जी हां बलात्कार की घटनाएं तो रुकने का नाम नहीं ले रही हैं लेकिन यहां पर बात किसी आम आदमी की नहीं बल्कि एक पुलिस वाले की हो रही है.जो देश का जनता का रक्षक होता है… जब वही हैवान बन जाए तो क्या कहें कि इस देश का क्या होगा?
छत्तीसगढ़ से एक खबर आई है कि जशपुर के बगीचा क्षेत्र की रहने वाली एक महिला का बलात्कार हुआ और बलात्कार करने वाला एक पुलिस वाला है. पुलिस ने हालांकि केस दर्ज कर लिया है लेकिन जरा सोचिए कि कितना अजीब है ये कि एक पुलिस वाला हैवानियत की सारी हदें पार करता है और वहीं दूसरा पुलिस वाला केस दर्ज करता है.
पुलिस के मुताबिक 17 जनवरी को जशपुर में रहने वाली एक महिला जब अपने घर पर अकेली थी उसका पति नहीं था तब उसके घर में घुसकर एक पुलिसकर्मी ने रेप किया…महिला ने ये आरोप लगाया और कहा कि सन्ना थाने में तैनात एक पुलिस वाले ने उसका रेप किया है.पुलिस ने धारा 376 और 450 के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपी पुलिसकर्मी का नाम महेश्वर यादव है और पुलिस के मुताबिक ये अभी अपने घर से फरार है इसलिए उसे तमाम कोशिशों के बावजूद भी पकड़ा नहीं जा सका है.लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही वो आरोपी को पकड़ लेगी.
यहां पर आज सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर महिलाएं,लड़कियां कैसे सुरक्षित रहेंगी जब उन्हें सुरक्षा देने वालों से भी खतरा है.जब किसी लड़की के साथ बलात्कार होता है तो वो पुलिस के पास जाकर एफआईआर दर्ज कराती है तो जरा सोचिए कि जब पुलिस ही हैवान बन जाए तो क्या होगा इस देश का? ऐसी खबरें अक्सर सरकार से देश से और समाज से एक ही सवाल करती हैं कि आखिर कब तक ?कब तक चलेगा ये?
गहने चाहे जिस धातु के हों, जब उन्हें नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता हो तो उन में मैल व गंदगी बैठ ही जाती है और उन की चमक फीकी पड़ने लगती है. नए गहने भी पुराने नजर आने लगते हैं.
ऐसे में गहनों का विशेष खयाल रखने की जरूरत होती है, ताकि उन की चमक बरकरार रहे. वैसे आप इन की चमक व खूबसूरती के लिए इन्हें ज्वैलर के यहां ले जा सकती हैं पर वह उन्हें कैमिकल से साफ करेगा. बारबार ऐसा करने से गहनों का वजन घट सकता है. अत: घर में ही कुछ बेहतर ढंग से इन की सफाई व रखरखाव किया जा सकता है. सोने और प्लैटिनम के गहनों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ती पर नियमित प्रयोग होने वाले गहनों की साफसफाई जरूरी है. रोज पहनने से ज्यादा असर चांदी के गहनों पर पड़ता है. चांदी के गहनों के काला पड़ने की आशंका रहती है. सुभाषिनी और्नामैंट के ज्वैलरी डिजाइनर आकाश के. अग्रवाल बता रहे हैं गहनों की रौनक बरकरार रखने आसान तरीके.
गहनों की घर पर सफाई करें ऐसे
सोने के गहने
सोने के गहनों को साफ करने के लिए पहले उन्हें साफ कपड़े से पोंछ लें. फिर चुटकी भर हलदी लगा कर मलमल के कपड़े से हलका रगड़ें. गहने साफ हो जाएंगे.
डिश सोप से सफाई
एक कटोरी में गरम पानी ले कर उस में लिक्विड डिटर्जैंट की कुछ बूंदें डाल कर मिलाएं. बेहतर परिणाम के लिए सोडियम फ्री सैल्टजर या क्लब सोडे का इस्तेमाल कर सकती हैं. कभी भी बहुत ज्यादा उबलते पानी का उपयोग न करें. खासकर तब जब आप के गहने नाजुक और कीमती रत्नों से जड़े हों. सोने के गहनों को डिटर्जैंट के पानी में 15 मिनट तक भिगोए रखें ताकि गरम डिटर्जैंट का पानी गहनों की दरारों में घुस कर वहां जमी गंदगी को ढीला कर दे. फिर नर्म दांतों वाले टूथब्रश से साफ करें. वैसे गहनों की सफाई के लिए विशेष ब्रश मिलते हैं. उन का प्रयोग करें तो बेहतर होगा. गहनों को गोल्ड क्लीनिंग लिक्विड से भी साफ कर सकती हैं, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध है.
