ब्रेकअप की खबरों के बीच मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आए ‘प्रेरणा’ के ‘अनुराग’, देखें फोटोज

टीवी के नए ‘अनुराग’ यानी पार्थ समथान अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में पार्थ और उनकी को स्टार एरिका फर्नांडीज के ब्रेकअप की खबरे सामने आई थीं. वहीं अब सोशल मीडिया पर वायरल फोटोज में गणेश चतुर्थी के मौके पर पार्थ मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते कौन है मिस्ट्री गर्ल…

ट्रैफिक में ऐसे फंसे पार्थ

पार्थ बीती रात पूजा मनाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन वह ट्रैफिक में काफी देर तक फंसे रहे. वहीं ट्रैफिक में इंतजार करते-करते सेल्फी लेते नजर आए.

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पार्थ के साथ दिखी मिस्ट्री गर्ल

एक मिस्ट्री गर्ल के साथ पार्थ भी गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाने पहुंचे थे. पार्थ और इस मिस्ट्री गर्ल की फोटोज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

कौन है ये मिस्ट्री गर्ल

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पार्थ के साथ दिखने वाली ये मिस्ट्री गर्ल कोई और नहीं बल्कि ईशान्या महेश्वरी है. ईशान्या कई तेलुगू फिल्मों में एक्ट्रेस के तौर पर नजर आ चुकी है.

करण वाही भी आए नजर

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ईशान्या के गणपति पूजा में सिर्फ पार्थ ही नहीं बल्कि एक्टर करण वाही भी शामिल हुए, वहीं ईशान्या के साथ करण फोटोज खिचवातीं नजर आई.

पार्थ ने शेयर की ये फोटो

 

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A blissful festival ? Ganpati bappa maurya #aboutyesterday❤

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दरअसल पार्थ बीती रात अपने कई दोस्तों के होस्ट किए गए पूजा में शामिल हुए थे और इस दौरान ली गई फोटोज का कोलाज बनाकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है.

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बता दें, हाल ही में पार्थ और एरिका का ब्रेकअप हो गया था, जिसके बाद पार्थ देश से बाहर वेकेशन के लिए चले गए थे. वहीं दोनों का ब्रेकअप को लेकर कोई बयान सामने नही आया है और दोनो साथ में सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के’ की शूटिंग में बिजी है.

मामूली जख्मों के लिए ट्राय करें ये होममेड टिप्स

रोजाना भागदौड़ में कईं बारे हमें हल्की खरोचें या चोटें आ जाती हैं, जिसके इलाज के लिए हम ज्यादातर डौक्टर के पास जाना जरूरी नही समझते. कईं बार ये चोटें कम समय में तो कई बार इन घावों को भरने में ज्यादा समय लगता है. वहीं कई बार गहरे घावों के लिए आपको दवाइयों की जरूरत पड़ती है. हम आपको बताएंगे ऐसे होममेड टिप्स बताएंगे, जिनकी मदद से आप स्किन के घावों का आराम से इलाज कर सकती हैं.

1. सिरका है आम इलाज

आमतौर पर लोग सिरका लगाने से घबराते हैं, क्योकि इससे काफी जलन होती है. पर एक बार इसके इस्तेमाल से घाव काफी तेजी से भरने लगते हैं. पर ध्यान रहे कि इसके ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल आपकी स्किन को काफी जलन दे सकता है, इसलिए रूई में इसके एक दो बूंद घाव पर ही लगाएं.

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2. टी बैग का करें इस्तेमाल

चोट लगने से अगर खून तेजी से बहे तो उसको रोकने के लिए टी बैग काफी कारगर होता है. इससे घाव जल्दी भी भर जाता है. और आपको ज्यादा परेशानी का सामना भी नही करना पड़ता.

3. हल्‍दी पाउडर का इस्तेमाल है फायदेमंद

हल्दी एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है, जिसके इस्तेमाल से घाव में होने वाले इंफेक्शन फैलने के खतरे को रोका जा सकता है. चोट पर इसका तुरंत इस्तेमाल काफी असरदार होता है.

4. शहद का करें इस्तेमाल

कहीं भी स्किन छिल जाए तो उसे अच्छे से धो दें और उसपर शहद का लेप लगा लें. ये काफी असरदार होता है. इसके अलावा चोट से सूजन आने पर भी शहद काफी असरदार होता है.

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5. एलोवेरा का करें इस्तेमाल

आप अपने कटे और छिले को तुरंत ठीक करने के लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकती हैं. हरे एलोवेरा को तोड़ कर उसके बीच से जेली निकाल कर उसे अपने घाव पर लगाएं, आपको तुरंत राहत मिलेगी.

अंबानी की पार्टी में ट्रेडिशनल लुक से छाई ये हीरोइंस, आप भी कर सकती हैं ट्राय

फेमस बिजनेस मुकेश अम्बानी के घर गणेश चतुर्थी के मौके पर सेलिब्रेट किया, जिसमें बौलीवुड एक्ट्रेसेस नए-नए ट्रेडिशनल आउटफिट में नजर आईं. बौलीवुड एक्ट्रेसेस का फैशन इतना ट्रेंडी हैं कि आप भी उसे फेस्टिवल या शादी में ट्राय कर सकते हैं. इसीलिए आज हम बौलीवुड हसीनाओं के फेस्टिवल या वेडिंग ट्रेंडी आउटफिट्स के बारे में बताएगे…

1. कटरीना का लहंगा करें ट्राय

अगर आप फेस्टिवल में कुछ नया और ट्रेंडी ट्राय करना चाहते हैं तो कटरीना का ये peach कलर का लहंगा जरूर ट्राय करें. प्लेन peach कलर के लहंगे के साथ हैवी इयरिंग्स और सिंपल हेयर स्टाइल आपके लुक को कम्पलीट करने में मदद करेगा.

 

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#katrinakaif #isabellakaif at #ambaniganpati and @arpitakhansharma home for #ganpatifestival2019 #viralbhayani @viralbhayani

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2. कृति सेनन की ये साड़ी करें ट्राय 

अगर आप फेस्टिवल के लिए साड़ी ट्राय करना चाहती हैं तो कृति सेनन की ये मिरर वर्क वाली साड़ी ट्राय करें. साथ ही अगर आप अपने लुक को पूरी तरह ट्रेडिशनल दिखाना चाहती हैं तो साड़ी और औफस्लीव ब्लाउज के साथ जूड़ा बनाकर उसमें गजरा वाला लुक ट्राय करें. साथ ही हैवी झुमके आपके लुक पर चार चांद लगा देंगे.

