सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिसका असर हमारी शादीशुदा जिंदगी पर पड़ रहा है?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं. विवाह को डेढ़ साल हुए हैं. परिवार संयुक्त और बड़ा है. यों तो सभी एकदूसरे का खयाल रखते हैं पर बड़ी समस्या वैवाहिक जीवन जीने को ले कर है. सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिस वजह से घर में इतना परदा है कि 9-10 दिन में पति से सिर्फ हांहूं में भी बात हो जाए तो काफी है. रात को भी हम खुल कर सैक्स का आनंद नहीं उठा पाते. कभीकभी मन बहुत बेचैन हो जाता है. दूसरी जगह घर भी नहीं ले सकते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सैक्स संबंध हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. स्वस्थ व जोशीली सैक्स लाइफ हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है एवं जीवन को खुशियों से भरती है. संयुक्त परिवारों में जानबूझ कर औरतों को दबाने के लिए उन्हें पति से दूर रखा जाता है और वे पति के साथ खुल कर सैक्स ऐंजौय नहीं कर पातीं. इस के लिए आप को पति से खुल कर बात करनी होगी. सिर्फ आप ही नहीं आप के पति भी आप की चाह रखते होंगे.

बेहतर होगा कि इस के लिए कभी किसी रिश्तेदार के या कभी मायके जाने के बहाने पति के साथ बाहर घूमने जाएं. इस तरह के संबंधों को तो झेलना ही होता है. कोई उपाय नहीं मिलता.

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सैक्स केवल शारीरिक गतिविधि ही नहीं है वरन इस में भावनात्मक लगाव भी प्रमुख होता है. आर्थिक तनाव के कारण इमोशन के स्तर पर खासा प्रभाव पड़ता है. चिंता में डूबा मन शरीर का पूरी तरह साथ नहीं दे पाता है, जिस वजह से सैक्स लाइफ प्रभावित होती है. इस का प्रभाव केवल पतिपत्नी पर ही नहीं वरन घरपरिवार बच्चे और समाज पर भी पड़ता है. खराब सैक्स लाइफ का प्रभाव व्यक्ति की कार्यक्षमता पर भी पड़ता है.

वैसे तो हर तरह का तनाव सैक्स लाइफ पर असर डालती है. आर्थिक तनाव होने पर केवल खुद पर ही असर नहीं पड़ता साथी या पार्टनर पर भी असर पड़ता है. इस की वजह यह है कि पैसों की कमी के कारण डाक्टर और दवा दोनों मुश्किल हो जाते हैं.

पार्टनर को खुश रखने के लिए उपहार या घुमाना भी कठिन हो जाता है. जो लोग सालोंसाल से साथ होते हैं वे भी कमियां निकालने लगते हैं. कोविड 19 के समय आर्थिक तनाव का सब से बड़ा कारण मकान का किराया देना, नौकरी का चले जाना, पूरा वेतन न मिलना, समय पर वेतन न मिलना प्रमुख है.

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आर्थिक तनाव सैक्स पर हावी तो नहीं

सैक्स केवल शारीरिक गतिविधि ही नहीं है वरन इस में भावनात्मक लगाव भी प्रमुख होता है. आर्थिक तनाव के कारण इमोशन के स्तर पर खासा प्रभाव पड़ता है. चिंता में डूबा मन शरीर का पूरी तरह साथ नहीं दे पाता है, जिस वजह से सैक्स लाइफ प्रभावित होती है. इस का प्रभाव केवल पतिपत्नी पर ही नहीं वरन घरपरिवार बच्चे और समाज पर भी पड़ता है. खराब सैक्स लाइफ का प्रभाव व्यक्ति की कार्यक्षमता पर भी पड़ता है.

वैसे तो हर तरह का तनाव सैक्स लाइफ पर असर डालती है. आर्थिक तनाव होने पर केवल खुद पर ही असर नहीं पड़ता साथी या पार्टनर पर भी असर पड़ता है. इस की वजह यह है कि पैसों की कमी के कारण डाक्टर और दवा दोनों मुश्किल हो जाते हैं.

पार्टनर को खुश रखने के लिए उपहार या घुमाना भी कठिन हो जाता है. जो लोग सालोंसाल से साथ होते हैं वे भी कमियां निकालने लगते हैं. कोविड 19 के समय आर्थिक तनाव का सब से बड़ा कारण मकान का किराया देना, नौकरी का चले जाना, पूरा वेतन न मिलना, समय पर वेतन न मिलना प्रमुख है.

कंपनियां तरहतरह के बहाने बना कर परेशान करती हैं ताकि कर्मचारी नौकरी छोड़ कर चला जाए. मंदी के कारण भले ही दूसरे हों पर इस का प्रभाव सैक्स पर पड़ रहा है, जिस की वजह से पतिपत्नी के बीच के स्वाभाविक रिश्ते खराग हो रहे हैं.

सामाजिक जीवन पर असर

आर्थिक तंगी में लोग बड़े शहर, बड़े घर और शहरों में रहने वाले अच्छे इलाके छोड़ कर कम खर्च वाली जगहों और शहरों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं. बच्चों को अच्छे स्कूलों से कम फीस वाले स्कूलों में एडमिशन कराने को मजबूर हो रहे हैं. आर्थिक तंगी का प्रभाव सामाजिक जीवन पर पड़ता है, जो तनाव का बड़ा कारण होता है.

महिलाओं पर यह असर अधिक पड़ता है. ऐसे में उस के सैक्स संबंध पति के साथ नहीं बन पाते. कई बार पति की तरफ से पहल होने पर भी पत्नी मना कर देती है.

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आर्थिक तनाव को खत्म करने के लिए लोग काम अधिक कर रहे जिस की वजह से सैक्स संबंधों के लिए समय भी नहीं मिल पा रहा है और थकान होती है वह अलग से सैक्स संबंधों की परेशानी जस की तस रह जाती है.

तनाव का प्रभाव महिलाओं पर अधिक

आर्थिक तनाव का प्रभाव महिलाओं पर पुरुषों से अधिक होता है. महिलाएं पुरुषों से ज्यादा पैसों की चिंता में उलझ रहती हैं. इन सभी बातों की चिंता के साथ उन का दिमाग सैक्स पर लग पाना और उस का मजा उठा पाना मुश्किल हो जाता है. आर्थिक तनाव सैक्स लाइफ को सब से अधिक प्रभावित करता है. इस तनाव में चाह कर भी व्यवहार पर कोई नियंत्रण नहीं होता.

तनाव के कारण कई तरह की शारीरिक परेशानियां बढ़ जाती हैं. जिन में सिरदर्द, पेट खराब होना, हाई ब्लड प्रैशर या सीने में दर्द जैसी कुछ प्रमुख हैं. ये परेशानियां बढ़ने से सैक्स लाइफ प्रभावित होती है. मानसिक स्वास्थ्य यानी मैंटल हैल्थ से डिप्रैशन, चिंता, पेनिक अटैक्स के साथसाथ इमोशनल प्रौब्लम्स भी काफी हद तक सैक्स लाइफ को प्रभावित करते हैं.

तनाव बढ़ने के कारण बौडी के हारमोंस मैटाबौलिज्म को प्रभावित करती हैं. तनाव के कारण दिमाग में नकारात्मक विचार पैदा होते हैं. इस के चलते बौडी में नैगेटिव इमेज बनने लगती है. इस से सैक्सुअल रिलेशन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.

बिगड़ जाती है मैंटल हैल्थ

जब मन खुश नहीं होता, मूड खराब होता है, भावनात्मक उथलपुथल अधिक होती है तो सैक्स करने की इच्छा नहीं होती. एक की सैक्स लाइफ खराब होने का प्रभाव दूसरे की सैक्स लाइफ पर भी पड़ता है. आर्थिक तनाव का प्रभाव सब से पहले मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. तनाव के कारण रिश्ते को ले कर कई तरह के खयाल मन में चलने लगते हैं. ऐसे में साथी भी परेशान होता है. वह रिश्ते पर ही सवाल करने लगता है.

कोई भी ऐसे इंसान के साथ बिस्तर पर नहीं जाना चाहेगा जो कि भावनात्मक रूप से स्थिर न हो. जब हम तनाव महसूस कर रहे होते हैं तो रिश्ते प्रभावित होते हैं.

कई बार इस तनाव के कारण आपसी बातचीत प्रभावित होती है. जो इस परेशानी को और भी बढ़ाता है.

सैक्स लाइफ को बेहतर करने के लिए तनाव को खत्म करना या अपनी सोच को बदलना जरूरी होता है. यह कहना आसान है, लेकिन शायद करना मुश्किल होता है. ऐसे में जरूरी है कि तनाव के प्रभाव को कम करने का प्रयास करें ताकि तनाव जीवन पर हावी न हो सके. ऐक्सरसाइज, काउंसलिंग के जरीए यह संभव हो सकता है.

इस से तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है ताकि यह सैक्स लाइफ को प्रभावित  न कर सके. इसी वजह से कहा जाता है कि  जब बैडरूम में हों तो बाकी बातें बाहर ही छोड़ देनी चाहिए.

परेशानियां बढ़ाता है हारमोंस का असंतुलन

तनाव में होने के कारण शरीर में स्ट्रैस हारमोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है. कोर्टिसोल और एपिनेफ्रीन का स्तर बढ़ने से हैल्दी सैक्स लाइफ नहीं रह जाती. यह महिलाओं में सैक्सुअल क्षमता को कम कर देता है. जिस के कारण सैक्स लाइफ प्रभावित होती है.

कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से सैक्स हारमोन के रिलीज होने में परेशानी हो सकती है, जिसे सैक्स की इच्छा कम हो जाती है. इसलिए खुद को शांत और रिलैक्स रखें.

तनाव महिलाओं की माहवारी चक्र को भी प्रभावित करता है, जिस से माहवारी अनियमित हो जाती है. इस के कारण शरीर में हारमोनल बदलाव होते हैं, जो मूड स्विंग्स बढ़ा सकते हैं, जिस से तनाव बढ़ जाता है.

आर्थिक तनाव केवल शरीर के हारमोनल बैलेंस को ही प्रभावित नहीं करता है, बल्कि जब शरीर तनाव में होता है तो भावनात्मक रूप से भ लोगों पर प्रभाव पड़ता है. इस दौरान किसी से बात नहीं करने और लोगों से दूर जाने के अवसर ढूंढ़ रहे होते हैं.

इस के चलते साथी से भी भावनात्मक तौर पर अलगाव महसूस करने लगते हैं. सैक्स केवल शारीरिक गतिविधि नहीं है, इस में इमोशंस भी शामिल होते हैं. इस कारण आर्थिक तनाव में खुद को इस के लिए तैयार कर पाना मुश्किल होता है. आर्थिक तनाव के कारण आपस में इंटिमेसी कम हो जाती है. यह संबंधों के लिए और अधिक खतरनाक हो जाता है.

तनाव से कैसे निबटें

आर्थिक तनाव को दूर करने के लिए जरूरी होता है कि पैसे की परेशानियों को जीवन से दूर करें. जब तक आर्थिक हालात खराब बने रहते हैं तब तक आपस में बातचीत जरूर करते रहें. मन को मजबूत करें और यह सोचें कि जल्द ही कोई न कोई उपाय होगा. जो चीजें तनाव दे रही हैं उन से भागने के बजाय उन का सामना करें और उन्हें सुलझने की कोशिश करें.

अपने साथी को समय, साथ और भरोसा दें. अपनी क्षमता के अनुसार कहीं घूमने जाएं. घूमने से तनाव कम होता है, मूड ठीक होता है. तनाव को दूर करने के लिए ऐक्सरसाइज सब से अच्छा उपाय है. रिलैक्सिंग म्यूजिक भी माहौल को सुधारने का काम करती है.

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आर्थिक तनाव की हालत में मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी होता है. मूड और बिहेवियर को समझने की कोशिश करें. इस से परेशानियों का सामना करना आसान हो जाता है. अपने साथी से बातचीत कर उसे समझाएं कि हमेशा एक जैसे दिन नहीं रहते हैं. उसे इस समय सहयोग करने के लिए कहें.

वे काम करें जो आप को खुशी देते हों. अपनी रुचियों को समय दें जैसे किताबें पढ़ना, गार्डनिंग, पेंटिंग या कुकिंग करना. इस से आप को अच्छा महसूस होगा. तनाव के अत्यधिक बढ़ने पर इसे अनदेखा न कर डाक्टर से सलाह लें. मनोवैज्ञानिक से मिलें. काउंसलिंग बहुत मददगार होती है.

क्या महिला कंडोम सुरक्षित है?

सवाल

मैं 24 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. मेरी शादी हाल ही में हुई है. हम फिलहाल बच्चा नहीं चाहते. गर्भनिरोध के लिए पति कंडोम का इस्तेमाल करते हैं. सैक्स को आनंददायक बनाने के लिए यों तो बाजार में कई प्रकारों व फ्लेवर्स में कंडोम्स उपलब्ध हैं पर मैं ने महिला कंडोम के बारे में भी सुना है. क्या यह सुरक्षित है और सैक्स को मजेदार बनाता है?

जवाब-

पुरुष कंडोम की तरह महिला कंडोम भी गर्भनिरोध का आसान व सस्ता विकल्प है. महिला कंडोम न सिर्फ प्रैगनैंसी को रोकने में सक्षम है बल्कि यह सैक्स के पलों को भी रोमांचक बनाता है.

महिला कंडोम ‘टी’ शेप में होता है, जिसे वैजाइना में इंसर्ट करना होता है. शुरूशुरू में यह प्रक्रिया जटिल जरूर लग सकती है पर इस का इस्तेमाल बेहद आसान है और यह सैक्स को आनंददायक बनाता है. यह पूरी तरह सुरक्षित भी है. इस की डबल कोटिंग मेल स्पर्म को आसानी से सोख लेती है.

वैजाइना में इंसर्ट के दौरान इस की आंतरिक रिंग थोड़ी लचीली हो जाती है और बाहरी रिंग वैजाइना से 1 इंच बाहर रहती है.

सैक्स के दौरान इस कंडोम की बाहरी रिंग वैजाइना की बाहरी त्वचा को गजब का उत्तेजित करती है और सैक्स के पलों को मजेदार बनाती है.

इसे सैक्स से कुछ घंटे पहले भी लगाया जा सकता है. सब से अच्छी बात यह है कि कंडोम लगाए हुए बाथरूम भी जाया जा सकता है.