चांदी के गहनों को हमेशा डब्बे में बंद रखें. हवा व नमी से ये काले पड़ सकते हैं. नियमित प्रयोग होने वाले चांदी के गहनों पर थोड़ा सा टूथपेस्ट उंगलियों की मदद से रगड़ कर कुछ मिनट छोड़ दें. फिर टूथब्रश से धीरेधीरे रगड़ कर साफ मुलायम कपड़े से साफ कर लें या टिशू पेपर से धीरेधीरे सक्रब करें.
– एक कटोरा गरम पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडा डाल कर 5 मिनट छोड़ दें. अब उस में चांदी की ज्वैलरी को कुछ देर डिप करें. फिर निकाल कर मलमल के कपड़े से पोंछ लें.
– नौन ब्लीच डिटर्जैंट पाउडर से भी चांदी के गहने साफ कर सकती हैं. एक कटोरे में पानी भर
कर डिटर्जैंट घोल लें. फिर चांदी के गहनों को 10 मिनट उस में डिप कर के छोड़ दें और कुछ देर बाद निकाल कर कपड़े से साफ कर लें.
– उबलू आलुओं के पानी से चांदी के गहने साफ करने पर भी उन में चमक आ जाएगी.
मोती के गहने
सफेद चमकदार मोती हर किसी का मन मोह लेते हैं. मगर यदि इन की साफसफाई और रखरखाव ठीक से न किया जाए तो ये अपनी चमक खो देते हैं. मोती पर कोटिंग की जाती है, जिस का नमी के कारण निकलने का खतरा रहता है.
– मोती के गहनों को खरीदते ही उन पर ट्रांस पैरेंट नेलपौलिश की परत चढ़ा दें तो वे जल्दी काले नहीं पड़ते.
– मोतियों के गहनों को रुई में स्प्रिट लगा कर साफ करने से उन में चमक आ जाती है.
– अगर मोती गंदे हो जाएं तो उन्हें मलमल के कपड़े को गीला कर के उस से साफ करें. उन्हें कभी मोटे कपड़े से साफ न करें. वरना उन में लगी कोटिंग छूट जाएगी.
– मोतियों को कभी शार्प गहनों के साथ न रखें, वरना उन में जरा सी भी खरोंच लग गई तो बेकार हो जाएंगे.
– मोतियों के नैकलैस को साल में एकबार जरूर ज्वैलर्स से बंधवा लें ताकि मजबूती बरकरार रहे.
कलर्स के शो, ‘शुभारंभ’ में राजा और रानी की शादी की शुरूआत होने से पहले ही खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है. दोनों अपने परिवार के लिए एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं. वहीं कीर्तिदा और गुणवंत हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं इस शादी को खत्म करने की. आइए आपको बताते हैं अब क्या नया मोड़ लेगी राजा-रानी की जिंदगी…
रानी की माँ का होता है एक्सीडेंट
अब तक आपने देखा कि आशा, कीर्तिदा के ताना मारने से गुस्से में आकर रानी का सामान घर से बाहर फेंक देती है, जिसके बारे में रानी को पता चल जाता है और वह गुस्से में रेशमिया निवास जाती है. वहीं रानी की माँ, वृंदा उसे रोकने के लिए भागती है, लेकिन वह एक दुर्घटना का शिकार हो जाती है.
राजा के घर से वापस आने के बाद रानी अपनी माँ को ढूंढती है, तब रानी को पता चलता है कि उसकी माँ का एक्सीडेंट हुआ है. अस्पताल पहुँचने पर जब रानी, राजा को अपनी माँ के पास देखती है, उसका दिल पिघल जाता है. इसी बीच, गुणवंत और कीर्तिदा को पता चलता है कि राजा, पूजा को छोड़कर रानी की माँ को अस्पताल पहुँचाने गया है.
रेशमिया और दवे परिवार में बढ़ी दुश्मनी
आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि गुणवंत, राजा के आने से पहले जानबूझकर रानी के पिता, छगन को लड़ाई के लिए उकसाएगा. इसी बीच गुणवंत से छगन को लड़ता देख राजा, छगन पर अपना हाथ उठा देगा. वहीं रानी अपने परिवार के साथ ऐसा व्यवहार देखकर राजा को रोक देगी.
रानी को पता चलेगा राजा का झूठ
बढ़ती गलतफहमियों के बीच रानी अपने तलाक के लिए कोर्ट जाने वाली ही होगी कि वृंदा, रानी को बताएगी कि उसने राजा और आशा की बातें सुनी थी कि राजा ने अपनी माँ के मान को बचाने के लिए उससे पैसों के लिए शादी करने का झूठ बोला, जिसे सुनकर रानी हैरान रह जाएगी.
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा बेहतर जीवन शैली को प्रोत्साहित करने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. फिटनेस इन्फ्लुएंसर की फैन फॉलोइंग हमेशा से ही उनके काम की दीवानी रही है.
लोगों में स्वच्छ भारत अभियान को प्रोत्साहित करने की दिशा में शिल्पा के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, ‘चैंपियन ऑफ चेंज 2019’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला.
