यह कैसी मानसिकता

हिंदू मानसिकता एक तरह से इसलामी मानसिकता की तरह  है और जो ट्रीटमैंट हिंदू कट्टरपंथी ट्रोल अंतर्राष्ट्रीय गायिका रिहाना और टीनएजर क्लाईमेट ऐक्टीविस्ट ग्रेटा गनबर्ग को दे रहे हैं कि वह औरत है, चुप रहे. वैसे ही इसलामी देश तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एरडोगान कर रहे हैं.

एक ऐक्टीविस्ट आयसे बुगरा के एरडोगान का नाम न ले कर पति के नाम से जोड़ कर संबोधित करते हैं और खिंचाई करते हैं ताकि अपने मोदीनुमा कट्टरनुमा समर्थकों को समझा सकें कि औरतों की जगह पिता या पति के कारण ही होती है. आयसे बुगरा तुर्की में प्रोफैसर हैं और विद्वान हैं पर ऐक्टीविस्ट एरडोगान के लिए वैसे ही सिर्फ पति की संपत्ति है जैसे भगवा गैंग के अनुसार सोनिया गांधी बार डांसर हैं.

औरतों के प्रति अपमानजनक सोच घरघर में मौजूद है और यह उन के व्यक्तित्व का कचूमर निकाल देती है. थोड़े दिनों में शादी हो जाती है, जहां पति के चरण धो कर गंदा पानी पीने को अमृत पीना कहा जाए वह याद नहीं होगा तो क्या होगा.

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3 तलाक पर होहल्ला मचाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के बाद हिंदू औरतों के सुधारों के लिए एक कदम नहीं उठाया है. उन्हें नौकरियां नहीं दी हैं. उन्हें पिता या पति की संपत्ति पर अधिक हक नहीं दिलाया है. वे कम आय कर या संपत्ति कर दें, ऐसा कोई सुधार नहीं पेश किया है. वे पढ़लिख कर खुली सोच वाली बनें ऐसा कोई प्रयास नहीं किया है.

किसान आंदोलन में भाग लेने वाली औरतों को बारबार हट जाने को कहा जा रहा है, क्योंकि आज की कट्टर संस्कृति के रखवाले नहीं चाहते कि वे पुरुषों के बराबर कंधे से कंधा मिला कर चलें. नागरिक संशोधन कानून का विरोध करने के लिए दिल्ली के शाहीनबाग में बैठी दादियों के बारे में सरकार को चिंता यही थी कि कहीं यही औरतें राजनीतिक सत्ता में हिस्सा न मांगने लग जाएं.

औरतों को गुलाम रखने का प्रयास काफी सुनियोजित है. सैकड़ों कथाएं लिखी गई हैं और बारबार दोहराई गई हैं, जिन में औरतें का चरित्र एक से ज्यादा नहीं होता. मशहूर फिल्म ‘शोले’ के 2 महत्त्वपूर्ण पात्र जया भादुड़ी और हेमामालिनी दोनों को बेचारी दिखाया गया है. एक विधवा है, जो एक पुरुष पर मोहित है पर प्रेम प्रकट नहीं कर पाती, दूसरी तांगे वाली है पर उसे बातूनी दिखा कर व उस का चरित्र नाचने वाली का दिखा कर पुरुष सेविका तक सीमित कर दिया गया.

कमला हैरिस ने अपने बलबूते पर बिना किसी पिता या पति के अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद को पाया है पर भारत जैसे देशों में कहीं ढोलनगाड़े नहीं बजाए गए, उलटे उन की भतीजी मीना हैरिस द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन करने पर बुराभला कहा जाने लगा है और चरित्र हनन की कोशिश हो रही है.

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चरित्र हनन करने वाले ऊंची जातियों के ट्रोल कंपनी के मुलाजिम जैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं वह न ट्विटर को अटपटी लगती है न तुर्की के एरडोगान को और न भारत के मोदीशाह को. वे औरतों को क्या समझते हैं, यह हम सब जानते हैं. अमित शाह की पत्नी कभी दिखती नहीं हैं और सोशल मीडिया के अनुसार उन का शौक शौपिंग में ही है या धार्मिक बातें सुनने में.

इसलामी और कट्टर हिंदू असल में औरतों को किसी तरह का प्रतिष्ठित पद नहीं देना चाहते. जब तक कट्टर नेताओं के हाथों में शक्ति है औरतें 10वीं सदी में रहेंगी, सिर्फ सजावटी गुडि़याएं. हमारे यहां तो वे त्याग व बलिदान की मूर्तियां हैं सिर्फ पति के लिए.

शादी के हर फंक्शन के लिए परफेक्ट है ‘कुंडली भाग्य’ की ‘प्रीता’ के ये लुक्स, देखें फोटोज

सीरियल ‘कुंडली भाग्य’ एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या इन दिनों अपने लुक्स को लेकर सुर्खियों में छाई हुई हैं. इडियन हो या वेस्टर्न, हर लुक में श्रद्धा आर्या बेहद खूबसूरत लगती हैं. हाल ही में श्रद्धा आर्या ने अपने कुछ लुक्स फैंस के साथ शेयर किए हैं, जिन्हें आप मेहंदी हो या रिसेप्शन, हर वेडिंग फंक्शन में ट्राय कर सकती हैं. आइए आपको दिखाते हैं श्रद्धा आर्या के स्टनिंग लुक्स…

हल्दी के लिए परफेक्ट है ये लहंगा

इंडियन वेडिंग में ब्राइट कलर्स अक्सर देखने को मिलते हैं. वहीं बात अगर हल्दी के फंक्शन की करें तो पीला रंग काफी पौपुलर है. श्रद्धा आर्या का ये ए-लाइन फ्लेयर्ड लहंगा और इसके साथ ब्रॉड वी-कट नेकलाइन का हाफ स्लीव्स ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इस लुक के साथ आप श्रद्धा की तरह स्टनिंग चोकर नेकलेस और ब्रेसलेट स्टाइल के कंगन कैरी कर सकती हैं, जो आपके लुक को परफेक्ट बनाएगा.

 

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शादी में ये कलर ट्राय

 

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अगर आप हर फंक्शन में ब्राइट कलर पहनना नहीं पसंद करती हैं तो श्रद्धा आर्या का ये स्काई ब्लू लहंगा जरुर ट्राय करें. ए-लाइन लहंगे के साथ प्रिंसिस कट नेकलाइन का ऑफ शोल्डर ब्लाउज, जिस पर रिच सीक्वन वर्क किया गया है. इस लुक को आप वेडिंग डे पर ट्राय कर सकती हैं, जो आपको मौर्डन लुक के साथ इंडियन टच देगा.

संगीत में परफेक्ट है ये लुक

 

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संगीत सेरेमनी में ब्राइट और लाइट का मिक्स काफी ट्रैंडी औप्शन है. श्रद्धा आर्या का ये लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. न्यूड टोन टूल फैब्रिक पर मल्टीकलर सीक्वन वर्क वाला ये लहंगा बेहद खूबसूरत है. वहीं इसके साथ ब्राइट ऑरेंज पर सीक्वंस वर्क वाला ब्लाउज लुक को और स्टनिंग बना रहा है. वहीं इसके साथ मैचिंग ज्वैलरी लुक पर चार चांद लगा रहा है.

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शरारा औप्शन है लाजवाब

 

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शरारा इन दिनों ट्रैंड में है. टीवी एक्ट्रेसेस हो या बौलीवुड हर कोई शरारा ट्राय कर चुका है. अगर आप भी शरारा ट्राय करना चाहते हैं तो श्रद्धा का ये मिरर वर्क वाला शरारा लुक ट्राय करें. इस लुक के साथ आप सिंपल ज्वैलरी कैरी करेंगी तो परफेक्ट औप्शन होगा.

 

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5 Tips: कैसे चुनें सही फेस क्रीम

जब स्किन की जरूरत के अनुसार फेस क्रीम का प्रयोग नहीं होता है तो फेस पर क्रीम का प्रयोग करने के बाद भी फेस पर मनचाहा ग्लो नहीं आता है. अत: स्किन की बेहतर देखभाल के लिए स्किन की जरूरत के अनुसार ही फेस क्रीम का प्रयोग करना चाहिए.

नेचर्स ब्यूटी की मेकअप ऐक्सपर्ट मानसी गुप्ता कहती हैं कि वैसे तो हर फेस क्रीम का दावा होता है कि 1 या 2 हफ्तों में चेहरे में निखार देखने को मिलेगा, पर सही फेस क्रीम का प्रयोग न करने से फेस पर निखार की जगह नुकसान ज्यादा देखने को मिलता है. स्किन के कई प्रकार होते हैं. जैसे सैंसिटिव स्किन, ड्राई स्किन, औयली स्किन, कौंबिनेशन स्किन. चेहरे पर ग्लो पाने के लिए स्किन के हिसाब से ही फेस क्रीम का प्रयोग करें.

1. जैसी स्किन वैसी क्रीम

मानसी गुप्ता कहती हैं कि फेस क्रीम भी स्किन की ही तरह कई तरह से बनी होती है. इस में मौइस्चराजर वाली फेस क्रीम, ग्लिसरीन वाली फेस क्रीम, विटामिन सी वाली फेस क्रीम, ऐंटीऔक्सीडैंट के साथसाथ फेस क्रीम अब ओटमील और अमीनो पेप्टाइड्स वाली क्रीम भी मिलने लगी है. संवेदनशील त्वचा के लिए मौइस्चराइजर फेस क्रीम का प्रयोग करें. यह स्किन को लचीला बना कर उसे हैल्दी और फ्रैश दिखाने में मदद करती है. चेहरे पर आ रही  झुर्रियों को भी कम करने में मदद करती है.

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ड्राई स्किन के लिए ग्लिसरीन युक्त फेस क्रीम लाभकारी होती है. यह त्वचा को अंदर से बाहर तक हाइड्रेट और मजबूत बनाती है. इस का उपयोग करने से त्वचा का रूखापन दूर होता है. ग्लिसरीन फेस क्रीम त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करती है. यह संवेदनशील त्वचा के लिए भी बेहतर होती है. विटामिंस और ऐंटीआक्सीडैंट क्रीम भी स्किन को हैल्दी बनाने का काम करती है.

2. मौइस्चराइजर और फाउंडेशन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि अगर फेस की स्किन ड्राई होने के साथसाथ दानेदार भी हो तो मौइस्चराइजर और फाउंडेशन युक्त क्रीम का प्रयोग करें. यह चेहरे के दागधब्बे छिपाने का काम काफी अच्छी तरह करती है. यह क्रीम स्किन को कई तरह से फायदा पहुंचाती है. यह क्रीम स्किन को केवल सौफ्ट ही नहीं बनाती, बल्कि स्किन के मौइस्चर और शाइनिंग को बरकरार रखते हुए धूप से भी सुरक्षित रखती है. इस में मौइस्चराइजर और फाउंडेशन दोनों के फायदे होते हैं. जब इसे लगा कर मेकअप करती हैं, तो फेस पर शाइनिंग तो आती ही है, यह मेकअप को चेहरे पर लंबे समय तक भी टिकाने का काम करती है.

यह क्रीम प्राइमर, मौइस्चराइजर, फाउंडेशन, ट्रीटमैंट, कंसीलर और सनस्क्रीन का काम एकसाथ करती है.

बीबी क्रीम से स्किन सौफ्ट होती है और उस पर स्पौट भी नहीं दिखते हैं. अगर स्किन पर काफी कीलमुंहासे हैं या वह औयली है तो बीबी क्रीम का इस्तेमाल न करें.

बीबी क्रीम में मल्टीपल न्यूट्रिशंस होते हैं, जिस से स्किन को कई तरह से फायदा मिलता है. फेस के रंग को ठीक करने के लिए सीसी क्रीम का प्रयोग किया जाता है. सीसी यानी कलर करैक्शन क्रीम. यह क्रीम फेस के कलर को निखारने का काम करती है. यह फेस की हर समस्या को दूर करते हुए चेहरे की रंगत को एकसमान बनाने का काम भी करती है. अगर फेस पर काफी कीलमुंहासे हैं, तो सीसी क्रीम का प्रयोग बेहतर रहता है. अगर स्किन काफी ड्राई है तो यह क्रीम लगाने से पहले मौइस्चराइजर जरूर लगा लें.

3. फेस के लिए जरूरी सनस्क्रीन

मानसी गुप्ता कहती हैं कि सीसी क्रीम फेस की स्किन को सेमी मैट और शाइनिंग देती है, तो बीबी क्रीम फेस स्किन को मैट, मौइस्चराइज और शाइनिंग देती है. सीसी क्रीम का टैक्स्चर बीबी क्रीम की तुलना में हलका होता है. बीबी क्रीम अच्छे बेस का काम करती है और यह रोजाना के लुक को निखार देती है. सीसी क्रीम उन के लिए है, जिन की त्वचा में लालिमा की समस्या होती है. बीबी और सीसी दोनों ही क्रीमें त्वचा के साथ अच्छी तरह ब्लैंड हो जाती हैं और फेस को एकसमान कोमल और चमकदार रंगत देती हैं.

4. सनस्क्रीन 2 तरह का होता है

20 एसपीएफ युक्त क्रीम में कैमिकल बेहद कम होता है, जबकि कैमिकल सनस्क्रीन में 20 से ज्यादा एसपीएफ होता है. इस में काफी ज्यादा मात्रा में कैमिकल होता है. जितना ज्यादा एसपीएफ होगा उतना ही ज्यादा कैमिकल होगा. भारत में यूवी किरणें ज्यादा खतरनाक स्तर की नहीं होती हैं, इसलिए यहां कम कैमिकल वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल काफी होता है. ज्यादातर महिलाओं के लिए 25 से 30 एसपीएफ काफी होता है. फेस की स्किन के रखरखाव के लिए नाइट क्रीम का प्रयोग करना भी जरूरी होता है.

5. फेस स्किन को हैल्दी बनाने के टिप्स

– हैल्दी स्किन के लिए फेस के मेकअप को हटाना जरूरी होता है. मेकअप हटाने के लिए अच्छे मिल्क क्लींजर का प्रयेग करें. मिल्क क्लींजर से दिनभर की गंदगी को कौटन से साफ करें. इस के बाद चेहरे को अच्छे फेस वाश से धोएं.

– फेस की स्किन को सही रखने के लिए सप्ताह में 2 बार स्किन को अच्छी तरह ऐक्सफौलिएट करें. इस से स्किन पोर्स में से गंदगी निकल जाती है. इस से ऐक्ने और पिंपल्स कम होंगे. अगर फेस पर पहले से पिंपल्स हों तो उन्हें बचा कर चेहरे को स्क्रब करें.

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– पूरे दिन की थकान और स्ट्रैस अंडरआई एरिया में दिखती है. इसीलिए बहुत जरूरी हो जाता है कि आंखों की खास देखभाल की जाए. इस के लिए बैस्ट क्वालिटी की आई क्रीम या जैल से आंखों की मसाज करें. इस के अलावा बादाम तेल या औलिव औयल से हलके हाथों से आंखों की मसाज करें.

– फेस को सुंदर बनाने के लिए लिप केयर जरूरी होती है. इसलिए रोजाना रात को होंठों पर बादाम तेल या घी लगा कर सोएं. इस से वे काले नहीं होंगे पिंक बने रहेंगे.

– फेस के लिए नाइट क्रीम बेहद जरूरी होती है. स्किन टाइप के हिसाब से नाइट क्रीम मिलती है. इसे लगाने से स्किन हाइड्रेट रहती है. स्किन का टैक्स्चर बेहतर होगा और रंगत एकजैसी हो जाएगी.

कोरोनावायरस के शिकार हुए Ranbir Kapoor! पढ़ें खबर

बीते साल शुरु हुआ कोरोना का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां वैक्सीन आने के बाद से लोगों की जिंदगी में थोड़ी राहत की सांस आई है तो वहीं बौलीवुड सेलेब्स की जिंदगी से कोरोनावायरस जाने का नाम नही ले रहा है. इसी बीच खबर है कि बौलीवुड एक्टर रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) कोरोना पौजीटिव पाए गए हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

कोरोना के शिकार हुए रणबीर

दरअसल, खबरों की मानें तो रणबीर कपूर बीते दिनों निजी कारणों के चलते कई बार घर से बाहर आए थे, जिसके बाद कहा जा रहा है कि रणबीर कपूर कोरोना की बीमारी के चपेट में आ गए हैं. हालांकि अब एक्टर रणबीर कपूर के ताऊ रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया है कि ‘मुझे भी ऐसा लग रहा है कि वो ठीक नहीं है. मुझे यह नहीं पता है कि उसे क्या हुआ है क्योंकि मैं शहर में नहीं था.’

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चाचा की हो चुकी है मौत

बीते दिनों बॉलीवुड एक्टर राजीव कपूर का निधन हो गया थी. वहीं इस दौरान रणबीर कपूर भी पूरे परिवार के साथ नजर आए थे. इसी बीच रणबीर की बहन करीना कपूर खान ने अपने दूसरे बेटे को भी जन्म दिया, जिससे मिलने के लिए वह भी पहुंचे थे. हालांकि खबरें हैं कि इस दौरान रणबीर कपूर कोरोना के शिकार हुए थे. लेकिन अभी तक इस खबर की पूरी तरह पुष्टि नही हुई है.

बता दें, रणबीर कपूर जल्द ही धर्मा प्रोडक्शन की ‘ब्रह्मास्त्र’ और यशराज बैनर की ‘शमशेरा’ फिल्म में नजर आने वाले हैं, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. वहीं पर्सनल लाइफ की बात करें तो इन दिनों रणबीर कपूर अपनी गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट संग रिश्ते को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं.

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Women’s day पर वायरल हुई अनुष्का-करीना के बच्चों की फोटो

बौलीवुड एक्ट्रेसेस अनुष्का शर्मा और करीना कपूर बीते दिनों मां बनी हैं, जिसके कारण दोनों अक्सर सुर्खियों में छाई रहती हैं. इसी बीच अनुष्का शर्मा और करीना कपूर ने अपने न्यू बौर्न बेबी संग फोटोज शेयर की है, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं दोनों की वायरल फोटोज…

वूमन्स डे पर शेयर की फोटो

बीते दिन वूमन्स डे के मौके पर इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली ने पत्नी अनुष्का शर्मा को सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक बताते हुए एक फोटो शेयर की है, जिसमें उनके साथ बेटी वामिका भी नजर आ रही हैं. वहीं इस फोटो को शेयर करते हुए विराट कोहली ने लिखा- ”एक बच्चे का जन्म होते देखना बेहद दिल दहलाने वाला, एकदम अविश्वसनीय और बेहतरीन एक्सपीरियंस है, जो एक इंसान को हो सकता है. वो देखने के बाद आपको महिलाओं की असली ताकत का पता चलता है, साथ ही समझ आता है कि भगवान ने उनके अंदर एक जिंदगी क्यों बनाई. क्योंकि वो हम मर्दों से कहीं ज्यादा ताकतवर हैं. महिला दिवस की शुभकामनाएं मेरी जिंदगी की सबसे दयालु और शक्तिशाली महिला को और उसको जो बड़ी होकर बिल्कुल अपनी मां जैसी बनेगी. और साथ ही दुनिया की सभी बेहतरीन महिलाओं को भी महिला दिवस की शुभकामनाएं.”

 

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करीना ने बेटे संग शेयर की पहली फोटो

21 फरवरी के दिन अपने दूसरे बेटे को जन्म देने के बाद अब पहली बार करीना कपूर ने अपने दूसरे बेटे की झलक दिखाई है. दरअसल, करीना कपूर खान ने अपने बेटे के संग एक ब्लैक एंड वाइट फोटो शेयर करते हुए लिखा है, ‘ऐसा कुछ नहीं है जो एक महिला नहीं कर सकती.

बता दें, जहां करीना कपूर खान अपने बेटे को लाइमलाइट से दूर नही रखना चाहतीं तो वहीं अनुष्का शर्मा पूरी कोशिश कर रही हैं कि बेटी को मीडिया की नजरों से बचाकर रखा जा सके.

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समर और नंदिनी के प्यार के खिलाफ हुई बा, अब क्या करेगी अनुपमा

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों मेकर्स कहानी में नए-नए ट्विस्ट ला रहे हैं, जिसके चलते शो में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ समर को लेकर अनुपमा और वनराज में बहस होती है. तो वहीं काव्या के साथ हादसा हो जाता है. इसी बीच शो में कई नए मोड़ आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

काव्या आती है शाह निवास

अब तक आपने देखा कि वनराज, काव्या को फोन करता है, जिसे कोई और उठाता है, जिसके बाद वनराज भागते हुए काव्या के घर जाता है. दरअसल, अनजान शख्स काव्या के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है, जिसके कारण वह सदमे में आ जाती है. वहीं अनुपमा और वनराज, काव्या की हालत देखते हुए उसे शाह निवास ले जाते हैं.

 

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शादी के लिए काव्या बनाती है ये प्लान

इसी बीच काव्या, वनराज को इमोशलन ब्लैकमेल करने का प्लान बनाते हुए उससे कहती है कि अब वो घर उसका नहीं रहा औऱ वो उससे शादी कर लें. वहीं आने वाले एपिसोड में अनुपमा, वनराज और काव्या की शादी करवाते हुए नजर आने वाली है.

 

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बा होगी समर के प्यार के खिलाफ

 

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काव्या के ड्रामे के बीच समर की कहानी में भी नया मोड़ आएगा. दरअसल, आने वाले एपिसोड में वनराज के बाद बा भी नंदिनी और समर के प्यार के खिलाफ हो जाएगी और फैसला करेगी कि समर और नंदिनी का रिश्ता नही होगा. हालांकि काव्या इस रिश्ते के पक्ष में होगी. वहीं अनुपमा भी समर का पूरा साथ देगी. लेकिन इन सब के बीच अनुपमा को नंदिनी का एक सच पता लगेगा, जिसके बाद उसका समर के प्यार से भरोसा टूट जाएगा. अब देखना है कि क्या समर को उसका प्यार मिल पाएगा.

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Mother’s Day Special: मुक्ति-भाग 2

और उस के बाद तो अनेक परेशानियों का सिलसिला शुरू हो गया था. उधर, सुनील फोन पर लगातार हिदायतों पर हिदायतें देता जा रहा था और इधर शिवानी पर शामत आ रही थी. अपने पति पर घर छोड़ कर और एंबुलैंस पर मां को अकेले अपने दम पर पटना ले जाना, किसी विशेषज्ञ जिस का नाम सुनील ने ही बताया था उस से संपर्क करना और प्राइवेट वार्ड में रख कर मां का औपरेशन करवाना, नर्स के रहते भी दिनरात उन की सेवा करते रहना इत्यादि कितनी ही जहमतों का काम वह 3 हफ्तों तक करती रही थी. इस का एकमात्र पुरस्कार शिवानी को यह मिला था कि मां का प्यार उस के प्रति बढ़ गया था और अब वे उसी का नाम जपने लगी थीं.

सुनील के न चाहने पर भी मोबाइल की घंटी फिर बज उठी. एक झिझक के साथ सुनील ने मोबाइल उठाया. उधर शिवानी ही थी, जोर से बोल उठी, ‘‘अंकल, मैं शिवानी बोल रही हूं.’’

शिवानी के मुंह से अंकल शब्द सुन कर सुनील को ऐसा लगता था जैसे वह उस के कानों पर पत्थर मार रही हो. लाख याद दिलाने पर भी कि वह उस का मामा है, शिवानी उसे अंकल ही कहती थी. स्पष्ट था कि यह संबोधन उसे एक व्यावसायिक संबंध की ही याद दिलाता था, रिश्ते की नहीं.

‘‘हां, हां, मैं समझ गया, बोलो.’’

‘‘प्रणाम अंकल.’’

‘‘खुश रहो, बोलो, क्या बात है?’’

‘‘आप लोग कैसे हैं, अंकल?’’

सुनील जल्दी में था, इसलिए खीझ गया पर शांत स्वर में ही बोला, ‘‘हम लोग सब ठीक हैं, पर तुम बताओ मां कैसी हैं?’’

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‘‘नानीजी ने तो खानापीना सब छोड़ रखा है,’’ सुनील को लगा जैसे उस की छाती पर किसी ने हथौड़ा चला दिया हो. उसे चिंता हुई, ‘‘कब से?’’

‘‘कल रात से. कल रात कुछ नहीं खाया, आज भी न नाश्ता लिया और न दोपहर का खाना ही खाया.’’

‘‘अब रात का खाना उन्हें अवश्य खिलाओ. जो उन को पसंद आए वही बना कर दो. खाना थोड़ा गला कर देना ताकि उसे वे आसानी से निगल सकें. निगलने में दिक्कत होने से भी वे नहीं खाती होंगी.’’

‘‘हम ने तो कल खिचड़ी दी थी.’’

‘‘उसे भी जरा पतला कर के दो और घी वगैरह मिला दिया करो. मां को खिचड़ी अच्छी लगती है.’’

‘‘इसीलिए तो अंकल, लेकिन कहती हैं कि भूख नहीं है.’’

‘‘डाक्टर से पूछ कर देखो. भूख न लगने का भी इलाज हो सकता है.’’

‘‘वे कहती हैं, खाने की रुचि ही खत्म हो गई है. इस का क्या इलाज है? शायद मेरे हाथ से खाना ही नहीं चाहतीं.’’

उस लड़की की बात में सुनील को साफ व्यंग्य झलकता दिखाई पड़ा. ‘‘फिर भी, तुम डाक्टर से पूछो,’’ वह शांत स्वर में ही बोला.

‘‘जी अच्छा, अंकल.’’

‘‘फिर जैसा हो बताना. तुम चाहो तो व्हाट्सऐप कौल कर सकती हो.’’

‘‘नहीं अंकल, अब तो अमेरिका फोन करना सस्ता हो गया है. कोई बात नहीं. रात में फिर से कोशिश कर के देखती हूं.’’ वास्तव में शिवानी के पास पैसे की कोई कमी तो थी नहीं, फिर भी, उस की उदारता की उस ने जिस तरह उपेक्षा कर दी वह उसे अच्छा नहीं लगा.

‘‘जरूर.’’

‘‘अंकल, वहां अभी क्या समय हो रहा है?’’

‘‘यहां सुबह के 7 बज रहे हैं.’’

‘‘अच्छा, प्रणाम अंकल.’’

‘‘खुश रहो.’’

शिवानी सुनील के दूर के रिश्ते की बहन की बेटी थी. उस का घर तो भरापूरा था, उस का पति, 3 बेटे और 2 बेटियां. पर आय सीमित थी. हाईस्कूल कर के उस का पति किसी तरह कोई सिफारिश पहुंचा कर रांची के एंप्लौयमैंट एक्सचेंज औफिस में लोअर डिवीजन क्लर्क बन गया था.

सुनील जब किसी तरह मां को  अपने साथ अमेरिका में नहीं रख  सका तो वह भारत में एक ऐसा परिवार ढूंढ़ने लगा जो मां को अपने साथ रखे तथा उन की देखभाल करे, खर्च चाहे जो लगे. पर उसे ऐसा कोई परिवार जल्दी नहीं मिला. कोई इस तरह की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता था. नजदीकी रिश्तेदारी में तो कोई मिला ही नहीं. किसी तरह उसे शिवानी का पता चला.

शिवानी को उस ने पहले देखा भी नहीं था, पर इस पारस्परिक रिश्ते को वे दोनों जानते थे. इस में संदेह नहीं था कि शिवानी को लगा कि सुनील की मां, जिसे वह नानी कहती थी, को रखने से उस की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जाएगा. सुनील ने शुरू में ही उसे सबकुछ समझा दिया था. हफ्तों खोज करने के बाद उसे यह परिवार मिला था. सो वह उन पर ज्यादा ही निर्भर हो गया था. शिवानी को उस की मां को केवल पनाह देनी थी. काम करने के लिए उस ने अलग से एक नर्स रखने की अनुमति दे रखी थी. खर्च के लिए पैसे देने में उस ने कंजूसी नहीं की. मां को समझा दिया कि शिवानी के यहां उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी.

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चलते समय मां की आंखें उसे वैसी ही लगीं जैसा बचपन में वह अपनी गाय को बछड़े से बिछुड़ते हुए देखा करता था. दुखभरी आवाज में मां ने पूछा, ‘आते तो रहोगे न, बेटा?’

सुनील ने तपाक से उत्तर दिया था, ‘जरूर मां, कुछ ही महीनों में यहां फिर आना है. और फिर मोबाइल तो है ही, मोबाइल पर जब कभी भी बात हो जाया करेगी.’

‘बेटा, मैं तो बहरी हो गई हूं, फोन पर क्या बात कर सकूंगी?’

‘मां, तुम नहीं, शिवानी तुम्हारा समाचार देती रहेगी. यह भी तो नतिनी ही हुई तुम्हारी. तुम्हें यह बहुत अच्छी तरह रखेगी.’

‘यह क्या रखेगी, तुम्हारा पैसा रखाएगा,’ मां ने धीरे से कहा.

बेटे ने चलते समय मां के पैर छुए, तो मां ने कहा, ‘जुगजुग जियो. अब हमारे लिए एक तुम्हीं रह गए हो, बेटा.’

सुनील अपनी सफाई में किसी तरह यही बोल पाया, ‘मां, अगर मैं तुम्हें अमेरिका में रख पाता तो जरूर रखता. तुम्हें कई बार बता चुका हूं. मैं तो वहां तुम्हारा इलाज भी नहीं करा सकता.’

‘तुम ने तो कहा था कि साल दो साल में तुम रिटायरमैंट ले लोगे और फिर भारत वापस आ जाओगे.’

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सुनील की जैसे चोरी पकड़ी गई. इस बात की तसल्ली उस ने मां को बारबार दी थी कि वह उन्हें शिवानी के पास अधिक से अधिक 2 साल के लिए रख रहा था, जैसे ही वह रिटायर होगा, भारत आ जाएगा और उन्हें साथ रखेगा. उस घटना को 5 साल बीत गए थे. पर सुनील नहीं जा पाया था मां से मिलने.

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सरकार बनाम किसान

साधारण आलू, सेम, गाजर, गोभी या टमाटर बेचने में कोई तकनीक नहीं है, कोई बड़ा पैसा नहीं लगता, एयरकंडीशंड दुकानों की जरूरत नहीं है और इन के दाम भी रोज ऊपरनीचे होते रहते हैं. इस पर भी इन में अगर रिलायंस, अडानी, गोदरेज, एमेजन, वाल मार्ट कूद रहे हैं तो इसलिए कि वे पूरे किराने बाजार पर कब्जा कर लेना चाहते हैं चाहे इस चक्कर में लाखों पटरी पर सब्जियां बेचने वाले बेकार हो जाएं.
जिन देशों में गरीबी नहीं है और रोज के 200 रुपए कमा कर पेट भरने वाले नहीं हैं वहां तो बात दूसरी पर भारत में पिछले 6 सालों में इन विशाल सब्जी वालों की बहुतायत होने लगी है और औन लाइन का हल्ला मचा कर घर के सामने पटरी की दुकानों को उजाडऩे की पूरी प्लानिंग कर ली गई हैं.

सस्ती सब्जी इन दुकानों से मिलेगी यह भूल जाइए. जिस दाम में एक बुढिय़ां सब्जी वाली दे सकती है उतने में सूटटाई पहने लोग आखिर कैसे दे सकते हैं? हां, अगर ये किसानों पर कब्जा कर लें, मंडियों पर कब्जा कर ले, वाहनों पर कब्जा कर लें तो आप के घर के पास बैठी अनपढ़ औरतों को बेचते के लिए सब्जियां मिलेंगी ही नहीं. आप को मजबूरन इन मंहगी दुकानों में जाना पड़ेगा जहां 2 की जगह 4 चीजें खरीदेंगे और अगर 2 के दाम सस्ते लगेंगे तो 2 के ज्यादा वसूल लिए जाएंगे. पैङ्क्षकग, और्गेनिक, छोटी होने के नाम पर और वसूल लिया जाएगा.

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अगर देश के किसान खड़े हैं तो वे समझ रहे हैं कि इस बार सरकार उन को नंगा करने का प्लान बना कर आई है. पहले लोगों को नोटबंदी से नंगा किया गया, फिर जीएसटी, फिर नागरिक कानूनों से वहकाया गया और अब सब्जी वालों तक को बख्शा नहीं जा रहा. अब फिर ग्राहक भी लूटा जाएगा, बेचने वाला भी. उत्पादन करने वाला भी. मौज केवल इन धंधों में पैसा लगाने वालों और सरकार की होगी.

सरकार बहुत मोटा पैसा उस स्पैक्ट्रम को बेच कर कमा रही है जो उस का नहीं है, धूप की तरह प्रकृति की देन है. इसी स्पैक्ट्रम के बल पर आप का कंप्यूटर चलता है कि आप औन लाइन खरीदारी कर सकते हैं. सरकार की कमीशन बीच में शामिल है जो ग्राहक भी दे रहे हैं, बेचने वाले भी. अगर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है तो अरबोंखरबों में खेलने वाले बैंकों का भी लाभ हो रहा है. नुकसान में वह फटी धोती पहने या मैली कमीज पहने सडक़ पर बैठे सब्जी विक्रेता का है और उस के ग्राहक का है. दोनों लूटे जाएंगे. शुरूआत हो चुकी है. कुछ दिन में सिर्फ औन लाइन खरीदारी की इजाजत होगी जैसे अब कोविड के बहाने सिर्फ औन लाइन पढ़ाई की इजाजत है. यह नहीं समझाने की जरूरत कि लाभ किसे होगा.

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जानें क्या है बैगन के फायदे

बैगन भारतीय उपमहाद्वीप में मूल रूप से पायी जाने वाली सब्ज़ी है, लेकिन अब यह दुनिया भर के सांस्कृतिक व्यंजनों में पायी जाती है. दुनिया भर में बैगन के कई प्रकार की क़िस्मों का उपयोग किया जाता है और यह कई अलग अलग तरीक़ों के व्यंजनों में शामिल होता है. इसे आम तौर पर सब्ज़ियों का राजा कहा जाता है, क्योंकि यह, सांस्कृतिक विरासत में सबसे अधिक बहुमुखी और कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में से एक है. यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है. बैगन हमें विटामिन, खनिज और पोषक तत्व प्रदान करता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन बी6,  थायमिन,  नियासिन,  मैग्नेशियम, फ़ोसफ़ोरस, कौपर, फ़ाइबर, पोटेशियम और मैगनीज पाया जाता है. इसमें कोलेस्ट्रोल या संतृप्त वसा नहीं होता-

बैगन वज़न कम करता है

वज़न कम करने या मोटापे की समस्याओं का सामना करने वाले लोगों के लिए, बैगन बहुत ही स्वस्थ भोजन है, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का वसा या कोलेस्ट्रोल नहीं होता. इसमें पाया जाने वाला फ़ाइबर घ्रालिन होर्मोंन को बनने से रोकता है, जिससे व्यक्ति हमेशा, भरा हुआ महसूस करता है, और उसे ज़्यादा खाने से रोकता है.

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कैंसर के लिए लाभदायक

बैगन में पाए जाने वाले एंटीओक्सिडेंट्स, विभिन्न बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं, इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का अहम् हिस्सा है. इसमें मैगनीज होता है जो एक प्राकृतिक एंटीओक्सीडेंट है. नियसिन, और क्लोरोजेनिक एसिड फ़्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. फ़्री रेडिकल्स हमारी तंत्रिका को बिगाड़्ने, अल्ज़ाइमर रोग और मनोभ्रंश की उपस्थिति को उत्पन्न करते हैं. इसके साथ इसमें एंटीवायरल और जीवाणुविरोधी गुण भी होते हैं.

हड्डियों के लिए लाभदायक

बैगन में फ़िनोलिक यौगिक पाए जाते हैं जो औस्टियोपोरोसिस के लक्षण को कम करते हैं और हड्डियों के घनत्व को बढ़ा कर उन्हें मज़बूती प्रदान करते हैं. इसमें कैलशियम और लोहा पाया जाता है जो हड्डियों को मज़बूत बनाता है. इसमें पाया जानेवाला पोटेशियम, कैलशियम के ग्रहण को बढ़ाता है.

एनिमिया दूर करने में सहायक

बैगन में पाया जाने वाला आयरन एनीमिया से लड़ने में सहायक होता है. इसमें ताम्बा भी पाया जाता है. यह दोनों खनिज लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा और ताक़त आती है.

बैगन के औषधीय गुण मस्तिष्क के लिए-

बैगन में फाईंटोन्यूट्रीएंट्स पाए जाते हैं जो संज्ञात्मक गतिविधि और सामान्य मानसिक स्वास्थ्य के लिए बूस्टर का काम करते हैं. ये न केवल फ़्री रेडिकल्स से बचाते हैं बल्कि शरीर और मस्तिष्क को विषाक्त पदार्थों और रोगों से भी सुरक्षित रखने और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह स्मृति और विश्लेषणात्मक विचारों की शक्तियों को बढ़ाते हैं.

मधुमेह के लिए उपयोगी

बैगन में उच्च मात्रा में पाया जाने वाला फ़ाइबर और कम मात्रा में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो , शरीर में ग्लूकोज़ और इंसुलिन गतिविधि को संतुलित करके मधुमेह जैसी समस्या में मदद करता है.

ह्रदय को स्वस्थ रखता है

यह शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रोल की उपस्थिति को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है. इसमें पायाजानेवाले बायोफ़्लेवोनाइड्ज़ रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं, जिस से ह्रदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है.

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बैगन के लाभ गर्भवती महिलाओं के लिए

इसमें पाया जाने वाला फ़ोलिक ऐसिड गर्भवती महिलाओं के लिए फ़ायदेमंद होता है. फ़ोलिक ऐसिड सीधे न्यूरल ट्यूब के दोष से शिशुओं की रक्षा करता है

बालों और त्वचा के लिए फ़ायदेमंद

इसमें पाया जाने वाला खनिज, विटामिन और पानी, बालों की जड़ों को मज़बूत करता है. बैगन के पोषक तत्व त्वचा को हायड्रेट करके इसे , नरम और चिकनी बनाने में भी अद्भुत कार्य करते हैं. . सर्दियों में त्वचा की प्राकृतिक नमी चली जाती है और त्वचा ख़ुश्क और उसमें खुजली होने लगती है. इसके लिए बैगन बहुत अच्छा होता है.

मुझे अकसर गर्दन में दर्द रहता है. मैं जानना चाहती हूं कि यह समस्या क्यों होती है?

सवाल-

मुझे अकसर गरदन में दर्द रहता है. मैं जानना चाहती हूं कि यह समस्या क्यों होती है? कृपया इस से बचने के उपाय और उपचार के बारे में बताएं?

जवाब-

गरदन में दर्द होने को चिकित्सीय भाषा में सर्वाइकल पेन कहते हैं. गरदन से हो कर गुजरने वाले सर्वाइकल स्पाइन के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पेन हो जाता है. समस्या मामूली है तो उसे जीवनशैली में बदलाव ला कर ठीक किया जा सकता है, गंभीर होने पर उपचार की जरूरत पड़ती है. अगर फिजिकल थेरैपी और दवाइयों से भी सर्वाइकल पेन ठीक नहीं होता तब सर्जरी की जाती है.

इस से बचने के लिए बैठते, चलते, कंप्यूटर पर काम करते समय अपना पोस्चर दुरुस्त रखें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. मोबाइल फोन को अपने कान और कंधे के बीच फंसा कर बात न करें.

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अगर आप भी लंबे समय तक अपना मोबाइल फोन अपनी गर्दन में दबा कर बात करने की आदी हैं तो आपको इस आदत को अलविदा कहने की जरूरत है. मोबाइल फोन उपभोक्ता अब इस तरह अपने गैजेट्स पर बहुत ज्यादा समय बिताने के कारण एक नई परेशानी टेक्स्ट नेक का शिकार हो रहे हैं.

विशेषज्ञों का दावा है कि अगर आप लंबे समय तक इस तरह फोन पर बात करती हैं तो लंबे समय में आपको गठिया की परेशानी हो सकती है. परेशानी और गंभीर होने पर मांसपेशियां स्थाई तौर पर मुड़ सकती हैं, जिससे गर्दन को सीधा होने में दिक्कत आ सकती है.

लीड्स के फ्रीडम बैक क्लिनिक्स की रैशेल लैनकास्टर ने बताया कि लंबे समय तक गर्दन को मोड़े रखने से टेक्स्ट नेक की परेशानी हो सकती है. इस परेशानी के शिकार लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है क्योंकि स्मार्ट फोन और टेबलेट कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ रहा है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- फोन गर्दन में दबाकर बात करती हैं तो हो जाइये सावधान

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