सफेद सियार: भाग 2- क्या अंशिका बनवारी के चंगुल से छूट पाई?

लेखक- जीतेंद्र मोहन भटनागर

आईसीयू के गहरे नीले रंग के कांच के बाहर उसे रोक कर वार्ड बौय ने स्ट्रेचर पर पड़े पिता को अंदर ले जा कर एडमिट करा दिया.

अंदर से आईसीयू की नर्स ने बाहर निकल कर आलोक से कुछ कागजों पर आवश्यक डिटेल भरवाई, फिर कई जगह आलोक के दस्तखत ले कर कहा, “मिस्टर आलोक, आज तो मजबूरी थी, वरना कोविड के आईसीयू वार्ड के आसपास किसी का भी आनाजाना वर्जित है. कल से आप को नीचे रिसेप्शन लौबी में कुछ देर के लिए प्रवेश मिलेगा और वहीं से संबंधित रोगी का स्वास्थ्य स्टेटस भी मिल जाएगा. अब आप जा सकते हैं.”

कांच के बाहर से ही आलोक ने एक असहाय सी नजर से आईसीयू के बेड पर लिटा दिए गए बेहोश पिता को देखने का प्रयास किया. उन के चेहरे पर औक्सीजन मास्क चढ़ा दिया गया था. स्लाइन और दवाएं भी हथेली की नसों के द्वारा शरीर में जानी शुरू हो गई थीं.

आलोक का वहां से हटने का मन नहीं हो रहा था. वह कुछ देर और वहीं खड़ा रहना चाहता था, तभी आईसीयू की सिक्योरिटी में लगे गार्ड ने आलोक के साथ वहां इक्कादुक्का और भी फालतू खड़े लोगों को बाहर निकाल दिया.

उस दिन आलोक घर तो आ गया. मां को सब हाल बता कर संतुष्ट भी कर दिया, पर भीतर ही भीतर बहुत बेचैन था. ये कैसी महामारी है, जिस ने सब का पिछला साल भी खराब कर दिया और इस साल भी भयंकर रूप से फैले चली जा रही है.

उस के बाद अगले 26 दिनों तक वह घर से अस्पताल लौकडाउन की सारी बाधाओं को दूर कर अस्पताल तो पहुंच जाता, जबकि उसे पता चल गया था कि उस की रिपोर्ट भी पोजिटिव आई है, लेकिन अगर उस ने बता दिया और कहीं उसे भी एडमिट कर लिया गया तो मां और अंशिका का क्या होगा. कौन दौड़भाग करेगा, इसलिए उस ने इस बात को अपने भीतर ही छुपा लिया.

अब तक बैंक के बचत खाते में जमापूंजी भी तेजी से घटती जा रही थी. उसे याद आया कि उस ने पापा और मम्मी के लिए ‘आयुष्मान भारत’ कार्ड के औनलाइन आवेदन के बाद कितनी दौड़भाग की थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को सारी जानकारी उपलब्ध कराने के बाद भी उन का कार्ड नहीं बन पाया था.

ये भी पढ़ें- नयनतारा : बेकसूर विनायक ने किस गलती का कर रहा था प्रायश्चित्त

हालत और बिगड़ने पर मधुसूदन को वेंटिलेटर पर रख दिया गया था. रोज महंगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, औक्सीजन के सिलेंडर का खर्चा. वह तो उस वार्ड बौय की मदद से उसे थोड़ा महंगे दामों में ही सही, लेकिन उपलब्ध हो जाता था वरना कुछ लोग तो उस इंजेक्शन को खरीदने के लिए अस्पताल की फार्मेसी के बाहर लगी लाइन में खड़े ही रह जाते थे.

रुपया पानी की तरह बहता चला जा रहा था. आलोक रोज अस्पताल तो आ जाता, पर पिता के दर्शन न हो पाते. बस इतना पता चलता कि उन की काफी देखभाल की जा रही है. हालत स्थिर बनी हुई है.

कोई 26-27 दिन के इलाज के बाद जब अगले दिन आलोक अस्पताल के वेटिंग लाउंज मे पहुंचा, तो उस का शरीर पसीने से नहा उठा, सांस घुटने सी लगी और औक्सीजन लेवल एकदम से गिर गया. पसलियों में उठने वाली असीम पीड़ा से कराहता हुआ वह धड़ाम से वहीं फर्श पर गिर गया. जब तक उसे उठा कर इमर्जेंसी वार्ड तक ले जाया जाता, उस के प्राण पखेरू उड़ चुके थे.

उसी समय वेटिंग लाउंज में लगे टीवी पर कल रात कोविड संक्रमण से मरने वालों के जो नाम लिए गए थे, उन में एक नाम मधुसूदन का भी था.

एक रात के इंतजार के बाद और लाशों के साथ मधुसूदन और आलोक की लाशों को भी प्लास्टिक में लपेट कर अस्पताल की खचाखच लाशों से भरी मोर्चरी में अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के क्रम में रख दिया गया.

पूरी रात और अगली दोपहर तक जब आलोक घर नहीं पहुंचा, तो कुमुद का मन कई सारी आशंकाओं से घिर कर बेचैन हो उठा. वह अंशिका से बोली, “बेटी, मुझे बहुत घबराहट हो रही है. तू मुझे अस्पताल ले चल.”

“अरे मम्मी, आप परेशान मत हो. हो सकता है कि पापा ठीक हो गए हों. भैया पापा को ले कर आते हों.”

कुमुद कुछ देर के लिए तो शांत हो गई, लेकिन फिर से उस का मन किसी अज्ञात आशंका से घबरा उठा. लौकडाउन की अवधि लगातार बढ़ती जा रही थी. परिस्थितियां सामान्य होतीं, तो वह मधुसूदन की देखरेख के लिए अस्पताल में ही होती.

2 साल पहले प्राइवेट अस्पताल में उन के हार्ट के आपरेशन के समय कुमुद किस तरह उन के पास ही रही थी. लेकिन इन दिनों कोविड संक्रमण और लौकडाउन के भय ने सब को बांध कर रख दिया था.

लोग अपने रिश्ते और कर्तव्य निभाने में भी असमर्थ थे. यहां तक कि अपनों की मौत के बाद लोग कंधा देने को तरस रहे थे.

सोचतेसोचते अचानक कुमुद को कुछ खयाल आया. उस ने अंशिका से कहा, “तू बनवारी अंकल को फोन लगा. वही कुछ पता लगा कर बता सकते हैं.”

अंशिका ने बनवारी को फोन लगा कर सारी स्थिति से अवगत कराया, तो उन्होंने कहा, “बेटी, मैं संक्रमित होने के डर से चूंकि घर से बाहर झांक तक नहीं रहा हूं, इसलिए अस्पताल जा तो सकता नहीं. हां, वहां की एक हेल्थ वर्कर मेरी परिचित है. मैं उस से पता कर के कुछ देर में तुम्हें फोन करता हूं. अपनी मां से कहो कि वह परेशान न हों.”

कुछ ही देर बाद उधर से बनवारी ने जो सूचना दी, तो कुमुद तो दहाड़े मारमार कर छाती पीटने लगी और अंशिका किंकर्तव्यविमूढ़ सी हो गई.

ये भी पढ़ें- क्यों, आखिर क्यों : मां की ममता सिर्फ बच्चे को देखती है

बनवारी ने उसी मोबाइल पर व्हाट्सएप मैसेज में वो फोटो भी फोरवर्ड कर दी थी, जिस में पौलीथिन में लिपटे, केवल चेहरा खुले मृतक मधुसूदन और आलोक के शव थे, जिन्हें देख कर कुमुद का रुदन और तेज हो गया. वह बाहरी दरवाजे की ओर पागलों सी चिल्लाती भागने को हुई. अंशिका ने पूरी ताकत लगा कर अपनी मां को दोनों बांहों में कस कर जकड़ लिया और बोली, “कहां जाना चाह रही हो मां? तुम अस्पताल पहुंच भी गईं तो कौन मिलेगा वहां? उन के दाह संस्कार के लिए हमें बौडी तो मिलने से रही… फिर उन दोनों की मौत कोरोना से हुई है. कहीं तुम्हें कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा?”

कुमुद के शरीर में थोड़ी शिथिलता आई, लेकिन रोना जारी था. अंशिका ने उन्हें वापस ला कर बिठाया. वह भी खूब चीखचीख कर रोना चाह रही थी, परंतु अपने को संभाले हुए कुमुद के सीने से लिपट उन के घायल दिल से निकलने वाले शब्द सुनते हुए सिसक रही थी.

“अरे, ये क्या हो गया… अब हमारा और इस बच्ची का क्या होगा… हायहाय, हम दोनों को भी कोरोना क्यों नहीं हो गया… अब हम किस के लिए और कैसे जिएंगे…”

“मम्मी, तुम्हें मेरे लिए जीना होगा और मुझे तुम्हारे लिए.”

वह रात मातम मनाते हुए, रोते हुए ही कटी. ऐसे में चीखपुकार और रोना सुन कर भी अड़ोसपड़ोस से कोई नहीं आया.

अगले दिन भोर के समय दोनों की आंख लगी. जब धूप चढ़ आई, कोई 10 बजे का समय रहा होगा. बाहरी दरवाजे पर किसी ने जोरों से दस्तक दी. अच्छा हुआ कि अंशिका की आंख पहले खुली. उस ने जा कर दरवाजा खोला. चेहरे पर मास्क लगाए 2 युवक थे.

अंशिका को देखते ही उन में से एक युवक बोला, “हम ‘जागृति सेवा संस्थान’ के कार्यकर्ता हैं. आज सवेरे ही बनवारीजी ने हमें आप के पिता और भाई की कोरोना से हुई मृत्यु का समाचार दिया था और सहायता करने को कहा था.”

तभी दूसरे युवक ने बताया, “अभी हम आप के पिता और भाई का दाह संस्कार करवा कर आ रहे हैं. इस तरह की सेवा के अलावा प्रभावित घरों तक भोजन और राशनपानी की व्यवस्था करना आदि ऐसे ही और संबंधित काम हमारी संस्था हम से करवाती है…

“हम आप के लिए थर्मस में गरम चाय और पैकेट में दोनों वक्त के हिसाब से खाना ले आए हैं,” कहते हुए उन में से एक युवक ने लाया हुआ सामान अंशिका की तरफ बढ़ा दिया और दूसरा संस्था का छपा हुआ विजिटिंग कार्ड और साथ में 2 मास्क उसे देते हुए बोला, “ये हमारा कार्ड है. इस में सारे फोन नंबर भी दिए हैं. रातबिरात कोई जरूरत हो, तो फोन कर दीजिएगा. हम नहीं तो हमारा कोई ना कोई सेवक उपस्थित हो जाएगा,” इतना कह कर वे दोनों युवक जिस कार से आए थे, उसी से वापस चले गए.

आगे पढ़ें- पूरे घर में उदास सा सन्नाटा पसरा था…

ये भी पढ़ें- मृगतृष्णा: क्या यकीन में बदल पाया मोहिनी का शक

The Kapil Sharma Show Promo: पहले ही दिन अक्षय लगाएंगे कपिल शर्मा की क्लास

कौमेडी किंग कपिल शर्मा बीते दिनों अपने शो के रिलौंच को लेकर सुर्खियों में थे, जिसके बाद से फैंस शो के प्रोमो का इंतजार करते नजर आए थे. इसी बीच कपिल शर्मा ने अपने शो का लेटेस्ट प्रोमो रिलीज कर दिया है, जिसमें बौलीवुड एक्टर अक्षय कुमार उनकी क्लास लेते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं शो का प्रोमो…

प्रोमो हुआ वायरल

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kapil Sharma (@kapilsharma)

बीते दिनों ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) को लेकर कपिल शर्मा ने सेट की कुछ फोटोज शेयर की थीं. वहीं फैंस को ये भी बताया था कि उनके पहले और दूसरे गेस्ट एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और अजय देवगन (Ajay Devgn) होने वाले हैं. इसी बीच शो के मेकर्स ने रिलीज डेट का का खुलासा करते हुए प्रोमो फैंस के साथ शेयर कर दिया है. प्रोमो की बात करें तो दोनों सितारे कमीडियन कपिल शर्मा की जहां खूब खिंचाई करते नजर आ रहे हैं. तो वहीं इसके चलते कपिल की बोलती बंद भी हो गई है. प्रोमो रिलीज होने के बाद 21 अगस्त से शुरू हो रहे कपिल शर्मा के शो का फैंस को बेसब्री से इंतजार हो रहा है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kapil Sharma (@kapilsharma)

ये भी पढ़ें- GHKKPM: विराट-सई के साथ चव्हाण हाइस पहुंचेगा सम्राट, पाखी को लगेगा झटका

इस बार ये होगा खास

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kapil Sharma (@kapilsharma)

कोरोना के चलते  ‘द कपिल शर्मा शो’ बंद हो गया था, जिसके बाद अब 21 अगस्त से दोबारा इस शो को लौंच किया जाएगा. वहीं इस बार कोरोना गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए कपिल के शो में लाइव ऑडियंस की भी एंट्री होगी. हालांकि एंट्री के लिए केवल दोनों वेक्सीन डोज लगाने वाले ही नजर आएंगे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kapil Sharma (@kapilsharma)

बता दें, बीते दिनों कपिल शर्मा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. वहीं सोशलमीडिया पर वह ट्रोलिंग का भी शिकार हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- कैप्टेन विक्रम बत्रा के रोल प्ले करने के बारे में क्या कहते हैं सिद्धार्थ मल्होत्रा, पढें- इंटरव्यू

GHKKPM: विराट-सई के साथ चव्हाण हाउस पहुंचेगा सम्राट, पाखी को लगेगा झटका

स्टार प्लस के सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में इन दिनों दर्शकों का दिल जीत रहा है. जहां विराट और सई एक-दूसरे के बीच दूरियां खत्म हो रही हैं तो वहीं सम्राट भी पाखी की जिंदगी में वापस लौट आया है. इसी बीच अपकमिंग एपिसोड में गुम हैं किसी के प्यार में की कहानी कई नए-मोड़ लेने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

सई के कहने पर सम्राट होता है तैयार

 

View this post on Instagram

 

A post shared by reems_ayeshu (@reems_sairat)

अब तक आपने देखा कि सई और विराट का सामना सम्राट से होता है, जिसके बाद वह सम्राट को वापस चव्हाण हाउस ले जाना चाहते हैं. लेकिन अपने अतीत से आगे बढ़ चुका सम्राट परिवार के पास वापस नहीं जाना चाहता. हालांकि सई किसी तरह सम्राट को मनाने में कामयाब हो जाती है.

पाखी को लगा झटका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि जहां पाखी, चव्हाण हाउस छोड़ने की तैयारी करेगी तो वहीं सम्राट चव्हाण हाउस लौट आएगा, जिसे देखकर पाखी को बड़ा धक्का लगेगा और वह इमोशनल हो जाएगी. हालांकि सम्राट आते ही पाखी से तलाक की मांग करेगा, जिससे सभी सुनकर पाखी समेत पूरा परिवार हैरान रह जाएगा. इसी के साथ ही सम्राट पाखी के साथ एक ही कमरे में भी रहने से मना कर देगा, जिसे सुनकर सभी के होश उड़ जाएंगे.

सम्राट को होगा सई से प्यार

 

View this post on Instagram

 

A post shared by SaiRat (@sairat_x_serial)

इसी बीच खबरे हैं कि अपकमिंग एपिसोड में सम्राट को सई से प्यार हो जाएगा, जिसके कारण पाखी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा. क्योंकि वह पहले सई के कारण विराट को खो चुकी है. वहीं दोबारा अपने पति सम्राट को भी खो देगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aishwarya Sharma (@aisharma812)

बता दें, हाल ही में सीरियल गुम है किसी के प्यार में के सितारे #baspankapyar पर ट्रैंडी वीडियो बनाते नजर आए थे, जिसे देखकर फैंस का मजेदार रिएक्शन देखने को मिल रहा है.

ये भी पढ़ें- बाल बाल बचीं ‘गुम है किसी के प्यार’ की ‘शिवानी बुआ’ यामिनी मल्होत्रा, जानें मामला

कैप्टेन विक्रम बत्रा के रोल प्ले करने के बारे में क्या कहते हैं सिद्धार्थ मल्होत्रा, पढें- इंटरव्यू

आउटसाइडर होते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाने में समर्थ होने वाले अभिनेता और मॉडल सिद्धार्थ मल्होत्रा दिल्ली के है. कई फिल्मों में काम करने के बावजूद उन्हें हर फिल्म की रिलीज पर आज भी एक टेस्ट देना पड़ता है और ये प्रेशर हमेशा इस कमतर हीरो यानि सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ रहता है. फिल्म चली, तो अगली फिल्म में काम आसानी से मिलती है, फिल्म नहीं चली, तो अगली फिल्म के लिए इन्जार करना पड़ता है, लेकिन सिद्धार्थ इसे एक सबक खुद को  सुधारने का मानते है. सिद्धार्थकी फिल्म ‘शेरशाह’ अमेजन प्राइम विडियो पर रिलीज हो चुकीहै, जिसमें उन्होंने कैप्टेन विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई है. उनके अभिनय को काफी तारीफे मिल रही है और वे बेहद खुश है. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर इस फिल्म को रिलीज कर उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है,जो सीमा पर लड़ते हुए शहीद हो जाते है और देश के नागरिकों को किसी भी विपत्ति से सुरक्षित रखते है. सिद्धार्थ,एक सैनिक के रूप में इस कठिन परिस्थिति का अनुभव किया है. उनसे बात हुई , पेश है खास अंश

सवाल-सेना की इस भूमिका के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी?

इससे पहले मैंने सेना की जो भूमिका निभाई है, उससे ये काफी अलग है. फिल्म अय्यारी में मैंने आर्मी में राजनीति को दर्शाया था, लेकिन ये फिल्म कैप्टेन विक्रम बत्रा पर बनी बायोपिक है. उन्होंने कारगिल युद्ध, वर्ष 1999 मेंबहादुरी से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे. वे एक बहुत ही बहादुर सैनिक थे. इसके अलावा वे एक अच्छे दिल इंसान भी थे, जो भी उनसे थोड़ी देर के लिए मिलता था, हमेशा उन्हें याद रखते थे. इसे करने के लिए मुझे इंडियन सोल्जर की तकनिकी पहलूओं को समझना पड़ा. ये एक कठिन भूमिका थी, क्योंकि वे अब दुनिया में नहीं है और मुझे उनकी भूमिका निभानी है, इसलिए उनके परिवार वाले आहत न हो, इसका ध्यानरखना पड़ा. मैं जब उनके परिवार और उनके जुड़वाँ भाई विशाल बत्रा से मिला, तो पाया कि उनके लिए ये कोई कमर्शियल कहानी नहीं है. ये उनके घर की कहानी है, जो एक बेटे, भाई और प्रेमी की है. इसलिए एक इमोशनल प्रेशर था और अच्छा लगा कि उनके परिवार वालों को भी ये फिल्म पसंद आई है.

ये भी पढ़ें- REVIEW: जानें कैसी है अजय देवगन की ‘भुजः द  प्राइड आफ इंडिया’

सवाल-आपने पहली बार बायोपिक में काम किया, इससे आपने क्या ग्रहण किया?

ये एक बहुत ही उम्दा चरित्र है और उसे करने का मौका मिला, मैं गर्वित हूँ,क्योंकि उन्होंने केवल 24 साल की उम्र में शहीद हुए थे. इसके अलावा ये फिल्म केवल कैप्टेन विक्रम बत्रा के लिए ही नहीं, उन सभी सैनिको के लिए भी श्रध्दांजलि है, जिन्होंने सरहद पर लड़ते-लड़ते शहीद हुए. सैनिकों के अंदर साहस, जज्बा और देश की मिट्टी के प्रति प्रेम को देखकर मुझे भी अपने देश के प्रति गर्व महसूस हुआ.

सवाल-इस फिल्म को करते हुए अनुभव क्या थे?कितना चैलेंजिंग था?

मुझे इसे करने के लिए काफी चीजे अडॉप्ट करनी पड़ी, क्योंकि मैं उनसे काफी अलग हूँ. मुझे याद आता है कि जब मैं 12-14 हज़ार फीट पर शूटिंग कर रहा था, जो एक चोटी पर थी, जहाँ पूरी बटालियन में से कोई भी मिशन के बाद आहत नहीं हुआ था. मैं बहुत हैरान था, क्योंकि इतनी ऊँची चोटी पर थका हुआ इन्सान अपने सीनियर को ‘दिल मांगे मोर’ कैसे कह सकता है. उस समय डर उनसे काफी दूर था. मैं कैप्टेन बत्रा की हर मोमेंट को शूट कर उनका फैन बन चुका हूँ. डर हमेशा किसी भी काम को करने से रोकता है, जबकि कैप्टेन विक्रम बत्रा ने डर से आगे बढ़कर एक अच्छी सीख सबको दी है.

पूरी टीम कारगिल में करीब 45 दिन तक रही, इस दौरान शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया. सारे लोग जो आर्मी की भूमिका निभा रहे थे, वे भी साथ में थे, साथ में जिम करते थे. अंत में जब मैंने कैप्टेन विक्रम बत्रा शहीद हो रहे थे, वह भूमिका बहुत चैलेंजिंग थी. कारगिल में शूट करना आसान नहीं होता, वहां हवा तेज होती है, ऑक्सीजन कम होता है. फिल्म में हमें रिटेक मिलता है, जबकि ऐसी लड़ाइयों में नहीं मिलता. मैं अबसे पूरा जीवन इंडियन आर्मी की फैन बन चुका हूँ.

सवाल-कैप्टेन विक्रम बत्रा की लव स्टोरी को पर्दे पर लाने में कितनी मेहनत लगी?

बहुत ही मुश्किल था, क्योंकि डिम्पल चीमा और विक्रम बत्रा की लव स्टोरी बहुत प्यारी थी. डिम्पल को लगता है कि उनके प्यार के भरोसे वह पूरी जिंदगी सिंगल बिता लेंगी. उन्होंने शादी नहीं की, वह पहलू बहुत ही प्यारा, इन्नोसेंट पार्ट विक्रम बत्रा की जिंदगी का है. जिसे दिखाना आसान नहीं था, क्योंकि ये आम फिल्मों की प्रेम कहानी नहीं है. डिंपल और विक्रम की प्रेम कहानी सबके लिए बहुत ही प्रेरणादायक और क्लासिक है.

सवाल-15 अगस्त को हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, क्योंकि उस दिन देश आजाद हुआ था, ऐसे में आपके लिए आज़ादी का क्या है और आप खुद को कितना आज़ाद मानते है?

मेरे लिए ये 15 अगस्त कुछ अधिक स्पेशल है, क्योंकि इस 15 अगस्त को पूरी दुनिया को कैप्टेन विक्रम बत्रा की कहानी और बलिदान को देखें, ऐसे वीरों के लिए देशवासियों का सम्मान बढे. आज़ादी जिसे हम सब इतनी बड़ी डेमोक्रेटिक देश में एन्जॉय कर रहे है, वह 74 सालों से ऐसे ही सैनिकों के द्वारा सुरक्षित हो पाया है. ये सही है कि इस आज़ाद देश में इतने सारे भिन्न-भिन्न समुदाय के बीच में हर कोई संतुष्ट नहीं रह सकता, कुछ न कुछ समस्याएं आती रहती है, लेकिन ये सही है किबाहरी देशों में आवाज उठाना संभव नहीं होता. मुझे गर्व इस बात से है कि इतने सालों बाद भी आर्म्ड फोर्सेज बहादुरी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे है. मेरा रेस्पेक्ट उनके लिए 100 गुना है. सभी देशवासियों के लिए मेरा सन्देश है कि वे इस बहुमूल्य आजादी को बचाएँ रखें और इसे खूब एन्जॉय करें.

Raksha Bandhan Special: माइक्रोवेब में इंस्टेंट बनाएं ये मिठाईयां

भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के आने का आगाज बस हो ही चुका है. भाई भाभी के आने पर घर विविध व्यंजनों से महक उठता है. बारिश के बाद पड़ने वाला यह पहला त्यौहार होता है इसलिए घर भी बहुत अधिक सफाई मांगता है. यूं  तो इस समय बाजार मिठाइयों से भरा रहता है परन्तु अपने हाथ से मिठाई बनाने की बात ही कुछ अलग होती है. आमतौर पर मिठाई बनाने में समय और मेहनत अधिक लगती है ये सोचकर हम बाजार से ही मिठाई ले आते हैं परन्तु आज हम आपको ऐसी मिठाई बनाना बता रहे हैं जिसे आप बहुत कम समय और कम मेहनत में आसानी से बना सकतीं हैं और जो स्वाद में भी बेमिसाल है. तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

-इंस्टेंट नारियल लड्डू

कितने लोंगों के लिए           8

बनने में लगने वाला समय  15 मिनट

मील टाइप                     वेज

सामग्री

मिल्कमेड              1 टिन अथवा डेढ़ कप

दही                       1/2 कप

मलाईदार दूध         1/2 कप

मिल्क पाउडर         1 कप

पिसी शकर              1/2 कप

नारियल बुरादा        1 कप

इलायची पाउडर       1/4 टीस्पून

सजाने के लिए बादाम  8

घी                           1/4 टीस्पून

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: फेस्टिवल पर बनाएं टेस्टी रसकदम

विधि

नारियल बुरादा, बादाम और इलायची पाउडर को छोड़कर समस्त सामग्री को एक साथ एक बाउल में डालें. इसे 5 मिनट माइक्रोवेब करें चलाकर फिर से 3 मिनट मिनट माइक्रोवेब करें. मिश्रण फटकर एकदम गाढ़ा हो जाएगा. माइक्रोवेब में से निकालें. थोड़ा ठंडा होने पर नारियल बुरादा, इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं. घी से हाथों को चिकना करके तैयार मिश्रण से मनचाहे आकार में लड्डू बनाएं. बादाम से गार्निश करके सर्व करें. एयरटाइट कंटेनर में रखकर फ्रिज में रखें.

-इंस्टेंट पनीर बर्फी

कितने लोगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय     15 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

किसा पनीर                  1 कप

किसा मावा                  1 कप

शकर                          3/4 कप

मिल्क पाउडर              1 कप

बारीक कटी मेवा            1/2 कप

इलायची पाउडर             1/4 टीस्पून

विधि

इलायची पाउडर और मेवा को छोड़कर सभी सामग्री को एक बाउल में डालकर अच्छी तरह चलाएं. अब इसे 3 मिनट माइक्रोवेब करके चलाएं. पुनः 3 मिनट माइक्रोवेब करें. अब इलायची पाउडर और कटी मेवा मिलाकर 1 मिनट माइक्रोवेब करके बाहर निकालें. चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. ऊपर से कटे पिस्ता डालकर हल्के हाथ से दबा दें ताकि पिस्ता चिपक जाए. ठंडा होने पर मनचाहे आकार में काटकर सर्व करें या फ्रिज में रखकर  आवश्यकतानुसार प्रयोग करें.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: झट से बनाएं चौको क्रीम बनाना सूशी

Raksha Bandhan Special: फेस्टिवल में ट्राय करें ये ट्रेंडी झुमके

ज्वैलरी महिलाओं की खूबसूरती निखारने का एक उम्दा जरिया है. दीवाली करीब है और इस त्यौहार में तो महिलाएं गहने खरीदती भी हैं और पहनती भी हैं. ऐसे में लेटैस्ट डिजाइन की जानकारी होना जरूरी है. आइए जानते हैं, कुछ ऐसे फैशनेबल और ट्रैंडी ज्वैलरी डिज़ाइन्स के बारे में जिन्हें पहनने के बाद आप बेहद खूबसूरत नजर आएंगी.

1. झुमकों का लेटेस्ट डिजाइन

महिलाओं व लड़कियां दोनोंहीईयरिंग्स बड़ी चव से पहनती है. कई बार शादी फंक्शन में महिलाएं ज्यादा ज्वैलरी पहनने के बजाय सिर्फ ईयरिंग्स पहनना पसंद करती हैं.ईयरिंग्स से न सिर्फ लुक पूरा होता है बल्कि चेहरे की खूबसूरती भी बढ़ जाती है. इस त्योहारी सीजन में आप भीईयरिंग्स खरीदने की सोच रही हैं तो इन ट्रैंडी डिज़ाइन्स पर जरूर नजर डाले.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: सिल्क की साड़ियों की इन खूबियों को जानकर हैरान रह जाएंगे

2. लेयर्स झुमका

आज कल 3 लेयर्स झुमका ट्रैंड में है. इसमें एक के बाद एक तीन झुमकियां आपस में जुड़ी हुई होती हैं, जो देखने में बहुत एट्रेक्टिव लगती है. सेलिब्रिटीज भी इस ब्यूटीफूल डिजाइन को बेहद पसंद कर रही है. पिछले दिनों शिल्पा शेट्टी ने भी एक रियेलिटी शो में थ्री लेयर झुमके पहने थे, जिसमें शिल्पा बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं. फेस्टिव सीजन के लिए थ्री लेयर ईयररिंग एक पर्फेक्ट ऑप्शन हैं और यह आपके ट्रेडिशनल लुक में चार चांद लगा देगा.फिर देर किस बात की 3 लेयर झुमके से बनाएं अपने लुक को खास.

3. झुमका विद कवरिंग ईयर

earings

झुमकों के फैशन में कई ऑप्शन देखने को मिल रहे है.आज कल ओवरसाइज़ झुमका फैशन में छाया हुआ हैजिसे न केवल ब्राइड्स बल्कि गर्ल्स पार्टीवियर के साथ फॉलो कर रही हैं. झुमके के साथ एक तो ट्रैडिशनल लुक मिलता है, दूसरा यह बोल्ड लुक भी देता है.इस झुमके में कई डिज़ाइन्स देखने को मिल जाएंगे.

4. बाली झुमका

बाली झुमके का डिजाइन बेहद खूबसूरती से डिजाइन किया गया होता है. यह 2 लेयर्स में जुड़ा होता है. ऊपर से गोल बाली की तरहऔर इस लेयर में झुमका अटेच होता है. इस झुमके को आप ट्रेडीशनल कपड़ो के साथ ही पहन सकती है.

ये भी पढ़ें- FESTIVAL 2019: खास दिन के लिए ट्राय करें 7 ये मेहंदी डिजाइन्स

5. मीनाकारी झुमका विद जेम स्टोन्स

मीनाकारी झुमका ज़्यादातर महिलाओं को पसंद आता है, क्योंकि यह होता ही इतना खूबसूरत है. इन झुमकोंका डिजाइन होता तो सिंपल है लेकिन इस पर किए गए मीना और स्टोन्स के वजह से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. इसकी सबसे खास बात यह है की आप इसे किसी भी ड्रेस के साथ मैच कर सकती हैं और किसी भी पार्टी में पहन सकती हैं.

Romantic Story In Hindi: दलदल- नित्या को मिला प्यार में धोखा

मात्र 24 साल की छोेटी सी उम्र में वह 2 बड़े हादसे झेल चुकी थी. पहली घटना उस के साथ 20 वर्ष की उम्र में घटी थी. तब वह बीकौम कर रही थी. उम्र के इस पड़ाव में युवाओं का किसी के प्यार में पड़ना आम बात होती है. आधुनिक शिक्षा व पाश्चात्य सभ्यता के अंधानुकरण और समाज की बेडि़यों में ढीलापन होने के कारण युवा आपस में बहुत जल्दी घुलमिल जाते हैं. उन के  संबंध जितनी तीव्रता से परवान चढ़ते हैं, उतनी ही तेजी से टूटते भी हैं. कच्ची उम्र की सोच भी कच्ची होती है और इस उम्र में युवाओं के लिए सही निर्णय लेना लगभग असभंव होता है.

मिलिंद उस का पहला प्यार था. वह भी उसी के कालेज में पढ़ता था और एक साल सीनियर था. पढ़ाई के दौरान होने वाला प्यार मात्र मौजमस्ती के लिए होता है. यह सारे युवा जानते हैं. एकदूसरे को भरोसे में लेने के लिए वे बड़ेबड़े वादे करते हैं, लेकिन जब उन के बीच शारीरिक संबंध कायम हो जाते हैं, तो उस के बाद सारे वादे धरे के धरे रह जाते हैं. तब प्यार के बंधन ढीले पड़ने लगते हैं. फिर प्यार में कटुता पनपती है, दूरियां बढ़ती हैं और कई बार इस की परिणति बहुत दुखद होती है.

