शादियों के मौसम में ओरल केयर के लिए सुझाव

शादियों का मौसम शुरू हो चुका है. हालांकि इस अवसर पर खान-पान का हमारे दांतों पर बुरा असर हो सकता है और हमें टूथ सेंसिटिविटी महसूस हो सकती है तथा ओरल स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. पर दांतों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए यह जरूरी नहीं कि हम खान-पान को त्याग दें. त्योहारों पर मिठाई और डेज़र्ट त्यागने की जरूरत नहीं, बल्कि आप कुछ सामान्य सावधानियां रखकर हर अवसर को और ज्यादा आनंदपूर्ण बना सकते हैं:

1. दांत में सेंसिटिविटी से देखभाल की जरूरत हैः

ढेर सारी मिठाई खाने के कारण आपको कभी-कभी दांतों में तेज चुभन महसूस हो सकती है. यह दांतों में सेंसिटिविटी के कारण हो सकता है. लेकिन फिक्र न करें. एक स्पेशलिस्ट टूथ सेंसिटिविटी टूथपेस्ट की मदद से आप सेंसिटिविटी की चिंता किए बगैर मिठाईयों का आनंद ले सकते हैं.

2. मिठाइयां पहले खाएं:

मिठाइयों से दांत खराब नहीं होते. वो चिपचिपी होती हैं, जिससे टूथ केविटिज़ हो सकती है और दांतों में सेंसिटिविटी हो सकती है. कभी-कभी मुंह में मौजूद मिठाई के अवशेष मुंह को रिंस करने के बाद भी बचे रह जाते हैं. खाना खाने से पहले डेज़र्ट और मिठाई खाने से मिठाई के दांतों में चिपके रहने का जोखिम कम किया जा सकता है.

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3. कलर्ड फूड से दूर रहें:

त्योहारों का त्योहार रंगबिरंगा होता है, लेकिन आपके खाने में रंग नहीं होना चाहिए. ऐसी चीजें न खाएं जिनमें कृत्रिम रंग एवं प्रिज़र्वेटिव ज्यादा हों. ये आपके दांतों पर दाग छोड़ते हैं और प्रिज़र्वेटिव में मौजूद एसिड बैक्टीरिया की वृद्धि करते हैं. यदि आपके दांतों में दाग लगे हों और आप उन दागों को दूर करना चाहते हैं, तो आप व्हाइटनिंग टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें, ये बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं.

4. ढेर सारा पानी पियें :

अपनेआप को हाईड्रेटेड रखें. थोड़ी-थोड़ी देर में ढेर सारा पानी, ताजा फलों का जूस पीते रहें. खासकर स्नैक्स और खाना खाने से पहले ढेर सारा पानी पियें. इससे आपको पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप ज्यादा स्नैक्स खाने से बचेंगे. साथ ही, खाना खाने के बाद पानी पियें क्योंकि इससे आपका मुंह साफ होगा, जमा हुआ खाना पेट में चला जाएगा और आपके दांतों में प्लाक नहीं बनेगा.

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5. दिन में दो बार दांत साफ करें:

मिठाई और चॉकलेट खाने पर अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉस करना न भूलें, ताकि मीठे कण आपके दांत पर ज्यादा लंबे समय तक चिपके न रहें.

डॉ. अजय कुमार, बीडीएस, एमडीएस- पेरियोडोंटोलॉजी एवं ओरल इंप्लांटोलॉजी, डेंटिस्ट, पेरियोडोंटिस्ट, इंप्लांटोलॉजिस्ट

Winter Special: सर्दियों में कैसे करें स्किन की केयर

सर्दी का मौसम आते ही त्वचा संबंधी समस्याएं विकराल रूप ले लेती हैं. सर्दियों में नमी की कमी के कारण त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है, जिस के कारण त्वचा बेजान व रूखी नजर आती है. त्वचा में खिंचाव होने के कारण इचिंग होने लगती है और जब रूखापन अधिक होने लगता है तो त्वचा में स्क्रैच पड़ने लगते हैं. इस वक्त शरीर व त्वचा को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं कैसे करें सर्दियों में अपनी देखभाल…

• सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से झांइयां, टैनिंग जैसी समस्याएं पैदा होती हैं. इसलिए जब भी धूप का आनंद लेना हो, तो एस.पी.एफ. 15 से 30 तक कोई भी लोशन बौडी पर लगा लें और सीधी पड़ने वाली सूर्य की किरणों से बचें. सर्दियों में सी.टी.एम. यानी क्लींजिंग, टोनिंग एवं मौइश्चराइजिंग को अपने दैनिक क्रियाकलाप में अवश्य शामिल करें. क्लींजिंग जहां डस्ट, पसीने और गंदगी को रिमूव करता है, वहीं टोनर आप की स्किन के पी.एच. को बैलैंस करता है. मौइश्चराइजर त्वचा के रूखेपन को खत्म करने में सहायक होता है.

• फिगारो या बादाम का तेल बौडी मसाज में इस्तेमाल करें. इस में लैवेंडर आयल, रोज आयल एवं वीटजर्म आयल की 4-4 बूंदें मिला कर रखें. नहाने के बाद पूरी बौडी में विंटर केयर या बौडी लोशन इस्तेमाल करें. कोल्ड क्रीम या आयल बेस्ड क्रीम का उपयोग चेहरे के लिए करें. अगर आप विटामिन ई युक्त क्रीम का उपयोग करती हैं, तो यह त्वचा को पोषण देने का कार्य करेगी. सर्दी में हाथों एवं पैरों की नियमित देखभाल करें.

• पैरों के लिए किसी अच्छी कंपनी की फुट क्रीम यूज करें. माह में 1 बार पार्लर जा कर पैडिक्योर अवश्य कराएं ताकि नेल्स की डैड स्किन रिमूव हो सके और फटी एडि़यों का भी ट्रीटमैंट किया जा सके. पैराफिन वैक्स से आप घर में ही अपनी फटी एडि़यों का इलाज स्वयं कर सकती हैं. गरम पैराफिन वैक्स फटी एडि़यों में भर कर क्ंिलग फिल्म से रैप कर 10-15 मिनट रखने से एडि़यां सौफ्ट हो जाती हैं. ग्लिसरीन में नीबू एवं रोज वाटर मिला कर शीशी में भर के रख लें. हफ्ते में 2 बार इसे चेहरे पर लगाएं. होंठों को फटने से बचाने के लिए लिपबाम का इस्तेमाल करें. गुलाब की पंखुडि़यों को भी पीस कर इन में मिला सकती हैं. यह होंठों को कालेपन से बचाता है.

• सर्दियों में मेहंदी का उपयोग कम करें, क्योंकि मेहंदी लगाने से बाल ड्राई होते हैं. अगर बहुत जरूरी हो तो मेहंदी में दही मिला कर लगाएं. बालों में कंडीशनर या हेयर स्पा जरूर लगाएं.

• सर्दियों में मेकअप करते वक्त खयाल रखें कि स्किन को फेसवाश कर मौइश्चराइजर लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें. फिर क्रीम बेस्ड फाउंडेशन यूज करें. लिक्विड आईलाइनर यूज न कर के केक आईलाइनर यूज करें. पेनकेक को वाटर के साथ मिक्स कर लगाने से मेकअप में क्रैक्स नहीं पड़ते.

• सर्दी के मौसम में त्वचा रूखी न हो, इस के लिए जैतून का तेल या बौडी लोशन और वाटर बेस्ड क्रीम इस्तेमाल करें. मौइश्चर कम होने से स्किन में पैच हो जाते हैं. जगहजगह सफेद रंग की स्किन निकलने लगती है. आयल ड्राई होने पर पिंपल्स और एक्नों वाली स्किन हो जाती है. अत: स्किन का ग्लो बना रहे, इस के लिए प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और फेस पर हाइड्रोमाइश, हाइडे्रटिंग एम्पयूल या मौइश्चराइजर इस्तेमाल करें. माह में 1 बार फेशियल अवश्य कराएं.

• सनबर्न और टैनिंग होने पर ऐंटीटैनिंग पैक लगाएं. सर्दियों में केले और पपीते का पैक लगाएं. मिल्क और हनी का पैक त्वचा में फेयरनैस तो देगा ही, त्वचा में कसाव भी लाएगा. चंदन का तेल ऐंटीसैप्टिक का काम करता है. इसलिए बौडी में इचिंग, स्क्रैचेस पड़ने पर जैतून के तेल में चंदन का तेल मिला कर उस जगह पर लगाने से फायदा होगा. पिंपल्स व एक्ने होने से रोकने के लिए कुकुंबर जैल में ट्रीट्री आयल की 2 बूंदें डाल कर रात में सोने के पहले पिंपल्स वाली जगह पर लगाएं. पपीता एंजाइम लोशन से डेली हलके हाथों से 5 मिनट तक मसाज करें. अरोमा का क्लौव पैक लगाएं.

• सर्दियां आते ही जहां चटपटे, मसालेदार खाने में रुचि उत्पन्न होती है, वहीं तीजत्योहारों से भरे मौसम में तलाभुना, मिठास से भरपूर स्वादिष्ठ व्यंजन भी हमारे आहार में शामिल होता है. यह खानपान न केवल हमारी पाचन प्रणाली को, हैल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. हमारी त्वचा में भी कई समस्याएं पैदा करता है. जहां सर्दियों में त्वचा में नमी की कमी के कारण रूखापन, क्रैक्स, इचिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, वहीं गलत खानपान से पिंपल्स, ब्लैकहैड्स आदि समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ता है.

• सर्दियों में आप तलाभुना स्वादिष्ठ भोजन संयमित मात्रा में लें, परंतु इस के साथ वाक, एक्सरसाइज एवं वर्कआउट अवश्य करें. सुबह की ताजा हवा आप को नमी व शुद्ध आक्सीजन भी देती है. इस मौसम में मौसंबी, अनार एवं पपीते का शेक अवश्य लें. पपीता पाचन में तो सहायक होगा ही, आप को पिंपल्स और एक्ने होने से भी बचाएगा. अंकुरित चने, मूंग, मटर, लोबिया को नीबू, नमक के साथ सलाद के रूप में अवश्य लें. रोजाना जूस, सूप या कोई भी लिक्विड अवश्य लें. बासी व ठंडे खाने से बचें.

Winter Special: मूली से बनाएं ये टेस्टी Dishes

सफेद रंग की मूली सर्दियों में बहुतायत से पाई जाती है. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम, फाइबर और मिनरल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ साथ यह कब्ज तथा डायबिटीज रोगों में भी लाभकारी है इसलिए इसे अपनी डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए. चूंकि इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे शाम या रात की अपेक्षा सुबह या दिन में खाना उचित रहता है. जड़ के साथ साथ इसके पत्ते भी स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट होते है. सलाद के साथ साथ मूली से आप विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकतीं हैं इसी तारतम्य में हम आज आपको मूली से बनने वाली कुछ व्यंजन विधियों के बारे में बता रहे हैं, तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

-मूली रोल

कितने लोगों के लिए            4

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

मूली के ताजे चौड़े पत्ते       4

बेसन                               2 टेबल स्पून

नमक                              1/2 टीस्पून

अजवाइन                         1/4 टीस्पून

हल्दी पाउडर                      1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर                1/4 टीस्पून

हींग                                   1/4 टीस्पून

दही                                   2 टेबल स्पून

अदरक, हरी मिर्च पेस्ट         1 टीस्पून

बघार के लिए

तेल                                  1 टेबल स्पून

तिल                                  1 टीस्पून

साबुत लाल मिर्च                 3-4

राई                                   1 टीस्पून

नीबू का रस                        1/2 टीस्पून

विधि

मूली के पत्तों को धोकर पोंछ लें. इनकी डंडी को काट दें. घोल की सारी सामग्री को एक बाउल में डालकर मिलाएं फिर आवश्यकतानुसार पानी डालकर पकौड़े जैसा गाढ़ा घोल तैयार करें. अब मूली के पत्तो के पीछे के हिस्से पर चम्मच से अच्छी तरह घोल फैलाकर पत्तो को गोल गोल लपेटकर रोल बना लें. एक पतीले में दो ग्लास पानी गर्म करें, जब पानी उबलने लगे तो ऊपर एक छलनी रखकर उसके ऊपर तैयार रोल रख दें. इन्हें ढककर 10 से 15 मिनट तक पत्तों के अच्छी तरह गलने तक पकाएं. जब ठंडे हो जाएं तो आधे आधे इंच के रोल काट लें. कड़ाही में तेल गरम करके बघार की समस्त सामग्री डाल कर कटे रोल डाल दें. अच्छी तरह चलाकर नीबू का रस डालकर सर्व करें.

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-प्रोटीन रिच मूली भुजिया

कितने लोगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय    20 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

मूली के बारीक कटे पत्ते      250 ग्राम

छिल्के वाली मूंग दाल         1/4 कप

हींग                                 चुटकी भर

जीरा                                 1/4 टीस्पून

नमक                              स्वादानुसार

हल्दी पाउडर                    1/4 टीस्पून

अदरक, हरी मिर्च पेस्ट       1 टीस्पून

नीबू का रस                     1 टीस्पून

सरसों का तेल                  1 टीस्पून

विधि

गरम तेल में हींग, जीरा तड़काकर अदरक, हरी मिर्च का पेस्ट भून लें. मूंग दाल को पानी से धोकर तेल में डालें, आधा कप पानी डालकर धीमी आंच पर दाल के गलने तक पकाएं. जब दाल गल जाए तो कटे पत्ते , नमक और सभी मसाले डालकर भली भांति चलाएं. 5 मिनट तक ढककर पकाएं, फिर खोलकर पानी के सूखने तक पकाकर गैस बंद कर दें. नीबू का रस डालकर पूरी या परांठे के साथ सर्व करें.

-मूली का स्वादिष्ट अचार

कितने लोंगों के लिए           8

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

ताजी मूली                 6

सरसों की दाल           1 टीस्पून

राई की दाल               1 टीस्पून

हल्दी पाउडर              1/4 टीस्पून

हींग                           चुटकी भर

काला नमक               1 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर        1 टीस्पून

सरसों का तेल             1 टेबल स्पून

विधि

मूली को छीलकर गोल गोल रिंग्स में काट लें. गर्म तेल में हींग, राई की दाल डालकर हल्दी डाल दें. अब मूली के रिंग्स डालकर सभी मसाले डाल दें. अच्छी तरह चलाकर कांच के जार में भरकर रखें. 3-4 दिन धूप में रखकर प्रयोग करें.

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क्या Liquid Dishwash का ऐसे इस्तेमाल किया है आपने?

आप लिक्विड डिशवाश से बर्तन धोती हैं. कई लिक्विड डिशवाश बर्तन बार के मुकाबले ज्यादा कारगर होते हैं. सबसे खास बात की यह साबुन की तरह गलता नहीं, क्योंकि आप इसे अपने जरूरत के हिसाब से ही पाउच या बोतल से निकालती हैं. पर बर्तनों को चमकाने के अलावा भी लिक्विड डिशवाश का कई तरह से प्रयोग किया जा सकता है.

लिक्विड डिशवाश से आसान करें अपने ये काम-

1. गार्डन से घास-फूस हटाए

आपने बहुत मेहनत से एक खूबसूरत किचन गार्डन तैयार किया है. पर घास-फूस आपके गार्डन की रंगत बिगाड़ रहे हैं. और इन्हें काट-छांट के हटाने में भी काफी वक्त लग जाता है. पर लिक्विड डिशवाश से आपका ये काम काफी आसान हो जाएगा. डिशवाश, नमक और सिरके का मिश्रण तैयार कर लें. अब इस मिश्रण को स्प्रे बोतल में डालें और घास-फूस पर डालें. स्प्रे करते वक्त जरा सावधानी बरतना जरूरी है. क्योंकि ये मिश्रण आपके पौधों को भी नुकसान पहुंचा सकता है.

2. पंचर आसानी से पता लगाएं

साईकल, बाइक या कार के टायर, एयर-मैट्रेस में छेद का आसानी से पता लगाने के लिए डिशवाश लिक्विड का इस्तेमाल किया जा सकता है. पानी में लिक्विड को मिलाएं और उस जगह पर स्प्रे करें, जहां आपको पंचर होने की आशंका है. अगर टायर या मैट्रेस में छेद है तो वहां से लिक्विड बुलबुला बन निकलने लगेगा.

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3. फ्रूट फ्लाइ की नो एन्ट्री

फ्रूट फ्लाई अगर आपके घर पर भी कब्जा कर रही हैं, तो आप डिशवाश की मदद से आसानी से जाल बिछा सकती हैं. एक बाउल को सिरके से आधा से थोड़ा ज्यादा भर लें. अब इसमें 10-12 बूंदें डिशवाश की डालें. और बाकी आधे बाउल को हल्के गर्म पानी से भर दें. फ्लाई इसमें फंस जाएंगी.

4. चश्मे की सफाई

आप अपने चश्मे के लेन्स को भी डिशवाश की मदद से आसानी से साफ कर सकती हैं. एक सुखे कपड़े पर डिशवाश की कुछ बूंदें डालें और लेन्स को साफ करें.

5. दरवाजें और खिड़कियों की चरचराहट

कई बार दरवाजें और खिड़कियों से चरचराहट की आवाजें आने लगती हैं. ये कई वजहों से होती है. पर इस आवाज से बहुत ज्यादा चिढ़ होती है. आप डिशवाश लिक्विड से भी इस इरीटेटिंग आवाज को दूर कर सकती हैं. जिस दरख्त से यह आवाज आ रही है, वहां पर डिशवाश की कुछ बूंदें डाल दें और शांत माहौल का लुत्फ उठायें.

6. पौधों की सुरक्षा

डिशवाश लिक्विड से आप अपने पौधों की भी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं. ये जहरीला नहीं है, पर कीड़े-मकौड़ों को भगाने में काफी असरदायक है. 7-8 चम्मच लिक्विड को हल्के गर्म पानी के साथ घोलें. अब इस मिश्रण को एक स्प्रे बोतल में डालें और पौधों पर छिड़कें. पर ध्यान रखें की आपके डिशवाश लिक्विड में ब्लीच, ऐंटीबैक्टीरिल इंग्रीडियंट्स न हो.

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7. कार्पेट और टाइल की भी सफाई

आप अपने बर्तनों को तो लिक्विड डिशवाश से साफ करती हैं, पर आप अपने घर के टाइल्स को भी इससे साफ कर सकती हैं. अगर आपके घर में भी टाइल्स या कार्पेट पर ग्रीज लग गया है तो डिशवाश लिक्विड का प्रयोग जरूर करें.

बेटी नहीं बेटे की परवरिश पर भी दें ध्यान

“मां, मुझे अपनी सहेली निशा के घर जाना है आज. उस ने क्लास में बहुत अच्छा नोट बनाया है. कल टैस्ट है. एक बार उस के घर जा कर पढ़ आती हूं. पास ही तो रहती है. स्कूटी से तुरंत जा कर आ जाऊंगी,’’ राशि ने अपनी मां सुधा से कहा.

‘‘यह कोई वक्त है लड़कियों का घर से बाहर निकलने का? देख रही हूं सुधा तूने इसे कुछ ज्यादा ही छूट दे रखी है. कुछ ऊंच-नीच हो जाएगी, तो सिर धुनती रहना जीवन भर,’’ मां के कोई जवाब देने से पहले ही राशि की दादी बोल उठीं.

‘‘तुम्हें क्लास में ही उस से नोट ले लेना चाहिए था. आखिर रात होने का तुम ने इंतजार ही क्यों किया?’’ पापा ने घर में घुसते ही कहा.

‘‘बेटा, उस नोट को छोड़, खुद नोट बना ले. अब रात के 9 बजे तुम्हारा बाहर जाना उचित नहीं,’’ मां ने भी समझाया.

मन मसोस कर राशि अपने कमरे में जा कर पढ़ने बैठ गई.

करीब 1 घंटे के बाद राशि का भाई अपने कमरे से निकला और मां से बोला, ‘‘मां, शाम से बाहर नहीं निकला हूं, एक चक्कर लगा कर आता हूं,’’ और फिर बाइक ले बाहर चला गया. कहीं से कोई आवाज नहीं आई. किसी ने उस से कुछ नहीं पूछा या कहा.

दोहरी सोच

आम भारतीय घरों में कमोबेश यही स्थिति होती है. बेटी को तो हर समय आचारव्यवहार सिखाते रहेंगे. कभी दूसरे के घर जाने के नाम पर तो कभी जमाना बहुत खराब है के नाम पर. ऐसे न बोलो, ऐसे न चलो, ऐसे न करो आदि की लंबी सूची होती है बेटियों को सिखाने के लिए. कभी सीधेसीधे तो कभी घुमाफिरा कर बेटियों को बताया जाता है कि रास्ते में शोहदों को कैसे नजरअंदाज करना है. कोई फबती कसे तो कैसे चुपचाप कोई बखेड़ा खड़ा किए निकल लेना चाहिए. अगर कोई ऊंचनीच हो भी जाए तो गलतियां खोज कर लड़की को ही कुसूरवार ठहराया जाता है कि उस ने कपड़े ही ऐसे पहन रखे थे या रात के वक्त भला कहीं अच्छे घर की लड़कियां बाहर घूमती हैं? अखबार में छपी बलात्कार क ी खबरों को सुना कर उन्हें और भीरु बनाया जाता है. मगर बेटों के लिए यही सोच है कि अरे लड़का है इस के लिए क्या सोचना. कोई लड़की है क्या जो फिक्र की जाए कि कहां जा रही है? क्या कर रही है? दरअसल, परेशानी इसी सोच से है.

क्या ऐसा नहीं लगता कि परेशानी दरअसल लड़कों से ही है? क्या आप ने कभी सुना है कि कुछ लड़कियों ने मिल कर एक लड़के के साथ छेड़खानी की, बलात्कार किया या कुछ ऐसा ही और? नहीं न? सड़कों पर तेजी से दोपहिया वाहन चलाते हुए कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो दुर्घटनाग्रस्त या मरने वाले भी ज्यादातर लड़के ही होते हैं जबकि दोपहिया अब तो लड़कियां भी चलाती हैं.

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बचपन से ही सिखाएं

लड़कियां शुरू से ही बहुत समझदार और संवेदनशील होती हैं. अब कुछ ज्ञान लड़कों को भी दिया जाना चाहिए. बेटों से बचपन से ही कहा जाता है, ‘अरे लड़की हो क्या जो रो रहे हो?’ ‘डरपोक, तुम लड़की हो क्या?’ ‘चूडि़यां पहन रखी हैं क्या?’ ‘अरे, तुम किचन में क्या कर रहे हो?’ वगैरहवगैरह. ऐसा बोल कर उन्हें शुरू से ही संवेदनहीन बना दिया जाता है.

बेटों को भी बचपन से ही सिखाना चाहिए कि लड़कियों की इज्जत करें. मां का यह कर्तव्य है कि अपने जिगर के टुकड़े को सिखाए कि राह चलती लड़कियों को घूरा न जाए. उन्हें कैसे इज्जत दी जाए.

दोष किस का

घर में बेटियों को नालायक लड़कों से बचने के गुण सिखाने के साथसाथ बेटों को लायक बनने के गुण भी बताए जाएं. बच्चे तो बच्चे होते हैं, कच्ची मिट्टी की तरह. जैसा चाहें हम उन्हें गढ़ सकते हैं, जैसा चाहें हम उन में सोच रोपित कर दें. फिर क्या लड़का और क्या लड़की.

आज जब हम किसी सड़क छाप मजनू या किसी बलात्कारी अथवा हिटलरशाही पति को देखते हैं, जो मनमानी करने को अपना हक समझता है, तो यह समझ लेना चाहिए कि दोष उस की परवरिश का भी है. सुधा ने तो बेटी को बाहर नहीं जाने दिया कि कुछ अनर्थ न हो जाए पर हो सकता है उस का भोला सा दिखने वाला लाल ही बाहर कोई अनर्थ कर आया हो.

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रेप और भारत की छवि

अमेरिकी सरकार ने हाल में एक चेतावनी जारी की है कि अमेरिकी नागरिक भारत जाते समय यह ध्यान में रखें कि यहां बलात्कार बहुत होते हैं. यह बहुत ही गंभीर है कि महान ङ्क्षहदू सांस्कृतिक राष्ट्र बनने की राह पर चलने वाला देश दुनिया में बलात्कार केंद्र माना जाए और यह चेतावनी भारत जैसे थोड़े से ही देशों में दी जाए भारत के अपने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार 2020 में 28,000 मामले तो  दर्ज किए गए थे. बलात्कार के मामलों में ज्यादातर में लड़कियां खुद ही रेप छिपा जाती हैं और जहां मातापिता को पता चल भी जाए वे भी मुंह पर जिप लगा लेते हैं.

भारत में रेप पौराणिक युग से चला आ रहा है और कभी कोई देवता बलात्कारी को दंड देने के लिए अक्तरित हुआ, ऐसा नहीं लगता, यहां तो बलात्कार की शिकार को दोषी माना जाता है, वह अहिल्या या सीता की तरह दोषी मान ली जाती है और या तो पत्थर बन जाती है या घर निकाला दे दिया जाता है.

यह आश्चर्य की बात है कि जब भारत के भगवा गैंग किसी को भी जय श्री राम बोलने को मजबूर कर सकते हैं कहीं भी मांस की बिक्री बंद कर सकते हैं, किसी भी सडक़ या किसी की निजी संपत्ति पर मंदिर बना सकते हैं, किसी मसजिद को तोड़ सकते हैं.

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हाल में एक बाल गृह में रह रही लडक़ी ने आरोप लगाया कि 16 वर्ष की आयु में उस का 400 लोगों ने रेप किया है जिस में बहुत से पुलिस वाले हैं. क्या भगवाई इन अपराधियों को अपने प्रवचनों से नहीं रोक सकते? क्या इन अपराधों को रोकने के लिए हर नुक्कड़ पर खाकी वर्दी वाले बैठाए जाएं जबकि हर नुक्कड़ एक तिलकधारी, सीता-राम का दुपट्टा ओड़े बैठा है जो दान तो ले रहा है पर आदर्श व्यवहार लागू नहीं कर सकता.

अमेरिकी सरकार की नजर में नेपाल भारत से ज्यादा सुरक्षित है, बांग्लादेश सुरक्षित है, अफ्रीका का मलावी देश ज्यादा सुरक्षित है. अमेरिकी चेतावनी ने अपने नागरिकों को भारत में धाॢमक ङ्क्षहसा के प्रति भी आगाह किया गया है कि धर्म परिवर्तन का बहाना बना कर किसी भी विद्यर्मी विदेशी को भारत में निशाना बनाया जा सकता है.

रेप के मामलों में चेतावनी ने सख्त शब्दों में कहा है कि अमेरिकी नागरिकों का इस अपराध को झेलना पड़ा है चाहे उन्होंने सही ढंग के कपड़े क्यों न पहन रखे हों. अगर अमेरिकी महिला अश्वेत है तो उस के साथ भारत में कुछ ज्यादा ही बुरा व्यवहार रिपोर्ट किया गया है.

अपराध दुनिया में हर जगह होते है पर जितने मंदिर और प्रवचन भारत में हो रहे हैं और जितना ज्ञान यहां व्हाट्सएप और फेसबुक पर बांटा जा रहा है उस से तो हर ङ्क्षहदू भारतीय विशुद्ध आचरण वाला बन जाना चाहिए था. जो पूजापाठ, ईश्वर भक्ति, चढ़ावा, दानपुण्य, तीर्थ यात्रा भारत में है शायद कहीं और नहीं और फिर भी औरतें सुरक्षित न हों यह आखिर कैसे संभव है.

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अमेरिकी या विदेशी नागरिकों के लिए ही नहीं भारत में भी शाम ढलते ही औरतें घरों में घुस जाती हैं क्योंकि धर्मशास्त्र सुनने के बाद भी सडक़ों पर अपराधियों का जाल बिछा रहता है. आखिर क्यों? अगर धर्म सत्य के मार्ग पर चलाने वाला है तो भारत के लोगों को दुनिया का सब से सक्षम होना चाहिए, अगर धर्म परिवार प्रेम सिखाता है तो भारत में तो पारिवारिक विवाह शून्य के बराबर होने चाहिए, अगर धर्म हर पाप का लेखाजोखा रखने वाला है तो यहां कोई  पापी होना ही नहीं चाहिए.

पर यहां तो कुछ और ही हो रहा है. इस का दोष सरकार को दें, पुलिस को दे या इन के ऊपर की शक्ति धर्म के ठेकेदारों को?

काव्या की बेइज्जती करेगी Anupama तो वनराज बनेगा बिजनेस टाइकून

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) जल्द नया मोड़ लेने वाली है, जिसके चलते मेकर्स पूरी तैयारी कर चुके हैं. काव्या (Madalsa Sharma) का असली चेहरा सामने आने के बाद जहां वनराज  (Sudhanshu Pandey) बदले की तैयारी करने वाला है तो वहीं अनुपमा (Rupali Ganguly) भी अनुज (Gaurav Khanna) के साथ मिलकर नया प्लान बनाने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो (Anupamaa Latest Episode) में आगे…

वनराज ने किया काव्या से बदला लेने का फैसला

अब तक आपने देखा कि बापूजी, अनुपमा को अनुज को दिल में जगह देने के लिए कहते हैं. वहीं काव्या के नए रुप को देखकर वनराज बदला लेने की ठानता नजर आती है, जिसके चलते वह घर से दूर जाने का फैसला करता नजर आता है. लेकिन अब सीरियल की कहानी में नया मोड़ दिखने वाला है.

 

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बापूजी की बात मानेगी अनुपमा

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि बापूजी के कहने पर अनुपमा, अनुज को दिल में रखने का फैसला करेगी, जिसे सुनकर अनुज बेहद खुश नजर आएगा. वहीं काव्या, वनराज के लिए शाह परिवार को एक ही छत के नीचे रहने के लिए कहेगी. लेकिन वनराज इस बात से काव्या को बिल्कुल माफ नही करेगा और घर से दूर निकल जाएगा.

नया वनराज लौटेगा

 

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दूसरी तरफ, घर से दूर जाने के बाद वनराज एक बिजनेस टाईकून बन जाएगा और काव्या की जिंदगी में लौटेगा. लेकिन वह काव्या को तलाक देने का फैसला करेगा. वहीं अनुपमा को एक बार फिर अपनी जिंदगी में वापस लाने का फैसला करेगा. हालांकि अनुपमा, अनुज का साथ निभाने का ही फैसला करेगी, जिसके बाद अनुज और वनराज के बीच जंग देखने को मिलेगी. इसी बीच अनुपमा, काव्या को खरी खोटी सुनाती नजर आएगी.

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Imlie की जिंदगी में दोबारा जहर घोलेगी मालिनी, करेगी ये काम

सीरियल इमली Imlie में इन दिनों काफी मजेदार ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. जहां आर्यन की नोकझोंक इमली से बढ़ती जा रही है तो वहीं मालिनी, आदित्य के दिल में इमली के खिलाफ बातें डाल रही है, जिसके चलते सीरियल की कहानी दिलचस्प हो रही है. आइए आपको बताते हैं क्या होने वाला है शो में आगे…

आदित्य की मदद लेने से इमली ने किया इनकार

 

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अब तक आपने देखा कि आर्यन हर कदम पर इमली को चैलेंज करता नजर आ रहा है. हालांकि आदित्य कोशिश कर रहा है कि वह इमली की मदद कर सके. लेकिन वह अपनी मेहनत से हर परीक्षा में सफल हो रही है. इसके कारण वह आर्यन के दिल में धीरे-धीरे जगह बना रही है.

 

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मालिनी फिर बिछाया जाल

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि आर्यन एक बार फिर इमली बड़ा टास्क देते हुए एक दिन में आर्टिकल पूरा करने को कहेगा, जिसे इमली स्वीकार भी कर लेगी. लेकिन आदित्य इमली की मदद करने की कोशिश करेगा. इसी बीच इमली को परेशान करने के लिए मालिनी, अर्पणा के इमली के लिए बनाए लड्डू में नींद की दवा मिला देगी, जिससे इमली सो जाती है.

आर्यन को होगी इमली की फिक्र

 

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दूसरी तरफ आप देखेंगे कि आर्यन घर पहुंचकर इमली के बारे में सोचता नजर आता है, जिसे देखकर उसकी मां परेशानी की वजह पूछती नजर आती है. वहीं आदित्य, मालिनी को इमली के टास्क के बारे में बताता है, जिसे जानकर मालिनी मन ही मन खुश होगी कि इमली अपना टास्क पूरा नहीं कर पाएगी क्योंकि उसके लड्डू में नशीली दवा मिली है. लेकिन इमली टाइम से औफिस पहुंचकर आर्यन को चौंका देगी. वहीं आर्यन, इमली को निहारता हुआ नजर आएगा.

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बेटी अनाया को Shaheer Sheikh ने दिया हेयरकट, क्यूट वीडियो हुई वायरल

टीवी के पौपुलर एक्टर शाहीर शेख (Shaheer Sheikh) जहां पवित्र रिश्ता 2 (Pavitra Rishta 2) के कारण सुर्खियों में हैं तो वहीं पर्सनल लाइफ के चलते सोशलमीडिया पर छाए हुए हैं. दरअसल, शाहीर शेख की बेटी अनाया (Anaya Sheikh) को 2 महीने पूरे हो गए हैं, जिसके चलते उन्होंने फैंस के लिए वीडियो शेयर की है. वहीं सोशलमीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रही है. आइए आपको बताते हैं वीडियो में क्या है खास…

बेटी की शेयर की वीडियो

 

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पर्सनल लाइफ को छिपा कर रखने वाले एक्टर शाहीर शेख इन दिनों फादरहुड इन्जौय कर रहे हैं औऱ अपनी फैमिली के साथ पूरा वक्त बिता रहे हैं. वहीं इसी के चलते उन्होंने एक वीडियो शेयर की है, जिसमें शाहीर शेख दो महीने की बेटी (Shaheer Sheikh haircut to daughter) अनाया का पहला हेयरकट करते नजर आ रहे हैं. हालांकि वीडियो में अनाया का चेहरा नजर नही आ रहा है, लेकिन सेलेब्स और फैंस पिता का ये प्यार देखकर जमकर कमेंट कर रहे हैं.

 

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हिना खान ने दिया ये रिएक्शन

 

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शाहीर शेख की वाइफ रुचिका कपूर (Ruchikaa Kapoor) ने इस वीडियो को देखकर जहां हार्ट इमोजी शेयर किया तो वहीं हिना खान ने इस प्यारी वीडियो पर ‘awww’ लिखा साथ ही बुरी नजर से बचाने वाला इमोजी भी शेयर किया है. इसके अलावा सोशलमीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल हो गया है.

 

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बता दें, शाहीर शेख और रुचिका कपूर ने 2020 में कोर्ट मैरिज की थी. वहीं अगस्त में रुचिका कपूर के बेबी शौवर की फोटोज भी काफी वायरल हुई थी, जिसके बाद 10 सितंबर 2021 को अनाया का जन्म हुआ था. हालांकि शाहीर ने दीवाली के मौके पर बेटी की फोटो शेयर की थी. लेकिन चेहरा नही दिखाया था.

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क्या Migraine आपकी Daily Life को Effect कर रहा है?

अगर आपको तेज सिरदर्द, मतली और प्रकाश और ध्वनि के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता है, तो आपका यह सिरदर्द मामूली नहीं है. दरअसल यह सिरदर्द माइग्रेन हैं, जो न केवल आपको पूरी तरह से बिस्तर पर पहुंचा सकता हैं बल्कि आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों को भी बाधित कर सकता हैं.द लाइफकार्ट .इन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रवीण जैकब के मुताबिक यह एक सामान्य स्थिति है, जिसका  अनुमानित वैश्विक प्रसार 14.7% है अर्थात यह 7 लोगों में से लगभग 1 को होता है. जब माइग्रेन अटैक होता है, तो माइग्रेन से पीडित व्यक्ति कष्टदायी दर्द से छुटकारा पाने के लिए लगभग हर संभव तरीके को अपनाते हैं. दवा दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, और एंटीडिपेंटेंट्स और बीटा-ब्लॉकर्स एपिसोड को रोकने में मदद कर सकते हैं. हालांकि इन सभी दवा की विधियों में मतली, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक सहित संभावित साइड इफेक्ट होते हैं. क्लीनिकल स्टडी से पता चला है कि सामान्य देखभाल की तुलना में घरेलू उपचार दर्द से राहत दिलाने में ज्यादा प्रभावी साबित हुआ है.

इस समस्या से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पहले यह जान जाएं कि यह समस्या किस वजह से हो रही है. जिन चीजों से यह समस्या ज्यादा होती है उनमे मुख्य रूप से  हाई ब्लड प्रेशर, गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में अकड़न, भावनात्मक तनाव, कुछ विशेष दवाएं, एडिटिव्स, या कुछ खाद्य पदार्थ शामिल है. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को आमतौर पर एच-पाइलोरी बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है, यह माइग्रेन, अल्सर और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं को पैदा करने के लिए जाना जाता है. माइग्रेन के लक्षणों को जांचने के लिए  प्राकृतिक उपचारों को अपनाना एक दवा-मुक्त तरीका है. ये घरेलू उपचार माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकते हैं या इसकी गंभीरता और इससे पीड़ित होने के समय को कम से कम करने में मदद कर सकते हैं.

1. हाइड्रेशन बहुत जरूरी है 

बिना दवा के माइग्रेन का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप ढेर सारा पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक  को पिएँ. यह देखा गया है कि डीहाइड्रेशन होने से सिरदर्द होता है. सुनिश्चित करें कि जिस इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक को आप पी रहे हो उसमे  चीनी या रंग न मिलाहो क्योंकि इससे सिरदर्द और ज्यादा बढ़ सकता हैं. विटामिन सी युक्त ड्रिंक पीना सबसे बढ़िया होता है. अगर व्यक्ति को डायबिटीज है तो ड्रिंक में कितनी चीनी है, इसको जरूर जांच लेना चाहिए.

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2. नियमित रूप से योग करें

रिसर्च से पता चला है कि योग करने से सिरदर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. योग एक बहुत पुरानी परंपरा है, जिसमे सांस लेने की तकनीक और आसन के माध्यम से दर्द से  छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है. इन आसनों और प्राणायामों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. एक प्रमाणित ट्रेनर के मार्गदर्शन में हर दिन दो बार करने से माइग्रेन के दर्द की गंभीरता कम हो जाएगी और भविष्य के माइग्रेन अटैक  के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी.

3. एक्यूपंक्चर

एक्यूपंक्चर एक ऐसी  वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक है जिसमे शरीर के प्रेशर पॉइंट की पहचान करके सुइयों को चुभा करके दर्द और माइग्रेन के अन्य लक्षणों को सही करने में मदद की जाती है. स्टडी ने एक्यूपंक्चर को पुराने सिरदर्द से पीड़ित लोगों के लिए दर्द से छुटकारा पाने के लिए सबसे  विश्वसनीय वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक मानी गयी है. यहां तक कि थ्रोबिंग माइग्रेन के दर्द से पीड़ित मरीज को एक्यूपंक्चरिस्ट के साथ सेशन करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि एक्यूपंक्चरिस्ट भी एक्यूपंक्चर से माइग्रेन के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए सबसे सुरक्षित बिना दवा के इस विकल्पों को अपनाने की सलाह देंगे.

4. मेडिटेशन

माइंडफुल मेडिटेशन में बिना किसी निर्णय वाले दिमाग के साथ वर्तमान समय पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है. मेडिटेशन एक तरह से तनाव को कम करने में मदद करता है, जैसा कि सभी को पता है कि माइग्रेन को बढ़ाने में तनाव सबसे बड़ा कारण है. मन-तन की तकनीक जैसे मेडिटेशन और कुछ समय के लिए आराम करने से  तनाव को कम करके सिरदर्द को दूर  करने में मदद मिल सकती है.

5. एक्सरसाइज

नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से माइग्रेन अटैक होने की संख्या  और  गंभीरता  को कम करने में मदद करता है. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज करने से माइग्रेन के लिए हानिकारक हो सकता है. एक्सरसाइज वास्तव में तनाव से बचाव में मदद करता है, तनाव होना एक सामान्य माइग्रेन ट्रिगर होता है. जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हम फील-गुड हार्मोन रिलीज करते हैं, इन हार्मोन को शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक और एंटी- डिस्पेरेंट भी माना जाता है. अगर आप  माइग्रेन दर्द से पीड़ित हैं तो एक्सरसाइज न करें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और खराब हो जाएगी.

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6. ख़ुद से मसाज करना मददगार हो सकता है

टेम्पल्स, कंधों और सिर के पिछले हिस्से के आसपास खुद से मालिश करने से तनाव से होने वाले सिरदर्द में राहत मिल सकती है. खुद से मालिश करने या किसी मालिश चिकित्सक के साथ काम करने से क्रोनिक  गर्दन के दर्द को हल किया जा सकता है और कंधे का तनाव को कम किया जा सकता है, इससे सिरदर्द नहीं होगा. यह हमेशा सलाह दी जाती है कि प्रेशर पॉइंट पर दबाव I-4 पर दबाव डाला जाए, इस पॉइंट को हेगू भी कहा जाता है, यह आपके अंगूठे और तर्जनी के आधार के बीच स्थित होता है. इससे आपको दर्द और सिरदर्द से राहत पाने में मदद मिलेगी.

7. अपने पेट के स्वास्थ्य को  बेहतर रखें

पेट और दिमाग के बीच एक मजबूत संबंध होता है. इसका मतलब है कि अगर हमारे पेंट का स्वास्थ्य सही है तो  इसका असर माइग्रेन की समस्या पर भी पड़ेगा. यही कारण है कि जीआई डिसऑर्डर, जैसे इरिटेबल बोवेल

सिंड्रोम और इन्फ्लेमेटरी बोवेल की बीमारी, और माइग्रेन अक्सर व्यक्ति द्वारा एक साथ अनुभव किया जाता है. अस्वास्थ्यकर खानपान की आदतों और एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा सेवन में वृद्धि होने से  मानव शरीर में एच-पाइलोरी बैक्टीरिया की संख्या (मानव-आंत के अंदर) अच्छे और महत्वपूर्ण बैक्टीरिया को कम कर देते है, जिससे पेट की समस्या होती है और परिणामस्वरूप माइग्रेन होता है.

8. प्राकृतिक माइग्रेन रिलीफ किट

इन स्टेप्स का पालन करने के बाद भी अगर राहत नहीं मिलती है, तो प्राकृतिक माइग्रेन रिलीफ किट को आजमा सकते हैं. ये सभी किट ऑनलाइन उपलब्ध हैं और माइग्रेन और सिरदर्द से लड़ने तथा ठीक करने के लिए 100% प्राकृतिक इलाज प्रदान करती हैं. ये हर्बल प्रोबायोटिक किट देशी जड़ी बूटियों से बनाई जाती हैं जिनमें काला जीरा, जीरा, चाँद की पत्ती, अदरक, और पुदीना शामिल हैं जो आपके पेट में इंटेस्टिनल फ़्लोरा (आंतों के वनस्पतियों) को पनपने की अनुमति देकर सिरदर्द और दर्द को हल करने में मदद करते हैं.

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