Hyundai Verna यानी नो मोर कंप्रमाइज

नई हुंडई वरना आपके सफर को रोमांचक और आरामदायक बनाती है. क्योंकि इसमें ड्यूल-टोन इंटीरियर और कूल्ड सीट्स हैं. वहीं क्रूज़ कंट्रोल के साथ एक मल्टी-फंक्शन व्हील सनरूफ और स्लाइडिंग आर्मरेस्ट भी है. इस कार की बनावट ऐसी है कि आपको कॉम्प्रोमाइज करने की बिल्कुल जरूरत न पड़े.

ये भी पढ़ें- हुंडई की इस नई गाड़ी की मार्केट में जबरदस्त डिमांड

इस कार में पीछे-सीट वाले यात्रियों का खास ध्यान रखते हुए कंफर्टेबल सीट के साथ स्पेस भी काफी अच्छा है. जिससे तीन लोग आराम से बैठ सकते हैं. साथ ही सीट-बैक एंगल परफेक्ट है और अंडर-थिंग सपोर्ट भी काफी अच्छा है. यानी सभी यात्रियों के लिए नई Hyundai Verna #BetterThanTheRest है.

Review: जानें कैसी है करनवीर बोहरा की टाइम ट्रैवल पर बनी Web Series ‘भंवर’

रेटिंग:डेढ़ स्टार

निर्माताः के वी बी इंटरटेनमेंट
निर्देशकः करणवीर बोहरा
कलाकारः करणवीर बोहरा, प्रिया बनर्जी, तीजय सिद्धू, मंत्रा व अन्य.
अवधिः लगभग डेढ़ घंटा, आठ एपीसोड
ओटीटी प्लेटफार्म: जी 5

मशहूर टीवी कलाकार करणवीर बोहरा बतौर निर्देशक एक साइंस फिक्शन और टाइम ट्रेवल पर वेब सीरीज ‘भंवर’ लेकर आए हैं. लगभग डेढ़ घंटे की इस वेब सीरीज के आठ एपीसोड हैं, पर इसे देखते हुए अहसास होता है कि यह एक फिल्म थी, जिसे आठ एपीसोड में विभाजित कर वेब सीरीज के रूप में स्ट्रीमिंग की गयी है.

कहानीः

इसकी कहानी शुरू होती है, एक जुलाई 2020 को. रणवीर (करणवीर बोहरा) अपनी पत्नी कनिका (प्रिया बनर्जी) के एक साथ कार में कहीं जा रहे हैं. तभी सी पी शर्मा का फोन आता है कि पुलिस की नजर उस पर है और वह कनिका पर भी यकीन न करे. रणवीर व कनिका एक आफिस में जाकर सैम (तीजय सिद्धू) से मिलते हैं, उसे वह पांच करोड़ रूपए देकर एक आलीशान फ्लैट की चाभी हासिल कर उस फ्लैट पर में रहने जाते हैं. पता चलता है कि वह अपने साथ दो सूटकेस में बीस करोड़ रूपए भी लेकर आए हैं, इनमें से आधे यानी कि दस करोड़ रूपए सी पी शर्मा को देने हैं. शाम को पार्टी में सैम, उसकी दोस्त जो और जो का भाई रौड्क्सि (मंत्रा)भी आता है. पता चलता है कि कनिका और रौड्क्सि के बीच प्रेम का चक्कर है और वह रौड्क्सि की योजना अनुसार ही काम कर रही है. पार्टी खत्म होने के बाद अचानक फलैट के हाल में मौजूद ‘विंड मिल’ घूमना शुरू करती है और रणवीर व कनिका को अपनी तरफ खीचती है, फिर उन्हे वापस फेक छोड़ देती है. उसके बाद उनकी जिंदगी में कई अजीबोगरीब घटनाएं होने लगती हैं. फोन और टीवी का रीचार्ज खत्म हो जाता है. कनिका व रणवीर को लगता है कि घर में कोई भूत है. इस बीच टीवी पर खबर आती है कि पूरे छह माह बाद रणवीर व कनिका का शव विरार में पाया गया. तब इन्हे अहसास होता है कि वह तो तीन जनवरी 2021 में रह रहे हैं. अब उनकी समझ में नही आता कि यह कैसे संभव है. फिर रणवीर को एक कागज मिलता है. जिसके माध्यम से वह भूत से बात करता है, तो पता चलता है कि उसे वापस अपने समय में जाना है और पांच जुलाई को रात साढ़े आठ बजे इन दोनों की हत्या होनी है, पर इन्हे अपनी सुरक्षा के लिए अपने समय में जाना ही पडे़गा. दोनो सोचते हुए ‘विंड मिल’के सामने पहुॅचते हैं, पुनः वही होता है और फिर से वह वापस अपने समय पर पहुंच जाते हैं. अब रणबीर व कनिका आपस में बात करते हैं कि उन्हे अपना भविष्य पता चल चुका है, पर इससे कैसे बचा जाए. अंततः नाटकीय घटनाक्रम के बाद वैसा ही होता है, जैसा वह देख चुके थे.

ये भी पढ़ें- सुशांत सिंह राजपूत को लेकर एक बार फिर ट्रोल हुईं एकता कपूर, फैंस ने ऐसे सुनाई खरी-खोटी

लेखन व निर्देशनः

अति कमजोर कहानी व पटकथा के चलते पूरी फिल्म बर्बाद हो गयी है. इसे करणवीर बोहरा और प्रिया बनर्जी का उत्कृष्ट अभिनय भी संभाल नहीं पाता. इसमें बेवजह के बोल्ड दृश्य पिरोए गए हैं. इसमें एक भी दृश्य ऐसा नही है, जो रोमांच पैदा करे. रहस्य तो है ही नही, क्योंकि पहले एपीसोड में ही पता चल जाता है कि कौन किसकी हत्या करने वाला है. टाइम ट्रेवल का फिल्मांकन सही ढंग से नही हो पाया है, वीएफएक्स भी बहुत बचकाना है. इसके आठ एपीसोड है और हर एपीसोड नौ से तेरह मिनट की अवधि का है, इसलिए दर्शक भले ही देख ले, पर पूरी वेब सीरीज देखने के बाद वह यही सोचता है कि उसने इसे क्यों देखा?