3. आलिया की ये प्रिंटेड साड़ी करें ट्राय

 

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#aliabhatt at #ambaniganpati #ganpatifestival2019 #viralbhayani

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प्रिंटेड साड़ियां आजकल ट्रेंड में हैं अगर आप साड़ियों के कलेक्शन में फेस्टिवल के लिए साड़ी जोड़ना चाहती हैं तो आलिया की ये प्रिंटेड साड़ी के साथ सिंपल पिंक कलर का औफस्लीव ब्लाउज परफेक्ट रहेगा. वहीं इस साड़ी के साथ ज्वैलरी के लिए आलिया की तरह हैवी इयरिंग्स  जरूर ट्राय करें.

4. नीता अम्बानी का ये लहंगा करें ट्राय

 

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अगर आप फेस्टिवल में लहंगा ट्राय करना चाहते हैं तो नीता अंबानी का ये लुक जरूर ट्राय करें. सिंपल पिंक गुजराती पैटर्न का ये लहंगा आपके लिए फेस्टिवल में परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लुक को कमप्लीट करेगा. साथ ही ज्वैलरी की बात करें तो आप लहंगें से बिल्कुल अलग ग्रीन या हरे कलर की कुंदर की ज्वैलरी करें ट्राय.

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बता दें, बौलीवुड सेलेब्स अक्सर फेस्टिवल के मौके पर नए-नए आउटफिट्स और फैशन ट्राय करते रहते हैं.

आजादी पर भारी शादी

‘‘बदलते समय के साथ न केवल लोगों की लाइफस्टाइल में बदलाव आया है, बल्कि उन की सोच और सामाजिक तौरतरीके भी बदले हैं. यह सही है कि आजकल लड़कियां अपने कैरियर और आजादी को प्राथमिकता दे रही हैं, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि शादी के लिए अब लड़कों की लड़कियों से उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. मैट्रो सिटी में रहनसहन के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए लड़के उच्च शिक्षा प्राप्त लड़कियों को ही प्राथमिकता देते हैं. ऐसे में लड़कियां अपने सुरक्षित भविष्य के लिए शादी करने में समय ले रही हैं. मुझे इस में कोई बुराई नहीं नजर आती. हां, शादी टालने की एक सीमा जरूर होनी चाहिए क्योंकि इस को जरूरत से ज्यादा टालने के विपरीत परिणाम भी हो सकते हैं.’’

सोनल, ऐसोसिएट एचआर

‘‘यह हमेशा याद रखें कि आप का ऐटिट्यूड किसी भी रिश्ते को बनने से पहले ही उसे खोखला करना शुरू कर देता है, जबकि बौंडिंग किसी भी रिश्ते को गहरा व मजबूत बनाती है.’’

28 साल की तान्या न सिर्फ गुड लुकिंग है बल्कि एक अच्छी मल्टीनैशनल कंपनी में सीनियर पोजिशन पर कार्यरत भी है. लेकिन अभी भी तान्या सिंगल है. शादी की बात आते ही तान्या उसे टाल जाती है.

हिना का भी हाल कुछ ऐसा ही है. हिना मौडलिंग करती है, ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ी है और दिखने में काफी स्टाइलिश है. हिना से शादी करने को न जाने कितने लड़के बेताब हैं, लेकिन हिना अब तक कई प्रपोजल्स रिजैक्ट कर चुकी है. रिजैक्शन के पीछे वजह सिर्फ यही है कि हिना को लगता है कि भले ही उस का पार्टनर उसे शादी के बाद काम करने भी दे, लेकिन उस की आजादी तो कहीं न कहीं उस से छिन ही जाएगी. बस, यही वजह है कि हिना पेरैंट्स के कहने पर लड़कों से मिलती जरूर है, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ाती.

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यह कहानी सिर्फ तान्या और हिना की ही नहीं, बल्कि आज हमारे समाज की उन ढेर सारी लड़कियों की है, जो अपनी पढ़ाईलिखाई कर सिर्फ अपनी जौब और कैरियर को प्रिफरैंस देती है. इन के लिए शादी प्रिफरैंस लिस्ट में तो दूर की बात, ये तो शादी के नाम से ही कतराती हैं.

बदल गए हैं जिंदगी के माने

अगर हम यह कहें कि अब समाज में लड़कियों की जिंदगी के माने पूरी तरह बदल चुके हैं, तो शायद यह भी गलत नहीं होगा. लड़कियां शादी कर चूल्हाचौका संभालने की सोच से बाहर निकल कर अपने कैरियर और समाज की सोच को एक नई दिशा दे रही हैं. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि बदलते जमाने के साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाली ये पीढ़ी वाकई सही है या इस सफलता में छिपा है डिपै्रशन और फ्रस्ट्रेशन भी.

हाल ही में कई बड़े शहरों में एक सर्वे के दौरान एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. बड़े शहरों की पढ़ीलिखी लड़कियां अच्छी पढ़ाई कर प्रोफैशनली बाजी जरूर मार रही हैं, लेकिन उन की व्यक्तिगत जिंदगी उन्हें इतना परेशान कर रही है कि उस के चलते कई लड़कियां डिप्रैशन की शिकार हैं.

दिल्ली में पढ़ीलिखी गुड लुकिंग 36 साल की प्रीति मल्टी नैशनल कंपनी में सीनियर लीगल ऐडवाइजर है. देखने में खूबसूरत व स्टाइलिश और कैरियर में सैटल होने के बावजूद भी प्रीति अभी भी सिंगल है. शादी के लिए उस के पास ढेर सारे प्रपोजल्स तो हैं मगर साथ ही कन्फ्यूजन भी कि शादी करे तो किस से? जो लड़का प्रीति को पसंद आता है उसे प्रीति को प्रोफाइल मैचिंग नहीं लगता और जिसे प्रीति पसंद आती है उस से प्रीति आगे बात बढ़ाना ही नहीं चाहती.

