रितिक कर रहे हैं ‘रुस्तम’ का प्रमोशन

‘रुस्तम’ और ‘मोहेंजो-दारो’ की बॉक्स ऑफिस टक्कर को लेकर कयासबाजी के दौर जारी हैं. तमाम तरह की खबरों के बीच काफी वक्त से एक खबर ये भी आ रही थी, कि प्रमोशन की जंग में रितिक रोशन अकेले पड़ गए हैं.

रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा समेत ज्यादातर बालीवुड सेलेब्रीटी अक्षय कुमार का साथ दे रहे हैं, लेकिन जब खुद रितिक ही अक्षय की फिल्म ‘रुस्तम’ को प्रमोट करने लगें, तो आप इसे क्या कहेंगे. जी हां, हैरान करने वाली ये खबर बिल्कुल सच है.

रितिक ने कड़वाहट की सारी खबरों को धता बताते हुए एक मजेदार ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा “मोहेंजो-दारो 4 दिन दूर है, और रुस्तम भी (विंक). अक्षय कुमार, दोस्ती की है, तो निभानी तो पडेगी.”

सबको चौंकाते हुए रितिक खुद भी ‘रुस्तम’ के काउंटडाउन में शामिल हो गए. रितिक के इस प्यार भरे ट्वीट के जवाब में जो अक्षय ने लिखा, वो भी कम लाजबाब नहीं है. खिलाड़ी ने लिखा- “बस कर पगले रुलाएगा क्या. पॉपकॉर्न के साथ तैयार हो जाओ दोस्तों, मजेदार वीकेंड आगे है.”

इन दोनों सुपर स्टार्स का ये ‘भाईचारा’ वाकई कमाल का है. रितिक ने जिस खुले दिल से अपनी फिल्म के साथ अक्षय की फिल्म का प्रमोशन किया है, उसके लिए उनकी तारीफ करनी होगी.

वैसे अक्षय ने रुस्तम को प्रमोट करने के लिए काउंटडाउन की जो स्ट्रेटजी अपनाई है, वैसा रितिक अपनी फिल्म ‘बैंग बैंग’ के प्रमोशन के दौरान कर चुके हैं. दोनों फिल्में 12 अगस्त को रिलीज हो रही हैं.

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ही ‘रुस्तम’ की खासियत

अभिनेता अक्षय कुमार का मानना है कि आगामी फिल्म ‘रुस्तम’ में एक महिला का विवाहेतर संबंध (एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर) में होना फिल्म की खासियत है.

अपराध की पृष्ठभूमि पर बनी रहस्य एवं रोमांच से भरपूर फिल्म ‘रुस्तम’ नौसेना के अधिकारी के एम नानावटी की असल जिंदगी पर आधारित है, जो अपनी पत्नी के प्रेमी की हत्या की कोशिश करते हैं.

सम्बंधों में नए आयाम को दर्शाती इस फिल्म में अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज मुख्य भूमिकाओं में हैं.

अक्षय ने कहा, ‘‘आमतौर पर किसी हिन्दी फिल्म में एक पुरूष के विवाहेतर सम्बंध को दिखाया जाता है और उसकी पत्नी माफ कर उसे अपना लेती है और फिर वे खुशी खुशी जीवन बिताते हैं. लेकिन ऐसी कोई फिल्म नहीं है जिसमें कोई महिला विवाहेतर सम्बंध में हो और वह माफी के लिए कहे और फिर पति यह फैसला करे कि उसे माफ करना है या नहीं.’’

अक्षय ने मुंबई में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यही बात फिल्म की यूएसपी है. कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि वास्तविक जीवन में ऐसा नहीं होता है.’’

टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी ‘रुस्तम’ 12 अगस्त को रिलीज होगी. फिल्म में अक्षय अपने कॅरियर में पहली बार नौसेना के अधिकारी का किरदार निभाते दिखेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना के नियमों के बारे में जानने के लिए मैंने ना कोई किताब पढ़ी, ना कुछ विशेष सीखा और ना ही नौसेना में किसी से मिला.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सलामी देने, बैज धारण करने, चाल-ढाल और वर्दी पहनने जैसी तमाम चीजों की बारिकियों के बारे में नौसेना के एक अधिकारी हमें बताते थे और वर्दी धारण करने के बाद मेरी चाल ही बदल जाती थी.’’