मिलिंद के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद उसे पता चला कि वह एक बदमाश किस्म का युवक है. छोटीमोटी लूटपाट, मारपीट ही नहीं, वह युवतियों के साथ जोरजबरदस्ती भी करता था. जो युवती उस के झांसे में नहीं आती, उसे वह अपने मित्रों के माध्यम से अगवा कर उस की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करता. कालेज में वह बहुत बदनाम था, लेकिन किसी युवती ने अभी तक उस पर कोईर् दोष नहीं मढ़ा था, इसीलिए उस की हिम्मत दिनोदिन बढ़ती जा रही थी.

नित्या के लिए यह स्थिति बहुत कष्टकारी थी. न तो वह किसी को अपनी मनोस्थिति बता सकती थी और न ही किसी से सलाह ले सकती थी. मिलिंद के चंगुल से निकल भागने का कोई उपाय उसे नहीं सूझ रहा था.

लेकिन परिस्थितियों ने उस का साथ दिया. चूंकि मिलिंद नित नई युवतियों पर फिदा होने वाला युवक था, नित्या से उस ने खुद ही दूरियां बनानी शुरू कर दीं. वह मन ही मन बड़ी खुश हुई. धीरेधीरे एक साल बीत गया और नित्या ने बीकौम भी कर लिया.

अगले साल उस ने मांबाप को मना कर दूसरे शहर में एमबीए जौइन कर लिया. होस्टल में जगह न मिलने के कारण पेइंगगैस्ट के रूप में एक कमरा किराए पर ले कर रहने लगी. पैसा बचाने के लिए उस ने अपना रूम एक दूसरी युवती के साथ शेयर कर लिया. सुरक्षा की दृष्टि से भी यह जरूरी था.

नए शहर में आ कर नित्या ने ठान लिया था कि वह किसी लफड़े में नहीं पड़ेगी. बस, अपनी पढ़ाई पर ध्यान देगी. लेकिन जहां खुला माहौल हो, भंवरे और तितलियां एक ही बाग में स्वछंद घूमफिर रहे हों, प्रकृति का रोमांच उन के दिलों को गुदगुदा रहा हो, तो वसंत के फूलों की सुगंध से वे कैसे बच सकते हैं और मधुमास के अभिसार से अछूते कैसे रह सकते हैं. पेड़पौधों और फूलपत्तों पर जब वसंत का निखार आता है, तो जवां दिल एक हुए बिना नहीं रह सकते.

ये भी पढ़ें- Social Story In Hindi: चोट- आखिर कब तक सहन करती वह जुल्म?

वह बहुत सोचसमझ कर जीवन के अगले चरण में अपने कदम रख रही थी. उस की रूममेट शिखा बहुत बातूनी और चंचल थी. वह हर वक्त प्यारमुहब्बत की बातें करती रहती थी. नित्या उस की बातें सुन हलके से मुसकरा भर देती या उसे झिड़क देती, ‘‘अब बस कर, कुछ पढ़ाई की तरफ भी ध्यान दे ले.’’

‘‘पढ़ाई कर के क्या मिलेगा? अंत में शादी ही तो करनी है. अभी जवानी है, प्यार का मौसम है, तो क्यों न उस का भरपूर मजा लिया जाए?’’ वह अंगड़ाई ले कर कहती.

नित्या बस, मुसकरा कर रह जाती. प्यार के खेल की वह पुरानी खिलाड़ी थी, लेकिन उस ने शिखा को अपने पहले प्यार के बारे में कुछ नहीं बताया था. वह उन

कड़वी यादों को अपने दिल से निकाल देना चाहती थी.

यों ही हंसीमजाक में दिन गुजरते रहे. एक दिन शिखा ने पूछ ही लिया, ‘‘नित्या, सचसच बता, क्या तेरे मन में प्यार की भावना नहीं उमड़ती या तेरे साथ कोई हादसा हुआ है, जो तू प्यार के नाम से बिदकती है?’’

नित्या चौंक गई, क्या शिखा को उस के बारे में कुछ पता चल गया है या वह केवल कयास लगा रही है. उस ने कहा, ‘‘तू क्या समझती है, सारी युवतियां एकजैसी होती हैं? मेरा एक लक्ष्य है. मुझे पढ़ाईर् कर के मांबाप के सपनों को पूरा करना है.’’

‘‘बस कर, तू मुझे क्यों बना रही है? प्यार के मामले में सारी युवतियां एकजैसी होती हैं. जवान होने से पहले ही चारा खाने के लिए उतावली रहती हैं. मुझे तो लगता है, तूने चारा खा लिया है. अब बन रही है.’’

‘‘मैं ने क्या किया है या क्या करूंगी, यह तू मेरे ऊपर छोड़ दे. तू अपनी सोच,’’ नित्या ने बात को टालने का प्रयास किया.

शिखा लापरवाही से बोली, ‘‘मुझे अपने बारे में क्या सोचना? मैं ने तो अपना बौयफ्रैंड बना भी लिया है. तू अपनी फिक्र कर…’’ उस के चहरे से खुशी टपक रही थी, हृदय उछल रहा था. सपनों के उड़नखटोले में बैठ कर वह किसी और ही दुनिया में विचरण कर रही थी.

नित्या को उस के बौयफ्रैंड के बारे में जानने की कोई उत्सुकता नहीं थी, लेकिन एक कसक सी उस के मन में उठी. प्यार में ठोकर न खाई होती तो उस का भी कोई बौयफ्रैंड होता. उसे शिखा से जलन हुई. परंतु फिर उस ने अपना मन कड़ा किया. क्या फिर से आग में कूदने का इरादा है. शिखा को जो करना है, करे. वह अपने पथ पर अडिग रहेगी. पुरानी चोट क्या इतनी जल्दी भूल जाएगी?

लेकिन एक जवान युवती, जब घर से दूर अकेली रहती है, तो उस की भावनाएं बेलगाम हो जाती हैं. वह केवल अपने लक्ष्य पर ही ध्यान केंद्रित नहीं रख पाती. दूसरी चीजें भी उसे प्रलोभित करती हैं. कोई भी युवा अपने मन को चंचल होने से नहीं रोक सकता. नित्या भी अपने हृदय की भावनाओं और मन की चंचलता को दबाने का प्रयास करती, लेकिन शिखा की बातें सुनसुन कर वह मन से कमजोर पड़ने लगी थी. जब भी शिखा उस से अपने अफेयर और बौयफ्रैंड के बारे में बात करती तो उस के हृदय में कांटे से गड़ने लगते. सोचती, इतनी सुंदर दुनिया में वह अकेले ही चलने के लिए क्यों मजबूर है? यह उम्र क्या तनहाइयों में आहें भरने के लिए होती है?

कालेज में हर दूसरी युवती अपने बौयफ्रैंड के साथ नजर आती. एक बस वही अकेली थी. कितना खराब लगता था उसे. उस की फ्रैंड्स उसे चिढ़ातीं, ‘‘यह देखो, ठूंठ, इस पर जवानी का फूल अभी तक नहीं खिला है.’’

धीरेधीरे उस का मन विचलित होने लगा. पुरानी कड़वी यादें समय की परतों के नीचे दब सी गईं. नई भावनाओं ने जल की लहरों की तरह उस के हृदय में उछाल लेना शुरू कर दिया, जैसे कोई नया तूफान आने वाला था. नए तूफान को रोकने का उस ने प्रयास नहीं किया, वह कमजोर हो गई थी. प्यार के मामले में हर युवती बहुत कमजोर होती है. प्यार के नाम पर कोई भी युवक उसे किसी भी तरफ झुका सकता है. नित्या दूसरी बार झुकने के लिए अपने मन को तैयार कर रही थी.

सहेलियों के बीच वह एक ठूंठ सिद्ध हो चुकी थी. उस ने तय कर लिया, अब वह फूल की तरह कोमल बन कर दिखाएगी. उस ने अपने दिमाग को इधरउधर दौड़ाया. कई युवकों के चेहरे उस के मस्तिष्कपटल पर दौड़ने लगे, लेकिन उस ने तय किया कि वह किसी क्लासमेट या कालेज के किसी युवक से दोस्ती नहीं करेगी. मिलिंद भी उस के कालेज का लड़का था, वह कितना छिछोरा और बदमाश निकला. इस बार वह किसी नौकरीशुदा व्यक्ति से दोस्ती करेगी.

उस ने अपना मन अपने मकान में रहने वाले किराएदारों की तरफ केंद्रित किया. जिस मकान में वह रहती थी, उस में कई किराएदार थे. ज्यादातर कालेज की युवतियां थीं, कुछ आईटी प्रोफैशनल भी थे. कुछ अन्य नौकरी करने वाले थे. राहुल नित्या के कमरे के बिलकुल सामने रहता था. वह जब भी सामने पड़ता, उसे देख कर मुसकरा देता. पहले वह तटस्थ रहती थी, लेकिन जब उस के मन की भावनाओं ने पंख फैलाने शुरू किए, तो उस के होंठों पर भी मुसकान की मीठी झलक दिखाई देने लगी. युवकयुवती के बीच एक बार मुसकान का आदानप्रदान हो जाए, तो दूरियां कम होने में वक्त नहीं लगता.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: चमत्कार- क्या बड़ा भाई रतन करवा पाया मोहिनी की शादी?

राहुल से रिश्ता बनाते समय उसे तनिक भी खयाल नहीं आया कि वह एक बार प्यार में धोखा खा चुकी है. इस बार ठोंकबजा कर राहुल को परख ले, जब प्यार की चिनगारी हृदय को जलाने लगती है, तो सारी सावधानी और समझदारी धरी की धरी रह जाती है.

बात बढ़ी, तो बढ़ती ही चली गई. दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते थे, इसलिए उन के मिलने में कोई व्यवधान भी नहीं था. स्वच्छंद रूप से दिनरात जब भी मन करता, वे मिल लेते. उन के बीच की सारी दूरियां बिना किसी देरी के समाप्त हो गईं.

शिखा को उस के अफेयर के बारे में पता चलते देर न लगी. पूछा, ‘‘नित्या, तू तो बड़ी तेज निकली. इतनी जल्दी बौयफ्रैंड बना लिया. कल तक तो प्रेम के नाम पर नाकभौं सिकोड़ती थी.’’

नित्या ने सिर झटकते हुए कहा, ‘‘क्यों, क्या मैं प्यार नहीं कर सकती? आखिर सामान्य युवती हूं. मन में भावनाएं हैं, इच्छाएं हैं और हृदय में कामनाएं मचलती हैं. जब तक मन का दरवाजा नहीं खुलता, बाहर की हवा की सुगंध मनमस्तिष्क में नहीं घुसती, तब तक कामदेव के बाण किसी को घायल नहीं करते. मैं ने भी तुझ से सीख ले कर मन की आंखें खोल दीं, हृदयपटल को खोल कर ‘उसे’ प्रवेश करने की अनुमति दे दी. फिर तो तुम जानती ही हो, प्रेम की चिनगारी भड़कने में देर नहीं लगती.’’

‘‘पर तुम ने राहुल को क्यों पसंद किया. तुम्हारे क्सासमेट भी तो हैं?’’

