तो अब ये एक्ट्रेस निभाएंगी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘सोनू’ का किरदार

टीवी का पौपुलर कौमेडी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ पिछले कुछ दिनों से अपने किरदारों को लेकर काफी सुर्खियों में है. एक तरफ सब दया बेन की वापसी का इंतजार कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ शो में ‘सोनू’ का किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस निधि भानुशाली ने भी अपनी पढ़ाई पर फोकस करने की वजह से शो छोड़ दिया था. शो के निर्माता भी निधि के शो छोड़ने के बाद से सोनू के किरदार के लिए नई एक्ट्रेस को खोज रहे थे और अब उनकी ये तलाश खत्म हो गई है.

सोनू के किरदार में ये एक्ट्रेस आएंगी नजर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनू के किरदार के लिए नई एक्ट्रेस मिल गई है और उस एक्ट्रेस का नाम है पलक सिधवानी. पलक सिधवानी अब सोनू का किरदार निभाएंगी. बता दें कि पलक कई छोटी फिल्मों में काम कर चुकी हैं.पलक ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के लिए शूटिंग भी शुरू कर दी है.

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11 साल से शो कर रहा है एंटरटेन

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की बात करें तो ये शो 11 साल से सब टीवी पर प्रसारित हो रहा है. इस शो को दर्शकों से अच्छा रिस्पौन्स मिलता आ रहा है. शो में कई उतार-चढ़ाव आए. कभी कोई एक्टर शो छोड़कर गया तो कभी कुछ लेकिन फिर भी इस शो को दर्श पसंद करते आ रहे हैं.

नई दया का है लोगों को इंतजार

बता दें कि पिछले कुछ समय से तो शो अपने पौपुलर किरदार ‘दया बेन’ को लेकर काफी चर्चा में है. दरअसल, काफी समय से दया बेन शो से गायब हैं. ‘दया’ ने प्रेगनेंसी  के समय मैटरनिटी लीव ली थी, लेकिन उसके बाद से अभी तक वो शो में वापस नहीं आई हैं. शो के प्रोड्यूसर से लेकर फैन्स तक सभी दया बेन की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ना तो अभी वो वापस आई हैं और ना ही उनके आने की खबर. कुछ दिनों पहले शो के प्रोड्यूसर ने कहा था कि अगर दया बेन समय पर वापस नहीं आईं तो उन्हें किसी नई एक्ट्रेस को लेकर आना होगा.

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‘द गर्ल औन द ट्रेन‘ की रीमेक में कुछ ऐसे नजर आएंगी परिणीति चोपड़ा, पढ़ें पूरी खबर

जब से भारत में एमिली ब्लंट की फिल्म ‘द गर्ल औन द ट्रेन‘ के आधिकारिक हिंदी रीमेक की घोषणा की गयी थी, तब से इस फिल्म को लेकर कई तरह के कयास लग रहे थे. जब इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा द्वारा मुख्य किरदार निभाने की घोषणा की गयी, तब तो लोगों के बीच फिल्म के प्रति कुछ ज्यादा उत्सुकता ही बढ़ गयी थी. बहरहाल, अब रिभु दासगुप्ता निर्देशित इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा के लुक को निर्माताओं ने जग जाहिर कर दिया है. सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस फिल्म में पहली बार परिणीति चोपड़ा अब तक के सबसे सीरियस रोल में नजर आएंगी.

अपने लुक के बारे में कहा ये…

वैसे अपने इस लुक के संबंध में परिणीति चोपड़ा कहती हैं- “फिल्म‘द गर्ल औन  द ट्रेन‘ की शूटिंग करते हुए मुझे अहसास हुआ जैसे कि मैं एक अनुशासित हौस्टल में हूं. शूटिंग करो,आराम करो और इसे दोहराओ.आमतौर पर मैं अपने शूट के बाद दूसरा काम करना पसंद करती हूं, लेकिन इस फिल्म के दौरान मैं हर दिन सेट पर वापस लौटने का इंतजार करती हूं. मैं इस गहन किरदार पर काम करने के अलावा कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं रही हूं. रिभु सर उन सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों में से एक हैं,जिनके साथ मैंने काम किया है. उनके पास मुझे निर्देशित करने का सबसे सटीक और प्रभावी तरीका है.जिसके चलते इस फिल्म के सेट पर मैंने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया.’’

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रोल के लिए की कड़ी मेहनत

अपने किरदार की चर्चा करते हुए परिणीति चोपडा कहती हैं-‘‘मैंने मीरा का किरदार निभाया है. मीरा शराबी है. वह ऐसी लड़की, जिसे अब तक मैंने कभी परदे पर निभाया नहीं. इसलिए मैंने अपने आप को अपने आस-पास की हर चीज से अलग कर लिया है. मैंने खुद को मीरा में ही डुबा रखा है.’’

फिल्म के निर्देशक रिभु दास गुप्ता ने कहते हैं-‘‘यह फिल्म करेक्क्टर ड्रिवेन इंटेंस थ्रिलर है, लेकिन जब आपके पास परी (परिणीति) जैसी अदाकारा हो,तो फिल्म की शूटिंग करना आनंद दायक अनुभव हो जाता है. मेरा मानना है कि परिणीती चोपड़ा के पास एक कलाकार के तौर पर देने के लिए बहुत कुछ है और एक अभिनेत्री के रूप में उनकी प्रतिभा अभी तक सामने आनी बाकी है. हमने किरदार को चित्रित करने और एक निश्चित तरीके से फिल्म को शूट करने के लिए मुंबई में बहुत तैयारी की है.’‘

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फिलहाल लंदन में फिल्मायी जा रही रिभु दासगुप्ता द्वारा निर्देशित फिल्म‘‘द गर्ल औन द ट्रेन’’ में परिणीति चोपड़ा के साथ अदिति राव हैदरी, कीर्ति कुल्हारी और अविनाश तिवारी शीर्षक भूमिका में नजर आएंगे.