शिल्पा शेट्टी ने इस पर ख़ुशी जताते हुए कहा, “मैं इस पुरस्कार को पा कर वास्तव में सम्मानित महसूस कर रही हूं और मुझे लगता है कि अपने देश को स्वच्छ रखना हर नागरिक का कर्तव्य है. मन से स्वच्छता की शुरुआत होती है. जब हम अपने घरों को साफ रखते हैं, तो हमारे देश को क्यों नहीं! इस साल मैंने 480 पेड़ लगाए हैं यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह हमारे कीमती ग्रह की न केवल वर्तमान में बल्कि हमारे भविष्य की भी देखभाल करें.
IFIE के चेयरमैन नंदन झा कहते हैं, “हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा को स्वच्छ भारत अभियान में उनके योगदान के लिए चैंपियन ऑफ़ चेंज अवार्ड 2019 के सम्मान से नवाज़ा गया. ”
इस बीच, शिल्पा शेट्टी अपनी फिल्मों में भी व्यस्त हैं. वह जल्द ही दो मज़ेदार फिल्मों में दिखाई देगी. वह पहले ही हंगामा 2 की शूटिंग शुरू कर चुकी हैं और अब निकम्मा में भी दिखाई देंगी.
बौलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपनी पत्नी ताहिरा कश्यप को बहुत ही प्यारे अंदाज़ में जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. आयुष्मान ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी पत्नी ताहिरा के लिए उनके जन्मदिन पर एक बहुत इमोशनल पोस्ट फोटो के साथ शेयर किया. आइए आपको दिखाते हैं ऐसे किया आयुष्मान ने अपनी वाइफ को बर्थडे विश…
ताहिरा के लिए लिखा इमोशनल मैसेज
आयुष्मान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “ताहिरा का अर्थ है शुद्ध और गुणी. यही तुम हो. यह तुम्हारा मुंबई में और मेरे जीवन में पहला साल था. संतोष, हमारा पहला हाउस हेल्प छुट्टी पर गया हुआ था और हमने अपना पूरा दिन घर की सफाई में लगा दिया था. तुम आई और दुनिया बदल गयी मेरी. ”उन्होंने यह नोट ताहिरा की फोटो के साथ लिखा जिसमें वो व्हाइट कलर की ड्रेस पहने हुए हैं. इसी के साथ आयुष्मान ने एक और पोस्ट शेयर किया कि ताहिरा ने ‘जीवन और प्रेम’ के प्रति उनका दृष्टिकोण बदल दिया है. उन्होंने कहा, “ताहिरा का मतलब है शुद्ध और गुणी. यही तुम हो. हैप्पी बर्थडे love”.
यह पहली बार नहीं है जब आयुष्मान ने इस अंदाज़ में अपनी पत्नी ताहिरा हो बर्थडे विश किया है .पिछले साल भी आयुष्मान ने अपनी पत्नी ताहिरा को एक अनोखे अंदाज़ में बर्थडे विश किया था. दरअसल 2018 में ताहिरा के ब्रैस्ट कैंसर होने की खबर सामने आई थी.ताहिरा ने कैंसर से जंग जीत ली थी. पिछले साल आयुष्मान ने अपनी पत्नी ताहिरा को सोशल मीडिया पर उनकी 2 फोटोज पोस्ट करते हुए विश किया था. आयुष्मान ने ताहिरा की 2 तस्वीरें पोस्ट की थी जिनमे वो बिना बालो के नज़र आ रही थी. इन फोटोज के साथ उन्होंने बहुत खूबसूरत कैप्शन भी दिया था. उन्होंने लिखा था “हैप्पी बर्थडे love. हमेशा प्रेरित करती रहो.”
2017 में एक इंटरव्यू के दौरान आयुष्मान ने खुलासा किया था, “जब मेरी शादी हुई, तो मेरे पास पैसे नहीं थे. ताहिरा काफी लम्बे समय से प्रोफेशनल रूप में मुझसे बेहतर काम कर रही हैं. वह एक रौकस्टार है. वह एक प्रोफेसर थी, चंडीगढ़ में उसकी पीआर फर्म थी. वह पंजाब के एक रेडियो स्टेशन की प्रोग्रामिंग हेड भी थीं.
आयुष्मान ने ये भी कहा कि ताहिरा ने एक बड़ा साहसिक कदम उठाया जब उन्होंने उनके संघर्ष के दिनों में उनसे शादी करने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा, “उसने हर संभव तरीके से मेरा समर्थन किया. मैं एक संघर्षशील अभिनेता था, जो अक्सर एक जुआ की तरह होता है लेकिन हमारे बीच कभी कोई अहंकार नहीं था. जब प्यार होता है, तो अहंकार की कोई गुंजाइश नहीं होती ” कोई आश्चर्य नहीं कि आयुष्मान और उनकी पत्नी ताहिरा के बीच का संबंध अटूट है.
