लॉकडाउन में Work From Home: आई मिस माय ऑफिस

लेखक-Lalita Bhatia

अक्सर सुनती विदेशों में वर्क फ्रॉम होम होता है कैसे करते होंगे काम?  क्या घर के सदस्य डिस्टर्ब नहीं करते होंगे?  पर मजा भी कितना आता होगा सुबह उठने की जल्दी नहीं होती होगी मन में इच्छा जागती थी कभी मैं भी घर से काम करूं.  करोना देव ने अवतार लेकर मेरी यह इच्छा पूरी कर दी करोना के चलते पूरे शहर में  लॉक डाउन हो गया.  ऑफिस बंद कर दिए और सब के लिए घर से काम करने के आर्डर हो गए मुझे तो मालूम मुराद मिल गई कहीं जाने की जल्दी नहीं होती. 8:30 बजे उठो और  नहा धो कर टेबल पर बैठ जाओ. सुबह की चाय भी  मम्मी टेबल  पर ही देती और उसके बाद नाश्ता भी दोपहर का लंच मैं अपने परिवार के साथ करती.  2-4  दिन तो सब ठीक-ठाक चला उसके बाद कुछ हास्यास्पद परिस्थितियां होने लगी.

एक दिन मेरी अपने बॉस के साथ मीटिंग चल रही थी और मम्मी गैस पर   कुक्कर चढ़ाकर नहाने चली गई  साथ ही मुझे हिदायत दे गई कि 4 सिटी आने के बाद गैस बंद कर देना.  मम्मी नहा कर आई मैं तब भी मीटिंग में थी आते ही मम्मी ने पूछा कितनी सीटें आई?

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मैंने जवाब दिया – 4
नहीं 5सिटी आ गई है उधर से मेरे बॉस बोले बताइए उस समय मेरी क्या हालत  हुई होगी.
मैं 1 दिन  फोन को स्पीकर पर लगा अपने एक  कलीग से बात कर रही थी और उससे किसी का फोन नंबर लेना था जब मैं नोट कर रही थी   98 96  हां उसके बाद
अरे उसने 156 भी बोला है मेरी मम्मी बोली तुम्हारा ध्यान किधर रहता है ?
लो और लो घर से काम करने का स्वाद.
सच में घर में सब सुख सुविधा होते हुए भी मैं ऑफिस को बहुत मिस करती हूं ऑफिस  मैं लंच के समय एक दूसरे से टिफन शेयर करना जब मिल बैठकर के  गप्पे मारना साथ मिल बैठकर शाम की चाय पीना सच में क्या दिन होते थे.

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शाम को जब घर वापस   लौटती  तो आते ही मम्मी दो कप चाय के तैयार रखती दोनों बैठ कर आराम से चाय पीते और दिन भर में क्या हुआ एक दूसरे को बताते थे पर आप तो मम्मी आराम से बैठकर टीवी देख रही होती हैं और 6 बजते हैं जब मैं अपने ऑफिस से बाहर आती हूं तो कहती हैं – बेटा ऑफिस से छुट्टी हो गई जल्दी से दो कप चाय बनाला मिल कर पिएंगे पिएंगे.
यह घर में काम करने  वालों का शोषण नहीं तो और क्या है ? आई मिस माय ऑफिस—

19 दिन 19 टिप्स: फैशन के मामले में ‘नायरा’ से कम नहीं है ‘कार्तिक’ की ‘दादी’

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की कार्तिक की दादी अक्सर शो स्टाइलिश लुक में नजर आती हैं, लेकिन रियल लाइफ में भी वह नायरा की तरह फैशन के मामले में किसी से कम नहीं हैं. सुहाषिनी का किरदार अदा करने वाली स्वाति चिटनिस सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, जिसमें उनका लुक काफी मौडर्न नजर आता है. आइए आपको दिखाते हैं कार्तिक की दादी के कुछ लुक, जिसे आप आसानी से कैरी कर सकती हैं…

घरवालों के साथ ऐसे लुक में आती हैं नजर

हेक्टिक शेड्यूल होते हुए भी स्वाति चिटनिस अपने परिवार संग क्वालिटी टाइम बिताना नहीं भूलती है, जिसमें वह फैशन का ध्यान रखते हुए मौडर्न साड़ी में नजर आती हैं. इसी के साथ बौब हेयर कट और ज्वैलरी उनके लुक पर चार चांद लगा देता है.

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मिनी स्कर्ट का खूब शौक रखती हैं स्वाति चिटनिस

 

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About last nite#10yearsofye rishta#memories #yerishtakyakehlatahai

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सीरियल में साड़ी पहनने वाली दादी को तो असल जिंदगी में मिनी स्कर्ट काफी पसंद है. इसी लिए उन्हें जब भी बाहर घूमने का मौका मिलता है तो वह मिनी स्कर्ट पहने नजर आती हैं, जो उनके लुक को फैशनेबल बनाता है.

ज्वैलरी का है खूब शौक

 

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Happy birthday gorgeous! May you get everything that your heart desires! ?? lots of love!