ऐसा सिर्फ प्रीति के साथ ही नहीं बल्कि न जाने कितनी लड़कियों के साथ होता है, जो कैरियर में सैटल होने के बावजूद भी सही उम्र में शादी नहीं कर पातीं क्योंकि शादी के लिए उन की कुछ शर्तें भी होती हैं. आमतौर पर सभी शर्तों को पूरा करने यानी उन की कसौटी पर खरा उतरने के नाम से ही लड़के कन्नी काटने लगते हैं और अच्छी पढ़ीलिखी बड़े शहरों की लड़कियों के बजाय छोटे कसबे या गांव की कम पढ़ीलिखी लड़कियों को ही चुनना ज्यादा पसंद करते हैं.

ये बात थोड़ी चौंकाने वाली जरूर है लेकिन यही हकीकत है कि कम से कम 50% बड़े शहरों की लड़कियां अपनी आजादी को खोने के डर से अब शादी को तवज्जो नहीं देतीं.

35 वर्षीय दीप्ति एक नैशनल न्यूज चैनल में एक अच्छी पोस्ट पर काम करती हैं और सिंगल हैं. शादी से जुड़े सवाल पर तपाक से कहती हैं, ‘‘अच्छी है न जिंदगी क्योंकि कोई रोकटोक नहीं है. अपने तरीके से अपनी लाइफ ऐंजौय कर रही हूं. अपने पेरैंट्स का खयाल रखती हूं. अपना घर, गाड़ी सब कुछ है, तो ऐसे में शादी कर कई हजार बंदिशों में बंध रिस्क क्यों लिया जाए?’’

असल में ऐसी सोच सिर्फ दीप्ति की ही नहीं बल्कि शहरों में पलीबढ़ी 60% लड़कियों की है. या तो ये शादी करना नहीं चाहतीं या फिर अगर शादी करती भी हैं तो अपनी शर्तों पर. ऐसे में जाहिर सी बात है कि हमारे पितृसत्तात्मक समाज के लड़कों के माथे पर सिकुड़न पड़ना तय है.

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कशमकश में उलझी हैं सफल महिलाएं

अजीब सी कशमकश में उलझी ऐसी सफल महिलाएं उम्र के इस पड़ाव पर आने के बावजूद भी शादी करने का फैसला सही उम्र में नहीं ले पातीं. जब तक हो सके अकेले ही रहना चाहती हैं, जिस की एक सीधी सी वजह यह है कि अब लड़कियां शादी जैसे बंधन में बंधने के लिए अपनी जिंदगी में न तो कोई बदलाव लाना चाहती हैं और न ही कोई समझौता करना चाहती हैं. जिस की सब से बड़ी वजह यही है कि अब लड़कियां अपनी आजादी नहीं खोना चाहतीं.

लेकिन इन का यही फैसला कहीं न कहीं इन के लिए एक वक्त के बाद मुश्किलें भी खड़ी कर देता है. एक वक्त के बाद सिंगल रहना अखरने भी लगता है. जिंदगी के सफर में तनहाई काटने को दौड़ती है. उस वक्त जरूरत महसूस होती है एक ऐसे साथी की जो हमसफर बन कर आप के साथ जिंदगी के सुखदुख साथ बांट सके.

अब सोचने वाली बात यह है कि लड़कियों की यह सोच वाकई समाज के माने बदल समाज को एक सही दिशा में जा रही है या फिर इस सोच के कल कई दुष्प्रभाव समाज पर पड़ सकते हैं?

सालता भी है अकेलापन

अगर देखा जाए तो लड़कियों का शादी जैसे मुद्दे पर खुद फैसला लेना सही है, लेकिन अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीने की चाहत में इस खूबसूरत पड़ाव से कतराना भी समझदारी नहीं, क्योंकि कुछ वक्त के बाद इंसान को अकेलापन सताने लगता है और अकेलेपन से बचना वाकई बड़ा मुश्किल है.

एक जमाने की मशहूर अदाकारा परवीन बौबी को ही ले लीजिए. उन की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी. एक वक्त था जब परवीन के पास ढेरों प्रपोजल्स थे. न जाने कितने नौजवान उन से शादी करने को बेताब थे. मगर उस वक्त सफलता के नशे में चूर परवीन बौबी सारे प्रपोजल्स टालती गईं. शादी की बात को उन्होंने कभी गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन बाद में उन का यही फैसला उन के लिए काफी नुकसानदायक साबित हुआ. उन की जिंदगी के अंतिम दिनों में उन का अकेलापन ही उन की मौत का कारण बना.

एक जमाने में लाखोंकरोड़ों दिलों पर राज करने वाली इस खूबसूरत अदाकारा की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया, जब इस ने खुद को अपनी तनहाई के साथ घर की चारदीवारी में कैद कर लिया. परवीन पर अकेलापन ऐसा हावी हुआ कि वे न सिर्फ डिप्रैशन में चली गईं बल्कि उन का मानसिक संतुलन तक बिगड़ गया. यहां तक कि उन्होंने लोगों से मिलनाजुलना तक बंद कर दिया और फिर एक दिन वही हुआ, जब करोड़ों दिलों पर राज करने वाली इस अदाकारा ने अंतिम सांस ली, इन के पास कोई नहीं था. यहां तक कि इन की मौत का पता भी कई दिनों के बाद इन के पड़ोसियों को दरवाजे पर लटकी दूध की थैलियों और दरवाजे के पास पड़े अखबार के बंडलों से चला. फिर जांचपड़ताल के बाद घर के अंदर उन की लाश मिली तब जा कर पता चला कि लाखोंकरोड़ों दिलों की चहेती परवीन बौबी इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं.

ऐसा सिर्फ परवीन बौबी के साथ ही नहीं हुआ. इस के और भी ढेर सारे उदाहरण आप को मिल जाएंगे. हकीकत में यह अकेलापन ऐसी बीमारी है, जो बाद में डिप्रैशन का रूप ले लेती है आगे चल कर जिंदगी के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है. इसलिए बेहतर है कि जिंदगी को गंभीरता से लें.

क्या करें क्या न करें

शादी का बंधन इतना नाजुक नहीं होता कि उसे जब चाहे तोड़ लो और जब मन करे जोड़ लो. निश्चित तौर पर काफी सोचनेसमझने के बाद ही यह फैसला लेना सही होता है. और अगर आप अपने हिसाब से जीवनसाथी चुनना चाहती हैं तो इस में भी हरज कुछ नहीं, लेकिन ध्यान रखें कि आप जरूरत से ज्यादा चूजी भी न हो जाएं क्योंकि यह इकलौती वजह ही ढेरों प्रपोजल रिजैक्ट करने के लिए काफी होती है.