‘‘तुम नहीं समझोगी. साथ में पढ़ने वाले युवकों में गंभीरता नहीं होती. उन का भविष्य अनिश्चित सा रहता है. पूरी तरह

से वे मांबाप पर निर्भर रहते हैं. राहुल नौकरीशुदा है. वह मेरा खर्च उठा सकता है.’’

‘‘क्या करता है वह?’’

‘‘शायद किसी आईटी कंपनी में ऐग्जिक्यूटिव है. मैं ने पूछा नहीं है.’’

‘‘नौकरी वाला बौयफ्रैंड पसंद किया है, तो क्या तुम उस से शादी करने की सोच रही हो?’’

‘‘क्या हर्ज है, अगर वह तैयार हो जाए,’’ नित्या ने लापरवाही से कहा.

‘‘तुम ने बात की है?’’

‘‘कर लूंगी, अभीअभी तो प्यार हुआ है. कुछ दिन एंजौय करने दो.’’

शिखा  गंभीर हो गई, ‘‘नित्या, एक बात अच्छी तरह समझ लो, प्यार अगर मौजमस्ती के लिए है, तो इस में सबकुछ जायज है, पर अगर शादी कर के घर बसाने के उद्देश्य से तुम राहुल से प्यार कर रही हो, तो संभल कर रहना. पहले शादी कर लो, फिर अपना तन उस को समर्पित करना. आजकल शादी के नाम पर युवक बहलाफुसला कर युवतियों का सालों शोषण करते हैं और जब उन का मन भर जाता है, तो युवती को ठोकर मार कर भगा देते हैं. युवतियां भावुक होती हैं. वे बहुत जल्दी युवकों की बातों पर विश्वास कर लेती हैं और बाद में पछताती हैं. तुम राहुल से साफसाफ बात कर लो कि वह क्या चाहता है और तुम भी अपने दिल की बात उस के सामने रख दो कि तुम उस से शादी करना चाहती हो, वरना बाद में पछताओगी.’’

नित्या के मन में बात खटक गई. शिखा सच कह रही थी. प्यार कोई खेल तो है नहीं, जो केवल मनोरंजन के लिए खेला जाए. ऐसा प्यार वासना का खेल बन जाता है. उस ने खुद को धिक्कारा…. उसे क्या कभी अक्ल नहीं आएगी. एक बार लुट चुकी है और दूसरी बार लुटने को तैयार है. जीवनभर क्या वह प्यार के नाम पर अलगअलग युवकों के हाथों अपने शरीर को नुचवाती रहेगी, अपनी अस्मिता तारतार करवाती रहेगी?

उसे अफसोस होने लगा कि प्यार में वह इतनी जल्दबाजी क्यों करती है, दो दिन की बातचीत और मीठीमीठी बातों में आ कर उस ने खुद को राहुल के चरणों  में समर्पित कर दिया.

अगली मुलाकात में उस ने राहुल से पूछ लिया, ‘‘राहुल, तुम ने अपने बारे में कभी कुछ नहीं बताया, जबकि मैं अपने बारे में तुम्हें सबकुछ बता चुकी हूं.’’

‘‘क्या जानना चाहती हो मेरे बारे में?’’ उस ने संशय से पूछा.

‘‘मैं तुम्हारे नाम के सिवा क्या जानती हूं.’’

‘‘क्या तुम्हारे लिए इतना जानना पर्याप्त नहीं है कि मैं तुम्हारा प्रेमी हूं?’’

‘‘प्यार की अंतिम परिणति शादी होती है, इसलिए एकदूसरे के घरपरिवार के बारे में जानना भी जरूरी है,’’ नित्या ने अपने मन की बात कही.

राहुल ने टालने के भाव से कहा, ‘‘तुम कहां बेमतलब की बातों में पड़ी हो. दुनियादारी के लिए सारी उम्र पड़ी है. अभी प्यार का मौसम है, जी भर कर प्यार कर लो और उस की सुगंध अपने तनबदन में भर लो. प्यार की खुशबू से जब तनमन नहाने लगता है, तो बाकी चीजें गौण हो जाती हैं. अभी तुम केवल मेरे बारे में सोचो और मैं तुम्हारे बारे में… बस,’’ उस ने नित्या को बांहों में समेटने की कोशिश की.

नित्या ने प्यार से उसे अलग करते हुए कहा, ‘‘तुम अपनी मीठीमीठी बातों से  टालने की कोशिश मत करो. मेरे लिए यह जानना काफी अहम है कि मैं ने जिस व्यक्ति से प्यार किया, वह जीवन में कितनी दूर तक मेरा साथ देगा. पुरुष और स्त्री को बांधने का सूत्र प्रेम होता है और जब वह सूत्र शादी के बंधन में बंध जाता है तो यह अटूट हो जाता है.’’

‘‘क्या दकियानूसी बातें कर रही हो. जब हम स्वेच्छा से एकदूसरे के साथ रह रहे हैं, तो बीच में शादी कहां से आ गई?’’

‘‘राहुल, तुम बात को समझने का प्रयास करो. अब हम बच्चे या किशोर नहीं हैं, पूरी तरह से बालिग हैं. लिवइन रिलेशनशिप केवल वासना की पूर्ति का एक आधुनिक बहाना है, वरना समाज में इस तरह के कृत्य अवैध रूप से पहले भी चलते थे और आज भी चल रहे हैं. लेकिन परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के साथ अगर पतिपत्नी का रिश्ता निभाया जाए, तो सभी सुखी रहते हैं.’’

नित्या ने सोचसमझ कर बहुत गंभीर बात कही थी. उस में अब परिपक्वता झलक रही थी, क्यों न हो आखिर? ठोकर खाने के बाद तो मूर्ख भी अक्लमंद हो जाते हैं. इस के बाद भी अगर नित्या को अक्ल न आती, तो कब आती?

ये भी पढ़ें- Social Story In Hindi: कसूर किस का था

राहुल चिंतित हो गया, फिर बोला, ‘‘यार, तुम ने भी अच्छाखासा रोमांटिक मूड खराब कर दिया. मैं बाद में इस मुद्दे पर बात करूंगा,’’ फिर वह अपने औफिस चला गया.

नित्या को उस की यह बेरुखी अच्छी नहीं लगी. वह समझ गई थी कि राहुल उस के साथ केवल शारीरिक संबंध बनाने तक ही रिश्ता कायम रखना चाहता है. इस के अलावा वह किसी और जिम्मेदारी के प्रति गंभीर नहीं है, पर बिना किसी जिम्मेदारी के यह रिश्ता भी कोई रिश्ता है. क्या यह एक प्रकार की वेश्यावृत्ति नहीं है? बिना प्रतिबद्धता और सामाजिक बंधन के युवती एक युवक के साथ रहे या दो के साथ, क्या फर्क पड़ता है? इस में पारिवारिक और सामाजिक प्रतिष्ठा कहां है. युवती को तो अपनी अस्मिता लुटा कर ही यह सब करना पड़ता है. बदले में उसे क्या मिलता है? युवक के चंद मीठे बोल, कुछ उपहार लेकिन सामाजिक सुरक्षा इस में कहां है? उसे लांछनों के साथ समाज में जीवित रहना पड़ता है.

 नित्या का मन खट्टा हो गया, लेकिन उस ने राहुल से दूरी बनाने का कोई प्रयास नहीं किया. उस से फायदा भी क्या होता. उच्छृंखल प्यार आज के युवाओं की नियति है.

‘‘तुम्हारा अफेयर कैसा चल रहा है?’’ एक दिन शिखा ने नित्या से पूछ लिया.

‘‘ठीक जैसा कुछ भी नहीं है,’’ उस ने उदासीनता से कहा. फिर पूछा, ‘‘एक बात बताओ शिखा, प्यार के मामले में क्या युवक अपने बारे में सबकुछ सहीसही नहीं बताते?’’

शिखा ने कुछ सोचने के बाद जवाब दिया, ‘‘हां, मुझे भी ऐसा लगता है. ज्यादातर मामलों में हम इन के नाम के सिवा और कुछ नहीं जानते. युवतियों को इंप्रैस करने के लिए ये बड़ीबड़ी बातें करते हैं. अपने घरपरिवार और बाप की आमदनी के बारे में बहुत ऊंचीऊंची हांकते हैं. अपनी हैसियत से बढ़ कर खर्च करते हैं, पर जब युवती चंगुल में फंस जाती है, तो धीरेधीरे इन की पोलपट्टी खुलने लगती है. ऐसे संबंधों में बहुत जल्दी खटास घुल जाती है, लेकिन तुम ये यह क्यों पूछ रही हो. क्या राहुल से कोईर् अनबन हुई है? ’’

‘‘नहीं, अनबन तो नहीं हुई है, परंतु मैं ने जब उस के व्यक्तिगत जीवन और परिवार के बारे में पूछा तो वह टाल गया.’’

‘‘तुम मूर्ख हो, इस उम्र के प्यार में कोई गंभीरता नहीं होती. युवक अच्छी तरह जानते हैं कि ऐसा प्यार क्षणिक मौजमस्ती के अलावा और कुछ नहीं होता. बाद में उन्हें अपने कैरियर पर ध्यान देना होता है और मांबाप की पसंद से शादी करनी पड़ती है. इसलिए कालेज में पढ़ाई के दौरान कोई भी युवक प्यार के प्रति गंभीर नहीं होता. 1-2 फीसदी को छोड़ दें, तो शेष युवक उसे शादी के अंजाम तक नहीं ले जाना चाहते. ये तो केवल युवतियां हैं, जो इस प्यार को बहुत गंभीरता से लेती हैं. तभी तो उन का संबंध थाना, कचहरी में जा कर समाप्त होता है.’’

‘‘क्या तुम भी अपने बौयफ्रैंड के बारे में कुछ नहीं जानती?’’ उस ने पूछा.

‘‘क्या जरूरत है डार्लिंग, उस की मरजी है, बताए चाहे न बताए. हम क्यों इन बेकार की बातों में अपना समय बरबाद करें. कुछ दिनों तक का साथ हैं, फिर वह अपने रास्ते, मैं अपने घर. मैं कौन सा उस के साथ शादी करने वाली हूं. कालेज के बाद कौन कहां जाता है, किस को पता? मैं तो इस बात की पक्षधर हूं, जवानी में प्यार चाहे किसी से कर लो, लेकिन शादी मांबाप की पसंद से करो, तभी सुखचैन मिलता है.’’

‘‘तो तुम प्यार में सीरियस नहीं हो?’’

‘‘प्यार में सीरियस हूं, पर शादी के लिए नहीं. हम दोनों ही यह बात अच्छी तरह जानते हैं. एक बात तुम भी जान लो नित्या कोई भी युवक लंबे समय तक किसी लड़की को प्यार के बंधन में बांध कर नहीं रख सकता. कुछ समय बाद दोनों एकदूसरे से ऊबने लगते हैं, फिर उन के बीच मनमुटाव और लड़ाईझगड़ा आरंभ होता है. ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि उन का प्रेमसंबंध लंबे समय तक चल नहीं पाता.

