द कपिल शर्मा शो में दोबारा लौटीं Bharti Singh, जानें क्या है सच

बीते दिनों ड्रग्स मामले में सुर्खियां बटोरने वाली कौमेडियन भारती सिंह (Bharti Singh) और उनके पति हर्ष इन दिनों वेडिंग सेलिब्रेशंस में जमकर मस्ती करते नजर आ रहे हैं, जिसके फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. हालांकि खबरें थीं कि एनसीबी द्वारा गिरफ्तारी के बाद भारती सिंह को ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) से हटा दिया गया है. लेकिन हाल ही में किया गया एक पोस्ट कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है. आइए आपको बता दें क्या है पूरा मामला…

पोस्ट के साथ बताई सच्चाई

ड्रग्स मामले के बाद भारती सिंह ने एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह रेड कलर की ट्रेडिशनल ड्रेस में नजर आ रही हैं, जिसमें वह नई नवेली दुल्हन की तरह पोज देती दिख रही हैं. हालांकि एक साथ कई फोटोज शेयर करते हुए लिखा, ‘रेड इज द कलर ऑफ बॉन्डिंग ऑफ 2 हार्ट्स.’ वहीं इन फोटोज के साथ भारती ने यह भी संकेत दिया है कि वह अभी भी द कपिल शर्मा शो का हिस्सा हैं.

 

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फैंस हैं बेताब

 

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जहां एक तरफ भारती के फैंस उनके शो में दोबारा आने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं भारती के दोस्त और कोस्टार कृष्ण अभिषेक ने यह स्पष्ट करते हुए कहा था कि कि ‘मैंने चैनल की तरफ से इस तरह की कोई न्यूज नहीं सुनी है. चैनल द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अगर ऐसा कुछ होता है, तो भी मैं भारती का समर्थन करूंगा. उसे काम पर वापस आना चाहिए. जो हो गया वो हो गया. हम भारती और कपिल के साथ खड़े हैं और मैं उनके साथ हूं.’

बता दें, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बीते दिनों भारती और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया (Haarsh Limbachiyaa) के घर पर छापा मारा था, जिसके बाद दोनों को अधिकारियों ने तलब लेने के बाद ड्रग्स लेने के इल्जाम के तहत गिरफ्तार किया था. हालांकि कुछ दिनों बाद ही दोनों को जमानत मिल गई थी.

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काव्या को छोड़ वापस घर पहुंचा वनराज, क्या माफ करेगी अनुपमा?

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में इन दिनों बड़ी उथल पुथल देखने को मिल रही है. जहां अनुपमा अपने परिवार को संभालने की पूरी कोशिश कर रही है तो वहीं वनराज और काव्या अपनी लव लाइफ को एंजौय करने में लगे हैं. लेकिन अब दोनों की जिंदगी में एक नए तूफान की एंट्री हो चुकी है, जिसका नाम है अनीरुद्ध. दरअसल, बीते एपिसोड में आपने देखा कि जहां वनराज और काव्या एकदूसरे के साथ रोमांटिक पल इंज्‍वॉय कर रहे होते हैं तो वहीं काव्या के एक्स हस्बैंड अनिरुद्ध की एंट्री होती है, जिसके बाद काव्या का वनराज के बीच दूरियां देखने को मिल रही है. लेकिन अब वनराज की जिंदगी में और भी नए ट्विस्ट आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

काव्या के साथ रहेगा अनिरुद्ध

पिछले एपिसोड में आपने देखा कि वनराज को काव्या के साथ रहता देख अनिरुद्ध फैसला करता है कि वह उसी घर में काव्या के साथ रहेगा और काव्या से कहता है कि वह वनराज और उसे दोनों को मैनेज करे, जिसके साथ वनराज को बहुत गुस्सा आ जाता है क्योंकि एक तरफ जहां अनिरुद्ध उसके चरित्र पर सवाल उठाता है. तो वहीं काव्या के लिए अपना घर छोड़ने दिया. वह अब अपने एक्स हस्बैंड का साथ दे रही है.

 

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वनराज कहता है ये बात

 

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काव्या पर गुस्सा जताते हुए वनराज कहता है कि उसकी हालत ‘धोबी के कुत्‍ते जैसी हो गई है जो ना घर का रहा ना घाट का’ की. क्योंकि उसने अपना घर, अपनी पत्नी, अपने परिवार और अब काव्या के घर को भी खो दिया है. हालांकि काव्या रो पड़ती है और वनराज को रोकने की पूरी कोशिश करती है लेकिन वनराज उसका घर छोड़ देता है और अपने घर यानी शाह हाउस पहुंच जाता है.

 

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बता दें, शो में इन दिनों अनुपमा बेटे परितोष के प्यार किंजल का रिश्ता जोड़ने की कशमकश में चल रही है. जहां एक तरफ अनुपमा के लिए उसके बेटे परितोष का प्यार है तो वहीं किंजल के मां की दहेज के झूठे आरोप लगाने की धमकी, जिसके कारण अनुपमा काफी परेशान हो चुकी है.

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Winter Special: घर पर बनाएं हेल्दी वालनट परांठा

हेल्दी और टेस्टी खाना अगर अपने बच्चों को खिलाना चाहती हैं तो वालनट परांठा आप जरूर ट्राय करें. वालनट दिमाग के लिए अच्छा होता है और टेस्टी भी होता है. साथ ही ये आसानी से बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप ब्रेकफास्ट या लंच में अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को परोस सकती हैं.

हमें चाहिए

2 कप मल्टीपरपज आटा

1 कप दरदरा अखरोट

1 छोटा चम्मच जीरा

1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर

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नमक स्वादानुसार

1 छोटा चम्मच अनारदाना पाउडर

1 छोटा चम्मच चाटमसाला

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

1/2 छोटा चम्मच दरदरी कालीमिर्च

घी या तेल आवश्यकतानुसार.

बनाने का तरीका

आटे में स्वादुनसार नमक मिला लें. आवश्यकतानुसार पानी मिला कर नरम गूंध लें. अखरोट में सभी मसाले मिला लें. आटे की पेडि़यां बनाएं. प्रत्येक को बेल कर घी लगाएं. अखरोट की भरावन फैला कर किनारों को समेटते हुए पुन: पेड़ी का आकार दें. हलके हाथों से परांठा बेलें. दोनों ओर घी लगाते हुए सुनहरा होने तक सेंकें.

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कोरोना में शादी: दिल है कि मानता नहीं

हल ही में कोरोना वायरस के डर के कारण दूल्हा जोसेफ यू और दुलहन कांग टिंग ने फैसला किया कि वे शादी समारोह से दूर रहेंगे. उन्होंने वीडिया कौल के जरीए वैडिंगहौल में मौजूद मेहमानों के सामने अपनी शादी की स्पीच दी और वीडियो कौल पर ही सभी मेहमानों ने उन्हें मुबारकबाद दी.

कांग टिंग का घर हुनान प्रांत में है. लूनर न्यू ईयर के लिए दोनों 24 जनवरी को चीन गए थे. 30 जनवरी को वे सिंगापुर लौटे और 2 फरवरी को उन की शादी होनी थी. शादी समारोह के लिए सिंगापुर के एक होटल में खास बुकिंग की गई थी. वैसे तो जोसेफ और कांग की शादी बीते साल अक्तूबर माह में चीन में हो गई थी, लेकिन उस वक्त जो मेहमान शादी में मौजूद नहीं हो पाए थे उन के लिए खासतौर पर इस दूसरी शादी का इंतजाम किया गया था.

जब मेहमानों को पता चला कि जोसेफ और कांग चीन से लौटे हैं तो कईर् लोगों ने शादी में आने से इनकार दिया, क्योंकि चीन ही कोरोना का जन्मस्थल है और उस समय तक वहां काफी केस आ चुके थे.

जोसेफ ने होटल से शादी की तारीख आगे बढ़ाने को ले कर बात की, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया तब उन्होंने तय किया कि वे शादी तो करेंगे, लेकिन मेहमानों के सामने नहीं जाएंगे.

कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से कांग के मातापिता भी उन की इस शादी में शामिल नहीं हो सके. शादी 2 फरवरी को हुई और इस में करीब 190 मेहमान मौजूद थे. जोसेफ और कांग ने होटल के अपने कमरे से वीडियो कौन्फ्रैंसिंग के जरीए शादी की स्पीच दी और सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया.

खुद ही करना पड़ा आमंत्रण को खारिज

‘शादी की पार्टी में न आएं. कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए मेरी बेटी की शादी में शरीक न हों. हम ने इस आयोजन को साधारण रखने का फैसला लिया है. हम ने रिसैप्शन कैंसिल कर दिया है, इसलिए खुद को जोखिम में डाल कर शादी में आने की जरूरत नहीं है.’

यह संदेश उस पिता का है, जिस ने अपनी बेटी की शादी में पहले अपने मेहमानों को आमंत्रित किया और बाद में खुद ही मना कर दिया.

कोल्हापुर के रहने वाले संजन शेलार की बेटी की शादी 18 मार्च को थी. लड़के और लड़की वालों ने मिल कर 3 हजार के करीब आमंत्रण पत्र बांटे थे. सब को जोर दे कर कहा था कि वे शादी में जरूर आएं. लेकिन अब सरकार ने आदेश जारी किया है कि कहीं भी लोग बड़ी संख्या में न इकट्ठा हों. तब खतरे को देखते हुए सारे आयोजन स्थगित करने का फैसला लिया गया.

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किसी भी लड़के या लड़की के लिए शादी जीवन का बेहद खास मौका होता है. वे महीनों पहले से शादी की तैयारियां करते हैं. ऐसे ही ऋतुजा और किरण भी अपनी शादी को ले कर खासे उत्साहित थे.

दोनों ही कोल्हापुर के रहने वाले हैं. जब से शादी तय हुई थी तब से दोनों बेसब्री से अपनी शादी के दिन का इंतजार कर रहे थे. कपड़ों और गहनों की शौपिंग हो या शादी और अरेंजमैंट, मेहमानों की लिस्ट तैयार करनी हो या मैचिंग ड्रैस का और्डर देना हो हर चीज दोनों बहुत उत्साह से कर रहे थे.

दोनों के घर के लोग भी शादी की तैयारी में दिनरात लगे हुए थे. ऋतुजा और किरण ने आमंत्रण पत्र भी खुद पसंद किए थे. दोनों परिवारों ने अपने मेहमानों को आमंत्रण भेज दिया था. ऋतुजा और किरण ने व्हाट्सऐप पर भी शादी का आमंत्रण लोगों को भेजा था. शादी का लगभग सारा बंदोबस्त हो चुका था.

ऐसे समय में जब कोरोना के फैलने की खबर आनी शुरू हुई और सरकार ने सभी मौल, थिएटर, स्कूलकालेज और सार्वजनिक स्थलों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया तब दोनों ही परिवारों के सामने यह सवाल खड़ा हुआ कि शादी के आयोजन का क्या किया जाए. अंत में शादी के कार्यक्रम को साधारण रखने का फैसला लिया गया और रिसेप्शन के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

बदल गया माहौल

इसी तरह मुंबई के रहने वाले रिजवान शेख की शादी पहली अप्रैल को होने वाली थी. शादी और रिसैप्शन दोनों ही पहली अप्रैल को तय थी. वलीमा 3 अप्रैल को होना था. लेकिन फिर कोरोना के कारण बहुत कम लोगों की मौजूदगी में शादी हुई. रिसैप्शन और वलीमा का आयोजन रद्द कर दिया गया. हनीमून के लिए कराई गई बुकिंग भी रद्द कर दी गई.

कुछ ऐसा ही निकिता के साथ भी हुआ. मुंबई के नजदीक डोम्बीवली में रहने वाली निकिता पाडावे की शादी 18 मई को होने वाली थी. निकिता के लिए शादी की तारीख कैंसिल करना मुमकिन नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने हनीमून के टिकट कैंसिल करा दिए.

उन का हनीमून के लिए वाली जाना तय था. 19 मई की फ्लाइट बुक की हुई थी. लेकिन कोरोना वायरस के जोखिम को देखते हुए क्व62 हजार की फ्लाइट का खर्च बेकार गया.

शादी समारोह में हौल लोगों से भरा होता है. हमें नहीं पता होता कि कौन कहां से आया है, कौन हमारे संपर्क में आ रहा है और इन में से कौन कोरोना पौजिटिव है. किसी शादी के कार्यक्रम में यह पता लगाना संभव नहीं है कि किस में कोरोना के लक्षण हैं. ऐसी स्थितियों में बेहतर है कि कार्यक्रम बेहद संक्षेप में हो और सोशल डिस्टैंसिंग का पूरापूरा खयाल रखा जाए. मेहमानों के लिए शादी में शामिल होने से बेहतर है कि वे वीडियो संदेश द्वारा अपनी शुभकामनाएं नवलदंपती तक पहुंचाएं.

दरअसल, कोरोना के दौर ने जीवन और इस से जुड़ी घटनाओं को पूरी तरह से बदल दिया है. शादियां भी इस से अछूती नहीं रहीं. अब शादी को शानदार नहीं, बल्कि समझदारी से यादगार बनाने का समय है.

केवल शादी पर खर्च ही नहीं, अब शादी का मतलब है एकदूसरे को बिना घूमेफिरे झेलना. सासससुर देवरननद साथ हैं तो निभाना. नो छुट्टी. नो मायका. हर समय कोरोना की तलवार सिर पर.

कोरोना काल ने हमें कई सबक सिखा दिए हैं.

कम खर्च में शादी

क्या आप ने पहले कभी सोचा था कि केवल 50 लोगों को शामिल कर आप शादी का कार्यक्रम पूरा कर लेंगे? लोगों के दिलों में हमेशा से यह चाहत रहती आई है कि वे अपने या अपने बच्चों की शादी में अधिक लोगों को बुलाएं और बेहतर से बेहतर प्रबंध करें. अपनी शान दिखाएं. बात शादी के दावत की हो या सजावट की, रिसैप्शन की हो या दूसरे कार्यक्रमों की, लोग दूसरों के आगे जितना हो सके उतना दिखावा करते हैं. वे शादी की दावत में बढ़चढ़ कर व्यंजनों और फूड आइटम्स का अरेंजमैंट करते हैं ताकि लोग लंबे समय तक उन की दी गई पार्टी याद रखें.

मगर आप ने कभी सोचा है कि खाने में हम कितना भी खर्च कर लें पर कोई न कोई कमी निकल ही आती है. वैसे भी लोग आप की दावत का स्वाद 2 दिन में भूल जाते हैं. फिर किसी और की दावत खाते हैं और वहां की तारीफों के पुल बांधने शुरू कर देते हैं. जरा सोचिए अनापशनाप खर्च कर के मेजबान को क्या मिलता है? महज 2-4 दिन की तारीफ. इस के लिए रुपए पानी की तरह बहाना जरूरी है क्या?

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चूक न हो जाए

सजावट के मामलों में भी यही देखा जाता है. घर को दुलहन की तरह सजाने की कोशिश में हम अपना बजट ही नहीं देखते, उस पर पंडितों की जेबें भरने का अलग कार्यक्रम संपन्न किया जाता है?.हम पंडितों के चेहरे पर एक भी शिकन नहीं देखना चाहते. उन का आशीर्वाद अपने ऊपर लेने की कोशिश में बढ़चढ़ कर दान करते हैं, उन की जेबें भरते हैं, हर तरह के धार्मिक रीतिरिवाजों को बिना कोई सवाल किए निभाते हैं. बस एक ही तमन्ना रहती है कि हम से कहीं जरा भी चूक न हो जाए. सबकुछ विधिविधान के अनुसार निबट जाए. बस पंडितों का आशीर्वाद मिल जाए ताकि दूल्हादुलहन की भावी जिंदगी में कोई तनाव न आए.

पर जरा सोचिए क्या सच में ऐसा हो पाता है? शादी कितने भी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ संपन्न हुई हो, 1-1 कदम पर पंडित के निर्देशों का अनुसरण किया गया हो पर जो जीवन में होना होता है वही होता है.

कितने भी ग्रहनक्षत्रों, कुंडलियों और रीतिरिवाजों का खयाल रखा जाए, शादी कई दिनों के धार्मिक ढकोसलों के बाद संपन्न हुई हो फिर भी रिश्ता टूटना/बेवफाई/तलाक की भागदौड़/लड़ाईझगड़े जैसी बातें होती रहती हैं. तो फिर क्या आप को नहीं लगता कि फुजूल में इन सब चीजों में इतने रुपए बरबाद कर के भी जब हमें कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है तो क्यों न समझदारी से पैसे खर्च किए जाएं, सादगी से सारे काम निबटाए जाएं. दिखावे के बजाय केवल मन की खुशियों का खयाल रखें. सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटाने के बजाय खास और अपनों को बुला कर बिना ज्यादा तामझाम किए शांतिपूर्वक शादी का कार्यक्रम निबटा लें.

इस से भविष्य के लिए पैसे बचा कर आप निश्चिंत भी रहेंगे और बेमतलब की भागदौड़ और मानसिक तनाव से भी बचेंगे. वैसे भी कोरोनाकाल में लंबे समय तक आप को ऐसा ही करना पड़ेगा. 50 लोगों के साथ बहुत प्यार से अपनी शादी का कार्यक्रम संपन्न कराना होगा.

घूमनाफिरना बंद

कोरोनाकाल में वही शादियां सफल होंगी, जिस में पार्टनर से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाने के बजाय पार्टनर के साथ तालमेल बैठाने को प्राथमिकता दी जाएगी. फिलहाल आप उन दिनों को भूल जाइए जब शादी के बाद हनीमून के नाम पर लंबाचौड़ा खर्च किया जाता था. अपने ड्रीम प्लेस में जा कर रोमानी पलों का आनंद लिया जाता था. अब शादी के बाद घर में पति, ननद, देवर और सासससुर के साथ बना कर रखने की कला ही आप को जीवन की खुशियां देगी. यह कला सीख कर आप दीर्घकाल तक सफल, सुखद जीवन का आनंद उठा सकेंगी. ननददेवर को भाईबहन मान कर यदि आप थोड़ा गम खाना सीख लें और उन की खुशी को तवज्जो देना शुरू करें तो आप को जीवन में कभी तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा. आप उन के साथ समय बिताएंगी, उन के लिए कुछ करेंगी तो निश्चित तौर पर आप का रिश्ता परिवार के सभी सदस्यों के साथ खूबसूरत बनेगा.

नो औफिस नो मायका

अब शादी का मतलब है 24 घंटे घर को संभालने की जिम्मेदारी, क्योंकि कोरोना ने आप को औफिस से दूर कर रखा है. ज्यादातर मामलों में या तो आप को वर्क फ्रौम होम कर रही होंगी या फिर नौकरी छूट गई होगी. ऐसे में शादी के बाद दिनभर घर में ही रहना होगा. हो सकता है आप के लिए पहले की तरह एक ही शहर में मायका होने पर भी रोजरोज वहां जाना मुमकीन न हो पाए, क्योंकि कोरोना में हरकोई आप को कम से कम बाहर निकलने की सलाह देगा. मायके वाले भी नहीं चाहेंगे कि आप कोरोना में ज्यादा आनाजाना करें. ऐसे में ससुराल में रह कर इरिटेट होने और लड़नेझगड़ने के बजाय अपनी कार्यकुशलता और व्यवहारकुशलता दिखा कर घरवालों का दिल जीतें.

इस समय को अपने लिए अवसर की तरह देखें. आप को अवसर मिला है घर में अपनी जगह मजबूत करने और दूसरों के दिलों में अपनी सुंदर छवि बनाने का. एक बार ऐसा हो गया तो फिर जीवन में हमेशा आप को इस का लाभ मिलेगा.

कोरोना की तलवार

आजकल शादी के बाद कोरोना की लटकती तलवार से सब परेशान हैं. जरा सोचिए शादी के बाद आप को गिफ्ट्स खोलने हैं तो कोरोना, कहीं घूमने जाना है तो कोराना, रिश्तेदारों को बुलाना है तो कोराना और कहीं जा कर मनपसंद खाना है तो भी कोरोना की तलवार लटकती मिलेगी. शादी के बाद अकसर रिश्तेदार नवविवाहित कपल्स को अपने यहां खाने पर बुलाते हैं. इस से परिचय के साथ प्यार भी बढ़ता है. मगर अब इन बातों को भूल जाइए. शादी के बाद भी अब आप को अपने हाथों से बना कर भोजन खाना और खिलाना है. रोजरोज शौपिंग या तीजत्योहारों पर पहले की तरह मस्ती भी भूल जाइए.

अब हर वक्त कोरोना की तलवार आप को सिर पर लटकती मिलेगी. ऐसे में आप रिश्तेदारों के साथ व्हाट्सऐप/फोन/जूम मीटिंग्स से जुड़ सकती हैं. शौपिंग का औप्शन खुला हुआ है. खानेपीने का शौक अपने हाथों का जलवा दिखा कर ही पूरा करना होगा. इस का भी अपना मजा है. इसलिए घबराएं नहीं. कोरोनाकाल में शादी के नए मानों को समझें और सबक लें.

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जानें क्या है सर्दियों में आवंले के 10 फायदे

आंवला काफी गुणकारी है और हर मौसम में इस का सेवन किया जाता है. लेकिन सर्दियों में आंवले के कुछ खास फायदे हैं. आंवले का सब से बड़ा गुण है कि इसे पकाने के बाद भी इस में मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता. आंवले में क्रोमियम अधिक मात्रा में होता है. आंवला हरा, ताजा हो या सुखाया हुआ हो लेकिन इस के गुण कभी भी खत्म नहीं होते. यह खांसीजुकाम, त्वचा, नेत्र रोग और बालों के लिए काफी उपयोगी टौनिक है.

आंवले के फायदे

1. अगर आप मोटापा कम करना चाहती हैं तो सुबह खाली पेट शहद के साथ 5 आंवलों का रस एक गिलास कुनकुने पानी के साथ लें.

2. आप अगर एसीडिटी की समस्या से ग्रस्त हैं तो एक ग्राम आंवला पावडर और थोड़ी सी चीनी को एक गिलास पानी या दूध में मिला कर लें.

3. आंवला खाने से सर्दी के कारण होने वाली खांसीजुकाम से भी नजात पाई जा सकती है.

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4. आंवले के जूस में शहद मिला कर पीने से मोतियाबिंद की परेशानी में फायदा होता है.

5. आंवला हमारे पाचनतंत्र और किडनी को स्वस्थ रखता है.

6. आंवले के सेवन से बालों का झड़ना काफी हद तक रुक जाता है, यह बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है.

7. कब्ज दूर करने में भी आंवले का सेवन हितकर है. यह डायरिया जैसी बीमारी को दूर करने में काफी फायदेमंद है.

8. दिल को सेहतमंद बनाने के लिए सर्दियों में रोजाना आंवला खाने की आदत डालें. इस से आप के दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी, जिस से दिल शरीर को साफ खून सप्लाई कर पाएगा और आप स्वस्थ रहेंगी.

9. आंवला डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभकारी है. दरअसल, यह क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सैल्स को ऐक्टिवेट करता है और इस हार्मोंस का काम शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना होता है.

10. सर्दियों में सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा लेने से आप सालभर तंदुरुस्त बनी रहेंगी.

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कोरियोग्राफर पुनीत पाठक की शादी में छाए मौनी रॉय से लेकर शक्ति मोहन के लुक्स, फोटोज वायरल

बौलीवुड कोरियोग्राफर पुनीत पाठक ने बीते दिनों अपनी मंगेतर निधि मूनी संग शादी कर ली है, जिसकी फोटोज इन दिनों सोशलमीडिया पर धूम मचा रही है. वहीं शादी के मेहंदी से लेकर रिसेप्शन की बात करें तो सेलेब्स ने इस शादी में अपने फैशन और डांस से सभी का दिल जीत लिया है. मौनी हो या शक्ति मोहन हर कोई अपने लुक्स से फैंस को दीवाना बना रहा है. वहीं पुनीत और उनकी वाइफ निधि की बात करें तो उनका लुक भी पार्टी में चार चांद लगा रहा है. इसीलिए आज हम आपको पुनीत पाठक की शादी में पहुंचे सितारों के कुछ लुक्स दिखाने वाले हैं, जिसे आप किसी वेडिंग या पार्टी में ट्राय कर सकती हैं.

1. दुल्हन का लुक था खास

पुनीत पाठक की वाइफ निधि के लुक की बात करें तो वह सिंपल लुक में भी जहां एक्ट्रेसेस को टक्कर देती हैं तो वहीं शादी के रिसेप्शन में वह हैवी कारीगरी वाले पीच कलर के लहंगे में  बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं उनका लुक और बेहद खास लग रहा था. वहीं उनके साथ भारती सिंह भी नजर आईं, जो औरेंज कलर के अनारकली सूट में बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

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2. मौनी रौय का लुक था स्टाइलिश

 

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अगर आप ये जानना चाहती हैं कि सिंपल साड़ी के साथ हैवी ब्लाउज को कैसे कैरी करें तो मौनी रौय का लुक आपके लिए एक उदाहरण साबित कर सकता है. ये लुक आपके लिए कम्फरटेबल के साथ-साथ स्टाइलिश भी साबित होगा.

3. शक्ति का ये साड़ी लुक करें ट्राय

 

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अगर आप धोती साड़ी ट्राय करना चाहती हैं तो शक्ति का धोती साड़ी लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. शाइनी शिमरी साड़ी के साथ कड़ाईदार ब्लाउज आपके लुक पर चार चांद लगा देगा.

4.  मुक्ति की रफ्फल साड़ी करें ट्राय

 

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अगर आप भी किसी वेडिंग में रफ्फल साड़ी ट्राय करना चाहती हैं तो मुक्ति का रफ्फल साड़ी लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. हैवी ब्लाउज के साथ रफ्फल ग्रीन साड़ी आपके लुक को और भी खूबसूरत बना देगा.

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5. मुक्ति और शक्ति का लहंगा औप्शन करें ट्राय

 

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वेडिंग फंक्शन में अपने लुक से धमाल मचाने वाली शक्ति और मुक्ति के ये लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन हैं.

ब्राइडल मेकअप के नए टिप्स को अपनाकर अपने लुक को दें खास अद़ाज

शादी के हर एक फंक्शन को खास बनाने या फिर अलग नजर आने के लिए कपड़ों की कपडों की तो खरीदारी आपने बेशक कर ली होगी लेकिन आपने उसके साथ किस तरह का मेकअप जंचेगा साथ ही किस तरह की ज्वैलरी जायेगा इसके बारे में सोचा है? नहीं…तो अभी भी समय है आप पूरी तरह से पॉर्लर डिपेंड रहने की जगह थोड़ी मेहनत खुद कर लें, जिससे की आपका समय भी बच जाएगा और पैसे भी वैसे इन दिनों शिमरिंग बोल्ड आई कलर्स, फ्लॉलेस और क्लीन लुक काफी पसंद किया जा रहा है.

सगाई

शादी का सबसे पहला और अहम फंक्शन, सगाई होता है, इसलिए इस दिन ऐसा मेकअप होना चाहिए, जिसमें आपकी खूबसूरती ही नहीं सौम्यता भी नजर आए. इस लिये आप लाइट और सॉफ्ट मेकअप के लिए पिंक, पीच या गोल्डन मेकअप आपके लिये परफेक्ट रहेगा साथ ही मेकअप जितना नेचुरल होगा उतना ही अच्छा लगेगा. नेचुरल शेड वाली लिपस्टिक, लाइट पिंक शैडो और लॉन्ग लास्टिंग मिनरल बेस इस मौके के लिए परफेक्ट हैं, इसके साथ हेयरस्टाइल सिंपल रखें या फिर ओपन हेयरस्टाइल का भी ऑप्शन सही रहेगा.

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हल्दी मेंहदी

हल्दी और मेहंदी का फंक्शन शादी से एक दिन पहले ही होता है तो ऐसे में आप मेकअप का लाइट और नेचुरल रखें क्योंकि शादी वाले दिन आपको वैसे भी हैवी मेकअप वो भी लंबे समय तक के लिए कैरी करना होता है. ऐसे में चेहरे पर पिंपल्स या अन्य दूसरी परेशानियां न हो जाएं, तो मेकअप लाइट ही रखें जिसके लिए आप मिनरल फेस पाउडर, हल्का काजल, लिप ग्लॉस लगाएं और हेयरस्टाइल में साइड ब्रेड बनाए.

संगीत

शादी हो और नाच गाना हो ये कैसे हो सकता है संगीत के फंक्शन के लिए आप हेयरस्टाइल ऐसी रखें, जिससे आप हेयर एक्सेसरीज भी यूज़ कर सकें जिसके लिये आप ढीला जूडा (लूज बन) या क्रिंपिंग से बालों को संवारें. लाइट मेकअप के साथ ट्रेडिशनल लुक के लिए मेकअप प्राइमर के बाद वॉटर प्रूफ बेस लगाएं और उसे अच्छी तरह ब्लेंड करें अब काजल और वॉल्यूमाइिजंग मस्कारा से आंखों को हाइलाइट करें व होंठों पर ब्राइट पिंक या ऑरेंज लिपस्टिक लगाएं साथ ही पीच या बेबी पिंक ब्लशर का हल्का टच जरूर दें.

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शादी

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लड़की: वीणा की जिंदगी में कैसे आ गई उलझनें

Serial Story: लड़की (भाग-1)

मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल के आईसीयू में वीणा बिस्तर पर निस्पंद पड़ी थी. उसे इस हालत में देख कर उस की मां अहल्या का कलेजा मुंह को आ रहा था. उस के कंठ में रुलाई उमड़ रही थी. उस ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे एक दिन ऐसे दुखदायी दृश्य का सामना करना पड़ेगा. वह वीणा के पास बैठ कर उस के सिर पर हाथ फेरने लगी. ‘मेरी बेटी,’ वह बुदबुदाई, ‘तू एक बार आंखें खोल दे, तू होश में आ जा तो मैं तुझे बता सकूं कि मैं तुझे कितना चाहती हूं, तू मेरे दिल के कितने करीब है. तू मुझे छोड़ कर न जा मेरी लाड़ो. तेरे बिना मेरा संसार सूना हो जाएगा.’

बेटी को खो देने की आशंका से वह परेशान थी. वह व्यग्रता से डाक्टर और नर्सों का आनाजाना ताक रही थी, उन से वीणा की हालत के बारे में जानना चाह रही थी, पर हर कोई उसे किसी तरह का संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ था. जैसे ही उसे वीणा के बारे में सूचना मिली वह पागलों की तरह बदहवास अस्पताल दौड़ी थी. वीणा को बेसुध देख कर वह चीख पड़ी थी. ‘यह सब कैसे हुआ, क्यों हुआ?’ उस के होंठों पर हजारों सवाल आए थे.

‘‘मैं आप को सारी बात बाद में विस्तार से बताऊंगा,’’ उस के दामाद भास्कर ने कहा था, ‘‘आप को तो पता ही है कि वीणा ड्रग्स की आदी थी. लगता है कि इस बार उस ने ओवरडोज ले ली और बेहोश हो गई. कामवाली बाई की नजर उस पर पड़ी तो उस ने दफ्तर में फोन किया. मैं दौड़ा आया, उसे अस्पताल लाया और आप को खबर कर दी.’’ ‘‘हायहाय, वीणा ठीक तो हो जाएगी न?’’ अहल्या ने चिंतित हो कर सवाल किया.

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‘‘डाक्टर्स पूरी कोशिश कर रहे हैं,’’ भास्कर ने उम्मीद जताई. भास्कर से कोई आश्वासन न पा कर अहल्या ने चुप्पी साध ली. और वह कर भी क्या सकती थी? उस ने अपने को इतना लाचार कभी महसूस नहीं किया था. वह जानती थी कि वीणा ड्रग्स लेती थी. ड्रग्स की यह आदत उसे अमेरिका में ही पड़ चुकी थी. मानसिक तनाव के चलते वह कभीकभी गोलियां फांक लेती थी. उस ने ओवरडोज गलती से ली या आत्महत्या करने का प्रयत्न किया था?

उस का मन एकबारगी अतीत में जा पहुंचा. उसे वह दिन याद आया जब वीणा पैदा हुई थी. लड़की के जन्म से घर में किसी प्रकार की हलचल नहीं हुई थी. कोई उत्साहित नहीं हुआ था. अहल्या व उस का पति सुधाकर ऐसे परिवेश में पलेबढ़े थे जहां लड़कों को प्रश्रय दिया जाता था. लड़कियों की कोई अहमियत नहीं थी. लड़कों के जन्म पर थालियां बजाई जातीं, लड्डू बांटे जाते, खुशियां मनाई जाती थीं. बेटी हुई तो सब के मुंह लटक जाते.

बेटी सिर का बोझ थी. वह घाटे का सौदा थी. एक बड़ी जिम्मेदारी थी. उसे पालपोस कर, बड़ा कर दूसरे को सौंप देना होता था. उस के लिए वर खोज कर, दानदहेज दे कर उस की शादी करने की प्रक्रिया में उस के मांबाप हलकान हो जाते और अकसर आकंठ कर्ज में डूब जाते थे. अहल्या और सुधाकर भी अपनी संकीर्ण मानसिकता व पिछड़ी विचारधारा को ले कर जी रहे थे. वे समाज के घिसेपिटे नियमों का हूबहू पालन कर रहे थे. वे हद दर्जे के पुरातनपंथी थे, लकीर के फकीर.

देश में बदलाव की बयार आई थी, औरतें अपने हकों के लिए संघर्ष कर रही थीं, स्त्री सशक्तीकरण की मांग कर रही थीं. पर अहल्या और उस के पति को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा था. अहल्या को याद आया कि बच्ची को देख कर उस की सास ने कहा था, ‘बच्ची जरा दुबलीपतली और मरियल सी है. रंग भी थोड़ा सांवला है, पर कोई बात नहीं.

2-2 बेटों के जन्म के बाद इस परिवार में एक बेटी की कमी थी, सो वह भी पूरी हो गई.’ जब भी अहल्या को उस की सास अपनी बेटी को ममता के वशीभूत हो कर गोद में लेते या उसे प्यार करते देखतीं तो उसे टोके बिना न रहतीं, ‘अरी, लड़कियां पराया धन होती हैं, दूसरे के घर की शोभा. इन से ज्यादा मोह मत बढ़ा. तेरी असली पूंजी तो तेरे बेटे हैं. वही तेरी नैया पार लगाएंगे. तेरे वंश की बेल वही आगे बढ़ाएंगे. तेरे बुढ़ापे का सहारा वही तो बनेंगे.’

सासूमां जबतब हिदायत देती रहतीं, ‘अरी बहू, बेटी को ज्यादा सिर पे मत चढ़ाओ. इस की आदतें न बिगाड़ो. एक दिन इसे पराए घर जाना है. पता नहीं कैसी ससुराल मिलेगी. कैसे लोगों से पाला पड़ेगा. कैसे निभेगी. बेटियों को विनम्र रहना चाहिए. दब कर रहना चाहिए. सहनशील बनना चाहिए. इन्हें अपनी हद में रहना चाहिए.’ देखते ही देखते वीणा बड़ी हो गई. एक दिन अहल्या के पति सुधाकर ने आ कर कहा, ‘वीणा के लिए एक बड़ा अच्छा रिश्ता आया है.’

‘अरे,’ अहल्या अचकचाई, ‘अभी तो वह केवल 18 साल की है.’ ‘तो क्या हुआ. शादी की उम्र तो हो गई है उस की, जितनी जल्दी अपने सिर से बोझ उतरे उतना ही अच्छा है. लड़के ने खुद आगे बढ़ कर उस का हाथ मांगा है. लड़का भी ऐसावैसा नहीं है. प्रशासनिक अधिकारी है. ऊंची तनख्वाह पाता है. ठाठ से रहता है. हमारी बेटी राज करेगी.’

‘लेकिन उस की पढ़ाई…’ ‘ओहो, पढ़ाई का क्या है, उस के पति की मरजी हुई तो बाद में भी प्राइवेट पढ़ सकती है. जरा सोचो, हमारी हैसियत एक आईएएस दामाद पाने की थी क्या? घराना भी अमीर है. यों समझो कि प्रकृति ने छप्पर फाड़ कर धन बरसा दिया हम पर. ‘लेकिन अगर उस के मातापिता ने दहेज के लिए मुंह फाड़ा तो…’

‘तो कह देंगे कि हम आप के द्वारे लड़का मांगने नहीं गए थे. वही हमारी बेटी पर लार टपकाए हुए हैं…’

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जब वीणा को पता चला कि उस के ब्याह की बात चल रही है तो वह बहुत रोईधोई. ‘मेरी शादी की इतनी जल्दी क्या है, मां. अभी तो मैं और पढ़ना चाहती हूं. कालेज लाइफ एंजौय करना चाहती हूं. कुछ दिन बेफिक्री से रहना चाहती हूं. फिर थोड़े दिन नौकरी भी करना चाहती हूं.’ पर उस की किसी ने नहीं सुनी. उस का कालेज छुड़ा दिया गया. शादी की जोरशोर से तैयारियां होने लगीं.

वर के मातापिता ने एक अडं़गा लगाया, ‘‘हमारे बेटे के लिए एक से बढ़ कर एक रिश्ते आ रहे हैं. लाखों का दहेज मिल रहा है. माना कि हमारा बेटा आप की बेटी से ब्याह करने पर तुला हुआ है पर इस का यह मतलब तो नहीं कि आप हमें सस्ते में टरका दें. नकद न सही, उस की हैसियत के अनुसार एक कार, फर्नीचर, फ्रिज, एसी वगैरह देना ही होगा.’’ सुधाकर सिर थाम कर बैठ गए. ‘मैं अपनेआप को बेच दूं तो भी इतना सबकुछ जुटा नहीं सकता,’ वे हताश स्वर में बोले.

‘मैं कहती थी न कि वरपक्ष वाले दहेज के लिए मुंह फाड़ेंगे. आखिर, बात दहेज के मुद्दे पर आ कर अटक गई न,’ अहल्या ने उलाहना दिया. ‘आंटीजी, आप लोग फिक्र न करें,’ उन के भावी दामाद उदय ने उन्हें दिलासा दिया, ‘मैं सब संभाल लूंगा. मैं अपने मांबाप को समझा लूंगा. आखिर मैं उन का इकलौता पुत्र हूं वे मेरी बात टाल नहीं सकेंगे.’

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Serial Story: लड़की (भाग-2)

पर उस के मातापिता भी अड़ कर बैठे थे. दोनों में तनातनी थी. आखिर, उदय के मांबाप की ही चली. वे शादी के मंडप से उदय को जबरन उठा कर ले गए और सुधाकर व अहल्या कुछ न कर सके. देखते ही देखते शादी का माहौल मातम में बदल गया. घराती व बराती चुपचाप खिसक लिए. अहल्या और वीणा ने रोरो कर घर में कुहराम मचा दिया.

‘अब इस तरह मातम मनाने से क्या हासिल होगा?’ सुधाकर ने लताड़ा, ‘इतना निराश होने की जरूरत नहीं है. हमारी लायक बेटी के लिए बहुतेरे वर जुट जाएंगे.’ वीणा मन ही मन आहत हुई पर उस ने इस अप्रिय घटना को भूल कर पढ़ाई में अपना मन लगाया. वह पढ़ने में तेज थी. उस ने परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की. इधर, उस के मांबाप भी निठल्ले नहीं बैठे थे. वे जीजान से एक अच्छे वर की तलाश कर रहे थे. तभी वीणा ने एक दिन अपनी मां को बताया कि वह अपने एक सहपाठी से प्यार करती है और उसी से शादी करना चाहती है.

जब अहल्या ने यह बात पति को बताई तो उन्होंने नाकभौं सिकोड़ कर कहा, ‘बहुत खूब. यह लड़की कालेज पढ़ने जाती थी या कुछ और ही गुल खिला रही थी? कौन लड़का है, किस जाति का है, कैसा खानदान है कुछ पता तो चले?’ और जब उन्हें पता चला कि प्रवीण दलित है तो उन की भृकुटी तन गई, ‘यह लड़की जो भी काम करेगी वह अनोखा होगा. अपनी बिरादरी में योग्य लड़कों की कमी है क्या? भई, हम से तो जानबूझ कर मक्खी निगली नहीं जाएगी. समाज में क्या मुंह दिखाएंगे? हमें किसी तरह से इस लड़के से पीछा छुड़ाना होगा. तुम वीणा को समझाओ.’

‘मैं उसे समझा कर हार चुकी हूं पर वह जिद पकड़े हुए है. कुछ सुनने को तैयार नहीं है.’ ‘पागल है वह, नादान है. हमें कोई तरकीब भिड़ानी होगी.’

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सुधाकर ने एक तरीका खोज निकाला. वे वीणा को एक ज्योतिषी के पास ले गए.

‘हम ने इन के बारे में बहुतकुछ सुना है. तेरा विदेश जा कर पढ़ने का बहुत मन है न, चलो, इन से रायमशवरा करते हैं और पता लगाते हैं कि तुम्हारे भविष्य में क्या है.’ सुधाकर पहले ही ज्योतिषी से मिल चुके थे और उस की मुट्ठी गरम कर दी थी. ‘महाराज, कन्या एक गलत सोहबत में पड़ गई है और उस से शादी करने का हठ कर रही है. कुछ ऐसा कीजिए कि उस का मन उस लड़के की ओर से फिर जाए.

‘आप चिंता न करें यजमान,’ ज्योतिषाचार्य ने कहा. ज्योतिषी ने वीणा की जन्मपत्री देख कर बताया कि उस का विदेश जाना अवश्यंभावी है. ‘तुम्हारी कुंडली अति उत्तम है. तुम पढ़लिख कर अच्छा नाम कमाओगी. रही तुम्हारी शादी की बात, सो, कुंडली के अनुसार तुम मांगलिक हो और यह तुम्हारे भावी पति के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. तुम्हारी शादी एक मांगलिक लड़के से ही होनी चाहिए वरना जोड़ी फलेगीफूलेगी नहीं. एक बात और, तुम्हारे ग्रह बताते हैं कि तुम्हारी एक शादी ऐनवक्त पर टूट गई थी?’

‘जी, हां.’ ‘भविष्य में इस तरह की बाधा को टालने के लिए एक अनुष्ठान कराना होगा, ग्रहशांति करानी होगी, तभी कुछ बात बनेगी.’ ज्योतिषी ने अपनी गोलमोल बातों से वीणा के मन में ऐसी दुविधा पैदा कर दी कि वह भारी असमंजस में पड़ गई. वह अपनी शादी के बारे में कोई निर्णय न ले सकी.

शीघ्र ही उसे अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी से वजीफे के साथ वहां दाखिला मिल गया. उसे अमेरिका के लिए रवाना कर के उस के मातापिता ने सुकून की सांस ली. ‘अब सब ठीक हो जाएगा,’ सुधाकर ने कहा, ‘लड़की का पढ़ाई में मन लगेगा और उस की प्रवीण से भी दूरी बन जाएगी. बाद की बाद में देखी जाएगी.’

इत्तफाक से वीणा के दोनों भाई भी अपनेअपने परिवार समेत अमेरिका जा बसे थे और वहीं के हो कर रह गए थे. उन का अपने मातापिता के साथ नाममात्र का संपर्क रह गया था. शुरूशुरू में वे हर हफ्ते फोन कर के मांबाप की खोजखबर लेते रहते थे, लेकिन धीरेधीरे उन का फोन आना कम होता गया. वे दोनों अपने कामकाज और घरसंसार में इतने व्यस्त हो गए कि महीनों बीत जाते, उन का फोन न आता. मांबाप ने उन से जो आस लगाई थी वह धूलधूसरित होती जा रही थी. समय बीतता रहा. वीणा ने पढ़ाई पूरी कर अमेरिका में ही नौकरी कर ली थी. पूरे 8 वर्षों बाद वह भारत लौट कर आई. उस में भारी परिवर्तन हो गया था. उस का बदन भर गया था. आंखों पर चश्मा लग गया था. बालों में दोचार रुपहले तार झांकने लगे थे. उसे देख कर सुधाकर व अहल्या धक से रह गए. पर कुछ बोल न सके.

‘अब तुम्हारा क्या करने का इरादा है, बेटी?’ उन्होंने पूछा. ‘मेरा नौकरी कर के जी भर गया है. मैं अब शादी करना चाहती हूं. यदि मेरे लायक कोई लड़का है तो आप लोग बात चलाइए,’ उस ने कहा.

अहल्या और सुधाकर फिर से वर खोजने के काम में लग गए. पर अब स्थिति बदल चुकी थी. वीणा अब उतनी आकर्षक नहीं थी. समय ने उस पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी थी. उस ने समय से पहले ही प्रौढ़ता का जामा ओढ़ लिया था. वह अब नटखट, चुलबुली नहीं, धीरगंभीर हो गई थी.

उस के मातापिता जहां भी बात चलाते, उन्हें मायूसी ही हासिल होती थी. तभी एक दिन एक मित्र ने उन्हें भास्कर के बारे में बताया, ‘है तो वह विधुर. उस की पहली पत्नी की अचानक असमय मृत्यु हो गई. भास्कर नाम है उस का. वह इंजीनियर है. अच्छा कमाता है. खातेपीते घर का है.’ मांबाप ने वीणा पर दबाव डाल कर उसे शादी के लिए मना लिया. नवविवाहिता वीणा की सुप्त भावनाएं जाग उठीं. उस के दिल में हिलोरें उठने लगीं. वह दिवास्वप्नों में खो गई. वह अपने हिस्से की खुशियां बटोरने के लिए लालायित हो गई.

लेकिन भास्कर से उस का जरा भी तालमेल नहीं बैठा. उन में शुरू से ही पटती नहीं थी. दोनों के स्वभाव में जमीनआसमान का अंतर था. भास्कर बहुत ही मितभाषी लेकिन हमेशा गुमसुम रहता. अपने में सीमित रहता. वीणा ने बहुत कोशिश की कि उन में नजदीकियां बढ़ें पर यह इकतरफा प्रयास था. भास्कर का हृदय मानो एक दुर्भेध्य किला था. वह उस के मन की थाह न पा सकी थी. उसे समझ पाना मुश्किल था. पति और पत्नी में जो अंतरंगता व आत्मीयता होनी चाहिए, वह उन दोनों में नहीं थी. दोनों में दैहिक संबंध भी नाममात्र का था. दोनों एक ही घर में रहते पर अजनबियों की तरह. दोनों अपनीअपनी दुनिया में मस्त रहते, अपनीअपनी राह चलते.

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दिनोंदिन वीणा और उस के बीच खाई बढ़ती गई. कभीकभी वीणा भविष्य के बारे में सोच कर चिंतित हो उठती. इस शुष्क स्वभाव वाले मनुष्य के साथ सारी जिंदगी कैसे कटेगी. इस ऊबभरे जीवन से वह कैसे नजात पाएगी, यह सोच निरंतर उस के मन को मथते रहती. एक दिन वह अपने मातापिता के पास जा पहुंची. ‘मांपिताजी, मुझे इस आदमी से छुटकारा चाहिए,’ उस ने दोटूक कहा. अहल्या और सुधाकर स्तंभित रह गए, ‘यह क्या कह रही है तू? अचानक यह कैसा फैसला ले लिया तू ने? आखिर भास्कर में क्या बुराई है. अच्छे चालचलन का है. अच्छा कमाताधमाता है. तुझ से अच्छी तरह पेश आता है. कोई दहेजवहेज का लफड़ा तो नहीं है न?’

‘नहीं. सौ बात की एक बात है, मेरी उन से नहीं पटती. हमारे विचार नहीं मिलते. मैं अब एक दिन भी उन के साथ नहीं बिताना चाहती. हमारा अलग हो जाना ही बेहतर है.’ ‘पागल न बन, बेटी. जराजरा सी बातों के लिए क्या शादी के बंधन को तोड़ना उचित है? बेटी शादी में समझौता करना पड़ता है. तालमेल बिठाना पड़ता है. अपने अहं को त्यागना पड़ता है.’

‘वह सब मैं जानती हूं. मैं ने अपनी तरफ से पूरा प्रयत्न कर के देख लिया पर हमेशा नाकाम रही. बस, मैं ने फैसला कर लिया है. आप लोगों को बताना जरूरी समझा, सो बता दिया.’ ‘जल्दबाजी में कोई निर्णय न ले, वीणा. मैं तो सोचती हूं कि एक बच्चा हो जाएगा तो तेरी मुश्किलें दूर हो जाएंगी,’ मां अहल्या ने कहा.

वीणा विद्रूपता से हंसी. ‘जहां परस्पर चाहत और आकर्षण न हो, जहां मन न मिले वहां एक बच्चा कैसे पतिपत्नी के बीच की कड़ी बन सकता है? वह कैसे उन दोनों को एकदूसरे के करीब ला सकता है?’ अहल्या और सुधाकर गहरी सोच में पड़ गए. ‘इस लड़की ने तो एक भारी समस्या खड़ी कर दी,’ अहल्या बोली, ‘जरा सोचो, इतनी कोशिश से तो लड़की को पार लगाया. अब यह पति को छोड़छाड़ कर वापस घर आ बैठी, तो हम इसे सारा जीवन कैसे संभाल पाएंगे? हमारी भी तो उम्र हो रही है. इस लड़की ने तो बैठेबिठाए एक मुसीबत खड़ी कर दी.’

‘उसे किसी तरह समझाबुझा कर ऐसा पागलपन करने से रोको. हमारे परिवार में कभी किसी का तलाक नहीं हुआ. यह हमारे लिए डूब मरने की बात होगी. शादीब्याह कोई हंसीखेल है क्या. और फिर इसे यह भी तो सोचना चाहिए कि इस उम्र में एक तलाकशुदा लड़की की दोबारा शादी कैसे हो पाएगी. लड़के क्या सड़कों पर पड़े मिलते हैं? और इस में कौन से सुरखाब के पर लगे हैं जो इसे कोई मांग कर ले जाएगा,’ सुधाकर बोले. ‘देखो, मैं कोशिश कर के देखती हूं. पर मुझे नहीं लगता कि वीणा मानेगी. वह बड़ी जिद्दी होती जा रही है,’ अहल्या ने कहा.

‘‘तभी तो भुगत रही है. हमारा बस चलता तो इस की शादी कभी की हो गई होती. हमारे बेटों ने हमारी पसंद की लड़कियों से शादी की और अपनेअपने घर में खुश हैं, पर इस लड़की के ढंग ही निराले हैं. पहले प्रेमविवाह का खुमार सिर पर सवार हुआ, फिर विदेश जा कर पढ़ने का शौक चर्राया. खैर छोड़ो, जो होना है सो हो कर रहेगा.’’ बूढ़े दंपती ने बेटी को समझाबुझा कर वापस उस के घर भेज दिया. एक दिन अचानक हृदयगति रुक जाने से सुधाकर की मौत हो गई. दोनों बेटे विदेश से आए और औपचारिक दुख प्रकट कर वापस चले गए. वे मां को साथ ले जाना चाहते थे पर अहल्या इस के लिए तैयार नहीं हुई.

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