लंबे समय से घुटनों के पुराने दर्द से पीडि़त हूं, क्या इसका कोई सही इलाज है?

सवाल-

क्या आप बदलते मौसम में घुटनों को नुकसान से बचाने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव का सुझाव दे सकते हैं? मैं एक 45 वर्षीय मरीज हूं. जो लंबे समय से घुटनों के पुराने दर्द से पीडि़त हूं?

जवाब-

तलेभुने पदार्थ न खाएं. धूम्रपान छोड़ दें. विटामिन डी सप्लिमैंट्स लें. घुटनों के इर्दगिर्द की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए टहलने, सैर करने के साथसाथ हलकेफुलके व्यायाम भी करने की जरूरत होगी. हलकेफुलके शारीरिक व्यायाम से घुटनों पर कम दबाव पड़ेगा. अगर चलने से आप के घुटनों में तकलीफ होती है तो आप पानी में रह कर किए जाने वाले व्यायाम जैसे वाटर ऐरोबिक्स, डीप वाटर रनिंग (गहरे पानी में जौगिंग) करने पर विचार कर सकते हैं. आप ऐक्सरसाइज करने वाली साइकिल का भी प्रयोग कर सकते हैं.

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आर्थ्राइटिस अब हमारे देश की आम बीमारी बन चुका है और इस से पीडि़त व्यक्तियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आर्थ्राइटिस से सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि आज के युवा भी पीडि़त हो रहे हैं. जिस की वजहें आज की मौडर्न जीवनशैली, खानपान, रहनसहन आदि हैं. आज हर व्यक्ति आराम चाहता है, मेहनत तो जीवनचर्या से खत्म हो चली है. फलस्वरूप ऐंडस्टेज आर्थ्राइटिस से पीडि़त अनेक रोगियों के पास जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाता.

इस विषय पर मुंबई के फोर्टिस हौस्पिटल के डा. कौशल मल्हान, जो यहां के सीनियर और्थोपैडिक कंसल्टैंट हैं और घुटनों की सर्जरी के माहिर हैं से बातचीत की गई. वे पिछले 20 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उन का कहना है कि हमेशा से हो रही घुटनों की प्रत्यारोपण सर्जरी ही इस रोग से मुक्ति दिलाती है, पर यह पूरी तरह कारगर नहीं होती, क्योंकि सर्जरी के दौरान मांसपेशियां और टिशू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. परिणामस्वरूप जितना लाभ व्यक्ति को चलनेफिरने में होना चाहिए उतना नहीं हो पाता.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- घुटने का प्रत्यारोपण, आर्थ्राइटिस से मुक्ति

Beauty Tips: क्या मैगनेटिक लैशिज का इस्तेमाल करना सेफ है?

हम अपनी आंखों पर जिस भी चीज का प्रयोग करते हैं उस का सेफ होना बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि आंखें हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण व नाजुक हिस्सा होती है. आज कल मेक अप व गलैमरस जगत में फेक आई लैशिज का प्रयोग बहुत बढ गया है. क्या हैं मैगनेटिक लैशिज व क्या यह सेफ हैं? आइए जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से.

क्या हैं मैगनेटिक लैशिज?

हम जब फैक लैशिज का प्रयोग करते हैं तो हमें उन को अपनी आंखों से ग्लू की मदद से चिपकाने में काफी मुश्किल महसूस होती है.  हमें यह काम बहुत झंझट वाला लगता है. तो इसी झंझट को खत्म करने के लिए मैगनेटिक लैशिज प्रयोग में आई. इन लैशिज को चिपकाने के लिए आप को किसी तरह की ग्लू की जरूरत नहीं पडती. इनमें छोटी छोटी मैगनेट होती हैं. इन की दो परतें होती हैं. आप इन को अपनी लैशिज के ऊपर चिपका सकती हैं. इन्हें उतारने के लिए बस इन को थोडा सा खींचना होता है और यह आंखों से अलग हो जाती हैं.

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क्या मैगनेटिक लैशिज सेफ हैं?

अपनी आंखों पर कोई भी चीज प्रयोग करने से पहले हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वह सुरक्षित है या नही? क्या मैगनेटिक लैशिज सेफ हैं? इस का जवाब हां है, ज्यादातर यह लैशिज आप की आंखों के लिए बिलकुल सुरक्षित हैं परंतु आप को कुछ बातें ध्यान में रखनी होंगी.

ग्लू से चिपकने वाली लैशिज किसी किसी के लिए अलर्जिक साबित हो सकती हैं परंतु मैग्नेटिक लैशिज में ग्लू का प्रयोग ही नहीं होता इसलिए यह सेफ है. फिर भी कई महिलाओं को इन से भी अलर्जी हो सकती है.

नकली पलकें भी इंसानी बालों का प्रयोग कर के ही बनाई जाती हैं. तो उन की क्वालिटी भी अलग अलग मिलती है. इस लिए आप किसी बढिया ब्रैंड की लैशिज का ही प्रयोग करें.

आप लैशिज को उतारते समय अपनी लैशिज के भी कुछ बालों को खो देते हैं और फिर अगली बार वह गलत दिशा में उगते हैं.

आप चाहे किसी भी प्रकार की आई लैशिज का प्रयोग करें, कई बार इन के प्रयोग से आंखों में इंफैक्शन जैसी समस्या हो जाती है.

यदि आप को फिर भी लैशिज का प्रयोग करना अच्छा लगता है तो कुछ सेफ्टी टिप्स को अपनाएं.

सेफ्टी टिप्स

अपनी आई लैशिज किसी अन्य के साथ शेयर न करें.

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अपनी फेक लैशिज को एक बंद डिब्बे में रखें जो कि साफ सुथरा हो.

काफी गर्म जगहों पर अपनी लैशिज को न रखें.

यदि आप को आंखों में जलन या अन्य तरह की दिक्कत होती है तो इन का प्रयोग न करें.

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आधुनिकता के पैमाने पर छलकते जाम

आज भूमि की शादी की पहली सालगिरह थी और अपने पति कार्तिक के इसरार पर उस ने पहली बार बियर का स्वाद चखा था. अब कार्तिक का साथ देने के लिए वह भी कभीकभी ले लेती थी और एक दिन जब कार्तिक कहीं बाहर गया हुआ था तो भूमि ने अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर ली पर उस के बाद भूमि अपने को रोक नहीं पाई और आए दिन ऐसी मदिरापान की पार्टियां उन के यहां आयोजित होने लगीं. भूमि और कार्तिक अपने इस शौक को हाई क्लास सोसाइटी में उठनेबैठने का एक अनिवार्य अंग मानते हैं. यह अलग बात है कि जहां कार्तिक शराब के अत्यधिक सेवन के कारण इतनी कम आयु में ही हाई ब्लडप्रैशर का शिकार हो गया है वहीं भूमि की प्रजनन क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है और वह मां नहीं बन पा रही है.

आज राजेश खन्नाजी बड़ी बेचैनी से चहलकदमी कर रहे थे. उन की बेटी तन्वी अब तक घर नहीं लौटी थी. दरवाजे की घंटी बजी और शराब के नशे में झूमती हुई तन्वी दरवाजे पर खड़ी थी. राजेशजी को तो काटो खून नहीं, उन्हें समझ नहीं आया कि उन की परवरिश में क्या गलती रह गई थी. अगले दिन जब तन्वी का कोर्टमार्शल हुआ तो तन्वी ने पापा से कहा, ‘‘पापा औफिस की पार्टीज में ये सब चलता है और फिर रोशन भैया भी तो पीते हैं.’’

राजेशजी गुस्से में बोले, ‘‘वह कुएं में कूदेगा तो तू भी कूदेगी, लड़कों की बराबरी करनी है तो बेटा अच्छी आदतों की करो.’’

आजकल की भागतीदौड़ती जिंदगी में सभी लोगों पर अत्यधिक तनाव है पर जहां पहले पुरुष ही तनाव से लड़ने के लिए मदिरापान का सेवन करते थे वहीं अब महिलाएं भी पुरुषों के साथ इस मोर्चे पर डट कर खड़ी हैं. क्यों न हो आखिर यह इक्कीसवीं सदी है. महिलाएं और पुरुष  हर कार्य में बराबरी के भागीदार हैं. जब से मल्टीनैशनल कंपनी और कौलसैंटर की बाढ़ भारत में आई है, तभी से शराब और सिगरेट के सेवन में भी आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है. यहां पर काम करने की समयावधि, देर रात तक चलने वाली पार्टीज और कभी न खत्म होने वाले कामों के कारण, यहां के कर्मचारियों में  एक अजीब किस्म का तनाव व्याप्त रहता है. इस का निवारण वे मुख्यत: शराब के सेवन से करते हैं.

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एकल परिवारों में बढ़ती लत

ऐसा नहीं है कि पहले के जीवन में तनाव नहीं था पर पहले जहां परिवार के सदस्यों के साथ हम शाम को बैठ कर अपने दुखसुख साझा कर लेते थे. वहीं अब एकल परिवारों के चलन के कारण यह भूमिका मदिरा ने ले ली है.

मजे की बात यह है पहले जहां पत्नियां पति को शराब के सेवन को ले कर रोकटोक करती वहीं अब अगर पति इन नशों का आदी होता है तो उस को तनाव से लड़ने के लिए छोटी सी खुराक समझ कर चुप लगा जाती हैं. बहुत से घरों में तो यह भी देखने को मिलता है कि पत्नियां भी धीरेधीरे पति का साथ देने लगती हैं. बाद में पत्नियों का ये कभीकभी का शौक भी कब और कैसे लत में परिवर्तित हो जाता है वे खुद भी नहीं जान पाती हैं.

अखिल और प्रज्ञा मुंबई में रहते हैं. उन के घर में न पैसों की कोई कमी है और न ही आधुनिक संस्कारों की. दोनों खुद अपनी बेटी के सामने बैठ कर खुद ड्रिंक करते हैं बिना यह सोचे कि इस बात का उन की बेटी कायरा पर क्या असर होगा? हद तो तब हो गई जब एक दिन कायरा को स्कूल से निलंबित कर दिया गया क्योंकि वह पानी की बोतल में पिछले कई दिनों से शराब ले कर जा रही थी. बेटी को क्या समझाएं, यह वे खुद ही नहीं समझ पा रहे हैं. फिलहाल दोनों बेटी से आंखें चुरा रहे हैं और एकदूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं.

इंस्टैंट का जमाना है

आजकल इंस्टैंट जमाना है. हर चीज चाहिए पर बहुत जल्दी और बिना मेहनत करे. अगर तनाव है तो उस से लड़ने का सब से आसान विकल्प लगता है मदिरापान करना. इस के दो फायदे हैं पहले तो कुछ देर के लिए ही सही आप तनावमुक्त तो हो जाओगे और दूसरा आप मौडर्न भी कहलाएंगे.

वहीं जब घर के बुजुर्गों को बच्चों की इस आदत के बारे में बात पता चलता है तो कुछ जुमले बोल कर ही वे लोग अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देते हैं.

‘‘कैसा जमाना आ गया है, आदमियों की तो बात जाने दो, आजकल तो औरतें भी शराब पीती हैं.’’

तंबाकू, सिगरेट और शराब, इन सारी चीजों का सेवन करना आजकल की युवा महिलाओं में एक आम बात सी हो गई है. पहले महिलाएं इन सब चीजों का सेवन मजे के लिए करती हैं और बाद में जब ये लत बन जाती है तो एक सजा जैसी हो जाती है. पहले जहां शराब या सिगरेट की दुकानों पर पुरुषों की भीड़ एक आम बात थी वहीं अब महिलाएं भी बिना किसी हिचक के उन दुकानों पर देखी जा सकती हैं.

गीतिका 28 वर्षीय युवती है और एक आधुनिक दफ्तर में काम करती है. जब मैं ने उस से इस बाबत बातचीत करी तो उस ने कहा, ‘‘दीदी, आजकल औफिस पार्टियों में शराब का सेवन अनिवार्य सा हो गया है. नौकरी तो करनी ही है न तो फिर शराब से कैसा परहेज.’’

मैं इस लेख के माध्यम से शराब या सिगरेट को बढ़ावा कदापि नहीं देना चाहती हूं पर मैं समाज के बदलते मापदंड की तरफ आप सब का ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूं.

चलिए अब कुछ कारणों पर प्रकाश डालते हैं जिस कारण आजकल महिलाओं में शराब के सेवन की आदत बढ़ती जा रही है.

फैशन स्टेटमैंट: आजकल शराब या सिगरेट का सेवन भी एक तरह का फैशन स्टेटमैंट बन गया है. अगर आप शराब नहीं पीते हैं तो आप बाबा आदम के जमाने के हैं. आप कैसे अपने कैरियर में आगे बढ़ेंगे, अगर आप को आजकल के तौरतरीकों का पता नहीं है?

बराबरी की चाहत: आजकल की नारी जीवन के हर मोर्चे पर पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही हैं. अगर पुरुषवर्ग मदिरापान करते हैं तो फिर आज की आधुनिका, श्रृंगारप्रिया कैसे पीछे रह सकती है. अधिकतर महिलाएं सबकुछ जानतेबूझते हुए भी बस बराबरी की चाहत में इस राह की तरफ मुड़ जाती हैं.

तनाव से राहत: तनाव से राहत एक तरफ कैरियर के दबाव, दूसरी तरफ बूढ़े मातापिता, बढ़ते बच्चों की जरूरतें, कभी न खत्म होने वाला काम, इन सब बातों से राहत पाने के लिए भी आजकल की महिलाएं शराब का सहारा लेने लगी हैं. कुछ देर के लिए ही सही उन्हें लगता है वह एक अलग दुनिया में चली गई हैं.

स्वीकार होने की चाह: आजकल अधिकतर लड़कियां नौकरी के कारण अपना घर छोड़ कर महानगरों में अकेले रहती हैं. नई जगह, नए दोस्त और उन दोस्तों में अपनी पहचान बनाने के लिए न चाहते हुए भी वे मदिरापान करने लगती हैं. नए रिश्ते बनते हैं तो सैलिब्रेशन में शराब का सेवन होता है और फिर जब रिश्ते टूटते हैं तो फिर शराब का सेवन गम गलत करने के लिए होता है.

शराब के सेवन से सेहत पर होने वाले बुरे असर से हम सब भलीभांति परिचित हैं. परंतु अगर हाल ही में हुए शोधों पर नजर डालें तो यह पता चलता है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की सेहत पर शराब का दुष्प्रभाव अधिक होता है.