 ‘स्पेशल 26’ और ‘बेबी’ के बाद ‘रुस्तम’ के निर्माता नीरज पांडे के साथ अक्षय की यह तीसरी फिल्म है.

मेरी दो पत्नी है: करण जौहर

बॉलीवुड फिल्म मेकर और डायरेक्टर करण जौहर शादीशुदा हैं और उनकी दो पत्नियां हैं. करण ने एक टीवी शो के दौरान बताया कि उनकी दो पत्नियां है और वह उनसे काफी खुश हैं.

करण फिलहाल ‘झलक दिखला जा’ में जज की भूमिका निभा रहे हैं. शादी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी शादी टीवी और सिनेमा से हो चुकी है और वह इससे काफी खुश हैं. उनकी दो पत्नियां हैं, टीवी उनकी दूसरी पत्नी है जबकि सिनेमा पहली.

करण का कहना था, उनके जीवन में फिल्म की तरह टीवी का भी काफी महत्व है. उन्होंने बताया, वह टीवी को अपनी जिंदगी की दूसरी पत्नी मानते हैं जबकि सिनेमा को पहली. करण को जिस तरह से फिल्मों की चिंता रहती है वैसे ही वह हर हफ्ते अपने सीरियल की टीआरपी मालूम करते हैं.

‘झलक दिखला जा’ से पहले वह ‘कॉफी विद करण’ को होस्ट कर चुके हैं जबकि ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ में जज बनकर नजर आए थे.

हनीमून पर जाइए थाइलैंड

अगर आप अपने पार्टनर के साथ किसी रोमांटिक जगह पर जाना चाहते हैं तो आपके लिए थाईलैंड सबसे बेस्ट रहेगा. थाईलैंड में सैलानियों की पसंदीदा जगहों में राजधानी बैंकांक, पटाया व फुकेत जैसे तटीय इलाकों के अलावा उत्तर में चियांग माई और दक्षिण में क्राबी भी हैं. क्राबी भी अपने खूबसूरत समुद्र तटों और समुद्र में पसरे पड़े बेमिसाल द्वीपों के लिए प्रसिद्ध है.

चूंकि क्राबी में फुकेत व पटाया जैसी सैलानियों की भीड़ नहीं है, इसलिए थोड़े एकांत व सुकून की तलाश करने वाले नवविवाहित जोड़ों के लिए थाईलैंड में इससे बेहतर जगह कोई नहीं. क्राबी के निकट फीफी द्वीप का माया बे तो मानो कल्पनालोक है. हालांकि क्राबी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, लेकिन भारत से क्राबी के लिए सीधी उड़ानें नहीं हैं. आपको पहले राजधानी बैंकांक ही जाना होगा. दिल्ली, मुंबई व कोलकाता से बैंकाक के लिए रोजाना कई उड़ानें हैं. दिल्ली व मुंबई से लगभग चार घंटे व कोलकाता से लगभग ढाई घंटे के हवाई सफर है. बैंकाक से क्राबी लगभग साढ़े सात सौ किलोमीटर दूर है. यह सफर आप अपने जेब, सुविधा व समय के अनुसार सड़क, ट्रेन, समुद्र व हवा के रास्ते कर सकते हैं.

थाईलैंड के क्राबी शहर, रेले बीच, होंग द्वीप, एओ नांग शहर में रुकने की अलग-अलग बजट की कई सुविधाएं हैं. ज्यादा महंगे होटलों व रिजॉर्ट के चक्कर में न पड़ना चाहें तो तीन से पांच हजार रुपये रोजाना के बीच कई अच्छे होटल आपको मिल जाएंगे. भारत से कई टूर ऑपरेटर 25 से 30 हजार रुपये के प्रति व्यक्ति खर्च पर तीन दिन थाईलैंड घुमाने ले जाने के लिए तैयार हैं. यानी 50-55 हजार रुपये के खर्च पर कोई जोड़ा रोमांस भरे तीन दिन थाईलैंड में बिताकर आ सकता है.

