ब्लडप्रैशर पर रखें नजर

ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

130/80 एमएम एचजी से ऊपर हाई ब्लडप्रैशर होता है. अगर ब्लडप्रैशर 180 से पार है, तब तुरंत इलाज की जरूरत होती है. वरना स्थिति गंभीर हो सकती है.

ये भी पढ़ें- बच्चों के लिए जरूरी हाइजीन हैबिट्स

बता दें कि हाइपरटैंशन के लिए निम्न कारण जिम्मेदार हैं:

– उम्र सब से बड़ा कारक माना

जाता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के कारण रक्त धमनियां की इलास्टिसिटी में कमी आने के साथसाथ होर्मोन्स में उतार चढ़ाव आने से ब्लडप्रैशर के बढ़ने का खतरा बना रहता है.

– अस्वस्थ जीवन शैली की वजह से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है. क्योंकि जब हमारी

शारीरिक गतिविधि कम होने से हमारा वजन बढ़ता है, तब हाइपरटैंशन की समस्या होती है, क्योंकि दिल को औक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए ज्यादा खून पंप करना पड़ता है, जिस से रक्त पर दबाव पड़ता है.

– अनुवांशिक कारणों से भी हाइपरटैंशन की समस्या होती है.

हाइपरटेंशन की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए निम्न चीजों को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें:

स्वस्थ व ताजा भोजन खाएं

आहार स्वस्थ जीवन का आधार होता है. यदि आप का आहार ठीक नहीं है तो कुछ समय बाद आप को रोग घेर लेंगे. अपने भोजन में जितना हो सके हरी सब्जियां, दाल, फल और अनाज का इस्तेमाल करें. इस के अलावा फैट बढ़ाने वाले पदार्थों से दूर रहें.

समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच

आप समयसमय पर ब्लडप्रैशर की जांच करते रहें. इस से आप को अपने ब्लडप्रैशर के लेवल का पता चलता रहेगा और आप के मन में चिंता नहीं रहेगी.

नींद पूरी लें

नींद का पूरा होना बहुत जरूरी है. यदि दिमाग को आराम नहीं मिलेगा तो वह टैंशन, चिंता, तनाव से भरा रहेगा और इस से डिप्रैशन तक हो सकता है.

खुद को हाइड्रेट रखें

ब्लडप्रैशर चाहे हाई हो या लो या फिर उचित हमेशा एक बात याद रखिए कि आप पानी प्रचुर मात्रा में पीएं. यदि आप के शरीर में पानी की मात्रा ठीक रहेगी तो आप को ब्लडप्रैशर संबंधित समस्या कम होगी.

ये भी पढ़ें- डाक्टर्स से जानें कोरोना में कैसे सेफ रहें प्रैग्नेंट महिलाएं

सरका रेंज

माइक्रोलाइफ के द्वारा निर्मित इस रेंज की मार्केटिंग एरिस लाइफसाइंसेज द्वारा की जाती है. इसके बीपी मौनिटर्स को 11 क्लिनिकल कंडीशंस में परखा गया है ताकि इस के सही परिणाम मिल सकें. बीपी मौनिटर्स 5 साल की वारंटी के साथ आते हैं. इसके 98 एफएक्स थर्मोमीटर भी उपलब्ध हैं जो कि एफडीए द्वारा प्रमाणित हैं.

ध्यान रखें यदि आप का बीपी मौनिटर प्रमाणित नहीं है तो वह सही माप नहीं दे सकता, जो कि आप की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है.

महिलाएं क्यों हो जाती हैं डिप्रैस

रीना और नरेश की शादी को 3 साल हो गए हैं. पतिपत्नी दोनों नौकरीपेशा हैं. औफिस में काम के सिलसिले में उन्हें शहर के बाहर भी जाना पड़ता है. अभी तक सब ठीक चलता आ रहा था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से रीना को थकान, बेचैनी और नींद न आने की शिकायत रहने लगी है. डाक्टर को दिखाने पर पता चला कि रीना तनाव में जी रही है. नौकरी के कारण पतिपत्नी को काफी समय तक अलगअलग रहना पड़ता. जब तक उस का पति साथ रहता, तब तक सब सही रहता, लेकिन जब वह अकेली होती तो उस के लिए घर के कामों और नौकरी के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल हो जाता. वैसे भी रीना चाह रही थी कि अब वह अपना घर संभाले, परिवार बढ़ाए. मगर उस का पति कुछ समय और इंतजार करना चाह रहा था. बस इसी वजह से रीना तनाव में रहने लगी थी.

तनाव के कारण द्य आजकल की दिनरात की दौड़धूप, औफिस जानेआने की चिंता, बच्चों की देखभाल, उन की पढ़ाई की चिंता, परिवार के खर्चे आदि कुछ ऐसे कारण हैं, जो पुरुषों से अधिक औरतों को परेशान करते हैं. इन के अलावा हारमोन का बैलेंस गड़बड़ाना (माहवारी से पहले और मेनोपौज के दौरान), मौसम में बदलाव आदि भी किसी महिला के जीवन में अवसाद का कारण बनते हैं.

द्य गर्भधारण के समय से ही महिलाओं के दिमाग में बेटा होगा या बेटी की चिंता घर करने लगती है. परिवार के बड़ेबुजुर्ग बारबार बेटाबेटा कह कर उन के तनाव को और बढ़ा देते हैं, जबकि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि औलाद के बेटा या बेटी होने के लिए किसी भी महिला को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. फिर भी हमारे समाज में अनपढ़ ही नहीं पढ़ेलिखे लोग भी बेटी होने पर दोषी मां को ही ठहराते हैं. द्य सच कहा जाए तो तनाव की शुरुआत बेटी के जन्म से ही हो जाती है और उस की उम्र के साथसाथ बढ़ती जाती है.

ये भी पढ़ें- मजबूत रिश्ते के लिए लड़ना भी है जरूरी

द्य अच्छे पढ़ेलिखे होने के बावजूद मनपसंद नौकरी न मिलना, नौकरी मिल जाए तो समय पर तरक्की न मिलना, घरबाहर के कामों के बीच तालमेल न बैठा पाने के कारण पढ़ीलिखी युवतियां भी तनाव से घिरती चली जाती हैं. द्य मनोवैज्ञानिकों के शोधों से पता चलता है कि किसी कंपीटिशन में नाकामयाब होने पर भी महिलाएं जल्दी निराशा के कारण तनाव से घिर जाती हैं.

द्य चिंता, परेशानी और दबाव से भी तनाव पैदा होता है. यह कोई रोग नहीं है. हालात से तालमेल न बैठा पाना, परिवार और दोस्तों से जरूरत पर मदद न मिल पाना, मेनोपौज में हारमोन बैलेंस गड़बड़ाना आदि किसी भी महिला के जीवन में तनाव का कारण बन सकते हैं. शराब या अन्य नशा, अपनी किसी बीमारी का सही तरीके से इलाज न कराना आदि भी तनाव के लिए जिम्मेदार हैं. कई बार महिलाओं में रिटायरमैंट के बाद भी ये हालात पैदा हो जाते हैं. लक्षण

द्य याददाश्त कमजोर होना, उलटी की इच्छा होना, सांस लेने में परेशानी, भूख कम लगना, शारीरिक क्षमता का कम होना, काम में मन न लगना, सिरदर्द, ज्यादा पसीना आना, मुंह सूखना, बारबार पेशाब की इच्छा. इन लक्षणों की चपेट में आने वाले खुद को परिवार व समाज पर बोझ समझते हैं. वे कोशिश करने के बावजूद समस्या के हल तक नहीं पहुंच पाते और अपना विश्वास खो बैठते हैं और फिर धीरेधीरे निराशा की ओर बढ़ने लगते हैं. कैसे करें तनाव दूर

द्य जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब निराशा के साथ संघर्ष करना पड़ता है. जीवन की महानता इसी में है कि कठिनाइयों से लोहा लेते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए उत्साह से आगे बढ़ते चलें. काम इस तरह करें कि थकने के पहले ही आराम मिल जाए. उदास व थका रहना या दिखना व्यक्ति में तनाव या अपराध का भाव पैदा करता है. द्य अच्छी नींद न आने से बहुत नुकसान होता है. गहरी नींद के लिए संगीत सुनना सहायक होता है. सोने से पहले पढ़ना भी अच्छी आदत है. इस से भी अच्छी नींद आती है.

ये भी पढ़ें- इमोशनल इम्यूनिटी का रखें ध्यान

द्य ज्यादा नाउम्मीदी हीनभावना को जन्म देती है. अपनी सोच पौजिटिव रखें. जो आप के पास नहीं है या जो आप के वश में नहीं है उस के लिए चिंता मत कीजिए. जो आप के पास है उसी में खुश रहें. द्य खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है. फलों व सब्जियों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है. मेनोपौज की स्टेज में महिला के शरीर में कैल्सियम की मात्रा कम हो जाती है, जिस से औस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए कैल्सियम और विटामिन डी अपनी डाइट में शामिल करना न भूलें. रोज व्यायाम करने की आदत बनाएं.

7 मेकअप मिस्टेक्स जो दे आपको ड्राय स्किन

क्या आपने कभी सोचा है कि महंगी महंगी क्रीम्स और लोशन लगाने के बावजूद भी आपकी स्किन रूखी रूखी , डल व बेजान सी क्यों लगती है?

आपको बता दें कि जाने अनजाने हम में से अधिकांश लड़कियां व महिलाएं ऐसी गलतियां कर बैठती हैं , जिससे चेहरा बहुत अधिक ड्राई हो जाता है. ऐसे में मेकअप भी चेहरे के ड्राई डब्बों को छिपा नहीं पाता , जिससे सबके सामने जाने में काफी शर्मिंदगी महसूस होने लगती है. और खुद का आत्मविश्वास कम होता है वो अलग. लेकिन कहते हैं न कि निराश होने से कुछ नहीं होता. अगर आप अपने स्किन केयर रूटीन को ठीक कर लें तो आप कुछ ही दिनों में फिर से सोफ्ट व शाइनी स्किन पा सकती हैं . वे कौन सी गलतियां हैं , जो अकसर आप करती हैं , जिससे आपकी स्किन ड्राई नजर आने लगती है. इस बारे में बता रही हैं ब्यूटी एंड मेकअप एक्सपर्ट अंशुल रावल.

1. गलत क्लीन्ज़र का इस्तेमाल

बात जब चेहरे की हो तब किसी भी उत्पाद को खरीदते वक़्त काफी सावधानी बरतनी चाहिए. मार्केट में ढेरों ब्यूटी प्रोडक्ट्स ऐसे उपलब्ध रहते हैं , जिसमें नेचुरल इन्ग्रेडिएन्ट्स का नहीं बल्कि केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. जो स्किन के नेचुरल मोइस्चर को खत्म करने का काम करता है. इसलिए जब आप क्लीन्ज़र खरीदें तो उसके इन्ग्रेडिएन्ट्स पर नजर जरूर डालें. अगर उसमें केमिकल्स का ही इस्तेमाल किया गया है तो भूल कर भी उस प्रोडक्ट को न खरीदें. क्योंकि एक दो अप्लाई के बाद तो आपको स्किन पर बहुत अच्छा रिजल्ट दिखेगा लेकिन धीरे धीरे स्किन डल व रफ़ होने लग जाएगी.

इस बात का खास ध्यान रखें कि जब भी क्लीन्ज़र खरीदें तो अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही खरीदें. जैसे अगर आपकी ऑयली या कोम्बिनेशन स्किन है तो आपको जेल बेस्ड क्लीन्ज़र का चुनाव करना चाहिए और अगर आपकी ड्राई या सेंसिटिव स्किन है तो आप क्रीम बेस्ड क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करें. अगर चेहरे पर मुँहासे हैं तो फोम बेस्ड क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करना आपके लिए सही रहेगा .

2. एक्सफोलेशन नहीं करना

सोफ्ट और सुंदर त्वचा पाने के लिए सिर्फ चेहरे को क्लीन्ज़र से ही साफ करना काफी नहीं होता बल्कि चेहरे से डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने के लिए स्किन को एक्सफोलेशन करना बहुत जरूरी होता है. एक्सफोलिएट में छिपे छोटे छोटे कण चेहरे के छिद्रों को साफ करके मुहांसों को होने से रोकते हैं. हफ्ते में 3 बार स्किन को एक्सफोलेशन जरूर करें , इससे स्किन यंग नजर आने के साथ साथ फ्रेश भी दिखती है. धयान रखें रोज रोज स्किन एक्सफोलेशन न करें , क्योंकि इससे स्किन का मोइस्चर धीरे धीरे खत्म होने लगता है.

ये भी पढ़ें- स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए ट्राय करें 200 से कम की कीमत के ये फेसवौश

3. मॉइस्चराइजर से परहेज़

कुछ महिलाएं सोचती हैं कि उन्हें स्किन पर मॉइस्चराइजर की जरूरत ही क्या है. जबकि आपको बता दें कि त्वचा को सोफ्ट लुक देने में मॉइस्चराइजर का अहम रोल होता है. क्योंकि हमारी त्वचा रोज़ धूल मिट्टी व प्रदूषण का सामना करती है जबकि मॉइस्चराइजर स्किन को किसी भी तरह के बाहरी स्रोत्रों से होने वाले नुकसान से बचाने का काम करता है. साथ ही सीबम उत्पादन को विनियमित करने के लिए मॉइस्चराइजर त्वचा में हाइड्रेशन की मात्रा बढ़ाने का भी काम करता है. हमेशा मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल चेहरे को वाश करने या नहाने के तुरंत बाद करना चाहिए, क्योंकि तब त्वचा में नमी रहती है और ऐसा करने से स्किन लंबे समय तक ड्राई नहीं होती है.

4. प्राइमर का सही इस्तेमाल नहीं करना

प्राइमर का इस्तेमाल करने से मेकअप काफी अच्छा लगता है और लंबे समय तक टिकता भी है. यह प्राइमर फाउंडेशन और कंसीलर को अच्छे से सेट होने का मौका देता है. मार्केट में आपको अनेक प्रकार के प्राइमर मिल जाएंगे , लेकिन आपके लिए यह सुनिश्तित करना जरूरी है कि आपके लिए कौन सा प्राइमर फार्मूला बेस्ट रहेगा. अगर आपकी काफी ड्राई स्किन है तो आपको क्रीम बेस्ड प्राइमर का चुनाव करना चाहिए और अगर आपकी ऑयली स्किन है तो आपके लिए सिलिकोन प्राइमर काफी बेस्ट रहेगा.

5. मैट फाउंडेशन का इस्तेमाल

अकसर महिलाएं मेकअप को लंबे समय समय तक टिकाए रखने के लिए मैट फाउंडेशन का इस्तेमाल करना उचित समझती हैं. जबकि मैट फाउंडेशन का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की त्वचा के लिए सही नहीं होता है. इसलिए अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो आप भूलकर भी मैट फाउंडेशन का इस्तेमाल न करें बल्कि हाइड्रेटेड फाउंडेशन का इस्तेमाल करें. इससे स्किन सोफ्ट भी रहेगी और ग्लो भी नजर आएगा.

6. ज्यादा पाउडर का यूज़ करना

बेकिंग मेकअप की आवशयक प्रक्रिया यह है जो यह सुनिश्चित करती है कि लंबे समय तक आपका फाउंडेशन और कंसीलर टिका रहे. जबकि बहुत अधिक पाउडर के साथ बेक करने से न सिर्फ मेकअप खराब लगता है बल्कि स्किन के ड्राई पैचेज भी साफ नजर आते हैं. इसलिए बेकिंग करते वक्त कम से कम पाउडर का इस्तेमाल करें.

7. सेटिंग स्प्रे का सही चयन नहीं करना

सेटिंग स्प्रे ज्यादा नमी के कारण मेकअप को बहने से बचाता है. अगर आप ड्राई स्किन की प्रॉब्लम से परेशान हैं तो आप हाइड्रेटेड सेटिंग स्प्रे का ही इस्तेमाल करें. इसके इस्तेमाल से आपकी स्किन ड्राई भी नहीं लगती और स्किन पर ग्लो भी काफी नजर आता है.

कुछ टिप्स जिससे आप ड्राई स्किन की समस्या से निजात पा सकती हैं –
– खूब सारा पानी पिएं. इससे बॉडी में पानी की कमी नहीं होने से स्किन हाइड्रेट रहती है और उसका नेचुरल ग्लो बरक़रार रहता है.

– जब भी स्किन के लिए प्रोडक्ट्स खरीदें तो देखें कि उसमें ज्यादा केमिकल्स का इस्तेमाल न किया गया हो.

– अपनी स्किन टाइप को देख कर ही प्रोडक्ट खरीदें. इससे स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है और रिजल्ट भी बेहतर मिलता है.

ये भी पढ़ें- झुर्रियों से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

– ज्यादा हार्श और ड्राई सोप, फेस वाश का इस्तेमाल न करें.
– नहाते समय ज्यादा गरम पानी के इस्तेमाल करने से बचें.
– खुसबू रहित क्लीन्ज़र का ही इस्तेमाल करें.
– 2015 में हुई एक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि दूध को अपनी डाइट में शामिल करने से काफी हद तक ड्राई स्किन की समस्या ठीक होती है. क्योंकि दूध में फैट होने से स्किन अंदर से नौरिश होती है.

– एलोवेरा में मोइस्चरिंग इफ़ेक्ट होता है, जो ड्राई स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसके लिए आप अपनी स्किन पर एलोवेरा से मसाज करके 20 मिनट के लिए अपनी स्किन पर लगा छोड़ दें. इससे धीरेधीरे स्किन की डॉयनेस दूर होने लगती है.

– अपनी डाइट में पौष्टिक चीज़ो को जरूर शामिल करें. इससे स्किन हैल्थी रहती है.

सही मैट्रेस का चुनाव है जरूरी

हो सकता है कि बहुतेरे लोगों की तरह आप भी आरामदायक नींद की बात को गंभीरता से न लें. हो सकता है कि आप के लिए भी अनिद्रा कोई छोटीमोटी ही बात हो. लेकिन ऐसा सोचना ठीक नहीं है.

विशेषज्ञों के अनुसार लगातार ठीक से नींद न लेने की वजह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर से युवाओं में यह परेशानी काफी देखी जा रही है. अनियमित जीवनशैली, असमय खानपान और ठीक से न सो पाने की वजह से अनिद्रा के दुष्प्रभाव बढ़ रहे हैं. और यह तथ्य भी सामने आया है कि ज्यादातर लोग अच्छा मैट्रैस न होने की वजह से ठीक से सो नहीं पाते. उन्हें कमर, पीठ, गरदन, कूल्हे आदि में दर्द की भी शिकायत रहने लगती है.

दरअसल, ज्यादातर लोग ठीक से नींद न आने की वजह के पीछे अच्छे मैट्रैस के न होने की बात को समझ नहीं पाते हैं. लोगों का ध्यान इस बात पर भी नहीं जाता कि अनिद्रा के चार पैटर्न होते हैं, जिस में से एक बिस्तर का ठीक न होना भी है. हमारे स्लीपिंग पैटर्न से ही हमारे शरीर की बाकी कई चीजें निर्धारित होती हैं.

स्लीपिंग पैटर्न सही करने के लिए सही मैट्रैस का चुनाव बेहद जरूरी है.

कैसे-कैसे मैट्रैस

क्या आप को पता है कि अपने जीवन का एकतिहाई हिस्सा हम मैट्रैस पर सो कर बिताते हैं? बाजार में विभिन्न प्रकार के मैट्रैस मौजूद हैं, जिन के बारे में हम आप को जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं.

मैमोरी फोम मैट्रैस: यह आधुनिक प्रकार के मैट्रैस फोम मैमोरी से बनाए जाते हैं जो मोल्डेबल मैटीरियल से बने होते हैं और जो तापमान और वजन के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं. इस का मतलब कि यह आप के वजन के आकार के अनुसार ढल जाएगा. आप के वजन को समाहित कर लेगा और जोड़ों के दबाव से मुक्ति देगा. यह ऐसे लोगों के बेहतरीन मैट्रैस है, जिन लोगों को कमर दर्द रहता है.

लैटेक्स मैट्रैस: जैसेकि इस के नाम से ही ज्ञात होता है कि यह मैट्रैस लैटेक्स फोम से बना होता है. यह लंबे समय तक चलने वाला मैट्रैस है. लैटेक्स मैट्रैस ऐलर्जी या अस्थमा से पीडि़त लोगों के लिए अच्छा विकल्प है.

इनरस्प्रिंग मैट्रैस: इस इनरस्प्रिंग मैट्रैस में स्टील कोइल सपोर्ट सिस्टम होता है. इनरस्प्रिंग मैट्रैस पैडिंग (गद्दी) और अप्होल्स्टरी से ढका होता है, साथ ही जिस में बहुत सारी फोम, फाइबर और छोटी स्टील स्प्रिंग लेयर भी जुड़ी होती है.

ये भी पढ़ें- कोरोनाकाल में सैनिटाइजेशन का महत्त्व

हाइब्रिड मैट्रैस: हाइब्रिड मैट्रैस एक से अधिक फोम के प्रकारों जैसे पालीयुरथेन, मैमोरी और लैटेक्स के साथ स्टील कौइल सपोर्ट सिस्टम से जुड़ा होता है.

ऐअरबैड: ऐअरबैड, ऐयर चैंबर का समायोजन कर समर्थन प्रणाली के रूप में प्रयोग करते हैं. जैसे कि कैंपिंग (शिविरों) में गद्दों का प्रयोग किया जाता है. इन्हें ऐअरबैड मौडिंग और अप्होल्स्टरी मैटीरियल से ढका जाता है, जिस में विभिन्न फोम और फाइबर मौजूद होते हैं.

वाटर बैड: वाटर बैड में वाटर चैंबर को समर्थन प्रणाली के रूप में प्रयोग किया जाता है. वाटर बैड 2 प्रकार के होते हैं- हाई साइड और सौफ्ट साइड वाटर बैड.

समदारी से करें खरीदारी

दिनभर की भागदौड़ और थकान के बाद अच्छी नींद से अच्छा कुछ नहीं होता पर यह तभी संभव है जब आप के बैड के मैट्रैस अच्छे हों. बाजार में बहुत तरह के मैट्रैस उपलब्ध हैं. ऐसे में हम तय नहीं कर पाते कि अपने लिए कैसे मैट्रैस का चुनाव करें? हम आप को ऐसे आसान उपाय बता रहे हैं जिन की मदद से आप सही मैट्रैस खरीद सकते हैं.

सही मौडल चुनें: यह तो हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए अच्छा मैट्रैस होना चाहिए. इसलिए बाजार में मैट्रैस खरीदने जा रहे हैं, तो मौडल के बारे में अच्छे से रिसर्च कर के ही जाएं.

डिजाइन और आराम पर भी दें ध्यान: मैट्रैस खरीदने जा रहे हैं, तो डिजाइन और आराम को ध्यान में अवश्य रखें. आज बाजार में विभिन्न डिजाइन के मैट्रैस मौजूद हैं. अपनी आवश्यकता को ध्यान में रख कर ही मैट्रैस का चुनाव करें.

ये भी पढ़ें- महिलाएं फोन हैंडलिंग में दिखाएं स्मार्टनैस

मैट्रैस की क्वालिटी: मैट्रैस पर आराम मैट्रैस के बेस पर निर्भर करता है. इसलिए सुकून भरी नींद सोना चाहते हैं, तो सही बेस वाले मैट्रैस का चुनाव काफी जरूरी है. फोम व जूट के बेस वाले मैट्रैस ज्यादा चलन में हैं. इस के अलावा आप को कमर दर्द की शिकायत है, तो इस से बचने के लिए बड़े साइज का मैट्रैस चुनें.

मैट्रैस खरीदते समय बजट पर ध्यान देना भी जरूरी है. मैट्रैस खरीदने से पहले औनलाइन या मार्केट में जा कर मैट्रैस के रेट के बारे में पता करें और साथ ही इस के उपकरण, मौडल आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें.  -प्रतिनिधि द्य

शराफत की भाषा है कहां

हमारे घरों में जब भी सासबहू में झगड़ा या तूतू, मैंमैं हो तो तुरंत शादी के समय की बातें ही नहीं, बहू के मायके के किस्से भी सास की जबान से ऐसे फिसलते हैं मानो शब्दों के नीचे ग्रीस लगी हो.

‘‘मांजी, यह भगोना तो खराब हो गया है,’’ बहू के यह कहते ही सास अगर कह दे, ‘‘शादी के समय देखा था कैसे जगों में पानी पिलाया था… और अपने चाचा के घर में देखा है, एक भी बरतन ढंग का नहीं है और यहां नए भगोने की मांग कर रही है महारानीजी.’’

यह भाषा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की जवान पर चढ़ी रहती है और वे रोज सारी सासों को बताते हैं कि यही भाषा इस महान देश की संस्कृति का हिस्सा है. आप पूछें कि समाचारपत्रों की स्वतंत्रता का बुरा हाल है तो तुरंत कहा जाएगा याद है न आपातकाल, जब सारे अखबारों पर सैंसरशिप लगा रखी थी.

आप कहें कि पैट्रोलडीजल के दाम बढ़ गए तो उस पर कहेंगे 1973 को याद करो जब इंदिरा गांधी ने 4 गुना दाम बढ़ाए थे. आप कहेंगे कि श्रमिकों की ट्रेनों में पैसा वसूला गया तो तुरंत कहेंगे कि ये सब नेहरुइंदिरा की वजह से है कि ये श्रमिक अपने गांव छोड़ कर बाहर गए थे और कांग्रेस ने तो 70 साल देश को लूटा था और अब किस मुंह से श्रमिकों के हिमायती बन रही है?

ये भी पढ़ें- अगला युग कैसा

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा बड़ी डींगें हांक रहे थे कि देश 5 ट्रिलियन डौलर की अर्थव्यवस्था बनेगी. कांग्रेसी नुमाइंदे ने भरी सभा में पूछ डाला कि संबितजी, बताइए कि ट्रिलियन में कितने शून्य होते हैं? पता है क्या जवाब मिला? ‘‘आप पहले राहुल गांधी से पूछें, फिर मैं बताऊंगा. मुझे मालूम है पर राहुल गांधी जवाब दें तो मैं बता सकूंगा.’’

वाह क्या कला है. भगोना खराब हुआ पति के घर पर आसमान पर उठा लिया गया पत्नी का मायका. यह संस्कृति हमारी मुंह बंद करने के लिए बड़ी कारगर है. आप कहें कि हिंदू औरतों को विधवा बना कर आज भी सामाजिक अलगाव सहना क्यों पड़ता है? तो जवाब मिलेगा कि लो मुसलमानों से पूछो न जहां जब चाहे मरजी तलाक दे दो. अब आप हिंदू रोना छोड़ कर मुसलिमों को भी गाली देना शुरू कर दें और असली मुद्दा भूल जाएं.

रेलमंत्री पीयूष गोयल अकेले नहीं हैं. संबित पात्रा अकेले नहीं हैं. अमित शाह, नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान, राजनाथ सिंह वगैरह सब यही भाषा बोलते हैं. और भाषा उन्हें समझ ही नहीं आती. वे तर्क और तथ्य की भाषा नहीं समझते. यही गुण आम जनता में आ जाता है. वह भी तर्क और तथ्य की बातें नहीं समझती. हमारे बहुत से विवाद होते ही इसलिए हैं कि हम तर्कों को अधार्मिक मानते हैं.

यह दोष औरतों को ज्यादा परेशान करता है. उन की आधी जिंदगी अपने मायके वालों के पुराण सुन कर चली जाती है और बाकी आधी में वे अपने घर आई बेटे की पत्नी के मायके के गुणगान करती रहती हैं. सुख और शांति कहां है मालूम ही नहीं.

ये भी पढ़ें- इनके लिए कोरोना बन गया वरदान

TV की ‘गुड्डन’ के ये 4 ट्रेडिशनल ड्रेस आपको देगें परफेक्ट देसी लुक

सीरियल ‘गुड्डन तुमसे न हो पाएगा’ इन दिनों फैंस को एंटरटेन कर रहा है. शो में लीड रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस कनिका मान की फैंन फौलोइंग काफी बढ़ रही है. लेकिन इन दिनों ये शो काफी सुर्खियों में दरअसल सीरियल के लीड एक्टर निशिकांत ने शो को अलविदा कहने का फैसला कर लिया है. पर आज हम उनके शो की कौंट्रवर्सी या खबरों की नहीं बल्कि एक्ट्रेस कनिका मान के फैशन की करेंगे. लोग उन्हें और उनके लुक को काफी फौलो कर रहे हैं. आज हम आपको ‘गुड्डन’ यानी कनिका मान का इंडियन आउटफिट क्लेक्शन के कुछ टिप्स आपको बताएंगे, जिसे आप आसानी से किसी पार्टी वेकेशन या कहीं भी ट्राय कर सकती हैं.

1. बनारसी साड़ी है परफेक्ट

अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो फेस्टिवल या वेडिंग में बनारसी साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. औफ स्लीव ब्लाउज के साथ रेड कलर की बनारसी साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इस कौम्बिनेशन के साथ आप गोल्डन पैटर्न के इयरिंग्स मैच करके आप अपने लुक को रौयल लुक दे सकती हैं इससे आप खूबसूरत के साथ-साथ एलीगेंट लगेगा.

 

View this post on Instagram

 

“Jab kisi aur ki barbadi apni jeet jaisi lage, to hamse zada barbad aur koi nahi is duniya mein.”

A post shared by Kanika Mann ? (@officialkanikamann) on

ये भी पढ़ें- बिग बौस 13: कर्वी गर्ल्स के लिए परफेक्ट हैं रश्मि देसाई के ये लुक्स

2. चिकन कुर्ते का कौम्बिनेशन है बेस्ट

चिकन कढ़ाई वाले कुर्ते मार्केट में काफी पौपुलर है अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो पीला कलर के चिकन के संग वाइट पैंट का कौम्बिनेशन परफेक्ट रहेगा. आप इसके साथ सिंपल इयरिंग्स के संग बेली शूज भी ट्राय कर सकते हैं. ये लुक सिंपल के साथ साथ आपको ब्यूटीफुल लुक देगा.

 

View this post on Instagram

 

Jutti kasoori , paeri na poori ??‍♀️ Juttis by – @notjustthreads

A post shared by Kanika Mann ? (@officialkanikamann) on

3. वाइट कलर है परफेक्ट

 

View this post on Instagram

 

Meri taqdeer ko ishq Pasnd ni Ae shaqs Muje itna acha na lag …. Wearing – @ambraee_ Jutti – @notjustthreads

A post shared by Kanika Mann ? (@officialkanikamann) on

अगर आप कुछ लाइट कलर ट्राय करने का सोच रहे हैं तो कनिका का ये वाइट क्रौप टौप विद लौंग स्कर्ट आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. सिंपल क्रौप टौप के साथ लाइट प्रिंटेड वाइट लौंग स्कर्ट के साथ लहंगा आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा. इसके साथ ज्वैलरी की बात करें तो आप सिंपल जंक ज्वैलरी भी ट्राय कर सकते हैं. ये गरबा फेस्टिवल के लिए अच्छा लुक रहेगा.

ये भी पढ़ें- ट्रेंड में है बंजारा ज्वैलरी

4. रफ्फल लुक करें ट्राय

 

View this post on Instagram

 

The belly rules the mind ?

A post shared by Kanika Mann ? (@officialkanikamann) on

सिंपल प्लेन यैलो कलर की साड़ी के साथ ब्लैक एंड गोल्डन कलर के कौम्बिनेशन वाला औफ शोल्डर ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट रहेगा. इसके साथ गोल्डन झुमके आपके लुक को और भी ब्यूटीफुल बनाने में मदद करेंगे.

घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी ताजा पनीर

ये तो हम सभी जानते है की दूध में बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते है. लेकिन ये जरूरी नहीं की दूध सभी को पसंद हो. इसलिए अगर आपको दूध नापसंद है तो पनीर से बेहतर आपके लिए और कुछ नहीं हो सकता.पनीर सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत का भी पर्याय बना हुआ है. यह प्रोटीन का पावरहाउस और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है जो दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. पनीर पाचन के लिए भी अच्छा होता है, इसमें बहुत अच्छी मात्रा में फास्फोरस तत्व होते है जो हमारे पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते है.

कुल मिलाकर पनीर के अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभ हैं जो आप घर के बने पनीर से प्राप्त कर सकते हैं. अगर आप अक्सर मार्केट का बना हुआ पनीर खाते है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. क्योंकि बाजार में मिलने वाले पनीर में बहुत मिलावट होती है. जिससे वह हमारे शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाती है.
यह पनीर अधिकांशत: फुल क्रीम दूध ने नहीं बनाया जाता और इसकी सैल्फ लाइफ बढ़ाने के लिये इसमें अरारोट भी मिला दिया जाता है.
तो क्यों न हम रेडीमेड पनीर का use न करके खुद ही घर पर पनीर बनाये. घर में बना पनीर बाजार के पनीर की अपेक्षा मुलायम और अधिक स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना बहुत ही आसान है. तो चलिए जानते है की घर पर पनीर कैसे बनाये.

कितना पनीर बनेगा-500 ग्राम
समय-15 से 20 मिनट
मील टाइप-veg

हमें चाहिए-

दूध (Full Cream Milk)- 2 लीटर
नीबू -2 मध्यम आकार के

ये भी पढ़ें- घर पर बनाएं वेजिटेबल मंचूरियन

बनाने का तरीका

1- सबसे पहले दोनों नीम्बू का रस एक कटोरी में निकाल कर रख लीजिये और नीम्बू के बीजों को अलग कर दीजिये.
2- अब दूसरी तरफ गैस पर दूध को किसी बर्तन में निकाल कर गरम कर लीजिये. जब दूध में उबाल आ जाय तो गैस को धीमा कर दीजिये.
3- अब नीम्बू के रस को चम्मच से धीरे धीरे करके दूध में डालते जाएँ और चमचे से चलाते जाएँ .4 से 5 मिनट बाद आप देखेंगे की दूध में पानी अलग हो गया है.
4- अब गैस को बंद कर दे. अब इसे सूती कपड़े में छानिये और इसमें थोड़ा ठंडा पानी मिला दीजिये ताकि पनीर एकदम मुलायम बने और नीबू का टेस्ट भी पनीर में न रहे.
5- यदि आप इस पनीर का प्रयोग मिठाई के बजाय सब्जियां बनाने के लिये करना चाहें तो पनीर को कपड़े से निकालने के बजाय कपड़े सहित किसी भारी वजनदार चीज से दबा कर 1 घंटे के लिए रख दीजिये, पनीर सख्त हो जायेगा.अगर आप चाहे तो 1 घंटे बाद पनीर को कपडे से निकाल कर किसी बर्तन में रखकर फ्रिज में सेट होने के लिए रख दीजिये. पनीर तैयार है.

ये भी पढ़ें- टेस्टी और हेल्दी नारियल पनीर कोफ्ते

हुंडई की इस गाड़ी का इंजन है बेहद खास

किसी भी कार की सबसे बड़ी खासियत का पता उसके इंजन से चलता है. तो अगर आप एक बढ़िया कार की तलाश में हैं तो नई हुंडई वरना में हुड BS6-compliant इंजन के तीन ऑप्शन हैं जो कार ग्राहकों इंप्रेस करने के लिए काफी हैं.

पहला 1.5-लीटर 113-bhp पेट्रोल इंजन है. स्टार्टर बटन से यह तुरंत ही स्टार्ट हो जाता है जिससे वरना कार को आसानी से ड्राइव किया जा सकता है. साथ ही इसमें मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भी होता है.

तो आपको अब समझ आ गया होगा कि क्यों वरना #BetterThanTheRest है.

‘‘खाली पीली’’ Teaser: ईशान और अनन्या की पागलपन वाली सवारी

काफी लंबे समय से बौलीवुड में चर्चाएं रही हैं कि मकबूल खान निर्देशित और ईशान खट्टर व अनन्या पांडे के अभिनय से सजी फिल्म कब प्रदर्शित होगी?वास्तव में यह फिल्म अप्रैल माह में प्रदर्शित होनी थी.मगर कोरोना व लाॅक डाउन के चलते ऐसा संभव नही हो पाया.दूसरी फिल्मों की ही तरह इस फिल्म के ‘ओटीटी’प्लेटफार्म पर आने की भी कोई सुगबुगाहट नही थी.इसलिए अफवाहों का बाजार गर्म था.मगर चूहे बिल्ली की लुका छिपी के बाद अब सोमवार फिल्म ‘‘खाली पीली’’ का टीजर आ ही गया और आते ही इसने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया.

एक मिनट के लंबे टीजर से समझ में आता है कि हत्या के आरोपी ईशान खट्टर और एक नर्तकी अनन्या मुंबई की काली पीली टैक्सी में कुछ नकदी और गहने लेकर भाग रहे हैं. पर इस टैक्सी की नंबर प्लेट अजीब है. इसकी नंबर प्लेट है- 6969.

‘‘पताललोक’’जैसी सर्वाधिक चर्चित वेबसीरीज से स्टार बन चुके अभिनेता जयदीप अहलावत भी इस फिल्म का हिस्सा हैं.वह मकबूल खान निर्देशित इस फिल्म को लेकर कहते हैं-‘‘युवा, आकर्षक, पागल रोलर- कोस्टर की सवारी.‘‘

जबकि स्वयं निर्देशक मकबूल खान ने एक बयान में कहा, “ईशान खट्टर और अनन्या पांडे के साथ काम करना खुशी की बात है.यह दो पॉवरहाउस हैं,जिन्होंने शानदार अभिनय का प्रदर्शन किया है!‘खाली पीली’ एक युवा, नुकीला, पागल रोलर- कोस्टर की सवारी है,मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को यह फिल्म अच्छी तरह से मजा देगी.’’

ये भी पढ़ें- ‘Ye rishta’ पर कोरोना का कहर, मनीष और दादी समेत 7 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव

‘‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’’,‘गुंडे’, ‘सुल्तन’’,‘टाइगर जिंदा है’और‘भारत’जैसी  सफल फिल्मों के निर्देशक अली अब्बास जफर इस फिल्म के निर्माता हैं,जो पहली बार ‘जी स्टूडियो’के साथ इस फिल्म के निर्माता बने हैं.वह कहते हैं-‘‘फिल्म ‘खाली पीली’ एक पूर्ण देसी मनोरंजन है.ईशान व अनन्या की ऊर्जावान केमिस्ट्री और जयदीप की विश्वसनीयता इस राइड को और बेहतर बनाती है.‘‘

फिल्म के दूसरे निर्माता हिमांशु किशन मेहरा कहते हैं- “हमने इस फिल्म को बहुत दिल और मेहनत के साथ बनाया है और मैं सुपर उत्साहित हूं कि दर्शकों को जल्द ही हमारी फिल्म का अनुभव मिलेगा. मुझे उम्मीद है कि ‘खाली पीली’ ऐसे अभूतपूर्व समय में दर्शकों का मनोरंजन करेगी.’’ जबकि ‘‘जी स्टूडियो’’के सीईओ शारिक पटेल ने कहा, ‘‘खाली पीली उच्च-ऑक्टेन एक्शन, गीत और नृत्य और भावनाओं पर उच्च का एक पूरा पैकेज है.यह फिल्म लंबे समय के बाद फिल्म में प्रयुक्त बंबइया भाषा की सर्वोत्कृष्ट भावना को वापस लाने वाली है.ऐसे समय में जब दर्शक  नई सामग्री के भूखे होते हैं, हम इस फिल्म को लाने की प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं! ”

ईशान खट्टर ने इस फिल्म में कुछ दिलचस्प एक्शन दृश्यों में भी नजर आने वाले हैं,उन्होने इसके टीजर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा-‘‘शानो की बस्ती में आ रेला है डे डेढ़ शना से चल अब्बी बत्ती बुझा, और देख  खाली पीली का टीजर …जल्द ही आ रहा है..’’

यश केसवानी और सीमा अग्रवाल लिखित फिल्म ‘‘खाली पीली’’का टीजर जरुर आ गया है,मगर इसके रिलीज की तारीख  को लेकर अभी भी रहस्य बना हुआ है.

हिमांशु किशन मेहरा, अली अब्बास जफर और जी स्टूडियो द्वारा निर्मित, मकबूल खान द्वारा निर्देशित फिल्म‘‘ खाली पीली’’को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं-ईशान खट्टर, अनन्या पांडे,जयदीप अहलावत व अन्य.

ये भी पढ़ें- पूरी दुनिया में सबसे घिनौना सच है देह व्यापार और ह्यूमन ट्रैफीकिंग का मुद्दा -स्वरा भास्कर

‘Ye rishta’ पर कोरोना का कहर, मनीष और दादी समेत 7 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव

कोरोनावायरस के बढ़ते खतरों के बीच सीरियल्स की शूटिंग शुरू हो  गई है. बीते  दिनों सीरियल कसौटी जिंदगी के सीजन 2 पर  पार्थ समथान कोरोना पौजिटिव पाए गए थे, जिसके  बाद सीरियल की शूटिंग रोक दी गई गई थी. हालांकि वह अब बिल्कुल ठीक हो गए हैं. लेकिन अब खबर है कि सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के सेट पर भी कुल 7 लोग कोरोना पौजिटिव पाए गए हैं, जिनमें सीरियल की मेन कास्ट भी शामिल हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

कार्तिक के पिता भी हुए कोरोना पीड़ित

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के सेट पर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस ने सबसे पहले मनीष गोयनका का किरदार निभाने वाले एक्टर सचिन त्यागी को अपनी चपेट में लिया. वहीं बीती शाम ही प्रोडक्शन हाउस से जुड़े लोगों ने ये बात साफ की थी कि सचिन त्यागी के साथ-साथ कुछ क्रू मेंबर्स की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव ही आई है और बाकी कलाकार अपनी कोरोना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘अंजलि भाभी’ के रोल में दिखेगी ये एक्ट्रेस, शुरू हुई शूटिंग

ये कलाकार भी हुए कोरोना पौजिटिव

 

View this post on Instagram

 

تم تأكيد اصابه الممثلين الاتيين بڤيروس “كورونا” ساشين تياچي المؤدي دور ( مانيش غوينغا ) سمير اونكار المؤدي دور ( سامر غوينغا ) سواتي ستينش المؤديه دور ( سوهاسني غوينغا ) وتم عزلهم و توقف التصوير لحين يتم التعقيم مجددا نتمني لهم الشفاء العاجل 🙏 #yrkkh #kaira #kartik #kairav #shivangijoshi #shivin #naira #mohsinkhan #ماذا_اسمي_هذه_العلاقة #محسن_خان #شيفين #شيفانجي_جوشي #كارتيك #كايرا #نايرا @swatichitnisofficial @samir_onkar @sachintyagiofficial

A post shared by YRKKH_Arab_Fans (@yrkkh_arab_fans) on

खबरों की मानें तो सचिन त्यागी के बाद कार्तिक की दादी उर्फ एक्ट्रेस स्वाति चिटनिस और समीर ओंकार भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. स्वाति चिटनिस और समीर ओंकार सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में दादी और समर्थ का किरदार अदा करते है. वहीं स्वाति और समीर के साथ-साथ कुछ और क्रू मेंबर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

बता दें, ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की कहानी इन दिनों कार्तिक के पिता सचिन त्यागी के इर्द गिर्द ही घूम रही है, लेकिन सचिन के कोरोनावायरस के शिकार होने के बाद से अब मेकर्स को जल्द ही अपने ट्रैक में बदलाव लाना होगा. वहीं खबरें हैं कि जल्द ही शो की कहानी कीर्ति और उसके एक्स हस्बैंड पर चेंज हो जाएगी.

सालों बाद फिर वायरल हुआ ‘गोपी बहू’ और ‘कोकिला बेन’ का ये Video, जानें क्यों

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें