गरबा स्पेशल 2019: घर पर बनाएं टेस्टी पुलाव

अगर आप गरबा फेस्टिवल पर कुछ टेस्टी बनाना चाहते हैं तो पुलाव आपके लिए बेस्ट औप्शन होगा. टेस्टी और हेल्दी रेसिपी के लिए आप पुलाव बना सकते हैं और अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को खिला सकते हैं.

हमें चाहिए

समा के चावल– 3/4 कप,

आलू– 01 नग (मीडियम साइज़),

बीन्स– 1/4 कप (कटी हुई),

गाजर– 1/4 कप (कटी हुई),

मटर– 1/4 कप,

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काजू– 6-7 नग,

मूंगफली– 01 बड़ा चम्मच,

हरी मिर्च– 1-2 नग,

धनिया पाउडर– 01 छोटा चम्मच,

ज़ीरा– 01 छोटा चम्मच,

तेल– 02 बड़े चम्मच,

पानी– 1 1/2 कप,

सेंधा नमक– स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

सबसे चावल को पानी में भिगो दें. इसके बाद आलू छील लें और फिर इसके छोटे-छोटे पीस कर लें. इसके बाद बीन्स और गाजर को भी धो लें और हरी मिर्च को धो कर बारीक काट लें. अब फ्राई पैन में तेल डाल कर गरम करें. तेल गर्म होने पर इसमें काजू और मूंगफली के दाने डालें और हल्का सा भून लें. भुने हुए काजू और मूंगफली को निकालकर अलग रख लें.

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बचे हुए तेल में जीरा का तड़का लगायें. इसके बाद आलू और गाजर डालें और 2-3 मिनट चलाते हुए पकायें. फिर बींस और मटर डालें और अच्छी तरह से चला लें. इसके बाद पैन में 1/4 कप पानी डालें और सब्जियों के नरम होने तक पका लें. जब तक सब्जियां नरम हो रही हैं, चावल को धो लें. सब्जियां गलने पर उसमें मिर्च, धनिया पाउडर, मूंगफली के दाने और नमक डालें. साथ ही धुले हुए चावल और बचा हुआ पानी भी डाल दें और मीडियम आंच पर पकायें.

जब पैन में पानी आधा रह जाये, आंच कम कर दें. साथ ही पैन को ढ़क दें और 4-5 मिनट तक पकने दें और पकने के बाद अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को परोसें.

 

Yeh Rishta New Promo: क्या ‘कार्तिक-नायरा’ को फिर से मिला पाएगा ‘कायरव’?

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में जहां एक तरफ शो में ‘कायरव’ की कस्टडी का ड्रामा फैंस को एंटरटेन कर रहा है. वहीं अब शो के मेकर्स ने गरबा फेस्टिवल के मौके पर नया प्रोमो लौंच किया है. प्रोमों में खास बात ये है कि ‘कायरव’ ‘नायरा-कार्तिक’ को मिलवाने की बात कह रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या है प्रोमो में खास…

प्रोमो में कायरव ने कही ये बात

मेकर्स के लौंच किए नए प्रोमो में गरबा फेस्टिवल के सेलिब्रेशन पर ‘कायरव’ अपने मम्मी पापा को मिलवाते हुए कहता है कि ‘नायरा-कार्तिक’ को, जिस तरह गरबा सेलिब्रेशन में एक-दूसरे से प्यार हुआ था. वैसे ही इस बार भी वह कोशिश करेगा कि ‘नायरा-कार्तिक’ को एक साथ ला पाए.

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कायरव की कस्टडी के चलते गायब होगी नायरा

अपकमिंग एपिसोड़ में आप देखेंगे कि कायरव की कस्टडी खोकर नायरा पूरी तरह टूट जाएगी, जिसके चलते वह सिंघानिया सदन से गायब हो जाएगी. वहीं कार्तिक को भी अपनी गलती का एहसास हो जाएगा.

इस तरह से एक होंगे नायरा और कार्तिक


‘कायरव’ को कस्टडी को मिलने के बाद ‘कार्तिक’ ‘कायर’व’ पर जमकर प्यार लुटाएगा. ऐसे में वह ‘वेदिका’ को जरा सा भी समय नहीं दे पाएगा. ये सब देखकर ‘वेदिका’ का खून खौलने लगेगा और वह ‘कायरव’ को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी करेगी. ‘वेदिका’ का असली रुप देखकर ‘कार्तिक’ उससे सारे रिश्ते नाते तोड़ देगा.

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बता दें, पिछले दिनों से सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में काफी ड्रामा देखने को मिल रहा है. पिछले एपिसोड्स में आपने देखा जहां एक तरफ ‘नायरा’ ने ‘कार्तिक’ को तलाक के पेपर भेजे वहीं कार्तिक ने भी ‘नायरा’ को ‘कायरव’ के कस्टडी के लिए पेपर थमाते हुए नजर आए. अब देखना ये है कि क्या इस गरबा फेस्टिवल पर ‘नायरा और कार्तिक’ को एक कर पाता है .

वैब सीरीज रिव्यू: जानें क्या देखें

दिल्ली क्राइम

रिलीज ईयर – 2019

क्रिएटर – रिची मेहता

कास्ट – शेफाली शाह, रसिका दुग्गल, आदिल हुसैन, राजेश तैलंग, डेंजिल स्मिथ, यशस्विनी दायमा

जौनर – क्राइम, ड्रामा, एंथोलौजी

16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप की पृष्ठभूमि पर बनी यह वैब सीरीज भारत की बैस्ट क्त्राइम डौक्यूमैंट्रीज में से एक है. नैटफ्लिक्स पर प्रसारित इस वैब सीरीज को व्यूअर्स से अलगअलग रिऐक्शंस मिले. सच्ची घटना होने के कारण सीरीज देखना अत्यधिक कठिन हो जाता है, लेकिन इसे देखने और उस पूरे इंसिडैंट को समझने के लिए सीरीज देखने का मन भी करता है.

निर्भया गैंगरेप देश के जघन्य अपराधों में से एक था जिस के पश्चात पूरे देश में एक क्त्रांति उठ खड़ी हुई थी. लड़की के साथ सिर्फ बलात्कार नहीं हुआ था बल्कि अमानवीय हिंसा हुई थी जिसे सुन कर सभी सकते में आ गए थे.

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निर्भया और उस के दोस्त के साथ 16 दिसंबर की रात जो कुछ हुआ उस से सभी वाकिफ हैं लेकिन उस के बाद किस तरह उन अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया, सीरीज में दिखाया गया है.

सीरीज पुलिस के पौइंट औफ व्यू से बनाई गई है, इसलिए किसीकिसी जगह एकतरफा लगती है, परंतु अपराध के पीछे के कारण और अपराधियों की मानसिकता को स्पष्टता से दिखाया गया है. वह छोटेछोटे तथ्य जिन से आम जनता अनजान थी और बनावटी मीडिया रिपोर्ट्स के चलते समझने से चूक रही थी, सीरीज में उजागर किए गए हैं.

डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी के किरदार को शेफाली शाह ने उम्दा निभाया है. सीरीज की खास बात यह है कि इस में किसी एक हीरो या हीरोइन की भूमिका को न दिखाते हुए सभी ऐक्टर्स को परफैक्ट स्क्रीन टाइम दिया गया है. दिल्ली पुलिस के टीमवर्क को दिखाया गया है. सीरीज संवेदनशील है और सीरीज के क्रिएटर्स का एक अतिसंवेदनशील मुददे को दिखाने का तरीका अच्छा है.

13 रीजंस व्हाई 

रिलीज ईयर – 2017

क्रिएटर – ब्रायन योर्की

कास्ट – कैथरिन लैंग्फोर्ड, डिलेन मिनेते, रोस बटलर, माइल्स हीजर, अलीशा बो, जस्टिन प्रेटिन्स, ब्रैंडन फ्लिन

जौनर – टीन ड्रामा मिस्ट्री

‘हे,इट्स हैनाह.. हैनाह बेकर….वैलकम टू योर टेप….’

नैटफ्लिक्स ओरिजिनल सीरीज ‘13 रीजंस व्हाई’ इसी नाम की जय अशेर की किताब पर आधारित है. सीरीज क्ले जेंसन और हैनाह बेकर के किरदार के इर्दगिर्द घूमती है. सीरीज के अब तक 3 सीजंस आ चुके हैं. सीरीज शुरू होती है क्ले जेंसन को कुछ औडियो टेप्स मिलने से. क्ले जेंसन को जो टेप्स मिलते हैं उन में हैनाह बेकर की आवाज रिकौर्डेड है जिस ने कुछ महीनों पहले ही सुसाइड किया है. इन टेप्स में हैनाह ने उन 13 कारणों को बताया है जिन के चलते उस ने यह कदम उठाया. जेसिका, जस्टिन, ब्राइस, टोनी, एलेक्स, टाइलर सभी हैनाह की मौत से किसी न किसी तरह जुड़े हुए हैं, कई राज छिपाए बैठे हैं जिन से क्ले को मिले टेप्स परदा उठाते हैं.

हैनाह बेकर के साथ सीरीज में ऐसी कई घटनाएं घटीं जिन्होंने उसे उस की जिंदगी खत्म करने को मजबूर कर दिया. हैनाह ने कोशिश भी की कि लोग उसे समझें लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. आश्चर्य तब होता है जब क्ले, जिस ने कभी हैनाह के साथ कुछ गलत नहीं किया, भी उस की मौत के 13 कारणों में से एक है.

सीरीज सुसाइड, रेप, शोषण, ड्रग्स, स्टाकिंग और बुलिंग जैसे मुददों को उजागर करती है. पहला सीजन डार्क और एडल्ट सब्जैक्ट को उठाता है जिस की संवेदनशीलता को बखूबी लोगों तक पहुंचाया गया है. इसी के चलते इसे बैस्ट हाईस्कूल ड्रामा सीरीज भी करार दिया गया था. लेकिन, सीरीज का दूसरा और तीसरा सीजन दकियानूसी हैं. दूसरे सीजन में केवल डिप्रैशन, वायलैंस और ड्रामा दिखाने की ही कोशिश की गई. वहीं, सीरीज का तीसरा सीजन इसी अगस्त को रिलीज हुआ है जो दूसरे सीजन से भी ज्यादा डिसअपौइंटिंग है. इसलिए अगर आप सचमुच एक गंभीर, एंगेजिंग और स्टनिंग सीरीज देखने की इच्छा रखते हैं तो ‘13 रीजंस व्हाई’ के केवल पहले सीजन को ही देखें.

डिसैंडेंट्स औफ द सन

रिलीज ईयर – 2016

क्रिएटर – केबीएस ड्रामा प्रोडक्शन 

कास्ट – सोंग जूंग-की, सोंग हाय-क्यो, किम जी वोन, जिम गू

जौनर – रोमांस, मैलोड्रामा, ऐक्शन

साल 2016 में मेगाहिट रही यह सीरीज कोरियाई ड्रामा है. सीरीज 4 किरदारों सी जिन, डा. कांग मो यौन, सीयो दाय-यंग और यून मियोंग जू के इर्दगिर्द घूमती है. इस ड्रामा की भाषा कोरियाई है लेकिन इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ इसे आसानी से देखा और समझा जा सकता है. यही कारण है कि यह एशिया में खूब देखी गई और भारतीय भी इस के फैंस की गिनती में शामिल हैं. रोमांस, फ्रैंडशिप, रिलेशनशिप और ब्रोमांस के साथ ऐक्शन और एडवैंचर की मिक्सिंग के चलते यह कोरियाई ड्रामा एशिया के सब से हिट कोरियन ड्रामा यानी केड्रामा में से एक है.

सी जिन साउथ कोरिया की स्पैशल फोर्सेस यूनिट का कैप्टन है. वहीं, कांग मो यौन एक डाक्टर है. पहली मुलाकात के बाद ही दोनों में एकदूसरे के लिए दिलचस्पी आ जाती है, लेकिन सी जिन के अचानक मिल जाने वाले प्रोजैक्ट्स और देशसेवा के बीच दोनों की लव स्टोरी का एंड हो जाता है.

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लेकिन, डा. कांग और सी जिन की मुलाकात एक बार फिर उरुक नाम के एक काल्पनिक देश में आपातकालीन स्थिति में होती है जहां दोनों एकदूसरे से प्यार का इजहार करते हैं. मुख्य किरदारों के हावभाव और शक्लसूरत इतनी खूबसूरत लगती है कि पहले 2 ऐपिसोड्स में ही आप उन के फैन हो जाते हैं. ड्रामा का रोमांस बनावटी नहीं लगता और न ही किसी भी तरह से वल्गर है. ताबड़तोड़ ऐक्शन, फनी मोमैंट्स, रोमांस का एप्रोच, सीरियस मिशंस और रोमांच से भरी यह सीरीज मस्ट वाच केड्रामा है.

माइंड द मल्होत्राज

रिलीज ईयर – 2019

क्रिएटर्स – अप्प्लौस एंटरटेनमैंट

कास्ट – मिनी माथुर, सायरस साहूकर, डैंजिल स्मिथ, सुष्मिता मुखर्जी, निक्की शर्मा

जौनर – कौमेडी ड्रामा, फैमिली ड्रामा

माइंड द मल्होत्राज अमेजोन प्राइम वीडियो की ओरिजनल इंडियन सिटकौम सीरीज है. यह इजराइली कौमेडी ‘ला फेमिग्लिया’ पर आधारित है. शो एक कपल शेफाली और ऋषभ की मिड लाइफ क्राइसिस को दर्शाता है. 3 बच्चों के मातापिता शेफाली और ऋषभ अपने रिश्ते में रोमांस और स्पार्क की कमी महसूस करते हैं और अपने एक दोस्त के डाइवोर्स को देख कर अपने रिश्ते को ले कर चिंतित हो उठते हैं.

ये दोनों एक डाक्टर को कंसल्ट करते हैं और उसे अपने जीवन के कुछ अटपटे और अजीब मोमैंट्स से अवगत कराते हैं. शेफाली और ऋषभ के अलावा उन के बच्चों जिया, दिया और योहान, ऋषभ की मां, उन के डाक्टर और आसपास के पड़ोसियों के किरदारों को भी फनी, ह्यूमरस दिखाया गया है.

यह शो फैमिली शो तो है मगर सिर्फ उन के लिए जो सर्काज्म और ह्यूमर को समझते हैं. शो को देखते समय ठहाके मारमार कर हंसी भले ही नहीं आती लेकिन मुस्कराहट बनी रहती है. शो के कुछ मजेदार सींस में से एक सीन वह है जब ऋषभ और शेफाली रोल प्ले कर सैक्स करना चाहते हैं लेकिन शेफाली बसंती बनती है जिस के हाथ बैड पर हथकड़ी से बंधे हैं और ऋषभ वीरू की बजाए ठाकुर के किरदार में आता है जिस ने अपने केरैक्टर को रियल लुक देने के लिए अपने हाथ भी पीठ पर रस्सी से बांध रखे हैं. दोनों की हाथ न छुड़ा पाने की लाचारी और फनी रिएक्शंस पर खूब हंसी आती है.

सामान्य इंडियन फैमिली शोज की तरह इस में एक्स्ट्रा ड्रामा नहीं है. किरदारों को आदर्श व्यक्तित्व के रूप में दिखाने की कोशिश नहीं की गई. यह सीरीज मौडर्न फैमिलीज की प्रौब्लम्स, हर चीज पा लेने की इच्छा, बढ़ते पीअर प्रैशर और कौम्प्लिकेटेड लाइफ को दिखाती है.

औरैंज इज द न्यू ब्लैक

रिलीज ईयर – 2013

क्रिएटर्स – जेंजी कोहेन 

कास्ट – टेलर शिलिंग, लोरा प्रेपोन, माइकल हारनी, जैसन बिग्ग्स, मिशेल हर्स्ट

जौनर – कौमेडी, ड्रामा

पाइपर कर्मेन की किताब औरैंज इज द न्यू ब्लैक : माई इयर इन ए विमैंस प्रिजन (2010) पर आधारित ‘औरैंज इज द न्यू ब्लैक’ अमेरिकन कौमेडी ड्रामा वैब टैलीविजन सीरीज है. किताब पाइपर कर्मेन के जेल में बिताए दिनों की याद है जिसे जेंजी कोहेन ने अडौप्ट कर सीरीज बनाई है. यह सीरीज नैटफ्लिक्स की सब से ज्यादा देखी गई सीरीज है.

सीरीज की मुख्य किरदार पाइपर चैपमैन है जिसे 10 साल पहले किए गए अपराध के लिए लिचफील्ड पेनीटेनशरी जोकि औरतों को मिनिमम सजा देने वाली जेल है, में जाना पड़ता है. पाइपर की पर्सनल लाइफ, लैस्बियन ऐंड स्ट्रैट पार्टनर्स और जेल की जिंदगी को राइटर ने ढेर सारे ह्यूमर के साथ लिखा है.

सीरीज को वर्थी टू वाच उस हरेक किरदार की कहानी बनाती है जिसे फ्लैशबैक्स के जरिए दिखाया गया है. जेल के शुरुआती दिनों में कैदियों को नापसंद आने वाली पाइपर के खाने में टैंपोन डाला जाता है, तो कभी हाथ पर नाजी टैटू तक बना दिया जाता है. इन सब से निकल कर पाइपर एक स्ट्रौंग कैरेक्टर के रूप में उभरती है. साथ ही, अन्य किरदारों की कहानियों को सीरीज के हर ऐपिसोड में बखूबी पिरोया गया है.

किरदारों की बैकस्टोरी, दमदार ऐक्टिंग, बोर न करने वाली कहानी और कौमेडी इस सीरीज को देखने पर मजबूर करती है. औरैंज इज द न्यू ब्लैक को कैदियों के जीवन, उन्हें मानवता से जोड़ने, सैक्सुअल और इमोशनल नीड्स को उजागर करने व लैस्बियन, बाईसैक्सुअल या अन्य सैक्सुअल टर्म्स के बारे में खुल कर बात करने के लिए क्रिटिकली खूब सराहा गया है. यह सीरीज यकीनन वन औफ द बैस्ट सीरीज में से एक है.

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पति निक के बारे में बोलीं प्रियंका, कहा-शादी के बाद शांत हो गई हूं

हिंदी सिनेमा जगत और हौलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाने वाली प्रियंका चोपड़ा जोनास के नाम से कोई अछूता नहीं. एक्ट्रेस होने साथ-साथ वह मिस वर्ल्ड विनर 2000, फिल्म निर्माता और सिंगर भी है. उसने हर तरह की फिल्में की और नाम कमाया. वह आज भी जो बात गलत होती है, उसे कहने से नहीं हिचकिचाती. उसने अभिनय के बल पर यह सिद्ध कर दिया है कि कलाकार की कोई जाति, धर्म, रंग भेद, देश या समुदाय नहीं होती. उसका काम केवल अभिनय करना होता है, जिसे वह आज भी कर रही है.

वह भारत को अपना पहला घर मानती है और हर दो महीने में परिवार से मिलने आ जाती है. इसके अलावा वह ग्लोबल यूनिसेफ गुडविल अम्बेसेडर भी है, जो भारत, श्री लंका, बांग्लादेश आदि देशों में बच्चो के ग्रोथ के लिए काम करती है, ताकि ये बच्चे सही तरह से ग्रो कर पूरी दुनिया को प्रभावित करें. उसकी फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ में वह एक मां की भूमिका निभा रही है, जो अपनी लाइलाज बीमारी से ग्रसित लड़की को बहुत जतन से परवरिश करती है और इस दौरान वह कई भावनात्मक पहलूओं से गुजरती है. 3 साल की ब्रेक के बाद वह इस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल- आपको ग्लोबल आइकौन कहा जाता है, क्या महसूस करती है?

बहुतअच्छा लगता है जब एक कलाकार को इतना बड़ा सम्मान मिलता है. मैंने एक कोशिश कला को फ़ैलाने की है और अगर लोग ऐसा मानते है, तो ख़ुशी होती है.

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सवाल- आप 3 साल बाद एक बार फिर बौलीवुड की तरफ रुख किया है, इसे कैसे देखती है?

बहुत अच्छा लगता है अपने देश में काम करना. जब मैं टीवी शो क्वांटिको कर रही थी, तो उसमें 11 महीने लगते है. ऐसे में समय की कमी थी. टीवी शो के ख़त्म होने के बाद मैंने हिंदी फिल्म करने को ठानी और ये स्क्रिप्ट मुझे पसंद आई, क्योंकि यह एक रियल कहानी है. पहले भी मैरीकॉम मेरी ऐसी ही रियल इंसान पर कहानी थी. इसमें एकमाता-पिता की जिंदगी में एक बच्ची के साथ क्या-क्या गुजरती है उसकी कहानी है. इस कहानी ने मेरे दिल को छू लिया है.

सवाल- क्या असल जिंदगी में कभी किसी भावनात्मक पहलू से आपको गुजरना पड़ा?

ऐसे बातें हर व्यक्ति के जीवन में आती है, हर व्यक्ति को इन भावनाओं से गुजरना पड़ता है. जिसके बारें में हम बात भी नहीं कर पाते. जन्म और मृत्यु को केवल हम जानते है. मैं भी अपनी ग्रैंड मदर और डैड के साथ इसे अनुभव किया है. मुझे उनके बाद, उससे निकलने में समय लगा है. ये कहानी उसी को बताती है कि हर व्यक्ति की जिंदगी ख़त्म होगी. फर्क इतना है कि आज हम किसी अपनों के गम में शरीक होते है और कभी कोई हमारे अंत पर दुखी होगा, ऐसे में जबतक आपके पास समय है, उसे अच्छी तरह से सेलिब्रेट करें और जी लें. माता-पिता को भी हमेशा याद करते रहना चाहिए जिनकी वजह से हमारी जिंदगी बनी है और हम उन्हें अधिकतर भूल जाते है. ये भी सही है कि परिवार हर परिस्थिति में आपके साथ रहती है और हर मुश्किल से लड़ने का साहस देती है. मैं अपने परिवार के नजदीक हमेशा से हूं.

सवाल- किसी भी नकारात्मक सोच से आप कैसे बाहर निकली है?

खराब फेज को फील करना बहुत जरुरी है. अनुभव न कर पाने की स्थिति में इससे निकलना मुश्किल होता है. कई बार ठोकरे हमें गिरकर उठना और आगे बढ़ना सिखाती है. इन ठोकरों का जीवन में होना जरुरी है.

सवाल- आप स्पष्ट भाषी है, ये आपमें कैसे आया?

मेरे माता-पिता दोनों ने मुझे सही बात को कहना सिखाया. ये उनकी परवरिश का ही नतीजा है. विश्व में हर जगह लड़की को एक सीमा में बांधकर रखने की कोशिश की जाती है. एक लड़की का सपना शादी के बाद कई बार खत्म हो जाती है. मेरे माता-पिता ने मेरी आवाज को न दबाने की हमेशा सलाह दी और मैंने इसे सीख लिया है.

सवाल- शादी के बाद आपके जीवन में क्या-क्या बदलाव कैरियर और निजी जीवन में आयें है?

मैं शादी के बाद बहुत अच्छी बन गयी हूं, क्योंकि मेरे पति बहुत ही शांत स्वभाव के है. मैं थोड़ी एग्रेसिव हूं, पर उनके साथ रहते हुए शांत हो गयी हूं. उन्हें भारतीय संस्कृति बहुत पसंद है. यहां का खाना और रहन-सहन सब उन्हें अच्छा लगता है. कई बार तो लगता है कि मैंने पंजाबी से शादी की है.

सवाल-आपने पढ़ाई अमेरिका में की थी और अब वहां की बहू बन गयी है, कितना भारत और यहां की बौलीवुड को मिस करती है?

मुझे कोई अन्तर महसूस नहीं होता. मेरा घर परिवार यहां पर भी है वहां भी. काम भी मैं यहां और वहां करती हूं. जब मैं अमेरिका में पढ़ती थी, तब शायद उस स्थान से डरती थी, क्योंकि वहां पर लड़कियों ने मुझे बहुत परेशान किया था और मैं वापस भारत आ गयी थी. अब वहां पर मेरे काम की सराहना मिलने के साथ-साथ मुझे बहुत सम्मान भी मिल रहा है. मुझे मेरे पति भी मिले है. मैं भारत को अधिक मिस नहीं करती ,क्योंकि हर दो महीने में  यहां परिवार से मिलने आ जाती हूं, लेकिन यहां के घर के फ्रेश खाने को मैं बहुत मिस करती हूं.

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सवाल- किसी कंट्रोवर्सी को आप कैसे लेती है?

अगर मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई कुछ कहता है, तो मैं उसपर अधिक ध्यान नहीं देती. मेरे काम के बारें में कोई कुछ कहने पर मैं उसका उत्तर देती हूं. मैं कोई नेता नहीं, मैं एक कलाकार हूं और सबके मनोरंजन के लिए काम करती हूं.

गरबा स्पेशल 2019: घर पर बनाएं टेस्टी सेब की खीर

अगर आप गरबा के फेस्टिवल पर खीर बनाने की सोच रही हैं तो आज हम आपको टेस्टी सेब की खीर की खास रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से बनाकर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को खिला सकते हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी होती है.

हमें चाहिए

सेब – 500 ग्राम (मीडियम साइज के),

दूध– 01 लीटर,

शक्कर -100 ग्राम,

काजू– 02 बड़े चम्मच (महीन कतरे हुए),

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किशमिश– 02 बड़े चम्मच (डंठल निकली हुई),

पिस्ता– 1/2 छोटा चम्मच,

हरी इलाइची– 04 (छील कर कूटी हुई),

बेकिंग सोडा– 02 चुटकी

बनाने का तरीका

सबसे पहले सेब को धो कर छील लें और बीज वाला हिस्सा अलग कर दें. इसके बाद सेब का गूदा कद्दूकस कर लें.

अब एक भारी तले वाले बर्तन में दूध को उबालें. उबाल आने पर उसे चलाएं और तब तक पकाएं, जब तक वह आधा न रह जाए.

अब दूध में बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह से मिला लें. उसके बाद दूध में कद्दूकस किया हुआ सेब डाल दें और चलाते हुए दूध के गाढ़ा होने तक पकाएं.

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खीर के गाढ़ा होने पर उसमें शक्कर और मेवे मिला दें और चलाते हुए 2-3 मिनट तक पकाएं. उसके बाद कुटी हुई इलायची मिला दें और और गैस बंद कर दें और ठंडा करके अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को परोसें.

वार फिल्म रिव्यू: नई बोटल पुरानी शराब… पढ़ें पूरी खबर

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताःआदित्य चोपड़ा

निर्देशकःसिद्धार्थ आनंद

कलाकारः रितिक रोशन, टाइगर श्रौफ, वाणी कपूर, आशुतोष राणा, दीपानिता शर्मा,अनुप्रिया गोएंका

अवधिः दो घंटे 34 मिनट

‘‘बैंग बैंग’’जैसी सफल फिल्म देने के बाद बतौर लेखक व निर्देशक सिद्धार्थ आनंद पूरे पांच वर्ष के अंतराल के बाद एक्शन रोमांचक फिल्म ‘‘वार’’लेकर आए है, मगर इस फिल्म से वह निराश ज्यादा करते हैं.

कहानीः

कभी देशभक्त रहे भारतीय जासूस कबीर (रितिक रोशन ) जब गद्दर बन जाते हैं, तो रक्षा मंत्री का आदेश होता है कि कबीर को खत्म कर दिया जाए, तब कबीर को खत्म करने की जिम्मेदारी कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) कभी कबीर के शिष्य रहे खालिद (टाइगर श्रौफ) को देते हैं. खालिद को बेहतरीन जासूस बनाने वाले कबीर ही थे. अब शुरू होता है गुरू और शिष्य के बीच चूहे बिल्ली वाला युद्ध.कहानी वर्तमान से दो साल पहले जाती है और तब खालिद के पिता मेजर रहमानी की कहानी के साथ कबीर के सफल कारनामे सामने आते हैं. देश के दुश्मन रिजवान इलियासी को पकड़ने की मुहीम के दौरान अचानक कबीर गद्दार हो जाते हैं और वह नायडू की हत्या कर देते हैं, इससे रक्षा मंत्री नाराज होती हैं. फिर कहानी वर्तान मे चलती है. इंटरवल के बाद कहानी एक बार फिर छह माह पीछे जाती हैं और तब डांसर नैना (वाणी कपूर)का आगमन होता है.पर नैना की मौत के साथ अतीत गायब और फिर कहानी वर्तमान में लौट आती है.

लेखन व निर्देशनः

रितिक रोशन और टाइगर श्राफ के प्रशसंक इस बात से खुश हो सकते हैं कि वह इस फिल्म में दोनों को एक साथ लड़ते और एक साथ नृत्य करते देख सकते हैं. शुक्र है कि वह एक ही लड़की के साथ प्यार में नहीं पड़ते हैं.कथानक के स्तर पर अति कमजेार फिल्म है.अन्यथा कहानी में कोई नयापन नही है. वैसे भी सिद्धार्थ आनंद से मौलिक कहानी की अपेक्षा नही की जा सकती.
फिल्म का एक भी दृश्य तकसंगत नही है. मगर अफसोस यह ‘यशराज फिल्मस’की बेहतरीन फ्रेंचाइजी नही बन पाएगी. क्योकि इसके प्लौट में विखराव बहुत है. कहानी में कोई नयापन नही है.
तमाम एक्शन दृश्य महज स्टंट लगते है. हेलिकौप्टरों से कूदना, तेज कार और मोटरबाइक रेस सहित सारे मसाले डाले गए हैं.
फिल्म को काफी हद तक कैमरामैन बेंजामिन जस्पर के कैमरे के कमाल ने संभाला है.
फिल्म की कहानी के साथ गानों का कोई तालमेल ही नही है. फिल्म शुरू होने के चंद मिनटों बाद ही अचानक गंभीर दृश्य के बीच पहला गाना आता है तो समझ में ही नही आता कि यहां यह गाना क्यों हैं?

अभिनयः

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो रितिक रोशन और टाइगर श्रौफ दोनों एक्शन दृश्यों में जमे हैं. कर्नल लूथरा के किरदार में आशुतोष राणा ने जरुर जान फूंकी है. जासूसी टीम की सदस्य के रूप में अनुप्रिया गोयंका अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहती हैं. वाणी कपूर महज शोपीस ही हैं. वह खूबसूरत लगी हैं. अर्धनग्न नजर आयी हैं, पर उनका किरदार बहुत छोटा है.
फिल्म‘‘वार’’की सबसे बड़ी खासियत यह है कि दर्शक एक ही फिल्म में इजराइल, इराक, दिल्ली, केरला, मोरक्को, पुर्तगाल में सिडनी सहित कई देशों का नयन सुख ले सकते हैं.

6 फैस्टिव लुक विद LIVA फैब्रिक

1. फैस्टिव गेट टु गेदर लुक

LIVA फैब्रिक से बनी श्री कुर्ती और ब्रॉड वेस्ट बेल्ड का कांबिनेशन आपको देगा स्टाइलिश और फैस्टिव गेट टु गेदर लुक.

2. दीवाली फैस्टिव लुक

LIVA फैब्रिक से बनी एलनी रेड कलर कुर्ते के साथ गोल्डन कलर के प्लाजो का टीमअप साथ ही बनारसी दुपट्टा आपको बना देगा फैस्टिव रेडी.

3. ऑफिस फैस्टिव लुक

LIVA फैब्रिक से बने गो कलर के पटियाला पेंट और कॉनट्रास्टिंग कलर की जैकेट आपके परफेक्ट औफिस फैस्टिव लुक को और निखारेगा.

4. आउटडोर फैस्टिव लुक

LIVA फैब्रिक से बने प्रिज्मा प्लाजो के साथ न्यूडल स्ट्रेप टॉप और ट्रेडिशनल दुपट्टा आपके आउटडोर फैस्टिव सेलिब्रेशन में स्टाइलिश लुक देगा.

5. क़ॉलेज फैस्टिव लुक

LIVA फैब्रिक से बने मोनिका के फ्लोरल स्टोल को मैचिंग कलर के शर्ट हेरम पेंट के साथ स्टाइलिश अंदाज में ड्रेप करें और बन जाये कॉलेज फैस्टिव रेडी.

LIVA फैस्टिव लुक कौन्टेस्ट 2019

अब आप भी अपना फेस्टिव लुक हमसे शेयर कर सकती हैं. चुने हुए 10 सबसे फैस्टिव फैशन लुक की विजेताओं को LIVA की ओर से दिया जाएगा शानदार गिफ्ट हैंपर. इस कौंटेस्ट का हिस्सा बनने के लिए बस आपको अपनी कोई भी फैस्टिव लुक वाली सेल्फी या फोटो हमें भेजना है.

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आप अपनी एंट्रीज मेल द्वारा grihshobhamagazine@delhipress.in पर भेज सकती हैं या whatsapp नंबर 9650966493 पर भेज सकती हैं.

आप पत्र द्वारा भी गृहशोभा- LIVA फैस्टिव लुक कौंटेस्ट 2019, दिल्ली प्रैस, ई-8, झंडेवालान एस्टेट, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली- 110055 पर अपनी फैस्टिव लुक वाली फोटो भेज कर इस कौंटेस्ट का हिस्सा बन सकती हैं.

कंफर्म: आमना शरीफ ही होगी एकता की नई ‘कोमोलिका’, सामने आया FIRST LOOK

स्टार प्लस के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के’ रीबूट वर्जन में फैंस को नई ‘कोमोलिका’ इंतजार बेसब्री से है. वहीं टीवी एक्ट्रेस हिना खान के सीरियल छोड़ने के बाद अब नई ‘कोमोलिका’ शो से जुड़ने वाली हैं. हाल ही में खबर कि ‘कोमोलिका’ रोल के लिए कईं टीवी एक्ट्रेसेस को चुना गया था, जिनमें आमना शरीफ का नाम फाइनल हुआ था. पर अब ‘कोमोलिका’ के लुक में आमना की कुछ फोटोज सामने आई हैं, जिसकी फैंस तारीफें कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं उनके लुक की कुछ वायरल फोटोज…

प्रोमो में कुछ यूं नजर आई ‘कोमोलिका’

एकता कपूर ने लोगों की उत्सुकता को समझते हुए ज्यादा देर नहीं की और कुछ देर पहले ही उन्होंने इस सीरियल का नया प्रोमो लौन्च कर दिया है, जिसमें नई ‘कोमोलिका’ की झलक देखने को मिली है. सामने आए इस प्रोमो में ‘प्रेरणा’ कह रही है कि, ‘मैं इस समय जिंदगी के दो राहें पर खड़ी हूं..दिल अनुराग से जुड़ा और मजबूरी ने मुझे मिस्टर बजाज के साथ जोड़ दिया है.’

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प्लास्टिक सर्जरी से होगा चेहरा चेंज

‘प्रेरणा’ की बातें ‘अनुराग’ सुन लेता है और फिर से दोनों साथ जीने मरने की कसमें खाते है. जैसे ही ‘अनुराग और प्रेरणा’ एक दूसरे के गले मिलते है, वैसे ही दिखाया जाता है कि ‘कोमोलिका’ अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई है और प्लास्टिक सर्जरी के जरिए उसका चेहरा बदल चुका है.

एकता कर चुकी हैं पहले लौन्च

बता दें सालों पहले आमाना शरीफ को एकता कपूर अपने सीरियल ‘कहीं तो होगा’ में लौंच कर चुकी हैं, जिसकी बदौलत आमना काफी पौपुलर हुईं थी. अब देखना ये है कि क्या एक बार फिर अपने किरदार से फैंस के दिल में अपनी जगह बना पाती हैं या नही.

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Yeh Rishta: सबके सामने ‘नायरा’ को खरी खोटी सुनाएगा ‘कार्तिक’, होगा ये बड़ा हादसा

स्टार प्लस का सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में जल्द ही नए ट्विस्ट के चलते शो एक बार फिर मजेदार होने वाला है. हाल ही में हमने बताया था कि ‘कार्तिक और नायरा’ के बीच ‘कायरव’ की कस्टडी की जंग में ‘कार्तिक’ जीत जाएगा, लेकिन ‘कायरव’ को हारने के बाद ‘नायरा’ का नया रिएक्शन देखने को मिलेगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा ‘नायरा’ का रिएक्शन….

‘कार्तिक’ को ‘नायरा’ भेजेगी तलाक के कागज

सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि ‘नायरा’ ‘कार्तिक’ को तलाक के कागजात भेजेगी, जिसे देखकर वह भड़क जाएगा. ‘नायरा’ के भेजे गए तलाक के कागज को देखते ही ‘कार्तिक’ गुस्से में इतना आग बबूला हो जाएगा कि वह अपनी सुध-बुध ही खो बैठेगा और कहेगा कि उसने तलाक के कागज भेजकर अच्छा नहीं किया. ‘कार्तिक’ ‘नायरा’ को तलाक देने के लिए राजी हो जाएगा.

 

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‘कायरव’ से दूर होने के डर से करेगा केस

तलाक के पेपर्स देखकर कार्तिक को लगेगा कि इससे वह ‘कायरव’ से हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो सकता है. ऐसे में ‘कार्तिक’ ‘कैरव’ की कस्टडी के लिए केस लड़ेगा और ‘कायरव’ की कस्टडी जीत जाएगा.

‘नायरा’ का टूटेगा दिल

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि ‘कायरव’ की कस्टडी ‘कार्तिक’ को मिलने के बाद ‘नायरा’ का दिल टूट जाएगा और उसे लगेगा कि अब ‘कायरव’ के बिना उसके जीने का कोई मतलब नहीं है. ऐसे में एक अचानक ही ‘नायरा’ सिंघानिया सदन से गायब हो जाएगी. ‘नक्क्ष’ ‘नायरा’ को पूरे शहर में ढूढेगा लेकिन उसे अपनी बहन का कोई भी अता-पता नहीं मिलेगा.

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‘नायरा’ के लिए परेशान होगा ‘कायरव’

‘नायरा’ के गायब होने से ‘कार्तिक’ को एहसास हो जाएगा कि ‘नायरा’ की इस हालत के लिए वह ही जिम्मेदार है, जिसके चलते ‘नक्क्ष’ के साथ-साथ ‘कार्तिक’ भी ‘नायरा’ को ढूढने में लग जाएगा. वहीं अब देखना ये होगा कि क्या ‘नायरा और कार्तिक’ ‘कायरव’ इन मुश्किलों से जूझकर फिर एक हो पाएंगे.

जौब से करेंगे प्यार तो सक्सेस मिलेगी बेशुमार

क्या आप अपनी नौकरी, व्यापार या पेशे के लिए बोझिल मन से जाते हैं? वर्कप्लेस पर जाने का टाइम हो गया, इसलिए अब जाना ही पड़ेगा, ऐसा सोचते हैं? क्या जौब पर जाते समय आप की मनोदशा उस बकरे जैसी होती है जिसे कोई कसाई काटने के लिए घसीट कर ले जाता है या फिर उस बच्चे जैसी जिसे उस की मां घसीट कर स्कूल ले जाती है?

अगर इन सवालों का जवाब हां में है, तो समझ लीजिए कि आप जौब या प्रोफैशन में दिन ही बिता सकते हैं, कभी सफल नहीं हो सकते. अगर आप को सफलता चाहिए, तो अपनी जौब से प्यार करना सीखना होगा और वर्कप्लेस पर खुशियां ढूंढ़नी होंगी ताकि आप रोज प्रसन्नमन से अपने वर्कप्लेस पर जाएं और वहां पूरी ऊर्जा व तनमन से कामकाज करें. इस के लिए आप को अपनाने होंगे कुछ छोटेछोटे उपाय.

अपनी इमेज मल्टी डायमैंशनल बनाएं

पहचानें कि आप कौन हैं, आप खुद को किस रूप में देखते हैं. अगर आप की सैल्फ इमेज सिर्फ आप की नौकरी या प्रोफैशन से जुड़ी हुई है, तो आप को समस्या हो सकती है. अगर खुद को सिर्फ अकाउंटैंट, सैल्स पर्सन, वकील या सीईओ के रूप में पेश करते हैं तो यकीन मानिए कि आप खुद को प्रोफैशनल दायरे से बाहर नहीं निकाल पाए हैं.

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अपनी ऐसी पहचान बनाएं जो सैल्फ इमेज को मल्टी डायमैंशनल बना सके. यदि आप एक अच्छे लेखक, संगीतकार, गायक या शेफ हैं तो वर्कप्लेस पर लोगों को इस बात की जानकारी दें, ताकि वे आप को एक सम्मानित व्यक्ति के तौर पर पहचानें. इस से औफिस में आप के प्रति पौजिटिव वातावरण बनेगा. लोग आप की कद्र करेंगे तो आप को भी अच्छा महसूस होगा. सकारात्मक माहौल में काम करने का मजा ही कुछ और है.

नैगेटिव बातों को दरकिनार करें

कई बार वर्कप्लेस पर ऐसे लोगों से वास्ता पड़ता है जो हर वक्त अपनी मुसीबतों का ही रोना रोते रहते हैं. कई बार उन की बातें सुन कर मन वाकई कमजोर पड़ जाता है. लेकिन, दूसरों की बातें सुन कर परेशान न हों. उन की नैगेटिव बातचीत को इग्नोर करें. यह आसान नहीं है, फिर भी आप को इस पर अमल करना होगा.

जीवन में कई बार ऐसा होता है जब आप अपने सपनों को सिर्फ इसलिए पूरा नहीं कर पाते क्योंकि आप दूसरों के बारे में विचार करने लग जाते हैं. जीवन में दूसरे कभी यह तय नहीं कर सकते कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं. अगर आप कुछ पसंद करते हैं, तो सीधेतौर पर उस काम को करने की कोशिश करें. कई काम आप की अपेक्षा के विपरीत होते हैं. कभी किसी सहकर्मी, बौस या ग्राहक से कहासुनी हो जाती है और मूड औफ हो जाता है, ऐसे में बुरी बातों को सिर पर ढो कर टैंशन न लें. बीते समय के बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं होता.

हर सुबह एक नई शुरुआत होती है. आप के पास जो है, उस में खुश रहें और बाकी बातें भूल जाएं. आप बौस के गलत व्यवहार और विफलताओं को भुला कर आगे बढ़ें. नैगेटिव खयाल आप को कुछ नहीं देते, बस दुखी करते हैं.

अपनी जिम्मेदारी को प्लान करें

जब आप छोटी सी पिकनिक पर भी पूरी प्लानिंग के साथ जाते हैं, तो फिर वर्कप्लेस पर बस हाथ में बैग टांग कर और लंचबौक्स ले कर क्यों चल देते हैं? वर्कप्लेस पर आप को जिन कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है या जिन स्थितियों को आप कंट्रोल करते हैं, उन की लिस्ट बनाएं. यह आप की टीम का आउटपुट, आप का सैल्स रूट, दिनभर के कार्यों का क्रम, सप्लाइज की खरीद, लोगों से मिलना, डैस्क को सहेजना कुछ भी हो सकता है. इन कार्यों को सही तरह से पूरा करने की प्लानिंग करें. इन्हें इस तरह पूरा करें कि आप जो भी प्रयास करें, उन से खुशी मिले. यह सब सिर्फ बौस को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि काम को सही ढंग से अंजाम देने के लिए होना चाहिए.

कार्य की शैड्यूलिंग करें

आप वर्कप्लेस के अपने बोरिंग रूटीन को गेम्स की सीरीज में तबदील कर सकते हैं. इस के लिए आप सब से मशहूर गेम कैंडी क्रश पर गौर कर सकते हैं. इस गेम में हर लैवल पर मुश्किलें बढ़ती चली जाती हैं. यहां आप की मौजूदा मास्टरी पता चलती है. आप के दिमाग की निर्णय लेने की क्षमता सीमित है, इसीलिए पूरे दिन काम करतेकरते दिमाग थक जाता है. आप को औटोमैटिक रूटीन तैयार करना चाहिए, रोज लेने वाले फैसलों की संख्या में कमी लानी चाहिए और कार्यों की शैड्यूलिंग भी करनी चाहिए. रोज साधारण लक्ष्य बनाएं. जैसे, दिन में कितनी कौल करनी हैं, ईमेल के लिए कितना समय देना है, प्रैजेंटेशन पूरा करने में कितना समय लगाना है आदि.

– कैरियर काउंसलर, गौतम दुगड़ से बातचीत पर आधारित.

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