Serial Story: मैं स्वार्थी हो गई थी (भाग-3)

लेखिका- रत्ना पांडे

वह कुछ बोले, उस से पहले वसुंधरा ने ही बोल दिया, “बिलकुल चुप रह बसंती, सालों से तेरी बकबक सुन रही हूं, आज तुझे मेरी पूरी बात सुननी होगी. तुझे क्या लगता है, मेरी बहू खराब है, वह मेरा खयाल नहीं रखती या औफ़िस में आराम करने जाती है. आज उसी की वजह से मैं ठीक हो पाई हूं. नौकरी के साथ ही वह अपने घर की पूरी जिम्मेदारियां उठाती है. मेरा इतना खयाल रखती है कि मुझे कभी बेटी की कमी महसूस ही नहीं होती. आज उस की वजह से बच्चे इतने बड़े स्कूल में पढ़ रहे हैं. घर में हर सुखसुविधा है, दोदो कारें हैं, कामवाली है. यहां तक कि मेरी देखभाल के लिए यह सरोज भी है, जो हर वक़्त मेरे पास रहती है जब तक अंजलि न आ जाए और हां, मुझे सिर्फ़ आधा घंटा ही अकेले रहना पड़ता है. अंजलि के जाने के आधे घंटे के अंदर ही सरोज आ जाती है.”

“सिर्फ़ उसी दिन गड़बड़ हो गई थी. अंजलि की ख़ास मीटिंग थी, इसलिए औफ़िस से वह फोन नहीं कर पाई, वरना जाते ही उस का फोन आ जाता है, मां, सरोज आ गई न. किंतु उस दिन सरोज की साइकिल पंचर हो गई, इसलिए उसे देर हो गई. मेरी भी तबीयत उसी दिन बिगड़ गई. उस दिन मैं ने ही अंजलि से कहा था कि बाहर से ताला लगा दे बेटा, मैं सो रही हूं, सरोज ताला खोल कर ख़ुद ही अंदर आ जाएगी.”

“बसंती, तुझे क्या लगता है, तू ठीक कर रही है कामिनी के साथ. इतनी पढ़ीलिखी, होशियार लड़की ले कर आई है, उसे घर में कैद कर रखा है. तू क्यों उसे उस की जिंदगी जीने नहीं देती? क्यों अपनी इच्छाओं को उस पर लाद रही है? उस के उज्ज्वल भविष्य को क्यों बरबाद कर रही है? तुझे क्या लगता है, कामिनी बहुत खुश है? मैं ने उस की आंखों में हमेशा दर्द देखा है, जो तुझे कभी दिखाई नहीं देता. तुझे हमेशा तू ही सही लगती है, कोई और लड़की होती तो तेरी एक न सुनती, अपनी मरजी से नौकरी ढूंढ कर चली जाती. अरे, आजकल की लड़कियां तो अपने साथ बेटे का तबादला तक करवा लेती है ताकि सासससुर के साथ रहना न पड़े.

“लेकिन, कामिनी वैसी लड़की नहीं है. तू तो समय की बलवान है जो तुझे कामिनी जैसी बहू मिली है. हमें यदि अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए कुछ देर अकेले रहना पड़े, थोड़ाबहुत त्याग करना पड़े, अपने ही घर की जवाबदारी में हाथ बंटाना पड़े, तो उस में गलत क्या है बसंती? बच्चे भी हमारे ही तो हैं, बहू भी हमारी बेटी ही तो है, फ़िर ऐसा भेदभाव क्यों? बसंती, तुझे सोचना होगा कि तू जो कर रही है, वह गलत है.

“एक बार सोच बसंती, हम अपनी ज़िंदगी में कुछ भी नहीं कर सके. हम भी पढ़ेलिखे थे. इस बात का दुख आज भी मन को शूल की तरह चुभता है. लेकिन वह और ज़माना था, आज का दौर कुछ और है. आज हम से कहीं ज्यादा पढ़ीलिखी लड़कियां हैं और समय भी तो बदल गया है न बसंती. आज और कल के फ़र्क को एक अकेले की कमाई से पूरा नहीं किया जा सकता. पतिपत्नी दोनों को कंधे से कंधा मिला कर काम करना पड़ता है. हम अपने स्वार्थ के लिए उन का रास्ता नहीं रोक सकते.”

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वसुंधरा की बातें सुनतेसुनते बसंती की आंखों से आंसू की बूंदें टपटप कर के गिर रही थीं.

वसुंधरा ने उस का हाथ अपने हाथों में ले कर प्यार से कहा, “बसंती, सोच, सही सोच, अभी भी ज़्यादा देर नहीं हुई है, इंसान चाहे तो बिगड़ी बात ज़रूर बन सकती है.”

बसंती ने चश्मा उतार कर अपने आंसू पोंछे और उठ कर खड़ी हो गई, “मैं जा रही हूं वसु, मुझे देर हो रही है,” इतना कह कर बसंती चली गई.

वसुंधरा सोच रही थी, ‘मैं ने कुछ ज़्यादा तो नहीं कह दिया, बसंती को बुरा तो नहीं लग गया होगा.’ इतने में अंजलि भी आ गई. तब वसुंधरा ने अंजलि को सारी बात बताई.

अंजलि ने कहा, “ठीक ही तो है मां, आप ने ठीक किया. बसंती ताई को समझाना बहुत ज़रूरी था. उन्हें समझना ही होगा, तभी कामिनी का जीवन सुखी होगा.”

बसंती घर पहुंचते ही सोफे पर जा कर बैठ गई. उसे देख कर कामिनी तुरंत ही उस के पास आ कर बैठ गई और पूछने लगी, “मम्मी, कैसी हैं वसु आंटी? इतना पूछतेपूछते ही कामिनी ने बसंती की रोई हुई आंखों को पहचान लिया. क्या हुआ मम्मी, आप की आंखें ऐसी क्यों लग रही हैं? वसु आंटी ठीक हैं न?”

बसंती फफकफफक कर रो पड़ी और कामिनी को अपनी बांहों में भर लिया. वह बहुत देर तक रोती रही, कुछ बोल ही नहीं पा रही थी.

