BIGG BOSS 14: अर्शी खान से लड़ाई के चलते शो से बाहर हुए विकास गुप्ता, जानें क्या है मामला

कलर्स के रियलिटी शो बिग बौस 14 में इन दिनों कई ट्विस्ट आते दिख रहा है, जिसके कारण शो की टीआरपी में भी उछाल देखने को मिला है. जहां शो में इन दिनों चैलेंजर्स की एंट्री से फैंस खुश हैं तो वहीं बीते दिनों अभिनव शुक्ला और रुबीना दिलैक के मामले ने उन्हें परेशान कर दिया था. इसी बीच अर्शी खान के विकास गुप्ता पर वार का रिएक्शन सामने आया है. दरअसल, खबरे हैं कि हिंसा के चलते शो के मास्टरमाइंड विकास को शो से बाहर कर दिया गया है. आइए आपको बताते हैं क्या है मामला…

हिंसा के चलते बाहर हुए विकास

शो में इन दिनों विकास और अर्शी शो में कई बार एक-दूसरे से भिड़ते हुए नजर आते रहते हैं, जिसके कारण पिछले दिनों मारपीट की भी नौबत आ गई थी. लेकिन उस वक्त दोनों का मामला सुलझ गया था. पर अब यह मामला बिगड़ गया है. दरअसल, शो चैलेंजर के रूप में एंट्री करने वाले विकास को अर्शी के साथ फिजिकल वॉइलेंस करने के लिए शो से निकाला गया है. विकास ने कथित तौर पर अर्शी खान को धक्का दिया, जिसके लिए मेकर्स ने उन्हें शो से बाहर करने का फैसला किया है. क्योंकि हाउसमेट्स के साथ हिंसक होना बिग बौस हाउस के नियमों के विरुद्ध है. हालांकि अभी विकास के पास जोकर कार्ड है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि विकास शो में दोबारा आ सकते हैं.

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सलमान भी दे चुके हैं अर्शी को वॉर्निंग

बीते दिन हुए वीकेंड का वार के एपिसोड में शो के होस्ट सलमान खान भी अर्शी चेतावनी दे चुके हैं. दरअशल, शो के दौरान अर्शी ने सलमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे उम्मीद है कि सलमान उसके होंठों का मज़ाक उड़ाएंगे. हालांकि सलमान ने कहा कि वह इस तरह के आरोपों के लिए चुप नहीं होंगे. वहीं जब अर्शी ने कहा कि वह सिर्फ मजाक कर रही थीं, तो सलमान ने कहा कि उनकी उम्मीद है कि शो का हर प्रतियोगी सम्मानपूर्वक घर से बाहर जाए, क्योंकि उन्हें इस तरह के चुटकुले पसंद नहीं हैं, इसलिए बेहतर होगा कि अर्शी उनसे बिल्कुल न बोलें.

 

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बता दें, शो में इन दिनों काफी उथल पुथल देखने को मिल रही है. जहां शो में राहुल वैद्य की दोबार एंट्री हो रही है तो वहीं एली गोनी और निक्की तम्बोली भी शो को दोबारा हिस्सा बन चुके हैं, जिसके कारण शो की टीआरपी भी बढ गई है.

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पत्नी की बेवफाई पर चुप्पी कितनी व्यावहारिक

पार्टनर द्वारा बेवफाई किए जाने का दर्द काफी गहरा होता है. बेवफाई का मर्ज हंसतेखेलते परिवारों को पल भर में मिटा सकता है, खुशियों पर ग्रहण लगा सकता है और आप को अपने अजीजों से दूर कर सकता है. पर इस का मतलब यह नहीं कि इस की जानकारी मिलते ही आप अपना होशोहवाश खो बैठें.

मुंबई के नालासोपारा की एक सच्ची घटना पर गौर करें;

एक दिन एक शॉपिंग सेंटर की दूसरी मंजिल पर रहने वाले होटल सुपरवाइजर की लाश मिलती है. उस लाश के साथ ही कमरे में उस के दो नन्हे बच्चों की लाशें भी थीं. साथ ही कमरे की दीवार पर मौत की वजह भी लिखी हुई थी. सुपरवाइजर ने आत्महत्या के साथ दोनों बच्चों की हत्या के लिए बेवफाई के दर्द को जिम्मेदार ठहराया था.

जरा उस व्यक्ति की मानसिक पीड़ा की कल्पना कीजिए जिस ने सुसाइड करने से पहले चैन की नींद सो रहे अपने दो मासूम बच्चों का गला दबाया होगा.

दीवार पर लिखी मौत की वजह

श्रीधर ने तकिए से बच्चों की हत‍या करने और खुद सुसाइड करने से पहले कमरे की दीवार पर पत्नी की बेवफ़ाई का किस्‍सा लिखा. दीवार पर श्रीधर ने लिखा, ‘मेरी औरत साथ देती तो मैं ऐसा कदम नहीं उठाता. मेरी औरत बच्चों को छोड़ कर सामने वाले के साथ भाग गई इसलिए मैं ने यह कदम उठाया.’

जानकारी के अनुसार इस दर्दनाक घटना की पटकथा लिखने की शुरुआत वैलेंटाइन डे के दिन हुई थी. 42 साल के श्रीधर की पत्‍नी सोनाली अपने दो मासूम बच्चों के साथ 13 फरवरी को पड़ोस में रहने वाले तेजस के साथ भाग गई थी. हालांकि वह 16 फरवरी को वापस घर लौट आई जिस के बाद पतिपत्‍नी के बीच काफी झगड़ा हुआ. सोनाली ने श्रीधर से कहा की वह तेजस से प्यार करती है और उसी के साथ रहना चाहती है. झगड़े के बाद श्रीधर ने सोनाली से बच्चों को छोड़ कर चले जाने को कहा. इस के बाद सोनाली घर के पास ही तेजस के साथ रहने लगी.

इस बीच श्रीधर बहुत दुखी और बैचैन रहने लगा. पुलिस के मुताबिक 18 फरवरी को सोनाली और तेजस वापस कहीं चले गए जिस के बाद परेशान श्रीधर ने शाम के समय इस वारदात को अंजाम दिया.

कैसे मैनेज करें ऐसी सिचुएशन

बेवफाई का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है. मगर इस सिचुएशन में आप का रिएक्शन बहुत मायने रखता है. आप को यह समझना होगा कि इंसान बेवफाई यों ही नहीं करता. इस के पीछे कोई न कोई वजह होती है. इस लिए पार्टनर द्वारा बेवफ़ाई किये जाने का पता चलने पर एकदम से आपा खो देना, चीखनाचिल्लाना, उस से लड़नाझगड़ना और अपशब्द कहना या एकदम से कोई बड़ा फैसला ले लेना उचित नहीं.

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इसी तरह ऐसी परिस्थिति में खुद ही परेशान होते रहना, अंदाजा लगाते रहना या चुपचाप उस की बेवफाइयां देखते रहना भी व्यावहारिक नहीं है. जरुरी है कि आप पार्टनर से इस मसले पर शांति से बात करें . उसे अपना पक्ष रखने दें और यदि वह झूठ बोले कि ऐसा कुछ नहीं तो सबूत पेश करें. बिना सबूत आप अपनी बात मजबूती से कह नहीं पाएंगे.

