ब्रैस्टफीडिंग: जब हों जुड़वां बच्चे

श्रेया प्रैगनैंट थी. उस ने होने वाले बच्चे की सारी तैयारी भी कर रखी थी. जब उस की डिलिवरी हुई तो उसे जुड़वां बच्चे पैदा हुए. उस का इस तरफ ध्यान ही न था कि उसे जुड़वां बच्चे भी हो सकते हैं, क्योंकि वह जिस डाक्टर से अपनी रूटीन जांच कराती थी उस ने भी ऐसी कोई जानकारी उसे नहीं दी थी. उसे डाक्टरों ने जुड़वां बच्चों की देखभाल से जुड़े तमाम दिशानिर्देश दिए. बच्चों के साफसफाई, पोषण सहित ब्रैस्टफीडिंग से जुड़ी पूरी जानकारी दी.

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब श्रेया घर आई तो 1 हफ्ते तक तो सबकुछ ठीकठाक रहा, फिर उस के दोनों बच्चे चिड़चिड़े से रहने लगे.

घबराई श्रेया ने पति के साथ ऐक्सपर्ट डाक्टर से मिल कर उन्हें बच्चों के चिड़चिड़े होने और सही से ब्रैस्टफीडिंग न कर पाने की बात बताई. तब डाक्टर ने श्रेया को बताया कि जुड़वां बच्चों के मामले में यह आम बात है, क्योंकि जुड़वां बच्चों में ब्रैस्टफीडिंग कराने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. इस के बाद फिर डाक्टर ने श्रेया को ब्रैस्टफीडिंग में अपनाई जाने वाली कुछ पोजीशंस बताईं, साथ ही कुछ सावधानियां बरतने को भी कहा, जिन पर गौर करने के बाद श्रेया की शिकायत दूर हो गई.

1. 6 माह तक विशेष खयाल

मां और बच्चों की विशेषज्ञा डाक्टर प्रीति मिश्रा कहती हैं कि अकसर मांएं जन्म के बाद से ही अपने शिशुओं को स्तनपान कराने के साथ ही ऊपर से गाय का दूध, शहद, घुट्टी, पानी आदि देने लगती हैं. जुड़वां बच्चे होने पर यह सिलसिला और भी बढ़ जाता है, क्योंकि मां को लगता है कि स्तनपान बच्चों के लिए पर्याप्त नहीं हो रहा है जबकि 6 माह के पहले अगर बच्चे को ऊपर से कुछ भी दिया जाता है तो वह उसे बीमार करने के साथसाथ उस के पोषण को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए हर मां को यह तय कर लेना चाहिए कि बच्चे को स्तनपान ही कराना है ऊपर का कुछ भी नहीं देना है. फिर चाहे वह जुड़वां बच्चों की मां हो या सिंगल बच्चे की. मां दोनों ही के लिए अपनी ब्रैस्ट में पर्याप्त दूध का निर्माण कर लेती है.

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औपरेशन से हुए प्रसव में भी स्तनपान जारी रखें. अकसर औपरेशन से हुए प्रसव के चलते ब्रैस्टफीडिंग में देरी हो जाती है. जुड़वां बच्चों के मामले में यह देरी और बढ़ जाती है, जबकि प्रसव के 1 घंटे के अंदर शिशु को मां के स्तनों से गाढ़ा पीला दूध यानी कोलोस्ट्रम मिल जाना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे को जन्म के बाद कई तरह की बीमारियों से बचाता है. अगर प्रसव औपरेशन से हुआ हो तो मां को जल्दी स्तनपान कराने के लिए वह पहले एक करवट लेट जाए और पहले एक बच्चे को निचले स्तन से लेटे हुए ही ब्रैस्टफीडिंग कराए. ऐसे ही दूसरी करवट लेट कर निचले स्तन से दूसरे बच्चे को स्तनपान कराए. लेट कर स्तनपान कराना जारी रखने के दौरान यह ध्यान रखे कि स्तनपान कराते समय बच्चे के सिर पर हाथ का सहारा जरूर दे और यह भी ध्यान रखे कि ब्रैस्टफीडिंग करातेकराते सोए नहीं.

2. स्तनपान की सही पोजीशन

जुड़वां बच्चों के मामले में ब्रैस्टफीडिंग को ले कर मां को कईर् तरह से सकर्त रहने की जरूरत होती है ताकि बच्चे को दूध के जरीए उचित पोषण मिल सके. इसलिए जब भी मां बच्चे को ब्रैस्टफीडिंग करा रही हो तो उसे अपनी पोजीशन का खयाल जरूर रखना चाहिए. मां को ब्रैस्टफीडिंग के समय चिंतामुक्त होना चाहिए. दोनों बच्चों को एकसाथ स्तनपान कराए, क्योंकि मां के स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया मां और शिशु के बीच सही लगाव होने से निकलने वाले हारमोंस के चलते होती है और यह तभी होता है जब मां का पूरा ध्यान बच्चे पर हो. ऐसा होने से मां स्तनों में प्रोलैक्टिन और औक्सीटोसिन नाम के हारमोन दूध बनाने और दूध को स्तनों से बाहर ले जाने का काम करते हैं.

3. जुड़वां बच्चों का ब्रैस्टफीडिंग अटैचमैंट

मां के स्तनों में पर्याप्त दूध बनता है. फिर भी कभीकभी उसे यह शिकायत रहती है कि उस के बच्चों को पर्याप्त दूध नहीं मिल पा रहा है. इसलिए मां को चाहिए कि जब भी ब्रैस्टफीडिंग कराए तो बच्चे का मुंह बड़ा खुले और स्तनों के निपल के पास के काले घेरे का ज्यादा हिस्सा बच्चे के मुंह में हो, क्योंकि बच्चा जब ब्रैस्टफीडिंग करता है तो अकसर मांएं बच्चे के मुंह में स्तन का निपल डालती हैं. इस से बच्चा दूध चूस नहीं पाता है, क्योंकि मां की ब्रैस्ट में दूध स्तन के काले वाले भाग में रहता है न कि निपल में. ऐसे में जब मां बच्चे को निपल पकड़ाती है, तो उस को दूध नहीं मिल पाता और वह दूध न मिलने की दशा में मसूड़ों से निपल पर जोर लगाता है, जिस से मां के निपल में दर्द और कभीकभी घाव की भी समस्या हो जाती है. इस के अलावा मां को ब्रैस्टफीडिंग के समय यह ध्यान देना चाहिए कि बच्चे की ठुड्डी यानी दाढ़ का अगला भाग ब्रैस्ट से सटा हो और स्तनपान के समय बच्चे का निचला होंठ बाहर की तरफ निकला हो. अगर मां यह तरीका अपनाती है, तो उस के जुड़वां बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध मिलता रहता है.

4. इस बात का रखें विशेष खयाल

ज्यादातर मांओं की जुड़वां बच्चों के मामले में एक बच्चे को कम पोषण मिलने की शिकायत रहती है. इस का कारण मां को जुड़वां बच्चों के मामले में ब्रैस्टफीडिंग की सही जानकारी न होना है, जिस से एक बच्चे को पर्याप्त दूध तो मिल जाता है, जबकि दूसरे को दूध नहीं. ऐसे में यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि दोनों बच्चों को पर्याप्त दूध ब्रैस्टफीडिंग के जरीए मिल रहा हो, क्योंकि मां अपने जुड़वां बच्चों को अलगअलग समय में दूध पिलाती है, जिस से पहले ब्रैस्टफीडिंग करने वाले को स्तन से हलका मिल्क मिलता है और बाद वाले को पोषक तत्त्वों से युक्त गाढ़ा दूध मिलता है. इसलिए एक बच्चे में पोषण की कमी हो सकती है, जिस से आगे चल कर वह कमजोर हो सकता है.

ऐसी दशा में जुड़वां बच्चों वाली मां को चाहिए कि दोनों को बराबर और पर्याप्त मिल्क मिले. दोनों को 1-1 स्तन का पूरा दूध पिलाने की कोशिश करनी चाहिए. इस से हलका और गाढ़ा दोनों मिल्क बच्चों को बराबर मात्रा में मिलता है. हर मां जुड़वां बच्चों को हर 2 घंटे बाद ब्रैस्टफीडिंग कराए. इस से इन के पोषण की आवश्यकता की पूर्ति होती रहती है.

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Valentine’s Special: ऐसे मनाएं अपने वैलेंटाइन के साथ Rose Day

 “love is in the air “ और हो भी क्यों न ,valentine day जो करीब आ रहा है.valentine day के बारे में तो हम  सब जानते ही है लेकिन उससे पहले सेलिब्रेट किये जाने वाले valentine week के बारे में कुछ ही लोग जानते है.

valentine week की शुरुवात 7 february से होती है और 13 february को kiss day के साथ valentine week ख़त्म हो जाता है.तो आइये जानते हैं की valentine week  का ये  स्पेशल दिन कौन सा है और ये कैसे सेलिब्रेट किया जाता  हैं.

Rose Day

वैलेंटाइन week , 7 february को rose day के साथ शुरू होता है .उस दिन lovers एक दूसरे को rose गिफ्ट करते है .अगर आज के दिन आप किसी को rose यानि गुलाब देने जा रहे है तो ये ध्यान रखे की हर गुलाब का अपने अलग-अलग रंग के साथ अपना अलग-अलग मतलब भी होता है .

yellow rose –yellow rose का मतलब है ‘you are my best friend ‘.

white rose – white rose का मतलब है ‘i am sorry ‘.

pink rose –pink rose का मतलब है ‘i like you ‘.

red rose –और अगर आप किसी को red rose देते है तो उसका मतलब है की आप उससे कह रहे हैं ‘i love you’.

अब तो आप समझ गए होंगे की valentine week का फर्स्ट day ,rose day क्यूँ कहलाता है. बस आपको अपने साथी को यह feel कराना है की आपके के लिए वो पूरी दुनिया है .

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अपने पार्टनर के साथ rose day कैसे celebrate करें-

अनमोल गुलाब देकर अपने प्यार को अनमोल बनाइये -: आप जानते हैं कि आपका प्यार अनमोल है, तो क्यों न आप उसे  व्यक्त करें? यदि आप वास्तव में उससे प्यार करते हैं और उसे अपने प्यार का एहसास दिलाना चाहते हैं और इस पल को उसके लिए खास बनाना चाहते हैं तो पहली चीज जो आपको करने की जरूरत है वह है उसके लिए बहुत सारे गुलाब. आप उसे दिल के आकार का गुलाब का गुलदस्ता खरीद कर दे सकते हैं . मैं ऐसा इसलिए कह रही हूँ क्योंकि मुझे विश्वास है इस दुनिया में ऐसा कोई भी शख्स नहीं है जो फूलों से प्यार नहीं करता .

आप चाहे तो अपने रिश्ते की असली कीमत का एहसास कराने के लिए अपने साथी को एक सुनहरा (गोल्डन) गुलाब भी भेंट कर सकते  है. यह आप किसी भी ऑनलाइन गिफ्ट स्टोर आसानी से खरीद  सकते हैं.

‘i love you’ ग्रीटिंग देकर भी आप अपनी feeling को SHOW कर सकती हैं-ये आपको सुनने में थोड़ा बेसिक लगा होगा .चलिए इसे समझते है.

ये ग्रीटिंग ‘do it yourself ‘ होगा .इसे आपको घर पर ही बनाना होगा. अगर आप अपने साथी को अपने हाथों से बनाकर ये ग्रीटिंग देंगे तो ये आपके साथी को स्पेशल feel कराएगा .

एक बात ध्यान रखिये की ग्रीटिंग कार्ड में आपको ‘i love you ‘ नहीं लिखना है .आपको i love you रिप्लेस  करके उसकी जगह लिखना है ‘i AM YOURS’. ये आपके साथी को एहसास कराएगा की वो आपके जीवन में क्या मायने रखता है.

स्वादिष्ट गुलाब के आकार के चॉकलेट के साथ-  चॉकलेट हर किसी को ,उनके मीठे अनूठे स्वाद के कारण पसंद आते हैं. शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसे चॉकलेट नापसंद हो .इसलिए यदि आप चाहते हैं कि यह रोज़ डे आपके और आपके साथी  के लिए वास्तव में मीठा और रोमांचक हो, तो चॉकलेट day का इंतज़ार किये बिना  अपने साथी को  स्वादिष्ट चॉकलेट उपहार में दें.

अपने पार्टनर को एक खूबसूरत सी DRESS गिफ्ट करें –ये किसी से छिपा नहीं है की लड़कियों या महिलाओं को gift लेना बहुत पसंद  हैं . यदि आप चाहे तो अपने साथी को  गुलाब के प्यारे गुलदस्ते के साथ एक सुंदर सी ड्रेस गिफ्ट कर सकते हैं.

लेकिन ध्यान रहे की आप उसे वो ड्रेस गिफ्ट करें जो वह आमतौर पर नहीं पहनती .आप चाहे तो अपने साथी को एक सुंदर लाल साड़ी गिफ्ट कर सकते हैं.

rose day पर आपका out fit कैसा हो

अगर आप इस बार के ‘happy valentine day’ को हैप्पी बनाना चाहती हैं तो क्यूँ न हर दिन एक नए outfit के साथ एक नया लुक अपनाया जाये .

आज हम आपको बताएँगे की आप इस  rose day कैसे एक नए ऑउटफिट लुक से अपने पार्टनर को सरप्राइज कर सकती हैं.

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इस दिन आप floral प्रिंट की dress पहन सकती है .या तो आप एक floral print का गाउन पहन सकती है या जीन्स के साथ कोई भी floral print वाला टॉप carry कर सकती हैं .

अगर आप चाहे तो एक red साड़ी के out fit से भी अपने पार्टनर को सरप्राइज कर सकती हैं. बस एक छोटी सी हाँ हर दो ,मेरे नाम अपना सारा जहाँ कर दो.

अधूरी कहानी: भाग-3

पिछला भाग पढ़ने के लिए- अधूरी कहानी: भाग-2

कहानी- नज्म सुभाष

अचानक उस के मन ने उसे धिक्कारा… वाह माधवी वाह… मधुमालती से माधवी बन गई तुम, केवल नाम बदल दिया… मगर स्त्रीत्व… उसे कैसे बदलोगी? अगर तुम उसे नहीं जानती तो फिर तुम्हारे गले में मंगलसूत्र, मांग में लगा सिंदूर किसलिए और किस के लिए? उतार फेंको यह मंगलसूत्र, पोंछ डालो सिंदूर… अरुण कुमार के नाम के ये बंधन भी किसलिए? लेकिन तुम ऐसा नहीं कर सकती… भले ही ऊपर से चाहे जो कुछ कहो माधवी, लेकिन तुम्हारा मन क्या कभी उसे भूला… नहीं कभी नहीं… तुम्हारी गजलों में मुखर पीड़ आखिर किस की है? फिर तुम ने उसे पहचानने से कैसे इनकार कर दिया?

‘‘चुप हो जाओ… मैं अब कुछ भी नहीं सुन सकती,’’ वह चीखते हुए रो पड़ी.

उस की चीख सुन कर अदिति जग गई. किसी तरह सम झाबु झा कर उस ने फिर से सुला दिया. लेकिन खुद न सो सकी… पुराने दिनों की यादें उस के जेहन को मथती रहीं…

रात का करीब 1 बज रहा था जब फोन की घंटी घनघना उठी. वैसे तो वह सोई नहीं थी, किंतु उस का मन फोन उठाने का नहीं था, लेकिन घंटी जब काफी देर तक बजती रही तो उसे फोन उठाना पड़ा.

‘‘हैलो, कौन?’’ उस ने पूछा.

‘‘मैं निर्मल बोल रहा हूं, उधर से खोईखोई सी आवाज आई.’’

‘‘इतनी रात गए सर… सर सब ठीक तो है न?’’ उस ने बड़ी हैरत से पूछा.

‘‘मैं जो कुछ पूछ रहा हूं सचसच बताना. क्या आप अरुण कुमार को जानती हैं?’’

उस के कानों में जैसे विस्फोट हुआ… लेकिन जल्द ही संभल कर बोली, ‘‘आज इतनी रात गए आप ये सब क्यों पूछ रहे हैं?’’

‘‘पहले यह बताओ उसे जानती हो या नहीं?’’

‘‘हां… कभी मेरे पति हुआ करते थे,’’ ‘थे’ शब्द पर उस ने विशेष जोर दिया.

‘‘करते नहीं थे, आज भी हैं, क्योंकि तुम दोनों का तलाक नहीं हुआ है.’’

‘‘मगर सर बात क्या है?’’

‘‘शायद अब वे जिंदा न बचें. कल जब वे तुम्हारे घर आए थे तो तुम ने दरवाजा नहीं खोला. काफी देर तक वहीं बैठे रहे, मगर दरवाजा नहीं खुला. फिर वे इसी उम्मीद में बारबार घर की तरफ देखते हुए बढ़ रहे थे. अचानक सड़क पर जा रहे एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी. वे इस वक्त शकीरा नर्सिंगहोम में जिंदगी और मौत के बीच सांसें गिन रहे हैं. डाक्टरों ने उन के बचने की आशा छोड़ दी है. वे एक बार आप से मिलना चाहते हैं.’’

‘‘मगर आप को ये सब कैसे पता चला?’’ उस की आवाज रुंध गई थी.

‘‘दरअसल, आप प्रोग्राम से बिना बताए ही रोते हुए चली गईं. फिर वे भी आप के पीछेपीछे भागे. मु झे कुछ शक हुआ, क्योंकि जब भी तुम्हारा इस नाम से सामना होता तुम बेचैन हो जाती थीं. बस इन्हीं सब बातों की याद आते ही मैं भी गाड़ी से उन के पीछे लग लिया. तुम्हारे घर के पास आ कर वे उतर गए. तब तक तुम घर के अंदर जा चुकी थीं और मैं थोड़ी दूर खड़ा प्रतीक्षा करने लगा. बाद में जब वे सड़क पर आए तो ऐक्सीडैंट हो चुका था. मैं उन्हें अपनी गाड़ी से नर्सिंगहोम ले आया. डाक्टरों का कहना है कि उन का बचना मुश्किल है.’’

‘‘मैं…मैं… अभी पहुंचती हूं,’’ रिसीवर रख दिया था उस ने.

माधवी ने एक नजर मंगलसूत्र पर डाली, जिस की एक लड़ी टूट चुकी थी. उस में जरा भी आभा न थी… अभी कुछ देर पहले तक चमकने वाला मंगलसूत्र अब कांतिहीन हो गया था. उस ने जल्दी से बेटी को जगाया… थोड़ी ही देर में गाड़ी नर्सिंगहोम की तरफ चल पड़ी.

‘‘मम्मी, इतनी रात को हम कहां जा रहे हैं?’’ बेटी ने पूछा.

‘‘तुम्हारे पापा से मिलने.’’

‘‘ झूठ…  झूठ… आप तो हमेशा कहती थीं कि पापा कहीं खो गए हैं,’’ वह जोर से चिल्लाई.

‘‘हां कहती थी, मगर आज मिल गए हैं.’’

‘‘तो क्या अब वे हमारे साथ रहेंगे?’’

‘‘हां… शायद.’’

‘‘तब तो बड़ा मजा आएगा,’’ बेटी खुश थी.

‘‘हां, लेकिन अभी चुप रहो. मेरे सिर में दर्द हो रहा है.’’

ज्यों ही वह शकीरा नर्सिंगहोम पहुंची, सामने निर्मलजी दिख गए, जो बाहर बैंच पर बैठे ऊंघ रहे थे. पदचाप की आवाज सुन कर उन्होंने आंखें खोलीं. पूछा, ‘‘आ गईं तुम… मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा था.’’

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‘‘कहां हैं वे?’’ उस ने पूछा.

‘‘इमरजैंसी वार्ड में हैं… जा कर मिल लो. सामने वाला कमरा है,’’ उन्होंने इशारा किया.

वह जल्दी उस कमरे में पहुंची. बेटी भी साथ थी.

सामने बैड पर पड़े जिस्म को देख कर सिहर उठी. पूरा शरीर खून से लथपथ था. माधवी को देख कर उस ने उठना चाहा, लेकिन माधवी ने हाथ के सहारे से लिटा दिया.

‘‘यह क्या… हा… ल बना लिया तुम ने?’’ उस ने रोते हुए पूछा.

‘‘सब मेरे कर्मों का परिणाम है… जो जुल्म मैं ने तुम पर ढाए यह उन्हीं का प्रतिफल है. मु झे इस सजा पर कोई आपत्ति नहीं है. अब तो बस चंद सांसें बची हैं. मैं चाहता वे भी तुम्हारे सामने टूट जाएं,’’ बोलते हुए उस ने आह भरी.

‘‘नहीं तुम्हें कुछ नहीं होगा… मैं…मैं बचाऊंगी तुम्हें.’’

‘‘अब मु झे कोई भी नहीं बचा सकता,’’ फिर अचानक अदिति पर नजर पड़ते ही इशारे से पूछा, ‘‘यह बेटी?’’

‘‘मेरी है… गोद ली है मैं ने.’’

‘‘अच्छा किया मालती जो इसे गोद ले लिया नहीं तो… नहीं तो मेरी चिता को आग कौन देता… मैं पूरी जिंदगी इसी सोच में डूबा रहा कि मेरे मरने के बाद मेरा क्या होगा… लेकिन अब नहीं सोचना है… अब मैं आराम से मर सकता हूं,’’ कह कर उस ने अदिति की पीठ पर प्यार से हाथ फेरा.

कितना सुखद एहसास था. वैसे भी मृत्यु के समय क्या अपना क्या पराया,

2

मिनट के बाद तो सबकुछ यों भी…

‘‘काश, तुम ने पहले ही मेरी बात मान ली होती तो आज हम सब साथ होते… लेकिन आज…’’ आगे के शब्द होंठों पर आतेआते दम तोड़ चुके थे.

‘‘मैं तुम्हारी नजरों में गिरना नहीं चाहता था मालती… मगर वक्त ने मु झे ऐसा गिराया कि उठने लायक भी नहीं बचा… फिर भी खुश हूं मैं… मरते वक्त ही सही तुम मेरे करीब तो आईं… मैं ने आदर्शों को अपनी रचनाओं में खूब जीया… लेकिन हकीकत में एक भी आदर्श अपनी जिंदगी में नहीं अपना सका… काश, मैं तुम्हें खुश रख सकता मालती… मैं बहुत शर्मिंदा हूं माफ करना मु झे मालती… मेरी सांसें उखड़ रही हैं…’’

माधवी जब तक कुछ सम झ पाती उस का हाथ उस के मंगलसूत्र में फंस कर नीचे आ गया, जिस के फलस्वरूप मंगलसूत्र टूट कर गिर गया.

दूसरे दिन हजारों साहित्यकारों के बीच अदिति ने उसे मुखाग्नि दी. माधवी कुछ पल चिता को निहारती रही. अचानक उसे लगा लपटें रुक गईं और उस में से एक चेहरा उभरा जो हंसते हुए उस से कह रहा था कि तुम ने मेरी आखिरी ख्वाहिश पूरी कर दी जो वर्षों से मेरे मन में फांस की तरह चुभ रही थी… मेरी अधूरी कहानी पूरी हो गई मालती… अब मैं जा रहा हूं सदासदा के लिए.’’

माधवी ने अपने आंसू दुपट्टे से पोंछ डाले हमेशाहमेशा के लिए, क्योंकि उसे अदिति के लिए मुसकराना था.

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Valentine’s Special: डेट पर जाने के लिए परफेक्ट है सारा अली खान की ये ड्रेसेस

वेलेंटाइन वीक की शुरूआत होने वाली है, जिसके लिए हर कोई मेकअप से लेकर लुक की तैयारी कर रहे हैं. 14 फरवरी को जहां एक्ट्रेस सारा अली खान (Sara Ali Khan) की फिल्म ‘लव आज कल’ रिलीज के लिए होने वाली है, जिसके प्रमोशन में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. वहीं हाल ही में सारा कईं नए लुक को लेकर सुर्खियों में हैं, जिन्हें आप वेलेंटाइन वीक में पहनकर आप खास दिन के लिए तैयार हो सकती हैं. आइए आपको दिखाते हैं वेलेंटाइन वीक के लिए सारा अली खान के कुछ लुक….

1. प्रिंटे़ड पैटर्न है परफेक्ट

अगर आप मौर्डन लुक ट्राय करना चाहते हैं तो रैट्रो पैटर्न वाला लुक ट्राय करें. रैट्रो पैटर्न वाला लुक आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा. सारा की औफ शोल्डर ड्रेस के साथ आप सिंपल स्टड इयरिंग्स या फिर मल्टी कलर वाले इयरिंग्स ट्राय कर सकती हैं. ये कलरफुल ड्रेस है जो आपके लुक को खूबसूरत बनाएगा.

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2. शर्ट लुक करें ट्राय

 

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When fire extinguishers and stop signs aren’t enough…??❌?✋? #LoveAajKal ❤️? ?: @shivangi.kulkarni

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आजकल नौर्मल ड्रेसेस की जगह शर्ट लुक काफी पौपुलर है. सारा का शर्ट के साथ शाइनिंग स्कर्ट का कौम्बिनेशन परफेक्ट है. ये आपके लुक को नया और फ्रेश बनाएगा. आप इसके साथ सिंपल छोटे इयरिंग्स ट्राय कर सकते हैं. साथ ही जूड़ा बना सकते हैं. इसके साथ अगर आप हील्स की बजाय शूज पहनेंगी तो ये कम्फरटेबल के साथ ट्रेंडी लगेगा.

3. लाइन पैटर्न वाली ड्रेसेस करें ट्राय

 

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Candy cane ??? By the window-pane??? #LoveAajKal ❤️? ?: @shivangi.kulkarni

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अगर आप अपने वेलेंटाइल लुक के लिए कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो सारा की ये लाइनिंग पैटर्न वाली ड्रेस ट्राय कर सकते हैं. सिंपल ड्रेस के साथ खुले बाल आपके लुक को खूबसूरत बनाने में मदद करेगा.

4. शौर्ट स्कर्ट के साथ क्रौप टौप कौम्बिनेशन करें ट्राय

अगर आप वेलेंटाइन डे के मौके पर रेड आउटफिट की जगह कोई और कलर ट्राय करना चाहते हैं तो सारा का ये नियोन कौम्बिनेशन वाली ड्रेस ट्राय कर सकती हैं. प्लेन नियोन स्कर्ट के साथ ब्लैक और ग्रे कलर के कौम्बिनेशन वाला क्रौप टौप आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है.

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5. रफ्फल ड्रेस करें ट्राय

 

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आजकल रफ्फल लुक काफी पौपुलर है. अगर आप ड्रैसेस में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो सारा की ये रफ्फल लुक वाली ड्रेस ट्राय करें. ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है.

चावल की बड़ी

अक्सर हम बाजार से बड़ियां खरीद कर बनाते हैं, जो हेल्थ के लिए फायदेमंद नहीं होती, लेकिन आज हम आपको घर पर चावल की बड़ी की रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपने बच्चों को स्नैक्स में परोस सकती हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ झटपट बनने वाली रेसिपी है.

हमें चाहिए-

-1 कप चावल

–  1 हरीमिर्च

–  1/2 कप फूलगोभी कसी

–  1/2 चम्मच अदरक कसा

–  2 बड़े टमाटर

–  1/4 चम्मच हलदी

–  1/4 चम्मच जीरा

–  1 चम्मच धनिया पाउडर

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–  1/4 चम्मच गरममसाला

–  1/4 चम्मच लालमिर्च पाउडर

–  चुटकीभर हींग

–  1 बड़ा चम्मच घी

–  तलने के लिए तेल

–  1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती कटी

–  नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

चावलों को पानी में 1/2 घंटा भिगो कर महीन पीस लें. फिर इस में अदरक, फूलगोभी, हरीमिर्च और नमक मिला कर अच्छी तरह फेंट लें. कड़ाही में तेल गरम कर मिश्रण की छोटीछोटी बडि़यां बना कर तल लें. एक कड़ाही में घी गरम कर जीरा, हलदी, धनिया पाउडर, लालमिर्च पाउडर और हींग डालें. इस में टमाटरों को मिक्सी में पीस कर डाल अच्छी तरह भून लें. 1 कप पानी और बडि़यां डाल कर 8-10 मिनट हलकी आंच पर पकने दें. फिर धनियापत्ती डाल कर परांठों के साथ परोसें.

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Valentines से पहले पति के साथ रोमेंटिक अंदाज में नजर आईं Mohena Singh, देखें फोटोज

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस मोहेना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh ) शादी के बाद अक्सर सुर्खियों में रहने लगी हैं. मोहेना की आए दिन कोई ना कोई फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती है, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. वेलेंटाइन वीक की शुरूआत होने वाली है, लेकिन इससे पहले ही मोहेना अपने पति सुयश के साथ सेलिब्रेट कर रही हैं. हाल ही में मोहेना की शाही अंदाज में फोटो वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं क्या है मोहेना की इस फोटो में खास…

पति के साथ पोज देतीं नाजर आईं मोहेना सिंह

मोहेना अक्सर अपने पति सुयश रावत (suyash rawat) संग फोटोज खिचवांती नजर आती हैं. हाल ही में एक फैमिली फंक्शन में मोहेना पति सुयश संग फोटोज खिचवातीं नजर आईं, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. शादी में मोहेना कुमारी सिंह अपने पति सुयश के साथ क्वौलिटी टाइम बिता रही है. साथ फोटोज में साफ दिख रहा है कि दोनों किस तरह एक दूसरे को निहार रहे हैं.

 

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Ready for the epic #rohfoundapenny Wedding ! @suyeshrawat

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शाही सवारी का मजा लेती दिखीं मोहेना

 

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रीवा की राजकुमारी मोहेना कुमारी सिंह को जैसे ही मौका मिला वह राजपूतों की शाही सवारी पर घूमतीं नजर आईं. वहीं मोहेना कुमारी का ये लुक काफी वायरल हो रहा है. शाही समारोह का हिस्सा बनने पहुंची मोहेना कुमारी सिंह ने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी में तो वहीं पति सुयश वाइफ के आउटफिट से मैच करते हुए लुक में नजर आए.

दोस्तों संग मोहेना ने ऐसे की मस्ती

शादी समारोह के दौरान मोहेना कुमारी सिंह अपने पति सुयश और बाकी दोस्तों संग जमकर मस्ती करती नजर आईं. साथ ही वह दोस्तों के साथ फोटोज खिचवांती हुई नजर आईं. इसी के साथ खाना में शाही परिवार संग छप्पन भोग के मजे लेती हुई दिखीं.

 

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?? Saas Bahu’s Saga ??

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बता दें, हाल ही में मोहेना की सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें वह अपनी सासूमां संग मस्ती करती दिख रही थीं, तो वहीं पति और देवर संग ठुमके लगाती नजर आ रही थीं.

महिलाओं में यह हिचकिचाहट क्यों?

महिलाएं आज भले अपनी काबिलीयत के बल पर हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही हों, मगर यदि समाज में ओवरऔल कंडीशन देखी जाए तो ज्यादातर महिलाएं खुद को कतार में पीछे खड़ा पाती हैं. वे आगे बढ़ सकती हैं, पर बढ़ती नहीं. अपनी बात रखने या अपनी इच्छा का काम करने में हिचकिचाती हैं.

हाल ही में पौंड्स द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक महिलाएं लंबे समय से खुद को रोक रही हैं. 10 में से 9 महिलाएं कहती हैं कि वे अपनी इच्छा की बात कहने या इच्छा का काम करने से खुद को रोकती हैं.

खुद को रोकने के कारण

– 59% महिलाओं को जज किए जाने का डर

होता है.

– 58% महिलाएं इस बारे में अनिश्चित रहती हैं कि दूसरे क्या प्रतिक्रिया देंगे.

– 10 में से 5 महिलाओं को यह चिंता भी होती है कि वे जो कहेंगी उस से दूसरे उन के बारे में नकारात्मक बात सोचने लगेंगे.

जाहिर है कि मन का यह डर कि समाज या परिवार क्या सोचेगा, क्या प्रतिक्रिया देगा, महिलाओं को अपने मन का काम करने से रोकता है.

खुद को रोकने वाले इस संकोच के अनेक रूप और नाम हैं. इसे भले ही महिलाएं अंदर की आवाज कहें पर वास्तव में यह एक तरह की नकारात्मक सोच है. यह सोच महिलाओं के आगे बढ़ने के मार्ग की सब से बड़ी बाधा है. यह सोच रातोंरात जन्म नहीं लेती, बल्कि सालों से समाज द्वारा किए जा रहे ब्रेनवाश और समाज के तथाकथित परंपरावाद नियमों में जकड़े जाने और यह बताए जाने का परिणाम है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं. नतीजा यह होता है कि महिलाएं अपनी इच्छा का काम करने का हौसला ही नहीं जुटा पातीं.

लगभग आधी यानी 47% महिलाएं बड़े समूह में प्रश्न पूछने में संकोच करती हैं. इसी तरह 10 में से 4 महिलाएं यानी 40% बौस को न कहने से खुद को रोकती हैं.

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व्यक्तिगत जीवन में 10 में से 4 महिलाएं यानी 40% बाहर जा कर अपने बौयफ्रैंड के साथ रहने से खुद को रोकती हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि दूसरे लोग इस पर न जाने क्या प्रतिक्रिया देंगे.

खुद को क्यों रोकती हैं महिलाएं

बहुत सी औरतों को यह विश्वास नहीं होता है कि अगर वे बड़े समूह में कोई प्रश्न पूछती हैं तो वह काम का होगा भी या नहीं. उन्हें डर रहता है कि कहीं उन का मजाक न बन जाए.

कई महिलाओं का कहना होता है कि वे सोचने में बहुत ज्यादा समय लेती हैं, जिस से काम करने का अवसर हाथ से निकल जाता है. उन्हें लगता है कि वे जो कुछ भी कहेंगी उन के लिए उन्हें जज किया जा सकता है, दूसरों के सामने छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

यह सर्वे स्वतंत्र शोध कंपनी, इप्सोस द्वारा एक सैल्फ एडमिनिस्टर्ड औनलाइन सर्वे द्वारा किया गया. यह सर्वे भारत में 18 से 35 साल की महिलाओं के बीच मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, बैंगलुरु, चंडीगढ़, लखनऊ, पुणे और मदुरई में किया गया.

सच तो यह है कि कभी कपड़ों के आधार पर, कभी उन के व्यवहार को देख कर या फिर लड़कों से बात करता देख अथवा किसी और तरह से समाज हर पल उन्हें जज करता रहता है. बिंदास लड़कियां तो ऐसे लोगों की परवाह नहीं करतीं, मगर सामान्य लड़कियों के कदमों पर हमेशा डर बेडि़यां डाले रखता है. कुछ भी करने से पहले उन के दिल में खौफ पैदा हो जाता है कि पता नहीं लोग कैसे जज करें, किस नजर से देखें.

कितने अफसोस की बात है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट के समय समाचारों की सुर्खियों में लड़कियां ही छाई रहती हैं. स्कूलकालेज में अकसर वे ही टौप करती हैं. मगर जब बात नौकरी और सैलरी की आती है, तो वे पीछे हो जाती हैं. अपना हक भी बड़ी सहजता से छोड़ देती हैं.

औनलाइन कैरियर ऐंड रिक्रूटमैंट सौल्यूशन प्रोवाइडर मौंस्टर इंडिया के हालिया सर्वे से पता चलता है कि देश में महिलाओं की औसत सैलरी पुरुषों के मुकाबले 27% कम है. पुरुषों की औसत सैलरी जहां क्व288.68 प्रति घंटा है, वहीं महिलाओं की क्व207.85 प्रति घंटा है. सरकारी नौकरियों को छोड़ कर यह भेदभाव हर क्षेत्र में है.

जाहिर है महिलाओं को बचपन से सिखाया जाता है कि पुरुषों की बराबरी न करो. जितना मिल जाए उस में संतोष कर लो. बाहर वालों के आगे ज्यादा बकबक न करो. किसी ऐसे पुरुष के आगे जबान न खोलो जो आप से बड़ा या सीनियर हो या जिस पर आप निर्भर करती हों. पुरुष स्वामी है और आप दासी. कभी अपने हक की बात न करो.

इसी का नतीजा है कि महिलाओं के दिलोदिमाग में यह बात इतनी गहराई से रचबस गई है कि वे अनजाने में भी इसी हिसाब से चलती हैं और कभी अपना मुंह नहीं खोलतीं.

अपनी मरजी का नहीं कर सकती महिलाएं

एक पुरुष को कौन सी नौकरी करनी है कभी भी इस बात पर अपने घर वालों या बीवी की सहमति की जरूरत नहीं होती. वह अपनी मरजी से नौकरी का चुनाव कर सकता है. उसे किसी की अनुमति की जरूरत नहीं. दूसरी तरफ लड़कियों और महिलाओं को पढ़ाई करने, काम करने, रोजगार योग्य नए कौशल सीखने के लिए अपने पिता, भाई, पति और कुछ मामलों में तो समाज तक से अनुमति लेनी पड़ती है.

उषा एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है. उस की शादी नौसेना में काम करने वाले एक लड़के से होने वाली है. उस के काम पर उसे कोई एतराज नहीं है, लेकिन यदि वह सरकारी नौकरी करे तो.

उषा कहती है,  ‘‘मैं सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रही हूं, लेकिन यह आसान नहीं है. शादी से पहले अपनी प्राइवेट जौब से इस्तीफा दे दूंगी, क्योंकि यही मेरे वुड बी हसबैंड की मरजी है.’’

कमोबेश यही सोच और स्थिति सभी अविवाहित और विवाहित लड़कियों की रहती है. पहली प्राथमिकता घरपरिवार और पति होता है. नौकरी और कैरियर दूसरे स्थान पर होते हैं. हाल तो यह है कि कुछ लड़कियां महज समय बिताने के लिए काम कर लेती हैं. कैरियर में अच्छा करना, आगे बढ़ना या लीडर बनना जैसी बातें उन के फ्यूचर प्लान का हिस्सा होती ही नहीं.

ऐसा नहीं है कि महिलाओं में योग्यता की कमी होती है. अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि महिलाओं का मस्तिष्क उन के हमउम्र पुरुषों की तुलना में 3 साल जवां रहता है. इस वजह से उन का दिमाग लंबे अरसे तक तेज चलता है.

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इस अध्ययन में 20 से 84 वर्ष की 121 महिलाओं और 84 पुरुषों ने हिस्सा लिया. उन के मस्तिष्क  में ग्लूकोस और औक्सीजन के प्रवाह को मापने के लिए उन का पीईटी स्कैन किया गया. ऐसा नहीं है कि पुरुषों का दिमाग तेजी से वृद्ध होता है. दरअसल, वे दिमागी तौर पर महिलाओं से 3 साल बाद वयस्क होते हैं.

फाइनैंस संबंधी फैसलों पर निर्भरता

ऐसी महिलाएं जो निवेश के फैसले खुद करती हैं उन में उन के पति या मातापिता के प्रोत्साहन का अहम योगदान होता है, करीब 13% महिलाओं ने कहा कि उन्हें पति की मौत या तलाक की वजह से अपने निवेश के फैसले खुद लेने पड़े. 30% महिलाओं के मुताबिक वे निवेश इसलिए कर पाईं, क्योंकि उन्होंने खुद निवेश करने का फैसला लिया.

जहां तक निवेश की आवश्यकता या मकसद की बात है तो यह करीब एकजैसे ही रहे. मसलन, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, घर खरीदना, बच्चों की शादी, अच्छा लाइफस्टाइल आदि मुख्य मकसद के रूप में नजर आए. यह भी पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अपने बच्चों से जुड़े लक्ष्यों की ओर  झुकाव अधिक रहता है.

पुरुष जहां कार या घर खरीदने का फैसला अधिक लेते हैं वहीं महिलाओं ने ज्वैलरी, रोजमर्रा की जरूरतों जैसे टीवीफ्रिज खरीदने में ज्यादा रुचि दिखाई.

ज्यादा अच्छा यही है कि महिला और पुरुष मिल कर वित्तीय योजनाएं बनाएं और केवल वित्तीय योजनाएं ही नहीं, बल्कि जिंदगी के सारे अहम फैसलों पर महिलाओं को अपनी राय देने से नहीं बचना चाहिए, क्योंकि इस तरह वे अपने परिवार और पति के लिए बेहतर कर पाने में सक्षम होंगी.

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सोशल मीडिया पर सोच-समझ कर बनाएं दोस्त

दिल्ली में 28% महिलाओं को हर सप्ताह यौन उत्पीड़न से जुड़े कौल या मैसेज आते हैं. जो बाकि किसी भी राज्य की तुलना में सब से ज्यादा है. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन औफ इंडिया की तरफ से जारी रिपोर्ट ‘इंटरनेट इंन इंडिया 2017’ के मुताबिक देश में 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं जिन में 30% यानी 14.3 करोड़ महिलाएं हैं. देश में इंटरनेट का सब से अधिक इस्तेमाल यंगस्टर्स और स्टूडेंटस करते हैं. गांवों में 100 इंटरनेट यूजर्स में 36 महिलाएं ही इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं. एनसीआरबी के मुताबिक 2016 में देश में महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम के 930 मामले दर्ज किए गए थे.

1. दोस्ती करें सोच समझ कर

किसी ने आप को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और आप ने तुरंत स्वीकार कर लिया इस टेंडेंसी को छोड़ दें. दोस्ती हमेशा सोचसमझ कर करें. अनजान लोगों की रिक्वेस्ट को इग्नोर करें या डिलीट मार दें. यदि कोई पुराण दोस्त जानबूझ कर आप को परेशान कर रहा है तो पहले उसे समझाने का प्रयास करें कि आप को यह सब पसंद नहीं. मगर यदि वह न माने तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें. किसी को भी इतनी ढील न दें कि वह आप को परेशान कर सके.

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2. झांसे में न आएं

कभी भी अश्लील मैसेज और फेक कौल्स करने वाले व्यक्ति के झांसे में न आएं. यदि किसी वजह से आप ने उस से दोस्ती कर ली है तो भी कभी उस के बुलाने पर अकेली, सुनसान जगह या अकेले उस के घर पर मिलने न जाएं. मिलना ही है तो मॉल या मेट्रो स्टेशन जैसी खुली जगहों पर मिलें. उसे अपनी निजी बातें न बताएं और कभी भी ऐसी निजी तस्वीरें शेयर न करें जिन का वह गलत इस्तेमाल कर सके.

3. कानून का सहारा लें

फोन पर बिना मर्जी दोस्ती के लिए कहना भी अपराध है. महिलाओं के साथ होने वाले इस तरह के छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामलों में सामान्यतः आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. महिलाओं को फोन या सोशल मीडिया पर उन की इच्छा के बिना दोस्ती के लिए कहना उत्पीड़न का मामला है. इस तरह किसी की निजता में दखल देना अपराध माना जाता है. बारबार टैक्स्ट मैसेज भेजना, मिस्ड कौल करना, फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना, महिला के स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और सोशल मीडिया पर उस के पीछे लगे रहना आईपीसी की धारा 354 डी के तहत दंडनीय अपराध है.

4. पुलिस में शिकायत करें

महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने अब इस तरह के मामलों में साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज करना शुरू कर दिया है. पहले फोन पर मैसेज करने या अश्लील फोटो भेजने पर पुलिस रिपोर्ट तो दर्ज कर लेती थी लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई करना मुश्किल होता था. क्यों कि ज्यादातर लड़के फेक आईडी पर सिम कार्ड ले कर इस तरह की हरकत करते हैं. ऐसे में कई बार उन्हें सबक सिखाने के लिए आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंप दी जाती है  ताकि क्राइम ब्रांच सर्विलांस की मदद से आरोपी पर कार्रवाई कर सके.

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कौलिफ्लौवर पेटी

अक्सर हम बाजार से पेटी खरीद कर खाते हैं, जो हेल्थ के लिए फायदेमंद नहीं होती, लेकिन आज हम आपको हेल्दी कौलिफ्लौवर (cauliflower patty)  रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपने बच्चों को स्नैक्स में परोस सकती हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ झटपट बनने वाली रेसिपी है.

हमें चाहिए-

-1 कप चावल पके

-1 कप गोभी कसी

-1/4 कप बादाम का पेस्ट

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-1 प्याज कटा

-1/2 चम्मच अदरक बारीक कटा

-1 हरीमिर्च कटी

-2-3 बड़े चम्मच तेल

-नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

चावलों को मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें. अब इस में गोभी, बादाम का पेस्ट, हरीमिर्च, प्याज, अदरक व नमक अच्छी तरह मिला लें. आकार दे कर कटलेट बना गरम तवे पर तेल लगा दोनों तरफ से सुनहरा होने तक पका कर चटनी के साथ गरमगरम परोसें.

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जानें पीरियड्स के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं

पीरियड्स से पहले होने वाली तकलीफ़, मूड स्विंग्स, पेट में दर्द, क्रैम्प्स (ऐंठन) जैसी समस्याएं यानी पीएमएस की तकलीफें हार्मोन्स के कम या ज़्यादा होने के कारण होती हैं. सच कहें तो हार्मोन्स में बदलाव ही महिलाओं के मासिक धर्म का प्रमुख कारण होता है. लेकिन यदि ये हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं तो ये तकलीफें हद से ज़्यादा बढ़ जाती है.आइये जानते हैं डायटीशियन डॉ स्नेहल अडसुले से कि पीरियड्स के समय , बाद में और पहले क्याक्या चीज़ें खानी चाहिए;

पीरियड्स के पहले

पीरियड्स के पहले यानी मेन्स्ट्रुअल सायकल के 20वें से 30 वें दिन तक आप के अंदर की ऊर्जा कम हो जाती है. आप थोड़ी उदासी भी महसूस कर सकती हैं. दिन में कई बार काफी ज़्यादा भूख महसूस हो सकती है और इसलिए इन दिनों आप के शरीर और मन के लिए सेहतमंद स्नैक्स ज़रुरी होते हैं.

रिफाइन्ड शक्कर, प्रोसेस्ड फूड और अल्कोहल का सेवन जितना संभव हो कम करें. बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे यानी हेल्दी फैट का सेवन करें. सलाद में तिल और सूरजमुखी के बीज शामिल करें. सेब, अमरुद, खजूर,पीच जैसे अधिक फायबर वाले फलों को अपने आहार में शामिल करें.

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हायड्रेटेड रहें. सोड़ा और मीठे पेय से परहेज़ करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. नींबू पानी में पुदिना और अदरक डाल कर पिएं. रात को सोने से पहले शरीर और मन को आराम मिले इसके लिए पेपरमिंट या कैमोमाईल चाय लें.

खून में आयरन सही मात्रा में रहने से आप का मूड और ऊर्जा का स्तर भी अच्छा रहेगा. नट्स, बीन्स (फलियां), मटर, लाल माँस और मसूर जैसे लोहयुक्त खाद्यपदार्थों का आहार में समावेश करें. पेट फूलने या सूजन जैसी समस्या से बचने के लिए नमक का सेवन कम करें.

पीरियड्स के दिनों में (पहले से सातवें दिन तक)

पीरियड्स के दिनों में खास कर पहले दो दिनों में आप को ऐसा लग सकता है जैसे सारी शक्ति चली गई हो. ऊर्जा का स्तर बेहद कम हो जाता है और आप को थकान महसूस हो सकती है. इसलिए इन दिनों ऐसा भोजन करें जिस से आप के शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा ऱखने में मदद मिले. अपने आहार में किशमिश, बादाम, मूँगफली, दूध का समावेश करें.

जंक और प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और रिफाइन्ड कार्ब्ज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इन्हें खाने से बचें. शीतल पेयों में रिफाइन्ड शक्कर भारी मात्रा में होती है जिस के कारण क्रैम्प्स (ऐंठन) आने की मात्रा और पीड़ा बढ़ सकती है. शीतलपेय या सोड़ा के बजाय नींबूपानी, ताजा फलों का रस या हर्बल टी लें.

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पीरियड्स के बाद के दिन (सातवें दिन से अठारहवें दिन तक)

इन दिनों आप काफी अच्छा महसूस करती हैं. इन्ही दिनों में ओव्यूलेशन होता है. ऐसे में व्यायाम के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ होते हैं. अपने सलाद या सब्ज़ी में एक चम्मच फ्लैक्स या कद्दू के बीज डालें. इस से आप के शरीर में नैसर्गिक रुप से एस्ट्रोजन का स्तर ऊँचा रहेगा. पालक, दही, हरी सब्ज़ियां, फलियां जैसे कैल्शियमयुक्त खाद्यपदार्थ का सेवन करने के लिए यह सप्ताह सब से अच्छा है. इस चरण में आप की भूख धीरेधीरे कम होती है इसलिए समय पर भोजन करने का खासतौर पर ध्यान रखें.

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