कुछ देर में जब वह सामान्य हुई, तब कामिनी से बोली, “बेटा, आज मेरी आंखें खुल गई हैं, सब से पहले तो मैं तुझ से माफ़ी मांगती हूं. मुझे माफ़ कर दे कामिनी बेटा. मैं ने तुम्हारे पांव में ज़ंजीर बांध रखी थी. मैं तुम्हारे भविष्य के आड़े आ गई थी. कुछ देर तो अवश्य ही हो गई है, पर बहुत देर नहीं हुई न कामिनी?”

“मम्मी, आप यह क्या बोल रही हैं? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और मुझ से माफी क्यों मांग रही हैं आप?”

“कामिनी बेटा, मैं चाहती हूं, तुम भी नौकरी करो, तुम भी अपनी ज़िंदगी अपने मुताबिक ही जियो. हमारे बच्चे भी हर सुख उठा सकें और सचिन को भी मदद मिल सके. हमारे घर के सामने भी एक कार खड़ी हो. कामिनी बेटा, मैं स्वार्थी हो गई थी, मैं अपने लिए ही सोचती रही. मैं ने बहुत बड़ी गलती कर दी है, लेकिन आज वसुंधरा ने मेरी आंखें खोल दीं. अब मैं वसु से तभी मिलूंगी जब मिठाई ले कर उस के घर जाऊंगी.”

इतना सुनते ही कामिनी को मानो दुनिया की सब से बड़ी ख़ुशी मिल गई. उस ने झुक कर बसंती के पांव छुए. उस की आंखें अश्कों से भीग गई थीं, किंतु वे दुख के नहीं, ख़ुशी के मोती बनकर टपक रहे थे. कामिनी को बसंती ने सीने से लगा लिया. बसंती के दिमाग से एक गलत धारणा के निकलने से पूरे घर में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.

वसुंधरा रोज़ बसंती की रास्ता देखती रही. वह जानती थी बसंती ज़रूर वापस आएगी, किंतु खाली हाथ नहीं मिठाई और कामिनी की नौकरी की खबर ले कर.

कुछ ही सप्ताह में कामिनी को नौकरी मिल गई. बसंती, सचिन और कामिनी मिठाई ले कर सब से पहले वसुंधरा के घर आए. बसंती के हाथों में मिठाई का डब्बा और कामिनी के चेहरे की ख़ुशी देख कर वसुंधरा बिना सुने ही सबकुछ समझ गई. बसंती ने मिठाई का टुकड़ा निकाल कर अपने हाथों से वसुंधरा को खिलाया और उस के गले लग गई. वसुंधरा ने भी उसे प्यार से अपनी ओर खींच लिया. आज दोनों सहेलियों के इस पुनर्मिलन में न जाने कितनी ख़ुशियां, कितनी समझदारी, कितना त्याग, कितना प्यार और अपने परिवार का कितना हित छिपा हुआ था.

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उस दिन बसंती कुछ न कह पाई थी जब वसुंधरा उसे समझा रही थी. लेकिन आज कुछ ख़ुशी और कुछ बहते हुए आंसुओं के साथ बसंती के मुंह से जो पहला वाक्य निकला, वह था, “वसु, मैं स्वार्थी हो गई थी.”

Yippee Noodles: मजा लें नूडल्स पकौड़ों का

बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा पॉपुलर डिश नूडल्स पकौड़ा है. ये बहुत ही क्रिस्पी और स्वादिष्ट स्नैक्स है जिसे आप ब्रेकफास्ट या फिर टी टाइम में चाय के साथ बनाकर सर्व कर सकते है.

सामग्री

1.आधा कप बेसन

2.एक कप उबाले हुए यिप्पी नूडल्स

3.एक कप पतले टुकड़ो में कटी हुई बंदगोभी

4.एक कप लम्बे टुकड़ो में कटा हुआ प्याज

5.एक-दो हरी मिर्च बारीक कटी हुई

6. एक टुकड़ा अदरक,

7. आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर

8. आधा चम्मच धनियां पाउडर

9. दो-तीन चम्मच हरी धनियां

10.आधा चम्मच जीरा

11.दो पिंच हींग

12.दो चम्मच कार्न फ्लोर

13.एक पिंच बेकिंग पाउडर

14.स्वादानुसार नमक

ऐसे बनाएं

– सबसे पहले पकोड़ों के लिये बेसन का घोल तैयार करें, घोल बनाने के लिये एक बड़े बाउल में बेसन और कॉर्न फ्लोर को निकाल लें और अब इसमें थोड़ा थोड़ा पानी डालकर पकोड़े जैसा गाढ़ा घोल बना लें.

– अब इस घोल में उबले हुये यिप्पी नूडल्स, बंदगोभी, प्याज,  हरी मिर्च, अदरक, जीरा, हींग, हरी धनियां, लाल मिर्च पाउडर, धनियां पाउडर, बेकिंग पाउडर और नमक को डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें जिससे सभी मसाले आपस में अच्छी तरह से मिल जाये.

– एक कढ़ाही में तेल डालकर गरम करने के लिये गैस पर रखें, जब तेल अच्छी तरह से गरम हो जाये तब गरम तेल में पकोड़ों के मिक्सचर पकोड़े का आकार बनाकर डाल दें, एक बार में कढ़ाही में 4-5 पकोड़े बनाकर डाल दें और गैस को मीडियम करके कलछी से पलट पलट कर सुनहरा होने तक तलें.

– गरमा-गरम नूडल्स पकौड़ों को सर्विंग प्लेट में निकाल कर चाय, कॉफी, टोमेटो सॉस या फिर हरे धनिए की चटनी के साथ सर्व करें और बारिश का मजा लें.

