ईद पर ट्राई करें बौलीवुड एक्ट्रेसेस के ये फैशन

अगर आप भी गरमी में ईद के सेलिब्रेशन के लिए कपड़ों को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आज हम आपको कुछ ड्रैसेस के बारे में बताएंगे, जिसे आप गरमी में भी ईद का मजा ले पाएंगे. गरमी में हैवी कपड़े और ज्वैलरी पहनना मुश्किल है. ये आपको अनकम्फर्ट के साथ-साथ स्किन के लिए भी सही नही होता. इसीलिए आज हम आपको बौलीवुड एक्ट्रेसेस के कुछ इंडियन फैशन के बारे में बताएंगे, जिससे आप गरमी में भी ईद का मजा ले पाएंगे.

आलिया का स्लीवलेस प्लाजो सूट करें ट्राई

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अगर आप भी ईद में कुछ हल्का लेकिन फैशनेबल ड्रैस पहनना चाहते हैं तो ये ड्रैस आपके लिए परफेक्ट रहेगी. वाइट कलर आप की आखों को कूल भी रखेगा.

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दीपिका का फ्लावर प्रिंट कौम्बिनेशन भी करें ट्राई

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आजकल फ्लावर प्रिंट का फैशन मार्केट बढ़ रहा है. जिसे बौलीवुड एक्ट्रेसेस भी ट्राई कर रहीं है. अगर आप दीपिका की तरह फ्लावर प्रिंट कौम्बिनेशन के साथ लाइट पिंक कौम्बिनेशन जरूर ट्राई करें.

कटरीना का वाइट ड्रेस भी करें ट्राई

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अगर आप गरमी में कम्फरटेबल के साथ-साथ मौर्डर्न दिखना चाहती हैं तो कटरीना की ये वाइट ड्रैस जरूर ट्राई करें. ये आपके लुक को मौर्टर्न के साथ-साथ कम्फरटेबल बनाएगी.

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दिशा का ब्लू कौम्बिनेशन भी रहेगा परफेक्ट

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अगर आप गरमी में कुछ ट्रैडिशनल ट्राई करना चाहती हैं तो ये ड्रैस आपके लिए परफेक्ट होगी. यह आपके लुक को ईद पर कम्पलीट कर देगी.

ईद स्पेशल: शीर खुरमा

ईद का त्योहार बिना शीर खुरमा के अधूरा है. शीर खुरमा इस दिन बनने वाली खास डिशेज में से एक है जिसका स्वाद आप हर एक मुस्लिम घर में ले सकते हैं. डेजर्ट में सर्व की जाने वाली ये डिश सेवईयों, दूध और ढेर सारे ड्रायफ्रूट्स से बनती है. मीठा खाने वालों की तो फेवरेट डिश है ये. स्वाद से भरपूर ये डिश दिखने में क्रीम जैसी होती है.

हमें चाहिए-

सेंवई- 200 ग्राम

दूध- 2 लीटर

चीनी- 2 कप

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छोटी इलायची- 6

केसर- चुटकीभर

घी- 3 छोटे चम्‍मच

सूखे मेवे

विधि

बनाने का तरीका

-एक नौन स्‍टिक पैन में घी गरम करें. फिर उसमें सेवइयों को 8 मिनट तक हल्की आंच पर फ्राई करें.

-जब सिवइयां हल्की ब्राउन हो जाएं तो आंच बंद कर दें. एक सौस पैन में दूध करें उसमे इलायची और केसर डाल कर दूध को आधा हो जाने तक उबाल लें.

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-फिर उसमें चीनी डाल कर पकाएं. उसके बाद सेवईं और सूखे मेवे डाल कर 5 मिनट तक पकाएं. पकने के बाद ऊपर से बादाम, पिस्ता और काजू से सजाएं और सर्व करें.

ईद स्पेशल: सेवइयां

सेवइयां, ईद पर बनने वाली दूसरी टेस्टी डिश है. दूध और सेवई से बनाई जाती है. दिखने में ये शीर कोरमा जैसी होती है लेकिन इसे बनाने में बहुत ही बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगता. जावित्री के साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है. शीर कोरमा के साथ इसे भी सर्व कर सकते हैं या उसके ऑप्शन के तौर पर.

हमें चाहिए-

110 ग्राम भुनी सेवईयां.

150 ग्राम चीनी.

50 मिली लीटर दूध.

150मिली लीटर पानी

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1 छोटा चम्मच देसी घी.

4 टुकड़े कटे हुए बादाम.

10 किशमिश.

5 इलाइची कुटी हुई.

4 छोटे चम्मच मलाई.

बनाने का तरीका

– सेवईयां ले और छोटे टुकड़े करें. पहले कड़ाही में घी डालें और गैस पर रखें, आंच न ज्यादा तेज हो न हल्की.

-अब उसमें सेवईयां डालें और भूने, जब उसका रंग बदल जाये तो उतर ले. गैस बंद करे और इसे अलग रखें. एक कड़ाही रखे और उसमें पानी व चीनी डाले.