ताहिरा के जन्मदिन के समारोहों की बात करें तो, उन्होंने एक पार्टी रखी थी, जिसमें ट्विंकल खन्ना, यामी गौतम, सोनाली बेंद्रे और राजकुमारी राव जैसी हस्तियां शामिल हुई. अपने जन्मदिन की पार्टी से कुछ तस्वीरें साझा करते हुए ताहिरा ने अपने प्रशंसकों का शुक्रिया भी अदा किया.
हम आपको बता दें की ताहिरा और आयुष्मान सन 2008 में शादी के बंधन में बांध गए थे .उनके दो बच्चे है बेटे विराजवीर और बेटी वरुष्का.
पहले के जमाने में घर बड़े होते थे, जिस में बहुत से लोग रहा करते थे, एक बड़े कमरे को किचन के रूप में ढाला जाता था. लेकिन वक्त के साथ किचन और परिवार छोटे होते गए. ऐसे में ओपन किचन एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभरा है. भारतीय घरों के लिए ओपन किचन एक हौट ट्रैंड है. यह सुंदर दिखने के साथसाथ कंफर्टेबल भी होता है.
1. ओपन किचन के फायदे
ओपन किचन का सब से बड़ा फायदा यह है कि अगर कोई महिला किचन में काम कर रही होती है तो वह पूरे घर पर निगरानी भी रख सकती है. बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के साथसाथ चाहे तोे टीवी प्रोग्राम देख सकती है. अपने मेहमानों के लिए चायनाश्ता बनाते हुए उन से बातें भी कर सकती है.
ओपन किचन में काम करते वक्त घुटन महसूस नहीं होती. बंद किचन की तुलना में ओपन किचन स्वाभाविक रूप से अधिक चमकदार और प्राकृतिक रोशनी से भरपूर रहते हैं. ओपन किचन घर के डिजाइन को अनौपचारिकता आबोहवा देते हैं.
ओपन किचन की एक समस्या यह है कि इस में काम करते वक्त बाहर से आने वाला कोई भी शख्स उस अव्यवस्था को सहजता से देख सकता है जो आप खाना पकाते वक्त हड़बड़ी में फैलाती हैं.
समाधान: किचन को व्यवस्थित दिखाने के लिए बेहतरीन स्टोरेज सिस्टम चुनें. आप वुडन की जगह ग्लास के कैबिनेट्स बनवा सकती हैं. ये देखने में खूबसूरत लगेंगे और आप को सामान ढूढ़ने में असुविधा भी नहीं होगी.
भारतीय खानों में पर्याप्त मात्रा में मसाले प्रयुक्त होते हैं. छौंक लगाने की भी जरूरत पड़ती है, जिस से खुशबू दूर तक फैल जाती है.
समाधान: इलैक्ट्रिक चिमनियों का प्रयोग कर के उचित वैंटिलेशन सैटअप स्थापित करें.
मिक्सर, प्रैशर कुकर या डिश वाशर जैसे सभी कुकिंग उत्पादों की आवाज पास के कमरों तक सुनाई पड़ती है.
समाधान: कोशिश करें कि किचन से जुड़े सारे उत्पाद अच्छी क्वालिटी और नई तकनीक वाले हों ताकि आवाज कम पैदा हो. साथ ही इन के प्रयोग का समय भी निश्चित कर लें.
कुछ सरल टिप्स आजमा कर आप किचन के काम को सुविधाजनक बना सकती हैं:
अपने किचन के लिए स्लाइड करने वाले बार्न डोर्स लगवाइए और ऐसा कर के आप का आधुनिक किचन आप की इच्छानुसार ओपन या क्लोज्ड बन सकता है.
किचन और लिविंग रूम को अलग करने वाला कांच का पार्टिशन भी किचन को हमेशा प्राकृतिक रोशनी से जगमगाया हुआ रखेगा. आप किचन के एक छोटे हिस्से को बंद भी करा सकती हैं. इस हिस्से में आप वे काम कर सकती हैं जिन से ज्यादा शोर होता है.
किचन और लिविंग रूम के बीच पौधों का प्रयोग कर के विभाजन रेखा खींची जा सकती है. अगर आप एक ओपन आधुनिक किचन चाहती हैं, लेकिन यह नहीं चाहतीं कि मेहमान पूरे समय ताकझांक करते रहें, तो मेहमानों के लिए बैठक की व्यवस्था ऐसे करें ताकि उन की पीठ किचन की ओर हो.
– इंटीरियर डिजाइनर शिंजिनी चावला, अर्बन क्लैप डौट कौम से की गई बातचीत पर आधारित
कलर्स के शो, ‘छोटी सरदारनी’ में एक तरफ परम की हालत खराब होती जा रही है, तो दूसरी तरफ सरब और मेहर भी हार मानने को तैयार नही हैं. दोनों कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह परम का डोनर मिल जाए, लेकिन क्या सरब और मेहर, परम को बचाने की इस कोशिश में कामयाब हो पाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…
परम की हालत हुई खराब
अब तक आपने देखा कि पिकनिक पर परम बेहोश हो जाता है, जिसके कारण डौक्टर संजना कहती है कि परम को तुरंत ट्रांसप्लांट की जरूरत है. वहीं सरब और मेहर, परम को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करते हैं ताकि परम का ट्रांसप्लांट हो जाए.
