वजन कम करने के कारण स्ट्रैच मार्क्स हो गए हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं ने अपना वेट काफी कम किया है. मगर मेरे पेट और टांगों पर स्ट्रैच मार्क्स हो गए हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

जब हम वेट कम करते हैं तो स्किन पहले की तरह टाइट नहीं हो पाती और स्ट्रैच मार्क्स हो ही जाते हैं. घर में आप विटामिन ई के कैप्सूल लें. उन्हें तोड़ कर स्ट्रैच मार्क्स पर लगाएं. इस से कुछ हद तक स्ट्रैच मार्क्स में फर्क आ सकता है. आप किसी क्लीनिक से लेजर की सिटिंग्स भी ले सकती हैं. इस से स्ट्रैच मार्क्स काफी हद तक कम हो सकते हैं.

आजकल स्ट्रैच मार्क्स के लिए कई तरह के औयल भी उपलब्ध हैं, जिन्हें लगाने से काफी हद तक फर्क पड़ जाता है. आप घर पर ऐलोवेरा जैल भी लगा सकती हैं. ताजा ऐलोवेरा ले कर उसे तिरछा काट कर कुछ देर के लिए रख दें. उस से पीले रंग का एक लिक्विड निकलता है जिसे निकलने दें. फिर उसे सैंटर से काट कर चाकू से

जल को निकाल लें. फिर हर रोज इस जैल से स्ट्रैच मार्क्स की मसाज करें. इस से भी स्ट्रैच मार्क्स कम होते हैं.

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स्ट्रैच मार्क्स यानी त्वचा पर खिंचाव के निशान. यों तो महिलाओं में गर्भावस्था के बाद होने वाली यह एक आम परेशानी है, लेकिन कई बार देखा गया है कि वजन कम करने के बाद भी इस तरह के निशान त्वचा पर देखे जाते हैं. यही नहीं महिलाओं के साथसाथ पुरुषों में भी स्ट्रैच मार्क्स एक आम समस्या बनते जा रहे हैं. स्टैच मार्क्स कई तरह के होते हैं, जिन के होने की कुछ अलगअलग वजहें हो सकती हैं. लेकिन इन से घबराने की जरूरत नहीं है.

महिलाएं और पुरुष इस तरह के निशानों को कुछ साधारण घरेलू उपायों से दूर कर सकते हैं. इस के अलावा कुछ खास क्रीमों और औयल आदि की नियमित मालिश से भी इन निशानों से छुटकारा पाया जा सकता है.

क्यों होते हैं स्ट्रैच मार्क्स

शरीर के अलगअलग हिस्सों पर हमारी त्वचा अलगअलग प्रकार की यानी कहीं सख्त तो कहीं मुलायम होती है. लेकिन मुख्य तौर पर त्वचा की 3 परतें होती हैं- पहली परत यानी बाहरी त्वचा को ऐपिडर्मिस, दूसरी परत को डर्मिस और सब से निचली यानी अंतिम परत को हाइपोडर्मिस कहते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- स्ट्रैच मार्क्स से ऐसे पाएं छुटकारा

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

बदले की आग: क्या इकबाल बेटी और पत्नी को बचा पाया

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Winter Special: सर्दियों में बेहद खास है गुड़, जानिए फायदे

सर्दियों का मौसम अब कुछ दिनों का ही बचा है. पर इसकी शुरुआत में और अंत में सबसे ज्यादा लोगों को ये प्रभावित करती है. इस लिए ठंड से बचने के सारे उपाय आप कर के रखें. इसी क्रम में हम आपको बताएंगे कि इस मौसम में गन्ने की रस से बना गुड़ कितना गुणकारी है. खानपान में इसका अगल ही महत्व है. ये शरीर में खून की होने वाली कमी को रोकता है इसके अलावा ये एक प्रभावशाली एंटीबायोटिक है. खासकर सर्दी के मौसम में इसका प्रयोग सभी उम्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है.

आइए जाने कि सर्दी में गुण से होने वाले फायदों के बारे में-

1. अस्थमा को रखे दूर

अस्थमा में गुड़ बेहद लाभकारी होता है. एक कप घिसी हुई मूली में गुड़ और नींबू का रस मिला कर करीब 20 मिनट तक पकाएं. इस मिश्रण को रोजोना एक चम्मच खाएं. इससे अस्थमा में काफी फायदा होगा.

2. नाक की एलर्जी में है फायदेमंद

जिन लोगों को नाक की एलर्जी है उन्हें रोज सबेरे भूखे पेट 1 चम्मच गिलोय और 2 चम्मच आंवले के रस के साथ गुड़ का सेवन करना चाहिए. ऐसा रोजाना करने से नाक की एलर्जी में फायदा मिलता है.

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3. फेफड़ों के लिए है फायदेमंद

गुड़ में सेलेनियम नाम का एक तत्व पाया जाता है जो एक एंटीऔक्सिडेंट है. ये हमारे गले और फेफड़े को इंफेक्शन से बचाता है और शरीर को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है.ॉ

4. सर्दी जुकाम का इलाज है गुड़

गुड़ तिल की बर्फी खाने  से जुकाम की परेशानी खत्म हो जाती है. इसे खाने से सर्दी में भी गर्मी बनी रहती है.

5. कफ में है असरदार

सर्दी में कफ की परेशानी से लोग परेशान रहते हैं. सर्दियों से होने वाली परेशानियों में गुड़ बेहद असरदार होता है. इन परेशानियों में आप गुड़ की चाय पी सकती हैं. ठंड के दिनों में अदरक, गुड़ और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर पीना सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है.

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Trends और Fashion के बारें में बता रहे है सेलेब्रिटी डिज़ाइनर राहुल मिश्रा

हर दुल्हन सुंदर होती है, हर दुल्हन अपनी वेडिंग ऑउटफिट देखकर खिल उठती है, इसमें किसी रंग, रूप, का कोई महत्व नहीं होता. कुछ ऐसा ही सोच रखते है प्रसिद्ध सेलेब्रिटी डिज़ाइनर राहुल मिश्रा, जिन्होंने डिजनी प्लस पर ब्राइडल क्लोदिंग इन ए न्यू लेंथ में शामिल होकर किसी लड़की के ड्रीम में योगदान देने को बहुत ही एक्साईटिंग मानते है.उनकी पत्नी दिव्या भी फैशन जगत से है, दोनों ने साथ पढाई की, प्यार हुआ और शादी की. दोनों की एक बेटी आरना, 6 साल की है. राहुल के अनुसार फैशन एक सुपर मैजिकल पॉवर है, जो किसी खराब दिन को भी अच्छे में बदल सकता है. इसे एक लाइफ भी कहा जा सकता है, जो हर उम्र में जीने का मकसद बताती है.

मिली प्रेरणा आर्टिस्ट बनने की

 

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फैशन की इंडस्ट्री में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर डिज़ाइनर राहुल कहते है कि मेरी रूचि हमेशा से आर्ट में जाने की थी, लेकिन मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर या इंजीनियर के लिए आईआईटी जाऊं, पर मैं डिज़ाइनर नहीं, बल्कि आर्टिस्ट बनना चाहता था. मैने साइंस से पढाई की उसके बाद एनआईडी अहमदाबाद में डिज़ाइनर के रूप सेलेक्ट हुआ और वहां मैंने डिजाईनिंग की पढाई पूरी करते ही तुरंत मिलान में स्कॉलरशिप मिलने की वजह से वहां भी पढाई करने का मौका मिला. साल 2009-10 में मैंने अपना ब्रांड खोला और कई फैशन शो में भाग लेने लगा, करीब 4 से 5 साल में मुझे अवार्ड भी मिल गया. साल 2014 में मुझे ग्लोबल अवार्ड मिला. इसके बाद पेरिस में पेरिस फैशन वीक, इंडिया की फैशन वीक आदि कई करता रहा. उस दौरान मुझे बड़े-बड़े डिज़ाइनर्स भारत और विदेश के सभी के साथ काम करने का मौका मिला. इससे सीखने को बहुत मिला और ब्रांड का ग्रोथ बहुत जल्दी हुआ. मैं स्वीकारता हूं कि मुझे बहुत जल्दी अपनी ब्रांड को स्थापित करने का मौका मिल गया. मार्केट वाइज भी और बिजनेस ग्रोथ बहुत अच्छी रही. इस समय मेरी टीम में काफी लोग है और करीब 1000 लोगों को मैंने नौकरी दी है.

 

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दुनिया है खुबसूरत

 

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केवल डिजाइनिंग ही नहीं, कला से जुडी सबकुछकरने का शौक राहुल को है, जिसमें फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, फर्नीचर बनाने, इंटीरियर करने आदि सब पसंद करते है और धीरे-धीरे सभी फील्ड को वे एक्सप्लोर करना चाहते है. फैशन को अपडेट करने के बारें में राहुल मिश्रा कहते है कि कभी गार्डन में बैठकर भी आईडिया आ जाता है. इतनी सुंदर दुनिया और उसकी नेचर होने की वजह से फ्रेश आईडिया सोचने में समय नहीं लगता. आईडिया को एक्सीक्यूट करने में समय लगता है, जिसकी कमी हमेशा रहती है. इनदिनों कोविड की वजह से सारे कारीगर प्रोडक्शन में लगे है,क्योंकि मेरे कपड़ो की डिमांड बहुत अधिक है. ये लोग एक टीम की तरह काम करते है. क्रिएटिव सोच के अलावा मल्टीप्ल चीजों पर ध्यान देना पड़ता है, जिसमें कपडे को नम्बर वन बनाने के लिए एक लम्बे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है और ये काम किसी अकेले की बस की नहीं होती.

 

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हो धीमा फैशन

 

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फैशन इंडस्ट्री में सबसे अधिक वेस्ट प्रोडक्ट निकलता है और क्लाइमेट चेंज की दिशा में इसे  कम करने की कोशिश में जुटेडिज़ाइनर राहुल कहते है कि मेरा काम सस्टेनेबल फैशन की दिशा में हो रहा है, क्योंकि मैं स्लो फैशन में विश्वास करता हूं,कपडे जितना धीरे बनाई जाय, उतना ही पृथ्वी के लिए लाभदायक होता है . बाहर मिलने वाले कपडे 20 से 25 मिनट की टेलरिंग में बनते है,ऐसी फ़ास्ट फैशन प्लेनेट के लिए अच्छा नहीं है, जो जरुरत से अधिक आज बन रही है. मैं कपडे स्लो माध्यम से बनाता हूं, जिसमें सारा काम हाथ से बनता है. मेरा एक ड्रेस बनने में एक महिना लगता है, ऐसे में नेचर को काफी समय खुद को उसी रिसोर्स में बहाल करने का मिल जाता है, क्योंकि हाथ से इतनी सारी कढाई करने में काफी समय लगता है. 5 मीटर सिल्क को प्रयोग करने  में मुझे एक महीने का समय लगता है,क्योंकि उसपर अलग-अलग तरीके की कढाई होती है और प्रकृति को काफी समय खुद के लिए मिल जाता है. जबकि मशीनों पर बनने वाले सिल्क बहुत जल्दी बन जाते है. मेरी कोशिश होती है कि साल दर साल मेरे ऑउटफिट फैशन में रहे और नेक्स्ट जेनरेशन को पासऑन किया जाय. सस्ते कपडे खरीदने पर व्यक्ति आसानी से फेंक देता है और वह लैंड फिल में जाता है. महंगे और अच्छे कपडे कोई भी आसानी से नहीं फेंक पाता. इसके अलावा मैं गारमेंट तब बनाता हूं, जब मुझे आर्डर मिलता है, लेकिन मॉल में बने हुए सभी कपडे अलग-अलग साइज़ में पहले से ही बना दिए जाते है.

 

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सस्टेनेबल फैशन

 

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राहुल किसी अवसर या वेडिंग पर ही किसी को आमंत्रित करते है,ताकि प्यार से ख़रीदे गए कपड़ों को कोई ऐसे ही नहीं फेंक सकता, क्योंकि कभी भी पहन लेंगे, सोचकर ख़रीदा गया कपडा पहनने का समय कभी भी नहीं मिलता. डिज़ाइनर का कहना है कि मेहनत और प्यार से खरीदी गयी कोईभी चीज व्यक्ति सावधानी से रखता है. सस्टेनेबल कोई भी चीज जो ह्यूमन रिदम ऑफ़ कॉनजम्पशन एंड प्रोडक्शन में चलेगी, वह सस्टेनेबल होगी. जबकि कोई भी चीज मशीन से बनाने पर जल्दी बनती है और वह सस्टेनेबल नहीं हो सकती.