‘‘विवाह ही एक ऐसा सामाजिक बंधन है, जो जीवनभर 2 व्यक्तियों को आपस में बांध कर रखता है. शादी के बाद बच्चे पतिपत्नी को जोड़ कर रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसीलिए शादी हर पुरुष और महिला के सुखमय जीवन के लिए बहुत आवश्यक है.’’

नित्या सोच में पड़ गई. भावुकता में आ कर उस ने दूसरी बार प्यार कर लिया था. पहले प्यार के दुष्परिणाम से उस ने कोई सबक नहीं सीखा. अब राहुल से प्यार कर के वह क्या प्राप्त करना चाहती थी. क्या यह प्रेम भी शारीरिक मिलन तक ही सीमित रहेगा? नहीं, इस प्यार को वह खिलवाड़ नहीं बनने देगी. इसे शादी के अंजाम तक ले कर जाएगी.

उस ने शिखा से कहा, ‘‘यार, मैं अपने प्यार को शादी के अंजाम तक पहुंचाना चाहती हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता, राहुल इस बारे में सीरियस है. बताओ, मैं क्या करूं?’’

‘‘तब तो तुम उस से दूरी बना कर रखो. अभी तक जो किया उसे भूल जाओ. अब जब भी उस से मिलो, उसे केवल बातों में उलझा कर रखो. वह संबंध बनाने की बात करे तो साफ मना कर दो कि अब यह सब शादी के बाद ही होगा. तुम अपने मन को दृढ़ बना कर रखोगी, तो वह तुम से जबरदस्ती नहीं कर सकेगा. देखना, कुछ दिनों में ही उस के मन की बात सामने आ जाएगी. अगर वह तुम से वास्तव में प्यार करता होगा और घर बसाने के लिए जरा भी गंभीर होगा, तो तुम से संबंध बना कर रखेगा वरना खुद ही दूरी बना कर रास्ते से हट जाएगा.’’

अगली बार जब राहुल ने उस के साथ संबंध बनाने का प्रयास किया, तो उस ने कड़े शब्दों में मना कर दिया, ‘‘नहीं राहुल, रोजरोज यह ठीक नहीं है.’’

‘‘क्यों, पहले तो हम रोज यह करते थे?’’ राहुल ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘पहले नादानी थी, भावुकता थी और प्यार भी नयानया था, लेकिन अब हमें भविष्य के बारे में भी सोचना है. हम एकदूसरे को अगर वास्तव में प्यार करते हैं, तो शारीरिक मिलन कोई आवश्यक नहीं है. हम शादी होने तक इसे स्थगित रख सकते हैं.’’

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: समय चक्र- अकेलेपन की पीड़ा क्यों झेल रहे थे बिल्लू भैया?

‘‘शादी, यह विचार तुम्हारे मन में कहां से आ गया?’’ राहुल तिलमिला उठा.

‘‘क्यों, प्यार की परिणति क्या शादी नहीं होती. प्यार क्या केवल वासना का खेलभर है?’’

‘‘नहीं, मेरा मतलब, तुम अभी पढ़ रही हो. मेरा कैरियर अभी शुरू हुआ है.’’

‘‘इस से क्या… मैं पढ़ते हुए प्यार के खेल में शारीरिक संबंध बना सकती हूं, तुम कैरियर की शुरूआत में मुझे पत्नी की तरह भोग सकते हो, तो हम शादी क्यों नहीं कर सकते.’’

‘‘मेरा मतलब है, तुम्हारा एमबीए का यह पहला साल है. मुझे आर्थिक रूप से जमने में 2-4 साल लग ही जाएंगे. इस के बाद ही हम शादी के बारे में सोच सकते हैं. तब तक हम अपनी भावनाओं और शारीरिक आवश्यकताओं को दबा कर कैसे रह सकते हैं?’’

‘‘जिस तरह अविवाहित युवकयुवतियां संयमित हो कर रहते हैं. क्या हम में इतना संयम नहीं है,’’ नित्या ने कहा तो राहुल तिलमिला कर रह गया.

इस के बाद लगभग रोज ही संबंध बनाने के लिए उन के बीच तकरार होती. मुसीबत यह थी कि दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते थे. राहुल का जब मन करता, उसे अपने कमरे में बुला लेता.

नित्या के मना करने से राहुल आक्रामक होने लगा. कई बार तो वह जबरदस्ती नित्या को नोचनेखसोटने लगता. एकदो बार तो उस ने उस के कपड़े तक फाड़ दिए. नित्या किसी तरह अपने शरीर में खरोंचो के निशान ले कर बचतीबचाती बाहर निकलती. फिर कई दिनों तक उन के बीच बातचीत नहीं होती. राहुल की तरफ से मोबाइल पर धमकीभरे मैसेज आते कि वह नित्या के अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा.

यह धमकी मिलने के बाद नित्या चिंता में पड़ गई. उस ने शिखा से सलाह ली. शिखा ने पूछा, ‘‘क्या उस ने तुम्हारा कोई अश्लील वीडियो बनाया है?’’

‘‘कह नहीं सकती. मेरी जानकारी में तो नहीं, परंतु आजकल मोबाइल फोन का जमाना है. कहीं भी छिपा कर वीडियो बनाए जा सकते हैं.’’

‘‘मेरा सोचना सही था, राहुल बदमाश किस्म का युवक है. उस की मनशा पूरी नहीं हो रही है, तो वह तुम्हें बदनाम करने की धमकी दे रहा है. वह कोईर् ऐसा प्रयास करे, उस के पहले ही हमें उस के पंख कुतर कर फेंकने होंगे.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘वैसे तो अगर उस ने तुम्हारा कोई गलत वीडियो इंटरनैट पर अपलोड किया तो हम कानून का सहारा ले सकते हैं, पर यह एक लंबी प्रक्रिया है और इस में बदनामी भी हो सकती है. लेकिन तुम चिंता मत करो, मैं कुछ करती हूं,’’ उस ने नित्या को आश्वासन दिया. शिखा उस समय उस को बड़ी बहन जैसी लगी.

शिखा ने अपने बौयफ्रैंड को नित्या की समस्या के बारे में बताया, तो उस ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिल कर शर्लाक होम्स टाइप की जासूसी की और राहुल के बारे में जो सूत्र एकत्र किए, वह नित्या के होश उड़ाने के लिए काफी थे.

राहुल किसी आईटी कंपनी में काम नहीं करता था. वह एक कूरियर कंपनी में डिलीवरी बौय था और मात्र 10वीं पढ़ा था. वे देखने में ठीकठाक और बातें बनाने में माहिर था, इसलिए वह अपने बारे में ढेर सारी अच्छी बातें बता कर युवतियों को इंप्रैस करता था. उस की आमदनी बहुत कम थी, जो एक व्यक्ति के गुजारे के लिए भी पूरी न पड़े.

नित्या को अब समझ में आ गया था कि राहुल क्यों एक छोटे से कमरे में रहता था. आईटी कंपनी में काम करता होता, तो किसी बड़े फ्लैट में रहता. पता नहीं  युवतियों को ये बातें प्यार करते समय क्यों ध्यान में नहीं आतीं.

ये भी पढ़ें- Social Story In Hindi: मैं थी, मैं हूं, मैं रहूंगी- विधवा रितुल की कैसे बदली जिंदगी

अब क्या? नित्या के समक्ष एक बहुत बड़ा प्रश्न आ खड़ा हो गया था. उस ने शिखा और उस के मित्रों के साथ बैठ कर इस पर चर्चा की. नित्या का दिल ही नहीं टूटा था, उस का आत्मसम्मान भी बिखर गया था. उस की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि क्या करे? राहुल के प्रति उस के मन में घृणा का लावा उबल रहा था. वह उस का मुंह भी नहीं देखना चाहती थी.

शिखा ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘नित्या, तुम चिंता न करो. हम सब तुम्हारे साथ हैं.’’

‘‘शिखा, मुझे डर लग रहा है. उस ने अगर मेरा कोई अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिया तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी. मांबाप को कैसे मुंह दिखाऊंगी. बात अगर थानापुलिस तक पहुंच गई, तब तो और भी मुश्किल में पड़ जाऊंगी. सिवा मरने के मेरे पास और कोई चारा नहीं रहेगा.’’

‘‘इतना हताश होने की जरूरत नहीं है,’’ शिखा के दोस्त अभिनव ने कहा. उसी ने राहुल के बारे में व्यक्तिगत जानकारी जुटाई थी, ‘‘वह कुछ करे, उस से पहले ही हम लोग कुछ करते हैं.’’

‘‘क्या पुलिस में रिपोर्ट लिखाओ?’’ नित्या ने सहमते हुए पूछा.

‘‘नहीं, हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे.’’

इस के बावजूद नित्या का मन अशांत था. शिखा के समझाने के बावजूद वह अपने मन को स्थिर नहीं रख पा रही थी. सोचसोच कर वह पागल हो गई थी. राहुल का उसे उतना डर नहीं था, जितना बदनामी का. यह स्थिति बहुत दुखद होती है. मनुष्य गलत काम करते समय नहीं डरता, परंतु बदनामी से बहुत डरता है.

इस हताशा भरी स्थिति में भी वह राहुल से हंसहंस कर मिलती थी, ताकि वह उस को बदनाम करने के लिए कोई गलत कदम न उठा ले, लेकिन उस के साथ बाहर नहीं जाती थी. राहुल बहुत जिद करता था, वह पढ़ाई का बहाना बना कर टाल जाती थी. केवल उस के कमरे में जाती और दोचार बातें कर के तुरंत लौट आती. राहुल को वह कोई मौका नहीं देना चाहती थी कि उस के साथ जोरजबरदस्ती करे. जितना हो चुका था, उतना ही उस की आंखें खोलने के लिए काफी था. अब वह और दलदल में नहीं धंसना चाहती थी.

एक दिन राहुल ने उसे पकड़ कर कहा, ‘‘आखिर, तुम्हारे साथ दिक्कत क्या है? बहाने बनाबना कर मुझ से दूर क्यों चली जाती हो? एक दिन था, जब मेरी बांहों से निकलने का तुम्हारा मन नहीं करता था और अब छूते ही जैसे तुम्हें करंट लग जाता है.’’

राहुल ऐसे कह रहा था, जैसे वह उस की बीवी हो. नित्या को भी गुस्सा आ गया. उस ने तीक्ष्ण दृष्टि से राहुल की आंखों में देखा और तड़पती आवाज में कहा, ‘‘यह तुम अपने दिल से पूछो. मैं क्यों तुम से दूर जाने का प्रयास कर रही हूं. तुम वह नहीं हो, जो तुम ने मुझे बताया है. क्या मैं तुम्हारा कच्चाचिट्ठा खोलूं. झूठे कहीं के… मक्कार… अपनी झूठी बातों से मुझे बहला कर लूट लिया, अब और मुझे कितना बहकाओगे,’’ यह बात उस ने ऊंची आवाज में कही थी.