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महान मनौवेज्ञानिक सिगमंड फ्रौयेड ने कहा था, ‘कोई महिला-पुरुष जब आपस में शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं, तो उन दोनों के दिमाग में 2 और व्यक्ति मौजूद रहते हैं. जो उसी लम्हे में हमबिस्तर हो रहे होते हैं.’ इस बात को पढ़ते हुए मैं अचरज में था कि क्या ऐसा सच में होता है? अगर होता है तो ऐसा क्यों होता है?

यह साल था 2007. मैं उस वक्त 15 साल का टीनेज था और 9वीं क्लास में पढ़ रहा था. मुझे आज भी याद है, पहली बार क्लास में मेराएक क्लासमैटएक ‘पीले साहित्य की किताब’ ले कर आया था. जिस के कवर पेज पर एक जवान नग्न महिला की तस्वीर थी. किसी महिला को इस तरह नग्न देखना शायद मेरा पहला अनुभव था. जिसे देख कर उत्तेजना के साथ घबराहट भी होने लगी थी. आज के नवयुवक पीला साहित्य से परिचित नहीं हों तो उन्हें बता दूं यह आज के विसुअल पोर्न का प्रिंटेड वर्जन था.

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पति जब मां मां करे, तो क्या करें पत्नियां

नेहा की नई-नई शादी हुई है. वह विवाह के बाद जब कुछ दिन अपने मायके रहने के लिए आई तो उसे अपने पति से एक ही शिकायत थी कि वह उस का पति कम और ‘मदर्स बौय’ ज्यादा है. यह पूछने पर कि उसे ऐसा क्यों लगता है? उस का जवाब था कि वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए मां पर निर्भर है. वह उस का कोई काम करने की कोशिश करती तो वह यह कह कर टाल देता कि तुम से नहीं होगा, मां को ही करने दो.

नेहा पति के ये सब काम खुद करना चाहती है, लेकिन उस की सास उसे कोई मौका नहीं देतीं. नेहा की मां माला ने बेटी को समझाया कि चिढ़ने और किलसने से कोई लाभ नहीं है. बेकार में अपना खून जलाओगी. मांबेटे की इस दोस्ती का खुलेदिल से स्वागत करो और फिर बड़ी होशियारी से उन के बीच अपनी जगह बनाओ. नेहा की बातें सुन कर माला को अपने पुराने दिन याद आ गए. जब वे इस घर में ब्याह कर आई थीं, इस समस्या को उन्होंने भी लंबे समय तक झेला था.

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नेहा की दादी भी अजय के सभी निजी काम खुद ही करती थीं. उन का कहना था कि उन्होंने बेटे को बहुत नाजों से पाला है, उसे अपने काम खुद करने की आदत नहीं है. उन्होंने बचपन से उस की हर छोटीबड़ी जरूरत का ध्यान रखा है. सुबह उठ कर चाय के पहले कप से ले कर नहाने का गरम पानी, अंडरगारमैंट्स, तौलिया, प्रैस किए हुए कपड़े, नाश्ता, लंच, जूतेजुर्राबें देना सब काम वे ही करती थीं.

सहज व स्वाभाविक

पति के जीवन में मां की इतनी ज्यादा भूमिका देख कर माला को भी बुरा लगता था. वे सोचती थीं कि अब उन का विवाह हो गया है तो ये जिम्मेदारियां उन्हें निभानी चाहिए. वैसे भी विवाह के शुरुआती दिनों में एकदूसरे के छोटेछोटे काम करना असीम सुख देता है, लेकिन माला को यह सुख कभी नहीं मिला. उन्होंने सास के हाथ से पति के काम की कमान लेने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे जितनी कोशिश करतीं, सास की पकड़ और मजबूत होती चली जाती. यह समस्या कोई नई नहीं है. हां, समय के साथ इस का स्वरूप थोड़ा बदला जरूर है. विवाह से पहले अधिकतर लड़कों का पूरापूरा झुकाव मां की तरफ होता है. बचपन से ही वे मां के सान्निध्य में पलेबढ़े होते हैं और युवावस्था में भी मां ही उन की सर्वेसर्वा होती है, जिस के साथ वे अपने मन की हर बात शेयर कर लेते हैं. इसलिए मां के साथ उन का प्रेम सहज व स्वाभाविक है. सब से पहली बात कि इसे अन्यथा न लें, चिढ़ें नहीं. अगर वे दोनों नहीं समझते हैं तो आप खुश रहें और खुद को उसी माहौल में ढालने का प्रयास करें.

क्या करें पत्नी 

बहुत कम पुरुषों को अपना काम खुद करने की आदत होती है. वे अपने हर छोटेबड़े काम के लिए मां पर निर्भर होते हैं. पुरुष के जीवन में विवाह बहुत बड़ा बदलाव लाता है और इस नए जीवन में उसे कदमकदम पर अपनी चिरपरिचित सहायिका की तलाश होती है. 25-30 साल तक वह अपनी हर छोटीबड़ी जरूरत के लिए जिस औरत पर निर्भर था, उस से एकदम से अपने को कैसे अलग कर ले? फिर पत्नी के साथ खुलने में उसे थोड़ा समय लगता है, इसलिए वह उतने अधिकार से हर काम पत्नी से नहीं कह सकता जितने अधिकार से वह अपनी मां से कह लेता है. इसलिए उसे कुछ काम पत्नी से करवाने में थोड़ी हिचकिचाहट होती है. अत: उसे थोड़ा समय दें.

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कुछ मांएं तो बेटे के विवाह के बाद उस के  निजी कार्यों से खुद को स्वयं ही अलग कर लेती हैं और यह जिम्मेदारी बहू को सौंप देती हैं. अगर आप की सास यह जिम्मेदारी एकदम से छोड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं  उन्हें थोड़ा समय दें. इस से उन्हें बुरा नहीं लगेगा.अधिकतर मांएं अपने बेटे पर ज्यादा हक जमाती हैं. वे किसी न किसी बहाने बेटे को अपने साथ जोड़े रखना चाहती हैं. उन के मन में डर होता है कि विवाह होते ही बेटा पत्नी का हो जाएगा और उन्हें नहीं पूछेगा. बहू को सास के मन के इस डर को खत्म करना जरूरी है. उन्हें इस बात का एहसास कराना चाहिए कि वे सब परिवार में एकदूसरे के सुखदुख के पूरक हैं.

ज्यादातर घरों में झंझट बेटे की तनख्वाह को ले कर होता है. विवाह से पहले तक बेटा अपनी सारी तनख्वाह मां के हाथ पर रखता है, लेकिन विवाह के बाद पत्नी को लगता है कि पति की कमाई पर तो सिर्फ उस का अधिकार है. यह सोच गलत है, पति की कमाई पर सिर्फ उसी का नहीं, उस की मां का भी अधिकार है. अगर सारा घर खर्च एक ही जगह से होता है तो पत्नी को इस बात पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. घर से बाहर जाने के लिए उन की इजाजत लेना या फिर उन्हें सूचित करना निहायत जरूरी है. अगर पति हर बार बाहर जाने से पहले अपनी मां को बता कर जाता है, तो इसे अन्यथा न लें.

मांबेटे के प्रेम को ले कर ज्यादा छींटाकशी या रोकटोक न करें. पति को प्यार से धीरेधीरे समझाएं. तीखे कटाक्षों और बिना वजह रोकटोक से पति कभीकभी बुरी तरह तिलमिला जाते हैं. फिर वे जानबूझ कर पत्नी को चिढ़ाने के लिए वही काम करते हैं, जो उसे बुरा लगता है.

अगर पति ज्यादा मांमां करता है तो आप भी मां की चहेती बनने का प्रयास करें. अगर वह हर बात में मां को महत्त्व देता है, तो आप भी हर काम में सास की सलाह ले सकती हैं.

विवाह के बाद भी अगर कुछ दिनों तक मां बेटे के निजी काम करना चाहती हैं तो करने दें, क्योंकि यह सब पहले उन की दिनचर्या का हिस्सा था, इस दिनचर्या को बदलने के लिए उन्हें समय दें. रोकटोक न करें.

पति की भूमिका

पति सास और बहू के बीच की कड़ी होता है, इसलिए उस की भूमिका सब से अधिक महत्त्वपूर्ण होती है. समझदार युवक वही होता है, जो हर रिश्ते के महत्त्व को समझता है और हर रिश्ते को बिना किसी को शिकायत का मौका दिए सही ढंग से निभाता है.

पति को विवाह के बाद धीरेधीरे अपने जीवन की बागडोर मां के हाथों से ले कर पत्नी के हाथों में सौंप देनी चाहिए, लेकिन यह काम प्यार और होशियारी से करना होगा. उसे खुद आगे बढ़ कर मां से कहना चाहिए कि मां तुम ने बहुत कर लिया, अब तुम्हारी आराम करने की बारी है.

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मां की भूमिका

अंदर से हर मां जानती है कि विवाह के बाद बेटे पर उस से अधिक अधिकार उस की पत्नी का होता है, इसलिए विवाह के बाद हर मां को चाहिए कि वह बेटे से जुड़ी हर निजी जिम्मेदारी बहू को सौंप दे. वह खुद उसे समझाए   उसे कब क्या करना चाहिए, उस का निजी सामान कहां रखा है. उसे खाने में क्या पसंद है, आदि. अगर विवाह के बाद बेटा मां को तनख्वाह ला कर देता है तो मां को कम से कम एक बार अवश्य कहना चाहिए कि इस पर अब उस की पत्नी का अधिकार है.

जब सहेली के साथ पकड़ा जाए प्रेमी

आशा और सुरेश का एक साल पहले अफेयर शुरू हुआ था. आशा ने सुरेश के साथ जीनेमरने की जाने कितनी कसमें खाईं, साथ रहने के सपने देखे लेकिन उस के ये सपने तब धराशायी हो गए जब एक दिन वह अपने रूम में कालेज से जल्दी आ गई और दरवाजा खोलते ही अपनी रूममेट और सब से अच्छी सहेली रोमा को अपने ही बौयफ्रैंड सुरेश के साथ हमबिस्तर पाया. यह उस की वही सहेली थी जो इन दोनों के प्यार की गवाह थी और उन के बीच होने वाली हर छोटीबड़ी बात जानती थी. यह सिर्फ आशा की ही कहानी नहीं है बल्कि यह अकसर सुनने में आता है कि एक सहेली ने दूसरी सहेली के बौयफ्रैंड को छीन लिया या अपना बना लिया.

वैसे तो ऐसा करना गलत है, लेकिन अगर ऐसा हो भी गया है तो रोनेधोने से काम नहीं चलेगा, बल्कि समझदारी से काम लेते हुए इस सिचुएशन को हैंडल करने की जरूरत है. आइए, जानें इस सिचुएशन से कैसे निकलें बाहर :

प्रेमी की असलियत सामने आई

यह तो अच्छी बात है कि प्रेमी की पोल आप के सामने जल्दी ही खुल गई वरना ये सब आप के घर में पता चल जाता तब आप उन की नजरों में भी गिर जातीं. अभी तो बात सहेली के सामने ही है और वह भी कोई आप की सगी नहीं है बल्कि उस ने तो आप की पीठ पीछे वार किया है, आप के प्रेमी को अपना बना कर. अच्छा हुआ, उस के करैक्टर के बारे में पहले ही पता चल गया. जो लड़का आप की सहेली पर बुरी नजर रख सकता है कल वह आप की बहन के साथ क्या करता, आप सोच भी नहीं सकतीं.

सहेली भी धोखेबाज निकली

वह सहेली चाहे बरसों से आप की कितनी भी अच्छी दोस्त क्यों न रही हो, लेकिन अब आप के साथ उस ने जो किया उस के बाद आप की जिंदगी में उस की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. ऐसी दोस्त बनाने से अच्छा है आप अकेली ही रह लें.

जिंदगी का बड़ा सबक सीख लिया

इस रिलेशनशिप से आप जिंदगी का गहरा सबक लें. अब आप आगे जो भी कदम उठाएंगी सोचसमझ कर ही उठाएंगी. यह गम लंबे समय तक तंग करेगा लेकिन आप को इस से लड़ कर बाहर आने की हिम्मत लानी होगी, इस से आप को जीवन में आए दुखों से लड़ने की ताकत मिलेगी.

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पढ़ाई पर ध्यान लगाएं

इस हादसे से आप अपना एक नुकसान कर चुकी हैं, अब पढ़ाई में पिछड़ कर दूसरा नुकसान न करें. अपने जीवन में सब से ज्यादा अहमियत पढ़ाई को ही दें, इस से अपनी स्टै्रंथ बना लें और ध्यान से पढ़ाई करने में जुट जाएं.

आप बदनाम होने से बच गईं

प्रेमी की फितरत ही धोखा देने की थी, तभी तो उस ने आप को चीट किया. एक तरह से देखा जाए तो अच्छा ही हुआ. ऐसे दोगले इंसान से आप को जल्दी छुटकारा मिल गया, वह भी अपना कोई नुकसान किए बिना. वह लड़का सही नहीं था. हो सकता है कि वह आगे चल कर आप को ब्लैकमेलिंग आदि के जाल में फंसाने की कोशिश करता. ऐसे लोगों से दूर होना ही बेहतर है.

ध्यान दें

परदे में रहने दो

जी हां, हर बात सहेली को बताई जाए यह जरूरी तो नहीं. अपने और प्रेमी के बीच की बातों को सहेली के साथ डिसकस करना ठीक नहीं. फिर चाहे वह कितनी भी अच्छी क्यों न हो या कितनी ही गहरी मित्र क्यों न हो. आप की बातों और प्रेमी की इतनी तारीफ से हो सकता है कि सहेली का मन पलट जाए और वह प्रेमी की तरफ आकर्षित हो कर उसे फंसाने में लग जाए. ऐसे में प्रेमी के साथसाथ सहेली से भी आप को हाथ धोना पड़ सकता है.

ब्रेकअप का रोना न रोती रहें

जिन लोगों को इस रिलेशनशिप के बारे में पता था उन्हें हर बार यही बात कह कर न पकाएं. आप दुनिया में पहली नहीं हैं जिस का ब्रेकअप हुआ है, ऐसा कर के आप खुद को हंसी और बेचारगी का पात्र बना लेंगी. यह आप का गम है और इसे अकेले ही भूलना होगा.

विश्वास करना न छोड़ें

माना यह थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर एक सहेली ने पीठ पीछे धोखा दिया है तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपनी सारी सहेलियों से मुंह मोड़ कर अकेली हो जाएंगी. अपनी बाकी सहेलियों के टच में रहें.

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बच के रहना रे बाबा

आप ने किसी एक से नहीं बल्कि अपने दो अजीजों से धोखा खाया है. इस का मतलब चूक कहीं न कहीं आप से भी हुई है,

जो आप ने अपनी जिंदगी में ऐेसे प्रेमी और सहेली को जगह दी इसलिए इस से सीख लें व जांचपरख कर ही किसी से रिलेशन बनाएं.

किसी भी युवक को बौयफै्रंड बनाने से पहले उस के बारे में अच्छी तरह से तहकीकात कर लें. अगर थोड़ा भी शक हो तो उस के साथ रिलेशनशिप बनाने की जरूरत नहीं है.

जब हो जाए दूसरे पति को संदेह

सुभाष डायमंड कैफे के कोने की सीट पर अपने क्लाइंट के साथ बैठा बिज़नेस प्लांस डिस्कस कर रहा था. तभी उस ने कैफे में विभा को किसी के साथ घुसते देखा. गौर से देखने पर सुभाष ने पाया कि विभा के साथ बैठा पुरुष कोई और नहीं बल्कि उस का पुराना पति केशव है.

अब उस का दिमाग बिजनेस प्लांस में कम और विभा की एक्टिविटीज पर अधिक लग गया था. थोड़ी देर में उस ने क्लाइंट को विदा कर दिया ताकि अच्छी तरह विभा को ऑब्ज़र्व कर सके. इधर विभा केशव के साथ बातें करने में मशगूल थी.

कुछ देर में विभा ने अपना मोबाइल निकाला और केशव को मोबाइल पर कुछ दिखाने लगी. मोबाइल दिखाते समय वह केशव के काफी करीब खिसक आई थी. सुभाष के तनबदन में आग लग रही थी. उस से वहां बैठा नहीं गया और पैर पटकता हुआ वह कैफे से बाहर निकल आया.

अब तो ऑफिस में भी किसी भी काम में उस का दिल नहीं लगा. अंदर ही अंदर शक का कीड़ा कुलबुला रहा था. वह ऑफिस से समय से पहले ही निकल आया.

केशव और विभा की शादी हुए अभी मुश्किल से एक साल बीता था. विभा तलाकशुदा थी और केशव विधुर था. मेट्रीमोनियल साइट्स के जरिए उन का रिश्ता जुड़ा था.

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विभा का पुराना पति इसी शहर में रहता था मगर सुभाष उस से कभी नहीं मिला था. विभा भी यही कहती थी कि पुराने पति और उस के परिवार के साथ अब वह बिल्कुल भी कांटेक्ट में नहीं है. पर आज विभा को इतनी सहजता से केशव के साथ वक्त बिताते देख सुभाष के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था.

शाम के समय जब वह घर पहुंचा तो विभा किसी से फोन पर बातें कर रही थी. सुभाष को देख कर उस ने फोन काट दिया और चाय बनाने चली गई. सुभाष ने विभा के मोबाइल पर कॉल हिस्ट्री चेक की तो उस ने पाया कि वह पिछले 1 घंटे से अपने पूर्व पति यानी केशव से ही बातें कर रही थी. यही नहीं एक दिन पहले भी उस ने केशव से 35 मिनट बात की थी. तब तक विभा चाय ले कर आ गई.

सुभाष ने तुरंत उस का मोबाइल छुपा दिया और उस पर गहरी नजर डालता हुआ बोला,” यह सब क्या चल रहा है?”

“क्या चल रहा है मतलब? क्या कह रहे हो सुभाष?”

“वही कह रहा हूं जो तुम मुझ से छुपा कर कर रही हो .”

सुभाष की आंखों में अपने लिए गुस्से और नाराजगी के भाव देख कर और इस तरह के सवाल सुन कर विभा असहज होती हुई बोली,” साफसाफ कहो न सुभाष क्या कहना चाहते हो?”

“आज दोपहर 12 बजे मैं डायमंड कैफे में था और तुम वहां केशव के साथ कॉफी का आनंद ले रही थी. उस के एकदम करीब बैठ कर पुरानी यादें ताजा कर रही थी. अब बताओ और भी कुछ कहना बाकी है?”

“ओह तो यह बात है…, ” विभा ने कुछ कहना चाहा तब तक सुभाष चिल्लाया,” कब से चीट कर रही हो मुझे? ऐसा क्यों किया तुम ने ? अगर उस से इतना ही प्यार था तो मेरी जिंदगी खराब करने की जरूरत क्या थी?”

“तुम गलत समझ रहे हो सुभाष. मैं कैफे में उस के साथ थी पर इस का मतलब यह तो नहीं कि….”

“ज्यादा भोली मत बनो. सब कुछ समझ गया हूं मैं. ”

“तुम कुछ नहीं समझे सुभाष. प्लीज एक बार मेरी बात तो सुन लो. मैं आज केशव से मिलने गई थी मगर पुरानी यादें ताजा करने नहीं बल्कि भविष्य के लिए उसे सचेत करने. दरअसल मैं अपनी ननद नताशा के बहकते कदमों के बारे में केशव को चेताने गई थी. नताशा कम उम्र की है. रात में 9-10 बजे मैं ने उसे शराब पी कर एक आवारा लड़के के साथ घूमते देखा. ऐसा 2 बार हो चुका है. मैं ने उस की फोटो ले ली थी. वीडियो भी बनाई थी. वही सब डिस्कस कर रही थी. नताशा मेरी छोटी बहन जैसी है. मुझे बहुत मानती थी. इसलिए बड़ी बहन होने का दायित्व निभा रही थी और कुछ नहीं. ”

विभा की बातें सुन कर सुभाष ने नजरें नीची कर ली. शर्मिंदा होता हुआ माफी मांगने लगा.

इस तरह की घटनाएं आम बात है. तलाकशुदा महिलाओं को दूसरी शादी के बाद अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जब पूर्व पति से मुलाकात वर्तमान पति की नजरों में बेवफाई बन जाती है. नए पति के मन में शक के बीज अंकुरित होने लगते हैं.

दरअसल स्त्री को नाजुक हृदय का माना जाता है. वह रिश्तेनातों और किसी के प्रति लगाव को बहुत सहजता से खत्म नहीं कर पाती. इसलिए पुरुषों को अक्सर यह संदेह रहता है कि वर्तमान जिंदगी में जरा सी भी ऊंचनीच होने या असंतुष्टि रहने पर पहले पति की तरफ आकर्षित हो सकती है. पर ऐसी सोच अक्सर गलत साबित होती है.

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एक स्त्री अपने पुराने पति की तरफ तभी आकर्षित होगी जब—-

1. उस का तलाक आपसी सहमति से हुआ हो

यदि स्त्री ने पुराने वैवाहिक रिश्ते में लंबा अरसा बिताया हो और पूरी तरह खुश और संतुष्ट जीवन जीवन जीया हो मगर किसी हादसे या विपरीत परिस्थितियों के आने पर लाचारगी मैं उसे तलाक लेना पड़ा हो.

स्त्री ने अपने पुराने वैवाहिक रिश्ते में अपना 100% दिया हो और पति से बहुत प्यार करती हो. मगर पति ने किसी और स्त्री से अपने अफेयर की वजह से पत्नी को आजाद कर दिया हो.

बच्चा न होने या पारिवारिक मनमुटाव की वजह से उसे रिश्तों को तोड़ना पड़ा हो जबकि वह पति से प्यार करती रही हो. इस तरह के मामलों में स्त्री अपने पति से प्यार करती है इसलिए तलाक के बाद भी उस के मन में पति के लिए प्यार जिंदा रह सकता है. पर अमूमन ऐसी परिस्थिति में स्त्री दूसरी शादी नहीं करती. यदि वह दूसरी शादी कर भी ले तो भी पहले पति की यादें उस के मन में कायम रहती हैं. ऐसे में यदि वर्तमान शादी में वह खुश नहीं तो संभव है कि वह पूर्व पति की तरफ लौट जाए.

अक्सर पहले पति से तलाक के बाद और दूसरी शादी करने के बीच जो अकेलापन होता है उस में औरत न चाहते हुए भी पहले पति के बारे में सोचती रहती है. पहले पति से हमेशा के लिए दूर होने के बाद महिला के मन में अक्सर उस के साथ बिताए गए अच्छे पल और उस की अच्छाइयां घूमने लगती हैं. वह यह भी सोचती है कि कहीं उस से गलती तो नहीं हो गई. पर तलाक के बाद अक्सर वापस लौटने का रास्ता बंद हो जाता है. भावी जीवन की सुरक्षा के लिए घर वालों के कहने पर यदि वह दूसरी शादी कर भी लेती है तो मन के किसी कोने में वह नए पति की तुलना पुराने वाले पति से करती रहती है. यही बात पुराने पति के साथ भी हो सकती है और दोनों के मन में एकदूसरे के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बन सकता है.

2.जब कड़वाहट के बाद टूटा हो रिश्ता

यदि स्त्री की पहली शादी काफी संतापपूर्ण और मानसिक यातनाओ से पूर्ण रही हो, पति मारतापीटता हो, कष्ट देता हो, मैरिटल रेप करता हो या फिर उस के और उस के घरवालों के प्रति नीच रवैया रखता हो तो स्त्री तलाक के बाद एक पल के लिए भी पुरानी यादों को दिमाग में वापस लाना नहीं चाहेगी. तलाक के बाद वह कभी पूर्व पति की शक्ल भी नहीं देखना चाहेगी.

इसी तरह यदि दोनों का तलाक लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद हुआ हो और कोर्ट में एकदूसरे की इज्जत की धज्जियां उड़ाई गई हों तो ऐसे में भी स्त्री कभी भूल कर भी पुराने पति की तरफ आंख उठा कर देखना पसंद नहीं करेगी.

वस्तुतः तलाक एक लंबी, जटिल और यातनापूर्ण प्रक्रिया है. तलाक के बाद केवल स्त्रीपुरुष ही अलग नहीं होते बल्कि उन की सोच, उन मंजिल, उन के रास्ते और उन का परिवार सब कुछ अलग हो जाता है.

नई शादी कर के वह नए जीवन की शुरुआत करती है. नए पति को याद रखना चाहिए कि तलाकशुदा पत्नी को पूरी तरह छूट है कि वह किस से संपर्क रखे और किस से नहीं. उसे जिंदगी से जुड़े फैसले लेने और रिश्ते निभाने का हक है क्योंकि वह परिपक्व है. वह पहले ठोकर खा चुकी है और अब उस में इतनी समझ आ चुकी है कि उस का कौन सा कदम क्या परिणाम ला सकता है.

इसी तरह गौर करने वाली बात है कि शादी के बाद किसी भी पुरुष या महिला के बहुत से संबंध साथी की वजह से बनते हैं और वे सिर्फ तलाक के कारण समाप्त नहीं हो सकते. महिला किसी की भाभी बनती है, किसी की बहू, किसी की चाची और किसी की मामी बनती है. ये प्यारेप्यारे रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं. दूसरी शादी के बाद भी पिछली शादी की वजह से बने यह रिश्ते जिंदा रहते हैं. इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता. ऐसे में यदि महिला इन रिश्तों की वजह से पहले पति या उस के घरवालों से मिलती है तो इस का मतलब यह नहीं कि वह पुराने पति की तरफ फिर से आकर्षित हो जाएगी.

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दूसरी शादी में यदि पतिपत्नी के बीच प्रेम और भरोसा पूरी तरह कायम न हो पाया हो तब इस तरह के संदेह उठते हैं और रिश्तो में कड़वाहट लाते हैं.

इसलिए जरूरी है कि जब आप दूसरी शादी करें तो नए रिश्ते में अपना 100% दे. प्यार और विश्वास की नींव पर नई जिंदगी शुरू करें और एकदूसरे के बीच कोई भी सीक्रेट न रखें. नए पति से हर बात शेयर कर उसे विश्वास में ले कर ही आगे बढ़े.

आपकी पत्नी को ये बातें लग सकती हैं बुरी, इसलिये रखें खास ख्याल

पति –पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है खासतौर पर उस वक्त जब आपकी नई-नई शादी हुई हो और आपको एक-दूसरे को वक्त देना ज्यादा जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपने अपना रिश्ता उस वक्त नहीं संभाला तो आने वाने समय में आपको बहुत सारी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है इसलिए कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका खास खयाल आपको रखना चाहिए.

जब आपकी शादी होती है तो सब कुछ नया होता है ऐसे में एक पति को पत्नी को ज्यादा वक्त देना चाहिए ये नहीं की आप बस अपने में मस्त हैं. दिन-भर बस फोन पर लगे हुए हैं.क्योंकि पत्नी जो की आपकी जीवन संगिनी है उसको सिर्फ आपका प्यार औऱ वक्त के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए होता है.यदि आप वक्त नहीं देंगे तो ये आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा.

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अक्सर ऐसा होता है जब पति की गर्लफ्रैंड रही होगी शादी से पहले लेकिन जब आपकी शादी हो चुकी है और आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं तो आपको पिछले रिश्ते से ज्यादा अपनी पत्नी को अहमियत देनी होगी यदि आप ऐसा नहीं करेंगे औऱ अभी भी अपनी गर्लफ्रैंड से वैसे ही बात करेंगे आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेंगे तो आपको दिक्कत हो सकती है.क्योंकि एक पत्नी कुछ भी बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अपने पति का किसी औऱ लड़की से बात करना वो भी उस लड़की जो पहले से उसके पति के जीवन में अहम थी ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है एक पत्नी,क्योंकि जाहिर है उसे बुरा लगेगा क्योंकि वो सबकुछ समझती है.वो उसे सिर्फ औऱ सिर्फ एक सौतन के रूप में देखेगी.इससे आपकी शादीशुदा जिंदगी बहुत प्रभावित होगी और ये रिश्ता टूट भी सकता है.

कभी-कभी कुछ पति अपने दोस्तों को अपने घर में हद से ज्यादा जगह दे देते हैं औऱ रोक-टोक भी नहीं करते हैं.लेकिन जब उनकी पत्नी घर में हैं औऱ पति को बेहतर तरीके से ये बात पता है कि अब उसकी जिंदगी बदल चुकी है,उसकी पत्नी है वो शादीशुदा है,उसका अपनी एक छोटा सा परिवार है तो उसे भी खुद को बदलना होगा वो भले ही दिनभर अपने दोस्तों के साथ रहता होगा शादी से पहले लेकिन अब आप अकेले नहीं है औऱ आपकी पत्नी को आपके दोस्तों का ज्यादा करीब आना या उनका खुलापन बुरा लग सकता है लेकिन वो हर बात आपसे नहीं कहेगी क्योंकि उसे लगेगा कि उसके पति के दोस्त हैं तो उनको बुरा लगेगा. इसलिए ये बातें उसके पति को समझनी होगी उसे समझना होगा कि उसके दोस्त की लिमिट कहां तक है.

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आपकी पत्नी नई है आप उसके लिए नए हैं यदि वो अपना सबकुछ छोड़कर आपके भरोसे आपके साथ आई है तो आपको भी उसके लिए थोड़ा बदलना पड़ेगा और उसका साथ देना पड़ेगा.बहुत सी ऐसा बातें वो कह नहीं पाती है संकोच में तो ये भी आपको समझना होगा क्योंकि जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे आपका रिश्ता बेहतर नहीं बनेगा.क्योंकि रिश्ते को बिगाड़ना या बनाना उसे संवारना ये आपके हांथ में होता है और ये बातें सिर्फ पति पर ही नहीं बहुत से सिचुएशन में पत्नी पर भी लागू होती हैं.

मैं अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं विवाहित युवक हूं. अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं. जब भी रात को हम सहवास करने के लिए बिस्तर पर जाते हैं, तो पत्नी पूछती है कि करोगे क्या? उठो करो. इससे मैं खीज जाता हूं कि न कोई फोरप्ले, न कोई उत्साह. कृपया बताएं कि क्या करूं कि बीवी अपना व्यवहार बदले और हम दोनों सहवास का पूरा-पूरा आनंद उठा सकें?

जवाब-

आप अपनी पत्नी को समझाएं कि सहवास अन्य दैनिक कार्यों से अलग क्रिया है. यह वह कार्य नहीं है जिसे झटपट निबटा लिया जाए. इस में तन के साथसाथ मन से भी सक्रिय होना होता है, इसलिए हड़बड़ी न मचाए. सहवास में प्रवृत्त होने से पहले स्पर्श, आलिंगन, चुंबन आदि रतिक्रीड़ाएं करनी चाहिए. इस से मजा दोगुना हो जाता है. यदि आप पत्नी को प्यार से समझाएंगे तो वह आप की बात पर जरूर गौर करेगी. उस के बाद सहवास दोनों के लिए रुचिकर हो जाएगा.

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लगभग एक साल पहले भंवरताल गार्डन जबलपुर में रहने वाली आयशा ने स्वास्थ्य महकमे में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अपने पति डा. शफातउल्लाह खान की हत्या इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उस का पति अपने विभाग की कई महिला कर्मचारियों से अवैध संबंध रखता था. अपनी अय्याशी की वजह से पत्नी के साथ संबंध भी नहीं बनाता था और पत्नी को प्रताडि़त करता था. हद तो तब हो गई जब पति ने पत्नी की नाबालिग भतीजी को अपनी हवस का शिकार बना लिया और इस से नाबालिग को गर्भ ठहर गया. तंग आ कर पत्नी ने सुपारी दे कर उस की हत्या करवा दी. इसी तरह दिसंबर 2019 में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र में एक युवक आशीष की हत्या उस के दोस्त पंकज ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि आशीष ने पंकज की पत्नी से सैक्स संबंध बना रखे थे.

ये घटनाएं साबित करती हैं कि समाज में बढ़ते व्यभिचार और विवाहेत्तर संबंधों के कारण अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. आमतौर पर विवाह होने के बाद पति और पत्नी के बीच के सैक्स संबंध प्रारंभ के कुछ वर्षों में तो ठीक रहते हैं, परंतु बच्चों के जन्म के बाद पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न देना और सैक्स संबंधों के प्रति लापरवाही कलह का कारण बन जाते हैं.

सैक्स स्पैशलिस्ट बताते हैं कि सुखद सैक्स उसी को माना जाता है जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सैक्स संबंधों में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रीति की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है, परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रीति का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया है. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रीति अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है. कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश सैक्स संबंधी बातों के साथ जब सैक्स करने की पहल करता है तो प्रीति उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता है. वह अपनी कामेच्छा को मन मसोस कर दबा लेता है, परंतु सैक्स न करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल भी आने लगते हैं. प्रीति जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी स्त्री के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सैक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सैक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को उन की सैक्स जरूरतों का भी ध्यान रखना चाहिए.

सैक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सैक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की पहल का स्वागत कर सैक्स संबंध स्थापित कर एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेत्तर संबंधों से बचा जा सकता है.

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इन 8 टिप्स को फौलो कर आप भी बन सकती हैं सफल गृहिणी

एक साथ कई काम करने के चक्कर में आप अवसाद से न घिरे इसलिए इन बातों को जिंदगी में जरूर अपनाइए:

1. प्रतिक्रिया दें:

जो कुछ भी आप के चारों ओर घट रहा है, उस के प्रति अपनी प्रतिक्रिया अवश्य व्यक्त करें. सब कुछ चुपचाप रोबोट की तरह न स्वीकारें. परिवर्तन की प्रक्रिया से उत्पन्न अपनी भावनाओं को स्वीकार करें. याद रखें, आप की भावनाओं को आप से बेहतर और कोई नहीं जान सकता. क्षमता से अधिक काम न करें: घर हो या दफ्तर, अच्छा बनने के चक्कर में न पड़ें. याद रखें, यदि आप अपनी क्षमता से बढ़ कर काम करेंगी तो आप को कोई मैडल तो मिलेगा नहीं, बल्कि लोगों की अपेक्षाएं और बढ़ जाएंगी. दूसरे-गलतियों का खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा. आज का जमाना टीम वर्क का है. इस से दूसरे के बारे में जानने या समझने में तो मदद मिलती ही है, थकान व तनाव से भी राहत मिलती है. घर के काम में भी घर वालों की मदद लें.

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2. पौजिटिव सोच:

गलतियों के लिए आप जिम्मेदार हैं, इस भावना को दिल से निकाल दें. इसी तरह दफ्तर में कोई प्रोजैक्ट हाथ से निकल गया हो, तो ‘‘यह काम तो मैं कर ही नहीं सकती’’ या ‘‘मैं इस काम के लायक ही नहीं हूं’’ जैसे नकारात्मक विचार दिमाग में न आने दें.

3. बनिए निडर:

कई बार मातापिता से मिले व्यवहार की जड़ें इतनी गहरी हो जाती हैं कि वयस्क होने पर भी उन से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है. कुछ महिलाएं असंतुष्ट रिश्तों को सारी उम्र इसलिए बनाए रखती है, क्योंकि वे डरती हैं कि इन रिश्तों को तोड़ने से समाज में बदनामी होगी. लेकिन सच तो यह है कि आज के इस मशीनी युग में लोगों को इतनी फुरसत ही कहां है, जो दूसरों के बारे में सोचें. सभी अपनी दुनिया में जी रही हैं. इसी तरह यदि दफ्तर में भी अपने बौस से तालमेल न बैठा पा रही हों, तो तबादला दूसरे विभाग में करा लें.

4. कुदरत से जुड़ें:

सुबह सूर्योदय से पहले उठें तथा घूमने जाएं. घूमने के लिए वे स्थान चुनें जहां हरियाली हो. नदी, तालाब, झरने, समुद्र, बागबगीचों में घूमने से मनमस्तिष्क को राहत महसूस होगी.

5. समाधान ढूंढ़ें:

कितनी भी परेशानी हो उसे सहजता से लें. हड़बड़ी से परेशानी और बढ़ जाती है. धैर्य रख कर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करें. उन पहलुओं पर विचार करें, जिन से आप की समस्या का समाधान मिल सकता है.

6. दिनचर्या बदलें:

रोजरोज आप एक ही काम कर के थक गई हैं, औफिस में भी बोरियत महसूस कर रही हैं, तो कुछ दिन बाहर घूमने जाएं या परिवार समेत पिकनिक पर जाएं. स्पा लें, पार्लर जाएं. कभीकभी छोटा सा ‘गैटटुगैदर’ भी मन को राहत देता है.

7. अच्छी श्रोता बनें:

यदि आप दूसरों की बात से सहमत नहीं हैं, तो भी बिना निर्णय लिए दूसरों की बात सुनें. वह क्या कह रहा है, उसे समझने की कोशिश करें और उसे एहसास दिलाएं कि आप उस की बात ध्यान से सुन रही हैं.

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8. फिट रहें:

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें. अपना रूटीन चेकअप करते रहने से आप कई समस्याओं से बची रहेंगी. अंत में सारे काम किए जा सकते हैं, लेकिन सारे काम एक बार में नहीं किए जा सकते. स्त्री परिवार की केंद्र भी है और परिधि भी. उसे मां, पत्नी और वर्किंग वूमन बनने की जरूरत है, सुपर वूमन बनने की नहीं.

पार्टनर से चीटिंग : बता दिया जाए या नहीं

आप ने अपने पार्टनर से चीटिंग की है. अब वजह चाहे वन नाइट स्टैंड हो या ज्यादा ड्रिंक करने के बाद लिया गया डिसीजन अथवा किसी कुलीग से  अफेयर के चक्कर में पार्टनर को धोखा दिया है, इन सब बातों से अब कोई फर्क नहीं पड़ता. धोखा तो दे ही दिया है. अब सवाल यह उठता है कि आप अपने रिश्ते को बरकरार रखने में दिलचस्पी भी रखते हैं या नहीं? अगर हां, तो क्या करें?

1. सच का सामना

ज्यादातर यही सलाह देंगे कि आप अपने गिल्ट का निवारण अपने साथी को सच बता कर करें कि आप ने उसे धोखा दिया. लेकिन ज्यादातर मैरिज काउंसलर और सैक्स थेरैपिस्ट कहते हैं कि ‘ओनैस्टी इज द बैस्ट पौलिसी’ वाली नीति रिलेशनशिप के मामले में खास कारगर नहीं होती.

न्यूयौर्क की सैक्स थेरैपिस्ट ऐंड मैरिज काउंसलर मेगन फ्लेमिंग के मुताबिक, ‘‘यह सुनने में भले कंट्रोवर्सियल लगे, लेकिन मेरा यही सुझाव है कि आप अपने पार्टनर को बेवफाई के बारे में न ही बताएं तो अच्छा है.’’

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2. भारी पड़ता है कन्फैशन

मेगन कहती हैं, ‘‘आप भले ही सच बोल कर अपने अपराधबोध से छुटकारा पा लें और यह सोचें कि सच बोला है तो आप का पार्टनर आप को डंप नहीं करेगा, लेकिन उस पर नकारात्मक भावनाओं का अंबार लग जाता है. चिड़चिड़ापन, शक, भ्रम, क्रोध, रिजैक्शन जैसे भाव उसे घेर लेते हैं. ये सब मिल कर आप के और साथी के बीच के रिश्ते की नींव हिला देंगे. इस कन्फैशन के बाद आप का पार्टनर आप पर कभी भरोसा नहीं कर पाएगा, यह तय है.’’

3. रिलेशनशिप क्राइसिस

यदि आप वास्तव में रिश्ते को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो सब से पहले यह सोचें कि आप ने उन्हें चीट किया ही क्यों. यानी ऐसी नौबत क्यों आई कि आप को अपने पार्टनर से बेवफाई करनी पड़ी? जाहिर है, इस सवाल का जवाब खोजने में आप को अपने रिश्ते की कई उलझनों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन समस्या की जड़ तक जाने के लिए यह जरूरी है. इस मामले में डाक्टर फ्लेमिंग कहती हैं कि आमतौर पर जब इस तरह के मामले ले कर क्लाइंट उन के पास आते हैं तो उन की बेवफाई के पीछे अमूमन यही कारण होता है कि उन की जरूरतें अपने पार्टनर से पूरी नहीं हो पा रही थीं. फिर चाहे वे सैक्सुअल नीड्स हों या इमोशनल, जबकि वे इस मामले में अपने करीबी रिश्तेदारों से बात कर इस समस्या को सुलझा सकते थे. लेकिन इस के बजाए उन्होंने चीटिंग का औप्शन चुना.

दरअसल यह रिलेशनशिप क्राइसिस का पड़ाव होता है. जहां कपल का रिश्ता संकट में होता है और वे इस संकट को सुलझाने के बजाय किसी और पार्टनर की बाहों में जाना बेहतर समझते हैं. जबकि वे अपने रिश्ते की मरम्मत करने का अवसर गंवा रहे होते हैं.

4. अब क्या करें

अगर आप का वन नाइट स्टैंड ओवर हो चुका है और औफिस कुलीग से भी दिल भर गया है तो जाहिर है आप अपने पार्टनर के पास वापस जाना चाहेंगे. ऐसे में पहले तो सच को दबाकर यह संकल्प लें कि दोबारा ऐसी नौबत नहीं आएगी. उस के बाद किसी रिलेशनशिप काउंसलर के पास जाएं ताकि आप की जरूरतों और कमियों को समझा जा सके. फिर जरूरत पड़ तो पार्टनर को भी सैक्स थेरैपिस्ट या मैरिज काउंसलर के पास ले जाएं.

5. बता दिया जाए या नहीं

कुछ लोग मानते हैं कि पार्टनर से धोखे की बात छिपानी नहीं चाहिए, क्योंकि एक बार धोखा देने वाला व्यक्ति यह काम बारबार करता है. इसलिए उस के कन्फैशन से कम से कम पार्टनर अलर्ट तो रहेगा. कुछ मानते हैं कि साथी को कभी न कभी यह पता चल ही जाता है कि उसे धोखा दिया गया है. इस से बेहतर है कि आप ही सब सचसच बता दें. फिर भले ही वह डिप्रैशन में जाए या उस रिश्ते को खत्म कर ले.

मगर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि रिश्तों के नाजुक मसलों में हर सच कई बार इतनी दरारें पैदा कर देता है कि वह चरमरा कर टूट जाता है. इसलिए सच नहीं बोलना है तो यह जरूर निश्चय कर लें कि अब उस गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे, तब जा कर आप का झूठ किसी हक तक जायज माना जा सकता है.

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