#coronavirus: दुश्मन से लड़ना ही नहीं, साथ जीना भी होगा

जैसे एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एआईडीएस (एड्स) फैलाने वाले एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस को खत्म नहीं किया जा सका है वैसे ही, शायद, कोविड-19 बीमारी फैलाने वाले नोवल कोरोनावायरस को दुनिया से सफाचट नहीं किया जा सकता. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वायरस फैलता तो तेजी से है लेकिन इसके चलते होने वाली मृत्युदर बहुत कम है, 2 फीसदी तक. दरअसल, यह वायरस बहुत ही कमजोर है.

1. बोलने से भी :

डरने की जरूरत नहीं लेकिन डरने वाली बात यह है कि नोवल कोरोनावायरस बोलने से भी फैल सकता है.
अमेरिकी विशेषज्ञों ने  पता लगाया है कि बोलते समय संक्रमित इंसान के मुंह से निकलने वाले छोटे कण 12 मिनट तक हवा में रह सकते हैं जो वायरस को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं. यह अध्ययन अमेरिका में नेशनल इंस्टिट्यूट औफ डायबिटीज में  किया गया है. शोध से यह भी पता चला है कि फेसमास्क पहनने से वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है.

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2. आंखों से, आंसू से :

वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि कोरोनावायरस आंखों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है. इस के लिए वायरस कोशिका से जुड़ने के लिए प्रोटीन की तलाश करता है.

जौन्स हौपकिन्स यूनिवर्सिटी के स्कूल औफ मैडिसिन के नेतृत्व में एक दल ने शोध में पाया कि आंखें एसीई -2, वायरस को शरीर में घुसने में मदद करने वाला प्रोटीन, का उत्पादन करती हैं, जिससे वे वायरस से संक्रमित हो जाती हैं.

इसका मतलब यह है कि जब एक कोरोनारोगी की छींक या खांसी के बाद कोरोना से प्रदूषित पदार्थ नाक या मुंह से गिरता है तो उसमें मौजूद कोरोना वायरस पास के व्यक्ति की आंखों में उड़कर पहुंच सकते हैं, जहां पहुंचते ही वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करना शुरू कर देता है. इसलिए आंसू भी कोरोना का संक्रमण फैला सकते हैं.

3. समाज में रहेगा :

डब्ल्यूएचओ के इमर्जैंसीज़ डायरेक्टर माइक रयान ने कहा कि यह वायरस दूसरे महामारी वाले वायरस की तरह बन सकता है यानी यह हमारे समाजों से शायद कभी नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि सचाई को स्वीकार करना ज़रूरी है, कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कोविड-19 की बीमारी पूरी तरह कब ख़त्म होगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर को कोरोना वायरस को लेकर चेताते हुए कहा है कि हो सकता है कि कोविड-19 कभी ख़त्म ही न हो. माइक रयान ने एचआईवी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह वायरस भी ख़त्म नहीं हुआ है.

वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की महामारी रोग विशेषज्ञ मारिया वैन केरखोवे का कहना है, “हमें यह माइंडसेट बनाना होगा कि इस महामारी से बाहर निकलने में वक़्त लगेगा.” वे आगे कहती हैं, “मुमकिन है कि कुछ ख़ास मौसम में या कुछ ख़ास इलाक़ों में वायरस का प्रकोप कम रहे, मगर इसकी संभावनाएं बहुत कम हैं कि यह वायरस पूरी दुनिया से सफ़ाचट हो जाएगा.

4. कमाई भी, डंका भी :

नाउम्मीदी के बीच उम्मीद भी है. दुनियाभर के वैज्ञानिक वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन व कारगर दवा बनाने में जुटे हैं. वहीं, चूंकि यह खोज केवल चिकित्सा के लिहाज़ से ही नहीं, धंधे के हिसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण होगी, इसलिए प्रयासों में कोई कमी नहीं बरती जा रही है. जो भी कंपनी या देश सबसे पहले इसकी वैक्सीन यानी टीका खोजेगा, उसके वारेन्यारे हो सकते हैं. साथ ही, उसकी काबीलियत का दुनियाभर में डंका भी बजेगा.

तमाम देशों के बीच यह स्पर्धा का भी मामला बना हुआ है कि कौन आगे निकलकर अपनी काबीलियत साबित करता है. कहा जा रहा है कि इस समय ब्रिटेन और चीन इस होड़ में आगे चल रहे हैं. फिर भी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. अनुमान यही है कि खोज में 6 महीनों से 2 वर्षों तक का समय लग सकता है.

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5. जंग जारी रहेगी :

मेडिकल एक्सपर्ट्स ने यदि दवा या टीका खोज भी लिया तो भी, खोज के साथ ही कोरोना से जंग ख़त्म नहीं हो जाएगी. इसके बाद उसके बड़े स्तर पर उत्पादन और फिर दुनियाभर में उसे पहुंचाने में भी समय लगेगा. वहीं, टीका मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में भी बरसों लगेंगे, यानी इसे आप 3 से 5 वर्षों का कार्यक्रम समझ सकते हैं.

आख़िरकार, हम इतना लंबा अरसा घरों में बंद रहकर नहीं गुज़ार सकते और न ही आर्थिक गतिविधियों को ख़त्म किया जा सकता है. यही वज़ह है कि अब पूरी दुनिया लौकडाउन से निकलने को उतावली हो रही है. सो, साफ है कि न दिखने वाले वायरसरूपी दुश्मन से लड़ना भी है, साथ ही उसके संग जीना भी है. बस, यह मान लो कि वह न दिखाई देने वाला एक नागरिक है, जिसे एनआरसी (नेशनल रजिस्टर औफ सिटिजन) में दर्ज करने या कराने की जरूरत नहीं है.

सोने से पहले करें ये 5 काम, त्वचा रहेगी हमेशा जवान

आप पूरे दिन अपनी त्वचा की देखभाल तो करती हैं लेकिन रात को देखभाल करना भूल जाती हैं या अनदेखा कर देती हैं. पर क्या आप जानती हैं कि रात के समय त्वचा की देखभाल अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है.