बेहतर होगा कि पहले मन को शांत करें और सोचें कि बहुत भारी बात नहीं हुई है. ऐसा बहुतों के साथ होता रहता है. यह एक सामान्य घटना है और फिर से सब ठीक भी हो सकता है. यह आप के ही किसी एक्शन या व्यवहार में मौजूद किसी कमी का नतीजा है. इस तरह की सोच दिमाग में आते ही सामने वाले पर आप का गुस्सा कम हो जाएगा और आप वजह की तलाश करने लगेंगे. एक बार वजह मिल जाए तो फिर आप उसे दूर भी कर सकते हैं.

याद रखें;

‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी
यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता…’

इन कारणों से पत्नी करती है पति से बेवफ़ाई

भावनात्मक दूरी

अक्‍सर पाया गया है कि आमतौर पर महिलाएं तभी धोखा देती हैं जब उन्‍हें पति से भावनात्मक रूप से दूरी का अहसास होता है. एक आदमी के लिए शारीरिक सुख ज्यादा महत्वपूर्ण है पर स्त्री दिल से करीब रहना चाहती है. पत्नी जब खुद को पति से इमोशनली कनेक्टेड महसूस नहीं करती तो वह उस को धोखा दे सकती है.

पति का का पूरा अटैंशन न मिलने पर

पति द्वारा इग्नोर किये जाने पर पत्नी का गुस्सा इस रूप में जाहिर हो सकता है. वह पति का पूरा अटैंशन चाहती है पर अक्सर काम की भागदौड़ या किसी और के साथ कनेक्टेड होने के कारण पति अपनी पत्नी पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते. कुछ समय तक तो पत्नी सब कुछ सह लेती हैं मगर जब जीवन का यही ढर्रा बन जाता है तो वे विरोध स्वरूप वह घर के बाहर प्यार ढूंढना शुरु कर देती है.

सैक्सुअली खुश न रहने पर

रिश्तों में दरार आने और बेवफाई की ओर कदम बढ़ाने की एक वजह सैक्स भी है. अगर कोई महिला शादी के बाद अपनी सेक्सुअल लाइफ से खुश नहीं है तो वह अपनी इच्छा के हिसाब से अपने पार्टनर की तलाश कर सकती है. कई बार पति द्वारा बिना प्यार या भावना के जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाया जाना भी उसे गवारा नहीं होता.

जब पत्‍नी को पति के ऊपर हो शक

अगर पत्नी को लगे कि उस के पति का चक्‍कर कहीं बाहर चल रहा है तो यह बात पत‍नी के लिए सब से ज्यादा पीड़ादायक होती है. वह हर दुःख सह सकती है पर किसी और औरत को पति की जिंदगी में स्वीकार नहीं कर सकती. ऐसे में वह जैसे को तैसा के तर्ज पर अपने लिए भी किसी को तलाश कर सकती है. इस तरह बदला लेने और पति द्वारा उस के भरोसे को तोड़े जाने के विरोध में वह पति को धोखा दे सकती है.

दूसरों के आगे अपमानित करनेवाला पति

जब पति अपनी पत्नी की इज्जत नहीं करता, उस की इच्छाओं का ख़याल नहीं रखता और मारपीट करता है तो ऐसे में कई बार पत्नियां पति के अलावा किसी और पुरुष की तरफ झुकने लगती हैं. ऐसा पुरुष जो उसे सम्मान दे और उस की भावनाओं का ख़याल रखे.

बेवफाई पर माफ नहीं करते पुरुष

बेवफाई करने का हक सिर्फ मर्दों के हाथ में रहे यह मुमकिन नहीं है. आज बेवफाई के खेल में कई बार महिलाएं मर्दों से आगे निकल जाती है. बहुत सी शादीशुदा महिलाओं के एक्स्ट्रा मैरिटियल अफेयर होते हैं.

फिर भी देखा जाए तो रिलेशनशिप में महिलाओं की तुलना में पुरुषों द्वारा पार्टनर को धोखा देने की आशंका अधिक होती है मगर जब बात आती है माफ़ करने की तो ज्यादातर पुरुष ऐसा नहीं कर पाते. हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि जब बात बेवफ़ाई पर पार्टनर को माफ करने की आती है तो पुरुष ऐसा नहीं कर पाते और तुरंत तलाक ले लेते हैं या कोई बड़ा और खतरनाक कदम उठा लेते है.

पार्टनर की बेवफाई के बावजूद पुरुषों की तुलना में महिलाएं अपनी टूटी शादी को बचाने के लिए ज्यादा कोशिशें करती हैं.जब कि पुरुषों में अपनी पत्नियों की बेवफाई को सहन करने की क्षमता बेहद कम होती है.

कैसे समझें कि पत्नी बेवफ़ाई कर रही है;

पत्नी के मोबाइल पर बारबार कॉल या मैसेज का आना, पत्नी द्वारा कुछ अलग अंदाज़ में या धीमेधीमे बात करना जैसी बातें एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की तरफ इशारा करती हैं.

यदि बीवी आज कल अपने कपड़ों पर या लुक पर ज्यादा ध्यान देने लगी है या अक्सर रोमांटिक गाने जाती दिख जाती है तो समझिये कि उसे कोई अच्छा लगने लगा है.

यदि वह अपनी किसी ख़ास सहेली के साथ पहले की अपेक्षा ज़्यादा समय बिताने लगी है और फ़ोन पर ही लम्बे समय तक उसी से बात करती रहती है तो संभव है कि या तो वह उस सहेली से नए पार्टनर के बारे में सारी बातें शेयर करती है या फिर सहेली के नाम पर पार्टनर से ही मिलने जाती है.

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आप के द्वारा कुछ सवाल किए जाने पर वह एकदम से सचेत हो जाती है या ज्यादा ही सफाई देने लगे. इस तरह वह ख़ुद को ईमानदार बताने की कोशिश कर सकती है.

यदि आप की पत्नी शाम को कहीं से आ कर सीधे नहाने चली जाए तो समझ लें कुछ गड़बड़ है.

पत्नी के नज़दीक आते ही यदि आप को किसी दूसरे पुरुष जैसी महक महसूस हो और जब आप कोई सवाल पूछे जैसे कि अब तक कहां थी या आज देर क्यों हो गई तो पत्नी इन सवालों का जवाब देते समय आंखें चुराने लगे तो यह साफ है कि वह आप को धोखा दे रही है.

बेवफाई के बाद रिश्तों को दोबारा कैसे सुधारें –

याद रखें गलती किसी से भी हो सकती है. उस गलती को भुला कर आगे बढ़ना ही जिंदगी है. इसलिए अपनी बीवी को बातें सुनाते रहने या हमेशा के लिए कड़वाहट बनाए रखने के बजाए सब कुछ भूल कर फिर से नए विश्वास के साथ जिंदगी की शुरुआत करें.

1. अपने ईगो को एक तरफ रख दें और फिर रिश्ते को बचाने की कोशिश करें. याद रखें कि ताली एक हाथ से नहीं बजती. कहीं न कहीं गलती दोनों से हुई है. इस लिए मिल कर ही स्थिति सुधारनी होगी.

2. सब से पहले तो खुद को ही परखें. कहीं आप की तरफ से ही तो गलती नहीं हुई है? यदि आप से रिश्ता निभाने में कोई चूक हुई है तो पहले उसे सुधारने की कोशिश करें.

3. अगर आप को जीवनसाथी की बेवफाई के बारे में पता चल गया है तो तुरंत निर्णय लेने के बजाय शांत मन और नार्मल टोन में पहले अपने साथी से अकेले में इस बारे में बात करें और कोई समाधान निकालने की कोशिश करें.

