अलग लुक के लिए ऐसे करें इंडोर लाइटिंग

घर पर लाइटिंग कुछ ऐसी की जानी चाहिए कि डिफरैंट लुक आने के साथ-साथ उस का हर कोना भी जगमग करे. आजकल बाजार में लाइटिंग के इतने विकल्प मौजूद हैं कि आप अपनी थोड़ी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर अपने घर को रोशनी से भर सकती हैं.

इन दिनों एलईडी लाइट्स का ट्रैंड है. इस के साथ ही ट्रैडिशनल लाइट्स का भी फैशन है, जिस की वजह से लाइटिंग में भी इंडोवैस्टर्न टच देखने को मिल रहा है. दीयों को नए अंदाज में बाजार में देखा जा सकता है, कैंडल्स की वैराइटी भी इतनी है कि उन से आप अपने घर के हर कमरे को नए स्टाइल में डैकोरेट कर सकती हैं.

दीप, कैंडल्स और इलैक्ट्रिक लाइट्स जो भी घर में लगाएं वे क्लासी हों पर बहुत हैवी शेड्स वाली नहीं और उन का प्रकाश इतना तेज न हो कि आंखों को चुभे. रोशनी तभी अच्छी लगती है जब वह आंखों को न चुभे और घर को जगमगा भी दे. घर के किसी कोने को उभारने के लिए ट्रेक लाइट तो स्टाइलिश लुक के लिए फेयरी लाइट्स का विकल्प चुना जा सकता है.

खास लुक के लिए एलईडी लाइट्स

एलईडी लाइट्स में 2 कलर कौंबिनेशन देखने को मिलते हैं. अपने ड्राइंगरूम की दीवार के रंगों से मैच या कंट्रास्ट के हिसाब से आप इस के कलर कौंबिनेशन चुन सकती हैं. जैसे हरा और पीला रंग फेस्टिवल  पर अच्छा लगता है या लाल व नारंगी. इन को बिना लाइट जलाए रखें तो ये साधारण वास जैसी लगती हैं, पर लाइट जलने पर एक अजीब सी हरी और पीली लाइट आप के कमरे को रोशन कर देगी.

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3-4 फुट लंबे म्यूजिकल लाइट ट्री को अपने लिविंगरूम में लगाएं. इस में एलईडी के छोटे बल्ब लगे होते है जिन्हें आमतौर पर आर्टिफिशियल फूल और पत्तियों से सजाया जाता है. इलैक्ट्रिक कलश लाइट्स यानी कलश के आकार की ये लाइट्स लगाने से घर में ट्रैडिशनल लुक क्रिएट किया जा सकता है. कई रंगों में उपलब्ध इन लाइट्स को आप घर के मुख्यद्वार या खिड़की पर भी लगा सकती हैं. 2 मीटर लंबी होने के कारण काफी हिस्सा इन से कवर हो जाता है.

ईको फ्रैंडली एलईडी लाइट्स भी फेस्टिवल  पर लगाई जा सकती हैं. सिंगल कलर एलईडी लाइट्स से ले कर मल्टीकलर और डिजाइनर लाइट्स तक उपलब्ध हैं. अंगूर, जामुन और लीची की शेप के अलावा फूल, डमरू और कैंडल की डिजाइन वाली कलरफुल लाइट्स भी खरीद सकती हैं.

डीजे वाली लेजर लाइट्स इस फेस्टिवल  पर आप के सैलिब्रेशन में भी रंग भर सकती हैं. एक लेजर पैनल से जो पैटर्न निकलते हैं, उन का कवरेज एरिया 100 से 200 मीटर तक होता है. कुछ पैनल से लेजर का एक ही पैटर्न निकलता है, तो कुछ से अलगअलग. खास बात यह है कि आप इन लेजर लाइट्स की स्पीड को अपने हिसाब से सैट कर सकती हैं.

नवरत्न और मल्टीकलर  झालर की भी डिमांड बाजार में है. इस साल  झालरों के भी कई विकल्प आ गए हैं. दूसरे प्रोडक्ट की तरह  झालर में भी एलईडी लाइट्स का प्रयोग काफी अधिक किया जा रहा है. एलईडी लाइट्स वाली नवरत्न  झालरें बहुत अच्छी लगती हैं. रंगबिरंगी रोशनी देने वाली ये  झालरें अधिक मात्रा में उजाला देती हैं. इस के अलावा ट्रैडिशनल  झालर में भी बड़े बल्ब का विकल्प मौजूद है. घर के लिए रैडिमेड फिटेड  झालर भी खरीदी जा सकती है.

लालटेन से सज्जा

फेस्टिवल  के मौके पर लगभग सभी घरों में लालटेन लगाई जाती हैं. ऐसे में अगर आप अनूठे स्टाइल में लालटेन से सजावट करती हैं तो घर की जगमगाहट देख मेहमान आप की तारीफ करने पर मजबूर हो जाएंगे. कलरफुल पेपर बैग का इस्तेमाल कर के पेपर लालटेन बनाएं. बैग के ऊपरी भाग को नीचे कर के उसे तार से बांध दें. बैग पर से हैंडल हटा दें और उस पर रिबन लटका दें. ऊपरी भाग पर एक छेद करें और अंदर एक बल्ब डाल कर जलाएं, साथ ही पारंपरिक कागज वाली कंदील की जगह आप गिलास वाली कंदील से भी घर सजा सकती हैं.

खुद बना सकती हैं लाइट्स

– पुराने कांच के जार पर अपना पसंदीदी रंग स्प्रे करें. इस के बाद ऊपर और नीचे गोल्डन रंग से अलग डिजाइन दे कर स्प्रे कर लें. अब इस पेंट किए जार में एलईडी लाइट या कैंडल रखें. आप का घर जगमगा उठेगा. आप कप केक के सांचों से भी फैंसी लाइट्स बना सकती हैं. एक लंबा तार ले कर उस में कप केक के सांचे को जोड़ें और अंदर के भाग में छोटा बल्ब लगा कर ड्राइंगरूम के कोने में लगाएं.

– कोल्डड्रिंक की प्लास्टिक की बोतल को कैंची से बीच से काट लें. बोतल का ऊपरी भाग ढक्कन के साथ इस्तेमाल करें. कैंची से प्लास्टिक की बोतल में एक लंबा कट डालें और उसे बाहर की तरफ पलट कर फूल की शेप दें. इस के बाद प्लास्टिक को फूल पत्ती की शेप दें और हर पत्ती पर थोड़ा सा ग्लिटर लगा दें. लाइट के लिए बीच में मोमबत्ती जलाएं और घर की लौबी व बालकनी के किसी कोने में सजा दें.

