Serial Story: रेत का समंदर (भाग-1)

हवामहल से बाहर आ कर जूलिया मार्टिन ने इधरउधर देखा, थोड़ी दूर पर आटोरिकशा स्टैंड था, जहां पर काले रंग पर पीली पट्टी वाले कई आटोरिकशा कतार में खड़े थे. सधे कदमों से चलती वह वहां तक पहुंची.

सलवारकमीज पहने और कंधे पर खादी का झोला लटकाए एक अंगरेज मेमसाहब को अपने आटो के समीप आते देख जींस और टीशर्ट पहने दरम्यानी कदकाठी और चुस्त शरीर वाला चालक अपने आटो से बाहर आ गया.

‘‘फोर्ट औफ आमेर,’’ जूलिया ने केवल इतना कहा.

हामी में सिर हिलाते चालक ने पिछली सीट पर बैठने का इशारा किया. सवारी के बैठते ही वह आटो ले कर चल पड़ा.

जूलिया मार्टिन इंगलैंड से भारत घूमने के लिए आई थी. कई शहरों और दर्शनीय स्थलों से घूमघाम कर अब वह जयपुर और राजस्थान के दूसरे दर्शनीय स्थलों को देखने आई थी.

आटोरिकशा को आमेर के किले के बाहर इंतजार करने को कह कर वह किला देखने अंदर चली गई. 2 घंटे बाद बाहर आई तो उस ने देखा आटो चालक पिछली सीट पर अधलेटा सो रहा था. एक बार उस ने सोचा कि उस को झिंझोड़ कर उठा दे. फिर यह सोच कर कि नींद से जगाना ठीक नहीं, वह चालक वाली सीट पर बैठ कर इंतजार करने लगी. और उसे पता भी नहीं चला कि कब वह ऊंघतेऊंघते सो गई.

किले से बाहर आते पर्यटकों ने इस अजीब नजारे को हैरत से देखा. यात्री तो चालक सीट पर बैठा हैंडल पर सिर रखे सो रहा था जबकि चालक पिछली सीट पर अधलेटा सो रहा था.

पहले कौन जागा पता नहीं. घंटेभर बाद दोनों की नींद टूटी. गरम दोपहरी, हलकी-हलकी हवा देती शाम में बदल गई थी.

‘‘मेमसाहब,’’ थोड़ा सकुचाते हुए आटो चालक यानी हरीश बोला.

‘‘डोंट माइंड, आई वाज आल्सो टायर्ड.’’

टूटीफूटी अंगरेजी बोलने और काम  लायक समझने वाला हरीश मुसकराया. जूलिया मार्टिन भी मुसकराई. वह हंसते हुए पिछली सीट पर आ बैठी. आटो स्टार्ट कर हरीश ने सिर घुमा कर उस की तरफ सवालिया लहजे में देखा.

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‘‘बैक टू जयपुर.’’

आटोरिकशा के जयपुर पहुंचतेपहुंचते शाम का अंधेरा छा गया था. उस के बताए लौज के बाहर आटो रोक हरीश ने उस की तरफ देखा.

‘‘कितना चार्ज हुआ?’’

हरीश हिसाब लगाने लगा. आनेजाने का किराया उतना नहीं था जितना समय का चार्ज था. लेकिन वह खुद भी तो झपकी लगतेलगते सो गया था.

‘‘मेमसाहब, जो ठीक समझें, दे दें.’’

इस सादगी भरे जवाब में जूलिया मुसकराई. अभी तक उस का वास्ता ज्यादा पैसा ऐंठने वाले आटो चालकों और दुकानदारों से पड़ा था. उस ने 500-500 रुपए के 2 नोट निकाले और उस की तरफ बढ़ाए. सकुचाते हुए हरीश ने एक नोट थाम लिया और कहा, ‘‘इतना काफी है.’’

हरीश के व्यवहार ने जूलिया मार्टिन को बहुत ही प्रभावित किया.

‘‘कल सुबह यहां आ जाना, 10 बजे,’’ कहती हुई जूलिया मार्टिन लौज के अंदर चली गई. हरीश भी आटो आगे बढ़ा ले चला. अब उस का दिल और अधिक दिहाड़ी बनाने का नहीं था. वह सीधे अपने घर पहुंचा.

उस की मां ने उस को जल्दी आया देख कर पूछा, ‘‘आज जल्दी आ गया?’’

‘‘आज एक अंगरेज मेमसाहब मिल गई थी. उस से सारे दिन की दिहाड़ी बन गई,’’ फिर उस ने सारा वाकेआ बताया. मां के साथ उस के वृद्ध पिता और छोटी बहन भी खिलखिला कर हंस पड़ी.

अगले दिन हरीश 10 बजे लौज के बाहर आटोरिकशा ले कर जा पहुंचा. जूलिया जैसे उसी का इंतजार कर रही थी. वह लपकती सी बाहर चली आई.

‘‘आज कहां?’’ हरीश ने पूछा.

‘‘सारा जयपुर.’’

‘‘ठीक है. तेल का खर्चा आप का, मेरी दिहाड़ी 500 रुपए.’’

‘‘ऐसा हिसाब हमारे यहां नहीं होता.’’

‘‘तब कैसा होता है?’’

‘‘वहां तो काफी महंगा पड़ता है. चालक और गाड़ी का किराया अलग, तेल व मरम्मत खर्च अलग.’’

‘‘मैडम, मैं तो सोचता हूं कि भारत के बनिए ही पैसा ऐंठने में चालाक हैं, अब आप के हिसाब से तो आप अंगरेज ज्यादा चालाक हैं.’’

‘‘बातें बढि़या करते हो. आटो चलाओ, सारा दिन तुम्हारी बातें सुनूंगी,’’ जूलिया मार्टिन ने हंसते हुए कहा.

हरीश भी हंसा. आटो पूरे दिन जयपुर के छोटेबड़े बाजार, हर टूरिस्ट स्पौट पर घूमता रहा. सुबह हरीश ने टंकी फुल भरवा ली थी. शाम को जूलिया ने दोबारा टंकी फुल भरवा दी और भुगतान कर दिया.

दिनभर उन के बीच हलकाफुलका हंसीमजाक होता रहा. दोनों ने साथसाथ कभी ढाबे में, कभी होटल में खायापिया. उस के इसरार पर हरीश उस के साथ टूरिस्ट स्पौट भी देखने गया. हरीश उस शाम भी जल्दी घर लौट आया. अगले दिन जयपुर के बाहरी इलाकों वाले टूरिस्ट स्पौट्स देखने का कार्यक्रम बना. 3-4 दिनों तक यही सिलसिला चला.

‘‘हरीश, वह मेमसाहब तेरे पीछे पड़ गई है क्या?’’ मां ने पूछा.

‘‘पता नहीं, एक सवारी है. जहां वह कहती है, उसे घुमा देता हूं.’’

‘‘शहर में और भी तो आटोरिकशा वाले हैं?’’

हरीश खामोश रहा.

अगले दिन जूलिया मार्टिन ने उस को अपने लौज के कमरे में बुलाया.

‘‘आप के परिवार में कौनकौन हैं?’’

‘‘मेरे मातापिता हैं. छोटी बहन है. बात क्या है?’’

‘‘मैं समाज विज्ञान के एक टौपिक पर शोध कर रही हूं, जिस का ताल्लुक भारतीय समाज से है. इसी सिलसिले में भारत घूमने आई हूं. तथ्य इकट्ठे करने के लिए आप के परिवार से मिलना चाहती हूं.’’

हरीश को बात समझ में आ गई. वह जूलिया को अपने घर ले गया. एक अंगरेज युवती को पंजाबी सलवारकमीज पहने और चुन्नी डाले देख हरीश की

मां बड़ी हैरान हुईं. उन को यह जान कर हैरानी हुई कि वह एक रिसर्च स्कौलर थी.

भारतीय परिवार कैसे होते हैं? रहते कैसे हैं? हालांकि उन की जीवनशैली पर सैकड़ों शोध पहले हो चुके थे लेकिन अब जूलिया भी इस विषय पर रिसर्च कर रही थी.

जूलिया का हरीश के घर आनाजाना शुरू हो गया. हरीश के साथ उस का जयपुर की गलियों, महल्लों में घूमनाफिरना भी होने लगा.

‘‘आप मेरे साथ राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में घूमने चलोगे?’’ एक शाम जूलिया ने पूछा.

‘‘जरूर चलूंगा,’’ हरीश कह तो आया, लेकिन घर में मां ने पूछा, ‘‘तेरी दिहाड़ी का क्या होगा?’’

पहले तो हरीश अचकचाया, फिर जवाब दिया, ‘‘मेमसाहब देंगी.’’

