यूपी में ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ से लगेगी मौसमी बीमारियों पर लगाम

बरसात के बाद होने वाली मौसमी बीमारियों पर शिकंजा कसने के लिये निगरानी समितियों ने स्वच्छता को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. कोरोना की दूसरी लहर पर जीत हासिल करने में निगरानी समितियां बड़ा हथियार साबित हुई हैं. उनके माध्यम से राज्य सरकार 17.25 करोड़ लोगों तक पहुंच चुकी है. इस उपलब्धि को देखते हुए एक बार फिर से 63148 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्यों को गांव और शहरी निकायों में गली-कूचों तक सफाई का कार्य तेजी से कराने की देखरेख में लगाया गया है.

बरसात से पहले की तैयारियां

सरकार की ओर से प्रदेश में शनिवार और रविवार को विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं. नाले-नालियों की स्वच्छता पर जोर देने के साथ बरसात में जलभराव की समस्या को दूर किया जा रहा है. मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये लगातार सेनेटाइजेशन और फॉगिंग कराई जा रही है. मोहल्ला निगरानी समितियों को भी इस काम में जुटाया गया है.

स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने में जुटी योगी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर पर अन्य प्रदेशों से पहले जीत हासिल की है. अब तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए उसने तैयारियां पूरी कर ली है. इसके लिये गांव-गांव और शहरों में विशेष सफाई अभियान शुरू किये हैं. ग्राम पंचायतों में सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके लिये प्रदेश के कुल 58189 ग्राम पंचायतों और 97499 राजस्व ग्रामों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. 52916 सफाईकर्मी इस कार्य में जुटे हैं. यूपी में  पिछले एक दिन में 31156 राजस्व ग्रामों में सफाई हुई. 15396 राजस्व गांवों में सेनेटाइजेशन और 4787 में फॉगिंग की गए. प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में कुल 12016 मोहल्ला निगरानी समितियों के 64175 सदस्य स्वच्छता अभियानों में जुटे हैं. उनकी देखरेख में नगरीय निकायों में कुल 1378 बड़े नालों, 5219 मझोले नाले और 12410 छोटे नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है.

निगरानी समितियां बनी

बीमारी से बचाव के लिये गांव-गांव गठित निगरानी समितियों के सदस्य प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुंचकर उनको मौसमी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये स्वच्छता और सामाजिक दूरी के महत्व बता रहे हैं. हाथों को साबुन से धोना और मास्क पहनने की आदत लोगों में डालने के लिये जागरूक कर रहे हैं.

योगी सरकार ने बीमारी से रोकथाम के लिये ग्रामीण इलाकों में विशेष स्वच्छता अभियान चला रखा है. बड़े स्तर पर ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना है. बरसात से पहले संक्रामक बीमारियों को रोकने में सरकार के प्रयास का बड़ा असर हुआ है.

गौरतलब है कि योगी सरकार की ओर से गांव-गांव तक बिछाए गये निगरानी समितियों के जाल से काफी अच्छे परिणाम सामने आए हैं. इतनी तेज रफ्तार से बीमारी की रोकथाम करने में लिये योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन को पूरी दुनिया में प्रशंसा मिली है. डब्ल्यूएचओ भी सरकार के प्रयासों की तारीफ कर चुका है. यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर बीमारी पर तेज गति से नियंत्रण करने के लिये यूपी सरकार की सराहना की है.

 फ्रंट लाइन वर्कर्स को दिया गया टीका-कवर

प्रदेश में बीमारियों से बचाव के लिये स्वच्छता अभियान में जुटे 86770 फ्रंट लाइन वर्कर्स व अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण की पहली डोज लग चुकी है. जबकि 66190 सफाई श्रमिकों को दूसरी डोज दी गई है. 26399 अन्य निकाय कार्मिकों को प्रथम डोज व 20991 कार्मिकों को दूसरी डोज का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. राज्य सरकार के निर्देश पर सभी स्थानीय निकायों में सफाई कर्मचारियों एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिये ग्लब्स, मास्क और सेनेटाईजर भी दिये जा रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर पर जीत हासिल करने में निभाई बड़ी भूमिका

कोरोना के खिलाफ योगी सरकार के ‘ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट’ रणनीति को मजबूती देने में निगरानी समितियों ने बड़ा योगदान दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बीमारी को रोकने के लिये प्रदेश में  निगरानी समितियों का गठन किया गया. समितियों से जुड़े चार लाख से अधिक सदस्यों ने घर-घर दस्तक देकर न सिर्फ लोगों को जागरूक करने का काम किया बल्कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को मेडिकल  किट भी उपलब्ध कराई. इतनी बड़ी संख्या में निगरानी समितियों की तैनाती करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना. समिति के सदस्यों को प्रत्येक व्यक्ति में बीमारी के लक्षणों की पहचान का काम किया.

अनुपमा से तुलना होने पर Kinjal को आया गुस्सा तो Kavya ने किया ये काम

टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ इन दिनों सुर्खियों में है. जहां हाल ही में सीरियल के सेट पर बौलीवुड के दिग्गज एक्टर मिथुन चक्रवर्ती अपनी बहू काव्या यानी मदालसा शर्मा से मिलने पहुंचे तो वहीं सीरियल का टीआरपी चार्ट्स में पहले नंबर आना फैंस को पसंद आ रहा है. इसी बीच सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो हाल ही में मेकर्स ने प्रोमो रिलीज किया था, जिसमें काव्या, किंजल को अनुपमा के खिलाफ भड़काती हुई नजर आई थी. वहीं अब प्रोमो की तरह सीरियल के लेटेस्ट एपिसोड में भी कुछ ऐसा ही धमाकेदार होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

किंजल को भड़काती है काव्या

अब तक आपने देखा कि जहां अनुपमा अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर चुकी है तो वहीं किंजल शाह पर ऑफिस के साथ-साथ घर के सारे काम संभालने की जिम्मेदारी आ गई है. दरअसल, अनुपमा की अपनी मां की तबीयत खराब होने के चलते वह घर के साथ-साथ उनकी भी देखभाल कर रही है. हालांकि वह पूरी कोशिश कर रही है कि किंजल पर कोई प्रैशर ना आए. लेकिन काव्या इस बात का फायदा उठा  कर किंजल को भड़काती नजर आती है.