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– जब चीनी घुल जाये तब दूध मिलाये. जब उबाल आ जाये तब उसे सेवईयां में मिलाये. अब ढक्कन ढके और गैस धीमी करे.

– 5 मिनट बाद गैस बंद कर दे. आपकी मीठी सेवईयां तैयार है. इसमें मेवे डालिये. अब दो कांटे लेकर सेवईयां अलग अलग करिये जिससे आपकी सेवईयां खिली दिखे.

– मीठी सेवईयां को एक कटोरी में निकाले और उसपर मलाई डाल कर परोसे. मीठी सेवईयां तैयार है. अपने परिवार के साथ इसका लुत्फ़ उठाये.

खाने के साथ इमोशन का कनेक्ट होना बहुत जरुरी है– शेफ कुनाल कपूर

दिल्ली के पंजाबी परिवार में जन्में सेलेब्रिटी सेफ कुनाल कपूर को बचपन से ही कुछ अलग करने की इच्छा रही है, जिसमें साथ दिया उनके परिवार वालों ने, क्योंकि उनके दादा और पिता दोनों ही अच्छी कुकिंग का शौक रखते थे. उन्हें अभी भी याद आता है कि उन्होंने सबसे पहले 10 साल की उम्र में चाय बनाई थी. इसके बाद उन्हें खाना बनाने और लोगों को खिलाने का शौक पैदा हुआ. उन्होंने हर तरीके के फूड बनाये है और आज कई होटलों से भी जुड़े है और फूड पर किताब भी लिखा है. इतना ही नहीं उनके कई टीवी शो भी हिट रहे, जिसमें वे मेजबान और जज थे. उनके हिसाब से खाना बनाना और परोसना एक कला है, जिसे हर किसी को जानने की जरुरत है. वे अभी टीवीऍफ़ पर नया शो ‘द रॉयल पैलेट’ के साथ आ रहे है, जिसमें उन्होंने राजा-रजवाड़े के लजीज पकवान, जो अब विलुप्त हो रहे है. उसे आधुनिक रूप में लाने की कोशिश की है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल. इस शो में खास क्या रहेगा?

इसमें मैंने रॉयल खाने को उसके इतिहास के साथ पेश करने की कोशिश की है. ऐसे में मैंने देखा है कि कई ऐसी रॉयल रेसिपीज है, जिसके बारें में लोग कम जानते है. इसके अलावा ऐसे व्यंजन को लोगों तक सर्व करने कभी एक अलग तरीका होता है, जिसे दिखाने की कोशिश की है.

सवाल. कोई ऐसा रौयल व्यंजन है, जो गायब हो रहा है?

ऐसे कई है और मैं उसे खोज रहा हूं. बंगाल का एक शहर वाली जैन कम्युनिटी है, उनका पूरा खाना जिसमें कचौरी, सब्जी, दाल ये सारी व्यंजन बिना प्याज लहसुन के बनाया जाता है. उनके खाने के अंदर थोड़ा बंगाली, राजस्थानी और ब्रिटिश फ्लेवर, तीनों का मिश्रण होता है.

सवाल. शेफ बनने की प्रेरणा कहां से मिली?

मैं बहुत छोटा था जब मैंने अपने पिता और दादाजी को हर रविवार को खाना बनाते हुए देखा करता था. मुझे बड़ा अजीब लगता था कि पुरुष होकर वे कैसे खाना बनाते है? जबकि मेरे दोस्तों के घर में ऐसा नहीं था. मैं भी कई बार उनके साथ किचन में चला जाता था. उन्हें देखकर लगा कि पुरुष खाना बनाये, तो कोई हर्ज नहीं और खाना बनाना मेरे लिए मनोरंजक होने लगै. कौलेज ख़त्म होते ही मैंने इस दिशा की ओर कोशिश की और सोचा कि अगर कामयाब नहीं हुआ, तो कुछ और काम करूंगा. मुझे इसका कोर्स अच्छा लगा और मैंने इसी क्षेत्र में काम शुरू कर दिया.

सवाल. सबसे पहले क्या बनाया था?

मैंने सबसे पहले चाय बनायीं थी, जो सबको ठीक लगी थी.

सवाल. यहां तक पहुंचने में किसका सहयोग सबसे अधिक रहा?

यहां तक पहुंचने में मेरे माता-पिता का सबसे अधिक सहयोग रहा है. अगर वे सहयोग नहीं देते तो मुश्किल था. इसके अलवा कई ऐसे लोग है, जिन्होंने मुझे सहयोग दिया है. इसमें निर्देशक से लेकर एक पूरी टीम शामिल है.

सवाल. आज कल औनलाइन रेसिपी बहुत उपलब्ध होते है, लोग उसे फोलो करते है, कितना सही होता है, औनलाइन रेसिपी का सहारा लेकर खाना बनाना?

फूड अपना एक एक्सप्रेशन है, जो आपकी लाइफस्टाइल, कम्युनिटी और आपके वजूद को बताती है. लोग मेरी रेसिपी को ऑनलाइन देखकर बनाते है. कई बार उन्हें पसंद आता है, कभी नहीं. मेरे हिसाब से खाना बनाना एक क्रिएटिविटी है. इसे आप अपने हिसाब से कभी भी कैसे भी कर सकते है, लेकिन उसमें नमक, मिर्ची और तेल का अनुपात सही होने की जरुरत होती है और वह आपको अनुभव और समझ से ही मिलती है.