सलमान-माधुरी के लुक में दिखेंगे ‘कार्तिक-नायरा’, ऐसे होगी ‘गायू’ की गोद भराई

बीते दिनों सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में डबल रोल के ड्रामे ने फैंस का दिल जीत लिया था, जिसे फैंस ने भी काफी पसंद किया था. हालांकि शो के प्रोमो में नायरा और कार्तिक के बीच दूरियां भी देखने को मिली थीं. लेकिन हाल ही में नायरा और कार्तिक की फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें दोनों सलमान खान और माधुरी दीक्षित के एक फिल्म के सीन को रिक्रिएट करते नजर आएंगे. आइए आपको दिखाते हैं ये रिश्ता के अपकमिंग ट्विस्ट की झलक…

माधुरी बनी शिवांगी तो सलमान बने मोहसिन

सोशल मीडिया पर वायरल फोटोज में ‘हम आपके हैं कौन’ फिल्म में माधुरी दीक्षित की तरह शिवांगी जोशी भी अपकमिंग एपिसोड में बैंगनी साड़ी पहने नजप आने वाली हैं, तो वहीं शिवांगी के इस लुक को मोहसिन खान एकटक निहारते हुए नजर आ रहे हैं.

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मोहसिन भी नही हैं कम


नायरा के माधुरी लुक को देख कार्तिक भी सलमान खान बने नजर आए, जिसमें उनका लुक नायरा की खूबसूरती को टक्कर दे रहा है. दरअसल, सीरियल में नायरा कार्तिक का ये लुक गायु की गोदभराई के लिए है, जिसके सेलिब्रेशन में फैंस को धमाकेदार ट्विस्ट देखने को मिलने वाला है.

बेबी बंप दिखाते हुए नजर आईं शिवांगी

 

नायरा यानी शिवांगी जोशी की बेबी बंप में एक फोटो तेजी से वायरल, जिसमें बेबी पिंक रंग की की एक खूबसूरत सी ड्रेस के साथ टियारा लगाए हुए भी नजर आई थीं. जहां एक तरफ कई लोग शिवांगी जोशी की तस्वीर की जमकर तारीफ की थी. वहीं लोगों को लगने लगा है कि ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के नायरा और कार्तिक के घर में एक बार फिर से नन्हा मेहमान आने वाला है.

 

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Shivi upcoming look 😍😍 @shivangijoshi18 . . . . . #yehrishtakyakehlatahai #nairakartik #kairaalove #shivangijoshi

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बता दें, लौकडाउन के बाद से सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में नए-नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. हालांकि दोनों के बीच दूरियों ने फैंस को काफी नाराज कर दिया था. लेकिन इन फोटोज से नायरा और कार्तिक के फैंस को काफी तसल्ली मिलने वाली हैं.

कोरोना काल: बच्चों में बढ़ता तनाव, डगमगाती परिवार की नाव

एक दिन 10 साल का नीरज अचानक अपनी मां से बोला, “मम्मी, मामा के घर चलते हैं.”

यह सुन कर उस की मम्मी ने समझाया, “बेटा, अभी कोरोना फैला हुआ है, इसलिए हम कहीं नहीं जा सकते.”

इतना सुनते ही नीरज एकदम बिफर गया और पैर पटकता हुआ चिल्लाने लगा, “क्या है… इतने दिन हो गए और हम कहीं नहीं गए हैं. बस घर पर रहो. न पार्क जाना है और न दोस्तों से मिलना है. थोड़ीथोड़ी देर में सैनेटाइजर से हाथ धोते रहो और जब घर से थोड़ा सा भी बाहर निकलो तो मुंह पर मास्क लगा कर रखो. खेलने जाना है तो बस छत पर…

“मैं अब पक गया हूं. जब आप से मोबाइल मांगता हूं तो पापा डांट देते हैं और खुद सारा दिन कानों में ईयरफोन लगा कर वैब सीरीज देखते रहते हैं.”

मार्च, 2020 के आखिरी दिनों से पूरा देश कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण के खतरे से जूझ रहा है. न जाने कितनी आबादी घरों में बंद है खासकर बच्चे तो जैसे घरों में कैद हो कर रह गए हैं. वे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, पार्क सूने हो गए हैं.

शुरूशुरू में तो बच्चों को ऐसा लगा था कि स्कूल बंद हो गए हैं तो अब मस्ती टाइम. पर धीरेधीरे उन्हें अहसास हो गया कि ये छुट्टियों के दिन नहीं हैं, बल्कि कर्फ्यू लगा है उन की मासूम अठखेलियों पर.

इसी का नतीजा यह रहा कि नीरज जैसे छोटे बच्चों के मन में कई नैगेटिव विचार आने लगे. यह एक गंभीर समस्या है और इस का असर उन की मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.

फिलहाल यह समस्या अपने पहले चरण में है, इसलिए बच्चों की झल्लाहट पर बड़ों को गुस्सा नहीं करना चाहिए, बल्कि वे उन्हें किसी न किसी तरह से रचनात्मक कामों के लिए प्रोत्साहित करें.

गैजेट बनते सहारा

कैमिकल लोचे की बात करें तो बड़े हों या बच्चे तनाव के चलते उन के हार्मोन में बदलाव होता है. लौकडाउन के चलते सब के रूटीन में बदलाव आ चुका है. बड़े तो किसी न किसी बहाने घर से बाहर भी हो आते हैं, पर बच्चे तो जैसे टैलीविजन के रिएलिटी शो ‘बिग बौस’ के प्रतिभागियों की तरह घर पर ही बंद हो कर रह गए हैं.

कोढ़ पर खाज यह है कि स्कूलों पर फिलहाल बच्चों के लिए ताला जड़ा है तो उन की पढ़ाई भी औनलाइन हो रही है, इसलिए पढ़ाई के अलावा वे मनोरंजन के लिए भी मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटौप या टैलीविजन का ही मुंह ताकते हैं. इस से उन की आंखों पर तो बुरा असर पड़ता ही है, मानसिक रूप से भी वे थक जाते हैं.

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अभी हमें यह बात समझ नहीं आ रही है, पर यह एक कड़वा सच है कि टैलीविजन पर कोरोना से जुड़ी नैगेटिव खबरों को सुनसुन कर बड़ों के साथसाथ बच्चों में भी तनाव बढ़ रहा है.

तो इस तनाव से उबरने का तरीका क्या है? ऐसे में सब से ज्यादा जरूरी है कि बच्चों को किसी भी तरह से नैगेटिव माहौल से बाहर निकाला जाए. उन्हें मोबाइल फोन से दूर रखने की कोशिश की जाए. उन्हें घर या छत पर ऐसे खेल खेलने के लिए प्रेरित करें, जिन में उन की कसरत हो जाए, खूब पसीना निकले. इस के अलावा उन्हें पेंटिंग करने, किताबें पढ़ने या कोई दूसरी कला से जोड़ें.