अभिनयः

करणवीर बोहरा और कनिका ने अच्छा अभिनय किया है. कुछ दृश्यों में इन दोनो के बीच की केमिस्ट्री लाजवाब है. यही इस वेब सीरीज का सकारात्मक पक्ष है, अन्यथा सब कुछ कमजोर है. इसमें करणवीर बोहरा की निजी जिंदगी की पत्नी तीजय सिद्धू ने भी सैम का छोटा सा किरदार निभाया है, पर वह अपने अभिनय से कोई प्रभाव नही डाल पाती. मंत्रा व अन्य कलाकारों के किरदार भी ठीक से गढ़े नहीं गए हैं.

ये भी पढ़ें- ‘भाभी जी घर पर है’ के ये एक्टर बनेंगे ‘तारक मेहता’ के बौस, 12 साल पहले भी मिल चुका है औफर

सुशांत सिंह राजपूत को लेकर एक बार फिर ट्रोल हुईं एकता कपूर, फैंस ने ऐसे सुनाई खरी-खोटी

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले के बाद से कई फिल्मी सितारे, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर फैंस के निशाने पर आ चुके हैं, जिनमें टीवी सीरियल क्वीन एकता कपूर का नाम भी शामिल हैं. बीते दिनों सुर्खियों में रहने वाली एकता कपूर एक बार फिर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं. दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत की याद में एकता कपूर ने ‘पवित्र रिश्ता फंड’ के जरिए लोगों को मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुक करने का फैसला किया था, लेकिन ट्रोलर्स को उनका ये फैसला खास रास नही आ रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

फैंस ने कही ये बात

दरअसल एकता कपूर के ‘पवित्र रिश्ता फंड’ शुरु करने के फैसले पर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के फैंस का कहना है कि वो मानसिक तौर पर परेशान नहीं थे, ऐसे में ऐसे फंड की शुरुआत करना सिर्फ और सिर्फ मतलब के लिए ही है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे फंड शुरु करने वाले लोग सिर्फ यही कहना चाह रहे है कि सुशांत सिंह राजपूत ने खुद अपनी जान ली है. ट्विटर पर एकता कपूर को लोग लगातार खरी-खोटी सुना रहे हैं और ट्विटर पर #ShameOnEktaKapoor को ट्रेंड कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ‘भाभी जी घर पर है’ के ये एक्टर बनेंगे ‘तारक मेहता’ के बौस, 12 साल पहले भी मिल चुका है औफर

पवित्र रिश्ता का सीक्वल बनाने के बारे में सोच रही हैं एकता

बीते दिनों अंकिता लोखंडे ने एकता कपूर से कहा है कि वो सुशांत सिंह राजपूत की याद में ‘पवित्र रिश्ता’ के दूसरे सीजन को लॉन्च करें. सुनने में आ रहा था कि एकता कपूर को अंकिता का आइडिया काफी पसंद आया है और उन्होंने अपनी टीम से इस सीरियल की तैयारी करने के लिए भी कह दिया है.

 

View this post on Instagram

 

Rest In Peace sushi!!!! We will smile and make a wish when we see a shooting star and know it’s u!!!! Love u forever!!

A post shared by Erk❤️rek (@ektarkapoor) on

बता दें, इन दिनों मुंबई और बिहार पुलिस के बीच सुशांत सिंह राजपूत के केस को लेकर ठनाठनी है. वहीं रिया चक्रवर्ती से मनी लौंडरिंग केस के लेकर ईडी पूछताछ कर रही हैं. वहीं फैंस मांग कर रहे हैं कि सीबीआई जांच के जरिए सच बाहर आए.

ये भी पढ़ें- नागिन 5: शो में हुई सुरभि चंदना, मोहित सहगल और शरद मल्होत्रा की एंट्री, फैंस ने किए ये कमेंट

‘भाभी जी घर पर है’ के ये एक्टर बनेंगे ‘तारक मेहता’ के बौस, 12 साल पहले भी मिल चुका है औफर

टीवी के पौपुलर कौमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फैंस के बीच काफी पौपुलर है. वहीं शो के किरदारों को भी घर-घर में लोग जानते हैं. हालांकि इन दिनों सालों से हिस्सा रह चुके कुछ स्टार्स ने शो को अलविदा कहने का फैसला लिया है. लेकिन जल्द ही शो में एक नई एंट्री होने वाली है, जिसे फैंस काफी पसंद करने वाले हैं. वहीं कहा जा रहा है कि ये एंट्री तारक मेहता की जिंदगी में उथल-पुथल करने वाली है. आइए आपको बताते हैं कौनसी है ये एंट्री…

तारक मेहता के बौस की होगी एंट्री   

श्रीमान श्रीमती, ये जो है जिंदगी, जबान संभाल के जैसे सीरियल्स का हिस्सा रहे वरिष्ठ एक्टर राकेश बेदी बीते दिनों जहां भाभी जी घर पर हैं में नजर आए थे. वहीं अब खबरें हैं कि राकेश बेदी जल्द ही ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का हिस्सा बनने जा रहे हैं. खबरों की मानें तो राकेश ने इस शो के लिए शूटिंग भी शुरू कर दी है और वे जल्द ही इस शो में तारक मेहता के बौस शैलेश लोढा के रोल में नजर आएंगे. हालांकि ये एक कैमियो रोल होगा, जिसके जरिए वह फैंस को एंटरटेन करते नजर आएंगे.

 

View this post on Instagram

 

Corona ne phir kaha kuchh karo na to ye sher keh diye

A post shared by Rakesh Bedi (@therakeshbedi) on

ये भी पढें- नागिन 5: शो में हुई सुरभि चंदना, मोहित सहगल और शरद मल्होत्रा की एंट्री, फैंस ने किए ये कमेंट

12 साल पहले भी मिल चुका है औफर

इस सीरियल में नजर आने के लिए राकेश ने बताया कि वह इस शो की शूटिंग शुरु कर चुके हैं और 14 अगस्त को सेट्स पर उनका पहला दिन था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, मुझसे इस रोल के बारे में 12 साल पहले बात हुई थी जब तारक मेहता का उल्टा चश्मा शुरु हुआ था. मैं इस शो में तारक मेहता यानी शैलेश लोढा के बॉस का किरदार निभा रहा था. ये एक महत्वपूर्ण रोल था लेकिन उस समय चीजें ठीक ढंग से नहीं हो पाई थीं और ये शो जेठालाल को लेकर ज्यादा फोकस हो गया था.

बता दें, तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आ चुकीं दयाबेन यानी दिशा वकानी ने बीते साल ही शो को अलविदा कह दिया था. जिसके बाद अंजली भाभी और सोढ़ी के किरदारों ने भी शो को अलविदा कहने का फैसला ले लिया है.