सवाल. आप किस तरह की रेसिपी अधिक पसंद है?

मुझे गुलत्थी बहुत पसंद है, जो रामपुर की खास है. इसे दूध और चावल से बनाया जाता है. इसे पकाते समय आंच को अधिककर बर्तन के नीचे का तलवा थोड़ा जलाया जाता है, जिससे कैरेमल फ्लेवर आता है.

सवाल. नए-नए तरीकों की डिश से अपने आप को अपडेट कैसे करते है?

मैं ट्रेवल बहुत करता हूं. इससे नए-नए लोगों से मिलकर नयी-नयी जानकारी और वहां के फूड के बारें में जानने का मौका मिलता है. अपडेट के लिए इन्टरनेट नहीं, ट्रेवल करना पड़ता है.

सवाल. कुकिंग प्रक्रिया में पहले की तुलना में कितना बदलाव आया है?

बहुत परिवर्तन है और इसकी वजह सामग्री है, जो खाने में प्रयोग की जाती है. पहले चूल्हे पर खाना बनता था, अब गैस पर पकने लगा है. पहले कांसे के बर्तन में खाना बनता था, तो आज एल्म्युनियम के बर्तन के बाद, स्टील, नॉन स्टिकी, टेफ़लोन आदि बर्तन आ चुके है. मसाले पीसने का दौर भी अब चला गया है. इससे धीरे-धीरे खाने के स्वाद में भी अंतर आने लगा है. इसे कंट्रोल नहीं कर सकते और ये पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है.

सवाल. कोई ऐसी डिश जो आपके परिवार में बनती है और आप उसे कभी अलग रूप न दे सकें?

मेरी मां का बनाया हुआ भरवा करेले जो कच्चे आम के साथ गर्मियों में बनाती है. मैं कभी उसे अलग रूप नहीं दे सका. उसे मैं कभी रिनोवेट भी नहीं करना चाहता. फुल्के, सलाद और रायते के साथ मुझे बहुत पसंद है.

सवाल. फूड डेस्टिनेशन की अगर बात करें, तो कहां के व्यंजन अवश्य खाने चाहिए?

पंजाब का अमृतसर, वहां के किसी भी रेस्तरां या होटल के फूड अवश्य खाने चाहिए.

सवाल. आपके किचन की कोई ऐसी सामग्री जिसके बिना आप काम नहीं कर सकते?

मेरी शेफ नाइफ.

सवाल. किस बात से आपको डर लगता है?

अगर खाना अनहायजिनिक हो और उसे खाकर लोग बीमार पड़े. न्यूट्रीशन खाने में होता है और वह न होने पर डर लगता है.

सवाल. आगे की योजनायें क्या है?

आगे मैं एक और बुक लिख रहा हूं, इसके अलावा मेरा एक और रेस्तरां खुल गया है. उसे स्थापित कर रहा हूं. फूड रिसर्च पर काम चल रहा है.

सवाल. आपके फूड को लेकर अब तक का बेस्ट कौम्प्लिमेंट्स क्या है?

किसी ने कहा था कि आपके डिश से मुझे मेरी मां की याद आई.

सवाल. आप फूड सर्व करते वक्त किस बात का ध्यान रखते है?

मेरे लिए खाने के साथ इमोशन का कनेक्ट होना बहुत जरुरी होता है.

सवाल. आज की महिलाएं खाना बनाने से दूर भागती है, उनके लिए संदेश क्या है?

आज की महिलाएं घर के अलावा बाहर भी काम करती है. ऐसे में उन्हें खाना बनाने का अवसर कम मिलता है. मेरी राय से अगर पति-पत्नी दोनों ही किचन में जाते है, तो बच्चे इसे फौलो करते है, जिससे उनके अंदर भी खाने में रूचि का विकास होता है.

सवाल. गर्मियों में आपकी कोई रेसिपी जिसे आप बताना चाहे?

गर्मी में श्रीखंड मुझे बहुत पसंद है. बंधी हुई दही को लेकर उसमें अलग-अलग फ्लैवर डाला जा सकता है. चीनी के अलावा इसमें थोड़ी दालचीनी के पाउडर और छोटे-छोटे टुकड़ों में हरे रंग के सेव को मिला ले. ये टेस्टी होने के साथ-साथ सेव की खुशबू का भी एहसास कराएगा.

EDITED BY- NISHA RAI

वेब में कहानियां बहुत अच्छी होती हैं– टिस्का चोपड़ा

बौलीवुड और टीवी पर दमदार एक्टिंग करने वाली एक्ट्रेस टिस्का चोपड़ा ने फिल्म ‘प्लेटफार्म’ से अपने एक्टिंग कैरियर की शुरुआत की थी. उन्होंने हर तरह की भूमिका निभायी और अपनी पहचान इंडस्ट्री में बनाई. अभिनय के अलावा टिस्का छोटी-छोटी डौक्युमेंट्री फिल्में भी बनाती हैं. नेचर में शांत और हंसमुख टिस्का चोपड़ा अभी वेब सीरीज ‘होस्टेजेस’ में मीरा आनंद, एक सर्जन की भूमिका निभा रही है. उनसे बातचीत करना रोचक था,पेश है कुछ अंश.

इस भूमिका को करने की खास वजह क्या रही?

ये कहानी मुझे बहुत अच्छी लगे. इसके अलावा इसकी थीम बहुत ही नैचुरल है. एक डौक्टर का मकसद होता है कि वह एक मरीज की जान बचाए. इसमें अगर उसे किसी की जान लेकर उसके फैमिली को बचानी है, तो ये एक चुनौती है. ये एक स्ट्रोंग किरदार है और मुझे करने को मिला है. मैं बहुत उत्साहित हूं.

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डौक्टर की भूमिका में आपको तैयारियां कितनी करनी पड़ी?

मैं ऐसी भूमिका दूसरी बार कर रही हूं, लेकिन इसकी कहानी एकदम अलग है. पहली फिल्म में मैंने एक डौक्टर से मिली थी, लेकिन यहां ये एक सर्जन की भूमिका है और उसे समझने के लिए मुझे यूट्यूब का सहारा लेना पड़ा. एक सर्जन बहुत ही अलग होता है और मरीज के साथ उसका लगाव अधिक नहीं होता. उसे निभाना ही मेरे लिए मुश्किल था.

आजकल परिवार में बच्चों की परवरिश पर माता-पिता बहुत ध्यान देते है, लेकिन बच्चे बड़े होने पर इसे अधिक नहीं पसंद करते, जैसा कि आपने इस वेब सीरीज में भी दिखाने की कोशिश की है, एक माँ होते हुए इस बात को आप कैसे लेती है?

मैं एक 6 साल की बेटी की मां हूं और मैं जानती हूं कि बच्चे को सम्हालने के लिए हमें बुध्दिमातापूर्ण तरीके खोजने पड़ते है और ये सभी माता-पिता को करना पड़ता है. इसके अलावा बच्चों की जरूरतों को ध्यान देने की जरुरत होती है. असल में एक बच्चे की परवरिश करना एक गांव को आगे बढ़ाने जैसा होता है. इसमें पेरेंट्स को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के साथ-साथ अपने लिए भी समय निकालने की जरुरत होती है, ताकि धीरज बनी रहे.

आज के बच्चे मोबाइल और इन्टरनेट पर अधिक एक्टिव रहते है, जिसे लेकर माता-पिता परेशान रहते है, आप अपनी बेटी को इन सब गेजेट्स से कितना दूर रख पाती है?

इसके लिए मैंने पहले इन सब चीजों को छोड़ा है. मैं अपनी बेटी के साथ रोज रात को किताब पढ़ती हूँ, बाहर उसके साथ घूमने जाती हूं, बारिश में भीगने भी जाती हूं, ‘फन’ वाले सारें काम मैं उसके साथ करती हूं.

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आपने थिएटर से लेकर फिल्म, टीवी और अब वेब सीरीज भी कर रही है, किस माध्यम को आप एन्जौय करती है और क्यों?

मैं अलग-अलग माध्यम को अलग-अलग तरीके से एन्जौय करती हूँ. मसलन स्टेज में मुझे इसलिए अच्छा लगता है,क्योंकि मैं हमेशा बारीकियों से काम करना पसंद करती हूं. स्टेज में 45 दिन की तैयारी होती है, जहां विस्तार से काम होता है. परफोर्मेंस के बाद प्रतिक्रिया तुरंत मिलती है. फिल्मों की पहुंच बहुत अधिक है,जबकि टीवी पर एक चरित्र को बार-बार दिखाने से दर्शक उससे जुड़ जाते है, लेकिन वेब में कहानियां बहुत अच्छी होती है. इसमें किसी भी कहानी को एक टाइम फ्रेम में बताया जा सकता है. मैंने सभी माध्यम को एन्जौय किया है.

आप अपनी जर्नी को कैसे देखती है?

मैंने एक अच्छी जर्नी तय की है और इसके लिए मैं सबको अपना आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने मुझे देखा और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. जब मैं इंडस्ट्री में आई थी, बहुत कम उम्र की थी और किसी को जानती नहीं थी. मेरी पहली फिल्म फ्लॉप रही, पर मैं निराश नहीं हुई और आगे बढ़ी.

आजकल अभिनेत्रियां स्ट्रोंग भूमिका निभा रही है, फिल्में भी चल रही है, इसकी वजह क्या मानती है?

ये अच्छा समय है, दर्शक सराह रहे है. इसलिए महिला प्रधान फिल्में बन रही थी. महिलाएं हर क्षेत्र में मौका मिलने पर आगे आ सकती है,क्योंकि वे हमारे भविष्य का निर्माण करती है, ऐसे में फिल्में क्यों नहीं कर सकती.

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आपने कई सोशल वर्क किये है, कोई ऐसी सामाजिक कार्य जिसे करना अभी बाकी है?

मुझे दो-तीन क्षेत्र में अभी काम करना जरुरी है. पर्यावरण इसमें सबसे उपर है, इसकी हानि को देखकर मुझे बहुत तकलीफ होती है, जैसे प्लास्टिक की चीजों को इधर-उधर फेंकना , वाहनों के धुएं, अपने आस-पास को गन्दा रखना आदि सभी में लोगों को जागरूक होने की जरुरत है. उस क्षेत्र में काम करने की बहुत जरुरत है.

आगे और क्या करने की योजना है?

मैं एक कहानी लिख रही हूं, उसे बनाने की इच्छा है.

Edited by Rosy

फोटोशूट में हौट अंदाज में दिखीं करीना, खास दोस्त करण भी आए नजर

फैमिली संग समर वेकेशन के बाद बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान दोबारा काम में जुट गई हैं. हाल ही में करीना और उनके बेटे तैमूर की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब उनके फोटोशूट की फोटोज वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं उनकी लेटेस्ट फोटोज…

मैग्जीन के फोटोशूट में करीना ने गिराई हुस्न की बिजलियां

एक्ट्रेस करीना ने हाल ही में जानी मानी मैगजीन वोग के लिए फोटोशूट करवाया, जिसमें वह अपने लुक से अपने फैंस पर बिजलियां गिराती नजर आईं.

समर में बिकनी में बिखेरीं अदायें

समर में नया बिकनी फैशन ट्रैंड में करीना फोटोशूट अदायें दिखाती नजर आईं. वहीं उनके इस लुक की तारीफें फैंस सोशल मीडिया पर कर रहे हैं.

को-स्टार दिलजीत संग पोज देती नजर आईं करीना

सिंगर और एक्टर दिलजीत बहुत जल्द फिल्म गुड न्यूज में करीना, अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आने वाले है. जिसके लिए वह करीना के साथ फोटोशूट में पोज देते नजर आए.

खास दोस्त करण जौबर के साथ फोटोज खिंचवाती नजर आईं तस्वीर

वोग के फोटोशूट में करीना के साथ उनके बौलीवुड इंडस्ट्री के खास दोस्त करण जौहर की भी झलक देखने को मिली है.

कवर पेज के लिए मेहनत करती दिखाईं दी करीना

जून के मैगजीन कवर पेज के लिए करीना ने ये फोटोशूट करवाया गया है. जिसमें करीना के साथ-साथ करण और दिलजीत के अलावा बेबो की खास दोस्त नताशा पूनावाला भी नजर आईं.

पिंक गाउन में लग रही हैं प्रिंसेज

पिंक कलर के गाउन में करीना किसी प्रिंसेज से कम नहीं ही लग रही है. जिसकी तारीफें सोशल मीडिया पर फैंस किये जा रहे हैं.

पार्टी में ट्राई करें बौलीवुड एक्ट्रेसेस का ये फैशन

बौलीवुड में आए दिन नए-नए फैशन ट्रैंड आते रहते हैं. जिसे आम लोग अपने डेली लाइफस्टाइल में अपनाने की कोशिश करते हैं. हाल ही में GQ Style Awards 2019 में भी बौलीवुड और टेलीविजन की हसीनाओं का फैशन का जलवा देखने को मिला. जिसे आप चाहें तो किसी पार्टी या क्लब में जाने के लिए ट्राई कर सकती हैं. तो आइए आपको बताते हैं बौलीवुड के लेटेस्ट फैशन ट्रैंड के टिप्स…

नाइट पार्टी के लिए ट्राई करें कटरीना की ये ड्रेस

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बौलीवुड एक्ट्रेस कटरीना कैफ ने अवार्ड नाईट में अपनी रेड ड्रेस में बिजलियां गिराती नजर आईं. आप चाहे तो ऐसी ड्रैस को किसी नाइट पार्टी में ट्राई कर सकती हैं.

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तमन्ना भाटिया की ये रेड ड्रैस करें ट्राई

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अगर आप बौलीवुड एक्ट्रेसेस की तरह हौट दिखना चाहती हैं तो एक्ट्रेस तमन्ना की ये ड्रेस जरूर ट्राई करें. ये लुक आपको स्टाइलिश के साथ-साथ हौट भी बनाएगा.

कृति सेनन की ये बोल्ड ड्रेस करें ट्राई

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अवौर्ड नाइट में कृति सेनन बेहद ही बोल्ड ड्रेस में पोज देती हुई नजर आ रही हैं. इसे आप चाहें तो किसी क्लब पार्टी या किसी भी फंक्शन में ट्राई कर सकती हैं.

श्रुति हासन की ब्लैक ड्रैस करें ट्राई

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अगर आप किसी पार्टी में सिंपल लेकिन स्टाइलिश दिखना चाहती हैं तो श्रुति हासन की ये ड्रैस आपके लिए परफेक्ट रहेगी.

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नेहा शर्मा की समर में ट्राई करें ये सिंपल पिंक ड्रैस

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अगर आप समर में किसी शादी का हिस्सा बनने जा रही हैं तो ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट होगी. सिंपल पिंक औफ शोल्डर ड्रैस के साथ एक सिंपल हेयरस्टाइल आपके लुक को परफेक्ट बना देगा.