यूवी, परम की तबीयत खराब होने की खबर कुलंवत कौर और उनकी फैमिली को बताता है, जिसके बाद पूरा परिवार अस्पताल पहुंचता है. वहीं सरब, परम के लिए डोनर ढूंढ लेता है, जिसका नाम सीमा है और उसका शुक्रिया अदा करता है. डौक्टर सर्जरी के लिए डोनर सीमा को लाने की तैयारी करते हैं, लेकिन जैसे ही वह कमरे के अंदर पहुंचते हैं, उन्हें पता चलता है कि डोनर अस्पताल छोड़कर भाग चुकी है.
डोनर सीमा के पास पहुंचेंगे मेहर और सरब
आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि पूरे अस्पताल में मेहर और सरब डोनर सीमा को ढूंढते दिखेंगे. इसी बीच डौक्टर संजना बताएगी कि परम की जान बचाने के लिए अगले चार घंटे में ट्रांसप्लांट करना जरूरी है. वहीं परम के लिए सरब, मेहर और उनका पूरा परिवार डोनर सीमा के घर पहुंचेंगे. जहां परम की डोनर सीमा, सरब और मेहर को बताएगी कि वह डोनर नही बन सकती क्योंकि वह प्रैग्नेंट है. परम की जान बचाने के लिए सरब लाइव प्रैस कौंफ्रेंस में लोगों की मदद मांगेगा कि लोग अपना लीवर परम को देने के लिए आगे आएं.
अब देखना ये है कि क्या परम का इलाज हो पाएगा? क्या मेहर और सरब इतनी कोशिशों के बावजूद सही समय पर परम की जान बचाने में कामयाब हो पाएंगे? जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.
बौलीवुड की ‘छपाक गर्ल’ यानी दीपिका पादुकोण इन दिनों ट्रोलर्स के निशाने पर बनी हुई हैं. फिल्म छपाक के प्रमोशन के दौरान दीपिका कई तरह के मुद्दों में शामिल हो गई हैं. हाल ही में दीपिका को जहां जेएनयू से जुड़े मामले पर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था तो वहीं इन दिनों वह अपनी टिकटौक की वीडियो के कारण सुर्खियों में आ गई हैं.
टिकटौक की इस वीडियो से चढ़ा लोगों को गुस्सा
हाल ही में दीपिका ने अपना टिक टौक पर डेब्यू किया था, जिसके बाद वह नए-नए वीडियो शेयर करती रहती हैं. वहीं इस दौरान फिल्म छपाक का प्रमोशन करते हुए दीपिका पादुकोण ने टिक टौक पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह किसी को चैलेंज देते हुए अपने फिल्मों के लुक खुद पर आजमाने के लिए कहती है.
Acid attack is a joke to you, Deepika Padukone? Shameless Actress.
दीपिका पादुकोण का चैलेंज अपनाते हुए महिला ने ओम शांति ओम, पीकू और छपाक कैरक्टर का लुक कौपी किया. सोशल मीडिया के यूजर्स ने एसिड अटैक सर्वाइवर के मेकअप वाले इस वीडियो को देखने के बाद दीपिका की कड़ी आलोचना की.
कंगना ने माफी मांगने की कही बात
No @deepikapadukone.This promo isn’t cool or cute. It’s insensitive & ghastly.
The movie wasn’t about you & your make up. It was about a woman scarred for life.And victims like her,whose marks can’t be wiped off,unlike your make up.
वायरल वीडियो पर बौलीवुड की क्वीन ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है. इस वीडियो पर कंगना रनौत ने कहा कि मेरी बहन रंगोली एसिड अटैक सर्वाइवर हैं और वे दीपिका के इस वीडियो से आहत हुईं हैं. प्रोमोशन के दौरान मार्केटिंग टीम ना चाहते हुए भी असंवेदनशील काम कर जाती है. मुझे लगता है कि इस तरह की असंवेदनशीलता के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए क्योंकि गलतियां इंसानों से ही होती है.
बच्चों को भी साफसफाई और स्वस्थ आदतों के बारे में समझाना चाहिए. साफसुथरा रहने से वे न केवल स्वस्थ रहेंगे, बल्कि उन का आकर्षण और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. बचपन की आदतें हमेशा बनी रहती हैं इसलिए जरूरी है कि वे बचपन से ही हाइजीन के गुर सीखें.
ओरल हाइजीन
ओरल हाइजीन प्रत्येक बच्चे की दिनचर्या का एक प्रमुख अंग होना चाहिए. ऐसा करने से बच्चा कई बीमारियों जैसे कैविटी, सांस की बदबू और दिल की बीमारियों से बचा रहेगा.