‘‘घुमानेफिराने के लिए गाइड होते हैं?’’

‘‘वह मुझे गाइड ही बनाना चाहती है.’’

‘‘भैया, गाइड बनतेबनते कुछ और न बन जाना,’’ छोटी बहन शरारती लहजे  में बोली.

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टूरिस्ट बस ने जूलिया और उस के गाइड हरीश को जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में एक टूरिस्ट रिसौर्ट के पास उतार दिया. वहां का प्रति यात्री किराया हरीश को हैरानपरेशान कर देने वाला था, लेकिन मेमसाहब के लिए यह सामान्य बात थी.

मौजमस्ती के कार्यक्रमों में ऊंटों पर रेगिस्तान के सुदूरवर्ती इलाकों का भ्रमण और खानापीना, यही वहां का मुख्य आकर्षण था.

गोरी मेमों को ऊंटों पर बिठा कर चांद की रोशनी में रेत के विशाल मैदान दिखाना, जो किसी समंदर के समान दिखते थे, अलगअलग दिशाओं में सैर करवाना, उन्हें राजस्थानी लोकगीत व नृत्य सुनाना, दिखाना वहां के ऊंट वाले और स्थानीय निवासी बड़े उत्साह से करते. पर्यटक भी शांत व ठंडी हवा में टिब्बों की आड़ में मौजमस्ती करने का अवसर पा कर विशेष उत्साहित होते थे.

‘‘आप इस इलाके में कभी आए हो?’’

‘‘नहीं, मैं ने सारा राजस्थान नहीं देखा,’’ हरीश ने कहा.

‘‘मेमसाहब, आप और साहब अलगअलग ऊंट ले कर क्या करेंगे? एक ही ऊंट काफी है,’’ किराए पर ऊंट देने वाले ने कहा.

‘‘एक ऊंट पर दोनों कैसे बैठेंगे?’’

‘‘वह देखिए, सामने कई जोड़े एक ही ऊंट पर बैठे चले जा रहे हैं,’’ रेत के विस्तार में हौलेहौले जा रहे ऊंटों पर सवार जोड़ों की तरफ इशारा करते हुए ऊंट वाले ने कहा.

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Bigg Boss 14 को झेलना पड़ेगा सुशांत के फैंस का गुस्सा, Boycott की हो रही है मांग

कलर्स टीवी के पौपुलर रियलिटी शो बिग बौस का फैंस को हर साल इंतजार रहता है. लेकिन इस साल कुछ अलग ही किस्सा छाया हुआ है. दरअसल, बिग बॉस 14 का प्रोमो हाल ही में सोशलमीडिया पर शेयर किया गया है, जिसे देखकर कुछ फैंस शो को देखने के लिए बेकरार हो रहे हैं तो वहीं कुछ सलमान खान को ट्रोल करने पर लगे हुए हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

सितम्बर में औन एयर होगा शो

सलमान खान का पौपुलर रियलिटी शो बिग बॉस का 14वां सीजन 27 सितम्बर से कलर्स पर ऑन एयर होने जा रहा है, जिसकी शूटिंग शो शुरू होने से दो दिन पहले  की जाएगी. वहीं होस्ट सलमान खान पनवेल स्थित अपने फार्म हाउस से ही इस बार शो को शूटिंग करेंगे. साथ ही कहा जा रहा है कि सलमान खान ने शो के सारे प्रोमो इसी फार्म हाउस में रहकर शूट किए हैं.


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सुशांत के सुसाइड पर सलमान भी हैं निशाने पर

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के सुसाइड के बाद से बौलीवुड की कई बड़ी हस्तियां और स्टार किड्स ट्रोलर्स के निशाने पर हैं, जिनमें सलमान खान का नाम भी शामिल है. सुशांत की असमय मौत की एक बड़ी वजह नेपोटिज्म बताई जा रही है.

जिसके चलते सलमान खान (Salman Khan) को भी फैंस ने आड़े हाथों लिया था, जिसके बाद अब प्रोमो रिलीज होने के बाद सुशांत के फैंस शो को बौयकौट करने की मांग कर रहे हैं. साथ ट्विटर पर सलमान खान को ट्रोल भी कर रहे हैं.

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बता दें, सुर्खियों में रहने वाले शो बिग बौस के 14वें सीजन में इस बार खबर है कि विशाल सलाथिया, चाहत खन्ना, शुभांगी अत्रे, अध्ययन सुमन, तेजस्वी प्रकाश जैसे कई पौपुलर सेलेब्स नजर आएंगे. हालांकि अभी औफिशियल तौर पर किसी का नाम पक्का नहीं किया गया है.

बॉलीवुड के लिए एक और बुरी खबर, 61 की उम्र में संजय दत्त को हुआ लंग कैंसर

अभी 8 अगस्त को अचानक सांस लेने की तकलीफ के चलते संजय दत्त को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां उनका कोरोनावायरस का टेस्ट भी किया गया और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. पर जब डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य की गंभीर जांच की, तो पता चला कि उन्हें फेफड़े का कैंसर है .इस बात को मशहूर फिल्म समीक्षक कोमल नाहटा ने ट्वीट करके बताया है. जबकि लीलावती अस्पताल से संजय दत्त को कल यानी कि 11 अगस्त सुबह घर जाने की छुट्टी मिल गई थी.

लेकिन शाम होते-होते खुद संजय दत्त ने ट्वीट करके कहा कि वह अपना इलाज कराने के लिए कुछ दिनों के लिए भारत से बाहर जा रहे हैं. इस वजह से वह कुछ समय के लिए अभिनय से दूरी भी बना रहे हैं. अपने ट्वीट में संजय दत्त ने अपने प्रशंसकों से कहा कि वह निराश  और परेशान ना हो. क्योंकि वह जल्द ही स्वस्थ होकर फिर से अभिनय के मैदान में सक्रिय हो जाएंगे.

लेकिन अपने दूध में में संजय दत्त ने अपनी बीमारी को लेकर कुछ भी नहीं लिखा .उसके बाद  कोमल नाहटा ने क्यूट करके करके पूरे संसार को बताया कि संजय दत्त फेफड़े के कैंसर से पीड़ित हैं और यह भी बहुत ही एडवांस स्टेज पर है, जिसका इलाज आसानी से संभव है.

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वैसे संजय दत्त पिछले 5 महीने से अपने परिवार से दूर हैं .उनकी पत्नी मान्यता दत्त और दोनों बच्चे लॉकडाउन शुरू होने के पहले से ही दुबई में है. अब जब संजय दत्त अमेरिका जाएंगे ,तो मान्यता दत्त दुबई से सीधे अमेरिका जाएंगी या मुंबई के पास आएगी इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.

अभी कल ही खबर आई थी कि यशराज फिल्म्स  ने इस सप्ताह से शुरू होने वाली फिल्म” शमशेरा ” की  7 दिन की बकाया शूटिंग स्थगित  कर दी गई है और यह निर्णय इस आधार पर लिया गया है कि डॉक्टरों ने संजय दत्त को कुछ दिनों तक आराम करने की सलाह दी है.अब” शमशेरा” की शूटिंग कब शुरू होगी ?इसको लेकर संशय बन गया है. ज्ञातव्य है कि रणबीर कपूर की यह महत्वाकांक्षी फिल्म है, जिसमें वह दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. और इस फिल्म की सिर्फ 7 दिन की शूटिंग बाकी है, जिसमें से तीन की शूटिंग संजय दत्त को करनी है.

बॉलीवुड मैं इससे पहले भी मनीषा कोइराला, सोनाली बेंद्रे सहित कई कलाकार कई कलाकार और “बर्फी” जैसी फिल्म के निर्देशक अनुराग बसु कैंसर पीड़ित होने पर अपना इलाज कर स्वस्थ हो चुके हैं. अनुराग बसु को दिमाग से कैंसर की गंभीर बीमारी थी, जिसका इलाज पूरे 3 साल तक चला था. और वह पिछले 10 वर्षों से एकदम स्वस्थ है, काम भी कर रहे हैं. कैंसर का इलाज कराने के बाद ही उन्होंने फिल्म “बर्फी” का निर्देशन किया था. और उन्हें तो अब कैंसर सर्वाइवर के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. मगर इसी वर्ष ऋषि कपूर और इरफान खान की कैंसर की बीमारी की ही वजह से मौत भी हो चुकी है. लेकिन लोगों का मानना है कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कैंसर का सफल इलाज संभव है सोनाली बेंद्रे ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में ही कैंसर का इलाज करवाया था. इसी वजह से संजय दत्त भी अमेरिका जा रहे हैं. पर संजय दत्त ने अभी तक खुलासा नहीं किया है कि वह भारत के बाहर कहां अपना इलाज कराने जा रहे हैं.

