हल है न: भाग-3

नवल भैया के दोस्त हो कर तुम सब छोटी बहन से ऐसी हरकतें कर रहे हो? आंटी बिस्तर से उठ नहीं सकतीं, उज्ज्वल छोटा है और भैया होश में नहीं… इस सब का फायदा उठा रहे हो… गैट आउट वरना अभी पुलिस को कौल करती हूं. यह रहा 100 नंबर,’’ मोबाइल स्क्रीन पर रिंग भी होने लगी. उस ने स्पीकर औन कर दिया.

रिंग सुनाई पड़ते ही सब नौ दो ग्याह हो लिए. तब उज्ज्वल ने लपक कर दरवाजा बंद कर दिया. शुचि ने फोन काट दिया. अचानक फिर फोन बज उठा, ‘‘हैलो पुलिस स्टेशन.’’

‘‘सौरी… सौरी सर गलती से दब गया था. थैंक्यू.’’

‘‘ओके,’’ फोन फिर कट गया. उस के बाद तीनों नवल को उस के बिस्तर तक पहुंचाने की कोशिश में लग गए.

सुबह करीब सात बजे नवल जागा. सिर अभी भी भारी था. उस ने अपना माथा सहलाया, ‘‘कल रात कुछ ज्यादा ही हो गई थी. थैंक्स राजन, विक्की, सौरभ और राघव का जो उन्होंने मुझे फिर घर पहुंचा दिया सहीसलामत.’’

उन्हें थैंक्स कहने के लिए नवल मोबाइल उठाया ही था कि शुचि सामने आ गई.

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‘‘अरे शुचि, तू कब आई? अचानक कहां चली गई थी तू? मोहसिन क्या मिल गया हम सब को ही भूल गई,’’ वह दिमाग पर जोर दे कर मुसकराया.

‘‘नमस्ते भैया. मैं मोहसिन नहीं मलय के साथ विदेश चली गई थी. डेढ़ साल के लिए… पर आप तो यहां रह कर भी यहां नहीं रहते… अपने घरपरिवार को ही जैसे भूल गए हैं.’’

‘‘क्या मतलब?’’

‘‘बहुत बुरा लगा सब बदलाबदला देख कर… अंकल नहीं रहे, आंटी बैड पर हो गईं, भाभी परी को ले कर मायके चली गईं और आप…’’

‘‘हां शुचि वक्त ऐसे ही बदलता है… एक मिनट मैं ब्रश कर के आता हूं तू बैठ.’’

दीप्ति वहीं चाय ले कर चली आई थी. बाथरूम से जब नवल आया तब तक शुचि कैमरा उस के टीवी से अटैच कर चुकी थी. उस ने रिमोट नवल के हाथों में थमाते हुए कहा, ‘‘आप औन कर के देखो भैया, इस कैमरे से बहुत अच्छी वीडियो बनाया है. यह कैमरा दीप्ति के लिए विदेश से लाई हूं… मैं अभी आई भैया आप तब तक देखो.’’ और दोनों अंदर चली गईं.

‘‘वैरी गुड,’’ कह कर नवल तकिए के सहारे बैठ गया. और टीवी औन कर के चाय का कप उठाने लगा.

वीडियो चल पड़ा था. उस की नजर स्क्रीन पर गई, ‘अरे यह तो मैं, मेरे दोस्त मेरा ही वीडियो… ड्राइंगरूम… वही कपड़े यानी कल… वह वीडियो देखता गया और गुस्से और शर्म से भरता चला गया. छि… मैं उन्हें अपना अच्छा दोस्त समझता था… वे मेरी बहन दीप्ति के साथ शिट… शिट…’ उसे दोस्तों से ज्यादा अपनेआप पर क्रोध आने लगा. वह दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक अपनी शर्म और गुस्सा छिपाने का प्रयास करने लगा.

तभी शुचि आ गई. वीडियो खत्म हो चुका था.

‘‘भैया… भैया,’’ कह कर उस ने नवल के चेहरे से उस के हाथ हटा दिए, ‘‘दीप्ति और आंटी के लाख कहने पर भी आप अपने दोस्तों की असलियत जाने बिना उन के खिलाफ कुछ नहीं सुनते थे, इसलिए मुझे यह करना पड़ा… सौरी भैया.’

‘‘अरे तू सौरी क्यों बोल रही है… गलती तो मेरी है ही और वह भी इतनी बड़ी… सही किया जो मेरी आंखें खोल दीं. कितना जलील किया है मैं ने दीप्ति को. उज्ज्वल पर भी क्या असर पड़ता होगा और मां को तो मैं इस हालत में भी मौत की ओर ही धकेले जा रहा होऊंगा. शराब ने मुझे इतना गिरा दिया कि अपनों को छोड़ मैं गैरों पर विश्वास करने लगा. उन्हीं के बहकावे में मैं ने लतिका को भी घर से जाने के लिए मजबूर कर दिया. वह मेरी नन्ही परी को ले कर चली गई. वह सिसक उठा. रोज सुबह सोचता हूं नहीं पीऊंगा अब से पर कमबख्त लत है कि छूटती नहीं… शाम होतेहोते मैं… उफ,’’ उस का चेहरा फिर उस की हथेलियों में था.

‘‘छूटेगी जरूर भैया, अगर आप मन में ठान लें… चलेंगे भैया?’’

पूछने के अंदाज में उस ने सिर उठाया, ‘‘कहां?’’

‘‘चलिए आज ही चलिए भैया जहां मैं अपने मियांजी को ले गई थी उन के गुटके की आदत को छुड़वाने के लिए. मेरे घर के पास ही तो है नशामुक्ति केंद्र. मेरे कुलीग के भाई अमन हवां के हैड बन गए हैं,’’ कह कर वह मुसकराई थी, ‘‘चलेंगे न भैया.’’

नवल ने हां में सिर हिलाया, तो पास खड़ी दीप्ति नवल से लिपट खुशी से रो पड़ी. नवल ने उस के सिर पर हाथ फेरा और सीने से लगा लिया. शुचि भी नम आंखों से मुसकरा उठी.

शुचि की शादी की वर्षगांठ पर दीप्ति उस के घर आई थी.

‘‘अब तो नवल भैया ठीक हो गए हैं… अब उदास क्यों है? तेरी भाभी को भी अब जल्दी लाना होगा. तभी तो मैं अपनी भाभी को ला पाऊंगी… पर तू हां तो कर पहले.’’

‘‘मतलब?’’