क्या करें
– बच्चे ध्यान रखें कि रोजाना दिन में 2 बार कम से कम 2 मिनट के लिए अपने दांतों को ब्रश से साफ करें. खासतौर पर खाना खाने के बाद सफाई बहुत ही जरूरी है.
– बच्चे कम उम्र से ही रोजाना ब्रश और कुल्ला करने की आदत डालें.
– टंग क्लीनर से जीभ साफ करना सीखें.
– बच्चे के दांतों की नियमित रूप से जांच करवाएं.
बौडी हाइजीन
– बच्चे रोज नहाने की आदत डालें. रोज नहाने से शरीर तो साफ रहता ही है, मृत त्वचा भी निकल जाती है.
– बच्चे नहाते समय शरीर के विभिन्न भागों जैसे हाथों, पैरों, पंजों, जोड़ों, बगलों, कमर, नाभि, घुटनों आदि को अच्छी तरह साफ करें.
– अपना अंडरवियर रोज बदलें और नहा कर साफ कपड़े पहनें.
– बच्चे सप्ताह में 2 बार बालों को शैंपू से धोने की आदत डालें ताकि बालों से तेल और गंदगी अच्छी तरह निकल जाए.
हैंड हाइजीन
– बच्चे में हाथ धोने की आदत डालें. उन्हें पता होना चाहिए कि हाथ धोने में थोड़ा समय लगता है. हाथ धोना रोगाणुओं को फैलने से रोकने और बीमार पड़ने से बचाने का सब से महत्त्वपूर्ण तरीका है.
– बच्चे नियमित रूप से हाथ धोना सीखें. खासतौर पर खाना खाने के बाद और पहले, छींकने या खांसने के बाद, खेलने के बाद, वाशरूम इस्तेमाल करने के बाद.
– वे हाथ धोते समय साबुन, हैंडवाश और पानी का सही इस्तेमाल करना सीखें.
फुट हाइजीन
बच्चों को पता होना चाहिए कि पैरों को साफसुथरा रखना भी बेहद जरूरी है. गंदे पैरों से न केवल तेज दुर्गंध आती है, बल्कि दाद और दूसरे संक्रमणों का भी खतरा बढ़ जाता है.
– बच्चों को दिन में 2 बार पैर साफ करने की आदत डालनी चाहिए. उंगलियों के बीच के हिस्सों को अच्छी तरह पोंछ कर सुखाएं, क्योंकि उंगलियों के बीच की जगह के गीला रहने पर फंगस हो सकता है.
टौयलेट हाइजीन
– बच्चों को शौच करने का सही तरीका पता होना चाहिए. हमेशा आगे से पीछे की ओर धोएं. पीछे से आगे की ओर धोने से संक्रमण का खतरा हो सकता है, यह उन्हें पता होना चाहिए.
– बच्चों को टौयलेट के बाद फ्लश करने की आदत डालनी चाहिए.
– बच्चे यह ध्यान रखें कि संक्रमण से बचने के लिए हर बार टौयलेट से आने के बाद हाथ धोना बहुत ही जरूरी है.
नेल हाइजीन
– बच्चे अपने नाखूनों को साफसुथरा रखना सीखें, क्योंकि गंदे नाखूनों में रोगाणु पनपते हैं, जिन से वे बीमार हो सकते हैं.
– बच्चे दांतों से नाखून काटने की आदत न डालें. उन्हें पता होना चाहिए कि दांतों से नाखून काटने से मैल और रोगाणु पेट में जा कर उन्हें बीमार बना सकते हैं.
स्लीप हाइजीन
– बच्चे 8-10 घंटे की गहरी नींद सोने की आदत डालें. उन्हें पता होना चाहिए कि यदि वे पूरी
नींद सोएंगे तो उन का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छी तरह होगा.
– हमेशा नाइट सूट पहन कर सोने की आदत डालें ताकि आरामदायक कपड़ों में गहरी नींद सो पाएं.
– बच्चे अपने बिस्तर को साफसुथरा रखना सीखें. कम से कमसप्ताह में 2 बार चादर जरूर बदलें.
– उन्हें रात को ब्रश कर के हाथपैरों को अच्छी तरह धोने के बाद ही बिस्तर पर जाना सिखाएं.
– बच्चे रात में सोेने से पहले पेशाब जाने की आदत डालें ताकि रात में उठने पर नींद डिस्टर्ब न हो.
फूड हाइजीन
– हाथों और मुंह को पोंछने के लिए साफ कपड़े का इस्तेमाल करना सीखें.
– बच्चे फल आदि खाने से पहले उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह धोना सीखें.
सराउंडिंग हाइजीन
– बच्चे जूतेचप्पलों को यहांवहां न रख हमेशा शू रैक में रखना सीखें.
– बच्चे कूडे़ या और किसी बेकार सामान को डस्टबिन में डालना सीखें.
– अपने कपड़ों को तह कर के अलमारी में रखने की आदत डालें.
– डा. के.के. गुप्ता (सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल) और डा. आशु साहनी (जेपी हौस्पिटल) से गरिमा पंकज द्वारा की गई बातचीत पर आधारित
12 वर्ष की उम्र से अभिनय के क्षेत्र में कदम रख चुकी अभिनेत्री जेनिफ़र विंगेट टीवी जगत की एक जानी मानी और सबसे अधिक मेहनताना लेने वाली कलाकार है. मुंबई की जेनिफ़र ने पहले बाल कलाकार के रुप में फिल्म राजा की आयेगी बारात और राजा को रानी से प्यार हो गया फिल्म में अभिनय की थी, जिसमें उसके अभिनय को आलोचकों ने काफी सराहा. बड़े होने के बाद वह टीवी जगत में उतरी और एक के बाद एक सफल शो दे रही है. उसने कुसुम, कसौटी जिंदगी की, सरस्वतीचंद्र, बेहद आदि कई धारावाहिकों में निगेटिव और पॉजिटिव भूमिका निभाकर अपनी एक अलग पहचान बनायी है.
जेनिफ़र की अभिनय कैरियर जितना सफल था, उतना उनका पारिवारिक जीवन नहीं था. साल 2012 में उनका परिचय शो ‘दिल मिल गए’ के को स्टार करन सिंह ग्रोवर से हुई. प्यार हुआ और शादी की, लेकिन ये शादी नहीं चली और वर्ष 2014 में दोनों का तलाक भी हो गया. ऐसा कहा जाता है कि उनका एक बेटा भी है, पर इस बारें में वह ज़िक्र नहीं करती. वेब सीरीज ‘कोड एम्’ में जेनिफ़र ने मेजर मोनिका मेहरा की भूमिका निभाई है, जिसे लेकर वह बहुत खुश है, पेश है कुछ अंश.
सवाल- इस वेब सीरीज को करने की ख़ास वजह क्या है?
कोड एम् एक घटना को बताती है, जो मुझे सोल्व करना है. पहले ये आसान सी कहानी लगती है, पर जब इस पर काम शुरू होता है, तो धीरे-धीरे ये जटिल होती जाती है. 8 एपिसोड में कही गयी ये घटना बहुत ही दिलचस्प है. इसके अलावा आर्मी में क्या-क्या चीजे घटती है, उसे भी बताया गया है.
सवाल-इसकी तैयारी आपने कितनी की है?
मैंने जब पहली बार यूनिफार्म पहनी, तो मेरे अंदर एक दायित्व, गर्व और देश प्रेम की भावना का एहसास हुआ था. एक कलाकार के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता था. तैयारियां दो तीन महीने से शुरू की जिसमें फिटनेस पर अधिक जोर दिया गया. सेट पर एक्चुअल आर्मी से सूबेदार कर्नल चौहान ने यूनिफ़ॉर्म, टोपी पहनने के तरीके और चाल-ढाल को बताया. कुछ एक्शन दृश्य है, उसे भी सही तरह से दिखाने की कोशिश की है.
देश के लिए मेरा सम्मान सबसे उपर है. इसमें मेरे परिवार, दोस्त और पड़ोसी सभी शामिल है. इसके अलावा एनवायरनमेंट और एनिमल्स के लिए प्यार का होना भी जरुरी है. ये सारी आदतें घर में बचपन से ही सिखाई जाती है. ये मुश्किल नहीं होती. एक दूसरे की राय को सम्मान देने पर हर कोई शांति की जीवन बिता सकता है.
सवाल- आज लोगों में सहिष्णुता कम हो चुकी है, हर कोई विद्रोही रुख अपना लेता है, इसका भविष्य क्या है?
आजकल सबके ओपिनियन होते है और स्वाधीन भारत में सभी को अपनी बात कहने का हक है, लकिन उसे शांति से सुनने की भी जरुरत है. लड़ाई झगड़े से कोई समाधान नहीं निकल पाता. केवल हमारे देश में ही नहीं पूरे विश्व में घृणा की भावना फ़ैल चुकी है. हर कोई अपने आप को सही कहने के लिए तत्पर है, कोई किसी की सुनने की कोशिश नहीं करता. अगर आपको पता चलेगा कि आप कहा पर गलत है, तभी आप उसे सुधार कर आगे बढ़ सकेंगे. ऐसे ही हमारे वातावरण को भी सुधारा जा सकता है.
सवाल- आप के यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा है? अभिनय में कैसे आना हुआ?
इसमें मैं पूरे परिवार को कहती हूँ, उन्होंने हर लेवल पर मुझे सहयोग दिया है. बहुत ही छोटा मेरा परिवार है. मैंने छोटी उम्र से काम शुरू किया और काम करते हुए ही मैं ग्रो भी हुई. अभिनय की लाइफ बहुत अलग होती है. इसलिए मेरे माता-पिता हमेशा शुरू से काम करने के दौरान सेट पर आते थे. आज जो भी मैं हूँ इसका श्रेय उन्हें ही जाता है. मेरे लिए माता-पिता ही सबसे ऊपर है. वे अभिनय क्षेत्र से जुड़े नहीं है, लेकिन मेरी माँ एक प्रोडक्शन हाउस से जुडी थी और उनकी ही बाल फिल्म में मैंने पहली बार अभिनय की थी, क्योंकि मेरे स्कूल की छुट्टी चल रही थी. इसके बाद मैंने पढाई के लिए ब्रेक ले लिया.
जब मैं 17 साल की थी, तब मुझे टीवी के कई ऑफर आने लगे. मैं करती गयी और मेरी रूचि उस और होने लगी, क्योंकि दर्शकों को मेरा काम पसंद आने लगा.
सवाल- क्या खुद सेटल्ड होने के बारें में सोचा है?
अभी तो नहीं, अभी मैं अपने काम से बहुत खुश हूँ. वक़्त आने पर सब होगा.
सवाल- किसी भी भूमिका को करते वक़्त आपको कितनी मेहनत करनी पड़ती है और उसमें से कैसे आप निकल पाती है?
कहानी को समझना पड़ता है. टीवी में लगातार परिवर्तन होता रहता है, जबकि वेब में ऐसा नहीं होता. कहानी पता होती है और उसके अनुसार तैयारियां करनी पड़ती है. टीवी पर तैयारी करने का मौका नहीं मिलता इसलिए जितना समय होता है उसके अनुसार तैयारी कर लेते है.
टीवी की किसी भी चरित्र से निकलना मुश्किल होता है, लेकिन इतने साल काम करने के बाद किसी चरित्र से निकलना मुश्किल नहीं होता. कई बार बहुत इमोशनल सीन्स से निकलना कठिन भी हो जाता है. ये सही है कि हम सब इमोशन को बेच रहे है और मैं एक इमोशनल लड़की हूँ.ऐसे में कभी-कभी उससे निकलने में समय लगता है.
सवाल- तनाव होने पर उससे कैसे निकल पाती है?
जब पैकअप होता है तो मैं कुछ संगीत सुन लेती हूँ या फिर अपने डॉग के साथ खेलती हूँ. इससे तनाव दूर चला जाता है.
सवाल- आपका ड्रेस सेन्स बहुत अच्छा है, इसका राज क्या है?
मेरे स्टाइल की एक टीम है, जो मेरे ड्रेस के बारें में मुझे बताती है. मैं बहुत आलसी हूँ और टी शर्ट पजामे में भी कही जा सकती हूँ.
सवाल- आप टीवी पर सफल है, लेकिन फिल्मों में अधिक काम न करने की वजह क्या है?
मैंने टीवी बहुत किया है और फिल्म करने के लिए मेरे पास समय का अभाव है, इसके अलावा आज तक कोई भी ऐसी स्क्रिप्ट मेरे पास नहीं आई जिसे करने के लिए मैं उत्सुक हो जाऊं. टीवी पर मैं बहुत अच्छा काम कर रही हूँ. मुझे अच्छा, अलग और यादगार काम करने की इच्छा हमेशा रहती है. मेरे लिए माध्यम कोई बड़ी बात नहीं होती. अच्छी कहानी आएगी तो फिल्मों में भी अवश्य करना चाहूंगी.
इतने सालों में मेरी जो इच्छा थी वह पूरी हो रही है. जहाँ पर भी इसे दिखाया जाय इसमें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.
सवाल- किस शो ने आपकी जिंदगी बदल दी?
जैसे- जैसे मैं शो करती गयी मेरी पॉपुलैरिटी बढती गयी. हर शो मेरे लिए ख़ास है. फिर चाहे वह सरस्वतीचंद्र हो या बेहद. हर में दर्शकों का प्यार मेरे लिए बढ़ा है. मेरी समझदारी भी बढती गयी.
सवाल-इंडस्ट्री में किस तरह की बदलाव देखती है?
आज के यूथ किसी की सुनते नहीं है. मैं तो सबकी सुनती रहती थी और यहाँ तक पहुंची. वह भी सही नहीं था. आज के यूथ कुछ कहने से डरते नहीं, क्योंकि वे अपने रास्ते को जानते है. ये सही और गलत दोनों ही है. दोनों में सामंजस्य करने की बहुत जरुरत है. सोशल मीडिया की वजह से लोग पोपुलर हो जाते है, पर इसमें कला कहाँ है? मनोरंजन के लिए ये ठीक है पर अपनी कला को नहीं भूलना चाहिए.
सवाल-ग्लैमर वर्ल्ड में आपको क्या नहीं मिली?क्या संदेश देना चाहती है?
ग्लैमर के लिए यहाँ आना ठीक नहीं. अगर आपको प्रसिद्धी चाहिए तो काम आने की जरुरत है. जो मैंने किया. आपको हमेशा धैर्य रखने और सुनने की जरुरत है. मैंने जो चाहा वह मुझे मिला है.
सवाल- क्या कोई सामाजिक काम करने की इच्छा है?
बेजुबान जानवरों के लिए कुछ करने की इच्छा है और मैं इसे करना चाहती हूँ.