2019 फैशन : क्या इन क्या आउट

हम नहीं चाहते कि आप किसी भी तरह नए साल के नए फैशन ट्रैंड्स से वंचित रहें. हम आप को ड्रैस ही नहीं, ज्वैलरी, बैग्स, फुटवियर, हेयरस्टाइल सभी की लेटैस्ट जानकारी से रूबरू करा रहे हैं.

फैशन डिजाइनर आशिमा शर्मा कुछ ऐसे टिप्स ऐंड ट्रिक्स के बारे में बता रही हैं, जिन पर गौर कर आप फैशनेबल दिख सकती हैं:

लेयर्ड फैशन: इस तरह के स्टाइल स्टेटमैंट में आप जितने चाहें कपड़े पहन सकती हैं, लेकिन ध्यान यह रखें कि कौन सा रंग या डिजाइन आप किस कपड़े के साथ मैच कर पहन रही हैं. लेयर्ड फैशन में ब्लैक पैंट और व्हाइट शर्ट के साथ डार्क ब्राउन रंग का लूज स्वैटर और शौर्ट बूट पहन कर इस तरह की लेयरिंग कर सकती हैं. यदि आप को स्कार्फ या मफलर पहनना पसंद है, तो आप बौयफ्रैंड जींस के साथ डीपनैक स्वैटर का कौंबिनेशन कर उसे मनपसंद मफलर से कवर कर सकती हैं. इस लुक को आप मैसी बन के साथ पूरा करें.

टी शर्ट के साथ बैलबौटम पैंट: यदि आप को पार्टी में जाना बेहद पसंद है, तो यह फैशन आप का स्टाइल स्टेटमैंट होना चाहिए. आप इस लुक के लिए ब्लौक स्कैलोप हेम बैलबौटम पैंट के साथ ऐनिमल प्रिंट टौप पहन सकती हैं. बोल्ड और पौपी नेल पेंट लगाएं जो आप की पैंट से मैच करेगा, साथ ही कानों में गोल डिजाइन की इयररिंग्स पहनें. रही बात मेकअप की तो उसे जितना हो सके उतना कम रखें.

पैंसिल स्कर्ट के साथ ओवरसाइज शर्ट: यह लुक औफिस के लिए बिलकुल सही है. पैंसिल स्कर्ट पहनें जो बौडीकोन हो और आगे की तरफ मैचिंग बटन हों. इस के साथ ओवरसाइज चैक शर्ट पहनें. बालों को ढीली पोनीटेल में बांधें. लेस पीप टो बूट के साथ इसे कैरी कर सकती हैं. यह आप को कैजुअल लुक देगा.

ब्लेजर ड्रैस: फ्लोरल व प्रिंटेड डै्रसेज तो आप ने बहुत पहनी होंगी और रफल ड्रैसेज भी, पर अब जिप ब्लेजर ड्रैस अपनाएं. इस ड्रैस को 2019 के नए कलैक्शन में जरूर शामिल करें. इस तरह की

ड्रैस के साथ आप ऐंकल स्ट्रैप चंकी हील पहन सकती हैं. बालों को कलर कर इस लुक को कौन्फिडैंटली कैरी करें.

फ्लाउंस स्लीव टी: फ्लाउंस स्लीव टी औफिस के लिए कुछ अलग हट कर फैशन साबित हो सकता है और साथ ही पार्टी और डेट के लिए भी परफैक्ट औप्शन है. इस टी के साथ आप कोई भी लुक अपना सकती हैं. इसे मिनी स्कर्ट या डैनिम जींस के साथ पहन सकती हैं. यदि आप डैनिम जींस के साथ इसे पहनने जा रही हैं, तो मेकअप कम से कम करें और साथ में हाई हील पहन कर फ्लौंट करें.

क्रौप टौप विद ड्रैप्ड स्कर्ट: व्हाइट कलर सभी पर खूब जंचता है और यदि चैक और क्रौप टौप की दीवानी हैं या इसे पहनने की सोच रही हैं, तो ब्लैकव्हाइट चैक क्रौप टौप लें, जिस के पीछे नौट डिजाइनें बनी हों, जो आप को थोड़ा बैकलैस का फील भी देंगी. इस के साथ आप स्कर्ट पहन सकती हैं. यह महिलाओं का पसंदीदा पहनावा बन चुका है. इस लुक को सैक्सी बनाने के लिए हाई हील पहनें. साथ में बोल्ड कलर की लिपस्टिक लगाएं जो आप के पूरे आउटफिट को क्लासिक बना देगी.

रंगरीति के सीईओ संजीव अग्रवाल फैशन के नए ट्रैंड्स के ये टिप्स दे रहे हैं:

पेस्टल कलर इज इन: पेस्टल कलर्स न केवल दिखने में कूल लगते हैं, बल्कि सोबर और स्टाइलिश लुक भी देते हैं. पार्टी ड्रैस हो या औफिस ब्लेजर बेफिक्र हो कर लैवेंडर को चुनें. यह कलर 2019 में इन है.

वाइड लैग लैंट्स और ट्राउजर्स: 90 के दशक का फैशन फिर लौट आया है. वाइड लैग पैंट्स और ट्राउजर्स में अपनी पसंद का पैक चुन कर इसे किसी भी क्रौप टौप टीज, लौंग स्लीव शर्ट के साथ मैच करें और बन जाएं ग्लैमरस.

वाइल्ड ऐंड आउटगोइंग प्रिंट: कलर ब्लौक्ड प्रिंट 2018 में फैशन में रहे हैं. इन्हीं बोल्ड और बिंदास प्रिंट्स के साथ आप 2019 में भी खुद को आकर्षक और खूबसूरत लुक दे सकती हैं.

फ्रिंजेज: यह पार्टीवियर सहित हर तरह के परिधानों के साथ मैच करता है. शिमरी फैब्रिक का छोटा सा कपड़ा इस की खूबसूरती में चारचांद लगा देता है.

कैप्स ऐंड पोंचो: स्टाइलिश ऐथनिक पोंचो और रंगबिरंगे कैप्स 2019 के लिए सब से आकर्षक फैशन ट्रैंड्स हैं. ऐथनिक ही नहीं, बल्कि कैजुअल और वैस्टर्न कैप भी आप के लुक को अपग्रेड कर सकता है.

प्लाजो को कहें बायबाय: अब प्लाजो की जगह शरारा ने ले ली है. अपने वार्डरोब में नई डिजाइनों के शरारे जरूर रखें. 2019 में अपनी किसी भी कुरती के साथ शरारा मैच कीजिए और बन जाएं पार्टी की शान.

