पारसी एक्टर्स को लेकर करण की नई स्टूडेंट ने किया ये खुलासा…

आखिर पारसी मूल के कलाकार हिंदी सिनेमा से दूरी क्यो बनाकर रखते हैं? इस तरह के कई सवाल जब हमने ‘‘धर्मा प्रोडक्शन’’ की पहली फीमेल पारसी एक्ट्रेस तारा सुतारिया के सामने रखा, तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से इसके लिए पारसियों की परवरिश को ही जिम्मेदार ठहराया. तारा नृत्य व औपेरा संगीत जगत में अपनी एक अलग पहचान राने वाली पारसी मूल की कलाकार हैं.

हाल ही में मुंबई के पांच सितारा होटल में फिल्म ‘‘स्टूडेंट औफ द ईअर 2’’ के सिलसिले में बातचीत करने के लिए तारा सुतारिया से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उनके सामने पारसी मूल के कलाकारों को लेकर कई सवाल रखे, जिसका तारा सुतारिया ने एक्सलूसिव जवाब हमें दिए.

हमने तारा सुतारिया से पूछा-‘‘आप खुद पारसी हैं और पारसी थिएटर की एक बहुत पुरानी परंपरा रही है.पारसी थिएटर लोगों को बहुत पसंद भी आता रहा है. इसके बावजूद इन दिनों पारसी थिएटर लप्त होता जा रहा है. इसकी वजहें क्या हैं और क्या आपने पारसी थिएटर पर कुछ काम किया है? इस पर तारा सुतायिर ने कहा-‘‘मैंने पारसी नाटक देखे जरूर हैं. दक्षिण मुंबई में तो पारसी थिएटर का अपना गढ़ रहा है. लोग पारसी थिएटर को बहुत पसंद भी करते थे.दो साल पहले मैंने एनसीपीए में ही दो पारसी नाटक देखे थे.पर धीरे धीरे पारसी थिएटर की परंपरा लुप्त हो रही है. मैं और मेरी मां अक्सर यह सोचते हैं कि जब हम पारसी लोग थिएटर में इतना अग्रणी थे,तो फिर अब डूब क्यों रहे हैं? अभी तक तो मुझे इसका जवाब नहीं मिला कि पारसी थिएटर लुप्त क्यों हो रहा है.’’

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जब हमने तारा सुतारिया से कहा ‘‘बौलीवुड से पारसी कलाकार बहुत कम जुड़ते हैं?’ तो तारा सुतारिया ने कहा- ‘‘आपने एकदम सही कहा. मैं और मेरी मम्मी अक्सर इस विषय पर बात करते हैं कि बॉलीवुड में पारसी कलाकार न के बराबर क्यों हैं? मैंने अपने परिवार को और अपने पारसी दोस्तों को नजदीक से देखा है, उससे मुझे जो बात समझ आयी वह यह है कि हम पारसी वेस्टर्न की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं. हम वेस्टर्न नाइज तरीके से रहते हैं और अंगे्रजी में ही बात करना पसंद करते हैं, जबकि बौलीवुड के लिए हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है. शायद यही वजह है कि बौलीवुड में पारसी कम हैं, पर मुझे उम्मीद है कि मैं इसे बदल कर रहूंगी. मैं बौलीवुड में सफलता के झंडे गाडूंगी, क्योंकि मुझे हिंदी बहुत पसंद है.’’

अपनी बात को जारी रखते हुए तारा सुतारिया ने आगे कहा-‘‘दूसरी वजह यह है कि पारसी बच्चे जिस माहौल में परवरिश पाते हैं,उसका भी उन पर असर होता है.इसलिए वह बौलीवुड की बजाय वेस्टर्न चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं.पर मैं चाहती हूं कि दूसरे पारसी भी बौलीवुड से जुडे़ं.’’

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बता दें, बौलीवुड में पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ का निमार्णकर पारसी फिल्मकार आरदेशीर ईरानी ने एक नए इतिहास का सूत्रपात किया था. उसके बाद पारसी मूल के जेबीएच और होमी वाडिया ने भी कई फिल्में बनायी. फिर पारसी मूल के ही सोहराब मोदी ने कई फिल्मों का निर्माण व उनमें अभिनय किया.

1931 से 2019 के बीच बौलीवुड फिल्मो में अभिनय करने वाले पारसी मूल के कलाकारों में डेजी ईरानी, हनी ईरानी, अरूणा इरानी, नरगिस राबाडी उर्फ शम्मी,परसिस खंबाटा, दिनयार काट्रेक्टर,शेरनाज पटेल, पेरीजाद जोराबियन, शेरनाज टायरवाला, कुरूश डेबू, बोमन ईरानी, फ्रेडी दारूवाला, जिम सर्भ, अमारा दस्तूर जैसे चंद कलाकारों ने ही अभिनय किया है. इनमें से अरूणा ईरानी,बोमन ईरानी,शम्मी जैसे कुछ पारसी मूल के कलाकारों के ही नाम आम लोगों की जुबान पर हैं.

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5 स्किन टिप्स: गरमी में संतरे का छिलका आएगा बहुत काम

अक्सर हम संतरा खाकर उसका छिलका डस्टबिन में फेंक देते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि संतरा जितना सेहत के लिए हेल्पफुल है संतरे का छिलका उतना ही स्किन के लिए फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद एंटी-औक्सीडेंट गुण स्किन और बाल दोनों को निखारने का काम करता है. संतरे के छिलके को आप धूप में सूखाकर पाउडर बनाकर फेस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. आज हम आपको संतरे के छिलके के उन फायदों के बारे में बताएंगे, जिससे आप संतरे के छिलके को अपनी स्किन पर लगाने के लिए मजबूर हो जाएंगें. तो जानते हैं इसके फायदे…

1. टैनिंग दूर करने के लिए करें इस्तेमाल

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संतरे के छिलके के पाउडर को हनी के साथ मिलाकर लगाने से टैनिंग दूर हो जाती है और चेहरे पर निखार आता है.