4. अगर आप की पत्नी को अपनी गलती का अहसास हो गया है और वह सच्चे दिल से आप से माफी मांग कर सब कुछ सुधारना चाहती हों तो उन्हें एक मौका जरूर दें. कई बार परिस्थिति वश इंसान कुछ समय के लिए गलत हो सकता है लेकिन इस का यह मतलब नहीं है कि उसे गलती सुधारने का मौका ही न मिले. अपना दिल बड़ा रखें और सब कुछ भूल कर फिर से पहले की तरह प्यार से जीने का प्रयास करें.

5. कई कपल्स के बीच बेवफाई की बड़ी वजह एकदूसरे की भावनाओं को न समझना और एकदूसरे को अधिक समय नहीं दे पाना होती है. इस बात को समझ कर सुधार करना जरुरी होता है.

6. याद रखें कि अगर रिश्तों में कोई कमी लंबे समय तक बनी रहे और यह कमी किसी और से पूरी होने लगे तो उस व्यक्ति की तरफ झुकाव होना स्वाभाविक है. इसलिए बेवफाई करने पर भी पत्नी को नीचा दिखाने की बजाय अपने रिश्ते की कमियों को दूर करने का प्रयास करें.

यदि आप दोनों के बीच कुछ ऐसे शक या ग़लतफ़हमियाँ पैदा होने लगी हैं तो समय रहते सचेत हो जाएँ. वरना बात ज्यादा बढ़ गई तो रिश्ता बचाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए बेहतर है कि पहले ही आप आपसी बातचीत और समझदारी से इस तरह के तनाव दूर कर लें.

दोबारा भरोसा कायम करना

कई बार इंसान यह बात सपने में भी नहीं सोच सकता कि उस का पार्टनर बेवफाई करेगा. ऐसे में भरोसा पूरी तरह टूट जाता है. इंसान सामने वाले को माफ़ भी नहीं कर पाता. बाद में भले ही पार्टनर को अपने किए पर पछतावा हो लेकिन इस बात का यकीन दिलाने में सालों लग जाते हैं.

पत्नी की बेवफाई अपनी आंखों से देखने के बाद भी रिश्ता बचाने के लिए भले ही पति कुछ न बोले पर पतिपत्नी दोनों को समझना होगा कि अपने रिश‍ते को बचाने का मतलब सिर्फ एक छत के नीचे रहना नहीं है. शादीशुदा ज़िंदगी में खुशी बनाए रखने के लिए पतिपत्नी का एकदूसरे पर भरोसा करना भी बेहद ज़रूरी है.

यह सच है कि बेवफाई पतिपत्नी के रिश्‍ते में गहरी दरार डाल देता है. लेकिन अगर आप इस के बावजूद अपने रिश्‍ते को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं तो यह याद रखना अच्छा होगा कि इस में कई मुश्किलें आएँगी. लेकिन हिम्मत मत हारिए. आप एकदूसरे का भरोसा दोबारा जीत सकते हैं.

ज़रूरी है कि आप दोनों एक-दूसरे से खुलकर बात करें और सच बोलें.

शुरू में हो सकता है कि आप दोनों इस विषय पर बात करना बिलकुल पसंद न करें. लेकिन एक-न-एक दिन आप को खुल कर बात करनी ही होगी. आप शायद हर छोटीछोटी बात पर चर्चा न करना चाहें लेकिन चुप्पी साध लेना भी बुद्धिमानी नहीं होगी. शुरू में संभव है कि इस बारे में बात करते वक‍त गहमागहमी हो जाए लेकिन बाद में एकदूसरे से माफी मांग कर बात ख़त्म की जा सकती है. वस्तुतः खुल कर बात करने से आप दोबारा एकदूसरे के करीब आ पाएंगे.

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बेवफाई के बारे में बात कर तनाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. याद रखिए कि बात करने का मकसद अपने साथी को भलाबुरा कहना नहीं है. बल्कि यह जानना है कि आप इस हादसे से क्या सबक सीख सकते हैं और अपने रिश्ते को मज़बूत कैसे बना सकते हैं. यह समझ जाने के बाद कि इस बेवफाई की एक्चुअल वजह क्या थी, आप दोनों अपनी ज़िंदगी में ज़रूरी बदलाव लाकर अपना रिश्ता दोबारा मज़बूत कर सकते हैं.

याद रखें अगर बेवफाई आप ने की है तो सफाई मत दीजिए और न ही अपने साथी पर इलज़ाम लगाइए. अपनी गलती कबूल कीजिए. अगर बेवफाई आप के साथी ने की है तो उन के ऊपर चीखनेचिल्लाने या गंदी भाषा का इस्तेमाल करने से कुछ हासिल नहीं होगा.

2. मिल कर कोशिश कीजिए.

अगर आप मिल कर काम करें तो आप एकदूसरे का भरोसा जीतने में कामयाब हो सकते हैं. लेकिन इस के लिए दोनों को मेहनत करनी होगी. अगर एक इंसान अकेला ही कोशिश करे तो यह संभव नहीं.

कई दिनों से पीठ और हाथों में अचानक दर्द होने लगता है, इसके क्या कारण हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 42 साल है. कई दिनों से पीठ और हाथों में अचानक दर्द होने लगता है. पीठ के दर्द की तीव्रता हर बार अलग होती है. मलमूत्र में भी समस्या हो रही है और कभीकभी पैरों में भी दर्द होता है. क्या ये किसी बीमारी के लक्षण हैं या कोई सामान्य समस्या है? इस दर्द से कैसे छुटकारा पाऊं?

जवाब-

आप के द्वारा बताए गए सभी लक्षण स्पाइनल इन्फैक्शन की ओर इशारा करते हैं. हालांकि समस्या कोई और भी हो सकती है, इसलिए एमआरआई करवा के सही समस्या की पुष्टि करें. इस में रीढ़ का आकार खराब हो सकता है, इसलिए इलाज में देरी बिलकुल न करें. स्पाइनल संक्रमण का सब से सामान्य उपचार इंट्रावीनस ऐंटीबायेटिक दवाइयों के सेवन, ब्रेसिंग और शरीर को पूरी तरह आराम देने के साथ शुरू होता है. वर्टिकल डिस्क में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, इसलिए जब बैक्टीरिया अटैक करता है तो शरीर की इम्यून कोशिकाओं और एंटीबायोटिक दवाइयों को संक्रमण के स्थान तक पहुंचने में मुश्किल होती है. वहीं, संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती हैं. बे्रसिंग संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती है. इस का दूसरा इलाज सर्जरी है, जिस की सलाह तब दी जाती है जब संक्रमण पर दवा का कोई असर नहीं पड़ता है.

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इस लॉक डाउन में महिलाओं को घर के सारे काम और ऑफिस का काम घंटो बैठकर करना पड़ रहा है, जिससे वे पीठ दर्द की समस्या से पीड़ित हो रही है. वैसे भी महिलाओं को अधिकतर कमर दर्द से गुजरना पड़ता है. पीठ दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से महिलाओं का कई बार उठना-बैठना या कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. कोरोना संक्रमण के बीच ‘वर्क फ्रॉम होम’ को काफी बढ़ावा मिला है, कई कंपनियां तो लगातार अपने कर्मचारी को घर से काम करने की सलाह दी है. इसकी वाजह से 20 से 60 वर्ष की महिलाओं में लगभग 40 प्रतिशत पीठ, कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ी है. मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के इंटरवेंशनल स्पाइन & मॅनेजमेंट स्पेशालिस्ट डॉ. कैलाश कोठारी कहते है कि महिलाएं पीठ दर्द को नजरंदाज करती है और इसे वे थोडा दर्द की मलहम या सेक लगाकर ठीक करने की कोशिश करती है, जबकि ऐसा नहीं होता, सही इलाज और वर्कआउट की जरुरत इसे कम करने के लिए होती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- स्पाइन के दर्द को न करे नजरंदाज 

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Winter Special: घर पर बनाएं टेस्टी सोया-पनीर मोमोज

अगर आप मार्केट से मोमोज खाना पसंद करते हैं तो ये रेसिपी आपके काम की है. सोया पनीर मोमोज आप मार्केट से बनाने की बजाय घर से खरीद सकते हैं. ये टेस्टी और हेल्दी रेसिपी है.

