Top 10 Best Mithai Recipe In Hindi: मिठाई बनाने की 10 बेस्ट रेसिपी हिंदी में

top ten Mithai Recipe dish recipe in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की festival Mithai Recipe recipe in Hindi 2021. इन खास रेसिपी को आप फेस्टिवल के मौके पर बनाकर अपनी फैमिली को खिला सकते हैं. ये आसानी से घर पर बनने वाली रेसिपी हैं, जो आपकी फैमिली को खूब पसंद आएंगी. इन festival Mithai Recipe recipe को आप जब मन करें तब ट्राय कर सकती हैं.  तो अगर आपको भी Mithai बनानी है तो यहां पढ़िए गृहशोभा की festival Mithai Recipe recipe in Hindi.

1. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं मैदे की बरफी

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फेस्टिवल के मौके पर अगर आप कुछ नया बनाना चाहते हैं तो आज हम आपको नए तरह की बरफी बनाने की रेसिपी बताएंगे. मैदे की बरफी बनाना आसान है. इसे आप फेस्टिवल में कभी भी बना सकते हैं ये टेस्टी होती है, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को खिला सकते हैं.

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2. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं टेस्टी बेसन बादाम बरफी

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अगर आप गरबा के फेस्टिवल पर बरफी बनाने की सोच रही हैं तो आज हम आपको टेस्टी बेसन बादाम बरफी की खास रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से बनाकर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को फेस्टिवल्स में बनाकर खिला सकते हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी होती है.

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3. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं टेस्टी सेब की खीर

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अगर आप गरबा के फेस्टिवल पर खीर बनाने की सोच रही हैं तो आज हम आपको टेस्टी सेब की खीर की खास रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से बनाकर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को खिला सकते हैं. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी होती है.

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4. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं टेस्टी कोकोनट बरफी

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नारियल से बनी चीजें अक्सर लोगों को पसंद आती है. अगर आप भी नारियल यानी कोकोनट से बनी चीजों के शौकीन है और घर पर ही कोकोनट से बनी चीजें बनाना चाहते हैं तो ये रेसिपी आपके काम की है. आज हम आपको कोकोनट बरफी की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से बनाकर अपनी फैमिली को खिला सकते हैं.

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5. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं टेस्टी पंजीरी लड्डू

अक्सर आपके बच्चे लड्डू की डिमांड करते होंगे, लेकिन बाजार से लड्डू खरीदना आपके बच्चों की हेल्थ के लिए सही नही है. साथ ही आप उन्हें ज्यादा दिनों तक स्टोर करके भी नहीं रख सकते. इसीलिए आज हम आपको पंजीरी लड्डू की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप स्टोर रख सकते हैं और साथ ही यह आपके बच्चों की हेल्थ के लिए भी अच्छा होगा क्योंकि आप खुद घर पर यह रेसिपी बनाएंगे.

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6. फेस्टिवल स्पेशल: उत्तराखंड की मशहूर झंगोरा की खीर करें घर पर ट्राई

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देव की भूमि कहा जाने वाला उत्तराखंड जितना अपने पहाड़ों और मंदिरों के लिए फेमस है उतना ही वह अपने खाने के लिए पौपुलर है. जिनमें झंगोरा की खीर भी फेमस है. ये डिश हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी होती है. ये कुमाउं और गढ़वाल के हिस्सों में सबसे आसानी बना सकते हैं.

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7. फेस्टिवल स्पेशल: घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी लौकी का हलवा

अक्सर आपने घर पर सूजी का हलवा खाया होगा. सूजी का हलवा टेस्टी होता है, लेकिन क्या आपने कभी हेल्दी लौकी का हलवा खाया है. लौकी का हलवा खाने में टेस्टी और बनाने में आसान होता है. लौकी का हलवे की रेसिपी आज हम आपको बताएंगे, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रैंड्स को खिला सकते हैं.

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8.  फेस्टिवल स्पेशल: अब घर पर ही बनाएं स्वादिष्ट मिल्क केक

मिठाई की बात की जाए और मिल्क केक का नाम ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. सबसे ज्यादा पसंद किए मिठाईयों मेंसे एक है मिल्क केक. इस मिठाई को आप घर पर भी बड़ी आसानी से बना सकती हैं. जानिए अपनी मनपसंद मिठाई बनाने की विधि.

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9. फेस्टिवल स्पेशल: आज बनाएं स्पेशल केसर वाली खीर

आमतौर पर खीर दूध और चावल से बनती है, जिसे सभी बड़े ही चाव से खाना पंसद करते हैं. खीर तो आप अकसर बनाती होंगी. लेकिन क्या आज आप कुछ स्पेशल तरीके या अलग स्वाद वाली खीर बनाना नहीं चाहेंगी? अगर हां, तो बनाएं स्पेशल केसर वाली खीर. जानिए इसे बनाने की विधि.

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10. फेस्टिवल स्पेशल: माइक्रोवेब में इंस्टेंट बनाएं ये मिठाईयां

भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के आने का आगाज बस हो ही चुका है. भाई भाभी के आने पर घर विविध व्यंजनों से महक उठता है. बारिश के बाद पड़ने वाला यह पहला त्यौहार होता है इसलिए घर भी बहुत अधिक सफाई मांगता है. यूं  तो इस समय बाजार मिठाइयों से भरा रहता है परन्तु अपने हाथ से मिठाई बनाने की बात ही कुछ अलग होती है. आमतौर पर मिठाई बनाने में समय और मेहनत अधिक लगती है ये सोचकर हम बाजार से ही मिठाई ले आते हैं परन्तु आज हम आपको ऐसी मिठाई बनाना बता रहे हैं जिसे आप बहुत कम समय और कम मेहनत में आसानी से बना सकतीं हैं और जो स्वाद में भी बेमिसाल है. तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

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Makeup Tips In Hindi: दिन में कैसे करें मेकअप

खूबसूरत दिखने की तमन्‍ना हर महिला की होती है. इसके लिए वह दिन और रात का समय नहीं देखती है. लेकिन अगर आपको दिन में कहीं जाना हो तो उसके लिए मेकअप के दौरान कुछ बातों को ध्‍यान में रखिए.

– दिन में जब भी मेकअप करें तो कोशिश यह करें कि वह ज्‍यादा चुभने वाला न हो और न ही भारी-भरकम हो. आइए हम आपको बताते हैं दिन में श्रृंगार करते वक्‍त आपका मेकअप कैसा होना चाहिए.

– काजल प्रयोग करना जरूरी है क्योंकि यह आपकी आंखों की खूबसूरती को बढ़ाता है. मस्कारा न लगायें और इसकी बजाय अपनी आंखों को आकर्षक बनाने के लिए किसी न्यूट्रल शेड का आई शैडो इस्‍तेमाल करें. ब्लश लगाने से बचें इसकी बजाय हल्का फाउंडेशन ही आपके चेहरे की कई खामियों को छुपाने के लिये काफी होता है.

– दिन में किया गया मेकअप कम से कम होना चाहिए, क्योंकि आप भारी-भरकम मेकअप करके लोगों की नजरों में नहीं आना चाहेंगी जो आपकी दिखावट किसी टेलीविजन सीरियल के कैरेक्टर सी बनाकर लोगों के सामने पेश कर सकता है.

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– आई मेकअप के लिए दिन में डार्क कलर का आई शैडो डरावना लग सकता है इसलिए हमेशा न्‍यूड या न्‍यूट्रल कलर का आई शैडो लगाएं. यह नेचुरल भी लगता है और क्‍लासी भी.

– इसके अलावा शिमर आई शैडो का प्रयोग ना करें. सुबह के समय आईलाइनर या मस्‍कारा से अपनी आंखों को ऊपर और नीचे ना रंगे. आप एक पतली सी आइलाइनर या काजल की रेखा खींच सकती हैं. दिन के समय मस्‍कारा ना लगायें.

– लिपस्टिक इस्तेमाल करें और अपने चेहरे की रौनक तरोताजा दिखाने के लिये इस पर हल्के ग्लॉस का टच दें. दिन के लिये हल्का मेक-अप हमेशा उपयुक्त साबित होता है. आपको अपने होंठो पर न्‍यूड कलर लगाना चाहिये. यदि आप चाहें तो शिमर ग्‍लॉस का प्रयोग भी कर सकती हैं. इसका ख्‍याल रखें कि दिन के समय कभी भी डार्क कलर का प्रयोग ना करें जैसे, रेड या ब्राउन.

– अपने चेहरे को फेस वॉश से धोएं और कॉटन बॉल को टोनर में भिगो कर उससे चेहरे को पोछें. टोनर लगाने से चेहरे का मेकअप बरकरार रहता है और फैलता भी नहीं है.

– हमेशा वही फाउंडेशन यूज करें जो आपके चेहरे के रंग से एक शेड हल्‍का हो.इस मेकअप टिप्‍स को दिन और रात के मेकअप के लिये आजमाएं. इससे चेहरा नेचुरल लगेगा. साथ ही फाउंडेशन के रंग का ही कॉम्‍पैक्ट यूज करें.

– दिन के समय रोज़ी ब्‍लश का यूज ना करें.

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बचे तेल को बार-बार इस्तेमाल करना यानी सेहत को खतरा

भारतीय खाने में पकौड़े तलने से लेकर तड़का लगाने तक, तेल को कई तरीकों से और कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. कई घरों में एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है ताकि तेल को बर्बाद होने से बचाया जा सके, लेकिन क्या आप जानती हैं कि तेल के पुनर्प्रयोग से काफी सारी बीमारियां हो जाती हैं? जी हां बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करना आपके सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

बचे तेल के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर

अगर तेल में एक बार कोई चीज फ्राइ कर दी गई है और बार-बार उसी तेल में बाकी चीजें भी बनाई जा रही हैं, तो इससे फ्री रैडिकल्स जन्म ले लेते हैं, इससे सूजन और जलन के अलावा बीमारियां हो जाती हैं. ये फ्री रैडिकल्स बौडी की स्वस्थ कोशिकाओं (सेल्स) से खुद को जोड़ लेते हैं. फ्री रैडिकल्स कई बार कैंसर को जन्म दे सकते हैं. इसके अलावा तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से अथरोस्कालरोसिस (atherosclerosis) हो सकता है, जिसमें शरीर में बैड कलेस्ट्राल बढ़ जाता है और धमनियां ब्लौक हो जाती हैं.

ये भी होते हैं प्रभाव

एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से असिडिटी, दिल संबंधी बीमारियां, ऐल्टशाइमर्ज डिजीज, पार्किंसन्स डिजीज और गले में जलन हो सकती है.

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कितनी बार करें तेल का इस्तेमाल

डीप फ्राइ के लिए एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा किया जा सकता है. हालांकि उन मामलों में यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का तेल इस्तेमाल किया जा रहा है. मसलन, क्या इसे हल्का फ्राइ करने के लिए इस्तेमाल किया गया या फिर डीप फ्राइ के लिए? इस तेल में खाने के किस आइटम को फ्राइ किया गया?

इस तरह के तेल खाने में करें इस्तेमाल

सभी तेल एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. कुछ में स्मोकिंग पाइंट ज्यादा होता है. यानी डीप फ्राइंग के दौरान कुछ में धुंआ ज्यादा निकलता है तो कुछ में कम. कुछ तेल ऐसे होते हैं जिन्हें गरम करने पर बिल्कुल भी धुंआ नहीं निकलता, जैसे कि सनफ्लार ऑइल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल आदि. ऐसे तेल जिनका स्मोकिंग पाइंट ज्यादा न हो उन्हें फ्राइ करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

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बचे तेल के दुष्प्रभाव से बचने के तरीके

कुकिंग के बाद बचे तेल को ठंडा होने देना चाहिए और उसके बाद उसे एक एयरटाइट डब्बे में छानकर भर दें. इससे उस तेल में रहे फूड पार्टिकल्स भी निकल जाएंगे. जब भी आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करें तो देख लें कि उसका कलर और थिकनेस कैसी है. अगर तेल डार्क कलर और पहले से अधिक गाढ़ा व ग्रीस जैसा है तो उसे फेंक दें. इसके अलावा अगर तेल गरम करने पर पहले के मुकाबले अधिक धुंआ छोड़े तो उसे फेंक देना ही बेहतर है.

प्रोफैशनल और स्टाइलिश औफिस वियर टिप्स

औफिस के कपड़ों में अच्छा दिखने से न सिर्फ तारीफें मिलती हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है. कुछ स्मार्ट, काम के लिए उचित और ट्रैंडी पहनना पर्सनैलिटी निखारता है. पहले महिलाएं औफिस में साड़ी या सूट पहनना पसंद करती थीं पर अब नहीं. आज वे अपने औफिस लुक्स में नएनए प्रयोग करना चाहती हैं.

प्रोफैशनल के साथसाथ स्टाइलिश भी दिखने के लिए निम्न टिप्स पर गौर फरमाएं:

– यदि आप के औफिस में जींस पहनने की अनुमति है तो व्हाइट शर्ट के साथ ब्लू जींस और ब्लैक ब्लेजर पहनें. हाई हील या पीप टोज से बहुत स्मार्ट लगेंगी. इस से कैजुअल और प्रोफैशनल दोनों लुक आएंगे.

– प्लेन ब्लाउज के साथ स्ट्राइप प्लाजो बहुत अच्छा लगता है पर यदि सिंगल कलर का प्लाजो पहनना चाहती हैं तो उसे प्रिंटेड ब्लाउज के साथ पहनें. इंपौर्टैंट मीटिंग या प्रेजैंटेशन डे पर भी प्लाजो पैंट और ब्लाउज पहन सकती हैं.

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– यदि आप परफैक्ट कौरपोरेट लुक चाहती हैं तो व्हाइट शर्ट के साथ ब्लैक सूट ट्राई करें. पूरी बिजनैस वूमन लगेंगी और फिर इस का फैशन कभी आउट नहीं होता.

– फौर्मल लुक के लिए अच्छे फौर्मल टौप के साथ पैंट पहनें. पतली लैदर बैल्ट और हाई हील के साथ बहुत अच्छी लगेंगी.

– लौंग कुरती और सिगरेट पैंट ट्राई करें. जो इंडोवैस्टर्न फौर्मल लुक चाहती हैं, यह ड्रैस उन के लिए ही है. वैस्टर्न टच लिए यह इंडियन लुक अच्छा लगता है. कुछ सालों से सिगरेट पैंट फैशन में है और लंबी कुरती तो सदाबहार है.

– बिजनैस वूमन लुक के लिए फौर्मल शर्ट और ब्लेजर के साथ पैंसिल स्कर्ट पहनें, साथ में पैंसिल हील पंप्स और कम से कम ऐक्सैसरीज पहनें.

– कैजुअल डे के लिए कलरफुल पोलो नैक टीशर्ट के साथ सिंगल कलर का फौर्मल ट्राउजर पहनें. ब्राइट कलर की टीशर्ट आउटफिट को आकर्षक बनाएगी.

– आज के दौर में जींस के साथ कैजुअल शौर्ट कुरती युवाओं को बहुत पसंद है. आजकल ज्यादातर कौरपोरेट हाउसों में कंफर्टेबल ड्रैसिंग पर जोर दिया जा रहा है. यह इंडोवैस्टर्न वियर खूब चलन में है. इसे कौटन स्कार्फ के साथ पहन सकती हैं.

– सलवार सूट में लगभग हर महिला अच्छी लगती है. अपने औफिस में विशेष मौकों के लिए कुछ पेस्टल कलर के सलवार सूट छांट कर रखें. चाहे कौटन सूट पहनें या सिल्क  फैब्रिक, अच्छी लगेंगी. पारंपरिक इंडियन हैंडलूम प्रिंट भी पहन सकती हैं. इस में स्टाइलिश और प्रोफैशनल लगेंगी.

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औफिस लुक के लिए ऐडिशनल टिप्स

– आजकल ज्यादातर कौरपोरेट हाउस कैजुअल ड्रैस कोड फौलो करते हैं. फिर भी मीटिंग या महत्त्वपूर्ण इवेंट के लिए फौर्मल ड्रैस पहननी चाहिए.

– हर वीकैंड स्वयं की ग्रूमिंग में कुछ समय जरूर बिताएं. पैडीक्योर, मैनीक्योर, वैक्सिंग, आईब्रोज के लिए नियमित जाएं. काम के लिए निकलते समय दांतों की सफाई का ध्यान रखें. सांसों में दुर्गंध न हो, इस के लिए माउथ वाश का प्रयोग करें.

– जो बौडी टाइप और स्टाइल को सूट करे वही खरीदें. किसी फैशन मैगजीन में किसी मौडल को पहने देख कर न खरीद लाएं. आप पर क्या परफैक्ट दिखेगा वही पहनें और गौर्जियस दिखें.

– कुछ ऐसा खरीदें जिसे अलगअलग कपड़ों के साथ पहन कर अलगअलग तरीके से अच्छी दिखें जैसे कोई ऐसा टौप खरीदें जो जींस, ट्राउजर या स्कर्ट के साथ भी अच्छा लगे. भले ही यह थोड़ा महंगा हो पर कई तरह से काम आ सकेगा.

 

– जो कपड़े औफिस के लिए पहनें वे न ज्यादा ढीले हों और न ही ज्यादा टाइट. गलत फिटिंग वाले कपड़ों में असहज रहेंगी और अच्छी भी नहीं लगेंगी, इसलिए ऐसा पहनें जो आप को सूट करे.

– औफिस में ढंग से प्रैस किए कपड़े पहनें. महंगा पर सिलवटों वाला आउटफिट सारा लुक खराब कर देगा.

– लाउड मेकअप न करें और बिजनैस सूट के साथ चंकी ज्वैलरी न पहनें वरना आउटफिट का सारा लुक खराब हो जाएगा. औफिस में कम से कम मेकअप करें और ऐक्सैसरीज भी कम पहनें.

– काम पर जाते समय जितना जरूरी अच्छे कपड़े पहनना है उतना ही जरूरी है अच्छे शूज पहनना भी. शूज अगर आउटफिट के साथ मिसमैच होंगे तो सारी पर्सनैलिटी खराब लगेगी. शूज साफ और पौलिश किए होने चाहिए. ब्लैक शूज, सैंडल और न्यूड पंप्स अच्छे लगते हैं. यदि कुछ ब्राइट पहनना चाहती हैं तो तय कर लें कि वह आउटफिट के साथ कलर कोऔर्डिनेट हो रहा हो.

कैसे हो प्रेम निवेदन

युद्ध मानव इतिहास का निरंतर हिस्सा रहे हैं. हर युग में आम  जनता को बेबात में युद्धों में घसीटा जाता रहा है और युद्ध का मतलब है कि हर रोज की जिंदगी का टूट जाना. युद्ध के दौरान शहर नष्ट हो जाते, युवा लड़ाई पर चले जाते, खाने के लाले पड़ जाते, घर में किसे मार डाला जाए पता नहीं रहता. फिर भी एक चीज जो प्रकृति की देन व आवश्यकता दोनों है, चलती रही. वह प्रेम है. युवा प्रेम हर तरह की कंटीली  झाडि़यों में भी पनपा, फूलों के बागों में भी पनपा, गोलियों में भी पनपा और आज प्रेम कोविड के खूनी पंजों में भी पनप रहा है.

आज कोविड का युद्ध पहले के सभी युद्धों से खतरनाक है क्योंकि यह हर व्यक्ति को अपनी खुद की वजह जेल में बंद कर रहा है. हजार बंदिशें लोगों पर लगी हैं जो विदेशियों के आक्रमणों में नहीं लगीं, दंगों में नहीं लगीं, अकाल और बाढ़ में नहीं लगीं, युद्ध क्षेत्रों में नहीं लगीं.

एकदूसरे से गले लगने और बात करने तक पर पाबंदी. कोविड ने हर जने को जो एक छत के नीचे पहले से नहीं रहता उसे छूने, उस से सहयोग करने, उस के पास बैठ कर बात करने पर पाबंदी लगा दी. ऐसे में नया प्रेम कैसे हो? कैसे प्रकृति को छूने की चाहत, एकदूसरे में समा जाने की जरूरत पूरी हो?

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कोविड ने जो कैद करी है, वह लौकडाउनों के हटने के बाद भी न के बराबर हट रही है. मास्क में चेहरों से प्रेम निवेदन कैसे हो सकते हैं? 2 गज की दूरी रखने से एकदूसरे का स्पर्श कैसे मिल सकता है?

अब जिन्हें वैक्सीन लगी है वे ढूंढ़ रहे हैं कि जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है उन में से कौन उन के लायक है पर यह वैक्सीन ऐसी नहीं जिस का ठप्पा माथों पर लगा हो. इस वैक्सीन के बाद भी मास्क जरूरी है. अब वह प्राकृतिक जरूरत एक जीवनसाथी की कैसे पूरी हो? कोविड की दूसरी लहर जिस में एक छत के नीचे रह रहे पूरे परिवार बीमार पड़ गए सब को बुरी तरह डरा दिया है.

गनीमत है कि मौडर्न टैक्नोलौजी ने इंस्ट्राग्राम, फेसबुक, व्हाट्सऐप के दरवाजे खुले रखे पर ये तो कैदखानों की छोटी खिड़कियां थीं जहां से सिर्फ आंख दिखा सकते हैं. एक इंच बाई एक इंच के चेहरे को देख कर किसी के व्यक्तित्व की पहचान तो नहीं हो सकती.

हां, इस दौरान भारत में शादियां हुईं पर उन में चेहरा फेसबुक पर देखा गया, कुछ मिनट के लिए मास्क हटा और हां या न कर दी गई, 18वीं सदी की शादी की तरह. बाकी बातें सोशल मीडिया पर हुईं पर आधीअधूरी. जब तक कोई चाय के प्याले में अपनी उंगली डुबो कर न पिलाए, प्रेम थोड़े पनपता है. अब जो शादियां पक्की हो रही थीं, वे शारीरिक मिलन का सम झौता हैं, प्रेम का अंतिम लक्ष्य पूरा होना नहीं.

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इमोशनल ब्लैकमेलिंग : संबंधों के माध्यम से शोषण

लेखक- वीरेन्द्र बहादुर सिंह 

एक कार्पोरेट कंपनी में सीए धर्मेश अपने काम से काम रखने वाला युवक था. इसलिए उसे किसी लड़की से प्रेम करने का मौका ही नहीं मिला. उसके मां-बाप ने उसके लिए लड़की खोजनी शुरू कर दी. कई लड़कियां देखने के बाद यात्री नाम की एक लड़की उन्हें पसंद आ गई. यात्री ने एमकाॅम कर रखा था. वह एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थी. वह सुंदर और प्रतिभाशाली युवती थी. मैनेजमेंट को उस पर गर्व था. मनचाहा परिणाम लाती थी वह.

यात्री और धर्मेश ने एकदूसरे को पसंद कर लिया था. एक दो बार मिले, रेस्टोरेंट में साथ खाना खाया, थोड़ा घूमे-फिरे, एकदूसरे के विचारों को जाना. धर्मेश की मां का स्पष्ट कहना था कि लड़के और लड़की ने एकदूसरे को पसंद कर लिया, बात पूरी हो गई. बाकी सब गौड़ है. यात्री और धर्मेश की खुशीखुशी शादी हो गई. दोनों हनीमून टूर पर विदेश गए. सब कुछ बढ़िया चल रहा था. बस, एक बात की तकलीफ थी. यात्री का स्वभाव सीधी लाइन जैसा नहीं था. वैसे तो वह योग्य और प्रतिभाशाली थी, पर बातबात में उसकी नाराज हो जाने की आदत थी. उसे जो चाहिए, वह नहीं मिलता तो वह नाराज हो जाती. उसके मन का काम न होता तो वह खाना न खाती.

वैसे तो दांपत्यजीवन में रिसाने और मनाने का एक अलग ही मजा और लिज्जत होता है. पर यहां बात एकदम अलग थी. यहां यात्री बारबार जो नाराज हो रही थी, वह इमोशनल ब्लैकमेलिंग थी. शुरूआत के दिनों में तो धर्मेश ने यह सब सहम किया, पर बात गले तक आ गई तो परशानी होने लगी. पति के रूप में उसे जितना सहन करना चाहिए था, उसने सहन किता. वह एक परिपक्व और समझदार पति था. वह घंटोंघंटो यात्री को समझाता. वह कहता कि यात्री तुम यह जो कर लही हो, वह उचित नहीं है. तुम्हारा हर मामले में रोकटोक लगना ठीक नहीं है. जब देखो, तब तुम नाराज हो जाती हो और घर वालों से बोलना बंद कर देती हो.

दूसरी ओर यात्री के लिए अपना स्वभाव बदलना मुश्किल था. समयसमय पर वह अपने स्वभाव के अनुसार घर में अपनी चलाती, जिससे घर का वातावरण भारी हो जाता. धर्मेश के माता-पिता दुखी हो ग्ए. हंसता-खेलता, किल्लोल करता परिवार अचानक मौन हो गया. जब देखो, तब घर का वातावरण भारी रहता.

ऐसा अक्सर होता है. इमोशनल ब्लैकमेलिंग एक तरह की बीमारी है. यह एक तरह की अवस्था है. ऐसे तमाम लोग होते हैं, जिनकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने की गलत आदत होती है. भावनात्मक ब्लैकमेल एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कोई व्यक्ति जो चाहता है, उसे पाने के लिए धमकाता है. ये धमकियां अलग-अलग स्तर की होती हैं. भावनात्मक ब्लैकमेलिंग इस तरह का वातावरण बना देती है, जिसमें वातावरण बोझिल, भारी, तनावपूर्ण, अनिश्चित और दुखी करने वाला हो जाता है.

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ब्लैकमेल करने वाले व्यक्ति की एक निश्चित प्रकार की मानसिकता होती है. इमोशनल ब्लैकमेलिंग कर के अपना काम कराने की उसकी गंदी आदत पड़ चुकी होती है. इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने वाला व्यक्ति प्यार को एक हथियार के रूप में काम करता है. इस तरह के व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति के हृदय की संवेदना का क्रूर उपयोग करते हैं.

प्रेम तीन स्तर पर व्यक्त किया जाता है.

1) संवेदना

2) स्नेह

3) भावनात्मकता

संवेदना प्रेम को व्यक्त करने का सर्वोत्तम स्तर है. संवेदना प्रेम का एक स्वरूप है. स्नेह के स्तर पर प्रेम व्यक्त होता है. स्नेह के स्तर पर व्यक्त किए जाने वाले प्रेम में संबंध चमकते रहते हैं. संबंधों के अलग-अलग शेड होते हैं. संबंधों के अलग-अलग प्रवाह होते हैं. हर संबंध की तरह सौंदर्य होता है, उसी तरह हर शब्द के अंदर का और बाहर का भी प्रवाह होता है. इसी प्रवाह के अनुरूप लगाव उसके साथ जुड़ा होता है. स्नेहशीलता प्रेम का ही एक स्वरूप है. स्नेहशीलता व्यक्त करने वाला प्रेम मुग्ध होता है. ये ऊपरी भी हो सकता है और छिछला भी. इस प्रेम में प्रेम करने वाले का व्यवहार प्रतिबिंबित होता रहता है. महिलाएं प्रेम का स्वरुप हैं. महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक श्रद्धा और प्रेम के आधार पर सोचती और जीती हैं. महिला यानी प्रेम, ममता, वात्सल्य, भावना, स्नेह, करुणा के फूलों की क्यारी. महिला और पुरुष में तार्किक फर्क यह है कि महिला पहले श्रद्धा और प्रेम के आधार पर जीती है. जब श्रद्धा थक जाती है, तब बुद्धि की शरण में जाती है. पुरुष का इससे उल्टा है. पुरुष बुद्धिप्रधान है. वह बुद्धि से सोचता और जीता है. जब उसकी बुद्धि थक जाती है, तब वह प्रेम की शरण में जाता है.

महिलाएं स्नेह के आधार पर सोचती हैं, तभी ठगी जाती हैं. अनेक परिवारों में संतानें मां को महिला के रूप में इमोशनल ब्लैकमेल करते रहते हैं. कभी-कभी यह काम पति भी करते हैं. अगर भारत की महिलाएं स्नेहशीलता से ऊपर उठ कर भावना या संवेदना की भूमिका में जीवन जीने लगेंगी, तब वे अच्छी तरह प्रेम व्यक्त कर सकेंगी और उचित प्रेम पा भी सकेंगीं.

महिलाएं अपने साथ हुए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खराब या कड़वे अनुभव की वजह से इमोशनल ब्लैकमेलिंग के लिए प्रेरित होती हैं. शुरू में यात्री की जो बात की गई है, उसके मामले में भी ऐसा ही हुआ है. यात्री की मम्मी उर्मिला के जीवप में भारी उथल-पुथल हुई थी. उनका जीवन अनेक समस्याओं और आरोह-अवरोह से भरा था. यात्री के पालन-पोषण में तमाम कमियां रह गईं थीं. जब वह बच्ची थी, तब घर में उसे सहज रूप से कुछ नहीं मिलता था. एकाध बार उसने जिद की, भावनात्मक ब्लैकमेलिंग की, तुरंत उसका काम हो गया. उसे पता चल गया कि अपने मन का कराने का यह शार्टकट है. यह उत्तम रास्ता है. बस, उसी के बाद उसकी आदत पड़ गई. सहजता और सरलता से जो मिलता, वह उसे अच्छा न लगता. वह ब्लैकमेल कर के लेती, तब उसे लगता, यह ठीक है.

मानव मन बहुत जटिल है. अगर इसे सही दिशा में ले जाया जाए तो निश्चित यह बढ़िया परिणाम देता है. अगर इसे गलत दिशा में विकसित किया जाए तो यह गलत बर्ताव करता है. इसकी शक्ति तो है ही, इस शक्ति का रचनात्मक उपयोग किया जाए तो सब बढ़िया होगा. धर्मेश ने एक मनोचिकित्सक से संपर्क किया. पूरी घटना को समझ कर मनोचिकित्सक ने रास्ता बताया.

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वह रास्ता धीरज और संयम का था. धर्मेश अपनी जगह दृढ़ था. वह किसी भी संयोग में अपने विशाल परिवार को हरा-भरा और खुशहाल देखना चाहता था. उसे अपने प्रेम पर विश्वास था. समय बीतता गया और समय के साथ यात्री के स्वभाव में परिवर्तन आता गया. कुछ समय में यात्री की इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने की मंशा और आदत लगभग छूट गई. धर्मेश का मानना है कि दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिजका हल नहीं है. समस्या मात्र, हल के पात्र, अगर धीरज से, सच्ची निष्ठा से, प्रेम से समस्या हल की जाए तो परिणाम निश्चित और अच्छा आता है. धर्मेश ने इमोशनल शब्द से इमोशंस को पकड़ा. सच्चे प्यार में ताकत होती है. उसने उसी शक्ति का प्रयोग और विनियोग किया.

हर बार इसी तरह जीत मिल जाए ऐसा भी नहीं है. इमोशनल ब्लैकमेलिंग के मामले में अलग-अलग समाधान खोजना पड़ता है. कभी-कभी ब्लैकमेलिंग करने वाले के सामने सख्त होना पड़ता है. कभी-कभी सख्ती और प्रेम दोनों से काम लेना पड़ता है. जिंदगी अजब है, गजब है. प्रेम के बिना जिया नहीं जा सकता और वही प्रेम अलग-अलग स्वरूप में प्रकट होता है. जिंदगी के हर स्वरूप के आनंद को स्वीकार कर जीने में ही सच्ची मजा है.

Imlie के सामने मालिनी दिखाएगी असली चेहरा, प्रोमो वायरल

स्टार प्लस के पौपुलर सीरियल में से एक इमली की कहानी नए-नए ट्विस्ट के साथ दर्शकों को एंटरटेन करने का एक भी मौका नही छोड़ रही है. वहीं मेकर्स ने शो को एक नया प्रोमो भी रिलीज कर दिया है, जिसमें आदित्या को पाने के लिए मालिनी और इमली आमने-सामने नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है प्रोमो में खास…

प्रोमो में दिखा इमली-मालिनी का फेस औफ

 

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अब तक आपने देखा कि मालिनी पूरी कोशिश कर रही है कि इमली को आदित्य की जिंदगी से दूर कर सके, जिसके चलते वह अपनी जान खतरे में भी डालने के लिए तैयार हो गई है. हालांकि इमली, जान गई है कि मालिनी उसे आदित्य से दूर करने के लिए साजिशें रच रही है. इसी के चलते हाल ही में मेकर्स ने नया प्रोमो जारी किया है, जिसमें इमली और मालिनी आमने सामने नजर आ रहे हैं. प्रोमो में मालिनी (Mayuri Deshmukh) इमली को गंवार बोलती दिख रही है और उसे खुद से नीचा भी बताती नजर आ रही है. हालांकि इमली, मालिनी को करारा जवाब देती हुए दिख रही है.

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इमली की जिंदगी में आएंगे नए तूफान

अपकमिंग एपिसोड की बात करें तो इमली, मालिनी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेगी. हालांकि अपर्णा को भड़का कर मालिनी अपने प्लान को अंजाम देती नजर आएगी, जिसके चलते इमली घर छोड़कर जाने का फैसला करती हुई नजर आएगी. वहीं आदित्य भी उसका साथ नही देगा. इसी बीच खबरे हैं कि इमली के जाने के बाद अपर्णा यानी आदित्या की मां घर की सारी जिम्मेदारियां मालिनी को सौंप देंगी, जिसके बाद देखना होगा कि आदित्या और इमली की कहानी कौनसा नया मोड़ लेगी.  और क्या मालिनी का प्लान कामयाब हो जाएगा.

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सीरियल ‘गुम हैं किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी नया मोड़ लेने के लिए तैयार हैं. जहां एक तरफ सम्राट और पाखी अलग होने के लिए तैयार हैं तो वहीं सई, विराट से अपने प्यार का इजहार करने के लिए तैयार है, जिसके चलते अपकमिंग एपिसोड में सीरियल की कहानी में नया मोड़ आने वाला है. लेकिन इसी बीच पाखी ने सम्राट संग एक वीडियो शेयर की है, जिसमें वह बता रही हैं कि सम्राट उनसे प्यार नही करते. आइए आपको दिखाते हैं पाखी-सम्राट की वीडियो…

पाखी ने बताई सम्राट की गलती

 

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पाखी के रोल में नजर आने वाली ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) ने हाल ही में एक वीडियो शेयर की है, जिसमें वह सम्राट यानी योगेंद्र विक्रम सिंह (Yogendra Vikram Singh) संग मस्ती करती नजर आ रही है. दरअसल, वीडियो में पाखी बता रही हैं कि उनके पति ना रोमांस करते हैं और ना ही उनसे प्यार करते हैं. वहीं वीडियो के बैकग्राउंड में कपिल शर्मा की गुत्थी का फेमस डायलौग प्यार नही करते वाला सौंग चल रहा है.

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सेट पर परेशान करती हैं पाखी

 

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पाखी यानी ऐश्वर्या शर्मा आए दिन फैंस के लिए नए-नए वीडियो शेयर करती रहती है, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. वहीं वह सेट पर आए दिन लोगों के साथ #reels शेयर करती हैं. हाल ही में ऐश्वर्या शर्मा ने सीरियल की एक अदाकारा के सेट पर आराम करती हुए एक वीडियो बनाई, जिसमें वह डांस करती हुई नजर आईं.

सीरियल में ये होगी आगे की कहानी

सीरियल की अपकमिंग कहानी की बात करें तो पाखी जहां सम्राट को तलाक देने के लिए तैयार होगी तो वहीं विराट से अपने प्यार का इजहार करती नजर आएगी. इसी बीच सई अपने प्यार को विराट को दिखाना शुरु करेगी, जिसके चलते विराट भी सई की तरफ अट्रैक्ट होता हुआ नजर आएगा. अब देखना होगी कि चार जिंदगियां कौनसे नए मोड़ पर जाती हैं.

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Bigg Boss OTT: फैशन के मामले में किसी से कम नही हैं Riddhima Pandit, देखें फोटोज

बीते दिन पौपुलर रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) का दूसरा शौकिंग एलिमनेशन देखने को मिला, जिसके चलते दो कंटेस्टेंट्स करण नाथ (Karan Nath) और रिद्धिमा पंडित (Riddhima Pandit) को शो से बाहर होना पड़ा. एक को कम वोट तो दूसरे को कनेक्शन होने के चलते शो से एलिमनेट होना पड़ा. हालांकि रिद्धिमा पंडित का शो से यूं बाहर जाना फैंस को हैरान कर रहा है, जिसके चलते फैंस उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको रिद्धिमा पंडित की प्रौफेशनल लाइफ के बारे में नहीं बल्किन उनके लुक्स के बारे में बताएंगे. रिद्धिमा के फैशन सेंस काफी हौट हसीनाओं में से एक है, जिसका अंदाजा उनके सोशलमीडिया अकाउंट को देखकर लगा जा सकता है. आइए आपको दिखाते हैं एक्ट्रेस रिद्धिमा के लुक्स की झलक…

1. इंडियन ब्राइडल लुक के लिए परफेक्ट है रिद्धिमा का लुक

आजकल मार्केट में दुल्हनों के लिए कईं कलर मौजूद हैं, लेकिन आज भी लोगों को मेहरून कलर ही बेस्ट लगता हैं. अगर आप भी उनमें से हैं तो रिद्धिमा पंडित का ये ब्राइडल लुक जरूर ट्राय करें. आपका स्किन कलर अगर साफ है तो रिद्धिमा का मेहरून ब्राइडल लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा.

2. रौयल लुक के लिए रिद्धिमा का ये ज्वैलरी पैटर्न है परफेक्ट

अगर आप अपनी शादी को रौयल लुक देना चाहती हैं तो मेहरून कलर के लहंगे के साथ गोल्डन कलर की ज्वैलरी परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लुक को रौयल टच देगा. आप चाहें तो लहंगा लाइट चूज करके ज्वैलरी हैवी रख सकती हैं. आजकल मांग टीका फुल कवर करने वाले भी ट्रेंड में हैं. रिद्धिमा ने भी यही लुक ट्राय किया है.

 

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3.  वेस्टर्न लुक्स में भी लगती हैं कमाल

 

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रिद्धिमा पंडित के वेस्टर्न लुक्स की बात करें तो उनके हौट अवतार के फैंस दीवाने हैं, जिसके चलते सोशलमीडिया पर वह फैंस के लिए अपने अलग- अलग आउटफिट्स में फोटोज शेयर करती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं.

 

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नागरिकता बिल: रजिया और विनय की कहानी

लेखक- नीरज कुमार मिश्र

देश के कुछ हिस्सों में इस बिल का पुरजोर विरोध हुआ था और कुछ हिस्सों में जम कर स्वागत भी हो रहा था.

मीडिया वाले लगातार इस अहम खबर पर नजरें गड़ाए हुए थे और पिछले कई दिनों से वे इसी खबर को प्रमुखता से दिखा रहे थे.

रजिया बैठी हुई टैलीविजन पर यह सब देख रही थी. उस की आंखों में आंसू तैर गए. खबरिया चैनल का एंकर बता रहा था कि जो मुसलिम शरणार्थी भारत में रह रहे हैं, उन को यहां की नागरिकता नहीं मिल सकती है.

‘क्यों? हमारा क्या कुसूर है इस में… हम ने तो इस देश को अपना सम झ कर ही शरण ली है… इस देश में सांस ली है, यहां का नमक खाया है और आज राजनीति के चलते यहां के नेता हमें नागरिक मानने से ही इनकार कर रहे हैं. हमें कब तक इन नेताओं के हाथ की कठपुतली बन कर रहना पड़ेगा,’ रजिया बुदबुदा उठी.

रजिया सोफे से उठी और रसोईघर की खिड़की से बाहर  झांकने लगी. उस की आंखों में बीती जिंदगी की किताब के पन्ने फड़फड़ाने लगे.

तब रजिया तकरीबन 20 साल की एक खूबसूरत लड़की थी. उस की मां बचपन में ही मर गई थी. बड़ी हुई तो बाप बीमारी से मर गया. उस के देश में अकाल पड़ा, तो खाने की तलाश में भटकते हुए वह भारत की सरहद में आ गई और शरणार्थियों के कैंप में शामिल हो गई थी. भारत सरकार ने शरणार्थियों के लिए जो कैंप लगाया था, रजिया उसी में रहने लगी थी.

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पहलेपहल कुछ गैरसरकारी संस्थाएं इन कैंपों में भोजन वगैरह बंटवाती थीं, पर वह सब सिर्फ सोशल मीडिया पर प्रचार पाने के लिए था, इसलिए कुछ समय तक ही ऐसा चला. कुछ नेता भी इन राहत कैंपों में आए, पर वे भी अपनी राजनीति चमकाने के फेर में ही थे. सो, वह सब भी चंद दिनों तक ही टिक पाया.

शरणार्थियों को आभास हो चुका था कि उन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा. जिन के पास कुछ पैसा था, वे रेहड़ीखोमचा लगाने लगे, तो कुछ रैड सिगनलों पर भीख मांगने लगे. कुछ तो घरों में नौकर बन कर अपना गुजारा करने लगे.

एक दिन शरणार्थी शिविर में एक नेताजी अपना जन्मदिन मनाने पहुंचे. उन के हाथों से लड्डू बांटे जाने थे. लड्डू बांटते समय उन की नजर सिकुड़ीसिमटी और सकुचाई रजिया पर पड़ी, जो उस लड्डू को लगातार घूरे जा रही थी.

नेताजी ने रजिया को अपने पास बुलाया और पूछा, ‘लड्डू खाओगी?’

रजिया ने हां में सिर हिलाया.

‘मेरे घर पर काम करोगी?’

रजिया कुछ न बोल सकी. उस ने फिर हां में सिर हिलाया.

‘विनय, इस लड़की को कल मेरा बंगला दिखा देना और इसे कल से काम पर रख लो. सबकुछ अच्छे से सम झा भी देना,’ नेताजी ने रोबीली आवाज में अपने सचिव विनय से कहा.

‘आखिरकार जनता का ध्यान हम नेताओं को ही तो रखना है,’ कहते हुए नेताजी ने एक आंख विनय की तरफ दबा दी.

विनय को नेताजी की बात माननी ही थी, सो वह अगले दिन रजिया को उन के बंगले पर ले आया और उसे साफसफाई का सारा काम सम झा दिया.

रजिया इतने बड़े घर में पहली बार आई थी. चारों तरफ चमक ही चमक थी. वह खुद भी आज नहाधो कर आई थी. कल तक जहां उस के चेहरे पर मैल की पपड़ी जमी रहती थी, वहां आज गोरी चमड़ी दिख रही थी. विनय को भी यह बदलाव दिखाई दिया था.

विनय ने रजिया को खाना खिलाया. पहले तो संकोच के मारे रजिया धीरेधीरे खाती रही, पर उस की दुविधा सम झ कर जैसे ही विनय वहां से हटा, रजिया दोनों हाथों से खाने पर जुट गई और उस ने अपना मुंह तब ऊपर किया, जब उस के पेट में बिलकुल जगह न रह गई. उस का चेहरा भी अब उस के पेट के भरे होने की गवाही दे रहा था.

अब रजिया नेताजी के बंगले पर दिनभर काम करती और शाम ढले कैंप में वापस चली जाती.

यों ही दिन बीतने लगे. रजिया का काम अच्छा था. धीरेधीरे उस ने शाम को शरणार्थी कैंप में जाना भी छोड़ दिया. वह शाम को नेताजी के बंगले में ही कहीं जमीन पर सो जाती थी.

आज नेताजी के घर में जश्न का माहौल था, क्योंकि चुनाव में उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी. नीचे हाल में चारों तरफ सिगरेट के धुएं की गंध थी. शराब के दौर चल रहे थे. जश्न देर रात तक चलना था, इसलिए विनय ने रजिया से खाना खा कर सो जाने के लिए कहा और खुद नेताजी के आगेपीछे डोल कर अपने नमक का हक अदा करने लग गया.

नेताजी के कई दोस्त उन से शराब के साथ शबाब की मांग कर रहे थे. जब इस मांग ने जोर पकड़ लिया, तो नेताजी ने धीरे से रजिया के कमरे की तरफ इशारा कर दिया.

ऊपर कमरे में रजिया सो रही थी. देर रात कोई उस के कमरे में गया, जिस ने उस का मुंह दबाया और अपने शरीर को उस के शरीर में गड़ा दिया.

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बेचारी रजिया चीख भी नहीं पा रही थी. एक हटा तो दूसरा आया. न जाने कितने लोग थे, रजिया को पता ही न चला. वह बेहोश हो गई और शायद मर ही जाती, अगर विनय सही समय पर न पहुंच गया होता.

विनय ने रजिया को अस्पताल में दाखिल कराया. वह गुस्से से आगबबूला हो रहा था, पर क्या करता, नेताजी के अहसान के बो झ तले दबा जो हुआ था.

‘इन के पति का नाम बताइए?’ नर्स ने पूछा.

‘जी, विनय रंजन,’ विनय ने अपना नाम बताया.

नाम बताने के बाद एक पल को विनय ठिठक गया था.

‘मैं ने यह क्यों किया? पर क्यों न किया जाए?’ उस ने सोचा. आखिर उस की शरण में भी पहली बार कोई लड़की आई थी.

विनय उस समय छोटा सा था, जब उस के मम्मीपापा एक हादसे में मारे गए थे. तब इसी नेता ने उसे अनाथालय में रखा था और उस की पढ़ाई का खर्चा भी दिया था.

नेताजी के विनय के ऊपर और बहुत से अहसान थे, पर उन अहसानों की कीमत वह इस तरह चुका तो नहीं सकता.

रजिया की हालत में सुधार आ रहा था. वह कुछ बताती, विनय को इस की परवाह ही नहीं थी, उस ने तो मन ही मन एक फैसला ले लिया था.

अपने साथ कुछ जरूरी सामान और रजिया को ले विनय ने शहर छोड़ दिया.

बस में सफर शुरू किया तो कितनी दूर चले गए, उन्हें कुछ पता नहीं था. वे तो दूर चले जाना चाहते थे, बहुत दूर, जहां शरणार्थी कैंप और उस नेता की गंध भी न आ सके.

और यही हुआ भी. वे दोनों भारत के दक्षिणी इलाके में आ गए थे और अब उन को अपना पेट भरने के लिए एक अदद नौकरी की जरूरत थी.

विनय पढ़ालिखा तो था ही, इसलिए उसे नौकरी ढूंढ़ने में समय न लगा. नौकरी मिली तो एक घर भी किराए पर ले लिया.

रजिया भी सदमे से उबर चुकी थी, पर विनय उस से कभी भी उस घटना का जिक्र न करता और न ही उस को याद करने देता.

रजिया का हाथ शिल्प वगैरह में बहुत अच्छा था. एक दिन उस ने एक छोटा सा कालीन बना कर विनय को दिखाया.

वह कालीन विनय को बहुत अच्छा लगा और उस ने वह कालीन अपने बौस को गिफ्ट कर दिया.

‘अरे… वाह विनय, इस कालीन को रजिया ने बनाया है. बहुत अच्छा… घर में आसानी से मिलने वाली चीजों से बना कालीन…

‘क्यों न तुम ऐसे कालीनों का एक कारोबार शुरू कर दो. भारत में बहुत मांग है,’ बौस ने कहा.

‘अरे… सर… पर, उस के लिए तो पैसों की जरूरत होगी,’ विनय ने शंका जाहिर की.

‘अरे, जितना पैसा चाहिए, मैं दूंगा और जब कारोबार चल जाएगा, तब मु झे लौटा देना,’ बौस जोश में था.

विनय ने नानुकर की, पर उस का बौस एक कला प्रेमी था. उस ने खास लोगों से बात कर विनय का एक छोटा सा कारखाना खुलवा दिया.

फिर क्या था, रजिया कालीन का मुख्य डिजाइन बनाती और कारीगर उस को बुनते. कुछ ही दिनों में विनय का कारोबार अच्छा चल गया था और जिंदगी में खुशियां आने लगीं.

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डोरबेल की तेज आवाज ने रजिया का ध्यान भंग किया. दरवाजा खोला तो सामने विनय खड़ा था. उसे देखते ही रजिया उस के सीने से लिपट गई.

‘‘अरे बाबा, क्या हुआ?’’ विनय ने चौंक कर पूछा.

‘‘कुछ नहीं विनय. मैं इस देश में शरणार्थी की तरह आई थी, उस नेता ने मु झे सहारा दिया. वहां भी तुम ने साए की तरह मेरा ध्यान रखा, पर उस जश्न वाली रात को नेता के साथियों ने मेरे साथ बलात्कार किया. न जाने कितने लोगों ने मु झें रौंदा, मु झे तो पता भी नहीं, फिर भी तुम ने इस जूठन को अपनाया. तुम महान हो विनय. मु झ से वादा करो कि तुम मु झे कभी नहीं छोड़ोगे.’’

‘‘पर, आज अचानक से यह सब क्यों पगली. मेरा भी तो इस दुनिया में तुम्हारे सिवा कोई नहीं है. उस नेता के कई अहसान थे मुझ पर, सो मैं सामने से उस से लड़ न सका, पर तुम को उन भेडि़यों से बचाने के लिए मैं ने नेता को भी छोड़ दिया, लेकिन आज अचानक बीती बातें क्यों पूछ रही हो रजिया?’’ विनय ने रिमोट से टैलीविजन चालू करते हुए पूछा.

‘‘वह… दरअसल, नागरिकता वाले कानून के तहत भारत में सिर्फ हिंदू शरणार्थियों को ही नागरिकता मिल सकती है और मैं तो हिंदू नहीं विनय. आज यह कानून आया है, अगर कल को यह कानून आ गया कि जो शरणार्थी जहां के हैं, उसी देश वापस चले जाएं तब तो मु झे तुम को छोड़ कर जाना होगा. इस मुई राजनीति का कुछ भरोसा नहीं,’’ कहते हुए रजिया रो पड़ी.

‘‘अरे पगली, तुम इतना दिमाग मत लगाओ. अब तुम्हें मेरी जिंदगी ने नागरिकता दे दी है, तब किसी देश के कागजी दस्तावेज की जरूरत नहीं है तुम्हें. जोकुछ होगा, देखा जाएगा और फिर जब हम दोनों शादी कर लेंगे, तो भला तुम को यहां का नागरिक कौन नहीं मानेगा,’’ कहते हुए विनय ने रजिया की पेशानी चूमते हुए कहा.

उस समय रजिया और विनय की आंखों में आंसू थे.

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