2. स्किन के छोटे सेल्स को खोलने में मददगार

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संतरे के छिलके के पाउडर में कुछ मात्रा दही की मिलाकर इसे फेस पर लगाने से छोटे सेल्स खुल जाते हैं और साथ ही ब्लैक हेड्स भी साफ हो जाते हैं.

3. कील मुंहासों की प्रौब्लम्स के लिए है इफैक्टिव

संतरे के छिलके का पाउडर स्किन पर मौजूद सारी गंदगी को साफ कर देता है. इस पाउडर में थोड़ी सी मात्रा गुलाब जल की मिलाकर लगाने से कील-मुंहासों की प्रौब्लम को दूर करने में फायदा होता है.

4. दाग-धब्बे दूर करने में है मददगार

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संतरे के छिलके में रंगत साफ करने में मददगार होता है. जिसके चलते किसी भी प्रकार के दाग-धब्बे को दूर करने में ये बहुत ही कारगर होता है

5. बालों के लिए भी फायदेमंद

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संतरे का छिलका न केवल स्किन के लिए फायदेमंद है बल्क‍ि बालों के लिए भी किसी मैडिसिन से कम नहीं है. ये रूसी दूर करने में बहुत ही कारगर है. साथ ही अगर आपके बाल बहुत ज्यादा गिर रहे हैं और अपनी चमक खो चुके हैं तो भी संतरे का छिलका इस्तेमाल किया जा सकता है.

घर पर पुलाव के साथ परोंसें मिक्स अचार

गरमी हो चाहे सरदी, चावल , रोटी या हो पुलाव अचार के साथ खाना कोई नहीं भूलता. इंडियन किचन में अगर अचार न मिले तो यह अजीब लगता है. तो आइए आज हम आपको कैसे घर पर टेस्टी और हेल्दी मिक्स अचार बनाने की रेसिपी बताते हैं, जिसका मजा आप कई महीनों तक ले सकते हैं . साथ ही अपने परिवार और दोस्तों की वाह-वाही भी बटोर सकते हैं.

हमें चाहिए…

1 कटोरी (कटी हुई) कच्चे आम

1 कटोरी (कटी हुई) फूल गोभी

1 कटोरी (कटी हुई) गाजर

1 कटोरी (कटे हुए) नींबू

1 कटोरी (बारीक कतरी हुई) हरी मिर्च

1 छोटा चम्मच (कुटी हुई) सौंफ

1 छोटा चम्मच (कुटा हुआ) खड़ी धनिया

1 छोटा चम्मच (कुटी हुई) राई

1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

1/2 छोटा चम्मच  लाल मिर्च पाउडर

2 नग (साबुत) लाल मिर्च,

4-6 नग करी पत्ता

1 चुटकी हींग

2 बड़े चम्मच  सफेद सिरका

1/2 कप सरसों का तेल

नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

-सबसे पहले पानी गरम में 1 छोटा चम्मच नमक मिलाकर उसमें गोभी के टुकड़े डाल दें और 10-15 मिनट के लिये ढक कर रख दें. साथ ही सभी सब्जियों को अच्‍छी तरह से धो लें.

-अब एक बर्तन में इतना पानी गरम करें कि उसमें सारी सब्जियां डूब सकें. पानी में उबाल आने पर, उसमें सारी कटी हुई सब्जियां डाल दें और 3-4 मिनिट उबाल लें. इसके बाद गैस बंद कर दें और सब्जियों को पांच मिनट तक ढकी हुई रखी रहने दें.

-इसके बाद सब्जियों का सारा पानी निकाल दें. फिर मोटे कपडे के सारी सब्जियों को धूप में फैला दें और 5-6 घंटे सुखा लें, जिससे उनका सारा पानी निकल जाए.

– अब सब्जियों को बर्तन में पलट लें और उसमें सौंफ, धनिया, हल्दी, लाल मिर्च और हींग और एक बड़ा चम्‍मच सरसों का तेल डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इसके साथ ही सिरका भी डालें और मिक्‍स कर लें.

– अब एक फ्राई पैन में बचा हुआ सरसों का तेल गरम करें. तेल गरम होने पर उसमें राई, करी पत्ता, और साबुत लाल मिर्च को तोड़ कर डालें और हल्‍का सा भून लें. इसके बाद गैस बंद कर दें और तेल को ठंडा हो जाने दें. फिर उसे सब्जियों में मिला दें.

-इसे सूखे कांच या प्लास्टिक कन्टेनर में भर कर रख लें और हर दूसरे दिन सूखे चम्‍मच से अचार को ऊपर नीचे कर लें. 3-4 दिनों में अचार खट्टा और स्वादिष्ट हो जाता है. इसके बाद इसे पुलाव या दाल चावल या परांठे के साथ परोसें

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जानें इंटीमेट सीन को लेकर क्या बोलीं टीवी की लाडली ‘बेटी’

टीवी सीरियल ‘एक वीर की अरदास वीरा’ में एक साधारण लड़की का किरदार निभाकर अभिनय करियर की शुरूआत करने वाली अभिनेत्री दिगांगना सूर्यवंशी अब तेलगू फिल्म ‘हिप्पी’ में अभिनेता कार्तिकेय के संग बोल्ड किरदार में नजर आने वाली हैं. यूं तो वह सीरियल ‘एक वीर की अरदास वीरा’ के बाद तीन बौलीवुड फिल्मों ‘जलेबी’, ‘फ्रायडे’ और ‘रंगीला राजा’ में नजर आ चुकी हैं. मगर इन फिल्मों से उनकी कोई पहचान नहीं बनी.