‘‘मतलब यह तू अमन को पसंद है. मैं ने बहुत पहले अमन से तेरा गुटका बदलने वाला उपाय शेयर किया था तो वे खूब हंसे थे. और तभी से वे तुम से यानी बीरबल से मिलना चाहते थे. वे भी आए हैं मिलेगी उन से?’’

 

‘‘तू पागल है क्या?’’ दीप्ति के लाज और संकोच से कान लाल हो उठे.

तभी अमन को वहां से गुजरते देख शुचि बोली, ‘‘अमन, अभीअभी मैं आप को ही याद कर रही थी… आप मिलना चाहते थे न मेरी बीरबल दोस्त से… यही है वह मेरी प्यारी दोस्त दीप्ति…’’

दीप्ति नमस्ते कर नजरें झुकाए खड़ी थी. अमन से नजरें मिलाने का साहस उस में न था. उस ने महसूस किया, अमन मंदमंद मुसकरा रहा है. सच जानने के लिए उस की पलकें अपनेआप उठीं फिर झुक गईं. अमन कभी दीप्ति को देखता तो कभी शुचि को और फिर मंदमंद मुसकराए जा रहा था. दीप्ति की धड़कनें तेज होने लगी थीं.

‘‘अरे अमन अब कुछ बोलो भी.’’

शुचि दीप्ति से अमन की ओर इशारा करते हुए बोली, ‘‘अब बता बनेगी मेरी भाभी?’’

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अमन ने खुशी को छिपाते हुए बनावटी गुस्से से शुचि को आंख तरेरीं तो उधर दीप्ति ने भी शरमा कर आंखें झुका लीं. शुचि के मुंह से अमन की तारीफें सुन कर और अपने भैया को ठीक करने वाले अमन को साक्षात देख कर वह पहले ही प्रभावित थी.

‘‘वाह, अब जल्दी से आंटी को खुशी की यह खबर देनी होगी,’’ कह कर शुचि ने दीप्ति को बांहों में भर लिया.

#coronavirus: Quarantine टाइम को बनाएं क्वालिटी टाइम

कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है जिसे सुनकर हर दिमाग बौखला गया है. इस वाइरस की दहशत ने बेराजी ही सही लेकिन हर व्यक्ति को इस फैसले को मानने को मजबूर कर दिया है.

हम हमेशा से पढ़ते-सुनते आए हैं कि व्यक्ति को हर प्रतिकूल परिस्थिति का सामना धर्य के साथ सकारात्मक सोच अपनाते हुये करना चाहिए. आज की परिस्थितियों में यह फॉर्मूला अत्यंत प्रभावी है.

अब निशा को ही देखिये. लॉकडाउन के कारण कानपुर पढ़ने वाली उसकी बेटी घर आ गई. पति का ऑफिस और छुटकी का स्कूल भी बंद है. घर से बाहर कहीं आना-जाना नहीं. ऐसे में चारों जने घर के बर्तनों कि तरह जब-तब टकराने लगते हैं. कहाँ तो निशा अपने परिवार के साथ इस तरह के समय को तरसती रहती थी और कहाँ अब हर समय इस कैद से आजादी के लिए छटपटा रही है.

निशा ही नहीं बल्कि हर परिवार इस गंभीर समस्या से जूझ रहा है. ऐसे में क्यों न इस क्वान्टिटी टाइम को क्वालिटी टाइम बनाने की कोशिश की जाये.

क्या करें

सुबह जल्दी उठने की जल्दबाज़ी न करें और अपने तन-मन को आराम दें.

घर के सभी सदस्य एक साथ योगा-कसरत, मेडिटेशन आदि करें.

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साफ-सफाई आदि का कोई काम पेंडिंग हो तो सब मिलकर उसे निपटाये.

पति एवं बच्चों से अधिकारपूर्वक रसोई में मदद करने के लिए कहें. मिलकर बनाएँ… मिलकर खाएं…

लूडो, कैरम, शतरंज जैसे इनडोर गेम खेलें. घर में उपलब्ध नहीं हों तो इंटरनेट का सहारा लिया जा सकता है.

कॉमेडी मूवी देखें ताकि मानसिक तनाव कम हो.

दोस्तों, सहेलियों, रिशतेदारों से विडियो कॉलिंग के जरिये संपर्क बनाए रखें.

विडियो चैट के माध्यम से ऑनलाइन अंत्याक्षरी खेली जा सकती है.

खुली छत हो तो सुबह या शाम के समय टहलें. प्रकृति और पक्षियों की चहचहाट सकारात्मकता बढ़ाती है.

यदि कोई बुजुर्ग घर में है तो उनके अनुभवों का लाभ उठाएँ. छोटा बच्चा तो स्वयं ही पूरे घर का मनोरंजन करने में सक्षम है. उसकी बाल सुलभ क्रियाओं का आनंद लें.

पूरे दिन में परिवार का हर सदस्य घंटा-दो घंटा अवश्य ही किसी रचनात्मक कार्य में लगाए. इससे भी सकारात्मकता बढ़ती है.

जो शौक घर की चारदीवारी में पूरे किए जा सकते हैं उन्हें करें. सिलाई-बुनाई… कुकिंग-बेकिंग… पढ़ना-लिखना… ड्राइंग-पेंटिंग… गीत-गजल सुनना इसमें शामिल हैं.

क्या ना करें

परिवार का कोई सदस्य यदि देर तक सोना चाहता है तो उस पर जल्दी उठने का दबाव बनाकर उसका मूड खराब न करें.

हर समय टीवी पर ना चिपके रहें. यह भी तनाव बढ़ाता है.

अपने खाली दिमाग को शैतान का घर न बनने दें. न अफवाहों पर ध्यान दें और ना ही उन्हें फैलाने में सहायक बनें.

बच्चे यदि अपने दोस्तों के साथ ग्रुप चैट कर रहे हैं तो उन्हें रोकटोक कर घर में अनावश्यक तनाव न बढ़ाएँ बल्कि खुश हों कि कम से कम वे व्यस्त तो हैं.

घरेलू काम को लेकर चिकचिक ना करें क्योंकि किसी को भी देर नहीं हो रही है.

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ऊपर दी गई क्या करें और क्या ना करें की सूची देखकर ही लग रहा है कि यहाँ करने वाले कार्यों की सूची न करने वाले कार्यों से कहीं अधिक लंबी है. इसलिए अब यदि हमें क्वान्टिटी टाइम मिला है तो इसे क्वालिटी टाइम में बदल कर  इसका सदुपयोग करें. खुद भी खुश रहें और अन्य सदस्यों की खुशी में भी भागीदार बनें.

#lockdown: हे राम! इधर को रोना, उधर कोरोना

ये शख्स राजस्थान का है. मजदूरी के लिए गुजरात गया था. उसे क्या पता था कि इधर को रोना आएगा, तभी कोरोना आ जाएगा. पत्नी के पैर में फ्रैक्चर आया तो इस मेहनतकश युवक को रोना आ गया लेकिन इससे पहले कि पत्नी ठीक होती, कोरोना ने देश में दस्तक दे दी.

‘बचाव ही उपाय है’ के ब्रह्मास्त्र को दागते हुए प्रधानमंत्री जी ने पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू मांगा और तत्पश्चात कोरोना के अदृश्य महादैत्य से निपटने के लिए पूरे देश में आवाजाही पर ताला लगा. राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए तीन दिन पहले इक्कीस दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर डाली. सावचेत भी कर दिया कि इसे कर्फ्यू ही समझें.

कोरोना महामारी मामूली नहीं है. जिन विकसित और स्वास्थ्य सेवाओं में अव्वल राष्ट्रों ने इसे हल्के में लिया, वे अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देश आज  हर रोज हो रही सेकडों मौतों और हजारों की शक्ल में बढ़ रही संक्रमित लोगों की संख्या को लेकर बेहद चिंतित हैं. ब्रिटेन में प्रिंस चार्ल्स के बाद खुद प्रधानमंत्री बोरिश जॉनसन का कोरोना की चपेट में आ जाना साफ जाहिर करता है कि मौजूदा विपत्ति में कोई भी व्यक्ति अपनी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता है. ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री द्वारा बचाव ही उपाय के शिविर से लॉकडाउन का ब्रह्मास्त्र दागना किसी भी प्रकार से अनुचित नहीं है. केन्द्र हो या राज्य सरकार, सभी बेहतर से बेहतर मुकाबले के लिए तैयारी कर रही हैं.

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योध्दा मैदान में डटे हुए हैं. अपनी जान पर खेलकर हमें और आपको उस खतरनाक वॉयरस से बचा रहे उन सभी जांबाज योद्धाओं के लिए दिल से सैल्यूट तो बनता ही है. हमें स्वास्थ्य सेवा, पुलिस, सेना और प्रशासनिक पदों पर आसीन रहकर दिन रात सेवाएं दे रहे उन तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों का ह्रदय से आभार व्यक्त करना चाहिए, जो हमें घरों में मूंदकर (ताकि हम जिंदा रह सकें) खुली आंखों से दिखाई नहीं देने वाले इस खतरनाक महादैत्य से मुकाबले के लिए मैदान में डटे हुए हैं.

हमारे जीवन को कोरोना की आंच से बचाने के लिए सुरक्षा कवच बनीं सरकारों और सरकारी नुमाइंदों की मंशा पर हमें कोई शंका नहीं है लेकिन 21 दिन का लॉकडाउन करने से पहले कहीं ना कहीं और किसी छोटे या बड़े स्तर पर एक बड़ी चूक अवश्य हुई है. हमारे देश के  लाखों-करोड़ों लोग परिवार के भरण पोषण के लिए गांव और देहात की पगडंडियों से निकल बड़े शहरों और महानगरों में डेरा जमाए बैठे. लाखों की तादाद में तो पूरा परिवार ही पेट में जलती भूख की आग को मिटाने के लिए शहरों की शरण में पहुंचा. दुख इस बात का है कि ना तो केन्द्र ने और ना ही राज्य सरकारों ने लॉकडाउन से पहले इन लाखों करोड़ों आप्रवासियों के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की.

इस बड़ी चूक की अनगिनत तश्वीरें आज शहरों और महानगरों से निकलने वाली प्रत्येक सड़क पर दिखाई दे रही हैं. ह्रदय को झंझोड़ने वाली इन तश्वीरों से पल-प्रतिपल रिस रहे दर्द की फिलवक्त कोई दवा भी नजर नहीं आ रही है. यातायात के तमाम साधन बंद और सड़कें सूनी हैं. ऐसे में खाली जेब और रीते पेट के चलते गुजरात से राजस्थान तक सेकडों किलोमीटर की दूरी तय करके उस मजदूर को अपनी पत्नी को कंधे पर लादकर लाने के लिए मजबूर कर दिया है. वह जीना चाहता है. वह ही क्यों, घर छोडकर बाहर गया भूख से बेवश और विवश हरेक मजदूर इन विषम परिस्थितियों में अपने घर जाना चाहता है. यहां भूख से मरने के बजाय टूटकर, थक हारकर अपने घर-परिवार के बीच उसे देह त्यागना मंजूर है.

इसीलिए दिल्ली में मजूरी करने वाले एक व्यक्ति ने मजूरी के पैसों से साइकिल का जुगाड़ किया. साइकिल के फ्रेम में गद्दी नुमा कपड़ा बांधा (ताकि जिगर के टुकड़े को रास्ते में तकलीफ ना हो) और दुधमुंहे बच्चे को महारानी लक्ष्मीबाई की मानिंद पीठ बना फ्रेम से जुडे हैंडिल से कपड़े के जरिए कसकर बांध दिया. पैडल मारने से पहले पत्नी को पीछे करियर पर बिठाया और चल पड़ा, अपने घर की ओर. वह चाहता कि यदि वह मरे तो उसका अंतिम संस्कार लावारिसों की तरह नहीं हो.

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ये दृश्य सिर्फ़ वानगी हैं. असल तश्वीर अत्यंत भयावह और डरावनी हैं. इधर को ‘रोना’, उधर कोरोना से ग्रसित ये लाखों करोड़ों लोग सड़कों पर बेतहाशा चले जा रहे हैं. मंजिल कितनी दूर है, इसकी किसी को फ्रिक नहीं हैं. रास्ते में कहीं पुलिस के बेरहम डंडे तो कहीं पुलिस का आतिथ्य मिलता है. भोजन भी और सोने और थकान मिटाने का साधन भी. अब आप ही बताएं कि इधर को ‘रोना’ और उधर ‘कोरोना’ का स्थाई इलाज क्या है?

#lockdown: जब सताए पार्लर की टेंशन, तो ट्राय करें ये 4 टिप्स

महिलाएं खुद को हर चीज़ में अप  टू डेट रखना पसंद करती  हैं खासकर फैशन व आउटफिट्स के मामले में. उनके पास समय हो या न हो, वर्किंग हो या हाउस वाइफ वे खुद को सवारने के लिए पार्लर में जाना ही पसंद करती हैं ताकि खुद की  सुंदरता को और बड़ा सके. लेकिन अब वे चाहा कर भी ऐसा नहीं कर पा रही हैं , क्योंकि कोरोना के चलते  21 दिन के लॉक डाउन ने हर चीज़ की रफ़्तार को रोक दिया है. घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है. सिर्फ जरूरी चीज़ें ही उपलब्ध हो रही है, वो भी लंबी लंबी क्वी में लगकर. ऐसे में पार्लर के खुलने का तो सवाल ही नहीं है. अगर आसपास में किसी ने पार्लर का कोर्स किया भी  हुआ है, तो भी वह फ्रेंड या पड़ोसी होने के नाते भी घर आना जाना पसंद नहीं कर रहे, या फिर साफ़ इंकार करना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं , क्योंकि इस समय जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में जब आपको हो रही है पार्लर की कमी महसूस तो हम आपको बताते हैं आसान से उपाय, जिसे आप घर बैठे आजमा कर पा सकती  हैं  पार्लर जैसा लुक. जानते हैं कैसे

1. घर पर तैयार करें वैक्स

बॉडी पर हेयर्स किसी भी लड़की व महिला को पसंद नहीं होते. लेकिन हार्मोनल बदलाव की वजह से बॉडी पर अनचाहे बाल आने लगते हैं. जिसे हटाने के लिए पार्लर की शरण में जाना अनिवार्य हो जाता है. यह भी सच्चाई है कि कुछ महिलाओं की हेयर ग्रोथ कम होती है तो कुछ की ज्यादा , ऐसे में आप घर पर ही वैक्स तैयार करके बॉडी हेयर्स से छुटकारा पा  सकती  हैं.  इसके लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर पर ही घर में रखी चीज़ों से वैक्स बना सकती  हैं.

इसके लिए आप सबसे पहले एक पैन लें और उसमें 4 चम्मच चीनी डालकर उसमें बीज निकले दो नींबू का रस ऐड करें. फिर इसे हलकी आंच पर पकाएं. जब चीज़ें अच्छे से पक कर थिक होने लगे तो समझ जाएं कि  वैक्स तैयार हो गई हैं.  फिर इसे थोड़ा ठंडा कर आप अप्लाई कर सकते हैं. कहां कहां अप्लाई किया जा सकता है.

– आप इसे हाथ पैरों के हेयर्स को रिमूव करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

– आप इससे फोरहेड व ऊपरलिप्स के बाल हटा सकते हैं.

– फेसिअल हेयर्स को रिमूव करने का यह बहुत ही सेफ व आसान तरीका है.  सबसे अच्छी बात यह है कि इस वैक्स के लिए आपको स्ट्रिप्स की  जरुरत नहीं होती . बस वैक्स को खींचने भर से काम हो जाता है.

कैसे अप्लाई करें

बॉडी के जिस भी पार्ट पर आपको इसे अप्लाई करना है वहां सबसे पहले पाउडर अप्लाई करें , फिर वैक्स को चाकू की मदद से स्किन पर अप्लाई करके फिर बालो की दिशा की उलटी तरह वैक्स को हटाए. इससे आपको मिनटों में स्मूद स्किन मिल जाएगी. और इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता. बस इस बात का ध्यान रखें कि एक ही जगह पर बार बार वैक्स अप्लाई नहीं करें वरना स्किन रेड होने के चांसिस रहते हैं. फिर आप टॉवल को गीला करके स्किन को क्लीन करें और मॉइस्चराइजर अप्लाई करें. अगर घर पर अनस्टेजेर रखा है तो उसे अप्लाई करें जिससे दाने होने का डर नहीं रहता.

2. आई ब्रो को दें शेप

आँखों की ख़ूबसूरती को बढ़ाने में आइब्रो का अहम रोल होता है. तभी तो महिलाएँ हर 10 -15 दिन में आइब्रो करवाना पसंद करती हैं. क्योंकि ये चेहरे के लुक को ही बदल देता है. ऐसे में आप बिना पार्लर में जाए  घर पर  ही आई ब्रो को शेपदे सकती हैं. इसके लिए आप सबसे पहले आई ब्रो पेंसिल की मदद से आई ब्रो को अच्छे से शेप दें , जिससे एक्स्ट्रा हेयर्स को निकालने में आसानी हो. फिर आप प्लकर की मदद से एक्स्ट्रा हेयर्स को एक एक कर निकालें।  और आगे के बालों को कैंची की मदद से थोड़ा सा काटे. इससे आप आई ब्रो को शेप भी दे पाएंगी  और आपका लुक भी अट्रैक्टिव बना रहेगा.

3. खुद से करें बालों की ट्रिमिंग

पार्लर में जाकर आप ट्रिमिंग पर  300 -400  रुपए खर्च कर देती होंगी.  लेकिन यहाँ आप घर  बैठे बालों को अपने मनमुताबिक ट्रिमिंग कर पाएंगी. इसके लिए आप सबसे पहले बीच से पार्टिसन निकाल कर बालो को आधे आधे हिस्से में डिवाइड कर लें. फिर बालों के tangles निकालकर पहले जिस तरह के हेयर्स कट करने हैं वहां कौबिंग करते हुए बालों के नीचे से आधा इंच ऊपर बोबी पिन लगाएं. जिससे बाल एक सीध में कटे. फिर चेंची की मदद से बालों को कांटे.  इससे बाल ऊपर नीचे नहीं कटेंगे . ऐसे ही  दूसरी तरह के बालों को कांटे. इस तरह आप मनमुताबिक अपने  बालों की ट्रिमिंग कर  पाएंगी.

4. फेस के ग्लो को बढ़ाएं

भले ही आप कितने स्टाइलिश कपडे पहन  लें लेकिन अगर चेहरे पर ग्लो न रहे तो वो बात नहीं आ पाती है. ऐसे में आप घर पर ही रहकर अपनी स्किन को और ग्लोइंग बना पाएंगी.  इसके लिए आप ये टिप्स अपना सकती हैं.

– आप एक चम्मच  दही में थोड़ा सा बेसन मिलाए. फिर उसमें चुटकी भर हल्दी व कुछ  बूंदे नींबू के रस की ऐड करें।  फिर तैयार पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के  लिए चेहरे पर लगा छोड़ दें.इसके बाद हलके हाथों से चेहरे को रब करके पानी से साफ़ करें। इससे आपके चेहरे पर ग्लो आएगा। ये पैक चेहरे पर ब्लीच का भी काम करेगा.

– अक्सर हर घर में एलो वीरा जेल होता है. ऐसे समय में डेली आप उससे चेहरे की मसाज करके क्लीन एंड क्लियर स्किन पा  सकती हैं. साथ ही एजिंग और मुंहासों की  समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.

– खीरा आजकल हर घर की किचन  में देखने को  मिलेगा. ऐसे  में आप खीरे का पेस्ट तैयार  कर उसे चेहरे पर 10 मिनट के लिए अप्लाई  करें.  फिर चेहरे को पानी से धो लें. इससे आपको बेजान व रूखी त्वचा से छुटकारा मिलेगा.

– थोड़े से नींबू के रस में हल्दी व हनी मिलाकर फेस पैक तैयार करें. इस पैक को चेहरे पर  लगाने से चमक आने के साथ  साथ दाग धब्बो से भी छुटकारा मिलता है.

– भीगे बादाम को मिल्क के साथ पीसकर इसे चेहरे पर अप्लाई करें. फिर 10 मिनट बाद पानी से चेहरे को धो लें। ये पैक मॉइस्चराइजर का काम करने के साथ साथ चेहरे को जवां बनाने का काम कटा है. इस तरह आप घर पर भी खुद को खूबसूरत बना पाएंगी. साथ ही पैसे की बचत भी होगी.

#coronavirus: धर्म बड़ा या विज्ञान?

आज दुनियाँ संकट में है. कोरोना के कहर से पूरी मानवता घुटनों पर है.दुनियाँ के सबसे बड़े धर्म यानी क्रिश्चियन की सबसे पवित्र कही जाने वाली वेटिकन सिटी पर ताला लटक गया है.सबसे बड़ा धर्मगुरु अर्थात पॉप कहीं छुप गया है.

दुनिया का दूसरा बड़ा धर्म है इस्लाम है.पवित्र कही जाने वाली भूमि अर्थात काबा भी लॉकडाउन हो गया है मुल्ला लोग कहीं नजर नहीं आ रहे है.तीसरा बड़ा धर्म है हिन्दू उसके भी चारो धाम और वैष्णों देवी से लेकर तिरुपति, उज्जैन से लेकर शिरडी तक लॉक-डाउन है.

इन चर्च,मस्जिद,मंदिरों को बंद करने के पीछे तर्क दिया गया कि जनहित में बंद किया जा रहा है.अगर जनता के हित मे बंद करना था तो इनको किसके हित मे खोला गया था?आज मानवता पर गंभीर संकट आया तो यीशु,अल्लाह,ईश्वर सब भाग खड़े हुए.खुले है तो सिर्फ अस्पताल और अस्पताल को धर्म ने नहीं विज्ञान ने बनाया है.

महान वैज्ञानिक रिचर्ड हॉकिन्स ने ईश्वर के अस्तित्व को कभी स्वीकार नहीं किया.उन्होंने ब्रह्मांड को लेकर ब्लैक होल सिद्धांत प्रतिपादित किया.उन्होंने ब्रह्मांड निर्माण की प्रक्रिया बताई.21वीं सदी के नास्तिकों की बात करें तो सबसे बड़ा नाम आता है किस्तोंपर हीचेन.हीचेन ने “God is not great” नाम से एक किताब लिखी.

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“God is not great”नामक किताब में हीचेन ने सैंकड़ों उदाहरण देकर बताया कि मानवता पर जब भी बड़ी आपदा आई तब ये यीशु,अल्लाह,भगवान रोकने/बचाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे.त्रासदी के बाद भी मानवता की सेवा में कहीं नजर नहीं आये.

उत्तराखंड में जब बाढ़ आई तो केदारनाथ खुद अपना मंदिर बचाने में असफल हो गए.गुजरात के भुज में जब भूकंप आया तो द्वारकाधीश कहीं नजर नहीं आये.

मानव जाति में जो खुद को यीशु,अल्लाह,ईश्वर का प्रतिनिधि समझते है और किसी बगैर काल्पनिक सहारे के  जी नहीं सकते उन्होंने 95%बुद्धिहीनों की जमात तैयार कर रखी है.जब भी मानवता पर गंभीर संकट आता है तो धर्मखोर प्रतिनिधि छुप जाते है और इनके द्वारा जाल में फंसाई बुद्धिहीनों की भीड़ किसी सहारे को प्राप्त करने के लिए इधर-उधर भागने लगती है.

दुनियाँ पर जब भी संकट आता है तब वैज्ञानिक सोच के 5%लोग इनका तारणहार बनते है.बाढ़, भूकंप,कोरोना आदि को प्रकृति पैदा करती है,यीशु,अल्लाह,गॉड इनका कुछ नहीं कर सकते है.इन पर नियंत्रण करने के लिए विज्ञान आगे आता है.आज अल्लाह,ईश्वर,गॉड कहीं नजर नहीं आ रहे है.मैदान में खड़ी नजर आती है तो सिर्फ और सिर्फ विज्ञान.

5%लोग विज्ञान की छड़ी लेकर मानवता को बचाने के प्रयास में लगे हुए है.सब धर्म स्थल ताला लगाकर भागने लगे तो विज्ञान द्वारा स्थापित अस्पताल ने आव्हान किया कि जब भी परेशानी महसूस करो तो आओ हमारी दर पर.कोरोना का विज्ञान अभी तक सहारा है समाधान नहीं मगर वैज्ञानिक सोच को पूर्ण रूप से आश्वस्त है कि इसका इलाज खोज लिया जायेगा.आस्तिकता बुद्धिहीनों द्वारा निर्मित काल्पनिकता में भटककर माथा फोड़ने में नहीं, बल्कि मानवता पर गंभीर संकट आये तो हकीकत के धरातल पर खड़े होकर समाधान खोजने के प्रति आश्वस्त होने में है.

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आज दुनियाँ के वैज्ञानिक कोरोना की दवा खोजने में चौबीसों घंटे लगे हुए है और धर्मखोर पीछे छुपकर इस इंतजार में है कि जैसे ही इलाज खोजने की खबर मिल जाएं वैसे ही अपनी काल्पनिक कहानियां रचने की दुबारा शुरुआत करें!प्रकृति बुद्धिहीनों को आइना दिखाती है और धर्म की नींव हिला देती है.विज्ञान समाधान खोजती है और धर्मखोर फिर से हिली हुई नींव को जमाने के षड्यंत्र में लग जाते है.

#lockdown: घर बैठे काम करने में ट्राय करें ये टिप्स

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और पूरे समाज में इसको फैलने से बचने के लिए, देश भर की कम्पनियों ने टेलीकॉमिंग को लागू किया है. बहुत से लोगों के लिए, घर से काम करना रोमांचक होने की आशा है. घर बैठे काम करने पर ना तो आपको ऑफिस तक का सफर करना होगा और न ही आपका कोई साथी कंधे पर हाथ मार कर आपसे हाल पूछेगा .

आप अपनी ही जगह पर बैठ कर शांति से अपने दफ्तर के काम निपटा सकेंगे.  दूसरों के लिए, यह काफी डराने वाला हो सकता है खासकर अगर आपकों बच्चों की देखभाल करनी हो या घर से काम करने  का अनुभव नहीं हो. सही मानसिकता और गैजेट्स के साथ, घर से काम करना एक आकर्षण की तरह काम करता है. आइए हम कुछ बातों पर ध्यान देते हैं जिनसे आपको घर पर काम करने के लिए मदद मिल सकेगी.

1. घर में काम करने की जगह खोजें

भले ही आपके घर में अलग से  कोई रूम न हो लेकिन काम करने के लिए एक सैपरेट जगह तलाशें. ताकि आप अपने काम को बिना किसी रुकावट के कर सकते हैं. सेटअप को खोजने में कुछ समय लग सकता है और जितना संभव हो सके आपके ऑफिस सेटअप से मिलता जुलता हो. जरूरी नहीं कि वह निजी कक्ष ही हो .सोफे और बिस्तर से दूर एक अलग स्थान उचित है.

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2. अपने पूरे दिन की योजना बनाएं

अपने काम करने की प्रायोरिटी के हिसाब से कामों की एक सूची तैयार करें. इससे न केवल यह आपको ध्यान केंद्रित रखने में मदद करेगा. लिस्ट रिव्यू करें . ताकि समय से अपना काम शुरू कर सके और समय पर पूरा भी. दिन के आखिर में अपनी दिन भर किये वर्क को रिव्यू करें और यदि काम समय पर पूरा नहीं हो पाया है , तो अगले दिन किए जाने वाले कामों कीी प्रायोरिटी लिस्ट  तैयार करें. यह भी तय करें कि आप अपने शेड्यूल से कितना जुड़े रहते हैं. यदि आप इसे बदलते रहेंगे, तो आपको मानसिक और शारीरिक रूप से तालमेल बनाना मुश्किल होगा.

3. ड्रेसअप रहे

यदि आप फॉर्मल कपड़े नहीं पहनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह भी सुझाव है कि घर पर पहने जाने वाले कपड़े पहन कर भी काम न करें .यह आपको अजीब लगेगा. ऑफिस फीलिंग नहीं आएगी.लेकिन यदि जीन्स के साथ जूते और आरामदायक शर्ट पहनेंगे तो यह आपको अवकाश से अलग काम करने मंे मददगार होगा. आपको बहुत महंगे जूते पहनने की भी जरूरत नहीं. यहां तक कि फ्लिप फ्लॉप, स्नीकर्स या किसी अन्य आरामदायक फुटवियर पहन कर भी आप काम कर सकते हैं.

4. अपने बच्चों को व्यस्त रखें

हो सकता है कि आप को ऑफिस जैसा माहौल ना मिल पाए. जब आपको अपने बच्चों की देखभाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी निभानी हो . ऐसे में तय करें कि आप अपने काम के समय के आसपास उनको व्यस्तत रखें. ताकि आप का काम बाधित न हों. अपने काम के कैलेंडर के आधार पर अपने पति के साथ अपने बच्चे के कार्य को विभाजित करें. अपने सहकर्मियों के टच में रहें .ताकि वे आपकी स्थिति के बारे में अधिक समझ सकें.

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यह आपके घर और कामकाजी जीवन के बीच तालमेल अच्छी होनी चाहिए. यदि आप इसकी योजना बनाते हैं, अच्छी तरह से संवाद करते हैं, और सेल्फ डिसिप्लेन का अभ्यास करती हैं, तो कोई कारण नहीं है कि आप अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को आसानी से मैनेज करने में सक्षम नहीं होंगी.

केवल कपूर, डायरेक्टर एण्ड क्रिएटिव स्टरटेजिक, चाई क्रिएटिव एण्ड रिटर्न औफ मिलियन स्माइल्स

#coronavirus: सेहत के लिए फायदेमंद है सब्जियों के ये जूस

इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में फैला हुआ है. पूरा विश्व इस महामारी से डरा हुआ है. लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है आपको अपने इम्यूनिटी पर ध्यान देना है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे में जो आपकी इम्यूनिटी के लिए अच्छी होगी.

जिन लोगों को हरी सब्‍जियां नहीं अच्‍छी लगती वे लोग इसका जूस पी सकते हैं. फल और सब्‍जी के जूस की दोनों ही अलग होते हैं. जहां फल को जूसर के माध्‍यम से निकाला जाता है वहीं सब्‍जियों को मिक्‍सर में पीस कर निकाला जाता है. इससे सब्‍जियों में खूब सारा फाइबर आ जाता है, जो कि पेट और शरीर के लिये अच्‍छा होता है. ऐसी कई प्रकार की सब्‍जियां हैं जिनका जूस आप बना कर पी सकते हैं. तो आइये जानते हैं कि सब्‍जियों के कौन कौन से जूस हमें पीने चाहिये जिससे हमारा स्‍वास्‍थ्‍य बना रहे और त्‍वचा में निखार आए.  तो आईये जानते है कौन से सब्जी का जूस कैसे फायेदेमंद है :-

1. पालक जूस

जो लोग डायटिंग कर रहे हैं उनके लिये यह जूस बहुत उपयोगी हो सकता है. यह विटामिन और प्रोटीन से भरा रहता है इसलिये इसे पीने से स्‍वस्‍थ्‍य बाल, त्‍वचा और आंखें प्राप्‍त होती हैं.

2. लौकी जूस

इसका जूस मोटापा, उच्चरक्तचाप, अम्लपित्त पित्तज रोगों, हृदयरोग एवं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे सीमित मात्रा में पिये और अगर यह कड़वी है तो इसे ना पिये.

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3. हरी धनिया का जूस

यह शरीर का मैटाबॉलिज्‍म बढाती है और शरीर से गंदगी को बाहर निकालती है. साथ में यह खून की कमी को भी पूरा करती है.

4. आम रस

गर्मियों के दिनों में आम का खट्टा रस शरीर को पूरी तरह से तर करता है और शरीर को सूरज की धूप से लडने की सहायता करता है.

5. खीरे का जूस

यदि आपको मोटापा कम करना है और स्‍किन को चमकदार बनाना है तो खीरे का जूस रोज पीजिये. यह आसानी से पच भी जाता है और शरीर को अंदर से साफ भी करता है.

6. करेले का जूस

करेले का जूस मधुमेह को ठीक करता है और साथ में शरीर में जमी चर्बी को भी बाहर निकालता है. यदि आपको यह जूस पीने में कडुआ लग रहा है तो आप इसमें नींबू का रस मिला सकते हैं.

7. गोभी की पत्‍तियों का जूस

इस फल में विटामिन ए,सी, ई, के, कैल्‍शियम, आयरन और आमेगा 3 फैटी एसिड होता है. इसका जूस शरीर और त्‍वचा के लिये बड़ा ही अच्‍छा होता है.

8. एवोकैडो जूस

इसमें स्‍वास्‍थ्‍य और त्‍वचा को सुधारने वाले तत्‍व होते हैं. आप इसका रस रोज ही पी सकते हैं, इससे आपकी त्‍वचा चमक उठेगी .

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9. ब्रोकली जूस

इस हरी सब्‍जी में लोहा, प्रोटीन, कैल्‍शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी पाया जाता है. इसका जूस पीने से चमकदार त्‍वचा मिलती है और कैंसर से लड़ने में सहायता भी.

Lockdown: 40 दिन की हुई शिल्पा शेट्टी की बेटी तो शेयर की फैमिली फोटो, लेकिन इस बात का है अफसोस  

शिल्पा शेट्टी इसी साल फरवरी में बेटी की मां बनी हैं. शिल्पा की बेटी सेरोगेसी के जरिए हुई हैं. शिल्पा ने अब हाल ही में परिवार के साथ फोटो शेयर की है. इस फोटो में शिल्पा के साथ उनके पति राज कुंद्रा, बेटा और बेटी साथ हैं.

फोटो को शेयर करते हुए शिल्पा ने कहा, ‘शमिशा 40 दिन की हो गई है. किसी भी मां और बच्चे के लिए ये पहला मील का पत्थर है. वैसे तो होना ये चाहिए कि हमें शमिशा को कुछ परंपराओं को निभाने के लिए घर से बाहर निकालना चाहिए लेकिन अभी ऐसा करना सही नहीं होगा.

 

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?Samisha Shetty Kundra completes 40 days today? The first milestone for a mother and child, revered in Hinduism. ? Ideally, as a ritual we would have “stepped out of the house for the “FIRST” time and taken her to a temple for blessings, but as things stand today don’t have that option. Hence, will seek blessings at our mandir at home. It only makes me realise that there are so many other things we should be grateful for even if some things don’t go as per plan. So, for the next 20 days, I’m going to document one thing that I’m grateful for EVERY DAY. Starting with TODAY, I’m so grateful for just having a healthy family by my side. Let’s use this time to thank the universe for all the wonderful things and daily manifest positivity in our lives. Do join me in this exercise stating what YOU are grateful for. Tell me in the comments below or post something on your handle.?❤️? Love and Gratitude, SSK . . . . . #SamishaShettyKundra #20DaysOfGratefulness #gratitude #blessed #family #40days #milestones #thankful #love

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शिल्पा ने आगे लिखा, लेकिन इन दिनों हालात सही नहीं है इसलिए हम उसे अपने घर में ही आशीर्वाद दिलाएंगे. इससे मुझे इस बात का एहसास हुआ कि हमारे जीवन में जो भी चीजें हैं उसका शुक्रगुजार होना चाहिए. तो अगले 20 दिनों तक मैं हर उस चीज को नोट करने वाली हूं जिसकी मैं इस वक्त शुक्रगुजार हूं. मैं शुक्रगुजार हूं कि मेरे पास एक हंसता खेलता परिवार है.

 

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Cleaning and tending to the garden for these last few days. This lockdown time has made me realise and remember that having help in any form is one of those few things we should always appreciate. Our lives become so much easier because of all our house help/staff but unfortunately, sometimes we only realise this in times like these. Today, I’m grateful for every single person who has made life easier for us in their own way. It is because of them that we can enjoy the gift of time to go out and pursue our dreams. When life gets back to normal, don’t forget to let them know that you value them. . . . . . #20DaysOfGratefulness #SwasthRahoMastRaho #GetFit2020 #stayhome #staysafe #blessed #gratitude #quarantinelife #selfisolation

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5 साल से दूसरे बच्चे के लिए कर रही थीं ट्राई…

कुछ दिनों पहले शिल्पा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह और राज 5 साल से दूसरे बच्चे के लिए ट्राई कर रहे थे. शिल्पा ने कहा था कि वह हमेशा से एक बेटी चाहती थीं और जब वह 21 साल की थीं तभी उन्होंने अपनी बेटी के लिए नाम समिशा सोच लिया था.

शिल्पा ने अपनी बेटी समीशा के नाम का मतलब बताते हुए कहा था, ‘समीशा संस्कृत शब्द SA (सा) से बना है जिसका मतलब ‘होना’ है, वहीं ‘मिशा’ का रूसी भाषा में मतलब है ‘भगवान की तरह कोई. आप इस नाम को हमारी देवी लक्ष्मी समझ सकते हैं.’

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#lockdown: ब्यॉयफ्रैंड के Birthday पर मंगेतर ने दिया सरप्राइज गिफ्ट, दुनिया कर रही तारीफ

एक समय ही है जो कभी ठहरता नहीं है. आपने भी बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि समय बहुत बलवान होता, चाहे दुख की घड़ी हो या फिर सुख के पल, कुछ भी हमेशा के लिए नहीं होता है. यह हमारे उपर डिपैंड करता है कि किस क्षण को किस रूप में लेना है. सुख के पल को तो हम सभी मिलकर एंजौय करते हैं लेकिन जैसे ही कोई कठिन परिस्थिति आती है हम घबरा जाते हैं. जबकि हमें इसे भी सकारात्मक रूप में लेकर ये सोचना चाहिए कि बुरा वक्त भी कट जाएगा और सब ठीक हो जाएगा.

कोरोना के कारण एक तरफ जहां दुनिया थम सी गई हैं वहीं कुछ लोग इस समय को भी अपने-अपने तरीके से मजेदार बना रहे हैं और लोगों को मोटिवेट करने का काम कर रहे हैं. कोरोना को हराने के लिए देश भर में लौकडाउन है, लेकिन तारीख कब रूकी है जो अब रूकेगी. ऐसे में कई लोगों के बर्थ डे और एनिवर्सिरी की तारीख आनी भी तय  है. हमारे सामने कई लोगों के उदाहरण आए जिन्होंने अपना बर्थ डे सेलेब्रेट नहीं किया, लेकिन बात जब प्यार की होती है सारे दुनिया एक तरफ और प्यार एक तरफ. जब दो लोग सच्चे प्यार में होते हैं तो एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं. छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखते हैं और ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते जब अपने पार्टनर को स्पैशल महसूस करवा सकें. ऐसे में जब पार्टनर का बर्थ डे हो तो क्या ही कहने.

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कपल्स एक महीने पहले से ही बर्थ डे की तैयारी में जुट जाते हैं और अपने पार्टनर को सबसे स्पैशल गिफ्ट देना चाहते हैं. लेकिन जब हालात लौकडाउन जैसे हों तो सारी प्लानिंग फेल हो जाती है. हम ऐसे ही एक कपल की बात कर रहे हैं जो बर्थ डे मनाने के तरीके को लेकर लोगों से तारीफ बटोर रहे हैं.

दरअसल, Hannah Chugh कैलिफोर्निया में रहते हैं. मौका था इनके जन्मदिन का और इनकी मंगेतर इन्हें कुछ खास तोहफा देना चाहती थीं लेकिन ऐसे समय में वह तोहफा लाती तो लाती कहां से. बंद घर में रहने के बावजूद उनकी मंगेतर ने गिप्ट देने की ठानी और घर बैठे पूरी प्लानिंग कर डाली और ऐसा सरप्राइज गिफ्ट दिया कि पूरा दुनिया कहने लगी भई ऐसी गर्लफ्रैंड सभी को मिलनी चाहिए. दरअसल, मंगेतर ने उनके अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के घरों में दरवाजे के नीचे से नोट्स डालें.  लगभग 76 नोट्स घरों में पहुंच गए. उन्होंने नोट्स पर लोगों से रिक्वैस्ट की थी कि, Hannah के खिड़की खोलते ही सभी लोग अपने घरों की खिड़की से हैपी बर्थ डे विश करें. लोगों ने भी ठीक वैसे ही किया, जैसे ही हनाह ने खिड़की खोली सभी लोगों ने हैपी बर्थ डे गाना शुरू कर दिया. साथ ही लोगों ने वीडियो शूट करके उनकी गर्लफ्रैंड को भी भेजा.

इस वीडियो को हनाह ने अपने इंस्टा अकाउंट पर भी शेयर किया है. जिसे पूरी दुनिया देख रही है, लोगों ने कमेंट कर उन्हें बर्थ डे विश किया है और उनकी मंगेतर की तारीफ भी कर रहे हैं. आप भी याद रखिए ये तारीखें भी निकल जाएगी और कोरोना भी हार जाएगा. घर पर रहिए और सकारात्मक सोच के साथ अपनों के साथ समय व्यतीत कीजिए.

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#coronavirus: किसी जगह पर कितनी देर तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस फैलने के साथ ही किसी भी जगह को छूने से हम कतरा रहे हैं. हमारे मन में यह डर बैठ गया है कि किसी चीज को छूने से यह वायरस हमारे अंदर ना आ जाए. कोई कोहनी से दरवाजा खोल रहा है तो कोई लिफ्ट का स्विच. लोग टिशू  पेपर से नल बंद कर रहे हैं. हर तरफ साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है, घर से काम करने वाले कर्मचारी भी लैबटौप और की-बोर्ड को सैनेटाइज कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह वायरस किस जगह पर कितनी देर तक टिक सकता है. यहां हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, कई जगहों पर इनफेक्शन को रोकने वाली दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और लौकडाउन में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोटेक्टिव कपड़े भेजे जा रहे हैं. वहीं कुछ शहरों में रात के समय कैश मशीनों (एटीएम) के की-पैड्स को साफ़ किया जा रहा है.

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बता दें कि फ़्लू जैसे दूसरे वायरस की तरह कोविड-19  भी संक्रमित शख़्स के छींकने या खांसने के जरिए मुंह और नाक से निकलने वाली बूंदों से भी फैलता है. दरअसल, एक बार की छींक से लगभग तीन हजार बूंदें पैदा हो सकती हैं. ये कण दूसरे लोगों पर, उनके कपड़ों या उनके इर्द-गिर्द सतह पर गिर सकते हैं. हालांकि, कुछ छोटे पार्टिकल्स हवा में भी रह सकते हैं.

इस बात का भी प्रूफ मिला है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक मल पर टिक सकता है, इसलिए टौयलेट से आने वाले को शख्स को अच्छी तरह से अफने हाथों को धोना चाहिए. अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके संपर्क में आने वाली दूसरी चीजें भी संक्रमित हो सकती हैं.

बता दें कि, सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (WHO) और दूसरे अन्य स्वास्थ्य संस्थानों का कहना है कि, इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोना और छुई जाने वाली सतहों को रोज़ साफ़ करना जरूरी है.

कितने वक़्त तक कोविड-19 शरीर के बाहर रहता है जिंदा

इस बीच लोग यह जानना चाहते हैं कि आख़िर कितने वक़्त तक कोविड-19 व्यक्ति शरीर के बाहर जीवित रह सकता है. इस सवाल के जवाब के लिए जब हम, सार्स और मर्स जैसे दूसरे कोरोना वायरस पर हुए कुछ रिसर्च पर नजर डालते हैं तो, यह पता चलता है कि ये मेटल, ग्लास और प्लास्टिक पर नौ दिन तक जीवित रह सकते हैं. साथ ही कम तापमान में कुछ वायरस 28 दिन तक भी टिके रह सकते हैं. वहीं कोरोना वायरस अपने अनुकूल माहौल में मज़बूती से टिके रहने के लिए जाना जाता है.

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