इन्होंने जो किया

भारतीय फुटबाल टीम की कप्तान रह चुकी सोना चौधरी के 2 बेटे हैं. इस कोरोना काल में वे दोनों बच्चे अपनी मम्मी का घर के काम में हाथ बंटाते हैं. किचन में कुछ न कुछ नया पकाते हैं, कविताएं लिखते हैं.

सोना चौधरी के 2 बेटे हैं. बड़ा बेटा सुजल 15 साल का है और 11वीं क्लास में पढ़ता है. 12 साल के छोटे बेटे का नाम व्योम है और वह 8वीं क्लास में पढ़ रहा है. दोनों को बुक राइटिंग का शौक है और वे 2-2 बुक्स लिख चुके हैं.

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सोना चौधरी ने बताया, “मैं दोनों बच्चों से घर के डस्टिंग जैसे काम कराती हूं और साथ में खुद भी करती हूं. उन्हें किचन में साथ लगाए रखती हूं. खाली समय में उन के साथ खेलती हूं.”

सोना चौधरी का मानना है, “आज लौकडाउन में बच्चों के व्यवहार में बदलाव आया है, इसलिए उन के मातापिता और टीचरों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. पहले समय में बच्चे स्कूल के साथसाथ अपने आसपास से सीखते थे, घर के काम से सीखते थे.

“आज कोरोना काल में बच्चों को घर पर प्रैक्टिकल कर के सीखने का मौका मिला है. औनलाइन क्लास ठीक हैं पर बच्चों को लाइफ लर्निंग के लिए बड़ों को अपने साथ रखना चाहिए. बड़े जो भी करें, उसे अपने बच्चों को भी दिखाएं और सिखाएं. यही हमारी स्किल प्रैक्टिस है. चीन जैसे देश में तो बच्चों को कम उम्र में ही स्किल प्रैक्टिस सिखा दी जाती है.

“बच्चों के हाथ में 24 घंटे गैजेट पकड़ाना भी समस्या का कोई हल नहीं है. उस से तो पहले बच्चे और बाद में आप खुद तनाव में आ जाएंगे.”

महिला कांग्रेस से जुड़ी और अपने वार्ड आया नगर की उपाध्यक्ष मधु गुप्ता के 2 बच्चे हैं. 10 साल की अग्रीमा और 7 साल का समन्वय. मधु गुप्ता ने बताया, “जहां एक ओर बच्चों की औनलाइन क्लास से उन का स्क्रीन टाइम बढ़ता है, आलस आता है और फिजिकल ऐक्टिविटी कम होने से नुकसान होता है, तो दूसरी ओर मैं कोरोना काल में बच्चों के घर रहने से इस समय को सकारात्मक तरीके से मैनेज कर रही हूं. मैं उन के साथ ज्यादा समय बिता रही हूं और घर के दूसरे काम सीखने में मदद कर रही हूं, जैसे डाइनिंग टेबल लगाना, खाने के बरतन किचन में रखना, अपनी अलमारी में कपड़े लगाना, रूम की क्लीनिंग करना आदि.

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“राजनीति में होने के साथसाथ में एक सोशल वर्कर भी हूं, तो रोज मुझे घर से बाहर निकलना होता है. ऐसे में मैं ने इस मुश्किल समय का प्रयोग करते हुए अपने बच्चों को कुछ अच्छी आदतें सिखा कर उन की और अपनी दिनचर्या को आसान बना लिया है.”

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पर हर घर में ऐसा नहीं हो पा रहा है. कोरोना के चलते बहुतों का रोजगार चला गया है. इस का उन की पारिवारिक जिंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है. बच्चे भी इस से अछूते नहीं हैं. लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरत कर बच्चों के तनाव को कम किया जा सकता है. इस के बावजूद अगर आप का बच्चा कुछ असामान्य हरकत कर रहा है तो डाक्टर से जरूर सलाह लें.

रक्षाबंधन पर ‘होने वाली भाभियों’ संग नजर आईं करीना कपूर, Photos Viral

रक्षाबंधन हो या कोई और त्योहार लोगों की निगाहें बौलीवुड स्टार्स पर रहती हैं. वहीं कोरोनावायरस के बीच बीते दिन भी बौलीवुड में राखी फेस्टिवल की धूम देखने को मिली. सोशलमीडिया पर वायरल फोटोज में बौलीवुड बहनें अपने भाइयों के साथ-साथ होने  वाली भाभियों संग नजर आईं. दरअसल हम बात एक्ट्रेस करीना कपूर की कर रहे हैं, जो बीते दिन अपनी भाभी यानी एक्ट्रेस आलिया भट्ट के साथ नजर आईं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

सोशलमीडिया पर शेयर की फोटोज

एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने अपने इंस्टाग्राम पर रक्षाबंधन के मौके पर एक फोटो शेयर की हैं, जिसमें अरमान जैन से लेकर आदर जैन और रणबीर कपूर के साथ-साथ रिद्धिमा कपूर साहनी नजर आ रही हैं. लेकिन इस फोटो में खास बात यह है है कि राखी की इस फोटो में करीना के भाई ही नहीं बल्कि उनकी होने वाली भाभियां यानी आलिया भट्ट और तारा सुतरिया भी नजर आ रही थीं, जो अपनी ड्रेसिंग स्टाइल से हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच रही थीं.

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लुक था खास

रक्षाबंधन के मौके पर करीना कपूर खान खूबसूरत मस्टर्ड कलर का प्लाजो सूट में नजर आईं, जिसे उन्होंने नो एक्सेसरीज लुक के साथ कम्पलीट किया. वहीं इस दौरान एक्ट्रेस तारा सुतरिया वाइट कलर के टैंक टॉप के साथ ओवरकोट के लुक में नजर आईं, जिसे उन्होंने डेनिम के साथ स्टाइल किया था. आलिया भट्ट भी हर बार की तरफ काफी खूबसूरत लुक में दिखाई दे रही थी. इस लंच पार्टी के लिए उन्होंने प्रिंटेड प्लाजो कुर्ता सेट पहना था, जिसके साथ मिनिमल मेकअप और खुले बाल उन पर काफी जंच रहे थे.