बहरहाल,अब 5 जून को रिलीज के लिए तैयार तेलगू फिल्म ‘हिप्पी’ में दिगांगना सूर्यवंशी स्टीमी किसिंग सीन करते हुए नजर आने वाली हैं. इस पर दिगांगना कहती हैं- ‘‘मैं नहीं मानती कि दर्शक इस फिल्म को महज इंटीमेसी सीन के लिए देखने जाएगा. अब दर्शकों की सोच बदल चुकी है. वह काफी मैच्योर हो चुके हैं. युवा पीढ़ी फिल्म में उत्कृष्ट कहानी व कलाकारों की परफार्मेंस देखने के लिए जाती है. फिल्म की कहानी पर निर्भर करता है कि वह किस तरह इंटीमेसी को आगे ले जाती है. इस सीन के फिल्मांकन के दौरान मैं बहुत सहज थी. जबकि सीन व तकनीकी विवरण मेरे दिमाग में सतत घूम रहे थे. एक कलाकार के तौर पर निरंतर खुद को विकसित करना चाहती हूं, इसलिए मै हर तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना चाहती हूं. मैं दर्शकों के सामने अपनी बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहती हूं.’’

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क्या बिग बौस की हौट कंटेस्टेंट ने की गुपचुप सगाई? फैंस ने पूछा सवाल 

दिगांगना सूर्यवंशी का कैरियर लगातार आगे बढ़ रहा है. उन्हे बौलीवुड में एक बड़े बैनर की फिल्म के लिए अनुबंधित किया गया है,मगर दिगांगना चाहती हैं कि पहले निर्माता की तरफ से इसकी घोषणा हो जाए,फिर वह उस पर बात करना चाहेंगी.

फिगर भी बर्गर भी…

ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ता है और एक्सरसाइज करने व सेहतमंद भोजन से अच्छी फिगर बनती है, यह ठीक है पर आखिर ये फिगर और फूड का संबंध इतना अच्छा नहीं है जितना हम सभी चाहते हैं. फिगर भी बनानी है और बर्गर दिन में 3 बार खाना भी है. उसके बाद पछताना भी है लेकिन खाना नहीं छोड़ना.

इस पर या तो अपने खाने की आदतों में सुधार करने की जरूरत है या फिगर पाना भूलने की. अब फिगर पाने की चाह को मारना आसान नहीं है. आखिर होगा भी कैसे, जब टीवी देखो तो एक से एक जीरो साइज फिगर की अभिनेत्रियां नजर आती हैं. इंस्टाग्राम खोलो तो सुडौल शरीर की मौडल. फैशन में ड्रैसेज ऐसी बनने लगी हैं जिन में यदि पेट एक इंच भी बाहर दिख जाए तो ड्रैस का लुक खराब हो जाता है और पैर जरा मोटे हों तो शौर्ट्स पहनना बेकार.

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1 अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज न आना

कितनी बार तो होता यों है कि अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज इतना ज्यादा छोटा होता है कि जीरो साइज से एक साइज ज्यादा वाला भी उन्हें नहीं पहन सकता. सो, फिगर को भूल पाना तो नामुमकिन ही है क्योंकि फिगर भूल कर आप आगे बढ़ने की कोशिश करें भी तो आप के आसपास वाले आप के रास्ते में रोड़े बन कर खड़े हो जाएंगे.

सेहत भी शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति की ही अच्छी होती है तो फिगर में रहने की जरूरत भी है. लेकिन फिगर की जो समझ हमें दी जा रही है, असल में वह ठीक नहीं है. ऐसे भी तरीके हैं जिन से आप फिगर में बने भी रह सकती हैं और आप को अपने बर्गर का त्याग भी नहीं करना पड़ेगा.

2 फिगर की गलत परिभाषा से निकलना

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हम सभी के लिए सही फिगर वह है जिसे हम फिल्मों और अखबारों में आए दिन देखते हैं. वर्तमान समय में आप जितनी पतली दिख सकती हैं उतनी दिखें क्योंकि अच्छी फिगर की परिभाषा ही यह बन गई है, पतला दिखना. पेट अंदर होना चाहिए, कमर पतली होनी चाहिए, वक्ष और नितंब का आकार जितना ज्यादा बाहर की तरफ हो उतना अच्छा और न भी हो तब भी ठीक है. बस, पतली दिखनी चाहिए.

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यह ज्यादातर लड़कियों में है. पर ऐसी फिगर को पाने के लिए वह अपने खाने को लेकर इतनी गंभीर हो जाती हैं कि आसानी से ईटिंग डिस्और्डर की चपेट में आ जाती हैं.

3 ईटिंग डिस्और्डर का हो सकते हैं शिकार

इस ईटिंग डिस्और्डर में एक डिस्और्डर है बुलिमिया नर्वोसा जिसे हम बुलिमिया के नाम से भी जानते हैं. बुलिमिया की सही परिभाषा देते हुए बौलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने बताया कि बौलीवुड में आ कर उन्होंने अपने आत्मविश्वास को किस तरह खो दिया और कैसे एक सही फिगर की चाह ने उन्हें बुलिमिया की गोद में ढकेल दिया. वे बताती हैं, ‘‘मुझे कहा गया कि मुझे वजन बढ़ाना चाहिए, फिर कहा गया कि वजन घटाना चाहिए, अपनी नाक ठीक, होंठ मोटे, फैट घटाना, अपने बाल बढ़ाना या काट लेना, हाईलाइट, फेक आईलैश एक्सटैंशन कराना चाहिए और बड़े नितंब के लिए स्क्वैट करना चाहिए.’’

उन्होंने बताया कि किस तरह अपने फिगर को सही करने के लिए उन्होंने खाना खाते ही उलटी कर देना और बारबार खाना शुरू कर दिया, वह कुछ भी खातीं तो यह सोच कर परेशान हो जातीं कि कहीं उन का वजन न बढ़ जाए. वे बुलिमिया की शिकार हो गईं. साथ ही, डिप्रैशन, एंग्जायटी और इनसोमिनिया की भी.

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रिचा की तरह ऐसी कितनी ही लड़कियां हैं जो केवल इसीलिए अपनी फिगर को ले कर फिक्रमंद रहती हैं. जबकि यूएस नैशनल रिसर्च कौंसिल की एक स्टडी के अनुसार, स्वास्थ्य का असली मतलब शरीर के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना है. सही फिगर के रूप में आवरग्लास और पीअर शेप को सही बताया गया है. यानी, जीरो साइज होना ही स्वस्थ और सही फिगर में होना नहीं है.

किसी भी तरह से फिगर की प्रवृत्ति को किसी लड़की पर थोप कर उसे बौडीशेम करना सही नहीं है, लड़की चाहे किसी भी शेप की हो, उस का स्वस्थ होना आवश्यक है. स्वस्थ होने के लिए सही खानपान और व्यायाम करना ही पर्याप्त है. पेट अंदर होना जरूरी इसलिए है क्योंकि इस से सिद्ध होता है कि शरीर में कोलैस्ट्रौल और वसा की मात्रा सही है और वह ओबेसिटी, ब्लडप्रैशर और मधुमेह का कारण नहीं बनेगी.

4 खानपान की आदतों में बदलाव जरूरी

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लड़कियों में अकसर फिगर को ले कर चिंता रहती है लेकिन मन खाने की ओर भी लगा रहता है. इस के परिणामस्वरूप ग्लानि में ही वे रोज वसा और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करने लगती हैं. इसी तरह फूड मैमोरी के कारण वे रोज ही अपने स्वास्थ्य में बाधा उत्पन्न करती हैं. फूड मैमोरी का अर्थ है, मान लीजिए आप रोज शाम 4 बजे चाय पीती हैं तो इस से होता यह है कि आप के दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि आप को शाम 4 बजे चाय पीनी है.

4 बजते ही आप को चाय की तलब लगनी शुरू हो जाती है. इसी तरह यदि आप रोज रात में खाने के बाद भी चौकलेट या चिप्स खाने के लिए आतुर होती हैं तो यह सब आप की फूड मैमोरी का कियाधरा है. इसे खत्म करने के लिए आप को लगातार कुछ दिन अपनी असमय खाने की आदतों को बंद करना होगा.

तेजी से वजन कम करना है खतरनाक

इसी तरह एक और खाने से जुड़ी आदत है जिसे नौन हंगरी ईटिंग कहा जाता है. नौन हंगरी ईटिंग में लड़कियां अपनी क्रेविंग्स के चलते कुछ न कुछ खाती रहती हैं. यह क्रेविंग्स भूख के कारण नहीं होती बल्कि खाने के स्वाद के लालच की होती है. अचानक से केक, चौकलेट या कुछ चटपटा खाने का मन करना फूड क्रेविंग है.

बिना भूख के खाने से आप के पाचनतंत्र पर असर पड़ता है जिस से शरीर में फैट जमा होने लगता है. इस नौन हंगरी ईटिंग से बचने के लिए अपनी क्रेविंग्स को दूर करें लेकिन केवल टेस्ट करें और बाकी भूख लगने पर ही खाएं.

5 कोशिश करें कि हैल्दी फूड खाएं …

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गिल्ट ईटिंग भी खाने का एक प्रकार है जिसमें लड़कियां अच्छे फिगर की चाह के साथ-साथ खाने की चाह भी कम नहीं करतीं और परिणामस्वरूप गिल्ट ईटिंग करने लगती हैं. मतलब जंकफूड खाती भी हैं और पछताती भी हैं. इस से शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के साथसाथ वे अपना मानसिक स्वास्थ्य भी बिगाड़ लेती हैं.

जो सैलिब्रिटीज जैसा फिगर पाना चाहती हैं उन्हें उस फिगर को पाने के लिए साधारण खाने का त्याग करना पड़ता है. वे अपने घर का खाना तक नहीं खा पातीं और इतनी स्ट्रिक्ट डाइट फौलो करती हैं कि उन का मानसिक स्वास्थ्य भी उस से अत्यधिक प्रभावित होता है. आम लड़कियों व महिलाओं का ऐसी फिगर को पाने की चाह रखने से बेहतर स्वस्थ शरीर की चाह रखना ज्यादा जरूरी होना चाहिए.

शादी से पहले कौंट्रासैप्टिव पिल लें या नहीं

फिगर और बर्गर में से एक को चुनने के बजाय आप दोनों चुन सकती हैं. बस, करना यह है कि खाने की बाकी सभी बुरी आदतों को हटा दिया जाए और हफ्ते में एक बार खुशी से थोड़ाबहुत खा लिया जाए. व्यायाम करना बेहद जरूरी है पर उतना जितना आवश्यक हो.

फिगर की धारणा जो इस समय सोसाइटी में मौजूद है वह गलत है. इस से प्रभावित हो कर अपनी सेहत से खिलवाड़ करने के बजाय एक्सपर्ट से सलाह लें. लड़कियों का बड़ी मात्रा में परफैक्ट फिगर के पीछे भागना सचमुच ही चिंता का विषय है, जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.

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5 टिप्स: स्किन के लिए खजाने से कम नही पपीता

फ्रूटस सेहत के लिए जितना फायदेमंद होता है उतना ही स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. लोगों का मानना है कि सुबह उठकर खाली पेट खाने से हेल्थ अच्छी रहती है. पपीते को अक्सर स्किन प्रौडक्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे की पपीता कौन-कौन सी प्रौब्लम स्किन प्रौब्लम से बचाएगा. साथ ही बेदाग, शाइनी और सौफ्ट स्किन देगा.

1. डेड स्किन को हटाने के लिए बेस्ट है पपीता

पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन ए और पैपेन एंजाइम भी पाया जाता है. पपीता डेड स्किन को हटाने का काम करता है. साथ ही ये स्किन को हाइड्रेटेड रखता है.

क्या आप भी मलाई जैसी मुलायम त्वचा चाहती हैं?

अगर आप ग्लोइंग स्किन पाना चाहते हैं तो आपको पपीते और हनी के मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. आधा कटा पपीता लेकर उसमें तीन चम्मच हनी मिला लें. इसे चेहरे समेत गर्दन तक लगाएं. 20 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें.

2. पिंपल की प्रौब्लम से बचाएगा पपीता

अगर आप पिंपल की प्रौब्लम से परेशान हैं तो पपीता आपके काम की चीज है. कील-मुंहासे कम हो जाने के पर भी चेहरे पर दाग रह जाते हैं जिससे चेहरे की रंगत कम हो जाती है.