किसी भी रिश्ते को पनपने से पहले ही अपनी शर्तों में न बांध दें. किसी भी रिश्ते की बौंडिंग मजबूत होने में वक्त लगता है, तो आप भी अपने रिश्ते को वक्त दें. सामने वाले इंसान को पहले समझने की कोशिश करें.

परफैक्शन में नहीं हकीकत में विश्वास करें. यह कोई प्रोफैशनल टास्क नहीं है, जिस में आप को या आप के हमसफर को परफैक्शन के मापदंड पर खरा उतरना है. यह फिल्मी दुनिया नहीं बल्कि हकीकत है. हकीकत पर भरोसा करें. चांद सब से खूबसूरत होता है, लेकिन उस में भी दाग है. वही कहानी इंसानों की भी है. इसलिए परफैक्शन में जाने के बजाय प्रैक्टिकल हो कर सोचें.

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फैसले का सही वक्त क्या हो

सही उम्र में सही फैसला लेना भी जरूरी होता है. कैरियर के साथसाथ पर्सनल लाइफ पर भी ध्यान दें. यदि आप ने समय से अपनी पढ़ाईलिखाई पूरी कर के मनचाहा मुकाम हासिल कर लिया है तो शादी का फैसला बेवजह टालने में समझदारी नहीं है.

ऐटिट्यूड में नहीं बौंडिंग में यकीन करना सीखें. हमेशा याद रखें कि आप का ऐटिट्यूड किसी भी रिश्ते को बनने से पहले ही उसे खोखला करना शुरू कर देता है जबकि बौंडिंग किसी भी रिश्ते को और गहरा और मजबूत बनाती है.

पहले से किसी इंसान या उस के प्रोफैशन को ले कर उस के प्रति अपने मन में कोई धारणा न बना लें. प्यार और विश्वास से एक नए रिश्ते की शुरुआत करें.

कई बार लड़कियां जब शादी के लिए किसी से मिलती हैं, तो वे उस लड़के की अपने ड्रीम बौय या फिर अपने आदर्श इंसान से तुलना शुरू कर देती हैं जो सही नहीं है, हर इंसान का व्यक्तित्व, व्यवहार और खूबियां अलगअलग होती हैं. इसलिए जब भी आप किसी से मिलें तो बेवजह उस की किसी और से तुलना न शुरू कर दें.

जैसे जीवनसाथी की कल्पना आप ने अपने लिए की है वैसा ही आप को मिले, यह थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि समझदारी के साथ जीवनसाथी का चुनाव करें और यह विश्वास रखें कि शादी के बाद भी आपसी समझ से रिश्ते को बेहतर बनाया जा सकता है. अकेला रह कर आप क्षणिक सुख तो पा सकती हैं पर सारी जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए एक हमकदम का साथ जरूरी होता है.

इस बात पर यकीन करें कि एक खूबसूरत जिंदगी एक अच्छे हमसफर के साथ आप का इंतजार कर रही है. बस जरूरत है तो सिर्फ पहल करने और गंभीरता से सोचने की. तो देर किस बात की, शुरुआत कीजिए और कदम बढ़ाइए इस खूबसूरत जिंदगी की तरफ.

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बौयफ्रेंड संग क्वौलिटी टाइम बिताती नजर आईं हिना, देखें फोटोज

टीवी की नई कोमोलिका यानी हिना खान इन दिनों भले ही सीरियल से दूर चल रही हों, लेकिन हिना अक्सर सोशलमीडिया पर अपनी फोटोज और पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. वहीं बीती रात हिना अपने बॉयफ्रेंड के साथ चिल करती नजर आईं, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं उनकी लेटेस्ट फोटोज…

रौकी का इंतजार करते नजर आईं हिना

हिना सज-धजकर घर पर ही रौकी का इंतजार कर रही थी और इस दौरान उन्होंने ढेर सारे मजेदार वीडियो बनाए. वहीं इस दौरान हिना ने कई तरह के एक्सप्रेशन बनाकर अपने फैंस के साथ इंटरेक्शन भी किया.

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हिना को पिक करने आए रौकी

रौकी जैसे ही हिना के घर के बाहर पहुंचे, हिना की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. हिना ने तुरंत अपने फोन से रौकी की तस्वीरें क्लिक करनी शुरु कर दी.

रौकी को देख ये था हिना का रिएक्शन


घर के बाहर खड़ी हिना ने रौकी को गले से लगा लिया और फिर दोनों क्लब के लिए साथ में ही रवाना हो गए. साथ ही रास्ते में क्लब के रास्ते में ही दोनों को गणपति बप्पा के दर्शन भी हो गए.

क्लब के अंदर मस्ती करतीं नजर आईं हिना

 

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Amazing ??? #Hiro❤ #Hinakhan #Rockyjaiswal #HinaKhanupdate #InstaUpdate @realhinakhan @rockyj1

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क्लब पहुंचते ही हिना ने रौकी के साथ खूब मस्ती की और इस दौरान उन्होंने कई वीडियो भी बनाए, जिसमें रौकी की फोटोज क्लिक करने के बाद हिना ने तुरंत उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरु कर दिया और इसी के साथ उन्होंने रौकी को मिस्टर ड्रामा कह दिया.

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बता दें, हिना खान और रौकी के न्यूयौर्क वेकेशन के बाद से दोनों अपने-अपने कामों में बिजी हो गए थे, जिसके बाद वह क्वौलिटी टाइम बिताते नजर आए.

जानें क्यों एक्टिंग से बार-बार ब्रेक लेता है ये बौलीवुड हीरो

मशहूर फिल्मकार वासु भगनानी के बेटे व अभिनेता जैकी भगनानी युवा पीढ़ी के उन कलाकारों में से हैं,जो निरंतर कुछ अलग करते रहना चाहते हैं. वह फिल्म दर फिल्म अपनी प्रतिभा को साबित भी करते आ रहे हैं. जैकी भगनानी ने कुछ वर्ष  पहले अपने पिता वासु भगनानी निर्मित फिल्म ‘‘कल किसने देखा’’से अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी.बतौर अभिनेता ‘फालतू’, ‘अजब गजब लव’,‘रंगरेज’, ‘यंगिस्तान’, ‘वेलकम टू कराची’व ‘मित्रों’जैसी कुछ फिल्मों में एक्टिंग करने के बाद जैकी भगनानी ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा.उन्होने ‘सरबजीत’ फिल्म का निर्माण करने के बाद पर्यावरण प्रदूषण पर केंद्रित लघु फिल्म ‘‘कौर्बन’’बनायी. फिर ‘दिलजले’ और ‘वेलकम टू न्यूयार्क’ का निर्माण किया.