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बता दें, एक्ट्रेस आलिया भट्ट जहां रणबीर कपूर के साथ डेटिंग की खबरों के लिए सुर्खियों में रहती हैं तो वहीं तारा सुतारिया भी अपनी लव लाइफ को लेकर सोशलमीडिया पर सबका ध्यान खींचती नजर आती हैं.

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हुंडई ग्रैंड i10 Nios आखिर क्यों है बेस्ट कार

कस्टमर्स के बीच i10 Nios पॉपुलर होती जा रही है, क्यूंकि इसका लुक काफी अट्रैक्टिव है. वहीं स्टाइलिश डिजाइन के साथ ही यह अंदर से भी काफी आरामदायक है. यानी इस कार में वो सभी सुविधाएं मौजूद हैं जिसकी आपको ज़रूरत है.

तो जब Hyundai Grand i10 Nios आपको MakesYouFeelAlive का एहसास करवाती है तो अब इंतजार किस बात का है.

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राखी पर इमोशनल हुईं सुशांत की बहने, ऐसे किया भाई को याद

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की सुसाइड मिस्ट्री में नए-नए मोड़ देखने को मिल रहे हैं. लेकिन इसी बीच उनके परिवार का दर्द भी फैंस के सामने छलक रहा है. दरअसल बीते दिन रक्षाबंधन पर इकलौते भाई का इंतजार करती सुशांत की बहनों का दर्द फैंस के सामने देखने को मिला. सोशल मीडिया के जरिए सुशांत की बहनों ने अपना दर्द जाहिर किया, जिसे देखकर फैंस भी इमोशनल हो गए. आइए आपको दिखाते हैं किस तरह जाहिर किया सुशांत की बहनों ने अपना दर्द….

बड़ी बहन ने शेयर की कविता

सुशांत सिंह राजपूत की बड़ी बहन रानी ने एक इमोशनल कविता के जरिए अपना दर्द बयान करने की कोशिश की. रानी ने लिखा है कि, ‘गुलशन (सुशांत) मेरे बच्चे आज मेरा दिन है. आज तुम्हारा दिन है. आज हम भाई बहनों का दिन है. आज राखी का त्योहार है. पैंतीस साल के बाद ऐसा पहली बार होगा जब पूजा की थाल सजी रखी है दिया भी जल रहा है लेकिन जिसकी आरती होनी है वह हमारे साथ नहीं है. वो माथा नहीं है जिस पर कुमकुम और चंदन का टीका लगता था. न ही वो कलाई है जिस पर मैं राखी बांधा करती थी.’

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आगे रानी ने लिखा कि, ‘आज मेरे पास मेरा भाई नहीं है न ही वो मुंह है जो मेरा हाथ से मिठाई खाता था. वो माथा नहीं है जिसको मैं चूमती थी. न ही वो भाई है जिसको मैं अपने गले लगाती थी. सालों पहले जब तुम हमारे बीच आए थे तो हमारी जिंदगी रोशन हो गई थी. हर तरफ घर में उजाला ही उजाला था. अब तुम मेरे पास नहीं तो समझ नहीं आ रहा हा कि मैं क्या करुं.’

दूसरी बहन ने शेयर की फोटो

सुशांत सिंह राजपूत की दूसरी बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने भी सोशल मीडिया पर अपना दुख बयान करते हुए लिखा है, ‘भाई तुम कहां चले गए. एक बार लौट आओ. तुम्हारी बहुत याद आ रही है.’ वहीं श्वेता सिंह कीर्ति ने दूसरी पोस्ट में सुशांत सिंह राजपूत के बचपन की तस्वीर शेयर की है जिसमें सभी बहनें अपनी मां के साथ मिलकर भाई के राखी बांधती नजर आ रही हैं. वहीं इन पोस्ट पर एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे का भी रिएक्शन देखने को मिला है.

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बता दें, सुशांत सिंह राजपूत के केस में जहां मुंबई और बिहार पुलिस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है तो वहीं इस मामले में सीबीआई की मांग भी तेज हो गई है. हांलांकि अभी इसी केस को लेकर रिया चक्रवर्ती गायब नजर आ रही हैं.

कुदरती है जवान लड़कों के प्रति आकर्षण

देश का पोर्न साहित्य पढ़ें तो उस में बहुत से किस्से उन मालकिनों के होते हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों के साथ संबंध बनाए. आमतौर पर ये किस्से बनावटी लगते हैं पर पढ़ने वालों को मजा देते हैं. सवाल उठता है कि क्या सैक्स भूख वास्तव में इतनी होती है कि मालकिनें अपने कर्मचारियों को फुसलाने में लगी होती हैं? ऐसा ही एक मामला बैंगलुरु में उच्च न्यायालय के सामने आया.

42 साल की एक महिला ने अपने 27 साल के कर्मचारी पर बलात्कार का आरोप लगाया. मामला अश्लील किस्सों की तरह का है. पहले दोनों ने एक होटल में खाना खाया, शराब पी. फिर वे रात 11 बजे औफिस गए और सुबह औरत ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया. बलात्कार बलपूर्वक नहीं किया गया, कहा गया, शादी का झूठा वादा कर के किया गया.

भारतीय दंड संहिता कानून में वयस्क महिला के साथ यदि सैक्स संबंध जबरन न हों पर शादी का झूठा वादा कर के बनाया जाए तो उसे बलात्कार कहते हैं.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया तो अभियुक्त ने अदालत में जमानत की अर्जी दी. जैसा आमतौर पर हमारे देश की निचली अदालतों का रवैया है, जमानत नामंजूर कर दी गई. अभियुक्त उच्च न्यायालय में गया और गुहार लगाई कि संबंध सहमति से बने थे.