ये भी पढ़े- ‘नायरा’ की ‘कीर्ति भाभी’ बनीं ये एक्ट्रेस, मोहेना कुमारी को किया रिप्लेस

घर पर ऐसे बनाएं साउथ का फेमस उत्तपम

आजकल शहर में लोग देश के अलग-अलग हिस्सों का फेमस खाना ट्राई करते हैं, जिसमें साऊथ का फेमस उत्तपम भी है. उत्तपम को घर पर बनाना बहुत ही आसान है, जिसे अपना कर कोई भी इन टिप्स से घर पर ही साऊथ जैसा टेस्टी और हेल्दी उत्तपम बना सकता है.

सामग्री

250 ग्राम चावल

4 मीडियम साइज के कटे और छिले हुए आलू

2 कटे हुए प्याज़

2 मीडियम साइज़ की शि‍मला मिर्च

यह भी पढ़ें- चाइनीज फूड के हैं शौकीन तो बनाएं वेज स्प्रिंग रोल

3 कटे हुए टमाटर

4 कटी हुई हरी मिर्च

1 बड़ा चम्मच हरी धनिया

2 (रस निकला हुआ) नींबू

2 छोटे चम्मच तेल

2 छोटे चम्मच ज़ीरा

2 छोटे चम्मच सरसों के दाने

1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर

1/4 छोटा चम्मच हींग पाउडर

यह भी पढ़ें- गरमियों में बनाएं चटपटा और टेस्टी आम पन्ना

3 करी पत्ते

नमक स्वादानुसार।

बनाने का तरीका

-सबसे पहले चावल को अच्छी तरह से पानी से धो लें.

-अब एक पैन में तेल डाल कर गर्म करें. तेल गर्म होने पर उसमें सरसों के दाने, हींग पाउडर, करी पत्ते और लाल मिर्च डाल कर भूनें.

यह भी पढ़ें- गरमी में इन टिप्स से घर पर बनाएं मैंगो आइस्क्रीम

-इसके बाद आलू, शि‍मला मिर्च, टमाटर, हल्दी और नमक मिला दें और जरा सा पानी डालकर मीडियम आंच पर पकाएं.

– जब टमाटर पक जाएं, इसमें चावल मिला दें और चावल के गलने तक पकाएं. चावल के पक जाने पर गैस बंद कर दें. इसके ऊपर से नींबू का रस और धनिया की पत्ती डालें और प्लेट में निकालकर मनचाही चटनी के साथ परोसें.

edited by- rosy

मेरे कर्ली हेयर बेजान और रूखे हो गए हैं?

सवाल-

मुझे अपने कर्ली हेयर्स को संभालना एक बहुत बड़ा काम लगता है. क्योंकि ये बहुत ज्यादा उलझे हुए हैं. साथ ही बेजान और रुखे हो गए हैं और झड़ने भी लगे हैं. कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब-

कर्ली हेयर्स पर गरम तेल की मालिश करने से बालों को बहुत फायदा होता है. इसे नियमित रूप से अपनाने पर हमारे कर्ली हेयर्स भी बेहद सुंदर हो जाते हैं. कोकोनट औयल, औलिव औयल और आलमंड औयल किसी भी औयल को हम बालों पर मसाज करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. ऐलोवेरा और औलिव औयल बेस्ड कंडीशनर, बालों को सौफ्ट और सिल्की बनाने के साथ ही बालों में शाइन भी बढ़ाते हैं.

 

बालों को धोने के बाद गीले बालों में, लिव इन कंडीशनर की कुछ बूंदें हाथों में लगा कर बालों पर लगाएं, इस से बाल उलझेंगे नहीं. बालों में ब्रैंड टूथ कौम से कंघी करें. ध्यान रहे ऐसा करते समय बालों को खींचना नहीं है, बल्कि स्कैल्प की ओर पुश करना है इस से बालों के सूखने के बाद बहुत सुंदर कर्ल नजर आते हैं.

ये भी पढ़ें- 

कई लड़कियों के बाल बहुत कर्ली होते हैं जिन्‍हें वे संभाल नहीं पाती और धीरे धीरे उनके बाल रूखे और बेजान से हो जाते हैं. कर्ली बालों को अगर सौफ्ट रखना है तो उन्‍हें केमिकल वाले रंगों से दूर रखें और उन पर ज्‍यादा एक्‍सपेरिमेंट न करें. अगर आप अपने कर्ली बालों पर ध्‍यान देंगी तो वे मुलायम और चमकदार बन जाएगें. तो आइये जानते हैं कुछ खास टिप्स के बारे में.

  • बालों में प्राकृतिक नमी को बरकरार रखने के लिये उन्‍हें ज्‍यादा ना धोएं वरना वे रूखे हो जाएगें.
  • बालों में तेल लगाइये पर ज्‍यादा तेल लगाने की जरुरत नहीं है. बालों को रूखा न होने दें.
  • नहाने के बाद बालों से अत्‍यधिक पानी को निचोड़ कर निकाल दें. फिर बालों में अपनी इच्‍छा से स्‍टाइल बनाएं और फिर बालों का सूखने का इंतजार करें. इससे बालों में अच्‍छे से नमी समा जाएगी और वे लंबे समय तक कोमल रहेगें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कर्ली हेयर को बनाएं मुलायम और चमकदार

क्या महिलाएं मजाक का साधन हैं

लेखक  -वीरेंद्र बहादुर सिंह 

पैट्रोल पंप पर पुरुष महिलाओं को बाहर ही उतार देते हैं और खुद अकेले पैट्रोल भराने जाते हैं. इस की वजह यह है कि पैट्रोल पंप पर बाहर लिखा होता है कि कृपया विस्फोटक सामग्री साथ में न लाएं.’ यह जोक्स सुन कर यही लगता है कि महिलाएं विस्फोटक सामग्री हैं.

एक दूसरा जोक- ‘रेप कोई अपराध नहीं. यह सरप्राइज सैक्स है.’ ये जोक्स पढ़ कर यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि जो घटना किसी को आत्महत्या या डिप्रैशन की स्थिति तक ले जाती है, वह किसी के लिए मजाक कैसे हो सकती है? किसी साहित्यकार ने लिखा है कि अगर महिलाओं के पास बुद्घि होती तो पुरुषों का जीना काफी मुश्किल हो जाता. एक पाठक के रूप में इस का मतलब यही निकाला जा सकता है कि उस साहित्यकार के अनुसार महिलाओं को बुद्धि नहीं होती है.