दूध से पाएं सौफ्ट एंड शाइनी स्किन

अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान हैं तो पपीते का एक टुकड़ा लेकर चेहरे पर मल लें. नियमित रूप से 20 मिनट ऐसा करने से आपके चेहरे के सारे दाग साफ हो जाएंगे.

3. फटी एडियों के लिए को सौफ्ट बनाएं पपीता

चेहरे के साथ ही पपीता फटी एडि़यों के लिए भी बहुत बेहतरीन है. फटी एडि़यों में इसके इस्तेमाल से फायदा होता है.

4. डैंड्रफ प्रौब्लम को दूर करने में मदद करे पपीता

पपीते का हेयर मास्क ड्राई और बेजान स्कैल्प को पोषित करने का काम करता है. पपीते के बीज निकालकर उसे अच्छी तरह मल लें. उसमें आधा कप दही मिला लें. इस पेस्ट को करीब 30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें. ऐसा करने से स्कैल्प को पोषण और डैंड्रफ प्रौब्लम से राहत भी मिलेगी.

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5. विटामिन, एंजाइम्स और मिनरल्स का खजाना है पपीता

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पपीता विटामिन, एंजाइम्स और मिनरल्स का खजाना है. अपने इन्हीं गुणों के चलते ये एक नेचुरल कंडीशनर भी है. ये बालों को शाइनी और सौफ्ट बनाने का काम करता है.

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खुलासा: इस मामले में टाइगर की बराबरी नही कर सकतीं अनन्या पांडे

‘टीन सेन्सेशन’ के रूप में चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे अब करण जौहर की पुनीत मल्होत्रा निर्देशित फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईअर 2’ से बौलीवुड में एंट्री कर चुकी हैं. सेलेब्रिटी इंडोरसर की हैसियत से अनन्या कौस्मैटिक प्रोडक्ट को इंडोर्स करने वाली सबसे कम उम्र की एक्ट्रेस हैं. पेश है अनन्या पांडे से एक्सक्लूसिव बातचीत…

एक्टिंग को करियर बनाने की कोई खास वजह रही?

-मेरे दादाजी डौ स्व. शरद पांडे मशहूर हार्ट सर्जन थे. जबकि मेरे डैड चंकी पांडे मशहूर फिल्म अभिनेता हैं. जब मैं पांच साल की थी, तभी मेरे दादाजी गुजर गए थे. इसलिए मुझ पर उनका कोई असर नहीं पड़ा. मेरी परवरिश फिल्मी माहौल में ही हुई. शायद इसी के चलते मैंने बहुत छोटी उम्र में ही एक्ट्रेसबनने का निर्णय ले लिया था. यह फिल्मी कीड़ा मुझमें शुरू से रहा है. इसके अलावा मेरे सारे दोस्तों ने भी मुझे हमेशा अभिनय करने के लिए ही उकसाया. इतना ही नही बचपन से ही मैं बौलीवुड फिल्म देखने की बहुत शौकीन रही हूं. हम बचपन से ही अलाना और सनाया के साथ घर में कई तरह के खेल खेलते थे. हम अपनी मम्मी की नकल किया करते थे. तो शुरू से ही अभिनय का कीड़ा रहा है.

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तो आप अपने डैड के साथ फिल्म के सेट पर भी जाती रही होंगी?

-नहीं… मेरे डैड फिल्मों में अभिनय कर रहे थे, इसके बावजूद वह मुझे किसी भी फिल्मी पार्टी में या शूटिंग के दौरान फिल्मी सेट पर नहीं लेकर गए. अब तक मेरी पूरी जिंदगी बहुत ही साधारण ढंग से बीती है. मेरे माता-पिता ने अब तक मुझे ग्लैमर से दूर ही रखा.

क्या स्कूल के दिनों में भी आप एक्टिंग करती थीं?

-स्कूल में मैंने ड्रामा और हिंदी विषय ले रखा था. इसलिए तमाम नाटकों में मैंने एक्टिंग की है. एक बार जब मैंने अपने स्कूल के एनुयल प्रोगाम में एक्टिंग की और मुझे अवार्ड मिला, उस नाटक में मेरी एक्टिंग को देखकर मेरे डैड (चंकी) को पहली बार अहसास हुआ कि मैं आगे चलकर एक्ट्रेस ही बनूंगी. उससे पहले भी मैंने कई बार उनसे कहा था कि मैं आगे चलकर एक्ट्रेस बनूंगी, पर तब उन्होंने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया था. स्कूल में जब मेरे सभी दोस्त स्पैनिश भाषा पढ़ रहे थे, तब मैने स्पैनिश की बजाय हिंदी पढ़ी. क्योंकि मैंने सुना था कि एक्टिंग की फील्ड में हिंदी आना जरुरी है.

क्या बिग बौस की हौट कंटेस्टेंट ने की गुपचुप सगाई? फैंस ने पूछा सवाल 

सुना है कि आप फिल्म निर्देशक बनना चाहती थी?

-जी नहीं…असल में फिल्म विधा को नजदीक से समझने के लिए मैंने फिल्म ‘रईस’ में बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर काम किया था. बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर काम करने के पीछे वजह यह थी कि मैं यह जानना चाहती थी कि हम परदे पर जो कुछ देखते हैं, उसके पीछे क्या क्या होता है. इससे पहले तो मुझे यह भी नहीं पता था कि शूटिंग के दौरान कितनी लाइट उपयोग में लायी जाती है? कैमरा फेसिंग क्या होती है? फिल्म ‘रईस’के सेट पर मैंने हर विभाग के बारे में जानकारी हासिल की. फिल्म ‘रईस’ के सेट पर सहायक निर्देशक के तौर पर मुझे काम करते देख कुछ लोगों को गलतफहमी हुई थी कि मुझे निर्देशक बनना है, जबकि मैंने उस वक्त ही साफ कर दिया था कि मुझे तो एक्ट्रेस ही बनना है.

फिल्मस्टूडेंट आफ द ईअर 2’ से कैसे जुड़ी?