MTV Ace Of Space 2: अब TV पर धूम मचाएगा रेसलिंग की दुनिया का ये हैंडसम पहलवान

रेसलिंग (कुश्ती जगत) में पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित गुरु चंदगीराम जी के छोटे बेटे ओम कालीरमन ने अखाड़े से बौलीवुड तक का सफर तय कर लिया है. ओम कालीरमन नेशनल लेवल के पहलवान है. कुश्ती में चोट लगने के बाद उन्होंने बौलीवुड की ओर रुख किया. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए ओम भी बौलीवुड की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

एमटीवी के शो “ऐस औफ स्पेस” में दिखेंगे…

24 अगस्त से MTV पर शाम 6 बजे रोजाना आने वाले शो “ऐस औफ स्पेस में ओम कालीरमन हमें दिखाई देंगे.  इस शो के होस्ट बिग बास शो में मास्टर माइंड के नाम से मशहूर होने वाले विकास गुप्ता हैं.

2 महीने तक दुनिया से रहेंगे अलग…

ओम कालीरमन को 17 और कंटेस्टेंट्स के साथ एक घर में रहना पड़ेगा, जहां वे बाहरी दुनिया से लगातार 2 महीने तक संपर्क नहीं कर पायेंगे. आने वाले दिनों में ओम हमें काफी अलग अंदाज में दिखाई देंगे.  इस शो में होने वाले टास्क ओम कुश्ती के दांवपेच करते भी देखे जा सकते हैं.

मिस्टर इंडिया रह चुके हैं ओम…

इस शो में आने से पहले ओम देश के टौप 10 मौडल्स में चौथा स्थान हासिल कर चुके हैं. ओम मिस्टर इंडिया प्रतियोगिता 2013 में जीत चुके हैं, साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौडलिंग कर चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कोका कोला का विज्ञापन भी किया हैं. लैक्मे फैशन वीक हो या मिलान फैशन वीक ओम हर जगह छाये रहते हैं. वे H&M, सिंथौल, मारुति और स्पलैश जैसे बड़े बड़े ब्रैंड्स के साथ भी काम कर चुके हैं. हाल ही में हमने ओम से एक छोटी सी बातचीत की. आइए जानते हैं क्या कहा ओम ने…

1 सवाल: बौलीवुड या टीवी से औफर मिला तो क्या अपनाएंगे?

जवाब: जी जरुर ! ये शो मेरे लिए उन पहले कदमों में से है जो आपके कैरियर की नींव बनते हैं.

2 सवाल: रेसलिंग के लिए आपको कितना संघर्ष करना पड़ा?

जवाब: ज्यादा कुछ नहीं बस 15-15 घण्टों तक बिना खाने के रहना. 2 घंटे क्रासफिट, फिर जिम, मेडीटेशन और खुद को हर समय सकारात्मक बनाए रखना.

3 सवाल: क्या रेसलिंग (कुश्ती) को अलविदा कह सकते हैं?

जवाब: देखिए इन दोनों को साथ चलाना मुमकिन नहीं है. क्योंकि कुश्ती में वजन चाहिए और एक एक्टर या मौडल के रुप में बैलेंस रखना पड़ता है. कुश्ती के समय मेरा वजन 85 किलो था और अभी 71 है.

सवाल: शो के कौन्सेप्ट को लेकर आप क्या सोचते हैं और क्यों इस शो का हिस्सा बने?

ये युवाओ के लिए बेहतरीन शो है. इस शो में रहकर पता चलेगा कि आप मानसिक और शारीरिक तौर से कितने मजबूत हैं. मैं एक खिलाड़ी हूं और मौडल भी हूं, इस शो में मुझे मेरे दोनों ही कौशल दिखाने को मिलेंगे.

सवाल: किसी एक्ट्रेस पर क्रश है या किसी खास हीरो या हीरोइन के साथ काम करने की इच्छा?

जवाब: कंगना रनौत के साथ काम करना मेरी दिली तमन्ना है.

सवाल: कुश्ती को लेकर लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है इस पर क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: देश किसी भी खेल में आगे बढ़े इससे अच्छा ओर क्या हो सकता हैं. आने वाले बच्चे ओर बेहतर करें, कोच और जिम्मेदार बनें यही उम्मीद हैं.

बता दें कि रेसलिंग गुरु चंदगीराम जी के प्रयासों से ही भारत में कुश्ती को एक सही मुकाम मिला है. वीर घटोत्कच, टार्जन व महाशिवरात्रि जैसी फिल्मों में काम कर उन्होंने अपना एक अलग ही रुप समाज के सामने रखा और साथ ही बौलीवुड के प्रति उनके प्रेम को जाहिर किया. आज उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए गुरु जी का बेटा भी आगे बढ़ रहा है.

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नए फीचर और नाम के साथ WhatsApp दिखेगा कुछ ऐसा

व्हाट्सएप में लगातार नए-नए बदलाव किए जा रहे हैं और दो बड़े बदलाव आपको व्हाट्सएप में जल्द देखने को मिलने वाले हैं. इनमें से एक खुद व्हाट्सएप के नाम से जुड़ा है. जी हां! व्हाट्सएप के नाम में जल्द एक बदलाव आपको देखने को मिलेगा. ये बदलाव क्या होगा और इसके बाद व्हाट्सएप कैसा दिखेगा ये जानने से पहले आने वाले एक बड़े फीचर के बारे में जान लेते हैं.