– मैदा (1 कप)

– तेल 1 टीस्पून (मोयन के लिए)

– बेकिंग पाउडर (आधा टीस्पून)

– नमक (स्वादानुसार)

स्टफिंग के लिए

– पनीर -100 ग्राम (मैश्ड)

– ग्रेन्युल्स चौथाई कप (उबाले-मैश्ड)

– पत्तागोभी (चौथाई टीस्पून कद्दूकस किया हुआ)

– शिमला मिर्च (आधा कप बारीक कटी)

– गाजर 1 ( बारीक कटी हुई)

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– टमाटर 1(बारीक कटा)

– प्याज 1(बारीक कटा)

– हरी मिर्च 1 से 2 (बारीक काटा)

– लाल मिर्च पाउडर (आधा टीस्पून)

– चिली सौस (1 टीस्पून)

– टोमेटो सौस (1 टीस्पून)

– काली मिर्च  आधा टीस्पून (पिसी हुई)

– बटर (2से 3 टीस्पून)

– नमक  (स्वादानुसार)

बनाने की विधि :

– सोया-पनीर मोमोज बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में मैदा डालें और इसमें तेल, बेकिंगपाउडर,   नमक और पानी डालकर अच्छी तरह गूंपैन गर्म करें और उसमें दो टीस्पून बटर डालें.

– जब बटर मेल्ट हो जाए तब इसमें प्याज, हरी मिर्च, पत्तागोभी, गाजर, टमाटर, चिली सौस, टोमैटो   सौस, नमक और काली मिर्च डालकर पांच मिनट तक फ्राई कर लें.

– अब इसमें सोया और पनीर डालकर 2 से 3 मिनट भून लें.

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– अब मोमोज बनाने के लिए गूंथे हुए आटे से छोटी-छोटी लोई बना लें और उन्हें गोल पूरी की तरह पतला   बेल लें.

– अब इसमें एक टीस्पून स्टफिंग रखकर चारों तरफ से फोल्ड करते हुए बंद कर दें.

– इसी तरह से सभी मोमोज को बना लें और इसे सर्विंग प्लेट में निकालकर मोमोज की चटनी के साथ     गरमा गर्म सर्व करें.

–  मोमोज को भाप में पकाकर या फिर डीप फ्राई करके भी तैयार किया जाता है.

–  अब इसे नारियल की चटनी और सांभर के साथ गरमागरम सर्व करें.

आज केवल डर है

जैसे भारत में सरकार की सारी ताकत बिहार की सरकार  बनाने, बंगाल की सरकार गिराने, लव जिहाद पर कानून बनाने, राम मंदिर का निर्माण कराने और पाकिस्तान का रोना रोने में लगी है बजाय कोरोना के बढ़ते प्रकोप से निबटने के. भारत के अभिन्न मित्र, जिन के लिए गुजरात में भारी भीड़ के सामने कहा गया था, ‘फिर एक बार, ट्रंप सरकार,’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान अपने हारे चुनाव को किसी तरह जीत में बदलने में लगा है.

ट्रंप भी भारत के नेताओं की तरह आम घरों की चिंता कम करते हैं. उन का मानना है कि यह दुनिया तो बड़ा व्यापारिक जुआघर है और जो जीता वही सफल. भारत में इसे जुआघर न मान कर पौराणिक शक्ल दी जाती है कि दुखसुख तो जन्मों का साथ है, पाप करोगे तो अगले जन्म में कष्ट पाओगे और इस जन्म में कष्ट पा रहे हो तो पिछले जन्म में पाप किए होंगे, जिन का पूरा प्रायश्चित्त नहीं किया.

कोविड-19 से बीमार हो, मरे हों तो गलती सरकार की नहीं आप के कर्मों की है. सरकार तो अगला जन्म सुधारने के लिए मंदिर बनवा रही है, विधर्मियों के सिर फोड़ रही है, अधर्मियों को जेल भेज रही है, आरतियां, पूजापाठ करवा रही है. और क्या चाहिए?

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दिल्ली के बढ़ते मामलों ने साफ कर दिया है कि पिछले सालों में केंद्र सरकार ने कोई बड़ा अस्पताल नहीं बनवाया जहां गरीबोंअमीरों को बराबर की मैडिकल हैल्प मिल सके. दिल्ली सरकार, जो कानूनन पंगु है, बहुत कम कर सकती है, क्योंकि पैसा, जमीन और पुलिस केंद्र सरकार के पास है.

दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार की नकल करते हुए दीवाली पर पूजा अक्षरधाम में गानेबजाने, नाच रोशनी में मनाई ही नहीं, लगभग 26 टीवी चैनलों पर टाइम खरीद कर इस को घरघर पहुंचाया. कोविड-19 से लड़ने के लिए यह निमित नेता, जंतु और कर क्या सकता है? बाकी सब ऊपर वाले के हाथ में है. धंधे चौपट करा रही है. घरों की जमापूंजी खत्म करा रही है. लोग अस्पताल के बैडों के लिए मारेमारे फिर रहे हैं और उधर मध्य प्रदेश सरकार को कैबिनट बनाने की लगी है. डोनाल्ड ट्रंप की तरह यहां की सरकारें भी इधरउधर की हांक रही हैं.

अभी भी समय है जब मंदिर निर्माण की जगह अस्पताल निर्माण में समय लगे. सीमा पर गोलाबारी की जगह ध्यान वैक्सीन निर्माण में लगाया जाए. कोविड वारियर्स को पैसा व सुविधाएं दी जाएं जो अपनी जान जोखिम में डाल कर, अपने बीवीबच्चों की चिंता किए बिना अनजान लोगों की सेवा कर रहे हैं.

देश के नेता, पंडेपुजारी, अपने हितों का ध्यान रख रहे हैं, इन लोगों का नहीं जिन के आसरे हर बीवी, हर प्रेमिका, हर बेटी, हर किसी को भरोसा होता है कि अगर उस का कोई सगा कोविड-19 में पकड़ा गया तो बच जाएगा. आज यह भरोसा नहीं है. आज केवल डर है. यह डर सरकार के निकम्मेपन और ध्यान बंटाने की वजह से है.

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सिलाई-कढ़ाई: हुनर को बनाएं बिजनैस

कोरोना की वजह से आने वाले वक्त में सोशल डिस्टैंसिंग का चलन बना रहेगा. यही वजह है कि वर्क फ्रौम होम और घर से चलने वाले व्यवसायों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस में कोई शक नहीं कि घर से सामान बनाना और उसे बेच कर पैसे कमाना एक बेहतर तरीका है. घर बैठे आप अपने किसी शौक, कला या जनून को भी बिजनैस में बदल सकते हैं. सिलाईकढ़ाईबुनाई इसी तरह की कलाएं हैं, जो इस समय घर बैठे कमाई का अच्छा जरीया बन सकती हैं.

हाथ में कला है तो

इस समय यों भी लोगों के व्यवसाय छूट रहे हैं. ऐसे में बुनाई, सिलाई और कढ़ाई कुछ ऐसे व्यवसाय हैं, जिन्हें आप अब भी शुरू कर सकती हैं. इन के लिए बहुत ज्यादा पूंजी भी नहीं चाहिए. यदि आप के पास कला है तो थोड़ी पूंजी लगा कर भी आप बहुत आसानी से इस व्यवसाय को शुरू कर इसे आगे बढ़ा सकती हैं. आप छोटे से गांव में हों या बड़े शहर में आप के हाथ में कला है तो इन व्यवसायों को बढ़ने और फूलनेफलने से कोई नहीं रोक सकता.

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आप घर में बैठीबैठी बच्चों और बड़ों के कपड़े सिल सकती हैं. तरहतरह की डिजाइन  वाले खूबसूरत स्वैटर बना सकती हैं. वैसे भी कोरोना काल में बाहर से जितनी कम चीजें खरीदी जाएं उतना अच्छा है. आप घर में बुने स्वैटर बच्चों को पहनाएंगी तो कम से कम यह तो संतोष रहेगा कि उन्हें सही चीज पहना रही हैं. हाथ से बने होने की वजह से इन में अलग ही आकर्षण होगा.

अगर आप के हाथ सिलाई मशीन पर सधे हुए हैं और आप में फैशन की भी सम झ है तो आप एक फैशन डिजाइनर बन कर भी कमाई कर सकती हैं. बच्चों के कपड़ों की हमेशा काफी मांग रहती है. आप आसानी से घर पर बच्चों की खूबसूरत ड्रैसेज बना सकती हैं. आजकल इस तरह के काम सोशल मीडिया के जरीए तेजी से आगे बढ़ सकते हैं. पोस्ट कोरोना काल में इस तरह घर से ही आप अपना अच्छाखासा बिजनैस चला सकती हैं.

व्यायाम भी है

इसी तरह विभिन्न कपड़ों जैसे टेबलक्लौथ, बैडशीट, ड्रैसेज आदि पर कढ़ाई कर आप उन्हें खूबसूरत लुक दे सकती हैं. आप घर पर अपना स्वयं का कढ़ाई व्यवसाय शुरू कर सकती हैं.

बुनाईकढ़ाई की कला आप को कई तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानियों से भी बचाती है. बुनाईकढ़ाई जैसे काम दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करते हैं. इस से हाथों व आंखों का व्यायाम भी हो जाता है. बुनाईकढ़ाई करने से उंगलियां व हाथ क्रियाशील रहते हैं और गठिया जैसी बीमारियां भी नहीं होती हैं. बुनाईसिलाई आदि करने से दिमाग भी तेज होता है, क्योंकि ऐसा करते वक्त दोनों हाथों के साथसाथ दिमाग के दोनों हिस्से एकसाथ काम करते हैं, जिस से एकाग्रता बढ़ती है.

मुख्य बात यह है कि कला कोई भी हो वह आप को रिलैक्स रखती है. कोरोना काल काफी मुश्किलों भरा है और इस समय बुनाईसिलाई या कढ़ाई जैसे काम धनार्जन के साथसाथ आप के तनाव को घटाने में भी मददगार हो सकते हैं.

बुनाई का हैल्थ कनैक्शन

हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि बुनाई से तनाव का स्तर और हृदय की गति में कमी आती है. यह सर्वे 2379 मरीजों पर किया गया था. तनाव कम करने के लिए 20 आम हौबीज को इस में शामिल किया गया था. इस में पैदल यात्रा और खाना पकाना भी शामिल किया गया था. टीम ने सर्वे में भाग लेने वाले लोगों को फिटनैस बैंड पहनने के लिए कहा ताकि सब से कम हृदय गति वाली हौबी को मापा जा सके.

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पाया गया कि बुनाई में शामिल लोगों की हृदय गति अन्य हौबी वाले लोगों की तुलना में 19 फीसदी कम थी. हालांकि यह लोगों की व्यक्तिगत पसंद और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है. कुछ लोगों को पेंटिंग या ड्राइंग करने से आराम मिलता है.

7 टिप्स: आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए पढ़ें ये खबर

आंखों की सुंदरता के लिए जरूरी यह है कि उस के आसपास की स्किन भी सुंदर हो. इससे आंखों की सुंदरता बढ़ जाती है. आंखों में होने वाली कुछ बीमारियों से उनके आसपास की स्किन खराब हो जाती है. इसलिए जरूरत इस बात की है कि इन बीमारियों से बचाव कर के आंखों को सुंदर बनाया जाए. ये बीमारियां किसी भी उम्र में हो सकती हैं. इनमें आदमी, औरतें और बच्चे सभी शामिल हैं. इन बीमारियों में पलकों में होने वाली रूसी, पलकों पर गांठ बनना, आंख आना, आंखों का रूखापन, डार्क सर्कल्स, भवों और पलकों के बीच चकत्तेनुमा हलके उभार प्रमुख हैं. आइए जानते हैं इन बिमारियों के बारे में…

1. डार्क सर्कल्स से पाएं छुटकारा

आंखों के आसपास की स्किन को खराब करने वाली सब से बड़ी बीमारी को डार्क सर्कल्स कहा जाता है. इस बीमारी में आंखों के चारों तरफ काले घेरे बन जाते हैं. यह कालापन नींद की कमी, मानसिक तनाव, शारीरिक थकान, भोजन में विटामिंस और दूसरे तत्त्वों की कमी से होता है. इसे दूर करने के लिए भरपूर नींद लें. तनाव कम करें. भोजन में फलों व हरी सब्जियों का प्रयोग खूब करें. खूब पानी पीएं. खीरे को काट कर आंखों के ऊपर रखने से डार्क सर्कल्स हटाने में मदद मिलती है.

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2. पलकों में डैंड्रफ होने से बचें

पलकों में होने वाली रूसी से आंखों के आसपास की स्किन खराब हो जाती है. रूसी से पलकों में लगातार खुजली होती है. पलकों के बालों में रूसीनुमा पपड़ी सी जम जाती है. इससे पलकों पर भारीपन महसूस होता है. कभी-कभी सूजन भी आ जाती है. इस बीमारी से पलकें झड़ने लगती हैं. उसके आसपास की स्किन पर चकत्ते पड़ जाते हैं और वह बदरंग हो जाती है. जिन के सिर के बालों में रूसी होती है उन में यह बीमारी जल्दी हो जाती है. इसके अलावा गंदे हाथों से बार-बार पलकों को छूना, प्रदूषण वाले माहौल में रहना, खराब आईलाइनर, मसकारा, काजल, आर्टीफिशियल आईलैंस का प्रयोग करने, किसी दूसरे का प्रयोग किया कौस्मैटिक लगाने, जिन्हें यह बीमारी हो उन का तौलिया, तकिया, रूमाल आदि प्रयोग करने से यह बीमारी हो जाती है.

पलकों में रूसी की परेशानी हो तो सब से पहले बालों की रूसी का इलाज कराना चाहिए. इसके लिए उस शैंपू का प्रयोग करें, जिस में रूसी को खत्म करने की ताकत हो. यह शैंपू स्किन को नुकसान न पहुंचाता हो. जब भी बाहर से घर आएं एक बार कुनकुने पानी से पलकों को साफ कर के उन की सिंकाई जरूर करें. साफ हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें. रूई की कुछ छोटी-छोटी गोलियां बना लें. फिर इन्हें थोड़े से पानी में उबाल कर थोड़ा ठंडा होने पर गोलियों का पानी निचोड़ कर पलकों के किनारों की इन से सिंकाई करें.

किसी अच्छी क्रीम को हाथ में थोड़ा सा ले कर पलकों और पलकों के किनारों पर ऊपर से नीचे की ओर कम से कम 15 से 20 बार हल्के दबाव के साथ मालिश करें. ऊपर की पलकों की मालिश पैरों की ओर देखते हुए करें. नीचे की पलकों की मालिश ऊपर देखते हुए करें. यह काम रात को सोने से पहले करें और ऐसा करने के बाद कभी भी आंखों में किसी तरह का कोई मेअकप न करें.

3. पलकों पर गांठ बनना

पलकों पर गांठ बन जाने को बिलौनी कहते हैं. इससे आंख के आसपास की स्किन काली पड़ जाती है. बिलनी की गांठ को दबाने से आमतौर पर दर्द नहीं होता है. केवल गांठ सी बन जाती है जो आंखों के आसपास की स्किन को खराब कर देती है. आंखों की खूबसूरत शेप बिगड़ जाती है. पानी और कपड़े की सिंकाई और मलहम की मालिश से यह परेशानी आमतौर पर ठीक हो जाती है.

अगर गांठ बार-बार निकले तो होथियार हो जाएं. इस का इलाज आंखों के डौक्टर से मिल कर करें. कभी- कभी ज्यादा मीठा खाने से भी यह परेशानी बढ़ जाती है. चश्मे का नंबर बढ़ने से भी ऐसा हो जाता है. अगर गांठ लंबे समय से हो और बड़ी हो तो डाक्टर से जरूर मिलें.

कभी-कभी यह बिलौनी आंखों के अंदर या बाहर की तरफ निकलती है तो बहुत दर्द करती है. इसके लिए भी कुनकुनी सिंकाई फायदेमंद होती है. अगर परेशानी इससे ठीक न हो तो डौक्टर से मिलें. वे इस जगह पर लगाने के लिए मलहम और आंखों में डालने के लिए आईड्रौप दे सकते हैं, जिससे यह परेशानी जल्दी ठीक हो जाती है. ये दाने आंखों की सही तरह से सफाई न करने से हो जाते हैं. मसकारा या आईलाइनर लगाने और रात को सोने से पहले उन को निकालने में सावधानी नहीं बरतने से ऐसा हो जाता है.

4. नाखून को आंखों से रखें दूर

आंखों की श्लेष्मला में एक त्रिकोण जैसी भद्दी मटमैली चीज आंखों के अंदरूनी कोने से स्वच्छ पटल की ओर बढ़ने लगती है. इसका सिरा स्वच्छ पटल की ओर होता है. यह ज्यादातर आंख के नाक वाले कोने की तरफ से शुरू होता है. कभी-कभी यह बड़ी गोल पुतली की दोनों तरफ हो जाता है. यह आंखों में दाग का काम करता है. आंखों की सुंदरता को खराब करता है. यह अकसर गंदे पानी, धूल, धुआं और धूप से लाल होने वाली आंखों में होता है. इससे आंखें बदसूरत हो जाती हैं और यह आंखों में चुभने भी लगता है.

अगर नाखूनों के बढ़ने की रफ्तार ज्यादा है तो तत्काल डाक्टर से मिलें. धूप में निकलने से पहले रंगीन चश्मे का प्रयोग करें. चश्मा ऐसा हो जो आंखों को पूरी तरह ढक ले, जिस से आंखों को सीधे सूर्य की रोशनी न लगे. धूप, धुआं और धूल से आंखों को बचाएं. आंखों को ढकने के लिए अच्छी टोपी भी पहन सकते हैं. औपरेशन के जरीए ही इसे हटाया जा सकता है. यह औपरेशन आंखों के डाक्टर द्वारा किया जाता है और आसान होता है.

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5. कंजक्टिवाइटिस से बचें

आंखों का लाल होना, उन में कीचड़ आना, दर्द होना, पलकों का आपस में चिपक जाना और आंखों में जलन होना, आंख आना यानी कंजक्टिवाइटिस कहलाता है. यह अकसर मौसम बदलने और बीमार आदमी के संपर्क में आने से होता है. जब आप बीमार आदमी का तकिया, रूमाल और तौलिया इस्तेमाल करते हैं तो कंजक्टिवाइटिस हो जाता है. आमतौर पर जब घर में किसी एक को यह बीमारी हो जाती है तो दूसरे लोगों को भी यह बीमारी हो जाती है. कुछ सावधानियां बरत कर इस से बचा जा सकता है. जब भी इस रोग के रोगी के संपर्क में आएं तो हर बार अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह जरूर धोएं. इस तरह के रोगी की देखभाल सावधानी से करनी होती है. इस के लिए साफसफाई का पूरा खयाल रखना चाहिए.

पानी को उबाल कर थोड़ा ठंडा हो जाने दें. इस के बाद आंखों को इस से साफ करें और रूई के गोलों में पानी ले कर आंखों की सिंकाई भी करें. आंख में लाली और सूजन ज्यादा हो तो बर्फ से भी इस की सिंकाई की जा सकती है. डाक्टर की दी गई दवा आंखों में डालें. इस से लाभ होगा.

6. पलकों और पलकों के बीच पीले रंग के चकत्ते

पलकों और पलकों के बीच पीले रंग के चकत्ते बन जाते हैं. इस से कोई बहुत नुकसान नहीं होता. यह देखने में खराब लगता है. इसे काट कर निकाला जा सकता है. यह आमतौर पर स्किन की बीमारी होती है. इसे किसी तरह की क्रीम, लोशन और टैबलेट से दूर नहीं किया जा सकता है.

7. आंखों में रूखापन होने से बचें

आंखों में चुभन, रगड़न, जलन का होना, आंख का लाल हो जाना, चिपचिपा लगना और धुंधला नजर आना आंखों में रुखेपन की निशानी है. इस का कारण आंसुओं का अच्छी तरह से न बनना होता है. पलकों के ठीक से न खुलने और बंद होने से भी यह रोग हो जाता है. कम पानी पीने और मेनोपौज होने वाली औरतों को भी यह बहुत होता है. एअरकंडीशन में ज्यादा समय बैठने वालों को भी इस तरह की परेशानी हो जाती है. सही देखभाल और डाक्टर की सलाह से इसे दूर किया जा सकता है.

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वैडिंग फैशन के नए ट्रैंड्स

लाल रंग हमेशा से भारतीय शादियों के लिए परफैक्ट माना जाता है. यह वैडिंग सीजन का पसंदीदा रंग है. आप हलके लाल से माइल्ड टोन या रिच ब्राइट रैड चुन सकती हैं. ऐथनिक वियर के लिए लाल रंग की वैराइटी चुन सकती हैं.

शादी हर व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्त्व रखती है. फिर चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग. स्वादिष्ठ व्यंजनों से ले कर हर समारोह में सब से अच्छा दिखने की चाह तक, उत्साह की कोई सीमा नहीं होती. हालांकि कोविड-19 तेजी से फैल रहा है. 2020 निश्चित रूप से हर साल की तरह नहीं है. यह साल दूल्हादुलहनों के लिए कुछ अलग है. बड़े समारोह अब छोटी शादियों में बदल गए हैं. लेकिन निश्चित रूप से लोग अपने उत्साह के साथ कोई सम झौता नहीं करना चाहते.

‘न्यू नौर्मल’ के इस दौर में वर्चुअल वैडिंग, मेहमानों की संख्या की सीमा जैसे पहलू नियमित हो गए हैं. लेकिन इस का यह अर्थ बिलकुल नहीं कि आप अच्छे कपड़े न पहनें. अगर आप दुलहन हैं और अपने कपड़ों की योजना बना रहीं या दुलहन की सहेली हैं और वर्चुअल या व्यक्तिगत रूप से शादी में हिस्सा लेने जा रही हैं तो जानते हैं श्रेयसी हल्दर से वैडिंग फैशन के कुछ नए ट्रैंड्स, जिन्हें अपना कर आप शादियों के सीजन में सब से अधिक खूबसूरत दिख सकती हैं.

कुछ नया करें

आप अनूठे मिक्स ऐंड मैच के साथ अपनी वार्डरोब को बेहतरीन बना सकती हैं और कम निवेश के साथ अपने लुक को कई तरह की वैराइटी दे सकती हैं. साड़ी ड्रैपिंग का नया तरीका अपना कर या ड्रैप को अलग तरीके से स्टाइल कर आप अलग फैशन स्टेटमैंट बना सकती हैं और अपने फैशन को नया ट्विस्ट दे सकती हैं.

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बाल्मी व्हाइट्स में दिखें क्लासी

शादी के मेहमानों और दुलहन की सहेलियों के लिए ‘बाल्मी व्हाइट्स’ आजकल खूब चलन में है. इसे गोल्ड या सिल्वर ज्वैलरी के साथ मैच कर खुद को नया लुक दें और इस सीजन सब से खूबसूरत दिखें.

बोंबर सैट में बने ट्रैंड दीवा

शादी में पारंपरिक परिधानों से ले कर आधुनिक ऐथनिक परिधानों तक बोंबर सैट खूब चलन में हैं. आप ‘बोंबर जैकेट’ को फ्लेयर्ड स्कर्ट के साथ स्टाइल कर सकती हैं. यह सेट रिच कलर्स में उपलब्ध है, जो आप को पारंपरिक, खुशनुमा और खिलाखिला एहसास देता है. अपने भीतर छिपी ट्रैंड दीवा को बाहर निकालने के लिए तैयार हो जाएं. स्टेटमैंट ज्वैलरी के साथ इसे परफैक्ट लुक दें.

सिगनेचर लुक बनाएं

अगर आप को ऐथनिक फैशन पसंद है तो इसे सही लुक देने का यह सही समय है. आप ऐथनिक फैशन के साथ अपनेआप को सिगनेचर लुक दे कर बेहद ग्लैमरस दिखा सकती हैं. यह लुक सिर से ले कर पैरों तक आप को फैशन की नई पहचान देता है. इस के लिए आप 2 या 3 पीस सिलहुट्स चुनें और अलगअलग तरह के लुक के साथ अपनेआप को सब से अलग और स्टाइलिश बनाएं.

रोमांटिक रैट्रो

70 और 80 के दशक के रोमांटिक टियर्स और रफल्स एक बार फिर से फैशन में ग्लिटरी ग्लैमर का तड़का लगा रहे हैं. शादियों के इस सीजन रैट्रो वाइब के साथ अपनेआप को रोमांटिक लुक दें. आप रफल्ड क्रौप्ड टौप, टियर्ड शरारा, शीयर या लेयर्ड जैकेट, रफल्ड हेमलाइन या सिंपल रफल्स वाला स्टेटमैंट दुपट्टा चुनें. इसे पाउडर्ड ब्लू, ब्लश पेल जैसे सौफ्ट कलर्स के साथ परफैक्ट लुक दें.

थोड़ा सा ग्लैम शामिल करें

अंत में ग्लैम गाउन आज शो स्टौपिंग ट्रैंड हैं. ओरनेट मैटेरिक ऐंब्रौइडरी, आकर्षक रंग और बेहतरीन फैब्रिक में गाउन का चयन कर आप किसी भी इवनिंग पार्टी की क्वीन बन सकती हैं. फ्लोर लैंथ गाउन आप को बेहद फैमिनिन एहसास देते हैं और फैशन की नई दुनिया में ले जाते हैं.

ड्रामैटिक स्लीव्स

इस सीजन ड्रामैटिक स्लीव्स बहुत अधिक फैशन में हैं. इन में बेहद लंबी बैल शेप, फ्लाउंसी, पूफी स्लीव्स चलन में हैं. आप अपनी साड़ी या लहंगे के ब्लाउज में ऐसी खास स्लीव्स बनाएं और फैशन स्टेटमैंट बन जाएं. अगर आप अपने सब से अच्छी दोस्त की शादी में जाने वाली हैं तो ऐसे खास फैशन के साथ सब का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए तैयार हो जाएं.

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मास्क के साथ बनें फैशन स्टेटमैंट

सुरक्षा और हाइजीन को देखते हुए आजकल हर समारोह में मास्क का महत्त्व बहुत अधिक है. दूल्हादुलहन से ले कर मेकअप आर्टिस्ट तक हर व्यक्ति को शादी समारोह के दौरान मास्क, फेस शील्ड और दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए. जब शादियों में 50 मेहमानों की सीमा तय कर दी गई है, तो ऐसे में सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना भी बेहद महत्त्वपूर्ण है.

अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनें. आप मास्क को फैशनेबल और स्टालिश बना सकती  हैं. इस के अलावा कपल्स अपने आउटफिट से मैच करते मास्क कस्टोमाइज कर सकते हैं. आप इस के साथ ऐक्सैसरीज, ऐंब्रौइडरी, नाम का इनीशियल या अन्य प्रिंट भी शामिल कर सकती हैं. ये मास्क न केवल आप को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि आप के लिए फैशन स्टेटमैंट की भूमिका भी निभाते हैं.

  -श्रेयसी हल्दर

वीपी डिजाइन, बैंड डब्ल्यू   

अब और नहीं: आखिर क्या करना चाहती थी दीपमाला

Serial Story: अब और नहीं (भाग-1)

नन्हीगौरैया ने बड़ी कोशिश से अपना घोंसला बनाया था. घास के तिनके फुरती से बटोर कर लाती गौरैया को देख कर दीपमाला के होंठों पर मुसकान आ गई. हाथ सहज ही अपने पेट पर चला गया. पेट के उभार को सहलाते हुए वह ममता से भर उठी. कुछ ही दिनों में एक नन्हा मेहमान उस के आंगन में किलकारियां मारेगा. तार पर सूख रहे कपड़े बटोर वह कमरे में आ गई. कपड़े रख कर रसोई की तरफ मुड़ी ही थी कि तभी डोरबैल बजी.

‘‘आज तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई?’’ घर में घुसते ही भूपेश ने पूछा.

‘‘आज मन नहीं किया काम पर जाने का. तबीयत कुछ ठीक नहीं है,’’ दीपमाला ने जवाब दिया.

दीपमाला इस आस से भूपेश के पास खड़ी रही कि तबीयत खराब होने की बात जान कर वह परेशान हो उठेगा. गले से लगा कर प्यार से उस का हाल पूछेगा, मगर बिना कुछ कहेसुने जब वह हाथमुंह धोने बाथरूम में चला गया तो बुझी सी दीपमाला रसोई की ओर चल पड़ी.

शादी के 4 साल बाद दीपमाला मां बनने जा रही थी. उस की खुशी 7वें आसमान पर थी, मगर भूपेश कुछ खास खुश नहीं था. दीपमाला अकेली ही डाक्टर के पास जाती, अपने खानेपीने का ध्यान रखती और अगर कभी भूपेश को कुछ कहती तो काम की व्यस्तता का रोना रो कर वह अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता. वह बड़ी बेसब्री से दिन गिन रही थी. बच्चे के आने से भूपेश को शायद कुछ जिम्मेदारी का एहसास हो जाए, शायद उस के अंदर भी नन्ही जान के लिए प्यार उपजे, इसी उम्मीद से वह सब कुछ अपने कंधों पर संभाले बैठी थी.

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कुछ ही दिनों की तो बात है. बच्चे के आने से सब ठीक हो जाएगा, यही सोच कर उस ने काम पर जाना नहीं छोड़ा. जरूरत भी नहीं थी, क्योंकि उस की और भूपेश की कमाई से घर मजे से चल रहा था. पार्लर की मालकिन दीपमाला के हुनर की कायल थी. एक तरह से दीपमाला के हाथों का ही कमाल था जो ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी. दीपमाला के इस नाजुक वक्त में सैलून की मालकिन और बाकी लड़कियां उसे पूरा सहयोग देतीं. उस का जब कभी जी मिचलाता या तबीयत खराब लगती तो वह काम से छुट्टी ले लेती.

एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर भूपेश स्वभाव से रूखा था. उस के अधीन 2-4 लोग काम करते थे. उस के औफिस में एक पोस्ट खाली थी, जिस के लिए विज्ञापन दिया गया था. कंपनी में ग्राहक सेवा के लिए योग्यता के साथसाथ किसी मिलनसार और आकर्षक व्यक्तित्व की जरूरत थी.

एक दिन तीखे नैननक्शों वाली उपासना नौकरी के आवेदन के लिए आई. उस की मधुर आवाज और व्यक्तित्व से प्रभावित हो कर और कुछ उस के पिछले अनुभव के आधार पर उस का चयन कर लिया गया. भूपेश के अधीनस्थ होने के कारण उसे काम सिखाने की जिम्मेदारी भूपेश पर थी.

उपासना उन लड़कियों में से थी जिन्हें योग्यता से ज्यादा अपनी सुंदरता पर भरोसा होता है. अब तक के अपने अनुभवों से वह जान चुकी थी कि किस तरह अदाओं के जलवे दिखा कर आसानी से सब कुछ हासिल किया जा सकता है. छोटे शहर से आई उपासना कामयाबी की मंजिल छूना चाहती थी. कुछ ही दिनों बाद वह समझ गई कि भूपेश उस पर फिदा है. फिर इस बात का वह भरपूर फायदा उठाने लगी.

उपासना का जादू भूपेश पर चला तो वह उस पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहने लगा. उपासना बहाने बना कर औफिस के कामों को टाल देती जिन्हें भूपेश दूसरे लोगों से करवाता. अकसर बेवजह छुट्टी ले कर मौजमस्ती करने निकल पड़ती. उसे बस उस पैसे से मतलब था जो उसे नौकरी से मिलते थे. साथ में काम करने वाले भूपेश के दबदबे की वजह से उपासना की हरकतों को नजरंदाज कर देते.

अपने यौवन और शोख अदाओं के बल पर उपासना भूपेश के दिलोदिमाग में पूरी तरह उतर गई. उस की और भूपेश की नजदीकियां बढ़ने लगीं. काम के बाद दोनों कहीं घूमने निकल जाते. उसे खुश करने के लिए भूपेश उसे महंगे तोहफे देता. आए दिन किसी पांचसितारा होटल में लंच या डिनर पर ले जाता. भूपेश का मकसद उपासना को पूरी तरह से हासिल करना था और उपासना भी खूब समझती थी कि क्यों भूपेश उस के आगेपीछे भंवरे की तरह मंडरा रहा है.

पहले भूपेश औफिस से घर जल्दी आता था तो दोनों साथ में खाना खाते, अब देर रात तक दीपमाला उस का इंतजार करती रहती और फिर अकेली ही खा कर सो जाती. कुछ दिनों से भूपेश के रंगढंग बदल गए थे. औफिस में भी सजधज कर जाता. उधर इन सब बातों से बेखबर दीपमाला नन्हें मेहमान की कल्पना में डूबी रहती. उस की दुनिया सिमट कर छोटी हो गई थी.

एक रोज धोने के लिए कपड़े निकालते वक्त उसे भूपेश की पैंट की जेब से फिल्म के 2 टिकट मिले. उसे थोड़ी हैरानी हुई. भूपेश फिल्मों का शौकीन नहीं था. कभी कोई अच्छी फिल्म लगी होती तो दीपमाला ही जबरदस्ती उसे खींच ले जाती.

उस ने भूपेश से इस बारे में पूछा. टिकट की बात सुन कर वह कुछ सकपका गया. फिर तुरंत संभल कर उस ने बताया कि औफिस के एक सहकर्मी के कहने पर वह चला गया था. बात आईगई हो गई.

इस बात को कुछ ही दिन बीते थे कि एक दिन भूपेश के बटुए में दीपमाला को सुनार की दुकान की एक परची मिली. शंकित दीपमाला ने भूपेश के घर लौटते ही उस पर सवालों की बौछार कर दी.

उपासना को जन्मदिन में देने के लिए भूपेश ने एक गोल्ड रिंग बुक करवाई थी, लेकिन किसी शातिर अपराधी की तरह भूपेश उस दिन सफेद झूठ बोल गया. अपने होने वाले बच्चे का वास्ता दे कर.

उस ने दीपमाला को यकीन दिला दिया कि उस के दोस्त ने अपनी पत्नी को सरप्राइज देने के लिए ही परची उस के पास रखवाई है. इस घटना के बाद से भूपेश कुछ सतर्क रहने लगा. अपनी जेब में कोई सुबूत नहीं छोड़ता था.

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दीपमाला की डिलीवरी का समय नजदीक था. भूपेश ने उस के जाने का इंतजाम कर दिया. दीपमाला अपनी मां के घर चली आई. अपने मायके पहुंचने के कुछ दिन बाद ही दीपमाला ने एक बेटे को जन्म दिया. उस की खुशी का ठिकाना नहीं था. उस के दिनरात नन्हे अंशुल के साथ बीतने लगे. 4 दिन दीपमाला और बच्चे के साथ रह कर भूपेश औफिस में जरूरी काम की बात कह कर लौट आया. दीपमाला के न रहने पर वह अब बिलकुल आजाद पंछी था. उस की और उपासना की प्रेमलीला परवान चढ़ रही थी. औफिस में लोग उन के बारे में दबीछिपी बातें करने लगे थे, मगर भूपेश को अब किसी की परवाह नहीं थी. वह हर हालत में उपासना का साथ चाहता था.

कुछ महीने बीते तो दीपमाला ने भूपेश को फोन कर के बताया कि वह अब घर आना चाहती है. जवाब में भूपेश ने दीपमाला को कुछ दिन और आराम करने की बात कही. दीपमाला को भूपेश की बात कुछ जंची नहीं, मगर उस के कहने पर वह कुछ दिन और रुक गई. 3 महीने बीतने को आए, मगर भूपेश उसे लेने नहीं आया तो उस ने भूपेश को बताए बिना खुद ही आने का फैसला कर लिया.

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