पीरियड पैंटी रखे उन दिनों में टैंशन फ्री

कहते हैं मां सब जानती है और औफिस के लिए निकली अभिलाषा जब घर वापस आई तो मां को बात समझने में जरा भी देर ना लगी और टैंशन में देख अभिलाषा को बौडीकेयर पीरियड पैंटी थमा कर बोली अब टैंशन की नहीं है बात जब पीरियड पैंटी हो साथ, क्योंकि ऐसे समय पर बहुत सारे प्यार व केयर के साथ आपको जरूरत है एक ऐसी पैंटी की जो इन खास दिनों में भी आपकी उड़ान को कम न होने दे. अगर आप भी किसी ऐसी ही पैंटी की तलाश में हैं, तो अब बाजार में ऐसी पैंटी मौजूद है.

1. पीरियड पैंटी क्या है

पीरियड पैंटी महिलाओं के लिए खासतौर पर तैयार की गई पैंटी है, जिसे बनाने में बौडीकेयर ने लीकेज और गंध रहित कपड़े का प्रयोग किया है जिसे पौलीयुरेथेन लैमिनेशन लाइनिंग के नाम से जाना जाता है. यह पैंटी महिलाओं को उन दिनों में सहज रखने का एक शानदार तरीका है.

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2. पीरियड पैंटी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

आमतौर पर बौडीकेयर पीरियड पैंटी कई किस्म की होती हैं लेकिन प्रत्येक पीरियड पैंटी का इस्तेमाल करने का तरीका एक जैसा होता है. आइए, जानते हैं कि पीरियड पैंटी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है:

– सबसे पहले आप यह जांच लें कि आपको भारी रक्तस्राव हो रहा है या फिर हल्का.

– उसके बाद आप पीरियड फैंटी में पैड को लगा लें और इसको पहन लें. इसके बाद आप आराम से अपने सभी काम करें.

– पीरियड पैंटी पहनने के बाद आपको आम पैंटी की तरह ही एहसास होगा और पैड खिसकने की चिंता नहीं रहेगी.

– पीरियड पैंटी पहनने के बाद आप सुविधाजनक पीरियड की अवधि बिता सकती हैं.

3. आइए जानें इसके फायदे

आमतौर पर पीरियड हर महिला के लिए किसी परेशानी से कम नहीं होते हैं. ज्यादातर स्कूल एवं कौलेज जाने वाली लड़कियां एवं कामकाजी महिलाएं इस बात से डरती हैं कि कहीं पीरियड का खून रिस कर उनके कपड़े में न लग जाए. लेकिन पीरियड पैंटी आपकी इस चिंता को दूर करन में बेहद फायदेमंद है. आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में.

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4. दुर्गंध से बचाव: पीरियड के दौरान आने वाली गंध से लड़ने में मदद मिलती है. इस पैंटी को इस प्रकार बनाया जाता है कि माहवारी की गंध पैंटी से बाहर न जाए.

5. है लीकेज फ्री: भारी मात्रा में माहवारी होने से कपड़ों पर दाग लगने का डर रहता है, लेकिन बौडीकेयर की पीरियड पैंटी को खास कपड़े से बनाया गया है, जिसमें लीकेज का कोई डर नहीं होता.

6. जब करना हो सफर: पीरियड पैंटी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें लगाया हुआ पैड खिसकता नहीं है जिसके कारण यात्रा के दौरान आपको कोई भी परेशानी नहीं होगी क्योंकि यह लंबे समय तक एक ही जगह पर रहती है.

7. बार-बार इस्तेमाल करें: पीरियड पैंटी को आप धो कर दोबारा भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

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8. आरामदायक है: इस पैंटी का कपड़ा बहुत ही आरामदायक फैब्रिक से बना है इसलिए इस को पीरियड के दौरान पैड लगा कर प्रयोग करने के बाद भी आपको कुछ अजीब महसूस नहीं होता और आप अपने रोज के काम आराम से कर सकती हैं.

Edited by Rosy

गुड अर्थ गुड जौब

दिल्ली के छतरपुर में एक फार्महाउस में बनी ‘गुड अर्थ’ कंपनी की वर्कशौप को देख कर मैं दंग रह गई. यह कंपनी आज किसी परिचय की मुहताज नहीं है. इस में तैयार होने वाला सामान अपनी खूबसूरती, कलात्मकता और ऊंचे दाम की वजह से अमीर वर्ग में काफी लोकप्रिय है.

‘गुड अर्थ’ की मालकिन अनीता लाल उन बड़े उद्योगपतियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने शौक को अपना व्यवसाय बना कर न सिर्फ अपनी रचनात्मकता को नए आयाम दिए, बल्कि सैकड़ों महिलाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी तैयार कर दिए. उन की लगन, हिम्मत, जिद, कुछ नया करने का शौक और प्रतिभा ने ‘गुड अर्थ’ जैसी कंपनी की नींव डाली.

