क्यों खास हैं खिलौने

खिलौने बच्चों की सोचने की क्षमता बढ़ाने के साथसाथ उन्हें कुछ नया करने के लिए भी प्रेरित करते हैं. जानिए, कौनकौन से खिलौने कैसे हैं मददगार:

टैलीफोन गेम

बच्चा अपने खिलौने वाले टैलीफोन को अपने पास पा कर बेहद खुश होता है. उस के चेहरे की मुस्कुराहट से उस की खुशी का अंदाजा लगाया जा सकता है. यह उस के लिए सिर्फ मनोरंजन का माध्यम ही नहीं, बल्कि वह इस के जरीए नंबर्स को पहचानने की भी कोशिश करता है और धीरेधीरे रिंग बजने का मतलब फोन उठाना और बात करना है, यह समझने लगता है. अपने खिलौने वाले फोन से झूठमूठ में अपने पेरैंट्स से बात करने की भी कोशिश करता है, जिस से उसे समझ आ जाता है कि फोन के माध्यम से वह किसी से भी बात कर सकता है.

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टी सैट

मां जब घर में मेहमानों के सामने चाय लाती है तो मां को ऐसा करता देख बच्चा भी यही सोचता है कि वह भी ऐसा कर पाता. ऐसे में टी सैट जहां बच्चों को नया खेल सिखाता हैं वहीं वे भी मां व घर के अन्य सदस्यों के लिए टी सैट में झूठमूठ की चाय बना कर परोसते हैं, जिस से खेलखेल में उन्हें मां के काम में हाथ बंटाना आता है.

मैडिकल किट

डाक्टरडाक्टर खेलना बच्चों को खूब पसंद आता हैं, क्योंकि जब उन के पेरैंट्स उन्हें बीमार होने पर डाक्टर के पास ले जाते हैं, तो डाक्टर उन का चैकअप कर के उन्हें दवा देने के साथसाथ इंजैक्शन भी लगाता है ताकि वे जल्दी ठीक हो जाएं. यह देख बच्चों के मन में भी ऐसा करने की इच्छा होती है. वे अपनी डौल को झूठमूठ में बीमार कर अपनी मैडिकल किट में से दवा देते हैं व इंजैक्शन लगाते हैं. वे इंजैक्शन लगाते समय यह भी एहसास कराने की कोशिश करते हैं कि इस से उसे दर्द नहीं होगा, बल्कि वह जल्दी ठीक हो जाएगी. यानी उन में इस के माध्यम से मैडिकल किट में रखी चीजों की समझ आ जाती है.

स्मार्टफोन

बच्चे कोई भी चीज जोरजबरदस्ती से सीखना पसंद नहीं करते, बल्कि वे अलग तरीके से सीखना चाहते हैं ताकि वे लर्न भी कर पाएं और उन्हें इस के साथसाथ फन भी मिले. ऐसे में वे स्मार्टफोन के जरीए नंबर्स के बारे में जानते हैं और उन में से निकलने वाली अलगअलग ध्वनि को भी पहचानने की कोशिश करते हैं, जो उन की कल्पनाशीलता को बढ़ाने का काम करती है.

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म्यूजिकल गेम्स

बच्चा जन्म के बाद सिर्फ मां के स्पर्श को पहचानता है, लेकिन धीरेधीरे परिवार के हर सदस्य के स्पर्श व उन की आवाजों को पहचानना शुरू कर देता है. ठीक ऐसे ही म्यूजिकल गेम्स से विभिन्न आवाजों की पहचान करना भी सीखता है. म्यूजिक सुन उस के चेहरे पर मुसकान आ जाती है. इस तरह खिलौने बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं.

निशाने पर महिलाएं क्यों

सख्त सरकार के वादे करने आसान हैं पर सरकार चलाना कोई मंत्र पढ़ना या हवन पढ़ना नहीं, जिस में जजमान 501 चीजें जमा कर दे और पुजारी उन्हें आग में झोंक कर कह दे कि सबकुछ ठीक हो गया.

सरकार चलाने का मतलब है लाखों बाबुओं को मैनेज करना, सही जानकारी जमा करना, कानून और अदालतों में भरोसा पैदा करना. आजकल किसी भी दिन का अखबार खोल लें बलात्कार के मामले दिख जाएंगे. ये वे मामले हैं, जिन में औरतें और लड़कियां ही नहीं छोटी बच्चियां तक शामिल हैं जो पुलिस में जाने की हिम्मत तभी करती हैं जब वे अपने और अपने पूरे परिवार के भविष्य पर कालिख पुतवाने को तैयार हों.

देश की कानून व्यवस्था यह है कि जिद्दी सरकार लाखों किसानों को नहीं मना पा रही कि उस के कानून सही हैं और नतीजे में किसानों ने एक मुख्यमंत्री को

अपने ही राज्य में एक गांव में घुसने नहीं दिया.

कानून व्यवस्था का यह हाल है कि अदालतों को लोग अब पहचान गए हैं कि ऊपर से नीचे तक की अदालतें उन्हें बंद कर रही हैं, जो सरकार की पोल खोल रहे हैं, उन को नहीं जो गले में भगवा दुपट्टा बांधे चौराहों पर वसूली कर रहे हैं.

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महिलाएं इस गिरती कानून व्यवस्था की सब से बड़ी पीडि़ता हैं, क्योंकि उन्हें ही अपने घर पर होने वाले हमलों का खमियाजा भुगतना पड़ता है या उन का अपना कोई बेगुनाह जेल में ठूंस दिया जाए तो महीनों अदालतों के चक्कर लगाते रहना पड़ता है.

अगर हर रोज बलात्कार, हत्या, चेन झपटमारी, चोरी, फ्रौड के मामले सामने आ रहे हैं तो हर रोज अदालतों से फैसले भी आ रहे हैं कि महीनों तक जेल में सड़ रहे व्यक्ति के खिलाफ तो कोई सुबूत ही नहीं है, जिस पर उसे अपराधी ठहराया जा सके. इस का मतलब है कि पुलिस और नेताओं के पास अपार ताकत है कि वे महीनों तक किसी को बंद रखवा सकें और कोई चूं भी न कर सके.

औरतों के लिए आज की सरकारें और शासन असल में सासससुर और घर बैठी ननद जैसी हो गई हैं, जो केवल गलती निकालना जानती हैं और नईनवेली बहू को काम में जोते रखना चाहती हैं.

ये शादी के समय तो मोटा दहेज वसूल कर लेती हैं ही, हर रोज नए टैक्सों की शक्ल में भी जबरन टैक्स बढ़ाती हैं. सास की तरह मान कर चलती हैं कि बहू कोई काम ढंग से करना ही नहीं जानती.

आज आम जनता की दुर्दशा गरीब मांबाप की बेटी जो बहू बनी सी है. औरतों के हकों की बात तो इधरउधर होती है पर यह सरकार जैसे संस्कार, संस्कृति, रीतिरिवाज, धर्म का नाम ले कर सताई औरत का मुंह बंद कर देती है वैसे ही उस जनता का भी मुंह बंद कर देती है, जो सताई जा रही है. दिक्कत यह है कि कोई राजा राममोहन राय या सावित्री बाई फुले भी नहीं है, जो औरतों सरीखी जनता के हकों के लिए आगे आए.

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Bigg Boss 14: Nikki के बाद दूसरी फाइनलिस्ट बनीं ये कंटेस्टेंट, एजाज खान को लगेगा झटका

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 14’ का फिनाले अब एक हफ्ते दूर है, जिसके चलते टिकट टू फिनाले का टास्क भी पूरा हो गया है. वहीं टास्क को जीतने वाली रुबीना दिलाइक ने निक्की तम्बोली को पहला फाइनलिस्ट बना दिया है. लेकिन अब खबरे हैं कि शो का दूसरा फाइनलिस्ट भी मिल गया है, जिसका नाम जानने के बाद दर्शकों को झटका लगने वाला है. आइए आपको बताते हैं कौन है दूसरा फाइनलिस्ट…

राखी बनेंगी दूसरी फाइनलिस्ट

खबरों की मानें तो आखिरी वीकेंड का वार से पहले ही दो फाइनलिस्ट की घोषणा हो जाएगी. जहां निक्की तम्बोली (Nikki Tamboli) शो की पहली फाइनलिस्ट बन चुकी हैं. तो वहीं अब राखी सावंत भी इस शो की दूसरी फाइनलिस्ट बन जाएंगी, जिसके कारण दोनों नौमिनेशन से बच जाएंगी. दरअसल, एक टास्क में राखी 14 लाख रुपए की रकम चुकाकर फाइनलिस्ट बनेंगी. वहीं यह रकम विनर के अमाउंट से कट जाएगी. राखी के इस फैसले का सीधा असर शो के दूसरे नौमिनेटिड कंटेस्टेंट पर पड़ेगा.

 

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घर से हो सकती हैं बेघर

 

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वोटिंग ट्रेंड्स के आधार पर निक्की और राखी दोनों ही बॉटम थीं. लेकिन अब सेफ होने के बाद राहुल वैद्य, रुबीना दिलाइक, अली गोनी और देवोलिना भट्टाचार्जी खतरे हैं. वहीं कुछ फैंस के मन में सवाल है कि इस हफ्ते कौन एलिमनेट होगा तो दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि एजाज खान की प्रौक्सी देवोलीना इस हफ्ते घर से बेघर होंगी.

एजाज नही लौटेंगे वापस

 

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खबरों  की मानें तो देवोलीना भट्टाचार्जी ही ऐसी कंटेस्टेंट हैं, जिन्हें इस समय सबसे कम वोट मिल रहे हैं, जिसका मतलब साफ है कि इस हफ्ते वह घर से बेघर होने की कगार पर हैं. हालांकि देवोलीना, एजाज की प्रौक्सी हैं, इसीलिए इस एलिमनेशन का सीधा असर एजाज पर पड़ेगा. वहीं एजाज का इंतजार कर रहे फैंस इस बाद से बेहद दुखी होंगे.

 

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बता दें, अगले हफ्ते शो का फिनाले हैं, जिसकी तैयारियों और टास्क में शो के कंटेस्टेंट जमकर मेहनत करते नजर आ रहे हैं. वहीं शो में इन दिनों कंटेस्टेंट का सपोर्ट करने वाले उनके दोस्त और फैमिली काफी मदद करते नजर आ रहे हैं.

बेटी पाखी के बर्ताव को देखकर दुखी हुई अनुपमा, लिया फैसला

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की टीआरपी बढ़ती जा रही हैं, जिसके कारण मेकर्स ने कहानी में नए-नए ट्विस्ट ला रहे हैं. अनुपमा की जिंदगी में कहानी में अब नया मोड़ आने वाला है, जिसके कारण पाखी और वनराज अनुपमा के खिलाफ प्लान करती नजर आने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

प्रिंसिपल चलती है ये चाल

अनुपमा के स्कूल में आग लगने के बाद प्रिसिंपल सारा दोष उसके सिर पर ही मढ़ना चाहती है. हालांकि अपने वसूलों की पक्की अनुपमा, प्रिसिंपल के दवाब में आकर भी मीडिया के सामने झूठ नहीं बोलना चाहती है. वहीं वनराज (Sudhanshu Pandey) पूरी कोशिश कर रहा है कि अनुपमा अपनी जॉब छोड़ दें.

 

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पाखी को स्कूल से निकालने पर फैसला लेगी अनुपमा

 

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अनुपमा के घर के बाहर आकर कुछ लोग उससे सवाल पूछकर शाह परिवार के बीच हंगामा करते नजर आए. इसी बीच स्कूल से पाखी को निकालने का फरमान आ आएगा, जिसके बाद पाखी घर में खूब बवाल करती नजर आई. साथ ही अपनी मां अनुपमा को जमकर खरी खोटी सुनाती दिखी. पाखी गुस्से में लेटर पर अनुपमा के अंगूठे का निशान भी ले लेती है.

अनुपमा-वनराज के बीच होगी लड़ाई

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पाखी के बर्ताव से दुखी अनुपमा को गुस्सा आ जाता है, जिसके बाद वह स्कूल से आए कागज फाड़ देगी. वहीं इस बात से नाराज वनराज, अनुपमा को 24 घंटे की मोहलत देकर उसे अपना फैसला बदलने के लिए कहेगा.

स्कूल में अनुपमा देगी ये बयान

 

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स्कूल की प्रिंसिपल की लापरवाही की बात को मीटिंग में सामने रखते हुए अनुपमा सच बता देती है. हालांकि उससे सबूत देने की बात कहते हैं तो वह कहेगी कि मेरे पास सबूत है, जिसके बाद सभी हैरान हो जाते हैं. अब देखना ये है कि अनुपमा के इस फैसले का पाखी के भविष्य पर क्या असर पड़ने वाला है.

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शादी के 8 साल बाद Ishqbaaz एक्टर Nakul Mehta बने पापा, फोटो वायरल

साल 2020 में कई सेलेब्स ने दुनिया को अलविदा कहा तो वहीं कई सेलेब्स ने शादी करने का फैसला लिया. वहीं सेलेब्स ने अपनी प्रैग्नेंसी की खबर से फैंस को चौंका दिया. हाल ही में टीवी एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी ने अपने बेटे को जन्म दिया. लेकिन अब खबर है कि इश्कबाज सीरियल फेम एक्टर नकुल मेहता भी पापा बन चुके हैं, जिसके खबर फैंस के साथ शेयर करते हुए उन्होंने फोटो शेयर की है. आइए आपको दिखाते हैं नकुल मेहता का खास पोस्ट…

शादी के 8 साल बने पापा

शादी के 8 सालों बाद लॉकडाउन के दौरान नकुल मेहता ने फैंस के साथ गुड न्यूज़ शेयर की थी, जिसके बाद अब उन्होंने पापा बनने की खबर शेयर करते हुए पापा बनने की खबर शेयर की है. 2021 की शुरुआत में नकुल की पत्नी जानकी पारेख (Jankee Parekh) ने बेटे को जन्म दिया है.

 

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जानकी ने की फोटो शेयर

 

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बेटे के हाथों की प्यारी सी एक फोटो शेयर करते हुए नकुल की वाइफ जानकी ने लिखा कि फरवरी 3 2021, हमारी फैमिली, आभारी और नींद से भरी हुई.

फोटो को लेकर रहते थे सुर्खियों

 

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प्रैग्नेंसी की खबर शेयर करने के बाद से नकुल अक्सर अपनी फोटो शेयर करते रहते हैं, जिसमें उनकी प्रैग्नेंसी फोटोशूट की फोटोज भी शामिल हैं.

बचपन के दोस्त हैं नकुल और जानकी

 

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एक्टर नकुल मेहता और उनकी वाइफ जानकी पारेख एक दूसरे को बचपन से जानते हैं, जिन्होंने अपनी लाइफ की नई शुरुआत करते हुए 2012 में सात फेरे लिए थे.

 

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बता दें, एक्टर नकुल मेहता कई सीरियल्स में काम कर चुके हैं, जिनमें इश्कबाज सीरियल से वह काफी फेमस हुए थे वहीं उनकी सुरभि चंदना संग जोड़ी काफी पौपुलर हुई थी. वहीं फैंस दोबारा इस जोड़ी को स्क्रीन पर देखने की मांग करते रहते हैं.

Femina Miss India 2020: Grand Finale में ग्लैमरस अंदाज में नजर आईं बॉलीवुड हसीनाएं, देखें फोटोज

फेमिना मिस इंडिया 2020 का हाल ही में ग्रैंड फिनाले मनाया गया, जिसमें मौडल्स ने जहां अपने लुक से फैंस को दिवाना बनाया तो वहीं बौलीवुड एक्ट्रेसेस ने अपने ग्लैमरस अंदाज में बिजलियां गिराई. दरअसल, शो में वाणी कपूर, नेहा धूपिया और चित्रांगदा सिंह ने अपने हुस्न से फैंस को दिवाना बनाया, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं फेमिना मिस इंडिया 2020 में एक्ट्रेसेस के लुक की खास फोटोज…

हौट लुक में पहुंची वाणी कपूर

बौलीवुड एक्ट्रेस वाणी कपूर (Vaani Kapoor) ने फेमिना मिस इंडिया 2020 में डांस परफौर्मेंस में जमकर अपने हुस्न की बिजलियां गिराती नजर आईं. डार्क पर्पल कलर के आउटफिट में मीडिया के सामने वाणी जमकर पोज देती नजर आईं, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया छाई हुई हैं.

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फैंस का चित्रांगदा सिंह ने जीता दिल

फैशन के खास इवेंट में चित्रांगदा सिंह (Chitrangada Singh) बेहद खूबसूरत लुक में नजर आईं. चित्रांगदा सिंह ने येलो कलर का आउटफिट पहना था, जिसमें उनका लुक बेहद खास लग रहा था. वहीं उनके साथ बॉलीवुड एक्टर पुल्कित सम्राट भी नजर आए.

नेहा धूपिया ने लूटी महफिल

 

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स्टाइलिश अंदाज में फेमिना मिस इंडिया 2020 का हिस्सा बनने के लिए नेहा धूपिया भी पहुंची थीं, जिसमें उनका लुक काफी खूबसूरत था. लौंग ड्रैस के साथ कोट का कौम्बिनेशन नेहा के लुक को बेहद खूबसूरत बना रहा था.

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मौडल्स का लुक भी था खास

फैशन से जुड़े इस शो में कंटेस्टेंट्स ने अपने लुक से फैंस का दिल जीता. नए-नए आउटफिट में उनका लुक स्टाइलिश और हौट लग रहा था. वहीं तेलंगाना की मानसा वाराणसी ने फेमिना मिस इंडिया 2020 का खिताब जीत लिया है, जिसमें उनका लुक काफी खूबसूरत लग रहा था.

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कैसे करे कलर्ड बालों की देखभाल

जब मैंने अपनी बेटी को जन्म दिया था तो एक माँ बनने के सुख के साथ साथ, तेजी से सफ़ेद और झड़ते बालो का तोहफ़ा भी मिल गया था. उस समय मेरी उम्र यही कोई 26 बर्ष की थी. मेरे बाल कभी भी सिल्की स्मूथ नही थे पर इतने रूखे सूखे और बेजान भी नही थे. बेटी के जन्म से पहले मैं अपने इक्का दुक्का सफेद बालों को हिना, कॉफ़ी और दही या अंडे का पैक लगाकर मैनेज कर लेती थी.

परन्तु बेटी के जन्म के बाद , मैंने हेयर कलर की दुनिया मे प्रवेश किया. शुरू शुरू में तो सब कुछ ठीक था परन्तु एक वर्ष के पश्चात ही बालों में रूखापन बढ़ गया था. और बालों का झड़ना तो कभी रुका ही नही था. दो वर्ष में ही बाल पहले से आधे हो गए थे.

जिसने भी सलाह दी उसने ही हेयर कलर को ज़िम्मेदार बताया तो फिर से मैंने हिना की तरफ कदम बढ़ाया पर अब बाल और भी अधिक रूखे हो गए थे . अगर सच कहूं तो नौकरी, घर और बच्ची की ज़िम्मेदारी के साथ बालो में मेहंदी लगाना अब एक समस्या लगने लगी थी.

फिर मैंने सोचा ना मेहंदी, ना कलर , बालो को यू ही छोड़ देती हूँ. दो, तीन महीने गुजर गए थे कि तभी लिफ़्ट में मेरी ही एक हमउम्र लड़की ने मुझे आंटी कहकर संबोधित किया . पहले तो मैं एकदम सकते में आ गई . पर जब मैंने आईने में खुद को देखा तो कुछ गलत तो नही कह रही थी वो . तीन महीनों में ही बालों की चांदी में काफ़ी इज़ाफ़ा हो गया था. उम्र एकाएक दस साल अधिक दिख रही थी.

कुछ समझ नही आ रहा था और तभी मुझे मेरी दोस्त श्वेता मिली. उसके खूबसूरत बाल देखकर मुँह से निकल गया”यार कितनी लकी हैं तू”

श्वेता ने हंसते हुए बताया”मैडम पिछले दस सालों से हेयर कलर कर रही हूँ परन्तु कुछ कुछ छोटे टिप्स अपना कर मैंने अपने कलर्ड बालो को संभाल रखा हैं” श्वेता ने बाहरी और अंदरूनी दोनो तरह के नुस्खे अपना कर अपने बालों की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनो मैनेज कर रखी हैं.

1. कलर बालों को कम और फ़िल्टर्ड पानी से धोएं-

अगर आप चाहती हैं कि बालों में कलर लंबे टाइम तक टिके तो उन्हें बस हफ़्ते में एक बार धोएं. अगर गर्मी या नमी वाली जगह रहती हैं तो दो बार भी धो सकती हैं. अगर आपको रोज बाल धोने की आदत हैं तो हफ़्ते के बाकी दिन ड्राई शैम्पू ही इस्तेमाल करे. कलर बाल अधिक रूखे हो जाते हैं तो कोशिश करे बालो को फिल्टर्ड पानी से धोएं और यदि सम्भव ना हो तो लास्ट रिंस हमेशा फ़िल्टर्ड वाटर से कीजिए.

2. सलफेट फ़्री शैम्पू का करे इस्तेमाल-

कलर बालों को हमेशा सलफेट फ़्री शैम्पू से धोएं. ये बालों के लिए सौम्य होता हैं और उनका झड़ना और रुखा होना रोकता हैं.

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3. कंडीशनिंग हैं जरूरी-

बालो को शैम्पू करने के पश्चात , एक हाई मॉइस्चराइजइंग कंडीशन का इस्तेमाल करे. अगर आपको बाल अधिक रूखे लगते हैं तो बिना शैम्पू करे भी कंडीशन कर सकती हैं.

4. हेयर मास्क से बढ़ाए बालो की सेहत-

प्रोटीन युक्त हेयर मास्क बालो का झड़ना रोकने में सहायक होते हैं. ये बालो में चमक के साथ साथ उन्हें मजबूती भी प्रदान करते हैं. एक चम्मच मेथी दाना और दही का पेस्ट हर हफ़्ते यदि आप बालों में लगाते हैं तो बाल एकदम मुलायम हो जाते हैं और लगातर इस्तेमाल बालो के झड़ने को रोकने में भी सहायक होता हैं.

5. तेज़ धूप में बालों को स्कार्फ़ से कवर करें-

सूरज की तेज किरणे आपके बालों के कलर को जल्दी फेड करती हैं. इसलिये अपने बालों को हमेशा स्कार्फ़ या किसी दुप्पटे से ढक कर रखे. कलर फेड भी नही होगा और आपके बाल धूल और अन्य प्रदूषित पदार्थो से भी बचे रहेंगे.

6. बालो को करें एयर ड्राई-

कलर बालो को हमेशा हवा में ही सूखने दे. अगर आप कलर बालों को ब्लो ड्राई करेंगी तो वो और रूखे हो जाएंगे. कलर बालो को जहां तक संभव हो हीट ट्रीटमेंट और स्टाइलिंग प्रोडक्ट से बचा कर रखे.

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कोई भी हेयर कलर की ब्रांड कितना भी दावा करे कि वो केमिकल फ़्री हैं पर हकीकत में कोई भी प्रोडक्ट बिना केमिकल के आपके बालों को नही रंग सकता हैं. परन्तु कुछ छोटे छोटे परिवर्तन करके आप अपने बालों को बेहिचक कलर कर सकती हैं. आखिर खूबसूरत महसूस करना हर औरत का वाज़िब हक है.

मेरे दाएं घुटने में दर्द हो रहा है, इसका कारण और इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 38 साल है. कुछ दिनों  से मेरे दाएं घुटने में दर्द हो रहा है. सूजन भी हो गई है. कृपया इस के होने का कारण और समाधान बताएं?

जवाब-

इस का कारण चोट, गठिया या कोई अन्य कारण जैसेकि बेकर्स सिस्ट हो सकता है. बेकर्स सिस्ट सीनोवियल द्रव से भरी एक नर्म गांठ है, जो घुटनों के पीछे की ओर विकसित हो जाती है. इसे पोप्लिटीयल सिस्ट के नाम से जाना जाता है. गांठ दर्ददायक होती है. इस के आसपास सूजन आ जाती है. ऐसे में घुटने को मोड़ना मुश्किल हो जाता है.

यदि असल समस्या यही है तो लापरवाही दिखाना आप पर भारी पड़ सकता है. इसलिए जल्द से जल्द इस की जांच कराएं. समस्या हलकी होगी तो यह खुद ठीक हो जाएगी और डाक्टर आप को केवल आराम और हलकी दवाइयों की सलाह देगा. समस्या गंभीर होने पर आप को अन्य विकल्पों की सलाह दी जाएगी.

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डॉक्टर अतुल मिश्रा, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा

कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान गठिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. सामान्य दिनों की तुलना में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को घुटने के दर्द से अधिक समस्या हुई है.

घुटनों और जोड़ों के दर्द के कारण उन्हें चलनेफिरने और खासतौर पर सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत होती है. घुटनों में दर्द का मुख्य कारण गठिया है और इसके लिए उठनेबैठने का तौर तरीका भी काफी हद तक जिम्मेदार है. नियमित जीवन में छोटीछोटी चीजें घुटने का दर्द दे सकती हैं.

भारत के लोगों में घुटने मोड़ कर और पालथी मार कर बैठने की अक्सर आदत होती है. सामूहिक भोजन करना हो, घर के कामकाज करने हो या आपस में बातें करनी हों-इन सभी कामों में महिलाएं घुटने मोड़ कर ही बैठती है. यहां तक कि भारतीय शैली के शौचालय में भी घुटने के बल बैठना पड़ता है. बैठने की यह शैली हमारी आदतों में शुमार हो गई है और इस आदत के कारण यहां लोग कुर्सी, सोफे या पलंग पर भी घुटने मोड़ कर बैठना पसंद करते हैं. बैठने के इस तरीके में घुटने पर दबाव पड़ता है जिससे कम उम्र में ही घुटने खराब होने की आशंका बढ़ती है. हालांकि इस के असर तुरंत नहीं दिखते लेकिन उम्र बढ़ जाने पर घुटने की समस्या हो जाती है.”

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बैठने का तरीका दे सकता है घुटने का दर्द

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

खुद को बदलने की जरूरत

कोरोना के और भी बहुत से भले हुए हैं. लोगों का फालतू घूमनाफिरना, खरीदना तो कम हो गया ही गया है, शादियां भी कम तड़कभड़क से हो सकती हैं, पक्का हो गया है. यह लंबे समय तक चलेगा, इस की उम्मीद नहीं है पर फिर भी जब तक है तब तक शादी में 50 की संख्या मांबाप के लिए कोरोना का बोनस है.

अब शादी पर बरबादी नहीं होती. घर के निकट के लोग ही वरवधू को सुखी जीवन के आशीष दे देते हैं. इतने ही लोग असल में हंसीठट्ठे, चुहुलबाजी, विवाह की रौनक के लिए काफी हैं.

पूरे समाज को बुला लेना, उस के ठहरने का इंतजाम करना, उसे खिलानापिलाना निरर्थक और बेमानी है. यह परंपरा न जाने क्यों शुरू हुई कि विवाह धूमधाम से पूरे रिश्तेदारों को बुला कर ही करें तो ही पूरा होगा.

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शादी 2 दिलों और जिस्मों का जोड़ है. पहले जब वे एकदूसरे को नहीं जानते थे तब भी और अगर अब जब लंबी डेटिंग के बाद शादी हो तो दूरदूर से संबंधी और दोस्त आएं, कोई तुक की बात नहीं है.

विवाह एक पूरा व्यवसाय बन गया है. आजकल पहले तो विवाह के लिए वरवधू ढूंढ़ने के लिए पूरी कंपनियां बन गई हैं, जिन के पास 6-7 से ले कर सैकड़ों तक का स्टाफ रहता है और जब शादी योग्य कोई मिल जाए तो शादी आयोजन कराने वाले आ धमकते हैं.

आम आदमी वर्षों की जमापूंजी इस प्रक्रिया में खर्च कर डालता है, जो कुछ घंटों का सुख देती है. जोड़े को सुख दे सकेगी, इस की गारंटी कोई नहीं देता.

इस से अच्छा तो यह धूमधाम पहले बच्चे पर की जाए, शादी के 10 साल बाद की जाए, 20 साल बाद की जाए. वे अवसर हैं जो सुखी विवाहित जीवन की गारंटी हैं और जिन्हें सब के साथ मिल कर मनाना एक खुशी की बात है.

कोरोना जातेजाते अगर परमानैंटली इस वरदान को मानव समाज को दे जाए तो भला होगा. विवाह पर खर्च भारत में ही नहीं सभी समाजों में होता है और एकदूसरे की देखादेखी यह खर्च करोना से पहले बढ़ रहा था. अब शायद इस में कोई रुकावट आए.

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