पारंपरिक भारतीय काम वाले स्कार्फ: स्कार्फ लगभग हर भारतीय परिधान के साथ मैच करता है. ब्लौक प्रिंट, बाटिक और कांथा से युक्त स्कार्फ आजकल बहुत ज्यादा चलन में हैं. जनवरी की सर्दी में लंबा गरम स्कार्फ आप को गरम भी रखेगा और स्टाइलिश भी बनाएगा. इसी तरह गरमी के मौसम में आप खुद को टैनिंग से बचाने के लिए ब्लौक प्रिंट से सजा कौटन का स्कार्फ पहन सकती हैं.

मेकअप ट्रैंड्स 2019

सौंदर्य विशेषज्ञा भारती तनेजा 2019 के कुछ खास मेकअप ट्रैंड्स के बारे में बता रही हैं:

जहां इस साल नैचुरल मेकअप का ट्रैंड फेड होने की ओर है और उस की जगह लेगा ब्राइट मेकअप ट्रैंड, वहीं हेयरस्टाइल में भी इस साल रैट्रो लुक आउट हो सकता है. 2 से 6 महीने वाले टैंपरेरी ब्यूटी प्रोसैस की जगह ज्यादा टाइम वाले ब्यूटी ट्रीटमैंट ज्यादा पसंद किए जाएंगे.

बीते साल में न्यूड मेकअप ट्रैंड के कारण लाइट मेकअप की डिमांड ज्यादा थी, जिस में मेकअप तो सब करना चाहती थीं, लेकिन उसे दिखाना नहीं चाहती थीं. इसलिए ब्लैक ऐंड व्हाइट कलर ज्यादा छाए रहे. मगर इस साल लाइट या न्यूड मेकअप कम ही देखने को मिलेगा.

आने वाले समय में मेकअप किट का पार्ट बनने वाले कलर हैं- पर्पल, औरेंज, रस्ट, पैरेट ग्रीन, ब्लू जैसे ब्राइट कलर क्योंकि मेकअप के सारे प्रोडक्ट्स नेचर से इंस्पायर्ड होंगे. थोड़ा और कलरफुल होने की चाहत रखने वालों के लिए फ्लोरल कलर्स जैसे पिंक, रोज और ट्यूलिप इन होंगे. आई मेकअप में भी लाइनर से ले कर आईशैडो तक में ऐमराल्ड ग्रीन को महत्त्व मिल सकता है.

थ्री डी और फैंटेसी आई मेकअप ट्रैंड में रहेगा. इस में पलकों के ऊपर  डिफरैंट स्टाइल की पेंटिंग बनाने का ट्रैंड होगा. अपनी कल्पना के मुताबिक इस में पेड़, बटरफ्लाई, फ्लौवर, बर्ड्स बगैरा बनाए जाएंगे. इस के लिए कलर, क्रिस्टल, स्पार्कल और ग्लिटर का यूज किया जाएगा. ब्राइट कलर्स के साथ ड्रामैटिक आई मेकअप यूज होगा.

हां, कैट आई मेकअप ट्रैंड में रहेगा, लेकिन डिफरैंट कलरफुल आईलाइनर के साथ. औरिजनल कैट आईज ट्रैंड से बाहर हो जाएंगी. स्मोकी आईज भी कम पसंद की जाने की संभावना है.

लिप मेकअप में औक्सब्लड, पंपकिन रैड, फ्यूशिया, मैटेलिक शेड चलन में रहने वाले हैं. ट्रैंड में टू टोन लिपस्टिक लगाने का भी ट्रैंड सैट होने वाला है, जिस में ऊपर लिप में अलग शेड और लोअर लिप में अलग शेड लगाया जा सकता है. पिंक और रैड का शेड इस्तेमाल कर के बोल्ड डाइमैंशनल लिप्स का अंदाज अपनाया जा सकता है.

हेयरस्टाइल की डिमांड बढ़ेगी

आने वाले समय में ईजी टु कैरी हेयरस्टाइल्स की डिमांड बढ़ेगी. ऐसे स्टाइल डिमांड में रहेंगे, जो बिना किसी मेहनत के आराम से बन जाएं. बालों को कलर करवाने पर जोर रहेगा. 2019 की सर्दी में हौट ऐंड बोल्ड हेयर कलर शेड से आगाज होगा, फिर वसंत के साथ हेयर शेड बदलते जाएंगे. इस ट्रैंड में यदि आप जैट ब्लैक या इंक ब्लैक कलर नहीं करना चाह रही हैं, तो ऐश ग्रे हेयर शेड का चुनाव कर सकती हैं. इस के लिए अपने बालों को ऐसे डाई करें कि वे जड़ों की तरफ डार्क रहें और जैसेजैसे ऊपर बढ़ते जाएं लाइट होते जाएं. यह लुक आप को सब से अलग कर देगा.

चैस्टनट ब्राउन शेड को मैंटेन करना बहुत आसान है और यह लुक को सब से अलग कर देता है. इस के लिए इस में स्लीक गोल्डन हाईलाइट भी अच्छी लग सकती है. यह भी 2019 में काफी पसंद किया जाने वाला कलर होगा.

यदि आप ट्रैंड के अनुसार किसी कूल रंग का हेयर कलर शेड ट्राई करना चाहती हैं तो बेबी ब्लौंड हेयर कलर भी बालों पर लगा सकती हैं. इस से आप को नया लुक मिलेगा. चौकलेट रोज गोल्ड हाईलाइटिंग के लिए महिलाओं की पहली पसंद रहता ही है, आने वाले साल में भी आप इसे ट्राई कर सकती हैं. अपने बालों के सिरों पर पिंक और ब्राउन टोन का टचअप करें और सालभर ट्रैंड करें.

बालों में ऐक्सैसरीज के तौर पर औरिजनल फ्लौवर्स, आर्किड, रोज, लिली यूज किए जाएंगे. ज्यादातर हेयरस्टाइल्स विक्टोरियन लुक से इंस्पायर्ड होंगे. जहां हैड गियर का खूब यूज किया जाएगा, वहीं ऐंजेलिक लुक पर भी जोर रहेगा.

कैंडल मैनीक्योर पैडीक्योर

सर्दी का मौसम भले ही और सभी मौसमों से बेहतर माना जाता है, लेकिन इस मौसम में त्वचा बहुत ड्राई और रूखीसूखी हो जाती है, जिस से वह बेजान नजर आने लगती है. इस मौसम में त्वचा को नमी यानी मौइश्चराइजिंग की खास जरूरत पड़ती है.

सर्दियों में अकसर नमी की कमी के कारण होंठ फटने लगते हैं. हाथपैरों की त्वचा में सफेद दरारें पड़ने लगती हैं, एडि़यां भी फटने लगती हैं और कभीकभी तो उन में से खून भी आने लगता है, जिस से काफी दर्द होता है. इसलिए इस मौसम में त्वचा को काफी देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में साधारण मैनीक्योरपैडीक्योर से कोई फायदा नहीं मिलता, बल्कि खास तरह के मैनीक्योरपैडीक्योर की जरूरत पड़ती है. इस के लिए आप कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर थेरैपी का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के इस्तेमाल से त्वचा नर्ममुलायम और चमकदार बनी रहेगी.

