कोरोना संकट : 80 फीसदी भारतीयों की टूटी कमर, कमाई पर बुरा असर

कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन का देश के ग्रामीण इलाकों के लोगों की रोजीरोटी पर बुरा असर पड़ा है. हालांकि अभी तक देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का उतना प्रकोप नहीं दिखा, जितना कि शहरी क्षेत्रों में इस का खौफ देखा गया.

कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन ने देश के 80 फ़ीसदी से ज्यादा कामगारों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन के दौरान इन की कमाई पर काफी बुरा असर पड़ा है. इन में काफी लोग ऐसे हैं, जिन का बिना सहायता के ज्यादा दिनों तक जीना मुश्किल है. इन लोगों की जिंदगी पटरी पर लाने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है.

1. अधितकर की हालत खराब

एक सर्वे के मुताबिक देशभर के 5,800 परिवारों से बात की गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि लॉकडाउन से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की रोजीरोटी पर इस ने बड़ा असर डाला है. शोध में बताया गया है कि देश की 130 करोड़ की आबादी में शामिल बड़े वर्ग की कोरोना संकट के कारण कमर टूट गई है.

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2. कमाई प्रभावित होने से गहराया संकट

सर्वे के मुताबिक देश के 84 फ़ीसदी लोग महज 3,801 रुपए तक की कमाई कर पाते हैं और इन्हीं लोगों पर कोरोना संकट का गहरा असर पड़ा है. इन लोगों के पास भविष्य के लिए कोई जमा पूंजी नहीं है और लॉकडाउन के कारण इनकी कमाई प्रभावित होने से जिंदगी के लिए संकट खड़ा हो गया है.

3. पांच राज्यों पर सब से बुरा असर

इस सर्वे में बताया गया है कि लॉकडाउन का सब से बुरा असर देश के पांच राज्यों पर पड़ा है. ये राज्य हैं, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और हरियाणा. इन सभी राज्यों में प्रवासी मजदूरों की संख्या भी काफी ज्यादा है और उन के सामने कोरोना ने एक बड़ी मुसीबत खडी कर दी है.

4. कई परिवारों के सामने गहरी समस्या

सर्वे के दौरान जिन परिवारों से बातचीत की गई उन में से 34 फीसदी परिवारों ने बताया कि वे बिना आर्थिक मदद के एक सप्ताह भी नहीं रह पाएंगे. शोधकर्ताओं का कहना है कि सर्वे से पता चला है कि ज्यादा वेतन वाले लोगों की आय में कम कमी दिखी, क्योंकि इन में से ज्यादातर लोगों के पास स्थायी नौकरी है. इसलिए उन के सामने भविष्य का कोई संकट नहीं है. इस के साथ ही ऐसे लोग लॉकडाउन के दौरान भी घर से काम कर रहे हैं. कम आय वालों में सिर्फ कृषि कार्य और खानपान से जुड़े श्रमिकों को ही काम मिल पा रहा है.

5. 10 करोड़ से अधिक भारतीयों का छिना रोजगार

सर्वे और दूसरे संस्थानों के आंकड़ों के मुताबिक देश में 25 मार्च को लॉकडाउन के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार खत्म हो गया. एक अनुमान के मुताबिक करीब 10 करोड़ से अधिक भारतीयों का रोजगार छिन गया है.

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6. भविष्य की गम्भीर समस्या

लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने निकट भविष्य के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई है. अगर दुनिया भर की बात की जाए तो कई देशों ने कोरोना संकट पर विजय पाने के लिए लॉकडाउन घोषित कर रखा है. इस कारण करीब 1.3 अरब लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है.’

 6 संकेत: कहीं आपका पार्टनर चीटर तो नहीं

इस दुनिया में किसी के लिए भी सब से मीठा एहसास होता है प्यार. आप किसी शख्स को दिल से चाहें और वह भी आप को उतनी ही निष्ठा के साथ प्रेम करे, तो इस से अच्छी और कोई फिलिंग हो ही नहीं सकती. प्रेम करने वाला बदले में प्रेम की ही आस रखता है. लेकिन इंसान प्यार में हमेशा वफादार रहे यह जरूरी नहीं है. विश्वासघात, बेवफाई, धोखा, चीटिंग ये सब सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि मजबूत से मजबूत रिश्ते की नींव हिलाने के लिए काफी हैं. कई लोग अपने पार्टनर को चीट करते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, कुछ सालों में ऐसे काफी सारे केसेस सामने आए हैं, जिन में अकसर शादी के बाद पार्टनर चीट करते हैं और आज के समय तो ये समस्या बेहद आम हो गई है.

लेकिन इस बात का पता लगाना कि आप का पार्टनर वास्तव में आप के साथ चीट कर रहा है या नहीं, जानना थोड़ा मुश्किल है. कटाकटा रहना, आदतों में एकदम से बदलाव, काफी हद तक रिलेशनशिप में चीटिंग को दर्शाता है. आप का पार्टनर विश्वासपात्र है या नहीं और कहीं वह आप को धोखा तो नहीं दे रहा. जानिए इन संकेतों से जो बताते हैं कि कहीं आप का पार्टनर आप के साथ चीटिंग तो नहीं कर रहा.

1. व्यवहार में बदलाव:

सब से बड़ी पहचान यही है कि पार्टनर के व्यवहार में बदलाव होने लगता है. ‘मैं बोर हो गया हूं’ जैसे शब्दों से समझ में आने लगता है कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है. दीप्ति माखीजा के अनुसार, पार्टनर जब चीट करने लगता है तो अपनेआप ही कुछ क्लू या बातें सामने आने लगती हैं, जिन्हें बस समझने की देरी है. जैसे उस के बोल होने लगते हैं, ‘तुम्हें बोलने का तरीका नहीं है? अपना वजन कम करो, मोटी हो गई हो. साथ ही, आप के पार्टनर आप की तुलना किसी दूसरेतीसरे से करने लगते हों. बेवजह आप की गलती निकालने लगे हों, आप की किसी एक छोटी सी गलती पर आप को गैरजिम्मेदार ठहराने लगे हों, तो आप को सचेत हो जाना चाहिए. खास कर तब जब ऐसा पहले कभी नहीं होता था. यह न समझें कि अब वह ऐसा कर के आप को शर्मिंदा महसूस कराने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा कोई इंसान तभी करता है जब वह अपने पुराने रिश्ते को तोड़ कर किसी और के साथ रिश्ते बनाना चाहता है.

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2. दिनचर्या में बदलाव:

दैनिक दिनचर्या में लगातार आने वाले बदलाव भी पार्टनर के आप को धोखा देने के संकेत हो सकते हैं. जैसे, अचानक अपने वार्डरोब में कपड़ों को बदलना, खुद पर ज्यादा ध्यान देने लगना. आईने में खुद को निहारते रहना, आप के आने पर सतर्क हो जाना इत्यादि यदि ऐसा होता है तो समझा जाए कि कुछ तो गड़बड़ है. पहले की तरह आप में रुचि न दिखाना, क्योंकि पहले आप दोनों एकदूसरे के नजदीक जाने के बहाने ढूंढा करते थे और अब आप का पार्टनर आप से दूर जाने के बहाने ढूंढने लगें. कमिटमैंट से घबराने लगे तो समझिए वह आप को धोखा दे रहे हैं. इस के अलावा आप से बेवजह लड़ाइयां होने लगना. आप के हर काम में नुक्स निकालने लगना. पहले की तरह व्यक्तिगत बातें, कैरियर संबंधित बातें आदि आप से साझा न करने लगें, तो समझ लीजिए कि वह आप से दूर होने की कोशिश कर रहे हैं.

3. आप के प्रति प्यार कम होना:

पहले जहां आप की हर बातें उन्हें प्यारी लगती थी. पर अब आप की हर बात पर वह झल्लाने लगें. मूवी देखने या कहीं बाहर जाने में आनाकानी करने लगें. ज्यादा समय औफिस में बिताने लगें. इन बातों से साफ पता चलता है कि आप का पार्टनर आप को चीट कर रहा है. हो सकता है आप का पार्टनर किसी और बात को ले कर परेशान हो या कुछ और वजह हो सकती है. लेकिन इस सब के साथ आप का पार्टनर कोई फैसला लेने में आप से आप की राय नहीं पूछते या आप से अपनी बातें शेयर नहीं करते, तो यह धोखे का संकेत हो सकता है.

4. फोन से जुड़े सवाल:

यदि आप अपने पार्टनर की फोन से जुड़ी गतिविधियों में बदलाव को नोटिस करते हैं, तो यह धोखा देने का संकेत हो सकता है. जैसे आप का पार्टनर जरूरत से ज्यादा फोन पर व्यस्त रहने लगे. औफिस में उन का फोन कईकई घंटों तक व्यस्त आता हो. आप से अपने फोन और मैसेज छिपाने लगे हों. फोन का पासवोर्ड बदल दिया हो और आप को अपना पासवोर्ड न बताएं और न ही अपना फोन छूने दें, तो यह धोखे का संकेत हो सकता है. इस के अलावा उन की सोशल मीडिया की आदतों में भी बदलाव हो सकता है, जैसे ज्यादा फोटो अपलोड करना या बारबार अपनी प्रोफाइल बदलते रहना, बारबार मैसेज अलर्ट चेक करना, जैसे कई छोटेछोटे बदलाव धोखे का संकेत हो सकते हैं.

5. छोटीछोटी बातों पर झूठ बोलने लगना:

यदि आप का साथी आप से हर छोटीछोटी बात पर झूठ बोलने लगे, बातें छिपाने लगे, तो समझिए जरूर कुछ गड़बड़ है.

6. आंखें चुराने लगे:

यदि आप का साथी आप से बात करने से बचने लगे या बात करते वक्त अपनी आंखें न मिला पाए, इधरउधर देखने लगे, आप की बातों को अनसुना करने लगे, आप की किसी भी बात को गंभीरता से न ले, वही काम करे जो आप को पसंद नहीं है, अपनी गलती न मानने के बजाए आप की ही गलती निकालने लगे, आप का फोन न उठाए और न ही आप के किसी मैसेज का जवाब दे, तो समझ लेना चाहिए कि आप का पार्टनर आप को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है.

धोखा देने वाला हमेशा कोई करीबी ही होता है और शायद यही वजह है कि जब इंसान को धोखा मिलता है तो सबकुछ बिखर जाता है. खासतौर पर जब धोखा देने वाला आप का पार्टनर हो.

फिर क्या करें जब पार्टनर के धोखे का पता चल जाए:

पूरा समय लें: अगर आप अपने पार्टनर के धोखा देने की बात से परेशान हैं तो जल्दबाजी करने से बचें. पूरा समय लें. आप को किसी से भी इस बारे में बात करने की जरूरत नहीं है. अपने पार्टनर से तो बिलकुल नहीं. आप को गुस्सा तो आ रहा होगा, लेकिन नाराजगी में कहे शब्द नुकसान अधिक पहुंचाते हैं.

न बहस करे न लड़े: विरोध दर्ज करना जरूरी है और सामने वाले को भी तो पता चलना चाहिए कि कुछ ऐसा हुआ है जिस की वजह से आप परेशान हैं. लेकिन अपनी आवाज और शब्दों पर संयम रखें. पार्टनर को यह जरूर बताएं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं.

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‘वो’ को दोष न दें: ज्यादातर मामलों में धोखा देने वाले पार्टनर को दोषी मानने के बजाए उस लड़की या लड़के को दोषी मान लिया जाता है, जिस की वजह से धोखा दिया गया. ऐसा करना सही नहीं है. क्योंकि जो शख्स आप के प्यार को झुठला कर आगे निकल गया, तो गलती उस की ही है.

अपने मामले में किसी और को बोलने न दे: अगर आप चाहते हैं कि आप के और आप के पार्टनर के बीच सब कुछ ठीक हो जाए तो बेहतर यह होगा कि आप इस बात की चर्चा किसी और से न करें. किसी तीसरे को इन बातों में शामिल करना आप के लिए ही खतरनाक हो सकता है.

एक मौका और दें: अगर आप को लगे कि आप के पार्टनर को अपनी गलती का एहसास हो गया है और वह सब कुछ ठीक करना चाहता है तो उसे वक्त दें. हो सकता है सब फिर पहले जैसा हो जाए. इस के लिए आप दोनों का साथ रहना और साथ वक्त बिताना जरूरी है, ताकि आप दोनों के बीच की गलतफहमी खत्म हो सके.

Health Tips: बच्चों की डाइट में इन्हें जरूर शामिल करें

अधिकांश बच्चे खाने को ले कर चूजी होते हैं. चाहे मां कितना भी अच्छा खाना बना दे लेकिन उन्हें तो जंक फूड ही पसंद आता है. अपने बच्चों की इसी आदत से पेरैंट्स परेशान रहते हैं, फिर क्योंकि यह उम्र बच्चों की ग्रोथ के लिए अहम जो होती है. ऐसे में अगर बच्चों को सही पोषण नहीं मिलता तो उन के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है जो आगे चल कर कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है. यह आप की जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चे को हर जरूरी न्यूट्रिऐंट्स दें, जो उस के विकास में अहम रोल निभाए.

कौन-कौन से न्यूट्रिऐंट्स हैं जरूरी

1. प्रोटीन:

प्रोटीन ऊतकों को बनाने व उन्हें रिपेयर करने का काम करता है. खाने को ऊर्जा में बदलने के साथ इंफैक्शन से भी बचाता है. बढ़ते बच्चों को सही मात्रा में प्रोटीन मिलना बेहद जरूरी है. ऐसे में आप अपने बच्चे को प्रोटीन से भरपूर डाइट दें. इस के लिए आप उस की डाइट में डेरी प्रोडक्ट्स, दाल, अंडे, फिश, नट्स, बींस आदि को शामिल करें.

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2. कार्बोहाइड्रेट्स:

आज का ट्रैंड है ‘कट द कार्ब्स इन योर डाइट’. जबकि आप को बता दें कि बच्चों को बढ़ती उम्र में ऊर्जा और कैलोरीज की खास आवश्यकता होती है. जो उन्हें कार्बोहाइड्रेट्स से ही मिल सकती है. बता दें कि फैट्स व प्रोटीन की मदद से ऊतकों का निर्माण व रिपेयर का कार्य सुचारु रूप से चलता रहता है. इसलिए अपने बच्चों को जरूरत के अनुसार कार्बोहाइड्रेट्स युक्त डाइट जैसे ब्रैड, आलू, हरे चने, ब्राउन राइस, अनाज, राजमा, केला आदि दें. इस उम्र में उन की डाइट से कार्ब्स को कट करने के बारे में न सोचें.

3. फैट्स:

अकसर जब भी फैट्स का जिक्र होता है तो हम उन्हें सेहत के लिए खराब मान कर उन्हें बच्चों की डाइट से हटाना ही बेहतर समझते हैं. जबकि सभी फैट्स खराब नहीं होते. आप अपने बच्चे को गुड फैट्स दें, क्योंकि ये शरीर में ऊर्जा देने के साथसाथ हड्डियों को मजबूत बनाने व हैल्दी सैल्स का निर्माण करने में सहायक होते हैं. साथ ही ये बच्चे के शरीर में आसानी से स्टोर हो कर जरूरत पड़ने पर शरीर को सही ढंग से जरूरी न्यूट्रिऐंट्स के इस्तेमाल में भी मदद करते हैं. इस के लिए आप अपने बच्चे को मीट, फिश, डेरी प्रोडक्ट्स, नट्स, ओमेगा 3 फैटी ऐसिड युक्त फूड दें.

4. कैल्सियम:

बच्चों में कैल्सियम दांतों व मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए अतिआवश्यक है. साथ ही ये मसल्स और हार्ट फंक्शन के लिए भी जरूरी होता है. यह मेटाबौलिज्म को सुचारु रखने के लिए सहायक माना जाता है. इसलिए बढ़ती उम्र में सही मात्रा में बच्चे को कैल्सियम देना जरूरी है. इस के लिए आप कैल्सियम रिच फूड जैसे दूध, दही, पनीर, सोया, हरी सब्जियों, अनाज व दालों को उन के आहार में शामिल करें.

5. आयरन:

आयरन खून बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज होता है. जो पूरे शरीर में आक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है. साथ ही शरीर में आयरन की पूर्ति होने से बच्चे की एकाग्रता भी बढ़ती है. कंस्ट्रेशन लेवल भी बढ़ता है. इस के लिए आप अपने बच्चे को साबूत अनाज, बींस, नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां दें. ये चीजें आप के बच्चे के शरीर में आयरन की कमी को दूर करने का काम करेंगी.

6. फौलेट:

यह माओं के लिए जितना जरूरी होता है उतना ही बच्चों के लिए भी. यह बच्चों में सैल्स के हैल्दी ग्रोथ और विकास में सहायक है. फौलेट एक प्रकार का विटामिन बी है, अगर शरीर में इस की कमी हो जाए तो बच्चा एनीमिया से भी ग्रस्त हो सकता है. इसलिए अपने बच्चों को फौलेट रिच फूड जिस में साबूत अनाज, दाल, पालक आदि जरूर दें.

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7. फल व सब्जियां:

फलों व सब्जियों में विटामिंस व खनिज की मात्रा काफी अधिक होती है. आप को बता दें कि ये विटामिंस व खनिज आप के बच्चे की हैल्दी स्किन, ग्रोथ व उसे बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. क्योंकि ये फाइबर व ऐंटिऔक्सीडेंट्स से भरपूर जो होते हैं. फलों में विटामिन ए और सी होता है, जिस से आप के बच्चे में कैंसर और दिल की बीमारियां होने का खतरा कम होता है. इस के लिए आप अपने बच्चे को फल व सब्जियां खाने की आदत डालें.

विटामिंस: इन विटामिंस को भी बच्चों के आहार में जरूर शामिल करें.

विटामिन ए: यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथसाथ आंखों के लिए काफी जरूरी होता है.

विटामिन सी: यह इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने का काम करता है.

विटामिन बी 3: यह नर्वेस सिस्टम, हैल्दी स्किन, हेयर, आइज के लिए जरूरी विटामिन है.

इस तरह आप के बच्चे तक जरूरी न्यूट्रिऐंट्स भी पहुंच जाएंगे और आप भी टैंशन फ्री हो जाएंगे.

 ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स को ऐसे करें दूर

वातावरण में मौजूद प्रदूषण और चेहरे को नियमित ऐक्सफौलिएट न करने की वजह से चेहरे पर होने वाले दागधब्बे अच्छे नहीं लगते हैं. खासकर नाक और लोअर लिप के नीचे होने वाले ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स. दरअसल, सिबेसियस ग्लैंड के द्वारा जरूरत से ज्यादा तेल पैदा करने पर स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं या फिर मृत कोशिकाओं के एकत्रित हो हेयर फौलिकल्स को ब्लौक करने के कारण स्किन तक औक्सीजन नहीं पहुंच पाती और स्किन सांस नहीं ले पाती.

इन्हें ठीक करने के लिए बहुत से उपायों का इस्तेमाल किया जाता है, बावजूद इस के ये बारबार हो जाते हैं. मशहूर कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा इस परेशानी से बचने के लिए नियमित रूप से अपने चेहरे को सैलिसिलिक ऐसिड युक्त क्लींजर से धोने की सलाह देती हैं.

व्हाइटहैड्स के लिए करें ये उपाय

नीम और हलदी पैक:

नीम और हलदी दोनों ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण ये व्हाइटहैड्स को दूर करने में मदद करते हैं. इस के लिए नीम की कुछ पत्तियां ले कर उन में 1 चुटकी हलदी मिला कर पीस लें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा लें. 10 मिनट लगा रहने के बाद पानी से धो लें. इस से आप को व्हाइटहैड्स से छुटकारा मिल जाएगा.

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चने की दाल का स्क्रब:

बेसन स्किन की अंदरूनी सफाई करता है. डैड स्किन की प्रौब्लम दूर करने के साथ ही इस से चेहरे की रंगत भी निखरती है. 1 चम्मच चने की दाल पीस कर उस में 1 चम्मच कच्चा दूध और 2 चम्मच रोजवाटर मिलाएं. अब इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें और फिर चेहरा धो लें.

ओटमील:

ओटमील भी डैड स्किन दूर करने के साथ ही स्किन ऐक्सफौलिएट के लिए भी बैस्ट होता है. यह स्किन के ऐक्स्ट्रा औयल को एब्जौर्ब कर पोर्स खोल देता है, जिस से उसे भरपूर औक्सीजन मिलती है. इस के लिए 2 चम्मच दही, 1 चम्मच नीबू का रस,1 चम्मच शहद और 4 चम्मच ओटमील को एकसाथ मिक्स करें. चेहरे को अच्छी तरह धोने के बाद पेस्ट लगाएं. लगभग 20 मिनट तक लगा रहने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें.

ब्लैकहैड्स के लिए करें ये उपाय

अंडा स्ट्राइप:

अंडा स्किन से गंदगी को खींच कर निकाल देता है, जिस से रोमछिद्र सिकुड़ जाते हैं और ब्लैकहैड्स खत्म हो जाते हैं. इस के लिए अंडे के सफेद हिस्से को अच्छी तरह फेंटें. जब अच्छी तरह झाग बन जाए तो उसे नाक पर लगाएं. इसे लगाने के बाद छोटी ब्लैकहैड्स स्ट्राइप्स लगाएं और उस पर एक और अंडे की लेयर लगाएं यानी 2 बार अंडे की लेयर और 2 स्ट्राइप्स. इसे लगभग 40 मिनट तक नाक पर रहने दें. सूखने पर हटा लें. इस पेस्ट को हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करें. ब्लैकहैड्स स्ट्राइप्स आप को आसानी से ब्यूटी स्टोर पर मिल जाएंगी.

शुगर पैक:

इसे बनाने के लिए 1 पैन में 3 चम्मच चीनी, 2 चम्मच शहद और एक नीबू का रस डालें. धीमी आंच कर इसे पिघलाएं.

गाढ़ा पेस्ट बनने पर एक कटोरी में निकालें और इस में 2-3 बूंदें ग्लिसरीन मिला कर मिक्स करें. इस हलके गरम पेस्ट को नाक पर अच्छी तरह लगाएं. 20 मिनट लगाए रखने के बाद हटा लें. इस पेस्ट को 2-3 बार इस्तेमाल करने से पूरे ब्लैकहैड्स खत्म हो जाएंगे. नीबू और शहद में ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जोकि तेजी से ब्लैकहैड्स को साफ करते हैं.

मिल्क पैक:

1 चम्मच दूध में उतना ही बिना फ्लेवर वाला जिलेटिन पाउडर डालें. इसे  2-3 मिनट माइक्रोवैव में गरम करें. फिर हलका ठंडा कर नाक पर 2-3 लेयर में लगाएं. इस

पेस्ट को 30 मिनट तक लगा रहने के बाद हटाएं. इस पेस्ट का फर्क आप को पहली बार में ही दिखेगा. जिलेटिन पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है जोकि स्किन को रिजैनरेट करता है और साथ ही स्किन में कसावट भी लाता है. यह रोमछिद्रों

से गंदगी को हटाता है और उन्हें सिकुड़ने में मदद करता है. इस मास्क में दूध स्किन के पीएच को बैलेंस करता है.

  -भारती तनेजा

डाइरैक्टर औफ एल्पस ब्यूटी क्लीनिक ऐंड ऐकैडमी

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मेरे बाल बहुत औयली हैं, इनकी देखभाल कैसे करूं?

सवाल-

मैं 23 वर्ष की युवा हूं. मेरे बाल बहुत औयली हैं. मैं इन की देखभाल कैसे करूं?

जवाब-

औयली बाल असल में सिर की तैलीय त्वचा की वजह से होते हैं. सिर की त्वचा में सिबम नाम का पदार्थ होता है. जब त्वचा में सिबम की मात्रा ज्यादा होती है तो यह बालों के द्वारा सोख लिया जाता है और इस से बाल औयली हो जाते हैं. औयली हेयर से बचने के लिए हफ्ते में 3 बार शैंपू जरूर करें. शैंपू हमेशा औयली हेयर के अनुसार ही चुनें. औयली बालों में तेल लगाने की जरूरत नहीं होती लेकिन फिर भी आप हलका गरम बादाम तेल बालों की जड़ों में लगाएं ताकि बालों को पोषण मिल सकें. तेल लगाने के आधे घंटे बाद बालों को धो लें. अधिक देर तक बालों में तेल लगा कर न रखें. औयली बालों में गंदगी बहुत जल्दी चिपक जाती है. इसलिए बालों को बाहर कवर कर के रखें. कुछ लोगों में बालों को हमेशा बांधे रखने की आदत होती है. बालों को कस कर बांधने से बालों की जड़ों पर जोर पड़ता है. इस से बाल तो कमजोर होते ही हैं और साथ ही बालों में तेल का स्राव भी बढ़ जाता है. इसलिए बालों को ज्यादातर बांध कर नहीं रखना चाहिए.

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हममें से कई लड़कियों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि हम अपने बालों में शैंपू करते हैं और 2 दिन के भीतर ही बाल औयली औयली से हो जाते हैं. आप भी सोचती होंगी कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है. शायद यह एक ऐसा सवाल है जिसे हर लड़की खुद से जरुर करती होगी. इससे पहले की आप बाल औयली होने का उपाय ढूढें, अच्‍छा होगा कि आप इसके पीछे छुपे हुए कारण को जान लें. ताकि उसके लिये कुछ बेहतर उपाय सोंच सकें.

हाथों का प्रयोग

कई लड़कियों की बुरी आदत होती है कि वे अपने बालों को अपने हाथों से सुलझाती और सहलाती हैं, जिससे हेयरफौल और औयली हेयर की समस्‍या हो जाती है. आप को नहीं याद रहता है कि आपने अपने हाथों से क्‍या काम किया है, हो सकता है कि आपने कोई औयली चीज अपने हाथ से छुई हो या फिर भोजन किया हो. इस कारण से बाल औयली हो जाते हैं.

तेल ग्रंथी

यह एक आम कारण है जिसमें तेल ग्रंथी से ज्‍यादा तेल रिसने लगता है. इसे सीबम के नाम से जाना जाता है. जब यह सीबम ज्‍यादा मात्रा में निकलता है तो यह सिर और बालों को औयली बना देता है. इस समस्‍या से छुटकारा पाने के लिये आप हर दूसरे दिन शैंपू कीजिये.

औयली फूड

अगर हम बहुत तेल वाली चीजें खाते हैं तो वह तेल हमारे शरीर से बाहर निकलेगा. यह तेल शरीर के कई अलग-अलग भागों में जा कर इकठ्ठा हो जाता है, जैसे सिर की त्‍वचा आदि में. यह तेलिये बालों की समस्‍या बन जाते हैं. इसलिये इस समस्‍या से बचने के लिये आपको अपनी डाइट पर ध्‍यान देना होगा और ज्‍यादा औयली चीजें नहीं खानी होंगी.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- क्यों हो जाते हैं बार बार आपके बाल औयली?

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‘‘समाज स्वीकारे न स्वीकारे कोई फर्क नहीं पड़ता- मानोबी बंधोपाध्याय

मानोबी बंधोपाध्याय

पहली ट्रांसजैंडर प्रिंसिपल

घर में बच्चे का जन्म हो, शादी हो या कोई और खुशी का उत्सव, उन का आना स्वाभाविक है. उन्हें बुलाना नहीं पड़ता, अपनेअपने इलाके की खबर रखते हैं, इसलिए तुरंत ही पहुंच जाते हैं. उन के आने  से समाज थोड़ा असहज महसूस करता है. न जाने कितनी आशंकाएं मन को घेर लेती हैं कि न जाने क्या हो. उन से अभद्र व्यवहार की ही उम्मीद की जाती है, क्योंकि उन्हें इसी तरह के खाके में सदियों से रखा गया है. लेकिन वे खुशी से तालियां बजाते आते हैं, नाचगा कर बधाइयां देते हैं और बख्शीश जिसे वे अपना हक समझते हैं, ले कर आशीषें दे कर चले जाते हैं. फिर भी समाज उन्हें अपने से अलग, अपनी सामाजिक व्यवस्था से अलग मानता है. उन्हें हिजड़ा, किन्नर कह कर उन का मजाक उड़ाया जाता है. रास्ते में जब वे भीख मांगते दिखते हैं तो गाड़ी का शीशा चढ़ा लिया जाता है.

मानोबी ने तोड़ा मिथक

पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के कृष्णानगर वूमंस कालेज की प्रिंसिपल मानोबी बंधोपाध्याय आज किसी परिचय की मुहताज नहीं हैं. ‘अ गिफ्ट औफ गौडस लक्ष्मी’ की लेखिका मानोबी बंधोपाध्याय की यात्रा सोमनाथ से मानोबी बनने की ही नहीं है. उन की कहानी संघर्षों और चुनौतियों से लड़ने और उन्हें परास्त करने की भी है, स्त्री मन में पुरुष देह की भी है.

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मानोबी कहती हैं, ‘‘अगर मैं ने अपनी जीवनयात्रा के बारे में बताना शुरू किया तो वह वेद बन जाएगा, उपनिषद् बन जाएगा यानी इतनी लंबी है मेरी जीवनयात्रा. वैसे जैसे ट्रांसजैंडर होते हैं वैसी ही है मेरी जीवनयात्रा. फर्क इतना है कि आज मैं उच्च शिक्षित हूं और कालेज की प्रिंसिपल बन गई हूं. आज मेरे पास ताकत है. शिक्षा की वजह से मेरे जीवन में अंतर आया है, पर हम ट्रांसजैंडर हैं, यह बात समाज हमें कभी भूलने नहीं देता है.’’

संघर्ष की करुण कहानी

मानोबी से जब उन के संघर्ष की बात की तो उन की आंखें नम हो गईं. उन का कहना है, ‘‘इतना संघर्ष किया कि मेरा दुख एक पहाड़ के समान है. मैं ने इतने आंसू बहाए हैं कि एक समुद्र बन जाए. लेकिन उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद मैं ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. कभी विचार नहीं किया कि समाज मुझे किस ढंग से देखता है, मेरे बारे में क्या सोचता है. मेरे लिए महत्त्व की बात है कि मैं कैसे समाज को देखती हूं. लोगों के व्यवहार की चिंता नहीं करती, केवल अपने भीतर झांक कर देखती हूं.’’

प्रिंसिपल बनने के बाद भी हालांकि स्वीकृति की मुहर नहीं लगी है उन की पहचान पर. पर उन्हें इस बात की खुशी है कि उन के छात्र उन से बहुत प्यार करते हैं. वे मानती हैं कि छात्र बहुत मासूम होते हैं, पर टीचर उन्हें उन के खिलाफ भड़काते रहते हैं.

ऐक्सैप्टैंस की परिभाषा क्या है? सवाल के जवाब में वे कहती हैं कि सब बेकार की बातें हैं, इसलिए किसी की स्वीकृति की मुहर उन्हें उन पर नहीं लगानी है. वे मानती हैं कि वे केवल अपना काम कर रही हैं, सरकार ने उन्हें एक ओहदा दिया है और वे उस का सम्मान करती हैं.

केवल अध्यापन ही नहीं मानोबी एक अच्छी कवयित्री भी हैं और कविताओं के माध्यम से केवल उन का वह दर्द ही बाहर निकलता है, जिस से वे गुजरी हैं. एक दर्दभरा काफिला है उन की जिंदगी, उन की इंग्लिश में एक कविता है. वैसे वे बंगला भाषा में ज्यादा लिखती हैं:

व्हेन आई सी द स्काई

आई सा देयर इन नो जैंडर

व्हेन आई सी द नेचर

व्हेन आई सी द वर्ड

व्हेन आई सी द रिवर

आई सा देयर इज नो जैंडर

व्हेन आई कम बैक टु मेनस्ट्रीम सोसायटी औफ ह्यूमन

देन, समवन आस्कड मी

यू आर ए मैन और वूमन.

मानोबी कहती हैं कि 2003-2004 में जब उन्होंने सैक्स चेंज औपरेशन कराने का फैसला लिया तो भी बहुत हंगामा हुआ था. इस दौरान उन्हें कई औपरेशन कराने पड़े और क्व5 लाख खर्च करने पड़े. सर्जरी के बाद से वे मानती हैं पूरी तरह से स्वतंत्र हो गई हैं. जो चाहती हैं, पहनती हैं. अब वे साड़ी भी पहन लेती हैं और महिलाओं की तरह सजसंवर भी लेती हैं.

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मानोबी का एक ग्रुप थिएटर भी है, जिस में वे अभिनय करती हैं. इस के अलावा वे स्क्रिप्ट भी लिखती हैं और शास्त्रीय नृत्य में भी पारंगत हैं. उन का कहना है कि अध्यापन, नाटक, अभिनय, लेखन सभी एकदूसरे से जुड़े हुए हैं और ये सब उन्हें हिम्मत और रस देते हैं. निजी क्षेत्रों ने ट्रांसजैंडर्स के लिए अपने दरवाजे नहीं खोले हैं. इस के बावजूद इस समुदाय ने अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. यह अलग बात है कि इन में से बहुतों को अपनी पहचान छिपानी पड़ती है ताकि कार्यस्थल पर उन के साथ भेदभाव न हो.

पहली ट्रांसजैंडर कालेज प्रिंसिपल बनने के बाद वे चाहती हैं कि शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा ट्रांसजैंडरों तक पहुंचाए, क्योंकि इस अधिकार से वे अकसर वंचित रह जाते हैं जबकि शिक्षा ही उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की अहम कड़ी है.

कोरोनावायरस हेयरस्टाइल का छाया जलवा

फिल्म ‘तेरे नाम’ में सलमान खान की वह हेयरस्टाइल याद है न जिसे युवाओं ने खूब पसंद किया था? बौलीवुड फिल्मों के शहंशाह अमिताभ बच्चन, सदाबहार अभिनेता राजेश खन्ना, मधुबाला, नर्गिस की हेयरस्टाइल बच्चों से ले कर अधेङ उम्र के लोगों के बीच खासा मशहूर था लेकिन जब आप को यह बताएं कि आप ने कोरोना कट कराया है? तो जाहिर है आप को आश्चर्य ही होगा.

मगर सचाई तो यही है कि आजकल जहां कोरोना वायरस की वजह से लोगों में डर का माहौल है, वहीं कुछ लोग इन दिनों भी जिंदगी जीने के तमाम उपाय निकाल ही लेते हैं.

1. हेयरस्टाइल है खास

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना हेयरस्टाइल अफ्रीकन देश केन्या में खूब छाया हुआ है. कोरोना वायरस की वजह से यहां भी लौकडाउन है और जरूरी चीजें लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. बाजारों में दुकानें बंद हैं और सैलून व ब्यूटीपार्लर भी इस से अछूता नहीं हैं. इस से खासकर बच्चों को बङी परेशानियां उठानी पङ रही हैं. दैनिक मजदूरी आधारित काम भी नहीं हो रहे. ऐसे में लोग महंगी हेयरस्टाइल के लिए पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं.

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2. क्यों पङा नाम

लेकिन इस बीच अच्छी खबर यह है कि केन्या की राजधानी नैरोबी की झुग्गियों में एक हेयरड्रैसर ऐंटीना जैसी स्पाइक्स में युवाओं और बच्चों की हेयरस्टाइल बना रही है. इसे लोग कोरोना हेयरस्टाइल नाम दे रहे हैं. इस हेयरस्टाइल में लोग कोरोना वायरस आकार में बालों की चोटियां बनवा रहे हैं, जिसे बच्चे खूब पसंद कर रहे हैं. इस हेयरस्टाइल में कई चोटियां बना कर उन्हें गूंथा जाता है और वायरस का आकार दे दिया जाता है.

3. ताकि जागरूक रहें लोग

इन सब के पीछे का उद्देश्य वहां के लोगों को जागरूक करना भी है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए खुद की सुरक्षा का ध्यान रखें. भीङभाङ वाले इलाके में जाने से बचें और बारबार हाथ साबुन से धोएं.

वैसे वहां के बच्चे भी इस को ले कर जागरूक हैं और वे न सिर्फ बारबार हाथों को धो रहे हैं, बल्कि मास्क भी पहन रहे हैं.

4. किफायती भी है

वहां इस हेयरस्टाइल के प्रति इतनी दीवानगी बढ़ गई है कि मांएं खुद अपने बच्चों को कोरोना हेयरस्टाइल कराने में दिलचस्पी ले रही हैं. सब से अधिक यह कि कोरोना वायरस की रोकथाम के बीच लागू प्रतिबंधों के बीच यह हेयरस्टाइल किफायती भी है.

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अब भारत में इस हेयरस्टाइल को कितना पसंद किया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर कम से कम यह जागरूकता अभियान का ही हिस्सा है.
तो फिर आप भी आजमा सकते हैं कोरोना हेयरस्टाइल. आज न कल कोरोना जरूर हारेगा पर आप के जज्बे की तारीफ तो लोग जरूर करेंगे.

मेरा फेस बार-बार धोने से चिपचिपा दिखाई देता है. मै क्या करूं?

सवाल-

मेरा फेस बार-बार धोने से चिपचिपा दिखाई देता है. मैं फेस पर कोई क्रीम नहीं लगाती, लेकिन देखने में ऐसा लगता है जैसे बहुत सारी चिपचिपी क्रीम मैं ने मुंह पर पोती हुई है. कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब-

आप की स्किन बेहद औयली है और औयली स्किन वाले लोग अकसर अपनी स्किन को ले कर परेशान रहते हैं. लेकिन जामुन औयली स्किन के लिए बैस्ट है. यह आप की त्वचा से अतिरिक्त तेल को कम करने में मददगार है. इस के लिए आप अपनी त्वचा पर जामुन से बना फेस पैक लगा सकती हैं. औयली स्किन के लिए जामुन का फेस पैक बनाने के लिए आप जामुन के गूदे को निकाल कर एक बाउल में रखें. अब आप इस में 1 चम्मच आंवले का रस और 1 चम्मच गुलाबजल मिला लें. इस के बाद आप इस मिश्रण को अच्छे से मैश कर लें. जब यह अच्छे से मिल कर गाढ़ा पेस्ट बन जाए, तो आप इस फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं. 20-30 मिनट के बाद चेहरा धो लें.

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#lockdown: फिर शुरू होगा Ankita और Sushant का Pavitra Rishta, फैंस हुए खुश

कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच जहां फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग पर रोक लग गई है तो वहीं टीवी चैनल्स कई पौपुलर सीरियलों को दोबारा दिखाने की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, फैंस के बीच रियल लव स्टोरी की शुरूआत करने वाला एकता कपूर का सुपरहिट शो ‘पवित्र रिश्ता’ (Pavitra Rishta) का दोबारा टेलीकास्ट होने वाला होने वाला है. आइए आपको बताते हैं शो की पूरी जानकारी….

एकता कपूर ने दी सोशल मीडिया पर दी जानकारी

एकता कपूर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वह सुपरहिट शो ‘पवित्र रिश्ता’ (Pavitra Rishta) को दोबारा टेलीकास्ट करने वाली हैं, जिसके जरिए अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) और सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. वहीं इस सीरियल ने ना सिर्फ टीआरपी लिस्ट में खूब धमाल मचाया बल्कि लोगों के दिलों में एक खास जगह भी बना ली है.

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वीडियो किया शेयर

एकता कपूर ने इस सीरियल के एक वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा है कि पवित्र रिश्ता फिर से लौट रहा है. देखिए पवित्र रिश्ता सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 3 बजे सिर्फ जीटीवी पर…..’

दो लव स्टोरी की हुई थी शुरूआत

‘पवित्र रिश्ता’ (Pavitra Rishta) के सेट पर एक्ट्रेस अंकिता और एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पहली मुलाकात हुई थी. दोनों में दोस्ती हुई और देखते ही देखते ये रिश्ता प्यार में बदल गया था, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला. वहीं शो से ही दूसरी जोड़ी आशा नेगी और रित्विक धनजानी ने भी अहम भूमिका अदा की थी और ये दोनों कलाकार भी इसी शो के दौरान ही एक-दूसरे को डेट करने लगे थे. हाल ही के दिनों में दोनों के ब्रेकअप की खबरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं.

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बता दें, बौलीवुड में अपने एक्टिंग से फैंस का दिल जीतने वाले एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे और एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने अपने पहले सीरियल के जरिए घर-घर में पहचान बनाई थी. वहीं फैंस को इनकी रियल लाइफ कैमेस्ट्री भी काफी पसंद थी.

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