Short Story: लॉकडाउन- बुआ के घर आखिर क्या हुआ अर्जुन के साथ?

”दिनेश, तुम बिलकुल चिंता मत करो, अर्जुन मेरा भी तो बेटा है. पिंकी, बबलू तो उस के पीछे ही लगे रहते हैं.घर में ही तो रह रहा है. यह मत सोचो कि लौकडाउन में उस का यहां रहना मेरे लिए कोई परेशानी की बात होगी. मेरे लिए तो जैसे पिंकी, बबलू हैं वैसे अर्जुन. उस से बात करवाऊं?”

किचन में बरतन धोते हुए अर्जुन के कानों में बुआ अंजू के शब्द पड़े तो उस का चेहरा गुस्से से लाल हो गया. अब बुआ पापा से बात कराने के लिए उसे फोन न दे दें. नहीं करनी है उसे अपने पापा से बात.

पर बुआ ने फोन होल्ड पर रखा था. उसे पकड़ाते हुए बोलीं,” लो बेटा, अपने पापा से बात कर लो. उस के बाद थोड़ा आराम कर लेना.”

अर्जुन समझ गया कि यह सब पापा को सुनाने के लिए कहे गए हैं. उस ने हाथ धोपोंछ कर फोन बहुत बेदिली से पकड़ा. पापा उस का हालचाल ले रहे थे, उस ने बस हांहूं… में जवाब दे कर फोन रख दिया. वह बरतन धो कर चुपचाप बालकनी में रखी कुरसी पर बैठ गया.

आज मुंबई में लौकडाउन की वजह से फंसे उसे 2 महीने हो रहे थे. वह यहां वाशी में होस्टल में  रह कर इंजीनियरिंग के बाद एक कोर्स कर रहा था. अचानक कोरोना के प्रकोप के चलते होस्टल बंद हो गया और सारे स्टूडैंट्स अपनेअपने घर जाने लगे.

वह सहारनपुर से आया हुआ था. उस ने अपने पिता दिनेश को कहा कि वह भी घर आ रहा है. ट्रेन या कोई भी फ्लाइट मिलने पर वह फौरन आना चाहता है.

दिनेश ने कहा,” नहींनहीं… आने की कोई जरूरत नहीं है. यह तो कुछ दिनों की ही बात है. क्यों आओगे फिर जाओगे? वहीं अंजू बुआ के यहां चले जाओ.”

उस ने कहा था,” नहीं पापा, कुछ दिनों की बात नहीं है, मेरे सभी साथी फ्लाइट पकड़ कर घर चले गए हैं. मैं भी मुंबई से फौरन निकलना चाहता हूं.”

”नहीं, बुआ के पास चले जाओ. क्यों आनेजाने में फालतू खर्च करना. वह भो तो अपना घर है.”

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उस ने अपनी मम्मी रीना से बात की,”मम्मी, पापा मेरी बात क्यों नहीं समझ रहे? लौकडाउन लंबा चलेगा. यह 2 दिनों की बात नहीं है, मुझे घर आना है.”

”हां, बेटा… मैं भी यही चाहती हूं कि तुम अपने घर ही आ जाओ. ऐसे समय मेरी आंखों के आगे रहो. पर तुम्हारे पापा बिलकुल सुन ही नहीं रहे.”

”और आप भी जानती हैं बुआ को. बस मीठी बोली बोल कर सामने वाले को बेवकूफ समझती हैं. जब भी उन से मिलने गया, इतना दिखावटी है उन के यहां सब. मुझे नहीं रहना उन के यहां. मम्मी, कुछ करो न.”

और जिद्दी पति के सामने रीना की एक न चली. सब बंद होता गया और उसे अंजू के घर ही आना पड़ा. बात 1-2 दिनों की थी नहीं. यह किसी को भी नहीं पता था कि कब हालात सामान्य होंगें?

अंजू, उस के पति विनय और दोनों बच्चों ने उस का स्वागत दिल खोल कर किया. अर्जुन स्वभाव से सरल था इसलिए शांत सा रहता. कुछ दिन तो उसे कोई दिक्कत नहीं हुई, पर जब अंजू की कामवाली भी छुट्टी पर चली गई तो अब घर के कामधाम कौन संभाले? अब इस का बंटवारा होने लगा.

अंजू ने पूछा,” पहले यह बताओ कि बरतन कौन धोएगा?”

20 साल की पिंकी ने कहा,”मैं तो बिलकुल भी नहीं. मेरे हाथ खराब हो जाएंगे.”

15 साल के बबलू ने कहा,” मेरी तो औनलाइन क्लासेज हो सकती हैं और आप के सिंक भरभर के बरतन धोने में तो आप की कामवाली ही रो देती है. सौरी मम्मी, यह तो अपने बस का नहीं.”

विनय ने सफाई दी,” बरतन धोने में तो मेरी कमर भी चली जाएगी.”

अंजू ने सब को घूरते हुए कहा,” तुम सब रहने दो, बस बहाने बना रहे हो. मैं तुम लोगों से कहूंगी ही नहीं. मेरा अर्जुन धो लेगा. यही मेरा बेटा है. क्यों अर्जुन?”

अर्जुन ने इतना ही कहा,”ठीक है बुआ धो लूंगा.”

अंजू ने फिर पूछा,” कुकिंग में हैल्प कौन करेगा?”

सब चुप रहे. तब अंजू ने कहा,” मुझे तो तुम लोगों से उम्मीद ही नहीं. तुम लोगों पर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है. ठीक है, मैं देख लूंगी. पिंकी तुम्हें साफसफाई करनी पड़ेगी और बबलू , सूखे कपङे तुम ही तह करोगे. मेरा अर्जुन मेरी हैल्प करेगा. बस, मुझे तुम लोगों को कुछ कहना ही नहीं.”

*लौकडाउन बढ़ता जा रहा था और इस के साथ ही अर्जुन मन ही मन टूटता भी जा रहा था. बुआ कहने को तो बहुत प्यार से पेश आतीं, पर वह उन की चालाकियों को समझ रहा था. पिंकी, बबलू उस के आगेपीछे घूमते. विनय उस के साथ बातें करते रहते. देखने में सब सामान्य लगता पर अर्जुन भी कोई बच्चा तो था नहीं, बुआ की मीठीमीठी बातों का मतलब इतने लंबे समय में अच्छी तरह समझ चुका था. उसे अपने पापा के लिए मन में बहुत नाराजगी थी. बेटा के आगे पिता ने पैसा को ज्यादा महत्त्व दिया था, बजाय इस के कि वह घर पहुंच जाए. उन्हें अपनी इस बहन का स्वभाव भी अच्छी तरह पता था.

पिता आर्थिक रूप से समृद्ध थे. ऐसा नहीं कि उस का इस समय जाने का खर्च वे सहन न कर पाते, पर बेकार की उन की सनक के कारण आज वह बुआ का एक ऐसा नौकर बन कर रह गया है, जो उन के किसी भी काम को मना नहीं कर पाता है. अब तो न कहीं जा ही सकता.

घर  से निकले लगभग 2 महीने हो गए थे. बाहर से आया सामान वही सैनिटाइज करता है. कोई उस सामान को तभी हाथ लगाता है जब वह साफ कर देता है. उस की लाइफ की ही कोई वैल्यू नहीं है.

बुआ का कहना है कि वही अच्छी तरह से सैनिटाइज करता है बाकि सब तो लापरवाह हैं. बुआ के उस से काम करवाने के स्टाइल पर अब अर्जुन को मन ही मन हंसी भी आ जाती है.

अर्जुन को अपनी मम्मी पर भी बहुत गुस्सा आता है कि क्यों उन्होंने अपने मन की बात पापा के सामने नहीं रखी? क्यों वे अपनी बात पापा से मनवा नहीं पातीं?

मम्मी जब भी उस से फोन पर बात करती हैं,  बुआ आसपास ही रहती हैं, फिर वह व्हाट्सऐप पर उन्हें अपनी हालत बताता है और फिर बाद में चैट डिलीट कर देता है, क्योंकि पिंकी, बबलू , कभी भी उस का फोन छेड़ते रहते हैं.

कभीकभी उसे लगता है कि पिंकी, बबलू को भी कहीं उस का फोन चेक करते रहने की ट्रैनिंग तो नहीं दे डाली बुआ ने?

उस ने एक बार मना भी किया था कि मेरा फोन मत छेड़ो, पर उस के इतना कहते ही बच्चों ने शोर मचा दिया था कि भैया ने डांटा. उसे फौरन बात संभालनी पड़ी थी.

अर्जुन अपने से 3 साल छोटी बहन अंजलि के टच में लगातार रहता. वह एक बार मुंबई घूमने आई थी. उसे बुआ के घर 4-5 दिन रहना पड़ा था. वापस घर लौट कर उस ने सब के सामने कान पकडे थे. कहा था,”मैं तो कभी बुआ के घर नहीं जाउंगी. मीठा बोल कर काम में ही जोत कर रखती हैं. क्या बताऊं, बैठने ही नहीं देतीं. मेरी बेटी, मेरी बेटी… कह कर कितना काम करवा लिया. पापा, आप की बहन है या कोई मीठी छुरी?”

इस नाम पर वह खूब हंसा था. जब से अर्जुन यहां फंसा है अंजलि उस से बुआ के हाल मीठी छुरी कह कर ही लेती है. वह उसे सब बताता है कि अंजलि भाई के लिए दुखी है. कहां उसे आदत है घर के काम करने की? कामचोर नहीं है अर्जुन, पर इतना भी समझ रहा है कि पिता और बुआ के बीच पिस गया है वह. पिता से तो वह अब कोई बात ही नहीं कर रहा है.

कभी वह भी देर से उठता है और इस बीच दिनेश का फोन आ जाए तो बुआ उन से ऐसे बात करती हैं कि जैसे वह इतना आराम कर रहा है और वे यही चाहती हैं कि बस वह यों ही उन के घर रहे. वह तो बाद में उसे अंजलि से पता चलता है जब पापा बताते हैं कि देखो, क्या ठाठ से रख रही है मेरी बहन उसे. आजकल के बच्चे तो यों ही उस के पीछे पड़े रहते हैं,”और वह यह सुन कर कुढ़ कर रह जाता है.

एक दिन तो उसे शरारत सूझी. उस ने बबलू से कहा,”मेरा वीडियो बनाओगे जब मैं बरतन धोऊंगा?”

बबलू ने पूछा,” क्यों भैया?”

”अपने दोस्तों को दिखाऊंगा. वे भी भेजते हैं मुझे ऐसे वीडियो.”

बबलू ने यह बात मम्मी यानी उस की बुआ को बता दी. और फिर वीडियो तो बनना ही नहीं था.

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यह लौकडाउन उसे बहुत भारी पड़ा है. उसे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि उस के पिता ने उस की बात नहीं मानी. उस की जमा हुई फीस खतरे में थी, इसलिए पापा ने उसे न बुला कर अपने कुछ पैसे बचा लिए?क्यों वे किसी की बात नहीं सुनते? कितना दर्द दिया है उन्होंने उसे? शरीर से भी थक चुका है वह और मन से भी. पता नहीं कितने दिन और ऐसे…

अर्जुन की आंखों से आंसू बह कर गालों तक आ गए, मगर उस ने झट से आंसू पोंछ लिए क्योंकि बुआ आवाज जो लगा रही थीं.

पॉलिसी में पर्यावरण की अहमियत सबसे ऊपर होने की जरुरत – भारती चतुर्वेदी

लॉक डाउन की वजह से लोगों को समस्याएं तो बहुत आई, लेकिन पर्यावरण को साफ़ होने में इससे काफी हद तक मदद मिली, इस काम के लिए सरकारों ने करोड़ों रुपये बजट में हर साल गवाएं, पर वे इस मुहिम में सफल नहीं हो सकें. लॉक डाउन ने इसे सफल कर दिखाया है. सड़कों पर वाहनों और फैक्ट्रियों के न चलने से धूएँ कम हुएं, निर्माण काम कम होने से धूल का कम होना और विषैले पदार्थो के जलाशयों में न फेकें जाने की वजह से वातावरण ने राहत की सांस ली है. जीव जंतु जो सालों से अपनी आज़ादी को भूल चुके थे वे इस माहौल में खुश होकर अपनी आज़ादी का भरपूर फायदा उठा रहे है. जानकारों की माने तो सल्फर डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि के स्तर में भी काफी गिरावट आई है. ये सही है कि पिछले 4 दशक से व्यक्ति जीवन की आपाधापी में पर्यावरण का ख्याल रखना भूल चुका था, जिसे कोरोना वायरस ने याद दिलाया. पूरे विश्व में वैज्ञानिक भी इसी विषय पर लगातार काम कर रहे है, क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण से केवल मानव ही नहीं, बल्कि पूरे सृष्टि को खतरा है.

डिस्कवरी चैनल पर द वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर ‘द स्टोरी ऑफ़ प्लास्टिक में प्लास्टिक्स की बढते प्रयोग की वजह से केवल धरती ही नहीं, बल्कि जन्तु जानवर भी खतरे में है. इस बारें में एनवायरनमेंटलिस्ट भारती चतुर्वेदी से बात हुई, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-स्टोरी ऑफ़ प्लास्टिक क्या बताने की कोशिश कर रही है?

प्लास्टिक की पहले और बाद की कहानी दोनों ही भयानक है. जिस आयल से प्रोसेस के बाद प्लास्टिक निकलता है, उसको धरती में गलाना बहुत मुश्किल होता है इसलिए वह धरती के लिए हानिकारक होती है. अम्फान साइक्लोन भी इसी का एक रूप है, जिससे इतनी तबाही हुई है. ध्यान न रखने पर आगे ऐसी कई तबाही होने का डर है, इसलिए हमारी पृथ्वी को बचाना बहुत जरुरी है.

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सवाल-प्लास्टिक हमारी जिंदगी में शामिल हो चुकी है, लोग इसे छोड़ने में असमर्थ है, ऐसे में किस तरह की प्लास्टिक्स का प्रयोग करना सही होता है

ये सही है कि लोगों को प्लास्टिक की आदत पड़ चुकी है लोग छोड़ नहीं सकते है, लेकिन ये भी जानना जरुरी है कि पब्लिक की मांग के आधार पर चीजे बनायीं जाती है. मैं चाहती हूं कि ऐसी चीजे मार्केट में लायी जाय, जो कैरी करने में आसान हो और बहुत दिनों तक चले, अधिक दिनों तक कोई भी चीज चलने पर लोग उसकी मांग कम करेंगे. इसके अलावा चॉइस कम होने चाहिए, जो प्लास्टिक की सामान सही पैमाने के आधार पर बनती हो, उसे ही मार्केट में लाने की इजाजत मिलनी चाहिए. आजकल सूती कपडे बाज़ार में अधिक नहीं मिलते. पोलिएस्टर के कपडे अधिक बिकते है, जो देखने में आकर्षक होते है, जिसे लोग खरीदते और पहनते है. इस बारें में सरकार को भी सोचने की जरुरत है. इसके अलावा कबाड़ी वाले ही अधिकतर प्लास्टिक उठाते है उनके बगैर ये काम नहीं हो सकता. इसलिए इकट्ठा किये गए कबाड़ी के प्लास्टिक को रखने के लिए जगह देना, उनके लिए पहचान पत्र बनाना, उनके काम का सही दाम देना और जमा किये गए प्लास्टिक का सही तरह से रिसायकिल करना जरुरी है. इस दिशा में बहुत अधिक काम करने की आवश्यकता है.

सवाल-लॉक डाउन से हमारी पृथ्वी काफी हद तक प्रदूषण रहित हो चुकी है, इस बारें में आप क्या सोचती है? कैसे प्रदूषण को बिना लॉक डाउन के भी कम किया जा सकता है?

प्रकृति  के खपत को कम करने की जरुरत है. नदियाँ कब तक लोगों का साथ दे सकेगी,पता नहीं. यही वजह है कि नदियों ने या तो अपना रास्ता बदल दिया है या सूख चुकी है. नदियों में अभी भी कुछ जगहों पर फैक्टरियां गंदे पानी डाल रही है. लोगों को अपनी जरूरतों को स्टैण्डर्ड और कम मात्रा में करने की जरुरत है. बायोडिग्रेडेबल सामान अधिक उपयोग में लायी जानी चाहिए. इसके अलावा माइंड सेट को बदलना, कुछ समय के लिए पहाड़ों पर जाकर भीड़भाड़ से दूर समय बिताना, ताकि शहरों पर प्रदूषण का भार कम हो, ये सबकुछ करने की जरुरत है.

सवाल-आपकी संस्था चिन्तन एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड एक्शन ग्रुप पर्यावरण के क्षेत्र में क्या कर रही है?

ये हर तरह के पर्यावरण से जुड़े काम करती है. दिल्ली में मेरी संस्था प्लास्टिक पर बहुत अच्छा काम कर रही है. कूड़े वालों के साथ मिलकर हमने एक एक सर्विस शुरू की है, जिसके तहत फ़ोन करने पर प्लास्टिक उठाकर ले जाया जाता है और उसका रिसायकिल किया जाता है. इसके अलावा हिमालय पर प्लास्टिक कम हो उसके लिए लोगों को जागरूक करना, घर से निकले कूड़े का खाद बनाने के तरीके को बताने की कोशिश करना आदि कई काम किये जाते है.

सवाल-इस काम में समस्या क्या आती है?

सबसे बड़ी समस्या किसी भी सरकार का पर्यावरण से सम्बंधित निर्णय लेने से है. उसे अमल करने से पहले ही वे कम्प्रोमाइज कर लेती है. पिछले कई सालों से मैंने देखा है और बहुत ख़राब लगता है. साल 2015 में चेन्नई में फ्लड आने की वजह जंगलों को काटकर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स बनाये जाने से था. अभी जंगल काटने का समय चला गया है. जंगल और नदियों को हमें बचाने की आवश्यकता है, क्योंकि ये रीन्यू नहीं हो सकता. जंगल काटकर हाईवे बनाना या कुछ और विकास करना सही नहीं है.  पॉलिसी में पर्यावरण की अहमियत सबसे ऊपर होने की जरुरत है.

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सवाल-इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली? परिवार का सहयोग कितना रहा?

मुझे बचपन से पेड़, पक्षी, जानवरों से बहुत लगाव था. मुझे इसी क्षेत्र में काम करने की इच्छा थी, ताकि इन्हें सुरक्षित रखने में मेरा भी हाथ हो. दिल्ली में मैं बड़ी हुई हूं, मैंने भोपाल गैस ट्रेजिडी को देखा है. गरीब और गरीबी को नजदीक से महसूस किया है. मैं पर्यावरण और गरीबी के ऊपर काम करना चाहती थी. मैंने पर्यावरण से जुड़े विषयों पर पढाई भी की है. ये बहुत ही सुंदर काम है. परिवार का सहयोग है, पर न भी होता तो भी मुझे यही करना था और करती रहूंगी.

सवाल-वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर क्या मेसेज देना चाहती है?

सभी को अपनी जरुरत के अनुसार प्रयोग किये जाने वाले सामान खरीदने की जरुरत है. जितना कम सामान आप नियमित प्रयोग में लायेंगे, उतना ही हमारा पर्यावरण क्षति होने से बचेगा. इसकी प्रतिज्ञा सबको करने की जरुरत है.

शिवांगी जोशी ने निभाया ‘बेटी’ होने का फर्ज, ऐसे की ऑनस्क्रीन पिता की मदद

कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बढ़ने के चलते लॉकडाउन भी बढ़ता जा रहा है, जिसका असर कईं लोगों की आजीविका पर पर पड़ रहा है. कुछ टीवी सितारों ने आर्थिक तंगी के चलते जहां सुसाइड कर लिया था. वहीं कुछ सितारों ने अपनी आर्थिक तंगी के चलते खराब हालत का दर्दे दिल सोशल मीडिया पर बयां किया है. हाल ही में ‘बेगुसराय’ फेम राजेश करीर ने आर्थिक तंगी के कारण लोगों से मदद मांगी थी. वहीं अब उनकी कोस्टार रह चुकीं ये रिश्ता क्या कहलाता है फेम एक्ट्रेस शिवांगी जोशी आगे आई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

 ऐसे की शिवांगी जोशी ने मदद

राजेश करीर ने सीरियल ‘बेगुसराय’ (Begusarai) में शिवांगी जोशी के पिता का रोल अदा किया था और जैसे ही एक्ट्रेस को उनकी हालत की भनक लगी वो तुरंत मदद के लिए सामने आई हैं. खबरों के मुताबिक, शिवांगी जोशी ने राजेश करीर के बैंक अकाउंट में कुछ पैसे भिजवाए हैं. शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) ने राजेश करीर (Rajesh Kareer) के अकाउंट में कुल 10 हजार रुपए भिजवाए हैं. राजेश करीर ने इस बारे में बात करते हुए कहा है कि, ‘मैं बहुत खुश हूं. सेट पर हमारा एक-दूसरे से इतना मिलना-जुलना नहीं होता था, लेकिन फिर भी जिस तरह से इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने मेरी मदद की है, मेरे लिए ये बहुत मायने रखता है.’

 

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राजेश करीर ने किया शिवांगी का शुक्रिया

राजेश करीर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि, ‘सिर्फ शिवांगी जोशी ही नहीं बल्कि कल से मुझे कई लोगों ने कॉन्टेक्ट किया है और मेरे अकाउंट में कुछ पैसे भिजवाए है.’ इसी के साथ ही राजेश करीर ने मीडिया का भी शुक्रिया अदा किया है.

 

बता दें, हाल ही में राजेश करीर ने सोशलमीडिया के जरिए एक वीडियो में कहा था कि वो अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं और काफी लम्बे से खाली हैं. वहीं लॉकडाउन के चलते उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. वो जिंदगी से हारना नहीं चाहते हैं और इस वजह से ना चाहकर भी उन्हें लोगों से मदद मांगनी पड़ रही है. इसी के साथ राजेश करीर ने यह भी कहा था कि वह अपने घरवालों के साथ अपने होमटाउन वापस जाना चाहते हैं.

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5 टिप्स: कूल रहने के लिए ये प्रिंट ड्रैसेज फैशन करें ट्राय

स्ट्रीट स्टाइल हो या रनवे फैशन, कौलेज में मस्ती करते यूथ हो या पार्टी करने वाले लोग फैशन हर किसी के लिए मायने रखता है. ट्रैंडिंग कलर्स के साथ-साथ इस सीजन बहुत से प्रिंट्स और पैटर्न्स में बदलाव आए हैं, जिन्हें आप इस समर अपना सकते हैं. प्रिंट औन प्रिंट (मिक्स्ड पैटर्न आउटफिट्स) ट्रैंड में हैं. जिसे आप इस समर ट्राई कर सकते हैं. ये स्टाइलिश के साथ-साथ कम्फरटेबल भी हैं.

स्ट्रिप्ड लाइनर और वर्टिकल प्रिंट्स करें ट्राई

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ट्रैंडिंग कौंबिनेशन है. फैशनेबल फौर्मल औप्शन के लिए आप इन्हें कई तरह से ट्राई कर सकते हैं. पैंटसूट्स, जंपसूट्स, पैंसिल स्कर्ट वर्टिकल डिजाइन वाले कपड़ों के तौर पर पहन सकते हैं. ये कपड़े काफी स्टाइलिश लगते हैं.

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एब्सटै्रक्ट प्रिंट्स करें ट्राई

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एब्सट्रैक्ट प्रिंट्स बहुत ही क्रिएटिव औप्शंस में से एक हैं. इन्हें बेसिक मोनोटोन के साथ पेयरिंग कर के पहना जा सकता है. इन्हें फ्लेयर्ड स्कर्ट्स, बोहो लुक्स के रूप में भी कैरी कर सकते हैं.

ट्राइबल प्रिंट्स करें ट्राई

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ट्राइबल प्रिंट काफी समय से फैशनेबल प्रिंट रहे हैं. प्रिंट औन प्रिंट ट्रैंड के साथ इन्हें लूज प्रिंटेड जंपसूट्स, बेसिक बीच ड्रैसेज के साथ पेयर्ड किया जा सकता है.

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एनिमल प्रिंट फैशन है परफेक्ट

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एनिमल प्रिंट क्लोथिंग ऐसे गारमैंट्स हैं जो जानवरों के स्किन के पैटर्न वाले होते हैं. फैशन की दुनिया में एनिमल प्रिंट हमेशा से ही लोकप्रिय रहे हैं. एनिमल प्रिंट हर सीजन में नए ट्रैंड के साथ आता है. इन्हें आप किसी भी मौसम में पहन सकते हैं. प्रिंट औन प्रिंट ट्रैंड इस पर फबते हैं.

बोहो प्रिंट करें ट्राई

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बोहो फैशन 70 से 80 के दशक का फेमस ट्रैंड है, जो हिप्पी फैशन से इंस्पायर है. मगर आजकल यह काफी अलग रूप में लौटा है. अब का फैशन स्ट्रीट्स में बोहो फैशन एक कैजुअल स्टाइल स्टेटमैंट माना जाता है. कालेजगोइंग यंगस्टर्स ने बोहो फैशन को अपने स्टाइल में अपनाया है. ऐसी ड्रैसेज काफी कूल और कंफर्टेबल होने के साथ फैशनेबल भी होती हैं.

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कंप्यूटर व फोन से जुड़ी 20 व्यावहारिक बातें

ऐसी कितनी ही चीजें हैं जिन की जानकारी के अभाव में हम बाकी सभी से खुद को एक कदम पीछे पाते हैं. निम्नलिखित कुछ ऐसी ही व्यावहारिक बातें है जो आप के फोन व कंप्यूटर इस्तेमाल करने के अनुभव को अवश्य ही पहले से कुछ बेहतर बना देंगी.

1. किसी व्यक्ति से औनलाइन प्लैटफौर्म पर बहस करने से बचें. लोग औनलाइन बहस में अपनी बात को अधिक जोर दे कर कहते हैं व आक्रामक होते हैं. इस से केवल आप का समय ही बर्बाद होगा.

2. यदि आप की जान पहचान के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है व आप उस के करीबी दोस्त या परिवार के सदस्य नहीं हैं, तो सोशल मीडिया पर उन की मृत्यु की जानकारी देने वाले पहले व्यक्ति न बनें.

3. यदि आप सोशल मीडिया पर कोई लंबी बात या कहानी लिखना चाहते हैं तो उसे पैराग्राफ में लिखें. अधिकतर लोग इतने लंबे टेक्स्ट नहीं पढ़ते और आप की कहानी किसी का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाएगी.

4. कम्प्युटर पर गलत लाइन को ठीक करने के लिए एकएक अक्षर को बारबार बैकस्पेस दबा कर मिटाने के बजाए कंट्रोल+बैकस्पेस दबा कर एक बार में पूरे शब्द मिटाएं.

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5. कुछ नया शुरू करने से पहले गूगल पर “थिंग्स आई विश आई नियू वेन आई स्टारटेड x (जो भी आप शुरू कर रहे हैं)” टाइप करें. इस से आप को अनेक जानकारियां व लोगों के अनुभव पता चलेंगे.

6. किसी भी नए सोफ्टवेयर, उपकरण या प्रौडक्ट को खरीदने से पहले गूगल पर उस से जुड़ी परेशानियां व उस की कमियों की जांच करें. लोगों के नेगेटिव या पौजिटिव रिव्यू पढ़ कर आप प्रौडक्ट की क्वालिटी के बारे में जान जाएंगे.

7. ईमेल लिखते समय उस के प्राप्तकर्ता का नाम हमेशा आखिर में लिखें. इस से आप पूरा मेल टाइप होने से पहले उसे गलती से भेजने से बच जाएंगे.

8. सुबह उठते ही सब से पहले अपना फोन चेक करने की बजाए कुछ प्रौडक्टिव करने से दिन की शुरुआत करें, जैसे पुशअप करना या कमरा साफ करना आदि. फोन देखने से हुई शुरुआत आप के पूरे दिन को प्रभावित करती है और आप का दिन यूट्यूब, रेडिट या ट्विटर के ग्राटिफिकेशन मोड में ही उलझ कर रह सकता है.

9. सामान्य रूप से किसी को सुबह 9 बजे से पहले और रात 9 बजे के बाद कौल नहीं करना चाहिए.

10. अगर आप के सिस्टम में माइक्रोसोफ्ट औफिस नहीं है तो आप उसे गूगल डौक्स की मदद से भी खोल सकते हैं.

11. किसी विडियो को रोकने के लिए कीबोर्ड पर ‘K’ दबाएं, 10 सेकंड पहले करने के लिए ‘J’ और 10 सेकंड आगे बढ़ाने के लिए ‘L’ दबाएं.

12. गूगल सर्च बार पर किसी वेबसाइट का नाम लिख कर Cntl+K दबाएं, इस से www. और अंत में .com औटोमैटिकली लग जाएगा.

13. इंस्टाग्राम पर चुनिंदा हैशटैग्स का ही इस्तेमाल करें, 25 से ज्यादा हैशटैग्स पर इंस्टाग्राम आप के पोस्ट को स्पैम की कैटेगरी में डाल सकता है व पोस्ट के एक्सपोजर को बाधित कर सकता है.

14. फेस्बुक पोस्ट्स की ही तरह आप अपने ट्वीट्स को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं. अपने ट्विटर अकाउंट पर सेटिंग्स में जा कर प्राइवेसी में ‘प्रोटेक्ट योर ट्वीट्स’ औप्शन पर क्लिक कीजिए. इस से केवल वही लोग आप के ट्वीट्स देख पाएंगे जो आप को फौलो कर रहे हैं.

15. औफिस में यदि पर्सनल कौल अटैंड करनी हो तो उन्हें हमेशा अपने डेस्क या वर्कस्पेस से दूर जा कर करें, जिस से कोई और उस से प्रभावित न हो. औफिस में पर्सनल कौल्स पर बात कम से कम समय के लिए ही करनी चाहिए.

16. इंपोर्टेंट मीटिंग्स में अपने फोन को ले कर न जाएं या उन्हें टेबल पर न रखें. इस से सामने मौजूद व्यक्ति को यह लग सकता है कि आप का फोन मीटिंग से अधिक आवश्यक है और आप का ध्यान अपने फोन पर है.

17. अगर आप किसी से चैटिंग जारी रखना चाहते हैं तो ‘ओके’ या ‘हम्म’ जैसे चैट किलर्स की बजाए 2 या 3 शब्दों के मैसेज भेजें, जैसे ‘हां मैं भी यही सोच रहा था’ या ‘यह सही कहा तुम ने’ आदि.

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18. यदि आप उन लोगों में से नहीं हैं जो व्हाट्सऐप पर किसी के मैसेज आते ही उस का रिप्लाई करना चाहते हों, लेकिन आप में यह जानने की भी उत्सुकता हो कि आखिर मैसेज क्या है, तो इस के लिए आप को अपने रीड रिसीट्स औफ करने की जरूरत है. सेटिंग्स में जा का रीड रिसीट्स को औफ कर देने से आप के सीन किए मैसेज पर ब्लू टिक्स नहीं आएंगे.

19. यदि व्हाट्सऐप पर सामने वाले व्यक्ति के रीड रिसीट्स औफ हों और आप देखना चाहें कि उस ने आप का मैसेज सीन किया है या नहीं तो अपने टेक्स्ट मैसेजेस के बीच में एक वौइस मैसेज भी भेज दें. वौइस मैसेज पर ब्लू टिक्स दिख जाते हैं.

20. यदि आप अपने बौस द्वारा कोई कौल मिस कर देते हैं तो कौल बैक करने से पहले अपना मेल चेक कर लें. हो सकता है वे भेजे गए मेल के संबंध में बात करना चाहते हों.

आपके चेहरे की झाइयों को दूर करेंगे ये अचूक उपाय

ख़ूबूसूरत और बेदाग़ त्वचा की चाहत हर किसी को होती है . महिलाएं हर उम्र में खूबसूरत दिखना चाहती हैं .लेकिन आजकल गलत लाइफस्टाइल, तनाव या प्रदूषण के कारण महिलाएं कम उम्र में ब्यूटी प्रॉब्लम की शिकार हो रही हैं. इन्हीं में से एक है पिगमेंटेशन यानी चेहरे पर झाइयां. झाइयां आपके चेहरे पर काले दाग़ या धब्बों जैसी ही दिखती हैं. जो आपके चेहरे की ख़ूबसूरती को कम कर देती है. इसके लिए महिलाएं कई तरीके अपनाती रहती हैं. महिलाएं चेहरे के दाग व झाइयों को छुपाने के लिए मेकअप का सहारा लेती हैं पर ये तो वो भी जानती है कि मेकअप झाइयों का स्थायी इलाज नहीं है.

दोस्तों इस समस्या की सबसे बड़ी वजह है शरीर में मेलनिन की मात्रा का अधिक होना. लनिन से त्वचा,बाल और आँखों को अपना रंग मिलता है. आप जैसे ही धूप के संपर्क में आते है मेलेनोसाइट्स कोशिकाएं ज्यादा मेलनिन बनाना शुरू कर देती हैं और अगर स्किन में अधिक मेलनिन हो जाये तो आपकी त्वचा पर झाइयाँ होने लगती है. दोस्तों इनके अलावा भी झाइयाँ पड़ने के और भी कारण हो सकते है .आइये जानते है.

1-सेंसिटिव स्किन वाली महिलाओं में झाइयों की समस्या अधिक पायी जाती है.

2-प्रेग्नेंसी के बाद इसकी समस्या अधिक दिखाई देती हैं, जिसका कारण पोषक तत्वों की कमी है.

3- चेहरे पर झाइयां पड़ने का एक कारण मुंहासे भी है. इसके कारण चेहरे पर निशान पड़ जाते हैं, जो धीरे-धीरे झाइयां का रूप लेते हैं.

4- जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का अधिक सेवन करती हैं उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

चेहरे पर झाइयां के कारण तो आप जान गए हैं. चलिए अब जानते है झाइयां हटाने के घरेलू उपाय के बारे में-

झाइयां हटाने के लिए घरेलू उपाय –

1. जौ का आटा

झाइयों से छुटकारा पाने के लिए आप जौ के आटे में दही, लेमन जूस और मिंट जूस मिलाकर चेहरे पर 2-3 मिनट तक मलें. इसके 5 मिनट बाद चेहरे को धों ले. इससे आपकी झाइयों की समस्या दूर हो जाएगी.

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2- सेब का सिरका

सेब का सिरका स्किन पिगमेंटेशन को ठीक करने में सहायक भूमिका निभाता है. इसमें मैलिक और लैक्टिक एसिड पाए जाते हैं. इन एसिड की वजह से सेब का सिरका त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के साथ ही स्किन पर पड़ने वाली झाइयों को दूर कर सकता है.

2 चम्मच सेब का सिरका और 2 चम्मच पानी मिक्स करके प्रभावित जगह पर 5 मिनट के लिए लगाएं और फिर ताजे पानी से चेहरा साफ करें. ये झाइयों की समस्या को खत्म करने में मदद करता हैं.ये प्रक्रिया आप हफ्ते में 3 से 4 बार कर सकते है.

3- खीरा,शहद और नींबू के जूस का लेप

1 टीस्पून खीरे का जूस ,1 टीस्पून शहद और 1 टीस्पून नींबू का जूस का मिक्स करके चेहरे पर 10-12 मिनट तक लगाएं. इसके बाद चेहरे पर पानी लगाकर हल्के हाथों से इसे साफ कर लें. यह काले धब्बों को दूर करने के साथ चेहरा का निखार भी बरकरार रखेगा.

4- झाइयों का आयुर्वेदिक इलाज कच्चा आलू

ये तो हम जानते हैं की मेलनिन की मात्रा शरीर में बढ़ने से झाइयों की समस्या उत्पन्न होती है. झाइंयों व काले धब्बों जैसे निशानों पर आलू काफी प्रभावशाली काम करता है. आलू में कैटकोलेस एंजाइम होता है, जो मेलेनोसाइट्स को नियंत्रित करता हैं.

सबसे पहले आलू छीलकर उसकी 1 स्लाइस काट लें. एक बर्तन में थोड़ी छाछ लेकर उसमे यह स्लाइस डुबोकर झाई पर रगड़ें. लगातार 5 मिनट तक मालिश करते रहें. हफ्ते में 3 बार यह उपाय करें .

5- ग्रीन टी

ग्रीन टी के फायदे में healthy स्किन भी शामिल है. जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि अधिक मात्रा में मेलानिन का बनना झाइयों का कारण हो सकता है. ग्रीन टी इसी मेलानिन के उत्पादन को नियंत्रित कर सकता है. इसी वजह से माना जाता है कि ग्रीन टी का उपयोग झाइयों को दूर करने में भी किया जा सकता है.

6- कच्चा पपीता

कच्चे पपीते को छिलके के समेत पीस कर उसका रस निकाल लें. अब इस रस को चेहरे पर लगाएं. आप चाहे तो इसे काटकर इसकी एक स्लाइस को चेहरे पर रगड़ भी सकते हैं.रोजाना 5 मिनट के लिए पपीता लगाने से झाइया कम होने लगेंगी.

7- हल्दी पाउडर और नींबू का रस

1 चम्मच हल्दी पाउडर और नींबू के रस को मिलाकर करीब 15 मिनट तक चेहरे पर लगाएं. फिर गुनगुने पानी से इसे साफ कर लें. इस मिश्रण को रात को सोने से पहले पूरे दिन में एक बार जरूर लगाएं.

8- तुलसी के पत्ते और नींबू का रस

तुलसी के पत्‍तों को नींबू के रस में थोड़ी देर के लिये भिगोइये और उसे चेहरे पर रखिये. इससे काले घेरे भी गायब होगे और पिगमेंटेशन भी.

9-लाल प्याज

प्याज में सल्फर होता है जो हर तरह के दाग मिटाने में गुणकारी होता है. लाल प्याज का पेस्ट बनाकर चेहरे पर झाई वाली जगह पर लगाएं. चाहें तो आप प्याज की स्लाइज काटकर भी चेहरे पर मल सकते है पर पेस्ट ज्यादा असरदार होता है.

10-टमाटर

टमाटर में मौजूद लाइकोपीन (lycopene) फोटो डैमेज से बचाव कर सकता है, जो uv rays (सूर्य की हानिकारक किरणों) की वजह से होता है . टमाटर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट त्वचा की किसी भी तरह की समस्या को दूर करने की क्षमता रखता है.
एक पका टमाटर लें और इसे पीसकर महीन पेस्ट बनाएं. अब इस पेस्ट से 2 से 3 मिनट तक चेहरे की मालिश करें. फिर इसे 15 मिनट के लिए छोड़कर दोबारा हल्के हाथों से मालिश करें. इसके बाद सादे पानी से धो लें.

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11-हल्दी और चन्दन का पेस्ट

चंदन में अल्फा-सैंटालोल होता है, जो मेलानिन की अधिकता होने से रोकता है. इसी वजह से माना जाता है कि चंदन दाग-धब्बे दूर करने के साथ ही झाइयों को कम करने में भी मदद कर सकता है. हल्दी और चंदन का इस्तेमाल सदियों से चेहरे की देखभाल के लिए किया जाता रहा है.

एक इंच ताज़ा हल्दी की जड़ लें और इसे पीसकर पेस्ट बनाएं. अब चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर इसका पेस्ट तैयार करें. अब हल्दी के पेस्ट को 2 चम्मच चन्दन के पेस्ट के साथ मिश्रित करें और इसे अपनी त्वचा पर लगाएं. इसे पूरी तरह सूखने दें और फिर धीरे धीरे 2 मिनट तक मालिश करके चेहरे से इसे हटा लें. इसके बाद इसे पानी से धो लें.

#lockdown: डिजिटल स्क्रीन का बढ़ा इस्तेमाल, रखें अपनी आंखों का ख्याल

कोरोना काल में अभी ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं. सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम है. मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान हमारे डिजिटल स्क्रीन के इस्तेमाल के घंटे भी काफी बढ़ गए हैं. हर काम डिजिटली करना पड़ रहा है. भले ही वह मीटिंग हो कम्युनिकेशन हो या फिर दूसरे काम. आजकल तो बच्चों की पढ़ाई भी वर्चुअल ही हो रही है. ऐसे में लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर पर आंखें गड़ाए रखना आप की आंखों पर भारी पड़ सकता है.

ड्राई आंखें, आंखों से पानी आना, आंखों में लाली, दूर का दिखाई न देना, धुंधला दिखना, आंखों में जलन आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

आंखों को डिजिटल स्क्रीन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, इस संदर्भ में सेंटर फॉर साइट के डायरेक्टर डॉ महिपाल सिंह सचदेव बताते हैं;

1. पलकों को झपकाते रहें

जब हम लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते हैं तो हमारा सारा ध्यान उसी पर होता है. इस कारण देर तक हम पलकें झपकाना भूल जाते हैं. इस से आंखों पर जोर पड़ता है. पलकों को जल्दीजल्दी झपकाने से आंखों पर ज्यादा तनाव नहीं पड़ता है.

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2. स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें

अक्सर लोग स्क्रीन की ब्राइटनेस बढ़ा कर रखते हैं जिस से आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है. अधिक ब्राइटनेस के कारण आंखों में दर्द, जलन और लाली की समस्याएं पैदा होती हैं. आंखों को सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस को बैलेंस मोड में रखें. इस के अलावा यदि आप डिस्प्ले को पावर सेविंग मोड में रखते हैं तो इस से न सिर्फ आंखों को कम नुकसान पहुंचता है बल्कि डिवाइस की बैटरी भी लंबे समय तक चलती है.

3. एंटी ग्लेयर चश्मा लगाएं

डिजिटल स्क्रीन पर अधिक देर काम करना हो तो काम करते समय एंटीग्लेयर चश्मा लगा कर रखें. यह चश्मा आप की आंखों को स्क्रीन से निकलने वाली रेडिएशन से बचाता है.

4. आंखों के आराम का ख्याल

स्क्रीन पर लगातार काम करने से बचें. हर 20 मिनट में ब्रेक जरूर लें. स्क्रीन से कुछ देर के लिए नजरें हटा कर इधरउधर देखें या हौले से आंखें बंद कर लें. इस से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलेगा.

5. ठंडे पानी के छीटे मारें

काम के बाद आंखों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आंखों पर ठंडे पानी से छीटे मारें. इस से आंखों को ठंडक मिलती है और आंखों की थकावट और लाली दूर होती है.

6. अच्छी नींद जरूरी

लैपटॉप, मोबाइल या कंप्यूटर पर काम करते समय अक्सर लोगों को समय का ख्याल नहीं रहता. ऐसे में स्वस्थ रह कर काम किया जाए इस के लिए अच्छी और भरपूर नींद लेनी आवश्यक होती है. नींद पूरी न करने से आंखों की समस्याएं गंभीर होती जाती हैं. इसलिए 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.

7. आंखों का व्यायाम

काम के बीचबीच में आंखों का व्यायाम करते रहें. इस के लिए पहले अपनी बाईं ओर देखें फिर दाहिनी ओर देखें. इस के बाद ऊपर की ओर फिर नीचे की ओर देखें. इस व्यायाम को दिन में कम से कम 4 बार अवश्य करें.

8. कमरे की रौशनी को संतुलित रखें 

घर से काम करते समय अक्सर कुछ लोग छत पर तो कुछ अंधेरे कमरे में बैठकर आराम से काम करने को प्राथमिकता देते हैं. मगर याद रखें कि तेज़ धूप या खिड़कियों से आ रही तेज रौशनी से आंखों पर बुरा असर पड़ता है. इसी तरह अंधेरे कमरे में बैठकर काम करना भी नुकसानदेह है.
इसलिए कमरे में बैठे और कुछ पर्दों को गिरा कर रखें जिस से कमरे की रौशनी भी बनी रहे और आंखों को नुकसान भी न पहुंचे. इस के अलावा कमरे में बड़ी फ्लोरसेंट लाइट का उपयोग न करें.

9. कॉन्टेक्ट लेंस की जगह चश्मे का इस्तेमाल करें:

कोरोना के इस समय में काम करते वक्त कॉन्टेक्ट लेंस की जगह चश्मे का उपयोग बेहतर होगा. दरअसल चश्मा आंखों के बचाव के लिए एक अतिरिक्त प्रॉटेक्शन लेयर का काम करता है.

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10. पौष्टिक आहार:

आंखों की सेहत के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है. ऐसा भोजन लें जिस में विटामिन ए, विटामिन सी और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद हों. विटामिन ए से युक्त संतरे, पालक, धनिया की पत्ती, पुदीना, मेथी, कद्दू और गाजर आंखों के लिए पोषण प्रदान करने वाले आहार हैं. इन के अलावा विटामिन सी युक्त शिमला मिर्च, हरी मिर्च, अमरूद और आंवला तथा फोलिक एसिड युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, अखरोट आदि खाना लाभप्रद होता है.

11. घर पर रखें आवश्यक दवाएं 

लॉकडाउन में आंखों की किसी भी समस्या से संबंधित दवाइयों की कमी न हो इस के लिए घर में आई ड्रॉप और जरूरी दवाइयां पहले ही खरीद कर रख लें.

Bajrangi Bhaijaan की ‘मुन्नी’ का हुआ Transformation, Viral Photos

बौलीवुड फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम कर चुके सितारे कुछ ही सालों में इतनी बदल जाते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही कुछ साल 2015 में रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ (Bajrangi Bhaijaan) में मुन्नी के रोल में नजर आ चुकीं हर्षाली मल्होत्रा (Harshaali Malhotra) का है. सलमान की इस फिल्म ने जहां बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़े थे तो वहीं सलमान खान संग मुन्नी उर्फ हर्षाली मल्होत्रा (Harshaali Malhotra) की जोड़ी ने भी फैंस का दिल जीत लिया था. वहीं फिल्म रिलीज होने के 5 साल में हर्षाली इतनी बदल गई हैं कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल है.

लॉकडाउन में घर पर एन्जौय कर रही हैं हर्षाली

हर्षाली इन दिनों घर पर आइसोलेशन के दौरान वह पेटिंग्स बना रही हैं और अपने पालतू जानवर के साथ समय बिता रही है. वहीं बजरंगी भाईजान (Bajrangi Bhaijaan) की ये मुन्नी अब काफी मैच्योर हो चुकी है, लेकिन उनकी क्यूटनेस वैसी ही है.

 

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Celebrating my birthday at the time of lockdown with home made cakes by my mother and brother …

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ट्रेडिशनल ड्रेसेज पहनने का शौक रखती हैं हर्षाली

हर्षाली को वेस्टर्न आउटफिट्स के साथ-साथ ट्रेडिशनल ड्रेसेज पहनने का भी काफी शौक है. वह होली हो या दीवाली या फिर क्रिसमस हर एक त्योहार कोशिश करती हैं कि इंडियन ड्रेस पहनें.

कम उम्र में अवौर्ड्स के नाम कर चुकी हैं हर्षाली

 

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New year celebration.. Happy new year

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हर्षाली अभी 11 साल की ही है. वहीं हर्षाली ने कम उम्र में ही कई अवॉर्ड्स अपने नाम कर चुकी है और बजरंगी भाईजान से इससे पहले हर्षाली कुबूल है और लौट आओ त्रिशा में नजर आ चुकी है.

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बता दें, बजरंगी भाईजान (Bajrangi Bhaijaan) की मुन्नी यानी हर्षाली मल्होत्रा फोटोशूट करवाने का काफी शौक रखती हैं और समय मिलते ही वह अलग-अलग तरह की ड्रेसेज पहनकर खूब फोटोज क्लिक करवाती है. वहीं फैशन की बात करें तो हर्षाली जैसे-जैसे बड़ी हो रही हैं वैसे-वैसे वह काफी स्टाइलिश भी होती जा रही हैं, जिसके बाद यह देखना होगा कि वह दोबारा फिल्मी दुनिया में कदम रखेंगी.

आपकी पत्नी को ये बातें लग सकती हैं बुरी, इसलिये रखें खास ख्याल

पति –पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है खासतौर पर उस वक्त जब आपकी नई-नई शादी हुई हो और आपको एक-दूसरे को वक्त देना ज्यादा जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपने अपना रिश्ता उस वक्त नहीं संभाला तो आने वाने समय में आपको बहुत सारी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है इसलिए कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका खास खयाल आपको रखना चाहिए.

जब आपकी शादी होती है तो सब कुछ नया होता है ऐसे में एक पति को पत्नी को ज्यादा वक्त देना चाहिए ये नहीं की आप बस अपने में मस्त हैं. दिन-भर बस फोन पर लगे हुए हैं.क्योंकि पत्नी जो की आपकी जीवन संगिनी है उसको सिर्फ आपका प्यार औऱ वक्त के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए होता है.यदि आप वक्त नहीं देंगे तो ये आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा.

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अक्सर ऐसा होता है जब पति की गर्लफ्रैंड रही होगी शादी से पहले लेकिन जब आपकी शादी हो चुकी है और आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं तो आपको पिछले रिश्ते से ज्यादा अपनी पत्नी को अहमियत देनी होगी यदि आप ऐसा नहीं करेंगे औऱ अभी भी अपनी गर्लफ्रैंड से वैसे ही बात करेंगे आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेंगे तो आपको दिक्कत हो सकती है.क्योंकि एक पत्नी कुछ भी बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अपने पति का किसी औऱ लड़की से बात करना वो भी उस लड़की जो पहले से उसके पति के जीवन में अहम थी ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है एक पत्नी,क्योंकि जाहिर है उसे बुरा लगेगा क्योंकि वो सबकुछ समझती है.वो उसे सिर्फ औऱ सिर्फ एक सौतन के रूप में देखेगी.इससे आपकी शादीशुदा जिंदगी बहुत प्रभावित होगी और ये रिश्ता टूट भी सकता है.

कभी-कभी कुछ पति अपने दोस्तों को अपने घर में हद से ज्यादा जगह दे देते हैं औऱ रोक-टोक भी नहीं करते हैं.लेकिन जब उनकी पत्नी घर में हैं औऱ पति को बेहतर तरीके से ये बात पता है कि अब उसकी जिंदगी बदल चुकी है,उसकी पत्नी है वो शादीशुदा है,उसका अपनी एक छोटा सा परिवार है तो उसे भी खुद को बदलना होगा वो भले ही दिनभर अपने दोस्तों के साथ रहता होगा शादी से पहले लेकिन अब आप अकेले नहीं है औऱ आपकी पत्नी को आपके दोस्तों का ज्यादा करीब आना या उनका खुलापन बुरा लग सकता है लेकिन वो हर बात आपसे नहीं कहेगी क्योंकि उसे लगेगा कि उसके पति के दोस्त हैं तो उनको बुरा लगेगा. इसलिए ये बातें उसके पति को समझनी होगी उसे समझना होगा कि उसके दोस्त की लिमिट कहां तक है.

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आपकी पत्नी नई है आप उसके लिए नए हैं यदि वो अपना सबकुछ छोड़कर आपके भरोसे आपके साथ आई है तो आपको भी उसके लिए थोड़ा बदलना पड़ेगा और उसका साथ देना पड़ेगा.बहुत सी ऐसा बातें वो कह नहीं पाती है संकोच में तो ये भी आपको समझना होगा क्योंकि जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे आपका रिश्ता बेहतर नहीं बनेगा.क्योंकि रिश्ते को बिगाड़ना या बनाना उसे संवारना ये आपके हांथ में होता है और ये बातें सिर्फ पति पर ही नहीं बहुत से सिचुएशन में पत्नी पर भी लागू होती हैं.

Summer special: जलजीरा शिकंजी के फायदे सुनकर हैरान रह जायेंगे आप

दोस्तों गर्मियों का मौसम आ गया है. यह वह मौसम है जब आपका खाने का कम और पीने का ज्यादा मन करता है. दोस्तों इस मौसम के शुरू होते ही हर घरों में शिकंजी का सेवन कई गुना बढ़ जाता है . गर्मी से राहत पाने का healthy ऑप्शन है शिकंजी.

न्यूट्रिशनिस्ट एक्सपर्ट नेहा चांदना का कहना है इस नैचुरल ड्रिंक को पीने से न सिर्फ आपको एनर्जी मिलती है बल्कि और भी मिलते हैं फायदे. शिंकजी को आप दिन में कभी भी ले सकते हैं लेकिन डाइबिटीज़ के मरीज़ इसको बिना चीनीं के लें तो बेहतर होगा.

दोस्तों आपने शिकंजी तो बहुत पी होगी पर क्या कभी आपने जलजीरा शिकंजी का स्वाद चखा है .दोस्तों ये स्वादिष्ट होने के साथ साथ बहुत फायदेमंद भी होती है. इसके फायदे जानकार आप हैरान रह जायेंगे.

1-शिकंजी हमारे शरीर में पानी की कमी को पूरी करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है . शिकंजी बॉडी इम्युनिटी बढ़ाती है जिससे सर्दी ज़ुकाम और विभिन्न इंफेक्शन नहीं होते.
2- शिकंजी में पोटाशियम रहता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायता करता है. इसलिए अपने डायट में शिकंजी को शामिल करना न भूलें.
3- शिकंजी के नियमित सेवन से कैंसर जैसे घातक बीमारियों से भी बचा जा सकता है,ये डीएनए मे होने वाले परिवर्तन को रोकता है जिससे कैंसर होने का खतरा टल जाता है.

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4- हमारे शरीर में हर कोशिका को ऊर्जा की आवश्यकता होती है फिर चाहे वह हमारा मष्तिष्क हो या फेफड़े .शिकंजी हमारे मेटाबोलिज्म को बढ़ा देता है जिससे शरीर की कोशिकाओं में लंबे समय तक ऊर्जा का संचार होता रहता है और इनके कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है.
5- शिकंजी नियमित पीने से पेट में जलन ,खुलकर भूख न लगना ,पेटदर्द ,सीने में जलन की समस्या से छुटकारा मिलता है .
6-जलजीरा जहां पाचन और डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करता है वहीं इसके साथ ही साथ यह मोटापा भी घटाता है. जलजीरा एक लो कैलोरी ड्रिंक है. जो आपके शरीर को डिटॉक्स करने में भी मददगार है.
7-दोस्तों जलजीरा आपकी त्वचा के लिए भी काफी अच्छा होता है. असल में जलजीरा में आमचूर का इस्तेमाल होता है, जिसमें विटामिन सी काफी मात्रा में होता है.
8- जलजीरा पीने से कब्ज या पेट से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक दूर किया जा सकता है.

तो चलिए बनाते है जलजीरा शिकंजी .

हमें चाहिये (4 गिलास के लिए )-

नींबू -2
जलजीरा पाउडर -2 से 3 tespoon
पानी -4 गिलास
ice cubes-8 से 10 (ऑप्शनल)
चीनी -स्वादानुसार

बनाने का तरीका –

1-सबसे पहले चीनी को आधे गिलास पानी में अच्छे से घोल लें.जब चीनी पूरी घुल जाये तब उसको एक तरह रख दे.

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2-अब एक कटोरी में नीबू का रस निकाल कर उसमे जल जीरा पाउडर मिलाकर अच्छे से घोल लें.
3-अब एक बड़े बर्तन में पानी दाल कर उसमे चीनी का घोल और नीबू और जलजीरा का घोल मिलकर अच्छे से मिला दें.
4-अब उन्हें 4 अलग अलग गिलास में निकाल लें और ऊपर से ice cube डाल लें.
5-तैयार है स्वादिष्ट जलजीरा शिकंजी .

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