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कृष्णा दीक्षित ने उदारता दिखाते हुए जमानत दे दी और कहा कि जब बलात्कार 11 बजे रात को हुआ तो शिकायत उसी समय नहीं की गई और पीडि़ता का कहना है कि वह सो गई थी, समझ नहीं आता. हालांकि उन्होंने भारतीय स्त्री के चरित्र की गुहार लगाई कि बलात्कार के बाद हमारे यहां स्त्री इतनी नहीं थक सकती कि सो जाए.

असल मुद्दा यह है कि अधेड़ होतीं पर शरीर और मन से जवान औरतों को शारीरिक सुख अब और ज्यादा चाहिए होता है. पहले तो 40 की उम्र आने तक औरतों को कई बीमारियां घेर लेती थीं. बच्चे, घर संभालने और दूसरी समस्याओं में घिर जाने के कारण वे बदन से हार जाती थीं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है.

पुरुषों की तरह अब औरतें 50-60 साल तक की आयु में सैक्सुअली सक्रिय रहने लगी हैं और यह नई तरह की समस्याओं को जन्म दे रहा है. जो अकेली रह गई हैं या जिन के पति अति व्यस्त हो जाएं और बच्चे अगर हों, तो घोंसला छोड़ चुके हों, तो औरतों का खालीपन सिर्फ फोन कौल और किट्टी पार्टियों से दूर नहीं होता. विवाहित और अविवाहित, तलाकशुदा या विधवा सब को एक साथी की जरूरत महसूस होने लगती है और यह कमी आसानी से दूर नहीं होती.

औरतें आमतौर पर इस आयु में कोई पक्का और लंबा संबंध नहीं बनाना चाहतीं. वे चलाऊ संबंध चाहती हैं, जो जब मरजी चाहे तोड़ा जा सके. दिक्कत यह है कि इस के अवसर कम ही रहते हैं. कामकाजी औरतें बहुत व्यस्त रहती हैं और घरेलू औरतों के लिए घर की दहलीज कुछ रोमांचक करने से रोकती है. वे बेहद खालीपन और उस से पैदा होने वाले अवसाद में घिर जाती हैं, जो धर्म के नाम पर अपना पैसा लुटाने को तैयार हों, उन्हें तो कुछ राहत मिल जाती है पर बाकी अधूरी रह जाती हैं.

बैंगलुरु की इस औरत ने जो किया वह कुछ गलत था, ऐसा नहीं कहा जा सकता. यह प्राकृतिक आवश्यकता है, जिस पर समाज ने औरतों को काबू में रखने व बीमार रखने के लिए बंधन लगा दिए हैं.

अब सुंदर व चुस्त दिखने की इच्छा की आयु 30-35 साल में ही नहीं, 60-65 साल की उम्र में भी रहती है और यह स्वाभाविक है, बनावटी नहीं. हमारे देश में तो इसे पश्चिमी सभ्यता का दुष्परिणाम कह कर गाली दे कर दबा दिया जाता है पर असल में यह घुटन को जन्म देती है, जो दूसरे तरीकों से औरतों के व्यवहार में फूटती है और उन्हें बहूबेटी से इस अभाव का बदला लेने को उकसाना शुरू कर देती है.

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अदालतें या कानून इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. धार्मिक प्रवचन देने वाले इस समस्या को जानते हैं और इस से तन और उस के धन को हड़पते हैं, पर यह मौका भी हरेक को नहीं मिलता. जवान लड़कों के प्रति आकर्षण को अस्वाभाविक या घृणित नहीं समझा जाए, यह जरूरी है.

साबूदाने को खाने के फायदे जानकर  हैरान रह जायेंगे आप

छोटे –  छोटे सफ़ेद मोतियों की तरह दिखने वाले साबूदाने को लोग अक्सर व्रत में खाते हैं. काफी लोगों का मानना है की साबूदाने में कोई भी पोषक तत्व नहीं होते है . लेकिन सच्चाई तो ये है की साबूदाने से बनी हरी चीज़ स्‍वादिष्‍ट तो होती ही है पर  साथ साथ एनीमिया, बीपी, पेट से जुड़ी बीमारियों और अन्‍य बीमारियों को दूर करने में मददगार भी  होती है. यह सैगो पाम नाम के पेड़ के तने के गूदे से बनता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा तो ज्‍यादा होती है लेकिन फैट कम पाया जाता है. साबूदाने में भरपूर मात्रा में  आयरन, कैल्‍शियम, प्रोटीन और विटामिन होते  है. इसलिये आप केवल इसे  व्रत में ही नहीं बल्‍कि आम दिनों में भी खा सकते है .

आइये जानते है की साबूदाने में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते है –

पोषक तत्वों की मात्रा 100 gm साबूदाना में

• पानी  –  10.99 gm
• कैलोरी  –  358 kcal
• प्रोटीन  –  0.19 gm
• फैट  –  0.02 gm
• कार्बोहाइड्रेट  –  88.69 gm
• फाइबर  –  0.9 gm
•शुगर –  3.35 gm

मिनरल्स

• कैल्शियम  –  20 mg
• आयरन  –  1.58 mg
• मैग्नीशियम  –  1 mg
• फास्फोरस  –  7 mg
• पोटैशियम  –  11 mg
• सोडियम   –  1 mg
• जिंक  –  0.12 mg
• कॉपर  –  0.02 mg
• मैग्नीशियम  –  0.11 microgram
• सेलेनियम  –  0.8 microgram

विटामिन

• थायमिन  –  0.004 mg
• पैंटोथैनिक एसिड  –  0.135 mg
• विटामिन बी- 6  –  0.008 mg
• फोलेट  –  4 microgram
• कोलीन  –  1.2 mg
लिपिड
• फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड  – 0.005 gm
• फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड  –  0.005 gm
• फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड  –  0.003 gm

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 आइये जानते हैं साबूदाने के बेहतरीन फायदे –

1 –   वजन बढ़ाने में मददगार – 

आजकल की लाइफस्टाइल में अधिकतर लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान है पर कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें अपने अच्छे  स्वास्थ्य  के लिए वजन बढाने की आवश्यकता होती है.  ऐसे लोगों के लिए साबूदाना पर्फेक्‍ट है. साबूदाने में अच्छी मात्रा में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है .इसे खाने से वजन जल्‍दी बढ़ता है.
ये उन लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है जो  शाकाहारी  हैं और बॉडी बनाना चाहते हैं.ये उनके लिए  प्रोटीन का काम करेगा. बॉडी बनाने के अलावा यह शारीरिक शक्‍ति बढ़ाने में भी मददगार है.