हर रात जरूर करें ये 4 काम

1. सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से नहाना आपको राहत देने का काम करेगा. अगर आप इसी पानी में कुछ मात्रा में नमक मिला सकें तो और अच्छा रहेगा. नमक में मौजूद तत्वों के चलते संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है.

2. भले ही आप कितनी भी थकी हुई क्यों न हों लेकिन बिना मेकअप उतारे मत सोने जाएं. त्वचा का सांस लेते रहना बहुत जरूरी है और रंध्रों के बंद हो जाने से त्वचा की चमक फीकी पड़ने लग जाती है.

3. गुलाब जल का भी प्रयोग आप रात में त्वचा के लिए कर सकती हैं. त्वचा में ताजगी लाने के लिए गुलाब जल स्प्रे का इस्तेमाल कर सकती हैं. गुलाब के गुणों से भरपूर यह स्प्रे आपको ताजगी का अहसास तो देगा ही, चेहरे को नमी भी प्रदान करेगा.

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4 .दिनभर की थकान हमारी आंखों को भी बोझिल कर देती है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपनी आंखों को अच्छी तरह से पानी से धोएं और उसके बाद ही सोने जाएं. ऐसा करने से डार्क सर्कल होने की आशंका कम होती है.

5. अगर आपको फेशियल कराए काफी समय हो चुका है और आपकी त्वचा बेजान नजर आने लगी है तो रोज रात को अपने हाथों से चेहरे की अच्छी तरह मसाज करें. ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और त्वचा में निखार आता है. फेशियल के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करना ज्यादा कारगर साबित होगा.

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गरमी में ऐसे बनें स्लिम ट्रिम एंड ब्यूटीफुल

हर लड़की की चाह होती है कि वह स्लिम ट्रिम और सुंदर दिखे. मगर आज का युवावर्ग फास्ट फूड का इस कदर दीवाना है कि स्वाद के लिए कुछ भी खाना पसंद करता है, जबकि खानपान की यह आदत शरीर की बनावट को बिगाड़ देती है. अगर आप लगातार फास्ट फूड का सेवन कर रही हैं और वह भी बिना शारीरिक मेहनत या एक्सरसाइज के तो मोटापे से दोस्ती होनी तय है. लेकिन डेली लाइफ में कुछ बदलाव लाकर आप भी स्लिमट्रिम और ब्यूटीफुल बन सकती हैं…

स्वाद बिगाड़े सेहत….

खाने-पीने की बुरी आदतों और गलत जीवनशैली की वजह से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है, जिस से वजन बढ़ता है और हम मोटापे जैसी समस्या की चपेट में आ जाते हैं. आज की युवा लड़कियों को जीभ का स्वाद लेना बखूबी आता है लेकिन इस स्वाद के साथ और फिर स्लिम ट्रिम बनने का ख्वाब देखना ख्वाब ही रह जाता है. शरीर में जब फैट जमा होने लगता है तो इस का सब से ज्यादा असर कमर और पेट पर पड़ता है. ये दोनों शरीर के ऐसे भाग हैं जहां चरबी सब से ज्यादा इकट्ठा होने लगती है, जिस से पता चल जाता है कि हम मोटे हो रहे हैं. ऐसे में कुछ लड़कियां जो कल तक पिज्जा, बर्गर आदि खाना पसंद करती थीं वे तुरंत अपनी डाइट बहुत कम कर देती हैं और दवाओं का सहारा लेने लगती हैं, जो कतई उचित नहीं होता है.

पेश हैं, मोटापे को कम करने के कुछ नुस्खे:

बढ़े पेट और कमर की वजह से लड़कियां मनपसंद ड्रैस पहनना छोड़ देती हैं, लेकिन मनपसंद ड्रैस पहनना छोड़ने से ज्यादा अच्छा है आप फास्टफूड खाना छोड़ दें. मोटापे को कम करने की शुरुआत सब से पहले अपना डाइट चार्ट बदलने से करें.

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1 नीबू व शहद: सुबह खाली पेट हलके कुनकुने पानी में शहद और नीबू का रस मिला कर पीएं. ऐसा करना पेट की अतिरिक्त चरबी कम करता है.

2 अंडे का सफेद हिस्सा: कमर और पेट की चरबी घटाने के लिए अंडे के सफेद भाग का सेवन नाश्ते में जरूर करें. इस में प्रोटीन और अमीनो ऐसिड दोनों अधिक मात्रा में होते हैं. अंडे का सफेद भाग काफी फायदेमंद होता है. इस में फैट भी नहीं होता.

3 बादाम: बादाम में विटामिंस और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. रोज सुबह भिगोए बादाम जरूर खाएं. इस से शरीर को गरमी और ऊर्जा दोनों मिलती हैं और बौडी का अतिरिक्त फैट भी घट जाता है.

4 ब्राउन राइस: ब्राउन राइस फैट फ्री होते हैं. इन में कैलोरी न के बराबर होती है. इन्हें खाने से शरीर में मोटापा नहीं आता.

5 पानी वाली सब्जियां और फल: पानी वाली सब्जियां और फलों का मतलब है ऐसे फल और सब्जियां जिन में पानी की मात्रा ज्यादा हो जैसे लौकी, तोरी, गाजर, प्याज, खीरा, ककड़ी, तरबूज, पपीता, टमाटर. इन का सेवन करने से शरीर से जल्दी फैट कम होता है.

6 दलिया: दलिए में कैलोरी बिलकुल नहीं होती. फैट फ्री बौडी पाने के लिए यह सब से बैस्ट है. दलिया खाने से भूख भी जल्दी लगती है और इस से भरपूर ऊर्जा भी मिलती है.

7 पानी का सेवन: ज्यादा पानी पीने से चेहरे की खूबसूरती बरकरार रहती है.

8 हरी सब्जियां: कैलोरी बर्न करने के लिए अपनी डाइट में हरी सब्जियां जरूर शामिल करें. क्या न खाएं द्य ज्यादा तेल, मसाले वाले खाने से दूर रहें.