क्या है कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर

कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर ट्रीटमैंट में कुछ खास तरह के कैंडल्स यानी मोमबत्तियों को गला कर बनाया जाता है. यह एक नया तरीका है मैनीक्योरपैडीक्योर करने का.

कैसे करते हैं इस ट्रीटमैंट का प्रयोग

इस ट्रीटमैंट मैं कैंडल को गला कर इस का प्रयोग स्क्रबिंग और मसाज के लिए किया जाता है. इस ट्रीटमैंट से त्वचा से डैड स्किन निकाल दी जाती है. सर्दियों के मौसम में यह ट्रीटमैंट बहुत ही फायदेमंद होता है. इस के इस्तेमाल से हाथपैरों में नमी बरकरार रहती है.

कैसे बनाया जाता है इसे

इस कैंडल को बनाने के लिए वैक्स के अलावा इस में जोजोबा औयल, कोकोआ बटर, विटामिन ई और आवश्यक तेलों का प्रयोग होता है. ऐसी कैंडल आप को बाजार में आसानी से मिल जाएंगी और चाहें तो घर पर भी बना सकती हैं. इस के लिए नौर्मल कैंडल को गला कर उस में अपने मनपसंद औयल्स मिलाएं.

इस के फायदे

कैंडल मसाज त्वचा को पोषण देने, ऐक्सफौलिएट करने और त्वचा सैल्स के पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने का शानदार तरीका है.

कैसे करें इस का इस्तेमाल

कैंडल थेरैपी के दौरान मैनीक्योरपैडीक्योर की शुरुआत साधारण तरीके से की जाती है. सब से पहले नाखूनों को काटना, फौइल, शेपिंग, क्यूटिकल्स पर क्रीम लगा कर इन की सफाई करना शामिल है. इस के बाद स्पैशल कैंडल को पिघलाया जाता है. तैयार वेक्स का इस्तेमाल स्क्रब के रूप में किया जाता है. इस से डैड स्किन निकल जाती है. फिर हौट टौवेल रैप से त्वचा को साफ किया जाता है.

इस के बाद क्रीम बनाने के लिए फिर से कैंडल को पिघलाया जाता है. इस वैक्स से बनी क्रीम का इस्तेमाल अच्छी तरह मौइश्चराइज करने के लिए किया जाता है. उस के बाद स्किन ब्राइटनिंग पैक का इस्तेमाल हाथों और पैरों के लिए किया जाता है. कैंडल थेरैपी का इस्तेमाल हाथपैरों को अतिरिक्त नमी प्रदान करेगा.

इस के अलावा पर्याप्त मात्रा में फल खाएं. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लें.

वीडियो : ‘तारक मेहता…’ की दयाबेन के किरदार में दिखीं सपना चौधरी

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ इन दिनों काफी सुर्खियों में है. एक तरफ जहां दयाबेन के शो छोड़ने की खबरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं वहीं दूसरी तरफ सोनू का किरदार निभाने वाली निधि भानुशाली ने शो छोड़ दिया है. इन सबके बाद अब डांसर सपना चौधरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है इस वीडियो में वह ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की दयाबेन का रोल करती नजर आ रही हैं. लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि वो शो में दिशा वकानी की जगह ले रही हैं तो जरा ठहरिए क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.

दरअसल, सपना चौधरी का एक टिक-टौक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वो दयाबेन का किरदार निभाती नजर आ रही हैं. वीडियो में वह दयाबेन के डायलौग बोल रही हैं. वीडियो काफी फनी है. डांसर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. लोग उनकी एक्टिंग की तारीफ भी कर रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sapna Choudhary Club (@isapnachaudhary) on

एक यूजर ने लिखा- सपना एक ऐसा नाम है जो किसी भी किरदार में ढल सकती हैं. वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि सपना ये आपका बेस्ट-बेस्ट वीडियो है.

बता दें कि सपना ने ”फिल्म दोस्ती के साइड इफेक्ट्स” से बौलीवुड में डेब्यू किया है. उनकी फिल्म 8 फरवरी को रिलीज हुई. सपना जबरदस्त डांसर और सिंगर हैं. भोजपुरी, हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी सिनेमा में वह कई आइटम सौंग्स भी कर चुकी हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sapna Choudhary Club (@isapnachaudhary) on


वहीं अगर तारक मेहता का उल्टा चश्मा की बात करें तो दयाबेन का किरदार निभा रहीं दिशा वकानी के शो में रहने को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. लंबे समय से वो शो से गायब हैं. 2017 में उन्होंने बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उन्होंने ब्रेक लिया. लेकिन वो अभी तक शो में वापस नहीं आई हैं. उनके शो छोड़ने की खबरें भी जोरों पर हैं.

औनलाइन पूजा : लुट जाओ यजमान

विकसित देशों के मुकाबले भारत तरक्की के मामले में भले ही पिछड़ रहा हो, मगर पंडेपुजारियों ने धर्म के सहारे कर्मकांडों, पूजापाठ आदि को बुलंदी पर पहुंचा दिया है. पूजापाठ और कर्मकांडों की जैसेजैसे तरक्की होती रही, पुजारी वर्ग भी उसी तरह खूब फलताफूलता रहा.

साल 1991 से देश में उदारीकरण और निजीकरण का दौर शुरू हुआ. इस से लोगों का पलायन के साथ रोजगार बढ़ा. ऐसे में जड़ से जुड़े लोगों का पूजापाठ और कर्मकांडों से मोहभंग होने लगा. बिना परिश्रम के मुफ्त में खाने के आदी पंडेपुजारियों का धंधा जब मंदा होने लगा तो उन्होंने ठगने के लिए नया पैंतरा अपनाया है, जो औनलाइन दर्शन, आरती, पूजापाठ और पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध जैसे कर्मकांडों के रूप में दिख रहा है. स्काइप, गूगल, फेसबुक चैट जैसे ऐप्लीकेशन से कनैक्टेड ये औनलाइन पंडे औनलाइन जेब काटने में माहिर हैं.

मतलब साफ है कि पुजारीवर्ग हर स्तर से पूजापाठ को कायम रख कर लोगों को ठगना चाह रहा है. हद की बात तो यह है कि सरकारें भी इस काम में दिल खोल कर सहायता कर रही हैं, मृत्यु के बाद जब मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है, तब भी औनलाइन पूजापाठ पैकेज के सहारे लाइव पिंडदान से मोक्ष दिलाने का धंधा जोरों पर है. प्रसिद्ध मंदिरों की आरती एवं दर्शन को औनलाइन दिखा कर आधुनिक पंडे अपनी जेब भरने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में औनलाइन पूजापाठ का औफर देने वाले पुजारियों से सावधान रहना ही बेहतर है.

लाइव पिंडदान

पिछले दिनों इलाहाबाद अब प्रयागराज में कुछ पुरोहितों ने लाइव पिंडदान का औफर शुरू किया. यहां के पुरोहित ने बताया, ‘वीडियोकौलिंग से लाइव पिंडदान किया जा रहा है. अनुष्ठान के समय एक व्यक्ति मोबाइल ले कर खड़ा रहेगा, सब कुछ उस में दिखाएगा, जिसे दूरदराज बैठे हमारे यजमान उसे आसानी से देख सकेंगे. बदले में हम यजमानों से मोटी रकम वसूलते हैं.’’

धर्म ने बनाया पंडों को धनवान

पुरोहित, पुजारी तो तमाम तरह से धर्मभीरु बना कर पैसा ऐंठते ही हैं, मगर असली समस्या तो पढ़ेलिखे धनवान यजमानों की सोच से है, जिन की जेब गरम है और पैसा धर्म के डर से फेंक देते हैं. इन धनवान यजमानों को देख कर गरीब समाज भी उसी तरह पुजारियों के चरण में जा गिरता है. यही कारण है कि लाइव ठगी करने वाले पुजारियों की बल्लेबल्ले हो रही है.

पिछले दिनों औनलाइन पिंडदान का उदाहरण देखिए- प्रयागराज के पुरोहित विजय पांडेय को जयपुर के भौलेंद्र राजपूत, विरेंद्र कुमार व भैरो सिंह पिंडदान के लिए क्व21-21 हजार भेज चुके हैं. पुरोहित आशुतोष पालीवाल को मुंबई के विरेंद्र पांडेय, मोहनीश भार्मा, भयाम द्विवेदी, नई दिल्ली के विकेश, छिंदवाड़ा के विंकेश्वर सिंह चौहान हजारों रुपए भेज कर तय तिथि में पिंडदान करवा चुके हैं.

सोचने वाली बात यह है कि एक मजदूर जो दिनरात मेहनत करने के बावजूद क्व20 हजार नहीं कमा पाता है, वहीं पिंडदान कराने वाले पंडे महज कुछ घंटों में उल्लू सीधा कर के क्व21 हजार या उस से ज्यादा का चूना पढ़ेलिखे आदमी को लगा देते हैं. खुद कुछ काम न करने वाले ये पंडे केवल कर्मकांड के नाम पर पढ़ेलिखे आदमी को भी धार्मिक भय दिखा कर कंगाल बना रहे हैं.

औफर पर सरकारी मुहर

पिछले दिनों मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन और आरती के लिए औनलाइन बुकिंग की खबरें आई थीं. वहां भस्म आरती प्रशासक प्रदीप सोनी ने शीघ्र दर्शन काउंटर से क्व250 के पास बनाने के निर्देश दिए थे. मतलब महाकाल मंदिर प्रशासन अपने भगवान के भक्तों से दर्शन के लिए क्व250 का सुविधा शुल्क रूपी धन बटोरने में जुटा था.

जाहिर है और ज्यादा वसूली के लिए यह प्रक्रिया औनलाइन की गई होगी. यही नहीं महाकाल मोबाइल ऐप भी लौंच किया गया था, जिस पर पहले तो औनलाइन दर्शन करवाया जाता था, मगर बाद में शीघ्र दर्शन की बुकिंग करने के लिए उसे बंद करवा दिया गया.

इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौक स्थित काली मंदिर में साल 2018 के नवरात्र में मंदि के शृंगार के लिए क्व2,100 की बुकिंग की जा रही थी. एक अन्य मामले में राजस्थान के पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर क्व5,100 औनलाइन जमा करा के अभिषेक कराए जाने की घोषणा की गई. मंदिर में वीआईपी दर्शन व्यवस्था के लिए भी बुकिंग की बात की गई. दावा किया गया कि इस से होने वाली आमदनी को मंदिर के विकास में लगाया जाएगा. हैरत की बात तो यह है कि पुष्कर में जिस समय यह सब निर्णय लिया गया, उस समय मंदिर का प्रबंधन एक सरकार समिति के पास था, जिस के अध्यक्ष तत्कालीन जिला कलैक्टर थे.

मौत के बाद भी भय

दरअसल, हिंदू धर्म शास्त्रों ने लोगों को इतना भयभीत कर दिया है कि लोग मरने के बाद भी जब कोई अस्तित्व नहीं बचता है, उस समय को सोच कर सहम उठते हैं. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार मृतात्मा को तब तक मुक्ति नहीं मिलती है, जब तक कि उस का कोई परिजन मुखाग्नि न दे.

हालांकि पुजारीवर्ग ने अपने लाभ के लिए एक ढील दी है, जिस में यदि कोई परिजन अंतिम संस्कार नहीं करता है, तो ब्राह्मण अंतिम संस्कार कर सकता है. इस से मृतात्मा को मोक्ष मिलने में कोई बाधा नहीं होगी. इस तरह पुरोहित के सहारे मोक्ष दिलाने की गारंटी गरूड़ पुराण और स्मृति पुराण देते हैं. मृत्यु के बाद मोक्ष दिलाने के लिए देश के प्रमुख धार्मिक शहरों के हाईटैक पंडेपुजारियों के साथसाथ इस समय कई वैबसाइट और मोबाइल ऐप्स हैं, जो इस तरह की पोंगापंथी को बढ़ावा दे रहे हैं.

पुजारियों के साथ सरकार

साल 2016 में केंद्र सरकार ने डाक विभाग के मार्फत देश के सभी चुनिंदा डाकघरों में गंगाजल बेचने की घोषण की थी. जिस से कोई भी व्यक्ति गंगाजल को गंगोत्री जैसे शहरों से औनलाइन बुकिंग कराने के बाद मंगा सकता है. पटना के जीपीओ से तत्कालीन मंत्री रविशंकर प्रसाद, मनोज सिन्हा, रामकृपाल यादव की मौजूदगी में पूरे सरकारी तामझाम के साथ डाकघरों से गंगाजल बेचना शुरू किया गया.

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में बताया, ‘‘डाक हमारी प्राचीन संस्था है, और गंगा हमारी सर्वोच्च आस्था. संस्था के सहयोग से आस्था को घरघर पहुंचाया जाएगा.’’