अचानक राहुल के कमरे का दरवाजा भड़ाक से खुला और शिखा के साथ उस के 3 दोस्त एकसाथ कमरे में घुस आए. राहुल अब भी नित्या को बांहों से पकड़ कर अपनी तरफ खींच रहा था और नित्या खुद को उस से छुड़ाने का प्रयास कर रही थी. शिखा के दोस्तों ने इसी अवस्था में उस के कई फोटोग्राफ खींच लिए. एक दोस्त ने वीडियो बना लिया. राहुल ने हकबका कर नित्या को छोड़ दिया.

‘‘तो जनाब अकेली लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश कर रहे थे,’’ शिखा ने आगे बढ़ कर राहुल के गाल पर तमाचा जड़ दिया. वह विवेकशून्य हो कर रह गया. इस स्थिति की उस ने कल्पना ही नहीं की थी. शिखा के दोस्त उस की तरफ धमकाने वाले अंदाज में देख रहे थे.

अभिनव ने उस का कौलर पकड़ते हुए कहा, ‘‘लड़कियों का बहुत शौक है न तुम्हें. तो जरा प्यार से उन्हें पटाओ. यह क्या? जोर जबरदस्ती करने लगे. यह तो बलात्कार की श्रेणी में आता है. अब तो बच्चू, तुम 10 वर्षों तक जेल में रहोगे.’’

‘‘मैं ने कुछ नहीं किया, कुछ नहीं, वो तो बस…’’ राहुल घबरा कर बोला. उस की आंखों में बेचारगी और भय के मिलेजुले भाव साफ दिखाई दे रहे थे. उस की आवाज गले में खरखराने लगी थी.

‘‘यह तो तुम थाने में जा कर सफाई देना. तुम्हारी करतूत हमारे मोबाइल में कैद हो चुकी है. तुम्हें मालूम ही होगा, दिल्ली के निर्भयाकांड के बाद बालात्कार का कानून कितना सख्त हो गया है. आसाराम जैसा तथाकथित भगवान भी अपने बेटे के साथ जेल में बंद है. तुम तो भूल ही जाओ कि मरते दम तक तुम्हारी जमानत होगी. हम सब तुम्हारे खिलाफ गवाही देंगे.’’

राहुल की घिग्घी बंध गई. वह कांपने लगा था. उस के मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी. आंखों में आश्चर्य, अनिश्चय और भय की रेखाएं एकसाथ तैर रही थीं.

‘‘पुलिस बुलाने से पहले चलो बैठ कर कुछ बात कर लेते हैं,’’ वे सब इधरउधर बैठ गए, लेकिन राहुल और नित्या खड़े ही रहे.

‘‘तो तुम ने नित्या के कितने वीडियो बनाए हैं,’’ अभिनव ने पूछा.

‘‘वीडियो, नहीं तो… मैं ने इस का कोईर् वीडियो नहीं बनाया. बस, फोटो खींचे हैं, जो मेरे मोबाइल में हैं.’’

‘‘मोबाइल दिखा.’’

मोबाइल में सचमुच नित्या का कोई अश्लील वीडियो नहीं था. कुछ फोटो थे, जिन्हें अभिनव ने तुंरत डिलीट कर दिए. फिर उस के दोस्त ने पूरे कमरे की तलाशी ली. कोई दूसरा मोबाइल, मैमोरी कार्ड या कंप्यूटर भी नहीं मिला.

‘‘अब बताओ, तुम नित्या के साथ जबदस्ती क्यों कर रहे थे?’’

‘‘सर, मैं जबरदस्ती नहीं कर रहा था. मैं तो उसे प्यार करता हूं और वह भी …’’

‘‘कमीने, तूने अपनी औकात देखी है. तू एक कूरियर बौय है और वह एक सम्मानित घराने की युवती, जो एमबीए कर रही है. तू उस की हैसियत तक कैसे पहुंचेगा? अब बता तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए?’’

‘‘सर, मैं मानता हूं, मुझसे गलती हुई. मैं ने उस से झूठ बोला था कि मैं आईटी कंपनी में इंजीनियर हूं, परंतु मुझे पुलिस में मत दीजिए, मैं बरबाद हो जाऊंगा. मैं बहुत गरीब हूं.’’

‘‘ये बातें तू ने पहले क्यों नहीं सोची थीं. अब जब फंस गए, तो तुम्हें अपनी गरीबी याद आ रही है. लेकिन आदमी जब गलत काम करता है तो उस को कष्ट, दुख और परेशानी उठानी ही पड़ती है. तुम्हें भी अपने दुष्कर्म का परिणाम भुगतना पड़ेगा,’’ अभिनव ने नाटकीय अंदाज में कहा.

‘‘सर, आप मुझे छोड़ दीजिए. आप जो कहेंगे, मैं करने के लिए तैयार हूं,’’ उस ने हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाते हुए कहा.

‘‘जेल जाने से डर लगता है, नित्या को धमकाते हुए डर नहीं लगा, उस के साथ जोरजबरदस्ती करते हुए डर नहीं लगा. खुद की बारी आई तो जेल जाने से डर लगने लगा, वाह रे सूरमा चलो, कागजकलम निकालो और अपना बयान लिखो.’’

नित्या की समझ में नहीं आ रहा था कि शिखा और उस के दोस्त क्या करने वाले थे. उन्होंने अपनी योजना के बारे में उसे कुछ नहीं बताया था.

राहुल ने लिख कर दिया, ‘‘मैं शपथपूर्वक यह बयान करता हूं कि मैं नित्या को कभी, किसी प्रकार तंग नहीं करूंगा. मैं ने उस के साथ जो किया, उस के लिए माफी मांगता हूं. अगर उस के साथ किसी प्रकार की ज्यादती हुई, तो उस के लिए मैं जिम्मेदार होऊंगा.’’

यह परवाना लिखवाने के बाद अभिनव ने कहा, ‘‘अब आज ही यहां से कमरा खाली कर दफा हो जाओ. दोबारा इधर मुड़ कर देखने की कोशिश की तो तुम्हारे फोटोग्राफ्स और यह बयान पुलिस के हवाले कर दूंगा. इस के बाद तुम अपना परिणाम देखना. यह मत सोचना कि तुम्हारा पता नहीं चलेगा. तुम्हारी कंपनी से तुम्हारा व्यक्तिगत चिट्ठा हम ने निकलवा कर अपने पास रख लिया है.’’

ये भी पढ़े-ं Social Story In Hindi: देवकन्या – राधिका मैडम का क्या था प्लान

राहुल को डराधमका कर जब सब नित्या के कमरे में आए, तब भी वह गौरैया की तरह डरी हुई थी.

‘‘अगर उस ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर कोई बदमाशी की तो… ’’ नित्या ने कांपते हुए कहा.

‘‘समझदार होगा तो नहीं करेगा वरना मूर्ख और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की कमी इस दुनिया में नहीं है. वैसे, तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हम ने कालेज प्रबंधन से बात कर के तुम्हारे लिए कालेज होस्टल में एक कमरा अलौट करवा दिया है. कल से तुम वहीं रहोगी.’’

‘‘मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप लोगों का किस प्रकार शुक्रिया अदा करूं?’’

‘‘शुक्रिया तुम शिखा का अदा करो. यदि वह न होती तो पता नहीं तुम किस मुबत में फंस जातीं. वह बहुत स्ट्रौंग युवती है. अब तुम अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान दो. इस उम्र में प्यार होना स्वाभाविक है, लेकिन यदि सोचसमझ कर प्यार किया जाए तो अच्छा होता है. कई बार हम गलत व्यक्ति से प्यार कर बैठते हैं. अब एक बार तुम ठोकर खा चुकी हो, अगली बार ध्यान रखना.’’

‘एक बार कहां, वह तो 2-2 बार ठोकर खा चुकी है,’ नित्या ने सोचा, ‘काश प्यार सोचसमझ कर किया जा सकता. मुश्किल तो यही है कि यह अचानक हो जाता है और प्यार करने वाले को पता ही नहीं चलता कि उस का प्यार कब उसे मुसीबत और परेशानी की दलदल में धकेल देता है.’

Raksha Bandhan Special: न्यूड मेकअप लुक के 11 ट्रिक्स

कम से कम मेकअप प्रोडक्ट्स के साथ ही मेकअप के लाइट शेड्स से बहुत कम समय में आप न्यूड मेकअप लुक पा सकती हैं. यह काफी क्लासी और सौफिस्टिकेटेड नजर आता है. खास मौकों के साथ ही औफिशियल मीटिंग्स और रैग्युलर डेज में भी न्यूड मेकअप लुक कैरी किया जा सकता है. जानते हैं न्यूड मेकअप लुक के कुछ खास ट्रिक्स.

1. जरूरी है डेली स्किन केयर रूटीन

चूंकि न्यूड मेकअप लुक के लिए मेकअप के डार्क शेड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है, इसलिए चेहरे की नैचुरल ब्यूटी उभर कर दिखती है. ऐसे में जरूरी है कि त्वचा अंदर से स्वस्थ, बाहर से बेदाग और कोमल हो. लेकिन यह तभी मुमकिन है जब आप नियमित रूप से क्लींजिंग, टोनिंग, मौइश्चराइजिंग और स्क्रबिंग करेंगी. इस से त्वचा स्वस्थ रहेगी और न्यूड मेकअप लुक उभर कर दिखेगा.

2. टिंट मौइश्चराइजर

सब से पहले फेसवाश से चेहरा धो कर पोंछ लें. फिर मौइश्चराइजर लगाएं. इस के लिए लाइट या फिर टिंट मौइश्चराइजर चुनें. इसे पूरे चेहरे पर लगा कर हलके हाथों से त्वचा को मौइश्चराइज करें. अब आंखों के पास आई क्रीम लगाएं. इसे सैट होने के लिए थोड़ी देर के लिए यों ही छोड़ दें.

3. लाइट फाउंडेशन

न्यूड मेकअप लुक के लिए शियर या लाइट यलो शेड का फाउंडेशन चुनें. यह नैचुरल लुक देता है. इसे ब्रश की सहायता से पूरे चेहरे पर लगा कर मेकअप का बेस तैयार कर लें. कोशिश करें कि पहले कोट में ही फाउंडेशन पूरे चेहरे पर अच्छी तरह लग जाए, दूसरा कोट न लगाना पड़े वरना बेस मेकअप हैवी नजर आएगा और उस के सामने मेकअप का लाइट शेड फीका दिखेगा.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: आम के इन 3 फेस पैक से पाएं नेचुरल ग्लो

4. ट्रांसल्यूसैंट पाउडर

अगर आप चाहती हैं कि आप का मेकअप लंबे समय तक टिका रहे, तो मौइश्चराइजर और फाउंडेशन के बाद पूरे चेहरे और गले पर स्पंज की सहायता से हलका सा ट्रांसल्यूसैंट पाउडर लगाएं. इस से बेस मेकअप को स्मूद टच मिलेगा और मेकअप नैचुरल नजर आएगा. अगर पाउडर की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो उसे कम करने के लिए दोबारा मौइश्चराइजर लगा लें.