मगर हमेशा कुछ नया व हटकर काम करने की चाहत के चलते अब जैकी भगनानी ने अपने बचपन के संगीत के शौक के लिए ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’नामक एक संगीत लेबल कंपनी शुरू की है, जिसके तहत वह कर्णप्रिय गैर फिल्मी गीत संगीत प्रेमियों को परोसने जा रहे हैं. इस लेबल के तहत फिलहाल दस गाने तैयार हो गए हैं और इनमें से दो गाने बाजार में आ चुके हैं. लेकिन जैकी भगनानी ने एक्टिंग को अलविदा नही कहा है.वह इन दिनों एक फिल्म ‘‘आनंदवा’’ में एक्टिंग कर रहे हैं.

हाल ही में जैकी भगनानी से हुई बातचीत इस प्रकार रहीः

आपने ‘‘जजस्ट म्यूजिक लेबल’’शुरू करने की जरुरत क्यों महसूस की?

-संगीत के शौक ने मुझे प्रेरित किया.जब मैंने ‘जस्ट म्यूजिक लेबल’शुरू करने की सोची,तो मेेर दिमाग में था कि मुझे अपने पिता का भावनात्मक संबल मिलेगा.मैं अपने इस संगीत लेबल के तहत कलाकारों को उचित मंच देने का काम कर रहा हॅूं.

संगीत ही जीवन है, इसीलिए हमारे दिलों में धड़कन है. और यही जजस्ट संगीत लेबल का उद्देश्य लोगों के दिलों तक पहुंचना है.यह जजस्ट म्यूजिक के लिए सिर्फ शुरुआत है.जैसा कि नाम से पता चलता है, लेबल संगीत और सशक्त कलाकारों के बारे में है.हम अनपेक्षित रूप से बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं.हम स्वतंत्र संगीत को वह सम्मान देना चाहते हैं और जिस पैमाने पर वह योग्य है.हम गीतों का निर्माण करेंगे, लोकप्रिय और नए कलाकारों दोनों द्वारा. जो कोई भी महान गीत साझा करने के लिए है,जजस्ट म्यूजिक सभी कान हैं और इसे दुनिया में लाने के लिए उत्सुक हैं.

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फिल्म निर्माता और संगीत लेबल शुरू करने में आपके पिता से आपको कितनी मदद मिल रही है?

-यह सच है कि मैं अपने पिता की प्रोडक्शन कंपनी को ही आगे बढ़ा रहा हूं.इससे अधिक वह मुझे क्या दे सकते हैं.उन्होंने 25 वर्ष तक एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को चलाया, उसे एक मुकाम तक पहुंचाया.बौलीवुड में उसे एक नाम दिया और आज भी वह उसी लगन और मेहनत के साथ काम कर रहे हैं.मेरे पिता ने अभी तक अवकाश ग्रहण नहीं किया है.वह पूरी तरह से सक्रिय हैं.मेरी बहन भी पूरी तरह से सक्रिय है.ऐसे में भला मैं कैसे चुप बैठता?तो मैं भी पूरी तरह से सक्रिय हूं और रचनात्मक काम ज्यादा से ज्यादा करने की कोशिश कर रहा हूं.किसी संस्था को आगे ले जाना है,तो इसी तरह से उससे जुड़े लोगों को काम करना चाहिए.जहां तक मेरे संगीत लेबल ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’का सवाल है,तो मेरे पिता भावनात्मक स्तर पर मुझे पूरा सहयोग दे रहे हैं.यह ‘जजस्ट म्यूजिक’ मेरी अपनी कंपनी है.

बचपन से संगीत का शौक था.पर आपने स्व निर्मित फिल्मों में संगीत को लेकर कोई प्रयोग नहीं किया?

-सच कहूं तो यह व्यापार का मसला है. संगीत का शौक था, इसलिए म्यूजिक लेबल शुरू किया. मैं स्पष्ट रूप से बता दूं कि ‘जजस्ट म्यूजिक’ लेबल के तहत गैर फिल्मी संगीत लोगों तक पहुंचाने वाले हैं.इस कंपनी के तहत जो भी गाने बनेंगे,वह हमारी फिल्मों का हिस्सा नहीं होंगे.भविष्य कोई फिल्म चाहे,तो हमारी कंपनी के किसी गाने को लाइसेंस कर सकता है.निर्देशक को ‘जजस्ट म्यूजिक का कोई गाना अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए चाहिए,तो ले सकेगा.

आपने ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’के नाम में एक ज्यादा जोड़ा है.क्या यह अंक ज्योतिष का मसला है?

-जी नहीं..मैंने सगीत व कलाकार के साथ न्याय करने के लिए ‘ज’ ‘जे’जोड़ा है.‘जे’ यानी कि जस्टिस’. जब मैं संगीत में जस्टिस की बात करता हूं, तो उसका मतलब कलाकार को महत्व देना है. कई बार कलाकार के तौर पर हमें लगता है कि कलाकार की बजाए अन्य चीजों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. हम अपनी इस कंपनी में कलाकारों पर दबाव नहीं डालेंगें. हर कलाकार को लगेगा कि इस तरह का गाना बनना चाहिए, तो हम बनाएंगे. अगर हम ज्यादा पैसा कमाएंगे, तो उसमें से हम इन कलाकारों को भी कुछ देना चाहेंगे. हम दूसरी संगीत कंपनी की तरह  काम नहीं करेंगें.

अब तक कितने गाने बन गए हैं?

-अब तक हमने संगीतकार विशाल मिश्रा व दुरबीन सहित दस संगीतकारों के साथ मिलकर दस गाने तैयार कर लिए हैं.अब तक दो गाने बाजर में आ गए हैंं.

इन दिनों संगीत की जो स्थिति है,उसे आप किस तरह देखते हैं?

मेरी राय में संगीत की हालत बहुत अच्छी है. देखिए,आजकल हर घंटे कोई न कोई युवा नया गाना बाजार में ला रहा है. दूर दराज गांव में बैठा युवा भी अपना गाना लेकर आ रहा है.हमारी कोशिश है कि जिनका कोई सहारा नहीं है,उन्हें हम एक प्लेटफौर्म देकर अच्छा काम करने का अवसर दे.