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सारे अवसर बंद हो गए

इस गुस्से की ट्रेनिंग कौन देता  है? अपने घर के बाहर मोटरसाइकिल पर स्टंट करने को मना करने पर 3 लड़कों ने एक 25 साला युवक को मारापीटा ही नहीं 28 बार चाकू मार कर दिनदहाड़े खुलेआम उस की हत्या कर दी. सभ्य समाज का दावा करने वाले पूजापाठी लोगों में से कोई राहगीर आगे नहीं आया कि इस अत्याचार को रोक ले. पुलिस ने इन तीनों को पकड़ लिया है पर ये शायद 18 साल से कम के हैं, हलकी सी सजा के बाद मुक्त हो जाएंगे.

दिल्ली के पास ही एक बोर्डिंग स्कूल में 14 साल की किशोरी ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे उस के साथी परेशान करते थे. स्कूल वालों ने उस का जल्दबाजी में दहन भी कर दिया ताकि ज्यादा पूछताछ न हो.

हम जो शिक्षा आज अपने किशोरों और युवाओं को दे रहे हैं उस में पूजापाठ तो बहुत है पर तर्क व सत्य की जगह नहीं है. एक सभ्य व उन्नत समाज के लिए यह आवश्यक है.

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भेड़चाल या नियमों को तोड़ने की प्रवृत्ति हर समाज में होती है पर जहां कहीं और रोमांच नहीं मिलता, वहां कुछ नया करने के लिए नहीं मिलता वहां घर या आसपास के नियम तोड़े जाते हैं.

आज हमारा समाज ऐसे माहौल में है जहां युवाओं और किशोरों के सामने घना अंधेरा है. लड़कियों का केवल शादी में भविष्य दिख रहा है तो लड़कों को केवल उद्दंडता व गुंडई वाली राजनीति में. कुछ करने के सारे अवसर बंद हो गए हैं.

आधुनिक तकनीकों के कारण आज भूखा तो कोई नहीं रहता पर यह जवान होते लोगों के लिए काफी नहीं है. उन्हें कुछ करने की इच्छा होती है पर न बैकपैक बांध कर पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा है न नदियां, समुद्र पार करने की. जो पढ़ाई कराई जा रही है वह इतनी छिछली है कि अधिकांश किशोर व नवयुवक पढ़ भी नहीं सकते और किताबों का रोमांच भी उन से दूर है.

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रहासहा मोबाइल है, जिस में टिकटौक जैसे ऐप पर वे नाचगा कर अपने करतब दूसरों को दिखा पाते हैं. पर यह नाकाफी है. लाइक्स से जिंदगी नहीं बनती. आसपास के लोगों की आबादी की कमी थोड़े से डिवाइस के नाटकों से पूरी नहीं हो सकती.

हत्या कर कानून हाथ में लेना, डिप्रैस होना, आत्महत्या करना एक बड़ी समस्या का अंग है. अफसोस है कि कर्जधारों को इस की चिंता नहीं है.

स्किन केयर प्रौडक्ट खरीदने से पहले जान ले ये बातें

मौनसून यानी बारिश का मौसम जहां उमंग से भर देता है वहीं स्किन के लिए कई परेशानियां भी ले कर आता है जैसे ऐक्ने, इन्फैक्शन, ऐलर्जी, औयली स्किन की समस्या आदि. ऐसे में स्किन को खास केयर की जरूरत होती है, जिस में सब से जरूरी है कि जो भी प्रोडक्ट खरीदें या यूज करें उस के बारे में पूरी जानकारी हो ताकि वह स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचा सके.

आइए, कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर भारती तनेजा से स्किन केयर उत्पादों को खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

स्किन टाइप के हिसाब से हो केयर

औयली स्किन: मौनसून औयली स्किन वालों के लिए सब से ज्यादा मुसीबत बन कर आता है, क्योंकि हवा में जो मौइस्चर होता है, वह गंदगी को स्किन के अंदर तक पहुंचा देता है, जिस से पोर्स बंद हो जाते हैं. इस कारण पिंपल्स, ऐक्ने की समस्या पैदा होती है. औयली और ड्राई स्किन वालों को पसीना भी बहुत ज्यादा आता है. इसलिए उन्हें पूरे दिन में 3 बार क्लींजिंग जरूर करना चाहिए.

इस बात का खास खयाल रखें कि जब भी क्लींजिंग करें तो उस के लिए हलके गरम पानी का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इस की मदद से स्किन से औयल आसानी से क्लीन हो जाता है. दूसरी बात कि रोज स्क्रब जरूर इस्तेमाल करें. आप सोच रही होंगी कि स्क्रब तो कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है तो आप को बता दें कि अगर आप ऐप्रिकोट या फिर होममेड स्क्रब का इस्तेमाल स्किन पर हलके हाथों से करती हैं तो इस से आप की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

आप रोजाना साबुन की जगह इसे ही इस्तेमाल करें. बस ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर अप्लाई नहीं करना है.

ड्राई स्किन: जिन की स्किन ड्राई होती है उन्हें भी इस मौसम में काफी परेशानी होती है. इस मौसम में ड्राई स्किन वालों की स्किन पर पैच भी हो जाते हैं, जिन पर बहुत जल्दी इन्फैक्शन हो जाता है. इसलिए उन्हें मौइस्चराइजर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन उन्हें भूल कर भी औयल बेस्ड क्रीम यूज नहीं करनी चाहिए. औयली स्किन वालों को भी लाइट मौइस्चराइजर या फिर वाटर बेस्ड मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि स्किन में नमी कम हो जाती है.

नौर्मल स्किन: नौर्मल स्किन वाले रोजाना सुबह और रात को क्लींजिंग जरूर करें वरना स्किन पोर्स बंद होने से पिंपल्स, इन्फैक्शन हो सकता है. नौर्मल स्किन वालों को हमेशा जैल बेस्ड मौइस्चराइजर या क्रीम ही यूज करनी चाहिए. अब बात करते हैं कि जो भी स्किन टोनर, फेस वाश, मौइस्चराइजर, क्रीम, स्क्रब आप इस्तेमाल करें वह कैसा होना चाहिए.

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स्किन टोनर

टोनर ऐसा हो, जिस में रोजवाटर, ऐलोवीरा, खीरा या फिर उस में टीट्री औयल हो, क्योंकि जहां रोजवाटर में इनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होती हैं. वहीं ऐलोवेरा स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ उसे मौइस्चर भी प्रदान करता है, साथ ही स्किन की डार्कनैस को भी दूर करने का काम करता है. खीरे में विटामिन सी होने के कारण यह स्किन

को हाइड्रेट रखने के साथसाथ सनबर्न से भी बचाता है. टीट्री औयल किसी भी तरह की

स्किन ऐलर्जी को ठीक करने में मददगार साबित होता है.

टोनर में क्या न हो

मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर टोनर्स में अल्कोहल होता है, जिस से स्किन का मौइस्चर धीरेधीरे खत्म होने लगता है. इसलिए अल्कोहल युक्त टोनर न खरीदें खासकर इथाइल अलकोहल और मिथाइल अल्कोहल मिले प्रोडक्ट बिलकुल न खरीदें.

फैटी ऐसिड्स से भी अल्कोहल बनते हैं, जो महंगे जरूर होते हैं, लेकिन स्किन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये स्किन को नरिश व मौइस्चराइज भी करते हैं. इसलिए जब भी टोनर खरीदें तो इन चीजों को देख कर ही खरीदें.

स्क्रब

अगर स्क्रब में ऐप्रिकोट, ग्रीन टी, ग्लिसरीन मिला हुई है तो आप के लिए वह स्क्रब बैस्ट है, क्योंकि ग्रीन टी स्किन पर ग्लो लाती है, ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण बैक्टीरिया को भी मारने में यह मददगार होती है, साथ ही ग्रीन टी स्किन को नरिश करने के साथसाथ और ऐंटीएजिंग का भी काम करती है.

स्क्रब में क्या नहीं होना चाहिए

ऐसा स्क्रब न खरीदें, जिस में मिथाइल पैराबिन, इथाइल पैराबिन, प्रौपिल पैराबिन और लेड हो.

सनस्क्रीन

अकसर हमारी सोच होती है कि बारिश में सनस्क्रीन लगाने की कोई जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बादल जो छाए हुए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. इसलिए ऐसा सनस्क्रीन खरीदें, जिस में जिंक औक्साइड, टाइटेनियम औक्साइड हो, क्योंकि ये स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

सनस्क्रीन में क्या न हो

आप जिस सनस्क्रीन को खरीद रही हैं उस में देख लें कि औक्सीबैनजोन, होमोसोलेट न हों, क्योंकि ये स्किन के लिए अच्छे नहीं होते. इन से कैंसर भी हो सकता है.

फेस वाश

जब भी चेहरे को धोने की बात आती है तो हम चेहरे को साबुन के बजाय फेस वाश से ही धोते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा खुशबू वाले फेस वाश इस्तेमाल न करें, बल्कि माइल्ड और नैचुरल चीजों से बने फेस वाश ही इस्तेमाल करें. ऐसे फेस वाश स्किन पर ग्लो लाने के साथसाथ उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

फेस वाश में क्या न हो

ज्यादातर फेस वाश में ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज ज्यादा मात्रा में होती हैं, जिन में टीसीएस, टीसीसी और टैल्कोसन होते हैं, जोकि सिर्फ प्रोडक्ट की सैल्फ लाइफ को बढ़ाते हैं, लेकिन स्किन के लिए सही नहीं होते, साथ ही फेस वाश में एसएलएस यानी सोडियम लौरेल सल्फेट होता है, जो स्किन के लिए सही नहीं होता. इसलिए ये सब देख कर ही फेस वाश खरीदना चाहिए.

क्रीम या मौइस्चराइजर

जब भी महिलाएं मार्केट से कोई क्रीम खरीदने जाते हैं वही क्रीम खरीदती हैं, जिस में वही क्रीम खरीदेंगे जिस में सब से ज्यादा खुशबू हो. लेकिन जिस प्रोडक्ट में जितनी खुशबू होगी उस में उतने ही ज्यादा कैमिकल्स भी होते हैं, जो स्किन के लिए सही नहीं होते. इसलिए ऐसी क्रीम को अवौइड ही करना चाहिए. अगर उस में हाइड्रोनिक ऐसिड है तो वह आप की स्किन के लिए अच्छा है, क्योंकि वह हवा में मौजूद मौइस्चर का स्किन के भीतर पहुंचाता है, जिस से स्किन हाइड्रेट रहती है, साथ ही  झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है.

क्या नहीं हो

ज्यादातर क्रीम्स में औक्सीबैनजोन डला होता है, जो उस की खुशबू और कलर को ज्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए होता है. यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता तो है, लेकिन लंबे समय तक इस का इस्तेमाल करने से हारमोंस गड़बड़ा जाते हैं.

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कैसी हो ऐक्ने क्रीम

जब भी ऐक्ने क्रीम या मौइस्चराइजर खरीदें तो देख लें कि उस में सैलिसिलिक ऐसिड जरूर हो. क्योंकि वह एक तरह से बीटा हाइड्रौक्सी ऐसिड है, जो पोर्स को खोल कर ऐक्नों को ठीक करने का काम करेगा. ऐक्नों के ट्रीटमैंट के लिए रैटिनौल ऐसिड भी बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह एक तरह से विटामिन ए का फौर्म है, जो स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. यह डार्क सर्कल्स को कम करने, रंग में निखार लाने और इरिटेशन को कम करने का काम करता है.

एडवांस्ड गैजेट्स बनाएं घर के काम आसान

लेखिका-पारुल

ले ही होम औटोमेशन का बाजार नया है, लेकिन है बड़े काम का. इस की मदद से घर का काम आसान होने के साथसाथ ये हमें टैक्नोलौजी से भी जोड़ने का काम करता है, साथ ही गैजेट्स से हमारा घर भी काफी स्मार्ट दिखता है. इन्हें चलाना भी हर किसी के लिए आसान होता है, जिस से घर के काम की जिम्मेदारी का भार किसी एक पर नहीं आता. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि किन गैजेट्स से हम अपने घर के काम को आसान बना सकते हैं.

रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर

घर की साफसफाई करना एक बड़ा टास्क होता है. ऐसे में रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर जैसाकि नाम से ही प्रतीत होता है कि रोबोट ही घर की  झाड़पोंछ का जिम्मा उठाता है, तो आप ने बिलकुल सही सोचा है. यह क्लीनर आप के घर की सफाई खुद ही करता है. असल में यह औटोमैटिक होने के कारण आप को बस एक बार औन कर के इसे सेट करना होगा कि आप को इस से क्या करवाना है. फिर यह अपना काम करना शुरू कर देता है. इस में लगा माइक्रो फाइबर क्लोथ डस्ट को आसानी से अपने अंदर ले लेता है, साथ ही इस में लगा कैमरा उसे क्त्रलोर का नैविगेशन करने में मदद करता है और इस में आगेपीछे लगे सैंसर इसे किसी भी चीज से टकराने नहीं देते, जिस से यह बिना रुकावट अपना काम कर पाता है.

आखिर में आप बस इस में लगे कपड़े और गार्बेज बौक्स से डस्ट को निकाल कर अलग व साफ कर लें. इसे रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता है. तो हुआ न आसान. इसे आप मार्केट से या फिर औनलाइन आसानी से खरीद सकती हैं. एक बार का खर्चा, बारबार की परेशानी से छुटकारा दिलवाने में मदद करता है.

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डीप क्लीन डस्ट वैक्यूम क्लीनर

चाहे हम अपना घर कितना भी बंद व साफ क्यों न रखें फिर भी धूलमिट्टी आ ही जाती है. ऐसे में रोज खिड़कीदरवाजों, फर्नीचर, परदों को साफ करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में डीप क्लीन डस्ट वैक्यूम क्लीनर काफी मददगार साबित होता है, क्योंकि इस की मदद से जब आप चीजों को साफ करती हैं तो धूलमिट्टी उड़ कर बाकी चीजों पर नहीं जाती, बल्कि वैक्यूम के डस्ट बौक्स में एकत्रित हो जाती है. साथ ही इस का ऐक्सटैंशन पाइप काफी लंबा होने के कारण इस से जालों को भी साफ करना काफी आसान होता है. इस में लगे फ्लोअर से आसानी से खिड़की के पीछे की साइड व बालकनी को भी साफ कर सकती हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी नुकीली चीज न लगे, क्योंकि इस से वैक्यूम खराब होने का डर रहता है. तो फिर रोजरोज की टैंशन से मिला न छुटाकारा.

सर्विलांस कैमरा

घर में हर समय बच्चों को टोकना या फिर उन की निगरानी करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में सर्विलांस कैमरा बड़े काम का साबित होता है यानी काम भी आसान और बच्चों को पता भी न चले कि उन पर निगरानी रखी जा रही है. यह कैमरा आई पी नैटवर्क्स पर काम करता है. इस की मदद से घर में क्या ऐक्टिविटी चल रही है इस का पता लगा सकती हैं. इस के लिए इंटरनैट की खास जरूरत होती है.

डिशवाशर

घर में सब से ज्यादा टैंशन बरतनों को धोने की रहती है. बारबार किचन में जा कर बरतन धोना काफी  झं झट वाला काम लगता है. ऐसे में डिशवाशर से आप एक बार में ढेरों बरतन धो सकती हैं और जब मन चाहे तब. तो अब अगर आप के पास काम वाली नहीं है तो आप के लिए ये बड़े काम की चीज साबित होगी.

बस ध्यान रखें कि बरतनों में गंदनी जमा न होने दें या फिर थोड़ी देर उन्हें पानी में सोक कर के रख दें. इस से डिशवाशर में बरतन जल्दी व आसानी से साफ हो जाते हैं. इस में डिशवाशर डिटर्जैंट, रिंस ऐड और साल्ट तीनों ऐड करने होते हैं, क्योंकि जहां डिटर्जेंट बरतनों से गंदगी को साफ करता है, वहीं रिंस ऐड कड़े मैल को हटाने और बरतनों में चमक लाने का काम करता है तो साल्ट हार्ड वाटर को साफ करने में मदद करता है. यह ज्यादा महंगा नहीं. इस में आप बरतनों को रख कर टाइम सैट भी कर सकती हैं कि आप को कब बरतनों को धोना है, तो हुआ न आप का काम आसान.

स्मार्ट स्विच

स्मार्ट होम की तरह आजकल स्मार्ट स्विच का चलन भी काफी चलन में है. इन स्मार्ट स्विच की मदद से आप अपने घर की लाइटिंग को बड़ी आसानी से कंट्रोल कर के बिजली की बचत भी कर सकती हैं. इन स्विच में मोशन सैंसर लगा होता है, जिस के कारण जिस कमरे में मूवमैंट होती है वहां की लाइट जल जाती है और जहां मूवमैंट नहीं होती वहां की लाइट अपनेआप बंद हो जाती है. यहां तक कि इस के माध्यम से जब भी आप घर से बाहर निकलें तो पूरे घर की लाइट अपनेआप औफ हो जाए, ऐसी सैटिंग भी कर सकती हैं.