 

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बचाना है कारीगर और कारीगरी

कई सारी ऐसी कला है, जो मृत प्राय हो चुकी है, उसे बचाना जरुरी है, इसके लिए क्या करना जरुरी है?राहुल कहते है कि बिना सही पारिश्रमिक के मैं सारी बोझ कारीगरों पर नहीं डाल सकता. मेरे कारीगर अधिकतर औसतन 30 साल के है, क्योंकि उन्हें पैसा अच्छा मिलता है. कारीगर को कारीगरी का एक अच्छा मेहनताना देना पड़ता है, ताकि वह अपने घर परिवार की देखभाल कर सकें. उस क्राफ्ट की कोई महत्व नहीं अगर कारीगर भूखा रहे.हमारी 70 प्रतिशत काम महिलाएं अच्छी वेतन के साथ करती है. आगे पैरिस में शो है, जिसे कोविड के चलते अटेंड नहीं कर रहा हूं. उसमे  बेस्ट और अलग कारीगरी को दिखाना है. कोरोना ने सभी को किसी न किसी रूप में काम करने से रोका है,लेकिन फैशन की इंडस्ट्री में कारीगरी अधिक करनेवाली टीमअच्छा कर रही है. जो मशीन से पोशाक बनाते है, उन लोगों ने काफी नुकसान भुगता है.कोरोना के बाद सबको समझ में आया है कि जरुरत के बिना सामान न ख़रीदे. विंडो शोपिंग में थोड़ी कमी आई है. पहले शोपिंग बैग बिना जरुरत के भर रहे थे.

स्मार्ट है ब्राइड्स

ब्राइडल ट्रेंड्स के बारें में राहुल का कहना है कि इस बार ब्राइडल पोशाक में ट्रेंड पेस्टल कलर का है. आज की ब्राइड अपना सही चुनाव करने में एकदम स्मार्ट है, उन्हें पता है कि लाल लहंगा अधिक दिनों तक पहना नहीं जा सकता है. इसलिए दुपट्टा, ब्लाउज और लहंगा को बाद में पहनने का आप्शन पहले देखती है. जान्हवी कपूर , कैटरिना कैफ सभी ने मेरे कपड़ों को पहना है. मैं फिल्म से थोड़ी दूरी बनाकर चलता हूं, क्योंकि फिल्म में निर्देशक के लिए काम करना पड़ता है, इससे क्रिएटिविटी की आज़ादी चली जाती है. मेरे कपडे हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड के सभी कलाकार पहनते है. अभी मैं मॉस में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मेरा काम सस्टेनेबल ही रहेगा.

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GHKKPM: श्रुति को लेकर विराट से सवाल करेगी पाखी, मिलेगा करारा जवाब

स्टार प्लस के सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में नया मोड़ लेने के लिए तैयार है. जहां सई (Aishwarya Sharma) के घर छोड़कर जाने से पूरा चौह्वाण परिवार नाराज है तो वहीं विराट (Neil Bhatt)की श्रुति के लिए चिंता सई को खल रही है. इसी बीच सीरियल में कई नए ट्विस्ट आने वाले हैं आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

सई ने मारा ताना

 

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अब तक आपने देखा कि अस्पताल में सई की मुलाकात श्रुति से होती है. जहां वह सई को पता चलता है कि श्रुति ही विराट की पत्नी है, जिसके बाद वह टूट जाती है. हालांकि डौक्टर होने चलते वह पुलकित को श्रुति के औपरेशन के लिए मनाती है और वह सफल भी हो जाते हैं. वहीं सई एक बार फिर विराट को ताना देती हुई नजर आती है कि उसकी आंखों में श्रुति के लिए चिंता साफ नजर आती है, जिसके जवाब में विराट उसे भरोसा ना करने की बात कहता है.

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पाखी करेगी विराट से सवाल

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि श्रुति के औपरेशन के बाद विराट घर लौटेगा. जहां पाखी, विराट से श्रुति को लेकर सवाल करती नजर आएगी कि वह क्यों थका हुआ है. लेकिन विराट उससे कहेगा कि वह उसके मामले में दखल ना दे, जिसके चलते निनाद और अश्विनी आकर विराट से सवाल पूछते नजर आएंगे. वहीं बात इतनी बढ़ जाएगी कि भवानी, विराट से सई को घर लाने या फिर खुद घर छोड़ने की बात कहेगी.

कहानी में आएगा नया ट्विस्ट

खबरों की मानें तो अपकमिंग एपिसोड में श्रुति चौह्वाण हाउस में एंट्री लेते हुए नजर आएगी. वहीं अपने बच्चे को विराट का ना देगी, जिसके चलते भवानी उसे घर में रखने से मना नहीं करेगी. हालांकि पाखी को इस बात से बेहद गुस्सा करती हुई नजर आएगी. वहीं पाखी की शादीशुदा जिंदगी में ध्यान न देने के चलते सम्राट परेशान नजर आएगा और घर छोड़ने का फैसला लेगा.

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Anupama: शाह परिवार से दूर जाने का फैसला करेगी पाखी, देगी फैमिली को झटका

सीरियल अनुपमा (Anupama) की कहानी आए दिन नया मोड़ ले रही है. जहां अनुज (Gaurav Khanna) और वनराज (Sudhanshu Panday), मालविका (Aneri Vajani) की मदद करने के लिए साथ आ गए हैं तो वहीं अनुपमा (Rupali Ganguly), मालविका के डिप्रेशन को दूर करने का रास्ता ढूंढती नजर आ रही है. इसी बीच अनुपमा की जिंदगी में पाखी (Muskan Bamne) का एक फैसला तूफान लाने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

समर और पाखी के बीच हुआ झगड़ा

अब तक आपने देखा कि अनुपमा, एक्टिंग करती है और मालविका को बाहर ले आती है. जहां पर अनुज और शाह परिवार मस्ती करता हुआ नजर आता है और नए साल का जश्न मनाते हुए नजर आते हैं. दूसरी तरफ, समर, पाखी को किसी से बात करते हुए देखता है पूछता है कि वह किससे बात कर रही है. लेकिन पाखी उसे अपने काम से काम रखने के लिए कहती है. हालांकि समर कहता है कि उसने इतनी गलतियां की हैं कि वह नहीं चाहता कि उसकी वजह से परिवार को परेशानी हो. इसी के चलते दोनों के बीच झगड़ा हो जाता है.

 

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पाखी देगी अनुपमा को झटका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि जहां काव्या, वनराज को छोड़कर नौकरी के लिए मुंबई जाएगी तो वहीं बापूजी, वनराज को जिम्मेदारियों का एहसास ना होने के लिए बा के साथ झगड़ेंगे. दूसरी तरफ, पाखी, अनुपमा को झटका देते हुए कहेगी कि वह पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहती है, जिसके लिए वह अपनी मां को परिवार को मनाने के लिए कहती नजर आएगी.

अनुज और वनराज का होगा झगड़ा

 

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पाखी के झटके बीच, अनुज, मालविका और वनराज की बढ़ती नजदीकियों को देखकर गुस्सा होता हुआ नजर आएगा, जिसके चलते वह वनराज पर गुस्सा निकालते हुए कहेगा कि उसे अपना काम नहीं पता है. वहीं वनराज भी अनुज की बात सुनकर चुप रहने के लिए कहेगा. हालांकि अनुज गुस्से में वनराज को घर से चले जाने के लिए कहेगा, जिसे सुनकर मालविका और अनुपमा हैरान रह जाएंगे.

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दीवानगी जब हद से जाए गुजर

प्यार एक खूबसूरत एहसास है. प्यार से सुंदर कुछ नहीं पर जिद या ग्रांटेड ले कर प्यार करना बेकार है. प्यार को प्यार की नजर से करना ही सही है. कई बार व्यक्ति प्यार समझ नहीं पाता. प्यार अचानक होता है और इस में ऐज फैक्टर, कास्ट, क्रीड आदि कोई माने नहीं रखते.

1. प्रेम बन सकता है तनाव का सबब

प्यार किसी के लिए दवा का काम करता है तो किसी के लिए तबाही और बदले का सबब भी बन जाता है. हर इंसान अपने व्यतित्त्व और परिस्थितियों के हिसाब से प्यार को देखता है. प्यार अंधा होता है पर कितना यह बाद में पता चलता है. इसीलिए फौल इन लव कहते हैं यानी आप प्यार में गिर जाते हैं. गिर जाना यानी अपनी आईडैंटिटी, अपना सबकुछ भूल जाते हैं. इस के अंदर आप खुद को भूल कर दूसरे को सिर पर चढ़ा लेते हैं. इसलिए प्यार में बहुत से लोग पागल हो जाते हैं, तो कुछ आत्महत्या तक कर लेते हैं.

प्यार किस तरह की पर्सनैलिटी वाले शख्स ने किया है इस पर काफी कुछ डिपैंड करता है. इमोशनली अनस्टेबल पर्सनैलिटी के लिए प्यार हमेशा डिपैंडैंट फीचर रहता है. उस की सोच होती है कि दूसरा शख्स उस का ध्यान रखेगा, उसे प्यार करेगा, उसे संभालेगा. इस तरह के लोग काफी कमजोर होते हैं. वे बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं तो बहुत जल्दी डिप्रैशन में भी आ जाते हैं.

प्यार में 3 फैक्टर्स बहुत हाई लैवल पर रहते हैं- पहला त्याग, दूसरा कंपैटिबिलिटी और तीसरा दर्द. दूसरा बंदा आप को किस तरह से देख रहा है, आप को कितने अंकों पर आंक रहा है यह भी काफी महत्त्वपूर्ण है. वह आप से किस लैवल तक क्या चाहता है, यह देखना भी जरूरी होता है.

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2. हारमोंस का लोचा

प्यार में कई तरह के हारमोंस निकलते हैं जिन का असर हमारी पूरी पर्सनैलिटी पर पड़ता है. प्यार से व्यक्ति को एक तरह की किक मिलती है. कोई सामने वाला जब आप की मनपसंद, प्यारभरी बातें कर रहा होता है तो आप खुश हो जाते हैं. प्यार का कनैक्शन एक तरह के ऐंजाइम से रहता है, जो आप को खुश और दुखी दोनों रख सकता है. इस में जब खुशी मिलती है तो डोपामाइन हारमोंस सीक्रेट होते हैं. इस से कई बार आप बहुत ज्यादा वेट गेन कर लेते हैं और प्यार में आप फिट भी हो जाते हैं, क्योंकि आप को सामने वाले को खुश भी करना होता है. प्यार में कई तरह के पर्सनैलिटी चेंजेज होते रहते हैं.

3. असुरक्षा की भावना

प्यार में असुरक्षा की भावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. आप सामने वाले पर हमेशा नजर रखते हैं कि वह किसी और को तो नहीं देख रहा, किसी और से तो बातें नहीं कर रहा, किसी और के करीब तो नहीं हो रहा, दूसरा व्यक्ति कहीं मुझ से मेरे प्यार को तो छीन नहीं लेगा जैसी बातें आप के दिमाग में चलती रहती हैं. प्यार में हम डिपैंडैंट हो जाते हैं. अपना चोला बदल लेते हैं. अपना सबकुछ भूल जाते हैं, यहां तक कि अपना काम भी. हमारा पूरा ध्यान एक ही बंदे पर केंद्रित हो जाता है. इस से हमारा काम, हमारा शेड्यूल सबकुछ प्रभावित हो जाता है.

4. डिपैंडैंसी

आप किसी पर पूरी तरह डिपैंडैंट हो जाते हैं तो आप की अपनी पर्सनैलिटी खो जाती है. आप किसी और का चोला पहन लेते हैं. उसे खुश करने के लिए आप उस की पसंद की बात करते हैं, उस की पसंद के कपड़े पहनते हैं, दूसरों से भी उसी की बातें करते रहते हैं, उसी को समझने का प्रयास करते हैं. सारा दिन उसी के खयालों में खोए रहने लगते हैं. दिनभर उस से फोन पर बातें कर टच में रहने की कोशिश में रहते हैं. एक समय आता है जब वह कहीं न कहीं आप को यूज करने लगता है. आप उस के लिए फौर ग्रांटेड हो जाते हैं. साइकोलौजिकली आप ड्रैंड आउट हो जाते हैं. आप की जिंदगी में भारी परिवर्तन होने लगता है. कोई व्यक्ति आप के सिस्टम में घुस जाता है.