हर जगह सिर्फ मजाक

फिल्मी परदा हो, टीवी सीरियल हो, सोशल मीडिया हो या फिर नाटक, हर जगह महिलाओं को मजाक का साधन माना जाता है. हैरानी की बात तो यह है कि महिलाओं को मजाक का साधन मानना उचित है.

हमारा समाज पुरुषप्रधान है और इस समाज का मानना है कि महिलाओं को बुद्घि नहीं होती जबकि वर्तमान में महिलाओं ने अपनी क्षमता साबित कर दिखाई है. सही बात तो यह है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिला था. इसीलिए वे पीछे रह गईं. रचना करने वाले ने रचनाकरने की क्षमता महिलाओं को दी है. यह क्षमता पुरुषों को कभी नहीं मिलने वाली. महिलाएं चाहें तो इस मुद्दे पर पुरुषों का मजाक उड़ा सकती हैं.

ये भी पढ़ें- मृत्यु के बाद सामान का क्या करें

पुरुष महिलाओं का मजाक उड़ा कर महिलाओं को सम्मान देने में कंजूसी करता आया है. पर अब चूंकि हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं, इसलिए उन्हें नीचा दिखाने और उन का मुकाबला न कर पाने की अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए पुरुष महिलाओं को मजाक का साधन बनाते हैं. महिलाओं का भोलापन, जल्दी विश्वास कर लेने वाले उन के स्वभाव को पुरुष उन की कमजोरी मानता है. महिलाओं के इस स्वभाव में कमी नहीं आ रही, इसलिए महिलाएं कमजोर पड़ती हैं और वे मजाक का साधन बनती हैं. महिलाओं को मजाक का साधन बना कर पुरुष यह साबित करता है कि  वह हीनभावना से ग्रस्त है. महिलाएं कमजोर हैं, इसलिए पुरुष इस बात को नहीं मानता, पर महिलाओं पर विश्वास करने की पुरुष में क्षमता नहीं है. इसलिए वह महिलाओं को कमजोर मानता है.

मजाक में कमजोरी छिपाते पुरुष

सही बात तो यह है कि जो पुरुष महिलाओं का मजाक उड़ाते हैं, उन का ठीक से विकास नहीं हुआ होता. पुरुष अपने अंदर इतनी विशालता नहीं ला सका है कि वह महिलाओं पर विश्वास कर सके और उन्हें समान हक देने की हिम्मत कर सके.

यह भी सच है कि कमजोर लोग या अन्य कोई खुद से आगे न निकल सके, इस तरह का डर होने पर वे दूसरों का मजाक उड़ाते हैं, कटाक्ष करते हैं. समाज में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में चर्चा होती है तो उस में भी कहीं न कहीं फायदा उठाने की बात होती है.

टीवी चैनलों में भी महिलाओं का मजाक उड़ाने के लिए एक नई रीति अपनाई गई है. पुरुषों को महिलाओं के कपड़े पहना कर अप्राकृतिक उभार बना कर गलत हरकतें करा कर कौमेडी की जाती है. ऐसे कार्यक्रमों में अकसर पत्नी को अपमानित करने वाले जोक्स करते हैं. उन के शरीर के अंगों के बारे में गंदे शब्दों से कटाक्ष करते हैं, जबकि यह एक तरह से बीभत्सता है.

दुख की बात तो यह है कि पुरुषों की इस प्रवृत्ति में महिलाएं भी अपना अधिकार मान कर इस सब को स्वीकार कर लेती है. अगर महिलाएं इस तरह के कार्यक्रम देखना बंद कर दें तो इस तरह के कार्यक्रम अपनेआप बंद हो जाएंगे. इस तरह के कार्यक्रमों से यही लगता है कि जैसे पुरुष महिलाओं को बताते हैं कि उन का स्थान क्या है. पुरुष इस तरह के कार्यक्रमों से यही प्रयास करते हैं कि घर में उन की चलती रहे.

सही बात तो यह है कि हास्य,उस में भी निर्दोष हास्य परोसने में खासी मेहनत करनी पड़ती है, जबकि महिलाओं का मजाक उड़ाने में कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ती. इसलिए हास्य के लिए पुरुषों का सब से बड़ा हथियार है महिलाओं का मजाक उड़ाना. पुरुष को अपमानित करने के लिए उसे चूडि़यां पहनाईर् जाती हैं. इस का मलब क्या है? दरअसल, चूडि़यां पहना कर यह बताने की कोशिश की जाती है कि यह आदमी अब बेकार हो चुका है. इस तरह चूडि़यां पहना कर एक तरह से महिला की क्षमता पर कटाक्ष है. चूडि़यां पहनाने का मतलब है नामर्द और नामर्द यानी क्या? इस तरह चूडि़यां पहना कर यह बताया जाता है कि नामर्द यानी महिला. इस का मतलब महिला होना पूर्णता नहीं है. उस में कुछ कमी है.

देवी और अबला के बीच की खाई

हमारे यहां एक वर्ग अबला नारी का है और दूसरा वर्ग देवी माता का. पुरुष की बराबरी का महिला का कोई वर्ग नहीं है, जैसे उसे स्वीकृत ही नहीं है. देवी और महिला के बीच का अंतर जैसे बढ़ा दिया गया है. महिलाओं को एक मनुष्य के रूप में जो आदर मिलना चाहिए, वह नहीं मिलता. जिस पर पुरुष का जोर नहीं चलता, उस महिला को देवी बना दिया जाता है. बाकी महिलाओं को अबला बना कर पैरों के नीचे दबाया जाता है. अगर देवी और अबला के बीच अंतर कम हो जाए, तभी महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा.

ज्यादातर पुरुष महिलाओं को प्रेम दिखा कर या फिर  झूठ बोल कर बेवकूफ बनाते हैं. रोज के जीवन में भी पतिपत्नी के संबंधों में महिलाओं को बेवकूफ बनाया जाता है. लेकिन जब यह कहा जाता है कि महिलाओं की बुद्धि घुटनों में होती है, तब सारी महिला जाति का अपमान किया जाता है. इस बात को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें- वर्जिनिटी शरीर की नहीं ग्रसित मानसिकता की उपज

एक तरह से देखा जाए तो महिलाओं का दिखावा, सुंदरता, उन की बुद्धिक्षमता, उन का हक, उन का फर्ज सब पुरुषों ने तय किए हैं. पुरुषों ने अपने दृष्टिकोण से महिलाओं के लिए विचार पैदा किए हैं. इसीलिए शृंगार के हास्य में पुरुषों की भूमिका अधिक है. पुरुष महिलाओं को साधन के रूप में देखता है. बोलने और सुनने वाला ज्यादातर पुरुष ही होता है. पुरुष द्वारा तय की गई सुंदरता की व्याख्या में फिट न बैठने वाली महिलाओं का पुरुष मजाक उड़ाते हैं. फिल्मों में कौमेडी सीन के लिए मोटी महिलाओं को दिखाया जाता है. टीवी कार्यक्रमों में भी महिलाओं के कपड़े पहन कर आने वाले पुरुष कुछ भी न करें, तब भी उन्हें देख कर हंसी तो आती ही है. इस का अर्थ यह है कि पुरुष महिलाओं को उच्च पदों पर देखने को राजी नहीं है. शायद इसीलिए कहीं बेचारी दुखियारी तो कहीं मजाक का साधन बनी है.

हमारे समाज में महिलाओं को उपभोग का साधन बनाने का षड्यंत्र चल रहा है. रोजाना इंटरनैट की अलगअलग साइट्स पर महिलाओं के लिए जोक्स, गंदेगंदे कमैंट लिखे जाते हैं. व्यंग्यकार, लेखक या कवि भी महिलाओं का मजाक उड़ा कर अपना काम चला लेते हैं. जैसे पत्नी या महिलाओं के अलावा दूसरे किसी विषय पर उन्हें हास्य मिलता ही नहीं है.

हास्य तो स्वच्छ समाज की पहचान है. हास्य जरूरी है, पर किसी के दुख या कमी को मजाक बनाया जाए तो दुख होता है. जोक्स सुन कर मात्र हंस लेने के बदले उस का अर्थ सम झने की कोशिश करेंगे तो सचमुच हंसने के बजाय रोना आ जाएगा.

इस स्थिति का एक ही इलाज है. महिलाओं पर बने जोक्स पर कम से कम महिलाओं को तो नहीं ही हंसना चाहिए. अगर महिलाएं इस तरह के मजाक का बहिष्कार करना शुरू कर दें तो इस तरह के जोक्स बंद हो जाएंगे और महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा.

हड्डियों की गलन की बीमारी- एवैस्कुलर नेकरोसिस

एवैस्कुलर नेकरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें बोन टिशू मरने लगते हैं जिसके कारण हड्डियां गलने लगती हैं. इसे ऑस्टियोनेकरोसिस के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, जब रक्त हड्डियों के टिशू यानी कि उत्तकों तक ठीक से नहीं पहुंच पाता है तो ऐसी स्थिति में इस बीमारी का खतरा बनता है. हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन आमतौर पर 20-60 वर्ष की उम्र वाले लोग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं. इसके अलावा इसका खतरा उनमें भी ज्यादा होता है जो लोग पहले से डायबिटीज़, एचआईवी/एड्स, गौचर रोग या अग्न्याशय की बीमारी से ग्रस्त होते हैं. जब किसी व्यक्ति की हड्डी टूट जाती है या जोड़े अपनी जगह से खिसक जाते हैं तो रक्त हड्डियों तक पहुंचने में अक्षम हो जाता है. यह समस्या शराब, धूम्रपान और दवाइयों के अत्यधिक सेवन के कारण होती है. जिम जाने वाले युवा बॉडी बिल्डिंग के लिए सप्लीमेंट में स्टेरॉयड का सेवन करते हैं. यह स्टेरॉयड उनकी हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है और उन्हें इस बीमारी का शिकार बनाता है.

कुछ लोगों में यह बीमारी एक या दोनों कूल्हों और जोड़ों में हो सकती है. इसमें होने वाला दर्द हल्का से गंभीर हो सकती है जो वक्त के साथ धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. बीमारी का समय पर निदान और इलाज जरूरी है अन्यथा एक समय के बाद जब बीमारी गंभीर हो जाती है तो हड्डियां पूरी तरह गलने लगती हैं. इसके बाद व्यक्ति को गंभीर आर्थराइटिस की बीमारी हो सकती है.

एवैस्कुलर नेकरोसिस के लक्षण

  • शुरुआती चरणों में इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं नज़र आते हैं. हालांकि, जब बीमारी गंभीर होने लगती है तो वजन उठाने या एक्सरसाइज़ करने पर जोड़ों में दर्द होने लगता है.
  • जब बीमारी अपने चरम पर पहुंचने लगती है तो आराम के दौरान या बिना कोई काम किए भी दर्द होता है.
  • कूल्हों में होने वाला दर्द जांघों, पेड़ू या नितंब तक फैल सकता है.
  • हाथो और कंधों में दर्द
  • पैर और घुटनों में दर्द

यदि आपके कूल्हों या जोड़ों में लगातार दर्द बना हुआ है तो बिना देर किए हड्डियों के किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें.

क्या हैं कारण?

यह बीमारी हड्डियों तक खून न पहुंचने से ही संबंधित है, जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि,

जोड़ों या हड्डियों में डैमेज: सामान्य जीवन में हमारे पैर में अक्सर चोट या मोच लगती रहती है. कई बार यह चोट गंभीर होती है जिसके कारण आस-पास की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. कई बार कैंसर के इलाज के कारण भी हड्डियां कमज़ोर पड़ जाती है और नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं.

ये भी पढ़ें- ब्रैस्ट फीडिंग को बनाएं हाइजीनिक

रक्त वाहिकाओं में वसा का जमाव: वसा का जमाव छोटी रक्त वाहिकाओं में बाधा का कारण बनता है, जिसके कारण रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है.

विशेष बीमारियां: सिकल सेल एनीमिया या गौचर रोग के कारण भी रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है.

स्टेरॉयड का अत्यधिक सेवन: कोर्टिकोस्टेरॉयड का अत्यधिक सेवन करने से नसों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण खून का प्रवाह धीमा हो जाता है. इसके कारण रक्त वाहिकाओं में वसा का जमाव भी होता है जो रक्त प्रवाह में बाधा का कारण बनता है.

दवाइयों का अत्यधिक सेवन: जब कोई व्यक्ति कई मेडिकेशन लेता है तो इसका असर उसकी हड्डियों पर पड़ता है. दवाइयां हड्डियों को कमज़ोर करती हैं जो एवैस्कुलर नेकरोसिस का कारण बनता है.

एवैस्कुलर नेकरोसिस से बचाव के उपाय

  • शराब का कम से कम सेवन करें
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम रखें
  • स्टेरॉयड का सेवन बंद कर दें या कम से कम सेवन करें
  • धूम्रपान से दूरी बनाएं
  • वजन को संतुलित बनाए रखें
  • समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं
  • बेवजह दवाइयों का सेवन बिल्कुल न करें

एवैस्कुलर नेकरोसिस का निदान

शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपके जोड़ों को दबाकर देखेगा और साथ ही जोड़ों को अलग-अलग मुद्रा में घुमाकर देखेगा. इसके बाद वह आपको विभिन्न प्रकार की इमेजिंग टेस्ट कराने की सलाह देता है:

एक्स-रे: एक्स-रे की मदद से हड्डियों में आए बदलाव की पहचान की जाती है. बीमारी की शुरुआत में एक्स-रे की रिपोर्ट अक्सर नॉर्मल ही आती है.

एमआरआई/सीटी स्कैन: एमआरआई या सीटी स्कैन की मदद से बीमारी की शुरुआत में हड्डियों में आए बदलाव का पता लगाया जा सकता है.

बोन स्कैन: मरीज की नसों में रेडियोएक्टिव सामग्री डाली जाती है. यह सामग्री धीरे-धीरे पूरी हड्डियों तक पहुंचकर बीमारी की पहचान करने में मदद करती है.

एवैस्कुलर नेकरोसिस का उपचार

एवैस्कुलर नेकरोसिस का इलाज बीमारी की गंभीरता पर नर्भर करता है. इस बीमारी के इलाज के लिए शुरुआत में मेडिकेशन व थेरेपी दी जाती है. मेडिकेशन से कोई लाभ न मिलने पर डॉक्टर सर्जरी का विकल्प अपनाता है.

मेडिकेशन व फिज़ियोथेरेपी

बीमारी की शुरुआत में मरीज को मेडिकेशन व फिज़ियो थेरेपी दी जाती है, जहां उसे दर्द निवारक दवाएं और रक्त प्रवाह को बेहतर करने के लिए दवाओं की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही उसे ऑस्टियोपोरोसिस व नॉन-स्टेरॉयड दवाएं दी जाती हैं. कुछ दवाइयों की मदद से मरीज के कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने की कोशिश की जाती है. मरीज को समय-समय पर अस्पताल जाकर स्तिथि की जांच करनी होती है. फिज़ियोथेरेपी की मदद से मरीज की क्षतिग्रस्त हड्डियों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने की कोशिश की जाती है. फिज़ियोथेरेपी जोड़ों में आई जकड़न को कम करने में सहायक होती है. इसके अलावा हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए डीटोनेट थेरेपी का सहारा लिया जाता है जिससे हड्डियों को गलने से रोका जा सके. मरीज को पर्याप्त आराम करने की सलाह दी जाती है. यहां तक हड्डियों में इलेक्ट्रिकल करंट भी दिया जाता है जिससे क्षतिग्रस्त हड्डियों की जगह पर नई हड्डियां विकसित हो सकें. यह करंट सर्जरी के दौरान सीधा क्षतिग्रस्त क्षेत्र पर लगाया जाता है.

सर्जरी

कोर डिकम्प्रेशन: इसमें सर्जन हड्डी की अंदरूनी परत को हटा देता है. इससे न सिर्फ दर्द से राहत मिलती है बल्कि उस स्थान पर नई और स्वस्थ बोन टिशू और नसें विकसित होने लगती हैं.

ये भी पढ़ें- पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

बोन ट्रांसप्लान्ट: इस प्रक्रिया में सजर्न बीमारी ग्रस्त हड्डी को स्वस्थ हड्डी से बदल देता है. यह हड्डी शरीर के किसी अन्य भाग से ली जा सकती है.

जॉइंट रिप्लेसमेंट: इस प्रक्रिया की मदद से घिसे हुए जोड़ों को निकाल कर उनके स्थान पर प्लास्टिक, मेटल या सरैमिक जोड़ लगा दिए जाते हैं.

डॉक्टर अखिलेश यादव, वरिष्ठ प्रत्यारोपण सर्जन, जॉइंट रिप्लेसमेंट, सेंटर फॉर नी एंड हिप केयर, गाजियाबाद से बातचीत पर आधारित.

क्या आप भी अक्सर इन चीज़ों को लेकर रहती है इनसिक्योर? अगर हां तो खुद को बचाएं ऐसे

इनसिक्योरिटी यानी असुरक्षा की भावना … कितना बड़ा और गंभीर शब्‍द है न,पर इससे भी बड़े इसके मायने है. आज के दौर में लगभग हर इंसान अपने आपमें इनसिक्योर महसूस करता हैं. हममें से कुछ लोग कुछ कारणों से कभी-कभी इनसिक्योर महसूस करते हैं, लेकिन हममें से ज्यादातर लोग हर वक़्त अपने आपको इनसिक्योर महसूस करते हैं. कोई अपनी उपलब्धियों के बावजूद ,कोई अपने साथी को लेकर तो कोई दूसरों के स्‍टेटस को लेकर इनसिक्‍योर हैं,किसी को लगता है की वो स्थायी प्रेम के लायक नहीं है तो कोई अपने वजन,अपनी हाइट और अपनी बोली भाषा को लेकर इनसिक्‍योर फील करता है.
पर हद तो तब हो जाती है जब वो व्यक्ति इसके लिए अपनी किसी भी चीज को दांव पर लगाने को तैयार हो जाता है…..
पर सवाल ये है कि ये इनसिक्‍योरिटी इंसान के अंदर आती क्‍यों है. दरअसल इसका जवाब भी उसी के पास है जो इंसान इनसिक्‍योर फील करता है. इनसिक्योरिटी तब विकसित होती है जब हम अपने और दूसरों के बीच अंतर को या तो स्वयं या किसी और के माध्यम से पहचानते हैं और जाने अनजाने दूसरों से अपनी तुलना करने लगते है और खुद को अपने आप में नीचा महसूस करने लगते है.

उदाहरण के लिए

1-जब एक बच्चे का उसके मोटापे के कारण उसके साथियों के द्वारा खेल के मैदान में मजाक बनाया जाता है तो उसके अन्दर अपने वजन को लेकर एक इनसिक्योरिटी की भावना आ जाती है.
2-एक व्यक्ति जो अपने वजन के बारे में इनसिक्योर है, अपने शरीर के आकार को छिपाने के लिए बैगी और ढीले ढाले कपड़े पहनता है.
3-एक व्यक्ति जिसको इंग्लिश बोलना नहीं आता वो भी कहीं न कहीं समाज के बीच में बात करने से कतराता है.

और भी न जाने कितनी ऐसी छोटी बड़ी चीज़े है जो एक आम इंसान को कभी न कभी इनसिक्योर महसूस कराती हैं.और हममें से कई लोग अपनी इनसिक्योरिटी को दूसरों से छिपाने के लिए कड़ी मेहनत भी करते हैं.

ये भी पढ़ें- कैसे निभाएं जब पत्नी ज्यादा कमाए

एक चीज़ तो साफ़ है की इनसिक्योर लोगों का अन्य लोगों की तुलना में जीवन के लिए एक अलग दृष्टिकोण होता है. दुर्भाग्य से, यह अक्सर उनके विकास में बाधा डालता है और उनके जीवन को कठिन बना देता है.

आइये जानते है ऐसे ही कुछ लक्षण जो इनसिक्योर इंसान में पाए जाते है. सुनिश्चित करें कि आपके जीवन में इनमें से कोई भी गुण नहीं है!

1- वो ,वो बनने की कोशिश करते है जो वो नहीं हैं-

इनसिक्‍योर इंसान को खुद पर विश्वास नहीं होता ,उन्हें हमेशा अपने आस-पास के लोग खुद से बेहतर लगते हैं और वे खुद को सहज महसूस नहीं करते हैं, इसलिए वे किसी और की तरह बनने की कोशिश करने लगते है. वे सामाजिक स्थितियों में फिट होने के लिए अपने परिवेश के प्रतिकूल भी जा सकते हैं.

2- हां, मुझे पहले से पता है

इनसिक्योर लोग किसी भी चीज को नकारने में सक्षम होते हैं. वे तथ्यों को तथ्यों के रूप में नहीं लेते हैं;अगर आप इन्‍हें कोई बात बताएंगे, तो आमतौर पर इनका जवाब होता है- अरे, मुझे यह बात पहले से ही पता थी.हालांकि उन्‍हें यह बात पहले नहीं पता होती, लेकिन वे दूसरे के सामने खुद को नीचा नहीं दिखाना चाहते.वे यह बर्दाश्‍त नहीं कर सकते कि दूसरा उनसे ज्‍यादा कैसे जानता है.

3- हर चीज़ में नकारात्मकता ढूंढते है-

इनसिक्योर लोग किसी भी स्थिति का सकारात्मक पक्ष नहीं खोज सकते क्योंकि उन्हें लगता है की इसमें कुछ न कुछ बुरा जरूर है.वे हमेशा सबसे बुरे की तलाश में रहते हैं. एक अच्छे दिन पर भी, वे नकारात्मक भावनाओं को जाने नहीं दे सकते हैं. वे खुद को सही साबित करने के लिए एक स्थिति को बर्बाद कर सकते हैं.और ऐसा वो अक्सर अपनों के साथ ही करते है.

4- नए लोगों से मिलने से बचते हैं-

इनसिक्‍योर व्यक्ति कई कारणों से नए लोगों से मिलना पसंद नहीं करते हैं.वो अक्सर ये सोचते हैं की वो बातचीत करने के लिए दिलचस्प नहीं है या उनकी भाषा शैली दूसरों से मेल नहीं खाती. उन्हें खुद की कीमत दिखना बंद हो जाती है.,उन्हें नहीं लगता कि कोई भी उन्हें एक अच्छे व्यक्ति के रूप में देख सकता है शायद इसका कारण ये भी है की वो ऐसा महसूस ही नहीं करते वे एक अच्छे व्यक्ति हैं.

5- वे विफल होने के लिए तैयार हैं-

इनसिक्‍योर व्यक्ति अपने आत्मविश्वास की कमी के कारण अपने परिणाम के बारे में इतने निश्चित होते है की वो कभी आगे बढ़ने की कोशिश ही नहीं करते .वो हमेशा विफल होने के लिए तैयार रहते है.
और तो और इनकी सबसे बड़ी सोच ये होती है की इनको हमेशा लगता है की इन्हें न्याय मिल रहा है ,ऐसा अक्सर इसलिए होता है क्योंकि उनका खुद पर विश्वास नहीं होता और वे खुद को हीन के रूप में देखते हैं.

6-ईर्ष्या का भाव-

वैसे तो हर इंसान में यह भाव पाया जाता है पर कुछ व्यक्तियों में ये चरम बिंदु पर होता है. इनसिक्‍योर लोगों के दिमाग में हमेशा यह बात चलती रहती है कि कहीं वे अपने सहकर्मियों से किसी भी मामले में पीछे ना रह जाएं.किसी दूसरे सहकर्मी की तारीफ और उपलब्‍धी पर उनके चेहरे पर एक नाटकीय हंसी देखने को मिलेगी.लेकिन इस समय उनके भीतर इनसिक्योरिटी की भावना चरम बिंदू पर पहुंच चुकी होती है.

7- सबके बारे में सबकुछ जानना है इन्‍हें-

कुछ लोग अपने आसपास के लोगों के बारे में सबकुछ जानने के लिए बेचैन रहते हैं.बॉस ने तुमसे क्‍या बात की? कल में छुट्टी पर थी, तो ऑफिस में क्‍या हुआ? कहीं कोई मेरे बारे में तो बात नहीं कर रहा था? तुम्‍हारा सैलरी कितनी बढ़ी? इस बेचैनी के कई बार इनकी रातों की नींद भी उड़ जाती है.ऐसे लोग इनसिक्‍योरिटी के टॉप लेवल पर पहुंच चुके होते हैं.

8- वे दूसरों पर भरोसा नहीं करते

इनसिक्योर लोग खुद पर भरोसा नहीं करते हैं, लेकिन वे दूसरों पर भी भरोसा नहीं करते हैं. उन्हें हमेशा यही लगता रहता है की उन्हें हर कोई जज कर रहा है. उन्हें नहीं लगता कि उनके दोस्त हो सकते हैं, उन्हें नहीं लगता कि वे मूल्यवान है.
किसी खास के लिए पजेसिव होना भी इनसिक्‍योरिटी की एक वजह हो सकती है.आमतौर पर ऐसी इनसिक्‍योरिटी प्रेमिकाओं या पत्नियों में देखने को मिलती है.इन्‍हें डर होता है कि कहीं उनका पार्टनर उन्‍हें धोखा ना दे दे.

ये भी पढ़ें- सिल्वर सैपरेशन का बढ़ता ट्रैंड

9- दूसरे क्या सोचेंगे-

इनसिक्योर लोग कोई भी फैसला अपने-आप करने से डरते है.इन लोगों को हमेशा इस बात की चिंता लगी रहती हैं कि दूसरे उनके बारे में क्या सोच रहे है या क्या सोचेंगे .

जाने किस तरह से अपने मन से इनसिक्योरिटी की भावना को मिटाने का प्रयास करे-

दोस्तों ये जरूरी नहीं की जीवन हमेशा ठीक वैसा ही हो जैसा हम चाहते है.परिणाम तो एक टुकड़ा है जो कम से कम कुछ हद तक हमारे नियंत्रण से बाहर है पर एक चीज़ जो पूरी तरह हमारे वश में है वो है हमारा खुद पर भरोसा और कड़ी मेहनत., नौकरियां दुर्लभ हो सकती हैं, साझेदार प्रतिबद्धता का विरोध कर सकते हैं, या आपके पास ऐसे जीन हो सकते हैं जो पतला होना मुश्किल बनाते हैं. पर इसका ये अर्थ कतई नहीं की आप किसी से कम है.

1-अपनी कीमत को पहचाने.यदि आप हमेशा हर किसी की ज़रूरतों की देखभाल करते हैं और अपने आप को भूल जाते हैं, तो आप अपने आप को पर्याप्त मूल्य नहीं दे रहे है.

2- ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपसे प्यार करते हों और आपको आपकी बुराइयों के साथ-साथ आपकी अच्छाईयों को भी बताते हों. अगर आपने अपने आपको उन लोगों के बीच घेर रखा है जिनकी आदत सिर्फ आपकी खामियां गिनाना है ,तो ये सही समय और स्पष्ट संकेत है उनसे दूरी बनाने का…..

3- अपनी उपलब्धि को नकारे नहीं बल्कि अपनी सफलताओं का जश्न पूरे दिल से मनाये और खुद पर गर्व करें .हो सकता है ये आपको अटपटा लग रहा होगा लेकिन सच तो यही है की जब तक हम खुद अपना सम्मान नहीं करेंगे तो कोई दूसरा हमारा सम्मान क्यूँ करेगा.

4-अपने खाली समय में उन चीजों को करने की प्राथमिकता दें जो आपको खुशी दें .फिर चाहे वह किताब के साथ कर्लिंग करना हो या भोजन पकाना.

एक बात हमेशा याद रखें की जिस दिन हम अपनी असुरक्षाओं की जंजीरों को तोड़ कर अपनी खुद की ताकत और महत्व का एहसास करेंगे उस दिन हम वो बन सकते है जो हम बनना चाहते है.

हर ओकेशन के लिए परफेक्ट है ‘बेहद 2’ की एक्ट्रेस जेनिफर विंगेट के शरारा लुक, देखें फोटोज

सीरियल संजीवनी से लेकर बेहद में अपनी एक्टिंग से फैंस के बीच सुर्खियां बटोर चुकीं एक्ट्रेस जेनिफर विंगेट (Jennifer Winget ) अपनी पर्सनल और एक्टिंग लाइफ को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं. वहीं इन दिनों जेनिफर बिग बौस 2020 में कंटेस्टेंट के तौर पर जुड़ने को लेकर सुर्खियों में हैं. दरअसल, खबरें हैं कि एक्ट्रेस जेनिफर विंगेट (Jennifer Winget ) को बिग बौस 2020 में भाग लेने के लिए संपर्क किया गया था, जिसके लिए उन्हें हर हफ्ते 3 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था.

पर कहा जा रहा है कि जेनिफर विंगेट (Jennifer Winget ) ने इस औफर को ठुकराने का फैसला लिया है. वहीं जेनिफर के साथ बेहद सीरियल में नजर आ चुके शिविन नारंग (Shivin Narang) सलमान खान ने इस शो का हिंस्सा बनने के लिए  का हिस्सा बनने के लिए इच्छा जताई है. वहीं खबरों की मानें तो शिविन ने बिग बौस 2020 (Bigg Boss) के लिए हां कर दी है. हालांकि अब केवल शिविन और निर्माताओं के औफिशयल बयान का इंतजार किया जा रहा है. लेकिन आज हम आपको जेनिफर विंगेट के कुछ शरारा लुक के बारे में बताएंगे, जिसे आप फेस्टिवल हो या शादी हर ओकेशन पर ट्राय कर सकते हैं.

1. गोल्डन शरारा करें ट्राय

अगर आप वेडिंग सीजन में कुछ खूबसूरत लुक ट्राय करना चाहते हैं तो जेनिफर विंगेट का ये शरारा लुक ट्राय करना ना भूलें. सिपल एम्ब्रायडरी वाले सूट के साथ शाइनी गोल्डन शरारा और उसके साथ हैवी दुपट्टा आपके लुक के लिए परफेक्ट है.

ये भी पढ़ें- हर ओकेशन के लिए परफेक्ट है एरिका फर्नांडिस के ये साड़ी लुक

2.  पिंक कलर है परफेक्ट

अगर आप पिंक कलर का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं तो जेनिफर विंगेट का सिंपल पिंक शरारा और हैवी कुर्ता कौम्बिनेशन आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ आप हैवी झुमके ट्राय कर सकती है.

3. पिंक और गोल्डन कौम्बिनेशन है परफेक्ट

 

View this post on Instagram

 

The Delhi leg of promotions for Bepannah -today! #bepannaahlove❤️

A post shared by Jennifer Winget (@jenniferwinget1) on

अगर आप पिंक और गोल्डन का कौम्बिनेशन देखना चाहती हैं तो जेनिफर विंगेट का ये शरारा लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. शादी के फंक्शन में अगर आप हेवी लुक च्राय करेंगी तो आपकी खूबसूरती और निखरेगी.

ये भी पढ़ें- मेहंदी से लेकर ऑफ्टर शादी तक, हर फंक्शन के बेस्ट हैं ‘दीया और बाती हम’ एक्ट्रेस के ये लुक

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें