‘धड़क’ एक्ट्रेस जाह्नवी को स्टार ईशान के साथ आईं नजर, देखें फोटोज…

बौलीवुड में फिल्म धड़क से डेब्यू करने वाले स्टार एक्टर ईशान खट्टर और जाह्नवी कपूर इन दिनों अपने रिलेशन की खबरों को लेकर खबरों में छाए हुए हैं. आए दिन दोनों एक्टर्स को साथ में क्वालिटी टाइम बिताते देखा जाता हैं, लेकिन अभी तक दोनों में से किसी ने भी अपने रिलेशन का खुलासा नही किया है. वहीं हाल ही में दोनों एक्टर्स ईशान और जाहन्वी को साथ में स्पौट किया गया. आइए दिखाते हैं उनकी साथ में वक्त बिताते कुछ खास तस्वीरें…

जिम के कपड़ों में नजर आए ईशान

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हाल ही में दोनों एक्टर्स को साथ में देखा गया, जहां इस दौरान ईशान को जिम के कपड़ों में नजर आए.

मीडिया को अनदेखा कर जल्दी में नजर आए ईशान

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जहां एक तरफ जाह्नवी चिल और रिलेक्स नजर आईं तो दूसरी तरफ ईशान जल्दी में मीडिया तो अनदेखा करते हुए नजर आए.

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ईशान देखती नजर आईं जाह्नवी कपूर

स्पौट होने के दौरान जाह्नवी जब तक अपनी गाड़ी के पास नहीं पहुंची, तब तक वह ईशान की ओर ही देखती हुईं नजर आईं.

फिल्म की स्क्रिप्ट के साथ स्पौट हुईं जानह्वी

 

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ईशान और जाह्नवी के साथ में स्पौट होने पर एक्ट्रेस जाह्नवी के हाथ में बुक की नजर आई, जिसे देखकर लग रहा था कि वह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट है.

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मीडिया फोटोग्राफर्स को देखकर स्माइल स्माइल देती नजर आईं जाह्नवी

जहां एक तरफ ईशान जल्दी में मीडिया को अनदेखा करते हुए दिखे वहीं जाह्नवी ने मीडिया फोटोग्राफर्स को देखकर पोज के साथ स्माइल देती हुई नजर आईं.

प्रैगनैंसी में करें ये डाइट फौलो

प्रैगनैंसी से लेकर लैक्टेशन के पीरियड तक मां अनेक शारीरिक और हारमोनल बदलावों से गुजरती है. ऐसे में अगर शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्त्व नहीं मिलते हैं तो उस का हैल्थ पर सीधा प्रभाव पड़ता है. जानिए, इस संबंध में डा. वंदना सी शर्मा, एमबीबीएस, एमडी, ओब्सटट्रिशियन ऐंड गाइनोकोलौजिस्ट, इंटीग्रेटेड वैलनैस कंसल्टैंट से:

जब हों गर्भवती

इस दौरान मां को अपनी सेहत के साथसाथ गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत भी सुनिश्चित करनी होती है. इस दौरान डाइट में इन चीजों का ध्यान रखें:

फौलिक ऐसिड: जितना हो सके विटामिन बी युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें. इस के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस, साबूत अनाज, दूध, नट्स ज्यादा मात्रा में लें. कई बार शरीर को इस की जितनी मात्रा की जरूरत होती है उस की पूर्ति इन खाद्यपदार्थों से नहीं हो पाती है, जिस के लिए फौलिक ऐसिड के टैबलेट दिए जाते हैं. खासकर प्रैगनैंसी के 3 से 6 महीने पहले से ये टैबलेट दिए जाते हैं.

कैल्सियम: कैल्सियम एक खनिज है, जिस के माध्यम से बच्चे की हड्डियां व दांत मजबूत होते हैं और अगर प्रैगनैंट वूमन इसे भरपूर मात्रा में नहीं लेती है तो बच्चे में इस की कमी रह जाती है. इसलिए इतने महत्त्वपूर्ण समय में हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन, टोफू, नट्स बगैरा खाना न भूलें.

प्रोटीन: प्रैगनैंसी के समय ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन रिच फूड लें, क्योंकि यह बच्चे के शरीर के जरूरी अंगों जैसे ब्रेन और हार्ट के निर्माण में सहायक होता है. इस के लिए आप बींस, मटर, अंडे, नट्स, टोफू को अपने खाने में शामिल करें.

लिक्विड: शरीर में पानी की कमी न होने दें. इस के लिए दिन में 2-3 बार नारियल पानी, पानी, फ्रैश जूस पीएं. इस से शरीर के हाइड्रेट रहने से ताजगी बनी रहती है.

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डेयरी प्रोडक्ट्स: इस समय आप दूध, दही, छाछ, पनीर आदि जितना हो सके लें, क्योंकि इन से शरीर को विटामिन बी-12, कैल्सियम, प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है.

नट्स: ओमेगा 3 फैटी ऐसिड व अन्य हैल्दी फैट्स के अच्छे स्रोत होने के कारण बच्चे के मस्तिष्क के विकास में काफी मददगार होते हैं. इसलिए बादाम व अखरोट खूब खाएं.

फ्रूट्स: मौसमी फल खाएं, क्योंकि इस से शरीर हाइड्रेट रहता है. बस ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा न खाएं.

गर्भावस्था में आयरन का महत्त्व

इन सभी पोषक तत्त्वों के साथ-साथ महिलाओं के लिए आयरन की सही मात्रा शरीर में बनाए रखना भी जरूरी है. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अपनी व गर्भ में पल रहे बच्चे की अच्छी सेहत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरनयुक्त डाइट लेनी चाहिए.

आइए, जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन का क्या महत्त्व है:

शरीर में आयरन की भूमिका: आयरन खून में हीमोग्लोबिन का सब से बड़ा धारक होता है, जो शरीर में औक्सीजन पहुंचाने के साथसाथ उसे ऊर्जा देने का भी काम करता है. यही नहीं यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और अगर इस की कमी हो जाती है तो हर समय कमजोरी, थकान बगैरा रहती है.

प्रैगनैंसी के दौरान निम्न तरह की समस्याएं पैदा होने का खतरा रहता है:

हीमोग्लोबिन के स्तर का कम होना: जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं होता है, तो हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने लगता है. हीमोग्लोबिन लाल रक्तकोशिकाओं में पाया जाता है, जो फेफड़ों के साथसाथ शरीर के विभिन्न अंगों तक भी औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. लेकिन आयरन की कमी के कारण इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है और थकान का एहसास होने लगता है.

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फौलेट की मात्रा पर असर: फौलेट एक विटामिन है, जो पोषण व आयरन युक्त खाने से आसानी से प्राप्त हो जाता है. यह नए सैल्स के साथसाथ हैल्दी ब्लड सैल्स को बनाने का भी काम करता है. लेकिन प्रैगनैंसी के दौरान ज्यादा फौलेट की जरूरत होती है जो खाने से पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है. ऐसे में डाक्टर की सलाह से आयरन सप्लिमैंट जैसे लिवोजिन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आयरन की कमी से बच्चे पर प्रभाव: वैसे तो प्रैगनैंसी के दौरान ऐनीमिया की कमी से हर महिला को जूझना पड़ता है, लेकिन जब यह कमी ज्यादा बढ़ जाती है तो अन्य समस्याएं भी ले कर आती है जैसे समय से पहले बच्चे का जन्म, बच्चे का वजन कम होना व उस का विकास धीमी गति से होना.

ऐसे करें आयरन की कमी पूरी

प्रैगनैंसी के दौरान आप जो भी खाएं वह पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर हो, खासकर उस में आयरन की मात्रा भरपूर हो. जानिए, आयरन रिच फूड के बारे में:

टूना फिश: यह स्वादिष्ठ होने के साथसाथ पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर होती है. इस में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होता है.

पालक: पालक आयरन का बेहतरीन स्रोत होने के साथसाथ यह खून की कमी को दूर करता है. इस में विटामिन सी भी बहुत अधिक मात्रा में होता है जो शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है.

रैड मीट: रैड मीट पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर होता है, साथ ही इस में प्रोटीन, जिंक और विटामिन बी भी पाया जाता है. शोधों के अनुसार, आयरन की कमी उन में नहीं होती जो मीट, मछली आदि खाते हैं.

ब्रोकली: ब्रोकली में आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है. ऐंटीऔक्सिडैंट से भरपूर होने के कारण यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है.

साबूत अनाज: खून की कमी को दूर करने के लिए साबूत अनाज को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें, क्योंकि इस में आयरन भरपूर मात्रा में होता है.

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लैक्टैटिंग मदर्स

गर्भवती महिला से अधिक दूध पिलाने वाली मां को ज्यादा पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है. उन के लिए जरूरी है कि वह दूध, दही, दलिया, पनीर, बादाम जरूर खाए. ध्यान रखें कि अकसर डिलिवरी के बाद महिलाएं घी वाले लड्डू, घी की चीजों का सेवन ज्यादा करती हैं. इस से बेहतर है कि आप ज्यादा से ज्यादा हैल्दी चीजें खाएं. थोड़ीथोड़ी देर में फ्रूट, सलाद खाती रहें.

Edited by Neelesh Singh Sisodia 

चिल्ड मैंगो चोको मूस

गरमी में अगर आपका भी कुछ ठंडा और टेस्टी पीने का मन है तो यह रेसिपी आपके काम की है. चिल्ड मैंगो चोको मूस बनाना आसान है. इसे आप दिन में या रात कभी भी अपना फैमिली और बच्चों को खिला सकते हैं.

हमें चाहिए

व्हीप्ड क्रीम 200 मिली

चौकलेट ट्रफल 75 ग्राम

पाउडर चीनी 2 बड़े चम्मच

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आम का गूदा 100 मिली

जिलेटिन 10 ग्राम

टौपिंग के लिए 6 मैंगो क्यूब्स + चोको चिप्स

पुदीने की पत्तियां टौपिंग के लिए

बनाने का तरीका

– डार्क व्हीप्ड क्रीम और मैंगो पल्प/प्यूरी का इस्तेमाल करके एक आम के क्रीम का पेस्ट तैयार करें.

– एक मोटी चौकलेट और चौकलेट क्रीम तैयार करें और दोनों पेस्ट में जिलेटिन मिलाएं.

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– लेयरिंग के लिए मोल्ड के नीचे स्पंज की परत बनाएं, पहले चौकलेट क्रीम लगाएं और फिर उसके ऊपर आम की क्रीम की एक परत बनाएं और आखिरी में डार्क चौकलेट की एक पतली लेयर बनाकर 2 घंटे के लिए फ्रिज में सेट करने के लिए रख दें.

– सर्व करने के लिए मूस को मनचाहे तरीके से काट लें और इसे चोको चिप और मैंगो क्यूब के साथ मिलाकर ताजा पुदीने की पत्तियों से गार्निश करें और अपनी फैमिली को परोसें.

Edited by Rosy

युवाओं को भी हो सकता है आर्थराइटिस का दर्द

कुछ दिनों तक वह अपनी तकलीफ नजरअंदाज करती रही. समय के साथ उस के हाथों और उंगलियों में सूजन आने लगी. डॉक्टर ने जांच के बाद पाया कि उसे रूमेटॉयड आर्थराइटिस (आरए) है. श्रुति को लगा कि उस के डौक्टर से शायद कोई गलती हुई है क्यों कि आर्थराइटिस होने के लिए उस की उम्र अभी बहुत ही कम है. वह अपने परिवार के कुछ ऐसे लोगों को जानती थी जो आर्थराइटिस से पीडि़त थे लेकिन उन में से किसी की भी उम्र 50 वर्ष से कम नहीं थी.

युवाओं में यह एक आम सोच है कि आर्थराइटिस बुजुर्गों की बीमारी है इसलिए उन में से अधिकांश अपनी हड्डियों की सेहत को ले कर सतर्क नहीं रहते हैं. उन्हें लगता है कि वे अभी यंग हैं. लेकिन अब लोगों को अपनी सोच बदलने का समय आ गया है. उन्हें यह मान लेना चाहिए कि आज के समय में युवाओं को भी किसी भी तरह की बीमारी हो सकती है. जरुरी है कि उस से दूर भागने की जगह समय रहते उपचार करवाएं.

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इस बात का भी ख्याल रखें कि अपनई सेहत अपने हांथों में ही होती है. समयसमय पर जांच और शरीर की देखभाग हर तरह की समस्याओं से बचा सकती है. मूल रूप से ओस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का ही एक रूप है जो कि उम्र के बढऩे पर अधिक पाई जाती है लेकिन रूमेटॉयड आर्थराइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है.

सच तो यह है कि आर्थराइटिस से पीड़ित युवाओं की संख्या में अचानक ही काफी तेजी आ गई है. यह परेशानी खासकर ऑफिस जाने वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है. वे अक्सर जोड़ों के दर्द, सूजन या कड़ेपन की शिकायत करते हैं. इस के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सब से बड़ा कारण है गलत जीवनशैली और कमजोर डाइट. आज के युवा न तो व्यायाम में दिलचस्पी लेते है और न ही उन में खानपान की स्वस्थ आदत का विकास हो पाता है.

क्या है रूमेटौयड आर्थराइटिस

रूमेटौयड आर्थराइटिस एक औटोइम्यून बीमारी है जिस में आप का इम्यून सिस्टम अत्यधिक सक्रिय हो जाता है और आप के शरीर के अंदरूनी जोड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है. यह आप को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है. इस के सामान्य लक्षणों में शामिल है जोड़ों में सूजन, सुबह उठने पर उन में कड़ापन, दर्द जो खत्म नहीं होता-या कई हफ्तों तक बना रहता है आदि. हालांकि इस बीमारी से लडऩे के कई तरीके हैं. इस सन्दर्भ में सेंटर फॉर नी एंड हिप केयर ,गाजियाबाद के डॉ. अखिलेश यादव बचाव के कुछ उपाय बताते हैं;

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हड्डियों को बनाएं मजबूत – हड्डियों की सेहत के लिए सुबह की धूप लेना महत्वपूर्ण है. ज्यादातर युवा जिन का अधिकांश समय कार या ऑफिस के अंदर बीतता है, उन्हें सुबह के समय थोड़ी देर धूप में जरूर बिताना चाहिए. साथ ही उन्हें सेहतमंद जीवनशैली जीने पर जोर देना चाहिए जैसे नियमित रूप से जिम जाना, उछलकूद वाले खेलों में हिस्सा लेना, जॉगिंग, स्वीमिंग, टेनिस खेलना आदि. इस से जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां मजबूत बनी रहती हैं.

हौबी आधारित शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए जैसे डांसिंग, एरोबिक्स, योगा, और टहलना आदि, क्यों कि हड्डियों को दबाव की जरूरत होती है जिस के लिए ये तरीके लाभदायक साबित होते हैं.हर दिन कम से कम दो घंटे अपने पैरों पर थोड़ा दबाव जरूर डालें. आर्थराइटिस के कई मरीजों को ऐसा लगता है कि वे अपने पसंद की काम नहीं कर सकते, जैसे दौडऩा, तेज गति वाले खेल, लेकिन सही इलाज के साथ लोग इस तरह की गतिविधियों के भी लाभ उठा सकते हैं.

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आर्थराइटिस से बचाव के उपाय

  • आर्थराइटिस के प्रभाव को कम करने के लिए युवाओं को अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए.
  • औफिस में घंटों एक जगह बैठ कर या खड़े हो कर काम करने वाले लोगों को हर आधे घंटे पर 5 मिनट का ब्रेक ले कर हांथों और पैरों को स्ट्रेच करना चाहिए.
  • धूम्रपान, उचित रूप से भोजन न करना, शराब पीने जैसी अस्वस्थकर आदतें हड्डियों की कार्यप्रणाली पर विपरीत प्रभाव डालते हैं और इस से उन लोगों में आरए होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इन आदतों को सुधारें.
  • प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ लें, जिस में वसा की मात्रा कम हो और पर्याप्त मात्रा में खनिज हों.
  • जंक फूड खाने से बचना चाहिए क्यों कि इस से केवल वजन बढ़ता है.
  • यदि किसी को बचपन में मिरगी की समस्या रही हो तो उन के शरीर में कैल्शियम का अवशोषण होने में परेशानी होती है. इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें.
  • यदि आप के पैरों में एक हफ्ते से अधिक दर्द या कड़ापन महसूस हो तो देर न करें और तुरंत ही रूमेटोलॉजिस्ट से सलाह लें. यदि जरूरत होगी तो वे आप को ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देंगे.

Edited by – Neelesh Singh Sisodia 

भामला फाउंडेशन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस का जश्न

भारत में प्रदूषित हवा का मसला धूम्रपानउच्च रक्तचापबाल एवं माताओं में कुपोषण और डायबिटीज के लिए कारक तथ्यों से भी गंभीर मसला है. शहरों में उत्सर्जन की मात्रा की सबसे बड़ी वजह वाहन और उद्योग हैं जबकि ग्रामीण इलाकों में खाना बनाने और खुद को गर्म रखने के लिए  इस्तेमाल की जानेवाली प्राकृतिक वस्तुएं होती हैं. गर्मियों और सर्दियों के मौसम में खराब फसलों को मशीनी उपायों से हटाने की बजाय उन्हें जलाया जाता है जो किसानों के लिए किफायती विकल्प होता है। यही धुएं और स्मोक की बड़ी वजह साबित होती है. प्रदूषित हवा ह्रदयाघातएलर्जी की वजहब्रोंकाइटिसअस्थमा जैसी बीमारियां सालाना 20 लाख लोगों को समय से पहले मौत के घाट उतार देती है. इससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा होती है जिसमें डिप्रेशन का भी शुमार है. प्रदूषित हवा दुनिया की एक विकराल समस्या के रूप में सामने आयी है. जानवर भी इससे अछूते नहीं है. प्रदूषित हवाओं और जहरीली गैस को सांस के रूप में लेने से लाखों जानवर हर साल अपनी जान‌ गंवा देते है.

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भारत में विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम का आयोजन भामला फाउंडेशन ने पर्यावरण मंत्रालय और  संयुक्त राष्ट्र संगठन के सहयोग से आयोजित किया. इस साल आयोजित कार्यक्रम की थीम ‘बीट द एयर‘ थी जिसके तहत पूरा देश हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने का बीड़ा उठाया गया है.

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भामला फाउंडेशन अपने पर्यावरणीय पहल के तहत प्रदूषित हवा की समस्या से निपटने के लिए हमेशा से प्रयासरत रहे है. भामला फाउंडेशन की ये कोशिश संयुक्त राष्ट्र संगठन की ‘बीट द एयर‘ के मुताबिक है. #BeatPlasticPollution गाने की संकल्पना‌ करनेवाले आसिफ भामला अब एक और गाने #HawaAaneDe को पेश किया है. इस संगीतमय कैंपेन में उन्होंने बौलीवुड की कई हस्तियों और प्रभावशाली लोगों को जोड़ा और इसे एक सफल कैंपेन में तब्दील किया. इस पहल में उनका साथ दिया स्वानंद किरकिरेशान और राजकुमार राव जैसी कई हस्तियों ने.

आसिफ भामला ने भामला फ़ाउंडेशन के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए पौधारोपण अभियान चलाया और संजय दत्त के हाथों पेपर बैग बनवाकर इस अभियान को लोकप्रिय बनाने का प्रयत्न भी किया.

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भामला फाउंडेशन के आसिफ भामला,  मेराज  हुसैन और  सेहर  भामला के अलावायुवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरेसोनू सूदजैकी श्रॉफशानसोफीआ चौधरीमनीष पॉलकरनवीर बोहराअनु मलिकश्याम डावरविवेक गोयनकाएमिवे बंटाय , मधुर भंडारकरमिलिंद देवड़ाआशीष शेलारसचिन भाऊ अहीरअशोक कपूरपरमीत सेठी और अर्चना पूरन सिंहएडगार्ड कगन (यूएसए के कंसर्ट जनरल)आलोक कुमार चौधरी (एसबीआई के)स्वानंद किरकिरे और फिल्मसामाजिकराजनीतिकव्यापार क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से बांद्रा के कार्टर रोड के एम्पिथियेटर में आयोजित पर्यावरण दिवस के जश्न को और हसीन बना दिया। मेराज हुसैन और रूबी भाटिया ने मिलकर इस समारोह का संचालन किया.

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पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के प्रति अपनी अपनी ज़िम्मेदारियों का एहसास कराते हुए अक्षय कुमार ने कहा, “हम सब जानते हैं कि किस तरह से प्रदूषित हवा हमें नुकसान पहुंचाती है. ये एक अजन्मे बच्चे से लेकर स्कूल के लिए पैदल जानेवाले बच्चेखुले में आग में खाना पकाने वाली सभी महिलाओं के लिए भी बेहद ख़तरनाक है. याद‌ रखें कि स्वच्छ हवा आपका जन्मसिद्ध अधिकार है. चल, #HawaAaneDe।”

विक्की कौशल ने कहा, “स्वच्छ हवा हर इंसान का बुनियादी हक़ है.चलिए मिलकर हम प्रण करें कि हम अपने जीवन और देश को प्रदूषण से मुक्त करेंगे.”

राजकुमार राव ने कहा, “मुझे फ़्रक है कि पर्यावरण मंत्रालयसंयुक्त राष्ट्र संगठनभामला फ़ाउंडेशन और एसबीआई द्वारा की गयी इस पहल का मैं भी एक हिस्सा हूं. स्वच्छ हवा प्रकृति की सबसे बड़ी देन है मगर हमने‌ इसे ख़राब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वक्त आ गया है कि हम इस मसले को संजीदा तरीके से लें.”

शान ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र संगठन के लक्ष्य के मुताबिक हम सिर्फ़ युवाओं को पर्यावरण से संबंधित शिक्षा नहीं दे रहे हैंबल्कि ये संदेश हर किसी के लिए है.”

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बांद्रा पश्चिम से ताल्लुक रखने वाले विधायक आशीष शेलार ने इस मसले पर अपनी राय रखते हुए कहा, ” हम इस दुनिया में पिन से लेकर प्लेन तक सभी कुछ बना सकते हैं मगर प्राकृतिक तरीके से ऑक्सीज़न बनाने का कोई औज़ार हमारे पास नहीं है. प्राकृतिक ऑक्सीजन का निर्माण सिर्फ़ हरे-भरे पौधे लगाने से होता है. ऐसे में हमें आक्रामक तरीके से अधिक से अधिक मात्रा में पौधारोपण करना चाहिए.”

शंकर महादेवन ने कहा, “प्रदूषण एक ऐसी लाइलाज बीमारी में तब्दील होती जा रही है जिसके बारे में सोचना बेहद ज़रूरी हो गया है. हमारे द्वारा लाई जानेवाली छोटी-छोटी तब्दीलियां एक दिन बहुत बड़ा बदलाव लायेंगी.” ग़ौरतलब है कि भामला फ़ाउंडेशन और पर्यावरण मंत्रालय की इस पहल के लिए आयुष्मान खुराना और जाह्नवी कपूर ने भी अपने संदेश रिकॉर्ड कराये हैं.

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उल्लेखनीय है जैसे जैसे ये वीडियो मशहूर होता जायेगाइस आंदोलन को और गति मिलेगी और बड़ी तादाद में लोग इससे जुड़ते जायेंगे. #HawaAaneDe ये गाना और इस पूरे अभियान को भामला फ़ाउंडेशन ने पर्यावरण मंत्रालयसंयुक्त राष्ट्र संगठन और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने मिलकर तैयार किया है. जैसे-जैसे आप तबाही का मंजर करीब आते देख रहे हैंवैसे वैसे आपको इस बात का एहसास होगा कि ये एक सिद्धांत प्रधान हक़ीकत है. ग्लोबल वार्मिंग को लेकर हर चेतावनी जैसे सही साबित होती जा रही है. अगर इंसान ने आने वाले सालों में अपने जीवनयापन में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं किया तो पर्यावरण को स्थायी नुकसान से कोई नहीं रोक सकता है.

इस संबंध में भामला फ़ाउंडेशन के आसिफ़ भामला कहते हैं, “मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और फिल्म इंडस्ट्री की तमाम शख़्सियतों ने भामला फ़ाउंडेशन की इस अनोखी पहल में अपना सहयोग और योगदान दिया ताक़ि हमारे बच्चें स्वच्छ हवा में सांस लें सकें। अब समय आ गया है कि हम पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ करेंइससे पहले कि यही हवा जिसमें हम सांस लेते हैंजानलेवा बन जाये और मानव जाति को पूरी तरह से लील जाये.”

विश्व पर्यावरण दिवस: शिक्षक ज्ञान नहीं देता, करके भी दिखाता है

आज सुबह जब मैं रनिंग के लिए टाउन पार्क गया तो देखा कि 4-5 स्कूली बच्चे कुछ पोस्टर लिए वाकिंग ट्रेक पर चल रहे थे. सब से आगे चल रहा बच्चा गिटार पर कोई धुन बजा रहा था.

वे पोस्टर ‘पर्यावरण बचाओ’ से जुड़े थे जिन में लोगों को प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करने और इस से धरती को होने वाले संभावित खतरों के बारे में बताया गया था. फिर याद आया कि देश आज ईद की छुट्टी तो मना रहा है पर यह भूल गया है कि आज ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ भी है.

उन बच्चों के साथ एक टीचर भी थीं जो अपने होनहारों के साथ जनता में पर्यावरण को ले कर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही थीं. फरीदाबाद के एसओएस हर्मन्न ग्मेंएर स्कूल में एकॉनोमिक्स की उन टीचर गुरजीत कौर ने बताया, “आज पर्यावरण दिवस पर हमारी यह छोटी सी पहल है जिस में हम लोगों को आने वाले समय में पर्यावरण से जुड़े खतरों से आगाह करना चाहते हैं. इस में प्लास्टिक से बनी चीजों का सब से अहम रोल होगा और अगर लोग कम से कम एक पेड़ लगाएं और एक दिन के लिए ही सही प्लास्टिक से बनी चीजों को न इस्तेमाल करें तो हमारी इस मुहिम को बल मिलेगा.

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“हम लोगों को यहांवहां कूड़ा फेंकने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताना चाहते हैं कि इस से हमारा शहर तो गंदा होता ही है, नई पीढ़ी को भी हम अच्छी सीख नहीं दे पाते हैं.

“अगर हम सब यह सोच मन में बैठा लेंगे कि बिजली और पानी हमारे लिए अनमोल हैं और इन्हें ज्यादा से ज्यादा समय तक बनाए और बचाए रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है तो हम नई पीढ़ी को बहुतकुछ दे पाएंगे.”

16 साल के आदित्य नौटियाल को अपने भविष्य की चिंता है. डायनेस्टी स्कूल के 11वीं क्लास के छात्र का मानना है, “हर मातापिता यह कहते हैं कि वे अपने बच्चों से सब से ज्यादा प्यार करते हैं पर वे ही प्राकृतिक संसाधनों का बिना सोचेसमझे दोहन कर रहे हैं, धरती को नुकसान पहुंचा रहे हैं, फिर वे कैसे कह सकते हैं कि अपने बच्चों से सब से ज्यादा प्यार करते हैं जबकि आने वाले समय में उन के बच्चों को ही पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का सब से ज्यादा सामना करना पड़ेगा.

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“आज मैं 16 साल का हूं और जब मैं 25 साल का हो जाऊंगा तो मैं कभी नहीं चाहूंगा कि दूषित हवा में सांस लूं या दूषित पानी का सेवन करूं. आज की यह जागरूकता मैं अपने कल के लिए फैला रहा हूं.”

एसओएस हर्मन्न ग्मेंएर स्कूल में 12वीं क्लास के लखन का कहना था,”आज से 10-12 साल बाद पर्यावरण की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी. गरमी इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी कि कहींकहीं पर पारा 55 डिगरी से भी ऊपर चला जाएगा. अगर हम आज से ही ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सोचेंगे तो आगे जीने के लिए उम्मीद की कोई किरण दिखेगी.”

इसी स्कूल के 11वीं क्लास के कमल की चिंता है, “अगर इसी तरह हम जंगलों को काटते रहेंगे, पानी को बरबाद करेंगे तो भविष्य में हम खुद ऐसी मुसीबतों में घिर जाएंगे जो हमारी धरती के लिए खतरे की वजह बन जाएंगी. अगर हमें अपना और अपनी आने वाली पीढ़ियों का सोचना है तो आज से ही पर्यावरण को बचाने की कोशिश करनी होगी.”

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इन बच्चों और इन की टीचर की चिंता जायज है क्योंकि अपनी नासमझी और लालच का पत्थर हम सब ने इतनी जोर से आसमान में उछाला है कि ओजोन परत में ही छेद कर दिया है, जिस से धरती का तापमान बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. इस के बावजूद हम सिर्फ अपने बारे में सोच रहे हैं, जो खतरे की बड़ी घंटी है. समय रहते चेत जाने में ही भलाई है इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाइए, प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें और पानी को बचाएं. अपनी नहीं तो इन छात्रों की खातिर ही सही.

