Yeh Rishta Kya Kehlata Hai के बाद कुछ ऐसे वेकेशन मना रही हैं Shivangi Joshi, देखें फोटोज

स्टार प्लस के सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) से नायरा यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) की एग्जिट हो चुकी है. हालांकि फैंस के साथ वह अपने डेली अपडेट शेयर करती नजर आ रही हैं. जहां हाल ही में शिवांगी जोशी दुबई घूमती नजर आई तो वहीं अब वह अमृतसर पहुंच गई हैं, जिसकी वीडियो सोशलमीडिया पर छा गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं शिवांगी जोशी के अमृतसर वेकेशन की फोटोज की झलक…

अमृतसर पहुंची शिवांगी

 

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हाल ही में शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi)  दुबई से अमृतसर पहुंच गई है, जिसकी फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं. फोटोज की बात करें तो शिवांगी जोशी ने अपनी फैमिली और कुछ खास दोस्तों के साथ गोल्डन टेंपल में नजर आईं, जिसमें वह बेहद खुश नजर आ रही हैं.

फैंस दे रहे रिएक्शन

 

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शिवांगी जोशी के गोल्डन टेंपल की फोटोज सोशल मीडिया पर छा गई हैं. वहीं शिवांगी का एक बार फिर देसी अवतार देखकर फैंस बेहद खुश हैं और शिवांगी के लुक्स की तारीफें कर रहे हैं.

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पंजाब में मजे करती दिखीं शिवांगी

 

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पंजाब की खूबसूरती और फूड का शिवांगी जोशी लुत्फ उठाती नजर आईं. जहां शिवांगी सरसों के खेत में पोज देती दिखीं तो वहीं पंजाब की लस्सी के मजे लेती नजर आईं. वहीं फैंस को भी चिढ़ाती नजर आईं. इसके अलावा वह ट्रैक्टर पर जटनी बनकर दोस्तों संग पोज देते नजर आईं.

 

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बता दें, सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है से मोहसिन खान और शिवांगी जोशी निकल गए हैं, जिसका कारण शो में आया लीप है. हालांकि फैंस को नायरा और कार्तिक की जोड़ी काफी पसंद है, जिसे देखने के लिए वह बेताब रहते हैं.

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सीरियल अनुपमा में वनराज और बा की नाराजगी नजर आ रही है. वहीं बापूजी और समर अनुपमा के नए सफर से बेहद खुश हैं. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा की खुश दुख में बदलने वाली है, जिसका कारण और कोई नहीं बल्कि बा होंगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

समर और तोषू में होती है बहस

अबतक आपने देखा कि समर, अनुपमा को दोस्ती के रिश्ते का मान रखने के लिए कहता है. हालांकि वह अभी भी सोच में नजर आती है. वहीं अनुज, जीके से अपने पछतावे को लेकर बात कहता हुआ नजर आता है कि उसने अनुपमा की जिंदगी में एक और मुसीबत खड़ी कर दी है. लेकिन जीके उसे समझाते हैं कि पछतावा करने की बजाय उसे अनुपमा से जाकर माफी मांगनी चाहिए. दूसरी तरफ तोषू, समर को अनुज की बात बताने से मना करता है. हालांकि समर उससे कहता है कि वह वनराज शाह का टिपिकल बेटा है.

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बा खेलेगी नया खेल

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा अनुज के साथ अपनी दोस्ती की नई शुरुआत करते हुए नजर आएगी और दिवाली सेलिब्रेशन में अनुज के साथ डांस करेगी. लेकिन तभी रंग में भंग डालने बा, पूरे परिवार के साथ आएगी और कहेगी कि दोनों को शादी कर लेनी चाहिए, जिसके लिए वह अनुज-अनुपमा के सामने सिंदूर भी देती नजर आएगी. वहीं ये सब देखकर अनुज और अनुपमा हैरान रह जाएंगे. दूसरी तरफ इसके कारण दीवाली सेलिब्रेशन में बड़ा बवाल देखने को मिलेगा.

प्यार नहीं दोस्ती मांगेगी अनुपमा

दरअसल, समर के कहने पर अनुपमा, अनुज को माफ करने के लिए राजी हो जाती है. लेकिन वह अनुज से केवल दोस्ती का रिश्ता निभाने की बात कहती नजर आती है. वह कहती है कि प्यार की उसकी जिंदगी में कोई जगह नही है और न ही वह बदले में उससे प्यार कर सकती और बदले में उसे केवल दोस्ती ही दे सकती है और उससे कुछ भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए. हालांकि अनुज उसने प्यार की उम्मीद तब छोड़ दी थी. जब उसने वनराज को उसके पति के रुप में देखा था. अब देखना होगा कि क्या अनुपमा और अनुज की दोस्ती कायम रहेगी या परिस्थितियां दोनों की कहानी में नया मोड़ लाएगी.

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लोकतांत्रिक सरकारों को समझना होगा

उपचुनावों में राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में पिटाई होने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार को समझ आया है कि घरों को लूटना महंगा पड़ सकता है और परिणामों के अगले दिन ही पैट्रोल व डीजल के दाम घटा दिए गए हैं. यह कटौती कोई संतोषजनक नहीं है पर साबित करती है कि सरकार को अब भरोसा हो गया है कि राममंदिर और ङ्क्षहदूमुस्लिम कर के वे ज्यादा दिन तक घरों को बहलफुसला नहीं सकते.

धर्म के नाम पर लूट तो सदियों से चली आ रही है पर पहले राजा पहले अपने पराक्रम से शासन शुरू करता था और फिर अपना मनचाहा धर्म जनता पर थोपता था. आज धम्र का नाम लेकर शासन हथियाना जा रहा है और समझा जा रहा है कि मूर्ख जनता को सिर्फ पाखंड, पूजापाठ, मंदिर और विधर्मी का भय दिखाना ही सरकार का काम है. सरकार बड़ेबड़े मंदिर और भवन बना ले जिन में चाहे काल्पनिक देवीदेवता बैठें या हाड़मांस के चुनकर आए नेता, जनता खुश रहेगी.

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आम घरों से निकला छीनने की पूरी तैयारी हो रही है. नोटबंदी के दिनों से जो देश की अर्थव्यवस्था का सत्यानाथ किया जाना शुरू किया है, वह आज भी चल रहा है और बेरहमी से जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार ने अकाल के दिनों में लगाम वसूला था, आज की सरकार कोविड की मार खाए व्यापार को पैट्रोल व डीजल के दाम हर दूसरे दिन बढ़ा कर कर रही है. चुनावों में मार खाए पर समझ आया कि यह भारी पड़ सकता है.

लोकतांत्रिक सरकारों को समझना होगा कि वे अपनी मनमानी ज्यादा दिन नहीं थोप सकते. जनता का गुस्सा आज जरूरी नहीं सडक़ों पर उतरे. जनता के पास वोट का हक भी है. भारतीय जनता पार्टी जनता को बहकाने में दक्ष है क्योंकि वह लाखों की भीड़ को कुंभ, धारधाम, मेलों, मंदिरों, तीर्थों में ले जाना जानती है जहां उन को जम कर धर्म के नाम पर लूटा जाता है पर यह नहीं भूलना चाहिए कि यही भीड़ वोट देने भी पहुंचती है जहां सरकार से जवाब वसूली की जाती है.

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उपचुनावों में टूटीफूटी कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में व अंदर तक मजबूत तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिमी बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को हिला दिया और पहले कदम में उन को पैट्रोल डीजल के दाम कुछ करने पड़े है.

अब यह जनता पर निर्भर है कि वह धर्म के झूठ की रोटी खाने में संतुष्ट रहना चाहती है या एक कुशल सरकार चाहती है.

पति की चाह पर आप की न क्यों?

हिंदी फिल्म ‘की एंड का’ में गृहिणी की भूमिका निभा रहा नायक पति की भूमिका निभा रही नायिका से रात में बिस्तर पर कहता है कि आज नहीं डार्लिंग, आज मेरे सिर में दर्द है. तात्पर्य यह कि यदि लड़का पत्नी की भूमिका निभाएगा, तो सैक्स के नाम पर उस के भी सिर में दर्द उठेगा. ऐसा क्यों होता है कि पति की तुलना में पत्नी को संभोग के प्रति थोड़ा ठंडा माना जाता है? सिरदर्द की बात चाहे बहाने के रूप में हो या सचाई, निकलती पत्नी के मुख से ही है. क्या वाकई सहवास का जिक्र पत्नियों के सिर में दर्द कर देता है? यदि पत्नी के मन में अपने पति के प्रति आकर्षण या प्रेम में कुछ कमी है, तो रोमांटिक होना कष्टदाई हो सकता है. लेकिन जब नानुकुर बिना किसी ठोस कारण हो तब?

मर्द और औरत की सोच का फर्क

सैक्स के मामले में मर्द और औरत भिन्न हैं. एक ओर जहां मर्द का मन स्त्री की शारीरिक संरचना के ध्यान मात्र से उत्तेजित हो उठता है, वहीं एक स्त्री को भावनात्मक जुड़ाव तथा अपने पार्टनर पर विश्वास सहवास की ओर ले जाता है. एक स्त्री के लिए संभोग केवल शारीरिक नहीं अपितु मानसिक और भावनात्मक स्तर पर होता है. पुरानी हिंदी फिल्म ‘अनामिका’ का गाना ‘बांहों में चले आओ…’ हो या नई फिल्म ‘रामलीला’ का गाना ‘अंग लगा दे…’ ऐसे कितने ही गाने इस विषय को उजागर करते हैं. जो पत्नियां अपने पति से प्यार करती हैं और उन पर विश्वास रखती हैं, उन के लिए संभोग तीव्र अंतरंगता और खुशी को अनुभव करने का जरीया बन जाता है. किंतु जिन पतिपत्नी का रिश्ता द्वेष, ईर्ष्या और अनबन का शिकार होता है वहां सहवास को अनैच्छिक रूप में या बदले के तौर पर महसूस किया जाता है. लेकिन कई बार हमारी अपनी मानसिकता, हमारे संस्कार, हमारी धारणाएं सैक्स को गलत रूप दे डालती हैं और हम अनजाने ही उसे नकारने लगते हैं. इस का इलाज संभव है और आसान भी.

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क्या कहता है शोध

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के यौन चिकित्सा कार्यक्रम की निर्देशिका डा. रोसमैरी बेसन कहती हैं कि स्त्रियों में यौनसंतुष्टि से जुड़ी सब से बड़ी शिकायत उन में इच्छा, उत्तेजना और यौन संतुष्टि की कमी होती है.

एक और खास मुद्दा लैंगिक विभिन्नता का है. जहां एक ओर एकतिहाई औरतों में मर्दों से अधिक कामुकता होती है, वहीं दूसरी ओर दोतिहाई जोड़ों में मर्दों की कामप्रवृत्ति औरतों से ज्यादा होती है. इसी कारण ऐसे जोड़े में एक स्त्री को कामोत्तेजित पुरुष की वजह से अपनी कामेच्छा को अनुभव करने का मौका नहीं मिल पाता है.

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की डा. लौरी मिंज अपनी पुस्तक ‘अ टायर्ड विमंस गाइड टु पैशिनेट सैक्स,’ में बताती हैं कि जहां औरतों की कामप्रवृत्ति अधिक होती है, वहां भी रोजमर्रा की गृहस्थी संबंधी जिम्मेदारियों के कारण वे कामोत्तेजना तथा यौनसंतुष्टि नहीं भोग पाती हैं.

भारतीय कानून का नजरिया

जो पत्नी बिना कारण अपने पति को लगातार सैक्स से वंचित रखती है या सिर्फ अपनी मरजी से ही संबंध स्थापित करना चाहती है, उसे खुदगर्ज कहना अनुचित न होगा. भारतीय कोर्ट पति या पत्नी द्वारा बिना कारण लंबे समय तक अपने पार्टनर को सैक्स से वंचित रखने को मानसिक क्रूरता की श्रेणी में रखते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कोर्ट ने सुनवाई में इस दलील पर तलाक तक की मंजूरी दे दी. अप्रैल, 2005 में पति केशव ने मद्रास हाई कोर्ट में पत्नी सविता के खिलाफ लंबे समय तक अंतरंग संबंध स्थापित न करने देने पर तलाक की मांग की, जिस की उसे मंजूरी मिल गई. मद्रास हाई कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पत्नी सविता सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां न्यायाधीश ज्योति मुखोपाध्याय एवं न्यायाधीश प्रफुल पंत ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि बिना किसी ठोस कारण तथा बिना किसी शारीरिक दुर्बलता के यदि कोई अपने पति या पत्नी को लंबे समय तक संबंध स्थापित नहीं करने देता है तो यह मानसिक क्रूरता की श्रेणी में गिना जाता है. उन के शब्दों में, मानसिक क्रूरता शरीरिक चोट से अधिक आघात पहुंचा सकती है.

अतीत में झांक लें

मालिनी के एक रिश्तेदार ने उस के साथ दुष्कर्म करते समय उस का बाल उम्र का लिहाज नहीं किया. नतीजा यह रहा कि आज भी अपने पति के निकट जाते हुए उसे लगता है जैसे उस के शरीर पर वही लिजलिजे हाथ जबरदस्ती कर रहे हों. सैक्स को वह अपने पत्नी फर्ज की तरह निभाती है न कि अपने पति के साथ बिताए उन प्रेमालाप पलों को पूर्णरूप से जीती है. क्या आप के अतीत में ऐसा कुछ हुआ था, जिस की छाया आप के वर्तमान पर गहरी छाई है? हो सकता है पुराने किसी बुरे अनुभव के कारण आप आज संभोग से घबराती हों. यदि आप के अतीत में हनन या दुर्व्यवहार का ऐसा कोई अनुभव है, जिस से संबंध बनाते समय आप खुश नहीं रह पाती हैं तो आप को जल्द से जल्द प्रोफैशनल मदद लेनी चाहिए और स्वयं को अपने उस बुरे अतीत से मुक्त करना चाहिए.

शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाएं

कभीकभी शारीरिक समस्या जैसे हारमोनल इंबैलैंस के कारण भी स्त्री का मन सैक्स से उचट सकता है. यदि आप को स्वयं में सैक्स के प्रति अरुचि का कारण भावना से अधिक शारीरिक जवाबदेही की कमी लगती है तो आप को यौनरोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए. वे और भी परेशानियों से मुक्ति दिला सकते हैं जैसे चरमोत्कर्ष पर न पहुंच पाना, स्नेह की कमी, पीडा़दायक सहवास, आप के द्वारा खाई गई कुछ ऐसी दवाएं, जिन के कारण आप में यौन ड्राइव की कमी आई हो इत्यादि.

हमसफर के साथ को करें ऐंजौय

‘‘तुम्हारे साथ होते हुए मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं एक लाश के साथ हूं,’’ अंतरंग क्षणों में कभी पत्नी की तरह से कोई रिस्पौंस न मिलने पर अमित के मुंह से निकल गया. यदि पत्नी कभी प्यार में पहल नहीं करेगी तो पति को ही पहल करनी पड़ेगी. इस का परिणाम यह होगा कि पति असुरक्षित भावना का शिकार हो जरूरत से अधिक पहल करने लगेगा और इस का नतीजा यह हो सकता है कि पत्नी, पति की आवश्यकता से अधिक पहल पर उस से और दूर होती जाए. यदि पति को आश्वासन हो कि पत्नी भी पहल करेगी या उस की पहल पर पौजिटिव रिस्पौंस देगी तो वह धैर्य के साथ पत्नी के तैयार होने का इंतजार कर सकता है.

जब एक पत्नी सिर्फ ग्रहण नहीं करती, बल्कि शुरुआत भी करती है तो वह सैक्स को एक जबरदस्ती, जिम्मेदारी या दबाव के रूप में न देख कर आपसी मेल के रूप में देख पाती है.

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किताबें काफी मददगार

अधिकतर परिवारों से मिले संस्कार ऐसे होते हैं, जिन के कारण लड़कियां संभोग को गलत या वर्जित मानती हैं और इसी कारण विवाहोपरांत भी वे इस विषय पर खुल नहीं पातीं. अपनी इस हिचक को दूर करने के लिए ‘गाइड टु गैटिंग इट औन, ‘द गुड गर्ल्स गाइड टू ग्रेट सैक्स’ आदि किताबें पढ़ सकती हैं.

सैक्सुअल थेरैपी भी लाभकारी

कई बार केवल स्वयं कदम उठाना काफी नहीं होता. यदि आप को स्वस्थ  वैवाहिक जीवन जीने में असुविधा हो रही है तो आप प्रोफैशनल मदद के बारे में सोच सकती हैं. सैक्सुअल थेरैपी में एकदम शुरू से आरंभ किया जाता है. जैसे आप दोनों पहली बार मिल रहे हैं. जोड़ों में धीरधीरे रिश्ता कायम कराया जाता है. स्टैप बाई स्टैप सैक्स की ओर ले जाते हैं. हो सकता है कि आप के पति ऐसे प्रोग्राम में जाने को तैयार न हों. ऐसे में आप अकेले भी ऐसे प्रोग्राम का लाभ उठा सकती हैं. आप देखेंगी कि काउंसलर की मदद से आप न केवल सैक्स से संबंधित कितनी ही समस्याओं

का समाधान खोज पाएंगी, बल्कि अपने पति से इस विषय में बात करना भी आप के लिए आसान हो जाएगा.

समाज में आ रहे लगातार बदलाव से लिंग भूमिका व कामुकता में भी बदलाव आ रहे हैं. संभोग कोई ऐसा कार्य नहीं जो मर्द औरत के लिए करेगा या औरत मर्द के लिए. संभोग में समान रूप से भागीदारी करें.

वैवाहिक सुख की ओर मिल कर बढ़ाएं कदम

यदि हर बार आप को अपने पति का अंतरंग साथ बेचैनी की भावना की ओर धकेलता है, तो आप को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिन से आप दोनों को वैवाहिक सुख की प्राप्ति हो सके. यह समस्या संवेदनशील अवश्य है, किंतु इसे सुलझाना कठिन नहीं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे स्टैप्स जिन्हें आप आसानी से फौलो कर सकती हैं और इस में आप के पति भी यकीनन आप का साथ देंगे:

– हो सकता है कि रिश्ते की शुरुआत में कुछ समय के लिए आप वैवाहिक सुख के लिए तैयार न हों, लेकिन यदि आप के पति यह जानते हैं कि आप का उद्देश्य कम सैक्स नहीं, अपितु पूरे जीवन के लिए ज्यादा व बेहतर सैक्स है, तो वे आप की बात से सहमत होंगे. उन्हें आप के साथ इस विषय पर बातचीत करने, किताबें पढ़ने या किसी काउंसलर से मिलने में भी आपत्ति नहीं होगी. लेकिन यदि उन्हें आपत्ति हो तो आप अकेली ही काउंसलर से मिल कर इस समस्या का हल खोजने का प्रयास करें.

– कोई ऐसी बात या कोई ऐसी चीज जिस के कारण आप का अपने पति के निकट आना मुश्किल हो जाता हो जैसे उन के शरीर से आ रही पसीने की बू, उन के मुंह से आ रही गंध आदि के बारे में उन्हें अवश्य अवगत कराएं, क्योंकि ये छोटीछोटी बातें भी अंतरंग क्षणों पर असर डालती हैं.

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जानें क्या है लैक्टोज इन्टॉलरेंस

 दूध,दही आदि डेयरी प्रोडक्ट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे हैं. इसके बावजूद दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट सूट नहीं करते हैं, या कह सकते हैं उन्हें इनसे  एलर्जी है. मेडिकल भाषा में इसे लैक्टोज इन्टॉलरेंस कहते हैं. वे इसे पचा नहीं पाते हैं.

लैक्टोज क्या है दूध में शुगर होता है जिसे लैक्टोज कहते हैं. हालांकि लैक्टोज इन्टॉलरेंस कोई बीमारी नहीं है पर यह आपके लिए असहज और असह्य हो सकती है. हमारे शरीर में एक एंजाइम ‘ लैक्टेज ‘ होता है जो शरीर को शुगर एब्जॉर्ब करने में मदद करता है. यह एंजाइम छोटी आंत में होता है पर कुछ लोगों को यह नहीं होता है या बहुत कम होता है. जिन्हें  लो लैक्टेज होता है वे डेयरी प्रोडक्ट पचा नहीं पाते हैं यहाँ तक की दूध से बनी स्वादिष्ट देशी मिठाईयां भी.

लो लैक्टेज से क्या होता हैजिन्हें लैक्टेज एंजाइम की कमी है उनकी छोटी आंत में दूध का शुगर, लैक्टोज,  ब्रेक डाउन नहीं हो पाता है. यह नीचे कोलन में जा कर वहां बैक्टीरिया से मिलता है और फरमेंट करता है  जिसके चलते गैस, डकार, दस्त और उल्टी या मिचली की शिकायत होती है.

लैक्टोज इन्टॉलरेंस किसे हो सकता है इसमें कोई अपवाद नहीं है, यह शिकायत दुनिया भर में करोड़ों लोगों को है, खास कर वयस्कों को. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि लगभग 40 % लोगों में  2 से 5 साल के बाद लैक्टेज एंजाइम बनना बंद हो जाता है या बहुत कम हो जाता है.

यह अनुवांशिक भी हो सकता है या कुछ अन्य बिमारियों के चलते भी.

सिम्पटम्स दस्त ( डायरिया ), मिचली, उल्टी, पेट में दर्द या क्रैम्प ( ऐंठन ), गैस और डकार.

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डायग्नोसिसआप स्वयं कुछ सप्ताह के लिए डेयरी प्रोडक्ट खाना बंद कर देखें. आपके सिम्प्टम खत्म हो गए हों तब पुनः डेयरी प्रोडक्ट्स खाना शुरू कर इसकी प्रतिक्रिया देखें . आवश्यकतानुसार डॉक्टर की सलाह लें.

2. आपके सिम्प्टम के आधार पर डॉक्टर आपको भोजन में डेयरी प्रोडक्ट  कुछ दिनों के लिए बंद करने की सलाह दे कर उसका परिणाम देखना चाह सकते हैं. इसके अतिरिक्त निम्न टेस्ट की सलाह दे सकते हैं –

हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट आपको एक पेय पीने को कहा जायेगा जिसमें लैक्टोज हाई लेवल में होगा. कुछ कुछ समय के अंतराल पर आपकी साँस में हाइड्रोजन की मात्रा नापी जाएगी. अगर आके द्वारा छोड़ी गयी साँस में हाइड्रोजन की मात्रा अधिक हुई तो इसका मतलब आपको लैक्टोज इन्टॉलरेंस है.

लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट हाई लेवल लैक्टोज ड्रिंक पीने के दो घंटे बाद आपका ब्लड टेस्ट किया जायेगा.अगर  ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा में वृद्धि नहीं हुई तो इसका मतलब  आप लैक्टोज नहीं पचा प् रहे हैं और आपको  लैक्टोज इन्टॉलरेंस है.

उपचार अगर लैक्टोज इन्टॉलरेंस कुछ निहित कारणों से हो तब उपचार के बाद ठीक हो सकता है हालांकि इसमें महीनों लग सकते हैं. अन्यथा  इसके लिए कुछ उपाय हैं –

मिल्क और अन्य डेयरी प्रोडक्ट खाना कम कर इन्टॉलरेंस रेगुलेट किया जा सकता है. लैक्टेज एंजाइम का पाउडर दूध में मिला कर ले सकते हैं.

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अक्सर ऑटिस्म से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर ग्लूटेन फ्री ( बिना गेहूँ वाला ) और केसिन फ्री (  डेयरी फ्री, Casein डेयरी प्रोडक्ट में मौजूद प्रोटीन को कहते हैं ) खाना खाने की सलाह देते हैं. ग्लूटेन और केसिन पेट में इन्फ्लेमेशन बढ़ाते हैं जिसका असर ब्रेन पर भी पड़ता है और ऑटिज्म  के सिंप्टम और खराब हो सकते हैं.

आजकल अन्य लैक्टोज फ्री मिल्क भी उपलब्ध हैं सोया मिल्क, राइस मिल्क, आलमंड मिल्क, कोकोनट मिल्क, कैश्यु ( काजू ) मिल्क, हेम्प सीड मिल्क, ओट मिल्क, गोट मिल्क, पी नट मिल्क और हेज़ल नट मिल्क. इनमें कुछ के दूध के अलावा दही, पनीर और मिठाईयां भी बन सकती हैं. डेयरी मिल्क का निकटतम   वैकल्पिक मिल्क सोया मिल्क है, यह अन्य विकल्प की तुलना में सस्ता भी होता है.

Children’s Day पर बच्चों के लिए बनाएं ये टेस्टी डिशेज

14 नवम्बर अर्थात हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म दिवस. उन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते थे इसीलिए इस दिन को हमारे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. तो क्यों न इस दिन बच्चों की पसन्द का कुछ खास बनाकर उन्हें और उनके दोस्तों को स्पेशल फील कराया जाए. तो आइए आज बनाते हैं कुछ ऐसी ही आसान और घर में उपलब्ध सामान से ही बनने वाली कुछ रेसिपीज ….

-चायनीज फ्राइड राइस

कितने लोगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय      30 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

पके चावल                    2 कप

बारीक कटा पत्ता गोभी     1/2 कप

बारीक कटी शिमला मिर्च     1/2 कप

बारीक कटी गाजर               1/2 कप

बारीक कटा हरा प्याज           1 कप

तेल                                      1टेबल स्पून

नमक                               स्वादानुसार

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सोया सॉस                            1/2 टीस्पून

वेनेगर                                  1/2 टीस्पून

ग्रीन चिली सॉस                     1/2 टीस्पून

रेड चिली सॉस                      1/2 टीस्पून

चिली फ्लैक्स                        1/2 टीस्पून

विधि

गर्म तेल में सभी सब्जियां और नमक डालकर तेज आंच पर पकाएं. जब सब्जियां हल्की सी नम हो जाएं तो पके चावल, सोया सॉस, चिली सॉस व वेनेगर डालकर चलाएं. 2-3 मिनट चलाकर गैस बंद कर दें. तैयार फ्राइड राइस को सर्विंग डिश में डालकर बच्चों को सर्व करें.

-पालक रैप्स

कितने लोंगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

पालक की प्यूरी                  1/2 कप

गेहूं का आटा                      1 कप

नमक                                1/4 टीस्पून

अदरक हरी मिर्च पेस्ट          1/4 टीस्पून

सामग्री(भरावन की)

मसला पनीर                      1 कप

कटी हरी मिर्च                     2

कटा हरा धनिया                 1 टीस्पून

बारीक कटा प्याज।            1

टमाटर स्लाइस                  6

गरम मसाला पाउडर         1/4 टीस्पून

चाट मसाला।                   1/2 टीस्पून

टोमेटो सॉस                      1टेबल स्पून

पुदीने की चटनी                1 टीस्पून

सेकने के लिए तेल

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विधि

आटे में पालक प्यूरी, नमक और कटी हरी मिर्च मिलाकर रोटी जैसा गूंद लें. पुदीने की चटनी और टोमेटो सॉस को छोड़कर भरावन की समस्त सामग्री को एक साथ मिलाएं. तैयार आटे से 6 परांठे सेक लें. ध्यान रखें कि यह परांठे तेज आंच पर सेकने हैं ताकि नरम रहें. इसी प्रकार सारे परांठे तैयार करें.अब परांठे पर पुदीने की चटनी लगाकर 1 चम्मच भरावन फैलायें, भरावन के ऊपर टोमेटो सॉस की परत लगाएं. अब इसे रोल करके रैप बनाएं. टिश्यू पेपर लगाकर टोमेटो सॉस के साथ सर्व करें.

-वनीला रसगुल्ले

कितने लोगों के लिए               6

बनने में लगने वाला समय        20 मिनट

मील टाइप                             वेज

सामग्री

सफेद रसगुल्ले                 6

वनीला आइसक्रीम           6 स्कूप

चॉकलेट सॉस                 1 टेबलस्पून

चॉकलेट चिप्स                 1 टीस्पून

बारीक कटे अखरोट         1 टीस्पून

विधि

आइसक्रीम को फ्रीजर में से निकालकर फ्रिज में रख दें ताकि वह हल्की सी मेल्ट हो जाये. रसगुल्लों की चाशनी निचोड़ दें. अब इन रसगुल्लों को वनीला आइसक्रीम में डाल दें. ऊपर से चॉकलेट सॉस, चॉकलेट चिप्स और कटे अखरोट डालकर सर्व करें.

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इन जगहों पर संभल कर जाएं नहीं तो..

भारत के हर कोने में प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है जो यात्रियों का मनमोह लेता है लेकिन यहां कि कई जगहें ऐसी हैं जहां पर जाने से पहले एक बार सोच लेना ही बेहतर है. भारत की खूबसूरती देसी-विदेशी पर्यटकों को ये जगह खूब लुभाती है और हर रोज हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं.

फुगताल मोनेस्ट्री, लद्दाख

इसे फुगताल गोस्पा के नाम से भी जाना जाता है. ऊंची खड़ी पहाड़ी के एक तरफ बनी हुई इस मोनेस्ट्री पर बाहरी लोगों का पहुंचना खतरे से खाली नहीं.

दमस बीच, गुजरात

गुजरात के समुद्री तट पर स्थ‍ित दमस बीच जिसे लोग डुमस बीच भी कहते हैं अपनी रहस्‍यमयी पहचान के लिए पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है और सूर्य अस्त होने के बाद यहां पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं.

अकसई चिन, जम्‍मू-कश्‍मीर

अक्साई चिन या अक्सेचिन चीन, पाकिस्तान और भारत की सीमा पर स्थित तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है. किसी खूबसूरती आपको यहां जाने पर मजबूर कर देगी लेकिन क्‍या आप जानते हैं यह दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है.

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द्रास, लद्दाख

इसको लद्दाख का द्वार भी कहते है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है और इसी के साथ यह आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. यहां अगर आप आतंकियों की गोलियों से बच गए तो ठंड से बचना मुश्किल है.

चंबल घाटी, मध्‍यप्रदेश

चंबल घाटी अपने खौफनाक इतिहास के लिए जानी जाती है क्‍योंकि एक जमाने में यहां पर डाकुओं का राज था और कहा जाता है कि अभी भी यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं है.

खरदुंग ला, लद्दाख

खरदुंग ला दुनिया की सबसे ऊंची रोड है. यहां पर सीधी चमकती धूप, तेज हवा और कम ऑक्सीजन अधिकतर लोगों को यहां से जल्द ही वापस लौटने पर मजबूर कर देती हैं.

मानस नेशनल पार्क, असम

मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है. इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है. इसकी सुंदरता में खो मत जाइएगा क्‍योंकि यहां पर बोडो उग्रवादियों का कब्‍जा है जो आपका स्‍वागत करने के लिए तैयार हैं.

निकोबार, आयलैंड

इस आयलैंड में समुद्री तट की खूबसूरती देखने के लिए पर्यटकों को प‍रमिशन की जरूरत होती है. यहां के जंगलों में आदिवासियों का कब्‍जा है इसलिए यहां जाने से पहले सारी जानकारी इकट्ठा कर लें.

फुलबानी, ओडिशा

भुवनेश्‍वर से 200 किलोमीटर दूर इस गांव का नैसर्गिक सौंदर्य आपको अपनी ओर खींचने के लिए काफी है लेकिन यहां जाना खतरे से खाली नहीं है. यहां पर भी माओवादी हर कोने पर फैले हुए हैं.

साइलेंट वैली, केरल

साइलैंट वैली राष्ट्रीय उद्यान उत्तरी केरल के पालक्काड जि‍ले के मन्नारकाड से 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. पिछले कुछ समय से माओवादी हमलों के बाद इस जगह को पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है.

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बस्‍तर, छत्‍तीसगढ़

भारत का नियाग्रा फाल कहा जाने वाला चित्राकूट बस्‍मर में ही स्थित है लेकिन यहां पर फैला नक्‍सली आतंक पर्यटन के लिहाज से बहुत खतरनाक है.

तुरा, मेघालय

तुरा में फैला प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है लेकिन यहां पर भी आतंक का खौफ फैला हुआ है.

बेरेन आयलैंड, अंडमान

अंडमान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह का उत्तरी भाग है. अंडमान के आंचल में मूंगे की दीवारों, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी यादों से जुड़े खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां मौजूद हैं और इसी के साथ यहां पर भारत का एक मात्र ज्‍वालामुखी भी है.

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सर्दियों में इन 10 Winter Beauty Tips से करें स्किन की देखभाल

Winter Beauty Tips in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की Top 10 Winter Beauty Tips in Hindi 2021. इन ब्यूटी टिप्स के साथ आप सर्दियों में अपने अपनी बेजान स्किन को और खूबसूरत बना सकते हैं.  इन Winter Beauty Tips से आप घर बैठे अपना प्रौफेशनल और होममेड टिप्स से स्किन की केयर कैसे करेंगे इस बारे में जानेंगे. अगर आपको भी है सर्दियों में खूबसूरत स्किन चाहिए तो इन टिप्स से करें Winter Beauty Care. अगर विंटर में भी लोगों की तारीफ पाना चाहते हैं तो यहां पढ़िए गृहशोभा की Winter Beauty Tips in Hindi.

1. 12 टिप्स: ऐसे करें सर्दी में पैरों की देखरेख

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हमारे भीतर की रोमांटिक भावनाओं के लिए ठंड के दिन बेहद सुहावने होते हैं और अकसर हम इस सीजन के और लंबा होने की कामना करते हैं. लेकिन सभी ठंड के दिनों में इतना अच्छा महसूस नहीं करते. खासतौर से वे लोग जिन्हें सर्दी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं और त्वचा की ऐलर्जी आदि होती है. ठंड की रूखी और ठिठुराने वाली स्थिति खासतौर से त्वचा के लिए काफी कठोर साबित होती है. हमारे पैर भी ठंड के रूखेपन को झेलते हैं, इसलिए फटी एडि़यां, तलवों में जलन, पैरों में सूजन और खारिश जैसी दिक्कतें आम होती हैं.

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2. एक्सपर्ट्स से जानें कैसे करें सर्दी में स्किन की देखभाल

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सर्दियों का मौसम आते ही हमारी स्किन में रूखापन, खिंचाव होने लगता है और अगर इस समय स्किन की ठीक ढंग से देखभाल न की जाए तो स्किन सूख कर फटने लग जाती है. सर्दियों के मौसम से पहले हवा में ठंडक के साथ स्किन में आनेवाले रूखेपन को दूर करने के लिए क्रीमी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल और तेल मालिश बेहद फायदेमंद है. सुप्रसिद्ध कौस्मेटोलौज़िस्ट, ऐस्थिटीशियन व एल्पस कौस्मेटिक क्लीनिक की फांउडर डॉयरेक्टर भारती तनेजा के अनुसार इस मौसम में जैल बेस्ड फेस वॉश, क्रीम और मेकअप प्रोडक्ट की जगह क्रीमी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. ये प्रोडक्ट्स स्किन पर एक सुरक्षित परत बनाकर सर्दी के दिनों में स्किन में नमी को बनाए रखते हैं.

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3. सर्दी में स्किनकेयर के नुस्खे

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मौसम बदलते ही मुलायम त्वचा भी केयर मांगती है. सर्दी के मौसम में तो स्किनकेयर एक सीरियस ब्यूटी क्राइसिस बन जाता है. ऐसे में कैसे करें स्किन की देखभाल, जानिए टिप्स.

अच्छी बारिश होने के बाद अब गरमी की तपन कुछ कम हो गई है. जल्दी ही सर्दी की ठंडक भी महसूस होने लगेगी. ठंड से बचाव के लिए आप को विशेष स्किनकेयर की जरूरत होगी. इसलिए सर्दी की शुरुआत से पहले ही अपनी त्वचा को इस के लिए तैयार कर लें.

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4. सर्दी में त्वचा मांगे मोर, इसलिए कुछ परंपरागत तरीकों को जानें

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तनाव भरी जीवनशैली एक महिला की सेहत और उस के सौंदर्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है. आधुनिक और तेजी से दौड़ती जीवनशैली के प्रभाव को कम करने के लिए स्पा ट्रीटमैंट मनमस्तिष्क की शांति पाने और सेहतमंद बने रहने में मददगार हो सकता है. स्पा का मतलब होता है मसाज और प्राकृतिक सौंदर्य का मेल, जिस से मांसपेशियां खुलती हैं और त्वचा भीतर से दमक उठती है.

मौसम में होने वाले बदलाव भी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. सर्दी के महीनों में ठंडी हवाओं में नमी की कमी के कारण त्वचा रूखी होने लगती है. यह कड़ाके की सर्दी के महीनों में आम बात है, जब आप घर पर ज्यादा समय बिताती हैं. ऐसे में घर के भीतर की ऊष्मा त्वचा की प्राकृतिक नमी को सोख कर उसे रूखा बनाती है.

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5. इस सर्दी इन घरेलू उपायों से फटी एड़ियों को कहें ना

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एड़ियों का फटना सामान्य समस्या है और ये अक्सर सर्दियों में ज्यादा फटती हैं क्योंकि मौसम की खुश्की की वजह से  मॉश्चराइजर की कमी होने लगती है. इसके अलावा भी एड़ियां किसी भी मौसम में और किसी भी उम्र में फट सकती हैं.  एक ओर जहां फटी एड़ियां देखने में बुरी लगती हैं, वहीं तकलीफ बढ़ जाने पर इनमें से खून आना भी शुरू हो जाता है, जिससे पैरों में काफी दर्द होता है.

आइए जानें, इस दर्द भरी समस्या से राहत देने वाले ये तीन घरेलू उपायों के बारे में…

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6. इस सर्दी रखें अपनी त्वचा का खास खयाल

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सर्दियों का मौसम फिर से दस्तक दे रहा है और इस मौसम में जरूरी है हम अपनी त्वचा की देखभाल अच्छी तरह से करें. सर्दियों में त्वचा को चमकदार बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है. हम आप को कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जो आप की त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं:

मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें

सर्दियों में हमें क्रीम बेस्ड थिक मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. इस के साथसाथ ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, जो त्वचा की नमी को भी बरकरार रखें.

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7. पतझड़ का मौसम और ड्राय स्किन की परेशानी

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बदलता मौसम सर्दी और गर्मी के बीच की कड़ी है. इस मौसम में तमाम पेड़ नयी कोंपलों की आस में अपने पुराने पत्ते गिरा देते हैं. इस मौसम को पतझड़ का मौसम भी कहते हैं. पतझड़ के महीने में चलने वाली तेज़ हवा जहाँ सुबह-शाम को खुशनुमा बनाती है, वहीँ ये स्किन में रूखापन भी पैदा करती है. हवाओं के कारण होंठ बार-बार ड्राय होते हैं और कभी-कभी तो उनमे गहरी दरारें भी पड़ जाती हैं जो ज़्यादा तकलीफदेय होती हैं.

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8. Winter Special: ड्राय स्किन से पाएं छुटकारा लायें नेचुरल निखार

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जैसे ही सर्दियां शुरू होती हैं वैसे ही ड्राई व रफ स्किन की समस्या भी शुरू हो जाती है. सर्दियों में स्किन की ऊपरी परत में पानी कम हो जाता है और इसलिए आप की स्किन बाहर से बहुत इरिटेट हो जाती है व बहुत ड्राई व बेजान लगने लगती है. यदि आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहतीं हैं तो आप को अपनी डाइट भी हेल्दी रखनी होगी.

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9. गुलाबी सर्दियां और ड्राय फेस स्किन

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देखते ही देखते मौसम करवट बदलने लगा है. उमस भरी गरमी पर अब सुबह और शाम की ठंडक ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. बदलाव का यह मौसम हमें सुकून तो देता है, पर साथ ही यह चेतावनी भी देता है कि सर्दियों में अपनी फेस स्किन की देखभाल करते रहना, वरना गुलाबी मौसम में भी फेस आप को रूखेपन का अहसास करा देगा.

घबराने की कोई बात नहीं है. अब बाजार में कई तरह की प्रसाधन सामग्री आसानी से मिल जाती है जो आप की फेस स्किन के रूखेपन को दूर कर देगी, पर अगर कोरोना के चलते आप बाजार की खाक नहीं छानना चाहती हैं तो घर पर भी कुछ चीजों के इस्तेमाल से अपने फेस की बिगड़ती स्किन को बेहतर बना सकती हैं.

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10. Winter Wedding के लिए जान लें मेकअप से जुड़ी ये जरूरी बातें

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विंटर वेडिंग में चाहे आप ब्राइडल हो या नही, लेकिन स्किन का ख्याल रखना जरूरी है. विंटर में कईं ऐसी प्रौब्लम आती है, जिनके कारण आप वेडिंग सीजन में आपकी खूबसूरत कम हो जाती है. इसीलिए आज हम आपको विंटर वेडिंग से जुड़ी जरूरी बाते बताएंगे, जिनसे आप अपनी स्किन को विंटर वेडिंग में खूबसूरत दिखा सकती हैं.

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टाइमपास

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YRKKH: अभिमन्यु करेगा अक्षरा से प्यार का ऐलान, क्या होगा आरोही का नया कदम

पौपुलर सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में लीप के बाद कहानी और भी दिलचस्प हो गई है. अभिमन्यु (Harshad Chopra), आरोही (Karishma Sawant) और अक्षरा (Pranali Rathod) की जिंदगी एक दूसरे से जुड़ी हुई नजर आ रही है. वहीं सीरियल में जल्द प्यार और नफरत का सिलसिला भी दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

सच सामने लाएगा अभिमन्यु

 

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इसी बीच शो के नए प्रोमो ने फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, शो के मेकर्स ने एक नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें आरोही और अक्षरा सगाई के लिए तैयार होती नजर आ रही हैं. हालांकि आखिर में अक्षरा को आरोही की सगाई के बारे में पता चल जाता है. लेकिन वह किसी को कुछ नहीं बताती है. दूसरी तरफ सगाई में आरोही, अक्षरा और अभिमन्यु आमने-सामने आ जाते हैं. जहां आरोही अंगूठी पहनाने के लिए अभिमन्यु के सामने हाथ बढ़ाती है, जिस पर उसे गुस्सा आता है और दोनों परिवार के सामने कहता नजर आ रहा है कि आरोही से नहीं बल्कि अक्षरा से प्यार करता है.

 

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अभिमन्यु और अक्षरा आए करीब

 

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अब तक आपने देखा कि जहां अभिमन्यु और अक्षरा एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं. लेकिन आरोही भी अभिमन्यु को पसंद करती है. वहीं अभिमन्यु का परिवार आरोही का रिश्ता लेकर आया है, जिससे बेखबर अक्षरा और अभिमन्यु एक दूसरे के करीब आ रहे हैं.

 

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बता दें, अभिमन्यु यानी हर्षद चोपड़ा और अक्षरा यानी प्रणाली राठौड़ की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आ रही है. वहीं फैंस दोनों के रोमांस का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अपकमिंग एपिसोड में और भी कई नए ट्विस्ट आने बाकी है, जिसके चलते अभिमन्यु, अक्षरा और आरोही की जिंदगी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.

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