससुराल के लिए मायके से दूरी कैसे बनाऊं?

सवाल-

मैं 25 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. ससुराल और मायका आसपास ही है. इस वजह से मेरी मां और अन्य रिश्तेदार अकसर ससुराल आतेजाते रहते हैं. पति को कोई आपत्ति नहीं है पर मेरी सास को यह पसंद नहीं. वे कहती हैं कि तुम अपनी मां से बात करो कि वे कभीकभी मिलने आया करें. हालांकि ससुराल में मेरे मायके के लोगों का पूरा ध्यान रखा जाता है, मानसम्मान में कमी नहीं है मगर सास का मानना है कि रिश्तेदारी में दूरी रखने से संबंध में नयापन रहता है. इस वजह से घर में क्लेश भी होता है पर मैं अपनी मां से कहूं तो क्या कहूं? एक बेटी होने के नाते मैं उन का दिल नहीं दुखाना चाहती. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब-

आप की सास का कहना सही है. रिश्ते दिल से निभाएं पर उन में उचित दूरी जरूरी है. इस से रिश्ता लंबा चलता है और संबंधों में गरमाहट भी बनी रहती है.

अधिकांश मामलों में देखा गया है कि जब बेटी का ससुराल नजदीक होता है तब उस के मायके के रिश्तेदारों का बराबर ससुराल में आनाजाना होता है और वे अकसर पारिवारिक मामलों में दखलंदाजी करते हैं. इस से बेटी का बसाबसाया घर भी उजाड़ जाता है.

भले ही हरेक सुखदुख में एकदूसरे का साथ निभाएं पर रिश्तों में दूरियां जरूर रखें. इस से सभी के दिलों में प्रेम व रिश्तों की मिठास बनी रहती है.

आप अपनी मां से इस बारे में खुल कर बात करें. वे आप की मां हैं और यह कभी नहीं चाहेंगी कि इस वजह से घर में क्लेश हो. हां, एक बेटी होने का दायित्व भी आप को निभाना होगा और इसलिए एक निश्चित तिथि या अवकाश के दिन आप खुद भी मायके जा कर उन का हालचाल लेती रहें.

आप उन से फोन पर भी नियमित संपर्क में रहें, मायके वालों के सुखदुख में शामिल रहें. यकीनन, इस से घर में क्लेश खत्म हो जाएगा और रिश्तों में मिठास भी बनी रहेगी.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

दुल्हन बनीं Monalisa, आप भी ट्राय कर सकती हैं उनका ये ब्राइडल लुक

बिग बौस से लेकर ‘नागिन’ (Naagin) सीरियल से फैंस का दिल जीत चुकीं एक्ट्रेस मोनालिसा अपने हौट लुक के लिए छाई रहती हैं. लेकिन हाल ही में मोनालिसा का ब्राइडल लुक वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी अदाओं से फैंस को हैरान कर रही हैं. वहीं ब्राइडल लुक के अलावा भी मोनालिसा के कुछ लुक्स वायरल हो रहे हैं, जिसे आप वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकती हैं.

ब्राइडल लुक में छाईं मोनालिसा

नई नवेली दुल्हन के लुक में सजी हुईं मोनालिसा बेहद खूबसूरत लग रही हैं. रेड कलर का लहंगा पहने हुए वह बेहद खूबसूरत अदाओं वाले कई पोज दे रही हैं. दरअसल, सोशलमीडिया पर मोनालिसा ने ब्राइडल लुक की फोटोज शेयर की हैं, जिसकी फैंस तारीफें करते नही थक रहे हैं.

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ज्वैलरी से लेकर हेयर स्टाइल है खास

ब्राइडल लुक को खूबसूरत बनाने के लिए जहां बालों में बन बनाकर सुंदर लाल गुलाब लगाए मोनालिसा ने सुंदर लग रही हैं. तो वहीं माथे पर बिंदिया, मांग टीका से लेकर ज्वैलरी तक हर चीज मोनालिसी के लुक लुक में चार चांद लगा रहे हैं.

ब्लाउज और लहंगे में मोनालिसा का जलवा

 

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डीप नेक ब्लाउज के साथ हरे रंग से पैच वर्क किए हुए लाल जोड़े पर मोनालिसा की खूबसूरती देखते ही बन रही है. वहीं लहंगे के मैचिंग की ज्वैलरी के लिए ग्रीन और गोल्डन ज्वैलरी का इस्तेमाल मोनलिसा के लुक को स्टाइलिश बना रहा है.

ग्रीन साड़ी में खास था लुक

 

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हाल ही में अपनी शादी की सालगिरह मनाते हुए मोनालिसा ने ग्रीन कलर की साड़ी में फोटो शेयर की थी, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.  माथे पर बिंदी और  हाथों में मैचिंग कलर की चूड़िया उनके लुक को कॉम्प्लिमेंट दे रही थीं.

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गाउन में भी खास था लुक

 

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साड़ी और लहंगे के अलावा मोनालिसा ने गाउन में भी कुछ फोटोज शेयर की थीं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

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