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किंजल और बा के बीच होगी बहस

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या के भड़काने का असर किंजल पर देखने को मिलेगा. दरअसल, किंजल अपनी मीटिंग के दौरान बा के लिए चाय बनाती है लेकिन बा कहती हैं कि यह कम उबली है, जबकि अनुपमा भी उसी चायपत्ती से चाय बनाती है, जिसे सुनकर किंजल चिढ़ जाती है और बा से बहस करना शुरू कर देती है, उससे कहती है कि वो मेरी तुलना अनुपमा से न करें. वह कहती हैं कि वह घर के सारे काम नहीं कर सकतीं क्योंकि उनके पास ऑफिस का बहुत सारा काम है. इसी बीच अनुपमा पूरी बात सुन लेती है और उससे नाराज हो जाती है.


काव्या करेगी ये काम

 

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अनुपमा ने किंजल के बीच दीवार खड़ी करने के लिए काव्या, किंजल की मां राखी को फोन करके बताएगी कि घर का सारा काम किंजल कर रही है और उसे नौकरानी बना दिया है. साथ ही यह भी कहेगी कि शाह परिवार को नौकरानी मिल गई है और यह सब सुनकर राखी शाह हाउस पहुंच कर हंगामा करती दिखेगी. वहीं अनुपमा भी राखी को चुप कराते हुए कहेगी कि वह किंजल को कभी दूसरी अनुपमा नही बनने देगी.

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रेप के आरोप लगने के बाद Pearl V Puri ने शेयर किया पहला पोस्ट, हुए इमोशनल

बीते दिनों टीवी एक्टर पर्ल वी पुरी (Pearl V Puri) को सुर्खियों में छा गए थे. दरअसल, एक नाबालिग से रेप के आरोप में POCSO अधिनियम के तहत मुंबई पुलिस ने एक्टर को गिरफ्तार किया था. हालांकि सोशलमीडिया पर फैंस का सपोर्ट देखने को मिला था, जिसके बाद अब जमानत मिलने के बाद एक्टर पर्ल वी पुरी ने एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है. साथ ही अपने फैंस को शुक्रिया भी कहा है. आइए आपको दिखाते हैं पर्ल वी पुरी का पोस्ट….

पोस्ट में लिखी ये बात

 

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पर्ल वी पुरी ने सोशलमीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था कि ‘लोगों को परखने का जीवन का अपना तरीका है! मैंने कुछ महीने पहले अपनी नानी को खो दिया था. फिर उसके 17 दिन बाद मैंने अपने पिता को खो दिया. वहीं इसके बाद मेरी मां को कैंसर हो गया और फिर ये आरोप मुझ पर लग गया. बीते कुछ हफ्ते मेरे लिए एक बुरे सपने की तरह थे. मुझे रातों-रात एक अपराधी की तरह महसूस कराया गया. यह सब मेरी मां के कैंसर के इलाज के बीच हुआ. जिसने मेरी सुरक्षा की भावना को चकनाचूर कर दिया, जिससे मैं हेल्पलेस महसूस कर रहा था. मैं अभी भी सदमे में हूं. ..लेकिन मुझे लगा कि यह मेरे दोस्तों, फैंस और शुभचिंतकों तक पहुंचने का समय है, जिन्होंने मुझे अपना प्यार, सपोर्ट और मेरे बारे में चिंता की. मुझ पर विश्वास रखने के लिए धन्यवाद और मैं #सत्यमेवजयते में विश्वास रखता हूं. मुझे मेरे देश के कानून और न्यायपालिका पर भरोसा है.”

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इन सेलेब्स ने किया था सपोर्ट

 

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पर्ल वी पुरी की गिरफ्तारी के बाद इंडस्ट्री के कई लोग उनके सपोर्ट में आए, जिनमें  एकता कपूर, निया शर्मा, एली गोनी, सुरभि ज्योति, करिश्मा तन्ना, दिव्या खोसला कुमार सहित कई हस्तियां शामिल है. वहीं इस मामले में नाबालिग की मां भी एक्टर के सपोर्ट में खड़ी नजर आईं.

बता दें, एकता कपूर और दिव्या खोसला कुमार ने इस मामले से जुड़ी कई जानकारियां फैंस को दी थी. वहीं वह एक्टर पर्ल की पूरी मदद करते हुए नजर आईं थीं.

संजय दत्त के बाद दो भारतीय डॉक्टरों को मिला गोल्डन वीजा, पढ़ें खबर

भारत के दो डॉक्टरों को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा मिला है. दोनों आयुर्वेदिक डॉक्टर केरल के रहने वाले हैं. इससे पहले एक्टिंग के क्षेत्र में गोल्ड वीजा पाने वाले संजय दत्त भारत के पहले एक्टर हैं. जिन्हें यूएई का गोल्डन वीजा मिला है.अभिनेता संजय दत्त ने गोल्डन वीजा मिलने की जानकारी खुद अपने ट्वीट करके दी थी.

खबरों के मुताबिक यूएई के फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप ICA ने केरल के डॉ श्याम विश्वनाथन पिल्लई और डॉ जसना जमाल को गोल्डन वीजा दिया है.डॉ श्याम विश्वनाथन पिल्लई केरल के कोल्लम के रहने वाले हैं और अबू धाबी में बुर्जील डे सर्जरी सेंटर में वैद्यशाला के सीईओ हैं. इन्हें 17 जून को चिकित्सा पेशेवरों और डॉक्टरों की श्रेणी के अंतर्गत गोल्डन वीजा दिया गया है. डॉ पिल्लई ने उनका आभार भी व्यक्त किया.

अब बात आती है डॉ जसना …. दुबई के अल ममजार की रहने वाली डॉक्टर जसना जमाल को 24 जून को गोल्डन वीजा दिया गया. डॉ जसना ने भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से, मुझे गोल्डन वीजा से सम्मानित किया गया है. यह बहुत खुशी की बात है. मैं इस शानदार अवसर के लिए यूएई के नेताओं को तहे दिल से धन्यवाद देती हूं. जसना केरल के त्रिशूर की रहने वाली हैं.

इससे पहले भारतीय अभिनेता संजय दत्त को जब गोल्डन वीजा मिला तो उन्होंने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी और कहा कि यूएई की तरफ से गोल्डेन वीजा से सम्मानित किया गया है और उन्होंने आगे कहा कि वो मेजर जनरल मोहम्मद अल मारी की उपस्थिति में गोल्डन वीजा पाकर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

इतनी ही नहीं भारत की एक छात्रा तस्नीम असलम को उसकी उत्तम अकादमिक रिकॉर्ड के लिए यूएई ने 10 साल का वीजा दिया है. उस छात्रा को अब 2031 तक यूएई में रहने की अनुमति मिल गई है. अब उस छात्रा को बार-बार गोल्डन वीजा लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

क्या होता है यूएई गोल्डन वीजा ?

दरअसल यूएई UAE का गोल्डेन वीजा दुबई में 10 साल का रेजिडेंट परमिट है. गोल्डेन वीजा की शुरुआत पहली बार 2019 में की गई थी. दुबई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इसकी शुरुआत निवेशकों और व्यापारियों के लिए की थी. इस गोल्डन वीजा का फायदा ये है कि इस वीजा को पाने वाला व्यक्ति 10 साल तक यूएई में रह सकता है और अगर वो 10 साल तक बार- बार यूएई जाता है तो उसे हर बार वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी.

खबरों के मुताबिक साल 2020 में गोल्डेन वीजा की इजाजत कुछ विशेष लोगों के लिए भी दे दी गई, जिसमें किसी विशेष डिग्री, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और प्रोफेशन के लोग शामिल हो सकते हैं. नियमों में इन बदलावों के बाद ही संजय दत्त को गोल्डन वीजा दिया गया था. यूएई के अलावा पुर्तगाल, स्पेन, ग्रीस, यूएसए, माल्टा, सेंट किट्स एंड नोविस, डोमिनिका, एंटीगुआ, बारबुडा जैसे देश भी गोल्डेन वीजा देते हैं.

किस तरह का होता है गोल्डन वीजा ?

वैसे तो वीजा कई तरह के होतें हैं जैसे ई- वीज़ा, टूरिस्ट वीज़ा, टेंपररी वर्कर वीज़ा, ट्रांजिट वीज़ा, बिजनेस वीजा स्टूडेंट वीजा, और भी कई होते हैं लेकिन गोल्डन वीजा अलग है….जिसे बार- बार लेने की जरूरत नहीं पड़ती है और ये दो तरह का होता है….तो सबसे पहले तो एक 10 साल का गोल्डन वीजा होता है और ये वीज़ा सिर्फ़ निवेशकों को दिया जाता है. इस वीज़ा में व्यक्ति पति या पत्नी, बच्चों और साथ ही और एक व्यक्ति जो आपके साथ हो उसको लेकर UAE जा सकते हैं.

दूसरा होता है 5 साल का गोल्डन वीजा जो निवेशकों को दिया जाता है साथ-साथ ये वीज़ा आंट्रेप्रेनोर, प्रतिभाशाली छात्रों, विज्ञान और नॉलेज के फील्ड में काम करने वाले लोगों को दिया है और शोधकर्ताओं को भी जैसे डॉक्टरों, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, संस्कृति और कला के फील्ड में जो काम करते हैं उनको गोल्डन वीज़ा दिया जाता है. 5 साल के गोल्डन वीज़ा में भी व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर जा सकता है.

क्यों दिया जाता है गोल्डन वीजा ?

दरअसल गोल्डन वीजा उन लोगों को दिया जाता है जो अपने कार्यक्षेत्र में काफी नाम कमा चुके हों और टैलेंटेड हों. ऐसे लोगों को यूएई में बसाने और उनके हुनर का फायदा उठाने के लिए यूएई सरकार गोल्डन वीजा देती है. इस तरह का गोल्डन वीजा प्राप्त करने वाले लोगों को अरब देश में काफी सुविधाएं मिलती हैं.

गोल्डन वीजा कैसे करें अप्लाई ?

जो गोल्डन वीज़ा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटी एंड सिटिजनशिप (आईसीए) की वेबसाइट के जरिये अप्लाई कर सकते हैं.संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय के तहत काम करने वाले जनरल डायरेक्टर ऑफ रेजिडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स के जरिये भी अप्लाई किया जा सकता है. उसमें आपसे कुछ डॉक्यूमेंट्स मांगे जाते हैं जो आपको भरने होतें हैं. उसके बाद कुछ फॉर्मैलिटीज़ और वेरिफेकशन की प्रोसेस होती है और फिर वहां की अथॉरिटीज़ पर डिपेंड करता है कि वो आपको गोल्डन वीज़ा देते हैं या नहीं.

महंगी डिमांड्स तो हो जाएं सतर्क

फ्रैंडशिप कब किस उम्र में किससे हो जाए , कहां नहीं जा सकता. और फिर उस लम्हे से जीवन इतना खूबसूरत लगने लगता है कि अपनी इस दोस्त के लिए हम चाँद तारे तक तोड़ लाने की बात करने लगते हैं. क्योंकि विपरीत लिंग के प्रति अट्रैक्शन जो होता है. ये सही है कि आप इस रिश्ते में एकदूसरे को समझें, एकदूसरे के साथ बेहतरीन पल बिताएं, एक दूसरे की फीलिंग्स की कद्र करें, एक दूसरे से हर बात शेयर करें, एक दूसरे की मदद करें. लेकिन जब आपकी पार्टनर इस रिश्ते की आड़ में धीरेधीरे आपसे महंगे गिफ्ट्स की डिमांड करने लगे तो आपके लिए थोड़ा सतर्क होना जरूरी है, ताकि ये दोस्ती आपकी जेब पर भारी न पड़े और आप अपने पार्टनर की सच्चाई को भी जान पाएं. हम आपको बताते हैं कि जब गर्लफ्रैंड करे डिमांड तब आपको क्या करना है और किन बातों का आपको भी ध्यान रखना है.

– फ्रैंडशिप डे पर रिंग की डिमांड

गिफ्ट चाहे छोटा हो या बड़ा , वही अच्छा लगता है, जो दिल से दिया जाता है. न कि मांग कर लिया हुआ गिफ्ट. अभी आपने वैलेंटाइन डे पर ही उसे ब्रैंडेड शौपिंग करवाई थी, लेकिन अब फिर से आने वाले फ्रैंडशिप डे के लिए अगर वह रिंग की डिमांड करने लगे तो आप उसे बोलें कि रिंग तो मैं इस बार तभी दूंगा जब तुम भी इस खास दिन पर अपने हाथों से मुझे रिंग पहनाओगी, वो भी मुझसे पहले . अगर वे मान जाए तो ही उसे रिंग गिफ्ट करे, क्योंकि इस सौदे में घाटा जो नहीं है. लेकिन अगर वह साफ मना कर दे तो आपको भी बिना शर्म किए साफ इंकार कर देना चाहिए. क्योंकि दोस्ती सिर्फ वन वे नहीं बल्कि टू वे पर चलती है.

– आई फोन की जिद

आप दोनों का शौपिंग पर जाने का प्लान बना हो और इस प्लान को बनाने का पूरा क्रेडिट आपकी गर्लफ्रैंड को जाता हो. क्योंकि उसने ही आप पर शौपिंग के लिए जोर जो डाला है . तो आप पहले से ही थोड़ा सावधान हो जाएं. क्योंकि शौपिंग मतलब आपकी पॉकेट पर बोझ पड़ना. ऐसे में अगर वे जबरदस्ती आपसे आई फोन लेने की जिद करने लगे ये बोलकर कि मैं पैसे व कार्ड लाना भूल गई हूं, इसलिए अभी तुम अपने कार्ड से पेमेंट कर दो, बाद में मैं चुका दूंगी तो आप स्मार्ट बनकर साफ मना कर दें कि मैं कार्ड ही नहीं लाया. इसलिए तुम्हें नहीं दिला सकता. क्योंकि अगर अभी आपने पेमेंट कर दी, तो समझ जाएं कि आपकी जेब पर डांका डल गया है. भले ही वो आपके न करने पर आपसे मुंह बना लें तो बनाने दें. क्योंकि पैसों के बल पर कोई भी रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाता है.

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– अपनी हर जरूरतों के लिए आप पर निर्भरता

अगर फ्रैंडशिप होने के बाद से वह अपनी हर जरूरतों के लिए आप पर निर्भर है, तो समझ जाएं कि आपसे रिश्ता सिर्फ पैसों के लिए ही रखा हुआ है. कभी फोन रिचार्ज, तो कभी कैब का बिल , तो कभी महंगे रेस्टोरेंट्स में जाने का शौक , यहां तक कि प्यार का सहारा लेकर हर महीने आपसे मोटी रकम वसूल करना. अगर ऐसा आपकी गर्लफ्रैंड की आदत में शामिल हो गया है तो पहले तो उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें , लेकिन फिर भी समझ न आए तो ब्रेकअप में ही समझदारी है. क्योंकि अगर ब्रेकअप नहीं किया तो आप सिर्फ लुटेंगे ही , क्योंकि प्यार जो नहीं है इस रिश्ते में.

– स्मार्ट वाच की डिमांड

हो सकता है कि आपकी गर्लफ्रैंड के फ्रैंड्स के पास स्मार्ट वाच या फिर ब्रैंडेड कंपनी की वाच हो. लेकिन उसके पास नहीं. ऐसे में वह रोज आप पर इसे दिलवाने का दबाव बनाए. यहां तक कि अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए आपके साथ इतना अधिक मीठा व्यवहार करें कि आप भी सोच में पड़ जाएं. ऐसे में आप उसकी मीठीमीठी बातों में आने से बेहतर आप समझदारी से काम लें. उसे बोलें कि अभी ये मेरे बजट में नहीं है. इसलिए नहीं दिलवा पाउँगा. आगे भी इस तरह की महंगी चीजें दिलवाने का वादा न करें. समझदार के लिए इस तरह के जवाब ही काफी होते हैं.

ध्यान दें –

– शोऑफ़ से बचें

अकसर लड़कों की यह आदत होती है कि वे अपनी गर्लफ्रैंड पर टशन ज़माने के लिए उन पर कभी अपने पैसों का टशन दिखाते हैं तो कभी उन्हें महंगेमहंगे रेस्टोरेंट्स में ले जाते हैं. जिससे वे अपने बोयफ़्रेंड को काफी अमीर समझ कर उन्हें लूटने लगती हैं . जो बाद में उनकी परेशानी का कारण बन जाता है. क्योंकि रोजरोज की डिमांड्स पूरी करना किसी के बस में नहीं होता. इसलिए शुरुवात से ही रिश्ते में शोऑफ को जगह न दें. ताकि आगे ये रिश्ता बोझ न बने.

– उसे भी मौका दे

अगर आप अपनी फ्रैंडशिप को ये देखने के लिए आजमाना चाहते हैं कि ये प्यार सच्चा है या फिर सारा पैसों का खेल है तो आप अपनी गर्लफ्रैंड को भी खर्चा करने का मौका दें. हर बात में आप आगे आकर उसे पैसे देने से न रोकें. क्योंकि इससे उसकी असलियत सामने नहीं आ पाएगी. आप अगर रेस्टोरेंट में गए हैं और लंच या डिनर के बाद जब बिल देने की बारी आए तो आप ये कहकर भी उससे पैसे निकलवा सकते हैं कि यार सोरी मैं तो जल्दीजल्दी में पर्स ही लाना भूल गया. ऐसे में अगर वे खुशीखुशी ये कहकर दे दे कि कोई बात नहीं डिअर कभी तुम तो कभी मैं , . तो समझ जाएं कि रिश्ता थोड़ा सच्चा है और अगर मुंह बनाए और मजबूरी में बिल पे करने के बाद आपसे ठेडाठेडा बोले तो समझ जाएं कि वे सिर्फ आपके पैसों पर ऐश करना चाहती है.

– आपकी कमाई सिर्फ आपकी ही

हो सकता है कि आपका घर परिवार भी अच्छा हो और आप अच्छी जौब भी करते हो. लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं कि आपकी कमाई को बिना सोचेसमझे आपकी गर्लफ्रैंड यूं ही बर्बाद करे. इसलिए आपको कब, कहा, कितना खर्चा करना है, इस बात का निर्णय आपको लेना होगा. और जब भी आपकी गर्लफ्रैंड बोले कि यार तुम तो कमाते हो, फिर भी इतनी कंजूसी किस बात की, तो आप उसे बोलें कि ये मेहनत की कमाई है और जब जरूरत होती है तो मैं खर्च करता ही हूँ. अगर मैं आज कमाया हुआ आज ही उड़ा दूंगा तो भविष्य के लिए क्या बचाऊंगा. इससे उसे समझ आ जाएगा कि आपके पैसों को खर्च करवाना इतना आसान नहीं.

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– समझें जरूरत को भी

जरूरी नहीं कि हर गर्लफ्रैंड लूटने वाली ही हो और हर बार डिमांड लूटने के मकसद से ही की गई हो. क्योंकि कई बार जरूरत के कारण भी उसे आपसे कुछ मांगना पड़ सकता है. ऐसे में आपकी भी ये जिम्मेदारी है कि आप उसके तुरंत बोलते ही न न कर दें, बल्कि उसकी बात को सुनें व जरूरत को समझें. अगर आपको लगता है कि उसकी मांग जायज है और आप उसे अफोर्ड कर सकते हैं तो हेल्प जरूर करें. क्योंकि अगर आप ज़रूरत के समय भी जान बूझकर मुंह मोड़ लेंगे तो ये एक मजबूत रिश्ते के लिए सही नहीं होगा.

कोरोना के समय में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का रखें ध्यान कुछ इस तरह

दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी के समय में सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और देश भर में स्कूलों के बंद रहने से बच्चे प्रभावित हुए हैं. कुछ बच्चे और युवा बेहद अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और उन्हें चिंता, उदासी और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. वे अपने परिवारों पर इस वायरस के प्रभाव को लेकर भय और दुख महसूस कर सकते हैं. ऐसे भय, अनिश्चितत, और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए घर पर ही रहने जैसी स्थिति उन्हें शांत बैठे रहना मुश्किल बना सकती है. लेकिन बच्चों को सुरक्षित महसूस कराना, उनके हेल्दी रुटीन को बरकरार रखना, उनकी भावनाओं को समझना बेहद महत्वपूर्ण है. इस बारे में बता रहे हैं Kunwar’s Educational Foundation के educationist(शिक्षाविद्) राजेश कुमार सिंह.

महामारी के बारे में समाचार देखने या इसे लेकर लोगों की बातें सुनने से बच्चे डर सकते हैं. कोविड-19 ने उनके स्कूल संबंधित, मित्रता, और सामान्य रुटीन को बदल दिया है, इसलिए आपके बच्चे के भय को दूर करना और उनके शारीरिक और भावनात्मक हितों का ध्यान रखा जाना मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए. यहां ऐसे कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं जिनसे आपके बच्चे को महामारी के दबाव से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती हैः

• उम्र के स्तर पर बातचीत करें:

यदि आपका बच्चा छोटा है तो बहुत ज्यादा जानकारी उसके साथ साझा न करें, क्योंकि इससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. इसके बजाय, उसके द्वारा पूछे जाने वाले हरेक सवाल का जवाब देने की कोशिश करें.

• सवाल का जवाब आसानी से और ईमानदारी से दें:

यदि आपका बच्चा महामारी के बारे में कोई सवाल पूछना चाहता है तो इसके लिए ईमानदारी से जवाब देना हमेशा एक अच्छी नीति है. हालांकि आप अपने बच्चों को ज्यादा डराना नहीं चाहते हैं, लेकिन उनके साथ सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने जैसी सुरक्षा संबंधित आदतों के बारे में बात करना गलत नहीं है.

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• समझदार बनें:

आपका बच्चा दोस्तों से मिलने या अन्य पारिवारिक सदस्यों के पास जाने में सफल नहीं होने पर निराश हो सकता है. इसका ध्यान रखें. उसे यह समझाएं कि आप उनकी निराशा को समझते हैं, और आप भी अपने दोस्त और विशेष अवसरों को याद कर रहे हैं.

• वर्चुअल प्लेडेट्स की व्यवस्था करें:

अपने बच्चे को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग सेवा से जोड़ें, जिससे कि वे नजदीकी मित्रों और दादा-दादी के साथ संपर्क में बने रह सकें. इससे उनका ध्यान बंटाने में मदद मिलेगी.

• बच्चों को अतिरिक्त प्यार एवं स्नेह दें:

यह हम सभी के लिए तनावपूर्ण समय है और हमें अतिरिक्त देखभाल से सभी लाभ मिल सकते हैं. आपका बच्चा अतिरिक्त हग और किसेस को पसंद करेगा.

• स्पेशल वन-आन-वन टाइम को निर्धारित करें:

यदि हर कोई हर समय एक-दूसरे के साथ घर पर हो, तो हरेक सदस्य को प्रत्येक बच्चे के साथ समय बिताना संबंध मजबूत बनाने का अच्छा तरीका है.

वयस्कों का खयाल कैसे रखें?

जहां छोटे बच्चे महामारी को लेकर भयभीत हो सकते हैं, वहीं बड़े बच्चे और वयस्क इससे संबंधित प्रतिबंधों से असंतुष्ट हो सकते हैं. अपने मित्रों के साथ समय बिताना वयस्कों के लिए वाकई बेहद जरूरी है, जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर सकें. यहां ऐसे कुछ तरीके बताए जा रहे हैं जिसके जरिये आप उन्हें अच्छी तरह से समझा-बुझा सकते हैंः

• यह समझाएं कि सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियम क्यों जरूरी हैं: वे यह सोच सकते हैं कि यदि वे अच्छा महसूस कर रहे हैं तो वे दूसरों से मुलाकात कर सकते हैं. उन्हें यह समझाएं कि भले ही वे अच्छा महसूस करें, लेकिन वे वायरस फैला सकते हैं और इससे उनके दादा-दादी या अन्य पारिवारिक सदस्यों को भी खतरा हो सकता है.

• उनकी कुंठा या गुस्से को शांत रखने की कोशिश करें:

उन चीजों को लेकर सहानुभूति रखें जिनसे उन्हें महामारी की वजह से वंचित रहना पड़ रहा है. उनकी भावनाओं को समझें. यदि आपके एरिया में प्रतिबंधों की वजह से आपके बच्चे को अपने दोस्तों से मिलना मुश्किल हो रहा है तो उन्हें यह समझने के लिए प्रोत्साहित करें कि वे किस तरह से वर्चुअली तरीके से अपने दोस्तों से जुड़े रह सकते हैं.

हेल्दी रुटीन बनाए रखें

महामारी की वजह से आपको अपने सामान्य दैनिक रुटीन को अनदेखा करना पड़ सकता है. लेकिन निरंतरता बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. नियमित समय पर भोजन करने और सोने की आदत से आपके बच्चे को सुरक्षित महसूस करने में मदद मिल सकती है.

• नए हेल्दी रुटीन बनाएं:

जिस तरह से आप न्यू नाॅर्मल को समायोजित करते हैं, उसी तरह आपको अपने बच्चों के लिए नए दैनिक शेड्यूल (schedule) बनाने की जरूरत हो सकती है. भले ही बेडटाइम्स जैसी आदतें दैनिक स्कूल के बगैर बदल गई हों, लेकिन हर दिन समान शेड्यूल पर अमल करने की कोशिश करें. व्यायाम, परिवार के साथ डिनर, और घरेलू कार्य जैसी गतिविधियों के साथ साथ बच्चे को दोस्तों के साथ बातचीत करने के लिए भी समय निर्धारित करें, चाहे यह सुरक्षात्मक तरीके से व्यक्तिगत तौर पर हो या आनलाइन के माध्यम से हो.

• सुरक्षा सलाह पर अमल करें:

विभिन्न क्षेत्रों को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सीडीसी, डब्ल्यूएचओ, और अपने स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरणों की सलाह पर अमल करना जरूरी है. प्लेग्राउंड, स्कूलयार्ड, और पार्क ऐसे ज्यादा संपर्क वाले एरिया हैं जहां आपके बच्चे को स्वयं और दूसरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपके निर्देशों का पालन करना चाहिए. उन्हें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, और नियमित तौर पर अपने हाथ धोने जैसी आदतों पर ध्यान देना चाहिए.

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• स्वच्छता और हाथ धोने की महत्ता को समझें:

बार बार हाथ धोना भले ही उबाऊ लग सकता है, लेकिन अब यह जीवन-रक्षक उपाय बन सकता है. अपने बच्चे को बाहर से आने या अन्य लोगों के संपर्क में आने के बाद हर बार हाथ धोने का आदत बनाने को कहें. छोटे बच्चों में आदत को प्रोत्साहित करने के लिए अपने बच्चे के पसंदीदा गाने में से किसी एक की धुन पर एक गीत बनाएं और हाथ धोते समय इसे एक साथ गाएं.

• सुरक्षा प्रोटोकाल पर स्वयं अमल करें :

सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा प्रोटोकाल पर स्वयं अमल करें, दूसरों के साथ भी इसे अपनाने की कोशिश करें. छोटे बच्चे प्रभावशाली होते हैं और वे आपके व्यवहार की ही नकल करेंगे, इसलिए सुनिष्चित करें कि आप उनके लिए एक सकारात्मक मिसाल स्थापित करेंगे.

तो हमेशा रहेंगी Young & Beautiful

कोरोना के कारण हम ने अपनी स्किन केयर को अनदेखा करना शुरू कर दिया है खासकर युवाओं ने. उन्हें लगता है कि अभी हमें घर में ही तो रहना है, कहीं जाना नहीं है, कोई देखने वाला है नहीं है, किसी से मिलना नहीं है, इसलिए स्किन की देखभाल न भी करें तो क्या फर्क पड़ता है. जबकि वे इस बात से अनजान हैं कि उन की यह सोच उन की स्किन को खराब करने का काम कर रही है.

भले ही वे फेसबुक, इंस्टाग्राम या फिर किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर फिल्टर्स का सहारा ले कर खुद को खूबसूरत दिखा कर दूसरों की वाहवाही लूट रहे हों, लेकिन असलियत इस से काफी अलग है. ऐसे में अगर आप हमेशा नैचुरली यंग व ब्यूटीफुल स्किन पाना चाहती हैं तो समय से पहले हो जाएं सावधान वरना आप की स्किन छोटी उम्र में भी 60 जैसी दिखने लगेगी. तो आइए जानते हैं कि कैसे आप खुद को रखें यंग:

कब होती है  झुर्रियों की समस्या

उम्र के 20वें वर्ष में त्वचा अपने शबाब पर होती है. उस पर प्रौब्लम्स कम व चेहरे पर ग्लो, रौनक व आकर्षण ज्यादा होता है. लेकिन जब इस उम्र में त्वचा के प्रति लापरवाही बरती जाती है तो चेहरे पर फाइन लाइंस के साथसाथ  झुर्रियां भी नजर आने लगती हैं.

ये स्किन पर तब नजर आती हैं जब स्किन के अंदर, जो हमारी स्किन की ऊपरी लेयर को सपोर्ट करने वाली कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन की लेयर होती है, उस में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिस से स्किन अपना मौइस्चर व ब्यूटी खोने लगती है. इसलिए आप खुद को  झुर्रियों से दूर रखने के लिए स्किन केयर के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को फौलो करना न भूलें.

टैंशन को रखें खुद से दूर

आज चाहे बात घर की हो या फिर बाहर की, हर जगह स्ट्रैस का माहौल व्याप्त है. किसी को इस महामारी के कारण अपनों के जाने का डर व गम है, तो किसी को कैरियर की चिंता सता रही है तो किसी को जौब के जाने का खौफ खासकर के यंगस्टर्स काफी स्ट्रैस में हैं, जो उन की हैल्थ को बिगाड़ने का काम कर रहा है.

बता दें कि हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रैस  हारमोन होता है, जो हमारे ज्यादा चिंतित रहने के कारण उस का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस की वजह से चेहरे पर मुंहासे, फाइन लाइंस, मैटाबोलिज्म में असंतुलन होने लगता है, जिसे समय रहते कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. इसलिए जितना हो सके पौजिटिव सोचते हुए खुद को स्ट्रैस से दूर रखें वरना आप की यह टैंशन आप के चेहरे की रौनक को चुरा लेगी.

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घरेलू नुसखे भी असरदार

समय से पहले बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता. ऐसे में ये घरेलू नुसखे थोड़े ही दिनों में आप की  झुर्रियों को छूमंतर कर के फिर से आप को यूथफुल स्किन देने का काम करेंगे:

–  रोजाना ऐलोवेरा जैल से चेहरे की मसाज करने से न सिर्फ चेहरा मिनटों में खिल उठता है, बल्कि स्किन में कोलेजन बढ़ने से स्किन हाइड्रेट रहने के साथसाथ  झुर्रियां भी कम होती हैं.

–  केला न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह स्किन की भी रंगत बदल देता है, क्योंकि यह एंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के साथसाथ नैचुरल डीटौक्स का भी काम कर के चेहरे पर फाइन लाइंस व  झुर्रियों से बचाने का काम करता है. इस के लिए आप केले का पेस्ट बना कर उसे चेहरे पर अप्लाई करें, फिर आधे घंटे बाद चेहरे को पानी से क्लीन कर लें. आप को कुछ ही हफ्तों में सुधार नजर आने लगेगा.

–  नारियल के तेल में मौइस्चराइज व हाइड्रेट करने वाली प्रौपर्टीज होने के कारण ये स्किन की  इलास्टिसिटी को इंप्रूव कर के स्किन को सौफ्ट बनाने का काम करती हैं. इस के लिए आप रोजाना रात को इस से मसाज कर के सुबह चेहरे को क्लीन करें. इस से आप को धीरेधीरे  झुर्रियां कम होती नजर आने के साथसाथ आप का चेहरा भी निखर उठेगा.

–  और्गन औयल लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से अवशोषित हो जाता है. साथ ही इस में फैटी ऐसिड्स व विटामिन ई होने के कारण यह फाइन लाइंस व  झुर्रियों से बचाता है. इस के लिए आप रात को और्गन औयल से चेहरे की मसाज कर के छोड़ दें. आप को महीनेभर में रिजल्ट दिखने लगेगा.

कुछ खास हैबिट्स जो बचाएंगी ऐजिंग से

–  चाहे आप का बाहर आनाजाना हो या नहीं, फिर   भी आप रोजाना सीटीएम रूटीन यानी क्लींजिंग, टोनिंग व मौइस्चराइजिंग जरूर करें, क्योंकि इस से स्किन पर जमा गंदगी रिमूव होने के साथसाथ स्किन का नैचुरल पीएच लैवल बना रहता है, जो स्किन को यंग बनाने का काम करता है.

–  अधिकांश लोग यही सोचते हैं कि अगर घर से बाहर नहीं जाना तो सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है, जबकि आप को बता दें कि ऐसा नहीं है, क्योंकि जब हम घर में स्किन डैमेजिंग लाइट्स जैसे ब्लू लाइट, जो स्मार्ट डिवाइस से, अल्ट्रावायलेट रेंज के संपर्क में आते हैं, तो भले ही उस से स्किन टेन नहीं होती है, लेकिन यह कोलेजन व इलास्टिक टिशू को ब्रेक करने के कारण समय से पहले ऐजिंग व स्किन कैंसर का कारण बनती है. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करें.

–  ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिलकुल न करें, जो स्किन पर जलन पैदा करने का काम करते हों, क्योंकि इस से स्किन का नैचुरल मौइस्चर व ग्लो खोने लगता है व ऐजिंग की समस्या सामने आती है.

–  मेकअप रिमूव कर के ही सोएं वरना मेकअप में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स स्किन पर जल्दी ऐजिंग इफैक्ट्स लाने का काम करते हैं.

–  तलाभुना खाने के बजाय पौष्टिक डाइट लें. इस से आप की स्किन अंदर से भी खिल उठेगी.

–  जितना हो सके शुगर का इन्टेक कम करें, क्योंकि ब्लड शुगर लैवल बढ़ने से ऐजिंग का प्रोसैस जल्दी व तेजी से बढ़ता है.

जरूरी है ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट

थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से  किस तरह हमेशा यंग लुक रहता है, बता रही हैं डर्मैंटोलौजिस्ट, डाक्टर भारती तनेजा:

–  बात अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की की जाए तो कोलेजन को या तो अंदर से बनाया जा सकता है या फिर ऊपर से डाला जा सकता है. लेकिन सब से आसान तरीका जो है, जो पहले 30-40 की उम्र में लोग लेना शुरू करते थे, लेकिन आज छोटी उम्र में ही लेना शुरू हो गए हैं और इस में कोई खराबी भी नहीं है, क्योंकि आज बढ़ता प्रदूषण, मेकअप का ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण स्किन अपनी इलास्टिसिटी खोने लगती है, जिस से स्किन पर फाइन लाइंस दिखने लगती हैं.

–  ऐसे में इस प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए फिलर्स का सहारा लिया जाता है, जो आज के समय में बेहतरीन इलाज माना जाता है. इस के जरीए जहां पर भी यानी स्किन के नीचे जहां जगह बन गई होती है या फिर जहां कोलेजन खत्म हो गया है, वहां फिलर्स भर दिया जाता है. फिलर्स यानी ह्यालूरोनिक ऐसिड भर दिया जाता है, जो स्किन के अंदर जा कर कोलेजन व इलास्टिन को एकदम से बनाना शुरू कर देता है. इस से स्किन फिर से खिल उठती है. यह इलाज कुछ ही मिनटों में हो जाता है.

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–  जिस तरह से लेजर ट्रीटमैंट के जरीए चेहरे से अनचाहे बालों को हटाया जाता है, उसी तरह लेजर के जरीए  झुर्रियों का भी इलाज किया जाता है, क्योंकि यह स्किन को रीजनरेट करने का काम करती है. यह ट्रीटमैंट बहुत सालों से  झुर्रियों के लिए दिया जाता है. इस में बस काफी दिनों तक रैग्युलर ट्रीटमैंट लेने की जरूरत होती है. इस से स्किन फिर से खुद से कोलेजन बनाना शुरू कर देती है, जो  झुर्रियों को खत्म करने का काम करता है और यंग स्किन देता है.

–  स्किन को ऐक्सफौलिएट करने से भी  झुर्रियों की समस्या का निदान होता है. ऐक्सफौलिएट करने के लिए अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की बात करें तो एक कार्बन ऐक्सफौलिएशन होता है, साथ ही इस के साथ मिला कर लेजर का इस्तेमाल भी किया जाता है.

–  आजकल हाइड्रोडर्मा विजन का भी काफी चलन है. इस में वाटर के साथसाथ खास तरह के सीरम का इस्तेमाल कर के स्किन को ऐक्सफौलिएट किया जाता है. इस से स्किन से  झुर्रियों की समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है.

–  हम हाइड्रोनिक ऐसिड, सीरम व कोलेजन को जब भी स्किन के अंदर डालना चाहते हैं तो उस के लिए सब से अच्छा तरीका होता है अल्ट्रासोनिक मशीन का इस्तेमाल करना. यह किसी भी चीज को स्किन के अंदर पेनिट्रेट करने में मदद करती है. इस तरह आप ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट की मदद से  झुर्रियों से छुटकारा पा सकती हैं.

  किस को ज्यादा रिस्क

जिन की स्किन ड्राई व डीहाइड्रेट होती है, उन्हें  झुर्रियों का खतरा सब से ज्यादा होता है. ड्राई स्किन का मतलब जिस में औयल की कमी होती है और डीहाइड्रेट स्किन का मतलब जिस में पानी की कमी होती है, क्योंकि पानी और औयल दोनों का बैलेंस ही स्किन को खूबसूरत बनाता है, रिंकल्स फ्री बनाता है और स्किन देखने में पल्म व टाइट नजर आती है. इसलिए स्किन की ड्राइनैस व पानी की कमी को पूरा करने के लिए खुद को हाइड्रेट रखने के साथसाथ फेस पर स्किन टाइप के हिसाब से मौइस्चराइजर भी जरूर अप्लाई करें.

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शादी के बाद सामने आया नई दुल्हन Yami Gautam का फर्स्ट लुक, पहना डायमंड का मंगलसूत्र

हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम (Yami Gautam) ने ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ फेम फिल्म निर्देशक आदित्य धर (Aditya Dhar) के साथ शादी की थी, जिसकी फोटोज ने सोशलमीडिया पर धूम मचा दी थी. वहीं अब एक्ट्रेस यामी गौतम (Yami Gautam) ने शादी के बाद अपना मंगलसूत्र फ्लांट करती नजर आईं, जिसके बारे में फैंस जानने के लिए एक्साइटेड हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है मंगलसूत्र में खास बात…

मंगलसूत्र में दिखा अलग लुक

 

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दरअसल, शादी के बाद एक्ट्रेस यामी गौतम (Yami Gautam) अपने होमटाउन से वापस मुंबई लौटी हैं. वहीं इस दौरान वह सिंपल लुक में नजर आईं, लेकिन खास बात है कि उनका मंगलसूत्र लुक को अलग ही स्टाइल दे रहा था. पीले रंग के सिंपल सूट के साथ डायमंड का सिंपल मंगलसूत्र यामी के लुक को कम्पलीट कर रहा है. फैंस भी उनके इस लुक की तारीफें कर रहे हैं.

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स्टाइल को कम्पलीट कर रहा था मंगलसूत्र

 

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नई-नवेली दुल्हन के रूप में यामी गौतम (Yami Gautam) ने बहन सुरीली संग (Surili Gautam) अपनी एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह हरे रंग की सिल्क साड़ी के साथ सिंदूर और लंबे झूमके पहने नजर आ रही हैं. वहीं इस लुक के साथ उनका डायमंड का मंगलसूत्र चार चांद लगा रहा है.

बौलीवुड एक्ट्रेसेस भी करती हैं फ्लांट

 

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यामी (Yami Gautam) के अलावा बौलीवुड की कई हसीनाएं अपना मंगलसूत्र फ्लौंट करती नजर आईं हैं, जिनमें दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) से लेकर प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) का नाम भी शामिल है. पार्टी हो या कोई फंक्शन हर जगह बौलीवुड के डायमंड के मंगलसूत्र ने उनके लुक पर चार चांद लगाया है. वहीं ट्रैंडी मंगलसूत्र देखकर फैंस भी तारीफें करना नही भूलते हैं.

 

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क्राइम शो देखने की लत को कैसे दूर करूं ?

सवाल-

मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. सासससुर नहीं रहे इसलिए 17 साल का देवर साथ ही रहता है. मैं उसे अपने बच्चे जैसा प्यार करती हूं. पर इधर कुछ दिनों से देख रही हूं कि वह टीवी पर अकसर क्राइम शो देखता है और उसी पर बातें भी करता है. कुछ दिनों पहले उस का 2-4 लड़कों से झगड़ा भी हो गया था. मैं ने डांटा तो पलट कर जवाब तो नहीं दिया पर उस ने उस दिन से मुझ से बात कम करता है. क्राइम शो देखने की लत कई बार मना करने पर भी उस ने नहीं छोड़ी है. उस की यह लत उसे गलत दिशा में तो नहीं ले जाएगी? कृपया उचित सलाह दें?

जवाब-

टीवी पर दिखने वाले अधिकतर क्राइम शो काल्पनिक होते हैं, जो समाज में जागरूकता तो नहीं फैलाते अलबत्ता लोगों को गुमराह जरूर करते हैं.

अकसर रिश्ते में धोखाधड़ी, एक दोस्त द्वारा दूसरे दोस्त का कत्ल, पैसे के लिए हत्या, शादी में धोखा, अवैध संबंध, पतिपत्नी में रिश्तों में विश्वास का अभाव दिखाना कहीं न कहीं लोगों के मन में अपनों के प्रति अविश्वास का भाव ही पैदा करता है. यकीनन, टीवी पर दिखाए जाने वाले अधिकतर क्राइम शो न सिर्फ रिश्तों को प्रभावित करते हैं, अपराधियों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाते हैं.

हाल ही में एक खबर सुर्खियों में आई थी जिस में एक आदमी ने अपनी ही पत्नी की निर्मम हत्या कर दी थी. जब वह पकड़ा गया तो उस ने पुलिस को बताया कि यह हत्या उस ने टीवी पर प्रसारित एक क्राइम शो देखने के बाद की थी. यह कोई एक मामला नहीं. आएदिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं.

अधिकतर क्राइम शो में दिखाया जाता है कि अपराधी किस तरह अपराध करते वक्त एहतियात बरतता है, ताकि वह कानून के चंगुल में फंस न सके. इस से कहीं न कहीं आपराधिक मानसिकता

के लोगों का गलत मार्गदर्शन ही होता है.

बच्चों को तो इन धारावाहिकों से दूर ही रखने में भलाई है. और फिर आप के देवर की उम्र तो अभी काफी कम है. उस का मन अभी पढ़ाई की ओर लगना चाहिए. आप उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसे अच्छी पत्रिकाएं या अच्छा साहित्य पढ़ने को दें या प्रेरित करें. आप चाहें तो अपने पति से भी बात करें ताकि समय रहते उसे सही दिशा की ओर मोड़ा जा सके.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय कार्यक्रम “मन की बात” में टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में खिलाडियों के जीवन संघर्ष और उससे निकल कर इस मुकाम तक पहुंचने की गाथा को सराहा. उन्होंने कहा कि टोक्यो जा रहे हमारे खिलाड़ियों ने बचपन में साधनों-संसाधनों की हर कमी का सामना किया, लेकिन वो डटे रहे, जुटे रहे . उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की प्रियंका गोस्वामी जी का जीवन भी बहुत सीख देता है .  एक बस कंडक्टर की बेटी  प्रियंका ने बचपन से ही मेडल के प्रति आकर्षण था जिसने उन्हें रेस वाकिंग का चैंपियन बनाया.

प्रधानमंत्री ने बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला

इसी के क्रम में उन्होंने वाराणसी के शिवपाल सिंह का नाम लिया जो जेवलिन थ्रो के खिलाड़ी हैं.  शिवपाल का तो पूरा परिवार ही इस खेल से जुड़ा हुआ है . इनके पिता, चाचा और भाई, सभी भाला फेंकने में पारंगत हैं . पीएम ने कहा कि परिवार की यही परंपरा उनके लिए टोक्यो ओलंपिक में काम आने वाली है .

मुख्यमंत्री ने दिया प्रधानमंत्री को धन्यवाद

मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने हमेशा खेलों को बढ़ावा दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पी एम की प्रेरणा से ही उनकी सरकार ने खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन की नीति अपनाई जिससे अनेक खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल की.

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