आने वाला है फिंगरप्रिंट लौक फीचर

दरअसल नाम में बदलाव के अलावा व्हाट्सएप में फिंगरप्रिंट लौक फीचर आने वाला है. ये फीचर व्हाट्सएप के बीटा यूजर्स को मिल भी चुका है. ये व्हाट्सएप में प्राइवेसी को और मजबूत बना देगा. अभी तक यूजर्स को व्हाट्सएप चैट्स को सुरक्षित रखने के लिए किसी थर्ड पार्टी एप का सहारा लेकर एप को लौक करना पड़ता था लेकिन इस तरह की ऐप्स खुद ही यूजर की प्राइवेसी के लिए खतरा साबित होती हैं क्योंकि किसी भी एप को लौक करने के बदले में ये यूजर से स्टोरेज, लोकेशन जैसी तमाम तरह की परमिशन मांगा करती हैं.

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नहीं पड़ेगी लौक की जरूरत

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ऐसे में व्हाट्सएप के इस नए फीचर के आ जाने के बाद यूजर्स को इस तरह की ऐप्स की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिससे यूजर दोनो ही तरह से अपनी प्राइवेसी को और सुरक्षित कर पाएंगे. कुछ स्मार्टफोन्स में ऐप्स को लौक करने का इनबिल्ट फीचर भी आता है लेकिन इससे फोन की बैटरी और परफौर्मेंस पर फर्क पड़ता है.

ऐसे करें इस नए फीचर का इस्तेमाल

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फेसबुक में फिंगरप्रिंट लौक को इनेबल करने के लिए सेटिंग-अकाउंट-प्राइवेसी में जाकर आखिर में फिंगरप्रिंट लौक पर टैप करना होगा. यहां आपको ‘Unlock With Fingerprint’ को इनेबल करना होगा. इस मेन्यू में आपको औटोमैटिक लौक का औप्शन भी दिखाई देगा. जिसमे आप एप के लॉक किए जाने की अवधि को चुन सकेंगे. इसका मतलब है कि इस्तेमाल के बाद एप कितनी देर में लॉक हो जाए ये चुनने के तीन विकल्प आपके पास होंगे.

नाम में बदलाव:

व्हाट्सएप के बीटा यूजर्स के लिए व्हाट्सएप के नाम में भी बदलाव किया गया है. जो कि स्टेबल अपडेट आने के बाद सभी के लिए लागू हो जाएगा. इतना ही नहीं इंस्टाग्राम के भी नाम में ऐसा ही बदलाव देखने को मिलेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2020 की शुरुआत में नए नाम के साथ व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम गूगल प्ले-स्टोर और एप्पल एप स्टोर से डाउनलोड किए जा सकेंगे. बता दें कि बदलाव के बाद इंस्टाग्राम का नया नाम ‘Instagram from Facebook’ और व्हाट्सएप ‘WhatsApp from Facebook’ के नाम से जाना जाएगा.

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मालूम हो कि इस बारे में फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी प्रोडक्ट और सेवाओं को लेकर एक स्पष्ट रूख अपनाना चाहती है. क्या आप व्हाट्सएप के इस नए नाम से खुश हैं? या आपको व्हाट्सएप का असली नाम ही पसंद है? कमेंट्स में जरूर बताएं कि आपको कैसा लगा व्हाट्सएप का नया नाम?

https://www.whatsapp.com/features/

Janmashtami Special: इस फेस्टिव सीजन में ट्राय करें ये हेयरस्टाइल

अपने लुक के साथ अगर एक्सपेरिमेंट करना है तो फेस्टिव मौका सबसे बेस्ट है. खासतौर पर लड़कियां क्योंकि वे ऐसे किसी भी फेस्टिवल से पहले अपने लुक के अनुसार तैयारियां शुरू कर देते हैं कि उन्हें क्या पहनना है और उसके साथ उन्हें अपना मेकअप कैसा करना है बस परेशानी आती है तो हेयर स्टाइल की कई बार वह समझ नहीं पाते कि इस मौके पर किस तरह का हेयर स्टाइल करें. खासतौर पर जिनके बाल पतले होते हैं. कुछ एक्सपर्ट टिप्स से आपके पतले बालों के लुक को और भी स्टाइलिश व खूबसूरत बना देंगे. और आप बिना हिचक के अपने खास हेयर स्टाइल से सबके आकर्षण का केंद्र बनेंगी.

1-घने स्ट्रेट फ्रिंज

यह हेयर स्टाइल आपके बालों को हेवी लुक देता है. इस कट में आपके सामने के बालों को इस प्रकार काटते हैं कि माथे पर सीधे फ्रिंज लटकते हैं जो भौंहों तक हो सकते हैं. यह कट कम उम्र या कौलेज जाने वाली लड़कियों के लिए बिल्कुल परफेक्ट हो सकता है.

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2- लेयर्स कट

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पतले बालों पर बहुत ज्यादा प्रयोग करने की कोशिश ना करें. अगर आप सॉफ्ट लेयर्स के साथ शोल्डर लेंथ तक कट करवाएंगी तो आपके बाल थोड़े घने दिखेंगे. आप सॉफ्ट वेव्स या पर्म भी करा सकती हैं. बालों को घना दिखाने के लिए हाईलाइट्स करा सकती हैं. सॉफ्ट टेक्सचर्ड बॉब भी आपके बालों पर अच्छा दिखेगा.

3-आड़े-तिरछे फ्रिंज

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अगर आपके सिर पर बाल बहुत ही हल्के हैं और माथा अधिक चौड़ा है तो इस हेयरस्टाइल में आप फबेंगी. इसमें फ्रिंज यानी लेयर्स को कुछ इस तरह काटते हैं कि बालों का कोई एक आकार न दिखे. यानी अलग-अलग आकार के ढेर सारे फ्लिप्स.

4-मेस्सी बौब

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बौब कट तो हल्के बालों पर अच्छे लगते ही हैं लेकिन इन्हें शौर्ट फ्रिंज के साथ बनाया जाए तो ये और भी अच्छे लगेंगे. साथ ही आपके बाल घने भी दिखेंगे.

5-मेस्सी ब्लंट कट

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इसमें ढेर सारे छोटे फ्रिंज के साथ ब्लंट कट दिया जाता है. इसे कैरी करना जितना आसान है, आपके मैच्योर लुक को छिपाने में यह उतना ही कारगर है. स्ट्रेट फ्रिंज जैसे ही कट को जब आप तिरछी मांग से सेट करते हैं तो यह साइड बैंग्स हो जाता है. इसमें बाल आंखों पर नहीं पड़ते इसलिए इसमें आराम भी अधिक महसूस होता है.

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6-साइड पार्टिंग

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अगर आपके आगे के बाल लंबे हैं तो यह हेयरस्टाइल आप पर अधिक अच्छी लगेगी. इसमें बाल तिरछी मांग से निकालकर माथे को ढंकते हुए पीछे ले जाते हैं. चाहें तो पीछे से इन्हें पिन करके चोटी कर लें, खुला छोड़ दें या फिर पफ का इस्तेमाल करें.

Janmashtami Special: पहने गुजराती एप्लिक वर्क वाली ड्रेस और दिखें सबसे अलग

फैशनेबल कपड़ों के लिए लोगों की पसंद लगातार बदल रही हैं. इस बदलते फैशन के दौर में कुछ फैशन इन होते हैं तो कुछ आउट . फैशन के इसी बदलाव में कुछ ट्रेंड्स लौटकर भी आते हैं. इन दिनों कपड़ों में यूज होने वाला एप्लिक वर्क भी ऐसा ही एक ट्रेंड है.

बेहतरीन शिल्प

गुजरात के सबसे पुराने और बेहतरीन शिल्पों में से एक है ये एप्लिक वर्क. कपड़े के विभिन्न पैच का उपयोग करके, रजाई, हैंगिंग, आधुनिक घरेलू उत्पादों , में डिजाइन के सुंदर रूप तैयार किए जाते हैं. आजकल एप्लिक वर्क का चलन बढ़ गया है. एप्लिक वर्क से तैयार की गई डिजाइंस लोगों की खूबसूरती में चार चांद लगा रही हैं.

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स्टाइलिश कूल लुक

फ्रेंड्स के साथ हैंगआउट हो या कैज़ुअल पार्टी और कौलेज में जाना, कुछ ट्रेंडी चीजें आपके लुक को स्टाइलिश बना देती है. एलीगेंट और क्लासी लुक तो आपने बहुत कैरी कर लिया, अब वक्त है कूल लुक ट्राय करने का. अगर आप ये सोच रहे हैं कि आप अपने लुक को कूल कैसे बनाएं तो इसका आसान तरीका है ये एप्लिक वर्क. इससे आप अपने सिंपल से आउटफिट को स्टाइलिश बना सकती हैं.

बढ़ती डिमांड

अगर आपका टी-शर्ट, जींस का ड्रेस बिल्कुल प्लेन है और आप उसको कुछ अलग लुक देना चाहती हैं तो ये ट्राय करें. सेलेब्स भी इस ट्रेंड का काफी पसंद करते हैं. चाहे कुर्ती हो या फिर साड़ी सभी में इस लुक की डिमांड बढ़ गई है…

अलग खूबसूरती

साड़ी के बौर्डर पर एप्लिक वर्क से साड़ी को तैयार किया जाए तो यह काफी आकर्षक लगती है. बुटीक ओनर दामिनी बताती हैं कि जिस प्रकार ट्रैडिशनल गाउन के साथ पहने जाने वाली चोली पर किया गया एप्लिक वर्क काफी खूबसूरत लगता है उसी तरह इन दिनों किसी भी डिजाइनर साड़ी के साथ ब्लाउज में भी एप्लीक वर्क काफी पसंद किया जा रहा है. आजकल कई ड्रेसेज पर एप्लिक वर्क का काम किया जा रहा है जिससे ड्रेस की खूबसूरती निखरकर आती है. एप्लिक वर्क वाली साड़ी को शादी-पार्टी में पहनने के साथ ही हल्के रंग की ब्लाउज के साथ कैजुअल आउटिंग के लिए भी पहन सकती हैं.

खास मांग

 

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साड़ी स्टोर की सी इ ओ अनिता बताती हैं कि इन दिनों एप्लिक वर्क वाली साड़ियों की मांग ज्यादा है. ये फैशन पहले था लेकिन अब दोबारा ये ट्रेंड जोर पकड़ रहा है. किसी खास मौके से लेकर पार्टी तक में ऐसी साड़ियां आकर्षण का केन्द्र बन रही हैं. लेडिज इन दिनों एप्लिक वर्क वाले लहंगे की भी डिमांड कर रही हैं. एप्लीक वर्क से तैयार किए गए गोल्डन, पिंक शेड्स और ग्रीन शेड्स ज्यादा चलन में हैं. पारंपरिक एप्लिक वर्क की खासियत ही यही है कि इसमें कपड़े को चिपकाया नहीं जाता बल्कि रंग-बिरंगे धागों से टांका जाता है. लहंगे, चोली और चुन्नी पर जब अलग-अलग शेप के रंग-बिरंगे सुंदर एप्लीक  टांके जाते हैं तो यह कपड़ों को शानदार लुक देते हैं.

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है परफेक्ट

एप्लिक वर्क आउटिफट्स की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इंडियन वियर, इंडो-वेस्टर्न स्टाइल के साथ कैजुअल या पार्टी वियर लुक के लिए परफेक्ट है. हालांकि एप्लीक वर्क वाले आउटफिट्स की कीमत ज्यादा होती है क्योंकि ये हैंडमेड होते हैं. अलग-अलग डिजाइन वाले एप्लिक को शौर्ट कुर्तियों से लेकर लहंगा चोली तक में कलरफुल धागों के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है.

है बेस्ट

अगर आप क्रिएटिव माइंड वाली हैं तो आप इंडियन ड्रेस में पैच वर्क लगा कर, कढ़ाई कर, मिरर वर्क द्वारा लेसेज एक्सेसरीज लगा कर नए एक्सपेरिमेंट कर उसे नया लुक दे सकती हैं तो एप्लिक वर्क बेस्ट है. बस एक्सपेरिमेंट ऐसा हो जो फूहड़ न लगे.

Janmashtami Special: घर पर बनाएं टेस्टी पंजीरी लड्डू

अक्सर आपके बच्चे लड्डू की डिमांड करते होंगे, लेकिन बाजार से लड्डू खरीदना आपके बच्चों की हेल्थ के लिए सही नही है. साथ ही आप उन्हें ज्यादा दिनों तक स्टोर करके भी नहीं रख सकते. इसीलिए आज हम आपको पंजीरी लड्डू की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप स्टोर रख सकते हैं और साथ ही यह आपके बच्चों की हेल्थ के लिए भी अच्छा होगा क्योंकि आप खुद घर पर यह रेसिपी बनाएंगे.

सामग्री

500 ग्राम गेंहू का आटा

60 ग्राम सूजी

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एक बाउल सूखा नारियल

10 ग्राम चार मगज

20-25 ग्राम काजू

20-25 ग्राम बादाम

150 ग्राम चीनी

450 ग्राम घी

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बनाने का तरीका

-सबसे पहले एक पैन में थोड़ा सा घी गर्म करके इसमें मखाना डालकर गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई कर लें. फिर इन्हें बाहर निकालकर सारे मखाने को एक अलग प्लेट में क्रश कर लिजिए.

-फिर सूजी को घी के साथ भून लें और अब इसके बाद इसमें आटा डालें.

-अब इसमें सूखा नारियल, क्रश मखाना, बादाम और काजू डालें.

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-फिर इसमें चीनी डालकर अच्छे से मिला लिजिए.

-अब सही साइज के लड्डू बनाकर बच्चों को खिलाएं.

किसी को कुछ दें तो न दिलाएं उसे याद

महान जरमन दार्शनिक व कवि फ्रेडरिक नीत्शे कहते हैं, ‘‘जिस ने देने की कला सीख ली समझो उस ने जीवन जीने की कला भी साध ली. देना एक साधना है, जिसे अपने भीतर उतारने में सदियां बीत जाती हैं.’’

हमारे परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों के बीच देने का यह क्रम लगातार चलता रहता है खासकर तीजत्योहारों और शादी समारोह में देने की यह गति और तेज हो जाती है. लेकिन लेनेदेने की इस गति में कई बार हमारी सोच, हमारा मन खुद ही बाधक बन जाता है. जब हम किसी को कुछ देते हैं तो उस में हमारा प्रेम व लगाव छिपा होता है पर वही प्रेम और राग तब काफूर हो जाता है जब हम सामने वाले को गाहेबगाहे यह याद दिलाते हैं कि मैं ने तुम्हें फलां चीज दी थी, याद है न?

ऐसे में सामने वाला खुद को दीनहीन समझने लगता है और यह कुंठा तब और उग्र हो जाती है जब यह ताना पब्लिकली दिया गया हो.

हाल ही में एक सगाई समारोह में कुछ पुरानी सहेलियों के साथ मेरी बैस्टफ्रैंड भी मिली. कमलेश व ज्योति कभी अंतरंग मित्र हुआ करती थीं. छूटते ही ज्योति बोल पड़ी, ‘‘अरे वाह कमलेश, तूने यह वही नैकपीस पहना है न जो मैं ने तुझे तेरी पिछली सालगिरह पर दिया था?’’

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कमलेश भरी महफिल में कुछ न बोल सकी बस मुसकरा कर रह गई. पर उस के मन पर जो चोट लगी उसे वह भूल न सकी.

हमारे आसपास, फैमिली या सोसाइटी में ऐसे लोग भरे हैं जो अपनी दी हुई चीजों का बखान करते नहीं थकते. कई बार तो देने से ज्यादा बढ़ाचढ़ा कर अपनी बात रखी जाती है. लेने वाला जब किसी और के मुख से ऐसी बातें सुनता है तो उस का स्वाभिमान तिलमिला उठता है. अकसर कुंठा से ग्रस्त हो खुद को कोसने लगता है कि आखिर उस ने उस व्यक्ति से कोई उपहार स्वीकार ही क्यों किया?

ऐसे सीखें देने की कला

– चाहे आप ने कितना भी महंगा गिफ्ट क्यों न दिया हो, मन में मलाल न रखें कि हाय मैं ने इतनी महंगी चीज क्यों दे दी.

– गिफ्ट या कोई भी आइटम देते वक्त उस का प्राइस टैग जरूर रिमूव करें या प्राइस प्रिटेंड हो तो उसे इंक या व्हाइट पेपर से कवर कर दें.

– देने के बाद भूल कर भी कभी याद न दिलाएं या किसी पार्टी अथवा गैदरिंग में अनावश्यक याद न कराएं.

– एकसाथ एक जैसे गिफ्ट अपने किसी भी क्लोज को देने की भूल न करें. हो सकता है वे बाइचांस किसी इवेंट में सेम आइटम के साथ दिख जाएं तो शर्मिंदगी हो सकती है.

– किसी को कुछ भी दें तो दिल से दें.

– कोशिश करें डब्बाबंद अच्छी तरह वैल पैक्ड गिफ्ट दें. इस से आप का इंप्रैशन जमेगा.

– देना हमें भीतर से विशाल बनाता है, इसलिए इस परंपरा के वाहक बनें.

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यह कोई बड़ा काम नहीं

खुद को देने की कला में माहिर बनाना कोई बड़ा काम नहीं है, भारी काम नहीं है. थोड़े से प्रयास से हम इस स्किल को बेहतर तरीके से डैवलप कर सकते हैं.

आखिर हम अल्बर्ट आइंस्टीन, ग्राहम बेल, क्रोलबस, जौर्ज वाशिंगटन, वाल्टडिज्नी, बिलगैट्स, एपीजे कलाम जैसे महान लोगों से कुछ क्यों नहीं सीखते, जिन्होंने जीवनभर इस दुनिया को कुछ न कुछ देने का काम किया पर उस का नाम न लिया.

देना अगर गुप्त हो तो तभी वह सफल है. इस का ऐक्सपोजर आप को नैरो बनाता है. गिविंगनैस आप को बड़ा बनाती है. ग्रेटनैस इसी में है कि किसी को देने का एहसास न कराएं. भारी व भरे मन से नहीं, बल्कि खुले व हलके मन से देने की आदत डालें. हैप्पीनैस के साथ गिविंगनैस का कौंबो पैक आप की इमेज को लार्जर दैन लाइफ बना सकता है.

प्रेग्नेंसी में थायराइड की स्क्रीनिंग है जरुरी

निशा का गर्भ धारण हुए 3 महीने बीत चुके थे, लेकिन उसे हमेशा कमजोरी महसूस होती थी. जब वह डॉक्टर के पास आई, तो डौक्टर ने उसे थायराइड की जांच करने की सलाह दी. इससे पता चला कि उसका टीएसएच का स्तर बहुत बढ़ चुका है, जिससे बच्चे के दिमाग का विकास सही तरह से हुआ है या नहीं समझना मुश्किल था, ऐसे में उसे जन्म दिया जाय या टर्मिनेट किया जाय. इसे लेकर समस्या थी. निशा खुद भी ये समझ नहीं पा रही थी कि वह करें तो क्या करें. असल में हाइपोथायरोडिज्म अधिकतर महिलाओं को होता है, जिसमें थायराइड ग्लैंड उचित मात्रा में हर्मोन नहीं बना पाता. ये एक आम बीमारी है और आजकल भारत में 10 में से 1 के लिए ये रिस्क बना हुआ है. जिसमें प्रेग्नेंट महिला 13 प्रतिशत से 44 प्रतिशत प्रभावित है. थायराइड में डिसऔर्डर माँ और बच्चा दोनों के लिए घातक होती है. समय पर एक साधारण स्क्रीनिंग टेस्ट से इसका इलाज संभव है.

इस क्षेत्र में अधिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए इंडियन थायराइड सोसाइटी, एबोट के साथ मिलकर मेक इंडिया थायराइड अवेयर (MITA) कैम्पेन शुरू किया. इस अवसर पर इंडियन थायराइड सोसाइटी के सेक्रेटरी शशांक जोशी का कहना है कि अधिकतर महिलाओं की हाइपोथायराडिज्म होता है,जिसमें थायराड ग्लैंड उचित मात्रा में हर्मोन नहीं बनाता, ऐसे में सही समय में इसका इलाज करना जरुरी है ,क्योंकि इसका सौ प्रतिशत इलाज संभव है. इससे पीड़ित महिलाओं में अनियमित माहवारी और गर्भधारण करने में मुश्किल महसूस होती है. इसलिए गर्भधारण के तुरंत बाद टीएसएच की जांच करवा लेनी चाहिए,क्योंकि इसका प्रारंभिक लक्षण बहुत अधिक दिखाई नहीं पड़ता, इसलिए महिलाएं इसे नजरअंदाज करती है,पर कुछ लक्षण निम्न है,

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  • चेहरे पर सूजन,
  • त्वचा में सिकुडन,
  • ठंड सहन न कर पाना,
  • अचानक तेजी से वजन का बढ़ना,
  • कब्ज की परेशानी,
  • मांस पेशियों में ऐठन आदि है. ऐसा महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर से मिलकर थायराइड स्क्रीनिंग अवश्य करवाएं.

थायराइड के सही इलाज न होने से बच्चे में निम्न समस्या दिखाई पड़ सकती है,

  • बच्चे की मस्तिष्क का सही तरह से विकसित न होना,
  • प्रीमेच्योर डिलीवरी होना,
  • मृत शिशु का जन्म होना,
  • बच्चे का वजन कम होना,
  • दिल की धड़कन का तेज होना,
  • उसका आई क्यू लेवल कम होना आदि है. जिसे बाद में ठीक कर पाना आसान नहीं होता.

इस बारें में स्त्री रोग विशेषज्ञ डौ. नंदिता पाल्शेतकर कहती है कि 3 में से एक महिला को ये पता नहीं होता है कि उसे थायराइड है. इसलिए देर से पता चलने के बाद इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है. थायराइड से पीड़ित महिला को केवल पहले ही नहीं डिलीवरी के बाद भी उनमें इसकी समस्या बनी रहती है, जो निम्न है,

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना,
  • चिडचिडापन का होना,
  • वजन का अधिक बढ़ जाना,
  • अधिक थकान अनुभव करना,
  • केशों का अधिक झड़ना आदि होता है. इसलिए जब भी ऐसी शिकायत हो डौक्टर की तुरंत सलाह लेने की जरुरत होती है.