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यह आप के होम वाईफाई नैटवर्क से कनैक्ट हो कर काम करता है, जिस की आप संबंधित ऐप के माध्यम से सैटिंग कर सकती हैं. तो हुआ न स्मार्ट स्विच, जो आप को हरदम खुद लाइट औनऔफ की ड्यूटी से नजात दिलवाने का काम करेगा.

ब्रेकफास्ट मेकर

सुबह के समय घर में काफी भागदौड़ सी मच जाती है. सभी का टाइम एक होने के कारण सब चीजों को एकसाथ मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ब्रेकफास्ट मेकर आप की मुश्किल को आसान बनाने का काम करता है, क्योंकि इस में आप एक बार में काफी चीजें जो बना सकती हैं. इस में टोस्टर मेकर, फ्राइंग पैन और कौफी मेकर एक ही एप्लायंस में सैट होते हैं, जिस से आप मिनट में सब की फरमाइश को पूरा कर सकती है. यह आप को मार्केट से ₹3 हजार से ₹5 हजार में आसानी से मिल जाएगा.

सीलिंग फैन विद रिमोट कंट्रोल

सीलिंग फैन तो हर किसी के घर में लगे होते हैं, लेकिन ऐसे सीलिंग फैंस, जिन्हें रिमोट से भी कंट्रोल कर सकते हैं और साथ ही इन में मल्टीकलर एलईडी लाइट भी होती है, जिस से कमरे में रोशनी भी रहेगी और आप बैठेबैठे इस की स्पीड को भी कंट्रोल कर सकती हैं, आप को मार्केट या औनलाइन ऐसे फैंस ₹3 हजार से ₹10 हजार में आसानी से मिल जाएंगे. इन की स्पीड भी काफी अच्छी होती है.

आईओटी डिवाइस

आईओटी डिवाइस के लिए नैट का होना बहुत जरूरी है. इस की मदद से आप अपने घर के उपकरणों को अपने स्मार्ट फोन आदि की मदद से कहीं से भी औन या औफ कर सकती है यानी उपकरणों को कंट्रोल करना आप के हाथों में है. तो हैं न कमाल के गैजेट्स.

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Short Story: हिम्मत वाली लड़की

‘‘अरे राशिद, आज तो चांद जमीन पर उतर आया है,’’ मीना को सफेद कपड़ों में देख कर आफताब ने फबती कसी.

मीना सिर झुका कर आगे बढ़ गई. उस पर फबतियां कसना और इस प्रकार से छेड़ना, आफताब और उस के साथियों का रोज का काम हो गया था. लेकिन मीना सिर झुका कर उन के सामने से यों ही निकल जाया करती. उसे समझ नहीं आता कि वह क्या करे? आफताब के साथ हमेशा 5-6 मुस्टंडे होते, जिन्हें देख कर मीना मन ही मन घबरा जाती थी.

मीना जब सुबह 7 बजे ट्यूशन पढ़ने जाती तो आफताब उसे अपने साथियों के साथ वहीं खड़ा मिलता और जब वह 8 बजे वापस आती तब भी आफताब और उस के मुस्टंडे दोस्त वहीं खड़े मिलते. दिनोदिन आफताब की हरकतें बढ़ती ही जा रही थीं.

एक दिन हिम्मत कर के मीना ने आफताब की शिकायत अपने पापा से की. मीना की शिकायत सुन कर उस के पापा खुद उसे ट्यूशन छोड़ने जाने लगे. उस के पापा को इन गुंडों की पुलिस में शिकायत करने या उन से उलझने के बजाय यही रास्ता बेहतर लगा.

एक दिन मीना के पापा को सवेरे कहीं जाना था इसलिए उन्होंने उस के छोटे भाई मोहन को साथ भेज दिया. जैसे ही मीना और मोहन आफताब की आवारा टोली के सामने से गुजरे तो आफताब ने फबती कसी, ‘‘अरे, यार अब्दुल्ला, आज तो बेगम साले साहब को साथ ले कर आई हैं.’’

यह सुन कर मोहन का खून खौल गया. वह आफताब और उस के साथियों से भिड़ गया, पर वह अकेला 5 गुंडों से कैसे लड़ता. उन्होंने उस की जम कर पिटाई कर दी. महल्ले वाले भी चुपचाप खड़े तमाशा देखते रहे, क्योंकि कोई भी आफताब की आवारा मित्रमंडली से पंगा नहीं लेना चाहता था.

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शाम को जब मीना के पापा को इस घटना का पता चला तो उन्होंने भी चुप रहना ही बेहतर समझा. मोहन ने अपने पापा से कहा, ‘‘पापा, यह जो हमारी बदनामी और बेइज्जती हुई है इस की वजह मीना दीदी हैं. आप इन की ट्यूशन छुड़वा दीजिए.’’

मोहन के मुंह से यह बात सुन मीना हतप्रभ रह गई. उसे यह बात चुभ गई कि इस बेइज्जती की वजह वह खुद है. उसे उन गुंडों के हाथों भाई के पिटने का बहुत दुख था. लेकिन भाई के मुंह से ऐसी बातें सुन कर उस का कलेजा धक रह गया. वह सोच में पड़ गई कि वह क्या करे? सोचतेसोचते उसे लगा कि जैसे उस में हिम्मत आती जा रही है. सो, उस ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब उसे क्या करना है? उस ने उन आवारा टोली से निबटने की सारी तैयारी कर ली.

अगले दिन सवेरे अकेले ही मीना ट्यूशन के लिए निकली. उस ने न अपने भाई को साथ लिया और न ही पापा को. जैसे ही मीना आफताब की आवरा टोली के सामने से गुजरी उन्होंने अपनी आदत के अनुसार फबती कसते हुए कहा, ‘‘अरे, आज तो लाल गुलाब अंगारे बरसाता हुआ आ रहा है.’’

इतना सुनते ही मीना ने पूरी ताकत से एक तमाचा आफताब के गाल पर जड़ दिया. इस झन्नाटेदार तमाचे से आफताब के होश उड़ गए. उस के साथी भी एकाएक घटी इस घटना से ठगे रह गए. इस से पहले कि आफताब संभलता मीना ने दूसरा तमाचा उस की कनपटी पर जड़ दिया. तमाचा खा कर आफताब हक्काबक्का रह गया. वह उस पर हाथ उठाने ही वाला था कि तभी पास खड़े एक आदमी ने उस का हाथ पकड़ते हुए रोबीली आवाज में कहा, ‘‘खबरदार, अगर लड़की पर हाथ उठाया.’’

यह देख आफताब के साथी वहां से भागने की तैयारी करने लगे, तभी उन सभी को उस आदमी के इशारे पर उस के साथियों ने दबोच लिया.

आफताब इन लोगों से जोरआजमाइश करना चाहता था. तभी वह आदमी बोला, ‘‘अगर तुम में से किसी ने भी जोरआजमाइश करने की कोशिश की तो तुम सब की हवालात में खबर लूंगा. इस समय तुम सब पुलिस की गिरफ्त में हो और मैं हूं इंस्पेक्टर जतिन.’’

यह सुन कर उन आवारा लड़कों की पांव तले जमीन खिसक गई. उन के हाथपैर ढीले पड़ गए. इंस्पेक्टर जतिन ने मोबाइल से फोन कर मोड़ पर जीप लिए खड़े ड्राइवर को बुला लिया. फिर उन्हें पुलिस जीप में बैठा कर थाने लाया गया.

तब तक मीना के मम्मीपापा और भाई भी थाने पहुंच गए. इंस्पेक्टर जतिन उन्हें वहां ले गए जहां मीना अपनी सहेली सरिता के साथ बैठी हंसहंस कर बातें करती हुई नाश्ता कर रही थी.

इस से पहले कि मीना के मम्मीपापा उस से कुछ पूछते, इंस्पेक्टर जतिन खुद ही बोल पड़े, ‘‘देवेश बाबू, इस के पीछे मीना की हिम्मत और समझदारी है. कल मीना ने सरिता को फोन पर सारी घटना बताई. तब मैं ने मीना को यहां बुला कर योजना बनाई और बस, आफताब की आवारा टोली पकड़ में आ गई.

‘‘देवेश बाबू, एक बात मैं जरूर कहना चाहूंगा कि इस प्रकार के मामलों में कभी चुप नहीं बैठना चाहिए. इस की शिकायत आप को पहले ही दिन थाने में करनी चाहिए थी. लेकिन आप तो मोहन की पिटाई के बाद भी बुजदिल बने खामोश बैठे रहे. तभी तो इन गुंडों और समाज विरोधी तत्त्वों की हिम्मत बढ़ती है.’’

यह सुन कर मीना के मम्मीपापा को अफसोस हुआ. मोहन धीरे से बोला, ‘‘अंकल, सौरी.’’

‘‘मोहन बेटा, तुम भी उस दिन झगड़े के बाद सीधे पुलिस थाने आ जाते तो हम तुरंत कार्यवाही करते. पुलिस तो होती ही जनता की सुरक्षा के लिए है. उसे अपना मित्र समझना चाहिए.’’

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इंस्पेक्टर जतिन की बातें सुन कर मीना के मम्मीपापा व भाई की उन की आंखें खुल गईं. वे मीना को ले कर घर आ गए. इस हिम्मतपूर्ण कार्य से मीना का मानसम्मान सब की नजरों में बढ़ गया. लोग कहते, ‘‘देखो भई, यही है वह हिम्मत वाली लड़की जिस ने गुंडों की पिटाई की.’’

अब मीना को छेड़ना तो दूर, आवारा लड़के उसे देख कर भाग खड़े होते. मीना के हौसले की चर्चा सारे शहर में थी अब वह सब के लिए एक उदाहरण बन गई थी.

 राणा दग्गुबाती की शादी में रौयल लुक में नजर आईं भाभी सामंथा अक्किनेनी, देखें फोटोज

बाहुबली के भल्लालदेव यानी राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) और मिहीका बजाज (Miheeka Bajaj) की शादी कोरोनावायरस के बीच काफी सुर्खियों में रही. हालांकि कोरोनावायरस के चलते सीमित मेहमानों ने ही इस शादी में शिरकत की, जिसमें टॉलीवुड एक्ट्रेस सामंथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) भी शामिल रहीं. राणा दग्गुबाती और उनके परिवार के बेहद रहने वाली सामंथा (Samantha Akkineni) शादी के हर फंक्शन में मौजूद रहीं, जिसमें उनके लुक ने सोशलमीडिया पर काफी सुर्खियां बटोरीं. सिंपल साड़ी को रौयल लुक में देते हुए सामंथा बेहद खूबसूरत लग रही थीं, जिसके कारण सभी की नजरें उन पर थीं. इसीलिए आज सामंथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) के कुछ साड़ी लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप शादी के फंक्शन्स में आराम से कैरी कर सकते हैं.

1. शादी में दिखा खूबसूरत लुक

देवर राणा दग्गुबाती की शादी में भाभी सामंथा ने नीले रंग की रॉ मैंगो साड़ी पहनीं, जिसमें उनका लुक काफी रॉयल दिख रहा था. सिल्वर बॉर्डर और फूलों वाले मोटिफ्स के साथ इस रॉ मैंगी सिल्क साड़ी के साथ सामंथा ने ग्रीन डायमंड और पर्ल के चोकर नेकपीस पहना. वहीं इस रॉ मैंगो सिल्क की साड़ी को आइस ब्लू कलर के स्लीवलेस राउंड नेक ब्लाउज के साथ उनका लुक खूबसूरत लगा.

 

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When in doubt .. wear @raw_mango 💓.. @sheetalzaveribyvithaldas .. styled @jukalker 📷 @eshaangirri

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2. ग्रीन ग्रे का कौम्बिनेशन है परफेक्ट

 

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सांमथा के साड़ी लुक की बात करें तो ग्रीन और ग्रे के कौम्बिनेशन वाला ये लुक शादी या पार्टी के लिए परफेक्ट है. इसके साथ आप हैवी इयरिंग्स पहनें तो परफेक्ट रहेगा.

3. हैवी साड़ी लुक है परफेक्ट

हैवी एम्ब्रौयडरी वाली सामंथा की लाइट पर्पल पिंक साड़ी के साथ हैवी फुल स्लीव्स ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट लुक है. इस हैवी लुक के साथ सिंपल ज्वैलरी आपके लुक के लिए परफेक्ट है.

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4. ब्लैक साड़ी है परफेक्ट

 

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Jaanu in theatres tomorrow 🖤 Styled @jukalker.. In @anavila_m @laramorakhia M&H @sadhnasingh1 @koduruamarnath 📷 @eshaangirri

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ब्लैक कलर की सिपंल साड़ी के साथ ट्रैंडी वी नेक ब्लाउज के साथ औक्साइड ज्वैलरी आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लिए एक ट्रैंडी और स्टाइलिश लुक है, जिसे कोई भी वेडिंग या पार्टी में ट्राय कर सकते हैं.

5. प्रिंटेड लुक है ट्रैंडी

स्टाइलिश और ट्रैंडी लुक के लिए आप सामंथा की रेड कलर की प्रिंटेड साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ आप ग्रीन कलर की मार्बल ज्वैलरी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

लड़की में क्या-क्या ढूंढ़ते हैं लड़के 

विश्वास पिछले 3 वर्षों से अपनी बेटी सोनिया की शादी के लिए लड़का देख रहे हैं. दर्जनों लड़के इन वर्षों के दौरान सोनिया को देखने आए और अच्छीभली लड़की को रिजैक्ट कर के चले गए. चार्टर्ड अकाउंटैंट का कोर्स खत्म करने के बाद जब सोनिया की शादी की बात चलनी शुरू हुई थी, तो सोनिया कैसे शरमाईलजाई, मगर खुश दिखती थी. उस की सारी सहेलियों की शादी हो चुकी थी. मगर उस की जिद थी कि सीए की पढ़ाई पूरी कर के ही शादी करेगी. पढ़ाई पूरी होते ही उस के मातापिता ने उस के लिए लड़का ढूंढ़ना शुरू कर दिया था. तमाम लड़के देखे, कितने परिवार उस के घर भी आए और कई बार पब्लिक प्लेसेज पर भी सोनिया की दिखाई हुई. मगर बात बनी नहीं.

लड़के वाले कोई न कोई नुक्स निकाल कर रिश्ता करने से मना कर देते थे. इन बीते 3 सालों में बारबार रिजैक्ट होने के चलते सोनिया हताश हो गई है, मुर झा सी गई है, अवसादग्रस्त होने लगी है. अब तो कोई उस को देखने आता है तो बड़े अनमने ढंग से तैयार हो कर सामने जाती है. उस का व्यवहार भी रूखा होता जा रहा है. उस के मातापिता बेटी की इस हालत से काफी चिंतित हैं. ‘पता नहीं इस की शादी होगी या नहीं, पता नहीं लड़की में कोई दोष न निकाल दे, पता नहीं किसी ने जलन में कोई टोनाटोटका करवा दिया हो,’ इन आशंकाओं से घिरे अब वे पंडितोंबाबाओं के चक्कर लगाने लगे हैं. इस चक्कर में जहां उन की जमापूंजी उड़ रही है, वहीं सोनिया का व्यवहार इन सब बातों से और ज्यादा नैगेटिव होता जा रहा है. वह सोचती है कि उस ने थ्रूआउट फर्स्ट डिविजन में अपनी पढ़ाई पूरी की, दिखने में भी ठीकठाक है, कल को अच्छी नौकरी भी करेगी, फिर भी कोई उस से शादी के लिए हां क्यों नहीं बोल रहा है?

पहले जहां लड़के को ले कर सोनिया की अपनी कुछ चौइसेस थीं कि लड़के में यह होना चाहिए, वह होना चाहिए, वहीं अब बारबार ठुकराए जाने व अपने मातापिता की गहरी होती चिंताओं को देख कर वह सोचती है कि कोई भी, कैसा भी लड़का हो, चलेगा. बस, कोई हां तो कर दे.

दरअसल, सोनिया एक सीधीसरल लड़की है. वह दिखावे में कतई विश्वास नहीं करती है. वह सोचती है जैसी वह है, बस वैसी ही कोई उस को पसंद कर ले. इसलिए जब भी लड़के वाले आते हैं तो वह शालीन मगर साधारण तरीके से तैयार हो कर उन के सामने प्रस्तुत होती है. सोनिया सम झ नहीं रही है कि यह डिजिटल युग है. हर आदमी रंगीन परदे की चमक और ग्लैमर को अपने स्मार्टफोन में समेटे घूम रहा है. दिनरात उन तसवीरों से अपनी आंखें सेंकता है, सपने बुनता है. उस ग्लैमर में वह इतना रचबस गया है कि वास्तविक, सरल और साधारण चीजें उस को फूहड़ व पिछड़ी नजर आती हैं. आजकल लड़के ही नहीं, वरन उन के मांबाप भी होने वाली बहू में कुछ एक्सट्राऔर्डिनरी खूबियां तलाशते हैं, भले वे आर्टिफिशयल क्यों न हों.

दरअसल, सोनिया के रिजैक्शन की बड़ी वजह है उस की हाइट और साधारण तरीके से एक चोटी में गुंथे उस के बाल. सोनिया 5 फुट 2 इंच लंबी है. आमतौर पर भारत में लड़कियां इसी लंबाई की ही होती हैं. मगर ज्यादातर लड़कियां हाईहील में खुद को और लंबा शो करती हैं और लड़के उन की इस हाइट पर फिदा हो जाते हैं. वहीं, सोनिया ने आज तक हाईहील ट्राई ही नहीं की. वह साड़ी के नीचे भी फ्लैट चप्पल या सैंडल ही पहनती है. अपने घने, लंबे और चमकीले बालों को वह हमेशा एक चोटी में गूंथ कर रखती है. जबकि, फैशन है खुलेलहराते बालों का. यही कुछ छोटेमोटे कारण हैं कि लड़के वाले सोनिया को रिजैक्ट कर के चले जाते हैं.

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कोई लड़का जब शादी के लिए लड़की देखने को निकलता है तो आमतौर पर वह 4-5 चीजें अपनी होने वाली बीवी में देखना चाहता है. पहली नजर में वह कुछ बातें नोटिस करता है और अगर आप उन बातों में मात खा जाएं तो आप को रिजैक्ट होने में देर नहीं लगेगी. क्या कभी आप ने सोचा है कि पहली मुलाकात में पुरुष आप के बारे में क्या सोचते हैं? वे आप को किस रूप में देखते हैं?

किसी ने कहा है, ‘ह्यूमन बींग्स आर विजुअल बींग्स’ यानी जिन लोगों से हम मिलते हैं, उन के शारीरिक हावभाव पर हमारा ध्यान सब से पहले जाता है और यह बहुत स्वाभाविक है कि जब हमें वह व्यक्ति शारीरिक रूप से आकर्षित करता है, तभी बात आगे बढ़ती है, अन्यथा वहीं खत्म हो जाती है. आप की पढ़ाईलिखाई, गुण, आदतें, विचार, पैसा, बैंक बैलेंस ये सब तो बहुत बाद की बातें हैं.

लड़के जब पहली बार किसी लड़की से मिलते हैं तो उन की कुछ शारीरिक बातों की तरफ ही सब से ज्यादा आकर्षित होते हैं. जी हां, यह बात सुनने में जरूर अटपटी लग सकती है, लेकिन सच है. लड़के कुछ बेहद छोटीछोटी बातों को नोटिस करते हैं और इन्हीं बातों पर उन की हां या न टिकी होती है. आप की शानदार उपस्थिति के अलावा, आप की सम झदारी, बौडी लैंग्वेज, मुसकान, आंखें, लंबाई यहां तक कि पुरुष आप के बालों को भी नोटिस करते हैं. पहली बार लड़की देखने जा रहे लड़के मन ही मन इन्हीं चीजों को सोचते हैं. हालांकि, वे कभी बताते नहीं हैं. हम आप को बताते हैं वो बातें, जो लड़की देखने जा रहा लड़का जरूर नोटिस करता है. अगर आप भी इन बातों का खयाल रखें तो मजाल है कि कोई आप को रिजैक्ट कर दे.

आप की लंबाई

अधिकांश लड़के उन लड़कियों से दूर भागते हैं जो उन से बहुत ज्यादा लंबी या छोटी होती हैं. पहली मीटिंग में लड़के ज्यादातर लड़कियों की हाइट पर ध्यान देते हैं. लड़के उन्हीं लड़कियों की तरफ सब से ज्यादा आकर्षित होते हैं, जिन की लंबाई उन के समान हो या लड़की कम से कम उन की गरदन तक तो जरूर हो. इसलिए शादी के लिए लड़के वाले आ रहे हों तो लड़के की हाइट पहले से पता कर लें और उसी के मुताबिक हाईहील सैंडल का चुनाव कर के खुद को तैयार करें. अगर लड़के की हाइट कम है तो हाईहील हरगिज न पहनें क्योंकि लड़के कभी भी यह नहीं चाहते कि लड़की की लंबाई उन से ज्यादा निकली हुई हो. हालांकि, इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि लंबी लड़कियों की तरफ लड़के आकर्षित नहीं होते या छोटी हाइट वाली लड़कियां उन्हें नहीं भातीं, लेकिन यह पूरी तरह सभी की पसंदनापसंद पर निर्भर करता है.

आप की मुसकान

किसी ने ठीक ही कहा है कि एक खूबसूरत मुसकान किसी का भी दिल जीत सकती है. जी हां, जो लड़कियां मुसकराती हैं, उन्हें काफी आकर्षक माना जाता है. शायद यही एक कारण भी है कि ऐसी लड़कियों से लड़कों को बात करने में काफी आसानी होती है. ऐसे में अगर आप को लड़के वाले देखने आ रहे हैं तो अपनी मुसकान के साथ पर्सनैलिटी का भी ध्यान रखें. न बहुत ज्यादा मुसकराएं और न होंठ सी कर बैठें. आप के चेहरे की लज्जाशील मुसकराहट किसी का भी दिल जीत लेगी, इसलिए हलकी मुसकान जरूर ओढ़े रहें.

आप की आंखें

आप एक व्यक्ति की आंखों में देख कर उस के बारे में बहुतकुछ पता लगा सकते हैं. यही नहीं, आंखें एक चुंबक की तरह हैं जो किसी भी अजनबी को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती हैं. ऐसे में ज्यादातर लड़के एक लड़की की आंखों में देखने का जरूर प्रयास करते हैं. वे बातचीत के दौरान आप की आंखों में देख कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि आप उन को कैसा फील कर रही हैं. आप की आंखों में उन के लिए प्यार और विश्वास है कि नहीं. ऐसे में बाकी बौडी पार्ट्स की तरह अपनी आंखों पर भी विशेष ध्यान दें. आप की आंखें छोटीबड़ी जैसी भी हों, उन्हें मेकअप के जरिए थोड़ा और आकर्षक बनाएं. काजल, मसकारा और आई लाइनर ये तो अब रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें हैं, इन से परहेज न करें. आंखों को साफ भी रखें. ऐसा न हो कि उन से बात करतेकरते आप की आईज के साइड बट्स पर जमा मैल उन को नजर आ जाए और बनती बात बिगड़ जाए.

आप की ड्रैसिंग स्टाइल

यह आप को थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ऐसा सच है कि लड़के ज्यादातर लड़कियों को उन की ड्रैसिंग स्टाइल से भी जज करते हैं. हालांकि, इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप ने फर्स्ट मीटिंग में इंप्रैस करने के लिए एक सुपर हौट ड्रैस चुन ली या जो ड्रैस आप ने चुनी है उस का रंग आप के टैक्सचर पर बिलकुल भी सूट न करे. ऐसे में वहां बात बनने से पहले ही बिगड़ जाएगी.़

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हर लड़की को पता होता है कि उस पर सब से ज्यादा कौन सा रंग खिलता है. कौन से कलर में उस का शरीर आकर्षक दिखता है. तो जिस रंग को ले कर आप पहले से कौन्फिडैंट हैं, उसी रंग की पोशाक ट्राई करें. किसी और के कहने पर भड़काऊ रंग के कपड़े न पहनें. जिस के बारे में आप को पहले से पता है कि यह कलर आप को सूट करता है तो उस में आप का आत्मविश्वास जागेगा, जो आप की बौडी लैंग्वेज में भी पता चलेगा और आप की आंखों से भी छलकेगा.

इस बात को गांठ बांध लीजिए कि एक आत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति सब से अधिक आकर्षक लगता है. यदि आप फुल कौन्फिडैंस के साथ बातचीत करती हैं या उन की हर बात का बेबाक तरीके से जवाब देती हैं तो आप की बात बननी पक्का है, कोई कैसे आप को रिजैक्ट कर सकता है.

 इम्यूनिटी बढ़ाने वाले 7 ब्रेकफास्ट

आए दिन नाश्ता स्किप करना आप की आदत बन चुका है तो संभल जाएं, क्योंकि रात के लंबे ब्रेक के बाद सुबह शरीर को फ्यूल की जरूरत होती है, क्योंकि जब हम सोते हैं तब हमारे शरीर की कोशिकाएं मरम्मत का काम करती हैं, हमारा शरीर व दिमाग कार्य करता रहता है. इस काम में खर्च हुई ऐनर्जी की पूर्ति सुबह के ब्रेकफास्ट से ही हो सकती है. लेकिन कभी जल्दबाजी के कारण तो कभी यह सोच कर कि लंच जल्दी कर लूंगी, महिलाएं नाश्ते के साथ समझौता कर लेती हैं और फिर धीरेधीरे इस का सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है.

जैसे अगर आप के दिन की शुरुआत अच्छी होती है तो पूरा दिन अच्छा बितता है ठीक यही बात ब्रेकफास्ट पर भी लागू होती है. अगर ब्रेकफास्ट हैवी और न्यूट्रिशन से भरपूर होगा तो आप पूरा दिन तरोताजा और स्फूर्ति से भरपूर महसूस करेंगी.

अमेरिका की वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप समय पर व न्यूट्रिशन से भरपूर ब्रेकफास्ट नहीं लेते तो इस से मैटाबोलिज्म स्लो हो जाता है जो मोटापा बढ़ा सकता है. इसलिए अपने ब्रेकफास्ट को कभी स्किप न करें और उसे हैल्दी बनाने की कोशिश करें. आप के ब्रेकफास्ट में प्रोटीन, कैल्सियम, ऐनर्जी, कार्ब्स, विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर, फैट्स सभी शामिल होने चाहिए.

कैसा हो आप का ब्रेकफास्ट, इस संबंध

में बता रही हैं फरीदाबाद के एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज की डाइटीशियन

डा. विभा.

1. स्टफ्ड ब्रैड

परांठा खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन सेहत के चक्कर में सब से पहले हम अपनी डाइट से परांठे को ही आउट कर देते हैं. जबकि इसे बनाने के हैल्दी तरीके अपना कर हम इसे अपने नाश्ते में ऐड कर सकती हैं. परांठे को पोषणयुक्त बनाने के लिए गेहूं के आटे में बेसन या अपनी पसंद का कोई और आटा मिला लें. मिक्स आटे से कैल्सियम, मैग्नीशियम, फाइबर और फौलेट की उचित मात्रा भी मिल जाती है. परांठे को भरावन के तौर पर गोभी, आलू, पनीर, मटर, प्याज, अदरक इत्यादि का इस्तेमाल करें या फिर मौसमी हरी सब्जियों का इस्तेमाल या मेथी की पत्तियों का पेस्ट मिला साधारण परांठे को पोषणयुक्त परांठा बना लें. इस तरह स्वाद भी बढ़ जाएगा और अलगअलग सब्जियों के पोषक तत्त्व भी नाश्ते में मिल जाएंगे.

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गोभी में बोन बूस्टिंग विटामिन के और इम्यूनिटी बूस्टर विटामिन सी मौजूद होता है, साथ ही इसे ऐंटीऔक्सीडैंट का भी अच्छा स्रोत माना जाता है. अगर आप गोभी का 1 परांठा खाती हैं, तो आप को इस से 200 कैलोरी मिलती है. वहीं गाजर में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर होते हैं. इन का परांठा खाने से आप को 130 कैलोरी मिलेगी. पालक न्यूट्रिऐंट्स और ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है, इस के एक परांठे से आप को 140 कैलोरी मिलती है.

2. स्टीम्ड पोहा

स्टीम्ड पोहा से आप को कैलोरीज, फैट, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, फाइबर, सोडियम सब मिलता है, जो रोज ब्रेकफास्ट की डिमांड होती है. यह हाई फाइबर रिच फूड होने के कारण इसे खाने से आप को लंबे समय तक भूख नहीं लगती, साथ ही यह शरीर में आयरन की कमी को भी दूर करता है. इस से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है.

यहां तक कि प्रैगनैंट व ब्रैस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को रोजाना ब्रेकफास्ट में पोहा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बच्चे की सारी जरूरतें मां के शरीर से पूरी होती हैं. ऐसे में शरीर में आयरन की कमी से गैस्टेशनल ऐनीमिया का खतरा बढ़ जाता है, जबकि पोहा बनने की प्रक्रिया में चावल को आयरन रोलर्स से हो कर गुजरना होता है. ऐसे में उस में आयरन की मात्रा भी मिल जाती है. इसलिए ही उसे आयरन रिच फूड में गिना जाता है. आप चाहें तो अपने पोहा बाउल में नीबू भी ऐड कर सकती हैं, क्योंकि यह आयरन को आप के शरीर में बेहतर ढंग से अवशोषित करने का काम करता है.

पोहा के एक बाउल में लगभग 173 कैलोरी और 4.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

3. स्टफ्ड डंपलिंग

अगर आप एकजैसे ब्रेकफास्ट से बोर हो गए हैं तो स्टफ्ड डंपलिंग, जिसे दाल के फरे भी कहते हैं को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करें. यह काफी हैल्दी व टेस्टी ब्रेकफास्ट माना जाता है. इस की स्टफिंग चने, उरद की दाल, चावल का आटा, जीरा, लहसुन, नमक डाल कर तैयार की जाती है और डो आटे से तैयार किया जाता है. उरद की दाल में प्रोटीन और आयरन की मात्रा अधिक होती है, चने की दाल में वसा बहुत कम होती है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसे स्टीम करने के कारण इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कम नहीं होती.

इस के 2 पीस में लगभग 186 कैलोरी और 7.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

4. क्विनोआ पोहा विद हरे मटर

क्विनोआ पोहा हाई प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट है. इस में कैलोरीज बहुत कम होती हैं. यह ग्लूटेनफ्री होता है. इस में न्यूट्रिऐंट्स, ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स होने के कारण यह पचने में आसान होता है, साथ ही इस में फाइबर होने के कारण यह लंबे समय तक आप को तृप्त रखता है और जब हम इस में मटर, प्याज व अन्य सब्जियां ऐड करते हैं तो इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कहीं अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि मटर में विटामिंस, ऐंटीऔक्सीडैंट्स जैसे विटामिन सी, के और फौलेट होते हैं, साथ ही ये मैग्नीशियम और फाइबर में भी रिच होने के कारण काफी हैल्दी ब्रैकफास्ट माना जाता है.

इसे बनाना भी काफी आसान है. पहले क्विनोआ को भूनें, फिर इस में पानी डाल कर अच्छी तरह से उबालें. इस के बाद इसे सब्जियों के तड़के में डालें. क्विनोआ पोहा तैयार है. आखिर में ऊपर से नीबू ऐड करें. यह जहां

टेस्ट को बढ़ाने का काम करता है वहीं इस में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में

मदद करेगा.

इस में एक बाउल में लगभग 182 कैलोरी और 6.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

5. ओट्स की इडली

सूजी व चावल की इडली तो आप ने खाई होगी, लेकिन क्या कभी ओट्स की इडली ट्राई की है? यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ठ होती है, बल्कि यह प्रोटीन, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स, विटामिन बी व मिनरल्स से भरपूर होने के कारण आप के दिल की सेहत का भी खास खयाल रखती है. इसे आप पीनट की चटनी के साथ भी खा कर इस के स्वाद को और बढ़ा सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 147 कैलोरी और 5.3 ग्राम प्रोटीन होता है.

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6. अंकुरित अनाज

अंकुरित अनाज हमारी सेहत के लिए कई मानों में फायदेमंद माना जाता है. यह न सिर्फ हमें तंदुरुस्त रखने का काम करता है, बल्कि हमें कई बीमारियों से भी बचाने का काम करता है. एक बाउल मूंग दाल स्प्राउट्स में सिर्फ 50 कैलोरी होती है, साथ ही ये विटामिन बी, ई, सी, फाइबर, प्रोटीन, आयरन का अच्छा स्रोत होने के साथसाथ आप की बौडी को डीटौक्स करने का भी काम करते हैं.

स्प्राउट्स में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और सी होता है. स्प्राउट के अंकुरित होने की 1 हफ्ते की प्रक्रिया में उस में विटामिन ए की मात्रा 10 गुना तक बढ़ जाती है. उच्च मात्रा में विटामिन ए का मतलब शरीर में व्हाइट ब्लड सैल्स के उत्पादन में वृद्धि है जिस से आप को इन्फैक्शन, फ्लू, कोल्ड होने की संभावना कम होती है.

7. टोफू कटलेट

टोफू में लो कैलारी प्रोटीन होने के साथ यह विटामिन बी, कैल्सियम और अल्फा लीनोलिक, जो शरीर में जा कर ओमेगा 3 फैटी ऐसिड में बदल जाता है, इसलिए आप इस का कटलेट बना कर अपने ब्रेकफास्ट को न्यूट्री रिच बना सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 131 कैलोरी और 5.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

तो नाश्ते के इन 7 विकल्पों को अपना कर सेहतमंद रहने के साथसाथ अपनी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करें.

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