9 बाहर का खाना बंद कर दें. अधिक मीठे का सेवन न करें. छोले, राजमा, चावल का अधिक सेवन न करें.

कमर और पेट को पतला रखने के लिए एक्सरसाइज…

बैस्ट फिगर के लिए सही डाइट के साथ-साथ एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी है. इन व्यायाम से बौडी के फैट को कम कर अपनी कमर को स्लिम दिखा सकती हैं:

डबल लैग एक्सरसाइज: पीठ के बल लेट कर दोनों पैरों को ऊपर उठा कर दोनों घुटनों को मोड़ें. 5 सैकंड्स तक हाथों से पैरों को जकड़े रखें ऐसा 7-8 बार करें.

कैंची एक्सरसाइज: यह कमर को पतला करने के लिए काफी लाभदायक है. इस व्यायाम को करने के लिए पीठ के बल लेट कर दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और फिर दायां पैर नीचे लाएं और सीधा कर लें. अब बाएं पैर को नीचे लाएं और सीधा कर लें. इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं.

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रस्सी कूदना: कमर को पतला करने के लिए यह व्यायाम काफी लाभदायक है. यह कमर को पतला करने के साथसाथ मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है.

बाइसाइकिल क्रंचेज: पीठ के बल लेट कर दोनों पैरों को हवा में साइकिल की तरह चलाएं. इस से पेट, जांघों और कमर की चरबी कम होती है.

edited by- nisha rai

मायके की नासमझी से बेटियों के उजड़ते घर

‘‘मां,अगर मुझे पता होता कि मैं न घर की रहूंगी न घाट की तो कभी यहां नहीं आती. आप को तो मैं ने हमेशा यही कहते सुना कि लड़कियों को शादी के बाद यदि ससुराल में अपना महत्त्व रखना है तो पति को ममाज बौय बनने से हर हाल में बचाना चाहिए. यहां तक कि अपने घर में भी मैं ने कभी आप को पापा के यहां के लोगों की इज्जत करते नहीं देखा. इसीलिए आप की दी हुई शिक्षा पर अमल कर के शादी के दूसरे दिन से ही मैं ने भी यही चाहा कि रवि हर काम मुझ से पूछ कर ही करे, जबकि रवि सदा अपने मांपापा को ही आगे रखता था. जब भी मैं आप को यहां की समस्याएं बताती आप यही कहती थीं कि तू भी कमाती है दबने की कोई जरूरत नहीं है. यदि वे तेरी कोई वैल्यू नहीं समझते तो मायके के दरवाजे हमेशा तेरे लिए खुले हैं आ जाना. आप का अनुसरण करते हुए मैं ने भी घर में छोटीछोटी बातों पर झगड़ा करना शुरू कर दिया. रवि भी कब तक मेरी मनमानी सुनता सो बात बिगड़ती ही चली गई. मायके के इसी झूठे दंभ में आ कर मैं ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली,’’ एक कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर सुवर्णा रोती हुई मां से बोले जा रही थी.

‘‘तू ही तो कहती थी कि रवि तेरी नहीं अपनी मां की सुनता है. जिस घर में तेरी बात को तवज्जो नहीं दी जाती उस घर में रहने का भी क्या लाभ. अभी तो शुरूआत थी आगे चल कर तो स्थिति और खराब होती न. कितनी नाजों से पाला है हम ने तुझे, तो क्या तेरी ऐसी उपेक्षा देख कर हमें बुरा नहीं लगेगा,’’ सुवर्णा की मां ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा.

‘‘तो यहां कौन सी मैं महत्त्वपूर्ण हूं. आप सब भी तो बातबात पर सुनाते हो. वहां रवि को मेरी सैलरी से कोई मतलब नहीं रहता था यहां तो सब जैसे हर समय मेरे पैसे पर ही नजरें गड़ाए रहते हो. मां मैं तो अनाड़ी थी पर आप को तो समझाना था कि कुछ दिनों की बात है धीरेधीरे सब ठीक हो जाएगा.’’

सुवर्णा और उस की मां में इस प्रकार की बहस होना आम बात थी. अपनी मां, बहनों की सलाहों पर अमल कर के सुवर्णा अपने प्रोफैसर पति और सासससुर को विवाह के 1 साल के भीतर ही छोड़ कर आ गई थी. अब 4 साल बाद उसे लगता है कि मां की सलाह मान कर उस ने गलती कर दी. अब वह वापस अपनी ससुराल जाने का मन बना रही है.

ऐसा ही कुछ 40 वर्षीया सविता के साथ हुआ. वह बताती है, ‘‘मैं अपने घर की इकलौती संतान हूं. मेरी मां ने मुझ से कभी घर का कोई विशेष काम नहीं करवाया. मैं ससुराल में बड़ी बहू थी. एकदम कंधों पर आई जिम्मेदारी को देख कर मैं घबरा गई. दिन में जब भी मां को अपनी परेशानी बताती तो वे बस यही कहतीं, ‘‘कोई जरूरत नहीं ज्यादा काम करने की. एक बार कर दिया तो हमेशा करना पड़ेगा. तू क्या उस घर की नौकरानी है?’’

मेरी मां ने मेरे मन में मेरे ससुराल वालों के खिलाफ इतना जहर भर दिया था कि मैं उन्हें कभी अपना मान ही नहीं पाई. बस यहीं से मेरे पति के साथ मतभेद शुरू हो गए. किसी तरह 3 साल ससुराल में काटने के बाद मैं मातापिता की सलाह पर मायके आ गई.

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शुरूआत में जब भी पति ने लेने आना चाहा मातापिता और भाई ने उन्हें बुराभला कहा और उन के सामने बहुत सारी शर्तें रखीं. मैं भी जवान थी भाभी पूरा घर मेरे ऊपर छोड़ कर औफिस चली जाती थी. मैं स्वयं को उस घर की महारानी समझती थी. अब मेरा शरीर भी ढलान पर है. मातापिता के जीवित रहते फिर भी ठीक था पर अब मैं भाईभाभियों और भतीजेभतीजियों की गुलाम मात्र हूं, जिसे हरकोई अपने अनुसार चलाना चाहता है. भावावेश और नासमझी में लिए गए अपने निर्णय पर बेहद पछतावा होता है पर अब ये सब सहना मेरी मजबूरी है.