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– कुछ कांच की बोतलें इकट्ठी करें. बाजार में रंगबिरंगी ट्रांसपैरेंट शीट्स मिलती हैं. इन्हें बोतल पर लगाएं और अंदर सब से पतली वाली एलईडी लाइट्स डाल दें. सब बोतलों में यलो रंग की लाइट डालने से अलग असर दिखेगा.

– छिद्रों वाले सजावटी ब्रास लैंप्स रोशनी को एक खूबसूरत आयाम देते हैं. इन लैंप्स में सजावटी पैटर्न में बने छिद्रों से चारों ओर छन कर बिखरती रोशनी पूरे माहौल को रोशन कर देती है. साथ ही इस तरह के कुछ खास लैंप्स की रोशनी से दीवारों पर फूलों या अन्य तरह की खूबसूरत आकृतियां बनती हैं, जो घर को उत्सवी आभा देती है.

– रैड कलर क्रैक्ड ग्लास लैंटर्न टूटे कांच जैसा असर छोड़ता है. इस के अंदर कैंडल या दीया रखें. इस लैंटर्न की निखरती छवि आप को हैरान कर देगी.

– खूबसूरत फूलों और अन्य आकृतियों की टी लाइट्स भी रोशनी को एक अनूठा अंदाज देती हैं. इन छोटीछोटी टी लाइट्स से  िझलमिलाती रोशनी घर को खूबसूरत लुक देती है. इन्हें आकर्षक टी लाइट होल्डर्स में रख कर घर के हर अंधेरे कोने को खूबसूरती से रोशन कर सकती हैं.

कैंडल्स का कमाल

आम कैंडल्स जो रंगबिरंगे रंगों में मिलती हैं उन्हें जब एक कतार में लगाया जाता है तो चारों ओर जगमगाहट फैल जाती है. कैंडल्स भी अनगिनत शेप व साइज में इन दिनों मिल रही हैं. कैंडल्स को अपनी डैकोरेटिव चीजों के पास रख सकती हैं. इन्हें गोलाकार शेप देते हुए कोनों में सजा दें. इन की  िझलमिलाती लौ फेस्टिवल  में बहुत अच्छी लगती है. फ्लोटिंग कैंडल्स  भी खास और खूबसूरत विकल्प हैं. मिट्टी या मैटल के किसी बड़े बाउल या दीए में पानी भर कर कई सारी छोटी फ्लोटिंग कैंडल्स उस में रख दें. पानी में तैरती इन खूबसूरत फ्लोटिंग कैंडल्स का समूह बेहद आकर्षक दिखाई देगा. इस पानी में गुलाब के फूलों की पत्तियां डाल कर इस में रोशनी के साथ रंग का खूबसूरत तालमेल कर सकती हैं.

इस के अलावा आजकल बाजार में एलईडी कैंडल्स भी आ गई हैं. बिना किसी  झं झट के त्योहारों में घर को रोशन करने के लिए ये बेहतरीन हैं. आप पिलर कैंडल्स, अनूठे आकारों की सजावटी कैंडल्स, प्रिंटेड मोटिफ्स वाली कैंडल्स से भी घर को रोशनी से भर सकती हैं. कलर चेंजिंग कैंडल इन दिनों खूब चर्चा में हैं, क्योंकि ये रिमोट कंट्रोल से संचालित होती हैं, जिस वजह से आप 12 विकल्पों में से किन्हीं भी 3 रंगों को एक बार में प्रदर्शित कर सकती हैं. इन की खुशबू और रंग बदलने का स्टाइल आप के घर को एक नया रूप प्रदान करेगा.

दीयों से रोशन हो कोनाकोना

पारंपरिक मिट्टी के दीयों का चलन कभी खत्म नहीं होता. तभी तो इन्हें भी नएनए आकारों में ढाला जा रहा है, यहां तक कि हर कमरे की सजावट का खयाल रखते हुए इन्हें पेंट करने के साथसाथ उन पर खास डैकोरेशन भी की जा रही है. दीयों को आप घर के हर हिस्से में रख सकती हैं. घर के प्रवेशद्वार पर दीए का ही आकार देते हुए इन दीयों को रखा जा सकता है या फूलों का आकार देते हुए इन के आसपास ताजे फूलों की पत्तियां भी कलात्मक ढंग से सजाई जा सकती हैं.

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हर आकार व इनोवेटिव डिजाइनों में उपलब्ध ये दिए, पेंटेड भी उपलब्ध हैं और इन पर सजावट भी की जाती है. ड्राइंगरूम की दीवारों के साथसाथ पंक्ति सी बनाते हुए इन्हें रखें. एकसाथ निकलता इन का प्रकाश एक अलग ही उजास से भर देगा कमरे को. इन्हें मेज पर भी सजाया जा सकता है.

इस बार जो नया ट्रैंड देखने को मिल रहा है, वह है इलैक्ट्रिक दीयों का. 20 या ज्यादा दीयों वाली इन की लडि़यों को आप किसी भी कमरे में लगा सकती हैं. दरवाजों पर भी टांग सकती हैं. इस के अलावा हैंगिंग दीए और टावर जैसे घूमने वाले दीए भी आप के घर की डैकोरेशन में चार चांद लगा देंगे.

बैटरी के दीयों से भी आप घर को फैंसी लुक दे सकती हैं. बाजार में 30 से 40 रुपए में बैटरी वाला 1 दीया मिल जाता है. इस का फैंसी कवर बनाने के लिए आटे की लोई, संतरे का गोल छिलका या शंख आदि ले लें और उसे लेस, कुंदन, स्वरोस्की आदि से सजाएं. इस के अलावा आप इन्हीं सांचों में गरम वैक्स भर कर घर पर भी कैंडल बना सकती हैं. आप इस वैक्स कैंडल के चारों ओर दालचीनी की स्टिक लगा कर भी सजा सकती हैं.

बैटरीचलित गोलाकार सिल्वर एलईडी लाइट्स का प्रयोग घर के किसी भी हिस्से में किया जा सकता है. राइस लाइट्स भी एक अच्छा विकल्प हैं. इन लाइट्स में मौजूद 20 लैंटर्न दोनों तरफ से अलग रंग दिखाती हैं. इस में आमतौर पर 38 बल्ब होते हैं. इन्हें खिड़की पर लगाया जा सकता है. पूरी खिड़की इस से जगमग कर उठेगी.

6 साल की इस बच्ची को मिला दुनिया की सबसे सुंदर लड़की का खिताब

आज एक ऐसी लड़की के बारे में आपको बताएंगे जिसने बहुत ही कम उम्र में दुनिया की सबसे सुंदर लड़की का तमगा हांसिल किया है.जी हां वैसे तो दुनिया में बहुत सी प्रतियोगिताएं होती है जो विश्व सुंदरी,और ब्रम्हांड सुंदरी जैसे खिताब देती है. हर साल किसी न किसी को ये तमगा मिलता हैं लेकिन हम बात कर रहे हैं यहां पर एक ऐसी लड़की की जो दुनिया की सबसे छोटी उम्र की सुंदरी है.इन्हें एंजल और परी भी कहा जा रहा है.

सोशल मीडिया पर हो चुकी हैं फेमस

सोशल मीडिया पर ये इतनी फेमस हो चुकी हैं कि इन्हें किसी और तमगे की जरूरत ही नहीं है. कमेंट में इनके फैन्स ने इन्हें वहीं पर ही दुनिया की सबसे सुंदर लड़की का तमगा दिया हैं. रूस की मात्र 6 साल की एक लड़की जिसका नाम है यलीना यकूपोवा.जी हां यलीना यकूपोवा इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हैं.

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मौडल है यलीना

लोग इनकी तस्वीरों को देखकर इन्हें देखते ही रह जा रहें हैं.यही नहीं यलीना मौडल भी हैं.आपको जानकर हैरानी होगी कि मात्र चार साल की उम्र से ही यलीना ने माडलिंग शुरू कर दी थी.आज यलीना की लोकप्रियता को देखकर आप कह सकते हैं की भाई वाह सच में  भगवान कभी-कभी किसी को फुर्सत में बनाता है…यलीना के भूरे रंग के बाल और मन मोह ले ऐसी आंखे किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर लेती हैं.यकीन मानिए आप भी यलीना की तस्वीर से अपनी नज़र नहीं हटा पाएंगे.

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नन्हीं राजकुमारी के नाम से है फेमस

सोशल मीडिया पर इस बच्ची को लोग नन्ही राजकुमारी कह रहे हैं.यलीना ने कई नामी कंपनियों के साथ किया है साथ ही कई इवेंट्स का भी हिस्सा रही हैं.अभी से ही फोटोशूट के इनके जलवे और पोज भी आप देख लें लगता ही नहीं की ये कोई 6 साल की बच्ची है.

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सोशल मीडिया पर रहती हैं एक्टिव

यलीना सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव रहती हैं. इंस्टाग्राम पर इनके लगभग 22 हजार फालोवर्स हैं.यलीना भले ही रूस की हैं लेकिन इनके फालोवर्स दूसरे देश में भी हैं.अमेरिका,ब्रिटेन सहित कई देश में यलीना के फैन्स हैं.एक खबर के मुताबिक…. यलीना के मैनेजर ने बताया की  बीते कुछ दिनों में यलीना ने काफी लोकप्रियता हासिल की हैं…और उनकी फैन फालोइंग भी बढ़ी है.इस बात को यलीना बखूबी समझती हैं.जबकि देखा जाए मात्र 6 साल के बच्चों में इतनी समझ नहीं होती है कि वो इतना कुछ कर सकें लेकिन रूस में रहने वाली यलीना इस बात को बखूबी समझती हैं.

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बता दें, यलीना के फैन्स इन्हें दुनिया की सबसे क्यूट और सुंदर लड़की बता रहे हैं.सच में यलीना की खूबसूरती को आप देखकर खुद दंग रह जाएंगे.इतनी सी उम्र में यलीना का इंस्टाग्राम अकाउंट है जबकि 6 साल तक के लगभग सभी बच्चों को यह पता भी नहीं इंस्टाग्राम क्या होता है.यलीना ने कई ब्रांड के लिए प्रचार भी किया है. यलीना मोनालिसा किड्स और ग्लेरिया जिंस जैसे बड़े ब्रांड के लिए विज्ञापन भी कर चुकी हैं.अगर यलीना की सुंदरता की बात करें तो सचमुच इनकी मासूमियत और आंखे लोगों का दिल जीत लेती है.शायद इसी कारण आज सोशल मीडिया पर ये इतनी फेमस हैं.अब आप खुद ही अंदाजा लगा लिजिए की जब अभी इतनी लोकप्रियता है तो आने वाले समय में क्या होगा.

इस फेस्टिव सीजन ट्राय करें सारा अली खान के ये ब्यूटी टिप्स

फिल्म ‘केदारनाथ’ से बौलीवुड में डेव्यु करने वाली अभिनेत्री सारा अली खान, अभिनेत्री अमृता सिंह और सैफ अली खान की बेटी है. उसे बचपन से ही कला का माहौल मिला, पर उसने अपनी पढाई पूरी करने के बाद  अभिनय की ओर रुख किया. उसके कैरियर में उसकी मां और अभिनेत्री अमृता सिंह का बहुत बड़ा हाथ है. वह हर कहानी को करने से पहले उनकी राय एकबार अवश्य ले लेती है. हंसमुख स्वभाव की सारा को अपना परिवार बेहद पसंद है और दिवाली को वह अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करती है, लेकिन त्यौहार में स्किन ग्लो करें इसका भी ध्यान उसे देना पड़ता है.  गार्नियर सीरम शीट मास्क की ब्रांड एम्बेसेडर सारा की इस दिवाली की ब्यूटी टिप्स निम्न है,

स्किन को हमेशा करती है हाइड्रेट

अपने स्किन और बौडी को हमेशा हाइड्रेट करने की जरुरत होती है, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और तरल पदार्थों का सेवन वह करती है, क्योंकि बारिश के बाद दिवाली जाड़े के मौसम के शुरू होने का आभास कराती है, ऐसे में स्किन शुष्क होने लगती है. शूटिंग पर, घर पर या दोस्तों के साथ, जहां भी रहूं, स्किन हाइड्रेट रहे, इसका ख्याल रखती हूं.

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एक्सरसाइज केवल वजन घटाना नहीं

स्किन को डीटोक्स करने के लिए पसीना आना जरुरी है. टोक्सिन से बंद हुए सारे रोम छिद्र व्यायाम से खुल जाते है, काम कितना भी हो, मैं 30 मिनट रोज वर्कआउट करना नहीं भूलती, इसके बिना मेरी दिनचर्या पूरी नहीं होती.

खाती हूं सही और पोषण युक्त भोजन

मुझे बेसन के लड्डू, छोले भटूरे और कुल्फी मुझे बहुत पसंद है, पर इसकी मात्रा में अधिक नहीं लेती, क्योंकि त्यौहार में चेहरे पर मुहांसे न निकले और स्किन बेजान न हो, इसका ध्यान रखना पड़ता है.

कम में अधिकता

खूबसूरती अंदर से आती है, इसके लिए इमानदार और सच्चा इंसान होना बहुत जरुरी है, उसकी कोशिश मैं करती हूं, क्योंकि इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और आप आगे आसानी से बढ़ते जाते है.

मी टाइम है जरुरी

त्यौहारों में भागमभाग अधिक होती है, खुद और स्किन के लिए मी टाइम अवश्य मैं निकाला करती हूं, इसमें स्किन को फिर से खिलने के लिये रिलैक्स करती हूं.