– शराब को पचाने के लिए लिवर से एक ऐंजाइम निकलता है जो शराब को पचाने में सहायक होता है. महिलाओं में ये ऐंजाइम कम निकलता है जिस के कारण उन के लिवर को पुरुषों के मुकाबले अधिक मेहनत करनी पड़ती है.

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– महिलाओं की शारीरिक संरचना पुरुषों से अलग है  इसलिए उन की सेहत पर शराब का दुष्प्रभाव अधिक देर तक और जल्दी होता है.

– शराब के सेवन से महिलाओं की प्रजनन शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और यदि गर्भावस्था में महिलाएं शराब का सेवन करती हैं तो होने वाले  शिशु पर भी प्रभाव पड़ता है.

घर के मुखिया या बड़े होने के नाते यदि आप अपने बच्चों की शराब के सेवन की आदत से परेशान हैं तो उन्हें अवश्य समझाएं. शराब के सेवन से होने वाली हानि के बारे में भी बताएं पर बेटा और बेटी या बहू सब को एक समान ही सलाह दें. शराब का सेवन करना एक गंदी आदत है. पर इस का आशय यह नहीं है कि उस का सेवन करने वाली महिलाओं का चरित्र खराब है. जो बात गलत है वह सब के लिए ही गलत है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, दोनों को सलाह देते समय एक ही पैमाना रखें, बेटी और बहू को पाप और बेटे को शौक के तराजू पर ना तौलें.

यह जरूर याद रखिए कमजोर महिला ही विपरीत परिस्थितियों में शराब की डगर पर फिसल जाती है. किसी भी प्रकार के नशे की जरूरत तभी पड़ती है, अगर आप के अंदर हौसले की चिंगारी न हो.

नशा हो जब तुम को हौसले की उड़ान का तो फिर क्या करोगी तुम शराब के जाम का.

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Monsoon Special: जायकेदार पनीर तवा मसाला करें ट्राय

मानसून के मौसम में जायकेदार पनीर तवा मसाला जरूर बनाएं और अपने घरवालों को खुश कर दें.

हमें चाहिए

200 ग्राम पनीर के टुकड़े

1 प्याज कटा हुआ

2 टमाटर कटे हुए

1 शिमलामिर्च कटी हुई

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2-3 कलियां लहसुन

1 टुकड़ा अदरक

1-2 हरी मिर्चें

1/2 छोटा चम्मच जीरा

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

1/4 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर

1/2 छोटा चम्मच गरम मसाला

1/4 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर

2 बड़े चम्मच घी

1/2 छोटा चम्मच कसूरी मेथी

नमक स्वादानुसार

बनाने का तरीका

टमाटर, हरीमिर्चें, लहसुन, अदरक को मिला कर मिक्सी में पेस्ट बना लें. तवे पर घी गरम कर जीरा व कटी प्याज भूनें.

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2-3 मिनट बाद कटी शिमलामिर्च, सभी मसाले, हलदी पाउडर, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, गरम मसाला, अमचूर, नमक और टमाटर का पेस्ट डाल कर धीमी आंच पर घी छोड़ने तक मसाला पकाएं.

पनीर के टुकड़े डालें और अच्छी तरह मिक्स कर पकाएं. कसूरी मेथी को मसल कर डिश गार्निश करें व परोसें.

सांवलेपन को लेकर बिपाशा बसु ने किया ये इमोशनल पोस्ट, बताई अपनी जर्नी 

बीते दिनों अमेरिका में जॉर्ज फ्लौएड की मौत के बाद #blacklifematter ट्रैंड कर रहा है. इसी बीच Hindustan Unilever ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी ब्यूटी क्रीम फेयर एंड लवली (fair and lovely) से फेयर शब्द को हटाने का फैसला किया, जिसके बाद सोशलमीडिया पर लोगों की सांवलेपन को लेकर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु (Bipasha Basu) ने भी अब इस फैसले पर अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि बचपन से लेकर अब तक वह सांवलेपन को लेकर किस तरह से सामना करती रहा हैं. आइए आपको दिखाते हैं बिपाशा का वायरल पोस्ट….

बचपन का दर्द किया जाहिर

बिपाशा ने सांवलेपन को लेकर लिखा, ‘जब मैं बड़ी हो रही थी, तब से मैंने हमेशा यही सुना है कि, ‘बोनी सोनी से ज्यादा सांवली है, वो सांवली-काली है ना?’ हालांकि मेरी मां भी सांवली और सुंदर थी और मैं उन्हीं की तरह दिखती हूं. लेकिन मुझे यह कभी समझ नहीं आया था कि मेरे रिश्तेदारों में सांवलेपन को लेकर चर्चा क्यों होती थी? जबकि मैं उस समय एक बच्ची थी.

 

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From the time I was growing up I heard this always,”Bonnie is darker than Soni.She is little dusky na?“Even though my mother is a dusky beauty and I look a lot like her.I never knew why that would be a discussion by distant relatives when I was a kid. Soon at 15/ 16 I started modelling and then I won the supermodel contest … all newspapers read … dusky girl from Kolkata is the winner.I wondered again why Dusky is my first adjective ??? Then I went to New York and Paris to work as a model and I realised my skin colour was exotic there and I got more work and attention because of it. Another discovery of mine:) Once I came back into India and film offers started… and finally I did my first film and from an absolute Ajnabee to Hindi film industry …I suddenly was accepted and loved. But the adjective stayed which I started liking and loving by then.DUSKY girl wows the audiences in her debut film. In most of my articles for all the work I did,my duskiness seemed to be the main discussion.. it attributed to my sex appeal apparently.And sexy in Bollywood started getting accepted widely.I never really understood this… To me sexy is the personality not just the colour of your skin…why my skin colour only sets me apart from the conventional actresses at that time.But that’s the way it was.I didn’t really see much of difference but I guess people did.There was a strong mindset of Beauty and how an actress should look and behave.I was DIFFERENT as it was pointed out. Didn’t really stop me from being and doing all that I loved. Well you see I was confident and proud of who I was from childhood.My skin colour didn’t define me … even though I love it and wouldn’t want it to be any different ever. Many skin care endorsements with loads of money was offered to me in the last 18 years ( some were very tempting)… but I stuck to my principle always. All this needs to stop. This wrong dream that we are selling … that only fair is lovely and beautiful when the majority of the country is brown skinned. It’s a deep rooted stigma. It’s a mammoth step from the brand… and other brands should follow in the same footsteps soon🙏

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मौडलिंग की दुनिया में भी डस्की लुक को लेकर कही ये बात

अपने करियर की शुरूआत के समय की बात करते हुए बिपाशा ने लिखा कि जल्द ही 15/16 में मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी और फिर मैंने सुपर मॉडल प्रतियोगिता जीती … सभी न्यूजपेपर्स में यह पढ़ा गया था … कोलकाता की सांवली लड़की विजेता बनी. मुझे फिर से आश्चर्य हुआ कि मेरे डस्की लुक को पहले क्यों देख जाता है??? फिर मैं एक मॉडल के रूप में काम करने के लिए न्यूयॉर्क और पेरिस गई और मुझे एहसास हुआ कि मेरी त्वचा का रंग वहां काफी अलग था और मुझे इसकी वजह से अधिक काम और अटेंशन मिली. यह मेरी एक और खोज थी.

फिल्मी दुनिया में जब मिला लोगों का प्यार

 

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Missing my short hair … #throwback

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एक बार जब मैं भारत वापस आई और फिल्म के ऑफर मिलने लगे … और आखिरकार मैंने अपनी पहली फिल्म की ‘अजनबी’ … मुझे अचानक स्वीकार किया गया और खूब प्यार मिला. लेकिन वहां भी मेरा सांवलापन पहला एडजेक्टिव बना रहा जिसे मैं तब तक पसंद और प्यार करने लगा थी. ‘डस्की’ लड़की ने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों को आकर्षित किया.

सबसे अलग था मेरा रंग

इसके बार मेरे द्वारा किए गए काम और आर्टिकल में मेरे सांवलेपन की चर्चा होने लगी थी.. इसने मेरी सेक्स अपील को सबसे जिम्मेदार ठहराया और बॉलीवुड में इसे बड़े स्केल पर स्वीकार किया जाने लगा. मैंने इसे वास्तव में कभी नहीं समझा … सेक्सी होना एक पर्सनालिटी है या ये सिर्फ आपकी स्किन का रंग भर नहीं है. … क्यों मेरी त्वचा का रंग मुझे उस समय की एक्ट्रेसेस अलग करता है. लेकिन यही तरीका है.


मैं वास्तव में बहुत अंतर नहीं देखती थी, लेकिन मुझे लगता है कि लोगों ने ऐसा किया. तब सुंदरता को लेकर कड़े विचार थे कि एक एक्ट्रेस को कैसे दिखना चाहिए और बर्ताव करना चाहिए, उस वक्त मुझे काफी अलग रखा गया था. हालांकि, इससे कभी मुझे फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मुझे जो पसंद था वो मैंने किया.

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बता दें, बिपाशा बसु उन एक्ट्रेसेस में से हैं जो अपनी टैलेंट और काबिलियत के दम पर दुनिया में अपना परचम लहरा चुकी हैं. वहीं बौलीवुड की बात करें तो आज भी फैंस उनके लुक और खूबसूरती के दीवाने हैं.

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3 महीने बाद फिर से शुरु हुई ‘ये रिश्ता’ की शूटिंग, नए लुक में दिखे ‘नायरा-कार्तिक’

कोरोनावायरस के कहर के बीच सीरियल्स की शूटिंग की इजाजत दे दी गई है. सरकार द्वारा गाइडलाइंस के साथ सेट पर स्टार्स और वर्कर्स की सेफ्टी के लिए कई तैयारियां की गई हैं. वहीं फैंस के फेवरेट शोज में से एक सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Ye Rishta Kya Kehlata Hai) की शूटिंग भी चालू हो चुकी हैं. इसी बीच सेट पर पहुंचे सभी एक्टर्स मास्क पहने नजर आए, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं शो के सितारों की वायरल फोटोज….

सेट पर दिखा कोरोना का खौफ

सीरियल की शूटिंग के चलते मुंबई में मोहसिन खान (Mohsin Khan) और शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) मास्क पहनें नजर आए, जिसकी फोटोज में दोनों का लुक बेहद खूबसूरत लग रहा है. वहीं वायरल फोटोज में सेट पर सभी कलाकारों और बाकी टीम मेंबर्स को मास्क पहने हुए नजर आए. साथ ही फोटोज में साफ नजर आ रहा है कि सेट पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी भरपूर ध्यान रखा जा रहा है.

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मोहसिन और शिवांगी आए साथ नजर

सेट से सामने आई एक फोटोज में शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) और मोहसिन खान (Mohsin Khan) बेड पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं. जहां शिवांगी जोशी के चेहरे पर हल्की मुस्कान देखी जा रही है वहीं मोहसिन खान के चेहरे पर शिकन देखने को मिल रही है. इसी के साथ मोहसिन का लुक भी फैंस को काफी पसंद आ रहा है, जिसमें मोहसिन के बाल बढ़ गए है्ं और वौ काफी हैंडसम लग रहे हैं. वहीं शिवांगी कर्ली बालों में नजर आ रही हैं और पहले से ज्यादा क्यूट लग रही हैं.

होने वाली है नई एंट्री

 

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Kuch samajh sa nahi aa raha…..

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सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में जल्द ही अलका कौशल की एंट्री होने वाली है. नई स्टोरी के साथ खबरें है कि उनके किरदार की वजह से ही नायरा और कार्तिक के रिश्ते में बड़ा ट्विस्ट देखने को मिलेगा. वहीं शो के प्रौड्यूसर राजन शाही ने भी लॉकडाउन के बाद नए ट्विस्ट एंड टर्न्स की बात कही थी.

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@khan_mohsinkhan #khanmohsinkhan #momo #mohsinkhan

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बता दें, बीते दिनों खबरें थीं कि नायरा यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) जल्द ही शो को अलविदा कहने वाली हैं. लेकिन हाल ही में दिए एक बयान में शिवांगी ने कहा है कि जल्द ही फैंस को सरप्राइज मिलेगा और वो इसी सीरियल से जुड़ी रहने वाली हैं. अब देखना है कि लॉकडाउन के बाद शो में कौनसे नए ट्विस्ट और नई एंट्री देखने को मिलने वाली है.

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Monsoon Special: स्नैक्स में परोसें पनीर ब्रेड पकौड़ा

ब्रेड में आलू की फिलींग डालकर पकौड़े तो आपने जरूर टेस्ट किए होंगे, लेकिन क्या आपने चीज और पनीर का कौम्बिनेशन ट्राय किया है. पनीर और चीज की फिलिंग काफी लाजवाब होती है. अगर आप इसे एक बार खाएंगे तो बार बार खाने की इच्‍छा होगी. पनीर चीज पकौड़े बच्‍चों को काफी पसंद आएंगे इसलिये आप इसे बिना किसी झिझक के बना सकती हैं. शाम के समय चाय के साथ इन पकौड़ों का तो कोई जवाब ही नहीं होता. आइये जानते हैं ब्रेड पनीर चीज पकौड़े बनाने की आसान विधि…

हमें चाहिए

4 – ब्रेड स्‍लाइस (16 गोल टुकड़ों में काटें)

300 ग्राम – पनीर (ब्रेड की तरह पतले गोल टुकड़ों में काटें)

4 – चीज स्लाइस

1 कप – हरी चटनी

स्वादानुसार – लाल मिर्च पावडर

स्वादानुसार – चाट मसाला

स्वादानुसार – नमक

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2 बड़े चम्मच – मैदा

3 बड़े चम्मच – कॉर्नस्टार्च

1/2 छोटा चम्मच- कुटी हुई कालीमिर्च

1 1/2 छोटा चम्‍मच – रेड चिली फ्लेक्‍स

तेल – फ्राई करने के लिये

1 कप – ब्रेडक्रम्‍ब्‍स

बनाने का तरीका

– सबसे पहले ब्रेड के टुकड़े लें और उस पर हरी चटनी पूरी तरह से लगाएं.

– फिर ऊपर से पनीर का एक छोटा टुकड़ा रखें. थोड़ा लाल मिर्च पावडर, चाट मसाला और नमक छिड़कें.

– उसके बाद इस पर गोल टुकड़े में कटी चीज स्‍लाइस रखें.  फिर ऊपर से दूसरी गोल ब्रेड स्‍लाइस से इसे ढंक दें.

– अब हमें ब्रेड को अच्‍छी तरह से मैदे और कार्नस्‍चार्ट के पेस्‍ट से इसको लपेट कर बंद करना है.

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– मैदे और कार्नस्‍टार्च के पेस्‍ट के लिये उसमें कसूरी मेथी, कुटी काली मिर्च, रेड चिल्ली फ्लेक्स, नमक और जरुरत अनुसार पानी डालकर फेंट कर गाढा घोल बनाएँ.

– ब्रेड पकौड़े को कार्न स्‍टार्च वाले घोल में लपेट लें, फिर उसे गरम तेल वाले फ्राइंग पैन में रखें.  इसी तरह से और ब्रेड पकौड़े बनरा कर पैन में डालें. तेल जरुरत भर का ही होना चाहिये.

– ब्रेड पकौडे़ को एक ओर अच्‍छी तरह से सेंक कर दूसरी ओर पलटें और सुनहरा होने तक सेकें.

– आपके ब्रेड पनीर चीज पकोड़ै तैयार हैं, इन्‍हें चटनी के साथ सर्व करें.

अकेले हैं तो क्या गम है

आजकल अधिकांश लोग अकेले रहते हैं. आप भी उन में से एक हैं तो कहीं आप को यह तो नहीं लगता कि अकेले रहना बहुत बुरी और मुश्किल चीज है. आप अपने अकेले रहने वाले समय को ऐंजौय करने, रिलैक्स करने के बजाय घर में इधर से उधर भटकते हुए यह सोचने में तो नहीं बिता देतीं कि आप इस समय क्या करें?

अगर ऐसा है, तो आप इन लोगों के बारे में जरूर जानिए:

65 वर्षीय श्यामला आंटी अकेली रहती हैं, पति का निधन हो चुका है, इकलौती विवाहित बेटी अपनी फैमिली के साथ आस्ट्रेलिया में सैटल्ड है. आंटी हम सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं. हम में से किसी ने भी कभी उन्हें किसी भी बात पर झींकते हुए नहीं देखा. वे अपने अकेलापन को बहुत ही पौजिटिव तरीके से लेती हैं, ऐसा भी नहीं कि उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं होती. तबीयत खराब होने पर खुद ही डाक्टर के पास जाती हैं, कभी किसी को नहीं कहतीं कि उन्हें कंपनी चाहिए. मेड जरूरी काम निबटा जाती है, वही अगर किसी को बताए कि आंटी की तबीयत ठीक नहीं है, तो तभी पता चलता है.

महीने में एक बार मुंबई में किसी रिश्तेदार से मिल आती हैं. कैब भी खुद बुक करना सीख लिया है, बेटी दिन में एक बार बात करती है, उन की हर प्रौब्लम को वहीं से निबटा देती है. शाम को अच्छी तरह तैयार हो कर आंटी नीचे उतरती हैं, सैर करती हैं, अपनी हमउम्र महिलाओं के साथ बैठती हैं, जो महिलाएं अपने बेटेबहू, घरपरिवार की बुराई करती हैं, उन से फौरन दूरी बना लेती हैं. हंसमुख, शालीन आंटी का स्वभाव ऐसा है कि जब भी उन्हें हमारी कोई हैल्प चाहिए होती है, कोई पीछे नहीं हटता. ऐसा नहीं कि उन्हें घर में अकेलापन कभी खलता नहीं होगा पर यह अकेलापन उन्होंने स्वीकार कर लिया है और अब इसे ऐंजौय करने लगी हैं. गु्रप में किसी को पार्टी करनी हो और यदि वह अपने घर में न कर पा रही हो, कारण कुछ भी हो, आंटी का घर हमेशा सब के लिए हर काम के लिए खुला है.

हंस कर कहती हैं, ‘‘अरे, यहां कर लो पार्टी, मेरी क्रौकरी भी इस बहाने निकल जाएगी, कुछ रौनक होगी.’’

देखते ही देखते उन के यहां पार्टी हो जाती है और किसी की भी अपने घर पार्टी न कर पाने की प्रौब्लम खत्म.

जीवन में किसी के सामने कभी भी अकेले रहने का समय आए तो सब यही सोचती हैं कि अकेले रहने की प्रेरणा आंटी से लेनी है.

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नीरजा के बेटेबहू जब भी विदेश से मुंबई आते, तो उन का मन खुशी से नाच उठता. पति विशाल के साथ मिल कर ढेरों प्लानिंग कर लेतीं, कितनी ही चीजें उन की पसंद की बना कर रख देतीं. उन के वापस जाने के बाद जीवन में फिर से छाए अकेलेपन के अवसाद में कई दिनों तक घिरी रहतीं. पर धीरेधीरे बेटेबहू के बदलते लाइफस्टाइल ने उन के सोचने की भी दिशा बदल दी.

अब वे उन के जाने पर जरा भी अकेलापन महसूस नहीं करतीं, अब वे अपने अनुभव कुछ इस तरह से बताती हैं, ‘‘बच्चों की शिकायत नहीं कर रही हूं. उन का लाइफस्टाइल अलग है हमारा अलग. वे

11 बजे सो कर उठते हैं, रात दोस्तों से मिलमिला कर पार्टी कर के 2-3 बजे लौटते हैं. हमारे पास तो बहुत ही थोड़ी देर बैठते हैं पर मेरा पूरा रूटीन घर के हर काम का समय बुरी तरह बिगड़ जाता है, रात को नींद डिस्टर्ब होती है, हमें जल्दी सुबह उठने की आदत है. मगर बच्चे घर में रहते हैं तो पूरा दिन किचन समेटने की नौबत ही नहीं आती. बहू किचन में झांकती भी नहीं. मेरी हालत खराब हो जाती है. उन की दुनिया अलग ही है. हमारी भी अलग. अब तो जब वे चले जाते हैं चैन की सांस आती है. अब अकेलेपन में आराम दिखता है, शांति है. साथ रहने पर किसी न किसी बात में मनमुटाव भी हो जाता है, जो अच्छा नहीं लगता. वे वहां खुश रहें, हम यहां खुश रहें, बच्चों के बिना अब अकेलेपन को खलता नहीं, हम अकेलेपन को ऐंजौय करते हैं.’’

70 वर्षीय सुधा रिटायर्ड टीचर हैं. उन के बेटाबेटी उसी शहर में अपनेअपने परिवार के साथ अलग रहते हैं. सुधा पति की डैथ के बाद से अकेली ही रह रही हैं. उन्हें कभी किसी पर आश्रित हो कर रहना भाया ही नहीं. हमेशा अकेली रहीं.

उन का कहना है, ‘‘मुझे अकेले रहने की आदत है, मैं नहीं चाहती साथ रह कर बेटे के साथ कोई खटपट हो. अभी सब अलग हैं, सब को अपनी प्राइवेसी चाहिए, कोई जरूरत होने पर एक फोन पर कोई भी आ ही जाता है. मिलतेजुलते तो रहते ही हैं, किसी के साथ रहने का बंधन नहीं है. जब मन हुआ अपनी फ्रैंड्स को बुलाती हूं, जब मन हुआ घूमने चली जाती हूं, सब अपनी मरजी से जीएं, क्या बुरा है. अकेलापन कोई समस्या है ही नहीं, लाइफ एंजौय करनी आनी चाहिए.’’

26 वर्षीय संजय विदेश में पढ़ता है. इंडिया आने पर वहां के लाइफस्टाइल के बारे में पूछने पर कहता है, ‘‘शुरू में मन नहीं लगता था, काम करने की आदत नहीं थी, बहुत अकेलापन लगता था, फ्रैंड्स भी नहीं थे पर अब सब काम खुद करतेकरते अकेले रहने की आदत सी पड़ गई है, लेट आने पर किसी की रोकटोक की आदत नहीं रही. अपनी मरजी से जब जो मन होता है, करता हूं. अब अकेले रहने को ऐंजौय करता हूं. अब लगता है किसी के साथ रहने पर काफी ऐडजस्ट करना पड़ेगा,’’ और फिर हंस पड़ता है.

42 वर्षीय दीपा तो अकेले रहने की कल्पना पर ही जोश से भर उठती है. वह कहती है, ‘‘यार, सपना होता है कि कभी अकेली भी रहूं. पति टूर पर जाएं तो मजा आ जाता है. वे हर तरह से अच्छे पति हैं पर उन के टूर पर जाने पर जो थोड़ी फ्री होती हूं न, जो रूटीन चेंज होता है, अच्छा लगता है और उस पर बच्चे भी बाहर व्यस्त हों तो क्या कहने, यह भी टाइम बहुत बड़ा गिफ्ट लगता है नहीं तो सुबह से रात तक अपने लिए सोचने का टाइम मुश्किल से ही मिलता है. मुझे तो इंतजार है उस दिन का जब बच्चे पढ़लिख कर सैटल हों और मुझे अकेले रहने का टाइम मिले और मैं अपने हिसाब से अपने कुछ शौक पूरे कर लूं.’’

24 वर्षीय वीनू को मुंबई में जब ट्रेनिंग के लिए आना पड़ा तो पूरा परिवार हैरानपरेशान हो गया, भोपाल से मुंबई आ कर वह 2 और लड़कियों के साथ रूम शेयर कर के रहने लगी. उस के पेरैंट्स बहुत परेशान कि कैसे रहेगी, क्या करेगी, यह तो एक दिन भी हमारे बिना नहीं रही. सब का रोरो कर बुरा हाल, 1 महीना ही लगा वीनू को मुंबइया लाइफ में सैट होने में. हमेशा घरपरिवार की सुरक्षा में रहने वाली वीनू बाहर निकल कर आत्मविश्वास से भरती चली गई. सारे काम गूगल की हैल्प लेले कर पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गई और अपनी इस नई दुनिया में अकेलापन ऐसा भाया कि अब घर वाले  उसे अकेले इतनी खुश देख हैरान रह जाते.

45 वर्षीय दीपा को लिखने का शौक है, वे कभी रात में घर में अकेली नहीं रहीं. पति टूर पर  होते हैं तो दोनों बच्चे तो साथ होते ही.

एक बार कुछ ऐसा हुआ कि पति टूर पर और दोनों बच्चों को तेज बारिश के कारण 2 दिन मुंबई में अपने फ्रैंड्स के घर रुकना पड़ा. वे बताती हैं, ‘‘पहले तो मैं यह सोच कर घबराई कि अकेली कैसे रहूंगी, पर सच मानिए, इस अकेलेपन को मैं ने इतना ऐंजौय किया कि मैं खुद हैरान रह गई. अपने रूटीन से फ्री हो कर अपने लेखनकार्य में इतनी व्यस्त रही कि पता नहीं कब का सोचा हुआ शांति से लिख कर पूरा कर पाई. इतना कुछ घर के कामों में मन में ही रखा रह जाता है. अब पता नहीं इतना अच्छा मौका कब मिलेगा जो मैं इस तरह से कुछ लिख पाऊंगी.’’

अकेलापन इतनी बड़ी समस्या है ही नहीं जितना लोग समझते हैं. अकेलापन अकसर नैगेटिव विचारों से भर देता है, इसलिए लोग अकसर अकेले रहने से बचते हैं. आप को अकेलापन बोझ न लगे इस के लिए ये टिप्स आजमा सकती हैं:

– इस समय करने के लिए कोई रोचक ऐक्टिविटी ढूंढ़ें, सिर्फ बैठ कर टीवी देखना ही काम न हो.

– स्वयं से जुड़ें, फोन, टैब, लैपटौप से थोड़ा ब्रेक ले कर कुछ और करें, आप को महसूस होगा, आप को किसी की जरूरत नहीं. आप अकेले बहुत कुछ ऐंजौय कर सकती हैं.

– स्वयं से जुड़ने का, खुद को समझने का यह समय बहुत अच्छा होता है. यह आप का टाइम होता है. आप जो चाहें कर सकती हैं.

– इस का मतलब यह नहीं कि आप को घर में ही अकेले रहना है. आप बाहर जाएं, कहीं कौफी पीएं, सैर करें, पार्क में बैठ कर कुछ पढ़ें.

– डाक्टर शैरी के अनुसार अपने साथ ही समय बिताने से खुद को समझने में आसानी होती है. आप सोचें कि आप को जीवन में क्या चाहिए, अपनी पसंद से जरूर कुछ करें.

– अकेले रहने का मतलब यह समझ लें कि आप खुद पर फोकस कर सकते हैं. अपनी फन लिस्ट पर ध्यान देना शुरू करें, जो अभी तक आप के मन में थी.

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– लाइफ ऐंजौय न करने का यह बहाना न ढूंढ़ें कि आप अकेले हैं. जीवन में अच्छी चीजों को देखना सीखें, आशावादी दृष्टिकोण रखें.

– कई बार आप अपने पार्टनर या फ्रैंड को नहीं, उन के साथ बिताया गया समय, मूवी या डिनर पर जाना याद कर रहे होते हैं, तो अब भी स्वयं को रोके नहीं, बाहर जाएं, मूवी देखें, अच्छी जगह कुछ खाएं भी.

– ऐक्सरसाइज जरूर करें, नए दोस्त बनाना चाहते हैं तो जिम जौइन कर लें. अपने घर में ही सिमट कर न रहें. नेचर को ऐंजौय करें. बाहर जाएं, घूमेंफिरें, लोगों से जोश, खुशी से मिलें, आप के नए दोस्त बनेंगे.

– कुछ चैरिटी वर्क करें, किसी हौस्पिटल, किसी संस्था या अनाथालय से जुड़ सकते हैं.

– कुछ लिखें. लिखने से न सिर्फ आप की कल्पनाशक्ति बढ़ती है, लिखना आप को सकारात्मक विचारों से भर कर खुशी भी देता है.

– अच्छी किताबें पढ़ें, पढ़ने का शौक पूरा करने के लिए अकेलापन वरदान है.

– म्यूजिक, डांस या कोई इंस्ट्रूमैंट सीखें.

– लोगों से, पड़ोसियों से मिलने पर अच्छी मधुर बातें करें, किसी से कट कर जीने की आदत न डालें.

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8 टिप्स: इन होममेड तरीकों से पाएं जिद्दी ब्लैकहेड्स से छुटकारा

बेदाग चेहरा पाने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते. चेहरे की खूबसूरती के लिए यह जरूरी है कि आपकी स्किन की रंगत समान हो और चेहरे पर पिम्पल्स और दाग-धब्बे ना हों. जहाँ एक तरफ हमारे चेहरे को तैलीय त्वचा, मुंहासे व दाग-धब्बो से क्षति पहुँचती है ,वहीँ दूसरी तरफ दाग-धब्बे से भी बड़ी एक समस्या है, और वो है हमारी नाक पर ब्लैक-हेड्स होना. ब्लैक-हेड्स जिन्हें आम भाषा में ‘कील’ भी कहा जाता है. ये काले रंग के नॉन-इंफ्लेमेटरी एक्ने होते हैं, जो त्वचा के रोमछिद्रों पर जम जाते हैं, जिनके कारण रोमछिद्र बंद हो जाते हैं.इनसे छुटकारा पाने के लिए हम लोग तरह-तरह के केमिकल प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, जिनके कारण कई बार हमारी त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है.

ब्लैकहेड्स एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र के शख्स को हो सकती है. पर टीनएज में ये खासतौर पर होना शुरू होता है और समय के साथ बढ़ता ही चला जाता है. कुछ लोगों के तो ब्लैक हेड्स सिर्फ नाक पर ही नहीं बल्कि ठुड्डी, सीने और पीठ के साथ ही कंधों पर भी हो जाते हैं.

ब्लैकहेड्स का मुख्य कारण होता है, त्वचा में सीबम का अधिक उत्पादन होना. त्वचा में सिबेशियस ग्लांड्स (sebaceous glands) यानी तैलीय ग्रंथियां मौजूद होती हैं, जो सीबम (तेल) का उत्पादन करती हैं. त्वचा में बनने वाला यह तेल त्वचा को सुरक्षित और नम बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन कभी-कभी त्वचा पर मौजूद गंदगी, धूल और प्रदूषण के कण चले जाने के कारण एक मृत कोशिका की परत बन जाती है ,जिसकी वजह से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं. इस परिस्थिति में सीबम त्वचा के अंदर बनता तो है, लेकिन बाहर नहीं निकल पाता और ब्लैकहेड्स का कारण बनता है.

आज हम आपको ब्लैक हेड्स हटाने के घरेलू उपाय के बारे में बताएँगे .ये उपाय बड़े आसान और प्राकृतिक है जिससे ब्लैकहेड्स हमेशा के लिए चले जायेंगे.

1. शहद और नींबू

नींबू का रस दाग-धब्बों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. इससे ब्लैकहेड्स आसानी से निकल जाते हैं. नींबू में मौजूद पोषक तत्व और विटामिन सी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है.
शहद ऑयली स्किन के साथ ही ड्राई स्क‍िन के लिए भी फायदेमंद है. ये त्वचा को नमी देने के साथ ही पोर्स में कसावट लाने का काम करता है.

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हमें चाहिए-

एक बड़ा चम्मच ऑर्गनिक शहद

एक बड़ा चम्मच नींबू का रस

एक बड़ा चम्मच चीनी

बनाने का तरीका-

1-एक बाउल में सारी सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें.

2-अब इस मिश्रण की एक पतली परत को ब्लैकहेड्स पर लगाएं और उंगलियों को गोल-गोल घुमाकर हल्के हाथों से मसाज करें.

3-लगभग तीन से पांच मिनट तक मसाज करने के बाद इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें.बाद में चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें. इस तरकीब को सालों पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि नीम्बू हमारी त्वचा को हल्का मेहसूस कराता है, और शहद से बैक्टीरिया मारे जाते हैं.

2-गुलाब जल और नमक-

गुलाब जल चेहरे पर निखार लाने के साथ-साथ ब्लैकहेड्स को हटाने में भी मदद करता है.

हमें चाहिए-

1 चम्मच गुलाब जल

1 चम्मच नमक

बनाने का तरीका-

1- एक कटोरी में एक छोटा चम्मच नमक और एक चम्मच गुलाब जल मिला लें.

2- बिना देरी किए हुए इस मिश्रण से अपने नाक या उस जगह पर रगड़ें जहां पर ब्लैक हेड्स हों.

3- गुलाब जल से चेहरे की चमक बढ़ेगी व ब्लैक हेड्स भी साफ हो जाएंगे.

3-बेसन ,दूध और नमक-

जहाँ एक तरफ बेसन हमारे चेहरे पर ग्लो लाता है वहीँ बेसन ,दूध और नमक का मिश्रण ब्लैक हेड्स दूर करने के लिए काफी उपयोगी है.

हमें चाहिए-

1 चम्मच बेसन

2 चम्मच दूध

चुटकी भर नमक

बनाने का तरीका-

1-चम्मच बेसन में 2 चम्मच दूध और चुटकीभर नमक मिक्स करें.

2- इस पेस्ट को ब्लैक हेड्स पर लगाएं. 15 मिनट के बाद इसे रगड़ कर साफ कर दें.

3-इस पेस्ट से ब्लैक हेड्स तो साफ होंगे ही साथ में चेहरा भी चमकने लगेगा

4- चीनी और नमक-

एक चम्मच चीनी में एक चुटकी नमक मिलाएं. इस मिश्रण से हल्के हाथों से नाक पर मसाज करें. 15 मिनट के बाद, जब यह सूख जाए तब गीले कॉटन से पोछ लें.

5- ग्रीन टी

जैसा कि ब्लैकहेड्स के कारण में हम बता चुके हैं कि त्वचा में अधिक सीबम का उत्पादन इसका मुख्य कारण होता है. ऐसे में ग्रीन टी का उपयोग ब्लैक हेड्स का समाधान करने में मदद कर सकता है. इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स सीबम के उत्पादन कम करके रोमछिद्रों को खोलने में मदद कर सकते है.

हमें चाहिए-

दो ग्रीन- टी बैग्स

एक कप गुनगुना पानी

आधा चम्मच एलोवेरा जेल

बनाने का तरीका-

1-दो ग्रीन टी बैग्स को काटें और उनकी पत्तियों को एक कप गुनगुने पानी में डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें.

2-कुछ देर बार पत्तियों को पानी से निकालें और उनमें एलोवेरा जेल मिलाकर उसका पेस्ट बना लें.

3-अब इस पेस्ट को ब्लैक हेड्स पर लगाएं. लगभग 10 से 15 मिनट रखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

6-मकई का आटा और दूध –

मकई का आटा एक फेस स्क्रब की तरह काम करता है जो स्किन के छिद्रों को बंद करने वाली डर्ट आदि को साफ करने में मदद करता है.

हमें चाहिए-

2 चम्मच मकई का आटा

1 चम्मच दूध

बनाने का तरीका-

1-दो चम्मच बारीक मकई के आटे में थोड़ा सा दूध या पानी मिलाकर पेस्ट बना लें.

2-इसे लगाने से पहले चेहरे पर स्टीम लें ताकि स्किन के छिद्र खुल जायें. इस पेस्ट को लगायें और हल्के-हल्के सर्कुलर मोशन में मसाज करें. ब्लैकहेड्स पर ज्यादा मसाज करें.

3-हफ्ते में 3 बार इस प्रक्रिया को करें.कुछ मिनट्स के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

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7- सी सॉल्ट स्क्रब

हमें चाहिए-

दो चम्मच सी सॉल्ट

एक चम्मच शहद

बनाने का तरीका –

1-एक बाउल में दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह से मिला लें.

2-इस स्क्रब को चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें.

3-लगभग पांच मिनट मसाज करने के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें.

8-शुगर स्क्रब

ब्लैकहेड्स का समाधान करने के लिए यह त्वचा से अतिरिक्त तेल को सोखकर रोमछिद्रों को खोलने में मदद करता है.

हमें चाहिए-

दो चम्मच शक्कर

एक चम्मच शहद

आधा चम्मच जैतून का तेल

तीन से चार बूंद नींबू का रस

बनाने का तरीका –

1-एक बाउल में सारी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर स्क्रब बना लें.

2-इस स्क्रब को चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करें.

3-लगभग पांच से छह मिनट तक मसाज करने के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें.

ध्यान रहे- ब्लैकहेड्स को दबाये नहीं ,यहाँ तक की पार्लर में उपयोग किये जाने वाले ब्लैकहेड्स रिमूवर से भी नहीं. क्यूंकि ये त्वचा में दिक्कत कर सकता है जिससे स्तिथि और भी बदतर हो सकती है.

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Fashion: चेहरे के हिसाब से ही ट्राय करें ये लेटेस्ट नोज रिंग और दिखें खूबसूरत

हर किसी लड़की या महिला की चाहत होती है सबसे खूबसूरत और आकर्षक लगना . वो खुद को भीड़ में सबसे अलग दिखाना चाहती है और  वो इसके लिए क्या कुछ नहीं करती. वो अपनी ड्रेस से लेकर अपनी एक्सेसरीज  तक का पूरा ख्याल रखती है.पर क्या आप जानते है एक ऐसी ही  एस्सेसरिज के बारे में जो आपकी खूबसूरती को बढ़ाने में एक अहम् रोल निभाने का काम करती है, ये है बहुत छोटी सी चीज लेकिन इससे किसी की भी सुन्दरता में चार चाँद लग जाते है .

जी हाँ हम बात कर रहे है नोज पिन और नोज रिंग की. काफी समय पहले से ही नोज रिंग का जूनून लड़कियों के बीच है. जहां तक मुझे याद है की नोज रिंग का ट्रेंड तबसे चालू हुआ जब से टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने इसे पहनना चालू किया. उनका ये लुक महिलाओं और लड़कियों ने काफी पसंद किया और यहाँ तक की बॉलीवुड और tv एक्ट्रेस ने  तो इसको कॉपी तक किया.

वैसे तो  ये देखने में बहुत छोटी होती है, पर अगर ये आपके चेहरे पर सूट न करे तो ये आपकी खूबसूरती को बढ़ा या घटा सकती है.कभी कभी हमें किसी के चेहरे पर नोज रिंग देखकर लगता है की हम  भी ऐसी ही नोज-रिंग ले ,पर जरूरी नहीं की वो अगर उसके चेहरे पर अच्छी लग रही है  तो वो आपके चेहरे पर भी अच्छी लगेगी .

आजकल मार्किट में तरह-तरह के स्टोन ,साइज़ और डिजाईन के नोज पिन बहुत ही आसानी से मिल जाते है जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकती है ,लेकिन नोज पिन को अपने चेहरे के according चुनते हुए कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे है की कौन से शेप के चेहरे के साथ कौन सी नोज पिन अच्छी लगेगी.

1-डायमंड स्टड नोज पिन

इस तरह की नोज पिन किसी भी चेहरे पर सुन्दर लगती है. चाहे चेहरा लम्बा, गोल या ओवल शेप का ही क्यूं न हो. ये नोज स्टड आमतौर पर किसी भी तरह के आउटफिट्स के साथ अच्छे लगते हैं चाहे वो इंडियन हो या वेस्टर्न. यदि आप डेली use में  नोज पिन पहनना चाहते हैं, तो छोटे हीरे या स्टोन का विकल्प चुनें.

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2-फ्लावर स्टड नोज पिन

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इस तरह की नोज पिन उन महिलाओं पर ज्यादा अच्छी लगती है ,जिनकी नाक  चौड़ी हो.इस तरह की नोज पिन  मार्किट में कई colours और साइज़ में आसानी से मिल जाएँगी.अगर आप चाहे तो colour-ful नोज पिन भी try कर सकती हैं .ये आपके चेहरे को फंकी लुक देंगी.

3- फ्लावर बेंट नोज पिन

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ये ऐसे नोज पिन्स है जो पूरी तरह सर्कल शेप में नहीं होते.ऊपर से फूल और नीचे से नाक की ओर झुकी हुई ये नोज पिन आजकल मार्किट में बहुत पोपुलर है. ये सभी चेहरे पर सुन्दर लगती है ख़ास कर जिनका  चेहरा  डायमंड या हार्ट शेप का है उन पर तो ये और भी ज्यादा जांचती है. अगर आपका फेस चौड़ा है तो ये नोज पिन्स आपकी चेहरे को स्लिम दिखाने में भी मदद करेगा. इसको आप western ड्रेस के साथ भी carry कर सकती हैं.

4-छोटी हूप  रिंग

लंबी और तीखी नाक वाली लड़कियों पर छोटी-सी हूप रिंग यानी नाक में छोटी बाली अच्छी लगेगी . अगर आपका चेहरा गोल और छोटा है तो भी ये नोज रिंग आप पर बहुत सूट करेगी.आप चाहे तो आप डायमंड नोज रिंग भी try कर  सकती हैं.

5- चौड़ी नोज रिंग-

ये नोज रिंग अंगूठी के आकार की होती है और ये पूरे चेहरे को कवर करती है.यह नोज रिंग बड़े और गोलाकार चेहरे पर बहुत जांचती है.

6- सिंगल पर्ल नोज पिन

इस तरह के नोज पिन  हर तरह के फेस पर सुन्दर लगते है खासकर लम्बे फेस पर.ये आप रोजाना में पहन सकते है.  आप चाहे तो आप इन्हें  साड़ी और अन्य पारंपरिक पोशाक के साथ पहन सकते हैं.ये सुन्दर दिखने के साथ-साथ आपको काफी comfortable भी feel कराएँगे.

7- बड़ी स्टड बाली नोज रिंग

इस तरह के नोज रिंग मे डायमंड या स्टोन लगे होते है . वैसे तो ये नोज रिंग हर तरह के फेस शेप पर अच्छे लगते हैं. पर अगर आपका माथा चौड़ा है और चिन पतला है यानी आके चेहरे का आकर हार्ट के शेप का है तो बड़ी स्टड नोज रिंग आपके चेहरे पर बहुत सूट करेगी. इनका साइज़ बड़ा होने की वज़ह से इनको ख़ास अवसर पर ही पहना जाता है.

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8- सेप्टम रिंग

अगर आपकी नाक बहुत चौड़ी और बड़ी है.और अगर आपको लगता है की जब आप अपनी नाक के nostril  में कोई नोज रिंग या नोज पिन पहनते है तो आपकी नाक और बड़ी लगने लगती है या उसपर कुछ अच्छा नहीं लगता .तो आप अपने नाक के दोनों nostrils  के बीच एक छोटे हूप वाली नोज रिंग try कर सकते हैं इससे आपकी नाक थोड़ी कम चौड़ी और छोटी  दिखेगी. और  जैसा की आप जानती है की मार्किट में बहुत सारी clip-on  नोज रिंग आसानी से available है तो आपको अपने nostril को छिदवाने  की जरूरत भी नहीं है.  .

सेप्टम रिंग उन महिलाओं के लिए भी  हैं जो भीड़ में अलग दिखना चाहती हैं. ये आपको हिप्पी लुक देगा.

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