महिलाएं कैसे पढ़ें अपने स्मार्टी का मन

एक लाइफस्टाइल पत्रिका में पाठकों की निजी समस्याओं से संबंधित सवालों का जवाब देने के कारण मैं अकसर ऐसे सवालों से टकराता हूं-

¨ आजकल वह मुझे अकसर घूरता रहता है, लेकिन कभी भी उसने मुझसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की है. अब मेरी समझ में यह नहीं आता कि क्या वाकई उसे मुझमें दिलचस्पी है? एक लड़की होने के नाते क्या मेरे लिए यह ठीक रहेगा कि मैं ही पहल करूं ? ऐसा करने से कहीं यह संदेश तो नहीं जायेगा कि मैं बहुत बेचैन व उतावली हूं? कृपया सलाह दें मैं आपकी सलाह की बड़ी बेचैनी से प्रतीक्षा कर रही हूं- शैली मेहरोत्रा, शिमला

यह सवाल किसी भी लड़की का हो सकता है. चाहे वह शिमला की हो या सहानपुर की. इसलिए यह जानना आवश्यक नहीं है कि यह कौन है, जरूरी यह जानना है कि ऐसी स्थिति में उसके लिए क्या कदम बेहतर रहेगा? सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि क्या लड़के की दिलचस्पी वास्तव में है या नहीं. यह जानना मुश्किल नहीं है. मन की बात जिस्म के हावभाव से जाहिर हो जाती है. इसलिए लड़का अपनी बाॅडी लैंग्वेज से जो संदेश दे रहा है उन्हें पढ़ना सीखें. इस संदर्भ में निम्न सुझाव कारगर रहेंगे-

¨ अगर आंखों से आंखों के मिलते ही उसके होंठ खुद ब खुद खुल जाते हैं, तो समझ लें उसकी आपमें दिलचस्पी है.

¨ अगर वह हंसकर या किसी और हरकत से आपका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता है, तो समझ लें उसकी आपमें दिलचस्पी है.

¨ अगर वह आपको देखने के बाद अपनी टाई पर हाथ फेरता है, अपने गालों को सहलाता है या बालों में उंगलियां फेरता है, तो समझ लें उसकी आपमें दिलचस्पी है.

¨ अगर वह आपको देखकर अपने मोजों से खेलता है, उन्हें ऊपर की ओर खींचता है, तो इसे सबूत मानें कि उसकी आपमें दिलचस्पी है.

¨ आपको देखने के बाद अगर वह उत्तेजित हो जाता है. घबराहट में अपनी नाक या कान को बारबार छूता है, तो सनद है कि उसकी आपमंे दिलचस्पी है.

चलो ये तो आपको पता चल गया कि लड़के की आप में दिलचस्पी है. अब सवाल यह है कि अगर आप पहल करती हैं, तो क्या आप उसकी नजरों में बेचैन या उतावली साबित होंगी? इस सम्बंध रोमी मिलर का कहना है जिन्होंने ‘मैन मैग्नेट: हाव टू बी द बेस्ट वूमन’, किताब लिखी है और इस सवाल का जवाब इस आधार पर दिया है कि ‘यू केन बी द बेस्ट वूमन इन आर्डर टू गेट द बेस्ट मेन’ यानी आप सबसे अच्छे मर्द को हासिल करने के लिए सबसे अच्छी महिला किस तरह से बनें. मिलर कहती हैं, ”कुछ लोग आपसे कहेंगे कि अगर आप पहल करके मर्द को डेट का प्रस्ताव देती हैं, तो आप मुसीबत को दावत दे रही हैं. किसी हद तक मैं भी इस बात से सहमत हूं, लेकिन समस्या यह है कि कुछ पुरुष इतने शर्मीले होते हैं कि वे स्वयं पहल करते ही नहीं हैं.“

सवाल है इसका समाधान क्या है? इसका समाधान यह है कि अलग-अलग मामलों को अलग-अलग दृष्टि से देखा जाये. अगर आपको कोई शर्मीला लड़का मिला है, तो स्वयं पहल करने से न घबरायें, ज्यादा से ज्यादा वह मना ही तो कर देगा. लेकिन अगर आपका सामना किसी ऐसे लड़के से पड़ा है, जो आत्मविश्वासी प्रतीत हो रहा है और फिर भी पहल करके आपके समक्ष डेट का प्रस्ताव नहीं रख रहा है, तो याद रखिए इसके ये तीन कारण हो सकते हैं-

  1. उसकी आपमें दिलचस्पी न हो.
  2. वह समझता हो कि आप उसकी क्लास की नहीं हैं.
  3. वह पहले ही किसी और के साथ सम्बंध में हो.

बावजूद इसके आप उसको फिर भी हासिल करना चाहती हैं, तो उसे एक आखिरी मौका दें. एक माह तक उसके साथ हल्के से फ्लर्ट करें. उसे देखकर हल्के से आंखें मिलाएं, हल्के से मुस्कुराएं और जब वह दूसरे इशारे की उम्मीद कर रहा हो, तो शान और ठाठ के साथ वहां से ऐसे गायब हो जायें जैसे आपको उससे कुछ लेना-देना ही नहीं है. इसके बाद भी अगर वह पहल न करे, तो उसे भूल जाना ही बेहतर है.

हैल्दी लाइफस्टाइल है जरूरी

काव्या आईटी कंपनी में काम करती है. उम्र 28 साल. अविवाहित है. लौकडाउन के बाद कंपनी ने वर्क फ्रौम होम शुरू कर दिया. शुरू में जैसे हालात थे उन से लगता था कि जिंदगी 2-3 महीने में वापस अपने पुराने ढर्रे पर आ जाएगी. लेकिन कोरोना का ऐसा कहर बरपा कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी खराब हो गई. काव्या की कंपनी ने सभी को साल के अंत तक वर्क फ्रौम होम करने की हिदायत दी.

शुरू में घर पर रहते हुए काव्या ऐक्टिव थी. सुबह 6 बजे तक उठ जाती थी. वाक पर जाती थी. वाक पर नहीं जा पायी तो घर पर आधा घंटा ऐक्सरसाइज करती. खानपान पर ध्यान देती थी. लेकिन जैसेजैसे वक्त बीतता गया घर पर ही रहते हुए काव्या को आलस ने घेरना शुरू कर दिया. औफिस जाना नहीं था तो सुबह 8-9 बजे तक भी सोई रहती. वाक पर जाना बंद हो गया, क्योंकि 10 बजे तक उसे औफिस कौल पर लैपटौप के आगे बैठना होता था. तलाभुना, अनहैल्दी फूड खाने का चसका कुछ ज्यादा ही लग गया. टाइम की कोई पाबंदी नहीं, इसलिए वक्तबेवक्त खाने के लिए मुंह चलता ही रहता.

कहां तो पहले 9 बजे तक डिनर कर 11 बजे तक हर हाल में सो जाती थी, लेकिन अब डिनर करने का कोई टाइम ही नहीं था. देर रात तक वैब सीरीज देख कर अपनी नींद खराब करती और इसलिए सुबह देर से उठती.

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अब अकसर उस का पेट खराब रहने लगा था. कुछ दिन से महसूस कर रही थी कि कुछ मेहनत वाला काम करती है तो जल्दी थक जाती है.

एक रात जब सोने लगी तो उसे पेट में दर्द होना शुरू हो गया, जो धीरेधीरे बढ़ता गया. किसी तरह रात निकाली. अगले दिन डाक्टर को दिखाया. जांच के बाद पता चला कि उसे अपैंडिक्स हो गया है. चूंकि अभी बीमारी आरंभिक स्तर पर थी, इसलिए सर्जरी के बाद काव्या जल्दी ठीक हो गई.

मगर ये सब हुआ क्यों? काव्या के पूछने पर डाक्टर ने बताया कि खानेपीने की गलत आदत की वजह से यह बीमारी होती है.

काव्या अपने खानेपीने और हैल्थ को ले कर बहुत लापरवाह हो गई थी. कुछ बीमारियां हो जाती हैं, लेकिन कुछ बीमारियों को हम खुद बुलावा देते हैं जैसेकि काव्या के साथ हुआ. इसलिए अपने को हैल्दी रखना है तो हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है.

यदि आप हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं लेकिन सम झ नहीं आ रहा है कि कैसे, क्या, कहां से शुरुआत करें तो फौलो करें इन टिप्स को:

ऐक्सरसाइज और सैर करना:

यों तो गरमी के मौसम में बाहर जा कर वर्कआउट करना या सैर करना फिट रहने का सब से अच्छा विकल्प है, मगर सर्दी के मौसम में आउटडोर वर्कआउट की सलाह नहीं दी जाती. ऐसे में घर पर रह कर भी डांस इत्यादि के जरीए फिटनैस को बरकरार रखा जा सकता है. फिजिकल ऐक्टिविटी का मतलब है ऐसी कोई भी ऐक्सरसाइज, जिस से शरीर से पसीना निकले और आप को उस के लिए ऐक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़े. इस से व्यक्ति की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ज्यादा नहीं तो कम से कम रोज 30 मिनट तक ऐक्सरसाइज जरूर करें.

पौष्टिक भोजन करें :

खानेपीने का हमारे शरीर पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. पौष्टिक भोजन से शरीर को ऐनर्जी मिलती है. सिंपल कार्बोहाइड्रेट के लिए पोहा, उपमा, स्टीम्ड इडली, ओट्स, मूसली और प्रोटीन के लिए अंडा, मलाई रहित दूध ले सकते हैं. फैट के लिए बादाम, अखरोट, अलसी के बीज खाएं. शाम के समय कोई भी सब्जियों से बना सूप या ग्रीन टी लें. रात के भोजन में एक कटोरी सलाद या उबली सब्जियों अथवा पपीते का सेवन करें. सब्जियों में प्याज और लहसुन भी डालें.

डाइट को 6-7 बार टुकड़ों में बांट लें. यदि 3 बार ही खाते हैं तो बीच में स्प्राउट्स, मौसमी फल, सब्जियों का सलाद खाने व जूस पीने की आदत डालें.

गेहूं की रोटी के बजाय सर्दियों में मक्का व बाजरा खाएं. सफेद के बजाय ब्राउन राइस खाएं. इन में मौजूद प्रोटीन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटैशियम जैसे तत्त्व वजन को नियंत्रित कर पाचन क्रिया और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं.

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना:

रोज 8-10 गिलास पानी तो पीना ही चाहिए. सुबह उठते ही 1 गिलास पानी पीना अपनी आदत में शामिल करें. इस से पेट साफ रहता है. पानी पीने से स्किन में रूखापन नहीं आता. मांसपेशियों का 80% भाग पानी से बना होता है. इसलिए पानी से मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है.

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चीनी व नमक का कम मात्रा में सेवन:

अगर खाने में नमक, चीनी व तेल की मात्रा कम रखा जाए तो मोटापा, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हृदय रोगों से दूर रहा जा सकता है. चीनी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. चीनी में कोई विटामिन, मिनरल या पौष्टिक तत्त्व नहीं होता. यह सिर्फ शरीर को ऊर्जा देती है. पूरे दिन में 25 ग्राम से ज्यादा चीनी न लें. ऐसे ही सिर्फ 6 ग्राम नमक ही खाना चाहिए.

नशे व धूम्रपान से दूर रहें:

ज्यादा शराब पीने और धूम्रपान करने से व्यक्ति की सेहत तो खराब होती ही है, वह समय से पहले बूढ़ा भी नजर आने लगता है. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है.

आज के दौर में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं, जिन का समय रहते इलाज  कराया जाए तो कई फायदे होते हैं जैसे व्यक्ति  का वजन संतुलित रहता है, दिल की बीमारी  होने की संभावना कम होती, संक्रमण से बचे  रहते हैं, व्यक्ति  लंबी जिंदगी जीता है, अपने  को तरोताजा महसूस करता है, जिस से खुश  रहता है. आज लोगों के लिए हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है तो फिर सोच क्या रहें हैं.  चलिए, आज ही से शुरुआत करें अपने रूटीन को बदलने की.

केसर फोर ब्यूटीफुल स्किन

केसर जो ढेरों हैल्थ बेनिफिट्स के लिए जाना जाता है. फिर चाहे उसमें सर्दीखांसी की बात हो, पेट संबंधित कोई दिक्कत हो या फिर दिल संबंधित , ये काफी लाभकारी साबित होता है. सिर्फ ये हैल्थ के लिए ही मैजिक का काम नहीं करता बल्कि ये स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. तभी तो सदियों से ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसका इस्तेमाल हो रहा है. यही नहीं बल्कि कम समय में ग्लोइंग व हैल्दी स्किन बनाने के लिए ब्राइडल के स्किन केयर रूटीन में भी केसर को ऐड करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में अगर आप हमेशा अपनी स्किन पर ब्राइडल जैसा ग्लो व हैल्दी स्किन पाना चाहती हैं तो अपनी डाइट में केसर को शामिल करने के साथसाथ स्किन केयर रूटीन में भी इसे जरूर शामिल करें. तो फिर जानते हैं केसर स्किन को कैसे फायदा पहुंचाता है-

1. स्किन को ब्राइट बनाए

क्या आप चाहती हैं कि आपकी स्किन में ब्राइटनेस आए , जो अकसर धूलमिट्टी व प्रदूषण के कारण आपकी स्किन से गायब हो जाती है. तो आप केसर से उस खोई हुई ब्राइटनेस को वापिस लौटा सकती हैं. क्योंकि ये स्किन को एक्सफोलिएट करके ब्लड सर्कुलेशन को इम्प्रूव करने का काम करता है. जिससे स्किन स्मूद , ग्लोइंग व ब्राइट बनती है. इसके लिए आप 2 चम्मच दूध में चुटकीभर केसर डालकर उसे 2 घंटे के लिए भिगोकर रखें, फिर इस दूध को चेहरे व गर्दन पर अच्छे से लगाकर थोड़ी देर के लिए लगा छोड़ दें और फिर साफ पानी से धो दें. ऐसा अगर आप रोजाना रात को करेंगी तो यकीन मानिए आपको किसी फेसिअल की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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2. एक्ने से लड़ने में मददगार

स्किन की प्रोपर केयर नहीं करने व ऑयली स्किन वालों को एक्ने की समस्या सबसे ज्यादा होती है. और इस सच्चाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि चेहरे पर दागधब्बे चेहरे की रौनक को फीका बनाने का काम करते हैं. लेकिन केसर में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होने के कारण ये एक्ने से लड़ने में मददगार साबित होता है. इसके लिए आप केसर युक्त क्रीम्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर आप पानी में केसर के कुछ धागों के साथ तुलसी के पत्तों को डालकर इसका पेस्ट बनाएं. फिर इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद धो लें. ऐसा हफ्ते में 3 बार करने पर एक्ने की समस्या दूर हो जाएगी.

3. टैनिंग को कम करे

अकसर हम यही सोचते हैं कि टैनिंग की समस्या सिर्फ गर्मियों में होती है, जबकि ऐसा नहीं है. टैनिंग किसी भी मौसम में हो सकती है. इसलिए इससे बचने के लिए हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल तो करें ही, साथ ही अगर टैनिंग हो गई है तो उससे निबटने के लिए केसर काफी कारगर साबित होता है. क्योंकि इसमें एंटीइन्फ्लैमटरी प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन की सूजन, जलन और रैशेस को कम करता है. इसे बेस्ट डीटेन कहां जाए तो गलत नहीं होगा. अगर आप इसे रोजाना चेहरे पर अप्लाई करेंगी तो ये सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को अब्सोर्ब करके आपकी त्वचा को किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने का काम करेगा.

4. स्किन को रखे हाइड्रेट

केसर में स्किन को मोइस्चराइज़ करने वाली प्रोपर्टीज होती है. जिसके कारण स्किन हमेशा हाइड्रेट व सोफ्ट बनी रहती है. इसलिए अगर आप अपनी स्किन की नमी को बरकरार रखना चाहती हैं तो केसर युक्त क्रीम्स का इस्तेमाल करें. ये सभी स्किन टाइप पर सूट करती हैं. आप चाहे तो इसे टोनर की तरह भी इस्तेमाल करने के लिए थोड़े से पानी में केसर के कुछ धागों को डालकर उसे 5 घंटे के लिए भिगोकर रख दें. फिर इसे स्प्रे बोतल में भरकर इसे टोनर की तरह इस्तेमाल करें. आपकी स्किन हाइड्रेट रहने के साथसाथ हमेशा फ्रैश दिखेगी.

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5. पिगमेंटेशन को कम करे

जब स्किन में मेलानिन का ज्यादा उत्पादन होने लगता है तब स्किन पिगमेंटेशन या फिर स्किन पर ब्राउन स्पोट्स नजर आने लगते है. ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आप स्किन पिगमेंटेशन की शिकार न हो तो आप हफ्ते में 3 बार केसर के कुछ धागों में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगा छोड़ दें और फिर धो लें. क्योंकि इसमें एक्सफोलिएटिंग प्रोपर्टीज होने के कारण ये डेड सेल्स की लेयर को हटाकर पिगमेंटेशन फ्री क्लियर स्किन देने का काम करता है.

है ढेरों ओपशंस

मार्केट में केसर युक्त क्रीम्स , स्क्रब , फेस पैक इत्यादि मिल जाएंगे, जो स्किन पर मैजिक का काम करते हैं.

– केसर युक्त क्रीम्स स्किन को क्लीन, ब्लेमिशेस को कम करने व स्किन के टेक्सचर को इम्प्रूव करने का काम करती हैं. साथ ही ये स्किन के डैमेज सेल्स को रिपेयर करके स्किन को यूथफुल ग्लो भी देती हैं.

– आपको मार्केट में केसर युक्त फेस स्क्रब मिल जाएंगे, जो स्किन के अंदर तक जाकर उसे एक्सफोलिएट व डीटोक्स करने का काम करते हैं. ये पोर्स को क्लीन करके डेड स्किन सेल्स को रिमूव भी करते हैं.

– केसर युक्त फेस पैक जो स्किन की गंदगी को रिमूव करके उसे फ्रेश लुक देकर उसमें नई जान डालने का काम करते हैं. ये ओपन पोर्स को भी छोटा करने, दागधब्बो को कम करने में मददगार होते हैं. इससे स्किन फिर से खिल उठती है. आप अपनी चोइस व स्किन प्रोब्लम्स को देखते हुए केसर युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चयन कर सकते हैं.

मेरी पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा है, कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 60 साल है. पिछले महीने स्ट्रोक के कारण मैं जमीन पर सीने के बल गिर पड़ा, जिस के बाद मेरे सीने और रीढ़ में असहनीय दर्द उठा था. हालांकि एक अच्छे अस्पताल में इलाज कराया गया, लेकिन इलाज के बाद भी मेरी पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा है, जिस के कारण न तो मैं बैठ कर खापी रहा हूं और न ही करवट बदल पा रहा हूं. कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

जवाब-

आप के इस दर्द का कारण आर्थ्राइटिस या पुराने इलाज की कोई गलती हो सकती है. आप ने जिस अस्पताल में इलाज कराया है उन्हें इस समस्या की जानकारी दें. अस्पताल में आप की पीठ की एमआरआई की जाएगी. उस से दर्द का कारण पता चल जाएगा. कारण के अनुसार आप का उचित इलाज किया जाएगा. चूंकि आप को स्ट्रोक की समस्या थी और उम्र भी ज्यादा है, इसलिए किसी भी प्रकार के दर्द को हलके में न लें. समस्या हलकी होने पर सिर्फ मैडिकेशन से काम बन जाएगा. अनदेखा करने पर यह दर्द वक्त के साथ गंभीर हो सकता है. इसलिए बिना देर किए इस की जांच कराएं.

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पीठ के निचले हिस्से का दर्द बेहद आम है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस की तरफ तब जाता है जब हम झुक कर अथवा हाथ ऊपर की ओर बढ़ा कर कोई चीज उठाने की कोशिश करते हैं और तब दर्द महसूस करते हैं. पीठ का तेज दर्द हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों, मनोरंजन और व्यायाम आदि में बाधा उत्पन्न कर सकता है. कभीकभी इस के चलते काम करना भी मुश्किल हो जाता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीठ दर्द ‘इलाज है न’

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

अपने ऊपर विश्वास करो सारे सपने सच होंगे: अलीशा अब्दुल्ला

चेन्नई की 29 साल की अलीशा अब्दुल्ला भारत की पहली और एकमात्र सुपर बाइक रेसर हैं. यही नहीं वह फास्टेस्ट वुमन कार रेसर भी हैं. मशहूर बाइक रेसर आर ए अब्दुल्ला की बेटी अलीशा बचपन से ही रेसिंग की ओर आकर्षित थी. 9 साल की उम्र में अलीशा गो-कार्टिंग के लिए तैयार हो गयी थी. 11  साल की होने तक उन्हों गो-कार्टिंग की बहुत सी रेस जीती. 13 साल की उम्र में उन्होंने एमआरएफ राष्ट्रीय गो-कार्टिंग चैम्पियनशिप जीत कर सब को चौंका दिया. 2004  में वह जेके टायर नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में पांचवें स्थान पर पहुंचने में कामयाब रही. अब उन के पिता ने उन्हें सुपर बाइक रेसिंग में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित किया. इसी के साथ अलीशा के सपनों को नई उड़ान मिल गई.आज वह अपनी बाइक और कार रेसिंग टीम रखने वाली भारत की सब से कम उम्र की लड़की है. इस साल वह कार और बाइक्स के नेशनल चैंपियन शिप के लिए रेसिंग करेंगी.

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आप की सफलता का राज क्या है?

मेरी सफलता का राज हार्ड वर्क है . मैं सब से यही बोलती हूं कि अपना फोकस केवल अपने मुकाम पर रखो. देर से ही सही पर सफलता जरूर मिलेगी.

आप के अंदर ऐसी कौन सी इनर स्ट्रेंथ है जो आप को यह सब करने को प्रेरित करती है?

मेरा अपने ऊपर विश्वास ही मेरी इनर स्ट्रेंथ है जो मुझे यह सब करने को प्रेरित करती है.

एक बेहतर महिला सुपर बाइक रेसर बनने के लिए क्या क्वालिटीज़ होने जरुरी हैं?

सब से पहले आप के पास अच्छा फंड्स बैकअप होना चाहिए क्यों कि इस प्रोफेशन में सब से ज्यादा पैसे लगते है. एक नार्मल रेस में कम से कम 5 -10 लाख का खर्च होता है. जाहिर है एक सामान्य वर्ग का व्यक्ति इस प्रोफेशन को आसानी से नहीं अपना सकता. इस के साथ ही फिटनेस भी जरुरी है. मैं रोज नियमित रूप से 3 घंटे वर्कआउट करती हूं.

क्या इस फील्ड में भी महिलाओं के साथ भेदभाव होते हैं?

हां जी बिलकुल होते हैं. कई लोगों का मेल ईगो जो हर्ट होता है.

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आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगी?

आज में जो भी हूं अपने पिता की वजह से हूं. उन्होंने मुझे मोटर स्पोर्ट्स में 8 साल की उम्र से डाल दिया था और फिर मुझे हार्ड कोर ट्रेनिंग दे कर अलीशा अब्दुल्ला बनाया.

आप की जिंदगी का सब से खूबसूरत पल कौन सा था ?

मेरी जिंदगी का सब से खूबसूरत पल वह था जब मुझे मोटर स्पोर्ट्स की पहली महिला के तौर पर प्रेसिडेंट द्वारा अवार्ड दिया गया था.

समाज में लगातार हो रहे अपराधों के सन्दर्भ में क्या कहेंगी?

हम लोग इंसान हैं पर आजकल के समय में इंसानियत ख़त्म हो रही है. मुझे डर लगता है कि आने वाले जेनेरशन पर इस का कैसा प्रभाव पड़ेगा.

एक स्त्री के तौर पर आगे बढ़ने के क्रम में क्या आप को कभी असुरक्षा का एहसास हुआ ?

नहीं मुझे कभी असुरक्षा महसूस नहीं हुई. क्यों कि मेरे मेंटोर, मेरे पिता हमेशा मेरे साथ थे.

खाली समय में क्या करती हैं?

मुझे कुकिंग करना बहुत ज्यादा पसंद है. खाली समय में मैं कुकिंग करती हूँ.

अपने परिवार के बारे में बताइए. घर वालों का कितना सपोर्ट मिलता है

मेरे मौम डैड ने ही मेरे सपने पूरे किये हैं. उन की वजह से ही आज लोग मुझे अलीशा अब्दुल्ला के रूप में जानते हैं.

आप की नजर में फैशन क्या है?

फैशन का अर्थ है आप के जीने का तरीका.

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महिलाओं और लड़कियों को क्या सलाह देना चाहेंगी?

मैं महिलाओं को यही कहना चाहती हूँ कि अपने ऊपर विश्वास करो सारे सपने सच होंगे.

कोई सपना जो पूरा करना करना बाकी है?

मैं हिंदुस्तानी महिलाओं के लिए मिसाल बनना चाहती हूं. मेरे अकादमी अलीशा अब्दुल्ला में सिर्फ महिलाओं को कम से कम पैसों में रेसिंग ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें एक बड़े प्लेटफार्म पर परफौर्म करने का मौका भी दिया जाता है.

edited by-rosy

औफिस में अफेयर पड़ सकता है भारी

अगर आप भी वर्किंग वुमन है तो सावधान रहिए. कभी-कभी औफिस के अफेयर भारी पड़ सकते हैं.अक्सर औफिस में ऐसे अफेयर तो हो ही जाते हैं किसी न किसी से. किसी का प्यार परवान चढ़ जाता है तो कोई बस टाइम पास के लिए ऐसा करता है साथ ही उसको फिर किसी चीज की परवाह नहीं होती और वो अपनी पर्सनल लाइफ और औफिस की लाइफ को मिक्स करने लगता है.ये बात केवल लड़की पर नहीं बल्कि लड़के पर भी लागू होती है. कई मर्द तो शादीशुदा होते हुए भी ऐसे चक्कर चलाते हैं,लेकिन ये अफेयर कभी-कभी आप पर बहुत भारी पड़ता है. इसका असर आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों पर ही पड़ता है.

सबकी नज़र आप पर पड़ने लगती है

जब आप किसी से प्यार करने लगती हैं औफिस में तो आप कोई न कोई बहाने ढूंढने लगती हैं अपने पार्टनर से मिलने के लिए लेकिन ऐसे में जब आप दोनों ज्यादा साथ वक्त दिखते हैं तो लोगों की नज़रों में आने लगते हैं और सबका ध्यान आप दोनों पर कुछ ज्यादा ही जाने लगता है जो आपकी प्रोफेशनल लाइफ के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है.

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काम पर ध्यान नहीं होता

जब आप कुछ ज्यादा ही प्यार में पड़ जाती हैं और हर पल बस मिलने की सोचती हैं. इसकी वजह से आप अपने काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती हैं.फिर आप कुछ न कुछ गड़बड़ करने लगती लगती हैं या करने लगते हैं तो आपको बौस से डांट भी पड़ती है और ये तो फिर बिल्कुल भी आपकी प्रोफेशनल लाइफ के लिए अच्छा नहीं है.

टेंशन की जड़

आपके और आपके पार्टनर के बीच में अक्सर छोटे-मोटे झगड़ें भी होते हैं.कि तुम आज उस लड़के साथ क्या कर रहे थे या तुम उस लड़की के साथ क्या कर रही थी.या फिर अगर आपका पार्टनर किसी और पर ज्यादा ध्यान देने लगता है तो आपको टेंशन होने लगती है कि कहीं उसे कोई और तो पसंद नहीं आ गया है या कहीं वो मुझे धोखा तो नहीं दे रहा है. ऐसे में आपका मन काम में नहीं लगता और आप दिनभर टेंशन में रहती हैं. आप इस वक्त मानसिक तनाव से भी गुजरती हैं.

पार्टनर के दूर जाने का डर

अक्सर प्राइवेट जौब में कोई एक जगह नहीं टिकता है. उसको जहां पर भी कोई अच्छी कंपनी से ऑफर मिलता है तो वो वहां चला जाता है ऐसे में आपको डर भी रहता है कि आपका पार्टनर वहां जाकर आपका भूल जाएगा और आपका रिश्ता टूट जाएगा.उसे खोने का भी डर रहता है.

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इनसिक्योर फील होना

जब आपका पार्टनर कहीं जाता है या किसी औऱ से बात करता है या किसी और के ज्यादा करीब होने लगता है या आपको वक्त कम देने लगता है तो आप इनसिक्योर भी फील करने लगती हैं.जो की सही भी है क्योंकि ये आपकी फिलिंग है जो अपने आप आप आ जाती है.

लोगों के गौसिप का मुद्दा बनना

जब हम किसी के साथ औफिस में रिलेशन में होते हैं तो अक्सर लोगों की गौसिप का मुद्दा बन जाते हैं और लोग हमारे पीठ पीछे हमारे बारें में बात करते हैं. ये बात पूरे औफिस में फैलने में देर नहीं लगती है और ये हमारें प्रोफेशनल लाइफ के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.

मां के शादी की तैयारियां शुरु करते ही साड़ी लुक में छाई राहुल वैद्य की दुल्हन Disha Parmar

बीते दिनों ‘बिग बॉस 14’ में फैमिली वीक मनाया गया था, जिसमें सभी कंटेस्टेंट के करीबी उनसे मिलने पहुंचे थे. इसी बीच राहुल वैद्य की मां भी आईं थी, जहां उन्होंने अपनी मां से शादी की बात की थी. साथ ही यह पता चला था कि दिशा परमार संग राहुल वैद्य की शादी जल्दी ही होने वाली हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए दिखा परमार के कुछ इंडियन लुक लेकर आए हैं, जिन्हें देखकर आप भी राहुल वैद्य की तरह दिल दे बैठेंगे.

1. लहंगे में छाया दिशा परमार का कॉन्फिडेंस

दिशा परमार का कॉन्फिडेंस लहंगे में तो देखते ही बनता है. लहंगा पहनकर दिशा परमार जमकर तस्वीरें क्लिक करवाती हैं. वहीं फैंस को भी उनका लहंगा लुक काफी पसंद आता है.

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2. दिशा परमार का दीपिका पादुकोण वाला लुक

 

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बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की तरह दिशा परमार भी इस साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही हैं. वहीं उनका ये लुक देखकर फैंस उन्हें नई-नवेली दुल्हन की तरह लगने की बात कह रहे हैं.

3. हल्दी सेरेमनी में कुछ ही सजेंगी दिशा परमार

 

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पीले कलर की साड़ी में दिशा परमार का लुक देखने लायक है. हर कोई उनके इन लुक्स को देखकर राहुल वैद्य संग उनकी शादी का इंतजार कर रहा है.

4. ब्राइडल लुक है खास

disha

शादी से पहले ही राहुल वैद्य की दुल्हन का ब्राइडल इन दिनों सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही  हैं. वहीं सोशलमीडिया पर उनके इस लुक की काफी तारीफ हो रही है.

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5. साड़ी में लहती हैं खूबसूरत

 

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अगर आप दिशा के लुक्स की बात करें तो वह साड़ी में काफी खूबसूरत लगती हैं. वहीं साड़ी के कलेक्शन की दिशा के पास ढ़ेरों भरमार है, जिसे वह फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं.

 

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डिशवौशर खरीदने से पहले जान लें ये 10 फायदे और नुकसान

आजकल डिशवौशर यानी बरतन धोने की मशीन का चलन बढ़ने लगा है. अगर आप की कामवाली न आए या आप के पास कामवाली न हो तो दोनों ही स्थितियों में यह बड़े काम की चीज है. कितनी तरह के डिशवौशर मुख्य रूप से 2 तरह के होते हैं- पहला फ्री स्टैंडिंग जिसे स्वतंत्र रूप से अलग से लगा सकते हैं और दूसरा- बिल्ट इन जिसे किचन काउंटर के नीचे स्थाई रूप से लगा सकते हैं. बिल्ट इन डिशवौशर लगाना ज्यादा सुविधाजनक रहता है.

आमतौर पर डिशवौशर 12 से 16 प्लेस सैटिंग के होते हैं. भारत में ज्यादातर 12 प्लेस सैटिंग वाली मशीनें मिलती हैं. एक प्लेस सैटिंग का मतलब 1-1 बड़ी डिनर प्लेट व नाश्ता प्लेट, बाउल, गिलास, चाय या कौफी कप व प्लेट, छुरी, फोर्क और 2-2 चम्मच और सलाद फोर्क लोड कर सकते हैं. इस के अलावा कुछ खाली जगह होती है, जिस में कुकिंग पौट्स भी रख सकते हैं.

भारतीय बाजार में डिशवौशर

भारत में सीमेंस, व्हर्लपूल, एलजी और आईएफबी ब्रैंड के डिशवौशर उपलब्ध हैं, जिन की कीमत लगभग ₹26 हजार से ₹40 हजार के बीच है. फिलहाल आईएफबी ब्रैंड का मार्केट शेयर सर्वाधिक है और इस की कीमत भी औरों से कम है. 2017 में डिशवौशर की मार्केट 300 लाख डौलर की थी यानी करीब ₹210 करोड़ की.

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डिशवौशर लगाने से पहले

डिशवौशर की 4 आवश्यकताएं हैं- रखने की जगह, बिजली की उपलब्धता, पानी की सप्लाई और निकास की व्यवस्था. आमतौर पर डिशवौशर 24’×24’ का होता है और इस की ऊंचाई 35 इंच होती है और इस में एडजस्टेबल लैग्स होती हैं.

आजकल मौड्यूलर किचन का चलन बढ़ रहा है और इस में बिल्ट इन डिशवौशर आसानी से लगाया जा सकता है. जिन का अपना घर है या जो नया बनवा रहे हैं उन के लिए बिल्ट इन मौडल उत्तम है. जब आप को घर छोड़ना होता है तो फ्री स्टैंडिंग डिशवौशर को आसानी से अपने साथ ले जा सकते हैं और लगाने या हटाने में तोड़फोड़ की भी जरूरत नहीं पड़ती है. पुरानी किचन में डिशवौशर लगाने के लिए कुछ तोड़फोड़ करनी पड़ेगी. काउंटर के नीचे पर्याप्त जगह बना कर वहां तक पानी की सप्लाई और निकासी की व्यवस्था करनी होगी.

डिशवौशर के बारे में गलतफहमी

डिशवौशर के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है. मिथ है कि इस में बिजली और पानी ज्यादा खर्च होता है, जबकि ऐसा नहीं है. हां, शुरू में खर्च कुछ ज्यादा होगा. आम धारणा है कि इस के लिए विशेष किचन प्लान चाहिए पर आजकल जो अपार्टमैंट्स बन रहे हैं उन में मौड्यूलर किचन होती हैं और उन में डिशवौशर आराम से लग सकता है. इस में सिर्फ डिश ही नहीं धुलती हैं, बल्कि अलगअलग तरह के कुकिंग पौट्स भी धुलते हैं.

सैटिंग्स

आप का डिशवौशर औटोमैटिक है. एक बार बरतन सजा कर अपना साइकिल चुन कर औन करने पर यह बरतनों की सफाई के बाद स्वयं बंद हो जाएगा. आमतौर पर 4 वाश प्रोग्राम होते हैं. इन में डिलेड स्टार्ट की सुविधा भी है यानी आप चाहें तो इसे अपनी सुविधा के अनुसार 2, 4 घंटे या इस से ज्यादा समय बाद भी औन होने वाला प्रोग्राम चुन सकते हैं. इस में चाइल्ड सेफ्टी लौक का भी प्रावधान है.

कुछ मौडल्स में ऐक्वा और लोड सैंसर्स भी होते हैं, जो पानी और बिजली की बचत करते हैं. ऐक्वा सैंसर बरतनों में लगी गंदगी के अनुसार पानी लेता है. लोेड सैंसर मशीन के लोड के अनुसार पानी का तापमान और वाशिंग टाइम चुनता है.

डिशवौशर से लाभ

1. सुविधाजनक

डिशवौशर की सब से बड़ी खासीयत यह है कि यह सुविधाजनक है और इस में समय की बचत है. बरतनों की सफाई के लिए ज्यादा समय तक सिंक के पास खड़े रहने की जरूरत नहीं है. फिर किचन ऐलिगैंट भी दिखेगी.

अगर कामवाली पर निर्भर न रहना हो और उस के नखरों से बचना है तो यह बहुत अच्छा है. वैसे भी शहरों में और गेटेड अपार्टमैंट्स में काम करने वाली बाइयों का रेट दिनबदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में डिशवौशर में इनवैस्ट करना ठीक होगा.

2. बिजली और पानी

आजकल के डिशवौशर पानी और बिजली की खपत के मामले में इकोनौमिकल होते हैं. साधारणतया एक इकोनौमिक वाश साइकिल में करीब 1 यूनिट बिजली की खपत होती है. अगर बरतन जल्दी सुखाने के लिए हीटर चलाएंगे तो 2 यूनिट प्रति वाश खपत हो सकती हैं यानी खपत भी 8-10 लिटर प्रति वाश साइकिल होती है, जबकि हैंड वाश करने से इस से बहुत ज्यादा पानी खर्च होता है.

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3. सिर्फ डिशेज ही नहीं धोता

डिशवौशर सिर्फ डिश ही नहीं धोता. इस में आप किचन में काम आने वाले लगभग सभी बरतन धो सकते हैं. ध्यान रखें कि आप के प्लास्टिक, शीशे और चीनीमिट्टी के बरतन डिशवौशर सेफ हों. अकसर ऐसे बरतन बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट पर ऐसा लिख देती हैं.

4. डिशवौशर की लोडिंग

डिशवौशर निर्माता अपनी पुस्तिका में वाशर को लोड करने का सही तरीका सचित्र समझा देते हैं. उन के निर्देश के अनुसार बरतनों को लोड करने से समय की बचत और लोडिंग एवं अनलोडिंग में सुविधा होगी. डिश व अन्य बरतनों को उलट कर रखें ताकि पानी की तेज धार गंदी सतह पर पड़े और बरतन अच्छी तरह साफ हों.

5. गरम पानी का इस्तेमाल

अगर गरम पानी उपलब्ध है तो आप के पास हौट वाटर का विकल्प है. वाशर चलाने से पहले अपने किचन सिंक में गरम पानी का नल खोल दें. जब गरम पानी आने लगे तो फिर उसे बंद कर दें. इस के बाद वाशर में गरम पानी जाने दें. ऐसा करने से वाशर ठंडे पानी से धोना न स्टार्ट कर सीधे गरम पानी से धोएगा.

6. प्रीवाश जरूरी नहीं

अकसर निर्माता प्रीवाश करने की सलाह देते हैं पर ऐसा करना जरूरी नहीं है. इस में समय, बिजली और पानी की बरबादी होती है. वाशर को लोड कर रिंस ओनली साइकिल चुन सकते हैं.

7. सफाई

डिशवौशर की समयसमय पर सफाई करनी चाहिए. ऊपरी रैक के मध्य में एक कप में आधा कप सफेद सिरका डाल कर मशीन चलाने से मशीन साफ होगी और बदबू भी दूर होगी. इस के अलावा वाशर के फिल्टर की सफाई करते रहना चाहिए ताकि ड्रेन लाइन चोक न हो.

8. कुछ बरतन हाथ से धोएं

जो बरतन डिशवौशर सेफ न हों उन्हें हाथ से ही धोएं. इस के अलावा कौपर और ऐल्यूमिनियम के बरतनों का रंग खराब हो सकता है. लकड़ी के बरतनों के क्रैक होने की संभावना रहती है.

फुली इंटेग्रीटेड डिशवौशर लगाएं: आप का डिशवौशर स्टैंड अलोन भी हो सकता है

पर इंटेग्रीटेड वाशर ही बेहतर होता है. यह

आप के किचन स्लैब के नीचे एक लैवल में

होगा और उस का औपरेटिंग पैनल आप के

सामने होगा. वाशर का डे्रन किचन के ड्रेन से मिला होगा.

9. डिशवौशर की कुछ कमियां

– डिशवौशर के चलते समय कुछ शोर होता है.

– सभी प्रकार के बरतनों को नहीं धोता. सिर्फ उन्हीं बरतनों को धो सकता है जो डिशवौशर सेफ हों.

– इस के लिए खास तरह के डिटर्जैंट का इस्तेमाल करना होता है.

– खाना पकाने या खाने के बाद ज्यादा सूखे बरतन डालने पर यह उन्हें ठीक से साफ नहीं कर पाता है.

– इस में बरतन रखते समय सावधानी बरतनी होती है अन्यथा शीशे के बरतन टूट सकते हैं.

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परख: प्यार व जुनून के बीच क्यों डोल रही थी मुग्धा की जिंदगी

Serial Story: परख (भाग-3)

‘‘समझ गया, इसीलिए तुम मुझे देख कर प्रसन्न नहीं हुईं. नई दुनिया जो बसा ली है तुम ने. तुम तो सात जन्मों तक मेरी प्रतीक्षा करने वाली थीं, पर तुम तो 7 वर्षों तक भी मेरी प्रतीक्षा नहीं कर सकीं. सुनो मुग्धा, कहीं चल कर बैठते हैं. मुझे तुम से ढेर सारी बातें करनी हैं. अपने बारे में, तुम्हारे बारे में, अपने भविष्य के बारे में.’’ ‘‘पता नहीं प्रसाद, तुम क्या कहना चाह रहे हो. मुझे नहीं याद कि मैं ने तुम्हारी प्रतीक्षा करने का आश्वासन दिया था. आज मुझे मां के साथ शौपिंग करनी है. वैसे भी मैं इतनी व्यस्त हूं कि कब दिन होता है, कब रात, पता ही नहीं चलता,’’ मुग्धा ने अपनी जान छुड़ानी चाही. जब तक प्रसाद कुछ सोच पाता, मुग्धा कैब में बैठ कर उड़नछू हो गई थी.

‘‘क्या हुआ?’’ बदहवास सी मुग्धा को कैब में प्रवेश करते देख सहयात्रियों ने प्रश्न किया. ‘‘पूछो मत किस दुविधा में फंस गई हूं मैं. मेरा पुराना मित्र प्रसाद लौट आया है. रोज यहां खड़े हो कर कहीं चल कर बैठने की जिद करता है. मैं बहुत डर गई हूं. तुम ही बताओ कोई 3 वर्षों के लिए गायब हो जाए और अचानक लौट आए तो उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है.’’

‘‘समझा, ये वही महाशय हैं न जिन्होंने पार्टी में सब के सामने तुम्हें थप्पड़ मारा था,’’ उस के सहकर्मी अनूप ने जानना चाहा था. ‘‘हां. और गुम होने से पहले हमारी बोलचाल तक नहीं थी. पर अब वह ऐसा व्यवहार कर रहा है मानो कुछ हुआ ही नहीं था,’’ मुग्धा की आंखें डबडबा आई थीं, गला भर्रा गया था.

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‘‘तुम से वह चाहता क्या है?’’ अनूप ने फिर प्रश्न किया, कैब में बैठे सभी सहकर्मियों के कान ही कान उग गए. ‘‘पता नहीं, पर अब मुझे डर सा लगने लगा है. पता नहीं कब क्या कर बैठे. पता नहीं, ऐसा मेरे साथ ही क्यों होता है?’’

मुग्धा की बात सुन कर सभी सहकर्मियों में सरसरी सी फैल गई. थोड़ी देर विचारविमर्श चलता रहा. ‘‘मुग्धा तुम्हारा डर अकारण नहीं है. ऐसे पागल प्रेमियों से बच कर रहना चाहिए. पता नहीं, कब क्या कर बैठें?’’ सब ने समवेत स्वर में अपना डर प्रकट किया.

‘‘मेरे विचार से तो मुग्धा को इन महाशय से मिल लेना चाहिए,’’ अनूप जो अब तक सोचविचार की मुद्रा में बैठा था, गंभीर स्वर में बोला. ‘‘अनूप, तुम ऐसा कैसे कर सकते हो. बेचारी को शेर की मांद में जाने को बोल रहे हो,’’ मुग्धा की सहेली मीना बोली.

‘‘यह मत भूलो कि 3 वर्षों तक मुग्धा स्वेच्छा से प्रसाद से प्रेम की पींगें बढ़ाती रही है. मैं तो केवल यह कह रहा हूं विवाह से पहले ही इस पचड़े को सुलझाने के लिए प्रसाद से मिलना आवश्यक है. कब तक डर कर दूर भागती रहेगी. फिर यह पता लगाना भी तो आवश्यक है कि प्रसाद बाबू इतने वर्षों तक थे कहां. उसे साफ शब्दों में बता दो कि तुम्हारी शादी होने वाली है और वह तुम्हारे रास्ते से हट जाए.’’ ‘‘मैं ने उसे पहले दिन ही बता दिया था ताकि वह यह न समझे कि मैं उस की राह में पलकें बिछाए बैठी हूं,’’ मुग्धा सिसक उठी थी.

‘‘मैं तो कहती हूं सारी बातें परख को बता दे. जो करना है दोनों मिल कर करेंगे तो उस का असर अलग ही होगा,’’ मीना बोली तो सभी ने स्वीकृति में सिर हिला कर उस का समर्थन किया. मुग्धा को भी उस की बात जंच गई थी. उस ने घर पहुंचते ही परख को फोन किया.

‘‘क्या बात है? आज अचानक ही हमारी याद कैसे आ गई,’’ परख हंसा. ‘‘याद तो उस की आती है जिसे कभी भुलाया हो. तुम्हारी याद तो साए की तरह सदा मेरे साथ रहती है. पर आज मैं ने बड़ी गंभीर बात बताने के लिए फोन किया है,’’ मुग्धा चिंतित स्वर में बोली.

‘‘अच्छा, तो कह डालो न. किस ने मना किया है.’’ ‘‘प्रसाद लौट आया है,’’ मुग्धा ने मानो किसी बड़े रहस्य पर से परदा हटाया.

‘‘कौन प्रसाद? तुम्हारा पूर्व प्रेमी?’’ ‘‘हां, वही.’’

‘‘तो क्या अपना पत्ता कट गया?’’ परख हंसा. ‘‘कैसी बातें करते हो? यह क्या गुड्डेगुडि़यों का खेल है? हमारी मंगनी हो चुकी है. वैसे भी मुझे उस में कोई रुचि नहीं है.’’

‘‘यों ही मजाक कर रहा था, आगे बोलो.’’‘‘मैं जब औफिस से निकलती हूं तो राह रोक कर खड़ा हो जाता है, कहता है कि कहीं बैठ कर बातें करते हैं. मैं कैब चली जाने की बात कह कर टालती रही हूं पर अब उस से डर सा लगने लगा है.’’

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‘‘पर इस में डरने की क्या बात है? प्रसाद से मिल कर बता दो कि तुम्हारी मंगनी हो चुकी है. 2 महीने बाद विवाह होने वाला है. वह स्वयं समझ जाएगा.’’ ‘‘वही तो समस्या है. वह बातबात पर हिंसक हो उठता है. कह रहा था मुझे उस की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी. तुम 2 दिन की छुट्टी ले कर आ जाओ. हम दोनों साथ ही मिल लेंगे प्रसाद से,’’ मुग्धा ने अनुनय की.

‘‘यह कौन सी बड़ी बात है. तुम ने बुलाया, हम चले आए. मैं तुम से मिलने आ रहा हूं. मैं प्रसाद जैसे लोगों की परवा नहीं करता. पर तुम डरी हुई हो तो हम दोनों साथ में उस से मिल लेंगे और सारी स्थिति साफ कर देंगे,’’ परख अपने चिरपरिचित अंदाज में बोला.

मुग्धा परख से बात कर के आश्वस्त हो गई. वैसे भी उस ने परख को अपने बारे में सबकुछ बता दिया था जिस से विवाह के बाद उसे किसी अशोभनीय स्थिति का सामना न करना पड़े.मुग्धा और परख पहले से निश्चित समय पर रविवार को प्रसाद से मिलने पहुंचे. कौफी हाउस में दोनों पक्ष एकदूसरे के सामने बैठे दूसरे पक्ष के बोलने की प्रतीक्षा कर रहे थे. ‘‘आप मुग्धा से विचारविमर्श करना चाहते थे,’’ आखिरकार परख ने ही मौन तोड़ा.

‘‘आप को मुग्धा ने बताया ही होगा कि हम दोनों की मंगनी हो चुकी है और शीघ्र ही हम विवाह के बंधन में बंधने वाले हैं,’’ परख ने समझाया. ‘‘मंगनी होने का मतलब यह तो नहीं है कि मुग्धा आप की गुलाम हो गई और अपनी इच्छा से वह अपने पुराने मित्रों से भी नहीं मिल सकती.’’

‘‘यह निर्णय परख का नहीं, मेरा है, मैं ने ही परख से अपने साथ आने को कहा था,’’ उत्तर मुग्धा ने दिया. ‘‘समझा, अब तुम्हें मुझ से अकेले मिलने में डर लगने लगा है. मुझे तो आश्चर्य होता है कि तुम जैसी तेजतर्रार लड़की इस बुद्धू के झांसे में आ कैसे गई. सुनिए महोदय, जो भी नाम है आप का, मैं लौट आया हूं. मुग्धा को आप ने जो भी सब्जबाग दिखाए हों पर मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं. वह तुम्हारे साथ कभी खुश नहीं रह सकती. वैसे भी अभी मंगनी ही तो हुई है. कौन सा विवाह हो गया है. भूल जाओ उसे. कभी अपनी शक्ल देखी है आईने में? चले हैं मुग्धा से विवाह करने, ’’ प्रसाद का अहंकारी स्वर देर तक हवा में तैरता रहा.

‘‘एक शब्द भी और बोला प्रसाद, तो मैं न जाने क्या कर बैठूं, तुम परख का ही नहीं, मेरा भी अपमान कर रहे हो,’’ मुग्धा भड़क पड़ी. ‘‘मेरी बात भी ध्यान से सुनिए प्रसाद बाबू, पता नहीं आप स्वयं को कामदेव का अवतार समझते हैं या कुछ और, पर भविष्य में मुग्धा की राह में रोड़े अटकाए तो मुझ से बुरा कोई नहीं होगा. चलो मुग्धा, यह इस योग्य ही नहीं है कि इस से कोई वार्त्तालाप किया जा सके,’’ परख उठ खड़ा हुआ.

पलक झपकते ही दोनों प्रसाद की आंखों से ओझल हो गए. देर से ही सही, प्रसाद की समझ में आने लगा था कि अपना सब से बड़ा शत्रु वह स्वयं ही था. बाहर निकलते ही मुग्धा ने परख का हाथ कस कर थाम लिया. उसे पूरा विश्वास हो गया था कि उस ने परख को परखने में कोई भूल नहीं की थी.

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