पहले तलाक को शर्मनाक समझते थे लोग – पूजा चोपड़ा

मिस वर्ल्ड 2009 में सेमी फाइनलिस्ट की लिस्ट में पहुंचकर पहली भारतीय महिला का ख़िताब ‘ब्यूटी विथ ए पर्पज’ जितने वाली पूजा चोपड़ा पुणे की है. सिंगल मदर और ग्रैंडमदर के साथ रहकर बड़ी हुई पूजा को हमेशा से ही कुछ अलग करने की चाहत रही है, जिसमें साथ दिया उनकी मां नीरा चोपड़ा ने. पूजा को अपना बचपन हमेशा याद आता है, जब उसके पिता ने उसकी मां को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि उसने पूजा को जन्म दिया है, बेटे को नहीं. आज पूजा खुश है और अपनी कामयाबी को अपनी मां और बहन के साथ बांटना पसंद करती है. मिस इंडिया बनने के बाद उसने दक्षिण की कई फिल्मों और हिंदी फिल्मों में काम किया है. अभी उसकी फिल्म ‘बबलू बैचलर’ रिलीज पर है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल- इस फिल्म को करने की खास वजह क्या रही?

मुझे हमेशा से स्क्रिप्ट ही आकर्षित करती रही . मैंने कभी अपने चरित्र कि लेंथ नहीं देखी है. मैं अच्छी कहानी की एक हिस्सा बनना पसंद करती हूं. ये चाहे बड़ी हो या छोटी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. इस फिल्म में मेरी भूमिका एक पत्रकार अवंतिका की है, जो बहुत महत्वाकांक्षी है और अपने कैरियर को आगे बढाने के लिए मुंबई जाना चाहती है. इसके लिए किसी का प्यार भी उतना माइने नहीं रखता, जितना वह अपने कैरियर को लेकर जागरूक है. इस आत्मविश्वास को दिखाने की कोशिश की गयी है, जो आज के परिवेश में लागू होती है.

सवाल- अभिनय में आना इत्तफाक था या बचपन से ही आना चाहती थी?

मैं साल 2009 में मिस वर्ल्ड में जाने के बाद वहां स्टेज पर मेरे एक पैर का फ्रैक्चर हो गया, इसके बाद मुझे कुछ दिनों तक रेस्ट में रहना पड़ा, इसके बाद मैंने दक्षिण की फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान मुझे हिंदी फिल्म ‘कमांडो’ मिली जिसमें लोगों ने मेरे काम की काफी सराहना की. इससे पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अभिनय करुँगी. मैं स्कूल कॉलेज मैंने पढ़ते हुए आई ए एस ऑफिसर बनना चाहती थी. मेरे परिवार में किसी का भी फ़िल्मी दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं था. किसी को भी इस क्षेत्र के बारें में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन मुझे मिस इंडिया के बाद फिल्मों के काफी ऑफर मिल रहे थे, इसलिए मैंने उस दिशा में कुछ करने की सोची. कमांडो फिल्म मेरे लिए गेम चेंजर साबित हुई. इसके बाद मुझे इस दिशा में काम करने की प्रेरणा जगी. मुझे आज भी अगर स्क्रिप्ट पसंद नहीं आती, तो मैं बिना सोचे मना कर देती हूं और तब मैं जिम जाना, डांस की प्रैक्टिस करना आदि करती रहती हूं.

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सवाल- अभी किस तरह की संघर्ष या चुनौती आपके साथ रहता है?

इंडस्ट्री के बच्चों के लिए हर कोई मामा या चाचा आपके आसपास रहते है, जो उनके लिए लगातार अच्छी स्क्रिप्ट की सप्लाई करते रहते है. हमारे लिए एक बड़ी और अच्छी प्रोजेक्ट का मिलना बहुत मुश्किल होता है, साथ ही लोग हमें जाने ये साबित करना भी एक चुनौती होती है. एक अच्छा प्रोजेक्ट कामयाबी के लिए काफी नहीं होता. लगातार आपको काम कर दर्शकों के बीच में पहचान बनानी पड़ती है, जो बहुत कठिन और संघर्षपूर्ण होता है. कई बार क्या अच्छा होगा मेरे लिए इसे भी समझना मुश्किल होता है. ये एक लम्बी युद्ध आउटसाइडर के लिए होता है.

सवाल- आपको किस तरह की रिजेक्शन का सामना करना पड़ा?

मैं पार्टी पर्सन नहीं हूं और अगर कोई मुझसे मिलना भी चाहता है तो उसे दिन में ही मिलना मैं पसंद करती हूं. मैं स्पष्टभाषी हूं और कुछ भी गलत होने पर सामने ही कह देना पसंद करती हूं. इसके अलावा मैं कुछ भी गलत दृश्य जो मुझे असहज लगे, नहीं करना चाहती. इससे काम कम अवश्य मिलता है, पर मैं उससे मायूस नहीं होती.

सवाल- परिवार का सहयोग कितना रहा?

मेरी मां ने मुझे हर काम में भरपूर सहयोग दिया है और कभी कुछ करने से मना नहीं किया. उन्हें मुझपर भरोषा है और उसे मैं कभी तोडना नहीं चाहती. मैं जब भी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट को चुनती हूं, तो मां को पहले याद करती हूं. उन्होंने मेरी दुनिया बनायीं है. मेरे काम से मां को ख़ुशी मिलनी चाहिए और उसे मैं अवश्य देखती हूं. मैं अपनी दर्द और ख़ुशी दोनों में मां को याद करती हूं. मेरे पिता ने तब मेरी मां को छोड़ दिया था जब मैं बहुत छोटी थी. मेरी मां और दीदी ने मुझे बड़ा किया है. मैंने उनके संघर्ष को देखा है.