-करण जौहर की फिल्म ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’ से एक्टिंग की शुरूआत होना एक सपने के पूरे होने जैसा है. करण सर की फिल्मों में एक्टिंग करना गर्व की बात होती है. करण सर अपनी फिल्मों में अपने कलाकारों को बहुत खूबसूरती के साथ पेश करते हैं. इतना ही नहीं करण सर की फिल्मों में मैंने ‘स्टूडेंट आफ द ईअर’ देख रखी थी. सबसे बड़ी बात यह है कि यह मेरी पसंदीदा फिल्म रही है. इस फिल्म को देखकर मैंने सोच लिया था कि मुझे भी आलिया ही बनना है यानी कि ‘स्टूडेंट आफ द ईअर’ की शनाया बनना है. ऐसे में जब मुझे पता चला कि वह ‘स्टूडेंट आफ द ईअर’ का सीक्वअल ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’ बना रहे हैं और इसके लिए औडीशंस हो रहे हैं, तो मैं भी बिना अपनी पहचान बताए औडीशन देने पहुंच गई. मुझे दो सीन के लिए औडीशन देना पडा. एक रोने धोने वाले इमोशनल सीन का और दूसरा लाउड सीन का. मेरा औडीशन उन्हे पसंद आ गया और मुझे यह फिल्म मिल गयी. उसके बाद फिल्म के निर्देशक पुनीत मल्होत्रा से मुलाकात हुई. फिर एक साल तक हम तीनों कलाकारों के साथ स्क्रिप्ट रीडिंग का वर्कशौप चलता रहा.

नेपोटिज्म पर खुलकर बोलीं करण की नई स्टूडेंट, ऐसी की सबकी बोलती बंद

फिल्म के अपने किरदार पर रोशनी डालना चाहेंगी?

-यह सेंट टेरीसा कौलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की कहानी है. मैने इसमें श्रेया का किरदार निभाया है, जो कि रोहन (टाइगर श्राफ), मिया (तारा सुतारिया) और मानव (आदित्य सील) के साथ ही इस कौलेज में पढ़ती है. श्रेया ऐसी फनी लड़की है, जिसके साथ हर लड़की रिलेट करेगी. उसमें बहुत जोश है. वो बिंदास और निडर है. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मुझे अपने स्कूल के दिन बहुत याद आए.

फिल्मस्टूडेंट आफ द ईअर 2’’का जो गाना रिलीज हुआ है, उसे देख लोग आपके डांस की तारीफ कर रहे हैं. क्या आपने डांस की कोई ट्रेनिंग हासिल कर रखी है?

-जी हां! मुझे लगता है कि मैंने डांस की जो ट्रेनिंग ले रखी है, उसके चलते इस फिल्म के कई मुश्किल डांस हम कर पाए. मैंने कत्थक की ट्रेनिंग ली है. मैं खुद को प्रोफेशनल डांसर नहीं मानती, लेकिन मैं पांच साल की उम्र से कत्थक सीखती आ रही हूं. मुझे कत्थक डांस और इसमें जो भाव भगिमाएं होती हैं, वह सब बहुत पसंद है. फिर भी फिल्म ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’ की शूटिंग के दौरान हर डांस की शूटिंग से पहले मुझे कुछ समय टाइगर श्राफ के साथ डांस की प्रैक्टिस करनी पड़ी. डांस करते समय मुझे तकलीफ नही हुई, लेकिन यदि आप यह सोचे कि मैंने टाइगर श्राफ के लेवल का डांस किया है, तो ऐसा नहीं है. डांस में मैं उसकी बराबरी नहीं कर सकती.

टाइगर श्राफ  के साथ काम करने का एक्सपीरयंस कैसा रहा?

-टाइगर श्राफ ने मुझे इस बात का अहसास ही नहीं कराया कि उसकी कुछ फिल्में रिलीज हो चुकी हैं. वह हमेशा सेट पर ही रहते थे, स्टारपना दिखाते हुए कभी अपनी वैनिटी वैन में जाकर नही बैठे. हर सीन में हमारे साथ रिहर्सल करते थे. सेट पर तो टाइगर श्राफ लाइटिंग वगैरह के बारे में मुझे बहुत कुछ बताया. मैंने टाइगर श्राफ से बहुत कुछ सीखा. वह सीन के बीच में मुझे बताते थे कि मुझे कैमरे के सामने कहां खड़ा होना चाहिए.

आपकी पहली फिल्म पुरानी फिल्म की सक्वअल है और दूसरी फिल्म एक पुरानी फिल्म का रीमेक हैं?

-आपकी बात कुछ हद तक सच है. मैं फिल्म ‘‘पति पत्नी और वह’ कर रही हूं, जिसमें मेरे साथ कार्तिक आर्यन और भूमि पेंडनेकर हैं. इसी फिल्म को रीमेक फिल्म कहा जा रहा है. जबकि यह पूरा सच नही है. वास्तव में हमारी यह फिल्म 1978 में रिलीज हुई बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘‘पति पत्नी और वो’ की आइडिया पर बन रही माडर्न जमाने की फिल्म है.

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फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’ का ट्रेलर आने के बाद आपके स्कूल के दोस्तों ने क्या कहा?

-मैं आज भी अपने स्कूल के दोस्तों के साथ जुड़ी हुई हूं. पर अफसोस मेरे स्कूल के ज्यादातर दोस्त कौलेज की पढ़ाई करने के लिए अमरीका में हैं. मेरी फिल्म का ट्रेलर आने के बाद अमरीका में यूट्यूब पर देखकर सभी ने मुझे बधाई संदेश भेजे. मेरे दोस्त अमेरिका में लोगों को मेरी फिल्म का ट्रेलर दिखाते हुए मेरे बारे में बता रहे हैं. मैं अभी अमेरिका गयी नहीं, उससे पहले ही अमरीका में लोग मुझे जानने लगे हैं. यदि मेरी फिल्म वहां रिलीज होगी, तो मुझे इसका फायदा जरूर मिलेगा.