फिल्म व संगीत में जो बदलाव आ रहा,उस पर आपकी राय?

-बहुत अच्छा बदलाव है.अब हर तरह का संगीत बन रहा है.हर तरह  की फिल्में बन रही हैं.अब कहीं भी कला या व्यावसायिक के रूप में विभाजन नहीं है.

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भविष्य की योजनाओं के बारे में बताएंगे?

-बस इतना ही कहूंगा कि इंतजार करें.

एक्टिंग को अलविदा?

नहीं…मैं कलाकार के तौर पर अपने अंदर नई उर्जा भरने के लिए बीच बीच में ब्रेक लेता रहता हूं. मैं अपनी अदाकारी को परिस्कृत करने का प्रयास करता रहता हूं. 2018 में मैने एक तमिल फिल्म में एक्टिंग किया था.फिलहाल बंगला फिल्मकार अबीर सेन गुप्ता के निर्देशन में फिल्म ‘‘आनंदवा’’ में एक्टिंग कर रहा हूं. इस फिल्म का हिस्सा होने का मुझे गर्व है,पर अभी इस फिल्म को लेकर ज्यादा विस्तार से बात नही कर सकता.

‘नायरा-कार्तिक’ ने ऐसे मनाया 3000 एपिसोड्स का जश्न

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ जहां टीआरपी के चार्ट में नं 1 पर आकर फैंस का दिल जीत रही है तो वहीं गणेश चतुर्थी के शुरू होने के साथ शो के भी 3000 एपिसोड़ पूरे हो चुके हैं, जिसका जश्न शो की स्टारकास्ट से लेकर सेट की टीम ने बप्पा का स्वागत करके मनाया, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं ये रिश्ता के सेलिब्रेशन की खास फोटोज…

‘कायरव’ ने शेयर की ये फोटोज

सीरियल के सेट पर ‘कायरव’ का किरदार निभाने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट तन्मय ऋषि भी मौजूद थे, जिन्होंने इस फोटोज को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.

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‘नायरा’ भी नहीं हैं पीछे

अब ‘कायरव’ सेट से फोटो डाले और उनकी औनस्क्रीन मां ‘नायरा’ यानी शिवांगी जोशी फोटोज न खीचें और शेयर न करें ऐसे नही हो सकता. जी हां इस फोटोज को शिवांगी ने शेयर किया है.

डबल सेलीब्रेशन की फोटोज हुई वायरल

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इस फोटोज से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के प्रोड्यूसर्स ने पहले से ही डबल सेलीब्रेशन का प्लान बनाया था. हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि इस सीरियल ने कुछ दिन पहले ही 3000 एपिसोड पूरे किए है.

प्रोड्यूसर राजन संग नजर आए ‘नायरा और कार्तिक’

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सीरियल के प्रोड्यूसर राजन शाही के साथ शिवांगी जोशी और मोहसीन खान ने जश्न के बीच कई तस्वीरें क्लिक करवाई है. वहीं पूरे टीम के साथ फोटोज क्लिक करवाते हुए शिवांगी और मोहसीन कब एक दूसरे के आगे पीछे खड़े हो गए कि किसी को अंदाजा भी नहीं लगा.

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शो की टीम आई साथ नजर

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गणेश चतुर्थी और 3000 एपिसोड पूरे होने की खुशी में ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का पूरा परिवार साथ नजर आया. डबल सेलीब्रेशन के बीच सभी के चेहरे पर खुशी दिखाई दी. इस दौरान सभी काम को भूलकर सिर्फ जश्न मनाने के मूड में नजर आ रहे थे.

बता दें, इन दिनों शो का लेटेस्ट ट्रेक लोगों को काफी एंटरटेन कर रहा है, वहीं ‘कार्तिक-नायरा’ के फैंस दोनों के मिलने का सपना देख रहे हैं. पर अब देखना ये है कि फैंस का ये सपना कब पूरा होगा.

लिपस्टिक नहीं है ‘लिप टिंट’, जानें क्या है फर्क

03खूबसूरती हर स्त्री का पहला सपना होता है. और जब बात खूबसूरती की हो तो भला हम होठों को कैसे भूल सकते हैं. लवली लिप्स के लिए जो चीज़ें सब से पहले दिमाग में आती हैं वे हैं लिपस्टिक और लिप टिंट. आइये जानते हैं मेकअप आर्टिस्ट कृति डी.एस से कि इन दोनों में क्या अंतर है;

लिपटिंट मिलते हैं लिक्विड फौर्म में

ये दोनों ही कौस्मेटिक प्रोडक्ट्स है. और लिप्स की ब्यूटी एनहांस करने के काम आती हैं. लिपस्टिक वैक्स से बनी होती है और लिप टिंट जेल और लिक्विड फौर्म में होती है.

डिफरेंट वैरायटी के लिपटिंट है मार्केट में मौजूद

वैरायटी  की बात की जाये तो लिप टिंट में भी कई तरह की कलर वैरायटी  होती है. लिपस्टिक  भी कई तरह की होती है जैसे की लिक्विड, मैट, ग्लौसी, शिम्मरी आदि. लिपस्टिक हमारे लिप्स को खूबसूरत बनाने के साथ उन्हें मौइस्चराइज भी करता है. लिपस्टिक में वैक्स के आलावा कई तरह का तेल भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे की ओलिव आयल, आलमंड आयल, कोकोनट आयल और बटर जो हमारे लिप्स को मौइस्चराइज बनाये रखने में हमारी मदद करता है.

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स्मज-प्रूफ लिप टिंट का करें इस्तेमाल

लिप टिंट जेल बेस्ड प्रोडक्ट होता है और यह वेट में भी काफी हल्का होता है. लिप टिंट लगते ही लिक्विड बेस उड़ जाता है और लिप्स पर सिर्फ कलर स्टेन रह जाता है जिस से लिप्स नेचुरल रूप से ग्लोइंग लगते है. लिप टिंट लम्बे समय तक टिकी रहती है और यह औफिस हौर्स के लिए सब से बेस्ट औप्शन है. लिपस्टिक ज्यादातर स्मज-प्रूफ नही होते जब कि लिप टिंट स्मज-प्रूफ, वौटर-प्रूफ होते है तभी यह ज्यादा लम्बे समय तक टिके रहते है.