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इसके आगे एबोट इंडिया की डॉ. श्रीरूपा दास कहती है कि मेक इंडिया थायराइड अवेयर का मिशन अधिक से अधिक डॉक्टर्स को इसकी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाना है. इसमें 8,500 डॉक्टर्स ने अपनी सहमति दी है. इसके लिए मोबाइल वैन और डिजिटल कैम्पेन शुरू किया गया है जो देश के हर बड़े और छोटे शहरों  तक पहुंचकर 10 मिलियन थायराइड के मरीज की पहचान कर उचित इलाज समय रहते करेगी. ये स्क्रीनिंग अधिकतर 25 से 45 साल की महिलाओं के लिए की जायेगी, क्योंकि इस उम्र में महिलाओं को बच्चे का जन्म और उसका पालन-पोषण करना होता है. इसके अलावा यह कैम्पेन एनजीओ के साथ मिलकर गरीब महिलाओं को मुफ्त में थायराइड स्क्रीनिंग की भी सुविधा देंगी.

इस एक्टर को मजबूरी में ठुकरानी पड़ी बड़े बजट की फिल्में

छत्तीसगढ़ राज्य के भाटापारा के करीब भैसा सकरी गांव निवासी साहेब दास मानिकपुरी जब कुछ वर्ष पहले मुंबई पहुंचे थे,उस वक्त वह शुद्ध हिंदी नही बोल पाते थे.एक मित्र की मदद से उन्हे ‘इस्कौन’मंदिर में ‘कंस वध’नामक नाटक में अभिनय करने का मौका जरुर मिला,पर उनकी हिंदी को लेकर सवाल उठ रहे थे. ऐसे में हिम्मत हारने की बजाय साहेब दास ने उस वक्त के रंगकर्मी व अब सफल भोजपुरी अभिनेता संजय पांडे, रंगकर्मी व लेखक राजेश दुबे तथा सशक्त रंगकर्मी स्व.पं.सत्यदेव दुबे की छत्रछाया में काम कर अपनी हिंदी पर इतनी मेहनत की आज वह शुद्ध व क्लिष्ट हिंदी बोलते हैं. अब तक कई टीवी सीरियलों में हास्य किरदार निभाकर शोहरत बटोर चुके साहेब दास माणिकपुरी बीच बीच में फिल्मों मे भी छोटे,पर महत्वपूर्ण  किरदारों में नजर आते रहते हैं, इन दिनों वह सब टीवी के सीरियल ‘‘जीजाजी छत पे हैं’’ में हवलदार मंगीलाल के किरदार में काफी पसंद किए जा रहे हैं.

सवाल- आज आपने करियर को किस मुकाम पार पाते हैं?

-ईश्वर की अनुकंपा और दर्शकों के प्यार के चलते लंबे संघर्ष के बाद सुखद अनुभूति हो रही है.आज हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि अब लोग मुझे अपनी फिल्म व सीरियल का हिस्सा बनाना चाहते हैं, मगर अपनी व्यस्तता के चलते मुझे कई प्रस्ताव विनम्रता पूर्वक ठुकराने पड़ रहे हैं.

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सवाल- लेकिन दो साल पहले तो आप सीरियल मे आई कमिंग मैडम’’कर रहे थे,पर फिर गायब हो गए थे?

-आपकी बात कुछ हद तक सही है. इस सीरियल का प्रसारण बंद होने के बाद करीबन चार माह तक मेरे पास कोई काम नही था.उस दौरान मैंने कुछ विज्ञापन फिल्मों में काम किया. कुछ यात्राएं भी की.फिर बिनायफर कोहली ने मुझे सीरियल ‘‘जीजाजी छत पर हैं’’के लिए याद किया.इसके निर्देशक शशांक बाली के काम करने का तरीका भी ऐसा है कि मैंने तुरंत हामी भर दी थी. वैसे भी इस टीम के साथ मैं पिछले छह वर्षों से काम करता आ रहा हूं.

सवाल- तो इस इन दिनों नया क्या कर रहे हैं?

-पिछले डेढ़ वर्षों से ‘सब टीवी’पर हर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे प्रसारित हो रहे सीरियल‘‘जीजाजी छत पे हैं’’में हवलदार का किरदार निभा रहा हंू.लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं.यह चैनल का सबसे ज्यादा लोकप्रिय सीरियल है.मुझे हर माह तीस दिन शूटिंग करनी होती है.

सवाल- इस सीरियल के अलावा कुछ और कर रहे हैं?

-मैं करना तो बहुत कुछ चाहता हूं.मगर शूटिंग की तारीखों की समस्या के चलते नहीं कर पा रहा हूं. इस सीरियल के साथ माह में तीस दिन का मेरा अनुबंध है,जिसके चलते मैं कुछ दूसरा कर नहीं सकता.हां!जब विज्ञापन फिल्म के लिए एक या दो दिन का समय देना होता है,तो निर्देशक मुझे उसकी छूट दे देते हैं.इसके चलते मैं कमर्शियल फिल्में आसानी से कर रहा हूं.

सवाल- अब इन दिनों आप फिल्मों के लिए कोशिश नहीं कर रहे हैं?

-कोशिश बंद नहीं है. मुझे फिल्मों के औफर मिल भी रहे हैं,पर अब मैं कोशिश कर रहा हूं कि जब तक सीरियल ‘जीजाजी छत पे हैं’के साथ मेरा अग्रीमेंट खत्म नही होता,तब तक मुझे ऐसी फिल्में मिलें,जिनके लिए मैं आठ दस दिन का समय निकालकर शूटिंग कर सकूं.मैं अग्रीमेंट तोड़कर बेवजह किसी को परेशानी में नहीं डालना चाहता.

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सवाल- तो अब कोई फिल्म नहीं कर रहे हैं?

-सच यही है कि फिल्मों के आफर लगातार मिल रहे हैंं.मगर सीरियल में व्यस्त होने के चलते मना करना पड़ रहा है.जबकि मेरे पास कई बड़ी बड़ी फिल्मों के आॅफर आते रहते हैं.मुझे फिल्म ‘‘सोन चिड़िया’’में अभिनय करने का आॅफर मिला था.मैं यह फिल्म करना भी चाह रहा था,लेकिन निर्देशक ने पूरे तीन माह की एक साथ तारीख मांग दी.क्योंकि उन्हें चंबल में जाकर शूटिंग करनी थी. मेरे सामने समस्या थी कि मैं तीन माह के लिए इस सीरियल से गायब नहीं हो सकता था.यदि सीरियल के साथ मेरा अग्रीमेंट न होता,तो मैं यह फिल्म जरूर करता.वैसे भी कलाकार के तौर पर मैं अपने कमिटमेंट से पीछे हटने की कोशिश कभी नहीं करता.मैंने कहा था कि यदि आठ दस दिन में मेरा काम खत्म हो जाए,तो मैं फिल्म कर सकता हूं.पर ऐसा हो नही पाया. तो बड़ी विनम्रता से मुझे यह फिल्म छोड़नी पड़ी.उसके बाद मुझे ‘यशराज फिल्मस’की एक फिल्म छोड़नी पड़ी.जबकि मैं पहले‘‘यशराज फिल्मस’’के साथ ‘मर्दानी’फिल्म के अलावा ‘पावडर’सहित कुछ सीरियल किए हैं.इन दिनों मुदस्सर अली लखनउ में फिल्म‘‘में मेरी पत्नी और वह’’की शूटिंग कर रहे हैं.मेरे पास इस फिल्म में ड्ायवर का अहम किरदार निभाने का आफर आया था.पर उन्हे पूरे एक माह की तारीखंे चाहिए थी,इसलिए मुझे खुद मना करना पड़ा. पर एड फिल्में कर लेता हूं.

सवाल- कमर्शियल फिल्मों में तो आपने बड़े कलाकारों के साथ काम किया है?

-जी हां! मैंने अमिताभ बच्चन,कटरीना  कैफ, इरफान खान सहित कई कलाकारों के साथ विज्ञापन फिल्में की हैं.इरफान खान व मल्लिका शेहरावत के साथ मैंने फिल्म‘‘हिस्स’’ और ‘‘ब्लैकमेल’’की है.सच कहूं तो इरफान खान ने फिल्म ‘‘हिस्स’’की शूटिंग के दौरान अभिनय को लेकर मुझे बहुत कुछ सिखाया,जिसे मैं कभी भुला नहीं सकता.मैंने राजकुमार संतोषी के निर्देशन में अजय देवगन के साथ फिल्म ‘‘हल्ला बोल’की है.उस वक्त मैं एकदम नया था,जबकि अजय देवगन सुपर स्टार थे.पर मुझे अजय देवगन ने अहसास नहीं कराया   कि मैं न्यूकमर हूं. अमिताभ बच्चन के साथ मैंने ‘नवरतन तेल’’का विज्ञापन किया.अभी मैंने एक स्वच्छता अभियान पर विज्ञापन फिल्म की है,जिसमें अमिताभ बच्चन,कटरीना कैफ,ईशा कोपीकर व रवि किशन हैं.

सवाल- आपके शौक क्या हैं?

-दौड़ना,मेडीटेशन करना,अध्यात्म में मेरी रूचि है.पूजा पाठ में मेरी रूचि है.मुझे सुबह शाम शंखनाद करने में बड़ा मजा आता है.किताबें पढ़ने का शौक है.मुझे संगीत का भी शौक है. मैं हरमोनियम बजा लेता हूं और हर दिन हरमोनियम बजाता हूं.अभी मैंने एक बड़ा सा बंैजो खरीदा है.जब खाली वक्त मिलता है,तब बंैजो बजाता हूं.बैंजो बजाते हुए तीन चार घंटे कैसे बीत जाते हैं,मुझे पता ही नही चलता.

सवाल- आपके भाई लेखक थे,उनकी प्रगति ?

-वह छत्तीसगढ़ में ही रहते हैं.अब तक उनकी कम से कम 20 किताबें आ चुकी हैं.बहुत जल्द भइया की बिटिया रानी को सरकारी नौकरी मिल जाएगी,ऐसी उम्मीद है.

सवाल- आप किताबें कौन सी पढ़ते हैं?

-ओशो रजनीश की किताबें पढ़ना मुझे पसंद है.स्वामी विवेकानंद,एपीजे अब्दुल कलाम को मैंने बहुत पढ़ा है. महापुरूषों की जीवनी पढ़ने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

सवाल- वेब सीरीज नहीं कर रहे?

-आज की तारीख में इस बारे में मैं बहुत ज्यादा विस्तार से नहीं बता सकता.लेकिन जब से मैंने ऐसी फिल्मों की तलाश शुरू की है,जिनके लिए मैं आठ दस दिन की शूटिंग कर सकूं,तब से मेरे पास वेब सीरीज के आॅफर आने शुरू हुए हैं.फिलहाल दो वेब सीरीज की बात लगभग तय है.पर अभी तक शूटिंग नहीं की है. इसलिए उनके बारे में जिक्र करना अभी ठीक नही होगा.

सवाल- कुछ नया..?

-मैंने अभी सचिन तेंदुलकर के साथ भी एक इंटरनेशनल विज्ञापन फिल्म की है.यह एड फिल्म लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए है.मसलन कान में ईअर फोन लगाकर सड़क पार ना करें.यदि आप सड़क पर अपनी कार लेकर जा रहे हैं, और एम्बुलेंस गाड़ी की आवाज आए, तो उसे जाने की जगह दें.

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