5. जब टूटता है नशा

प्यार का नशा जब टूटता है तो हम कहते हैं कि हमारी आंखों पर पट्टी बंधी थी. हम प्यार में अंधे हो गए थे. सचाई से अवगत होने पर इस चीज को बरदाश्त नहीं कर पाते कि हम कहीं न कहीं ऐसे आदमी से जुड़े थे जो डबल डेटिंग कर रहा था. आप के साथसाथ किसी और के भी क्लोज था. अकसर लड़कियां स्मार्टनैस या पैसे देख कर फंस जाती हैं. प्यार एक बहुत ही मिसअंडरस्टुड शब्द है. प्यार में कभी भी आप को 100% वापस नहीं मिलता. फिर आप को इस बात का डिपै्रशन होता है कि आप उसे जितना प्यार करती हैं वह उतना आप का खयाल क्यों नहीं रखता? आप को पूछता क्यों नहीं? आप उस के लिए अपने मांबाप, दोस्तों और यहां तक कि जिम्मेदारियों को भी भूल जाती हैं पर संभव है कि वह आप को ही छोड़ दे.

प्यार में धर्म की वजह से अकसर ओनर किलिंग्स के केसेज होते हैं. सुसाइड होते हैं, वैबसुसाइड होते है, व्हाट्सऐप पर ही इंसान दूसरे को दिखाते हुए आत्महत्या कर लेता है. प्यार में फ्रौड केसेज भी काफी होते हैं. कई बार जिस से आप प्यार कर रही होती हैं वही व्यक्ति एकसाथ कई लड़कियों के साथ डेट कर रहा होता है.

कई बार मुसलिम युवक हिंदू लड़की को मुसलिम बनाने के लिए प्यार का नाटक करते हैं. कई बार बदला लेने के लिए भी लोग किसी को अपने प्रेमजाल में फंसा कर आप की जिंदगी को खतरे में डाल सकते हैं. इसी तरह के मामलों में ऐसिड अटैक या मर्डर की घटनाएं होती हैं.

वन साइडेड लव है, तो साइको लवर्स पैदा हो जाते हैं. सामने वाले पर ऐसिड अटैक कर देने या मार डालने की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. अपने साथी के साथ मिल कर पुराने प्रेमी को खत्म करना जैसे क्राइम ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स की वजह से जन्म लेते हैं.

6. कैसे बचें

– कभी भी किसी इंसान को अपना सबकुछ मान कर अपना पूरा वक्त न दें. हमेशा एक सीमा में रह कर ही किसी से प्यार करें.

– कभी भी किसी के लिए अपनी आईडैंटिटी खत्म न करें. अपनी आईडैंटिटी हमेशा बचा कर रखें, क्योंकि आप की पहचान आप से है किसी और से नहीं.

– अपनी पसंद का काम करते रहें ताकि आप जीवन से किसी के जाने पर बिलकुल खाली और बरबाद न हो जाएं.

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क्या कहता है कानून

रिस्ट्रिक्शन आर्डर: यदि कोई ऐसा शख्स आप से प्यार करने का दावा करता है, जिस के प्रति आप के मन में कोई सौफ्ट कौर्नर नहीं और वह जबरदस्ती पीछे पड़ा है व बेवजह परेशान करने लगा है तो आप उस पर रिस्ट्रिक्शन और्डर लगवा सकती हैं. इस के तहत वह व्यक्ति 100 मीटर की दूरी तक आप के आसपास भी नहीं दिख सकता. इस के अलावा आप दूसरे कई कानूनों का सहारा ले सकती हैं. मसलन, आईपीसी की धाराएं जैसे-

धारा 509: यदि कोई बातों और हावभाव से आप को परेशान कर रहा हो जबकि आप का रुझान उस की तरफ  नहीं है.

धारा 506: यदि कोई भी व्यक्ति धमकी देता है जैसेकि जान से मारने की धमकी, रेप करने की धमकी तो इस तरह की धमकियां देने पर आईपीसी की धारा 506 लगती है.

धारा 376: यदि रेप हुआ हो तो यह धारा लग सकती है.

धारा 354: सैक्सुअल हैरसमैंट और स्टौकिंग आदि के केसेज में धारा 354 लगती है.

धारा 302: कत्ल के आरोपियों पर धारा 302 लगाई जाती है.

धारा 366: विवाह के लिए विवश करने के मकसद से किडनैप किए जाने पर धारा 366 लगाई जा सकती है.

धारा 326: यह धारा ऐसिड अटैक के केसेज में लगाई जाती है.

-क्रिमिनल साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर

से गरिमा पंकज द्वारा की गई बातचीत पर आधारित

कैसे करें घर बैठे मोटी कमाई

एक मशहूर कहावत है कि ऐवरी क्राइसिस कम विद एन औपर्चयुनिटी यानी हर आपदा एक अवसर ले कर आती है. कोरोना भी एक आपदा है, लेकिन कोरोना आपदा की शक्ल में कई सारे अवसर ले कर आया है खासकर उस तरह  के व्यवसाय और काम के लिए, जो पढ़ाई, आईटी, टैक्नोलौजी से संबंधित हैं, वर्चुअल दुनिया के प्रोडक्ट हैं, डिजिटल प्रोडक्ट हैं. क्योंकि कोरोना के समय में जिस तरह से लोग एकदूसरे से दूर हो कर घर में बंद हो गए हैं, वहां पर सौफ्टवेयर, आईटी, औनलाइन डिलिविरी, वर्चुअल ऐजुकेशन, ऐप्लिकेशंस इन सब की डिमांड बढ़ी है. जूम रातोंरात करोड़पति ऐप्लिकेशन बन गई है. और भी कई ऐप्लिकेशंस का यही हाल है.

इस आपदा के समय कोचिंग का व्यवसाय भी खूब फूलफल रहा है. वैसे तो यह व्यवसाय पहले भी खूब फलफूल रहा था, लेकिन जब से स्कूलकालेज बंद हुए हैं तब से इस व्यसाय के बढ़ने की संभावना और बढ़ गई है. इसलिए अगर आप घर में खाली बैठे हैं, आप की नौकरी नहीं है या फिर आप का बिजनैस डाउन हो गया है, तो आप अपने अंदर के हुनर को तराश कर इसे बिजनैस के तौर पर शुरू कर सकते हैं. जानिए कैसे:

घर बैठे सीखें केक बनाना

घर में किसी का बर्थडे हो या फिर ऐनीवर्सरी या फिर न्यू बौर्न बेबी के वैलकम की बात हो, हर शुभ अवसर पर केक कटिंग का चलन आम हो गया है. ऐसे में कोरोना की दस्तक ने इस बिजनैस को तेजी से बढ़ाने का काम किया है. अब लोग मार्केट से केक लाने से परहेज करने लगे हैं, इस की जगह वे अपने करीबी से या फिर खुद घर पर केक बनाना ज्यादा अच्छा औप्शन सम झते हैं. ऐसे में अगर आप में केक बनाने की कला है तो आप अपने इस हुनर को खुद तक ही सीमित न रखें बल्कि दूसरों को भी सिखा कर आप अच्छाखासा पैसा कमा सकते हैं.

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इस संबंध में मेराकी होम बेकरी की दीप्ति जांगड़ा बताती हैं कि उन में केक बनाने का जनून है और उन के इस हुनर को लौकडाउन के समय काफी बढ़ावा मिला है. वे सिंपल से ले कर कस्टोमाइज्ड डिजाइनर केक तक बनाती हैं यानी जिसे जैसा केक चाहिए होता है उसी तसवीर को हूबहू केक पर उतारने की कला है उन में. उन्होंने बताया कि लोग उन के इस हुनर को बहुत अधिक प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिस से उन में उत्साह और अधाक बढ़ गया है. यह उन की आमदनी का अच्छा साधन बन गया है, जो उन में कौन्फिडैंस बढ़ाने का काम करता है.

वे बताती हैं कि बेसिक केक सीखने के लिए क्व1,500 से क्व2,000, तो वहीं डिजाइनर केक बनाने की कला को सीखने के लिए क्व3,000 से क्व5,000 तक खर्च करने पड़ते हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आप में हुनर है तो आप घर बैठे औनलाइन ट्रेनिंग दे कर अपनी आमदनी कर सकते हैं. यकीन मानिए इस से आप को जो खुशी मिलेगी उस का अंदाजा भी आप को नहीं होगा. बस आप को अपने हुनर को तराश कर उसे सही प्लेटफौर्म देने की जरूरत होती है.

डांस क्लासेज

डांस सदियों से पसंद किया जाता रहा है, जिस के कारण यह हमेशा से ही डिमांड में रहता है. चाहे संगीत हो या शादी या फिर पार्टी अथवा गैटटुगैदर, हर जगह डांस का अपना महत्त्व होता ही है. आज तो डांस के इतने प्रौब्लम आने लगे हैं कि उन में भाग लेने के लिए डांस की ट्रेनिंग लेनी बहुत जरूरी होती है ताकि बेहतर सीख कर अव्वल आ सकें. इस के लिए लोग मुंहमांगा पैसा देने के लिए भी तैयार रहते हैं. अगर आप किसी खास तरह के डांस जैसे हिप होप, बैलेट, फोक डांस, क्लासिक डांस इत्यादि को अच्छे से जानते हैं तो आप इस की औनलाइन ट्रेनिंग दे कर अपने स्किल्स को बढ़ाने के साथसाथ इस प्रोफैशन से अच्छाखासा कमा सकते हैं, क्योंकि घर से इस बिजनैस को शुरू करने पर इस की लागत न के बराबर ही आएगी.

पर्सनैलिटी डैवलपमैंट

कोरोना ने हर किसी को घर में बैठा दिया है, फिर चाहे बात बड़ों की हो या फिर बच्चों की, ऐसे में घर में बोरियत का माहौल हो गया है. हरकोई बदलाव चाहता है. ऐसे में अगर आप में वह है कि आप दूसरों को पर्सनैलिटी डैवलपमैंट की ट्रेनिंग दे सकते हैं तो यह समय आप के लिए गोल्डन चांस का काम करेगा, क्योंकि हर पेरैंट्स इस समय का फायदा उठा कर अपने बच्चों को सब सिखाना चाहते हैं, जिस से पढ़ाई के साथ उन की पर्सनैलिटी डैवलप हो. ऐसे में आप इस समय अपने हुनर का फायदा उठा कर औनलाइन पर्सनैलिटी डैवलपमैंट के कोर्स शुरू करें. आप औफर्स भी दे सकते हैं कि बच्चे के साथ पेरैंट्स भी अगर सीखते हैं तो आप को डिस्काउंट मिलेगा. बता दें कि पर्सनैलिटी डैवलपमैंट के कोर्सेज की काफी डिमांड रहती है. आप को अगर 3-4 लोग भी मिल गए तो भी आप महीने में क्व12,000 से क्व15,000 तक कमा लेंगे. बस जरूरत है आप को अपने हुनर को सही तरह से इस्तेमाल करने की.

कोडिंग क्लासेज

बच्चे सम झ गए हैं कि अगर टैक्नोलौजी वर्ल्ड में पहचान बनानी है तो कोडिंग से नाता जोड़ना ही पड़ेगा, क्योंकि आज के समय में टैक्नोलौजी की मदद लेनी ही पड़ती है. ऐसे में आईटी टीचर्स के लिए जहां सुनहरे अवसर खुल गए हैं वहीं बच्चों को भी इस के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिल रहा है, जो उन के भविष्य को और उज्ज्वल बनाने का काम करेगा. बता दें कि कोडिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को कहते हैं, जिस की मदद से ऐप्स, वैबसाइट व सौफ्टवेयर बना सकते हैं. कोरोना के बाद से तो कोडिंग की काफी डिमांड बढ़ी है. ऐसे में अगर आईटी से जुड़े हुए हैं और आप को कोडिंग का अच्छाखासा ज्ञान है तो आप इस में औनलाइन कोचिंग दे कर मोटा पैसा कमा सकते हैं. इस से आप के ज्ञान में वृद्धि भी होगी और आप मोटा पैसा भी कमा पाएंगे.

कैरियर काउंसलिंग

बहुत सारे बच्चे असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि 10वीं के बाद कौन सी स्ट्रीम चुनें या फिर 12वीं के बाद किस सैक्टर में अपना कैरियर बनाएं. असल में उन पर पेरैंट्स का भी दबाव होता है और साथ ही देखादेखी भी. ऐसे में वे अपने अंदर की प्रतिभा को जान नहीं पाते और गलत निर्णय लेने के कारण कई बार उन्हें पछताना भी पड़ता है. ऐसे में कैरियर काउंसलिंग बच्चों के लिए बहुत काम की साबित होती है ताकि उन से बात कर के उन की रुचि को जान कर और उन्हें किस जगह पर दिक्कत आती है उसे गहराई से सम झ कर उन्हें किस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहिए, कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से मदद की जाती है. इस से उन्हें जहां कैरियर चुनने में मदद मिलती है वहीं उन्हें सही कैरियर चुनने से आगे सक्सैस मिलने के चांसेज भी काफी बढ़ जाते हैं.

कैरियर काउंसलिंग का महत्त्व कोरोना के टाइम में तो और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि बच्चों का कैरियर चौपट सा हो गया है. ऐसे में उन के मन के संदेह को कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है. इस क्षेत्र में पैसा भी अच्छाखासा मिलता है. जैसे आप ने अगर 2 घंटे बच्चे की काउंसलिंग की तो आप एक बच्चे से कम से कम 2,000 से 3,000 तक कमा लेंगे. ऐसे में अगर आप में हुनर है और आप पेरैंट्स व बच्चों को सही गाइड कर सकते हैं, तो फिर औनलाइन कैरियर काउंसलिंग कर के कमाएं पैसा.

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फिटनैस ट्रेनिंग

आज अधिकांश लोग अपनी हैल्थ को ले कर ज्यादा सजग हो गए हैं. तभी तो उन के रूटीन में जुंबा, ऐरोबिक्स, जिम आदि शामिल हो गया है. यही नहीं वे इन के लिए हर महीने हजारों रुपए खर्च करने में भी गुरेज नहीं करते. सही भी है कि अगर आप स्वस्थ हैं तभी आप जीवन को अच्छे से ऐंजौय कर पाओगे. लेकिन कोरोना ने फिटनैस पर थोड़ा ब्रेक लगा दिया है. अब लोग जिम व अन्य ऐक्सरसाइज के लिए किसी ट्रेनर के पास जा कर सीखना उचित नहीं सम झ रहे हैं. ऐसे में उन की जरूरत और आप का हुनर आप की आमदनी का साधन बना सकता है. आप जूम, मीट जैसे ऐप्स की मदद ले कर उन्हें घर बैठे फिटनेस की ट्रेनिंग दे सकते हैं. यकीन मानिए आज के समय में आप का यह हुनर बहुत फायदे का साबित होगा क्योंकि अब और लोग अपनी हैल्थ से सम झौता नहीं करना चाहते हैं. आप फीस दिनों, घंटों व कोर्स के आधार पर रख कर काफी फायदा कमा सकते हैं.

इस संबंध में एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज के हैल्थ ऐंड फिटनैस कंसल्टैंट हरीश कुमार शर्मा बताते हैं कि अगर आप में फिटनैस की ट्रेनिंग देने का हुनर है तो आप इस  से पर आवर एक व्यक्ति से स्टैंडर्ड कोर्स के क्व500 से क्व800 कमा सकते हैं. कोर्स के टाइप के हिसाब से आप फीस चार्ज कर के अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं.

ऐंट्रैंस कोचिंग

कोचिंग का बाजार तो हमेशा से ही गरम रहा है, लेकिन अब कोरोना के कारण औनलाइन कोचिंग की डिमांड और बढ़ गई है, क्योंकि न तो पेरैंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई में ब्रेक लगने देना चाहते हैं और न ही बच्चे खुद. ऐसे में उन्हें चाहे फिर बात हो जौइंट ऐंट्रैंस ऐग्जामिनेशन की, ग्रैजुएट ऐप्टीटूड टैस्ट इन इंजीनियरिंग या फिर बैंकिंग सैक्टर इत्यादि की, वे औनलाइन कोचिंग के जरीए खुद को तैयार कर रहे हैं ताकि किसी भी कीमत पर उन्हें हार न मिले. ऐसे में अगर आप किसी भी फील्ड में कोचिंग दे सकते हैं और आप को अच्छाखासा ज्ञान है तो आप औनलाइन ऐंट्रैंस कोचिंग दे कर घर बैठे घंटे के हिसाब से काफी अच्छा कमा सकते हैं. आज इस प्रोफैशनल से लोग प्रति महीना का हजारोंलाखों कमा रहे हैं.

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बिजनैस कोचिंग

अगर कोरोना के कारण आप की नौकरी चली गई है या फिर आप नौकरी छोड़ कर खुद का बिजनैस करना चाहते हैं, लेकिन सम झ नहीं आ रहा कि कैसे चुनें सही बिजनैस, जिस से खुद को भी मुनाफा हो और कस्टमर्स में भी अच्छी पहचान बन सके तो इस के लिए आप को बिजनैस ट्रेनर की मदद लेनी पड़ेगी ताकि आप को बिजनैस को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनर से छोटी से छोटी जानकारी मिल सके. अगर आप को बिजनैस और मार्केट की अच्छीखासी जानकारी है और आप व्यक्ति से बात कर के जान सकते हैं कि उसे किस बिजनैस में सफलता मिल सकती है या नहीं, मार्केट में क्या ज्यादा डिमांड में है, तो आप औनलाइन बिजनैस कोचिंग दे कर अपनी आमदनी बढ़ाने के साथसाथ लोगों को बिजनैस शुरू करने में मदद भी कर सकते हैं.

सब्जैक्ट कोचिंग

कोरोना के कारण वर्क फ्रौम होम का कल्चर बढ़ा है. ऐसे में अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं तो वे अपने बच्चों को पढ़ाई में पूरा टाइम नहीं दे पा रहे हैं. साथ ही स्कूल की औनलाइन क्लासेज भी मात्र खानापूर्ति ही हो रही है. ऐसे में बच्चों को कोचिंग की जरूरत पड़ रही है. अगर आप किसी भी सब्जैक्ट के ऐक्सपर्ट हैं तो आप औनलाइन सब्जैक्ट कोचिंग दे सकते हैं. इस में कम टाइम में आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. आप औनलाइन ग्रुप कोचिंग भी कर सकते

हैं या फिर इनडिविजुअल भी. इस से आप के ज्ञान में भी वृद्धि होगी और आप की आमदनी  भी बढ़ेगी.

औनलाइन बिजनैस शुरू करने के लिए कैसे करें तैयारी

–  इसे शुरू करने के लिए आप सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक की मदद ले कर अपने परिचितों तक इस की जानकारी पहुंचाएं. उन्हें कहें कि वे इस संदेश को आगे फौरवर्ड करें ताकि आप को अच्छा रिजल्ट मिले. इस से आप दोस्तों, सगेसंबंधियों के जरीए अजनबियों तक पहुंच बना पाएंगे.

–  3-4 फ्री क्लासेज दें ताकि सीखने वाले जान सकें कि आप में कितना हुनर है.

–  फीस सही व सटीक रखें. लेकिन अपनी मेहनत का सही मूल्य आंकना न भूलें.

–  जिस भी विषय में आप कोचिंग दे रहे हैं, उस की आप को गहराई से जानकारी होनी चाहिए. हर क्लास में आप को क्या पढ़ाना है इस की पहले से तैयारी करें ताकि अधूरी जानकारी के साथ आप लोगों के सामने खुद को प्रेजैंट न करें.

–  घर के इंटीरियर को थोड़ा बदलें ताकि बैकग्राउंड अच्छी दिखे.

–  रिसर्च अच्छे से करें ताकि आप को बिजनैस में सफलता मिले.

–  आप औनलाइन प्लेटफौर्म के जरीए बिजनैस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करें.

साबुन बढ़ा सकता है पिंपल्स की प्रौब्लम

आज की भागदौड़ भरी और व्यस्त जीवनशैली का विपरीत असर चेहरे की स्किन पर पड़ता है, जिससे स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इन समस्याओं में पिंपल्स का होना सबसे आम है और इससे निपटने के लिए हम कई उपाय भी करते हैं.

अक्सर हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि किस तरह हमारा फेशियल क्लेन्जर पिंपल्स से छुटकारा दिलाने के बजाय और भी नुक्सान पहुंचा रहा है. साधारण टॉयलेट सोप पिंपल्स के लिए नुक्सानदायक होने के साथ-साथ उन्हें बढ़ा भी सकता है.

सोप पिंपल्स से निपटने के लिए सही उपाय क्यों नहीं हैं?

यदि चेहरे पर पिंपल्स हैं, तो ऐसे में साबुन का इस्तेमाल करना पिंपल्स के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. चेहरे की स्किन शरीर की बाकी स्किन की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है. साबुन चेहरे के पीएच स्तर को प्रभावित करता है, जिससे स्किन रूखी नजर आने लगती है. चेहरा जब ज्यादा ड्राई हो जाता है, तब यह तेल ग्रंथियों को सक्रिय कर देता है. ऐसे में पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्किन पर पनपने लगते हैं और पिंपल्स की समस्या भी बढ़ने लगती है.

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ऐसे में हमें चाहिए एक ऐसा सोप-फ्री फेशियल क्लेन्जर जिसमें ऐसे तत्त्व हों जो पिंपल्स से छुटकारा दिला सकें. हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश पूरी तरह सोप-फ्री है इसलिए पिंपल्स पर हार्श नहीं होता.

पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में किस तरह सहायक है?

हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश सोप फ्री फेसवाश है. यह स्किन की गंदगी को साफ करने के साथ-साथ आपके चेहरे को पिंपल्स से भी मुक्त करता है. इसमें नीम और हल्दी जैसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो चेहरे की स्किन पर पिंपल्स के कारण पनपने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं और इस तरह पिंपल्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में यह फेसवाश सहायक है. तो साफ-सुथरी और पिंपल फ्री स्किन पाने के लिए सोप फ्री फेसवाश अपनाने का यही है सही समय.

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Sunrise Pure स्वाद और सेहत उत्सव में आज बनाते हैं चना मसाला

फैमिली के लिए अगर आप पनीर या नौनवेज की रेसिपी की बजाय कुछ चटपटी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो चना मसाला की रेसिपी आपके लिए अच्छा औप्शन है. ये रेसिपी आप लंच या डिनर के मौके पर बनाकर फैमिली के लिए ट्राय कर सकते हैं.

सामग्री

1 कप काबुली चने उबले हुए

, 2 बड़ी इलायची,

2-3 लौंग,

1 छोटा टुकड़ा दालचीनी स्टिक,

2-3 छोटी इलायची,

1 बड़ा चम्मच घी या तेल,

1 बड़ा चम्मच अनारदाना,

1 बड़ा चम्मच जीरा,

2 हरीमिर्चें लंबाई में कटी हुई,

2 चम्मच Sunrise Pure चना मसाला पाउडर

1 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर,

2 इंच टुकड़ा अदरक का लंबाई में कटा हुआ,

1 प्याज कटा हुआ,

1 टमाटर कटा हुआ,

थोड़े से नीबू के टुकड़े,

थोड़ी सी धनियापत्ती कटी हुई.

विधि

पैन को गरम कर जीरा और अनारदाने को बिना तेल के भूनें. ठंडा होने पर इसे पीस लें. फिर एक गहरे बरतन में तेल या घी गरम कर बड़ी इलायची, छोटी इलायची, दालचीनी व लौंग को भूनें. अब हरीमिर्च डाल कर उबले काबुली चने, धनियापत्ती,अमचूर,  Sunrise Pure चना मसाला पाउडर व नमक डाल कर अच्छी तरह मिलाएं, काबुली चनों को अच्छी तरह मैश करें. फिर उन में 1/2 कप पानी मिला कर धीमी आंच पर 10-15 मिनट पकाएं. पकने पर अदरक, प्याज व नीबू से सजा कर सर्व करें.

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