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भाजपा शासित राज्यों में तमाम तरह की पोंगापंथी को बढ़ाने के लिए सरकार धार्मिक यात्राओं और धार्मिक आयोजनों पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा रही है. हरियाणा सरकार गीता महोत्सव पर 100 करोड़ खर्च कर चुकी है. केंद्र सरकार ने प्रयागराज के कुंभ पर 1,150 करोड़ मंजूर किए है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2019 में होने वाले अर्द्धकुंभ के लिए 2,500 करोड़ मंजूर किया है. मध्य प्रदेश सरकार तो देश के साथसाथ विदेश में भी धार्मिक यात्राओं के लिए पैसा देती है.

इन सब के बीच पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना बंद कर के एक अच्छी मिसाल पेश की है. बेहतर होगा कि राज्य सरकारें इस मामले में पंजाब सरकार का अनुसरण करें. एक धर्मनिरपेक्ष देश को इस तरह जनता की गाढ़ी कमाई को पोंगापंथी बढ़ाने के लिए बिलकुल नहीं लुटाना चाहिए. इस से बची राशि का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा. वहीं दूसरी ओर लोगों को पंडेपुजारियों द्वारा फैलाए गए इस तरह के औनलाइन पूजापाठ, कर्मकांडों से सावधान रहना चाहिए. लोगों को अपने कर्म पर विश्वास रखना चाहिए.

छोटा घर सजाने के लिए बड़े काम के हैं ये टिप्स

महिलाओं को घर सजाने का बहुत शौक होता है. उन्हें हर चीज बिलकुल परफैक्ट पसंद होती है. मगर घर सजाने की जानकारी सभी को पूरी नहीं होती है. किसी का सजा घर देख कर आप ने अपना घर सजाया, आप का देख कर किसी और ने अपना घर सजा लिया. होतेहोते फिर यह होता है कि आप के घर की सजावट में कुछ भी नयापन नहीं रहता है. अत: जानें घर सजाने के कुछ अलग तरीके जिन से आप का घर दूसरों के घर से अलग और खूबसूरत दिखेगा:

– अपने घर को कुछ अलग टैक्स्चर दीजिए ताकि वह औरों के घर से अलग दिखे. इस के लिए यह जरूरी नहीं कि आप सारी दीवारों पर डिजाइन बनवाएं, सिर्फ एक ही दीवार पर हलकी सी भी डिजाइन बना कर घर को अलग रूप दिया जा सकता है. आप खुद भी किसी दीवार पर टैक्स्चर दे सकती हैं, जिस से आप को भी अलग अनुभव मिलेगा और घर देखने में भी अच्छा लगेगा.

– छोटी कंक्रीट से भी घर को सजाया जा सकता है. इसे किसी बौल पर डिजाइन दे कर चिपकाएं. इस से घर का माहौल बहुत नैचुरल लगेगा. घर के कमरों के कोनों में बोनसाई लगाएं और दरवाजों के बाहर गमले रखें. इस से पूरे घर में हरियाली लगेगी और लुक भी अच्छा आएगा.

– जब भी समुद्रतट की सैर पर जाएं, तो वहां से सुंदर सीप जरूर लाएं और फिर इन्हें कैंडल स्टैंड के लिए प्रयोग करें.

– घर की सजावट में उचित लाइट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. घर के कोनों में लाइट लगाएं. हलकी और कम रोशनी की लाइट कमरे में अच्छी लगती है. इस से आंखों को सुकून और आराम मिलता है.

home

– घर को सजाने में सब से बड़ा योगदान सामान की व्यवस्था का होता है. घर के सारे सामान को अपनी जगह रखें यानी जो सामान जहां का हो उसे वहीं रखें.

– बाथरूम की दीवार पर लैडर बनवाएं. इस से नयापन तो आता ही है, आप इस पर कपड़े भी रख सकती हैं. ऐसा बाथरूम ट्रैडिशनल बाथरूम से हट कर लगता है.

– जरूरी नहीं कि घर की हर दीवार पर कलर किया जाए या फिर ज्यादा खर्च कर टैक्स्चर ही करवाया जाए. आप चाहें तो खूबसूरत वालपेपर से भी दीवारों को बेहतरीन लुक दे सकती हैं. इस का प्रयोग कर के आप घर को किसी विशेष थीम के आधार पर सजा सकती हैं.

– घर को छोटेछोटे फैंसी डिनर टेबल फ्रेम्स से सजाएं. विभिन्न प्रकार के ग्लासेज को डैकोरेटिव आइटम की तरह प्रयोग किया जा सकता है.

– जब बात हो घर को मौडर्न लुक देने की, तब दीवारों, परदों और इंटीरियर की अन्य चीजों के साथसाथ घर के दरवाजों पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए. आजकल मार्केट में डिजाइनर दरवाजे उपलब्ध हैं. अत: उन के साथ मैचिंग डोर नोब्स भी ध्यान से चुनें जैसे पैने किनारे या हाथ में चुभने वाली कोई डोर नोब न चुनें. नोब का आकार ऐसा हो जो आसानी से हाथ में पकड़ा जाए. नोब पर किसी फिसलने वाले मैटीरियल की कोटिंग न हो. इन दिनों कीमत के आधार पर अलगअलग मैटीरियल में नोब्स मौजूद हैं जैसे वाइट मैटल फिनिश, क्रोम प्लेटेड, बर्निश्ड गोल्ड फिनिश, ब्रास, आयरन आदि.

– लंबे बुकशेल्फ रखें. इस से कमरे को एक फोकल पौइंट मिलेगा.

– मुलायम, हलके परदों से कमरा प्रकाशयुक्त और हवादार लगता है.

– प्रवेशद्वार को पर्सनल टच दें. इसे अपनी अच्छी यादों वाले फोटोग्राफ्स से सजाएं या जो भी चीजें आप को पसंद हों, उन से सजाएं.

– छोटे भारतीय घरों के लिए शीयर परदे या वूडेन डिवाइडर्स अच्छे रहते हैं. इन से लिविंगरूम और डायनिंगरूम को डिवाइड कर सकती हैं.

– सीढि़यों के नीचे की जगह में छोटी अलमारी या कुछ शेल्फ बना कर उस जगह का प्रयोग कर सकती हैं.

– छोटी जगह को बड़ा दिखाने के लिए शीशों का प्रयोग अच्छा रहता है.

– जब जगह कम हो तो दीवारों को काम में लाएं, बैठकरूम और किचन की दीवारों पर खूबसूरत शेल्फ लगाएं. उन्हें ब्राइट कलर्स में पेंट करें.

उड़द दाल बनाने की रेसिपी

सामग्री :

– उड़द दाल (01 कप)

– एक प्याज (बारीक कटा हुआ)

– एक टमाटर (बारीक कटा हुआ)

– टमाटर प्यूरी (02 बड़े चम्मच)

– क्रीम/मक्खन (01 बड़ा चम्मच)

– हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)

– अदरक-लहसुन पेस्ट (01 बड़ा चम्मच)

– गुड़ 01 बड़ा चम्मच कद्दूकस किया हुआ)

– जीरा ( 01 छोटा चम्मच)

– भुना जीरा पाउडर (01 चम्मच)

– तेज पत्ता (01 नग)

– धनिया पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– कसूरी मेथी के सूखी पत्ते (01 छोटा चम्मच)

– पाउडर (1/2 छोटा चम्मच)

– हरी धनिया (01 बड़ा चम्मच बारीक कटी हुई)

– हींग ( 02 चुटकी)

– नमक (स्वादानुसार)

उड़द दाल बनाने की विधि

– सबसे पहले उड़द की दाल को धो लें और फिर 7-8 घंटे के लिये पानी में भिगो दें.

– दाल भीगने के बाद उसे एक बार और धो लें, फिर दाल को प्रेशर कुकर में डालें.

– साथ ही 3 कप पानी, तेज पत्ता, और 1 छोटा चम्मच नमक मिलाकर मीडियम आंच पर चढ़ा दें.

– कुकर में 3-4 सीटी लगने के बाद गैस बंद कर दें.

– कुकर की गैस निकलने के बाद उसे खोलें और फिर उसे चम्मच की मदद से मैश कर लें.

– अब एक फ्राई पैन में घी डालकर गर्म करें

– घी गरम होने पर इसमें जीरा और हींग डालें और हल्का सा फ्राई कर लें.

– जीरा चटकने पर पैन में प्याज, हरी मिर्च डालें और हल्का सा भूनें.

– इसके बाद पैन में अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और सभी मसालों को सुनहरा होने तक भून लें.

– अब कटे हुए टमाटर और स्वादानुसार नमक पैन में डालें और टमाटर के गलने तक पका लें.

– इसके बाद पैन में 1 कप पानी डालें और आंच को तेज करके 5 मिनट तक पका लें.

– इसके बाद पैन में टमाटर प्यूरी, गुड़, भुना जीरा पाउडर, हल्दी पाउडर और धनिया पाउडर डाल दें और ढ़क कर 6-7 मिनट तक पकायें.

– अब ग्रेवी में उड़द की दाल मिला दें और पैन को ढ़ककर धीमी आंच पर 7-8 मिनट तक पकाएं.

– इसके बाद कसूरी मेथी के पत्ते दाल में डालें और चलाकर गैस बंद कर दें.

अब आपकी स्वादिष्ट दाल बुखारा तैयार है.

सफर के दौरान ऐसे बरकरार रखें अपनी खूबसूरती

यात्रा के दौरान मेकअप करने पर प्रदूषण से मेकअप खराब होने का डर होता है. और आप समझ नहीं पातीं कि मेकअप करें भी या नहीं. सफर के दौरान ऐसे करें जिससे खूबसूरत लुक के साथ कम्फर्टेबल भी आप रहें. तो आइए बताते हैं, यात्रा के दौरान कैसे आप मेकअप करें.

बेस मेकअप

मेकअप की शुरुआत बेस से करें लेकिन हेवी फाउंडेशन न लगाएं वरना रास्ते में धूल-मिट्टी चेहरे पर चिपक सकती है. ऐसे में फाउंडेशन और पाउडर दोनों को मिलाकर बेस तैयार करें. सबसे पहले चेहरे पर टोनर लगाएं, फिर स्किन टोन से मैच करता फाउंडेशन लगाएं. इसके कुछ मिनट बाद फेस पाउडर लगाएं. ऐसा करने से मेकअप को प्रोटेक्टिव बेस मिलेगा, साथ ही फाउंडेशन चेहरे पर लंबे समय तक टिका भी रहेगा.

travel

आई मेकअप

ट्रैवलिंग के समय हैवी आई मेकअप से बचें. नौर्मल आई मेकअप के लिए जेल आई लाइनर बेस्ट है जो देर तक टिका रहता है साथ ही ट्रैवलिंग के दौरान आई मेकअप के खराब होने की भी टेंशन नहीं होती. ब्लैक या ब्राउन की जगह कलरफुल शेड्स जैसे ब्लू या ग्रीन जेल आई लाइनर का इस्तेमाल कर सकती हैं. आई लाइनर के बाद मसकारा लगाएं. इससे आंखें बड़ी नज़र आती हैं.

travel

ब्लशर

चीक मेकअप के लिए सही ब्लशर चुनें तभी सही मायने में लुक कम्प्लीट होगा. न्यूट्रल शेड के ब्लशर सफर में अच्छे रहेंगे. पीच, मोव, बेबी पिंक शेड्स का चुनाव करें. पाउडर ब्लशर के बजाय क्रीम बेस्ड ब्लशर देर तक टिकेगा.

साथ कैरी करें एक वैनिटी बौक्स

– वैनिटी बौक्स में थोड़ा कौटन, टिश्यू पेपर और इयर बड जरूर रखें, इनकी अक्सर जरूरत पड़ती है.

– आई, लिप और चीक बोन पर अप्लाई किए गए प्रोडक्ट्स साथ रखें जिससे टचअप की जरूरत हो तो     मुश्किल न हो.

– अच्छा होगा कि मल्टीपल मेकअप किट साथ रखें जिससे सारे प्रोडक्ट्स कम जगह में सेट हो जाएं.

– सफर के दौरान पानी पीना न भूलें, इससे स्किन हाइड्रेटेड रहती है.

भरवां शिमला मिर्च बनाने की रेसिपी

सामग्री :

– शिमला मिर्च  (06 नग मीडियम साइज)

– आलू (04 नग मीडियम साइज)

– प्याज (02 नग मीडियम साइज)

– धनिया पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– जीरा (1/2 छोटा चम्मच)

– हल्दी पाउडर ( 1/2 छोटा चम्मच)

– लाल मिर्च पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– गरम मसाला (1/4 छोटा चम्मच)

– अमचूर पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– हींग (2 चुटकी)

– तेल (04 बड़े चम्मच)

– नमक (स्वादानुसार)

भरवां शिमला मिर्च बनाने की विधि :

– सबसे पहले आलुओं को उबाल लें, जब तक आलू उबल रहे हैं, तब तक शिमला मिर्च को अच्छी तरह से   धो लें.

– इसके बाद चाकू से शिमला मिर्च के डंठल निकाल लें और उन्हें बिना काटे हुए उसके अंदर के बीज भी निकाल लें.

– आलुओं को उबलने के बाद उन्हें ठंडा कर लें और छील लें.

– छिले हुए आलुओं को बारीक तोड़ लें.

– अब कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच तेल डाल कर गरम करें.

– तेल गरम होने पर कढ़ाई में हींग और जीरा डालें और उन्हें हल्का सा भून लें.

– इसके बाद कढ़ाई में प्याज डालें और चलाते हुए भूनें.

– जब प्याज सुनहरे रंग का हो जाए, कढ़ाई में हल्दी, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला और   अमचूर पाउडर डालें और चलाते हुए भूनें.

