इन राज्यों की महिलाएं कमाती हैं पुरुषों से ज्यादा, ये राज्य हैं पीछे

महिलाएं कमाई के मामले में पुरुषों से बेहतर स्थिति में आ गई हैं. अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली, दिल्ली और पंजाब जैसे इलाकों में महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा सैलरी मिलती है. एक रिपोर्ट की माने तो इन हिस्सों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का औसत वेतन 77 फीसदी है.

वहीं उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा जैसी जगहों के शहरी इलाकों में महिलाओं और पुरुषों की सैलरी के बीच मामूली अंतर है.

नागालैंड और सिक्किम जैसे प्रदेशों के शहरी और ग्रामिण क्षेत्रों की महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा कमाती हैं. आपको बता दें कि सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड 5 ऐसे राज्य हैं जहां ग्रामीण महिलाओं का वेतन सबसे ज्यादा है. इन 5 राज्यों में शहरी महिलाओं की तुलना में ग्रामीण महिलाओं का औसत वेतन 55 फीसदी है.

एक ओर जहां इन राज्यों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति पुरुषों से बेहतर है, वहीं कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां महिलाओं की आर्थिक स्थिति पुरुषों से बुरी है. इनमें पुड्डुचेरी, मध्य प्रदेश, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गुजरात हैं.

फिल्म रिव्यू : सिंबा

किसी भी सफल फिल्म का रीमेक बनाते समय फिल्मकार उसे तहस नहस कर देते हैं. इससे पहले मराठी फिल्म ‘सैराट’ की जब हिंदी रीमेक ‘धड़क’ आयी, तो बात नहीं जमी थी. अब रोहित शेट्टी 2015 में प्रदर्षित तेलुगू की सुपर हिट फिल्म ‘‘टेम्पर’’ का हिंदी रीमेक एक्शन व हास्य प्रधान फिल्म ‘‘सिंबा’’ लेकर आए हैं, पर इस बार वह भी मात खा गए.

फिल्म ‘‘टेंम्पर’’ में जिस तरह का अभिनय जूनियर एनटीआर ने किया है, उसके सामने रणवीर सिंह फीके पड़ जाते हैं. जिन लोगों ने तेलुगू फिल्म ‘टेम्पर’ या हिंदी में डब इस फिल्म को देखा है, उन्हे ‘सिंबा’ पसंद नहीं आएगी. अन्यथा यह मनोरंजक मसाला फिल्म है, जिसमें एक्शन, हास्य, रोमांस, इमोशंस के साथ ऐसा हीरो है, जो कि वक्त पड़ने पर बीस पच्चीस लोगों को धूल चटा देता है.

संग्राम भालेराव उर्फ सिंबा (रणवीर सिंह) एक अनाथ बालक से शिवगढ़ के एसीपी बने हैं, जो कि भ्रष्ट पुलिस आफिसर है. यह वही शहर है, जहां डीसीपी बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) की परवरिश हुई थी. बाजीराव इमानदार पुलिस अफसर रहा है, जबकि सिंबा को भ्रष्ट तरीके से जिंदगी का आनंद उठाते दिखाया गया है. वास्तव में बचपन में ही सिनेमाघर के सामने ब्लैक में टिकट बेचते हुए सिंबा समझ जाता है कि पैसा कमाने के लिए पावर चाहिए, इसीलिए वह पुलिस अफसर बनना चाहता है. पुलिस अफसर बनने के बाद सिंबा बेईमानी पूरी इमानदारी से करता है. पुलिस अफसर की ड्यूटी निभाते हुए उसका ध्यान सिर्फ जायज व नाजायज ढंग से पैसा कमाने पर ही होता है. कुल मिलाकर संग्राम उर्फ सिंबा को भ्रष्ट पुलिस अफसर की जीवनशैली जीने में ज्यादा आनंद आता है. उसे प्रदेश के गृहमंत्री का वरदहस्त हासिल है.

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संग्राम भालेराव, गृहमंत्री को अपना पिता और उनकी बेटी को बहन मानता है. गृहमंत्री उसका तबादला गोवा में मीरा मार पुलिस स्टेशन में इस हिदायत के साथ करते हैं कि वह वहां पर दुर्वा रानाडे (सोनू सूद) को क्रास नही करेगा. मीरा मार पुलिस स्टेशन पहुंचने पर सिंबा का सामना हेड कांस्टेबल मोहिले (आशुतोष राणा) से होती है, जोकि बहुत इमानदार है, उसने सिंबा के बारे में सब कुछ सुन रखा है, इसलिए वह उन्हे सलाम नहीं करता है. गुस्से में सिंबा उसे अपनी गाड़ी का ड्राइवर बना लेता है. पर सब इंस्पेक्टर संतोष तावड़े (सिद्धार्थ जाधव) से सिंबा की जमती है और दोनों मिलकर हर नाजायज काम को अंजाम देते हैं. पुलिस स्टेशन के सामने ही कैटरिंग चलाने वाली शगुन (सारा अली खान) पर सिंबा लट्टू हो जाता है.

तो वहीं वह शगुन की सहेली आकृति को अपनी बहन बना लेता है. एक दिन शगुन भी सिंबा से प्यार करने की बात कबूल कर लेती है.दु र्वा रानाडे के ड्रग्स के अवैध व्यापार से अनभिज्ञ सिंबा, दुर्वा के हर अपराध में उसका साथ देता है, जिसके बदले में उसे एक बड़ी रकम मिलती रहती है. दुर्वा के ड्रग्स का व्यापार उसके दो भाई संभालते हैं. यह छोटे स्कूल जाने वाले बच्चे के बैग में ड्रग्स के पैकेट भरकर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते रहते हैं. जब इसकी भनक आकृति को लगती है, तो वह उनके अड्डे पर पहुंच जाती है, जिसके साथ बलात्कार करने के बाद दुर्वा के भाई उसकी हत्या कर देते हैं. आकृति के साथ जो कुछ होता है, वह जानकर सिंबा में परिवर्तन आता है और वह सही राह पर चलना शुरू कर देता है.अं ततः दुर्वा के दोनो भाईयों का पुलिस स्टेशन के ही अंदर इनकाउंटर होता है. मामला अदालत में पहुंचता है. डीसीपी बाजीराव सिंघम भी आते हैं और अंत में सिंबा बरी और दुर्वा को सजा हो जाती है.

तेलगू फिल्म ‘टेम्पर’ की यह आधिकारिक रीमेक है, मगर रोहित शेट्टी ने थोड़ा सा बदलाव करते हुए इसे मसालेदार बनाने की कोशिश की है. फिल्म में गाने काफी डाले गए हैं. इंटरवल से पहले फिल्म की कहानी ह्यूमर व हास्य के साथ एक भ्रष्ट पुलिस अफसर की कहानी है. इंटरवल से पहले हास्य का तगड़ा डोज है. मगर इंटरवल के बाद कहानी का केंद्र लड़की के साथ बलात्कार व बलात्कारियों को सजा देने की तरफ मुड़ जाता है. इंटरवल के बाद फिल्म निर्देशक रोहित शेट्टी के हाथ से फिसल सी जाती है. क्योंकि उन्होंने देश के लोगों के मिजाज को भुनाने का ही प्रयास किया है.

जिसके चलते फिल्म काफी बोरिंग हो जाती है. फिल्म में अदालत के दृष्य प्रभाव नहीं डालते. निर्भया केस के साथ फिल्म को जोड़कर उपदेशात्मक बना दिया है, जो कि बहुत बोर करता है. यह एक बलात्कार पर आधारित मैलोड्रैमेटिक फिल्म बनकर रह गयी है.

बौलीवुड की सबसे बड़ी कमजोरी है कि कोई भी फिल्मकार फिल्म में मनोरंजन के साथ उपदेश नहीं परोस पाते हैं. इस कमजोरी के शिकार रोहित शेट्टी भी नजर आए. समस्या का निराकरण तलाशने की बजाय हवाई समाधान देना इनका हक बन गया है. पुलिस स्टेशन में एनकाउंटर/मुठभेड़ का दृष्य अवास्तविक लगता है. अंत में अजय देवगन को लाकर एक्शन दृष्यों की मदद से निर्देशक ने फिल्म को संभालने का असफल प्रयास किया है.

पटकथा के स्तर पर तमाम कमियां हैं. कई दृष्यों में अजीब सा विरोधाभास है. एक तरफ बलात्कार की शिकार आकृति का पिता दुःखी व सदमे में है, तो उसी क्षण वह एक कप चाय की मांग करता है. अदालती दृष्य तो बेवकूफी से भरे हैं. जिस तरह की भाषणबाजी अदालती दृष्य मे है, वह गले नहीं उतरती. जज के चैंबर में अपराधी, पुलिस व वकीलों के साथ ही राज्य के गृहमंत्री की मौजूदगी तो लेखक के दिमागी सोच की पराकास्ठा है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो इंटरवल से पहले हास्य के दृश्यों में रणवीर सिंह ने पूरा जोश दिखाया है, मगर वह खुद को दोहराते हुए ही नजर आए हैं. कई दृश्यों में उनका अभिनय देखकर फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ की याद आ जाती हैं. कई दृष्यों में रणवीर सिंह ने जूनियर एनटीआर की नकल की है, तो कई जगह वह ओवरएक्टिंग करते हुए नजर आते हैं. शगुन के किरदार में सारा अली खान सिर्फ सुंदर लगी हैं, अन्यथा उनके हिस्से में करने के लिए कुछ है ही नहीं. दुर्वा रानाडे के किरदार में सोनू सूद जरुर प्रभावित करते हैं. एक अति ईमानदार हेड पुलिस कौंस्टेबल की भ्रष्ट अधिकारी के साथ काम करने की बेबसी को पेश करने में आशुतोष राणा काफी हद तक कामयाब रहे हैं. संतोष तावड़े के किरदार में सिद्धार्थ जाधव भी अपना असर छोड़ जाते हैं.

फिल्म में गीतों की भरमार है, मगर वह गीत संगीत असरदार नहीं है. फिल्म देखकर अहसास होता है कि अब धर्मा प्रोडकशन मौलिक बेहतरीन गीत संगीत रचने में असमर्थ हो गया है.

दो घंटे 40 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘सिंबा’’ का निर्माण करण जौहर, हीरू जौहर, अपूर्वा मेहता व रोहित शेट्टी ने किया है. फिल्म के निर्देशक रोहित शेट्टी हैं. तेलुगू फिल्म ‘‘टेम्पर’’ की हिंदी रीमेक वाली इस फिल्म के पटकथा लेखक युनूस सेजावल व साजिद सामजी, संवाद लेखक फरहाद सामजी, संगीतकार तनिष्क बागची, कैमरामैन जोमोन टी जौन तथा इसे अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं – रणवीर सिंह, सारा अली खान, सोनू सूद, अजय देवगन, वृजेष हीरजी, आषुतोष राणा, सिद्धार्थ जाधव, अरूण नलावड़े, सुलभा आर्या, अष्विनी कलसेकर, विजय पाटकर, सौरभ गोखले, अषोक समर्थ, वैदेही परषुरामी, सुचित्रा बांदेकर के अलावा मेहमान कलाकार के तौर पर तुषार कपूर, कुणाल खेमू, श्रेयस तलपड़े, अरशद वारसी व करण जौहर.

इस तरह से सेविंग्स कर बने स्मार्ट हाउसवाइफ

आज के समय में पैसों की बचत बेहद जरूरी है. जिंदगी में कब कैसी परेशानी आ जाए, किसी को नहीं पता होता है. चूंकि महिलाएं घर की सारी चीजें संभालती हैं, जरूरी होता है वो इन बातों को ले कर सजग रहें. हम आपको कुछ स्मार्ट टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप अच्छी सेविंग्स कर सकेंगी.

करें डेली बजट प्लानिंग

मंथली बजट के साथ साथ जरूरी है कि आप डेली बजट पर भी काम करें. जैसे कि आप रोज सुबह प्लान करें कि दिनभर भी आपके क्या खर्चे होने हैं, कौन से जरूरी काम हैं. कुल मिला कर पूरे दिना का बजट एक साथ तय कर लें. इस तरह से हर दिन कुछ रकम बचाएं.

आरडी का विकल्प चुनें

पैसे को घर में रखने से बेहतर है आप निवेश करना शुरू करें. हर माह इसमें कुछ रकम जमा करती रहें. छोटी छोटी बचत आपके लिए बड़ी बचत साबित होगी.

पहले ही बनाएं शौपिंग लिस्ट

शौपिंग के लिए पूरी प्लानिंग के साथ निकलें. बिना तैयारी के शौपिंग करने से ज्यादा पैसा खर्च होता है. कभी भी शौपिंग पर निकलने से पहले सामान की पूरी लिस्ट तैयार करें. अपनी जरूरत की चीजें नोट कर के रखें और केवल उन्हीं की खरीदारी करें. इस तरह से आपके ज्यादा पैसे खर्च नहीं होंगे.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का करें प्रयोग

अपनी कार या बाइक का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें. इससे ना सिर्फ पैसा कम खर्च होंगे, बल्कि आपकी जर्नी भी सेफ रहेगी.

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आपने कितने पैसे खर्च कर लिए हैं पता नहीं चलता. इसका मुख्य कारण है कार्ड फिजिकली आपको पैसा पे नहीं करना होता. इससे आपके दिमाग़ में खर्च का खाका नहीं बनता.

संबंधों की मिठास बहुत अलग होती है : रणवीर सिंह

फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ से अपने अभिनय करियर की शुरुवात करने वाले अभिनेता रणवीर सिंह ने बचपन से स्कूल और कौलेज के थिएटर में अभिनय किया है. स्नातक की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका गए और पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय की तालीम भी ली. मुंबई वापस आने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक असिस्टेंट डायरेक्टर और कौपी राइटिंग का काम किया. अभिनय के लिए वे औडिशन देते रहें. ऐसा करते – करते उन्हें पता चला कि यशराज फिल्म्स में किसी नए चेहरे की तलाश है, वे वहां गए और फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ के लिए चुन लिए गए. फिल्म सफल रही और रणवीर को रातों – रात सफलता मिल गयी. इसके बाद उन्होंने बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्में कर अपना नाम अभिनेता की श्रेणी में सबसे ऊपर कर लिया.

वे युवाओं के आइकन माने जाते हैं और अपने एनर्जी के लिए खास प्रसिद्ध हैं. पर्दे पर हो या रियल लाइफ में वे हमेशा हंसते और मुस्कराते हुए दिखते हैं. इसका राज वे अपनी जीन्स को देते हैं, जो उन्हें अपने माता-पिता से मिली है. फिल्मों के अलावा रियल लाइफ में भी रणवीर और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की जोड़ी खास प्रसिद्ध रही है, जिसका अंजाम उनदोनों ने शादी के बंधन में बंधकर दिया. अभी रणवीर की फिल्म ‘सिम्बा’ रिलीज पर है, पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

आपका साल 2018 कैसा रहा?

इस साल को मैं अपने करियर का सबसे बेहतरीन वर्ष कह सकता हूं, इस साल फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज हुई, जो काफी सफल रही, क्योंकि इसमें मैंने निगेटिव और डार्क भूमिका निभाई, जो मेरे लिए काफी रिस्की था. असल में इससे पहले मैंने सभी सकारात्मक भूमिका निभाई थी, लेकिन फिल्म सफल रही. इसलिए मैं इसे मेरे जीवन का एक टर्निंग प्वइंट मानता हूं. इसके बाद मैंने अपनी नानी को खोया, जो मेरे लिए दुःख की बात थी. फिर मैंने अब एक मसाला फिल्म ‘सिम्बा’ किया है. इसके साथ-साथ मुझे एक अच्छी जीवन साथी भी मिल गई हैं, जो मेरे लिए गर्व की बात है.

आपकी शादी बहुत ही व्यवस्थित तरीके से हुई, इसका क्रेडिट किसे जाता है?

मैंने सपने में भी कभी सोचा नहीं था कि मेरी शादी ऐसे होगी. पूरी व्यवस्था दीपिका ने की थी और बहुत ही अच्छे तरीके से उसने अंजाम दिया है. मैंने उससे कई बार पूछा भी था कि उसने कैसे ये सब सोचा. मैं अगर कभी सोचता भी, तो भी शायद मैं ऐसे नहीं कर सकता था. ये मेरे जीवन में एक खुशनुमा याद बन चुका है.

आपको दीपिका में क्या खास लगता है, जिससे आप प्रभावित हुए?

दीपिका एक साधारण परिवार को चाहने वाली और जमीनी स्तर पर रहने वाली कलाकार हैं. उसने खुद अपना करियर स्थापित किया है. मैंने अपने जीवन के 8 साल इंडस्ट्री में बिताएं हैं, जिसमें से 6 साल से मैंने दीपिका को प्यार किया है. आज जो मैं हूं, इसका क्रेडिट भी उसी को जाता है. उसने मुझे हमेशा ग्राउंडेड रखा. मैंने फिल्म ‘कौकटेल’ से उसे डेट करना शुरू कर दिया था. हम दोनों ने साथ ग्रो किया है. मैंने उससे प्रोफेशनलिज्म, टाइम मनेजमेंट और अनुशासन सबकुछ सीखा है. उसने मुझे संघर्ष करते हुए देखा है और बहुत सहयोग दिया है. अभी जब वह मुझसे पूछती हैं कि कितने बजे आओगे और क्या खाओगे तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैं सभी यूथ से कहना चाहता हूं कि वे शादी अवश्य करें, क्योंकि संबंधो की मिठास बहुत अलग होती है.

अभी आप स्टारडम को कैसे एन्जाय करते हैं?

मेरे फैन्स काफी हैं और मैं उन्हें मेरे बारें में अच्छा फील करवाना चाहता हूं. ये मेरा दायित्व है कि मैं अच्छी फिल्म करूं. मेरे माता-पिता मेरे काम से गर्वित हैं और मेरी इच्छा है कि मेरी पत्नी भी मेरे काम से गर्व महसूस करें. इसलिए मैं हर फिल्म को सोच समझकर करना चाहता हूं. इसी तरह से मैं अपने स्टारडम को एन्जाय करता हूं. मैंने हमेशा अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन देने की कोशिश की है. मेरी कामयाबी में उनका भी बहुत बड़ा हाथ है.

आप किसी कहानी को किस तरह से चुनते हैं?

मेरी सोच पहले से काफी बदल चुकी है. पहले मुझे काम की अधिक जरुरत थी, ताकि मैं अपने आप को सिद्ध कर सकूं. अभी मैं ऐसे मुकाम पर पहुंच चुका हूं कि पसंद न आने पर किसी कहानी को ‘ना’ कह सकूं. मैं अभी कहानी को अधिक महत्व देता हूं, क्योंकि फिल्म की कहानी पर उसकी सफलता निर्भर करती है. समय के साथ-साथ आप सही कहानी के बारें में समझ सकते हैं.

दीपिका और आपकी जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया है, क्या आप दोनों साथ में पर्दे पर आयेंगे?

मैं दीपिका के काम को बहुत पसंद करता हूं और अगर कोई अच्छी कहानी मिले, जो दोनों को सपोर्ट करती है, तो अवश्य करना चाहूंगा.

दीपिका ने डिप्रेशन में फंसे लोगों को ठीक करने के लिए काम करना शुरू किया है, क्या आप ऐसे किसी सामाजिक काम से जुड़ना पसंद करेंगे?

मैं जल्दी ही इस बारें में बताऊंगा, क्योंकि उस विषय पर बात चल रही है, लेकिन मैं अभी दीपिका के काम की प्रसंशा करता हूं.

ऐक्ने : सुंदरता पर दाग

रेशु बहुत उत्साहित थी. अगले हफ्ते उस की दीदी की शादी थी. पर सुबह वह उठी तो देखा 3 छोटेछोटे दाने उस के दाहिने गाल पर आ गए. वह पूरा दिन तनाव में रही. एक दोस्त की सलाह पर उस ने उन पर टूथपेस्ट लगा लिया. वह जल्दी से जल्दी अपने चेहरे को साफ करना चाहती थी पर डाक्टर के पास जाने के बजाय उस ने घरेलू इलाज करना बेहतर समझा. नतीजा यह हुआ कि शादी के दिन तक तनाव और उत्तेजना के कारण उस का पूरा चेहरा मवाद वाले दानों से भर गया.

मैं निजी उदाहरण से इस समस्या पर प्रकाश डालती हूं. मैं जब 12 वर्ष की थी तब पहली बार एक छोटा सा पिंपल मेरे चेहरे पर हो गया. मैं परेशान हो गई थी. पर यह नहीं मालूम था कि आगे राह और भी कठिन है. 13 वर्ष की होतेहोते छोटेछोटे दाने मेरे माथे और गालों पर हो गए. तब मुझे मेरी बड़ी बहन ने पिंपल क्रीम ला कर दी. कुछ दिनों बाद कालेकाले निशान मेरे चेहरे पर नजर आने लगे. 18 वर्ष तक ये सब चलता ही रहा. गरमियों में बहुत पिंपल होते थे पर सर्दियों में मेरी त्वचा साफ हो जाती. मैं बस अपनी किशोरावस्था खत्म होने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. पर पिंपल खत्म नहीं हुए. यह सिलसिला चलता रहा और सब से बड़ी और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस कारण से मैं अपना आत्मविश्वास खोती चली गई. विवाह के पश्चात घर बदला, रहनसहन और 3 महीने के भीतर फिर से ऐक्ने का आक्रमण हुआ. इस बार अपनी सासूमां की सलाह पर मैं आयुर्वेदिक इलाज लेने लगी.

मौसम बदला और सर्दियों में फिर से त्वचा पर निखार आ गया. इसी बीच मैं गर्भवती हो गई. एक चीज मैं ने महसूस करी कि पूरे 9 माह मेरी त्वचा शीशे की तरह चमकती रही. बेटी अक्तूबर में हुई और फिर सर्दियां आ गईं. मुझे लगा ऐक्ने की कहानी अब भूलीबिसरी याद बन गई है पर गरमियां आतेआते फिर से आक्रमण हुआ. यह आक्रमण पहले से भी घातक था. बहुत बड़ेबड़े ऐक्ने मेरे चेहरे पर हो गए. दूर से दिखने पर वे एक लंबी लकीर की तरह दिखते थे. पूरीपूरी रात मैं दर्द के कारण सो नहीं पाती थी. मैं अब 26 वर्ष की थी.

पहली बार मैं ने स्किन स्पैशलिस्ट के पास जाने की सोची. मैं गई बस एक बार. दोबारा जाने की जहमत नहीं उठाई, क्योंकि मुझे लगा कि डाक्टर तो दवाई देगा. अपने निजी अनुभव से मैं आज यह कह सकती हूं, वह मेरी सब से बड़ी गलती थी. आज मुझे पता है कि वह हारमोनल असंतुलन के कारण था.

दवाई खत्म होने के बाद मैं ने घरेलू उपचार करने आरंभ कर दिए. एक और गलती. जब मेरा चेहरा आईने में देखने लायक नहीं रहा और मैं तनाव में रहने लगी तो फिर से मैं डाक्टर के पास गई. 4 माह के इलाज के बाद मुझे आराम आ गया पर सही समय पर इलाज न कराने के कारण ऐक्ने के निशान आज तक मौजूद हैं. लेजर और अन्य उपाय भी कराए पर 50% ही फायदा हो पाया. अपने निजी अनुभव के बाद मैं इस निर्णय पर पहुंची कि ऐक्ने निम्नलिखित कारणों से होते हैं:

– हारमोनल असंतुलन जो किशोरावस्था, प्रीमेनोपाज और गर्भावस्था में ज्यादातर होता है और त्वचा पर इस का सब से अधिक प्रभाव होता है.

– कभीकभी कुछ खा-पदार्थों के कारण भी ऐक्ने हो जाते हैं जैसे अत्यधिक तेल और मसाले वाले पदार्थ.

– पीसीओडी भी ऐक्ने का एक मुख्य कारण है. इस में ऐक्ने के अलावा चेहरे पर सख्त बाल भी आ जाते हैं.

– तनाव भी ऐक्ने का एक मुख्य कारण है. ऐक्ने का मतलब यह नहीं है कि आप आईने में लगातार उस को देखते रहें. यह तनाव को न्योता देता है.

– मौसम का बदलता मिजाज भी ऐक्ने का कारण हो सकता है. जब भी मौसम बदलता है और अधिक गरमी या मौसम में नमी हो जाती है तो ऐक्ने का हमला हो सकता है.

– मासिकधर्म होने के कुछ दिनों पहले भी कुछ महिलाओं के चेहरे पर ऐक्ने हो जाते हैं जोकि मासिकचक्र की समाप्ति के साथसाथ समाप्त हो जाते हैं.

ऐक्ने कोई रोग नहीं है. यह आप की त्वचा का रिएक्शन है तनाव, तापमान या हारमोनल गड़बडि़यों की तरफ. इसे हम निम्नलिखित उपायों से काफी हद तक काबू में रख सकते हैं:

– सब से पहली और जरूरी बात यह कि घरेलू उपाय से कभी भी हम ऐक्ने का सफाया नहीं कर सकते. चंदन या मुलतानी मिट्टी का लेप हमारे चेहरे को ठंडक दे सकता है पर इन लेपों से ऐक्ने पर असर होगा या नहीं यह कोई नहीं कह सकता.

– एक या 2 ऐक्ने होने पर तनाव लेने की कतई जरूरत नहीं है. बारबार आईना देख कर खुद को तनाव न दें. पर अगर ऐक्ने रोजरोज हो रहे हैं तो डाक्टर के पास जाने से गुरेज ना करें.

– ऐक्ने जैसी समस्या को हम 1-2 माह में ठीक नहीं कर सकते. इस के लिए लगातार आप को डाक्टर के संपर्क में रहना होगा.

– टैलीविजन पर आने वाले विज्ञापनों से प्रभावित हो कर कभी कोई फेस पैक या फेस वाश न लें.

– 30% मामलों में ऐक्ने के कारण चेहरे पर गहरे गड्ढे हो जाते हैं जिस का लेजर से ट्रीटमैंट हो सकता है. इस से 70% फायदा हो सकता है.

– अगर आप महंगे लेजर से उपचार नहीं करवा सकते तो निराश न हों. माइक्रोडर्माबे्रजन भी आप को फायदा कर सकता है, जो लेजर से कम महंगा है.

– किसी तकनीक का सहारा नहीं लेना चाहतीं तो मत लें. जितनी गहराई से आप खुद को देखती हैं, कोई आप को नहीं देखता. चेहरे पर एक मीठी सी मुसकान ही काफी है.

करें घर के ये काम, कम होगा वजन

मोटापा, ज्यादा वजन जैसी समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है. आलम ये है कि वजन कम करने के लिए लोग हजारों लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं. दवाइयों से लिए, एक्सर्साइज, खास खानपान और जिम में पसीना बहाने के लिए लोग तैयार हैं. पर क्या आपको पता है कि आप बिना जिम गए, बिना किसी स्पेशल डाइट के, घर के 6 काम कर के कैलोरीज बर्न कर सकती हैं.

पोछा लगा सकती हैं

घर में पोछा लगाना काफी मेहनत का काम है. इससे पैरों का अच्छे से वर्कआउट होता है. इस दौरान कमर में लगातार होने वाले मुवमेंट से फैट कम फैट पर काफी असर होता है. अगर आप रोज 20 मिनट पोछा लगाती हैं तो आप रोज 150 कैलोरी बर्न कर सकेंगी.

कपड़ा धोना

कपड़े धोने से शरीर का अच्छे से एक्सर्साइज होता है. अगर आप हाथ से कपड़े धोती हैं तो आपका 130 कैलोरी बर्न होगा.

खुद से धोएं बर्तन

बर्तन धोने से भी कैलोरी बर्न होती है. सेहत के लिए बेहतर होगा कि आप खुद बर्तन धोना शुरू कर दें, इससे आप करीब 125 कैलरीज बर्न कर सकेंगी.

खुद से बनाएं खाना

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद से खाना बनाना छोड़ चुके हैं. नौकरी पेशे के बीच से खाना बनाने के लिए समय निकाल पाना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. पर कुकिंग के कई फायदे हैं, उनमें से एक वजन का कम करना भी शामिल है. खाना बनाने की प्रक्रिया में करीब 100 कैलोरीज बर्न होती हैं.

आटा गुंथे

आटा गुंथना एक मुश्किल और मेहनत वाला काम है. इसमें आपका जोर लगता है और शरीर से भी आप काफी मेहनत करती हैं. इस दौरान लगने वाली ताकत से आप शरीर की 50 कैलोरीज बर्न कर सकती हैं.

हेयर एक्सटेंशन से पाएं परफेक्ट लुक

प्रदूषण और खानपान पर ध्यान नहीं देने से युवावस्था में ही बालों का घनापन कम हो रहा है. ऐसे में पर्सनैलिटी को आकर्षक बनाने के लिए हेयर ऐक्सटेंशन बेहतरीन विकल्प है. हेयर ऐक्सटेंशन यानी असली बालों के साथ नकली बालों का इस्तेमाल. यह विग नहीं है, बल्कि ऐक्सटेंशन है जो असली बालों से ही बना होता है.

इन्हें तैयार करने में किसी के कटे हुए असली बालों को कीटाणु मुक्त करने के लिए उन्हें प्रोसैस किया जाता है. बालों को प्रोसैस करने के लिए चाइना, सिंगापुर आदि भेजा जाता है. साथ में ग्राहक के बालों का सैंपल भी भेजा जाता है ताकि उस की पौलीशिंग इस तरह हो कि वह ग्राहक के असली बालों जैसा लगे.

पूरी तरफ सेफ है

ऐक्सटेंशन को खास तरह के न दिखने वाले क्लिप्स के जरीए भी लगाया जा सकता है. यह सब से आसान तरीका है, क्योंकि क्लिप्स को कभी भी निकाला जा सकता है. अकसर पार्टीज में जाने के लिए कम समय तक ही इन का प्रयोग किया जाता है. अगर 4-6 महीने के लिए ऐक्सटेंशन चाहिए तो फिर केराटिन बौंड का यूज किया जा सकता है. इस में नकली बालों के टिप पर केराटिन लगा होता है. इसे असली बालों के साथ मिला कर केराटिन को गरम रौड से हलका सा पिघला दिया जाता है, जिस से ऐक्सटेंशन असली बालों के साथ चिपक जाता है. बाल धोने पर भी यह निकलता नहीं है.

तीसरा तरीका सिलाई जैसा है, जिस में असली बालों के साथ नकली बालों को 2 कपड़ों की सिलाई की तरह जोड़ा जाता है.

अगर आप सही तकनीक का प्रयोग करें तो बालों का ऐक्सटेंशन आप के लिए कभी भी हानिकारक साबित नहीं होता.

कैसे करें प्रयोग

हेयर ऐक्सटेंशन के टिकने की अवधि आप के बालों की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है. सिंथैटिक पदार्थों से बने ऐक्सटेंशन 1 या 2 हफ्ते तक चलते हैं. ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाले ऐक्सटेंशन 3 से

4 महीने व कई ऐसे भी ऐक्सटेंशन हैं जो 6 महीने तक चलते हैं. सब से बढि़या गुणवत्ता के ऐक्सटेंशन 1 से 2 साल चल जाते हैं.

अपने हेयर ऐक्सटेंशन को लंबे समय तक चलाने के लिए आप का उन्हें साफसुथरा रखना अनिवार्य है. मगर आप अपने सामान्य बालों की तरह अपने ऐक्सटेंशन को नहीं धो सकतीं. आप को इस के लिए सही तकनीक का पता होना चाहिए.

हेयर ऐक्सटेंशन को धोते समय अपने सिर को सीधा रखें. अपने सिर की काफी धीरे से मसाज करें, जिस से आप के असली बालों में लगी जड़ों पर उलटी तरफ से हरकतें न शुरू हो जाएं.

इस के बाद बिना सल्फेट वाला सौम्य मौइश्चराइजिंग शैंपू प्रयोग करें.

बेहतर विकल्प है

हेयर ऐक्सटेंशन के जरीए किसी भी तरह की हेयरस्टाइल बनाई जा सकती है. अगर बाल बौबकट हों तब भी जूड़ा या कमर तक लंबे कर्ली हेयर बनाए जा सकते हैं. साइड बन या मेसी ब्रेड्स भी बनाई जा सकती हैं. शादी के रिसैप्शन के लिए दुलहन भी हेयर ऐक्सटेंशन का यूज कर रही हैं.

कई महिलाएं बालों में किसी पसंदीदा कलर से हाईलाइटिंग तो चाहती हैं, लेकिन कलर नहीं लगवाना चाहतीं. ऐसे में ऐक्सटेंशन हेयर पर कलर लगा कर उन्हें हाईलाइटर की तरह लगाया जा सकता है. इन दिनों इस तरह से कलर करवाने का क्रेज भी बढ़ रहा है.

ऐक्सटेंशन को लंबे समय तक अच्छे से रखना चाहती हैं तो उन्हें सुखाना न भूलें. कभी भी गीले बालों पर कंघी या ब्रश का प्रयोग न करें.

इजा सेतिया

ट्रिप पर जा रही हैं ? अपनाएं ये आसान पैकिंग टिप्स

जब भी आप कोई ट्रिप प्लान करती हैं तो जैसे-जैसे यात्रा के दिन करीब आते हैं वैसे वैसे आपकी टेंशन बढ़ती जाती है. बस आपको एक ही फिक्र रहती है कि क्या आपकी पैकिंग सही से हुई है? आपने अपने इधर उधर बिखरे कपड़े बैग में रख लिए हैं या नहीं ? क्या कहीं कुछ सामान छूट तो नहीं गया. तो आइए जानते हैं, वो आसान सा पैकिंग टिप्स के बारे में.

एक चेकलिस्ट बनाएं

किसी भी यात्रा के लिए पैकिंग का प्रथम स्टेप एक चेकलिस्ट है. तो अब जब भी आप किसी नए स्थान की यात्रा पर जा रही हों तो अपनी चेक लिस्ट बनाना न भूलें. साथ ही आप अपने साथ ले जाने वाले सामान का रफ आईडिया भी उसी चेक लिस्ट में लिख लें.

जिस दिन आप यात्रा पर जा रही हों उस दिन अपनी चेक लिस्ट से जांचें कि कहीं आपने कुछ छोड़ा तो नहीं है. जहां जा रहे हैं उसकी जानकारी पैंकिंग से पहले जाने वाली जगह के बारे में सूचना लोगों की संख्या, अपनी ट्रिप का नेचर जैसी महत्त्वपूर्ण जानकारी भी आप अपने साथ अवश्य रखें. ऐसा करके आप अपने लिए सही और जरूरी सामानों की ही पैकिंग कर पाएंगी.

श्रेणीबद्ध करें

कुछ बातें आपकी सभी ट्रिप्स में कौमन होंगी तो अपनी नयी ट्रिप के वक्त उन चीजों और उन बातों को श्रेणीबद्ध करना बिलकुल न भूलें. जैसे आपके कपड़े, जूते, दवाई, गैजेट, खाना और टिकट इत्यादि. आप एक लिस्ट बनाएं और इन चीजों को अपनी लिस्ट से मिलाएं.

कपड़े

कपड़े हमेशा ही एक अहम मसला रहे हैं. प्रायः ये देखा गया है कि लोग किसी भी ट्रिप पर जाने के दौरान हमेशा ही जरूरत से ज्यादा कपड़े ले जाते हैं. हमारा यही सुझाव है कि आप अपने कपड़ों का चयन अपनी ट्रिप के नेचर के अनुरूप करें. उदाहरण के तौर पर यदि आप हिल स्टेशन जा रही हैं तो आप अपने साथ टी-शर्ट और शौर्ट्स न ले जाएं और गर्म कपड़े अवश्य रखें वहीं अगर आप बीच पर जा रही हों तो ये टी-शर्ट और शार्ट्स आपके बैग में अवश्य होने चाहिए. इसी प्रकार किसी पहाड़ी स्थान की यात्रा के वक्त आपके पास ट्रैकिंग के लिए अच्छे जूते अवश्य होने चाहिए.

जूते

ये देखा गया है कि सामान बांधते वक्त जूते हमेशा ही ज्यादा स्थान घेरते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जूते आप एक अलग ही बैग में रखें और उनकी संख्या इतनी हो की वो बस आपकी जरूरत हो पूरा कर सकें.

हेल्थ किट

यात्रा के दौरान हल्का खांसी जुखाम होना एक आम बात है लेकिन कभी कभी लापरवाही के चलते व्यक्ति की तबियत ज्यादा खराब हो जाती है. प्रायः ये देखा जाता है कि नयी जगह और मौसम के बदलाव के चलते ही व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. तो अब आप अपनी यात्रा पर एक मेडिकल किट अवश्य साथ रखें. ये मेडिकल किट ज्यादा महंगी नहीं होती हैं और आपको किसी भी मेडिकल स्टोर पर बड़ी ही आसानी से प्राप्त हो जाएंगी.

वार्म लैंटिल स्प्राउट ऐंड तुलसी सलाद

सामग्री

– 3 कप वैजिटेबल ब्रोथ

– 300 ग्राम अंकुरित मूंग

– 5 बड़े चम्मच औलिव औयल

– थोड़ा सा बारीक कटा लहसुन

– 3 मीडियम आकार के गाजर टुकड़ों में कटी

– 1 हरा प्याज

– 2 छोटे चम्मच अजवाइन

– थोड़ी सी तुलसी की पत्तियां

– 1 बड़ा चम्मच राई

– 2 बड़े चम्मच बलसामिक विनेगर

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

– स्वादानुसार कालीमिर्च व नमक.

विधि

– पैन में वैजिटेबल ब्रोथ और अंकुरित मूंग ले कर तब तक पकाएं जब तक वह पक न जाए.

– पकने पर पानी निकाल कर ढक कर रख दें.

– फिर एक पैन में थोड़ा सा औलिव औयल ले कर उस में प्याज और लहसुन डाल कर उसे मुलायम होने तक पकाएं.

– फिर इस में कटी गाजर के साथ तेजपत्ता और अजवाइन डालें.

– जब गाजर नरम पड़ जाए तो इस में अंकुरित दाल और तुलसी डाल कर अच्छे से चलाएं.

– इस के बाद एक बाउल में 5 बड़े चम्मच औलिव औयल ले कर उस में राई, नमक, विनेगर और लहसुन मिला कर उसे अंकुरित दाल पर डाल कर धनियापत्ती और कालीमिर्च से गार्निश कर सर्व करें.

कासुंदी पनीर स्टेक विद स्पिनिच भुजिया

सामग्री

– 800 ग्राम कौटेज चीज

– थोड़ी सी पुदीनापत्ती

– थोड़ी सी धनियापत्ती

– 4-5 लहसुन की कली

– 3 बड़े चम्मच नीबू का रस

– 1 चम्मच जीरा पाउडर

– 1/4 कप औलिव औयल

– थोड़ी सी परतों में कटी प्याज

– 1 बड़ा चम्मच मैदा

– थोड़ी सी हरी, पीली व लाल शिमलामिर्च

– यलो चिली पाउडर

– थोड़ा सा पंचफोरन मसाला

– थोड़ा सा बारीक कटा लहसुन

– थोड़ा सा कालीमिर्च पाउडर

– थोड़ा सा लालमिर्च पाउडर

– स्वादानुसार नमक.

विधि

– सब से पहले पंचफोरन, धनिया व पुदीना की पत्तियां, अदरकलहसुन का पेस्ट व 1/2 चम्मच नीबू का रस, नमक व कालीमिर्च पाउडर और 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल डाल कर मैरिनेशन पेस्ट तैयार करें.

– फिर पनीर को चौकोर टुकड़ों में काट कर एक प्लेट में रख उन पर थोड़ा सा नमक व यलो चिली पाउडर लगा कर मैरिनेशन पेस्ट लगाएं. थोड़े से सरसों के तेल में मैदा मिला पेस्ट भी स्टेक्स पर लगाएं फिर ग्रिल करें.

– नौनस्टिक ग्रिल पैन में थोड़ा सा तेल गरम कर उस में प्याज, हरीमिर्च, टमाटर, नमक, लहसुन का पेस्ट, कालीमिर्च पाउडर, शिमलामिर्च व पालक डाल कर कुछ मिनट तक पकाएं.

– फिर तैयार पनीर स्टेक्स पालक भुजिया के साथ सर्व करें.

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