इस प्रकार की घटनाएं अकसर देखने को मिलती हैं जहां लड़की के मायके वालों के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण बेटी की हंसतीखेलती गृहस्थी तबाह हो जाती है. आश्चर्यजनक बात यह है कि ऐसे मामले अकसर अपनी बेटी का सर्वाधिक हित चाहने वाले मातापिता के हस्तक्षेप के कारण होते हैं. विवाहोपरांत जब बेटी अपनी ससुराल जाती है तो मातापिता अपनी बेटी को ले कर बहुत अधिक पजैसिव होते हैं. आखिर उन की नाजों से पाली गई बेटी पहली बार उन से दूर जो हो रही होती है, इसलिए उन की चिंता और अधिक बढ़ जाती है अपनी इकलौती बेटी के प्रति. इसी अत्यधिक चिंता के कारण अकसर वे अपनी बेटी को अनुचित सलाहें देना शुरू कर देते हैं और अपने मातपिता पर स्वयं से भी अधिक भरोसा करने वाली बेटी बिना कुछ सोचेविचारे उस सलाह पर अमल करना शुरू कर देती है, जबकि ससुराल का वातावरण और परिस्थितियां उस के मायके से एकदम अलग होती है.

क्या करे लड़की

न पालें कोई पूर्वाग्रह: विवाह से पूर्व अपनी सहेलियों या सुनीसुनाई बातों पर भरोसा कर के ससुरालवालों के प्रति किसी भी प्रकार का पूर्वाग्रह न पालें. आस्था का ही उदाहरण ले लीजिए- उस का रोमिल से प्रेम विवाह हुआ था. विवाहपूर्व उस के मायके वालों और सहेलियों ने समझाया, ‘‘कायस्थ लड़की ब्राह्मण परिवार में जा रही है. ये ब्राह्मण धार्मिक रूप से बहुत कट्टर, दकियानूसी, छुआछूत और पूजापाठ में विश्वास करने वाले होते हैं कैसे निभेगी तेरी?

‘‘सब की बातें सुनसुन कर रोमिल के परिवार वालों को ले कर आस्था बहुत डरी हुई थी परंतु वहां पहुंच कर उस ने पाया कि उस के सारे पूर्वाग्रह निराधार हैं. ससुराल का प्रत्येक सदस्य बहुत ही सुलझा, समझदार, उदार और प्यारा है.

अच्छाइयां ही करें साझा:

विवाह बाद के प्रारंभिक दिनों में नवविवाहिताएं ससुराल की प्रत्येक छोटीबड़ी और अच्छीबुरी बात को मायके में साझा करती हैं. ऐसा करना गलत है, क्योंकि आप के मायके वाले आप के कथनानुसार ही आप के ससुराल के प्रति धारणा बनाएंगे.

ससुराल और मायके के प्रत्येक सदस्य का भरपूर प्यार प्राप्त करने वाली मेरी एक सहेली कहती है, ‘‘विवाह के प्रथम दिन से ही मैं ने सदैव मायके में ससुराल की केवल अच्छी बातें ही साझा कीं, उस का परिणाम यह हुआ कि आज विवाह के 5 साल बाद मेरे मायके और ससुराल वाले भी एकदूसरे के अच्छे दोस्त बन गए हैं और मैं स्वयं एक सुखद गृहस्थ जीवन जी रही हूं. मेरा मानना है कि कमियां या गलतियां कहां नहीं होती पर मैं ने कभी उन्हें तूल न दे कर केवल अच्छाइयों पर ही ध्यान दिया.’’

सीमित करें फोन का उपयोग: तकनीक के युग में बसेबसाए परिवारों को तोड़ने में मोबाइल फोन की भूमिका भी कुछ कम नहीं है. आजकल दिन में 10 बार मांबेटी की बातचीत होती है, जिस से अपनी बेटी के घर में होने वाली हर छोटीबड़ी गतिविधि से मातापिता अवगत रहते हैं, जिस के परिणामस्वरूप प्रत्येक बात में टोकाटोकी करना और राय देना वे अपना अधिकार समझने लगते हैं.

एक दिन रवि और नमिता में छोटी सी बात पर झड़प हो गई. उसी समय नमिता की मां का फोन आ गया. नमिता ने रोतेरोते पूरी कहानी कह सुनाई, जिस से नमिता की मां को लगा कि उन की बेटी पर दामाद बहुत अत्याचार कर रहा है. अत: उन्होंने भी बिना सोचेसमझे रवि को फोन पर खूब खरीखोटी सुनाई, जिस से नमिता और रवि के संबंध तलाक तक जा पहुंचे. नमिता ने बड़ी मुश्किल से अपने टूटते रिश्ते को बचाया. अत: क्रोध और आवेश के अवसर पर मायके वालों से बात करने से बचें ताकि घर की बात घर में ही रहे और आप उसे अपने तरीके से सुलझा सकें, क्योंकि एक बार तरकस से बाहर गया तीर फिर वापस नहीं आता.

समझदारी से काम लें:

मातापिता की किसी बात या राय का विरोध कर के उन का अपमान करने की जगह उन की बात सुन लें, परंतु उसे अमल में लाने से पहले 10 बार सोचें कि इस से आप के वैवाहिक जीवन और आप के पति के परिवार पर क्या असर पड़ेगा. ऐसी किसी भी राय को अमल में लाने का प्रयास न करें जिस से आप के पति के परिवार के सम्मान को ठेस लगे.

अनीता कहती है, ‘‘कुछ समय पूर्व मैं अपनी बीमार ननद का इलाज कराने अपने साथ ले आई. छोटेछोटे बच्चों के साथ उन की देखभाल में परेशानी तो आती थी. इसी दौरान मेरी मां ने मुझे फोन कर सलाह दी कि तुम्हारा घर ननद के लिए नई जगह है. उन्हें वहीं जेठ के पास छोड़ दो. हर माह कुछ रुपया भेज दिया करो इलाज के लिए. तुम नौकरी करो और अपना परिवार देखो.’’

अनीता को अपनी मां की यह सलाह जरा भी पसंद नहीं आई और उस ने अपनी मां से कहा, ‘‘मां, जरा एक बार सोचिए कि यदि आज ननद के स्थान पर मेरी अपनी बहन होती तो भी क्या आप यही सलाह देंती?

अनीता की बात सुन कर उस की मां को कोई जवाब नहीं सूझा और उसी दिन से उन्होंने उस की ससुराल के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर दिया.

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पारदर्शिता रखें:

पति से छिपा कर मायके के लिए कभी कोई काम न करें. प्रतिमा का मायका आर्थिक रूप से कमतर है. वह जबतब अपने पति से छिपा कर अपने भाई और मां को आर्थिक मदद करती. एक दिन जब इस के बारे में उस के पति को पता चला तो दोनों में जम कर कहासुनी हुई नतीजतन उस के अपने मायके और पति दोनों से ही संबंध खराब हो गए. इसलिए अपने मायके के लिए आर्थिक मदद करने से पूर्व पति को अवश्य विश्वास में लें. ध्यान रखें कि पतिपत्नी के संबंधों में पारदर्शिता होना बेहद जरूरी है. परस्पर दुरावछिपाव संबंधों में खटास पैदा करता है.

सीमा निर्धारित करें:

सब से महत्त्वपूर्ण बात है कि आप अपने घरपरिवार के मामलों में किसी को भी दखल देने का एक निश्चित सीमा तक ही अधिकार दें और जब भी इस का अतिक्रमण होता दिखे तो तुरंत ब्रेक लगाएं, क्योंकि अपने परिवार के मामलों को आप और आप के पति ही सहजता से सुलझा सकते हैं. अपने मायके और ससुराल के सदस्यों के साथ कभी दोहरा व्यवहार न करें.

क्या करें मातापिता:

यह सही है कि आजकल अधिकांश मातापिता बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं करते. मायके में नाजों से पलीबढ़ी अपनी बेटी के जीवन में दुख का साया भी उन्हें बेचैन कर देता है, परंतु आप को यह याद रखना होगा कि आप की बेटी अब किसी की बहू और पत्नी भी है और उस के पति के परिवार वालों ने भी अपने बेटे को भी उतने ही नाजों से पाला है, इसलिए आवश्यक है कि ससुराल के मुद्दे उसे स्वयं अपनी समझदारी से ही सुलझाने दें. हां, यदि किसी मोड़ पर सलाह देना आवश्यक हो तो तटस्थ रुख अपनाएं.

बेटी को यह एहसास अवश्य कराएं कि जीवन के किसी भी मोड़ पर मुसीबत होने पर आप सदैव उस के साथ हैं. मायके के दरवाजे सदैव उस के लिए खुले हैं, परंतु बातबात पर पति का घर छोड़ कर मायके आ जाने की सलाह कभी न दें. ससुराल के छोटेमोटे मुद्दे उसे अपनी समझ से स्वयं ही सुलझाने को कहें.

बेटी की ससुराल की गतिविधियों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने से बचें. बेटी को किसी भी मुद्दे पर अपनी राय देते समय सोचें कि यदि यही राय आप की बहू के मायके वालों ने दी होती तो आप पर क्या असर होता.

वीडियो कौलिंग, मोबाइल फोन जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग बेटी की कुशलता जानने के लिए करें न कि उस की ससुराल वालों पर कटाक्ष करने, हंसी उड़ाने और ससुराल के प्रत्येक सदस्य का हालचाल जानने के लिए.

आप की आर्थिक स्थिति भले ही समधियों से बेहतर हो, परंतु उन्हें कभी अपने से कमतर न समझें और न ही कभी नीचा दिखाएं. ध्यान रखिए कि जब आप उन्हें इज्जत देंगी तभी आप की बेटी भी उन का सम्मान कर पाएगी.

अपनी बेटी को केवल पति का ही नहीं उस के पूरे परिवार का सम्मान और प्यार करना तथा परिवार के साथ तालमेल बैठाना सिखाएं न कि परिवार तोड़ कर अलग रहने की शिक्षा दें.

अनुजा ने विवाह से दो दिन पूर्व अपनी बेटी को उस के गहने दिखाते हुए कहा कि देख, अपने गहने अपनी सास को भूल कर भी मत देना. एक बार दे दिए तो वापस नहीं मिलेंगे.

इस प्रकार की अव्यावहारिक सलाह की जगह अपनी बेटी को ससुराल के प्रति प्यार और अपनत्व की सलाह दें ताकि उस का विवाहित जीवन सुखद रहे.

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विवाह के बाद विदा हो कर गई बेटी को स्पेस दें. हर पल उस के हालचाल पूछ कर उसे बारबार परेशान करने की अपेक्षा उसे पति के परिवार वालों के साथ घुलनेमिलने का अवसर दें ताकि वह वहां के वातावरण में सहजता से एडजस्ट हो सके.

Malaika-Arjun से लेकर Varun-Natasha तक, Lockdown की वजह से टली इन 5 कपल की शादी

कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते कई बड़े-बड़े कार्यक्रम पर रोक लग गई है. हाल ही में कई स्टार्स ने लॉकडाउन के बीच शादी की है. कई ऐसे बौलीवुड सेलेब्स हैं, जिन्होंने अपनी शादी के प्लान्स को टालने का फैसला लिया है. वहीं इन सेलेब्स में मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर (Malaika-Arjun) जैसे सेलेब्स शामिल है. आइए आपको बताते हैं कौन है वो 5 कपल….

1. वरुण धवन-नताशा दलाल

 

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Happy birthday 🥳 nata. I choose you over the ufc 💙

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बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन (Varun Dhawan) और नताशा दलाल (Natasha Dalal) काफी लंबे समय से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं. अक्सर दोनों शादी की खबरों को लेकर चर्चा में रहते हैं. खबरों की माने तो तो वरुण धवन-नताशा दलाल 22 मई को थाईलैंड में शादी करने वाले थी, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से इसे प्लान को टालना पड़ा.

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2. अर्जुन कपूर-मलाइका अरोड़ा

 

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♥️

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अक्सर अपने रिश्ते को लेकर सुर्खियों में रहने वाले अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor)-मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) भी इस साल शादी का प्लान कर रहे थे. लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते इनका यह प्लान कैंसिल हो गया है.

3. फरहान अख्तर-शिबानी दांडेकर 

 

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730 not out 😉🏏 @shibanidandekar #partnership Image: @errikosandreouphoto 👊🏼 Styled by: @pashamalwani 🙏🏼

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बौलीवुड एक्टर फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) -शिबानी दांडेकर (Shibani Dandekar) करीबन दो साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं. वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों स्टार्स इस साल शादी करने के प्लान कर रहे थे. लेकिन कोरोनावायरस की वजह से दोनों की शादी टाल दी गई है.

4. ऋचा चड्ढा-अली फजल

मिर्जापुर स्टार अली फजल (Ali Fazal )और ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) इस साल एक दूसरे से शादी करने वाले थे. लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे की वजह से दोनों ने अपनी शादी को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

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5. दिशा पटानी- टाइगर श्रॉफ

अपनी फिल्मों में एक्शन करते हुए नजर आने वाले एक्टर टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) और एक्ट्रेस दिशा पाटनी (Disha Patni) की लव स्टोरी से हर कोई वाकिफ है. हाल ही में खबरें थी कि दोनों 2020 में शादी का प्लान बना रहे हैं, लेकिन महामारी के चलते उनकी ये शादी टाल दी गई है.

Fashion Tips: कार्गो ट्राउजर में कंफर्ट के साथ दिखें स्टाइलिश

90 दशक में पहनें जाने वाला कर्गों आज फिर फैशन में लौट आया है. 90s में कई एक्ट्रेस कार्गो में नजर आ चुकी है. अब वही कर्गों पैंट आज के युवाओं का फैशन बन गया है. कार्गो की खास बात यह है की यह जींस से कई ज्यादा बेहतर और आरामदायक है. इसे आप अलग अलग स्टाइल से ट्राय कर सकती हैं. औफिस हो या ट्रिप, डेट पर जाना हो या फ्रेंड्स के साथ हैंगआउट यह हर लुक के लिए परफैक्ट है.

आइए, जानते है कैसे कार्गो को अलग अलग अंदाज में कैरी किया जा सकता है.

औफिस के लिए

औफिस के लिए आप नैरो कार्गो पैंट्स को ट्राय कर सकती हैं. यह काफी स्टाइलिश और फौरमल लुक देती है. यह नीचे से नैरो होती है और इस के साइड में सिंगल जैब बनी होती है जो बेहद स्टाइलिश कार्गो लुक देती है. औफिस के लिए आप हमेशा लाइट शेड का ट्राउजर ही ट्राय करें जैसे भूरा रंग. इस रंग के ट्राउजर के साथ व्हाइट शर्ट पर्फेक्ट औफिस लुक देगा.

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जब करना हो ट्रेवल

 

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कई बार हम स्टाइलिश कपड़े पहन तो लेते है लेकिन उस में हम कमफर्ट महसूस नहीं कर पाते. इसलिए हमेशा परिधान ऐसा चुनना चाहिए जो आरामदेह हो. यदि आप किसी लंबे सफर पर जा रही है, या ट्रैकिंग के लिए जा रही है तो कार्गो आप के लिए बेहतरीन परिधान है. ट्रैकिंग के लिए आप मिलिट्री डिजाइन वाला कार्गो पैंट चुन सकती है. यह बेहद कूल लूक देता है. इस के साथ अपनी मनपसंद टी-शर्ट ट्राय करें. ट्रेवलिंग के समय आप इस में आराम भी महसूस करेंगी और आसानी से अपने ट्रेवल का मजा उठा पाएंगी.

जब जाना हो डेट पर

डेट पर जब जाना हो तो लड़कियां अपने वार्डरोब में स्टाइलिश ड्रेस की तलाशी शुरू कर देती हैं ताकि वह खूबसूरत दिख सकें. लेकिन ड्रेस के स्टाइलिश होने से ज्यादा जरूरी है ड्रेस में आप कितना कंफर्ट महसूस करती है. यदि ड्रेस में आप कंफर्ट महसूस कर रही है तो आप अपना पूरा समय खुश हो कर बिता पाएंगी. कार्गो पैंट डेट पर जाने के लिए परफैक्ट है. स्टाइलिश दिखने के लिए आप स्किनीफिट कार्गो ट्राउजर के साथ क्रॉप टॉप पहन सकती हैं. इस में जैबे कं होती है. इसे पहन कर आप स्टाइलिश भी नजर आएंगी और कंफर्ट भी महसूस करेंगी.

दोस्तों के साथ हैंगआउट

जब बात दोस्तों के साथ समय बिताने की आती है तो एक अलग ही खुशी होती है. लेकिन इसके साथ स्टाइलिश ज्यादा कौन दिखेगा इस की भी हौड़ लगी रहती है. ऐसे में आप एवरग्रीन डेनिम से बने हुए कार्गो को ट्राय कर सकती है. यह बेहद स्टाइलिश लगता है. इसके साथ आप टॉप, टी-शर्ट या डेनिम जैकेट कुछ भी मैच कर सकती हैं. डेनिम की खास बाथ है की हम इस के साथ आसानी से कुछ भी मैच कर सकते है और फंकी लुक भी दे सकते हैं.

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जिम के लिए

कार्गो की सब से मजेदार बात यह भी है की हम इसे जिम में पहन सकते है. यह इतना आरामदायक होता है कि इसे पहन कर हम आसानी से कोई भी एक्सरसाइज कर सकते है.

कई बार जिम में पहने जाने वाली ट्राउजर में पैंटी कि शेप बन ने लगती है. जिस वजह से लड़कियां एक्सरसाइज करने में कंफर्ट महसूस नहीं कर पाती. लेकिन कार्गो में शेप बनने का कोई चांस ही नहीं होता. इसका फैब्रिक थोड़ा मोटा होता है. जिम के लिए आप ज्यादा जैब वाले कार्गो ट्राय कर सकती है. जिस में आप आसानी से अपना समान भी रख सकती है. जिम के लिए आप कॉटन फैब्रिक से बने कार्गो ट्राउजर ट्राय करें.

Hyundai #WhyWeLoveTheVenue: Luggage Space

ऐसी एसयूवी किस काम की जो आपके अचानक प्लान हुए वीकेंड ट्रिप का सारा समान रखने की भरपूर जगह भी ना दे. आप को कभी ऐसी दिक्कत ना हो, इसलिए हुंडई वेन्यू आता है एक 350 लीटर के बूट स्पेस (डिग्गी) के साथ, जो भरपूर है आपके सभी समान को रखने के लिए.

इसका कार्गो कवर आपके समान को ना सिर्फ चोरों की निगाहों से बचाता है, बल्कि अगर आपको ज्यादा समान ले जाना हो तो यह आराम से अलग होकर उसके लिए जगह भी बना लेता है. इसकी 60:40 स्प्लीट फॉल्डिंग वाली सीट आपको समान और सवारी, दोनों के अनुसार जगह बनाने की आजादी देता है.

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एक्स्ट्रा समान रखने की जगहों के तौर पर हुंडई वेन्यू का ठंडा रहने वाला ग्लोव बॉक्स, सीट के बीच वाली आर्मरेस्ट के अंदर की जगह, और दरवाजों में बने गहरे डोर पोकेट्स आपके काम आते हैं.

हुंडई वेन्यू हमें देता है कुशल पैकेजिंग का आनंद. #WhyWeLoveTheVenue

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Lockdown: गांव में फंसी TV एक्ट्रेस रतन राजपूत, बिना सुविधाओं के ऐसे कर रही है काम

लेखक- शम्भू शरण सत्यार्थी

कहा जाता है कि इंसान परिस्थितियों का दास होता है. जीवन में जिस तरह की कठिनाइयाँ और परेशानियॉ आती है. कुछ लोग विचलित और निराश हो जाते हैं. लेकिन विपरीत परिस्थिति में भी कुछ लोग ऐसे होते हैं. जो उसमें में नई तरकीब निकालकर नये तरह से इंजॉय करते हुवे जीवन को खुशी पूर्वक जीते हैं.

इस लॉक डाउन के दौरान “अगले जन्म मुझे बिटिया ही कीजो” सीरियल की मशहूर टी वी एक्ट्रेस रतन राजपूत (Ratan Rajput) बिहार के एक गाँव में फंस गयी हैं. यह उनका अपना गाँव नहीं है. लेकिन इस गाँव के लोगों ने मदद करते हुवे इन्हें रहने के लिए एक मकान दिया है. वे यहाँ नये ढंग से खुश रहते हुवे अभावों के बीच अपना स्वभाव बदल कर देश दुनिया को सोशल मीडिया के माध्यम से सन्देश दे रही हैं.

रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रतन राजपूत अपना सारा काम अपने से करने के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए सैनिटाइजर तक खुद बना रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर दो वीडियो शेयर किया जिसे लोग देखकर जीवन की परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए सिख रहे हैं.

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रतन राजपूत कहती हैं कि यही असली जिदंगी है. जो हम यहाँ सिख रहे हैं वो मुंबई में रहकर कदापी नहीं सिख पाते.यहाँ का भी जीवन मजेदार है. इसी बहाने गाँव के जिदंगी को भी निकट से देखने समझने का मौका मिला.एक कलाकार की यह खाशियत होनी चाहिए कि हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल ले.अगर विपरीत परिस्थिति में एक कलाकार हार मान ले या रोने लगे तो पर्दे पर खुद को मजबूत दिखाना बेकार है. असल जिदंगी में भी कुछ करके दिखाना चाहिए.कठिनाइयाँ आपको और मजबूत बनाती हैं.गाँव में सुविधाओं का अभाव है. बाथरूम में कोई खिड़की और दरवाजा तक नहीं है.उन्होंने खुद फ़टे पुराने कपड़े को सिलकर पर्दा बनाया और लगा दिया.कपड़े धोने,बर्तन मांजने खाना बनाने का काम स्वयं कर रही हैं. एक टेबल एक साड़ी और पुराने स्टैंड से बनायी है.

खाने पीने का इंनतजाम भी जैसे तैसे कर रही है. सबसे बड़ी दिक्कत है. पीने के सुद्ध पानी का .पहले पानी को साफ कपड़े से छानकर उसे उबाल कर रख लेते हैं. उसके बाद वह पीने लायक हो जाता है.उसी का उपयोग करते हैं.रतन ईंट रखकर बनाये गए चूल्हे पर जलावन से चावल दाल बना लेती है. बताती है कि चटनी के साथ खाने में खूब आनंद आता है. मुंबई के बड़े रेस्त्रां से भी मुझे यह खाना अच्छा लग रहा है. उन्हें घरवालों की बहुत याद आ रही है. मोबाइल से अपने घर वालों से बातचीत करते रहती है. अगल बगल के लोग पहचाने नहीं इसलिए मुँह ढककर ही रहती हूँ. छत पर जब कपड़ा सुखाने जाती हूँ तो जी भर कर गाँव को देखती हूँ.घर की याद तो आती है. लेकिन यहाँ कुछ चीजें मेरे लिए नई है. इसी बहाने जानने और सीखने का मौका मिला.

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#lockdown: नए नियम के साथ पटरी पर दौड़ेगी मेट्रो

ट्रेन के बाद दिल्ली में मेट्रो चलाने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. लेकिन लॉकडाउन के बाद मेट्रो के सफर में काफी बदलाव किया जाएगा. पहले मेट्रो में यात्रियों को पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी. लेकिन अब यात्री खाली मेट्रो में करेंगे सफर.

मेट्रो का नया सफर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू होगा, जिसके लिए मेट्रो कर्मचारी मेट्रो की सीटों पर स्टीकर चिपका रहे हैं ताकि यात्री कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कर सकें.