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स्वाती को अपने कपड़ों के अनरुप ज्वैलरी कैरी करने का खूब शौक है. वह अक्सर साड़ी के साथ नई-नई तरह की ज्वैलरी पहने नजर आती हैं.

कौटन साड़ी हैं काफी पसंद

 

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Reel family….. real family! Love my work .. love my family! #familybond#Yrkkh #shootdiaries

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पार्टी हो या फैमिली गैदरिंग स्वाती चिटनिस अक्सर कौटन साड़ी कैरी करते हुए नजर आती हैं, जो उनके लुक को एलीगेंट और खूबसूरत बनाने में मदद करता है. स्वाति चिटनिस के पास साड़ियों का अच्छा खासा कलेक्शन है और उनकी साड़ियों के दीवाने तो उनके दोस्त भी है.

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दादी के लुक में भी फैशन है कमाल

 

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Fun on the sets with @shilpa_s_raizada and my dance guru @mohenakumari !

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सीरियल में दादी के अवतार में भी स्वाति फैशन के मामले में किसी से कम नहीं हैं. फैशनेबल और हैवी ज्वैलरी के साथ उनका लुक नायरा को भी मात देता है.

बता दें, स्वाति चिटनिस लम्बे समय से एक्टिंग की दुनिया का हिस्सा है. वह पुरानी बौलीवुड फिल्मों का भी हिस्सा रह चुकी हैं, जिनमें उनकी एक्टिंग काफी अच्छी है.

#corornavirus: और भी ज्यादा रहें सचेत, बदल रहे हैं कोरोना के लक्षण

वैसे तो हम सभी यह जानते हैं कि कोरोना वायरस के लक्षण फ्लू से मिलते जुलते हैं. संक्रमण के होने के फलस्वरूप बुखार ,जुखाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती है.

पर क्या आप जानते हैं कि ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है जिसमें कोरोना के वे आम लक्षण नहीं दिखाई दे रहे है .आमतौर पर चिकनपॉक्स में पैरों पर दिखने वाला जामुनी रंग का घाव भी कोरोना संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है. इन दोनों देशों में ऐसे लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिनके अंगूठे में गहरे घाव थे.पैरों में घाव के मामलों का कनेक्शन कोरोनावायरस से है यह दावा इटली और स्पेन के विशेषज्ञों ने किया है. सबसे ज्यादा ऐसे मामले बच्चों में मिले हैं.

पिछले 4 महीने के अंदर कोरोना के 15 से ज्यादा नए लक्षण देखे गए हैं .हमें कोरोना  से और ज्यादा सचेत होने की जरूरत है . इटली और स्पेन में इसके और भी अलग  लक्षण मालूम हुए हैं आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में –

जैसे बुखार, मांसपेशियों में अकड़न और सांस में तकलीफ. संक्रमण की शुरुआत में ही ऐसे बदलाव दिखाई दे रहे हैं जिसे लोग संक्रमण का इशारा नहीं समझ पा रहे जैसे गंध महसूस न कर पाना, सिरदर्द, बोलते-बोलते सुध-बुध खो देना, पेट में दर्द और दिमाग में खून के थक्के जमना. एक्सपर्ट से जानिए, संक्रमण के कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाना चाहिए.

1- पहले पैर में गहरे रंग का घाव फिर शरीर में खुजली और मांसपेशियों में अकडन –

इटली में कोरोना के संक्रमण की शुरुआत में 13 साल के बच्चे का मामला सामने आया. उसके पैरों में गहरे रंग का घाव था जैसे  किसी कीड़े के या मकड़ी के काटने का निशान हो. घाव बढ़ने पर उसे 8 मार्च को अस्पताल ले जाया गया. दो दिन बाद उस बच्चे में बुखार, सिरदर्द, शरीर में खुजली, घाव पर जलन, मांसपेशियों में दर्द के लक्षण दिखे.

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जब बच्चे के इन लक्षणों पर अध्यन किया गया तो पाया गया की हॉस्पिटल में हर पांच में एक बच्चे की चमड़ी पर अलग किस्म के बदलाव दिख रहे हैं. काउंसिल की रिपोर्ट में सामने आया कि ऐसे मामले इटली, स्पेन और फ्रांस में कोरोना से संक्रमित मरीजों में मिले हैं, इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है.

2- फूड पॉइजनिंग-

चीन से मिले आंकड़ों के अनुसार 50 फीसदी कोरोना मरीजों में पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण देखे गए. अमेरिकन जर्नल ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना के 204 मरीजों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि हुई है.

3- गंध और स्वाद न पहचान पाना शुरुआती लक्षण

गंध या खुशबू को सूंघ न पाना और स्वाद महसूस न होना- भी कोरोना संक्रमण का शुरुआती लक्षण है. ब्रिटिश रायनोलॉजिकल सोसायटी के प्रेसिडेंट निर्मल कुमार के मुताबिक, दक्षिण कोरिया, चीन और इटली में कोरोना पीड़ितों में इसकी पुष्टि हुई है. रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में कोरोना से पीड़ित 30 फीसदी लोगों ने गंध को न सूंघ पाना सबसे प्रमुख लक्षण था. बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के अलावा यह भी एक अहम लक्षण है, जो संक्रमण पहचानने में मददगार साबित हो सकता है.

4- बोलते-बोलते सुध-बुध खोना –

इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से डॉक्टरों ने भी नोटिस किया. इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एन्सेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सुन्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं. कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है.

अब पेट में दर्द महसूस होना, गंध या स्वाद का पता न चलना, लगातार सिरदर्द महसूस, पैर में जामुनी रंग का घाव होने पर इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टरी सलाह लें.

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अगर आपको ऊपर लिखे कोई लक्षणों में से एक भी लक्षण दिखे तो कृपया करके डॉक्टर से संपर्क करें या अपने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें .

आपकी सुरक्षा ही हमारा उद्देश्य है

19 दिन 19 टिप्स: एलोवेरा का ऐसे करें इस्तेमाल, जल्दी बढ़ेंगे बाल

लंबे बालों की चाहत रखने वाली महिलाएं इस बात से वाकिफ होंगी कि लंबे, मजबूत और चमकदार बाल इतना आसान काम नहीं है. लेकिन एलोवेरा के इस्तेमाल से बालों की लंबाई बढ़ाना संभव है. ऐसा इसलिए क्योंकि एलोवेरा जेल में मौजूद एमिनो एसिड और एन्जाइम्स हेयर ग्रोथ को बढ़ाने में काफी मदद करते हैं. ये हेयर फौल की समस्या में भी राहत देते हैं और बालों के वौल्यूम को भी बनाए रखने का काम करते हैं. एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल प्रोपर्टी भी पाई जाती है जो डैंड्रफ से निपटने में कारगर है. आज हम एलोवेरा से जुड़ी कुछ ऐसी रेसिपी लेकर आए हैं जो आपके बालों की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करेंगे.

एलोवेरा जेल और शहद

सामग्री : 5 चम्मच एलोवेरा जेल, 3 चम्मच नारियल का तेल, 2 चम्मच शहद.

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कैसे तैयार करें : एक बाउल में एलोवेरा जेल, नारियल का तेल और कच्चा शहद लें. इन सभी सामग्री को अच्छे से मिक्स करें. इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं और कुछ मिनटों के लिए मसाज करें. अब अपने बालों को शावर कैप से ढक लें और तकरीबन 25 मिनट के लिए छोड़ दें. अब सल्फेट फ्री शैम्पू और कंडीशनर से अपना सिर धो लें.

एलोवेरा जेल और कोकोनट मिल्क

सामग्री : 4 चम्मच एलोवेरा जेल, 4 चम्मच कोकोनट मिल्क, 1 चम्मच कोकोनट औयल.

कैसे तैयार करें : एक साफ बाउल लें और उसमें एलोवेरा जेल, नारियल का दूध और नारियल का तेल डालें. सभी सामग्री को अच्छे से मिक्स करें. अब इस मिश्रण को अपने बालों में लगाएं. आप इस बात का ध्यान रखें कि ये मिश्रण आप जड़ों से लेकर पूरे बालों में लगाएं. एक घंटे तक इंतजार करें ताकि आपके स्कैल्प द्वारा ये अब्सार्ब हो जाये और फिर किसी सौम्य शैम्पू से इसे धो लें.

एलोवेरा जेल और प्याज का रस

सामग्री : 1 चम्मच एलोवेरा जेल, 1 कप प्याज का रस.

कैसे तैयार करें : सबसे पहले दो से तीन बड़े प्याज को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. अब इसे ब्लेंड करके पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को एक बाउल में निकाल लें और उसमें एलोवेरा जेल डालें. इसे अपने स्कैल्प में लगाएं और एक घंटे तक इंतजार करें. अब आप अपने बालों को शैम्पू से धो लें.

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#coronavirus: इस टीवी एक्टर ने डोनेट कर दी अपनी पूरी सेविंग्स, ऐसे हुआ खुलासा

कोरोना वायरस के चलते लौकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जिसके कारण आम आदमी की लाइफ पर असर पड़ रहा है. बौलीवुड के कई सितारे लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. लेकिन अब एक्टर करण वाही (Karan Wahi) ने अपनी सेविंग्स को दान कर दिया है, जिसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है. बल्कि उनकी खास दोस्त आशा नेगी (Asha Negi) ने किया है, जिनका हाल ही में रित्विक धनजानी (Rithvik Dhanjani) ब्रेकअप हुआ था. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

सेलेब्रिटी दोस्त ने किया खुलासा

karan

टीवी अभिनेता करण वाही ने अपनी सारी सेविंग्स फंड को वर्तमान कोरोनोवायरस महामारी में दान कर दिया है, जिसका खुलासा उनकी खास दोस्त और एक्ट्रेस आशा नेगी ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी से किया है.

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आशा नेगी ने लिखी ये बात

 

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बंदे सयाने और नाम के दीवाने🎶🎵

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आशा ने अपनी स्टोरी में लिखा कि ”वो जानती हैं करण कभी इस बात का खुलासा नहीं करेंगे और इसलिए वो खुद ही इस बात को सभी के साथ शेयर कर रही हैं. साथ ही लिखा कि वह गर्व महसूस करती हैं कि वो करण की दोस्त हैं. करण ने कोविड-19 से राहत कार्य के लिए अपनी पूरी सेविंग्स दान दी है. ”

ब्रेकअप को लेकर सुर्खियों में हैं आशा नेगी

 

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It’s the best time of the year!♥️✨ Friends, food and love! Merry Christmas🧚🏼‍♀️

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एक्ट्रेस आशा नेगी इन दिनों सुर्खियों में हैं दरअसल हाल ही में रित्विक धनजानी (Rithvik Dhanjani) के साथ ब्रेकअप की खबर से फैंस चौंक गए हैं. सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ में साथ नजर आ चुके रित्विक और आशा ने लगभग 6 साल बाद अलग होने का फैसला ले लिया है. हालांकि ब्रेकअप को लेकर अभी तक आशा नेगी (Asha Negi) और रित्विक धनजानी ने कोई चुप्पी नहीं तोड़ी है.

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बता दें, आशा नेगी (Asha Negi), रित्विक धनजानी और करण वाही तीनों बहुत अच्छे दोस्त हैं. वहीं ब्रेकअप के बाद आशा और करण वाही अक्सर टाइम मिलते ही घूमने निकल जाते हैं.

मेनोपॉज के दौरान बढते वजन से जंग: इस पीरियड में कैसे घटाएं वजन

मेनोपॉज एक सामान्य प्रक्रिया है जिसका अनुभव महिलाओं को उम्र बढने के साथ होता है. जब महिलाओं की माहवारी बंद होती है तब उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जिसका असर उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति दोनों पर पडता है. इस दौरान महिलाओं का वजन भी बढ सकता है. उम्र बढने के साथ महिलाओं के लिए वजन पर नियंत्रण रखना कठिन हो सकता है. ऐसा देखा जाता है कि बहुत सारी महिलाओं का वजन मेनोपॉज होने की प्रक्रिया में बहुत अधिक बढ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेनोपॉज के दौरान वजन बढने से रोकना मुश्किल होता है. लेकिन अगर आप स्वश्य जीवनशैली और खान-पान की अच्छी आदतों का पालन करते हैं इस अतिरिक्त वजन को बढने से रोका जा सकता है.

मेनोपॉज के दौरान वजन बढने के कारण

मेनोपॉज के दौरान, हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं के पेट, कूल्हो और जांघोँ के आस-पास अधिक फैट जमा होने की आशंका बढ जाती है. हालांकि मेनोपॉज के दौरान अतिरिक्त वजन बढने के लिए अकेले हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार नहीं होते हैं. वजन बढने का सम्बंध बढती उम्र के साथ-साथ जीवनशैली और जेनेटिक कारणों के साथ भी होता है. वजन बढने के साथ मांसपेशियों का घनत्व कम होने लगता है, जबकि फैट का अनुपात शरीर में बढने लगता है. मसल मास कम होने के कारण  शरीर कैलोरी का इस्तेमाल कम करता है (बीएमआर-बेसल मेटाबोलिक रेट). ऐसे में वजन को स्वस्थ्य सीमा में रखना कठिन हो जाता है. अगर एक महिला अपना खाना-पीना उतना ही रखती है, जितना पहले और साथ में शारीरिक सक्रियता नहीं बढा पाती है तो वह मोटी हो जाती है.

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इसके साथ-साथ, मेनोपॉज सम्बंधी वजन बढने में जेनेटिक कारक भी जिम्मेदार होते हैं. अगर आपकी माँ अथवा अन्य करीबी सम्बंधियोँ का वजन अधिक है तो आपको भी पेट के आस-पास अतिरिक्त फैट जमा होने का खतरा अधिक रहता है. इतना ही नहीं, व्यायाम की कमी, अस्वस्थ्य खान-पान, नींद की कमी आदि कारणोँ से भी वजन बढता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यदि किसी को नींद कम आती है तो वह अतिरिक्त कैलोरी लेकर वजन में बढोत्तरी को न्योता दे देती हैं.

एस्ट्रोजन के स्तर से मेनोपॉज के दौरान पडता है वजन पर असर

एस्ट्रोजन की मात्रा कम होने का सबसे आम कारण है मेनोपॉज. ऐसा तब होता है जब महिला के प्रजनन सम्बंधी हार्मोंस कम होने लगते हैं और उनकी माहवारी बंद हो जाती है. ऐसे में महिलाओँ का वजन बढ सकता है. जैसा कि पहले बताया जा चुका है मेनोपॉज के दौरान वजन बढने का एक कारण हार्मोंस के स्तर का घटना-बढना होता है. एस्ट्रोजन हार्मोन दिल को सुरक्षा देता है और इसकी कमी होने पर डायबीटीज और हार्ट डिजीज जैसी समस्याओँ का खतरा तेजी से बढता है. हार्मोनल बदलाव की वजह से अक्सर लोगोँ की सक्रियता कम हो जाती है और उनकी मांसपेशियोँ का घनत्व कम हो जाता है. इसका मतलब है कि ये महिलाएं दिन भर में पहले की तुलना में कम कैलोरी बर्न कर पाती हैं.

मेनोपॉज के बाद वजन बढने से होने वाली समस्याओँ के बारे में जानेँ:

मेनोपॉज के बाद बढने वाले वजन की वजह से तमाम तरह की समस्याओँ का खतरा बढ जाता है:

  • अत्यधिक वजन, खासकर शरीर के बीच के हिस्से में.
  • टाइप 2 डायबीटीज, दिल की बीमारियोँ और तमाम प्रकार के कैंसर का खतरा बढना, इनमेँ ब्रेस्ट, कोलोन और एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा सबसे अधिक बढ जाता है.

मेनोपॉज के बाद वजन बढने से रोकने के तरीके

  1. शारीरिक रूप से सक्रिय रहेँ: एरोबिक एक्सरसाइज अथवा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करेँ इससे आपको वजन घटाने में सहायता मिलेगी. एरोबिक एक्टिविटी जैसे कि तेज कदमोँ से चलना, जॉगिंग जैसे व्यायाम कम से कम हफ्ते में 150 मिनट तक करेँ. इसी प्रकार से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज हफ्ते में कम से कम दो बार करेँ.
  2. खान-पान की अच्छी आदतेँ अपनाएँ: अपने वजन को स्वस्थ्य सीमा में रखने के लिए संतुलित आहार लेँ और कैलोरी का ध्यान रखें. पोषण के साथ समझौता किए बिना कैलोरी कम रखने के लिए यह ध्यान रखेँ कि आप क्या खा-पी रहेँ.

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  1. आपके आहार में भरपूर दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद भरपूर मात्रा में होने चाहिए ताकि जीवन के इस चरण में आपके लिए जरूरी मात्रा में कैल्शियम मिले.
  2. फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज भरपूर मात्रा में खाएँ खासकर ऐसी चीजेँ जिन्हेँ कम प्रॉसेस किया गया हो और फाइबर से भरपूर होँ.
  3. प्लांट-बेस्ड आहार अन्य सभी चीजोँ से बेहतर विकल्प होता है.
  4. फलियाँ, नट्स, सोया, फिश और कम फैट वाले डेयरी उत्पाद इस्तेमाल करेँ.
  5. रेड मीट कम खाएँ इसकी जगह चिकन खाना बेहतर विकल्प हो सकता है.
  6. अतिरिक्त शुगर वाले पेय पदार्थ जैसे कि सॉफ्ट ड्रिंक, जूस, एनर्जी ड्रिंक, फ्लेवर्ड पानी और चाय या कॉफी आदि कम मात्रा में लेँ.
  7. इसके अलावा अन्य चीजेँ जैसे कि कुकीज, पाई, केक, डोनट्स, आइस क्रीम और कैंडी जैसी चीजेँ भी वजन बढने का कारण बनती हैं.

डॉ. संचिता दूबे, कंसल्टेंट, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकॉलजी, मदरहुड हॉस्पिटल, नोयडा से बातचीत पर आधारित..

#lockdown: कई खिलाड़ियों के करियर पर लटक रही है कोरोना की तलवार

कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया की तमाम खेल गतिविधियों पर विराम लगा दिया है. दुनिया के 90 फीसदी से ज्यादा खिलाड़ी इस समय अपने घरों में कैद हैं. ओलंपिक 2020 पहले ही एक साल आगे खिसक चुके हैं और अब जापान ओलंपिक समिति के मुखिया साफ साफ कह रहे हैं कि गारंटी से नहीं कहा जा सकता था कि जुलाई 2021 में भी ओलंपिक खेल हो पाएंगे या नहीं. सिर्फ ओलंपिक ही नहीं करीब करीब सभी खेल प्रतिस्पर्धाओं के बारे में यही कहा जा सकता है. भारत में बहुचर्चित क्रिकेट लीग आईपीएल 29 मार्च 2020 से शुरु होनी थी, लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए इसे 15 अप्रैल 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है और इस समय जब ये पंक्तियां लिखी जा रही हैं, लगता नहीं है कि 15 अप्रैल के बाद भी इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन संभव हो पायेगा. अगर किसी वजह से इस आयोजन को संभव भी किया गया, तो मैच दर्शक रहित मैदानों में होंगे, जिससे कारोबारी हित तो किसी हद तक पूरे हो सकते हैं, मगर दर्शकों की अनुपस्थिति में खेले गये कोई भी खेल किसी जीवनरहित मशीनी गतिविधि जैसे ही होंगे.

सवाल है खेलों की तमाम प्रतिस्पर्धाओं पर विराम लग जाने या उनकी तारीख आगे बढ़ जाने से सबसे ज्यादा नुकसान किसको होगा? निःसंदेह इसमें भावनात्मक रूप से तो खेल प्रेमियों का नुकसान होगा; क्योंकि उन्हें घर में बैठे यानी फुर्सत में होने के बावजूद भी खेलों के रोमांच का आनंद नहीं मिलेगा. लेकिन अगर कॅरियर के लिहाज से देखें तो इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ऐसे खिलाड़ियों का होगा, जो कोरोना के चलते कहीं अपने कॅरियर से ही हाथ न धो बैठें. इसमें दो तरह के खिलाड़ी हैं एक वो जो अपने खेल और उम्र की ढलान पर हैं और वे व्यवस्थित ढंग से अपने हिस्से के आखिरी प्रतिस्पर्धाओं में उतरने की योजना बना रहे थे ताकि सकून से सन्यास ले सकें. कहीं ऐसा न हो कि कोरोना के कारण अब उन्हें यह मौका ही नहीं मिले और उन्हें अपने कॅरियर को अलविदा कहना पड़े.

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ऐसी आशंकाओं के दायरे में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मुक्केबाज मैग्नीफिसेंट मैरी काॅम भी शामिल हैं. गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी एक दिवसीय आईसीसी विश्वकप 2019 के बाद से क्रिकेट से दूर हैं. उनको ही नहीं उनके प्रशंसकों तक को और आम हिंदुस्तानियों को भी यह उम्मीद थी कि 29 मार्च से शुरु होने वाले आईपीएल में धोनी अपना जलवा दिखाएंगे और इस तरह वे एक बार फिर से भारतीय टीम में लौट आएंगे. लेकिन अब जिस तरह की स्थितियां बन गई दिख रही हैं, उससे लगता नहीं है कि आईपीएल का आयोजन संभव हो सकेगा और अगर आईपीएल का आयोजन संभव न हुआ तो 38 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी की इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नामुमकिन होगी. यह बात सिर्फ धोनी के आलोचक ही नहीं, उनके प्रशंसक भी कह रहे हैं.

हालांकि यह बात भी सही है कि धोनी के अंदर अभी तक कितना क्रिकेट बचा हुआ है, इसे लेकर दुनिया के तमाम बड़े क्रिकेटर दो फाड़ हो गये हैं. एक धड़ा यह कह रहा है कि धोनी अपने हिस्से का क्रिकेट खेल चुके हैं तो दूसरी तरफ एक धड़ा ऐसा भी है जो मान रहा है कि धोनी में अभी बहुत क्रिकेट बची हुई है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के.श्रीकांत साफ तौरपर कहते हैं कि अगर 15 अप्रैल के बाद भी आईपीएल नहीं हुआ तो धोनी का कॅरियर समाप्त है. इसके पहले यह बात कभी भारतीय टीम के विस्फोटक ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग भी कह चुके हैं. इसके अलावा और भी कई वरिष्ठ क्रिकेटर ऐसी ही राय व्यक्त कर चुके हैं. लेकिन इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसैन से लेकर बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली तक यह कहते और संकेत देते रहे हैं कि धोनी के अंदर अभी क्रिकेट बाकी है और उन्हें मौका भी मिलेगा.

पिछले दिनों एक पत्रकार वार्ता में सौरव गांगुली ने साफ शब्दों में कहा था धोनी दुर्लभ खिलाड़ी हैं, सम्मान के साथ विदाई उनका हक है. अपनी इस प्रतिक्रिया का अंतिम शब्द जो उन्होंने बोला, वह धोनी के लिए बहुत उम्मीदें जगाने वाला शब्द था. मसलन गांगुली ने कहा, ‘आप जानते हैं कि चैंपियंस जल्द खत्म नहीं होते. धोनी की अगुवाई में भारत ने टी-20 विश्वकप 2007 और एक दिवसीय विश्वकप 2011 जीते हैं.’ इसका साफ इशारा था कि धोनी को अभी मौका मिलेगा. लेकिन कोरोना के चलते जिस तरह से आईपीएल ही नहीं, आने वाले दिनों की कई दूसरी सीरीज भी स्थगित होने की तरफ बढ़ रही हैं, उससे धोनी के कॅरियर पर अनचाहे विराम की तलवार लटक चुकी है.

सिर्फ धोनी ही नहीं कई और महान व दिग्गज खिलाड़ी हैं, कोरोना ने जिनके कॅरियर पर सवालियां निशान लगा दिये हैं. मसलन मुक्केबाजी की एवरग्रीन क्वीन समझी जाने वाली मैग्नीफिसेंट मैरी काॅम के कॅरियर पर भी खात्मे की तलवार लटक रही है. गौरतलब है कि इस साल मार्च में 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी काॅम ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. लेकिन अब जबकि टोक्यो ओलंपिक एक साल के लिए स्थगित हो गये हैं और यह नहीं पता कि अगले साल भी वो होंगे या नहीं होंगे, ऐसे में 38 वर्ष की हो रहीं मैरी काॅम का कॅरियर समाप्ति की ओर बढ़ चला है. दरअसल मैरी काॅम ने जिस 51 किलो भार वर्ग में क्वालीफाई किया है, उस स्तर पर उनका वेट बना रहना संभव नहीं है और न ही लगातार ट्रेनिंग मोड में रहना संभव है. पहले से ही उनकी जगह लेने के लिए हिंदुस्तान में कई दूसरी महिला मुक्केबाज मौजूद हैं.

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यही हाल कुछ वैश्विक खिलाड़ियों का भी है. अपने जीवन के 40वें साल में चल रहे दुनिया के अभूतपूर्व टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर जिन्हें दुनिया एक चमत्कार की तरह देखती है और उन्होंने अपने चाहने वालों को 20 गैंडस्लैम सहित 101 टेनिस के अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीतकर बार बार यह धारणा बनाने का मौका भी दिया है. शायद इस कोरोना कहर के बाद उनकी भी बिना किसी समारोह विदाई हो जाए. यही नहीं अगर इसी क्रम में 15 गैंडस्लैम जीत चुके नोवाक जोकोविच और 18 गैंडस्लैम सहित 82 खिताब जीत चुके राफेल नाडाल का कॅरियर भी कोरोना के कहर का शिकार हो जाए तो किसी को बहुत आश्चर्य नहीं होना चाहिए. हिंदुस्तान में सानिया मिर्जा और सानिया नेहवाल दोनो के कॅरियर पर भी कोरोना का कहर टूट सकता है. इसी तरह क्रिकेटरों में इशांत शर्मा भी अगर कोरोना के बाद अपनी तेजरफ्तार गेंदों के साथ न दिखें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि तमाम सीनियर खिलाड़ियों के सिर पर कोरोना ने रिटायरमेंट की तलवार लटका दी है, भले वे इस कोरोना के पहले तक अपनी शानदार लय में रहे हों.

खुदकुशी की राह

किसानों की आत्महत्याओं के मामले वर्षों से सुर्खियां बनते रहे हैं, क्योंकि खेती लगातार अच्छी रहेगी इस की गारंटी नहीं है और इसलिए किसान अकसर कर्ज में डूबे रहते हैं. अनपढ़ किसानों को बैंकों के बावजूद साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है और न चुका पाने पर आत्महत्या ही अकेला रास्ता बचता है. अब यही ट्रैंड पढ़ेलिखे युवाओं में भी दिखने लगा है.हर थोड़े दिनों में बीवीबच्चों वाले युवा द्वारा सभी घर वालों को मार कर आत्महत्या कर लेने के मामले सामने आने लगे हैं.

नोटबंदी के बाद व्यापार में जो हाहाकार मचा है और बेरोजगारी बढ़ी है उस से ये आत्महत्याएं ज्यादा होने लगी हैं. मार्च के पहले सप्ताह में हैदराबाद के सौफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी बीवी और 2 बच्चों को मार कर आत्महत्या कर ली, क्योंकि उस पर क्व22 लाख से ज्यादा का कर्ज चढ़ा हुआ था.उस ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसे अपने मातापिता का खयाल रखना था, पर वह उन्हीं पर निर्भर होने लगा था. वह नौकरी छोड़ कर व्यापार करना चाहता था, पर जो भी उस ने किया उस में घाटा हुआ और उसे कोई रास्ता नहीं दिख रहा था कि वह कर्ज चुका सके.1991 के आर्थिक सुधारों के बाद देश में नौकरियों और व्यापारों की बाढ़ आ गई थी. परेशान नौकरी देने वाले होते थे कि न जाने कब उन का होनहार कर्मचारी छोड़ जाए, वेतन वृद्धि भी हो रही थी और व्यापार फूलफल रहे थे.

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2014 के बाद यह आशा धीरेधीरे निराशा में बदलने लगी. व्यापार चलाना मुश्किल होने लगा. नियमकानून सख्त होने लगे. बैंकों का दीवाला पिटने की नौबत आने लगी. साहूकारों तक को मुश्किल होने लगी, क्योंकि उन का पैसा भी डूबने लगा.वे कर्ज देते पर वसूली के लिए हर हथकंडा अपनाते और जिस ने लिया और अगर उसे घाटा हो गया तो सिवा खुदकुशी के उसे और कोई रास्ता नहीं दिखता. पहले लोग खुद मरते थे और बीवीबच्चों को मातापिता के हवाले कर जाते थे, अब पूरा परिवार साथ मरने लगा है. जिम्मेदार युवा हताश हो जाते हैं पर जानते हैं कि उन के बिना उन के बीवीबच्चों को कोई नहीं पालेगा. उन्हें भटकता न देखने के लिए वे आत्महत्या से पहले उन्हें मार देते.

हैदराबाद का 36 वर्ष का यह युवा आईबीएम जैसी कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर था. जब उस जैसे इस तरह निराश हो चले हों तो देश का क्या हाल हो रहा होगा इस का अंदाजा लगाया जा सकता है. देश को धर्म की पट्टी तो रोज पढ़ाई जा रही है पर कर्म के रास्ते न कोई बना रहा है न औरों को बनाने दिए जा रहे हैं. लाखों बेरोजगार युवाओं में से कितने दंगाई बनेंगे, गुंडेचोर बनेंगे, कितने आत्महत्या करेंगे और कितने सड़कों पर आ जाएंगे इस का तो अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

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19 दिन 19 टिप्स: गंजेपन से बचाएं 11 गुणकारी तेल

हेयरस्टाइल किसी के भी लुक को निखार सकता है, मगर यदि बाल झड़ने या कमजोर होने लगें तो उन्हें स्टाइल करने में मुश्किल आती है. जानिए, इस समस्या से निबटने में कौनकौन से तेल आप के काम आ सकते हैं:

1. प्याज का तेल:

प्याज का तेल बालों के लिए वरदान है. प्याज के तेल में ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. इस कारण यह स्कैल्प में होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव कर बालों का झड़ना रोक सकता है. इस में प्रचुर मात्रा में सल्फर होता है, जो स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर नए बालों को उगने में मदद करता है.

2. अरंडी का तेल:

इस में राइसिनोलिक ऐसिड, ओमेगा-6 और फैटी ऐसिड, विटामिन ई और मिनरल्स जैसे पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं. यह तेल बालों को न सिर्फ बढ़ने में मदद करेगा, बल्कि दोमुंहे बालों से भी छुटकारा दिलाएगा और उन्हें घना और काला भी बनाएगा.

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3. आर्गन का तेल:

इस तेल में फैटी ऐसिड और विटामिन ई के कई पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जो स्कैल्प के लिए मौइस्चराइजर का काम करते हैं और डैंड्रफ व ड्राई स्कैल्प से लड़ने में मदद करते हैं. ये बालों को मजबूत बनाते हैं और बालों के दोमुंहा होने की समस्या से भी छुटकारा दिलाते हैं.

4. जोजोबा का तेल

यह तेल बालों को मजबूत और खूबसूरत बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. इस में मौजूद विटामिन ई और बी बालों को चमकीला और घना बनाते हैं. सिर में होने वाली खुजली और रूसी को भी यह तेल दूर करता है.

5. नारियल का तेल:

यह तेल बालों को बढ़ाने के अलावा उन्हें स्वस्थ, मुलायम और चमकदार भी बनाता है. इसे एक कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह विटामिन ई और ऐंटीऔक्सीडैंट से समृद्ध है. यह गरमी के नुकसान से बालों की रक्षा करता है और रूखे व बेजान बालों में चमक भी लाता है.

6. चंदन का तेल:

इस तेल की खुशबू से बालों की जड़ों में मौजूद ओआर2ऐंटी4 नाम के ‘स्मैल रिसैप्टर’ सक्रिय हो जाते हैं. इस से रिसैप्टर नए बाल उगाने में सक्षम कैरोटिन प्रोटीन का उत्पादन बढ़ा देते हैं, जिस से बाल तेजी से उगने लगते हैं.

7. गुलाब का तेल:

इस तेल के ऐंटीसैप्टिक गुण बैक्टीरिया और गंदगी से निबटते हैं, इसलिए साफ किए गए रोम शक्तिशाली होते हैं और बालों का झड़ना बाधित होता है, साथ ही इस की सुगंध तनाव को कम कर आप को शांत बनाती है.

8. सूरजमुखी का तेल:

इस तेल में विटामिन ई होता है, जिस से बाल लंबे, घने, काले और चमकदार होते हैं. विटामिन ई से न केवल ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बल्कि बालों की जड़ों को पोषक तत्त्व भी मिलते हैं.

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9. जवाकुसुम

इस में विटामिन सी, कैल्सियम, वसा, फाइबर और आयरन भरपूर मात्रा में होता है. यह बालों को मजबूती देने के साथसाथ उन की ग्रोथ में भी मदद करता है. इस के अलावा बालों से संबंधित अन्य परेशानियों जैसे डैंड्रफ, बालों का असमय सफेद होना आदि से भी बचाता है.

10. शीया बटर:

इस में जिंक और विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जिस से बाल झड़ने से राहत मिलती है. यह सूर्य की हानिकारक किरणों से बालों की सुरक्षा करता है, साथ ही रूखे बालों को पोषण और नमी प्रदान कर दोमुंहे बालों को खत्म करने में भी मदद करता है.

11. आम का बटर:

यह फैटी ऐसिड और अन्य विटामिनों से भरपूर एक प्रभावी स्कैल्प कंडीशनर के रूप में काम करता है, जो नमी को बनाए रखता है और बालों के झड़ने को कम करता है. यह बालों को सूखने से भी बचाता है और उन्हें घना, मुलायम और चमकदार बनाता है.

ये सभी तेल बालों के लिए बहुत गुणकारी हैं. इन्हें अलगअलग भी इस्तेमाल किया जा सकता है. पर इन सब की खूबियां एक ही में मिल जाएं और वह भी सही मात्रा में, तो आप को बालों की सभी समस्याओं जैसे गंजापन, बालों का झड़ना, रूसी, दोमुंहे बाल आदि से निजात मिल जाएगी.

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