पील औफ फौर्म लिप टिंट का करें इस्तेमाल

लिप टिंट पील औफ फौर्म में भी आते है. इसे आप अपने लिप्स पर लगाए और करीब 10 मिनट तक रखे. आप देखंगे की टिंट पूरी तरह से सुख चुका होगा. अब आप इसे अपने होंठ के ऊपर से हटा सकते है. जिस प्रकार हम फेस मास्क अपने चेहरे से हटाते है उसी तरह आप टिंट को भी हटाएं. पील औफ टिंट लगभग 12 घण्टे तक टिका रहता है.

“लेड” लिप टिंट का करें इस्तेमाल

प्रोटेक्शन की बात करे तो एक मात्र लिपस्टिक ही है जो आप के लिप्स को सन रेज़ से बचाता है लेकिन लिपस्टिक में कई ऐसे हानिकारक पदार्थ भी होते है जो आप के शरीर के लिए बहुत नुकसान दायक होते है जैसे की “लेड” . लिप टिंट में कुछ ऐसे पदार्थ होते है जो आप के लिप्स को ड्राई कर देते है इसलिए लिप टिंट लगाने से पहले हमेशा हल्का लिप बाम जरूर लगाए.

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एक्ट्रेस सरगुन मेहता के ये ट्रेंडी सूट करें ट्राय

हिंदी टीवी इंडस्ट्री से दूर चल रहीं एक्ट्रेस सरगुन मेहता इन दिनों अपनी पंजाबी फिल्मों में धूम मचा रही हैं. हाल ही में पंजाबी गाना ‘दुनिया’ का विडियो यूट्यूब पर रिलीज हुआ, जिसे उनके औडियंस का बेहद प्यार मिल रहा है. पंजाबी फिल्म ‘सुर्ख बिंदी’ के इस गाने को गुरनाम भुल्लर और सरगुन मेहता नजर आने वाले हैं. पंजाबी लुक में सरगुन मेहता के फैशन की बात करें तो सूट में बेहद खूबसूरत लग रही हैं. आज हम सरगुन मेहता के ऐसे ही सूट फैशन के बारे में बताएंगे, जिसे आप किसी पार्टी से लेकर फेस्टिवल में पहन सकते हैं. तो आइए आपको बताते हैं सरगुन मेहता के सूट फैशन टिप्स…

1. वेडिंग के लिए परफेक्ट है सरगुन का ये सूट

अगर आप वेडिंग के लिए कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं, तो सरगुन का ये यैलो कलर का सिंपल सूट आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. वहीं ज्वैलरी के बारे में बात करें तो सिंपल ज्वैलरी जरूर ट्राय करें. ये लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा.

 

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#surkhibindi #30thaugust #3DAYSTOGO ? – @gandhisawan ?- @akshayjarewal_ ?‍♀️- @p.rajshri

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2. लाइट कलर का ये सूट करें ट्राय

 

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#surkhibindi #30thaugust #4daystogo Wearing – @gandhisawan ? – @akshayjarewal_ Hair – @p.rajshri

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अगर आप किसी सिंपल पार्टी में जाने का सोच रहे हैं तो सरगुन का ये औफस्लीव सूट जरूर ट्राय करें. अगर आपकी स्किन का कलर थोड़ा डार्क है तो ये सूट आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. वहीं इसके साथ अगर आप इस सूट को कुछ हैवी लुक देना चाहते हैं तो गोल्डन झुमके आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

3. रेड और ग्रीन का कौम्बिनेशन है लाजवाब

रेड सूट अक्सर शादी के बाद लड़कियां पहनती हुईं नजर आती हैं. अगर आप भी शादी के बाद कुछ नया लेकिन सिंपल ट्राय करना चाहती हैं तो सरगुन का ये रेड सूट और ग्रीन दुपट्टे का कौम्बिनेशन जरूर ट्राय करें. इसके साथ अगर चाहें तो प्लेन झुमके ट्राय कर सकती हैं.

4. फ्लावर प्रिंट आउटफिट का है जमाना

 

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#SURKHIBINDI #8daystogo #30THAUGUST Wearing – @ease_kv for promotions today.? Styled by – @settlesubtle ki @siddhi.karwa

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फ्लावर प्रिंट फैशन आजकल ट्रैंड में है. अगर आप सूट ट्राय करना चाहती हैं किसी फेस्टिवल के लिए तो औरेंज कलर की धोती के साथ वाले पजामे के साथ वाइट कलर के फ्लावर प्रिंट फ्रौक सूट को ट्राय कर सकते हैं. ये आपके लुक को ट्रेंडी बनाएगा.

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जरूरी है प्रीमैरिज काउंसलिंग

राघव एक दवा बनाने वाली कंपनी में काम करता है. जब उस का रिश्ता तय हुआ तो उसे लगा कि उस ने गलती से ‘हां’ कर दी है. बारबार उसे यह बात कचोटने लगी कि लड़की की शक्ल ठीक नहीं है. राघव का जीजा उस का घनिष्ठ मित्र था और उस पर उसे पूरा भरोसा भी था. जब वह लड़की देखने गया तो किसी कारण से जीजा आ नहीं सका था. सब के कहने पर उस ने हां कर दी पर अब वह तय नहीं कर पा रहा था.

राघव को जब एक काउंसलर के पास लाया गया तो उस ने अपने दिल की बात उस से की कि लड़की सुंदर नहीं है और वह अगर उस से शादी करेगा तो सारी जिंदगी उसे खुश नहीं रख पाएगा. आखिरकार रिश्ता तोड़ दिया गया और विवाह से पहले सलाह लेने से 2 जिंदगियां बरबाद होने से बच गईं.

पश्चिमी देशों की तरह भारत में भी तलाक का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है. इस की मुख्य वजह है नई पीढ़ी की अपनी एक सोच होना, जो उन्हें अपने ढंग से जीने के लिए उकसाती है. अपनी इच्छाओं को दबाती नहीं है बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ती है. इसलिए उम्मीदें पूरी न होने पर बात तलाक तक पहुंच जाती है.

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तलाक की सब से बड़ी वजह है पतिपत्नी के बीच शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक असंगति होना. इस के नतीजतन देखा गया कि 90 प्रतिशत युगल अवसाद का शिकार हो जाते हैं.

असल में प्यार करना, रिश्तों में बंधना आसान है पर उन्हें निभाना मुश्किल है. विवाह से पहले क्या कोई बताता है कि किस तरह से भावनात्मक रूप से सुदृढ़ और शारीरिक रूप से संतुष्ट रिश्ता कायम किया जाए. शायद नहीं, क्योंकि अभी भी हमारे देश में मातापिता या भाईबहन खुल कर विवाह से जुडे़ मसलों पर बात नहीं करते हैं.

प्रीमैरिज काउंसलिंग का उद्देश्य होता है युवा पीढ़ी को विवाह के बंधन की पूरी जानकारी देना ताकि युवकयुवती एकदूसरे के प्रति सम्मान रखते हुए एक स्नेहपूर्ण व मर्यादित रिश्ता जी सकें. स्वस्थ यौन संबंधों की जानकारी वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए बहुत जरूरी है. अन्य विकासशील देशों की तरह भारत में यौन शिक्षा की जानकारी अभी भी स्कूलकालिज में नहीं दी जाती है इसलिए पतिपत्नी को एकदूसरे की जरूरतों को समझने और सही तरह से संबंध कायम करने के लिए प्रीमैरिज काउंसलिंग आवश्यक है.

अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. संदीप वोहरा का कहना है, ‘‘प्रीमैरिज काउंसलिंग की यह अवधारणा पूरी तरह से पश्चिमी है. भारत में करीब 5 साल पहले इसे मान्यता मिली है और अभी भी यह अपनी प्रारंभिक अवस्था में है. आज की पीढ़ी कैरियर पर ज्यादा ध्यान देती है और चाहती है कि उन के प्रोफेशन के सामने कोई अवरोध न आए. वे मानसिक रूप से सशक्त नहीं हैं इसलिए चाहे वह व्यक्तिगत संबंध हो या प्रोफेशनल, उन्हें समझने के लिए उन के पास न तो समय है न ही कोई दिशा. वे सब से पहले अपने होने वाले जीवनसाथी की शक्ल देखते हैं, आकर्षण को महत्त्वपूर्ण मानते हैं. हम उन्हें समझाते हैं कि यह गौण चीज है और जरूरी है हर स्तर पर संगति होना.’’

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मनोवैज्ञानिक और काउंसलर हेमा गुप्ता का कहना है, ‘‘हमारे जीवन के 2 मुख्य पहलू काम और परिवार वाटर टाइट कंपार्टमेंट नहीं हैं, वे एकदूसरे से संबंधित हैं. विवाह से पहले इन दोनों विषयों पर स्पष्ट रूप से बात करना जरूरी है क्योंकि लड़के के लिए आज उस का काम जितना आवश्यक है उतना ही लड़की के लिए भी है. अगर इस स्तर पर वे सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं तो मतभेद होना स्वाभाविक ही है.

‘‘आज से 20-25 साल पहले तक मातापिता बच्चों से पूछते तक नहीं थे कि वे क्या चाहते हैं क्योंकि माना जाता था कि विवाह एक समझौते का नाम है पर अब विवाह का अर्थ है दोनों का समान रूप से विकास. विवाह 100 प्रतिशत सामंजस्य का नाम है पर उस का अर्थ है एकदूसरे को जैसे वे हैं उसी रूप में स्वीकारना. अकसर जब काउंसलिंग के लिए लड़कालड़की आते हैं तो एक ही सवाल उन्हें परेशान करता है कि उन्हें कैसे पता चले कि सामने वाला उन के लिए कैसा है? वे साथी के बारे में भी विस्तार से जानने को इच्छुक होते हैं.’’

आज जब लड़कालड़की दोनों ही अपनी स्वतंत्र सोच रखते हैं और आत्मनिर्भर रहते हुए आत्मसम्मान के साथ जीवन बिताना चाहते हैं, ऐसे में प्रीमैरिज काउंसलिंग बहुत ही प्रभावी जरिया है.

प्रीमैरिज काउंसलिंग के दौरान घरपरिवार, नौकरी, उत्तरदायित्व और समझौतों पर तो बात होती ही है, सेक्स संबंधी समस्याओं को ले कर भी लड़कालड़की में अनेक सवाल होते हैं. अपोलो अस्पताल की वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. गीता चड्ढा का कहना है, ‘‘अगर लड़की वर्जिन होती है तो उसे हम सेक्स की जानकारी देते हैं कि किस तरह पतिपत्नी को शारीरिक रिश्ता कायम करना चाहिए. विवाह के बाद भी ऐसे युगल आते हैं जो कहते हैं कि वे महीनों बीत जाने पर भी शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पाए हैं. जिन लड़कियों का हाइमन किसी वजह से फट गया है, उस मामले में हम लड़के को समझाते हैं कि ऐसा खेलकूद के दौरान हो जाता है और आवश्यक नहीं कि प्रथम सहवास के दौरान लड़की को रक्तस्राव हो. जो युगल विवाह होते ही संतान नहीं चाहते हैं उन्हें हम विभिन्न गर्भनिरोधकों की जानकारी देते हैं. विवाह से पहले ही लड़की को गर्भनिरोधक पिल्स देना शुरू कर देते हैं ताकि विवाह के बाद वह तनावग्रस्त न रहे.

‘‘कई लड़कियां जो 30 वर्ष से अधिक की होती हैं, वे चाहती हैं कि संतान जल्दी हो जाए तो हम जांच करते हैं कि वे स्वस्थ हैं कि नहीं और विवाह के तुरंत बाद गर्भवती होना ठीक रहेगा या नहीं.

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विवाह से पूर्व यौनसंबंधों के बारे में स्वस्थ जानकारी होना नितांत आवश्यक है क्योंकि यह ऐसा संवेदनशील विषय है जिसे ले कर लड़कालड़की दोनों के मन में एक घबराहट रहती है.’’

वास्तविकता तो यह है कि बेशक प्रीमैरिज काउंसलिंग की अवधारणा पाश्चात्य सभ्यता की देन है पर हर समाज में इस की जरूरत है. खासकर भारत जैसे देश में जहां अभी भी विवाह को ले कर मांबाप और लड़केलड़कियों के मन में पूर्वाग्रह हैं. इस के द्वारा वह विवाह से पहले ही साथी की कमियों, खूबियों और उम्मीदों को समझ विवाह के बाद रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वह जान जाते हैं कि उन्हें विवाह के बाद किस स्तर पर और कितना सामंजस्य करना होगा.

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