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ब्यूटी स्लीप को मिस नहीं करती

हालांकि 8 घंटे नींद पूरी करना जरुरी है, पर त्योहारों में 6 घंटे नीद पूरी करना भी सही रहता है, लेकिन सोने से पहले मेकअप मैं अवश्य उतार लेती हूं, थोड़ी सी भी मेकअप चेहरे की स्किन को ख़राब कर देती है, 100 प्रतिशत क्लियर स्किन के साथ मैं सोना पसंद करती हूं. त्योहारों के मौसम में स्किन को एक्स्ट्रा केयर देने की जरुरत होती है.

बच्चों को सिखाएं गुड टच और बैड टच

अक्सर कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों को कुछ ऐसी चीजों से दूर रखते हैं जो बच्चों को जानना जरूरी है क्योंकि वो बात उनकी बौडी की होती है, उनके शरीर की होती है. पैरेंट्स बच्चों से उनके प्राइवेट पार्ट के बारे में बात करने में कतराते हैं या सोचते हैं कि ये अभी बच्चा है. जो सही भी है,लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जो बच्चों को पता होनी चाहिए. उन्हें नहीं पता होता अगर इस बारे में तो उनके साथ कुछ गलत हो जाता है तो भी उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा. क्या गुड टच है और क्या बैड टच है इसकी जानकारी आपके बच्चे को जरूर होनी चाहिए.

पेरेंट्स की है जिम्मेदारी

आप अपने बच्चों के अभिभावक हैं,ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप उन्हें ये बातें बताएं. बच्चों की एक उम्र ऐसी होती है जब उनका शोषण होता है या हो सकता है लेकिन उनको पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है.

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दोस्त बनना है जरूरी

अभिभावकों को अपने बच्चों का दोस्त बनना बहुत जरूरी होता है ताकि वो अपने बच्चों से इन सारी चीजों के बारे में बात कर सकें. कभी-कभी बच्चों के मन में कुछ जिज्ञासा होती है कुछ पूछने की लेकिन वो मां-बाप से पूछने में कतराते हैं लेकिन अगर आप अपने बच्चों के साथ एक दोस्ती का रिश्ता भी रखेंगे तो तो जरूर आपसे पूछेंगे.एक उमर ऐसी भी होती है जब उन्हें सेक्स एजुकेशन देना भी जरूरी होता है लेकिन इससे पहले ये जरूरी है कि आप उन्हें बचपन से ही गुड टच और बैड टच क्या है ये सिखाएं.ताकि उनके साथ कभी कुछ गलत हो तो वो आपको बता सकें.

बैड टच और गुड टच की दें जानकारी

आजकल के समय में ऐसी शोषण की घटनाएं घट रही हैं बुरे लोग मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करते हैं. और कहते हैं किसी से मत कहना यदि बच्ची छोटी है उसे कुछ नहीं पता है तो वो चुप रह जाती है.कई अन्य आपके बच्चों के प्राइवेट पार्ट को गलत तरीके से छूने की कोशिश करता है ऐसे में बच्चा असहज महसूस करता है.ये केवल लड़की के साथ ही नहीं बल्कि लड़को का भी शोषण होता है.ऐसे में उसे ये पता होना चाहिए कि ये बैड टच है.

जरुरी बातें बताएं

बच्चों को बताएं कि कौन सी जगह आपके पैरेंट्स ही टच कर सकतें है अगर कोई दूसरा उसे छूता है तो वो गलत है.यदि बच्ची को कोई जबरदस्ती किस लेने की कोशिश करता है तो वो गलत है.उसके गलत तरीके से देखता है तो वो गलत है.बच्चों के छाती, हिप्स,लिप्स होंठ इन सभी जगहों पर यदि कोई और टच करें जिससे आपका बच्चा असहज महसूस करता है ,तो वो गलत है.

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स्कूल भी दें जानकारी

इस बात की जानकारी आपके बच्चों को होनी चाहिए.हालांकि अब तो बच्चों को स्कूल में भी गुड टच और बैड टच की नौलेज दी जाती है. लेकिन फिर भी अभिभावक होने के नाते ये आपका फर्ज है कि आप उन्हें इसकी नौलेज घर से ही देना शुरु कर दें. ये आपके बच्चें के बेहतर भविष्य के लिए भी अच्छा होगा.इस बात से आपका बच्चा भी कभी कुछ गलत नहीं करेगा. इसलिए यदि आपने अभी तक अपने बच्चों को इन जानकारियों से दूर रखा है तो उन्हें बताएं उनसे छुपाए नहीं.

DIWALI 2019: घर पर बनाएं बनाना एंड वौलनट्स मिनी कपकेक

अगर आप फेस्टिवल में कुछ टेस्टी और हेल्दी ट्राय करना चाहती हैं तो आज हम आपको बनाना एंड वौलनट्स मिनी कपकेक की टेस्टी रेसिपी बताएंगे. बनाना एंड वौलनट्स मिनी कपकेक की इस रेसिपी को आप अपनी फैमिली के लिए बनाकर तारीफें बटोर सकती हैं. आइए आपको बताते हैं बनाना एंड वौलनट्स मिनी कपकेक की खास रेसिपी

हमें चाहिए

–  135 ग्राम आटा

–  1 केला

–  35 ग्राम कैलिफोर्निया वॉलनट्स

–  80 ग्राम मक्खन

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–  110 ग्राम चीनी

–  1 अंडा

–  1 छोटा चम्मच यीस्ट

–  80 एमएल दूध.

टौपिंग के लिए

–  80 ग्राम मक्खन

–  125 ग्राम आइसिंग शुगर

–  1 छोटा चम्मच वैनीला ऐसैंस

–  सजाने के लिए वौलनट के टुकड़े.

बनाने का तरीका

कमरे के तापमान पर मक्खन को नर्म होने रखें. फिर उसे चीनी के साथ तब तक मिलाती रहें जब तक क्रीमी मिक्सचर तैयार न हो जाए. फिर इस में अंडा मिला कर अच्छी तरह से फेंटें.

अब छने हुए आटे में यीस्ट, दूध, मसला केला और बारीक कटे वौलनट्स डाल कर अच्छी तरह से मिलाएं. ओवन को 180 डिग्री सैल्सियस तक गरम करें. फिर मिनी कपकेक बनाने के लिए कपकेक पेपर को बेकिंग मोल्ड में रख कर 180 डिग्री सैल्सियस पर 15 मिनट बेक करें.

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फिर ओवन से निकाल कर ठंडा होने दें. टौपिंग तैयार करने के लिए मक्खन को आइसिंग शुगर व वैनीला ऐसैंस के साथ मिला कर फेंटें. फिर क्रीम को पेस्ट्री बैग में डाल कर कपकेक को सजाएं. ऊपर से वौलनट के टुकड़े लगा कर सर्व करें.

दिवाली पर मैं पटाखे नहीं जलाता – अपारशक्ति खुराना

फिल्म ‘दंगल’ से अभिनय कैरियर शुरू करने वाले अभिनेता अपारशक्ति खुराना पंजाब के चंडीगढ़ से है. उन्होंने क्रिएटिव फील्ड में आने की शुरुआत रेडियो ज़ोकी से की थी, इसके बाद वे टीवी होस्टिंग की ओर मुड़ गए. वे एक स्पोर्ट पर्सन है और क्रिकेट की दुनिया में बहुत अच्छा काम नहीं कर रहे थे, तब उन्हें कुछ अलग करने की इच्छा हुई और वे अभिनय क्षेत्र की ओर मुड़े. हालाँकि उनका भाई आयुष्मान खुराना भी एक जाना माना कलाकार है, पर वे उनका अधिक हेल्प नहीं लेते. हॉट स्टार पर उनकी फिल्म ‘कानपुरिया’ रिलीज हो रही है, जिसे लेकर वह बहुत खुश है और बातचीत की. पेश है कुछ अंश.

सवाल- कानपुरिया किस तरह की फिल्म है? आपको इसमें खास क्या लगा?

ये एक रियल फिल्म है, जिसमें आम फिल्मों की तरह हैप्पी एंडिंग नहीं होती है. फिर भी आपको इसे देखकर एक संतुष्टि मिलती है,क्योंकि इसमें किसी नकारात्मक परिस्थिति को मजेदार रूप में कही गयी है और मुझे यही अच्छा लगा. इसके अलावा कानपुर के बारें में कोई कहानी अच्छी तरह से कही नहीं गयी है. इसके निर्देशक कानपुर के है और उन्होंने इसे बहुत अच्छी तरीके से पर्दे पर लाने की कोशिश की है.

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सवाल-आपकी जिंदगी में कभी ऐसा नकारात्मक पल आया, जब आपको निकलने के लिए मेहनत करनी पड़ी?

बहुत बार ऐसा हुआ है, पर ऐसे सिचुएशन से जल्दी निकल जाना ही बेहतर होता है, ताकि व्यक्ति का मानसिक संतुलन बना रहे. कई बार ऐसा होता है, जब आप मांगते कुछ है, जबकि  होता कुछ और है. मेहनत और लगन से ही आप आगे बढ़ सकते है. कई बार चीजे आसानी से न मिले, तो भी अच्छा ही होता है. असफल होना जीवन में जरुरी है, तभी आप सफलता को एन्जौय कर सकते है. किसी भी निगेटिव को दिल पर न लें उसे बैठकर समाधान करने की कोशिश करें. मैंने अनुभव अभिनय से पहले किया है, जब मुझे काम करने में अच्छा नहीं लगता था. मैं अच्छा परफौर्म नहीं कर पा रहा था. इससे मुझे ये सीख मिली है कि जो काम पसंद नहीं उसे आप अच्छी तरह से कर नहीं सकते और सफलता भी हाथ नहीं आती. फिर मैंने रेडियो और थिएटर में काम किया और मुझे बहुत इज्जत मिली. धीरे-धीरे फिल्मों में आ गया.

सवाल- आपका भाई भी अभिनय क्षेत्र से है, क्या आपको पहले से ही अभिनय की इच्छा थी?

नहीं, मैंने कभी अभिनय के बारें में सोचा नहीं था.मैं हमेशा से स्पोर्ट्स पर्सन बनना चाहता था. उसमें कामयाबी न मिलने के बाद मुझे मेरे भाई की याद आई, जो पर्दे पर इतना जादू कर देते है. फिर मैंने उनसे बात की. उन्होंने मुझे इस क्षेत्र में आने के लिए ट्रेनिंग लेने की सलाह दी. मैंने थिएटर ज्वाइन किया और धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिलने लगा. उनकी ये वाइज एडवाइस मेरे काम आ गयी.

सवाल-यहां तक पहुंचने में परिवार और पत्नी का सहयोग कितना रहा है?

जब तक परिवार का सहयोग नहीं मिलता आप काम नहीं कर सकते. सुबह अच्छी मूड लेकर जब आप काम पर निकलते है, तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है. मेरी पत्नी आकृति आहूजा भी मेरे काम को बहुत सहयोग देती है. हम दोनों एक दूसरे की काम को सराहते है.

सवाल- दिवाली कैसे मनाते है? क्या-क्या करते है?

मैं दिवाली पर हर साल चंडीगढ़ में घर पर रहना और परिवार के साथ मनाना पसंद करता हूं. इस बार भी वही करने वाला हूं. माता-पिता का साथ बहुत अलग होता है. दिवाली परिवार को जोड़ती है, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है. दिवाली पर पटाखे मैं नहीं जलाता. मुझे दिए और मिठाइयाँ बहुत पसंद है.

सवाल-फिटनेस के लिए क्या करते है?

फुटबाल खेलता हूं, जो मैं हमेशा से करता आया हूं.

सवाल-यूथ के लिए क्या मेसेज देना चाहते है?

हमेशा धैर्य रखे और काम करते रहे. समय से सब मिलता है. कला और परिवार को समय देने की कोशिश हमेशा करते रहे. काम के साथ हैप्पी फैमिली लाइफ भी होना बहुत जरुरी है, जो आपको सुकून देती है. मैंने अपने प्यार से शादी की है. भाई ने भी वैसा ही किया है. समय आने पर शादी जरुर करें और हैप्पी लाइफ बिताएं.

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सवाल- पर्यावरण को देखते हुए आप क्या नहीं करना चाहते?

मैं प्लास्टिक नहीं प्रयोग करता. पानी का दुरूपयोग नहीं करता. पर्यावरण को देखते हुए ये हर व्यक्ति के लिए पालन करना जरुरी है.

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की एक्ट्रेस ने ऐसे मनाई शादी के बाद पहली दीवाली

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की ‘कीर्ति’ यानी मोहेना कुमारी सिंह एक्टिंग की दुनिया से भले ही दूर हो गई हैं, लेकिन अपने फैंस के लिए वह लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. हाल ही में मोहेना ने शादी के बाद अपनी पहली दीवाली को शाही अंदाज में मनाया. आइए आपको दिखाते हैं मोहेना की शाही दीवाली की कुछ खास फोटोज…

शाही लुक में नजर आईं मोहेना

सभी को पता है कि मोहेना रीवा की राजकुमारी हैं. इसीलिए वह शादी के बाद अपनी पहली दीवाली पर शाही अंदाज में नजर आईं, जिसकी फोटोज उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की.

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पति के साथ नजर आईं मोहेना

 

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Absorbing the Beauty of Love and Light all around.

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दीवाली के मौके पर मोहेना अपने पति सुयश रावत के साथ फोटोज शेयर करती हुई नजर आईं, जिसकी फोटोज फैंस को काफी पसंद आ रही हैं.

फैमिली के साथ नजर आईं मोहेना

 

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First Diwali together. To New beginnings. ?✨?✨?

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दीवाली पर मोहेना फैमिली के साथ टाइम बिताती नजर आईं, जिसमें फैमिली की सारी लेडिज शाही लुक में नजर आईं. वहीं मोहेना ने ये खास मौका न छोड़ते हुए फैमिली के साथ काफी फोटोज खिचवाईं.

शादी की फोटोज कर चुकी हैं शेयर

 

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My Precious ⭐️?

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हाल ही में मोहेना ने अपनी शादी की कुछ फोटोज शेयर की थीं, जिसमें टीवी इंडस्ट्री के एक्टर और एक्ट्रेसेस भी नजर आए थे.

‘नायरा’ ‘कार्तिक’ नही आए नजर

जहां ‘कीर्ति’ यानी मोहेना की शादी में सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की कास्ट नजर आई तो वहीं ‘नायरा-कार्तिक’ यानी मोहसीन खान और शिवांग जोशी वेडिंग से नदारद नजर आए.

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बता दें, एक्ट्रेस मोहेना कुमारी सिंह एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह चुकीं हैं, जिसका खुलासा एक इंटरव्यू के दौरान किया था. वहीं ये भी कहा था कि वह अब अपनी फैमिली को समय देना चाहती हैं. अब देखना ये है कि क्या मोहेना क्या दोबारा एक्टिंग शुरू करेंगी या नही.

झाड़ू-पोछा लगाने के बाद एक-दो लाइन बोलने का मौका मिलता था- ‘हप्पू सिंह’

धारावाहिक ‘भाभीजी घर पर है’ में घूसखोर हप्पू सिंह के नाम से प्रसिद्ध होने वाले हास्य अभिनेता का असली नाम योगेश त्रिपाठी है. उन्होंने सीरियल में बुन्देलखंडी बोली को अपनाकर सबका दिल मोह लिया है और हर घर में अपनी पहचान बना चुके है, लेकिन यहां तक पहुंचने में उन्हें बहुत संघर्ष करने पड़े, हप्पू सिंह बनने से पहले उन्हें कोई जानता नहीं था, क्योंकि उन्हें अलग-अलग किरदार मिलते थे. योगेश सबको हसाना और हँसना बहुत पसंद करते है. विनम्र और हंसमुख स्वभाव के योगेश से उनके सेट ‘हप्पू की उलटन पलटन’ पर बात हुई. पेश है कुछ अंश.

सवाल- इस धारावाहिक में आपको खास क्या लगता है?

मुझे भाभीजी घर पर है के चरित्र को सभी ने पसंद किया. उसके सभी चरित्र सबको पसंद है और उसमें मेरे 9-9 बच्चे और प्रेग्नेंट बीबी, ये संवाद दर्शकों को पसंद आते थे. रियल लाइफ में भी जब कोई मुझसे मिलता था तो मेरी प्रेग्नेट बीबी और 9 बच्चों को देखने की इच्छा प्रकट करते थे. तब मैंने सोचा था कि ऐसे चरित्र को कुछ अलग कर अच्छा बनाया जा सकता है. उससे मुझे हप्पू की उलटन पलटन मिली. जिसमें निर्देशक ने कहा कि मेरी उसी इमेज को वे टीवी पर अलग अंदाज में लायेंगे, जो मुझे अच्छा लगा और ये शो मेरे घर की जिंदगी पर है, जो बहुत ही मजेदार है. लोगों का प्यार ही मेरी इस चरित्र का राज है.

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सवाल- आपकी पहचान भाभी जी घर पर है से हुई है, इससे पहले आप क्या करते थे?

मैंने निर्देशक शशांक बाली के साथ पिछले कई सालों से ‘ऍफ़ आई आर’ कर रहा था. वहां मुझे काम की तारीफ तो होती थी पर कोई फिक्स चरित्र नहीं था. स्टोरी में 2 से 3 दिन बाद कुछ बदलाव हो जाता था और मेरा चरित्र भी अलग हो जाता था. मैंने 600 एपिसोड में 150 से 200 तक चरित्र निभाए थे, पर कोई मुझे जानता नहीं था, ऐसे में जब भाभीजी घर पर है धारावाहिक की दारोगा के लुक की बात आई, तो आँख बंद कर उन्होंने मुझे चुन लिया और कहा कि मैं इस भूमिका में ठीक हूँ और पेट भी एक्स्ट्रा लगा लेने से सब अच्छा हो जायेगा. असल में उन्होंने मुझे काम करते हुए देख लिया था और वे जानते थे कि मैं इस भूमिका को कर लूँगा, क्योंकि कभी भी मैंने योगेश की लुक में काम नहीं किया था, पर दर्शक मेरे काम को पसंद करते थे.

सवाल-अभिनय में आने की प्रेरणा कहां से मिली थी?

मुझे बचपन से ही अभिनय का शौक था. मेरा पूरा परिवार टीचिंग से ताल्लुक रखता है. मैं झांसी से हूं. मेरे यहां सभी सरकारी अध्यापक है और ये फ़िल्मी माहौल मेरे घर पर बिल्कुल भी नहीं है. मैंने भी ग्रेजुएशन मैथ से किया, क्योंकि मेरे घर पर मैथ और साइंस की ही बातचीत होती थी. अभी भी वे टीवी कम देखते है. ग्रेजुएशन के बाद मैं लखनऊ गया और वहां पर थिएटर ज्वाइन कर लिया. 4-5 साल थिएटर करने के बाद में मुंबई आया. मेरे घर पर फ़िल्मी माहौल बिल्कुल न होने की वजह से उन्हें इसके बारें में कुछ पता भी नहीं था. उन्हें लगा था कि मैं कुछ अच्छा अवश्य कर लूंगा.

सवाल-आपकी कामयाबी में परिवार का सहयोग कितना रहा?

पहले तो नहीं था, पर जब से हप्पू सिंह बना हूं, सब ठीक हो गया है.

सवाल- इस दौरान आपकी संघर्ष कितनी थी?

बहुत मेहनत थी, क्योंकि लखनऊ में भी थिएटर में काम मिलना आसान नहीं था. 6-6 महीने रिहर्सल में लोगों को चाय पिलाना, फ्लोर की झाड़ू लगाने के बाद कही पर मुझे एक दो लाइन बोलने का मौका मिलता था. वहां पर एन एस डी वर्कशॉप हुई. उसमें मैं चुन लिया गया और वही से मुझे अभिनय की शिक्षा मिली. पूरे भारत में मैंने हजारों शोज नुक्कड़ नाटक के किये और इसके बाद मुंबई आया.

सवाल-आप का लुक ही हसने योग्य होता है इसे कैसे क्रिएट किया?

लखनऊ की सफर के दौरान जो अनुभव थे उसे ही मैंने यहां लाने की कोशिश की, क्योंकि ये मेरे अंदर छुपा था. मैं बहुत ही शर्मीला इंसान हूं. कौलेज के समय में मैं तो किसी से कुछ बोल ही नहीं पाता था. नाटकों में भाग भी कभी नहीं लिया था, क्योंकि मेरे पिता उसी स्कूल में टीचर थे और मुझे बहुत शर्म आती थी. खुलकर काम करने की बात अगर हम करें, तो स्टेज से अधिक नुक्कड़ नाटक में खुलकर बोलने की आदत बनती है. इसके अलावा ऍफ़ आई आर भी एक अच्छा धारावाहिक था ,जिसमें मुझे अलग-अलग भूमिका निभाने का मौका मिला.

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सवाल-कौमेडी में द्विअर्थी शब्दों का अधिक प्रयोग होता है, ऐसा न हो, इस बारें में आप कितना ध्यान रखते है?

मुझे ध्यान में रखने की अधिक जरुरत नहीं पड़ती, क्योंकि लेखक मनोज संतोषी बहुत अच्छे संवाद लिखते है. मुझे पहले दिन के संवाद आज भी याद है. जो बोलचाल की भाषा में होता है इसे करने में भी आसानी पूरी टीम को होती है.

सवाल- कौमेडी में किस बात पर खास ध्यान देना पड़ता है?

टाइमिंग और औब्जरवेशन का सही तालमेल होना जरुरी होता है. इसके अलावा चरित्र पर वह संवाद सूट करना भी आवश्यक है.

सवाल- किस हास्य कलाकार से आप प्रभावित है?

मुझे महमूद जी, गोविंदा बहुत पसंद है.

सवाल-रियल लाइफ में हप्पू सिंह कैसे है?

मैं न्योछावर खोर नहीं हूं, मस्तमौला हूं और अपने काम को निष्ठापूर्वक करता हूं. मैं पान वैसे नहीं खाता शूटिंग के लिए दो पान मंगवाता हूं. बाकी लिपस्टिक से ही काम चलाता हूं. चरित्र में 20 से 22 पान खाने वाला हूं. इतना पान मैं नहीं खा सकता.

सवाल-तनाव होने पर क्या करते है?

शांति से बैठकर फिल्में देखता हूं और परिवार से बातचीत करता हूं.

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निया शर्मा के लहंगे में लगी आग, दिवाली पर बाल-बाल बची जान

टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वो अपनी कई फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. लेकिन हाल ही में उन्होंने अपना ऐसा पोस्ट शेयर किया कि फैन्स भी चौंक गए. आइए आपको बताते हैं क्या था निया का पोस्ट…

बड़े हादसे से बाल-बाल बचीं निया

दरअसल, निया, दिवाली के मौके पर बाल-बाल बची हैं. एक दिये से उनके लहंगे में आग लग गई थी और उनका लहंगा जल गया था, लेकिन अच्छी बात ये है कि निया को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है. निया ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी है. उन्होंने अपने जले हुए लहंगे की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की. इस फोटो को शेयर करते हुए निया ने लिखा, ‘दिये की ताकत…सेकेंड में लगी आग. मेरे आउटफिट में लगी लेयर्स की वजह से मैं बच गई या शायद कोई शक्ति थी जिसने मुझे बचाया.’

दिवाली पर गुरू रंधावा के साथ किया गदर डांस…

दिवाली के मौके पर निया का एक वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है जिसमें वो सिंगर गुरू रंधावा के साथ डांस कर रही हैं. निया और गुरू दोनों साथ में खूब एंजॉय करते हुए डांस कर रहे हैं. दोनों का ये वीडियो फैन्स को खूब पसंद आ रहा है. स्पेशलयी गुरू को हमेशा गाना गाते हुए देखने वालों को उनका डांस भी देखने को मिला.

निया की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो जल्द ही वो शो नागिन 4 में नजर आने वाली हैं. फैन्स निया को नागिन के अवतार में देखने के लिए काफी एक्साइटेड हैं. ऐसी खबर थी कि दिवाली के बाद निया शो की शूटिंग शुरू करेंगी. हाल ही में निया शर्मा का शो जमाई राजा 2.0 डिजिटल प्लेटफौर्म पर स्ट्रीम हुआ जिसे फैन्स से काफी अच्छा रिस्पौन्स मिला है. इसमें निया के साथ रवि दुबे लीड रोल में हैं.

बता दें कि निया हमेशा अपने हौट और ग्लैमरस लुक्स को लेकर चर्चा में रहती हैं. उनकी तस्वीरें शेयर होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है.

आ गया बागबानी का सीजन

बागबानी का शौक हर किसी को होता है, इस शौक को चाहे वह अपनेआप लग कर पूरा करे या फिर माली रख कर. मगर बागबानी का शौक पूरा करने के लिए कुछ समय तो देना ही पड़ता है. पूरे बाग को रंगबिरंगे फूलों से सजाने के लिए पेड़पौधों का, गमलों का ध्यान तो रखना ही पड़ेगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ 4-5 पौधे लगाए और पूरा बाग सज गया या सिर्फ गमले में पानी भर दिया और हो गई बागबानी.

पौधे लगाने के बाद उन की उचित देखरेख भी जरूरी है. जरूरत पड़ने पर उन में खाद और कीटनाशक का भी प्रयोग किया जाता है. गमलों का प्रयोग, किस तरह का बीज बोएं, कितनी धूप दिखानी है, कितना तापमान पौधे के लिए जरूरी है? कितना पानी, कितनी उर्वरक देनी जरूरी है? इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है, कुछ यों:

मौसम: बरसात के मौसम में जहां गुलमेहंदी, गमफरीना, नवरंग, मुर्गकेश आदि पौधे लगाए जा सकते हैं वहीं सर्दी के मौसम में पैंजी, पिटुनिया, डहेलिया, गैंदा, गुलदाऊदी आदि लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा बारहमासी फूलों के पौधे जैसे गुड़हल, रात की रानी, बोगनविलिया आदि भी लगाए जा सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप ढेरों पौधे लगाएं. आप उतने ही पौधे लगाएं, जितने की देखरेख आसानी से कर सकें.

रंगबिरंगे फूल जो सितंबर माह से नवंबर तक खिलते हैं, वे कई तरह के होते हैं. उन में सेवंती और गेंदे के ढेर सारे विकल्प नर्सरी में उपलब्ध होते हैं. सितंबर से ले कर नवंबर के शुरुआती दिनों तक कभी भी इन्हें लगा सकते हैं.

यदि सिर्फ फूल वाले पौधे लगाना चाहते हैं, तो पिटुनिया, सालविया, स्वीट विलियम, स्वीट एलाइसम, चाइना मोट, जेनिया, गुलमेहंदी, गमफरीना, सूरजमुखी और डहेलिया जैसे विकल्प चुन सकते हैं और यदि सजीले पौधों से बगीचे को सजाना है, तो कोलियस इंबेशन आदि बैस्ट हैं.

कुछ पौधे जैसे मनीप्लांट, क्रोटौन, कैक्टस और ड्राइसीना इनडोर प्लांट हैं यानी हम ये पौधे, छाया में, कमरे में कहीं भी लगा सकते हैं.

इन सब में मनी प्लांट आसानी से मिलने वाला और हमेशा हराभरा रहने वाला पौधा है. इस के हरे पतों पर हलके हरे सफेद धब्बे सुंदर लगते हैं.

ऐसा ही एक और इनडोर पौधा है कैक्टस. इन कांटेदार पौधों की भी देखभाल करनी पड़ती है. इन्हें लगाते समय मिट्टी में नीम खली, गोबर की खाद और रेत बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए. पानी काफी कम देना पड़ता है. हर साल पेड़ को निकाल कर सड़ी जड़ें काट देनी चाहिए और फिर से इन्हें गमले में लगा देना चाहिए. बहुत तेज धूप होने या तेज बरसात में पौधों को छाया में ही रखना बेहतर होता है. अपने समय से इन में फूल आते हैं, जिन की खूबसूरती देखते ही बनती है.

गेंदा: गैंदे की पौध साल में 3 बार लगा सकते हैं. नवंबर, जनवरी और मईजून में. यह कीड़ों से सुरक्षित रहता है. इस की कई किस्में होती हैं. जैसे हजारा, मैरी गोल्ड, बनारसी या जाफरानी जो कि बहुत छोटे फूल देता है. यदि इस के फूलों को सुखा कर रख लें तो इस से अगली बार की पौध तैयार कर सकते हैं. सूखा फूल बीज के लिए तैयार हो जाता है.

गुड़हल: दूसरा फूल है गुड़हल का. इसे सितंबर से अक्तूबर में लगाना चाहिए. गुड़हल कई रंगों का होता है. जैसे लाल, गहरा लाल, गुलाबी, बैंगनी, नीला आदि. समयसमय पर इस में खाद डालते रहना चाहिए. नियमित सिंचाई भी जरूरी है.

सूरजमुखी: एक खूबसूरत पौधा है सूरजमुखी. इस के कई साइज हैं. बड़ा सूरजमुखी गोभी के फूल से भी बड़ा होता है. इस के बीजों से तेल भी निकाला जाता है. छोटा सूजरमुखी ढेर सारे पीले फूल देता है. इसे अप्रैल में लगाना चाहिए. यह बगीचे की शान बढ़ाता है.

जीनिया: एक और सुंदर दिखने वाला पौधा है जीनिया. यह 3 किस्मों में मिलता है. बड़े फूलों वाला, छोटे पौधे और कम अगेन किस्म. छोटी किस्म पर्सियन कारपेट कहलाती है. इसे अगस्त या सितंबर में लगाना चाहिए, ताकि बरसाती कीड़ों से बचाया जा सके. इस के कागज के जैसे रंगीन फूल पेड़ पर कभी नहीं सूखते.

तुलसी: यह लगभग हर घर में मिलता है. इस की 3 किस्में होती हैं- रामा तुलसी, श्यामा तुलसी और बन तुलसी. वर्ष में कभी भी  लगा सकते हैं. रामा और श्यामा का प्रयोग घरों में ज्यादातर होता है. यह कई औषधीय गुणों वाला पौधा है. यह पौधा वातावरण को शुद्ध रखता है. इस की पत्तियों को चबाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

डहेलिया: डहेलिया को क्यारियों और गमलों दोनों में उगाया जा सकता है. इसे उगाने के लिए पूर्णरूप से खुला स्थान चाहिए, जहां कम से कम 4 से 6 घंटे धूप आती हो.

ऐस लगाएं पौधे

पौध लगाने की सब से अच्छी विधि कटिंग द्वारा पौधा तैयार करना है. पुराने पौधों की शाखाओं के ऊपरी भाग से 8 सैंटीमीटर लंबी कटिंग काट लें. इन को मोटे रेत में 2 इंच की दूरी पर डेढ़ इंच गहराई में लगाएं. लगाने के बाद 3 दिन तक कटिंग लगाए गए गमलों को छायादार स्थान पर रखें. इन से 15 दिन के बाद जड़ें निकल आती हैं. इस के बाद ही इन्हें 10 से 12 इंच के गमलों में लगाते हैं. ये पौधे ज्यादा धूप या पानी से मुरझा जाते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें.

यदि पौधे को गमले में उगाना है, तो उस में 3 हिस्से मिट्टी एवं 1 भाग गोबर की खाद मिला कर भर दें. ऊपर का हिस्सा कम से कम

1 से डेढ़ इंच खाली हो ताकि पानी के लिए जगह मिल सके. एक गमले में एक ही पौधा रोपें. पौधा रोपने के तुरंत बाद पानी देना चाहिए और

यदि क्यारी में लगाया हो तो 40-50 सैंटीमीटर दूरी पर रोपें. क्यारी को 10-12 इंच गहरा खोद लें. इस के बाद 100 ग्राम सुपर फास्फेट, 100 ग्राम सल्फेट पोटैशियम, 25 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र के हिसाब से दें. साथ ही फूलों में चमक लाने के लिए खड़ी फसल में 1 चम्मच मैग्निशियम सल्फेट को 10 लिटर पानी में घोल कर छिड़काव कर दें.

क्यारियां कंकड़पत्थर रहित होनी चाहिए. उन की मिट्टी में 5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से गोबर की खाद अवश्य मिला दें (3 हिस्से मिट्टी+1 हिस्सा गोबर की खाद+25 ग्राम यूरिया+50 ग्राम डीएपी+25 ग्राम हड्डी की खाद+रेता).

अगर आप डहेलिया को गमलों में उगाना चाहते हैं तो गमले कम से कम 12 से 14 इंच के अवश्य लें. मिट्टी व गोबर की खाद की बराबर मात्रा को गमलों में भर दें. ध्यान रहे गमले का ऊपरी हिस्सा कम से कम 2 से ढाई इंच खाली हो ताकि गमलों में पानी के लिए जगह मिल सके.

गरमी पड़ने पर सप्ताह में 2 बार पानी देने की जरूरत पड़ती है. जाड़े के मौसम में 8 से 10 दिनों के अंतराल पर पौधों को पानी देना चाहिए.

 – मोनिका अग्रवाल  किसान नर्सरी, मुरादाबाद से बातचीत पर आधारित

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