सवाल- मी टू का प्रभाव आउटसाइडर कलाकारों के लिए कितना कारगर रहा है?

ये केवल फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, हर फील्ड के लिए कारगर रहा है. मैं रात को किसी पार्टी में जाना पसंद नहीं करती, ताकि किसी को कुछ कहने का मौका ही न मिले.  मेरे हिसाब से जिन पुरुषों ने ऐसा गलत काम किया है, उन्हें इस मूवमेंट से शर्म आने की जरुरत है. इससे उनका स्वभाव कुछ हद तक बदलने की संभावना है.

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सवाल- मिस इंडिया के बाद आपने किस तरह के सामाजिक कार्यों को करना पसंद किया है?

मैंने कॉलेज के समय से ही गरीब बच्चों को मैथ और साइंस पढ़ाने का काम किया है. मेरे पिता ने मां को इसलिए छोड़ दिया था कि मैं लड़की हूं. वे दूसरी गर्ल चाइल्ड नहीं चाहते थे. मैं जब 20 दिन की थी, तब उन्होंने मां को छोड़ दिया था. इसलिए मैंने ‘नन्ही कली’ संस्था को सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. जहाँ गर्ल चाइल्ड को शिक्षा दी जाती है. मुझे जो भी अवार्ड मिस इंडिया वर्ल्ड के रूप में मिली, उसे मैंने नन्ही कली संस्था को दे दिया है. उससे 50 हज़ार लड़कियों को शिक्षा मिल रही है.

 

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सवाल- महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम होने के बावजूद आज भी महिलाएं हर जगह प्रताड़ित होती है, इसकी वजह क्या मानती है?

केवल लड़कियों को ही नहीं, लड़कों को भी महिलाओं से अच्छे व्यवहार करना सिखाएं. औरतों ने  ही अपने लड़कों को सही शिक्षा नहीं दी है, तभी वे लड़कियों को मारते है. ये बदल रहा है और लड़कियां आत्मनिर्भर हो रही है. वे अपना निर्णय खुद ले पा रही है. पहले डिवोर्स को लोग शर्मनाक समझते थे. मुझे याद आता है, जब मेरे पिता ने मेरी मां को छोड़ दिया था और मैं स्कूल में नहीं कह पाती थी कि मेरी मां डिवोर्सी है. मैं अपने दोस्तों को कहती थी कि वे बाहर गाँव में रहते है. यही बहुत बड़ी बदलाव है.

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ज़िंदगी-एक पहेली: भाग-3

आइये अब जानते हैं अविरल की आने वाली जिंदगी के बारे में-

अविरल और अनु के फ़ाइनल एक्जाम के रिज़ल्ट काफी अच्छे आए थे . 4th के एक्जाम टॉप करने के बावजूद अविरल खुश नहीं थी. उसकी  खुशी कहीं गुम सी हो गयी थी.वह हर समय उदास रहने लगा. कोई नहीं समझ पा रहा था की अविरल क्यों उदास है पर अनु को अविरल की उदासी का कारण साफ-साफ समझ आ रहा था . अनु उसे समझाती  की भले ही उनके स्कूल अलग-अलग हो पर वो हर कंडिशन में उसके साथ है.वह उसे बहुत  समझाने कि कोशिश करती.  अविरल को थोड़ी देर तो समझ आता लेकिन फिर वो उदास हो जाता. एड्मिशन का टाइम आ चुका था. अनु का एड्मिशन दूसरे स्कूल में हो गया.

अविरल  को आज पहले दिन अकेले स्कूल जाना था. उसका मन भरा हुआ था .अनु भी बहुत उदास थी पर क्या करती . अविरल  अब स्कूल में एकदम शांत हो गया.  बच्चे उसे “ए हकले – ए हकले” कहकर चिढ़ाते लेकिन वह कुछ न बोलता. बस वहाँ से चला जाता. अविरल  स्कूल के दरवाजों की तरफ  बार बार देखता जहां से अनु हर पीरियड के बाद आती थी.

अब वो अपने आपको बहुत अकेला महसूस करने लगा था. अब अविरल का मन पढ़ाई में भी कम लगता था. कुछ दिनो में अविरल  का टूर फिर से जाने वाला था लेकिन इस बार अनु के बिना टूर पर जाने का उसका मन नहीं था. लेकिन माता- पिता और अनु  के समझाने पर वह चला गया.

अविरल को अनु ने समझा-बुझा कर टूर पर तो भेज दिया लेकिन कहीं न कहीं उसका मन बहुत बेचैन होने लगा था. उसका किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था .वो रात दिन उसका इंतज़ार करती थी.

और हाँ यह बात 1995 कि है जब फोन नहीं हुआ करते थे. टूर में बच्चों ने अविरल  का खूब मज़ाक बनाया. यहाँ तक की  उसका सूटकेस भी  तोड़ दिया. वह रोने लगा . वह जल्दी से घर पहुँचने कि राह देखने लगा. यहाँ अनु भी अविरल  कि जगह तकिया लगाकर सोती. उसने खेलने कि जगहों पर कई बार लिखा-“भैया कब आओगे, जल्दी आओ न”.

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10 दिनों बाद अविरल  वापस आ गया. समय बीतने लगा. माता पिता को लगता था कि अविरल  का हकलापन समय के साथ ठीक हो जाएगा लेकिन अब अविरल  डिप्रेशन में जाने लगा था. वह लोगों से दूर रहने लगा. कुछ समय बाद उसकी दोस्ती अमित से हो गयी. अमित की दोस्ती ने अविरल को एक सहारा तो दिया लेकिन कहीं न कहीं उसकी पढ़ाई पर असर भी डाला . 5th क्लास का रिज़ल्ट कुछ खास अच्छा नहीं आया. दो तीन साल और बीत गए. अब अविरल  के स्कूल में भी कोएड एडुकेशन स्टार्ट हो गयी.

अमित की चचेरी बहन पल्लवी  और उसकी दोस्त सुमि का एड्मिशन भी उसी स्कूल में हो गया. अमित, अविरल  और पल्लवी तीनों अच्छे दोस्त बन गए और बाद में पल्लवी की दोस्त सुमि भी अविरल  से बात करने लगी. इनमे से कोई भी कभी अविरल  का मज़ाक नहीं बनाता था. सभी उससे बोलते थे कि जब तुम्हें आन्सर आता है तो तुम क्लास में बताते क्यूँ नहीं. अविरल  कुछ नहीं बोलता था. अविरल  के दोस्तों को अविरल  का भोलापन देखकर बहुत दुख होता.

अविरल को दोस्त तो मिल गए थे लेकिन उसकी कमी उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी. जब वह औरों से अपनी तुलना करता तब वह अपने हकलापन को अपनी सबसे बड़ी कमी समझता . उसका रिज़ल्ट भी साल दर साल खराब होता चला गया. अविरल  सुमि को अपनी दूसरी बहन मानने लगा था जो कि स्कूल में हमेशा उसके साथ रहती. वो अनु की तरह ही अविरल  को समझाती और उसकी बात सुनती थी. देखते ही  देखते 10th  का रिज़ल्ट भी  आ गया. अविरल  का रिज़ल्ट बहुत खराब आया. अविरल  के माता पिता बहुत गुस्सा हुए लेकिन अनु ने सबको समझा लिया.

अब अविरल  को लगने लगा कि वो न ढंग से  बोल पाता है, न पढ़ाई में अच्छा है तो उसका मर जाना ही अच्छा है. उसने कई बार सुसाइड करने की कोशिश की लेकिन अनु का रोता हुआ चेहरा याद आता और वह रुक जाता.

10th के बाद अविरल  का एड्मिशन दूसरे कॉलेज में हो गया. वहाँ भी लड़के उसे चिढ़ाते थे ।अब अविरल को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था . एक बार तो वह जाकर लड़कों से भिड़ गया जहां उसे काफी चोटें भी आई. जब घरवालों ने उससे चोट के बारें में पूछा तो उसने बहाना बनाकर बात टाल दी.

लेकिन हर बार की इन्सल्ट उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी . एक दिन वह अपने  चचेरे भाई आसू के पास गया जो की लड़ाई झगड़े में लगा रहता था. उसने सारी बातें आसू को बताई ।अगले दिन अविरल और आसू कुछ लड़कों के साथ गए और जो अविरल को चिढ़ाते थे उनसे खूब मारपीट की. आज अविरल  बहुत खुश था. धीरे- धीरे अविरल  गलत संगत में पड़ने लगा. उसे यह सब अच्छा लगने लगा .अनु काफी हद तक उसे समझा कर रखती. लेकिन अविरल अब बड़ा हो रहा था उसे अपने आगे किसी की बात समझ नहीं आती थी.

अविरल  ने एक बार आसू  को बताया कि उसकी क्लास में एक लड़की (सुमि) है जिसे वह अपनी बहन मानता है उसे कुछ लड़के घर आते- जाते  परेशान करते हैं. अगले दिन अविरल  और आसू  कुछ लड़कों के साथ सुमि  के पीछे- पीछे चलने लगे. जैसे ही कुछ लड़के सुमि को परेशान करने आए, आसू अपने दोस्तों के साथ वहाँ लड़ने पहुँच गया. उसके बाद वो लड़के कभी सुमि  को परेशान करने नहीं आए.

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आसू  मन ही मन सुमि  से प्यार करने लगा. लेकिन सुमि  उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी. वह अविरल  से भी कहती कि आसू  से अलग रहे, लेकिन अविरल  नहीं मानता. आसू  ने 1 बार राश्ते में सुमि  को प्रपोज़ किया लेकिन सुमि  ने डांटते हुए कहा कि “मैं तुमसे नफरत करती हूँ, अगली बार मेरे पास मत आना”.

आसू दुखी होकर घर लौट गया.

अगले भाग में हम जानेंगे कि क्या सुमि आसू  को पसंद करेगी और क्या अविरल  उनकी हेल्प करेगा?

#coronavirus: इन 8 तरीको से बढ़ाएं इम्यूनिटी

इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में फैला हुआ है. पूरा विश्व इस महामारी से डरा हुआ है. लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है आपको अपने इम्यूनिटी पर ध्यान देना है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे में जो आपकी इम्यूनिटी के लिए अच्छी होगी.  

नेहा को अचानक कफकोल्ड ने घेर लिया. शुरू में सब यही मानते रहे कि ये सब मौसम में बदलाव के कारण हुआ है, लेकिन जब यह लगातार बना रहा तो घरवालों को चिंता हुई और वे उसे डाक्टर के पास ले गए. तब डाक्टर ने बताया कि नेहा का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो गया है, जिस की वजह से उस के शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत नहीं रही है. इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की वजह नेहा का खानपान व लाइफस्टाइल का सही न होना है. इस बारे में फिजिशियन डा. सुबोध गुप्ता ने बताया कि इम्यून सिस्टम हमारे शरीर को कीटाणुओं और विषाणुओं से बचा कर हमें तंदुरूस्त रखता है. जब इस में गड़बड़ी आती है तभी हमारा शरीर बीमारियों से नहीं लड़ पाता है. इसलिए फिट रहने के लिए इम्यून सिस्टम का स्ट्रौंग होना बहुत जरूरी है. इन टिप्स पर गौर कर आप फिट रह सकती हैं:

1. पूरी नींद लें और तनाव से रहें दूर

हर व्यक्ति के लिए 7-8 घंटे सोना जरूरी है, मगर आजकल के व्यस्त जीवन और नाइट शिफ्ट जौब के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाता. इस के अलावा कंपीटिशन के कारण तनाव भी बढ़ रहा है, जिस की वजह से कौर्टिसोल लैवल बढ़ जाता है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम करता है. ऐसे में जरूरी है कि आप खुद की सेहत की अनदेखी न करें.

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2. स्मोकिंग से बनाएं दूरी

आज स्मोकिंग ट्रैंड बन गया है. पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी सिगरेट पीने में पीछे नहीं हैं. स्मोकिंग उन की सेहत के लिए घातक साबित हो रही है. औलाद न होने की बढ़ती परेशानी का यह सब से बड़ा कारण है. स्मोकिंग करने से कई प्रकार के कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए स्मोकिंग से दूरी बनाएं.

3. शराब दे मौत को न्यौता

स्मोकिंग की ही तरह शराब पीना भी आजकल आम बात हो गई है. शराब पीने वाले भले इसे अपनी शान समझें, लेकिन यह लिवर को डैमेज कर देती है. इसलिए अगर आप जीना चाहते हैं, तो तुरंत शराब पीना छोड़ दें.

4. पानी और हरी सब्जियां

पानी जहां शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है वहीं सब्जियों में भरपूर मात्रा में कैल्सियम, फाइबर, विटामिन व खनिज होते हैं जो न सिर्फ शरीर की काम की ताकत बढ़ाते हैं, बल्कि रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ाते हैं.

5. प्रोबायोटिक्स हैं फायदेमंद

हमारे शरीर में गुड और बैड दोनों तरह के बैक्टीरिया होते हैं. जब शरीर में बैड बैक्टीरिया ज्यादा बढ़ जाते हैं, तब हम जल्दीजल्दी बीमार होने लगते हैं. इसलिए दही को अपने खाने का हिस्सा जरूर बनाएं. यह आप की इम्यूनिटी को बढ़ाएगा.

6. सन ऐक्सपोजर जरूर लें

शरीर को विटामिन डी की जरूरत होती है, जिसे धूप से लिया जा सकता है. इस से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है.

7. एक्सरसाइज को न करें इग्नोर

अगर आप फिट रहना चाहती हैं, तो भले ही आप कितनी भी बिजी क्यों न हों, सुबह 15-20 मिनट कसरत के लिए निकालना न भूलें. कसरत से ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहने के साथसाथ वजन भी नहीं बढ़ता है और शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ती है.

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8. ड्राईफ्रूट्स भी हैं लाभकारी

ड्राईफ्रूट्स ज्यादातर लोग इसलिए नहीं खाते कि कहीं मोटे न हो जाएं. हकीकत में यह उन के मन का वहम होता है, क्योंकि ड्राईफ्रूट्स में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर आदि काफी मात्रा में होने के कारण ये इम्यूनिटी बढ़ाते हैं.

#coronavirus: स्मार्ट तरीके से करें घर की सफाई

कोरोनावायरस के बढ़ते केस लोगों के दिल में डर बढा रहे हैं, जबकि सरकार लोगों को इन सबसे बचने के लिए घर पर रहने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में घर की साफ सफाई और जरूरी हो गई है. इसीलिए हम आपको घर को जर्म फ्री क्लीनिंग और कोरोनावायरस से बचाने के लिए कुछ टिप्स बताएंगे.

घर में फर्श, दीवारों, सिरैमिक टाइल फ्लोर्स, सीढि़यों व सीढि़यों की रेलिंग, फर्नीचर आदि पर जानेअनजाने दागधब्बे पड़ ही जाते हैं. मगर इन के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं. बाजार में भी और घर में भी ऐसा बहुत सा सामान उपलब्ध रहता है, जिस से इन दागधब्बों से छुटकारा पाया जा सकता है.

अमेरिका के मैरी मैडस के ट्रैनिंग मैनेजर डेबरा जौनसन द्वारा जांचेपरखे व आजमाए गए इन नुसखों द्वारा आप भी अपने घर में कहीं भी पड़े दागधब्बों को आसानी से छुड़ा सकती हैं.

यदि आप के घर में सिरैमिक फ्लोर है और उस पर दागधब्बे पड़ गए हैं, तो स्पंज पर बेकिंग सोडा बुरक कर हलके गीले किए धब्बों पर तब तक रगड़ें जब तक कि धब्बा मिट न जाए. इसी तरह सोडियम बाइकार्बोनेट के इस्तेमाल से न केवल दागधब्बे दूर होते हैं, बल्कि उस जगह की चमक भी बरकरार रहती है.

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चमक रहे बरकरार

दीवारों और सीढि़यों की रेलिंग की चमक को बरकरार रखने के लिए बाजार में उपलब्ध मिस्टर क्लीन मैजिक इरेजर को पानी से गीला कर निशान वाले स्थान पर हलके हाथों से धीरेधीरे गोलाई में घुमाते हुए रगड़ने से दागधब्बे कुछ ही मिनटों में छूट जाते हैं. यदि दाग जिद्दी हैं तो जरा रुकिए. इस स्थान को सूखने दीजिए, फिर यही प्रक्रिया दोहराइए. दाग चले जाएंगे.

आज भी कई घरों, पुराने होटलों या रेस्तरांओं में लिनोलियम के फर्श दिखाई देते हैं. यदि इस फर्श पर कहीं दाग पड़ गए हों तो घर में उपलब्ध टूथपेस्ट को किसी पुराने कपड़े पर लगा कर दागों पर रगड़ने पर जिद्दी दागों से छुटकारा पाया जा सकता है.

बाजार में उपलब्ध माइक्रोफाइबर कपड़े को फर्नीचर पर लगे दाग पर धीरेधीरे मलने से दाग आसानी से छुड़ाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि माइक्रोफाइबर कपड़े को रगड़ें नहीं.

अमेरिका में हौलिडे क्लीनिंग का बहुत चलन है. रोजमर्रा की भागमभाग में वहां रोजाना सफाई करने का न तो किसी के पास वक्त होता है और न ही जरूरत. इसलिए अमेरिकी लोग वीकऐंड में या फिर हौलिडे पर पूरे घर की जम कर सफाई करते हैं, जिसे डीप क्लीनिंग का नाम दिया जाता है.

यही चलन आजकल भारतीय मल्टी नैशनल कंपनियों (एमएनसी) में काम कर रहे युवा जोड़ों का है. इन में काम करने वालों के पास खाना खाने तक का वक्त नहीं होता तो सफाई का कहां से होगा? इसलिए ये क्लीनिंग के लिए बाजार में उपलब्ध क्लीनिंग एजेंट के साथ बेकिंग सोडा लाना नहीं भूलते. बाथरूम की टाइलों, दीवारों, लौंड्रीरूम, लिविंगरूम आदि में लगे दागधब्बों को बेकिंग सोडे से आसानी से छुड़ाया जा सकता है. इस के अलावा कालीन पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा बुरक कर कालीन को वैक्यूम करें. कालीन एकदम साफ हो जाएगा और बदबू भी दूर हो जाएगी.

बैडरूम में ताजगी

इसी प्रकार बैडरूम में ताजगी लाने के लिए कंबल पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा बुरक दें. फिर उसे जोरजोर से झाड़ दें. बदबू भी दूर हो जाएगी. फ्रिज में रखी चीजें देर तक ताजा बनी रहें, इस के लिए एक डब्बी में बेकिंग सोडा डाल कर उसे फ्रिज में रख दें. उन की ताजगी बनी रहेगी. इसी तरह कुकिंग रेंज, माइक्रोवेव ओवन, चिमनी आदि पर भी बेकिंग सोडा मिले पानी में भीगे कपड़े को इन पर मलने से इन की गंदगी से छुटकारा पाया जा सकता है. सिंक को भी बेकिंग सोडे से चमकाया जा सकता है. डस्टबिन की चमक बरकरार रखनी हो तो भी इसे आजमाना न भूलें.

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आपकी स्लीपिंग पोजीशन खोलती है आपके रिश्तों का राज

क्या आपने कभी सोचा है कि पार्टनर के साथ बेड शेयर करते वक्त जब आप और आपका पार्टनर दोनों गहरी नींद में होते हैं तो आपका स्लीपिंग पोजीशन कैसा होता है? शायद नहीं, क्योंकि आपको इससे फर्क नहीं पड़ता. लेकिन क्या आप जानती हैं कि बाकी हर चीजों की तरह आपके सोने का तरीका भी आपके रिश्ते के बारे में कई राज खोलता है.

जी हां एक शोध से पता चला है कि सोते वक्त आपकी बौडी लैंग्वेज आपके रिश्ते के बारे में बहुत सी बातें बताती है. ये आपके आपसी संबंध और एक दूसरे की फीलिंग को भी बयां करती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका सबकोंशियस(अवचेतन) आपके सोने के तरीके को नियंत्रित करता है. तो देर किस बात की चलिए जानते हैं इसके बारे में.

1. लिबर्टी लवर्स

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लिबर्टी लवर्स एक दूसरे की तरफ कमर करके सोते हैं और इस दौरान उनके बीच स्पेस भी होता है. यह पोजीशन उन कपल्स के बीच सामान्य है जो काफी समय से रिश्ते में हैं. इस पोजीशन का मतलब है कि आप बिना छुए भी एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं और आप अलग रहकर भी एक-दूसरे को उतना ही प्यार करते हैं. आपको अकेले बहुत सी चीजें करना अच्छा लगता है साथ ही आप अपने साथी से सारी चीजें शेयर करना भी पसंद करते हैं.

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2. द चेजिंग स्पून

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इस पोजीशन में एक व्यक्ति अपने बिस्तर के एक ओर सोता है जबकि दूसरा व्यक्ति शारीरिक तौर पर उससे जुड़ने के लिए उसे चेंज करता है. इस पोजीशन का मतलब है कि आपके रिश्ते में एक व्यक्ति अधिक स्पेस चाहता है जबकि दूसरा व्यक्ति अपने साथी के साथ अधिक समय चाहता है. इस पोजीशन को देखकर आपको एकतरफा कनेक्शन का एहसास होता है.

3. बैक किसर्स

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ज्यादातर कपल्स इस पोजीशन को पसंद करते हैं. इस स्लीपिंग पोजीशन में कपल्स एक दूसरे की तरफ कमर करके सोते हैं. इस दौरान उनकी स्पाइन आपस में कौन्टेक्ट करती है. अगर आप इस पोजीशन में सोती हैं तो इसका मतलब है कि आप एक-दूसरे के साथ को महत्व देने के साथ ही आप अपने निजी स्पेस को भी अहमियत देती हैं.

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4. द अनरेवलिंग नौट

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द अनरेवलिंग नौट स्लीपिंग पोजीशन में दोनों व्यक्ति नौट बनाते हैं लेकिन वो इस नौट में अधिक समय के लिए नहीं रहते और कुछ समय के बाद नौट को खोल देते हैं. सम्बंध विशेषज्ञ कहते हैं कि यह पोजीशन अधिकतर उन कपल्स में होती है जो कुछ समय के लिए साथ होते हैं. जो कपल्स इस पोजीशन में सोते हैं उन्हें इंटिमेसी के साथ-साथ अपनी आजादी भी पसंद होती है. हालांकि केवल 8 प्रतिशत लोग ही इस पोजीशन को पसंद करते हैं.

ढिंचैक पूजा ने बनाया #coronavirus पर गाना, फैंस ने ऐसे उड़ाया मजाक

बिग बौस (Bigg Boss) से फैंस के बीच पौपुलर होने वाली ढिंचैक पूजा का हर गाना सुर्खियों में आ जाता है. हाल ही कोरोना वायरस के ऊपर ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) का एक सौंग सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. साथ ही इसके साथ कई फनी मीम्स भी वायरल हो रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) का न्यू सौंग….

ये है नया गाना

ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) का हाल ही में सामने आया है, जिसे सुनने के बाद आप हंसे बिना नहीं रह पाएंगे. दरअसल अपने मजेदार गानों के जरिए सोशल मीडिया पर धमाल मचाने वाली सिंगर और रैपर ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) ने अपना नया गाना ‘होगा ना कोरोना’ (Hoga Na Corona) को रिलीज किया है. इस गाने के जरिए ढिंचैक पूजा ने देश-दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस की बात छेड़ी है.

 

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New video song out on my YouTube channel ? Hogs na corona #coronavirus #itscoronatime #coronachallenge

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लोगों ने शेयर किये कई मीम्स

जहां भारत में एक तरफ लोग कोरोना से डर रहे हैं तो वहीं सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी वायरल हो रहे हैं. इसी के साथ ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) के नए गाने से लोगों ने नए नए मीम्स बनाने शुरू कर दिए हैं. वहीं लोग लगातार इन मीम्स को शेयर कर रहे हैं.

लोगों ने कही ये बात

 

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@dhinchakofficial #dhinchakpooja #coronavirus #corona #meme #sarcasm

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‘होगा ना कोरोना’ (Hoga Na Corona) सौंग को देखने के बाद फैंस का कहना है कि ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) का ये सौंग कोरोना वायरस से भी खतरनाक है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) के इस सौंग से तो कोरोना वायरस खुद डर कर भाग जाएगा.

 

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Peeche dekho peeche!?? #dhinchakpooja #memes #dhinchakpoojamemes #savage #dopegirls #girlmemer #lol #justforfun #gocorona

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बता दें, ढिंचैक पूजा (Dhinchak Pooja) कलर्स के पौपुलर रियलिटी शो बिग बौस में आने के बाद सुर्खियों में आ गई थीं.

#coronavirus की वजह से बंद हुई Ye Rishta की शूटिंग, दिल्ली रवाना हुए कायरव

कोरोना वायरस के चलते लोगों को घर से काम करने की सलाह दी गई है. वहीं सीरियल और फिल्मों की शूटिंग पर भी रोक लगा दी गई है. इसी बीच सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehkata Hai) के कायरव यानी तन्मय ऋषि  (Tanmay Rishi) भी छुट्टियों पर हैं, जिसकी फोटोज उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की. आइए आपको दिखाते हैं उनके वायरल फोटोज…

कोरोना के कहर से मिली छुट्टी

मुंबई में कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए कई सीरियल्स की शूटिंग बंद कर दी गई है, बीते दिनों ही तन्मय को ‘ये रिश्ता…’ के सेट पर देखा गया है, जिसके बाद तन्मय ऋषि अब वह ब्रेक मिलते ही वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.

 

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#byebyemumbai … will miss u…see u soon…stay safe…stay healthy.. delhi I m coming… # feeling excited

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?humble message? to all my dear friends Request to all to keep Social Distancing and help our government to fight against Corona.

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औनस्क्रीन मां नायरा भी नहीं हैं कम

एक तरफ कायरव अपनी छुट्टियां को दिल्ली में बिताने के लिए तैयार है तो वहीं कायरव की औनस्क्रीन मां शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) भी अपनी छुट्टियों को एन्जैय करने में लगी हैं. शिवांगी ने हाल ही में एक टिकटौक वीडियो शेयर की थी, जो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में शिवांगी बौलीवुड की फेमस सिंगर नेहा कक्कड़ के ‘मैं तेरा बॉयफ्रेंड’ गाने को गुनगुनाती दिखाई नजर आ रही हैं.

शिवांगी की पिंक कलर के ड्रेस में फैंस ने की तारीफ

वीडियो के दौरान शिवांगी ने पिंक कलर की ड्रेस कैरी करती दिखीं. शिवांग के इस वीडियो को उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

बता दें, सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में इन दिनों बेहद दिलचस्प मोड़ आ गया है. कार्तिक और नायरा की 7 साल पहले खोयी हुई बेटी वापस आ गई है, जिसको ढूंढने के लिए नायरा और कार्तिक हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

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शादी से लेकर पार्टी तक परफेक्ट हैं दीपिका पादुकोण के ये 6 ब्लाउज

बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का फैशन सिंपल के साथ फैशनेबल है. कूल पैंटसूट और फॉर्मल सूट से लेकर साड़ी तक दीपिका लुक बेहद खूबसूरत है. वहीं ट्रेडीं साड़ियों के साथ फैशनेबल ब्लाउज आपके लुक को चार चांद लगा सकते हैं. आज हम आपको दीपिका के कुछ ट्रैंडी और फैशनेबल ब्लाउज के बारे में बताएंगे, जिसे आप शादी हो या पार्टी कहीं भी आसानी से कैरी करके अपने लुक को खूबसूरत बना सकते हैं.

1. दीपिका बौटम नेक ब्लाउज है परफेक्ट

अगर आप पार्टी में साड़ी के साथ कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो दीपिका का बौटम नेक ब्लाउज परफेक्ट है. ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ अगर ज्वैलरी की बात करें तो आप हैवी इयरिंग्स कैरी कर सकती हैं.

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2. ब्लाउज का बो नेक फैशन

 

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keep your face to the sun and you will never see the shadows…?

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अगर आप कुछ नया और ट्रैंडी ट्राय करना चाहती हैं तो दीपिका पादुकोण का बो नेक फैशन ट्राय करना ना भूलें. ये आपके लुक को नया और शानदार बनाने में मदद करेगा.

3. डीप नेक ब्लाउज करें ट्राय

 

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अगर आप डीप नेक ब्लाउज ट्राय करना चाहते हैं तो दीपिका का हाफ स्लीव विद डीप नेक ब्लाउज ट्राय करें. हैवी कारीगरी वाली साड़ी के साथ आप डीपनेक ट्रैंडी ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

4. वाइट साड़ी के साथ करें ट्राय ये ब्लाउज

 

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अगर आप सिंपल साड़ी के साथ ट्रैंडी ब्लाउज ट्राय करना चाहते हैं तो दीपिका के वाइट साड़ी के सौथ कौम्बिनेशन वाले ब्लाउज को ट्राय करें. ये आपके लुक को किसी फैमिली गैदरिंग में परफेक्ट लुक देगा.

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5. फुल स्लीव वाला ब्लाउज ट्राय करें

 

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much to celebrate…?

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अगर आप हैवी लहंगे के साथ कुछ सिंपल और ट्रैंडी ब्लाउज ट्राय करना चाहते हैं तो ट्राय करें दीपिका का ये सिंपल फुलस्लीव ब्लाउज विद डीपनेक ब्लाउज ट्राय करें.

6. प्रिंटेड साड़ी के साथ ट्राय करें 

 

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Deepika Padukone wearing @sabyasachiofficial ? #Throwback #DeepikaPadukone #DeepikaPCrazens

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अगर आपके पास प्रिंटेड साड़ी है तो उसके साथ दीपिका का ये स्लीवलेस ब्लाउज ट्राय करें. ये आपके लुक को फैशनेबल दिखाने में मदद करेगा.

सही ब्रा चुनना है जरूरी

सब से बढि़या फैशन लुक पाना हर लड़की और स्त्री की चाह होती है. आप के फैशन कोशंट को बढ़ाने में सही ब्रा की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है. आइए, जानें इस संदर्भ में विस्तार से जिवामे की किरूबा देवी से:

आर्नेट ग्लिट्ज ब्रा:

यह बहुत ही सुंदर, शानदार, हाई ग्लैम ब्रा है, जिसे बहुत ही छोटे और सुंदर स्पार्कल्स से सजाया जाता है. किसी भी लहंगे या साड़ी के साथ यह ब्रा खूब जंचती है. रिच वाइन और बेज कलर के इस कलैक्शन में ब्लाउज ब्रा भी होती है, जो स्टाइलिश होने के साथसाथ बेहतर फिटिंग वाली भी होती है. इसे पहन लेने पर ब्लाउज पहनने और उस के अंदर ब्रा की कोई जरूरत नहीं.

स्वीट कैरोलाइन ब्रा:

फूलों के प्रिंट्स से सजाई गई टीशर्ट ब्रालेट दिन में आउटिंग के समय पहनने के लिए बिलकुल सही है. हाई ग्लैम लुक्स से थोड़ा ब्रेक लेना चाहती हैं तो इस फ्लोरल ब्रालेट पर कोई भी श्रग, हाई वेस्टेड पैंट और स्नीकर्स पहन लीजिए और अपने दोस्तों के साथ किसी कौफी शौप में चिल टाइम के लिए तैयार हो जाएं. इतना ही नहीं, इस डे लुक को आप बड़ी आसानी से नाइट लुक में भी बदल सकती हैं. जींस की जगह कोई भी फ्लोरल स्कर्ट पहन लीजिए. उस पर मैचिंग ज्वैलरी और दुपट्टे के साथ पूरा हो जाता है आप का चिक लुक.

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विंटेज लेस ब्रा:

पुरानी बौलीवुड अभिनेत्रियों ने क्लासिक साडि़यों, नो मेकअप लुक्स और बेजोड़ अदाकारी से विंटेज जमाने को यादगार बनाया है. अत: विंटेज लेस ब्रा पहन कर आप भी वही खूबसूरती, वही रोमांस अपने फैशन के जरीए दिखा सकती हैं. इस शानदार ब्रा के साथ पफ्ड स्लीव ब्लाउज और अपनी दादी या नानी की सब से प्यारी साड़ी पहनिए. आप की खूबसूरती को चार चांद लग जाएंगे.

ट्रिव्लाइट ब्लूम ब्रा

पुराने स्टाइल के ब्लाउज से ऊब चुकी हैं तो इस ब्रा के साथ परफैक्ट फिट होने वाला व्हाइट क्रौप टौप पहनिए. साथ में फ्लेयर्ड पैंट्स, चंकी सिल्वर ज्वैलरी और कूल फ्लैट्स के साथ पूरे आत्मविश्वास से बाहर निकलिए. दोपहर में किसी त्योहार में जाना हो या पंडाल में दोस्तों के साथ समय बिताना हो तो यह लुक सब से अच्छा है.

यह भी जानें

बेहतर हैल्थ और आकर्षक लुक के लिए सही साइज और शेप की ब्रा चुननी जरूरी होती है. यही नहीं ब्रा का ध्यान कैसे रखा जाए, अपने शरीर के आकारप्रकार और जरूरत के अनुसार किस ब्रा का चुनाव किया जाए, इस की जानकारी भी आवश्यक है.

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आइए, जानें कि ऐसी जानकारी जो हमें प्राय: अपने मित्रों, जानकारों और इंटरनैट से मिलती है वह कितनी सही होती है और

कितनी झूठी:

ब्रा को रोज धोना जरूरी नहीं

यह बिलकुल सही नहीं है. क्या ऐसा किसी ने आप के दूसरे अंतर्वस्त्रों के लिए कहा है? आखिर सभी अंतर्वस्त्र त्वचा के ठीक ऊपर पहने जाते हैं. उन पर शरीर से निकलने वाली गंदगी, पसीना और चिकनाई एकत्रित होती है. ऐसे में अगर इन कपड़ों की ठीक ढंग से सफाई न की जाए तो ये न केवल कम समय तक चलते हैं, बल्कि इन का लचीलापन भी कम हो जाता है.

सफेद कपड़ों के नीचे सफेद ब्रा

दरअसल, सफेद कपड़ों के नीचे रंगीन ब्रा से भी ज्यादा आसानी से सफेद ब्रा दिखती है. अत: बेहतर यही है कि आप हलके गुलाबी, न्यूड और भूरे रंग की ब्रा ही पहनें.

अंडर वायर ब्रा पहनने से कैंसर होता है:

इस बात का कोई भी वैज्ञानिक सुबूत नहीं है. ब्रा का उपयोग ब्रैस्ट कैंसर का कारण नहीं हो सकता. फिर वह भले गहरे रंग की हो या अंडरवायर्ड. अत: इस बात को तुरंत अपने दिमाग से निकल दें. हां, यह कहना सही है कि सही माप की ब्रा पहनना महत्त्वपूर्ण है ताकि यह वायर ब्रैस्ट टिशू में धंस कर आप की परेशानी का कारण न बने.

साइज:

ध्यान रखें कि अलग-अलग ब्रैंड्स के अपने अलगअलग साइज चार्ट्स होते हैं. ये साइज मौडल के शरीर के आकारप्रकार के अनुसार तय किए जाते हैं और हर ब्रैंड का अपना अलग ही फिट मौडल होता है. अत: किसी नए ब्रैंड की ब्रा खरीदने से पहले अपना साइज जरूर माप लें.

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ब्रा का उपयोग:

शारीरिक गतिविधियों के दौरान ब्रैस्ट को बेहतर सपोर्ट देने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा पहनी जाती है. यह सामान्य ब्रा से थोड़ी अलग होती है. हर स्त्री को दौड़ते या व्यायाम करते समय सही स्पोर्ट्स ब्रा पहननी चाहिए.

इरादों को पूरा करने के लिए हड्डियों को मजबूत बनाना है जरूरी

चाहे राजनीति का क्षेत्र हो या खेल जगत का, माउंट एवरेस्ट पर फतह की बात हो या फिर देश की रक्षा की खातिर मरमिटने की, महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. वे पूरे आत्मविश्वास के साथ हर जोखिम झेल कर आगे बढ़ने को तैयार हैं. लेकिन इस सचाई से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि 30 की उम्र पार होते ही महिलाओं के शरीर में अनेक बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, खासकर मांसपेशियों को बनाने वाले हारमोन्स के लैवल में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिस से मसल्स कमजोर होती हैं. जो हमारे मैटाबोलिज्म को धीमा करने का काम करती है. इस स्थिति में उन्हें भीतर से भी स्ट्रौंग बनने की जरूरत होती है ताकि वो अपने सपनों, अपनी इच्छाओं को बिना किसी रुकावट के पूरा कर सके. ऐसे में इस वूमंस डे पर महिलाएं वूमंस होर्लिक्स के साथ खुद की इनर स्ट्रैंथ को ओर बढ़ाएं.

हर उम्र में हैल्दी बोन्स की जरूरत

हर उम्र व जीवन के हर पड़ाव पर हड्डियों का हैल्दी होना बहुत जरूरी होता है. बचपन से ही हमारे शरीर में हड्डियों को खनिज का पोषण मिलता रहता है, जिस से शरीर की जरूरतें पूरी होती रहती हैं. लेकिन उम्र बढ़ने खास कर 30 के बाद व विभिन्न स्टेजिस जिस में पीरियड्स, प्रैग्नैंसी, फीडिंग व मैनोपोज भी शामिल हैं, तब हारमोन लैवल गड़बड़ा जाता है और शरीर में कैल्शियम की खपत काफी बढ़ जाती है. यदि ऐसे समय में कैल्शियम की कमी को पौष्टिक डाइट के साथसाथ सप्लिमैंट्स से पूरा नहीं किया जाता तो हड्डियों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ शरीर में फैट बर्न होने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है.

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रिसर्च की मानें तो भारत में 30 के बाद की 50 प्रतिशत महिलाओं में कैल्शियम की कमी देखी गईर् है. यह भी देखा गया है कि हर 2 में से 1 महिला की लो बोन डेंसिटी होती है. इस में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मामूली चोट पर फ्रैक्चर तक होने का डर बना रहता है. यहां तक कि जिन कार्यों को वे पहले आसानी से कर लेती थीं जैसे सीढि़यां चढ़ना, कई तरह के घरेलू कार्य, घूमनाफिरना आदि लेकिन अब उन्हें इन्हें करने में थकान महसूस होने लगती है.

छोटी पहल से बड़ा फायदा

कहते हैं न कि छोटीछोटी कोशिशों से ही कामयाबी मिलती है. ठीक उसी तरह अगर आप अपने लाइफस्टाइल में हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को शामिल करेंगे तो आप हर उम्र में स्वस्थ रह पाएंगी. और आप की हड्डियां भी स्ट्रौंग बनेंगी.

आप को बता दें कि हड्डियों को स्ट्रौंग बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत होती है. ऐसे में वूमंस होर्लिक्स का फौर्मूला आप की हड्डियों तक कैल्शियम को पहुंचाने का काम करता है. वहीं इस में विटामिन डी की मौजूदगी कैल्शियम को अवशोषित करती है. तो विटामिन के2 कैल्शियम को हड्डियों में स्टोर करने का काम करता है. तो फिर इस वूमंस डे पर इस छोटी सी कोशिश से खुद को स्ट्रौंग बनाने का संकल्प लें. लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं.

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