2 –   हड्डियां को मजबूत करने में भी सहायक –

साबूदाने का एक फायदा यह भी है कि ये हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही शरीर को लचीला भी बनाता है. इसमें कैल्‍श्यिम, आयरन और विटामिन K  बहुत अच्छी मात्रा में होता है .जहाँ एक तरफ कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है वहीँ उसरी तरफ आयरन ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों के विकार को दूर करता है.

3 –  हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में – 

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में भी साबूदाना काफी लाभदायक होता है. इसमें पाया जाने वाला फाइबर प्लाज्मा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हाई ब्लड प्रेशर  को नियंत्रित करता है . इसके अलावा, साबूदाने में मौजूद पोटैशियम हृदय रोगों की समस्या को  भी दूर करने में आपकी मदद कर सकता  है.

4 –  शरीर में ब्लड की कमी को पूरा करने में सहायक –   

एनीमिया के लिए साबूदाने खाने के फायदे, अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो साबूदाना आपके लिए बेहतर आहार हो सकता है .साबूदाने में आयरन की अच्छी मात्रा पायी जाती है.ये आपके शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स बनाने में मदद करता है और ये आपके फेफड़ों से ऑक्सीजन को पूरे शरीर तक पहुंचाने में मदद करता है. इससे एनीमिया और इससे होने वाली परेशानी को दूर किया जा सकता है.

5-  मस्तिष्क के विकास के लिए –   

साबूदाना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद है. इसमें मस्तिष्क की कई परेशानियों को दूर करने के गुण होते हैं.  इसमें पाया जाने वाला फोलेट हर उम्र के लोगों के स्वस्थ दिमाग के लिए फायदेमंद होता है.

साबूदाने में पाया जाने वाला फोलिक एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स गर्भावस्था के समय गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी सहायक होता है.

6 –  पाचन के लिए –

साबूदाने में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो आपके पाचन तंत्र की functioning  को बेहतर करने में आपकी मदद करता है. ये कब्ज जैसी पेट की परेशानियों से बचाता है .अगर आपको डाइजेशन यानी कि पाचन और कॉन्‍स्‍टिपेशन यानी कि कब्‍ज़ की शिकायत  है तो आप साबूदाना का सेवन कर सकते हैं.

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ध्यान रहे –  

जहाँ एक  तरफ साबूदाना आपके लिए फायदेमंद होता है वहीँ दूसरी तरफ  इसका अधिक सेवन आपकी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है.

1 –  साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट अधिक  मात्रा में होता  है और अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन आपको डायबिटीज  का मरीज बना सकता है.

2 –  इसमें कैलोरी की मात्रा अच्छी होती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक होता है .वहीं इसके अधिक सेवन से आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं.

3 –  साबूदाने में कैल्शियम भी पाया जाता है. कैल्शियम के अधिक सेवन से किडनी स्टोन होने का डर हो सकता है.

पत्नी को डांट कर नहीं तर्क से मनाएं

आज यशी बहुत अपसेट थी. उसे मयंक का चिल्लाना नागवार गुजरा था. सुबहसुबह उसे डांट कर मयंक तो चला गया मगर यशी का पूरा दिन बर्बाद हो गया. न तो उसे किसी काम में मन लगा और न ही उस ने किसी के साथ बात की. वह चुपचाप अपने कमरे में बैठी आंसू बहाती रही.

शाम को जब मयंक ऑफिस से लौटा तो यशी की सूजी हुई आंखें उस के दिल का सारा दर्द बयां कर रही थी. यशी की यह हालत देख कर मयंक का दिल भी तड़प उठा. उस ने यशी से बात करनी चाही और उस का हाथ पकड़ कर पास में बिठाया तो वह हाथ झटक कर वहां से चली गई. रात में मयंक ने बुझे मन से खाना खाया. उधर मयंक के मांबाप भी अपने कमरे में कैद रहे.

रात में जब यशी कमरे में आई तो मयंक ने कहा,” यशी बस एक बार मेरी बात तो सुन लो.”

यशी ने एक नजर उस की तरफ देखा और फिर चुपचाप नजरें फेर कर वहीं पास में बैठ गई.

मयंक ने समझाने के अंदाज में कहा,” देखो यशी मैं मानता हूं कि मुझ से गलती हुई है. सुबह जब तुम ने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने की अपनी इच्छा जाहिर की तो मैं ने साफ मना कर दिया. तुम ने अपना पक्ष रखना चाहा और मैं तुम्हें डांट कर चला गया. यह गलत हुआ. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. अब मैं चाहता हूं कि हम इस विषय पर फिर से चर्चा करें. यशी पहले तुम अपनी बात कहो प्लीज.”

” मुझे जो कहना था कह चुकी और उस का जवाब भी मिल गया,” नाराजगी के साथ यशी ने कहा.

“देखो यशी ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हें आगे बढ़ते देखना नहीं चाहता या फिर मुझे यह पता नहीं है कि तुम्हें फैशन डिजाइनिंग का कितना शौक है. ”

“फिर तुम ने साफसाफ मना क्यों कर दिया मुझे ?” यशी ने सवाल किया.

” देखो यशी मेरे न कहने की वजह केवल यही है कि अभी कोर्स करने का यह सही समय नहीं है.”

” लेकिन मयंक सही समय कब आएगा ? बाद में तो मैं घरगृहस्थी में और भी फंस जाऊंगी न.” यशी ने पूछा.

” लेकिन यशी तुम यह मत भूलो कि अभी बड़ी भाभी प्रेग्नेंट है और भाभी की अपनी मां भी जिंदा नहीं है. ऐसे में मेरी मां को ही उन्हें संभालने जाना होगा. नए बच्चे के आने पर बहुत सी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. भाभी अकेली वह सब संभाल नहीं पाएंगी. इसलिए मम्मी को कुछ महीने उन के यहां रहना पड़ सकता है.”

” हां यह तो मैं ने सोचा नहीं.”

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मयंक ने आगे समझाया,” देखो यशी हम दोनों को भी अब बेबी प्लान करना है. हमारी उम्र इतनी है कि अभी बेबी के आने का सब से अच्छा समय है”

” हाँ वह तो है.” शरमाते हुए यशी ने हामी भरी.

” फिर सोचो यशी अभी तुम्हारे पास कोई नया कोर्स ज्वाइन करने का वक्त कहां है ? भाभी की डिलीवरी के बाद जब मां यहां नहीं रहेंगी तो तुम अकेली सब कुछ कैसे संभालोगी ? तुम अपनी पढ़ाई को उतना समय नहीं दे पाओगी जितना जरूरी है. फिर जब तुम खुद प्रेग्नेंट रहोगी तब भी पढ़ाई के साथ सब कुछ संभालना बहुत मुश्किल होगा.”

” तो क्या मैं यह सपना कभी पूरा नहीं कर पाऊंगी?”

“ऐसा नहीं है यशी. फैशन डिजाइनिंग कोर्स तो कभी भी किया जा सकता है. ऐसा तो है नहीं कि तुम्हारी उम्र निकल जाएगी. चारपांच साल घरगृहस्थी को देने के बाद फिर आराम से कोर्स करना और डिज़ाइनर बन जाना. तब तक बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाएगा तो मां उसे आराम से संभाल लेंगी. तब निश्चिंत हो कर तुम यह पढ़ाई कर सकोगी. तब तक घर में रह कर ही अपने हुनर को निखारने का प्रयास करो. नएनए एक्सपेरिमेंट्स करो और डिजाइनर कपड़े तैयार करो. तुम्हारा एक आधार भी बन जाएगा और मन का काम भी कर सकोगी.”

यह सब सुनने के बाद अचानक यशी मयंक के गले लगती हुई बोली,” सॉरी मयंक मैं तुम्हें समझ नहीं पाई. तुम्हारा कहना सही है. मैं ऐसा ही करूंगी.”

अब जरा इस घटना पर गौर करें. मयंक यदि अपनी पत्नी यशी को इस तरह समय रहते समझाता नहीं और तर्क के साथ अपनी बात न रखता तो पतिपत्नी के बीच का तनाव लंबे समय तक यूं ही कायम रहता. धीरेधीरे इस तरह के छोटेछोटे तनाव ही रिश्तों में बड़ी दरारें पैदा करती हैं.

जरूरी है कि पति अपनी पत्नी को डांटने के बजाय तर्क से समझाने का प्रयास करें. इस से पत्नी बात अच्छी तरह समझ भी जाएगी और उसे बुरा भी नहीं लगेगा. घर भी लड़ाई का अखाड़ा बनने से बच जाएगा.

पतियों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी विषय पर जब पत्नी के साथ आप सहमत नहीं है तो उन्हें दूसरों के आगे डांटने चुप कराने या खुद मुंह फुला लेने से बेहतर है कि ऐसी नौबत ही न आने दें. यदि पत्नी किसी बात पर नाराज हो भी गई है तो झगड़े को लंबा खींचने के बजाय पतिपत्नी आपस में बात करें और तर्क के साथ अपना पक्ष रखें. पत्नी को भी बोलने का मौका दें कुछ इस तरह——-

1. सब से पहले अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा फ्री समय निकालें. इस वक्त न तो आप का मोबाइल पास में हो और न ही लैपटॉप. केवल आप हों और आप की पत्नी.

2. अब अपनी पत्नी के पास बैठें. डांट कर नहीं बल्कि शांति और प्यार से बातचीत की पहल करें.
जब भी पत्नी को मनाने की शुरुआत करें तो सब से पहले पत्नी को बोलने का मौका दें. शांत दिमाग से उस की पूरी बात सुनें. फिर अपनी बात सामने रखें. बात करते समय पुराने अनुभवों और मजबूत तर्कों का सहारा ले.

3. पत्नी कुछ विरोध करे तो तुरंत उस की बात काट कर अपनी बात थोपें नहीं बल्कि उस की बात गौर से सुने और फिर पुराने अनुभवों की याद दिला कर अपनी बात समझाने का प्रयास करें.

4. हर बात के 2 पक्ष होते हैं. पत्नी के सामने दोनों पक्ष रखें और फिर तर्क से साबित करें कि क्या उचित है.

5. अपना तर्क पुख्ता करने के लिए किसी तीसरे की जरूरत हो तभी तीसरे को बुलाएं. वरना आपस में ही समझदारी से अपने झगड़े सुलझाने का प्रयास करें.

6. इस सारी बातचीत के दौरान अपनी टोन पर खास ध्यान रखें. किसी भी बात पर जोर से न बोले. हमेशा आराम से और प्यार से बात करें.

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7. यदि कभी आप को लगे कि वाकई पत्नी सही है, उस के तर्क भारी पड़ रहे हैं तो पत्नी की बात मानने से हिचकिचाएं नहीं. जरूरी नहीं कि हमेशा आप ही सही हों. कई बार पत्नी भी सही हो सकती है.

याद रखें

आप अपनी पत्नी को जीवनसाथी बना कर लाए हैं. वह आप की अर्धांगिनी है. उस की इज्जत का ख्याल रखना आप का दायित्व है.

आप जिस माहौल में पलेबढ़े हैं उसी अनुरूप किसी चीज को देखने का आप का नजरिया विकसित होगा. मगर आप को अपनी बीवी की सोच और तर्कों को भी तरजीह देनी चाहिए. महिलाएं भी तर्कसंगत बातें कर सकती हैं. उन्हें अपने तर्क रखने का मौका दें.

आप को पत्नी के साथ पूरा जीवन गुजारना है. उसे डिप्रेशन का मरीज न बनाएं. डांटने पर उसे लगेगा कि आप प्यार नहीं करते. इस से तनाव बढ़ेगा. यदि आप उस की भी कुछ बातें मान लेंगे तो आप की सेल्फ रिस्पैक्ट में कोई कमी नहीं आ जाएगी.

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