आप अमेरिका में बसे अपने दोस्तों के साथ किस तरह से सपंर्क में रहती हैं?

-देखिए, सोशल मीडिया पर जुड़ने की वजह यही है. सोशल मीडिया के चलते मैं अपने दोस्तों के साथ जुड़ी रहती हूं. मैं वौटसअप पर भी उनसे बात करती हूं. फोन पर भी बात करती हूं. ईमेल से भी बात करती हूं.

सोशल मीडिया पर आप कितना वक्त बिताती हैं?

-मैं सोशल मीडिया पर बहुत बिजी रहती हूं. मुझे इंस्टाग्राम बहुत पसंद है. इंस्टाग्राम पर मेरे 1.75 मिलियन फौलोवर्स हैं. मैंने अपनी कोई टीम नही रखी है. जो मुझे पसंद आता है, वह मैं इंस्टाग्राम पर डालती रहती हूं. मैं अपने दोस्तों के साथ कुछ वीडियो बनाती हूं, वह भी इंस्टाग्राम पर डालती हूं. यदि मैं खाना खा रही हूं, तो वह फोटो खींचकर इंस्टाग्राम पर डाल देती हूं. मेरा मानना हैं कि लोग बनावट नहीं, बल्कि असलियत जानना चाहते हैं.

Edited by- Nisha Rai

8 टिप्स: गरमी के मौसम में बालों का यूं रखें ख्याल

गरमी के मौसम में अपने बालों का ख्याल रखना बेहद जरुरी है. क्योंकि इस मौसम में रुखापन और खुजली से आपको झुंझलाहट महसूस हो सकती है. तो  चलिए आपको बताते हैं ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप इन परेशानियों से बच सकती हैं.

  1. सिर की नियमित रूप से अच्छे शैम्पू से सफाई करें. गर्मी में ऐसे शैम्पू का इस्तेमाल करें जो अतिरिक्त तेल, पसीना, गंदगी को निकाल दे.
  2.  सिर में रुखेपन व खुजली से बचने के लिए इसे हमेशा साफ रखें. तेज धूप में बाहर निकलने के दौरान स्कार्फ या हैट से सिर ढक कर रखें.
  3. सिर में नमी या मुलायमपन को बरकरार रखने के लिए आप सूदिंग या रिफ्रेशिंग स्कैल्प मास्क का इस्तेमाल कर सकती हैं.

क्या आप भी मलाई जैसी मुलायम त्वचा चाहती हैं?

4. सिर में कोई समस्या होने पर महीने में हर 15 दिन पर विशेष उपचार लेना बेहतर होगा. त्वचा और सिर में नमी बनाए रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें.

5.  तेल से नियमित (सप्ताह में 3-4 दिन) रूप से सिर, बालों का कम से कम 10 मिनट तक मसाज जरूर करें. मसाज के बाद अच्छे शैम्पू से बाल धो लें.

6. बाल कभी भी गर्म पानी से नहीं धुलें. गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. हेयर ड्रायर के इस्तेमाल के बिना बाल पूरी तरह से सुखा लें.

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7.नमी बनाए रखने के लिए विशेष रूप से सुबह के समय ढेर सारा पानी पिएं. तेज धूप में ज्यादा देर बाहर रहने से बचें. रोजाना कम से कम 10 मिनट प्रणायाम करें.

8. बाल धोने के बाद नैचुरल चिपचिपारहित तेल या क्रीम थोड़ी मात्रा में बालों में लगाएं. बालों पर लगातार स्टाइलिंग जेल या हेयर स्प्रे का इस्तेमाल करने से बचें.

मूवी रिव्यू: नाम की तरह ही फिल्म भी है ‘ब्लैंक’

निर्देशकः बेहजाद खम्बाटा

कलाकारः सनी देओल, करण कापड़िया,करणवीर शर्मा, इषिता

दत्ता और स्पेशल अपीयरेंस अक्षय कुमार

अवधिः एक घंटा, 51 मिनट

रेटिंगः दो स्टार

कहानीः

फिल्म ‘‘ब्लैंक’’ की कहानी के केंद्र में आत्मघाती हमलावर/आतंकवादी हनीफ (करण कापड़िया) है, जो कि फोन पर कुछ लोगों को निर्देश दे रहा है. फिर वह एक दुकान से सिगरेट खरीदता है, सिगरेट जलाने के चक्कर में एक कार से उसका एक्सीडेंट हो जाता हे. उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है. डाक्टरों को उसके सीने पर उसके हृदय के साथ जोड़ा गया आत्मघाती बम नजर आता है. एटीएस चीफ सिद्धू दीवान (सनी देओल) को खबर दी जाती है. पूरा पुलिस महकमा हरकत में आ जाता है. डाक्टर का कहना है कि हनीफ के मौत के साथ ही बम फटेगा. उधर एटीएस चीफ दीवान, हनीफ से कुछ भी कबूल करवाने में सफल नहीं होते हैं.तब पुलिस कमिश्नर अरूणा गुप्ता, शहर से दूर वीराने में ले जाकर हनीफ का इनकाउंटर करने का आदेश देती हैं. दीवान खुद इनकाउंटर करने के लिए जाता है. इधर हनीफ की तस्वीर के आधार पर इंस्पेक्टर रोहित (करणवीर शर्मा) और महिला इंस्पेक्टर हुस्ना (इशिता दत्ता) जांच में लगे हुए हैं. रोहित एक अपराधी फारूक को गिरफ्तार करता है, जिसके बैग में बम होता है, जबकि हुस्ना, हनीफ के अड्डे पर पहुंचती है. इधर दीवान, हनीफ के इनकाउंटर के गोली चलाने का आदेश देते हैं, तभी हुस्ना का फोन आता है और वह रूक जाता है, इस बीच हनीफ गैंग के लोग आकर हनीफ को वहां से ले जाते हैं. उधर हनीफ का सरदार आतंकवादी मकसूद (जमील खान) पाकिस्तान में बैठकर आदेश दे रहा होता है. हनीफ के पकड़े जाने की खबर पाते ही वह मुंबई में बशीर से बात करता है और खुद वह भारत आने की तैयारी करता है. पता चलता है कि हनीफ के सीने पर लगे बम के साथ मकसूद के चार स्लीपर सेल के बम भी जुड़े हुए हैं.मकसूद ने छोटे छोटे बच्चों को जन्नत पाने के नाम पर जेहाद के लिए तैयार कर रखा है.उधर मकसूद का मकसद एक साथ 25 बम धमाकों के साथ भारत को दहलाने की है.