5. ब्रोंजर स्प्रे

बेस मेकअप को फाइनल टच देने के लिए ब्रोंजर स्प्रे यूज करना न भूलें. नैचुरल लुक के लिए पीच, लाइट पिंक या रोजी पिंक शेड का ब्रोंजर खरीदें. इसे फोरहैड, नोज, चीक, चिन और नैक एरिया पर स्प्रे कर के ब्रश की सहायता से अच्छी तरह फैला दें. इस से स्किन नैचुरल ग्लो करेगी और मेकअप भी लंबे समय तक टिका रहेगा.

6. लाइट आईशैडो

जब बेस मेकअप अच्छी तरह सैट हो जाए तब आई मेकअप शुरू करें. शुरुआत आईशैडो से करें. इस के लिए आईशैडो का न्यूड शेड चुनें जैसे ग्रे, पीच, आइवरी, शैंपेन, बेबी पिंक, बेज, कौपर आदि. आईशैडो को पूरी पलकों पर अच्छी तरह लगाएं.

7. थिन आईलाइनर

कलरफुल आईलाइनर के बजाय ब्राउन शेड के आईलाइनर का चयन करें. पतली लाइन ड्रा करते हुए आईलाइनर का सिंगल कोट लगाएं. आंखों के आगे के छोर से लाइनर लगाना शुरू करें और इसे आईकौर्नर पर ला कर जोड़ दें. इसे ऊपर या नीचे की तरफ न मोड़ें और न ही फिशकट जैसा कोई स्टाइल दें.

8. ब्राउन मसकारा

अपने आई मेकअप को कंप्लीट और लैश लाइन को डिफाइन करने के लिए ब्राउन शेड की आईपैंसिल का इस्तेमाल करें या फिर आईलैशेज को हाईलाइट करने के लिए ब्राउन मसकारे का सिंगल कोट लगाएं. डबल कोट या कलरफुल मसकारा लगाने की गलती न करें.

9. डिफाइन आईब्रोज

न्यूड मेकअप के दौरान अपनी आईब्रोज को नजरअंदाज करने की गलती न करें. इन्हें डिफाइन करने के लिए आईब्रोज के शेड का आईशैडो ब्रो ब्रश की मदद से आईब्रोज पर लगाएं. अब आईब्रोज बोन को हाईलाइट करने के लिए क्रीम कलर का आईशैडो लगाएं. इस से आप की आईब्रोज उभरी दिखेंगी.

10. शेड्स औफ लिपस्टिक

मेकअप के दौरान ज्यादातर लिप लाइनर के बाद लिपस्टिक लगाई जाती है, लेकिन न्यूड मेकअप कर रही हैं, तो पहले लिपस्टिक लगाएं. उस के बाद लिपलाइनर से लिप्स को परफैक्ट डिफाइन करें. आखिर में लाइट शेड का लिपग्लौस लगा कर लिप मेकअप को कंप्लीट करें. अगर आप गोरी हैं, तो पिंक या बैज, सांवली हैं तो ब्रोंज, गेहुएं रंग की हैं, तो मोव लिप कलर्स चुनें. डार्क शेड लिपस्टिक के साथ ही बहुत ज्यादा ड्राई या ग्लौसी लिपस्टिक न लगाएं. न्यूड लुक के लिए क्रीमी लिपस्टिक चुनें.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

11. ब्लशऔन

जब आंखों और होंठों का मेकअप अच्छी तरह सैट हो जाए तब ब्लशऔन से चीकबोन को हाईलाइट करें. इस के लिए न्यूट्रल शेड का जैल बेस्ड चीक टिंट या फिर पाउडर ब्लशर चुनें ताकि आप का मेकअप नैचुरल नजर आए. चाहें तो पेस्टल शेड्स के ब्लशर का चुनाव भी कर सकती हैं. ब्लशऔन को ब्रश की मदद से गालों के आगे से शुरू करते हुए हेयरलाइन तक ले जाएं. इस से आप को परफैक्ट लुक मिलेगा.

Relationship Tips: शादी से पहले आखिर क्यों जरूरी है मैडिकल जांच

श्वेता और अमन की कुंडली व गुण मिला कर विवाह कराया गया. ज्योतिषी ने दावा करते हुए कहा था, ‘‘श्वेता और अमन जीवनभर खुश रहेंगे.’’

मगर विडंबना देखिए कि शादी के दूसरे दिन ही श्वेता आंखों में आंसू लिए घर लौट आई. उसे शादी में आए किसी रिश्तेदार से पता चला कि अमन को एड्स है. विवाह से पहले अमन ने उस से इतनी बड़ी बात छिपा ली थी. यदि ज्योतिष के पाखंड में न पड़ कर दोनों की मैडिकल जांच की गई होती तो श्वेता को यह दुख न भोगना पड़ता.

आज के विज्ञान के युग में भी ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि मैडिकल टैस्ट कराना बेकार है. मैडिकल टैस्ट कराने में उन के अहंकार को चोट पहुंचती है. उन्हें लगता है कि जब उन्हें बीमारी है ही नहीं तो बेकार में मैडिकल टैस्ट क्यों कराया जाए. कुछ लोग सबकुछ भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं. कुछ सोचते हैं कि शादी के बाद कोई बीमारी हो जाएगी तब भी तो निभाना पड़ेगा. कुछ को ऐसा भी लगता है कि मैडिकल टैस्ट पर क्यों बेकार में इतने रुपए खर्च किए जाएं. मगर यदि डाक्टर की सलाह ले कर छोटी सी सावधानी बरतते हुए विवाह से पहले कुछ टैस्ट करा लिए जाएं तो दोनों परिवार बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं.

अब समय बदल रहा है. आजकल बड़ी उम्र में विवाह होते हैं. मैडिकल साइंस भी दिनप्रतिदिन तरक्की कर रही है. आज का युवावर्ग बहुत समझदार हो गया है. पहले की तरह मात्र जन्मपत्री मिला कर शादी कर लेना युवाओं को भी अब मान्य नहीं. सफल एवं सुरक्षित वैवाहिक जीवन के लिए यह जरूरी है कि विवाह से पहले लड़कालड़की अपनी इच्छा से अपनी मैडिकल जांच जरूर कराएं ताकि औलाद और खुद को रोगों से बचाया जा सके. इस से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहेगी.

ये भी पढ़ें- शादी का मतलब खुद को खोना नहीं

सामाजिक परंपरा: आज के बदलते परिवेश में समाज तथा सरकार को विवाह से पहले लड़केलड़की की मैडिकल जांच के लिए बढ़ावा देना चाहिए. विवाह से पहले मैडिकल टैस्ट की सामाजिक परंपरा बनने से लोग अपनी इच्छा से मैडिकल टैस्ट कराने के लिए तैयार होंगे.

अकसर देखा जाता है कि विवाह के समय कुछ लोग अपनी बीमारियों को छिपा लेते हैं. जब शादी के बाद बीमारी के बारे में पता चलता है तब नए संबंध के शुरू में ही प्रेम और विश्वास की डोर टूटने से मनमुटाव बढ़ जाता है. कभीकभी तो तलाक तक की नौबत आ जाती है, तो कभी इस के दुष्परिणाम जीवनभर भोगने पड़ते हैं.

रीमा से विवाह के समय यह बात छिपाई गई कि उस के पति के दिल में छेद है. कुछ समय बाद ही वह विधवा हो गई. इस घटना के बाद से उस का विवाह से विश्वास ही उठ गया. अब वह अकेले जीवन व्यतीत कर रही है.

कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि लड़के या लड़की को खुद भी अपनी बीमारी का पता नहीं होता. मैडिकल टैस्ट के द्वारा उन्हें खुद भी अपने रोग का पता चलता है. इस से समय रहते इलाज कराया जा सकता है.

विवाह जैसे बंधन की नींव झूठ पर नहीं होनी चाहिए. अपने रोग की जानकारी लड़के और लड़की को जरूर देनी चाहिए. मैडिकल टैस्ट की संख्या बहुत है, इसलिए सभी टैस्ट कराने तो मुमकिन नहीं है, फिर भी कुछ जरूरी टैस्ट कराने से बहुत से रोगों का पता चल जाता है. प्रेमपूर्ण सुरक्षित वैवाहिक जीवन तथा अपनी औलाद के स्वास्थ्य के लिए शादी से पहले जरूरी मैडिकल टैस्ट कराना उचित होगा.

जरूरी टैस्ट

निम्न मैडिकल टैस्ट शादी से पहले जरूर करा लेने चाहिए:

एसटीडी टैस्ट: आजकल युवकयुवतियां बड़ी उम्र में विवाह करते हैं. अत: एसटीडी यानी ट्रांसमिटेड डिजीज टैस्ट बेहद जरूरी है. वरवधू को यह टैस्ट जरूर करवाना चाहिए. कुछ सैक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों जैसे एड्स, सिफलिस, गोनोरिया आदि. ये एक पार्टनर से दूसरे तक आ जाती हैं. लड़का या लड़की किसी को भी यदि बीमारी होगी तो दूसरे को भी वह बीमारी हो सकती है. औलाद भी इस रोग से ग्रस्त हो सकती है. अत: टैस्ट कराना बहुत जरूरी होता है.

हीमोग्लोबिन इलैक्ट्रोफोरेसिस टैस्ट: इस टैस्ट के द्वारा थैलेसीमिया, सैकल सैल डिजीज जैसे आनुवंशिक डिसऔर्डर का पता चल जाता है. यदि वर और वधू दोनों इस बीमारी के वाहक हैं तो संतान भी इस बीमारी से ग्रस्त हो जाएगी. अत: यह टैस्ट कराना बहुत जरूरी है ताकि घातक बीमारियों से बचा जा सके.

फर्टिलिटी से संबंधित टैस्ट: इस टैस्ट से औलाद पैदा करने की क्षमता का पता चल जाता है. कई बार संतान न होने पर केवल पत्नी को ही दोषी ठहरा दिया जाता है. यह टैस्ट लड़कालड़की दोनों को कराना चाहिए. लड़कों का सीमन ऐग्जामिनेशन कराना चाहिए ताकि स्पर्म काउंट पता चल सके. लड़कियों के लिए हारमोनल जांच जरूरी है.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan Special: भाई बहन का रिश्ता बनाता है मायका

जेनेटिक डिजीज चैकअप: यदि विवाह से पहले जेनेटिक डिजीज चैकअप करा लिया जाए तो अपनी पारिवारिक बीमारियों का पता चल जाता है. यदि कोई आनुवंशिक बीमारी है तो समय रहते उस का इलाज करवाया जा सकता है.

जनरल हैल्थ चैकअप: यदि शादी से पहले जनरल हैल्थ चैकअप करवा लिया जाए तो यह वरवधू दोनों के लिए बहुत सहायक होगा. सीबीसी टैस्ट यानी कंप्लीट ब्लड सैल काउंट,  किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन, शुगर टैस्ट आदि कराने से जो भी बीमार निकले उस का इलाज किया जा सकता है.

छली: ससुराल से लौटी मंजरी के साथ अमित ने क्या किया छल

 

 

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें