Serial Story: कड़ी – भाग 3

अपूर्वा को यह संभव नहीं लगता क्योंकि उसे और आलोक को अभी तक तो एकदूसरे से कोई ऐसा लगाव है नहीं कि वह ग्रीनकार्ड वापस कर के भारत आ जाए. और अब जब उसे विवेक पसंद आ गया है तो वह कोशिश भी नहीं करेगी. हमें जबरदस्ती ही करनी पड़ेगी दोनों औरतों के साथ.’’

‘‘देखिए धर साहब, अपनी इज्जत तो सभी को प्यारी होती है खासकर अभिजात्य वर्ग की महिलाओं को अपने सोशल सर्किल में,’’ निखिल ने नम्रता से कहा, ‘‘जबरदस्ती करने से तो वे बुरी तरह बिलबिला जाएंगी और उन के ताल्लुकात अपूर्वा और विवेक के साथ हमेशा के लिए बिगड़ सकते हैं.’’

‘‘अपूर्वा और विवेक से ही नहीं, मेरे और केशव नारायण से भी बिगड़ेंगे लेकिन इन सब फालतू बातों से डर कर हम बच्चों की जिंदगी तो खराब नहीं कर सकते न?’’

‘‘कुछ खराब करने की जरूरत नहीं है, धर साहब. धैर्य और चतुराई से बात बन सकती है,’’ निखिल ने कहा, ‘‘मैं यह प्रतियोगिता जीतने की खुशी के बहाने आप को सपरिवार क्लब में डिनर पर आमंत्रित करूंगा और अपनी ससुराल वालों को भी. फिर देखिए मैं क्या करता हूं.’’

जस्टिस धर ने अविश्वास से उस की ओर देखा. निखिल ने धीरेधीरे उन्हें अपनी योजना बताई. जस्टिस धर ने मुसकरा कर उस का हाथ दबा दिया.

ये भी पढ़ें- यह तो पागल है: कौन थी वह औरत

निखिल का निमंत्रण सुकन्या ने खुशी से स्वीकार कर लिया. क्लब में बैठने की व्यवस्था देख कर उस ने निखिल से पूछा कि कितने लोगों को बुलाया है?

‘‘केवल जस्टिस धरणीधर के परिवार को?’’

‘‘उन्हें ही क्यों?’’ सुकन्या ने चौंक कर पूछा.

‘‘क्योंकि जस्टिस धर ने मैच जीतने की खुशी में मुझ से दावत मांगी थी. सो, बस, उन्हें बुला लिया और लोगों को बगैर मांगे छोटी सी बात के लिए दावत देना अच्छा नहीं लगता न,’’ निखिल ने समझाने के स्वर में कहा.

तभी धर परिवार आ गया. विवेक और अपूर्वा बड़ी बेतकल्लुफी से एकदूसरे से मिले और फिर बराबर की कुरसियों पर बैठ गए, जस्टिस धर ने आश्चर्य व्यक्त किया, ‘‘तुम एकदूसरे को जानते हो?’’

‘‘जी पापा, बहुत अच्छी तरह से,’’ अपूर्वा ने कहा, ‘‘हम दोनों रोज सुबह टैनिस खेलते हैं.’’

‘‘और तकरीबन 24 घंटे बराबर की कुरसियों पर बैठे रहे हैं अमेरिका से लौटते हुए,’’ विवेक ने कहा.

‘‘शीलाजी, आप ने शादी से पहले कुछ समय अपने साथ गुजारने को बेटी को दिल्ली बुला ही लिया?’’ सुकन्या ने पूछा.

‘‘नहीं आंटी, मैं खुद ही आई हूं,’’ अपूर्वा बोली, ‘‘मम्मी तो अभी भी वापस जाने को कह रही हैं लेकिन मैं नहीं जाने वाली. मुझे अमेरिका पसंद ही नहीं है.’’

‘‘लेकिन तुम्हारी सगाई तो अमेरिका में हो चुकी है,’’ सुकन्या बोली.

‘‘सगाईवगाई कुछ नहीं हुई है,’’ जस्टिस धर बोले, ‘‘बस, हम ने लड़का पसंद किया और उस के मांबाप ने हमारी लड़की. लड़का फिलहाल किसी प्रोजैक्ट पर काम कर रहा है और जब तक प्रोजैक्ट पूरा न हो जाए वह सगाईशादी के चक्कर में पड़ कर ध्यान बंटाना नहीं चाहता. एक तरह से अच्छा ही है क्योंकि उस के प्रोजैक्ट के पूरे होने से पहले ही मेरी बेटी को एहसास हो गया है कि वह कितनी भी कोशिश कर ले उसे अमेरिका पसंद नहीं आ सकता.’’

‘‘विवेक की तरह,’’ केशव नारायण ने कहा, ‘‘इस के मामा ने इसे वहां व्यवस्थित करने में बहुत मदद की थी, नौकरी भी अच्छी मिल गई थी लेकिन जैसे ही यहां अच्छा औफर मिला, यह वापस चला आया.’’

‘‘सुव्यवस्थित होना या अच्छी नौकरी मिलना ही सबकुछ नहीं होता, अंकल,’’ अपूर्वा बोली, ‘‘जिंदगी में सकून या आत्मतुष्टि भी बहुत जरूरी है जो वहां नहीं मिल सकती.’’

‘‘यह तो बिलकुल विवेक की भाषा बोल रही है,’’ निकिता ने कहा.

‘‘भाषा चाहे मेरे वाली हो, विचार इस के अपने हैं,’’ विवेक बोला.

‘‘यानी तुम दोनों हमखयाल हो?’’ निखिल ने पूछा.

‘‘जी, जीजाजी, हमारे कई शौक और अन्य कई विषयों पर एक से विचार हैं.’’

‘‘यह तो बड़ी अच्छी बात है,’’ निखिल शीला और सुकन्या की ओर मुड़ा, ‘‘आप इन दोनों की शादी क्यों नहीं कर देतीं.’’

‘‘क्या बच्चों वाली बातें कर रहे हो निखिल?’’ सुकन्या ने चिढ़े स्वर में कहा, ‘‘ब्याहशादी में बहुतकुछ देखा जाता है. क्यों शीलाजी?’’

‘‘आप ठीक कहती हैं, सिर्फ मिजाज का मिलना ही काफी नहीं होता,’’ शीला ने हां में हां मिलाई.

ये भी पढ़ें- हिसाब: बचपन की सहेली को देख कैसे गड़बड़ा गया हिसाब

‘‘और क्या देखा जाता है?’’ निखिल ने चिढ़े स्वर में पूछा. ‘‘कुल गोत्र, पारिवारिक स्तर, और योग्यता वगैरा, वे तो दोनों के ही खुली किताब की तरह सामने हैं बगैर किसी खामी के…’’

‘‘फिर भी यह रिश्ता नहीं हो सकता,’’ सुकन्या और शीला एकसाथ बोलीं.

‘‘क्योंकि इस पर वरवधू की माताओं के महिला क्लब के सदस्यों की स्वीकृति की मुहर नहीं लगी है,’’ जस्टिस धर ने कहा.

‘‘यह तो आप ने बिलकुल सही फरमाया, जज साहब,’’ केशव नारायण ठहाका लगा कर हंसे, ‘‘वही मुहर तो सुकन्या और शीलाजी की मानप्रतिष्ठा का प्रतीक है.’’ दोनों महिलाओं ने आग्नेय नेत्रों से अपनेअपने पतियों को देखा, इस से पहले कि वे कुछ बोलतीं, निखिल बोल पड़ा, ‘‘उन की मुहर मैं लगवा दूंगा, उन्हें एक बढि़या सी दावत दे कर जिस में विवेक और अपूर्वा सब के पांव छू कर आशीर्वाद के रूप में स्वीकृति प्राप्त कर लेंगे.’’

‘‘आइडिया तो बहुत अच्छा है, निखिल, लेकिन कन्या और वर की माताओं की समस्या का हल नहीं है,’’ जस्टिस धर ने उसांस ले कर कहा, ‘‘असल में शीला ने सब को बताया हुआ है कि उस का होने वाला दामाद अमेरिका में रहता है.’’

‘‘यह बात तो है,’’ निखिल कुछ सोचते हुए बोला, ‘‘आप ने सब को लड़के का नाम वगैरा बताया है आंटी?’’

‘‘नहीं, बस इतना ही बताया था कि अमेरिका में अनिल के पड़ोस में रहता है. हमें अच्छा लगा और हम ने अपूर्वा के लिए पसंद कर लिया.’’

‘‘उस के मांबाप के बारे में बताया था?’’

‘‘कुछ नहीं. किसी ने पूछा भी नहीं.’’

‘‘तो फिर तो समस्या हल हो गई, साले साहब भी तो अमेरिका से ही लौटे हैं, इन्हें अनिल का पड़ोसी बना दीजिए न. आप ने तो विवेक का अमेरिका का एड्रैस अपनी सहेलियों को नहीं दिया हुआ न, मां?’’ निखिल ने सुकन्या से पूछा.

‘‘हमारी सहेलियों को यह सब पूछने की फुरसत नहीं है, निखिल. लेकिन वे इतनी बेवकूफ भी नहीं हैं कि तुम्हारी बचकानी बातें सुन कर यह मान लें कि विवेक वही लड़का है जो शीलाजी अमेरिका में पसंद कर के आई थीं,’’ सुकन्या ने झल्ला कर कहा, ‘‘वे मुझ से पूछेंगी नहीं कि मैं ने यह, बात उन सब को क्यों नहीं बताई?’’

‘‘क्योंकि आप नहीं चाहती थीं कि जब तक सगाईशादी की तारीख पक्की न हो, वे सब आप दोनों को समधिन बना कर क्लब के अनौपचारिक माहौल और आप के रिश्तों को खराब करें,’’ निखिल बोला.

‘‘यह बात तो निखिलजी ठीक कह रहे हैं, सुकन्या और पिछली मीटिंग में ही किसी के पूछने पर कि आप ने विवेक के लिए कोई लड़की पसंद की या नहीं. आप ने कहा था कि लड़की तो पसंद है लेकिन जिस से शादी करनी है उसे तो फुरसत मिले. विवेक आजकल बहुत व्यस्त है,’’ शीला ने कुछ सोचते हुए कहा.

‘‘तो अगली मीटिंग में कह दीजिएगा कि विवेक को फुरसत मिल गई है और फलां तारीख को उस की सगाई है. अगली मीटिंग से पहले तारीख तय कर लीजिए,’’ निखिल ने कहा.

‘‘वह तो हमें अभी तय कर लेनी चाहिए, क्यों धर साहब?’’ केशव नारायण ने पूछा.

‘‘जी हां, इस से पहले कि कोई और शंका उठे.’’

‘‘तो ठीक है आप लोग तारीख तय करिए, हम लोग पीने के लिए कोई बढि़या चीज ले कर आते हैं,’’ निखिल उठ खड़ा हुआ. ‘‘चलो विवेक, अपूर्वा और निक्की तुम भी आ जाओ.’’

ये भी पढ़ें- विरोधाभास: सबीर ने कैसे अपने चरित्र का सच दिखाया

‘‘कमाल कर दिया जीजाजी आप ने भी,’’ विवेक ने कुछ दूर जाने के बाद कहा. ‘‘समझ नहीं पा रहा आप को जादूगर कहूं या जीनियस?’’

‘‘जीनियसवीनियस कुछ नहीं, साले साहब,’’ निखिल मुसकराया, ‘‘मैं तो महज एक अदना सी कड़ी हूं आप दोनों का रिश्ता जोड़ने वाली.’’

‘‘अदना नहीं, अनमोल कड़ी, जीजाजी,’’ अपूर्वा विह्वल स्वर में बोली.

बिग बौस कंटेस्टेंट स्वामी ओम का निधन, पढ़ें खबर

सलमान खान के शो ‘बिग बॉस का हर सीजन पौपुलर रहा है. वहीं कुछ सीजन के कंटेस्टेंट ऐसे हैं, जिन्हें कभी नही भुलाया जा सकता. वहीं इन कंटेस्टेंट में बिग बौस के 10वें सीजन का हिस्सा रह चुके स्वामी ओम भी हैं. लेकिन इस बार स्वामी ओम को लेकर दुखद खबर सामने आई हैं. दरअसल, आज ही यानी 3 फरवरी को स्वामी ओम का निधन हो गया है. आइए आपको बताते हैं क्या थी मौत की वजह…

बीमार चल रहे थे स्वामी ओम

खबरों की मानें तो पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे स्वामी ओम का आधा शरीर पैरालाइज्ड हो गया था, जिसके कारण बुधवार को उनकी मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 14: राखी की गंदी बातों से फूटा रुबीना का गुस्सा, फेंका बाल्टी भर पानी

कौंट्रवर्सी में रहते थे स्वामी ओम

कभी अपने बयानों से तो कभी हरकतों से सुर्खियों में रहने वाले ओम स्वामी आए दिन कोई न कोई बयान देते रहते थे, जिसके कारण वह सुर्खियों में आ जाते थे. वहीं एक बार तो उन्होंने ‘नच बलिए 8’ की टीम को फोन कर खुद को शो में लेने की बात कही थी. हालांकि कपल शो के कारण उन्हें यह कहकर मना कर दिया था कि वह इस शो में हिस्सा नही ले सकते क्योंकि  वह कोई कपल नही हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Monvik_fan_girl❤️ (@nazar.mohana)

बिग बौस 14 बटोर रहा है सुर्खियां

बिग बौस के लेटेस्ट सीजन की बात करें तो हाल ही मेकर्स की ओर से जारी किए गए प्रोमो में दिखाया गया है कि राखी सावंत, अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) को भड़काने की पूरी प्लानिंग करती हुई नजर आएंगी. दरअसल, राखी सावंत वाशरूम के पास अभिनव शुक्ला से बात कर रही होंगी और बातों ही बातों में वह गुस्से में उन्हें ठरकी बोल देंगी, जिसके बाद अभिनव शुक्ला गुस्से में राखी पर बरसते नजर आएंगे.

ये भी पढ़ें- वनराज के इल्जामों से भड़की अनुपमा, गुस्से में देगी ऐसा जवाब

म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगे नेहा कक्कड़ के एक्स बौयफ्रेंड हिमांश कोहली, पढ़ें खबर

2014 की सफलतम फिल्म ‘‘यारियां’’ से अभिनय के मैदान में कदम रखने वाले अभिनेता हिमांश कोहली पिछले छह वर्ष के अंतराल में करीबन छह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं, मगर बतौर अभिनेता उन्हे जो मुकाम पाना चाहिए था, उसे पाने से वंचित रह गए. लेकिन जब जब वह किसी म्यूजिक वीडियो में नजर आते हं, तब तब वह सूर्खियों में छा जाते हैं. ‘‘नेहा कक्कड़ संग ‘ओह हम सफर सिंगल’,  अमाल मलिक संग ‘तेरा शहर’, शिवानी जाधव संग ‘तेनी वेखूं जावां’के बाद अब हिमांश कोहली नए म्यूजिक वीडियो‘‘मैं जिस दिन भुला दूं’ को लेकर अभी से सूर्खियों में छा गए हैं, जबकि यह म्यूजिक वीडियो ग्यारह फरवरी को बाजार में आएगा.

म्यूजिक वीडियो‘मैं जिस दिन भुला दूं’ में अभिनेता हिमांश कोहली के साथ गायक जुबिन नौटियाल और तुलसी कुमार भी होंगी. जबकि इस वीडियो का निर्देशन नवजीत भुट्टार ने किया है. यह एक रोमांटिक ट्रैक है. इस रोमांटिक गीत पर प्रकाश डालते हुए हिमांश कहते हैं, “जुबिन मेरे एक प्रिय मित्र हैं और बहुत ही भावपूर्ण गायक हैं. अक्सर,  मुझे एक विशेष गीत बहुत पसंद है और फिर बाद में पता चला कि यह जुबिन द्वारा गाया गया है. तुलसी एक महान ट्रेंडिंग महिला गायक हैं, जिन्हें मैंने अपनी पहली फिल्म यारियां की शूटिंग शुरू करने के बाद से जाना है. मुझे वास्तव में उस तरह के गाने पसंद हैं जो वह करती हैं,  यह हमेशा अच्छा,  ताजा,  आकर्षक और श्रोताओं द्वारा पसंद किया जाता है. इस गाने की शूटिंग चंडीगढ़ व  पटियाला में की गई है. कोरोना की वजह से इस गाने की शूटिंग के दौरान बहुत कम प्रोडक्शन स्टाफ था. हमने सुरक्षा के सभी उपाय किए और सामाजिक संतुलन के नियमों का पालन किया. उद्योग को पूरी कार्रवाई में वापस आना बाकी है. ”

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Himansh Kohli (@kohlihimansh)

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 14: राखी की गंदी बातों से फूटा रुबीना का गुस्सा, फेंका बाल्टी भर पानी

हिमांशु आगे कहते हैं-‘‘जब भी मैं कैमरे के सामने होता हूं,  कुछ नया सीखता हूं. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह फिल्म है या वेब सीरीज है या टी वी है अथवा म्यूजिक वीडियो है. लेकिन मैंने जो सीखा है,  वह यह है कि 5 मिनट में एक कहानी सुनाना और 2 घंटे की फिल्म की तुलना में इसे समझदार बनाना अधिक कठिन है. फिल्मों में स्पष्ट रूप से अपनी चुनौतियां हैं,  लेकिन आपके पास हर संवाद और भावना के लिए एक राहत है. ”

Bigg Boss 14: राखी की गंदी बातों से फूटा रुबीना का गुस्सा, फेंका बाल्टी भर पानी

सलमान खान के पौपुलर रिएलिटी शो ‘बिग बॉस 14’ (Bigg Boss 14) में कंटेस्टेंट राखी सावंत का ड्रामा खत्म नही हो रहा है. जहां बीते दिनों राखी के चलते अभिनव शो छोड़ने को मजबूर हो गए थे तो वहीं अब रुबीना का गुस्सा देखने को मिल रहा है. दरअसल, शो के नए प्रोमो राखी की हरकतों को देखकर रुबीना एक बड़ा कदम देखने को मजबूर हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

राखी कहेंगी ये बात

हाल ही मेकर्स की ओर से जारी किए गए प्रोमो में दिखाया गया है कि राखी सावंत, अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) को भड़काने की पूरी प्लानिंग करती हुई नजर आएंगी. दरअसल, राखी सावंत वाशरूम के पास अभिनव शुक्ला से बात कर रही होंगी और बातों ही बातों में वह गुस्से में उन्हें ठरकी बोल देंगी, जिसके बाद अभिनव शुक्ला गुस्से में राखी पर बरसते नजर आएंगे.

https://www.youtube.com/watch?v=s5cyQvrHkVo&feature=emb_logo

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 14: वीकेंड का वार पर इमोशनल हुए अभिनव शुक्ला, कही शो छोड़ने की बात, जानें क्यों

रुबीना को आया गुस्सा

अभिनव और राखी की इस लड़ाई का मामला इतना बढ़ जाएगी कि राखी रुबीना दिलाइक (Rubina Dilaik) के सामने अभिनव शुक्ला की कमियां गिनाती हुई नजर आएंगी और कहेंगी कि अभिनव शुक्ला सिर्फ और सिर्फ अपनी बीबी के इशारों पर ही नाचता है. रुबीना चुपचाप राखी सावंत की हर एक बात सुनती दिखेंगी. लेकिन एक पल ऐसा आएगा कि रुबीना, राखी पर गुस्सा दिखाते हुए बाल्टी भर पानी उनपर फेंकती हुई दिखेंगी. वहीं खबर है कि इन सब के बाद बिग बौस कड़ा कदम उठाते हुए रुबीना को पूरे सीजन के लिए नौमिनेट कर देंगे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ColorsTV (@colorstv)

बता दें, बीते वीकेंड का वार पर राखी सावंत के बिहेवियर से परेशान अभिनव शुक्ला और रुबीना दिलाइक को शो के होस्ट सलमान खान से खरी खोटी सुननी पड़ी थी, जिसके बाद शो से बाहर सेलेब्स इस बात से काफी नाखुश नजर आए थे और अभिनव और रुबीना का सपोर्ट करते हुए दिखे थे.

ये भी पढ़ें- सीरत ने पहली मुलाकात पर कार्तिक को मारा मुक्का, देखें प्रोमो

वनराज के इल्जामों से भड़की अनुपमा, गुस्से में देगी ऐसा जवाब

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा की फैन फौलोइंग बढ़ती जा रही है, जिसके कारण यह शो टीआरपी चार्ट में हफ्तों से पहले नंबर पर बना हुआ है. वहीं मेकर्स भी सीरियल को और भी दिलचस्प बनाने के लिए नए-नए ट्विस्ट ला रहे हैं. इसी बीच अब शो में अनुपमा और वनराज के बीच जंग देखने को मिलने वाली हैं, जिससे दर्शक हैरान रह जाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में…

वनराज ने लगाया अनुपमा पर इल्जाम

किंजल को वनराज की नौकरी मिलने से सभी परेशान हैं. वहीं वनराज के मन में काव्या, अनुपमा के खिलाफ जहर घोलने में कामयाब हो रही है. वहीं इन सब के कारण वनराज अब अनुपमा को अपना दुश्मन समझ रहा है. एपिसोड में आपने देखा कि वनराज, अनुपमा को करारा जवाब देने की बात कहता हुआ नजर आया था. साथ ही अनुपमा को तलाक के पेपर देता है, जिसे पढकर पूरा शाह परिवार हैरान हो जाता है. दरअसल, वनराज, अनुपमा को तलाक देने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन इसके पीछे वनराज ने अनुपमा के खिलाफ एक प्लान सोचा है. वनराज ने तलाक के कागजों में अनुपमा को मानसिक रूप बीमार होने की बात लिखी है. यही नहीं अनुपमा का कौंफिडेंस तोड़ने के लिए उसने अनुपमा को मेंटली अनस्टेबल होने की बात पूरे परिवार के सामने कही है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by STAR PLUS (@_starplus___)

ये भी पढ़ें- अनुपमा से बदला लेने के लिए वनराज ने चली चाल, लगाया ये बड़ा इल्जाम

अनुपमा देगी ये जवाब

वनराज के इस कदम से टूट चुकी अनुपमा आने वाले एपिसोड में कड़ा जवाब देते हुए नजर आएगी. दरअसल, आने वाले एपिसोड में अनुपमा, वनराज से कहेगी कि जो इल्जाम मुझ पर लगाना है मुझ पर लगाइये . वह अदालत में हर सवाल का जवाब देगी. अब वह अनुपमा नही है जो वनराज के गुस्से के सामने थर थर कापे. वहीं अनुपमा के गुस्से को देखकर वनराज कहता है. कि वह भी पुराना वनराज नही है. अब लिहाज नही होगा सिर्फ जंग होगी.

अब देखना ये है कि क्या अनुपमा, वनराज के खिलाफ जीत जाएगी.

पोस्ट विंटर स्किन केयर टिप्स के बारे में जानें यहां

बात जब सर्दियों के मौसम की हो तो, इसका सबसे ज्यादा असर हमारी सेहत के साथ-साथ स्किन पर भी पड़ता है. सर्दियों के मौसम में हमारी स्किन अपना ग्लो, चमक और हाइड्रेशन खोने लगती है. जिससे स्किन रुखी होकर अक्सर लाल और खुजलीदार होने लगती है. हम में कई ऐसे लोग ऐसे होते हैं जो इस समस्या की ओर खास ध्यान नहीं देते, और बेहतर कदम नहीं उठाते. देखा जाए तो बाहर के स्किन केयर प्रोडक्ट्स को हर कोई खरीद नहीं सकता, और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती कि जो प्रोडक्ट्स हम लगा रहे हैं वो हमारी स्किन के लिए है भी या नहीं. इसके लिए हमारे पास एक विश्वसनिय विकल्प है और यह विकल्प है, घरेलू उपचार का. जी हां घरेलू उपचार से ही स्किन के रूखेपन से प्राकृतिक तरीके से निजात पा कर खोई हुई रौनक वापस आ जाएगी. आज इस लेख के जरिये हम आपको रुखी स्किन से निजात पाने के लिए ऐसे घरेलू उपचार बताएंगे जो आपके किचन में आसानी से मिल जाएंगे.

1. शहद-

आयुर्वेद में शहद का काफी महत्व है. स्किन से सम्बंधित जितने भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स होते हैं, उसमें शहद का इस्तेमाल किया जाता है. शहद रुखी स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं. हालांकि सर्दियों का मौसम आते ही स्किन रुखी होने लगती है. स्किन पर शहद लगाने से उसे नमी मिलती है. शहद को हर रोज दस मिनट लगाने से आपको बेहतर रिजल्ट मिलते हैं.

ये भी पढ़ें- ब्यूटी टूल्स फॉर फेस

2. जैतून का तेल-

आज कल जैतून का इस्तेमाल खाने से लेकर बालों और स्किन के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है. हालांकि स्किन के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल काफी अच्छा माना जाता है. रुखी स्किन को मुलायम बनाने के लिए आधे कप ठंडे दूध में जैतून की कुछ बूंदे ही अपना कमाल दिखाने में काफी हैं. आप इसे हर रोज रुई के जरिये अपने चेहरे पर लगाएं.

3. दूध की मलाई-

मलाई को स्किन के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इसमें प्राकृतिक तौर पर कई तत्व ऐसे होते हैं जो, स्किन को रुखा होने से बचाते हैं. आप रोज रात को सोने से पहले तिल के तेल में थोड़ी सी दूध की मलाई मिलाकर अपने चेहरे से लेकर गर्दन में लगाएं. इसका असर धीरे धीरे आपको खुद नजर आने लगेगा.

4. ओट्स-

ओट्स ना सिर्फ सेहत के लिए बल्कि स्किन के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है. रुखी स्किन के लिए ओट्स का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. हर रोज नहाने से पहले स्किन पर ओट्स को पानी में मिलाकर लगाएं और पांच मिनट के लिए छोड़ दें. विशेषज्ञ भी रुखी स्किन के लिए इस नुस्खे को काफी फायदेमंद बताते हैं.

5. दही-

स्किन को नम बनाए रखने के लिए दही यानि की योगर्ट काफी अच्छा माध्यम है. इसमें भरपूर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट होते हैं, जो स्किन में नमी को बरकरार रखते हैं. इसमें उपस्थित लैक्टिक एसिड रूखेपन और स्किन की जलन को दूर करते हैं. फ्रेश दही से अपने चेहरे पर मसाज करें, और दस मिनट बाद इसे अच्छे से धो लें. आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे.

6. नारियल का तेल-

रूखी स्किन के लिए नारियल का तेल काफी फायदेमंद होता है. इसकी कुछ बूंदों से स्किन पर मसाज असर आपको तुरंत नजर आने लगेगा. इसके साथ ही रूखापन दूर होने के साथ स्किन में ग्लो और चमक भी बढ़ती है.

ये भी पढ़ें- 4 TIPS: फेस एसिड से पायें खूबसूरती

7. उड़द की दाल-

आपको सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन ये सच है कि, उड़द की दाल को खाने के अलावा स्किन पर भी लगाया जाता है. इस लगाने के लिए एक छोटे छोटा चम्मच दही में एक चम्मच उड़द की दाल का पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें. फिर इसे चेहरे पर लगा लें. सूखने के बाद इसे धो लें. चेहरे में नमी बनी रहेगी.

ये तो रूखी स्किन से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय. इसके आलवा आपको भी ये भी जान लेना चाहिए कि अगर हमारे शरीर में पानी की कमी होगी तो उसका असर बाहरी स्किन पर देखने को मिल सकता है. इसलिये ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और अपनी स्किन की रौनक बरकरार रखें.

जब पति या प्रेमी हो Narrow Minded

कहीं आप भी तो किसी संकीर्ण मानसिकता को डेट नहीं कर रहीं? क्या आप अपने पार्टनर यानि की प्रेमी के साथ पूरा दिन टाइम स्पेंड करने के बाद भी अच्छा फील नहीं करती? तो समझ जाइए कि आपका पार्टनर संकीर्ण मानसिकता है. संकीर्ण मानसिकता इंसान हमेशा सिर्फ खुद की तारीफ ही सुनना पसंद करता है. वो समझता है कि वह सबसे श्रेष्ठ है. शोध के मुताबिक संकीर्ण मानसिकता कोई अचानक या एकदम से आई बीमारी नहीं होती. ये बचपन से ही होती है. इसमें इंसान अपनी कमियों को दूर करने के लिए खुद को प्यार करने लगता है और खुद को पैम्पर करने लगता है. संकीर्ण मानसिकता समस्या तब बनती है जब, वो आत्मकेन्द्रित हो जाता है और दूसरों की भावनाएं उसके लिए कोई मायने नहीं रखती. इन्हें सिर्फ अपनी तारीफ ही सुनना पसंद होती है. आज का हमारा ये लेख खास इस विषय पर आधारित है. जहां हम आपको संकीर्ण मानसिकता से निपने के तरीके बताएंगे जो आपके रिलेशन शिप में काफी काम आने वाले हैं.

1. दें अच्छी सीख-

आप इस बात को अच्छे से समझ लें कि संकीर्ण मानसिकता किसी की भी अचानक से नहीं होती. ये बचपन से ही पनपने लगती है. ऐसे में आप उउनके प्रति अपना व्यवहार संतुलित रखें. जब वो कोई अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ करें, लेकिन गलती पर उसे उसकी गलती का एहसास भी दिलाएं. उसे जितना तैयार आप जीत के लिए करती हैं, उतना ही तैयार हार को अपनाने के लिए भी करें. अच्छी जिन्दगी की अच्छाई और बुराई के बीच सही संतुलन की सीख दें.

2. काउंसलिंग आएगी काम-

अगर आप रिलेशनशिप में हैं. और अगर आपको अपने पार्टनर के अंदर संकीर्ण मानसिकता की भावना नजर आने लगे तो उसे इग्नोर ना करें उनकी बेहतरी के लिए उन्हें काउंसलिंग के लिए ले जाएं. अगर समय रहते इसका उपचार शुरू किया गया तो इस समय पर काबू पाना भी आसान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- जानें क्या करें जब पसंद आ जाए कोई लड़की

3. भावनाओं का रखें ख्याल-

संकीर्ण मानसिकता इंसान के साथ किसी भी रिश्ते में रहना आसान नहीं होता. आपका साथी हमेशा आपकी भावनाओं को अनदेखा करता है. उसकी सोच काफी छोटी लग सकती है. ऐसी स्थिति में आप अपनी भावनाओं को ना खोएं. बेबाकी से अपनी बात को उसी तरह रखें. जिस तरह आपका पार्टनर रखता है. यही एक मात्र ऐसा जरिया है, जिसकी मदद से आप अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकती हैं.

4. सीमाएं करें निर्धारित-

रिश्ता कैसा भी हो उसमें कहीं ना कहीं एक सीमा का निर्धारित होना जरूरी है. इसकी जरूरत तब और भी ज्यादा हो जाती है जब आपका पार्टनर संकीर्ण मानसिकता वाला हो. वो सिर्फ अपनी ही चलाने की कोशिश करता हो. सिर्फ अपनी इच्छाओं की ही बात करता हो. आप इसे खुद पर थोपे ना. आप खुद को इससे दूर रखने के लिए सीमाओं को निर्धारित करें. साथ ही उन्हें इस बात का भी एहसास दिलाएं की आपका भी कुछ पर्सनल स्पेस है. जिसके अंदर किसी को भी आने की परमीशन नहीं है.

5. बहस से रहें दूर-

हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि संकीर्ण मानसिकता वाले इंसान के साथ रहना ये उससे किसी भी तरह की बहस करनी काफी मुश्किल हो सकती है. आपको जब भी लगे कि आपके पार्टनर से आपकी बहस शुरू होने वाली है तो आप उस बहस से खुद को साइड में रखकर दूरी बना लें. आप इसका मतलब ये बिलकुल भी ना समझें कि आप हार गयीं या आपकी गलती है. आप इसे समझदारी समझें. क्योंकि संकीर्ण मानसिकता का इंसान हर हाल में आपको गलत साबित करेगा. जिससे आपका आत्मबल भी टूट सकता है.

ये भी पढ़ें- तौबा यह गुस्सा

6. ना करें माफ़ी की उम्मीद-

संकीर्ण मानसिकता इंसान सिर्फ अपनी केयर करता है. ऐसे में कई बार वो आपकी भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकता है. जिसके बाद भी वो आपसे माफ़ी नहीं मांगता. लगातर झूठ बोलना उसकी आदत होती है. तो आपके लिए ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप उनके इस व्यवहार को लेकर कोई भी उम्मीद ना लगाएं. आप उन्हने यूं ही माफ़ी करने के बजाय उनकी गलतियों का उन्हें एहसास दिलाएं.

तो ये कुछ ऐसी टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप खुद को संकीर्ण मानसिकता इंसान से बचा सकती हैं. अगर आप किसी संकीर्ण मानसिकता के साथ डेट कर रही हैं तो पीछे हटने के बजाए आप खुद के व्यवहार में बदलाव करें. जो आपके लिए भी सही रहेगा.

मुझे बालों को स्ट्रेट करने का सही तरीका बताएं?

सवाल-

बहुत समय से मैं बालों को घर में ही स्ट्रेट करती हूं लेकिन उस का रिजल्ट पार्लर जैसा नहीं मिलता है. मुझे बालों को स्ट्रेट करने का सही तरीका बताएं?

जवाब-

जब आप पार्लर या क्लीनिक में बाल स्ट्रेटनिंग करवाती हैं तो उस को करने वाले लोग नौर्मली ऐक्सपर्ट्स होते हैं जो बालों की पतलीपतली लेयर्स के स्ट्रेटनिंग करने में यूज किया जा रहे स्ट्रेटनिंग सल्यूशन की क्वालिटी भी बहुत अच्छी होती है, जिसे आप घर में उतने अच्छी तरीके से यूज नहीं कर पाती हैं. इसलिए बेहतर यही है रोजरोज घर में स्ट्रेटनिंग करने के बदले आप परमानेंट स्ट्रेटनिंग करवा लें जिस से पार्लर जैसे स्थायी रूप से बाल सीधे आप को मिलेंगे.

स्ट्रेट बाल रखने के लिए आप बालों में परमानेंट हेयर ऐक्सटेंशन भी करवा सकती हैं. यदि परमानेंट हेयर ऐक्सटेंशन नहीं करवाना चाहती हैं तो जब भी बाहर जाएं टेंपरेरी हेयर ऐक्सटेंशन लगा कर भी बालों को सेट कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें-

स्‍ट्रेट हेयर स्‍टाइल आज कल काफी ट्रेंड में है और यह हर चेहरे पर सूट भी करता है. आजकल हमारे पास स्ट्रेटनर होता है जिसके चलते हम घर पर ही बेहद आराम से जब चाहे तब बालों के स्ट्रेट कर लेते हैं. लेकिन अपने बालों को बार बार इस तरह से स्‍ट्रेट करना बड़ा ही नुकसानदायक हो सकता है. तो ऐसे में आप कुछ नेचुरल तरीका अपना सकती हैं. बालों को स्‍ट्रेट करने के लिये यहां पर कुछ होममेड हेयर पैक दिये जा रहे हैं, तो जरा ध्‍यान दीजिये.

1. आमला पाउडर और‍ शीकाकाई हेयर पैक

आधा कप आमला पाउडर, आधा कप शिकाकाई पाउडर तथा उतनी ही मात्रा चावल के आटे की 1 कटोरे में मिलाएं. अब उसमें 2 अंडा डाल कर पेस्‍ट बना लें. इस पैक को बालों में लगाएं और 1 घंटे बाद सिर धो लें. आप इस पैक को हफ्ते में दो बार लगा सकती हैं. लगातार प्रयोग से आपके बाल अपने आप ही स्‍ट्रेट हो जाएंगे.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- इन हेयर पैक से करें बालों को स्ट्रेट

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Winter Special: बच्चों के लिए बनाएं स्वीट्स डिलाइट

अगर आप बच्चों के लिए कुछ टेस्टी और हेल्दी रेसिपी बनाना चाहते हैं तो स्वीट्स डिलाइट की ये रेसिपी आपके लिए परफेक्ट है.

हमें चाहिए

–   1 कप मिल्क पाउडर

–   1 कप नारियल पाउडर

–   4-5 छोटे चम्मच क्रीम

–   1 कप बूरा

ये भी पढ़ें- Winter Special: बच्चों को नाश्ते में दें पोटैटो पिज़्जा बटन्स

–   कुछ बूंदें गुलाबजल

–   थोड़ा सा लाल फूड कलर

–   10-12 काजू कटे हुए.

बनाने का तरीका

बूरा, मिल्क पाउडर, नारियल पाउडर और क्रीम को अच्छी तरह आटे की तरह कड़ा गूंध लें. फिर इस में से आधा अलग निकाल लें. इस में लाल कलर मिला लें. फिर गुलाबजल मिक्स कर लें. काजुओं के सफेद हिस्सों के नीचे भी और ऊपर भी पौलिथीन लगा कर लंबे डंडे की तरह उतना ही लंबा बना लें जितनी सफेद हिस्से की रोटी की चौड़ाई हो. लंबे लाल डंडे को रोटी पर रख कर रोटी में लपेट दें. अब अंदर लाल बाहर सफेद रंग का लंबा डंडा बन जाएगा. अब टुकड़े काट कर लाल रंग के हिस्से पर काजू रख कर हलका सा दबा कर चिपका दें ताकि काजू हटें नहीं. स्वीट डिलाइट तैयार है.

ये भी पढ़ें- Winter Special: फैमिली के लिए बनाएं बैगन भुरजी

कितनी ऊंची हो मौडर्न ड्रैस

लड़कियों के कपड़ों की ऊंचाई से उन के कैरेक्टर को नापा जाता है. हमेशा यह विवाद खड़ा हो जाता है कि लड़कियों को किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए. कई बार बढ़ते अपराध का कारण भी इन छोटीछोटी ड्रैस को माना जाता है. लड़कियों के कपड़े कैसे हों, इस बात पर बहस होती रहती है. छेड़खानी, बलात्कार और ऐसी ही तमाम आपराधिक घटनाओं के लिए अकसर लड़कियों की ड्रैस को जिम्मेदार माना जाता है. तमाम संगठन, प्रशासनिक अफसर और बड़े नेता ऐसी लड़कियों को ही घटना का जिम्मेदार मानते हैं. ऐसे में यह स्वाभाविक  बात उठने लगती है कि लड़कियां कैसे कपडे़ पहनें.

एक कहावत है कि खाना अपनी पसंद का और पहनावा दूसरे की पसंद का. इस का मतलब यह होता है कि ऐसे कपडे़ पहने जाएं जो खराब न लगें. बहुत सारे लोग इस बात के हिमायती हैं कि जैसा काम हो वैसे ही कपड़े पहनने चाहिए. एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम कर रही नेहा कहती हैं, ‘‘मैं पहले टीचर थी, उस समय सलवार सूट पहनती थी. जब होटल में नौकरी की तो साड़ी पहनने लगी. अभी मुझे एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी मिल गई है. मैं जिस पद पर हूं वहां वैस्टर्न कपड़े ही पहनने पड़ते हैं. मेरे परिवार वाले भी बात को समझते हैं और हमें किसी तरह की परेशानी नहीं होती.

काम और माहौल के अनुकूल कपडे़

सैमी वार्डरोब नाम से फैशनेबल ड्रैस बनाने वाली डिजाइनर समरीन खान कहती हैं, ‘‘टीनएज उम्र ऐसी होती है जिस में लड़कियों की एक छवि बनती है. इसलिए इस उम्र में कपडे़ पहनने का चुनाव बहुत ही सावधानी से करना चाहिए. यहां पर हमारी पोशाक हमारी पहचान बनाने में सहायक हो सकती है. टीनएज क्या पहनें इस का कोई नियम नहीं बनाया जा सकता. जींस पैंट, टौप, पैरलल सलवार सूट, चूड़ीदार सलवारकुरता और पैंटटीशर्ट आराम से पहने जा सकते हैं. जिन कपड़ों में आप के अंग खुलेखुले दिखते हों वैसे कपडे़ नहीं पहनने चाहिए. बहुत फिट कपड़े पहनते समय अंडरगारमैंट पहनने में भी सावधानी बरतनी चाहिए. अगर टाइट टीशर्ट पहन रही हैं तो उस के अंदर ऐसी ब्रा न पहनें जिस की सिलाई ऊपर से दिखती हो.’’

ये भी पढ़ें- एक सौंदर्य प्रतियोगिता, जो है सबसे अलग

वे कहती हैं, ‘‘मौके या अवसर के मुताबिक कपड़े पहनने से आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है, काम करने में भी उत्साह बना रहता है. औफिस में काम करने में जितना आराम सलवारसूट और पैंटशर्ट में मिलता है उतना आराम साड़ी या फिर ढीलेढाले कपड़े पहनने में नहीं महसूस होता. टीनएज उम्र का वह दौर होता है जिस में लड़कियों को कैरियर की तलाश में तमाम लोगों से मिलना पड़ता है, भागदौड़ करनी होती है. इसलिए वे वही कपडे़ पहने जिन को पहनने के बाद चलनाफिरना और काम करना आसान होता हो. वैस्टर्न पोशाकों का चलन इसलिए बढ़ गया है क्योंकि ये पहनने में आरामदायक होती हैं. इन को पहन कर कामकाज करना आसान होता है. अगर टीनएज लड़कियां अपनी जरूरत के हिसाब से कपडे़ पहनें तो ज्यादा ठीक रहेगा.’’

अलग दिखने की चाह बनाती है फैशनेबल

फैशन ऐक्सपर्ट और इंडियन सिगन्योरा नाम से फैशन स्टोर चला रहीं अनामिका राय कहती हैं, ‘‘टीनएज में लड़कालड़की अपने दोस्तों के एक समूह में रहते हैं. उन की पूरी कोशिश होती है कि वे अपने दोस्तों में अलग दिखें. यह चाह लड़कियों में कुछ ज्यादा ही होती है. इस उम्र में लड़कियों का लड़कों की तरफ और लड़कों का लड़कियों की तरफ आकर्षण भी होता है. लड़के व लड़की एकदूसरे को अपनी ओर खींचने वाली पोशाक पहनना चाहते हैं. इसी के चलते वे फैशनेबल कपड़ों के दीवाने हो जाते हैं.

‘‘यह एज ऐसी होती है जिस में मन निश्चित फैसले करने में आगेपीछे की नहीं सोचता है. उसे किसी भी हीरोइन के बदन पर जो कपड़े दिखते हैं उस को अच्छे लगते हैं. ऐसे में लड़कियां हीरोइनों की नकल करने के चलते फिल्मी फैशन के कपड़े पहनने लगती हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. फिल्मी हीरोइनें भी आमतौर पर वैसे कपड़े नहीं पहनतीं जैसे कपड़ों में उन को हम फिल्म और पत्रिकाओं में देखते हैं.’’

वे आगे बताती हैं, ‘‘हम अकसर वैस्टर्न कपडे़ ही पहनते हैं क्योंकि इन को पहन कर काम करना आसान होता है. फिल्म और फोटोशूट में तो उन कपड़ों को पहनते हैं जिन्हें हमें पहनने के लिए कहा जाता है. फिल्मी कलाकार आज के टीनएज के रोलमौडल होते हैं, इसलिए वे वैसे ही कपड़े पहनना चाहते हैं जैसे कपडे़ उन के रोलमौडल पहने दिखते हैं.’’

वहीं, रिचा शुक्ला कहती हैं, ‘‘हर आदमी का अपना एक स्टाइल होता है. किसी दूसरे का स्टाइल अपनाने के बजाय अपना स्टाइल बनाना चाहिए. यह आप को अलग पहचान दिलाता है.’’

भीड़ में अलग दिखने के लिए लड़कियों को कम कपडे़ नहीं पहनने चाहिए. इस से उन की इमेज खराब होने का खतरा रहता है. टीनएज ही कैरियर बनाने का समय होता है. लड़कियों को ग्रूमिंग पर ध्यान देना चाहिए. वे जिस कैरियर में जाना चाहती हों उसी के हिसाब से पोशाकों का चयन करें. इस से उन में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन की पर्सनैलिटी भी दूसरों को प्रभावित करती है. अगर लड़की पढ़नेलिखने जा रही है तो उसे उस हिसाब के कपडे़ पहन कर जाना चाहिए. अगर वह स्कूल के किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रही है तो उस को उस के हिसाब से कपड़े पहन कर जाना चाहिए.

जैसी फिगर वैसी पोशाक

फैशन ऐक्सपर्ट और क्लैम इंडिया की डायरैक्टर प्रीति शाही कहती हैं, ‘‘टीनएज में लड़कियों की फिगर बनतीबिगड़ती रहती हैं. ऐसे में वही पोशाक पहनें जो आप की फिगर पर सूट करती हो. अगर शरीर भारी है तो कसे हुए कपडे़ न पहनें, इन को पहनने से शरीर बहुत ही बेतुका दिखेगा. कभीकभी अजीब हालात का सामना करना पड़ जाता है. इस उम्र में अपनी काया का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.

ये भी पढ़ें- क्या हम मूकदर्शक सिंड्रोम के शिकार हो गए हैं?

अगर आप की फिगर अच्छी है तो हर पोशाक अच्छी लगेगी. टीनएज उम्र में शरीर में तमाम तरह के बदलाव होते हैं. जिस से शरीर के अंगों पर कभीकभी मोटापा चढ़ जाता है. इस के लिए लड़कियों को खानपान और ऐक्सरसाइज पर ध्यान जरूर देना चाहिए. हर तरह की पोशाक पहनने के लिए शरीर का फिट होना जरूरी होता है. शरीर फिट होने का मतलब डाइटिंग करना नहीं है. डाइटिंग शरीर को बीमार बना देती है.’’

वे कहती हैं, ‘‘शरीर जैसा हो उसी के हिसाब से पोशाक पहननी चाहिए. अगर लड़की का कद छोटा हो तो उसे इस तरह की पोशाकें पहननी चाहिए जिन में वह लंबी दिखे. अगर लड़की मोटी है तो उसे इस तरह के कपडे़ पहनने चाहिए जिस में वह पतली दिखे. कपड़ों के साथ ही साथ पोशाक के रंग का चुनाव भी बहुत ही समझदारी से करना चाहिए. फैशन में लेटैस्ट क्या चल रहा है, यह जानने के लिए पत्रपत्रिकाओं को पढ़ते रहना चाहिए. इस में तमाम अच्छी तरह की सलाह छपती रहती हैं.’’

छेड़खानी का सबब नहीं है फैशनेबल ड्रैस

क्या फैशनेबल पोशाकों का मतलब छेड़खानी होता है? इस बात पर समाजसेवी, वकील और आभा जगत ट्रस्ट की प्रैसिडैंट शिवा पांडेय कहती हैं, ‘‘इस बात का कोई प्रमाण नहीं है. कभीकभी मनचले टाइप के लड़के भड़काऊ कपडे़ पहने लड़कियों पर छींटाकशी करते हैं, तो कभीकभी सलवार सूट और शालीन कही जाने वाली पोशाकों को पहनने वाली लड़कियों से भी छेड़खानी हो जाती है. छेड़खानी का मसला पोशाक से नहीं, मानसिकता और सोच से जुड़ा हुआ होता है. हमें समाज में ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे जहां पर शालीन कपड़े पहनने वाली लड़की से छेड़छाड़ और बलात्कार जैसे अपराध हो जाते हैं. गांव में लड़कियां बहुत शालीन कपडे़ पहनती हैं, फिर भी खराब सोच वालों का शिकार बन जाती हैं.’’

खराब मानसिकता वाले उस लड़की को छेड़ने से बचते हैं जिस से उन को उलटा जबाव सुनने की आशंका होती है. जबकि सलवार सूट पहनने वाली लड़की बहुत ही शालीन और दब्बू बनी रहती है. इस के बाद भी उस को लड़के छेड़ने से बाज नहीं आते. ऐसे में यह कहना सही नहीं होता कि कपड़ों की वजह से अपराध होते हैं. अपराध केवल मानसिकता और खराब प्रशासन के कारण होते हैं. ़मुंबई जैसे शहरों में लड़कियां छोटे शहरों की अपेक्षाकृत ज्यादा मौडर्न कपडे़ पहनती हैं, इस के बाद भी वहां हालात छोटे शहरों से बेहतर है.

फैशनेबल ड्रैस का मतलब खराब चरित्र नहीं होता 

द एनवाई स्कूल की डायरैक्टर नेहा सिंह कहती हैं, ‘‘टीनएजर कितने मौडर्न कपडे़ पहनें, यह सवाल क्यों होता है? इस के पीछे की सचाई यह है कि हमारा समाज आज भी यह मानता है कि जो लड़की ढंग के कपडे़ नहीं पहनती, बदनदिखाऊ कपडे़ पहनती है वह खराब चरित्र की होती है. इसीलिए हर मांबाप यह चाहते हैं कि उन की लड़की अच्छी पोशाकें पहने. समाज की यह सोच ही गलत है. इसी के कारण लड़कियों के पहननेओढ़ने पर रोक लगती है. बात साफ है कि किसी की खता और किसी को सजा. बहुत सारे गलत कामों में वे लड़कियां भी शामिल पाई जाती हैं जो सिर से पांव तक कपड़ों से ढकी होती हैं. इस के उलट, कम कपडे़ पहनने वाली लड़कियां बोल्ड होती हैं. कम कपडे़ पहनने वाली बोल्ड लड़कियां छेड़खानी और छींटाकशी का माकूल जवाब देने में ज्यादा तेज होती हैं.

ये भी पढ़ें- आप हम ब्रैंड: ‘लुक गुड, फील ग्रेट’ यानी ‘अच्छे दिखो, अच्छा महसूस करो’

‘‘कम कपडे़ पहनने की वजह से लड़की के साथ छेड़खानी नहीं होती है. लड़कियों को स्टाइलिश कपडे़ पहनने चाहिए लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि वे बहुत बदनदिखाऊ न हों. खासतौर पर पारदर्शी कपड़े पहनने में बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए. जींस और टौप जैसी पोशाकें भले ही वैस्टर्न पोशाकें हों लेकिन उन में सलवार सूट और साड़ीब्लाउज से ज्यादा बदन ढका रहता है. ऐसे में वैस्टर्न ड्रैस को ही बदन दिखाने लायक नहीं मानना चाहिए.’’

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें