क्या रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का हो गया है ब्रेकअप, पढ़ें पूरी खबर

पिछले कुछ समय से बौलीवुड में चर्चाएं गर्म रही हैं कि इस वर्ष के अंत तक एक्ट्रेस आलिया भट्ट और एक्टर रणबीर कपूर शादी के बंधन में बंधने वाले हैं, मगर इन दिनों आलिया व रणबीर कपूर के बीच दूरियां आ जाने और दोनो के एक दूसरे से अलग हो जाने की खबरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इस तरह की खबरें 15 मार्च के दिन आलिया भट्ट के 27वें जन्मदिन पर रणबीर कपूर के दूर रहने से उपजी हैं.

‘‘कोरोना वायरस’’के संकट के बीच 15 मार्च को आलिया भट्ट ने अपना 27 वां जन्मदिन अपने दोस्तो और बहन शाहीन भट्ट के साथ मनाया. लेकिन इस जन्मदिन के जश्न मनाने के अवसर पर आलिया भट्ट के प्रेमी रणबीर कपूर की गैर मौजूदगी ने लोगों को बहुत कुछ कहने का अवसर प्रदान कर दिया.जबकि ‘कोरोना वायरस’की महामारी के चलते फिल्म की शूटिंग बंद होने के चलते रणबीर कपूर भी मुंबई में ही अपने घर पर मौजूद रहे. पर वह आलिया भट्ट की जन्मदिन पार्टी में नहीं पहुंचे,जबकि आलिया के कई स्कूल के दोस्त तक पहुंचे थे.

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मजेदार बात यह है कि कुछ समय पहले जब रणबीर कपूर का जन्मदिन आया था,तब आलिया भट्ट ने उनके जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए केक भी बनाया था.जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था.

हालांकि अभिनेत्री आलिया भट्ट के जन्म दिन पर अभिनेता व आलिया के प्रेमी रणबीर कपूर की मां नीतू कपूर व बहन रिद्धिमा कपूर साहनी ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आलिया को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं.रिद्धिमा ने तो फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ की अदाकारा आलिया भट्ट को जन्मदिन की शुभकामना व्यक्त करते हुए एक बूमरैंग वीडियो भी पोस्ट किया था.मगर रणबीर कपूर ने सोशल मीडिया पर भी कुछ नही लिखा और न ही कोई तस्वीर ही पोस्ट की.

बता दें कि कटरीना कैफ के साथ अलगाव के बाद अयान मुखर्जी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘ब्रम्हास्त्र’’के ही सेट पर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने डेटिंग करनी शुरू की,जिसके बाद उन्हें कई मौकों पर एक साथ देखा गया.‘ब्रम्हास्त्र’’के निर्माण में दो साल से अधिक का समय लग गया.अब यह फिल्म 4 दिंसबर 2020 को रिलीज होने वाली है.

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वैसे अब तक आलिया हमेशा रणबीर कपूर के परिवारिक समारोहों का एक सक्रिय हिस्सा रही हैं.जब रणबीर कपूर के पिता व अभिनेता ऋषि कपूर कुछ हफ्ते पहले दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे,तब भी आलिया भट्ट, रणबीर कपूर के साथ थीं.

#coronavirus: हिना खान ने शेयर किया फैंस के लिए खास मैसेज, कही ये बात

भारत में कोरोना वायरस के चलते हड़कंप मच गया है, जहां एक तरफ मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई सख्त उठाए हैं, जिसका असर आम आदमी से लेकर स्टार्स पर पड़ रहा है. हाल ही में टीवी की पौपुलर एक्ट्रेस हिना खान की शौर्ट फिल्म के ट्रेलर लौंच की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी, वहीं अब हिना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने फैंस के लिए खास मैसेज शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं हिना खान का खास मैसेज…

फैंस के लिए हिना ने शेयर किया मैसेज

हिना खान ने फैंस के लिए एक लंब मैसेज शेयर करते हुए लिखा, ”वैसे मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं लेकिन प्रोफेशनल्स की जारी वीडियो देखी. पर मैंने वह वीडियो शेयर नहीं की. बल्कि उसकी बजाय कोरोना से लड़ने के लिए सेफ्टी से जुड़ी एक वीडियो बनाने का फैसला किया.” इसी के साथ ही हिना खान ने मास्क से किस तरफ अपने आपको वायरस से बचाने और बार-बार हाथ धुलने की सलाह दी.

 

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Well I am not an expert but I had a look at one of the videos released by Professionals.. But I did not share that one and decided to create a video whr I personally am demonstrating same steps and safety measures, so that you all can relate to it and follow the right way on how to wear a basic simple surgical mask.. As a responsible citizen I would also like to convey that this basic mask will not provide you with complete safety from the virus.. while this basic surgical mask may be effective in blocking splashes and large particle droplets but it does not filter or block very small particles in the air that may b transmitted by coughing and sneezing..but sadly majority of the people in our country are using this very basic simple surgical mask..Due to scarcity of masks and lack of awareness people are forced to buy these thin layered disposable masks..This is why I though that I shud atleast help them to wear it the right way.. I wud also like to urge people to opt for N95 respirator masks which seals your nose chin and mouth properly and is a bit more safer thn the basic surgical mask..although it’s not easily available, you may also go for a simple thick layered padded cloth mask, and you can reuse it, if washed properly with antiseptic and warm water, and if properly ironed.. I also agree to the fact that no matter how efficient a respirator is, it wont eliminate the exposure entirely? since this virus progressively crawls through the bronchial tubes and affects our lungs, we have to take precautions by washing hands and wear masks when you step out.

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 शौर्ट फिल्म को लेकर हैं सुर्खियों में हैं

हिना खान की शॉर्ट फिल्म स्मार्टफोन का ट्रेलर लौंच पोस्टपोन हो गया है. इस फिल्म में हिना खान के साथ कुणाल रौय कपूर और अक्षय ओबेरौय मुख्य किरदार में नजर आएंगे. लेकिन कोरोना वायरस के चलते फिल्म का ट्रेलर लौन्च टल गया है.

 

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Happy होली ❤️

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बता दें, हिना खान हाल ही में एक वेब सीरीज में नजर आईं थीं, जिसमें उनकी खास तारीफ हुई थी. वहीं टीवी की दुनिया में भी वह काफी मशहूर हैं. अब देखना ये है कि क्या हिना खान अपनी इस शौर्ट फिल्म से फैंस का दिल जीत पाती है या नहीं.

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ज़िन्दगी – एक पहेली: भाग 1   

यह कहानी है एक जाने माने और प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे अविरल के बारे में .अविरल का जन्म एक बहुत ही प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था .उसके पापा शहर के जाने माने बिज़नेस मैन  थे. अपने शहर से बाहर भी उनकी बहुत इज्जत थी. सभी की एक नॉर्मल सी  दिनचर्या थी. पिता राजनीति से थे. इसलिए वह अपने राजनीतिक कामों में लग जाते थे. मां ग्रहणी थी तो घर का सारा काम काज देखती थी. उनकी एक लड़की थी जिसे वह बहुत प्यार करते थे .लेकिन दादी दादा को लगता था कि लड़का होना चाहिए जिससे कि परिवार पूरा हो जाए. समय बीतता गया  और एक नन्ही किलकारी के साथ एक बच्चे ने जन्म लिया. उसकी बहन ने उसका नाम अविरल रखा .

अविरल  बचपन से ही देखने में बहुत सुंदर था. सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे. उसकी बड़ी बहन उसे रात दिन लिए लिए घूमती थी. उसके लिए तो उसका भाई उसकी पूरी दुनिया था. वो एक पल को भी उसे अपनी आँखों के सामने से ओझल नहीं होने देती थी.लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नही चली. धीरे-धीरे सारी खुशी एक चिंता में बदलने लगी. अविरल 2  साल का हो चुका था  लेकिन वह कुछ बोलता नहीं था. घरवालों को चिंता होने लगी कि कहीं हमारा बच्चा गूंगा तो नहीं है. आसपास के लोगों ने भी बोलना शुरू कर दिया ,”कि लगता है आपका बच्चा गूंगा है”.कुछ लोगों ने कहा की हो सकता है बच्चा थोड़ी देर से बोले.

सभी लोग दुखी रहने लगे लेकिन उसकी बहन उसे ऐसे ही खुश होकर प्यार करती रहती.उसके लिए तो उसके भाई से ज्यादा प्यारा कुछ भी नहीं था. देखते-देखते 3 साल और निकल गए लेकिन अविरल  नहीं बोला. मां-बाप और भी परेशान रहने लगे. वह अविरल  को लेकर डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने कहा,” इसका बोलना मुश्किल है. आप भगवान से दुआ कीजिये . अगर ये कुछ समय में नहीं बोलता है तो ऑपरेशन करना होगा. लेकिन उसमे भी बच्चे की जान का रिस्क है क्योंकि बच्चा छोटा है.”

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उसके मम्मी -पापा भगवान से प्रार्थना करने लगे कि भगवान ने हमें इतना सुंदर बच्चा दिया लेकिन यह कमी क्यूँ दे दी. घर के सभी लोग हिम्मत हार चुके थे लेकिन उसकी बहन हमेशा बोलती कि मेरा भैया एक  दिन जरूर बोलेगा. वह  रात दिन उससे बातें करती रहती.

पूरा परिवार मन ही मन उदास रहने लगा उन्होंने मान लिया था कि हमारा बच्चा गूंगा है. अंत में उसके घर वालों ने ऑपरेशन का डिसीजन  लिया. उसकी बहन ने रो-रोकर मम्मी पापा से कहा  कि जब भैया की जान को खतरा है तो ऑपरेशन क्यूँ? ऑपरेशन की डेट पास आ रही थी. सभी की चिंता बढ़ती जा रही थी.

पर उसकी बहन ने हिम्मत नहीं हारी वो अब उससे और बातें करने लगी और कोशिश करती कि भैया  कुछ बोले. एक  दिन आया जब भगवान भी बहन कि ममता के आगे पिघल गए और बच्चे के मुह से पहला शब्द निकला – ‘बिट्ठ’ क्यूँ कि घर वाले सभी उसकी बहन को बिट्टी कहकर बुलाते थे.

बहन दौड़कर मम्मी पापा के पास भागी और बोली “पापा भैया बोला”. किसी को विश्वास नहीं हुआ लेकिन बच्ची के बार- बार जिद करने पर सभी लोग बच्चे के पास गए. बहन को पास देखकर बच्चा बहुत तेजी से पास आया और बहन से चिपक कर फिर से “बिट्ठ” बोला. सभी के मुह बंद थे और आँखों में आँसू थे लेकिन केवल एक  आवाज गूंज रही थी “बिट्ठ”.

तुरंत ही उसके पापा ने  हवन और भोज के लिए पूरे शहर को आमंत्रण दिया. सभी समझ रहे थे कि भगवान ने उनके मन कि सुन ली लेकिन उन्हे क्या पता था कि भगवान उस छोटी बच्ची कि ममता के आगे हार गये थे.

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बच्चा धीरे – धीरे बड़ा होने लगा . सभी बहुत खुश थे . 2-3 साल और बीत गए. अब बच्चा बोलने तो लगा था लेकिन लगता है अविरल  और परेशानियों का चोली दामन का साथ था. अविरल बोलने तो लगा था पर  बड़े होने के साथ- साथ उसको नई परेशानियों ने घेर लिया.

अगले भाग में जानेंगे अविरल के जीवन में  आने वाले संघर्ष के बारे में-

#coronavirus: डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को है अलर्ट रहने की जरूरत

कोरोना वायरस यानि कोविड 19 को लेकर विश्व में चारो तरफ लोग परेशान है, लेकिन इसमें सही हाईजिन और उचित मात्रा में खुद की देखभाल से इससे बचा जा सकता है. इस वाइरस के जीवाणु कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को अपनी चपेट में आसानी से ले लेता है. इसमें कैंसर, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित व्यक्ति को अधिक देखभाल करने की जरुरत है. इस बारें में चेन्नई के डॉ. मोहन डायबिटीज के डाईबेटोलोजिस्ट डॉ. वी मोहन का कहना है कि डायबिटीज के रोगी आसानी से कोविड -19 के वाइरस से पीड़ित हो जाते है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.  कुछ सावधानियां बरतने से इस रोग से अपने आप को रोका जा सकता है, जो निम्न है,

अच्छी हाईजिन को बनाये रखें,जिसमें अपने हाथ को नियमित पानी, साबुन और सेनिटाईजर से धोएं, जिन्हें खांसी, जुकाम या बुखार है, उनसे दूर रहने की कोशिश करें, क्योंकि ये वाइरस ड्रापलेट्स इन्फेक्शन के अंतर्गत आता है, इसलिए कोरोना वाइरस से पीड़ित व्यक्ति अगर खांसता या छींकता है तो आपके नजदीक होने से ये वाइरस आपमें भी फ़ैल जाता है, अगर आपको इन्फेक्शन है, तो आप मास्क अवश्य पहने और घर पर रहकर आराम करें ताकि जीवाणु दूसरों तक न फैलें.

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डायबिटीज के बीमार लोग अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखे, किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाती है, इतना ही नहीं अगर डायबिटीज का स्तर अन कंट्रोल्ड हो तो इन्फेक्शन और अधिक बढ़ने का खतरा हो जाता है,

लगातार ग्लूकोमीटर से ब्लड के ग्लूकोस लेवल को मोनिटर करते रहे, ब्लड शुगर लेवल अगर बहुत हाई हुआ तो डॉक्टर की सलाह से उसे तुरंत कंट्रोल करें.

टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज जिसमें शुगर लेवल बहुत हाई होने की सम्भावना रहती है, जिसमें केटोसिस या डायबेटिक केटोएसिडोसिस डेवेलोप होता है, हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरुरत नहीं पड़ती , लेकिन इसका स्तर बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. इसके अलावा इन्सुलिन की सुई को किसी के साथ शेयर न करें.

डायबिटीज के सभी रोगी को कोविड-19 से बचने की जरुरत है और अगर आपको इन्फेक्शन हो गया है तो अपने परिवार के कांटेक्ट में भी न आये. डायबिटीज को अच्छी तरह से कंट्रोल में रखें और मेडिकल अटेंशन जितनी जल्दी हो, लेने की कोशिश करें.

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सोशल मीडिया पर छाया उर्वशी रौतेला का ब्राइडल लुक, आप भी कर सकती हैं ट्राय

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती के साथ अपने ग्लैमरस लुक को लेकर खूब सुर्खियां बटोरती रहतीं हैं आये दिन उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते रहतें हैं. इन दिनों वह सोशल मीडिया पर फिर छाई हुई हैं. हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम से कुछ लेटेस्ट फोटोज और वीडियो शेयर की हैं. जिसमें वह ट्रेडिशनल लुक में नजर आ रहीं हैं उर्वशी ने इस फोटो में लहंगा पहना हुआ है उर्वशी ने इस लहंगे वाली फोटो के साथ एक कैप्शन भी लिखा हैं “सदा सौभाग्यवती भव:”

उर्वशी का अपनी फोटो में कैप्शन लिखने का कारण उनका डिजाइनर एम्ब्रोइडरी वाला स्लीवलेस ब्लाउज है. जिसमें “सदा सौभाग्यवती भव:” लिखा हुआ हैं. अपने इस नए वीडियो में उर्वशी फैशन शो में दुल्हन बन कर रैंप वाक करती नजर आ रही हैं.वीडियो में उर्वशी रौतेला का अंदाज और उनकी खूबसूरती देखने लायक है. उन्होंने ने रेड दुपट्टे के साथ ऑफ वाइट कलर का लहंगा पहना हुआ है, इसके साथ खुले बाल के साथ हैवी ज्वेलरी में उनका दिलकश और ग्लैमरस अंदाज लोगों को दीवाना बना रहा हैं. उनके इस लुक को देख कर उनके एक फैन ने उनको लिखा, “ये कोरोना लुक हैं.” इससे पहले भी उर्वशी के बिकनी वाले लुक पर भी उनके फैंस ने कोरोना को लेकर कई कमैंट्स किए थे.


उर्वशी रौतेला के इस वीडियो में एक्सप्रेशन देने का खूबसूरत अंदाज लाजवाब है. उनके इस वीडियो को 4 लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसके अलावा उर्वशी रौतेला के और भी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं,  फोटो में भी उर्वशी रौतेला का ब्राइडल लुक जबरदस्त लग रहा है.

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सोशल मीडिया के साथ-साथ टिकटॉक भी हमेशा एक्टिव नजर आती हैं. हाल ही में होली के मौके पर उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. उर्वशी होली की पार्टी वाले वीडियो में वह खूब होली खेल रही है और होली गीतों पर अपने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती करती हुई नजर आईं. एक वीडियो में पिचकारी भरकर अपने दोस्तों को रंगों से भिगो रही हैं तो वहीं दूसरे वीडियो में वह गुलाल से खेलती नजर आ रही हैं.

वह होली के त्योहार को पूरी तरह से इंजॉय कर रही हैं.उनके होली वाले वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब धूम मचाई थी . जो उनके फैंस को खूब पसंद आएं थे. उनका होली का जलेबी वाला एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह जलेबी को अपने मुंह तक तो लेकर जाती हैं लेकिन उसे खाती नहीं हैं. इस पर उर्वशी ने लिखा है कि डाइटिंग की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकती हैं. मिठाई न खा पाने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलकता है.

उर्वशी रौतेला के वर्क फ्रंट की बात करें तो उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म ‘सिंह साब दि ग्रेट’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. जिसमें वह एक्टर सनी देओल के साथ मुख्य भूमिका में नजर आई थीं. फिल्मों के अलावा उर्वशी ने हनी सिंह के सॉन्ग ‘लव डोज’ से भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं. आखिरी बार एक्ट्रेस फिल्म पागलपंती में दिखाई दी हैं, जिसमें उनके साथ अरशद वारसी, जॉन अब्राहम, कृति खरबंदा, इलियाना डिक्रूज और अनिल कपूर जैसे कई कलाकार भी अहम भूमिका में नजर आए.

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कर्ली हेयर को स्ट्रेट करने के लिए मै क्या करूं?

सवाल-

मेरे बाल बहुत कर्ली हैं. उन्हें स्थाई सीधा करने का कोई उपाय बताएं?

जवाब-

बालों में रोज गरम तेल लगाने से वे बहुत जल्दी सीधे हो जाते हैं और साथ ही उन में नमी भी बनी रहती है. गरम तेल बालों की ऐंठन और कर्ल को सीधा करने का काम करता है. नारियल तेल, औलिव औयल या फिर बादाम तेल का इस्तेमाल करें. तिल के तेल का भी प्रयोग कर सकती हैं.तेल को हलका गरमकर बालों पर लगा कर हलके हाथों से मसाज करें. 15 से 20 मिनट तक मसाज करना फायदेमंद रहेगा. बालों को फुल लैंथ कंघी करें. ऊपर से नीचे कंघी करने से जहां बालों की उलझन सुलझ जाएगी, वहीं धोने के दौरान भी वे कम टूटेंगे.कंघी करने के बाद हलके गरम पानी में तौलिया डुबो कर बालों पर बांध लें. इस से तेल बालों की जड़ों तक पहुंचेगा. करीब आधे घंटे बाद बालों को किसी माइल्ड शैंपू से साफ कर लें. उस के बाद जब बाल हलके गीले हों तभी कंघी कर लें. बाल जल्दी सीधे हो जाएंगे.

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आजकल कर्ली बाल काफी ट्रेंड में है. बौलिवुड की कई मशहूर ऐक्ट्रेसेस भी खूबसूरत कर्ल्स  में नजर आ रही हैं. कर्ली बाल देखने में तो काफी आकर्षक लगते हैं लेकिन इनका देखभाल करना भी बेहद मुश्किल होता है. तो चलिए आपको बताते हैं, कर्ली बाल की देखभाल करने के टिप्स. इससे आप आसानी से कर्ली बाल को मैनेज कर सकती है.

ऐसे करें कर्ली बालों की देखभाल

  1. बालों को कंघी करते समय कर्लिंग प्रौडक्ट का इस्तेमाल करें. बालों को सुखाने के लिए सौफ्ट कौटन टौवेल यूज करें. सुखाते समय बालों को टौवेल से न रगड़े बल्कि बालों को कौटन टौवेल से पोंछते हुए सुखाएं.

2. कर्ली बालों को सुलझाने के लिए हेयर ब्रश का इस्तेमाल न करें. इसकी बजाय मोटी कंघी से बाल झाड़ें. आसानी से कंघी करने के लिए बालों को हल्का गीला कर लें.

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#coronavirus: कोरोना वायरस से ज्यादा खतनाक है ‘डॉ. सोशल मीडिया’, बचें इन अफवाहों से

“बस कुछ दिन और सावधानी बरतनी है, सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) बनाये रखनी है, फिर गर्मी आ जायेगी, सूरज तेज़ निकलने लगेगा और कोरोना वायरस स्वत: ही खत्म हो जायेगा.” मेरे दोस्त ने व्हाट्सएप्प पर यह मेसेज फॉरवर्ड किया, इस दावे के साथ कि ‘यह एक विशेषज्ञ की राय है और इसमें शत प्रतिशत सच्चाई है’.

कोविड-19 की विश्वव्यापी महामारी के चलते यह और इस प्रकार के अन्य अनेक दावे सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे हैं. इनमें कितनी हक़ीक़त है व कितना फ़साना है- यह जानना बहुत आवश्यक है न सिर्फ आपके अपने स्वास्थ के लिए बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि अपने देश में कोरोना वायरस स्टेज 3 में न पहुंचे, जो कि इस समय स्टेज 2 पर है.इसके अतिरिक्त उन धार्मिक संगठनों व नेताओं से बचने की भी ज़रूरत है जो सोशल मीडिया पर यह भ्रमक प्रचार कर रहे हैं कि उन हिन्दुओं को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो गौमूत्र का नियमित सेवन करते हैं या उन मुस्लिमों को कोरोना वायरस नहीं हो सकता जो नमाज़ के लिए पांच वक़्त वुज़ू (हाथ, मुंह धोना) बनाते हैं. एक अमेरिकी पादरी ने दावा किया कि कोल्लोडिअल सिल्वर (लिक्विड में घुला धातु) कोरोना वायरस को 12 घंटे में मार देगा और शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करेगा. लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि सिल्वर पीने से लाभ होता है बल्कि इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं. आयरन व जिंक की तरह सिल्वर ऐसा धातु नहीं है जिसका मानव शरीर में कोई काम हो.गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन ने दिल्ली में कोरोना वायरस से बचने के लिए ‘गौमूत्र पार्टी’ का आयोजन किया था. सरकार को चाहिए कि इस प्रकार के प्रचारों व आयोजनों पर प्रतिबंध लगाये. सऊदी अरब में मस्जिदों में नमाज़ अदा करने पर पाबंदी लगा दी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने भी शिरडी संस्थान व अन्य मंदिरों को बंद किया है.

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सोशल मीडिया पर चल रहा फर्जी इलाज

तेज़ी से फैल रहे कोरोनावायरस का उपचार तलाश करने के लिए शोधकर्ता दिन रात एक किये हुए हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर अनेक फर्जी व अपुष्ट उपचार वायरल हो रहे हैं. ऑनलाइन दावों में सिर्फ एक ही सही प्रतीत हो रहा है और वह विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) के हाथ धोने व हाइजीन संबंधी दिशानिर्देश हैं.आइये सोशल मीडिया के कुछ मिथकों पर गौर करते हैं कि वह झूठे क्यों हैं.पहले इसी दावे की समीक्षा करते हैं कि ‘कोरोना वायरस गर्म मौसम या सूरज की तपिश में खत्म हो जायेगा’.नये कोरोनावायरस पर अति सीमित शोध उपलब्ध है, विशेषज्ञों को मालूम नहीं है कि गर्म मौसम में इसकी प्रतिक्रिया क्या रहेगी. जो ‘भविष्यवाणियां’ हैं वह सार्स व मार्स महामारियों पर आधारित हैं.लेकिन तथ्य यह है कि कोरोना वायरस गर्म देशों जैसे सिंगापुर व ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही मौजूद है. हारवर्ड मेडिकल स्कूल के एक अध्ययन में सुझाव है कि चीन की स्थिति से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस में विभिन्न तापमानों व उमस की स्थितियों में ज़िन्दा रहने की क्षमता है.

घरेलू उपचार का सहारा ले रहे लोग

सोशल मीडिया पर एक दावा यह है कि नमक के पानी से गरारे करने से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है. लेकिन ऐसी स्थितियों से संबंधित डाटा से मालूम होता है कि श्वांश वायरस नमक के पानी से प्रभावित नहीं होते हैं.यह दावा कि ब्लीच या एथनॉल से गरारे करने पर मदद मिलती है न सिर्फ झूठा है बल्कि बहुत खतरनाक भी है. इन दावों के बावजूद कि गर्म पानी वायरस को ‘बेअसर’ कर देता है या आइस-क्रीम न खाने से मदद मिलती है तथ्य यह है कि वायरस को न ठंडा, न गर्म तापमान मार सकता है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है कि हर 15 मिनट पर पानी पीने से वायरस आपके गले से बहकर आपके पेट में चला जायेगा, जहां तेज़ाब उसे मार देगा. लेकिन इस दावे के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं कि किसी भी प्रकार के श्वांश  वायरस पर यह ‘टोटका’ काम आता हो. बहरहाल, इस बात में कोई शक नहीं है कि नियमित पानी पीना एक अच्छी आदत है और आप इससे हाइड्रेटेड भी रहते हैं.

लहसुन खाने से बचा जा सकता है कोरोनावायरस से

सोशल मीडिया का एक दावा यह है कि लहसुन खाने से कोरोनावायरस से बचा जा सकता है.डब्लूएचओ का कहना है कि लहसुन में कुछ एंटीमाइक्रोबियल गुण अवश्य हो सकते हैं,लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ काम करता है.आमतौर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोई खास फ़ूड का सेवन वायरस के विरुद्ध प्रभावी होता है.यह दावा भी सोशल मीडिया पर है कि फेस मास्क से कोरोना वायरस को नहीं रोका जा सकता.हालांकि फेस मास्क रोकथाम की 100 प्रतिशत गारंटी के साथ नहीं आते हैं – वायरस आंखों से भी शरीर में प्रवेश कर जाता है और वायरस के कुछ कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि मास्क को भी बाईपास कर जाते हैं – लेकिन वह खांसी या छींक के ड्रापलेट्स को रोकने में सक्षम हैं जिनसे कोरोना वायरस मुख्य रूप से फैलता है. जो लक्षण दिखा रहे हैं या पॉजिटिव टेस्ट हो गये हैं, वह अगर मास्क पहनेंगे तो वायरस को फैलने से रोका जा सकता है.दैनिक प्रयोग में जब बाज़ार जा रहे हों या बस ले रहे हों, मास्क से कोई विशेष अंतर नहीं आने वाला.बहरहाल, हाई-ग्रेड मास्क जैसे एन 95 हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए आवश्यक हैं.

वैक्सीन होने की फैली अफवाह

सोशल मीडिया का एक दावा यह है कि वैक्सीन उपलब्ध है या कुछ माह में उपलब्ध हो जायेगी. हालांकि कोविड-19 के लिए वैक्सीन विकसित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन कमर्शियल वैक्सीन के उपलब्ध होने में अभी बहुत समय है. कुछ शोधकर्ताओं ने पशुओं पर संभावित वैक्सीन टेस्ट की हैं, फिर भी ट्रायल चरण लम्बी प्रक्रिया होता है ताकि सभी आशंकित साइड-इफेक्ट्स का संज्ञान लिया जा सके. अगर एक वर्ष में वैक्सीन तैयार हो जाती है तो इसे बहुत जल्द हासिल की गई कामयाबी समझा जायेगा.

बचकर रहें इन अफवाहों से

सोशल मीडिया के इस दावे को बिलकुल न मानें कि कोरोनावायरस मौसमी फ्लू जैसा ही है. कोविड-19 मौसमी फ्लू से दस गुणा घातक है और यह दावा भी दुरुस्त नहीं है कि अगर आप दस सेकंड तक अपना सांस रोक सकते हैं तो आप कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं.संक्षेप में बात सिर्फ इतनी सी है कि डा. सोशल मीडिया से बचें, उसका कोई दावा वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित नहीं है, और इसके अतिरिक्त धर्म की आड़ में किये गये दावों से भी बचें; जो डब्लूएचओ कह रहा है, बस उसपर ध्यान दें.

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लंबी कहानी: कुंजवन (भाग-2)

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शिखा ने दादू को देखा उस का एकमात्र मजबूत आश्रय. ‘‘दादू, आप के मन में यह आशंका जब आई है तब कोई कारण तो होगा? किसी पर संदेह? कोई स्टाफ?’’

‘‘ठीक से नहीं कह सकता पर… यह बात सच है. यह बहुत बड़ी विदेशी पार्टी है और आर्डर भी छोटामोटा नहीं. इस कौंट्रैक्ट के लिए बहुत सारी कंपनियां हाथ धो पीछे पड़ी थीं. बाजी हम ने मार ली, इस से ईर्ष्या बढ़ेगी. आज नहीं तो कल पता तो वो लगा ही लेंगे. उन लोगों में ‘मेहता एंड सन’ का नाम भी है.’’

चौंकी शिखा, ‘‘मतलब बंटी.’’

‘‘वो तुम्हारा मंगेतर है घर या आफिस अबाध गति से उस का आनाजाना है. उस पर तुम रोक भी नहीं लगा सकती.’’

‘‘पर दादू, उन की तो अपनी ही चलती कंपनी है.’’

जानकीदास ने सिर हिलाया, ‘‘यह गलत है. ऊपर से यह चाहें कितना भी दिखावा क्यों ना करें, सब जानते हैं अंदर से खोखले हो गए हैं. गले तक डूबे बैठे हैं कर्ज में. किसी भी दिन सब कुछ समाप्त हो सकता है. दोनों बापबेटे इस समय बचाव के चक्कर में घूम रहे हैं. और…’’

‘‘और क्या?’’

‘‘इन में न विवेक है न मानवता, न दया. यह लोग इस समय डेसपरेट हैं कंपनी और गिरवी रखे घर को बचाने के लिए, कुछ भी कर सकते हैं कुछ भी, हां कुछ भी…’’

शिखा स्तब्ध सी हो गई.

‘‘मैं बंटी से आजकल बहुत कम मिलती हूं.’’

‘‘पर तुम्हारी मां जो गलती कर गई है तुम्हारे जीवन के लिए वो एक जहरीला कांटा है. उन की नजर तुम्हारी कंपनी पर शुरू से थी और है.’’

‘‘मेरी मंगनी नहीं हुई दादू. मुंह की बात भर है.’’

‘‘वही एकमात्र आशा की किरण है. लो घर आ गया. जा कर आराम करो. चिंता मत करना.’’

‘‘बात तो चिंता की ही है.’’

‘‘हां है पर कभीकभी इंसान को कुछ उलझनों को वक्त के भरोसे भी छोड़ना पड़ता है.’’

शिखा ने अपने कमरे में आ कर सब से पहले सूट उतार फेंका. यह औपचारिक ड्रेस उसे एकदम पसंद नहीं. खुला दिन था, धूप थी दिनभर अब उमस है. पसीने वाली उमस. नहा कर उस ने एक फूल सी हलकी और नरम लंबी मैक्सी पहनी. मौसी लस्सी दे गई उस का घूंट भर वो खिड़की पर आई. वर्षा से धुले पेड़पौधे चमक गए हैं. नरम हरियाली की ओढ़नी ओढ़ सब मुसकरा रहे हैं उन पर ढलते सूरज की किरण. अनमनी हो गई वो, पापा का चेहरा सामने आ गया. स्नेह छलकती आंखें, भावुक चेहरा. यह बगीचा भरा है सुंदरसुंदर फूल और फलों के पेड़ों से. पापा ने ही बेनाम इस घर का नामकरण किया था.

‘कुंजवन’ पहले तो यह बस पचपन नंबर कोठी थी. पापा के साथ ही साथ एक और चेहरा सामने आ जा रहा है. पता नहीं क्यों आज गाड़ी से उतरते समय अचानक दादू ने पूछा,

‘‘बेबी, सुकुमार कहां है तुझे पता है कुछ?’’

गिरतेगिरते संभली थी वो, ‘‘नहीं तो…मुझे कैसे पता होगा?’’

‘‘संपर्क नहीं है?’’

‘‘क्यों होगा? मैं ने ही तो मना किया था.’’

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‘‘हां बात तो सही है. मैं ही सठिया गया हूं कुछ याद नहीं रहता.’’

पर वह दादू को कैसे कहे कि सुकुमार से संपर्क भले न हो पर वो उस से दूर नहीं है. उस के लिए मनप्रण से वो आज भी समर्पित है. इसी गेट से उसे शिखा ने चरम अपमान के साथ बाहर निकाल दिया था. कभी भी अपना मुंह उसे ना दिखाए यह भी कहा था. मां को खुश करने, मां की आज्ञा का पालन करने के लिए अपना पहला प्यार, बचपन का प्यार, आने वाले जीवन के सारे के सारे सपनों को अपने हाथों बलि चढ़ा दिया. मां को प्रसन्न करने को, वो भी उस मां के लिए जिस का विरोध करना ही उस के जीवन का सब से बड़ा उद्देश्य था, जिस के विरुद्ध ही वो हर काम को करती आई है. पापा का देहांत हो चुका था पर दादू थे. अवाक हो वो पोती का मुख देखते रह गए. सुकुमार जैसे शांत सौम्य लड़के के साथ यह क्या किया शिखा ने. मां के हाथ की कठपुतली तो वो कभी नहीं थी, तो फिर आज क्या हो गया उसे?

एक गहरी सांस ली शिखा ने. उस दिन के बाद फिर कभी उस ने सुकुमार को नहीं देखा इतने वर्ष हो गए. उस से इतनी बड़ी चोट खा क्या वो दिल्ली छोड़ चला गया था या संसार छोड़? सिहर उठी. ना…ना…जहां हो सकुशल हो. स्वस्थ हो.

सुबह नाश्ते के मेज पर दादू ने बैठते ही कहा, ‘‘बेबी, काम आज से ही शुरू करवाना है. जितनी जल्दी हो काम निबटाना होगा.’’

‘‘वो तो है पर अभी तीन महीने हाथ में है तो.’’

‘‘मुझे डर है कोई अंतरघात ना करे.’’

‘‘पर यह बात किसी को क्या पता?’’

‘‘तू अभी बच्ची है नहीं समझेगी. तेरी मां थी जन्मजात पक्की बिजनैस लेडी. बात अब तक विरोधी पक्षों के कानों में जा कर उन को बेचैन भी कर रही होगी.’’

चौंकी शिखा, ‘‘हैं…पर दादू, कैसे?’’

‘‘कल ही तो कहा था बातों के पर होते हैं तो सावधान और जल्दी काम पूरा करवा कर सप्लाई भेजनी है.’’

थोड़ी देर चुपचाप नाश्ता करने के बाद शिखा ने पूछा, ‘‘दादू, कल इतने वर्षों के बाद आप ने सुकुमार के विषय में पूछा. कोई विशेष कारण?’’

जानकीदास का प्याला छलक गया, ‘‘अरे नहीं…नहीं…बस…अचानक याद आ गया.’’

‘‘याद तो पहले भी आना चाहिए था, उस के अपमान दुख, व्यथा और सबकुछ खो जाने के चश्मदीद गवाह आप ही थे दादू.’’

‘‘मैं तेरी बात समझ रहा हूं बेटी पर इस घर में तो तू जानती ही है तेरी मां का फैसला ही अंतिम फैसला होता था पर…’’

‘‘पर क्या दादू?’’

‘‘तू तो हमेशा मां के विरोध में तन कर खड़ी होती थी. सच तो यह है कि इधर तेरी मां तुझ से थोड़ा घबराने लगी थी. वही तू ने मां के अन्याय का विरोध करना तो दूर उस के सुर में सुर मिला उस सीधेसादे बच्चे को अपमान कर के घर से निकाला तो निकाला कभी अपनी सूरत न दिखाने का कड़ा आदेश भी दे दिया. क्यों बेटी?’’

शिखा झुक गई चाय की प्याली के ऊपर. बुझे गले से बोली, ‘‘कारण था दादू…’’

‘‘ऐसा भी क्या कारण जो उस लड़के को इतना बड़ा यातनामय कष्ट जीवनभर के लिए दे डाला.’’

‘‘था दादू. समय आने पर आप को सब से पहले बताऊंगी.’’

‘‘क्या लाभ बता कर? उस बच्चे में तेरे लिए निश्छल और एकनिष्ठ प्यार था. उस की मूर्खता थी कि अपना स्तर भूल गया था उस की सजा भी मिल गई. पर जाने दे जो समाप्त हो गया उस की ओर मुड़ कर नहीं देखा जाता.’’

अरे हां, ‘‘मेहता ने फोन किया था वो जल्दी में हैं बंटी से तेरी शादी के लिए पूछ रहे थे, मंगनी की रसम कब करेंगे.’’

माथे पर बल पड़ गए शिखा के, ‘‘मंगनी तक बात आई कैसे?’’

आगे पढ़ें- इस बार जानकीदास चौंके, ‘‘क्या कह रही है? यह शादी तो…

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ऐसे सजाएं बच्चों का कमरा

जिस तरह घर के बड़े सदस्य चाहते हैं कि दिनभर के कामकाज के बाद रात में उन का कमरा ऐसा हो जहां वे सुकून से सो सकें, उसी तरह बच्चे भी चाहते हैं कि उन के कमरे का लुक भी खुशनुमा हो ताकि स्कूल और होमवर्क के बाद वे भी अपने कमरे में चैन से आराम कर सकें. इस के लिए बच्चों के रूम को सजाने से पहले इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है:

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कमरा कैसा हो: पहले यह तय कर लें कि बच्चे के लिए एक ही रूम में सोने और पढ़ने की व्यवस्था करनी है या फिर बैडरूम और स्टडीरूम अलग होंगे. यदि 1 से ज्यादा बच्चे हों तब क्या आप उन के लिए अलगअलग रूम रखने की स्थिति में हैं या नहीं. इस के बाद आप आगे की प्लानिंग करें. शहरों में घर की बढ़ती कीमत के कारण आप शायद बच्चे के लिए स्टडीरूम और बैडरूम अलगअलग न रख सकें.

बजट: अपने बजट को ध्यान में रखते हुए बच्चे के रूम के सैटअप और सजावट का निर्णय लें.

बैड: बैड कितने चाहिए 1 या ज्यादा.

2 बच्चे हों तो बैड एक ही चाहिए या अलगअलग. बड़े साइज के बैड पर 2 बच्चे सो सकते हैं या फिर अगर रूम का साइज सही है तो 2 सिंगल बैड रख कर उन के बीच एक साइड टेबल या छोटी रैक रख सकती हैं अथवा एक परदा भी डाल सकती हैं. सोने या पढ़ते समय परदा खींचने से उन्हें 2 अलग कमरों का एहसास होगा.

ओपन स्पेस: बच्चे घर के अंदर उछलकूद करते रहते हैं, इसलिए उन्हें कुछ खुली जगह भी चाहिए. बैड को दीवार से सटा कर इस तरह रखा जा सकता है कि उस का सिरहाना किसी एक कोने में हो ताकि ओपन स्पेस ज्यादा मिले.

बंक बैड: यदि रूम छोटा है और आप 2 अलग बैड या बड़े साइज का बैड नहीं रख सकती हैं, तो बंक बैड लगा सकती हैं. बंक बैड भी अलगअलग तरह के उपलब्ध हैं.

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– एक बंक बैड जिस में स्लीपर कोच की तरह ऊपरनीचे बैड होते हैं और ऊपर जाने की सीढ़ी होती है.

– दूसरा जिस में एक मेन बैड ओर उस के नीचे एक पुलओवर बैड होता है, जिसे दराज की तरह खींच कर बाहर या भीतर कर सकते हैं. इसे टुंड्रेल बंक बैड भी कहते हैं.

– तीसरा इन दोनों का मिश्रण है, जिस में ऊपर भी बैड होता है और नीचे भी पुलओवर बैड होता है. इस में एक अतिरिक्त बैड आप के पास हमेशा उपलब्ध है जिसे घर में किसी तीसरे बच्चे के आ जाने पर उपयोग में ला सकती हैं.

दीवारों का रंग: चिल्ड्रेनरूम की दीवारों का रंग सफेद न ही हो तो अच्छा है. पीला, नीला, गुलाबी कोई भी रंग रख सकती हैं.

दीवारों पर तसवीर या स्टिकर्स: यह भी बच्चे के लिंग और पसंद पर तय किया जा सकता है. लड़के किसी क्रिकेट या फुटबौल खिलाड़ी का फोटो पसंद कर सकते हैं तो लड़कियों को सायना नेहवाल या किसी सिंगर की तसवीर पसंद हो सकती है.

वार्डरोब्स: यदि 2 बच्चे हों तो उन के लिए अलगअलग वार्डरोब्स रखें. इस के अलावा कुछ स्टोरेज बिंस या बास्केट भी उन के रूम में रखें जिन में वे अपनी पसंद के खिलौने आदि रख सकें.

टेबल: यदि एक ही रूम में उन के पढ़ने का इंतजाम हो तो उन की स्टडी टेबल ऐसी जगह रखें जहां उन्हें पर्याप्त रोशनी मिले.

खिलौने: बच्चों को खिलौने बहुत पसंद होते हैं. लड़कों की पसंद अलगअलग हो सकती है, जैसे लड़कों की पसंद रोबोट, रिमोट कार आदि तो लड़कियों की बार्बी डौल्स, पर दोनों को सौफ्ट टौएज खासकर टैडीबियर अच्छे लगते हैं.

लैट दैम ऐंजौय: सब से अहम बात यह है कि बच्चों के रूम का रंग, फोटो, सैटअप सब ऐसे हों कि वे उस में पढ़ाई करने के साथसाथ मौजमस्ती भी कर सकें.

मैंने दर्शकों की सोच को ध्यान में रखकर कभी काम नहीं किया- राजीव खंडेलवाल

बौलीवुड फिल्म ‘आमिर’ से लेकर टीवी सीरियल ‘कहीं तो होगा’ से पहचान बनाने वाले एक्टर राजीव खंडेलवाल (Rajeev Khandelwal) अपनी फैमिली और पर्सनल लाइफ को महत्व देना पसंद करते हैं. जल्द ही वह वेब फिल्म ‘मर्जी’ में नजर आने वाले हैं, जिसमें वह एक डौक्टर के रोल में नजर आने वाले हैं. पेश है वूट सेलेक्ट के लौंच पर राजीव खंडेलवाल (Rajeev Khandelwal) से खास बातचीत के कुछ अंश

सवाल- इसे करने की खास वजह क्या है?

ये एक नयी तरह की फिल्म है, जिसमें मेरी भूमिका बहुत ही दमदार है. एक डॉक्टर कैसे किसी बात को अपने तरीके से कहने की कोशिश करता है उसे दिखाने की कोशिश की है. ये एक थ्रिलर फिल्म है और सभी इससे अपने आपको रिलेट कर सकते है. मैंने जितने भी चरित्र किये है, उनसे अलग है और मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हुआ था.

सवाल-ये फिल्म क्या कहने की कोशिश करती है?

इस शो का नाम मर्ज़ी है और मर्ज़ी हर इंसान की अलग-अलग होती है. एक डॉक्टर के जीवन की कहानी है, जो बहुतों को पता नहीं है.

 

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सवाल- डॉक्टर को भगवान का रूप दिया जाता रहा है, लेकिन आज डॉक्टरों के साथ कई वारदाते हो जाया करती है, उन्हें बीमार लोगों के परिजनों द्वारा मारपीट का सामना करना पड़ता है, आप इस बारें में क्या सोच रखते है?

मेरे हिसाब से डॉक्टर एक प्रोफेशन से जुड़ा होता है. हमारी गलती ये होती है कि कभी हम उसे भगवान तो कभी हैवान मान लेते है. आम इंसान को समझने की जरुरत होती है कि वह रोगी को लेकर एक प्रोफेशनल के पास जा रहा है और उस व्यक्ति से कुछ गलती हो भी जाती है तो ये वह जानबूझकर नहीं करता. कोई भी डॉक्टर अपनी तरफ से मरीज को सही करने की कोशिश करता है. कई बार बॉडी कुछ अलग रियेक्ट करती है और कुछ गलत हो जाता है. कोई भी डॉक्टर अपनी तरफ से किसी मरीज को ज़हर नहीं देता. मुझे याद आता है कि जब मेरी मां को कैंसर हुआ था तो बहुत लोगों ने अलग-अलग सलाह दी. मैं जिस डॉक्टर के पास गया था उन्होंने बहुत कोशिश की थी, पर मेरी मां गुजर गयी. जीवन अनिश्चित होता है, उसके लिए किसी की मारपीट करना, मैं सही नहीं समझता.

सवाल- हमारे देश में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बहुत कम है, समय पर सही डॉक्टर के पास लोग नहीं पहुंच पातें, इस बारे में आप क्या कहना चाहते है?

छोटे शहरों और गांव की अगर हम बात करें तो वहां स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियों में काफी कमी है, ऐसे में प्रसाशन और धनसंपदा युक्त लोगों की ये जिम्मेदारी है कि इन जगहों पर सही स्वास्थ्य केंद्र को स्थापित कर लोगों को इसके बारें में जानकारी दें, क्योंकि गांव में रहने वाले गरीब को शहरों में आकर स्वास्थ्य सेवा लेना संभव नहीं.

सवाल- आजकल फिल्में और वेब सीरीज की कहानियों में काफी बदलाव आया है, आप इसे कैसे लेते है?

मैंने कैरियर के 15 साल में दर्शकों की सोच को ध्यान में रखकर काम नही किया है. मैंने काम ऐसा करने की कोशिश की है कि उन्हें पसंद आयें. ये मेरी कमजोरी और स्ट्रेंथ दोनों ही है. मर्ज़ी शो को भी मैंने इसलिए किया, क्योंकि इस दौर में ऐसी कहानी कहने की जरुरत है. आज हर कोई अपनी बात सोशल मीडिया के द्वारा कह सकता है. किसी को दबाना आज संभव नहीं.

 

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A big thanks to all those who took out time and wished us. Here’s me and Manjiri sending all our love and gratitude- Rajeev Khandelwal

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सवाल- सोशल मीडिया आजकल बहुत प्रभावशाली होने की वजह से इसका गलत प्रयोग भी कई बार होता है, आप इस बात से कितना सहमत रखते है? आप खुद कितना सोशल मीडिया पर एक्टिव है?

जब भी कोई नयी चीज से लोग परिचित होते है तो उसके दो पहलू होते है और ये मानव प्रवृत्ति है कि उसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों ही होगा. ये हमेशा रहेगा, पर ये आपकी सोच है कि आप किसे लें और किसे नज़रअंदाज करें. मैं सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं.

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सवाल- आप बहुत कम काम करते है, इसकी वजह क्या है?

मैं कभी प्लानिंग नहीं करता. जैसे काम आता है वैसे ही करता रहता हूं. काम न हो तो अपने परिवार के साथ समय बिताने चला जाता हूं. मैं काम के साथ-साथ अपने परिवार को भी अधिक महत्व देता हूं. मेरा सपना केवल काम को लेकर नहीं, परिवार को लेकर भी है. मैं अधिक किसी बात को नहीं सोचता और मेरे लिए सफलता केवल काम को लेकर नहीं है. यही वजह है कि मैं किसी पार्टी या अवार्ड फंक्शन में नहीं दिखता. मेरा रिश्ता दर्शकों के साथ केवल स्क्रीन का है.

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