#coronavirus के ट्रीटमेंट की कहानी, कोरोना पीड़ित की जुबानी

जब से कोरोना वायरस ने अपना कहर मचाया, तभी से सोशल मीडिया पर इसको लेकर तरह-तरह  की अफवाहें व नुस्खे बताए जा रहे हैं, कोरोना के खौफ में लोग इनपर विश्वास भी आसानी से कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि WHO से लेकर दुनिया से सभी डॉक्टर्स कोरोना वायरस से बचने की सलाह लोगों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में जरुरत है तो बस उन बातों को सुनकर, अम्ल करने की.

कई बार लोग अफवाहों से भरी बातों पर यकीन कर लेते हैं, और पैनिक होकर बेवजह बीमार पड़ जाते हैं. इस बात में कोई शक नहीं कि कोरोना एक खतरनाक वायरस है लेकिन अगर इसका सही समय पर ट्रीटमेंट मिल जाये तो आसानी से इससे बचा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे की कोरोना के ट्रीटमेंट से डरने की जरूरत नहीं है.

आज हम जानेंगे कोरोना के ट्रीटमेंट की कहानी दिल्ली के पहले कोरोना पीडित की जुबानी-

दिल्ली के पहले कोरोना पीड़ित ,जो 45 वर्षीय बिज़नेस मैन है ने कोरोना से जंग जीतने के बाद  एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू के दौरान बताया की कोरोनवायरस से  डरने की कोई बात नहीं है. अधिकांश स्वस्थ व्यक्तियों के लिए यह उपचार बहुत सुगम है.

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“मैं 25 february को यूरोप से लौटा और मुझे अगले दिन बुखार हो गया. मैं एक डॉक्टर के पास गया जिन्होंने  मुझे बताया कि मुझे  गले का संक्रमण है. उन्होंने  मुझे तीन दिनों तक दवा दी. मैं 28 february को  ठीक हो गया लेकिन मुझे फिर से 29 february के  दिन बुखार हो गया, उसके बाद  मैं राम मनोहर लोहिया अस्पताल गया. जहाँ 1 मार्च को मुझे टेस्ट के बाद मालूम हुआ की मेरा कोरोना टेस्ट positive है.

“ईमानदारी से  यह केवल उस समय तक मुश्किल था जब तक डॉक्टर्स ने  मुझे बताया नहीं था कि मैं कोरोना वायरस से पीड़ित हूँ , लेकिन जब डॉक्टरों की एक टीम मुझे अगले दिन सफदरजंग में देखने के लिए आई, जहां मुझे स्थानांतरित कर दिया गया था, तो उन्होंने मुझे यह कहते हुए बहुत सहज बना दिया कि ‘ इसका इलाज़ संभव है .आप एक स्वस्थ व्यक्ति हैं और यह सिर्फ सर्दी और खांसी है और यह ठीक हो जाएगी . यह बस ठीक होने में  सामान्य सर्दी और खांसी की तुलना में थोड़ा अधिक समय लेता है ‘”,उन्होंने कहा.

“मैं एक डॉक्टर नहीं हूँ, लेकिन यह सामान्य सर्दी और खाँसी से थोड़ा अलग था.  मैं सफदरजंग के एक आइसोलेशन वार्ड में था, जिसे भारत सरकार ने इसके लिए बनाया है . यहाँ की व्यवस्था प्राइवेट हॉस्पिटल की तुलना में काफी अच्छी थी . isolation ward कोई सूरज की रोशनी के बिना 2/2 सेल की तरह नहीं है. मेरे पास बाथरूम के साथ एक निजी कमरा था, “उन्होंने कहा.

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सुविधाओं का गुणगान करते हुए जहां वह पिछले दो हफ्तों से इलाज कर रहे थे, उन्होंने कहा, “डरने की कोई जरूरत नहीं है. यह सामान्य फ्लू की तरह है. अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो हमारी स्वास्थ्य प्रणाली ठीक है. हमारी स्वास्थ्य प्रणाली दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य प्रणाली में से एक. “.

अपने अनुभव को बताते हुए, दिल्ली निवासी ने बताया की कोरोना वायरस से मुक्त होने के बाद  रविवार के दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गयी थी लेकिन डॉक्टरों द्वारा उन्हें 14 दिनों के लिए घर पर रहने की सलाह दी गई थी. उन्होंने  कहा कि,” अस्पताल में डॉक्टरों की टीम बहुत आश्वस्त थी “.

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मेरी आप सबसे  गुज़ारिश है की अफवाहों पर ध्यान न दे. चलिए हम सब मिल कर कोरोना का डट कर सामना करें और इसे अपने देश से दूर भगाएं.

लंबी कहानी: कुंजवन (भाग-3)

पिछला भाग- लंबी कहानी: कुंजवन (भाग-2)

इस बार जानकीदास चौंके, ‘‘क्या कह रही है? यह शादी तो तेरी मां ही तय कर के गई है.’’

‘‘4 वर्ष पहले मुंह की बात थी बस. 4 वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है…’’

उन्होंने हैरानी के साथ पोती को देखा, ‘‘पर तू तो बंटी को पसंद करती है.’’

‘‘मैं बंटी को पसंद करती हूं यह तो नई खबर है? किस ने खबर दी आप को?’’

वो थोड़ा सकपका गए, ‘‘नहीं…वो इतना हैंडसम और स्मार्ट है. तू पार्टी पिकनिक क्लब में भी उस के साथ जाती है तो…’’

‘‘तो उस का मतलब मैं उसे पसंद करती हूं. ना दादू वो स्मार्ट नहीं सियार की तरह धूर्त है और हैंडसम तो धतूरे का फूल भी सुंदर लगता है पर है विषैला. रही उस के साथ पार्टी पिकनिक की बात तो दादू आप की मालकिन बहू ने इस घर के दरवाजे उस नालायक के लिए सपाट खोल रखे थे बंद करने में थोड़ा समय तो लगेगा. उसी समय की प्रतीक्षा है मुझे.’’

जानकीदास के मुख पर स्वरित की रेखाएं उभर आईं, ‘‘आज बहुत काम है मैं जल्दी निकल जाऊंगा तुम आराम से आना बेटी.’’

‘‘ठीक है. लंच टाइम में मिलेंगे.’’

बातों के भी पर होते हैं. जानकीदास ने ठीक ही कहा था. जो उड़ती चिडि़या पकड़ना जानते हैं वो पकड़ भी लेते हैं. थोड़ा लेट पहुंची शिखा. दादू आ गए थे तो चिंता नहीं थी. दादू वास्तव में ढाल की तरह सदा पोती के सिर पर छाया रखते हैं फिर भी मां के छोड़े बिजनैस को शिखा ने मजबूत हाथों से संभाला. डगमगाना तो दूर और भी फलाफूला. असल में शिखा ने भी अपने सामने आने वाले लंबे जीवन का एकमात्र सहारा इस बिजनैस को ही मान लिया है. उस के जीवन के सारे सुंदर और मधुर भावनाओं को तो उस की मां ही कुचल कर चली गईं और जातेजाते एक वायरस से चिपका गई जिस का नाम है ‘बंटी’. वो कहते हैं न कि शैतान का नाम लो तो शैतान हाजिर वही हुआ. सामने पड़ी फाइल को छूआ भी नहीं था शिखा ने कि दनदनाता अंदर आया ‘बंटी’. सामने की कुरसी खींच बैठ गया. मम्मा का सिर चढ़ाया ‘कुंजवन’ और ‘सोनी कंपनी’ के आफिस को अपनी बपौती समझता है. किसी प्रकार की औपचारिकता की परवा उसे नहीं शिखा का सिर तक जल उठा क्रोध से. उस के माथे पर बल पड़ गए. कठोर शब्दों में कहा, ‘‘यह औफिस है, यहां कुछ फौरमेलिटियों का पालन करना पड़ता है.’’ इस तरह एकदम मेरे कमरे में मत चले आया करो.

मुंह बनाया बंटी ने, ‘‘फौरमेलिटि, माई फुट… मिजाज खट्टा मत करो मेरा. आया हूं एक नेक काम के लिए…’’

मिजाज खट्टा तो शिखा का ही हो गया था बंटी को देखते ही. उस ने कड़वे स्वर में कहा, ‘‘रिएली, क्या है तुम्हारा नेक काम?’’

‘‘तुम को कौंग्रेचूलेट करना…’’

‘‘किस बात के लिए?’’

‘‘अरे वाह, विदेशी कंपनी से गठबंधन, करोड़ों का कौंट्रैक्ट क्या कम खुशी की बात है?’’

वास्तव में बातों के पर होते हैं अब शिखा को खोजना पड़ेगा अपने खास स्टाफों में वो कौन है जिसे बंटी ने खरीदा है. ऊपर से शांत रही.

‘‘बिजनैस में कौंटै्रक्ट और गठबंधन तो होते ही रहते हैं तुम्हारा भी तो बिजनैस है, यह बात तो जानते ही होंगे.’’

‘‘जानता हूं पर इतनी बड़ी डील यही बड़ी बात है. बधाई भी उसी के लिए.’’

‘‘तुम तो व्यापारी परिवार के बेटे हो मेरी ही तरह, तो यह भी जानते होंगे कि देशी हो या विदेशी, छोटी हो या बड़ी डील ही हमारी रोजीरोटी है. उस पर उछलने वाली कोई बात नहीं होती. फिर भी धन्यवाद चल कर आ कर बधाई देने के लिए.’’

‘‘अरे तुम तो सचमुच गुस्से में हो. स्वीटहार्ट, तुम समझ क्यों नहीं पातीं कि मैं तुम से मिलने का बहाना खोजता फिरता हूं, बिना मिले चैन नहीं पड़ता.’’

इसे नहीं काटा तो यह दिमाग चाटेगा. आज बहुत काम करना है उसे. शिखा ने फाइल हटा सीधे बंटी की तरफ देखा, ‘‘नहीं जानती थी. जो भी हो, आज तो मेरे दर्शन हो गए बधाई भी दे दी. अब कट लो बहुत काम है मुझे.’’

‘‘मेरे कटने की बात मत करो कट तो तुम रही हो.’’

‘‘समझते हो तो अच्छी बात है.’’

‘‘हां,’’ बंटी का स्वर नरम पड़ गया, ‘‘देखो, हमारा संबंध तो जुड़ ही गया है तो कटनाकाटना क्यों?’’

‘‘संबंध कोई नहीं जुड़ा. मम्मा उल्टासीधा क्या बक गई विलायती शराब के नशे में, वो मेरे हाथ की लकीर नहीं बन सकती.’’

‘‘मुझे बहुत काम है. इस समय बकवास अच्छी नहीं लग रही.’’

‘‘ठीक है ठीक है. अभी चला जाऊंगा. जो कहने आया था…आज शाम 6 बजे तैयार रहना मैं तुम को उठा लूंगा. एक पार्टी है.’’

माथे पर बल पड़ गए शिखा के.

‘‘मेरे पास न निमंत्रण है न कोई खबर मैं क्यों जाऊंगी.’’

‘‘अरे मैं कहने ही तो आया था. मेरा दोस्त विवेक है न, उस का ‘गुड़गांव’ में एक फार्म हाऊस है वहां ही वो पार्टी दे रहा है.’’

‘‘विवेक…वो भ्रष्ट मंत्री का बेटा? यह फार्म हाऊस भी तो घूस में कमाया हुआ है. किसी उद्योगपति ने दिया है और शराब पी कर गाड़ी चला कर उस ने तीन गरीबों की हत्या भी की जिस की जगह फांसी का तखता होना चाहिए वो फार्म हाऊस पार्टी दे रहा है, अति महान देश है हमारा.’’ सहम गया बंटी. शिखा को इतना कड़वा बोलते पहले कभी नहीं सुना. क्या बड़ी डील होने से मिजाज आसमान पर जा बैठा है लड़की का. जो भी हो इस समय उस के व्यापार की दशा अब डूबे या तब डूबे है. शिखा वो मजबूत किनारा है जो खींच कर उसे डूबने से बचा सकती है. शादी हो जाती तो सोनी कंपनी उस की मुट्ठी में होती पर अब तो नरमाई से ही काम लेना पड़ेगा.

‘‘अरे उस से तुम को क्या लेनादेना. पार्टी इनजौए करेंगे और चले जाएंगे बस. मैं तो साथ हूं ना…?’’

‘‘तुम…तुम दूध के धुले हो…नहीं पता था और लेनादेना तो बहुत है मानवता के नाते.’’

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अंदर ही अंदर जल कर भी बंटी चुप रहा. शिखा की सहायता इस समय उसे बहुत जरूरी है. उठ खड़ा हुआ. ‘‘चलती तो अच्छा लगता. सब की गर्लफ्रैंड आ रही हैं.’’ आग लग गई शिखा को.

‘‘सुनो बंटी सावधान कर रही हूं आगे से मुझे गर्लफ्रैंड कहने की भूल या साहस मत करना. हम दो परिचित परिवार के हैं बस और कुछ नहीं.’’

‘‘पर…हमारा रिश्ता…?’’

‘‘अभी तक तो कुछ भी नहीं. बाए…’’

उस ने फिर फाइल खींच ली.

थोड़ी देर से जागी शिखा, बाथरूम से फ्रेश हो नीचे उतरी. सदा की तरह नाश्ते की मेज पर जानकीदास पहले से विराजमान. नहाधो तरोताजा, आकर्षक व्यक्तित्त्व, पापा के प्रतिरूप. रसोई से कचौड़ी की सुगंध आ रही थी.

‘‘गुड मौर्निंग दादू.’’

‘‘वेरी गुड मौर्निंग बेबी.’’

वो हंसी, ‘‘दादू एक बात पूछूं?’’

‘‘पूछो…’’

‘‘आप फिल्म लाइन में क्यों नहीं गए?’’

‘‘गया तो था.’’

‘‘हैं…यह तो पता नहीं था.’’

‘‘बात जरा सिके्रट है.’’

‘‘लाइन से हीरो के रोल मिल गए तो उस समय के सारे हीरो हाथ जोड़ खड़े हो गए मेरे सामने आ कर. उन में दिलीप, देवानंद भी थे. लगे रोने कि तू हमारी रोजीरोटी मारने इस लाइन में क्यों चला आया? भईया, कुछ और काम कर ले. तरस आ गया तो छोड़ कर आ गया.’’

लच्छो मौसी थालभर कचौड़ी लाई थी वो भी हंस पड़ी. शिखा तो लोटपोट हो रही थी. मन एकदम हलका हो गया. दादू ना होते तो शिखा तनाव में घुटघुट कर मर ही जाती. मां ने बेटी के लिए बस एक यही अच्छा काम किया है नहीं तो सर्वनाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जानकीदास ने कचौड़ी उठाने को ज्यों ही हाथ उठाया त्यों ही लच्छो ने थाल हटा लिया.

‘‘बाबूजी, आप का दलिया अभी लाई.’’

‘‘क्या? दलिया…कौन खाएगा दलिया.’’

गुस्से में लाल हो गए वो. आराम से कचौड़ी चबाती शिखा बोली, ‘‘आप खाएंगे…यह सब आप के सेहत के लिए ठीक नहीं.’’

‘‘मुझे खाना ही नहीं है.’’

वे उठने लगे तो शिखा ने रोका, ‘‘अरे अरे…बैठिए…मौसी दादू को कचौड़ी दो पर गिन कर दो कचौड़ी बस.’’

जानकीदास खा तो रहे थे पर चिंता में थे. शिखा ने पूछा, ‘‘दादू, क्या सोच रहे हैं.’’

‘‘यही कि डील होते ही मेहता परिवार को पता कैसे चला?’’

‘‘घर का भेदी लंका ढावे.’’

‘‘पर यह भेदी कौन हो सकता है इस का पता तो लगाना ही पड़ेगा नहीं तो पूरी लंका ढह जाएगी.’’

‘‘डील का पता किसकिस को था?’’

‘‘ब्रजेशबाबू तो एकाउंटेंट हैं उन को तो पता होगा ही.’’

‘‘ना ना वो सब से पुराने और अति ईमानदार हैं. और कोई.’’

‘‘देख कोई भी काम हो कागजपत्तर बनवाने हो तो दोतीन जनों की मदद चाहिए ही.’’

‘‘तो इन दोतीनों में ही खोजना होगा.’’

‘‘काम कठिन है पर करना तो पड़ेगा ही.’’

‘‘एक बात और है, लंदन की एक कंपनी से प्रस्ताव आया है. यह भी बड़ी डील है.’’

‘‘ले पाएंगे?’’

‘‘उस में अभी समय है. पहले इस काम को पूरा कर लें. काम अभी शुरू करना है. मैं ने कई टेंडर मांगे थे आ गए हैं तीन चार, आज मैं बैठता हूं लंच के बाद तेरे साथ कम से कम दो को चुन कर काम शुरू करवाना है. समय बहुत ज्यादा नहीं है हमारे पास.’’

‘‘दादू, एक बात का ध्यान रखना, क्वालिटी क्लास होनी चाहिए. हफ्ता दसदिन समय बढ़ाना भी पड़े तो कोई बात नहीं पर क्वालिटी से कोई समझौता नहीं.’’

‘‘वो तो है ही.’’

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5 टिप्स: रिश्तों को सुधारें ऐसे

रिश्तें बनाना जितना आसान होता हैं उन्हें निभाना उतना ही मुश्किल होता है. जीवन में खुशियां अच्छे रिश्तों से ही आती हैं. ऐसा माना गया है कि जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं. आपके रिश्ते आपके व्यवहार, आपकी सूझ-बूझ और एक दूसरों की समझने पर निर्भर करते हैं.

किसी ऐसे इंसान को ढूंढना जिसके साथ आप पूरी ज़िंदगी बिता सके ऐसा बहुत मुश्किल होता है. हर रिश्ते में उतार, चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि आप उन रिश्तों को वहीं खत्म कर दें. उन्हें सुधारने का प्रयास जरुर करना चाहिए. जिससे रिश्तों को बचाया जा सकता है. तो आइए आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिससे रिश्तों में सुधार लाया जा सकता है.

1. साथ में ज्यादा समय व्यतीत करें

अपने पार्टनर के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताएं. ऐसा करने से आप दोनों के बीच मन-मुटाव दूर होगा और आप एक दूसरे को अच्छे से समझ भी पाएंगे. ज्यादा समय देने से आप अपने पार्टनर की अधिक देखभाल कर सकते हैं जिससे आपके बीच की बॉडिंग भी मजबूत हो जाती है.

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आप साथ में कार्ड्स खेले, बाहर घूमने जाए, नयी-नयी चीजों को ट्राई करें, एक-दूसरे की मदद करें. कुछ ऐसा करें जो आप दोनों को ही पसंद हो और आप दोनों को उसे करने में बराबर की खुशी महसूस करते हों. साथ ही ऐसी चीजों को अवॉइड करें जिससे आप दोनों में टेंशन बढ़ती है.

2. एक दूसरे को स्पेस दें

कभी-कभी कुछ परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं जिनमें केवल आप खुद को समझ सकते हैं. उस वक्त अकेले रहने का मन होता है. ऐसे में आप अपने पार्टनर को समय दें. उन्हें उनकी लाइफ जीने दें और आप भी अपनी ज़िंदगी को थोड़ा समझें. अगर एक-दूसरे की लाइफ में आप ज़्यादा दखल देंगे तो इससे आपको अपना रिश्ता बोझ लगने लगेंगा.

अगर आपका पार्टनर अपने दोस्तों के साथ हैंग-आउट करना चाहता हैं तो उन्हें रोके-टोके नहीं. दोस्तों के साथ समय बिताना हम सबको अच्छा लगता है. वो आपसे प्यार करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि उनके लिए दोस्त मायने नहीं रखते इसलिए रिश्तों में स्पेस देना बहुत जरूरी है.

3. भरोसा करें

किसी भी रिश्ते में जितना प्यार की जरूरत होती है उतना ही भरोसा भी होना चाहिए. अगर आपके रिश्ते में शक नाम की चीज आ जाएगी तो वो आपके रिश्ते को दीमक की तरह खा जाएगी. खासकर कि लॉन्ग-डिस्टेन्स रिलेशन में. एक-दूसरे पर भरोसा होना बहुत जरूरी होता है. वरना आपका रिश्ता बहुत ही मुश्किल में पड़ सकता है.

प्यार अगर कम भी हो तो रिश्ते निभाए जा सकते हैं लेकिन अगर भरोसा न हो तो रिश्तों को टूटने में ज़्यादा समय नहीं लगता. ऐसा कहा भी जाता है कि रिश्ते एक धागे की तरह होते हैं अगर आप उसे ज़्यादा खीचेंगे तो उन्हें टूटने से कोई नहीं रोक सकता इसलिए अगर आप अपने रिश्ते में मजबूती चाहते हैं तो रिश्ते की डोर में थोड़ी ढ़ील तो देनी ही होगी.

4. लगाव होना भी है जरुरी

आप अपने साथी को कितना चाहते हैं ये उसे कैसे पता चलें? आप उनसे प्यार करते हैं ये उन्हें बताना भी जरुरी है. कहते हैं कि प्यार की कोई भाषा नहीं होती है लेकिन कभी-कभी शब्दों में इसे बयां करना ज़रुरी हो जाता है इसलिए उनसे अपना लगाव बढ़ाए. सेक्स और लगाव दो अलग-अलग चीज़ें होती हैं. बेडरूम के बाहर भी अपने पार्टनर के लिये आपको प्यार जताने की ज़रूरत है.

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5. एक दूसरे की बातें सुने

किसी भी विषय पर बहस करने की बजाय एक-दूसरे की बातों को ध्यान से सुनें और समझे. बहस करने से किसी भी बात का हल तो निकलना नहीं है और आप बेवजह की लड़ाई करके बात को और बिगाड़ देंगे इसलिए एक-दूसरे की बातों को समझकर अपना पक्ष रखें. अगर आप सही हैं तो आपका साथी आपकी बात जरुर समझेगा. ऐसा करने से आपकी आपसी समझ अच्छी होगी. बस उन्हें समझने के लिए थोड़ा वक्त दें.

स्किन कलर साफ करने के लिए नीबू के रस का प्रयोग किया जा सकता है, क्या यह सही है?

सवाल-

मैं सांवले रंग की महिला हूं. मुझे पता चला है कि रंग साफ करने के लिए नीबू के रस का प्रयोग किया जा सकता है. क्या यह सही है और इस का प्रयोग किस तरह से करना चाहिए?

जवाब-

स्किन पर कभी नीबू का सीधा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि नीबू में एसिड होता है, जो स्किन को नुकसान पहुंचाता है. इसके ज्यादा प्रयोग से स्किन काली हो जाती है. आप की स्किन अगर औयली है, तो इस के लिए बेसन में 1 ढक्कन सिरका और 1 चम्मच चंदन पाउडर मिला कर पैक बना लें. इसे सप्ताह में 2 बार चेहरे पर लगाएं. इस से आप की स्किन मुलायम और चमकदार हो जाएगी. इसके अलावा किसी अच्छे ब्रैंड की फेयरनैस क्रीम का भी प्रयोग कर सकती हैं. जब धूप में निकलें तो सन क्रीम का प्रयोग करें. वैसे यदि रंग सावला या स्किन साफ है और आप का शरीर चुस्त है तो भी सौंदर्य कम नहीं होता. रंग का सुंदर होने से कोई बड़ा मतलब नहीं है.

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हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में यह आसान काम नही है. हाल ही किए गए एक सर्वे के मुताबिक एक औफिस जाने वाली महिला मेकअप के लिए 55 मिनट देती है. इसीलिए अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए और अपने डेली रूटीन को बदलने के लिए इन टिप्स को जरूर फौलो करें…

1. रात को कर लें प्लानिंग…

रात को ही सुबह की प्लानिंग  करते हुए अपने सामान को व्यस्थित रखें, इससे सुबह आप को फैसला लेने में कम वक्त के साथ सामान ढूंढ़ने में भी समय नही लगेगा.

2. बालों के लिए माइक्रोफाइबर टौवेल का इस्तेमाल…

रोजाना इस्तेमाल होने वाले टौवेल के मुकाबले माइक्रोफाइबर टौवेल ज्यादा जल्दी पानी सोखता है. यह न केवल आप के ड्रायर से बाल सुखाने का समय आधा करता है, बल्कि आप के बालों को लगने वाली गरमी की मात्रा भी कम करता है.

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ज़िन्दगी –एक पहेली:  भाग 2

अविरल अब 7 साल का हो चुका था और स्कूल भी जाता था. अविरल बहुत होशियार था . वह स्कूल में हमेशा पहले नंबर पे रहता था चाहे वह पढ़ाई हो या खेल. लेकिन वह स्वभाव से बहुत संकोची था. वह बहुत कम बोलता था. शायद इसका एक  कारण यह भी था कि जब वह बोलता था तो लोग उसका मज़ाक बनाते थे क्योंकि  वह हकलाता था. लोग उसे हकला- हकला कहकर चिढ़ाने लगते थे . यहाँ तक की अविरल के कुछ रिश्तेदार भी उसका मज़ाक बनाने से पीछे नहीं हटते थे. वो अक्सर उसे हक्कू कहकर बुलाते थे.

अविरल  के दिमाग में इसका गहरा असर पड़ने लगा. अविरल  के माता पिता भी थोड़ा परेशान हुए लेकिन उन्होने सोचा कि जैसे- जैसे अविरल  बड़ा होगा, सब ठीक हो जाएगा. अविरल के माता पिता हमेशा उसे समझाते कि सब ठीक हो जाएगा. अवि के पास लोग आते तो थे, उससे  बात भी करते थे लेकिन केवल उसका मज़ाक बनाने के लिए. अवि अब लोगो के पास जाने से डरने लगा था.

अविरल हर किसी से अपनी परेशानी बताने में डरता था .यहाँ तक की वो अपने माता-पिता से भी अपने दिल की बात नहीं कह पाता  था. एक उसकी बहन ही तो थी जिससे वो अपने मन की सारी बाते कह पाता था.उसके लिए   उसकी बहन अनु ही उसकी पूरी दुनिया बन गयी थी.

अविरल  हमेशा दुखी होकर अनु से बोलता कि दीदी मै औरों की तरह क्यों नहीं हूँ ? भगवान जी ने ऐसा क्यों किया?  वह उसे समझाती, कि मेरा भाई सबसे अच्छा है. वह अविरल को उसकी  अच्छाइयाँ बताती और बोलती कि जो मेरे भाई का मज़ाक बनाते हैं न एक  दिन मेरा भाई उन सभी से हजारों कदम आगे निकलेगा और ये लोग मुंह  देखते रह जाएंगे. अविरल  खुश हो जाता और फिर दोनों भाई बहन अपनी छोटी सी दुनिया में मशगूल हो जाते. अनु अविरल को समझा तो देती पर मन ही मन वो बहुत दुखी होती. वो बाद में  उन लोगों के पास जाती जो अविरल को चिढाते थे और उनसे झगड़ा करती लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ.

कुछ सालों बाद  अविरल  के पापा ने अपना बिज़नेस देहरादून  में सेट अप किया जिससे कि बच्चों की और अच्छे से पढ़ाई-लिखाई  हो पाये.  दोनों का एड्मिशन एक जाने माने स्कूल में करा दिया गया. अनु तो तुरंत स्कूल में घुल मिल गयी लेकिन अविरल  स्कूल जाने में डरने लगा. जब भी वह स्कूल जाता, बहुत रोता. अनु उसे अपने साथ स्कूल ले जाती और अपने साथ ही बिठाये रहती. अविरल  की मम्मी  ने भी टीचर से request की  कि कुछ दिन अविरल  को अनु के साथ ही बैठने दे. अनु लगातार अविरल  को समझाती रहती जिससे कुछ समय बाद अविरल  अपनी क्लास में बैठने लगा.

लेकिन यहाँ भी अविरल  कि समस्या आगे आ गयी. अविरल  के हकलाने पर सारे बच्चे ज़ोर से हँसते. कुछ  टीचर्स  भी अविरल  के हकलाने पर हँसते और बार बार उससे ही question  पूछते . अब अविरल  ने क्लास में answer  करना ही बंद कर दिया, जिससे उसे हमेशा punish  किया जाता. अविरल  बहन को परेशान देखकर उससे यह बातें छुपाने लगा  और रोज़  पनिशमेंट सहने लगा.

लेकिन अविरल  हमेशा exam में टॉप करता. स्कूल की  प्रिन्सिपल अविरल  को बहुत पसंद करती थी. उन्होंने  अविरल  को अपने पास बुलाया  और प्यार करते हुए बोली  की  इतने सुंदर और होनहार बच्चे को ये कमी क्यूँ हो गयी.

एक बार अनु की एक सहेली ने अविरल को अपने पास बुलाकर उससे कहा की तुम मुझे ज़रा अपनी tongue दिखाओ. उसने अविरल की tongue देखी  और बोली  की तुम्हारी tongue  ज्यादा जुड़ी है. जिसकी वजह से ये problem है. अविरल ने यह बात अपने पापा से बताई और बोला की इसे नीचे से काट दो. लेकिन पापा ने समझाया की,”नहीं बेटा ऐसा कुछ भी नहीं है ,ऐसा कभी सोचना भी मत”. अविरल उस समय तो ये बात  समझ गया. लेकिन अनु की सहेली की बात उसके दिमाग में बस गयी थी.

अविरल  अब 4th क्लास में आ चुका था. उसके स्कूल का 1 टूर जाना था जिसमे भाई बहन दोनों शामिल हुए. सभी क्लास के अलग ग्रुप थे ,लेकिन अनु ने टीचर्स से request करके  अविरल  को अपने ग्रुप में रखा. टूर में अनु उसे अपने साथ रखती. भाई बहन का ऐसा प्यार देखकर सभी की आँखों में आँसू आ जाते.

अविरल  अब फिर से परेशान रहने लगा क्यूँ की उसकी बहन 5 स्टैंडर्ड में थी और स्कूल 5 के बाद coed  नहीं था. अनु को अब अलग स्कूल में जाना था. अविरल ये सोच- सोच कर  अकेले में रोता रहता. अनु भी बहुत दुखी थी लेकिन अब भाई बहन को थोड़ा अलग होना ही था.

अगले भाग में जानेंगे की अविरल आगे की चुनौतियों का कैसे सामना करता है?

क्या रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का हो गया है ब्रेकअप, पढ़ें पूरी खबर

पिछले कुछ समय से बौलीवुड में चर्चाएं गर्म रही हैं कि इस वर्ष के अंत तक एक्ट्रेस आलिया भट्ट और एक्टर रणबीर कपूर शादी के बंधन में बंधने वाले हैं, मगर इन दिनों आलिया व रणबीर कपूर के बीच दूरियां आ जाने और दोनो के एक दूसरे से अलग हो जाने की खबरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इस तरह की खबरें 15 मार्च के दिन आलिया भट्ट के 27वें जन्मदिन पर रणबीर कपूर के दूर रहने से उपजी हैं.

‘‘कोरोना वायरस’’के संकट के बीच 15 मार्च को आलिया भट्ट ने अपना 27 वां जन्मदिन अपने दोस्तो और बहन शाहीन भट्ट के साथ मनाया. लेकिन इस जन्मदिन के जश्न मनाने के अवसर पर आलिया भट्ट के प्रेमी रणबीर कपूर की गैर मौजूदगी ने लोगों को बहुत कुछ कहने का अवसर प्रदान कर दिया.जबकि ‘कोरोना वायरस’की महामारी के चलते फिल्म की शूटिंग बंद होने के चलते रणबीर कपूर भी मुंबई में ही अपने घर पर मौजूद रहे. पर वह आलिया भट्ट की जन्मदिन पार्टी में नहीं पहुंचे,जबकि आलिया के कई स्कूल के दोस्त तक पहुंचे थे.

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मजेदार बात यह है कि कुछ समय पहले जब रणबीर कपूर का जन्मदिन आया था,तब आलिया भट्ट ने उनके जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए केक भी बनाया था.जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था.

हालांकि अभिनेत्री आलिया भट्ट के जन्म दिन पर अभिनेता व आलिया के प्रेमी रणबीर कपूर की मां नीतू कपूर व बहन रिद्धिमा कपूर साहनी ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आलिया को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं.रिद्धिमा ने तो फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ की अदाकारा आलिया भट्ट को जन्मदिन की शुभकामना व्यक्त करते हुए एक बूमरैंग वीडियो भी पोस्ट किया था.मगर रणबीर कपूर ने सोशल मीडिया पर भी कुछ नही लिखा और न ही कोई तस्वीर ही पोस्ट की.

बता दें कि कटरीना कैफ के साथ अलगाव के बाद अयान मुखर्जी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘ब्रम्हास्त्र’’के ही सेट पर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने डेटिंग करनी शुरू की,जिसके बाद उन्हें कई मौकों पर एक साथ देखा गया.‘ब्रम्हास्त्र’’के निर्माण में दो साल से अधिक का समय लग गया.अब यह फिल्म 4 दिंसबर 2020 को रिलीज होने वाली है.

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वैसे अब तक आलिया हमेशा रणबीर कपूर के परिवारिक समारोहों का एक सक्रिय हिस्सा रही हैं.जब रणबीर कपूर के पिता व अभिनेता ऋषि कपूर कुछ हफ्ते पहले दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे,तब भी आलिया भट्ट, रणबीर कपूर के साथ थीं.

#coronavirus: हिना खान ने शेयर किया फैंस के लिए खास मैसेज, कही ये बात

भारत में कोरोना वायरस के चलते हड़कंप मच गया है, जहां एक तरफ मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई सख्त उठाए हैं, जिसका असर आम आदमी से लेकर स्टार्स पर पड़ रहा है. हाल ही में टीवी की पौपुलर एक्ट्रेस हिना खान की शौर्ट फिल्म के ट्रेलर लौंच की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी, वहीं अब हिना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने फैंस के लिए खास मैसेज शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं हिना खान का खास मैसेज…

फैंस के लिए हिना ने शेयर किया मैसेज

हिना खान ने फैंस के लिए एक लंब मैसेज शेयर करते हुए लिखा, ”वैसे मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं लेकिन प्रोफेशनल्स की जारी वीडियो देखी. पर मैंने वह वीडियो शेयर नहीं की. बल्कि उसकी बजाय कोरोना से लड़ने के लिए सेफ्टी से जुड़ी एक वीडियो बनाने का फैसला किया.” इसी के साथ ही हिना खान ने मास्क से किस तरफ अपने आपको वायरस से बचाने और बार-बार हाथ धुलने की सलाह दी.

 

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Well I am not an expert but I had a look at one of the videos released by Professionals.. But I did not share that one and decided to create a video whr I personally am demonstrating same steps and safety measures, so that you all can relate to it and follow the right way on how to wear a basic simple surgical mask.. As a responsible citizen I would also like to convey that this basic mask will not provide you with complete safety from the virus.. while this basic surgical mask may be effective in blocking splashes and large particle droplets but it does not filter or block very small particles in the air that may b transmitted by coughing and sneezing..but sadly majority of the people in our country are using this very basic simple surgical mask..Due to scarcity of masks and lack of awareness people are forced to buy these thin layered disposable masks..This is why I though that I shud atleast help them to wear it the right way.. I wud also like to urge people to opt for N95 respirator masks which seals your nose chin and mouth properly and is a bit more safer thn the basic surgical mask..although it’s not easily available, you may also go for a simple thick layered padded cloth mask, and you can reuse it, if washed properly with antiseptic and warm water, and if properly ironed.. I also agree to the fact that no matter how efficient a respirator is, it wont eliminate the exposure entirely? since this virus progressively crawls through the bronchial tubes and affects our lungs, we have to take precautions by washing hands and wear masks when you step out.

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 शौर्ट फिल्म को लेकर हैं सुर्खियों में हैं

हिना खान की शॉर्ट फिल्म स्मार्टफोन का ट्रेलर लौंच पोस्टपोन हो गया है. इस फिल्म में हिना खान के साथ कुणाल रौय कपूर और अक्षय ओबेरौय मुख्य किरदार में नजर आएंगे. लेकिन कोरोना वायरस के चलते फिल्म का ट्रेलर लौन्च टल गया है.

 

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Happy होली ❤️

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बता दें, हिना खान हाल ही में एक वेब सीरीज में नजर आईं थीं, जिसमें उनकी खास तारीफ हुई थी. वहीं टीवी की दुनिया में भी वह काफी मशहूर हैं. अब देखना ये है कि क्या हिना खान अपनी इस शौर्ट फिल्म से फैंस का दिल जीत पाती है या नहीं.

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ज़िन्दगी – एक पहेली: भाग 1   

यह कहानी है एक जाने माने और प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे अविरल के बारे में .अविरल का जन्म एक बहुत ही प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था .उसके पापा शहर के जाने माने बिज़नेस मैन  थे. अपने शहर से बाहर भी उनकी बहुत इज्जत थी. सभी की एक नॉर्मल सी  दिनचर्या थी. पिता राजनीति से थे. इसलिए वह अपने राजनीतिक कामों में लग जाते थे. मां ग्रहणी थी तो घर का सारा काम काज देखती थी. उनकी एक लड़की थी जिसे वह बहुत प्यार करते थे .लेकिन दादी दादा को लगता था कि लड़का होना चाहिए जिससे कि परिवार पूरा हो जाए. समय बीतता गया  और एक नन्ही किलकारी के साथ एक बच्चे ने जन्म लिया. उसकी बहन ने उसका नाम अविरल रखा .

अविरल  बचपन से ही देखने में बहुत सुंदर था. सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे. उसकी बड़ी बहन उसे रात दिन लिए लिए घूमती थी. उसके लिए तो उसका भाई उसकी पूरी दुनिया था. वो एक पल को भी उसे अपनी आँखों के सामने से ओझल नहीं होने देती थी.लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नही चली. धीरे-धीरे सारी खुशी एक चिंता में बदलने लगी. अविरल 2  साल का हो चुका था  लेकिन वह कुछ बोलता नहीं था. घरवालों को चिंता होने लगी कि कहीं हमारा बच्चा गूंगा तो नहीं है. आसपास के लोगों ने भी बोलना शुरू कर दिया ,”कि लगता है आपका बच्चा गूंगा है”.कुछ लोगों ने कहा की हो सकता है बच्चा थोड़ी देर से बोले.

सभी लोग दुखी रहने लगे लेकिन उसकी बहन उसे ऐसे ही खुश होकर प्यार करती रहती.उसके लिए तो उसके भाई से ज्यादा प्यारा कुछ भी नहीं था. देखते-देखते 3 साल और निकल गए लेकिन अविरल  नहीं बोला. मां-बाप और भी परेशान रहने लगे. वह अविरल  को लेकर डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने कहा,” इसका बोलना मुश्किल है. आप भगवान से दुआ कीजिये . अगर ये कुछ समय में नहीं बोलता है तो ऑपरेशन करना होगा. लेकिन उसमे भी बच्चे की जान का रिस्क है क्योंकि बच्चा छोटा है.”

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उसके मम्मी -पापा भगवान से प्रार्थना करने लगे कि भगवान ने हमें इतना सुंदर बच्चा दिया लेकिन यह कमी क्यूँ दे दी. घर के सभी लोग हिम्मत हार चुके थे लेकिन उसकी बहन हमेशा बोलती कि मेरा भैया एक  दिन जरूर बोलेगा. वह  रात दिन उससे बातें करती रहती.

पूरा परिवार मन ही मन उदास रहने लगा उन्होंने मान लिया था कि हमारा बच्चा गूंगा है. अंत में उसके घर वालों ने ऑपरेशन का डिसीजन  लिया. उसकी बहन ने रो-रोकर मम्मी पापा से कहा  कि जब भैया की जान को खतरा है तो ऑपरेशन क्यूँ? ऑपरेशन की डेट पास आ रही थी. सभी की चिंता बढ़ती जा रही थी.

पर उसकी बहन ने हिम्मत नहीं हारी वो अब उससे और बातें करने लगी और कोशिश करती कि भैया  कुछ बोले. एक  दिन आया जब भगवान भी बहन कि ममता के आगे पिघल गए और बच्चे के मुह से पहला शब्द निकला – ‘बिट्ठ’ क्यूँ कि घर वाले सभी उसकी बहन को बिट्टी कहकर बुलाते थे.

बहन दौड़कर मम्मी पापा के पास भागी और बोली “पापा भैया बोला”. किसी को विश्वास नहीं हुआ लेकिन बच्ची के बार- बार जिद करने पर सभी लोग बच्चे के पास गए. बहन को पास देखकर बच्चा बहुत तेजी से पास आया और बहन से चिपक कर फिर से “बिट्ठ” बोला. सभी के मुह बंद थे और आँखों में आँसू थे लेकिन केवल एक  आवाज गूंज रही थी “बिट्ठ”.

तुरंत ही उसके पापा ने  हवन और भोज के लिए पूरे शहर को आमंत्रण दिया. सभी समझ रहे थे कि भगवान ने उनके मन कि सुन ली लेकिन उन्हे क्या पता था कि भगवान उस छोटी बच्ची कि ममता के आगे हार गये थे.

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बच्चा धीरे – धीरे बड़ा होने लगा . सभी बहुत खुश थे . 2-3 साल और बीत गए. अब बच्चा बोलने तो लगा था लेकिन लगता है अविरल  और परेशानियों का चोली दामन का साथ था. अविरल बोलने तो लगा था पर  बड़े होने के साथ- साथ उसको नई परेशानियों ने घेर लिया.

अगले भाग में जानेंगे अविरल के जीवन में  आने वाले संघर्ष के बारे में-

#coronavirus: डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को है अलर्ट रहने की जरूरत

कोरोना वायरस यानि कोविड 19 को लेकर विश्व में चारो तरफ लोग परेशान है, लेकिन इसमें सही हाईजिन और उचित मात्रा में खुद की देखभाल से इससे बचा जा सकता है. इस वाइरस के जीवाणु कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को अपनी चपेट में आसानी से ले लेता है. इसमें कैंसर, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित व्यक्ति को अधिक देखभाल करने की जरुरत है. इस बारें में चेन्नई के डॉ. मोहन डायबिटीज के डाईबेटोलोजिस्ट डॉ. वी मोहन का कहना है कि डायबिटीज के रोगी आसानी से कोविड -19 के वाइरस से पीड़ित हो जाते है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.  कुछ सावधानियां बरतने से इस रोग से अपने आप को रोका जा सकता है, जो निम्न है,

अच्छी हाईजिन को बनाये रखें,जिसमें अपने हाथ को नियमित पानी, साबुन और सेनिटाईजर से धोएं, जिन्हें खांसी, जुकाम या बुखार है, उनसे दूर रहने की कोशिश करें, क्योंकि ये वाइरस ड्रापलेट्स इन्फेक्शन के अंतर्गत आता है, इसलिए कोरोना वाइरस से पीड़ित व्यक्ति अगर खांसता या छींकता है तो आपके नजदीक होने से ये वाइरस आपमें भी फ़ैल जाता है, अगर आपको इन्फेक्शन है, तो आप मास्क अवश्य पहने और घर पर रहकर आराम करें ताकि जीवाणु दूसरों तक न फैलें.

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डायबिटीज के बीमार लोग अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखे, किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाती है, इतना ही नहीं अगर डायबिटीज का स्तर अन कंट्रोल्ड हो तो इन्फेक्शन और अधिक बढ़ने का खतरा हो जाता है,

लगातार ग्लूकोमीटर से ब्लड के ग्लूकोस लेवल को मोनिटर करते रहे, ब्लड शुगर लेवल अगर बहुत हाई हुआ तो डॉक्टर की सलाह से उसे तुरंत कंट्रोल करें.

टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज जिसमें शुगर लेवल बहुत हाई होने की सम्भावना रहती है, जिसमें केटोसिस या डायबेटिक केटोएसिडोसिस डेवेलोप होता है, हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरुरत नहीं पड़ती , लेकिन इसका स्तर बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. इसके अलावा इन्सुलिन की सुई को किसी के साथ शेयर न करें.

डायबिटीज के सभी रोगी को कोविड-19 से बचने की जरुरत है और अगर आपको इन्फेक्शन हो गया है तो अपने परिवार के कांटेक्ट में भी न आये. डायबिटीज को अच्छी तरह से कंट्रोल में रखें और मेडिकल अटेंशन जितनी जल्दी हो, लेने की कोशिश करें.

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सोशल मीडिया पर छाया उर्वशी रौतेला का ब्राइडल लुक, आप भी कर सकती हैं ट्राय

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती के साथ अपने ग्लैमरस लुक को लेकर खूब सुर्खियां बटोरती रहतीं हैं आये दिन उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते रहतें हैं. इन दिनों वह सोशल मीडिया पर फिर छाई हुई हैं. हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम से कुछ लेटेस्ट फोटोज और वीडियो शेयर की हैं. जिसमें वह ट्रेडिशनल लुक में नजर आ रहीं हैं उर्वशी ने इस फोटो में लहंगा पहना हुआ है उर्वशी ने इस लहंगे वाली फोटो के साथ एक कैप्शन भी लिखा हैं “सदा सौभाग्यवती भव:”

उर्वशी का अपनी फोटो में कैप्शन लिखने का कारण उनका डिजाइनर एम्ब्रोइडरी वाला स्लीवलेस ब्लाउज है. जिसमें “सदा सौभाग्यवती भव:” लिखा हुआ हैं. अपने इस नए वीडियो में उर्वशी फैशन शो में दुल्हन बन कर रैंप वाक करती नजर आ रही हैं.वीडियो में उर्वशी रौतेला का अंदाज और उनकी खूबसूरती देखने लायक है. उन्होंने ने रेड दुपट्टे के साथ ऑफ वाइट कलर का लहंगा पहना हुआ है, इसके साथ खुले बाल के साथ हैवी ज्वेलरी में उनका दिलकश और ग्लैमरस अंदाज लोगों को दीवाना बना रहा हैं. उनके इस लुक को देख कर उनके एक फैन ने उनको लिखा, “ये कोरोना लुक हैं.” इससे पहले भी उर्वशी के बिकनी वाले लुक पर भी उनके फैंस ने कोरोना को लेकर कई कमैंट्स किए थे.


उर्वशी रौतेला के इस वीडियो में एक्सप्रेशन देने का खूबसूरत अंदाज लाजवाब है. उनके इस वीडियो को 4 लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसके अलावा उर्वशी रौतेला के और भी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं,  फोटो में भी उर्वशी रौतेला का ब्राइडल लुक जबरदस्त लग रहा है.

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सोशल मीडिया के साथ-साथ टिकटॉक भी हमेशा एक्टिव नजर आती हैं. हाल ही में होली के मौके पर उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. उर्वशी होली की पार्टी वाले वीडियो में वह खूब होली खेल रही है और होली गीतों पर अपने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती करती हुई नजर आईं. एक वीडियो में पिचकारी भरकर अपने दोस्तों को रंगों से भिगो रही हैं तो वहीं दूसरे वीडियो में वह गुलाल से खेलती नजर आ रही हैं.

वह होली के त्योहार को पूरी तरह से इंजॉय कर रही हैं.उनके होली वाले वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब धूम मचाई थी . जो उनके फैंस को खूब पसंद आएं थे. उनका होली का जलेबी वाला एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह जलेबी को अपने मुंह तक तो लेकर जाती हैं लेकिन उसे खाती नहीं हैं. इस पर उर्वशी ने लिखा है कि डाइटिंग की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकती हैं. मिठाई न खा पाने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलकता है.

उर्वशी रौतेला के वर्क फ्रंट की बात करें तो उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म ‘सिंह साब दि ग्रेट’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. जिसमें वह एक्टर सनी देओल के साथ मुख्य भूमिका में नजर आई थीं. फिल्मों के अलावा उर्वशी ने हनी सिंह के सॉन्ग ‘लव डोज’ से भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं. आखिरी बार एक्ट्रेस फिल्म पागलपंती में दिखाई दी हैं, जिसमें उनके साथ अरशद वारसी, जॉन अब्राहम, कृति खरबंदा, इलियाना डिक्रूज और अनिल कपूर जैसे कई कलाकार भी अहम भूमिका में नजर आए.

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