फुकेट

बैंकाक से 862 किलोमीटर दक्षिण में फुकेट है. थाईलैंड के इस सबसे बड़े द्वीप को अंडमान समुद्र का हीरा भी कहा जाता है. फुकेट प्रांत में कुल 40 छोटे-बड़े द्वीप हैं. मुख्य द्वीप उत्तर में दो पुलों के जरिये फांग नगा प्रांत से जुड़ा हुआ है. अंडमान समुद्र में फुकेट की जो बाकी तीन दिशाएं हैं उन्हें समुद्र की गहराइयां छानने के लिए बेहतरीन डाइविंग साइट्स में से एक माना जाता है. दूरी के लिहाज से थाईलैंड भारत के सबसे नजदीकी देशों में से है.

पटाया

फुकेट में तो तटों की प्राकृतिक बनावट का मोह ही सबको खींच लाता है जबकि पटाया में सैलानियों को हर सर्वोत्तम चीज उपलब्ध कराई जाती है. हर चीज का मतलब यहां हर उस चीज से है जिसकी कल्पना कोई व्यक्ति अपनी छुट्टियों को आनंददायक बनाने के लिए कर सकता है-सुकून, मनोरंजन, खेल, साइटसीइंग, मौज-मस्ती. यहां की नाइटलाइफ काफी चर्चित है और कुछ मायनों में काफी बदनाम भी. यहां रातभर चलने वाले रेस्तरां हैं, बार, थिएटर, कैबरे, नाइट क्लब, डिस्को, मसाज पार्लर वगैरह सबकुछ हैं. यहां की एक और अद्भुत चीज शॉपिंग है जो बेरोकटोक दिन-रात, चौबीसों घंटे की जा सकती है.

ट्री टॉप एडवेंचर पार्क

अगर आप व आपका हमसफर हों थोड़ा एडवेंचर प्रेमी तो क्राबी का यह आकर्षण आपको बेहद पसंद आएगा. घने जंगल में इन पेड़ों के बीच आप खुद को टार्जन महसूस करेंगे. पेड़ों पर बाइसाइक्लिंग आपको एशिया में शायद ही कहीं और मिले. लंबी-लंबी जिपलाइनों के अलावा रोप-ब्रिज, टार्जन स्विंग, फ्लाइंग स्केटबोर्ड, बहुत कुछ है यहां.

फ्रा नांग बीच

हाल ही में एक सर्वे में इसे दुनिया के दस सबसे खूबसूरत बीचों में शुमार किया गया था. एओ नांग बीच से नाव में 20 मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है. ऐसी जगह जिसकी खूबसूरती और सुकून, दोनों आपको वाकई समूची दुनिया से दूर ले जाएंगे.

टाइगर केव टेम्पल

यानी वाट थाम सुआ क्राबी शहर से तीन किलोमीटर दूर है. यहां की गुफाओं के भीतर चत्रनों पर बाघ के पंजों सरीखे निशान हैं. इसीलिए इन्हें टाइगर केव टेंपल कहा जाता है. आसपास की पहाडि़यों में कई गुफाएं हैं और खिरिवोंग घाटी में सैकड़ों साल पुराने वटवृक्ष हैं. बौद्ध साधना (मुख्यतया विपश्यना) का यह प्रमुख केंद्र ऐतिहासिक व पुरातात्विक लिहाज से भी महत्वपूर्ण है. यहां का मुख्य आकर्षण लाइमस्टोन की एक पहाड़ी पर 1272 सीढि़यां चढ़कर बुद्ध के पदचिह्न देखना है.

जब गुम हो जाएं डॉक्युमेंट्स…

कई बार तमाम एहतियात बरतने के बावजूद डॉक्युमेंट्स गुम हो जाते हैं. लिहाजा, आपके के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि डॉक्युमेंट्स गुम हो जाने की सूरत में आपको क्या करना चाहिए या इसे फिर से कैसे हासिल किया जाए.

पॉलिसी की खरीदारी और निवेश का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आ जाने से कई लोगों को डुप्लिकेट डॉक्युमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि, जिन लोगों ने फिजिकल रूट के जरिये निवेश किया है, उन्हें गुम या नष्ट हुए दस्तावेजों को फिर से हासिल करने के लिए निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होता है.

म्यूचुअल फंड्स

पिछले कुछ समय में इनवेस्टमेंट प्रोसेस के डिजिटाइजेशन के चलते डुप्लिकेट डॉक्युमेंट्स हासिल करना काफी आसान हो गया है. खासतौर पर ऐसा करना और आसान होता है, जब आपने ऐप्लिकेशन फॉर्म में ई-मेल आईडी का जिक्र किया हो. आप रजिस्ट्रार और सीएएएमएस जैसी ट्रांसफर एजेंट्स की वेबसाइट्स पर जाकर मेल बैक सर्विस ऑप्शन का इस्तेमाल कर अपनी होल्डिंग का कंसॉलिडेटेड स्टेटमेंट हासिल कर सकते हैं. आप फंड हाउस के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर और पैन नंबर का हवाला देकर ई-मेल के जरिये स्टेटमेंट की मांग कर सकते हैं.

लाइफ इंश्योरेंस

अगर आपके डॉक्युमेंट गुम हो जाते हैं, तो आपको अपने एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर इनडेमनिटी बॉन्ड पर डिक्लेयरेशन देना होगा. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी आपको डुप्लिकेट पॉलिसी बॉन्ड जारी करेगी. अगर आपकी पॉलिसी डॉक्युमेंट को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है, तो आपको इस डॉक्युमेंट्स को भी पेश करना होगा. तमाम डॉक्युमेंट्स दिए जाने के बाद इंश्योरेंस कंपनी 7 दिनों के भीतर आपको डुप्लिकेट पॉलिसी जारी कर देगी.

होम और लोन पेपर्स

अगर आपकी टाइटल डीड या प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई अन्य डॉक्युमेंट गुम हो गया है, तो सबसे पहले आपको एफआईआर करनी होगी. इसके बाद अखबारों में पब्लिक नोटिस जारी करना होगा. फिर रजिस्ट्रार से संपर्क करने की जरूरत होगी. रजिस्ट्रार के पास हमेशा ओनरशिप डॉक्युमेंट्स की कॉपी होती है. मूल डॉक्युमेंट तो हासिल नहीं किया जा सकता है, लेकिन स्टैंडर्ड प्रोसेस से इसकी कॉपी हासिल की जा सकती है.

सुरक्षा के लिए डॉक्युमेंट्स को डिजिटाइजेशन जरूरी

डॉक्युमेंट्स को सुरक्षित रखने और डुप्लिकेट हासिल करने के झंझट से बचने के लिए जहां तक संभव हो सके, इलेक्ट्रॉनिक रूट का सहारा लिया जाना चाहिए. सभी डॉक्युमेंट्स को स्कैन कर उसे अपने मेलबॉक्स में स्टोर करना सबसे बेहतर उपाय है. जरूरत पड़ने पर फिजिकल डॉक्युमेंट्स हासिल करने में भी आपको इससे सहूलियत होगी. सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए डिजिटल लॉकर में भी आप अपने डॉक्युमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं.

पीरियड्स में इन बातों का रखें ख्याल

पीरियड्स के दिनों की तकलीफ के बारे में तो हम अक्सर बातें करते हैं लेकिन उन दिनो में किस तरह से रहना चाहिए और क्या करना चाहिए, इस पर कम ही बातें होती हैं. पीरियड्स अभी भी एक ऐसा विषय है जिस पर लोग खुलकर बात करने से परहेज करते हैं. इसी वजह से बहुत सी बातें हमें पता ही नहीं चल पातीं.

ये समस्या खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में होती है. जहां पीरियड्स को लेकर अब भी लोग बात करने से कतराते हैं. बात नहीं की जाती इसलिए जानकारी का अभाव भी होता है. जानकारी के अभाव में कई बार कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई और खानपान का खास ख्याल रखना होता है. सफाई में हुई एक छोटी सी चूक भी बड़ी बीमारी की वजह बन सकती है. ऐसे में इस दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई से जुड़ी ये वो 5 बातें है जिनके बारे में कम ही लोगों को पता होता है:

1. सही सैनेटरी पैड का चुनाव करना बहुत जरूरी है. सैनेटरी पैड ऐसा होना चाहिए, जो फ्लो को जल्दी और आसानी से सोख ले.

2. अगर आप दिनभर में सिर्फ एक ही सैनेटरी पैड यूज करती हैं तो अपनी इस आदत को फौरन बदल दें. विशेषज्ञों की मानें तो हर 6 घंटे पर सैनेटरी पैड चेंज कर लेना चाहिए. वरना इससे इंफेक्शन हो सकता है.

3. पीरियड्स के दौरान खुद की सफाई का पूरा ध्यान रखें. पैड चेंज करने के दौरान प्राइवेट पार्ट्स की सफाई जरूर करें.रोजाना नहाएं.

4. इस दौरान केमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से परहेज करें.

5. यूज्ड सैनेटरी पैड को सही तरीके से डिस्पोज करना जरूरी है. डिस्पोज करने से पहले उसे एक पेपर में लपेट दें.

जीएसटी बिल पर डेवेलेपर्स की प्रतिक्रिया

पिछले हफ्ते राज्यसभा ने जीएसटी बिल के संशोधनों को पारित करते हुए लोकसभा के हाथों में सौंप दिया था और यही उम्मीद की जा रही थी कि लोकसभा में पेश होते ही यह पारित हो जायेगा. पूरे 443 सांसदों ने मंजूरी देकर जीएसटी पर हामी भरी. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी स्पीच में जीएसटी का मतलब ‘ग्रेट स्टेप्स टुवर्ड्स ट्रांसपेरेंसी’ बताते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा कदम बताया और कहा अब राज्यों की जीएसटी पर तत्परता से काम करने की बारी है.

जीएसटी के पारित होने पर जानिए क्या कहना है डेवलपर्स का

1. राकेश यादव, चेयरमैन, अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप

राज्यसभा से पारित होने के बाद हर डेवलपर की नज़र लोकसभा पर ही टिकी हुई थी कि वह अंतिम फैसला कब तक सुनाती है और आखिरकार इस फैसले के बाद देश का ही नहीं बल्कि रियल्टी सेक्टर का भी विकास तेज़ी से देखने को मिलेगा.

2. विकास सहनी, सीएमडी, प्रॉपर्टी गुरु

जीएसटी के आने से देश के व्यापर में पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रधानमंत्री ने भी इस बात पर बहुत जोर डाला. रियल्टी सेक्टर की वर्तमान हालत को देखें तो बेशक 1 अप्रैल 2017 से लागू होने वाले जीएसटी से पारदर्शिता बढ़ेगी जो सेक्टर के ग्राहकों के अन्दर भरोसा जगाने में सहायक साबित होगी.

3. राहुल चमोला, एमडी, वन लीफ ग्रुप

रियल एस्टेट में लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष कर लगते हैं, जिनके चलते कीमतें ज्यादा हो जाती है. जीएसटी की दर तय होना अभी बाकी है पर हमें उम्मीद है कि जीएसटी की दर संपत्ति की कीमतों में गिरावट लाएगी.

4. अशोक गुप्ता, सीएमडी, अजनारा इंडिया लिमिटेड

वर्ष के शुरुआत में रियल एस्टेट बिल के पारित होने के बाद अब यह रियल्टी सेक्टर के लिए दूसरी बड़ी खबर है. सरकार की नई नीतियां व पहल निश्चित ही रियल्टी सेक्टर के अन्दर जल्द ही बड़ा बदलवा लाने में सक्षम होगी, हालांकि सिंगल विंडो पर भी सरकार को जल्दी ही फैसला लेना चाहिए.

बचत न लगा दे चपत

एक कहावत है कि आज की बचत, कल का सहारा, लेकिन हर मामले में यह सच नहीं है. जाने अनजाने कुछ बचतें हम ऐसी कर जाते हैं, जो बाद में हमें नुकसान ही पहुंचाती हैं.

सस्ती चीजें खरीदना

बहुत-से लोग सस्ती चीज़ें सिर्फ इसलिए खरीदते हैं कि इससे पैसे की बचत होती है, पर क्या असल में ऐसा होता है. बतौर उदाहरण, चाइनीज सामान बेशक काफी सस्ते होते हैं, लेकिन वे कितने टिकाऊ होते हैं, यह बताने की जरूरत नहीं. कम कीमत का कोई चाइनीज फोन खरीदकर आप उस वक्त तो पैसे बचा लेते हैं, लेकिन जब 2-3 महीने में ही फोन खराब हो जाता है तब समझ आता है कि वह फोन तो महंगा पड़ गया. या उस सस्ते फोन के फीचर्स ही ठीक से काम न करें तो ऐसी बचत किस काम की. इसी तरह कोई सस्ती बीमा पॉलिसी जैसे हेल्थ इंशूरंस लेकर जरूरत के वक्त हमें अतिरिक्त खर्च करना पड़े तो वह पॉलिसी महंगी ही कही जाएगी.

थोक में सामान खरीदना

कुछ लोग थोक में चीजें खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इसकी वजह वह डिस्काउंट है, जो थोक में चीजें खरीदने पर मिलता है. थोक में चीजें लेना बुरी बात नहीं है, लेकिन यह रणनीति हमारे लिए तब फायदेमंद हो सकती है जब हमारी फैमिली बड़ी हो और उन तमाम चीजों का हम समय रहते इस्तेमाल कर सकें. जैसे फल-सब्जियों की अपनी लाइफ होती है या ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की एक्सपायरी डेट होती हैं. ऐसी चीजों का समय पर यूज न किया जाए, तो सस्ते में भी उन्हें खरीदने का कोई फायदा नहीं. कुल मिलाकर हम घाटे में रहते हैं.

सेल का खेल न समझना

इन दिनों बाजारों में हर समय ‘सेल’ लगी दिखाई देती है. जो लोग सेल के खेल से वाकिफ नहीं, वे अच्छी-खासी शॉपिंग कर लेते हैं. वैसे, सेल का हमें कभी-कभी फायदा भी होता है, लेकिन बिना जरूरत के भी कुछ चीजें अगर हमने सिर्फ इसलिए खरीद ली हैं कि वे सेल में मिल रही थीं, तो बेशक वह बचत नहीं पैसे की बर्बादी है.

जरुरी चीजों पर पैसे बचाना

कुछ चीजें जीवन को चलाने के लिए जरूरी होती हैं जैसे 40 की उम्र के बाद नियमित हेल्थ चेकअप. इसी तरह परिवार और प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए भरपूर बीमा लेना भी जरूरत में शामिल हो गया है. गाड़ी और घर के सामान को नियमित मेंटेनेंस कराना भी जरूरी है. अगर इन चीज़ों पर पैसे खर्च करने से हम बचते हैं या जैसे-तैसे काम चलाने की फिराक में रहते हैं, तो आगे चलकर हमें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

सगे भाई ने सलमान को फिल्म में लेने से किया इन्कार

आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस निर्देशक ने सलमान को फिल्म में लेने से मना कर दिया और क्यो. अरे नहीं.. नहीं.. आप परेशान न हों. दरअसल सोहेल खान के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘फ्रीकी अली’ के ट्रेलर लांच के दौरान सलमान खान ने कहा कि उन्हें इस फिल्म में काम करने की बहुत इच्छा थी, लेकिन सोहेल खान ने उन्हें लिया ही नहीं.

सलमान खान ने कहा मैं भी इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहता था. लेकिन सोहेल खान माने ही नहीं. मैंने सोहेल से कोई भी किरदार में लेने को कहा, लेकिन उन्होंने अरबाज खान को ले लिया.. मुझे नहीं. सलमान खान ने कहा, फ्रीकी अली को 38 दिनों में पूरा कर लिया गया. लेकिन यदि मैं फिल्म में होता तो फिल्म को खत्म होने में शायद 138 दिन लग जाते.

बता दें, यह फिल्म गोल्फ पर आधारित है. फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दिकी मेनलीड भूमिका में दिखेंगे. जबकि नवाज का साथ देंगी एमी जैक्सन और अरबाज खान. सोहेल खान ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग मुंबई, दिल्ली और पुणे में महज 40 दिनों में पूरी हो गई. वहीं, फिल्म का बजट भी ज्यादा नहीं रखा गया है.

फिल्म में यह देखना दिलचस्प होगा कि किस तरह एक अल्हड़ सा आदमी गोल्फ चैपिंयन बन जाता है. फिल्म 9 सितंबर को रिलीज होगी. लेकिन सलमान खान फैंस को परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि फिलहाल सल्लू भाई के हाथों में कई फिल्म है.

फिल्म को सुपरहिट बनाने के लिए बदल दिया हीरोइन का नाम

शाहरुख खान की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक है ‘परदेस’. सालों पहले रिलीज हुई इस फिल्म से बॉलीवुड में एक एक्ट्रेस ने डेब्यू किया था और रातों रात वो स्टार बन गईं थी. जी हां हम बात कर रहे हैं महिमा चौधरी की जिनकी खूबसूरती से लेकर एक्टिंग तक की अच्छी खासी तारीफ हुई थी.

परदेस फिल्म तो अच्छी थी ही साथ ही इस फिल्म के गाने खासकर जबरदस्त थे. आई लव माई इंडिया से लेकर ये दिल दिवाना, दो दिल मिल रहे हैं… सब की जुबान पर चढ़ गया था.

पूरी तरह से पारिवारिक फिल्म परदेस सिर्फ महिमा चौधरी की नहीं अपूर्व अग्निहोत्री की भी पहली फिल्म थी. इस फिल्म के बाद भी वो कुछ और फिल्मों में नजर आए लेकिन जस्सी जैसी कोई नहीं पॉपुलर सीरियल में अरमान मलिक के किरदार ने उन्हें वापस लाइमलाइट में ला दिया.

सुभाष घई की फिल्म परदेस को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं इससे अच्छी बात उनके लिए और क्या हो सकती है. आइए आपको बताते हैं फिल्म से जुड़ी कुछ मजेदार बातें.

महिमा चौधरी नहीं थी पहली पसंद

फिल्म के लिए सुभाष घई की पहली पसंद महिमा चौधरी नहीं बल्कि माधुरी दीक्षित थी. माधुरी दीक्षित के मना करने के बाद सुभाष घई जुही चावला को लेना चाहते थे. लेकिन इसके बाद उन्हें लगा की फिल्म में कोई नया चेहरा शाहरुख खान के साथ ज्यादा अच्छा लगेगा तो ऑडिशन कर वो महिमा चौधरी को फिल्म के लिए फाइनल किए.

इन तीनों को साथ करना चाहते थे कास्ट

दरअसल शाहरुख खान को फिल्म के लिए साइन करने के बाद सुभाष घई माधुरी दीक्षित और अपूर्व अग्निहोत्री के रोल के लिए सलमान खान को कास्ट करना चाहते थे लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ की सलमान के फैन्स उन्हें निगेटिव रोल में नहीं देखना चाहेंगे.

सुभाष घई का अंधविश्वास

शायद आपको पता ना हो लेकिन सुभाष घई के बारे में कहा जाता है की अगर उनकी फिल्म में ‘म’ अक्षर की नाम वाली एक्ट्रेस डेब्यू करती हैं तो फिल्म सुपरहिट होती है जैसे सौदागर से मनीषा कोइराला, तेजाब और राम लखन में माधुरी,हीरो से मीनाक्षी शेषाद्री और इस अंधविश्वास का असर उनकी फिल्म परदेस पर भी हुआ था.

बदला नाम

महिमा चौधरी का असली नाम महिमा चौधरी नहीं रितु चौधरी है लेकिन इस फिल्म की वजह से उनका नाम ‘म’ से रखा गया और महिमा रखा गया. इस वजह से महिमा चौधरी को कई बार कागजों पर परेशानी भी हुई.

शाहरुख भी नहीं थे पहली पसंद

आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन इस फिल्म के लिए आमिर खान को पहले सुभाष घई कास्ट करना चाहते थे लेकिन डेट्स की वजह से आमिर ने इस फिल्म के लिए मना कर दिया.

बदली जोड़ी

सुभाष घई और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल 18 साल तक लगातार काम करते आ रहे थे लेकिन इस फिल्म से इनकी जोड़ी टूट गई और सुभाष घई नदीम श्रवण को परदेस के म्यूजिक के लिए चुना. वो अपनी इस फिल्म में कुछ बदलाव चाहते थे.

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