लॉकडाउन 4 में होगा बदलाव

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12 मई मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन में यह बता चुके हैं कि लोकडाउन 4 नए बदलाव के साथ आएगा. इस बदलाव में मेट्रो का सफर भी हो सकता है. हाल में ही दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने ट्वीट भी किया था. जिस में लिखा था “मेट्रो स्टेशनों में विशेष तौर पर प्रशिक्षित हाउसकीपिंग स्टाफ को रखा गया है, जो यात्रियों के मूवमेंट एरिया की सफाई करेंगे. मेट्रो की सेवाएं शुरू होने पर मेट्रो परिसर में सुरक्षित मूवमेंट के लिए मौजूद मशीनों जैसे लिफ्ट, एएफसी गेट, एस्क्लेटर्स इत्यादि की सफाई के लिए भी विशेष स्टाफों की नियुक्तियां की गई है.”

इस ट्वीट से पता चलता है कि जल्द ही दिल्ली मेट्रो कि सेवा शुरू हो सकती है. मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए मेट्रो कि सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ने नया प्रस्ताव रखा है. मेट्रो कि सेवाएं शुरू होगी तो पहले कि तुलना में बहुत अलग हो सकती है. अब मेट्रो के सफर के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

मेट्रो के नए नियम
• मेट्रो के नए नियम के मुताबिक यात्रियों को फेस मास्क लगाना जरूरी होगा. बिना फेस मास्क के मेट्रो में एंट्री नहीं दी जाएगी.
• यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. सीट पर चिपकाए गए स्टीकर्स को फॉलो करना होगा.
• यात्रियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप का होना अनिवार्य होगा.

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• मेट्रो स्टेशनों के सभी एंट्री प्वाइंट पर यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. ऐसे किसी भी यात्री को जिसके शरीर का तापमान बढ़ा हुआ होगा तो उसे यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.
• ऐसे किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा जिसे खांसी, जुकाम जैसे फ्लू के लक्षणों वाले होंगे.
• एंट्री गेट पर हैंडवाश और हैंड सैनिटाइजर की सुविधा उपलब्ध होगी. सभी यात्रियों को अपने हाथ धोकर उन्हें सैनिटाइज करना होगा. इसके बाद ही उन्हें मेट्रो में यात्रा करने दिया जाएगा.
• यात्रियों को मेट्रो में यात्रा के लिए टोकन सिस्टम की बजाय कार्ड का ही इस्तेमाल करना पड़ सकता है.

लॉकडाउन में हुआ एक और TV कपल का ब्रेकअप, 1 साल भी नहीं चला रिश्ता

इन दिनों टीवी स्टार्स के ब्रेकअप की खबरें सुनने को मिल रही हैं. हाल ही में हमने आपको बताया था कि पवित्र रिश्ता फेम एक्ट्रेस आशा नेगी और एक्टर रित्विक धनजानी का ब्रेकअप हो गया है. वहीं अब हाल ही में एक और जोड़ी का रिश्ता टूट गया है. नच बलिए कपल के तौर पर नजर आ चुके शांतनु माहेश्वरी (Shantanu Maheshwari) और नितयानी शिर्के (Nityaami Shirke) का ब्रेकअप हो गया है, जिसका खुलासा खुद ये कपल कर चुका है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

नितयानी शिर्के ने बताई ब्रेकअप का किस्सा

 

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There are certain people you meet in life, who you know you’ll never forget, no matter what. The kind of people who know how you’re feeling, before you, yourself do! For those kind of people, you have to make exceptions 😝 It’s ok that you don’t like chocolate as much as I do and that you hate my shoot waala MUGGA, that our ‘kab shower karna chahiye’ debates are never ending 😅 and the fact that your jokes are so lame (and I still laugh the hardest at them) 🤣 I could go on and on and probably write a book on these past couple of months hahaha these four months have been loaded with ups and downs and laughter and tears and surprises and craziness – but there’s no one else I’d want all of this to have been with, from start to finish to now😊 Thank you Mr Maheshwari, for the understanding, the patience, the multiple midnight chats, the gyaan, the care, the life lessons and most importantly, for the memories – despite the odds, despite it all, I’m so proud of us! 🤗 @shantanu.maheshwari

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नितयानी शिर्के ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कुबूल किया कि शांतनु माहेश्वरी (Shantanu Maheshwari) के साथ उनका ब्रेकअप हो चुका है. साथ ही नितयामी (Nityaami Shirke) ने इस बात को भी कन्फर्म किया है कि उन्होंने ‘नच बलिए’ में हिस्सा लेने के लिए किसी भी झूठ का सहारा नहीं लिया था.

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शूटिंग में आए थे करीब

नितयामी शिर्के ने इंटरव्यू में कहा कि, ‘शांतुन और मैं अप्रैल 2019 से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं, उस समय हम एक वेब सीरीज के प्रोमो की शूटिंग कर रहे थे. नच बलिए के दौरान हमें एक-दूसरे को समझने का मौका मिला. हम इस शो में कई कठिन परिस्थितियों से गुजरे और इसी के साथ-साथ हमारी बॉन्डिंग भी मजबूत होती गई. हमारे रिश्ते में कुछ भी खराब नहीं हुआ है, हमें सिर्फ इतना महसूस हुआ है कि हम दोस्त के तौर पर ज्यादा अच्छे हैं. हमने इसी साल फरवरी महीने में अलग होने का फैसला लिया है. खैर, वो मेरी जिंदगी को अहम हिस्सा है और मेरा अच्छा दोस्त भी है. वहीं इस मामले में शांतुन माहेश्वरी की ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है.

बता दें हाल ही में कोरोनावायरस के बीच ऑस्ट्रेलियन सरकार की मदद से नितयामी शिर्के मेलबर्न पहुंची हैं और इस समय वो क्वारंटाइन में हैं, जिसके कारण वह अपनी फैमिली से नही मिल पा रही हैं. जबकि वह दूर से ही फैमिली को देख पा रही हैं.

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