कहानी अतीत में जाती है, जब हनीफ दस साल का बच्चा था और उसकी एक बड़ी बहन थी. उन दिनों मकसूद एक गुंडा था, जिसने उसकी बस्ती के सारे घर जला दिए थे और सभी की हत्या कर दी थी. हनीफ के पिता ने पुलिस को फोन किया, पर पुलिस नहीं पहुंची, हनीफ के पिता को यकीन था कि एक पुलिस इंस्पेक्टर जरुर पहुंचेगा, पर उस पुलिस इंस्पेक्टर ने अपना मोबाइल फोन ही नहीं उठाया और हनीफ के पिता मारे गए. उसी दिन हनीफ ने बदला लेने की ठान ली थी. इसके बाद की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

कमियां…

बेसिर पैर की कहानी और घटिया पटकथा के चलते यह फिल्म सिर्फ बोर करती है. इंटरवल से पहले अति धीमी गति के बावजूद हनीफ की असलियत जानने को लेकर दर्शकों में उत्सुकता बनी रहती है, जबकि पूरी कहानी बहुत ही कन्फ्यूजन पैदा करती है. इतना ही नहीं एक भी सीन तर्क की कसौटी पर सही नहीं ठहरता. जब डाक्टर कहता है कि हृदय की धड़कन के साथ हनीफ के सीने पर बंधे बम को जोड़ा गया है और यह बम हनीफ के दिन की धड़कन बंद होते ही फटेगा, तो दर्शक को हंसी आती है. मगर इंटरवल के बाद जिस तरह से उसका सच सामने आता है और जिस तरह कहानी बेतरतीब ढंग से चलती है, उसे देखकर कर दर्शक कह उठता है- ‘कहां फंसायो नाथ.’ फिल्म आतंकवाद पर है, मगर अंत में व्यक्तिगत बदले की कहानी के रूप में उभरती है.

निर्देशनः

बतौर निर्देशक बेहजाद खम्बाटा प्रभावित नहीं करते हैं. लेखक व निर्देशक के तौर पर उन्होने कहानी को फैला दिया, पर उसे किस दिशा में ले जाना है और किस तरह समेटना है, यह सब भूल गए हैं. दीवान के बेटे रौनक के ड्रग्स लेने की कहानी गढ़ी, मगर उसका क्या हुआ, दीवान की पत्नी ने क्या किया, सब गायब.

अभिनयः

यूं तो यह फिल्म करण कापड़िया को लांच करने के लिए बनी है, मगर वह बुरी तरह से हताश करते हैं. उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन आते ही नहीं है. करण के किरदार के गढ़ने में भी बेहजाद खम्बाटा और प्रणव प्रियदर्षी मात खा गए हैं. पूरी फिल्म अकेले एटीएस चीफ दीवान के कंधो पर ही आ जाती है. इस किरदार में सनी देओल ने जानदार परफार्मेंस दी है. हुश्ना के किरदार में इशिता दत्ता के लिए कुछ जगह खूबसूरत लगने के अलावा करने को कुछ नहीं है. रोहित के किरदार में करणवीर शर्मा ने ठीक ठाक अभिनय किया है.

फिल्म के अंत में अक्षय कुमार का डांस नंबर ‘अली अली’ मजाक बनकर रह जाता है, दर्शक इस गाने को सुनने व डांस देखने के लिए रूकता ही नहीं है.

Edited By- Nisha Rai

क्या आप भी मलाई जैसी मुलायम त्वचा चाहती हैं?

गरमी के मौसम में धूप में निकलने की वजह से सनबर्न होना एक आम बात है. लेकिन अगर एक बार स्किन पर टैंन आ जाए तो यह जाने में महीनों का समय लेता है.  इसे आप कुछ होममेड टिप्स अपनाकर दूर भी कर सकती हैं. जी हां इसे दूर करने का बेहद आसान उपाय है. आप मलाई की इस्तेमाल कर सनबर्न से राहत पा सकती हैं. आइए बताते हैं, मुलायम त्वचा पाने के लिए मलाई का इस्तेमाल कैसे कर सकती हैं.

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दमकती त्वचा के लिए

सौफ्ट और स्मूद त्वचा के साथ ही मलाई आपकी त्वचा को दमकती हुई बना सकती है. इसके लिए आपको एक बड़ा चम्मच मलाई में उतना ही बेसन भी मिलाएं. इसे त्वचा पर लगाकर करीब 20 मिनट तक छोड़ दें. आप चाहें तो मलाई और हल्दी का पैक भी बना सकते हैं. इसे त्वचा पर लगाने के 20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें.

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रूखी त्वचा के लिए

मलाई से तैयार किया गया फेस पैक ड्राई स्किन को नई चमक दे सकता है. इसके लिए आपको एक बड़ा चम्मच मलाई को एक चम्मच शहद के साथ मिलाना होगा और इसे अपने चेहरे पर लगा लें. इसे कम से कम 20 मिनट तक छोड़ दें और इसके बाद ठंडे पानी से धो लें.

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क्लिंजिंग के लिए

मलाई नेचुलर क्लिंजर का काम भी कर सकती है. यह बंद रोमछिद्रों को खोलने और त्वचा पर जमी धूल को हटाने में मदद करती है. इसके लिए आपको एक चम्मच मलाई और एक चम्मच नींबू रस के साथ अपनी त्वचा को मसाज देनी होगी. ऐसा आप 4 से 5 मिनट तक कर सकते हैं. कुछ देर बाद इसे गीले रूई के फाहे से साफ कर लें.

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