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आज देशभर में ‘गुड अर्थ’ के तमाम शोरूम्स में विभिन्न प्रकार की कलात्मक वस्तुओं, वस्त्र, ज्वैलरी आदि की बिक्री होती है. इन वस्तुओं पर जो कलाकारी, नक्काशी, रंगरोगन, बेलबूटे दिखाई पड़ते हैं, वे अद्भुत होते हैं और उन्हें बनाने वाली महिलाओं की उच्च रचनात्मकता का परिचय देते हैं.

‘गुड अर्थ’ की वस्तुओं पर मुगलकालीन चित्रकारी, राजस्थानी लोककला के नमूने, लखनवी और कश्मीरी कढ़ाई के जो बेहद खूबसूरत बेलबूटे नजर आते हैं, उस की वजह है स्वयं अनीता लाल का देश की कला के प्रति गहरा लगाव. भारत की कलात्मक विरासत को जीवित रखने और उसे नए रंग में ढाल कर आगे ले जाने वाली अनीता लाल ने 20 साल पहले अपना व्यवसाय तब शुरू किया था, जब अपने बच्चों को उन्होंने सैटल कर दिया था, क्योंकि उन की पहली वरीयता उन का परिवार और उन के बच्चे थे.

वे शुरू से ही आजाद खयाल की थीं उन की अपनी सोच थी, क्षमता और प्रतिभा थी. मातापिता का सहयोग उन्हें प्राप्त था. घर में इस बात की आजादी थी कि अपनी शिक्षा, क्षमता और प्रतिभा का प्रयोग वे जहां और जैसे करना चाहें, कर सकती हैं.

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वे कहती हैं, ‘‘चूंकि घर में कोई दकियानूसी खयालों का नहीं था और लड़कियों को भी लड़कों की तरह शिक्षा, प्यार और पालनपोषण मिला, लिहाजा मेरे काम में कभी कोई व्यवधान नहीं आया. आज मैं एक सफल व्यवसायी हूं

तो अपने परिवार के प्यार और सहयोग के कारण ही.’’

अनीता लाल की शादी एक धनी व्यवसायी परिवार में हुई, जहां पैसे की कोई कमी नहीं थी. वे चाहतीं तो आराम से घर में बैठ कर अपना जीवन व्यतीत कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने हाथ पर हाथ धरे घर में बैठे रहने या हाइप्रोफाइल पार्टियां ऐंजौय करने के बजाय एक ऐसे व्यवसाय को शुरू करने की सोची, जिस में वे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर सकें. उन का लक्ष्य पैसा कमाना नहीं था, वरन हिंदुस्तान की कला और कारीगरों को नए आयाम देना, महिलाओं को रोजगार से जोड़ना और लीक से हट कर कुछ नया और बेहतर करना था.

अनीता कहती हैं, ‘‘हम ने अपनी महिला कर्मियों के लिए कभी कोई सख्त नियम नहीं रखे. वे अपनी सुविधानुसार अपने काम के घंटे खुद तय करती हैं. यहां उन्हें हर तरह की सुविधा और आजादी है. मेरा मानना है कि औरत की पहली जिम्मेदारी उस का घर और बच्चे हैं. मैं ने भी अपने बच्चों के बड़े होने के बाद ही अपना व्यवसाय शुरू किया था. इसलिए ‘गुड अर्थ’ में कार्यरत किसी भी महिला के लिए उस का घर प्रथम है.

‘‘मेरा मानना है कि जिंदगी भी अच्छी तरह चले और काम भी. इस के लिए जरूरी है कि महिलाएं मानसिक रूप से तनावमुक्त रहें. तनावमुक्त वे तभी रहेंगी जब हम उन की परेशानियों को समझें और उन्हें मिल कर दूर करें.

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‘‘हमारे देश में महिलाएं लगातार हिंसा, बलात्कार, भेदभाव का शिकार हो रही हैं. यदि उन्हें सिर्फ 2 चीजें- पहली शिक्षा और दूसरी रोजगार हासिल हो जाए तो उन पर होने वाले अपराधों पर विराम लग जाए. शिक्षा से समझ बढ़ेगी और रोजगार से पैसा आएगा.’’

सरन कौन, अनीता लाल जैसी महिलाओं को देख कर कहा जा सकता है कि मजबूत और सकारात्मक सोच रखने वाली महिलाएं न सिर्फ खुद सशक्त हो रही हैं, बल्कि दूसरों को भी सशक्त बना रही हैं.

व्यावहारिकता, अनुभव और कौशल विपरीत से विपरीत स्थिति में भी जीवनयापन में सहायता करता है. ऐसा नहीं है कि अशिक्षित महिलाओं में कौशल एवं हुनर कम है. कृषि, कुटीर उद्योग, पारंपरिक व्यवसाय, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय जैसे कार्यों की तरफ महिलाएं तेजी से बढ़ रही हैं.

औरत के सशक्त होने से एक परिवार ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र भी सशक्त होता है. महानगरों में एकल परिवार की कितनी ही महिलाएं हैं, जिन के पास खूब खाली वक्त है, जिस का सदुपयोग कर के वे अपनी शिक्षा, शौक और क्षमता को नष्ट होने से बचा सकती हैं और परिवार, समाज और देश को कुछ अद्भुत दे सकती हैं.

Edited by Rosy

गरमी में चेहरे को ठंडा रखेंगे क्ले के ये 5 फैसपैक

गरमी में आप फेस के लिए कईं तरह के महंगे प्रौडक्टस का इस्तेमाल करते होंगे, जो कभी-कभी आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा देते हैं. जिसके लिए आप होममेड टिप्स का सहारा लेते होंगे. पर क्या आपने स्किन पर मिट्टी के फेस पैक सुने हैं. हर घर में होममेड टिप्स के तौर पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल होता है, लेकिन मुल्तानी मिट्टी के अलावा भी पांच ऐसी मिट्टी हैं, जो आपकी स्किन को गरमी में ठंडक के साथ-साथ शाइन भी देती हैं. आज हम उन्हीं मिट्टी के बारे में बताएंगे जिन्हें आप अलग-अलग स्किन टाइप के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

क्या है क्ले

बाजार में मिलने वाले प्रौडक्टस में आजकल क्ले बहुत इस्तेमाल होता है, जो स्किन के लिए फायदेमंद होता है. इसे आम बोलचाल में मिट्टी भी कहा जाता है.

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट है चीनी मिट्टी

चीनी मिट्टी या केओलिनाइट क्‍ले सफेद मिट्टी होती है. जिसका ज्यादा इस्तेमाल बर्तन जैसे चीनी मिट्टी के कप, कटोरी या कई अन्‍य बर्तन बनाने में इस्‍तेमाल किया जाता है. बर्तन बनाने के अलावा इसका इस्‍तेमाल स्किन के लिए भी किया जाता है. अगर आपकी ड्राई स्किन है, तो इसे आप मिट्टी का दूध या पानी के साथ मिलाकर मास्‍क के रूप में फेस पर कर सकते हैं. इससे आपकी स्किन सौफ्ट और शाइनी नजर आएगी.

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औयली स्किन के लिए इस्तेमाल करें बेंटोनाइट क्‍ले 

बेंटोनाइट क्‍ले से बना फेस पैक औयली स्किन लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण स्किन को फायदा देता है. अगर आप बेंटोनाइट क्‍ले के साथ सेब का सिरका और एक्टिवेटेड चारकोल डालकर इसका इस्‍तेमाल करते हैं, तो यह आप स्किन के पौर्स को क्लीन करने में असरदार साबित होता है. बेंटोनाइट क्‍ले से बने फेस पैक के इस्‍तेमाल से फेस के मुंहासे और स्किन रैसेज को दूर करने में मदद मिलती है.

ग्‍लोइंग स्किन व वाइट स्पौट के लिए लाल मिट्टी है परफेक्ट

लाल मिट्टी में कौपर की ज्यादा मात्रा होती है जिसकी वजह से यह स्किन पर वाइट स्पौट की प्रौब्लम को दूर करने में मददगार होती है. अगर आप लाल मिट्टी के साथ अदरक का रस मिलाकर स्किन पर हुए वाइट स्पौट पर मसाज करते हैं, तो इससे आपके चेहरे के वाइट स्पौट गायब हो जाते हैं. इसके अलावा यदि आप लाल मिट्टी में गुलाब जल और शहद डालकर फेस पैक बनाकर लगाते हैं, तो यह ब्‍लैकहैड्स से छुटकारा दिलाने में भी मदद करते है. इसके इस्‍तेमाल से आपकी स्किन बेदाग और ग्‍लोइंग दिखेगी.

पिंपल्स वाली स्किन के लिए फ्रेंच ग्रीन क्‍ले (सी क्‍ले)

फ्रेंच ग्रीन क्‍ले या सी क्‍ले के बने फेस पैक को चेहरे पर लगाने से यह आपकी स्किन से खराब टौक्सिन्‍स को बाहर निकालने में मदद करती है. अगर आपके फेस में दाग-धब्‍बे और पिंपल्‍स हैं, तो आप इसे मिट्टी के साथ सेब का सिर‍का मिलाकर पेस्‍ट बनाएं. इसके इस्‍तेमाल से आपके चेहरे के पिंपल्‍स और दाग-धब्‍बे दूर होंगे साथ ही आपकी डल स्किन का निखार भी वापस आयेगा.

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एजिंग से बचाने के लिए डेड सी क्‍ले करें ट्राई

इस मिट्टी से बना फेस मास्‍क आपकी स्किन को नेचुरली मौइश्‍चराइज करने में मदद करता है. इस मिट्टी से बने फेस पैक को लगाने से चेह‍रे पर समय से पहले पड़ने वाली झुर्रियों को दूर रखा जा सकता है. जिससे आप यंग और ब्यूटीफुल दिख सकते हैं. आप डेड सी क्‍ले के साथ शहद और दही मिलाकर पेस्‍ट बनाएं और हफ्ते में दो या तीन बार इसका इस्‍तेमाल करें. इसमें मौजूद मिनरल्‍स के कारण यह आपकी स्किन संबंधी प्रौब्लम्स को दूर करने और स्किन को हेल्‍दी रखने में मददगार है.

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