Edited by Rosy

फिल्म छडा में दिखेगी  दिलजीत दोसांझ और सोनम बाजवा की जोड़ी

कुछ समय पहले हमने दिलजीत और सोनम की फोटो  को अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक साथ देखा था और यहां तक कि एक वीडियो को भी देखा था, जिसे दिलजीत ने पोस्ट किया था, लेकिन हमें तब यह  नहीं पता था कि इसका मतलब  क्या है !
आज फिल्म छडा के नवीनतम गीत के साथ, दिलजीत दोसांझ और सोनम बाजवा के सस्पेंस का आखिरकार पता चल ही गया ,  दिलजीत दोसांझ और नीरू बाजवा के साथ इस फिल्म में सोनम बाजवा भी शामिल हैं ! हाल ही में जारी किये गए पोस्टर और गीत से इसका अंदाजा लगा सकते है कि यह जोड़ी कितनी हॉट लग रही है और स्क्रीन में धूम मचने के लिए तैयार है ।
गीत में हम दिलजीत को अपनी माँ से यह कहते हुए देख रहे हैं की सोनम बाजवा उसकी बहू है और गीत शुरू होता है, इसलिए सोनम बाजवा इस फिल्म में क्या भूमिका निभा रही है यह जानने के लिए हमें इंतजार  करना होगा और देखना होगा कि जब यह फिल्म रिलीज होती है, तो स्क्रीन पर क्या होता है.
दिलजीत दोसांझ और सोनम बाजवा ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म पंजाब 1984 में एक साथ काम किया है, केसरी के निर्देशक अनुराग सिंह के लिए सुपर सिंह और सोनम ने दिलजीत दोसांझ की फिल्म सरदारजी में ब्लौकबस्टर गीत वीरवार में भी अभिनय किया था, जिसमें संयोग से नीरू बाजवा भी थी.
ऐसा लगता है कि सरदारजी तिकड़ी फिर से एक फिल्म में वापस आ गई है और गर्मियों के ऋतु में बौक्स औफिस  पर एक बार फिर आग लगाने के लिए तैयार है, जैसे उन्होंने फिल्म सरदारजी रिलीज के वक्त किया था. फिल्म जगदीप सिद्धू द्वारा लिखित और निर्देशित है. अतुल भल्ला, अमित भल्ला, अनुराग सिंह, अमन गिल और पवन गिल द्वारा निर्मित, छडा  21 जून २०१९ को दुनिया भर में रिलीज होगी.

मैंगो हेयर पैक: बाल होंगे हेल्दी

कई बार गलत खानपान या प्रदूषण की वजह से भी आपके बाल पतले हो जाते हैं और तेजी से बाल गिरने लगते हैं. पर इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपको मैंगो हेयर पैक के बारे में बताते है, जिसे आप इस्तेमाल कर बालों को हेल्दी बना सकती हैं.

आइये जानते हैं इसको बनाने का तरीका.

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सामग्री

आम ( आवश्कतानुसार)

दही (1 स्पून)

बादाम का तेल (1 स्पून)

पानी ( कम मात्रा में)

बनाने की विधि

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  • आम छील कर उसके पल्‍प को निकाल लें और उसका पेस्‍ट बना लें.
  • उसमें थोड़ी दही और 1 चम्‍मच बादाम तेल मिक्‍स करें.
  • इस पैक को सिर पर लगाएं और सूखने दें. (लगभग 30 मिनट)
  • फिर इसे सादे पानी से धो लें.

आम में विटामिन ए और सी होने के साथ ही कई अन्‍य पोषण होते हैं, जो बालों को पोषण पहुंचाते हैं. आम बालों तथा त्‍वचा दोनों के लिये अच्‍छा होता है. यह बालों को प्राकृतिक शाइन देता है तथा जड़ से मजबूत बनाता है. इसके अलावा दही तथा मेथी के दाने भी बालों को मजबूत बनाता है.

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सुपर 30: रितिक की वजह से इस एक्टर ने लिया था यह बडा फेैसला

‘‘चिटगॉंव’’, ‘‘रंगरेज’’, ‘‘गैंग आफ घोस्ट’’,‘‘पिंक’’,‘‘मानसून शूटआउट’’सहित कुछ फिल्मों अति महत्वपूर्ण किरदार निभाने के अलावा कुछ समय पहले प्रदर्शित फिल्म ‘‘गली ब्वाय’’में वह मोईन भाई के किरदार में जबरदस्त शोहरत बटोर चुके हैं.

मगर अब वह विकास बहल निर्देशित फिल्म ‘‘सुपर 30’ में ’कैमिेयो करते नजर आने वाले हैं. इससे लोग आश्चर्य चकित हैं. जबकि इस फिल्म को लेकर विजय वर्मा अति उत्साहित हैं. वास्तव में विजय वर्मा ,अभिनेता रितिक रोशन के जबरदस्त फैन हैं.उन्हे लगा कि इस फिल्म का हिस्सा बनकर वह रितिक रोशन के अलावा पंकज त्रिपाठी के साथ कुछ समय बिता सकेंगे.

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खुद विजय वर्मा कहते हैं- ‘‘मैं अपने किरदार के संबंध में फिलहाल कुछ नहीं बता सकता. पर जब मैंने फिल्म ‘सुपर 30’ की कहानी सुनी और आनंद सर के बारे में जानकारी मिली, जिन्होने कईयों का जीवन बदला है, तो मुझे लगा कि ऐसी कहानी का हिस्सा होना चाहिए. सोने पे सुहागा यह हुआ कि मुझे बताया गया कि इसमें रितिक रेाशन व पंकज त्रिपाठी भी हैं.

मैं तो रितिक रोशन का प्रशंसक हूं. बस उसी वक्त मैने इस फिल्म का हिस्सा बनना तय कर लिया. फिर मैंने यह नही सोचा कि मेरे किरदार की लंबाई क्या होगी? यह कैमियो है या नहीं.’’

Edited by Rosy

भारत फिल्म रिव्यू: सलमान खान के फैन्स को पसंद आएगी फिल्म

फिल्म रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः अतुल अग्निहोत्री,अल्विरा खान अग्निहोत्री,भूषण कुमार,किशन कुमार व निखिल नमित

निर्देशकः अली अब्बास जफर

पटकथा व संवाद लेखकः अली अब्बास जफर व वरूण वी शर्मा

संगीतकारःविशाल शेखर

कैमरामैनः मार्सिन लास्कावी

कलाकारः सलमान खान,जैकी श्राफ, कटरीना कैफ,दिशा पटनी,सुनिल ग्रोवर, सोनाली कुलकर्णी,तब्बू,सतीश कौशिक,ब्रजेंद्र काला,मुश्ताक खान, आसिफ शेख,नोरा फतेही,मानव विज,शशांक अरोड़ा व अन्य.

अवधिः 2 घंटे 47 मिनट

2014 की दक्षिण कोरिया की सर्वाधिक सफल फिल्म ‘ओडे टू माई फादर’ के अधिकार खरीदकर फिल्मकार उसका भारतीयकरण करते हुए फिल्म ‘भारत’ लेकर आए हैं. फिल्म में एक बेटा अपने पिता के आदेश का पालन करने के लिए किस तरह अपनी जिंदगी के 62 साल जीता है, उसकी कहानी है. फिल्मकार व सलमान खान का दावा है कि यह फिल्म भारत की आजादी से 2010 तक की आम इंसान भारत की यात्रा है.‘सुल्तान’और‘ टाइगर जिंदा है’ जैसी सफल फिल्म देने वाले अली अब्बास जफर ‘भारत’ में मात खा गए हैं. कोरियन फिल्म ‘ओडे टू माई फादर’ में अपने अनुपस्थित पिता को निराश न करने के लिए असाधारण चुनौतियों का सामना करने के लिए खड़े एक बेटे की कथा बयां की गयी हैं, मगर ‘भारत’ में सब कुछ गडमड है.

कहानीः

फिल्म शुरू होती है 2010 में दिल्ली के किसी इलाके में स्थित दुकान ‘हिंद राशन स्टोर’से.कुछ भवन निर्माता इस दुकान को खरीदकर उस इलाके में माल खड़ा करना चाहते हैं. मगर भारत (सलमान खान) अपनी दुकान नहीं बेचना चाहते. उसके बाद वह 15 अगस्त को अपना सत्तरवां जन्मदिन मनाने के लिए पूरे परिवार के साथ अटारी रेलवे स्टेशन जाते हैं, जहां पर वह परिवार के बच्चों को अपनी कहानी सुनाते हैं. तब कहानी 1947 में पाकिस्तान स्थिति लाहौर के पास मीरपुर से शुरू होती है. मीरपुर रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर (जैकी श्रौफ) के दो बेटे आठ साल के भारत व तथा दो बेटियां गुड़िया व महक है. 14 अगस्त 1947 को देश के बंटवारे के साथ भड़के खूनी दंगों के चलते स्टेशन मास्टर अपना सामान बांध कर पूरे परिवार के साथ भारत लौटने के लिए ट्रेन पकडने की कोशिश करते हैं. वह पत्नी, एक बेटे व बेटी महक को लेकर वह ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं. पर ट्रेन की छत पर चढ़ते समय आठ साल के भारत के हाथ से उसकी बहन गुड़िया का हाथ छूट जाता है और वह नीचे गिर जाती है. भारत के पिता अपनी बेटी गुड़िया को लेने के लिए नीचे उतरते हैं और ट्रेन चल देती है. तब भारत के पिता भारत से कहते हैं कि वह दिल्ली में अपनी बुआ की दुकान ‘हिंद राशन स्टोर’पर जाए.व एक दिन उसी दुकान पर आएंगे,तब तक वह अपने पूरे परिवार को बांध कर रखे.भारत अपने पिता की इस बात को गॉंठ बांध लेता है.

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दिल्ली में बुआ की दुकान पर भारत, उसकी मां व छोटे भाई बहन को शरण मिल जाती है. पर उसे पता चलता है कि आर्थिक हालात अच्छे नहीं है. उसके फूफा दिन में भी दुकान पर बैठकर शराब पीते रहते हैं. भारत की मां (सोनाली कुलकर्णी) सिलाई का काम करना शुरू करती है. भारत भी पैसा कमाना चाहता है. रिफ्यूजी कैंप के पास उसकी दोस्ती अपनी हम उम्र बिलायत खान से हो जाती है. दोनों मशहूर ‘द गे्रट रशियन सर्कस’ देखकर उसमें काम करने लगते हैं. सर्कस में काम करते हुए भारत (सलमान खान) व बिलायती खान (सुनील ग्रोवर) युवा हो जाते हैं. भारत सर्कस में मौत का कुंआ खेल में खतरनाक मोटर बाइक स्टंट करते हैं. एक दिन इसी खेल के दौरान छोटू अपना पैर टुड़वा बैठता है. तब भारत व बिलायत खान सर्कस को अलविदा कह देते हैं. भारत से पे्रम करने वाली राधा (दिशा पटनी) भी उसे नहीं रोकती.

फिर दोनों को पता चलता है कि सउदी अरब में तेल मिला है और वहां के लिए 90 मजदूरों की भर्ती की जा रही है. भारत व बिलायती खान को कुमुद रैना (कटरीना कैफ) नौकरी दे देती हैं. सउदी अरब में काम के दौरान ही कई घटनाक्रम घटित होते है. भारत की बहादुरी और बात करने के तरीके से प्रभावित होकर कुमुद रैना सरेआम घोषणा करती है कि वह भारत से प्यार करती है और शादी करना चाहती है. भारत, कुमुद को अपनी कहानी सुनाते हुए यह कह कर शादी करने से इंकार कर देता है कि वह अपने पिता के वचन को पूरा करने के बीच में किसी को आने नही देना चाहता. कुमुद को दुःख होता है, पर प्रभावित होती है.

सउदी अरब से वापस लौटते ही भारत अपनी छोटी बहन महक की शादी उसकी पसंद के लड़के से करता है.शादी के दिन ही कुमुद उसके घर पहुंच जाती है और भारत की मां से सारी बात बताकर भारत के साथ बिना शादी किए रहने की इजाजत हासिल कर लेती हैं. इसी बीच कुमुद को दूरदर्शन पर समाचार पढ़ने की नौकरी मिल जाती है.

इसी बीच भारत की बुआ का देहांत हो जाता है.भारत व विलायत पढ़ाईकर हाईस्कूल पास करते हैं.भारत को रेलवे में नौकरी मिलती है. पर तभी भारत के लिए बुआ की दुकान ‘ हिंद राशन स्टोर’ खरीदना जरुरी हो जाता है. क्योंकि उसे यकीन है कि उसके पिता एक न एक दिन ही आएंगे. इसलिए भारत और बिलायत खान मालवाहक जहाज पर मैकेनिक की नौकरी करने लगते हैं. जहां वह समुद्री लुटेरों पर विजय हासिल करते हैं. वहीं एक विदेशी से बिलायती खान शादी कर लेते हैं. वापस आकर ‘हिंद राशन स्टोर’ खरीद लेते हैं.

तभी जीटीवी की शुरूआत होती है और कुमुद रैना को क्रिएटिब डायरेक्टर की नौकरी मिल जाती है.1947 में भारत व पाकिस्तान के बिछुड़ों को मिलवाने के लिए ‘मेरे अपने’ कार्यक्रम करती है. इसी कार्यक्रम में भारत अपनी बहन गुड़िया (तब्बू) से मिलता है, जो कि अब लंदन में रह रही है.

इस बीच घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. जहां पर भारत की दुकान है, उस पूरे बाजार को तोड़कर मौल बनाने के लिए बिल्डर साजिश रचता है. कुछ गुडों से 70 साल की उम्र में भारत को मारा मारी भी करनी पड़ती है. अंत में महक के पति की बात सुनने के बाद भारत को लगता है कि हर किसी के विकास के लिए दुकान का मोह छोड़ना चाहिए. फिर वह अपने पिता से माफी मांगता है कि वह जहां भी हो खुश रहें. और खुद अपने हाथों दुकान को तोड़ना शुरू करता है.

लेखन व निर्देशनः

किसी विदेशी सफलतम फिल्म का भारतीयकरण करते हुए कितनी बुरी फिल्म बनायी जा सकती है,उसका उदाहरण है फिल्म‘‘भारत’’.इसमें जिस तरह से भारतीय इतिहास के घटनाक्रमों को पिराया है,उससे फिल्मकार की नीयत पर कई सवाल उठते हैं.यह फिल्म कहीं से भी एक आम भारतीय की यात्रा नहीं लगती.फिल्म की शुरूआत के पहले दृश्य से ही सलमान खान सुपर हीरो के रूप में ही नजर आते हैं.फिल्म 1947 से 2010 तक के भारतीय इतिहास की झलकपेश करती है,पर कुछ भी सार्थक बात नही कहती.पूरी फिल्म देखकर एक ही बात समझ में आती है कि यह एक खास परिवार व राजनीतिक दल का अपरोक्ष रूप से  महिमा मंडन करने के लिए बनी है.फिल्म में दृश्य है कि भारत की बहन महक को जवाहर लाल नेहरु पति के रूप चाहिए.फिर पं.जवाहर लाल नेहरु की मृत्यू पर भारत व उसके परिवार का गमगीन होना,वित्त मंत्री के रूप में डॉं.मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधार कार्यक्रम के चलते जीटीवी की ुशुरूआत जैसे कई घटनाक्रमों का चित्रण है.फिल्म देखकर यह अहसास होता है कि लेखक द्वय अली अब्बास जफर और वरूण शर्मा हमारे अपने देश के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाक्रमों से अनभिज्ञ हैं.

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फिल्मकार इस मूल मुद्दे से भी भटक गए कि भारत के पिता ने उसका नाम भारत क्यों रखा था? भारत के नाम के साथ ‘सरनेम’ क्यों नहीं लगाया?यदि फिल्मकार इस मुद्दे को ध्यान मे रखकर एक आम भारतीय की यात्रा को चित्रित करते तो फिर 1975 का आपातकाल, 1984 के सिख दंगे,‘मंडल कमीशन’, ‘कमंडल’,बाबारी मस्जिद विध्वंश,राम मंदिर,मंुबई दंगे सहित कई ज्वलंत ऐतिहासिक घटनाक्रमों को नजरंदाज न कर पाते.‘मंडल कमीशन’के ही चलते नौकरी पाने में इंसान के नाम की नहीं ‘सरनेम’की महत्ता बढ़ी.कुल मिलाकर फिल्मकार ने अपनी सुविधा नुसार ऐतिहासिक घटनाक्रमों का चयन किया है,परिणामतः वह विषयवस्तु के साथ न्याय नहीं कर पाए.छद्म देशभक्ति से ओतप्रोत इस फिल्म के एक दृश्य में भारत अपने साथियों के साथ पूरा राष्ट्गान गाते हैं.तो क्या लेखकद्वय अली अब्बास जफर व वरूण शर्मा देश के ऐतिहासिक घटनाक्रमो से पूरी तरह से अनभिज्ञ है.

पूरी फिल्म में ‘‘मेरे अपने’’का 15 से 20 मिनट का दृश्य बेहतरीन दृश्य कहा जा सकता है. यह दृश्य दर्शकों के दिलों को छूता है. फिल्म के क्लायमेक्स को बेहतर बनाया जा सकता था. फिल्म में सर्कस का पूरा दृश्य, माल वाहक जहाज के दृश्य जबरन ठूंसकर फिल्म को बेवजह लंबा किया गया है.फिल्म में कुछ गाने भी जबरन ठूंसे गए हैं. जब हम फिल्म में किसी कालखंड का चित्रण करते हैं, तो उस कालखंड के परिवेश, वेशभूषा आदि पर भी काफी ध्यान देना पड़ता है, मगर यहां फिल्मकार ने इन बातों पर कोई तवज्जो नही दी.

निर्देशक के तौर पर अली अब्बास जफर ने दर्शकों को चमक दमक और भव्यसेट से मोहित करने का असफल प्रयास किया है. फिल्म में भारत व उनकी मां के बीच कोई इमोशनल दृश्य नहीं है.

अभिनयः

जहां तक अभिनय का सवाल है तो सलमान खान काफी बंधे हुए नजर आते हैं. उनका अभिनय थका हुआ है.हर दृश्य में उनका सपाट चेहरा ही नजर आता है.सत्तर साल की उम्र के किरदार में तो वह कुछ ज्यादा ही निराश करते हैं.भारत के दोस्त विलायती खान के किरदार में सुनील ग्रोवर ने खुलकर अभिनय किया है.सुनील ग्रोवर ने जता दिया कि वह हर इमोशन के साथ खेलने में माहिर हैं. उनकी जितनी तारीफ की जाए कम ळै.कुमुद रैना के किरदार में कटरीना कैफ प्रभावित नही करती. वह सिर्फ खूबसूरत लगी हैं.उनकी अभिनय प्रतिभा से हर दर्शक प्रभावित होता है. जैकी श्राफ, तब्बू,ब्रजेंद्र काला, सोनाली कुलकर्णी,शशांक अरोड़ा, आसिफ शेख जैसे कई कलाकारों की प्रतिभा को जाया किया गया है. सलमान खान के प्रशंसक इसे जरुर देखना चाहेंगे.

Edited by Rosy

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