– दो मिनट बाद कढ़ाई में में आलू और नमक डाल दें और चलाते हुये 2-3 मिनट तक भूनें.

– इसके बाद गैस बंद कर दें और मिश्रण को ठंडा होने दें.

– अब एक शिमला मिर्च लें और उसमें तैयार मिश्रण को भर दें.

– शिमला मिर्च का जो ठंठल आपने काट कर हटाया था, उसे ऊपर से रख कर हल्का सा दबा दें.

– इसी तरह से सारे शिमला मिर्च भर कर तैयार कर लें.

– अब एक पैन में बचा हुआ तेल डाल कर फैला दें और भरी हुई शिमला मिर्च उसमें रख कर पैन को गरम     करें.

– साथ ही पैन को ढक दें और स्लो आंच में शिमला मिर्च को 3-4 मिनट बाद पकने दें.

– 3-4 मिनट बाद पैन का ढक्कन हटायें और उन्हें पलट दें.

– अब पैन को पुन: ढक दें और 1-2 मिनट तक पकने दें.

– 1-2 मिनट बाद पैन को खोलकर देखें और जिस ओर के शिमला मिर्च न पके हों, उस ओर पलट कर उन्हें 1-2 मिनट और पका लें.

अब आपकी शिमला मिर्च भरवां तैयार है.

जब बदलनी पड़े बार बार नौकरी

‘‘कहां गई थीं? काफी देर लगा दी आने में?’’अशोक ने पूछा तो दिन भर की थकीहारी मिनी गुस्से से फट पड़ी, ‘‘और कहां जाऊंगी इस जिंदगी में नई नौकरी ढूंढ़ने और बारबार इंटरव्यू देने के अलावा?’’ ‘‘अरे, इस में नाराज होने वाली कौन सी बात है? मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था. चलो, गरमगरम चाय पीते हैं साथसाथ,’’ अशोक ने प्यार से कहा.

‘‘मिनी फ्रैश होने चली गई. चाय बनाते समय भी वह बड़बड़ा रही थी, न जाने कैसेकैसे उलटेसीधे प्रश्नों के उत्तर देने पड़ते हैं हर बार?’’

थोड़ी देर में 2 कप चाय ले कर मिनी आ तो गई, पर उस का मूड अभी भी उखड़ा हुआ था.

‘‘अच्छा बताओ कैसा रहा इंटरव्यू?’’ अशोक ने पूछा.

‘‘ठीकठाक ही रहा. हर जगह लोग अविश्वास कि दृष्टि से देखते हैं मुझ जैसे लोगों को. यह प्रश्न पूछना भी नहीं भूलते कि इतनी जल्दीजल्दी नौकरी क्यों बदली आप ने या क्यों बदलनी पड़ी? उन का अगला प्रश्न होता है कि अगर आप को नौकरी दी जाती है तो कहीं बीच में ही तो छोड़ कर नहीं चली जाएंगी?’’

‘‘क्या जवाब दिया तुम ने?’’

अशोक के पूछने पर मिनी ने धीरे से कहा, ‘‘सच पूछो तो उस का सही जवाब तो मेरे पास भी नहीं होता. मेरा तो अपना सब कुछ अस्थाई और अनियोजित है.’’

असल में मिनी के पति अशोक की नौकरी तबादले वाली है. अत: जब भी अशोक का तबादला होता है उसे परिवार और बच्चों की खातिर अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है. नई जगह पर घरगृहस्थी और बच्चे सब व्यवस्थित हो जाते हैं तो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रहने में विश्वास करने वाली मिनी को खुद का जीवन अव्यवस्थित लगने लगता है.

यह समस्या सिर्फ मिनी की नहीं है. अकसर महिलाओं को परिवार और काम के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कई बार अपनी नौकरी छोड़नी, बदलनी या नई नौकरी से समझौता करना पड़ता है. बारबार नौकरी छोड़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे पति का तबादला, बच्चों की परवरिश, पढ़ाई एवं सुरक्षा या घर में बीमार बुजुर्ग की देखभाल की समस्या आदि. कारण चाहे जो भी हो पर बारबार नौकरी बदलने की मजबूरी से इनसान खासकर महिलाओं को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

सही नौकरी की तलाश

‘‘आज के जमाने में जहां नौकरी मिलना बहुत कठिन है, वहीं मिली हुई नौकरी को छोड़, अपनी रुचि और सुविधानुसार नई नौकरी तलाश करना अपनेआप में बहुत बड़ी समस्या है,’’ यह कहना है 30 साल की जरीना का जो अब तक पारिवारिक कारणों से एक ही शहर में 3 बार नौकरी छोड़ चुकी हैं और चौथी की तलाश जारी है. नई नौकरी पाने के चक्कर में कई तरह के  समझौते करने पड़ते हैं. कभी पैसों से समझौता करना पड़ता है तो भी वर्किंग आवर्स को ले कर.

काबिलीयत को प्रूव करना

45 साल की गोपा चक्रवर्ती के पति सेना में कार्यरत हैं, जिन का तबादला लगभग हर 2 साल पर होता रहता है. बारबार जौबे ढूंढ़ने की बात चली तो वे कहने लगीं, ‘‘मैं तो हर 2 साल पर बेरोजगार हो जाती हूं. फिर से नई जगह नौकरी ढूंढ़नी पड़ती है. अब इतना अनुभव हो गया है कि नौकरी तो मिल जाती है पर काबिलीयत होते हुए भी हर जगह अपना काम जीरो से शुरू करना पड़ता है और जब तक मेहनत कर के खुद को प्रूव करती हूं, नौकरी छोड़ देनी पड़ती है. लगता है नौकरी करने का एक ही मकसद रह गया है. बस खुद को लोगों के सामने प्रूव करते रहो जिंदगी भर.’’

अस्थिर भविष्य की चिंता

एमए पास 37 वर्षीय भावना शर्मा जो शुरू में एक प्राइवेट कालेज में प्रवक्ता थीं, वर्तमान में दुबई में स्कूल शिक्षिका हैं, ने बताया, ‘‘क्या करूं एक तरफ पति का कैरियर है तो दूसरी तरफ बेटी की सुरक्षा का सवाल है. शुरू में जब नईनई गृहस्थी थी उस समय आर्थिक कारणों से दोनों पतिपत्नी का कमाना जरूरी था. जब बेटी का जन्म हुआ तब मैं ने एनटीटी कोर्स कर के ऐसा स्कूल जौइन किया था जिस में क्रैश की सुविधा थी, क्योंकि मेरी मां नहीं हैं और सास की तबीयत भी ऐसी नहीं थी कि वे बच्ची की देखभाल कर सकें. फिर जब बेटी थोड़ी बड़ी हुई और उस का स्कूल बदला तो मैं ने भी उसी स्कूल में काम करना शुरू किया जहां मेरी बेटी पढ़ती है. इस के लिए मुझे पेमैंट को ले कर समझौता भी करना पड़ा. पर अब लगता है कि टीनएजर बेटी को समय देने और उसे अकेले छोड़ने के बजाय मुझे ही नौकरी छोड़नी पड़ेगी. अब मुझे पैसों की उतनी जरूरत नहीं है पर जब एक बार वर्किंग वूमन हो जाओ तो घर बैठना बुरा लगता है. कल्पना करती हूं तो लगता है कि कहीं मैं घर पर बैठ कर चिड़चिड़े स्वभाव की न हो जाऊं और मेरे स्वास्थ्य पर इस का कोई बुरा असर न पड़े?’’

फील्ड बदलना चुनौती भरा काम

कई बार महिलाओं को एक फील्ड में लंबे समय तक काम करने के बाद मजबूरीवश अपनी फील्ड बदलनी पड़ती है या जौब छोड़नी पड़ती है. दोनों ही स्थितियां उन्हें मानसिक तौर पर प्रभावित करती हैं.

40 वर्षीय प्रिया कासेकर के पति अकसर दौरे पर रहते हैं. घर में बूढे सासससुर तथा 2 बच्चे हैं, जिन की देखभाल की जिम्मेदारी उसे ही निभानी पड़ती हैं. ऐसे में इंजीनियर प्रिया ने अपनी फील्ड बदल ली. 3 साल पहले बीएड कर के अब एक स्कूल में पढ़ाती है.

प्रिया का कहना है कि शुरू में तो उसे अपनी रुचि से अलग काम करना काफी चुनौती भरा लगा, साथ ही साथ नई नौकरी खोजते समय इस बात की बारबार सफाई भी देनी पड़ी कि पेशे से इंजीनियर शिक्षिका क्यों बन रही.

मानसिक प्रताड़ना की अनुभूति

नई नौकरी चाहिए तो इंटरव्यू देना ही पड़ता है. गोपा चक्रवर्ती का मानना है, ‘‘जब आप अपनी मरजी से जौब छोड़ कर नई जौब पकड़ना चाहते हो तो इंटरव्यू देना बुरा नहीं लगता पर अपनी जमीजमाई नौकरी छोड़ हर बार कई इंटरव्यू फेस करना और लोगों के प्रश्नों के संतोषप्रद उत्तर देना, फिर जब तक यह नहीं पता चले कि जौब मिली या नहीं, उस के लिए इंतजार करना एक प्रकार से मानसिक प्रताड़ना झेलने का अनुभव कराता है.’’

सही तालमेल बैठाना आसान काम नहीं

बारबार नौकरी बदलने में एक बात होती है कि काफी कुछ सीखने को मिलता है पर हर बार नए लोगों, नए माहौल और नए प्रोजैक्ट्स तथा अपने परिवार में उचित तालमेल बैठाना भी कोई आसान काम नहीं होता. प्राइवेट फर्म में काम करने वाली मार्गरेट का मानना है कि तालमेल बैठाने में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की मेहनत करनी पड़ती है. इस क्रम में कभीकभी तो लगता है कि वह एक मशीन बन कर रह गई है.

जौब सैटिस्फैक्शन की समस्या

मजबूरी में छोड़ी गई तथा परिवार की सुविधानुसार की गई नौकरी में कई बार जौब सैटिस्फैक्शन नहीं होती. बस लगता है आर्थिक आमदनी के कारण नौकरी ढोए जा रहे हैं. इस संबंध में 32 वर्षीय मीनाक्षी का कहना है कि जब जौब सैटिस्फैक्शन देने वाली नहीं होती तो ऐसा महसूस होने लगता है कि अपना कोई वजूद ही नहीं है. बस पागलों की तरह मेहनत करते जाओ.

दो नावों की सवारी

कहा गया है कि दो नावों पर एकसाथ सवारी करना खतरनाक साबित होता है, पर शिक्षित, जागरूक और खुद को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महिलाओं को कई बार ऐसी सवारी करनी ही पड़ती है. मार्गरेट अपने अनुभव बताते हुए कहती हैं कि अगर आप परिवार के सदस्यों की सुविधानुसार नौकरी करती हैं और कई बार उन की खातिर छोड़ देती हैं तो परिवार के सदस्य भी पहले अपनी सुविधा देखते हैं आप की नहीं. घर आती आमदनी सब को अच्छी लगती है चाहे पति हों या बच्चे, लेकिन वे एडजस्ट करना नहीं चाहते, बल्कि आप को एडजस्ट करना पड़ता है. कभी वर्किंग हो कर तो कभी घर बैठ कर.

मनोवैज्ञानिक दबाव

मनोविश्लेषकों का मानना है कि अपने जीवन में इनसान को कई चाहे अनचाहे उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. यह एक हद तक तो ठीक है पर जब बारबार इस तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़े तो कई बार इस का प्रतिकूल प्रभाव इनसान के मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिल जाता है. पुरुषों से अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील होने के कारण मनोवैज्ञानिक दबाव के दुष्प्रभाव की शिकार सब से ज्यादा ऐसी महिलाएं होती हैं जो घरबाहर की दोहरी जिम्मेदारी निभाने पर भी जिन की पहचान न तो घरेलू महिला की रहती है और न ही कामकाजी की. मानसिक तौर पर वह स्वयं निश्चित नहीं कर पाती कि खुद को किस श्रेणी में रखे हाउसवाइफ की या वर्किंग की श्रेणी में?

एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक के अनुसार, नौकरी छोड़ना और नई नौकरी पकड़ने के दौरान कई बार कुछ महिलाओं में असुरक्षा की भावना, पैसे की कमी, खालीपन, पारिवारिक उपेक्षा का एहसास, मनोबल का गिर जाना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन के साथसाथ हलके और गहरे अवसाद जैसे लक्षण भी पाए जाते हैं. ऐसी विषम स्थिति में न तो ठीक से कोई काम किया जा सकता है और न ही जीवन का आनंद उठाया जा सकता है. कई महिलाएं तो इस अल्पकालीन विषम स्थिति में धैर्य एवं हिम्मत रख कर खुद को संभाल लेती हैं पर बहुतों को मनोचिकित्सक की सलाह लेने की जरूरत पड़ जाती है.

एक महिला होने के नाते मेरा मानना है कि महिलाएं जिस तरह पति,बच्चों या परिवार के अन्य सदस्यों की उपलब्धियों के लिए जिस हिम्मत और जोश के साथ प्रयासरत रहती हैं. अपनी उपलब्धि के लिए भी प्रयासरत रहते समय निराशा के अंधकार में डूबने के बजाय हिम्मत, जोश और धैर्य बरकरार रखें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें